सीएम आदिम जनजातियों के लिए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग का निशुल्क आवासीय कोचिंग का करेंगे उदघाटन

रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज गुरुवार 17 अगस्त को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा हेतु झारखंड के अति संवेदनशील जनजातीय समुदाय (पीवीटीजी) के युवक-युवतियों के लिए निशुल्क आवासीय कोचिंग का उद्घाटन करेंगे.

कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान (टीआरआइ) के सभागार में शाम पांच बजे से होगा.

ईडी सीएम हेमंत सोरेन को दूसरा समन जल्द भेज सकती है,समन के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अदालत की शरण में जा सकते हैं.


रांची. जमीन-खरीद बिक्री मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दूसरा समन जल्द ही जारी किया जा सकता है. 14 अगस्त को पूछताछ के लिए हाजिर होने के बदले सीएम की ओर से कानूनी रास्ता अपनाने से संबंधित पत्र इडी को भेजा गया था.

इस पत्र के आलोक में इडी के वरीय अधिकारी विचार-विमर्श कर रहे हैं. इडी की ओर से सीएम को पूछताछ के लिए दूसरी बार जल्द ही समन जारी किये जाने की संभावना है.

इस बीच समन के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अदालत की शरण में जा सकते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हाइकोर्ट अथवा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने को लेकर उच्चस्तर पर मंथन जारी है.

रांची के सर्किट हाउस में लगी आग परिसर में मची अफरा तफरी

राजधानी रांची के कचहरी रोड स्थित सर्किट हाउस में अचानक आग लगने से परिसर में अफरा-तफरी मच गई। कड़ी मशक्कत के बाद आनन फानन में ठहरे हुए अतिथियों को बाहर निकाला गया।

सर्किट हाउस में आग कैसे लगी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। आग लगते ही कुछ कर्मचारियों ने आग बुझाने का प्रयास किया। आग लगने की सूचना पाकर फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया।

आग की सूचना मिलने के बाद डीसी, टाउन सीओ, सिटी डीएसपी लालपुर थाना प्रभारी सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे।

आग ग्राउंड फ्लोर के कमरा नंबर 112 में लगी। गेस्ट हाउस में डेकोरेशन का काम लकड़ी का किया गया है, इस वजह से आग काफी तेजी फैल गया। इस दौरान पूरे गेस्ट हाउस परिसर में धुआं भर गया था।

चांद पर कदम रखने से बस एक कदम दूर है चंद्रयान 3, आज अलग होंगे लैंडर-प्रोपल्शन मॉड्यूल

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मिसन मून यानी चंद्रयान-3 पर पूरे देश की ही नहीं दुनियाभर की निगाहें लगी हुई हैं। चंद्रयान 3 अब अपनी अंतिम छलांग लगाने को तैयार है। 17 अगस्त यानी आज से इसकी लैंडिंग से जुड़ी प्रक्रिया शुरू होगी।आज एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन को अंजाम दिया जाएगा। जी हां, अपने चंद्रयान-3 से प्रॉपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग होगा। वे आगे की यात्रा अलग-अलग करेंगे। प्रॉपल्शन मॉड्यूल चांद की कक्षा में रहेगा। आगे अपना लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव इलाके में सॉफ्ट लैंडिंग के लिए कदम बढ़ाएगा।

इंजन फेल होने पर भी होगी लैंडिंग

इसरो द्वारा कहा गया है कि आज यानी 17 अगस्त को लैंडिंग माड्यूल, जिसमें लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान शामिल हैं, प्रोपल्शन माड्यूल से अलग हो जाएंगे। इसके बाद लैंडर-रोवर की गति घटाने का प्रयास किया जाएगा। 23 अगस्त को यान के लैंडर की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी।इसरो प्रमुख एस सोमनाथ का कहना है कि चंद्र मिशन चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। अगर इसका इंजन फेल भी हो जाता है तो ऐसी स्थिति में भी चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग होगी

23 अगस्त को आएगी खुशखबरी

लैंडर के प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने और 100 किमी x 30 किमी की कक्षा में प्रवेश करने के बाद सॉफ्ट लैंडिंग प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लगभग 30 किमी की ऊंचाई पर लैंडर चंद्रमा की सतह तक नीचे जाने के लिए अपने थ्रस्टर्स का उपयोग करेगा। सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए इस नाजुक ऑपरेशन के लिए सटीक नियंत्रण और नेविगेशन की आवश्यकता होती है। 23 अगस्त को निर्धारित सॉफ्ट लैंडिंग का उद्देश्य लैंडर और रोवर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्थापित करना है।

14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से रवाना होने के बाद चंद्रयान-3 ने तीन हफ्तों में कई चरणों को पार किया। पांच अगस्त को पहली बार चांद की कक्षा में दाखिल हुआ था। इसके बाद 6, 9 और 14 अगस्त को चंद्रयान-3 ने अलग-अलग चरण में प्रवेश किया।चंद्रयान3 के धरती से चांद तक पहुंचने के अहम चरणः-

-14 जुलाई 2023: इसरो ने श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया. इसी दिन एलवीएम3 एम4 ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चांद की यात्रा को शुरू करवाया।

-25 जुलाई 2023: लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान-3 ने 4 अलग-अलग मैन्युवर पूरे किए और पृथ्वी की कक्षा को पीछे छोड़ा. इस दौरान चंद्रयान-3 को बड़े-बड़े धक्के दिए गए और उसे पृथ्वी की कक्षा से बाहर की ओर धकेला गया।

-1 अगस्त 2023: ये तारीख काफी अहम थी, क्योंकि इस दिन चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर हुआ और चांद की कक्षा की ओर बढ़ा. यहां चंद्रयान-3 की दूरी 288*369328 किमी. थी।

-5 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 ने यहां चांद की कक्षा में प्रवेश किया, ये पूरी तरह सफलता पूर्वक हुआ और चांद की कक्षा में अलग-अलग चरणों की शुरुआत हुई।

-9 अगस्त 2023: यहां से अलग-अलग मैन्युवर को परफॉर्म किया गया, यानी चरण दर चरण चंद्रयान-3 को चांद के करीब धकेलने और उसका वजन कम करने का काम किया गया।

-16 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 ने अपना आखिरी मैन्युवर पूरा किया. अलग-अलग प्रक्रियाओं के बाद यह सबसे अंतिम मैन्युवर था, जिसके बाद अब पूरी कोशिश सफल लैंडिंग कराने की होगी।

-17 अगस्त 2023: लैंडिंग से जुड़ी अहम प्रक्रिया यहां शुरू होगी, प्रणोदन और लैंडर मॉड्यूल यहां से अलग-अलग होगा. लैंडर यहां से चांद की ओर बढ़ेगा और फिर सॉफ्ट लैंडिंग के अलग-अलग चरण पूरे होंगे।

अटल बिहारी बाजपेयी की पुण्यतिथि आज, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी समेत कई नेता और मंत्री श्रद्धांजलि देने पहुंचे 'सदैव अटल'

देश के पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के संस्थापक सदस्य भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आज 5वीं पुण्यतिथि है। इस मौके राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तमाम केंद्रीय मंत्रियों ने सुबह-सुबह अटल स्मृति पर जाकर उनको श्रद्धांजलि दी। 

दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर आज उनकी समाधि 'सदैव अटल' पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। 

एनडीए गठबंधन के भी नेताओं का लगा जमावड़ा

अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर बीजेपी की ओर से दिल्ली में अटल स्मृति पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें औपचारिक तौर पर गठबंधन के भी नेताओं को भी बुलाया गया है। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, केंद्रीय मंत्री और अपना दल (सोनीलाल) की नेता अनुप्रिया पटेल और हम नेता जीतन राम मांझी सहित अन्य एनडीए नेताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

पीएम मोदी ने किया ट्वीट

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा कि अटल जी की पुण्यतिथि पर मैं देश के 140 करोड़ लोगों के साथ उन्हें नमन करता हूं। भारत को उनके नेतृत्व से काफी फायदा मिला, उन्होंने देश के विकास में अहम योगदान दिया और 21वीं सदी के भारत की नींव डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 93 साल की उम्र में 16 अगस्त 2018 में हुआ था, वह लंबे वक्त से बीमार थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने 3 बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, साल 1998 से लेकर 2004 तक उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा किया था। अटल ने सबसे पहले 1996 में 13 दिन, 1998 में 13 महीने और फिर 1999 में 5 साल तक अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री रहे थे। अटल बिहारी वाजपेयी 9 बार वो लोकसभा सांसद चुने गए जबकि 2 बार राज्यसभा सांसद चुने गए।

अटल बिहारी वाजपेयी को भाजपा के सर्वोच्च नेताओं में से एक माना जाता है, जिनकी अगुवाई में बीजेपी का उदय हुआ और सत्ता तक का सफर तय हुआ। वाजपेयी को पार्टी को उनके आधार से परे लोकप्रिय बनाने और छह साल तक सफलतापूर्वक गठबंधन सरकार चलाने का श्रेय दिया जाता है, इस दौरान उन्होंने सुधारों को आगे बढ़ाया और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दिया।

राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सहशरीर उपस्थिति पर मिली राहत, वकील ही होंगे पेश


रांची. ‘मोदी सरनेम’ को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा कथित तौर पर आपत्तिजनक बयान दिए जाने के मामले में रांची हाई कोर्ट में आज अहम सुनवाई पूरी हुई।

आज इस मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एस के द्विवेदी की कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई। कोर्ट के द्वारा आए निर्णय के अनुसार अब उन्हे सह शरीर हाजिर नहीं होना होगा। उनकी जगह उनके अधिवक्ता प्रस्तुत होंगे।

दरअसल, यह मामला वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान का है। रांची के मोरहाबादी मैदान में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के दौरान राहुल गांधी ने नरेन्द्र मोदी, नीरव मोदी और ललित मोदी का जिक्र करते हुए कहा था कि ‘सारे मोदी सरनेम वाले चोर हैं’। इसे लेकर अधिवक्ता प्रदीप मोदी ने कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। याचिका में कहा गया है कि राहुल गांधी के टिप्पणी से पूरा मोदी समाज आहत है, इसलिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

बाबूलाल मरांडी ने अपनी संकल्प यात्रा पर जारी किया स्टीकर, अटल बिहारी वाजपेई के सपनों को साकार करेगी भाजपा


रांची: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने बतौर प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश कार्यालय में पहली प्रेसवार्ता को संबोधित किया। मरांडी ने बताया कि कल 17अगस्त से 40 दिनों की संकल्प यात्रा पर रहेंगे। जिसका आज स्टीकर जारी किया।

बाबूलाल मरांडी प्रेसवार्ता से पूर्व विधानसभा परिसर में स्थित पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित कर,नमन किया।

 मरांडी ने अटल बिहारी वाजपेई को याद करते हुए कहा कि अटल जी ने अलग राज्य देकर राज्य की जनभावनाओं को सम्मान दिया था। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर 2000 को झारखंड अलग राज्य का गठन श्रद्धेय अटल जी की देन है। आज राज्य की सत्ता में बैठे लोग हैं अटल जी के सपनो को रौंद रहे है। ये वही लोग हैं जिन्होंने अलग राज्य के आंदोलन की बोली लगाई, तो किसी ने अपने लाश पर बनने की कसम खाई।कोई आंदोलन का क्रेता बना तो कोई विक्रेता बना।

उन्होंने राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार को राज्य के जनता की भलाई और विकास से कुछ भी लेना देना नही। ये सरकार केवल कमाने में लगी है। यहां तो भ्रष्टाचार को रोकने की जिम्मेवारी रखने वाला व्यक्ति खुद आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा है। 

मरांडी ने कुछ दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि पूरा शिबू सोरेन परिवार आदिवासियों की जमीन लूटने में लगा है।

दस्तावेज में दर्ज नामो का उल्लेख करते हुए कहा कि मुंडा आदिवासी की जमीन को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हेमंत कुमार सोरेन पिता शिव सोरेन के नाम ,दुर्गा सोरेन के जमीन की रजिस्ट्री दुर्गा प्रसाद सोरेन पिता शिव सोरेन के नाम और बसंत सोरेन की जमीन वसंत कुमार सोरेन पिता शिव सोरेन के नाम दिखाई गई। जब सत्ताधारी खुद फर्जी दस्तावेज बनाकर आदिवासियों की जमीन लूट रहा हो उससे राज्य में मची लूट की उम्मीद नहीं की जा सकती।

इसी भ्रष्टाचार से राज्य को मुक्ति दिलाने के लिए भाजपा संकल्पित है। इसी संकल्प को जनता के बीच संकल्प यात्रा के माध्यम से की जा रही है। इस यात्रा की शुरुआत देश के महान विभूति की जन्मभूमि भोगनाडीह से शुरू होगी।

झारखंड क्रांति मोर्चा के हार्डकोर नक्सली शंकर राम और पत्नी कविता भुईया को किया गया गिरफ्तार


लातेहार: पुलिस को उस समय बड़ी सफलता मिली जब नक्सली संगठन झारखंड क्रांति मोर्चा के के नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने को लेकर हथियार और कारतूस छुपा कर रखे हैं ।

 लातेहार एसपी अंजनी अंजन को मिली गुप्त सूचना के मिलने पर पुलिस की एक टीम गठित की गई जिसमे सीआरपीएफ 214 बटालियन के सीओ केडी जोशी और 2 आईसी अभिनव आनंद के नेतृत्व के लातेहार सदर थाना क्षेत्र के बेंदी जंगल मे सर्च अभियान चलाकर झारखंड क्रांति मोर्चा के हार्डकोर नक्सली शंकर राम को और उसकी पत्नी कविता भुईया को गिरफ्तार कर लिया है । गिरफ्तार नक्सली के पास से पुलिस ने 3 देशी पिस्टल , 1 देशी राईफल , 5 जिंदा कारतूस 1 खाली खोखा , नक्सली वर्दी नक्सली जूते बरामद किया है ।

 नक्सलियों के विरुद्ध एक बड़ी सफलता मिली है वही सीआरपीएफ के कमांडेंट केडी जोशी ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी की झारखंड क्रांति मोर्चा के नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है । 

जिसको लेकर नक्सली हथियार छुपाए थे पुलिस ने सर्च अभियान चलाकर दो नक्सलियों को पकड़ा बल्कि उनके पास से हथियार और कारतूस बरामद किए गए हैं यह पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है ।

बदल गया नेहरू मेमोरियल का नाम, अब पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के नाम से होगी पहचान, जानें क्या है कांग्रेस की प्रतिक्रिया

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दिल्ली में स्थित नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदल दिया गया है। अब से यह प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड सोसाइटी के नाम से जाना जाएगा।इसे लेकर पहले ही फैसला लिया जा चुका था, लेकिन स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इसे बदल दिया गया।जाहिर सी बात है कांग्रेस की इस पर जोरदार प्रतिक्रिया होगी।कांग्रेस महासचिव और पार्टी के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलने पर मोदी सरकार पर नेहरू की विरासत को नष्ट करने का आरोप लगाया है। 

बता दें कि जून महीने में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी की एक विशेष बैठक में इसका नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी करने का फैसला किया गया था।स्वतंत्रता दिवस पर नाम परिवर्तन को औपचारिक रूप दे दिया गया।पीएमएमएल के उपाध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश ने एक्स (ट्विटर) पर नाम बदलने की पुष्टि की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) अब 14 अगस्त, 2023 से प्रधान मंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (पीएमएमएल) सोसायटी है, जो समाज के दायरे के लोकतंत्रीकरण और विविधीकरण के अनुरूप है। 

पीएम मोदी के पास डर और असुरक्षा का एक बड़ा पिटारा-जयराम रमेश

अब इसे लेकर कांग्रेस की तरफ से रिएक्शन सामने आया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है।नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने को लेकर जयराम रमेश ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, आज से एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिल गया है, विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) प्रधानमंत्री स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय बन गया है। पीएम मोदी के पास डर और असुरक्षा का एक बड़ा पिटारा है। 

उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना-जयराम रमेश

खासतौर पर जब हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री की आती है, उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना, विकृत करना, बदनाम करना और नष्ट करना है। उन्होंने N को मिटाकर उसकी जगह P डाल दिया है। वह पी वास्तव में संकीर्णता और अपमानित करने के लिए है।कांग्रेस नेता ने कहा कि देश की लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक और उदारवादी नींव रखने में नेहरू की योगदान को हम नहीं भूलने देंगे। नेहरू ने देश की आजादी के लिए अहम योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि अब सब मोदी और उनके साथ काम करने वालों के हाथ में है। इन सब के बावजूद जवाहरलाल नेहरू की विरासत दुनिया के देखने के लिए जीवित रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को वह प्ररित करते रहेंगे। 

बता दें कि 1948 में तीन मूर्ति भवन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का आधिकारिक आवास बन गया। वे यहां करीब 16 सालों तक रहें और यहीं उन्होंने अपनी आखिरी सांस भी ली थी। उनके निधन के बाद इस तीन मूर्ति भवन को उनकी याद में समर्पित कर दिया गया। इसके बाद से ही इसे पंडित नेहरू मेमोरियल के नाम से जाना जाने लगा। 15 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंहकी अध्यक्षता में एक विशेष बैठक हुई थी, जिसमें नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने के फैसले पर मुहर लगी थी। बता दें राजनाथ सिंह नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के उपाध्यक्ष हैं वहीं, प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष हैं। अब केंद्र सरकार ने इसका नाम नेहरू मेमोरियल से बदलकर पीएम म्यूजियम एंड सोसाइटी कर दिया है।

चांद के और करीब पहुंचा चंद्रयान-3, आखिरी ऑर्बिट में ली एंट्री, अब 23 अगस्त का इंतजार

#chandrayaan_3_successfully_completes_fifth_and_final_maneuver_to_reach_moon

चंद्रयान-3 चांद के और करीब पहुंच गया है।चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने की पांचवीं और अंतिम कवायद सफलतापूर्वक पूरी कर ली है।जी हां, चंद्रयान-3 आज चंद्रमा के आखिरी ऑर्बिट में पहुंच गया है। इसरो ने इसकी जानकारी दी है।इसरो ने ट्वीट कर बताया कि रफ्तार बढ़ाने के लिए की गई आज की सफल फायरिंग थोड़े समय के लिए आवश्यक थी। इस फायरिंग ने चंद्रयान-3 को अपनी मंशा के अनुरूप 153 किलोमीटर से 163 किलोमीटर की कक्षा में स्थापित कर दिया है।यह वो पल है जहां से चंद्रयान की यात्रा में महत्वपूर्ण लेकिन निर्णायक बदलाव होने हैं। 

इसरो के मुताबिक, इस ऑर्बिट में पहुंचने के बाद वह लैंडर को अलग करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।इसरो ने बताया कि अब तैयारियों का समय आ गया है क्योंकि प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अपनी अलग-अलग यात्राओं के लिए तैयार हो रहे हैं। लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग करने की योजना 17 अगस्त, 2023 को बनाई गई है।

इसरो ने ट्वीट में कहा गया है कि आज इंजन को सफलतापूर्वक ऑन करने के बाद उसने चांद की तरफ जाने वाली एक ऑर्बिट को पूरा कर लिया है। अब उसकी दूरी 153 km x 163 km रह गई है। यहां से लैंडर को अलग किया जाएगा और इस मिशन का कैरियर 17 अगस्त से एक और राउंड पूरा करने के बाद अपनी अलग-अलग यात्रा शुरू करेंगे। अगर सब ठीक रहता है तो लैंडर 23 अगस्त को अपने तय समय के मुताबिक चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर जाएगा।

लैंडर के प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने और 100 किमी x 30 किमी की कक्षा में प्रवेश करने के बाद सॉफ्ट लैंडिंग प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लगभग 30 किमी की ऊंचाई पर लैंडर चंद्रमा की सतह तक नीचे जाने के लिए अपने थ्रस्टर्स का उपयोग करेगा। सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए इस नाजुक ऑपरेशन के लिए सटीक नियंत्रण और नेविगेशन की आवश्यकता होती है। चंद्रयान-3 का मिशन न सिर्फ अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन है बल्कि इसका उद्देश्य महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोजें करना भी है।

‘चंद्रयान-3' का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था और पांच अगस्त को इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था।चंद्रयान-3 ने जब पहली बार चंद्रमा की कक्षा में एंट्री की थी तो उसकी ऑर्बिट 164 Km x 18,074 Km थी।ऑर्बिट में प्रवेश करते समय उसके ऑनबोर्ड कैमरों ने चांद की तस्वीरें भी कैप्चर की थीं। इसरो में ने अपनी वेबसाइट पर इसका एक वीडियो बनाकर शेयर किया था।पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद छह और नौ अगस्त को चंद्रयान को कक्षा में नीचे लाए जाने की दो प्रक्रियाओं को अंजाम दिया गया।