शोएब अख्तर का बड़ा बयान, कहा-भारत के पैसे से पलते हैं पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ी

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पाकिस्तानी के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर रिटायरमेंट के बाद भी अपने बयानों के कारण सुर्खियों में बने रहते हैं। एक बार फिर पूर्व क्रिकेटर ने ऐसा बयान दिया है, जिससे विवाद गहरा सकता है। उन्होंने भारतीय खेल पत्रकार को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान क्रिकेट को लेकर बड़ी बात कही है। शोएब अख्तर ने कहा कि भारत के पैसों से पाकिस्तान के क्रिकेटर पलते हैं।अख्तर के इस बयान पर पाकिस्तान में काफी बवाल हो सकता है।

शोएब अख्तर ने वरिष्ठ खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार से खास बातचीत में बताया कि बीसीसीआई वर्ल्ड क्रिकेट में कितनी पावरफुल एसोसिएशन है।एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के मुकाबले को लेकर बोरिया मजूमदार से बातचीत के दौरान शोएब अख्तर ने इस बात को माना कि बीसीसीआई के जरिए जो पैसा आईसीसी के पास आता है और फिर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल रेवेन्यू शेयरिंग के तहत वो पैसा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भेजती है। उसी पैसे के दम पर ही पाकिस्तान में घरेलू क्रिकेटर्स को मैच फीस मिल पाती है।

शोएब अख्तर ने ये भी कहा कि वर्ल्ड कप 2023 सुपरहिट होने वाला है। अख्तर ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि बीसीसीआई इस वर्ल्ड कप से काफी पैसा कमाएगी। इससे बीसीसीआई की आर्थिक स्थिति और ज्यादा मजबूत हो जाएगी।साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मैं चाहता हूं कि भारत इस विश्व कप से खूब पैसे बनाए।कई लोग इस बात को कहने से हिचकेंगे।लेकिन मैं साफ कहता हूं कि भारत से जो रेवेन्यू आईसीसी को जाता है। उसका हिस्सा पाकिस्तान में भी आता है और इससे हमारे घरेलू क्रिकेटरों को मैच फीस मिलती है। यानी भारत से जो पैसा आ रहा है, उससे हमारे युवा क्रिकेटर पल रहे हैं।

शोएब अख्तर ने आईगे कहा कि भारत-पाकिस्तान मैच में एक बार फिर टीम इंडिया पर ही दबाव होगा। अख्तर ने कहा कि ये दबाव मीडिया की वजह से बनता है। लगातार टीम इंडिया की जीत के ही दावे किए जाते हैं। स्टेडियम भी बिल्कुल ब्लू कर दिए जाते हैं। इससे पाकिस्तान को मदद ही मिलती है क्योंकि वो अपने आप ही डार्कहॉर्स बन जाती है और इससे उसके खिलाड़ियों को खुलकर खेलने में मदद मिलती है।

कब्रिस्तान की घेराबंदी में बरती जा रही घोर अनियमितता, ग्रामीणों में आक्रोश

औरंगाबाद : कब्रिस्तान की घेराबंदी में घोर अनियमितता बरते जाने का मामला प्रकाश में आया है। जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। 

जिले के कुटुंबा प्रखंड क्षेत्र के पूर्वी भाग में बसा लक्षण बीघा गांव में कब्रिस्तान की घेराबंदी ठेकेदारों द्वारा कराई गईं है। आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि घेराबंदी में ठेकेदार द्वारा घोर अनियमितता बरती गई है। इसकी शिकायत ठेकेदारों से किया गया, लेकिन ठेकेदारों द्वारा उन्हें डरा धमका कर किसी तरह से जुनियर इंजीनियर के मिली भगत से कार्य को पूरा कर लिया गया। 

ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर ईंट घटिया किसिम का इस्तेमाल किया गया। शरिया में भी जहां पर 12 एमएम के लगाना चाहिए वहां पर 8 एमएम का यूज़ किया गया है। जबकि पाइलिंग का गड्डा नियमानुसार 5 फीट होना चाहिए। उसमें डेढ़ फीट कटौती कर ली गई है, और इस तरह से कार्य को पूरा किया गया।  

हालांकि इसकी शिकायत ग्रामीणों ने औरंगाबाद अनुमंडल पदाधिकारी को भी आवेदन देकर इंसाफ की गुहार लगाई है। 

 इस मौके पर मों अजीज अंसारी, अबुल हसन अंसारी, मंसूर अंसारी, मों जाह्नगीर आलम, मों क़ासिम , मों जैसीम, मों अल्ताफ हुसैन,नश्रुदिन अंसारी, नेहाल अंसारी, शेरमोहामद अंसारी, परवेज आलम आदि दर्जनों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे और इसका वरोध किया। 

ग्रामीणों की मांग है कि इस पर पदाधिकारियों द्वारा उचित जाँच कराई जाए।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

दिल्ली से पुणे जा रही फ्लाइट में बम होने की खबर, सभी यात्रियों को उतारा गया

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दिल्ली एयरपोर्ट पर दिल्ली-पुणे विस्तारा फ्लाइट में बम की धमकी मिली।जिसके बाद एयरपोर्ट पर ही फ्लाइट की जांच शुरू हो गई। सभी यात्रियों को उनके सामान सहित सुरक्षित उतारा गया।विमान में बम होने की जानकारी जीएमआर सेंटर को दी गई।

जानकारी के अनुसार जीएमआर कॉल सेंटर में शुक्रवार सुबह फ्लाइट में बम होने की कॉल मिली। काल मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं।सुरक्षा एजेसिंयों की तरफ से विमान की जांच की गई।बम रखे जाने की सूचना मिलते ही यात्रियों में हड़कंप मच गया।

एयरपोर्ट पर आइसोलेशन बे में विमान का निरीक्षण किया गया। विमान में कोई भी संदिग्ध सामान नहीं मिला है। सीआईएसएफ और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।

यह पहली बार नहीं है जब विस्तारा की फ्लाइट में बम होने की सूचना मिली है। जून महीने में दिल्ली से एक शख्स दुबई जा रहा था जब उसने कथित रूप सै गुस्से में कहा कि उनके बैग में बम है। बस क्या था, यात्री के बगल में बैठी एक महिला यात्री ने गलत सुन लिया और घबरा गई। उसने शोर मचाया और केबिन क्रू को बुलाया। शख्स को दिल्ली एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया गया था।

हिंदू से मुसलमान में कन्वर्ट होने वाले गुलाम नबी के बयान पर महबूबा मुफ्ती ने कसा तंज, कहा-कहीं उनके पूर्वज बंदर न निकल जाएं

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कांग्रेस पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के मुखिया गुलाम नबी आजाद के बयान पर घमासाम छिड़ता दिख रहा है।दरअसल, गुलाम नबी आज़ाद ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि सभी भारतीय मुसलमान हिंदू धर्म से कन्वर्ट हुए हैं।आजाद के इस बयान पर जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने तंज कसा है। मुफ्ती ने कहा है कि अगर गुलाम नबी आजाद थोड़ा और पीछे जाएं तो कहीं ऐसा न हो कि उनके पूर्वज बंदर निकल जाएं।

गुलाम नबीं आजाद के बयान पर तंज कसते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, मुझे नहीं पता कि वह कितना पीछे चले गए और उन्हें अपने पूर्वजों के बारे में क्या ज्ञान है। मैं उनसे बहुत पीछे जाने की सलाह दूंगी और हो सकता है कि उसे वहां पूर्वजों में कुछ बंदर मिल जाएं।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डोडा जिले में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान आजाद ने कहा, कुछ बीजेपी नेता ने कहा कि कुछ मुसलमान बाहर से आए हैं और कुछ नहीं। कोई भी बाहर या अंदर से नहीं आया है। इस्लाम सिर्फ 1,500 साल पहले वजूद में आया था। हिंदू धर्म बहुत पुराना है। उनमें से लगभग 10-20 मुसलमान हैं। कुछ बाहर से आए होंगे लेकिन कुछ मुगल सेना में थे।उन्होंने कहा, भारत में अन्य सभी मुसलमानों ने हिंदू धर्म छोड़ दिया। इसका एक उदाहरण कश्मीर में पाया जा सकता है। 600 साल पहले कश्मीर में मुसलमान कौन थे? सभी कश्मीरी पंडित थे।उन्होंने इस्लाम अपना लिया। सभी इसी धर्म में पैदा हुए हैं।उन्होंने कहा कि यह हमारा घर है। हम बाहर से नहीं आये हैं।हम इसी मिट्टी पर पैदा हुए हैं और इसी में फना हो जाएंगे।

अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी, कहा-हमें ये देखना है संविधान का उल्लंघन तो नहीं हुआ*

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जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटाने को लेकर शीर्ष अदालत में बहस जारी है।आर्टिकल 370 को बेअसर करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।गुरुवार को सुनवाई के सातवें दिन के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने को सिर्फ इस आधार पर चुनौती दी जा सकती है कि इसमें संवैधानिक प्रावधानों का कथित तौर पर उल्लंघन हुआ है। इस आधार पर नहीं कि इस कदम को उठाने के लिए सरकार की मंशा क्या थी। अगली सुनवाई अब 22 अगस्त मंगलवार को होगी।

सुनवाई के दौरान सीजआई के नेतृत्व में बनी संविधान पीठ ने गुरुवार को याचिकाकर्ताओं में से एक का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे से पूछा, क्या आप अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के सरकार के फैसले की समझदारी की समीक्षा करने के लिए अदालत को आमांत्रित कर रहे हैं? आप कह रहे हैं कि सरकार के फैसले के आधार का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए कि अनुच्छेद 370 को जारी रखना राष्ट्रीय हित में नहीं था? इस पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बी आर गवई और सूर्यकांत शामिल हैं।

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के विरोध में दलील पेश करते हुए एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कहा कि वो संविधान के साथ धोखाधड़ी की तरफ इशारा कर रहे हैं। केंद्र सरकार का फैसला पूरी तरह सियासी था। उन्होंने कहा कि अगर आप पूरे घटनाक्रम को देखें तो फैसले से पहले जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग कर दी गई थी और संसद के पास शक्ति के साथ राष्ट्रपति को भी अनुच्छेद 356 के तहत शक्ति हासिल थी। उन्होंने अनुच्छेद 370 के उपखंड तीन का हवाला देते हुए कहा कि इस आधार पर अनुच्छेद 370 को हटाया ही नहीं जा सकता था। केंद्र सरकार ने संविधान के साथ धोखाधड़ी की थी।

सुनवाई के दौरान दवे ने ये भी दलील दी कि आर्टिकल 370 को सिर्फ संविधान में संशोधन के जरिए ही खत्म किया जा सकता था। उन्होंने कहा, एक नैरेटिव है कि आर्टिकल 370 की वजह से ही जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं है, लेकिन ये पूरी तरह गलत है। जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है। यहां तक कि जवाहर लाल नेहरू ने भी इस नैरेटिव को खारिज किया।

इस पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राष्ट्रपति को आर्टिकल 356 के तहत संविधान के कुछ प्रावधानों को निलंबित करने की शक्ति है। बेंच ने कहा कि जनवरी 1957 में जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा भंग होने के बाद अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के प्रावधान को अकेले अस्तित्वहीन नहीं माना जा सकता है। आर्टिकल 370 के कुछ हिस्से अगले 62 सालों तक प्रभाव में रहे।

साल दर साल तबाह हो रहा हिमाचल प्रदेश, केवल कुदरत का कहर या मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार?

#himachal_cause_of_disaster

पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही हो रही है।पिछले दो महीने से राज्य के किसी न किसी क्षेत्र में बादल फट जाने की घटना हो जाती है।बारिश के साथ-साथ बादल फटने की घटनाएं भयानक तबाही मचा रही हैं। इसके अलावा भूस्खलन से पहाड़ टूट रहे हैं, जिसके कारण मंडी, शिमला, कुल्लू और अन्य क्षेत्रों में हालात काफी बिगड़े हुए हैं।हिमाचल प्रदेश में इस हफ्ते हुई तबाही में अब तक कम से कम 70 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 7500 करोड़ का अभी तक नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

दस साल पहले 2013 में केदार नाथ हादसा हुआ था, जिससे पूरा गढ़वाल क्षेत्र चौपट हो गया था। उस समय चूंकि चार धाम यात्रा भी चल रही थी, इसलिए कोई दस हजार के करीब तीर्थ यात्री मारे गये थे।यही अब हिमाचल में हो रहा है। जुलाई में मंडी के आसपास का इलाका नष्ट हुआ था और अगस्त की बारिश ने राजधानी शिमला को ध्वस्त कर दिया।

इन हालात में तबाही के लिए पूरी तरह कुदरत को दोष देना सही नहीं है। कहीं न कही मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार है।हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में इस हफ्ते हुई तबाही के लिए अंधाधुंध निर्माण कार्य को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि बिना नक्शे के गलत तरीके से बन रहे मकान और प्रवासी वास्तुकारों के कारण प्रदेश को आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग बिना नक्शे का उपयोग किए घर बना रहे हैं। हाल ही में बनी इमारतों में जल निकासी की व्यवस्था बहुत खराब है। वो बिना यह जाने पानी बहा रहे हैं कि पानी कहीं और नहीं बल्कि पहाड़ियों में जा रहा है, जिससे यहां की स्थिति नाजुक हो रही है।राजधानी शिमला पर टिप्णणी करते हुए सीएम ने कहा, शिमला डेढ़ सदी से भी अधिक पुराना शहर है और इसकी जल निकासी व्यवस्था उत्कृष्ट थी। लेकिन अब नालों पर इमारतें बन गई हैं।आजकल जो मकान गिर रहे हैं, वो स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के मानकों से नहीं गुजरे हैं।

शिमला तो ब्रिटिश कालीन भारत की समर कैपिटल हुआ करती थी। गर्मियां शुरू होते ही वायसरॉय कलकत्ता से शिमला आ जाया करते। कालका एक्सप्रेस ट्रेन चलाई ही इसीलिए गई थी। हावड़ा से वाया दिल्ली कालका और फिर टॉय ट्रेन से शिमला।इतना करने के बाद भी ब्रिटिशर्स ने किसी भी पहाड़ी शहर का प्राकृतिक दोहन नहीं किया। क्योंकि उन्हें पता था, कि हिमालय के पहाड़ कच्चे हैं। उनका व्यावसायिक इस्तेमाल किया तो वे ढह जाएंगे। यही कारण है कि जब तक अंग्रेज रहे न यहां कभी बादल फटा न आफत की बारिश आई।

आजादी के बाद से भारत की हर चीजों को लूटने का सिलसिला शुरू हुआ। तो वहीं विकास के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ का भी सिलसिला शुरू हो गया। आज हिमाचल की स्थिति बहुत ख़राब हो चली है। कालका-शिमला रोड को चौड़ा करने के पहले भी कई बार आगाह किया गया था, कि यहां पहाड़ों का खनन ठीक नहीं है। पर तब सरकार नहीं चेती। कालका से शिमला जाते हुए धर्मपुर को इतना व्यावसायिक स्वरूप दे दिया गया है, कि पूरा क्षेत्र बर्बादी के कगार पर है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के एक 2017 में हुए एक शोध से पता चला था कि हिमाचल प्रदेश में कुल 118 हाइड्रो प्रोजेक्ट हैं जिनमें से 67 पहाड़ खिसकने वाले ज़ोन में हैं। राज्य के आदिवासी बहुल ज़िले किन्नौर, कुल्ली और कई अलग हिस्सों में जब हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाये जा रहे थे तब पर्यावरणविदों और प्रभावित स्थानीय नागरिकों ने उनका विरोध भी किया था और कई जन अभियान भी चले थे। हिमालय के पहाड़ अभी छोटे बच्चे की तरह हैं, जो निरंतर बढ़ रहे हैं। माउंट एवरेस्ट की हाइट भी हर साल एक सेंटीमीटर से ज्यादा बढ़ रही है। ऐसे हिमालय में अवैज्ञानिक व अंधाधुंध कटिंग तबाही का बड़ा कारण है।

मौसम अलर्ट : प्रदेश के पांच जिलों में हो सकती है भारी, राजधानी पटना समेत इन जिलों में मध्यम बारिश की संभावना

डेस्क : प्रदेश के पांच जिलों में शुक्रवार को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वहीं पटना समेत राज्य के उत्तर-पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण-मध्य भाग के जिलों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर, गया और किशनगंज में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं, प्रदेश के उत्तर मध्य भाग को छोड़कर सभी जिलों में वज्रपात के आसार हैं। मानसून की द्रोणी रेखा का पश्चिम छोर हिमालय की तलहटी में है। वहीं पूर्वी छोर बाराबंकी, डेहरी, रांची और दीघा से गुजरते हुए दक्षिण-पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी तक प्रभावी है। इससे राज्य के पांच जिलों में भारी बारिश के अलावा मेघ गर्जन व वज्रपात की आशंका है।

बीते गुरुवार को प्रदेश के अररिया में अति भारी बारिश हुई। वहीं भारी बारिश पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, बांका और भागलपुर जिले के कुछ स्थानों पर हुई। इसके अलावा हल्की से मध्यम स्तर की बारिश प्रदेश के दक्षिण-मध्य और दक्षिण-पूर्व भाग के अधिकतर जगहों पर व उत्तरी भाग के अनेक स्थानों में हुई। 

मौसम विभाग के अनुसार अररिया के फारबिसगंज में 117.4, पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में 75.2, गया के खीरसराय में 74.8 मिमी, बांका के बोसी में 74.2 मिमी, पश्चिम चंपारण के लौरिया नंदनगढ़ में 68.4 मिमी, भागलपुर में 67.2 मिमी, पूर्वी चंपारण के सुगौली में 62.8 मिमी, खगड़िया के बेलदौर में 60.4 मिमी, सुपौल में 56.6 मिमी, जहानाबाद के मखदुमपुर में 54.4 मिमी, किशनगंज के टेढ़ागाछ में 52.8 मिमी बारिश हुई।

जिला सड़क सुरक्षा समिति की हुई समीक्षा बैठक, डीटीओ ने दिए कई निर्देश

औरंगाबाद : आज जिला परिवहन कार्यालय, औरंगाबाद के कार्यालय कक्ष में जिला सड़क सुरक्षा समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि विगत वर्षों की तुलना में 2023 में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी नहीं आयी है। इस पर प्रभावी नियंत्रण एवं दुर्घटना के आकड़ो में कमी लाना अति आवश्यक है। 

इसके लिए जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा सभी संबंधित को निर्देश दिया गया कि सड़क दुर्घटना में कमी लाने हेतु सभी संबंधित को निर्देश दिया गया। शनिवार हेलमेट एवं सीट बेल्ट विशेष जांच अभियान चलाने का निर्देश दिया गया।

जिला परिवहन पदाधिकारी, औरंगाबाद द्वारा परिवहन विभाग तथा पुलिस विभाग के पदाधिकारियों को निदेशित किया गया कि ओवरलोडिंग गाड़ियों के परिचालन पर शमन एवं अन्य नियमसंगत कार्रवाई की जाय। 

जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि हेलमेट एवं सीट बेल्ट विशेष जाँच के साथ-साथ ओभरब्रीज एवं रमेश चौक के आस-पास अनाधिकृत रूप से पार्किंग किये गये वाहनों के विरूद्ध भी नियमित रूप से अभियान चलाया जाय एवं यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नियमसंगत शमन एवं अन्य कार्रवाई की जाय।

इसके अतिरिक्त सड़क दुर्घटना में घायल पीड़ितों की मदद करने वालों को गुड समरितन से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया। बताया गया कि जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा वर्ष 2023 के लिए प्रत्येक महाविद्यालय में 2 छात्र एवं 2 छात्रा को सड़क सुरक्षा एंबेसडर नामित कर सूची उपलब्ध करा दी गई है। साथ ही जिला परिवहन कार्यालय द्वारा सड़क सुरक्षा सप्ताह में सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करने के लिए प्रचार प्रसार का कार्य कराया गया है।

इस बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश कुमार दास, मोटर यान निरीक्षक, सहायक अभियंता पथ निर्माण विभाग, सहायक अभियंता पथ प्रमंडल, नगर कार्यपालक पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

20 महादलित युवतियों का पहला बैच ड्राइविंग का प्रशिक्षण लेने पहुंची इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रेफिक रिसर्च(IDTR), औरंगाबाद

औरंगाबाद : महिला एवं बाल विकास निगम, समाज कल्याण विभाग ,बिहार सरकार द्वारा मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना अंतर्गत पायलट प्रोजेक्ट के तहत महादलित युवतियों को मोटर वाहन ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 

उक्त प्रशिक्षण हेतु 20 महादलित युवतियों का पहला बैच 15 अगस्त को इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रेफिक रिसर्च(IDTR), औरंगाबाद में प्रशिक्षण को पहुंची। 

महादलित युवतियों के साथ उनको सहयोग पूर्वक औरंगाबाद तक पहुंचाने पद्म श्री सुधा वर्गीज भी साथ आई। 

मोटर वाहन प्रशिक्षण प्राप्त करने आई महादलित युवतियों एवं पद्म श्री सुधा वर्गीज का हार्दिक स्वागत जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (ICDS)श्रीमती श्वेता कुमारी, जिला परियोजना प्रबंधक, महिला एवं बाल विकास निगम राजीव रंजन, DHEW के मिशन समन्वयक मिथिलेश कुमार, NNM के जयप्रकाश, IDTR के पदाधिकारी अभय कुमार एवं विपिन कुमार ने पुष्प गुच्छ, पौधा देकर समारोहपूर्वक किया।

उन्होंने बताया कि ये सभी युवतियां मोटर वाहन का प्रशिक्षण लेकर अपना खुद का रोजगार अथवा वाहन चालक की नौकरियां प्राप्त कर सकेंगी। 

कहा कि अब महिलाएं किसी क्षेत्र में पीछे नहीं रहेगी। 16 अगस्त से ये सभी युवतियां मोटर ड्राइविंग प्रशिक्षण लेना शुरु करेंगी जो 21 दिनों तक चलेगा। 21 दिन के बाद ये सभी एक सफल वाहन चालक बनकर निकलेंगी।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

दिल्ली से पटना पहुंचे सीएम नीतीश कुमार, बीजेपी और प्रशांत किशोर के बयान का दिया यह जवाब

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे के बाद आज गुरुवार को पटना वापस आ गए। पटना पहुंचकर सीएम ने कहा कि, हम तो दिल्ली अपने निजी कामों को लेकर गए थे। कल डॉक्टर से बात भी हुई थी, चेकअप भी करना था। दो साल पहले जांच हुआ था। फिर करवाना था। इसी के लिए गए थे। 

वहीं सीएम ने कहा कि, कल अटल जी का जंयती भी था। तो वह सदैव अटल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दिए। नीतीश कुमार ने कहा कि अटल जी से पुराना संबंध रहा है मेरा। बहुत मानते थे हमको। इतना अच्छा काम करते थे,कभी वो रिश्ता हम नही भूल सकते ।

नीतीश कुमार ने कहा कि, अटल जी के समय में ही भाजपा का नामकरण हुआ। एनडीए नाम रखा गया। कितना अच्छा नाम हैं। 1999 में एनडीए का नामकरण हुआ। तब बहुत मिटिंग होता था। लेकिन जब हम साथ थे तो कभी मिटिंग नही हुआ। लेकिन अब जब I.N.D.I.A की बैठक हो रही है तो एनडीए का मीटिंग होने लगा है। इसी महीने 31, 1 को हमारी फिर मिटिंग होने ही वाली है। 

वहीं भाजपा के बयान सीएम दिल्ली I.N.D.I.A गठबंधन के लोगों से मिलने गए थे लेकिन उन्हें किसी ने टाइम नहीं दिया। जिससे वह वापस आ गए। इसपर सीएम ने कहा कि, किसी से मुलाकात का कोई प्लान नहीं था। वो लोग ऐसे ही बोल रहा है,कोई मतलब ही नहीं है। हमारी बातचीत तो होते ही रहती है।इसी महीने मीटिंग होने ही वाली है। कई विरोधी दल का गठबंधन हुआ तब से ये लोग परेशान है, और कुछ भी बोल रहे हैं। दिल्ली में किसी से बातचीत का कोई प्लान नहीं था,मेरा खुद का समस्या था आंख दिखाना था।

वहीं प्रशांत किशोर और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के बयान पर सीएम बोले की वो क्या बोलता है नही पता आप लोग जनता से पूछिए। संजय जयसवाल के बयान पर सीएम ने कहा कि, यहां कोई अपराधिक घटना नहीं हो रहा है। अपराधिक घटनाएं बहुत कम है। बिना मतलब का सब बोलते रहता है। मीडिया पर सब कब्जा कर लिया है। 2024 वाली लड़ाई देश के हित में होगा।