Purnea

Aug 18 2023, 16:43

8 वर्षीय मासूम की दफन शव को लगभग डेढ़ महीने बाद मजिस्ट्रेट की निगरानी में उखाड़ा, पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया पूर्णिया

एक 8 वर्षीय मासूम की डेढ़ महीने बाद अनुमंडल पदाधिकारी बनमनखी निदेश पर जानकीनगर पुलिस मजिस्ट्रेट की निगरानी में वीडियोग्राफी की निगरानी में शव को उखाड़ कर पोस्टमार्टम में पूर्णिया- सदर अस्पताल भेजा.मृतक के पिता बीरबल कुमार यादव पिता दीपनारायण यादव ग्राम जानकीनगर आजाद चौक वार्ड नंबर -03 पंचायत अभयराम चकला थाना जानकीनगर जिला पूर्णिया ने बताया कि पिछले 4 जुलाई अहले-सुबह में बजरंगबली मंदिर गया था.

मंदीर से वापस आने के बाद पता चला कि मेरा लड़का 8 वर्षीय मासूम पुत्र अभिषेक कुमार को अचानक पेट दर्द करने लगा.तभी उसको हम नजदीकी अस्पताल लेकर गया.वहां के चिकित्सकों ने अचानक इंजेक्शन दिया.तभी वह बेहोश हो गया.इसके बाद सूचना दिया कि आक्सीजन की जरूरत है

.तभी हम एम्बुलेंस को फोन किए.इसके बाद एम्बुलेंस भी आया.मेरे गैर मौजूदगी में मेरे ही परिवार के लोग एम्बुलेंस को भगा दिया.मेरे जानकारी के अनुसार पता चला कि मेरे बेटे को परिवार के सदस्य ही रोजाना बच्चे को स्कूल जाते वक्त खाने पीने कि चीज दी.जिसे खाते ही मेरे पेट में दर्द होना शुरू हो गया.रास्ते से वह घर चला आया.मेरे परिवार के सदस्यों से पहले से विवाद चल रहा है.

जिसके कारण जानकीनगर थाना में पहले भी आवेदन दिया था.तथा मुझे आये दिन जान से मारने की धमकी मिलता था.मेरे परिवार के सदस्यों द्वारा साजिश के तहत हत्या कर दिया है.मैने अपने पुत्र का पोस्टमार्टम कराने की कोशिश किया.परंतु सभी ने मिलकर मौत के दो घंटे के अदंर दफन कर दिया.तथा हमसे झगड़ा शुरू कर दिया. मृतक के पिता ने जानकीनगर थाना में लिखित आवेदन में जांच -पडताल कर पोस्टमार्टम कराकर उचित न्याय की गुहार लगायी है

.बुधवार की दोपहर में अनुमंडल पदाधिकारी बनमनखी के निर्देश मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अवर निरीक्षक अर्चना कुमारी एवं पुलिस बलों ने मासूम के दफन किए स्थल पर पहुंच कर पूरी तैयारी कर लिया है.तथा गुरूवार को दोपहर में मृतक के दफन शव को उखाड़ कर पोस्टमार्टम में पूर्णिया भेजा.इधर-दफन शव को निकालते समय सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी थी.

Purnea

Aug 18 2023, 14:45

12 दिन की शांति के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, गोलीबारी में तीन कुकी नागरिकों की मौत

#manipurviolencethreevillagevolunteers_killed

मणिपुर पिछले तीन महीने से ज्यादा समय से जल रहा है। राज्य में रूक रूककर हिंसा भड़क जा रही है। पिछले 12 दिनों से घाटी में शांति थी, लेकिन आज शुक्रवार की सुबह एक बार फिर हिंसा की खबर सामने आई है। मणिपुर के उखरुल जिले में शुक्रवार सुबह भड़की ताजा हिंसा के दौरान तीन कुकी लोगों की मौत हो गई।बताया जा रहा है कि सुबह करीब 4.30 गांव में उपद्रवियों ने गोलीबारी की जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई है। इस हमले के पीछे मैतेई समुदाय का हाथ बताया जा रह है। फिलहाल पुलिस गोलीबारी करने वालों की पहचान करने में जुटी है।

मणिपुर पुलिस ने बताया कि यह घटना उखरूल जिले से लगभग 47 किलोमीटर दूर स्थित थोवई गांव में सुबह करीब 4.30 बजे हुई, यह कुकी बहुल गांव है। उखरुल के पुलिस अधीक्षक एन वाशुम के मुताबिक, हथियारबंद उपद्रवियों का एक समूह गांव के पूर्व में स्थित पहाड़ियों से गांव के पास आया और ग्राम रक्षकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। घटना में गांव के 3 लोगों की मौत हो गई है। किसी के घायल होने की खबर नहीं है।

बताया जा रहा है कि मैतेई उपद्रवियों ने सबसे पहले गांव के ड्यूटी पोस्ट पर हमला किया, जहां स्वयंसेवक गांव की सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहे थे। इस गोलीबारी में कुकी स्वयंसेवकों के तीन लोगों के मारे जाने की खबर है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बचाया है कि जब पुलिस ने सर्च अभियान चलाया तब यहां जंगल के इलाके से 3 शव बरामद हुए हैं। मारे गए लोगों की पहचान जामखोगिन हाओकिप (26), थांगखोकाई हाओकिप (35) और होलेनसोन बाइते (24) के रूप में हुई है।चाकू से इनके शरीर पर निशान बनाए गए हैं, जबकि अंगों को भी काटा गया है।

राज्य में अब तक 190 लोगों की मौत

मैतइ और कुकी समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर शुरू हुई जातीय हिंसा ने धीरे-धीरे पूरे राज्य में हिंसा का स्वरूप ले लिया था, जिसके बाद कई जान चली गई। हिंसा की ताजा घटना के साथ, मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष में कम से कम 190 लोग मारे गए हैं। राज्य में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच व्यापक हिंसा देखी गई है। हिंसा भड़कने के बाद से लगभग 60,000 लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं। राज्य में बलात्कार और हत्या के मामले सामने आए हैं और केंद्रीय सुरक्षा बलों की भारी उपस्थिति के बावजूद भीड़ ने पुलिस शस्त्रागार लूट लिया और कई घरों में आग लगा दी।

हिंसा की वजह

बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है। इसकी वजह ये है कि मैतई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है लेकिन ये लोग राज्य के सिर्फ 10 प्रतिशत मैदानी इलाके में रहते हैं। वहीं कुकी और नगा समुदाय राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं जो की राज्य का करीब 90 फीसदी है। जमीन सुधार कानून के तहत मैतई समुदाय के लोग पहाड़ों पर जमीन नहीं खरीद सकते, जबकि कुकी और नगा समुदाय पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। यही वजह है, जिसकी वजह से हिंसा शुरू हुई और अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

Purnea

Aug 18 2023, 13:37

शोएब अख्तर का बड़ा बयान, कहा-भारत के पैसे से पलते हैं पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ी

#shoaib_akhtar_big_comment_on_bcci_revenue

पाकिस्तानी के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर रिटायरमेंट के बाद भी अपने बयानों के कारण सुर्खियों में बने रहते हैं। एक बार फिर पूर्व क्रिकेटर ने ऐसा बयान दिया है, जिससे विवाद गहरा सकता है। उन्होंने भारतीय खेल पत्रकार को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान क्रिकेट को लेकर बड़ी बात कही है। शोएब अख्तर ने कहा कि भारत के पैसों से पाकिस्तान के क्रिकेटर पलते हैं।अख्तर के इस बयान पर पाकिस्तान में काफी बवाल हो सकता है।

शोएब अख्तर ने वरिष्ठ खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार से खास बातचीत में बताया कि बीसीसीआई वर्ल्ड क्रिकेट में कितनी पावरफुल एसोसिएशन है।एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के मुकाबले को लेकर बोरिया मजूमदार से बातचीत के दौरान शोएब अख्तर ने इस बात को माना कि बीसीसीआई के जरिए जो पैसा आईसीसी के पास आता है और फिर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल रेवेन्यू शेयरिंग के तहत वो पैसा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भेजती है। उसी पैसे के दम पर ही पाकिस्तान में घरेलू क्रिकेटर्स को मैच फीस मिल पाती है।

शोएब अख्तर ने ये भी कहा कि वर्ल्ड कप 2023 सुपरहिट होने वाला है। अख्तर ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि बीसीसीआई इस वर्ल्ड कप से काफी पैसा कमाएगी। इससे बीसीसीआई की आर्थिक स्थिति और ज्यादा मजबूत हो जाएगी।साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मैं चाहता हूं कि भारत इस विश्व कप से खूब पैसे बनाए।कई लोग इस बात को कहने से हिचकेंगे।लेकिन मैं साफ कहता हूं कि भारत से जो रेवेन्यू आईसीसी को जाता है। उसका हिस्सा पाकिस्तान में भी आता है और इससे हमारे घरेलू क्रिकेटरों को मैच फीस मिलती है। यानी भारत से जो पैसा आ रहा है, उससे हमारे युवा क्रिकेटर पल रहे हैं।

शोएब अख्तर ने आईगे कहा कि भारत-पाकिस्तान मैच में एक बार फिर टीम इंडिया पर ही दबाव होगा। अख्तर ने कहा कि ये दबाव मीडिया की वजह से बनता है। लगातार टीम इंडिया की जीत के ही दावे किए जाते हैं। स्टेडियम भी बिल्कुल ब्लू कर दिए जाते हैं। इससे पाकिस्तान को मदद ही मिलती है क्योंकि वो अपने आप ही डार्कहॉर्स बन जाती है और इससे उसके खिलाड़ियों को खुलकर खेलने में मदद मिलती है।

Purnea

Aug 18 2023, 13:01

दिल्ली से पुणे जा रही फ्लाइट में बम होने की खबर, सभी यात्रियों को उतारा गया

#bomb_threat_on_delhi_pune_vistara_flight_at_delhi_airport

दिल्ली एयरपोर्ट पर दिल्ली-पुणे विस्तारा फ्लाइट में बम की धमकी मिली।जिसके बाद एयरपोर्ट पर ही फ्लाइट की जांच शुरू हो गई। सभी यात्रियों को उनके सामान सहित सुरक्षित उतारा गया।विमान में बम होने की जानकारी जीएमआर सेंटर को दी गई।

जानकारी के अनुसार जीएमआर कॉल सेंटर में शुक्रवार सुबह फ्लाइट में बम होने की कॉल मिली। काल मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं।सुरक्षा एजेसिंयों की तरफ से विमान की जांच की गई।बम रखे जाने की सूचना मिलते ही यात्रियों में हड़कंप मच गया।

एयरपोर्ट पर आइसोलेशन बे में विमान का निरीक्षण किया गया। विमान में कोई भी संदिग्ध सामान नहीं मिला है। सीआईएसएफ और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।

यह पहली बार नहीं है जब विस्तारा की फ्लाइट में बम होने की सूचना मिली है। जून महीने में दिल्ली से एक शख्स दुबई जा रहा था जब उसने कथित रूप सै गुस्से में कहा कि उनके बैग में बम है। बस क्या था, यात्री के बगल में बैठी एक महिला यात्री ने गलत सुन लिया और घबरा गई। उसने शोर मचाया और केबिन क्रू को बुलाया। शख्स को दिल्ली एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया गया था।

Purnea

Aug 18 2023, 11:04

साल दर साल तबाह हो रहा हिमाचल प्रदेश, केवल कुदरत का कहर या मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार?

#himachal_cause_of_disaster

पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही हो रही है।पिछले दो महीने से राज्य के किसी न किसी क्षेत्र में बादल फट जाने की घटना हो जाती है।बारिश के साथ-साथ बादल फटने की घटनाएं भयानक तबाही मचा रही हैं। इसके अलावा भूस्खलन से पहाड़ टूट रहे हैं, जिसके कारण मंडी, शिमला, कुल्लू और अन्य क्षेत्रों में हालात काफी बिगड़े हुए हैं।हिमाचल प्रदेश में इस हफ्ते हुई तबाही में अब तक कम से कम 70 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 7500 करोड़ का अभी तक नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

दस साल पहले 2013 में केदार नाथ हादसा हुआ था, जिससे पूरा गढ़वाल क्षेत्र चौपट हो गया था। उस समय चूंकि चार धाम यात्रा भी चल रही थी, इसलिए कोई दस हजार के करीब तीर्थ यात्री मारे गये थे।यही अब हिमाचल में हो रहा है। जुलाई में मंडी के आसपास का इलाका नष्ट हुआ था और अगस्त की बारिश ने राजधानी शिमला को ध्वस्त कर दिया।

इन हालात में तबाही के लिए पूरी तरह कुदरत को दोष देना सही नहीं है। कहीं न कही मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार है।हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में इस हफ्ते हुई तबाही के लिए अंधाधुंध निर्माण कार्य को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि बिना नक्शे के गलत तरीके से बन रहे मकान और प्रवासी वास्तुकारों के कारण प्रदेश को आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग बिना नक्शे का उपयोग किए घर बना रहे हैं। हाल ही में बनी इमारतों में जल निकासी की व्यवस्था बहुत खराब है। वो बिना यह जाने पानी बहा रहे हैं कि पानी कहीं और नहीं बल्कि पहाड़ियों में जा रहा है, जिससे यहां की स्थिति नाजुक हो रही है।राजधानी शिमला पर टिप्णणी करते हुए सीएम ने कहा, शिमला डेढ़ सदी से भी अधिक पुराना शहर है और इसकी जल निकासी व्यवस्था उत्कृष्ट थी। लेकिन अब नालों पर इमारतें बन गई हैं।आजकल जो मकान गिर रहे हैं, वो स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के मानकों से नहीं गुजरे हैं।

शिमला तो ब्रिटिश कालीन भारत की समर कैपिटल हुआ करती थी। गर्मियां शुरू होते ही वायसरॉय कलकत्ता से शिमला आ जाया करते। कालका एक्सप्रेस ट्रेन चलाई ही इसीलिए गई थी। हावड़ा से वाया दिल्ली कालका और फिर टॉय ट्रेन से शिमला।इतना करने के बाद भी ब्रिटिशर्स ने किसी भी पहाड़ी शहर का प्राकृतिक दोहन नहीं किया। क्योंकि उन्हें पता था, कि हिमालय के पहाड़ कच्चे हैं। उनका व्यावसायिक इस्तेमाल किया तो वे ढह जाएंगे। यही कारण है कि जब तक अंग्रेज रहे न यहां कभी बादल फटा न आफत की बारिश आई।

आजादी के बाद से भारत की हर चीजों को लूटने का सिलसिला शुरू हुआ। तो वहीं विकास के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ का भी सिलसिला शुरू हो गया। आज हिमाचल की स्थिति बहुत ख़राब हो चली है। कालका-शिमला रोड को चौड़ा करने के पहले भी कई बार आगाह किया गया था, कि यहां पहाड़ों का खनन ठीक नहीं है। पर तब सरकार नहीं चेती। कालका से शिमला जाते हुए धर्मपुर को इतना व्यावसायिक स्वरूप दे दिया गया है, कि पूरा क्षेत्र बर्बादी के कगार पर है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के एक 2017 में हुए एक शोध से पता चला था कि हिमाचल प्रदेश में कुल 118 हाइड्रो प्रोजेक्ट हैं जिनमें से 67 पहाड़ खिसकने वाले ज़ोन में हैं। राज्य के आदिवासी बहुल ज़िले किन्नौर, कुल्ली और कई अलग हिस्सों में जब हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाये जा रहे थे तब पर्यावरणविदों और प्रभावित स्थानीय नागरिकों ने उनका विरोध भी किया था और कई जन अभियान भी चले थे। हिमालय के पहाड़ अभी छोटे बच्चे की तरह हैं, जो निरंतर बढ़ रहे हैं। माउंट एवरेस्ट की हाइट भी हर साल एक सेंटीमीटर से ज्यादा बढ़ रही है। ऐसे हिमालय में अवैज्ञानिक व अंधाधुंध कटिंग तबाही का बड़ा कारण है।

Purnea

Aug 17 2023, 19:44

दिल्ली से पटना पहुंचे सीएम नीतीश कुमार, बीजेपी और प्रशांत किशोर के बयान का दिया यह जवाब

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे के बाद आज गुरुवार को पटना वापस आ गए। पटना पहुंचकर सीएम ने कहा कि, हम तो दिल्ली अपने निजी कामों को लेकर गए थे। कल डॉक्टर से बात भी हुई थी, चेकअप भी करना था। दो साल पहले जांच हुआ था। फिर करवाना था। इसी के लिए गए थे। 

वहीं सीएम ने कहा कि, कल अटल जी का जंयती भी था। तो वह सदैव अटल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दिए। नीतीश कुमार ने कहा कि अटल जी से पुराना संबंध रहा है मेरा। बहुत मानते थे हमको। इतना अच्छा काम करते थे,कभी वो रिश्ता हम नही भूल सकते ।

नीतीश कुमार ने कहा कि, अटल जी के समय में ही भाजपा का नामकरण हुआ। एनडीए नाम रखा गया। कितना अच्छा नाम हैं। 1999 में एनडीए का नामकरण हुआ। तब बहुत मिटिंग होता था। लेकिन जब हम साथ थे तो कभी मिटिंग नही हुआ। लेकिन अब जब I.N.D.I.A की बैठक हो रही है तो एनडीए का मीटिंग होने लगा है। इसी महीने 31, 1 को हमारी फिर मिटिंग होने ही वाली है। 

वहीं भाजपा के बयान सीएम दिल्ली I.N.D.I.A गठबंधन के लोगों से मिलने गए थे लेकिन उन्हें किसी ने टाइम नहीं दिया। जिससे वह वापस आ गए। इसपर सीएम ने कहा कि, किसी से मुलाकात का कोई प्लान नहीं था। वो लोग ऐसे ही बोल रहा है,कोई मतलब ही नहीं है। हमारी बातचीत तो होते ही रहती है।इसी महीने मीटिंग होने ही वाली है। कई विरोधी दल का गठबंधन हुआ तब से ये लोग परेशान है, और कुछ भी बोल रहे हैं। दिल्ली में किसी से बातचीत का कोई प्लान नहीं था,मेरा खुद का समस्या था आंख दिखाना था।

वहीं प्रशांत किशोर और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के बयान पर सीएम बोले की वो क्या बोलता है नही पता आप लोग जनता से पूछिए। संजय जयसवाल के बयान पर सीएम ने कहा कि, यहां कोई अपराधिक घटना नहीं हो रहा है। अपराधिक घटनाएं बहुत कम है। बिना मतलब का सब बोलते रहता है। मीडिया पर सब कब्जा कर लिया है। 2024 वाली लड़ाई देश के हित में होगा।

Purnea

Aug 17 2023, 14:19

इसरो की बड़ी कामयाबी, चंद्रयान 3 से अलग होकर चांद की ओर निकला लैंडर विक्रम, 23 अगस्त को करेगा लैंड

#chandrayaan3propulsionlandermodule_separation

इसरो को बड़ी सफलता हासिल हुई है। चंद्रयान-3 ने लैंडिंग से पहले अपने अहम पड़ाव को पार कर लिया है।मिशन को आगे बढ़ाते हुए प्रोपल्शन मॉड्यूल से विक्रम लैंडर अलग हो गया है। इसके बाद अब लैंडर चांद तक अकेले ही सफ़र करेगा, जहां वह 23 अगस्त को दक्षिणी हिस्से पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा।ये 23 अगस्त को शाम 5.25 बजे लैंड करेगा। अगर यह लैंडिंग सफल हो जाती है तो भारत चांद के दक्षिणी हिस्से पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा। साथ ही अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग हासिल करने वाला केवल चौथा देश होगा।

प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने के बाद अब लैंडर चांद की कक्षा में पहुंच गया है। यहां वह 23 अगस्त तक चक्कर लगाएगा। इस दौरान इसकी स्पीड को कम कर दिया जाएगा। इसके बाद उसे चांद की सतह पर लैंड कराया जाएगा। इस दौरान प्रोपल्शन मॉड्यूल रिले सैटेलाइट के रूप में परिवर्तित हो जाएगा। यह चांद की कक्षा के बाहर ही रहेगा और यही चक्कर लगाएगा। 

लैंडिंग के आखिरी 15 मिनट काफी अहम

अभी जो प्रक्रियाएं हो रही हैं या होने वाली हैं ये चंद्रयान-2 के समय भी सफलतापूर्वक की गई थीं। उस समय भी लैंडर अलग होकर चांद की तरफ बढ़ा था लेकिन 2.1 किमी की दूरी बाकी थी तब स्पीड नियंत्रित नहीं हो पाई और क्रैश लैंडिंग हो गई थी। जब लैंडिंग के आखिरी 15 मिनट होंगे तो खौफ का समय होगा।दरअसल, जब यान चांद के 100x100 ऑर्बिट में होगा तो लैंडर प्रॉपल्शन मॉड्यूल से अलग हो जाता है। अगला पड़ाव तब आएगा जब लैंडर चांद से 30 किमी की दूरी पर पहुंचेगा। वहां से उसके चांद की सतह पर नीचे उतरने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस दौरान उसकी स्पीड कम करने की कोशिश की जाएगी। जब स्पीड हो जाएगी, उसके बाद धीरे-धीरे लैंडर को चांद की ओर भेजा जाएगा और सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू होगी।

चंद्रयान3 के धरती से चांद तक पहुंचने के अहम चरण

14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से रवाना होने के बाद चंद्रयान-3 ने तीन हफ्तों में कई चरणों को पार किया। पांच अगस्त को पहली बार चांद की कक्षा में दाखिल हुआ था। इसके बाद 6, 9 और 14 अगस्त को चंद्रयान-3 ने अलग-अलग चरण में प्रवेश किया।चंद्रयान3 के धरती से चांद तक पहुंचने के अहम चरणः-

-14 जुलाई 2023: इसरो ने श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया. इसी दिन एलवीएम3 एम4 ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चांद की यात्रा को शुरू करवाया।

-25 जुलाई 2023: लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान-3 ने 4 अलग-अलग मैन्युवर पूरे किए और पृथ्वी की कक्षा को पीछे छोड़ा. इस दौरान चंद्रयान-3 को बड़े-बड़े धक्के दिए गए और उसे पृथ्वी की कक्षा से बाहर की ओर धकेला गया।

-1 अगस्त 2023: ये तारीख काफी अहम थी, क्योंकि इस दिन चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर हुआ और चांद की कक्षा की ओर बढ़ा. यहां चंद्रयान-3 की दूरी 288*369328 किमी. थी।

-5 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 ने यहां चांद की कक्षा में प्रवेश किया, ये पूरी तरह सफलता पूर्वक हुआ और चांद की कक्षा में अलग-अलग चरणों की शुरुआत हुई।

-9 अगस्त 2023: यहां से अलग-अलग मैन्युवर को परफॉर्म किया गया, यानी चरण दर चरण चंद्रयान-3 को चांद के करीब धकेलने और उसका वजन कम करने का काम किया गया।

-16 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 ने अपना आखिरी मैन्युवर पूरा किया. अलग-अलग प्रक्रियाओं के बाद यह सबसे अंतिम मैन्युवर था, जिसके बाद अब पूरी कोशिश सफल लैंडिंग कराने की होगी।

-17 अगस्त 2023: लैंडिंग से जुड़ी अहम प्रक्रिया यहां शुरू होगी, प्रणोदन और लैंडर मॉड्यूल यहां से अलग-अलग होगा. लैंडर यहां से चांद की ओर बढ़ेगा और फिर सॉफ्ट लैंडिंग के अलग-अलग चरण पूरे होंगे।

Purnea

Aug 17 2023, 12:14

चीन ने अमेरिका को दिखाई आंख, ताइवान मुद्दे पर आग से ना खेलने के लिए किया आगाह

#chinaagainthreatensusontaiwansaysdonotplaywith_fire

ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तल्खियां लगातार बढ़ती जा रही है। हाल ही में ताइवान के उपराष्ट्रपति विलियम लाई ने अमेरिका का दौरा किया था। इसे लेकर चीन नाराज है और वह लगातार अमेरिका के खिलाफ बयानबाजी कर रहा है।अब चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए अमेरिका को आगाह किया है।चीन के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर चेतावनी देते हुए कहा कि ताइवान को लेकर आप आग से खेल रहे हैं।

ताइवान आंतरिक मामला, बाहरी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं- ली शांगफू

चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू ने रूस की धरती से अमेरिका और ताइवान को चेतावनी दी गई है।दरअसल, ली शांगफू ने रूस के मॉस्को में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन में कहा कि ताइवान का इस्तेमाल करके चीन को काबू करने की कोई भी कोशिश विफल होगी। ली शांगफू ने ये भी कहा कि ताइवान का चीन की मुख्य भूमि से मिलना अपरिहार्य है और इसे टाला नहीं जा सकता। चीनी रक्षा मंत्री ने कहा कि ताइवान चीन का आंतरिक मामला है और इसमें कोई भी बाहरी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं है।

चीन को काबू करने की कोशिश असफल होगी- ली शांगफू

ली शांगफू ने अपने बयान में कहा कि 'ताइवान को लेकर आग से खेलना और ताइवान की मदद से चीन को काबू करने की कोई भी कोशिश निसंदेह असफल होगी।

बता दें कि चीन ताइवान को अपने देश का हिस्‍सा बताता रहा है। वहीं, ताइवान का मानना है कि वो एक आजाद मुल्‍क है। इस मुद्दे पर चीन पहले भी कई मौकों पर तल्‍ख तेवर दिखाता रहा है।2022 अगस्त में अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर भी दोनों देशों के बीच तनाव का पारा और चढ़ गया था।

Purnea

Aug 17 2023, 12:12

गुलाम नबी आजाद का बड़ा बयान, कहा-हिंदू धर्म इस्लाम से पुराना, सभी मुसलमान पहले हिंदू ही थे

#ghulamnabiazadvideoviralonsocial_media

वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में उन्होंने इस्लाम और कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है।इस वीडियो में गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर के लोगों से कह रहे हैं कि हिंदू धर्म इस्लाम से पुराना है और सभी मुसलमान पहले हिंदू ही थे।

कश्मीर के सभी लोग हिंदू धर्म से कन्वर्टेड-आजाद

ये वीडियो जम्मू कश्मीर के डोडा में एक पब्लिक मीटिंग का है। गुलाम नबी आजाद 9 अगस्त को यहां भाषण देने पहुंचे थे। इस दौरान गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि कश्मीर के सभी लोग हिंदू धर्म से कन्वर्ट होकर मुस्लिम बने हैं। आजाद ने कहा कि बाहर से चंद लोग ही आए होंगे, बाकी सब हिंदू ही हैं। खासकर कश्मीर के मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर में तो आज से 600 साल पहले कोई मुसलमान नहीं था। यहां केवल कश्मीरी पंडित थे, सब कन्वर्ट होकर मुसलमान बन गए। गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि हम बाहर से नहीं आए हैं, हम इसी मिट्टी की पैदावार हैं हमें इसी मिट्टी में खत्म होना है।

भारत के मुसलमान मूल रूप से हिंदू थे-आजाद

वीडियो में आजाद यह कहते हुए नजर आ रहे हैं, इस्लाम का जन्म 1500 साल पहले हुआ। भारत में कोई भी बाहरी नहीं है। हम सभी इस देश के हैं। भारत के मुसलमान मूल रूप से हिंदू थे। जो बाद में कनवर्ट हो गए।वीडियो में आजाद कहते हैं, हमने हिंदू-मुसलमान मिल के राज्य को ब्राह्मण, दलित, कश्मीरी को जब मिल के सबने इस घर को बनाना है, ये हमारा घर है, यहां कोई बाहर से नहीं आया। यही इसी मिट्टी की पैदावार, इसी मिट्टी में खत्म होना है। 

भाईचारा, शांति और एकता बनाए रखने का आग्रह

इस दौरान आजाद ने लोगों से भाईचारा, शांति और एकता बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा, ‘धर्म को राजनीति के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। लोगों को धर्म के नाम पर वोट नहीं देना चाहिए।

पिछले साल बनाई थी नई पार्टी

बता दें कि गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में गिने जाते थे। वह लंबे समय तक कांग्रेस में बड़े ओहदों पर रहे। केंद्र सरकार में मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाली। गुलाम नबी जम्मू-कश्मीर के सीएम और राज्यसभा सांसद भी रहे। गुलाम नबी के राज्यसभा से रिटायर होते वक्त उनकी तारीफ करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी भावुक तक हो गए थे। पिछले साल अगस्त में उन्होंने कांग्रेस छोड़ अपनी डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी बना ली थी।

Purnea

Aug 17 2023, 10:20

चांद पर कदम रखने से बस एक कदम दूर है चंद्रयान 3, आज अलग होंगे लैंडर-प्रोपल्शन मॉड्यूल

#chandrayaan3settopropulsionandlandermoduleseparation

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मिसन मून यानी चंद्रयान-3 पर पूरे देश की ही नहीं दुनियाभर की निगाहें लगी हुई हैं। चंद्रयान 3 अब अपनी अंतिम छलांग लगाने को तैयार है। 17 अगस्त यानी आज से इसकी लैंडिंग से जुड़ी प्रक्रिया शुरू होगी।आज एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन को अंजाम दिया जाएगा। जी हां, अपने चंद्रयान-3 से प्रॉपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग होगा। वे आगे की यात्रा अलग-अलग करेंगे। प्रॉपल्शन मॉड्यूल चांद की कक्षा में रहेगा। आगे अपना लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव इलाके में सॉफ्ट लैंडिंग के लिए कदम बढ़ाएगा।

इंजन फेल होने पर भी होगी लैंडिंग

इसरो द्वारा कहा गया है कि आज यानी 17 अगस्त को लैंडिंग माड्यूल, जिसमें लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान शामिल हैं, प्रोपल्शन माड्यूल से अलग हो जाएंगे। इसके बाद लैंडर-रोवर की गति घटाने का प्रयास किया जाएगा। 23 अगस्त को यान के लैंडर की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी।इसरो प्रमुख एस सोमनाथ का कहना है कि चंद्र मिशन चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। अगर इसका इंजन फेल भी हो जाता है तो ऐसी स्थिति में भी चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग होगी

23 अगस्त को आएगी खुशखबरी

लैंडर के प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने और 100 किमी x 30 किमी की कक्षा में प्रवेश करने के बाद सॉफ्ट लैंडिंग प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लगभग 30 किमी की ऊंचाई पर लैंडर चंद्रमा की सतह तक नीचे जाने के लिए अपने थ्रस्टर्स का उपयोग करेगा। सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए इस नाजुक ऑपरेशन के लिए सटीक नियंत्रण और नेविगेशन की आवश्यकता होती है। 23 अगस्त को निर्धारित सॉफ्ट लैंडिंग का उद्देश्य लैंडर और रोवर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्थापित करना है।

14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से रवाना होने के बाद चंद्रयान-3 ने तीन हफ्तों में कई चरणों को पार किया। पांच अगस्त को पहली बार चांद की कक्षा में दाखिल हुआ था। इसके बाद 6, 9 और 14 अगस्त को चंद्रयान-3 ने अलग-अलग चरण में प्रवेश किया।चंद्रयान3 के धरती से चांद तक पहुंचने के अहम चरणः-

-14 जुलाई 2023: इसरो ने श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया. इसी दिन एलवीएम3 एम4 ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चांद की यात्रा को शुरू करवाया।

-25 जुलाई 2023: लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान-3 ने 4 अलग-अलग मैन्युवर पूरे किए और पृथ्वी की कक्षा को पीछे छोड़ा. इस दौरान चंद्रयान-3 को बड़े-बड़े धक्के दिए गए और उसे पृथ्वी की कक्षा से बाहर की ओर धकेला गया।

-1 अगस्त 2023: ये तारीख काफी अहम थी, क्योंकि इस दिन चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर हुआ और चांद की कक्षा की ओर बढ़ा. यहां चंद्रयान-3 की दूरी 288*369328 किमी. थी।

-5 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 ने यहां चांद की कक्षा में प्रवेश किया, ये पूरी तरह सफलता पूर्वक हुआ और चांद की कक्षा में अलग-अलग चरणों की शुरुआत हुई।

-9 अगस्त 2023: यहां से अलग-अलग मैन्युवर को परफॉर्म किया गया, यानी चरण दर चरण चंद्रयान-3 को चांद के करीब धकेलने और उसका वजन कम करने का काम किया गया।

-16 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 ने अपना आखिरी मैन्युवर पूरा किया. अलग-अलग प्रक्रियाओं के बाद यह सबसे अंतिम मैन्युवर था, जिसके बाद अब पूरी कोशिश सफल लैंडिंग कराने की होगी।

-17 अगस्त 2023: लैंडिंग से जुड़ी अहम प्रक्रिया यहां शुरू होगी, प्रणोदन और लैंडर मॉड्यूल यहां से अलग-अलग होगा. लैंडर यहां से चांद की ओर बढ़ेगा और फिर सॉफ्ट लैंडिंग के अलग-अलग चरण पूरे होंगे।