Aurangabad

Aug 15 2023, 16:32

औरंगाबाद आसमान में लहरा रहा था आजादी का तिरंगा इसी बीच आया तिरंगे में लिपटा हुआ जवान का शव,मचा कोहराम

औरंगाबाद देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के आन बान और शान के प्रतीक तिरंगें का औरंगाबाद में मंगलवार को रंग तो एक दिखा लेकिन रूप दो दिखे। एक रूप में रंगों और खुशियों की रंगीनी रही। दूसरे रूप में रंगीनी थी लेकिन साथ में गमगीनी भी थी।

अवसर था ठीक 77वें स्वतंत्रता दिवस के दिन पर शहीद सैनिक की अंतिम विदाई का। संभवतः वक्त भी एक ही रहा। एक ओर शान से तिरंगा लहरा रहा था। दूसरी ओर तिरंगें में लिपटा शहीद अंतिम यात्रा कर रहा था। एक ओर मुख्य समारोह में औरंगाबाद के जिलाधिकारी शहर के गांधी मैदान में तिरंगें का ध्वजारोहन कर सलामी दे रहे थे। दूसरी ओर सीमा सुरक्षा बल(बीएसएफ) के जवान औबरा प्रखंड मुख्यालय  के दोमुहान स्थित शमशान में अपने शहीद साथी संजय कुमार दुबे को संगीनें झुका कर सलामी दे रहे थे।  फायर झोंक कर अंतिम विदाई दे रहे। उधर डीएम ने झंडोतोलन समारोह में परेड की टुकड़ी को अनुमति देकर कार्यक्रम का विसर्जन कराया।

इधर बीएसएफ के जवानों ने फायर झोंक कर शहीद साथी को अंतिम विदाई देकर विसर्जन किया। इस दौरान शहीद के बड़े पुत्र स्वस्तिक(12) ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। मुखाग्नि के बाद जैसे जैसे अग्नि तेज हाेती गई, वैसे-वैसे परिजनों की आंखों से आंसूओं की धारा तेज होती गयी। इस मौके पर भारी संख्या में स्थानीय नागरिक, गणमान्य लोग, ओबरा के शासन-प्रशासन के अधिकारी, जन प्रतिनिधि एवं शहीद सैनिक के परिजन मौजूद रहे। इस दौरान सबकी आंखें नम रही और सभी ने नम आंखों से शहीद सैनिक को अंतिम विदाई दी। अंतिम विदाई के दौरान का माहौल पूरी तरह गमगीन रहा।    

 तिरंगे में लिपटा शव आते ही चित्कार करने लगे परिजन-इसके पूर्व सोमवार को देर रात शहीद जवान का शव लेकर राजस्थान के जैसलमेर से बीएसएफ के अधिकारी ओबरा के पंडित मुहल्ला स्थित पैतृक घर पर पहुंचे। शव लेकर आए वाहन पर शहीद जवान का कॉफिन देखते ही चित्कार कर उठे। परिजनों की चीख पुकार से रात के सन्नाटें को भेदते हुए पूरा मुहल्ला जाग उठा। मुहल्ले के लोग अपने घरों से निकलकर शहीद जवान के घर पर आकर परिजनों को सांत्वना देने लगे। परिजनों के रूदन से मुहल्ले के लोगों की भी आंखें नम हो गई। लोगो के ढांढ़स बंधाने के बाद परिजन कुछ देर के लिए शांत हुए। फिर सुबह होने का इंतजार होने लगा। सुबह होते ही अंतिम संस्कार की तैयारी हुई। इसके बाद आठ बजे के करीब शहीद सैनिक की शव यात्रा निकली। शवयात्रा पंडित मुहल्ला से निकलकर बाजार रोड, दुर्गा चौक, सूर्य मंदिर, काली स्थान, एनएच-139, बेल मोड़, बेल रोड होते दोमुहान स्थित शमशान तक पहुंची जहां तिरंगे में लिपटे शहीद सैनिक को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। 

ड्यूटी के दौरान सड़क हादसे में शहीद हो गए थे संजय-गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा बल(बीएसएफ) में भारत-पाक सीमा पर राजस्थान के जैसलमेर में कार्यरत बिहार के औरंगाबाद के ओबरा के पंडित मुहल्ला के जवान संजय कुमार दुबे की पिछले सप्ताह शनिवार को देर शाम ड्यूटी के दौरान सड़क हादसे में घायल होने के बाद मौत हो गयी है। वहां सेना का एक बस जवानों को लेकर सीमा पर जा रहा था।

इसी दौरान वाहन इब्राहिम की ढाणी और लंगतला के बीच खड्ड में पलट गयी। हादसे में पांच जवान गंभीर रूप से घायल हो गये। आनन फानन में घायल जवानों को इलाज के लिए वहां के सेना अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान संजय दुबे की मौत हो गई थी। इलाज के बाद चार अन्य जवानों की हालत खतरे से बाहर हो गयी थी। वही हादसे के बाद शनिवार को देर रात जवान की मौत की खबर बीएसएफ के जैसलमेर कार्यालय से ओबरा थाना को दी गई थी। इसके बाद थाना द्वारा यह सूचना मृत जवान के परिवार को देने के साथ ही परिजनों में हाहाकार मच गया था।

घर से महिलाओं के रोने और चिखने चिल्लाने की आवाज आने लगी थी। मुहल्ले के लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। हर कोई इस मनहूस खबर को जानकर गमगीन हो उठा। सबकी आंखे नम हो गई। शहीद जवान की पत्नी रिंकू देवी का इस मनहूस खबर को सुनकर सबसे बुरा हाल था।

वह पति की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी। उसका रोते-रोते हाल बुरा था। आज भी शहीद सैनिक का शव आते ही पत्नी का वैसा ही हाल हो गया। वह बार-बार बेहोश हो जा रही थी। मुहल्लें के लोगों द्वारा परिजनो को लगातार ढांढ़स बंधाया गया और सांत्वना दी गई। रही है। शहीद सैनिक के दाह संस्कार के बाद उत्साह और उमंग के राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस पर भी पंडित मुहल्ले में मातम पसरा है। 

बीएसएफ में 2002 में हुआ था संजय का चयन-संजय दुबे का 2002 में बीएसएफ में हुआ था। उनके दो बेटे स्वस्तिक 12 वर्ष और शुभ 10 वर्ष का है। शहीद जवान के पिता केदार दुबे का बेटे का शव देखकर रो-रोकर बुरा हाल हो गया। उन्होने रोते हुए कहा कि बेटे के निधन से मेरा घर परिवार बर्बाद हो गया है। परिवार पूरी तरह से बेसहारा हो गया है।

दो बेटों के सिर से पिता का साया उठ गया है। मेरे लिए अब अपना जीवन पहाड़ सा हो गया है। बेटे की बीवी बेवा हो गई है। उसका हाल बेहाल है। परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है। अब घर परिवार कैसे संभलेगा, इसकी चिंता उन्हे खाए जा रही है।

Aurangabad

Aug 15 2023, 16:08

रूस में बड़ा हादसा, गैस स्टेशन में हुए भीषण विस्फोट में 25 से ज्यादा लोगों की मौत, 100 से ज्यादा घायल

#russia_dagestan_gas_station_explosion_25_killed_100_injured

रूस के मखाचकाला में एक गैस स्टेशन में भीषण धमाका हो गया है। इस धमाके में तीन बच्चों समेत 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। जबकि 100 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। 

बताया जा रहा है कि आग पहले कार की मरम्मत करने वाली दुकान में लगी और देखते ही देखते पास के गैस स्टेशन में फैल गई।

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती की देश के आपातकाल मंत्रालय के हवाले से जारी की गई खबर के मुताबिक, क्षेत्र की राजधानी मखचकाला के बाहरी क्षेत्र में स्थित गैस स्टेशन में सोमवार रात को विस्फोट हुआ था। आग पहले कार की मरम्मत करने वाली दुकान में लगी और देखते ही देखते पास के गैस स्टेशन में फैल गई। खबर के मुताबिक, गैस स्टेशन में लगी आग थोड़ी ही देर में 600 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैल गई। आग को बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की टीम को साढ़े तीन घंटे से अधिक समय लगा।

रूसी उप स्वास्थ्य मंत्री व्लादिमीर फिसेन्को ने बताया है कि घायलों में से 10 की हालत गंभीर है। इंटरफैक्स ने दागेस्तानी स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से बताया कि घायलों में तेरह बच्चे हैं। रूस के आपातकालीन स्थिति मंत्रालय ने टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर कहा कि गंभीर रूप से घायलों को मॉस्को ले जाने के लिए माखचकाला में एक विमान भेजा गया था।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मखचकाला में ग्लोबस शॉपिंग सेंटर के पास एक कार सर्विस सेंटर में विस्फोट हुआ था। क्षेत्रीय गवर्नर ने मंगलवार 15 अगस्त को कहा कि दागेस्तान के दक्षिणी रूसी क्षेत्र में एक गैस स्टेशन में आग लगने का मामला सामने आया। डागेस्टानी डिजास्टर मेडिसिन सेंटर की जानकारी के अनुसार, 12.00 बजे (मॉस्को समय) तक 12 लोग मारे गए, 50 घायल हो गए। हालांकि बाद में मृतकों की संख्या और बढ़ी जो कि 25 से ज्यादा पहुंच गई। मरने वालों में 3 बच्चे भी शामिल हैं।

Aurangabad

Aug 15 2023, 15:06

औरंगाबाद बड़ेम ओपी के नए ओपी अध्यक्ष सिमरन राज ने फहराया तिरंगा, शहीदों को किया नमन

औरंगाबाद : जिले के बड़ेम ओपी में नए ओपी अध्यक्ष सिमरन राज ने राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराया।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह तिरंगा हमारे देश के आन बान शान का प्रतीक है। इसी तिरंगा के लिए आजादी के दीवानों ने कुर्बानी देकर देश को आजाद कराया था।

शहीदो के बलिदान के वजह से ही हम सभी आजाद देश के नागरिक हैं।आजादी के पर्व के दिन सिर्फ रश्म अदायगी नहीं होनी चाहिए बल्कि शहीदों के आचरण और सदगुणों को भी अपने जीवन मे उतारने का हम सब को संकल्प लेना चाहिए। 

कहा कि यह दिन उत्सव मनाने के साथ ही संकल्प लेने का भी है। हम सभी संकल्प लें कि देश की आजादी को अक्षुण् बनाए रखेंगे। 

उन्होंने कहा कि बड़ेम ओपी में ओपी इंचार्ज के रूप में यहाँ आए हुए मात्र पांच दिन ही हुए हैं लेकिन ए पांच दिनों में ही उन्होंने अनुभव किया है कि यहाँ के लोग बेहद अच्छे औऱ जिंदादिल इन्सान हैं।

यहां के लोग जिस तरह उनसे दिल खोलकर मिले हैं उसकी मैं कद्र करती हूं। मैं भी क्षेत्र के लोगो को यथोचित सम्मान देने मे पीछे नहीं रहूंगी। 

पुलिस अधीक्षक स्वप्ना गौतम मेश्राम ने ओपी इंचार्ज के दी गई जिम्मेवारी का वे सम्यक निर्वहन कर रही हैं और उनकी पूरी कोशिश होगी कि भविष्य मे किसी तरह का शिकायत का मौका नहीं मिले। 

ओपी क्षेत्र में अमन चैन और शांति की स्थापना उनकी पहली प्राथमिकता है और यहाँ आने के साथ ही इस पर उन्होंने काम करना शुरू कर दिया है। 

इस मौके पर थाने के सभी पुलिस कर्मी एवं गण्यमान्य लोग उपस्थित थे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

Aurangabad

Aug 15 2023, 14:26

हर भारतीय की आवाज़ है भारत माता..', राहुल गांधी ने दी स्वतंत्रता दिवस की बधाई, भारत जोड़ो यात्रा का भी किया जिक्र

 कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज मंगलवार (15 अगस्त) को देश के लोगों को 77वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं और भारत माता को हर भारतीय की आवाज बताया। 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, पर राहुल गांधी ने कहा कि, "भारत माता हर भारतीय की आवाज है! सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।"

इसके साथ ही राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो यात्रा' का अपना अनुभव भी साझा किया और कहा कि उन्होंने समुद्र के किनारे से 145 दिन की पैदल यात्रा शुरू की और कश्मीर की बर्फ पर पहुंचे। राहुल ने कहा कि, 'पिछले साल मैंने एक सौ पैंतालीस दिन उस ज़मीन पर घूमते हुए बिताए जिसे मैं अपना घर कहता हूँ। मैंने समुद्र के किनारे से शुरुआत की और गर्मी, धूल और बारिश से गुज़रा। जंगलों, कस्बों और पहाड़ियों से होते हुए, जब तक कि मैं नरम बर्फ तक नहीं पहुँच गया मेरे प्यारे कश्मीर की।'

उन्होंने अपनी यात्रा जारी रखने के दौरान हुए दर्द और उस प्रेरणा का भी उल्लेख किया जिसने उन्हें यात्रा जारी रखने में मदद की। राहुल गांधी ने कहा कि, "कुछ ही दिनों में, दर्द शुरू हो गया। मेरी पुरानी घुटने की चोट, जो फिजियोथेरेपी के घंटों के बाद खत्म हो गई थी, वापस आ गई। कुछ दिनों की सैर के बाद, मेरा फिजियो हमारे साथ आ गया, वह आया और मुझे उचित सलाह दी। दर्द बना रहा। और फिर मैंने कुछ नोटिस करना शुरू कर दिया। हर बार जब मैं रुकने के बारे में सोचता, हर बार जब मैं हार मानने के बारे में सोचता, कोई आता और मुझे जारी रखने की ऊर्जा उपहार में देता।'

बता दें कि, स्वतंत्रता दिवस समारोह के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा कड़ी करते हुए पुलिस कर्मियों ने वाहनों की जांच की। स्वतंत्रता दिवस से पहले भारत में विभिन्न प्रतिष्ठित इमारतों और स्मारकों को तिरंगे की रोशनी में रोशन किया गया है। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और इंडिया गेट रोशनी से जगमगा रहे क्योंकि शहर स्वतंत्रता दिवस के उत्साह में डूबा हुआ है।

Aurangabad

Aug 15 2023, 14:24

पीएम मोदी के 2024 में लाल किले से तिरंगा फहराने वाले बयान पर विपक्ष हमलावर, लालू -खड़गे ने यूं किया पलटवार

#kharge-andlaluyadavreplyonpmnarendramodi_statement 

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले पर 10वीं बार तिरंगा फहराया।

 इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि अगले 15 अगस्त को इसी लाल किले से देश की उपलब्धियों और विकास को जनता के सामने रखेंगे।प्रधानमंत्री अपने इस दावे पर घिरते नजर आ रहे हैं।2024 में फिर से लाल किले से तिरंगा फहराने के पीएम मोदी के दावे पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने तंज कसा है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बी इस बयान पर पलटवार किया है।

पीएम मोदी के बयान पर लालू “लाल”

दरअसल, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से पूछा गया कि पीएम नरेंद्र मोदी अगले साल लाल किले से तिरंगा फहराएंगे? इस पर उन्होंने कहा कि पीएम मोदी लाल किले से अंतिम बार तिरंगा फहरा रहे हैं, अगली बार हम तिरंगा फहराएंगे।

अगली बार पीएम मोदी तिरंगा अपने घर पर फहराएंगे

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी झंडा तो फहराएंगे, लेकिन अपने घर पर। खरगे ने कहा कि हर इंसान कहता है कि मैं ही जीतूंगा. लेकिन जीताती तो जनता है। वे (मोदी) अहंकार की तरह बोल रहे हैं।

Aurangabad

Aug 15 2023, 13:40

*लाल किले पर खाली रही कांग्रेस अध्यक्ष खरगे की कुर्सी, कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर उठे सवाल, तो दिया ये जवाब

#khargeschairseenemptyatred_fort 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लालकिले पर तिरंगा फहराया। इस मौके पर पक्ष-विपक्ष के नेता और सांसद लाल किले पर पहुंचे थे। कार्यक्रम में कई दिग्गज और करीब दो हजार तक अतिथि शामिल हुए। हालांकि, इस दौरान एक कुर्सी खाली दिखाई दी। यह कुर्सी कांग्रेस के एक बड़े नेता की थी। जी हां, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की कुर्सी इस समारोह के दौरान खाली दिखी। खरगे इस समारोह में शिरकत नहीं कर सके। 

स्वतंत्रता दिवस के मुख्य कार्यक्रम में राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के मौजूद नहीं होने पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस ने इस पर सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि खरगे को ठीक महसूस नहीं हो रहा था, इसलिए वह लाल किले पर नहीं पहुंचे। कांग्रेस की तरफ से सफाई देते हुए बताया गया,'खरगे को अपने घर और कांग्रेस पार्टी दफ्तर में तिरंगा फहराना था। इसलिए वह लाल किला में होने वाले समारोह में शामिल नहीं हो पाए। अगर वे जाते तो वह घर वहां से जल्दी नहीं निकल सकते। उन्हें कम से कम दो घंटे तक वहां पर रहना ही पड़ता, वे कांग्रेस मुख्यालय में समय से ध्वजारोहण नहीं कर पाते। 

लाल किला नहीं पहुंचने पर दी सफाई

लाल किले नहीं जाने का सवाल खरगे से किया गया तो उन्होंने अपनी आंखों की समस्या बताई। दूसरी बात उन्होंने कही कि मुझे घर पर प्रोटोकॉल के तहत झंडा फहराना था। फिर मुझे कांग्रेस ऑफिस आकर झंडा फहराना था। यहां तो मैं पहुंच ही नहीं सकता था। उनकी सिक्योरिटी इतनी टाइट है। पहले प्रधानमंत्री के जाने तक किसी को नहीं छोड़ते। आजकल होम मिनिस्टर के जाने तक नहीं छोड़ते। रक्षा मंत्री, स्पीकर... के बाद हम लोगों का नंबर लगता। इसलिए समय के अभाव और सिक्योरिटी की अड़चन थी। अब जैसा उन्हें छोड़ते हैं वैसा मुझे तो रास्ता नहीं देते।

खरगे का सोशल मीडिया पर वीडियो संदेश

इस बीच खरगे ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट के जरिए एक वीडियो संबोधन जारी किया। जिसमें उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई दीं। कहा कि लोकतंत्र और संविधान हमारी देश की आत्मा है। हम यह प्रण लेते हैं कि हम देश की एकता और अखंडता के लिये, प्रेम और भाईचारे के लिए, सौहार्द और सद्भाव के लिए लोकतंत्र और संविधान की स्वतंत्रता कायम रखेंगे। उन्होंने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, मौलाना आजाद, राजेंद्र प्रसाद, सरोजिनी नायडू और बीआर अंबेडकर जैसे स्वतंत्रता प्रतीकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदानों का किया जिक्र

अपने वीडियो संदेश में कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह जैसे अन्य कांग्रेस प्रधानमंत्रियों के योगदानों का जिक्र किया। उन्होंने बीजेपी के आदर्श अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र किया। कहा कि हर प्रधानमंत्री ने देश की प्रगति में योगदान दिया है। अटल बिहारी वाजपेयी के साथ-साथ सभी प्रधानमंत्रियों ने देश के बारे में सोचा और विकास के लिए कई कदम उठाए। 

नाम लिए बिना पीएम पर निशाना

पीएम मोदी का नाम लिए बिना खरगे ने कहा कि कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि देश पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुआ है। लेकिन यह सच नहीं है। जब अंग्रेज देश छोड़कर चले गए, तो स्थिति ऐसी थी कि देश में एक सूई भी नहीं बनती थी। तब पंडित नेहरू बड़ी पहल की, इस्पात संयंत्र स्थापित किए, बांध बनाए, आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसे संस्थान स्थापित किए। इंदिरा गांधी-लाल बहादुर शास्त्री हरित क्रांति लेकर आए, भारत को आत्मनिर्भर बनाया। सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जो लोकतंत्र का ढोल बजाते हैं, वे दूसरे तरफ विपक्ष का मुंह बंद कर देते हैं। आज लोकतंत्र को बहुत बड़ा खतरा है। संसद में विपक्ष की आवाज बंद कर दी जाती है, मेरा माइक बंद कर दिया जाता है।

Aurangabad

Aug 15 2023, 13:09

औरंगाबाद के लाल कुमार जगतपति ने आजादी की लड़ाई में गोली लगने के बाद भी नहीं छोड़ा था तिरंगा, आज जिला प्रशासन ने उन्हे दिया है भूला

औरंगाबाद : जिले के कई स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी भूमिका निभाई थी। देश के आजादी के लिए शहीद भी हुए थे, जिसमें एक औरंगाबाद जिले के ओबरा प्रखंड के खरांटी निवासी कुमार जगतपति भी थे। 

आजादी की लड़ाई में अपनी प्राणों का परवाह नहीं करने वाले इस स्वतंत्रता सेनानी के सम्मान में प्रशासनिक उदासीनता के कारण आजतक आदमकद प्रतिमा भी नहीं बनी। उनके आवास भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है और अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है। 

सरकार द्वारा ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने की बात कही जाती है, लेकिन यहां ऐतिहासिक धरोहर स्वतंत्रता सेनानी कुमार जगतपति के आवास का अस्तित्व समाप्त होने वाला है। स्थानीय कमेटी द्वारा कई बार जिला प्रशासन से कुमार जगपति से जुड़े चीजों को सहेजने की मांग की गई, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम जिला प्रशासन द्वारा नहीं उठाया गया है। 

गांव में हुई थी प्राथमिक शिक्षा-दीक्षा

7 मार्च 1923 को जन्म लेने वाले कुमार जगपति के पिता सुखराज बहादुर जमींदार थे। सुखराज बहादुर के तीन संतान थे। बड़ा बेटा केदार नाथ सिन्हा जो पिता के काम में हाथ बटाते थे। दूसरे नम्बर पर सरजू प्रसाद सिन्हा जो असम के हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और राज्यपाल भी रहे और तीसरे नम्बर पर कुमार जगतपति थे। 

1932 में पहुंचे थे पटना

कुमार जगतपति के प्राथमिक शिक्षा-दीक्षा गांव में हुआ था। इसके बाद वे 1932 में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पटना चले गए। उन्होंने 1938 में पटना के कॉलेजियट स्कूल से मैट्रिक की पढ़ाई किया। इसके बाद पटना के बीएन कॉलेज में दाखिला लिया।  

गोली खाने के बावजूद नहीं झुकने दिया था तिरंगा

अंग्रेजों के बढ़ते अत्याचार को देखते हुए 1942 में महात्मा गांधी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत की, जिसे अगस्त क्रांति के रूप में भी जाना जाता है। बापू के आह्वान पर 11 अगस्त 1942 की दोपहर 2:00 बजे पटना सचिवालय पर झंडा फहराने सात युवा निकले थे। इनमें कुमार जगतपति भी शामिल थे। 

इन 7 युवा पर जिलाधिकारी डब्लू जी ऑर्थर के आदेश पर पुलिस ने गोलियां बरसाई थी। जगतपति को एक गोली हाथ में लगी और दूसरी गोली सीने में, तीसरी गोली जांघ में लगी थी। इसके बावजूद उन्होंने तिरंगे को झुकने नहीं दिया था। गोली लगने के बाद भी सातो युवाओं ने तिरंगा लहरा दिया था। सात शहीदों में तीसरे नंबर पर कुमार जगतपति थे।

स्थानीय लोगों द्वारा बनवाया गया है प्रतिमा

कुमार जगतपति के शहादत के बाद स्थानीय लोगों की ओर से साल 1976 में शहीद की निजी जमीन पर उनका स्मारक बनाया गया। वहीं पूर्व विधायक राजाराम सिंह के द्वारा अपने कार्यकाल में स्मारक का सौंदर्यीकरण कराया गया था, लेकिन इसके बाद अब तक यहां कुमार जगतपति की आदमकद प्रतिमा नहीं लगाई गई है। 

वहीं इनके शहादत दिवस पर किसी भी तरह का कोई प्रशासनिक कार्यक्रम भी आयोजित नहीं किया जाता है। जो प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है। इतना ही नहीं शहीद का घर भी खंडहर में तब्दील हो चुका है। 

स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार प्रशासन से कुमार जगपति के आदमकद प्रतिमा लगवाने, उनके आवास का जीर्णोद्धार कराने, स्कूल या सड़क कुमार जगपति के नाम पर करने की मांग की गई, लेकिन आज तक प्रशासन द्वारा कुछ नहीं कराया गया।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

Aurangabad

Aug 15 2023, 12:37

औरंगाबाद में आजादी का जश्न : शान से लहराया तिरंगा, सरकारी और राजनीतिक कार्यालयों में फहराया गया झंडा

औरंगाबाद : जिले में स्वतंत्रता दिवस पर आन-बान शान से तिरंगा झंडा फहराया गया। सरकारी के साथ-साथ राजनीतिक दलों के कार्यालयों में भी तिरंगा झंडा फहराया गया। 

शहर के गांधी मैदान में मुख्य समारोह का आयोजन किया गया। जहां डीएम सुहर्ष भगत ने तिरंगा झंडा फहराया। वहीं सलामी भी लिया। साथ ही झंडोतोलन के बाद कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित भी किया। 

अपने संबोधन में डीएम ने सबसे पहले स्वतंत्रता संग्राम में शहीद होने वाले जिले के स्वतंत्रता सेनानियाें को याद किया। वहीं सरकार की उपलब्धियों को गिनाया।

गांधी में सुरक्षा का किया गया था व्यापक इंतजाम

झंडात्तोलन काे लेकर गांधी मैदान में सुरक्षा का व्यापक इंतेजाम किए गए थे। भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी। 

वहीं गांधी मैदान में झंडात्तोलन कार्यक्रम को देखने पहुंचने वाले लोगों का मेटल डिडेक्टर से जांच की जा रही थी। इसके बाद ही अंदर प्रवेश होने दिया जा रहा था। 

आज शहर में बड़े वाहनों की एंट्री पर रहेगी रोक

प्रशासन द्वारा आज शहर में सुबह 6 बजे से रात्रि के 9 बजे तक रमेश चौक से गांधी मैदान तक किसी भी प्रकार के भारी वाहन जैसे बस, ट्रक, ट्रैक्टर, मिनी बस आदि के प्रवेश पर रोक लगाया गया है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

Aurangabad

Aug 15 2023, 12:35

अपनी मांगों को लेकर अभाविप के सदस्यों ने सिन्हा कॉलेज के प्रशासकीय भवन के मुख्य द्वार को बंद कर किया प्रदर्शन

 औरंगाबाद : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों के द्वारा सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज के प्रशासकीय भवन के मुख्य द्वार को बंद कर जमकर हंगामा किया गया।

अभाविप सदस्यों के द्वारा मुख्यद्वार पर ताला बंद किए जाने के कारण अंदर महाविद्यालय के कर्मी एवं दर्जनों छात्र छात्राएं बंद रहे।

हंगामा कर रहे अभाविप के सदस्यों ने बताया कि बीते 8 अगस्त से कॉलेज में फॉर्म भराने का काम चल रहा है।लेकिन महाविद्यालय के कर्मियों के द्वारा किए जा रहे अड़ियल रवैए के कारण फॉर्म प्राप्ति को लेकर दूर दूर से आने वाले छात्र छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।

क्योंकि महाविद्यालय का काउंटर खोलने एवं बंद करने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं थी।

ऐसी स्थिति में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मे आई हेल्प यू काउंटर चलाया और अपने स्तर से फॉर्म खरीद कर उसी कीमत पर छात्र छात्राओं को उपलब्ध करा रही थी।

आज जब फॉर्म खत्म हो गया तब अभाविप के सदस्य काउंटर पर फॉर्म लेने पहुंचे ताकि जो छात्र काफी दूर से आए हैं उन्हे उपलब्ध कराया के सके।

लेकिन काउंटर पर बैठे कर्मी बेवजह उलझ पड़े और वहां मौजूद गार्ड ने संगठन के सदस्यों की पिटाई कर दी।

पिटाई के बाद उग्र हुए अभाविप के सदस्यों ने प्रशासकीय भवन के मुख्य द्वार को बंद करके हंगामा शुरू कर दिया और जमकर नारेबाजी की।जिसका साथ महाविद्यालय आए अन्य छात्रों ने दिया।

हंगामा कर रहे अभाविप के सदस्य कुणाल ने बताया कि जब तक कॉलेज प्रबंधन आकर छात्र संगठन अभाविप से वार्ता नही करती और जिस गार्ड ने पिटाई की उसे बरखास्त नहीं करती तब तक था हंगामा जारी रहेगा। 

वही इस हंगामे को देखते हुए पूर्व वरसर अपनी गाड़ी से जाने लगे तो छात्रों ने अपनी समस्या के समाधान के लिए उनकी गाड़ी को रोक ली और अपनी समस्या से अवगत कराया।

इधर जब पूर्व वरसर कमलेश सिंह से छात्रों की समस्या की जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उन्होंने तो पहले कैमरा पर हाथ रखकर इसे बंद करने को कहा। लेकिन माजरा देख बताया कि समस्या के समाधान को लेकर प्राचार्या साथ बैठकर बात की जाएगी और उसका सम्मधन निकाला जाएगा।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

Aurangabad

Aug 15 2023, 12:00

पीएम मोदी ने परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण पर किया कड़ा प्रहार, भारत के विकसित देश बनने की राह में बताया सबसे बड़ा रोड़ा

#pmmodiattackedcorruptionfamilialism_polarisation 

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश के विकास में आने वाली सबसे बड़े रोड़ों का जिक्र किया। लाल किले पर तिरंगा लहराने के बाद पीएम मोदी ने देशवासियों के सामने सरकार की उपलब्धियां गिनाई। वहीं देश के विकास में आ रही बाधा की बात करते हुए परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण के बहाने विपक्ष पर कड़ा प्रहार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में इन तीन बुराइयों को खत्म करने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सपनों को सिद्ध करने के लिए भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण का आंख में आंख डालकर सामना करने की बात कही।

मोदी का कमिटमेंट है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता रहूंगा-पीएम मोदी

लाल किले के प्राचीर से भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, " भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है। इसने देश के सामर्थ्य को बुरी तरह नोंच लिया है। यह मोदी के जीवन का कमिटमेंट है, यह मेरे व्यक्तित्व की प्रतिबद्धता है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता रहूंगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें भ्रष्टाचार से मुक्ति पानी है।

इस देश में पिछले नौ साल में दस करोड़ लोगों को मैंने गलत फायदा उठाने से रोक दिया। ये दस करोड़ लोग वो थे, जिनका जन्म ही नहीं हुआ था। वे विधवा, वृद्ध, दिव्यांग हो जाते थे। दस करोड़ बेनामी चीजों को रोका है। भ्रष्टाचारियों की संपत्ति पहले की तुलना में 20 गुना ज्यादा जब्त की है। पीएम मोदी ने बताया कि इस सरकार ने सरकारी व्यवस्था में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पिछली सरकारों की तुलना अदालत में ज्यादा चार्जशीट दायर की हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ नफरत का माहौल बनाना होगा। जैसे गंदगी हमारे मन में नफरत पैदा करती है, वैसे ही सार्वजनिक जीवन की इस गंदगी को भी दूर करना होगा।

देश के विकास के लिए परिवारवाद से मुक्ति जरूरी

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि 'लोकतंत्र में यह कैसे हो सकता है, विशेष बल देकर राजनीतिक दलों के बारे में कह रहा हूं। यह बुराई है परिवारवादी पार्टियां। उनका मूल मंत्र है उनका राजनीतिक दल, परिवार का, परिवार के द्वारा और परिवार के लिए काम करे। परिवारवाद और भाई-भतीजावाद प्रतिभाओं के दुश्मन होते हैं। किसी राजनीतिक दल का प्रभारी केवल एक ही परिवार कैसे हो सकता है? देश के विकास के लिए परिवारवाद से मुक्ति जरूरी है।

तुष्टीकरण ने सामाजिक न्याय को मौत के घाट उतार दिया-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि तुष्टीकरण ने सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा नुकसान किया है। सामाजिक न्याय को तबाह किसी ने किया है तो वह तुष्टीकरण की राजनीति ने किया है। इसने सामाजिक न्याय को मौत के घाट उतार दिया है। 

इनसे लड़ने के लिए संकल्प लेने का आहवान*

इन तीन बुराइयों के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने देश को इनसे पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ने का संकल्प लेने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि इन बुराइयों से देश के लोगों की आकांक्षाओं का दमन होता है और ये बुराइयां लोगों के सामर्थ्य का शोषण करती हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गरीब, दलित, पिछड़े, पसमांदा, आदिवासी, माता-बहनों को उनका हक दिलाने के लिए देश को इन तीन बुराइयों से मुक्ति पाना होगा।