पीएम मोदी के 2024 में लाल किले से तिरंगा फहराने वाले बयान पर विपक्ष हमलावर, लालू -खड़गे ने यूं किया पलटवार

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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले पर 10वीं बार तिरंगा फहराया।

 इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि अगले 15 अगस्त को इसी लाल किले से देश की उपलब्धियों और विकास को जनता के सामने रखेंगे।प्रधानमंत्री अपने इस दावे पर घिरते नजर आ रहे हैं।2024 में फिर से लाल किले से तिरंगा फहराने के पीएम मोदी के दावे पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने तंज कसा है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बी इस बयान पर पलटवार किया है।

पीएम मोदी के बयान पर लालू “लाल”

दरअसल, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से पूछा गया कि पीएम नरेंद्र मोदी अगले साल लाल किले से तिरंगा फहराएंगे? इस पर उन्होंने कहा कि पीएम मोदी लाल किले से अंतिम बार तिरंगा फहरा रहे हैं, अगली बार हम तिरंगा फहराएंगे।

अगली बार पीएम मोदी तिरंगा अपने घर पर फहराएंगे

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी झंडा तो फहराएंगे, लेकिन अपने घर पर। खरगे ने कहा कि हर इंसान कहता है कि मैं ही जीतूंगा. लेकिन जीताती तो जनता है। वे (मोदी) अहंकार की तरह बोल रहे हैं।

*लाल किले पर खाली रही कांग्रेस अध्यक्ष खरगे की कुर्सी, कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर उठे सवाल, तो दिया ये जवाब

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लालकिले पर तिरंगा फहराया। इस मौके पर पक्ष-विपक्ष के नेता और सांसद लाल किले पर पहुंचे थे। कार्यक्रम में कई दिग्गज और करीब दो हजार तक अतिथि शामिल हुए। हालांकि, इस दौरान एक कुर्सी खाली दिखाई दी। यह कुर्सी कांग्रेस के एक बड़े नेता की थी। जी हां, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की कुर्सी इस समारोह के दौरान खाली दिखी। खरगे इस समारोह में शिरकत नहीं कर सके। 

स्वतंत्रता दिवस के मुख्य कार्यक्रम में राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के मौजूद नहीं होने पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस ने इस पर सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि खरगे को ठीक महसूस नहीं हो रहा था, इसलिए वह लाल किले पर नहीं पहुंचे। कांग्रेस की तरफ से सफाई देते हुए बताया गया,'खरगे को अपने घर और कांग्रेस पार्टी दफ्तर में तिरंगा फहराना था। इसलिए वह लाल किला में होने वाले समारोह में शामिल नहीं हो पाए। अगर वे जाते तो वह घर वहां से जल्दी नहीं निकल सकते। उन्हें कम से कम दो घंटे तक वहां पर रहना ही पड़ता, वे कांग्रेस मुख्यालय में समय से ध्वजारोहण नहीं कर पाते। 

लाल किला नहीं पहुंचने पर दी सफाई

लाल किले नहीं जाने का सवाल खरगे से किया गया तो उन्होंने अपनी आंखों की समस्या बताई। दूसरी बात उन्होंने कही कि मुझे घर पर प्रोटोकॉल के तहत झंडा फहराना था। फिर मुझे कांग्रेस ऑफिस आकर झंडा फहराना था। यहां तो मैं पहुंच ही नहीं सकता था। उनकी सिक्योरिटी इतनी टाइट है। पहले प्रधानमंत्री के जाने तक किसी को नहीं छोड़ते। आजकल होम मिनिस्टर के जाने तक नहीं छोड़ते। रक्षा मंत्री, स्पीकर... के बाद हम लोगों का नंबर लगता। इसलिए समय के अभाव और सिक्योरिटी की अड़चन थी। अब जैसा उन्हें छोड़ते हैं वैसा मुझे तो रास्ता नहीं देते।

खरगे का सोशल मीडिया पर वीडियो संदेश

इस बीच खरगे ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट के जरिए एक वीडियो संबोधन जारी किया। जिसमें उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई दीं। कहा कि लोकतंत्र और संविधान हमारी देश की आत्मा है। हम यह प्रण लेते हैं कि हम देश की एकता और अखंडता के लिये, प्रेम और भाईचारे के लिए, सौहार्द और सद्भाव के लिए लोकतंत्र और संविधान की स्वतंत्रता कायम रखेंगे। उन्होंने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, मौलाना आजाद, राजेंद्र प्रसाद, सरोजिनी नायडू और बीआर अंबेडकर जैसे स्वतंत्रता प्रतीकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदानों का किया जिक्र

अपने वीडियो संदेश में कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह जैसे अन्य कांग्रेस प्रधानमंत्रियों के योगदानों का जिक्र किया। उन्होंने बीजेपी के आदर्श अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र किया। कहा कि हर प्रधानमंत्री ने देश की प्रगति में योगदान दिया है। अटल बिहारी वाजपेयी के साथ-साथ सभी प्रधानमंत्रियों ने देश के बारे में सोचा और विकास के लिए कई कदम उठाए। 

नाम लिए बिना पीएम पर निशाना

पीएम मोदी का नाम लिए बिना खरगे ने कहा कि कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि देश पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुआ है। लेकिन यह सच नहीं है। जब अंग्रेज देश छोड़कर चले गए, तो स्थिति ऐसी थी कि देश में एक सूई भी नहीं बनती थी। तब पंडित नेहरू बड़ी पहल की, इस्पात संयंत्र स्थापित किए, बांध बनाए, आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसे संस्थान स्थापित किए। इंदिरा गांधी-लाल बहादुर शास्त्री हरित क्रांति लेकर आए, भारत को आत्मनिर्भर बनाया। सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जो लोकतंत्र का ढोल बजाते हैं, वे दूसरे तरफ विपक्ष का मुंह बंद कर देते हैं। आज लोकतंत्र को बहुत बड़ा खतरा है। संसद में विपक्ष की आवाज बंद कर दी जाती है, मेरा माइक बंद कर दिया जाता है।

औरंगाबाद के लाल कुमार जगतपति ने आजादी की लड़ाई में गोली लगने के बाद भी नहीं छोड़ा था तिरंगा, आज जिला प्रशासन ने उन्हे दिया है भूला

औरंगाबाद : जिले के कई स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी भूमिका निभाई थी। देश के आजादी के लिए शहीद भी हुए थे, जिसमें एक औरंगाबाद जिले के ओबरा प्रखंड के खरांटी निवासी कुमार जगतपति भी थे। 

आजादी की लड़ाई में अपनी प्राणों का परवाह नहीं करने वाले इस स्वतंत्रता सेनानी के सम्मान में प्रशासनिक उदासीनता के कारण आजतक आदमकद प्रतिमा भी नहीं बनी। उनके आवास भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है और अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है। 

सरकार द्वारा ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने की बात कही जाती है, लेकिन यहां ऐतिहासिक धरोहर स्वतंत्रता सेनानी कुमार जगतपति के आवास का अस्तित्व समाप्त होने वाला है। स्थानीय कमेटी द्वारा कई बार जिला प्रशासन से कुमार जगपति से जुड़े चीजों को सहेजने की मांग की गई, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम जिला प्रशासन द्वारा नहीं उठाया गया है। 

गांव में हुई थी प्राथमिक शिक्षा-दीक्षा

7 मार्च 1923 को जन्म लेने वाले कुमार जगपति के पिता सुखराज बहादुर जमींदार थे। सुखराज बहादुर के तीन संतान थे। बड़ा बेटा केदार नाथ सिन्हा जो पिता के काम में हाथ बटाते थे। दूसरे नम्बर पर सरजू प्रसाद सिन्हा जो असम के हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और राज्यपाल भी रहे और तीसरे नम्बर पर कुमार जगतपति थे। 

1932 में पहुंचे थे पटना

कुमार जगतपति के प्राथमिक शिक्षा-दीक्षा गांव में हुआ था। इसके बाद वे 1932 में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पटना चले गए। उन्होंने 1938 में पटना के कॉलेजियट स्कूल से मैट्रिक की पढ़ाई किया। इसके बाद पटना के बीएन कॉलेज में दाखिला लिया।  

गोली खाने के बावजूद नहीं झुकने दिया था तिरंगा

अंग्रेजों के बढ़ते अत्याचार को देखते हुए 1942 में महात्मा गांधी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत की, जिसे अगस्त क्रांति के रूप में भी जाना जाता है। बापू के आह्वान पर 11 अगस्त 1942 की दोपहर 2:00 बजे पटना सचिवालय पर झंडा फहराने सात युवा निकले थे। इनमें कुमार जगतपति भी शामिल थे। 

इन 7 युवा पर जिलाधिकारी डब्लू जी ऑर्थर के आदेश पर पुलिस ने गोलियां बरसाई थी। जगतपति को एक गोली हाथ में लगी और दूसरी गोली सीने में, तीसरी गोली जांघ में लगी थी। इसके बावजूद उन्होंने तिरंगे को झुकने नहीं दिया था। गोली लगने के बाद भी सातो युवाओं ने तिरंगा लहरा दिया था। सात शहीदों में तीसरे नंबर पर कुमार जगतपति थे।

स्थानीय लोगों द्वारा बनवाया गया है प्रतिमा

कुमार जगतपति के शहादत के बाद स्थानीय लोगों की ओर से साल 1976 में शहीद की निजी जमीन पर उनका स्मारक बनाया गया। वहीं पूर्व विधायक राजाराम सिंह के द्वारा अपने कार्यकाल में स्मारक का सौंदर्यीकरण कराया गया था, लेकिन इसके बाद अब तक यहां कुमार जगतपति की आदमकद प्रतिमा नहीं लगाई गई है। 

वहीं इनके शहादत दिवस पर किसी भी तरह का कोई प्रशासनिक कार्यक्रम भी आयोजित नहीं किया जाता है। जो प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है। इतना ही नहीं शहीद का घर भी खंडहर में तब्दील हो चुका है। 

स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार प्रशासन से कुमार जगपति के आदमकद प्रतिमा लगवाने, उनके आवास का जीर्णोद्धार कराने, स्कूल या सड़क कुमार जगपति के नाम पर करने की मांग की गई, लेकिन आज तक प्रशासन द्वारा कुछ नहीं कराया गया।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद में आजादी का जश्न : शान से लहराया तिरंगा, सरकारी और राजनीतिक कार्यालयों में फहराया गया झंडा

औरंगाबाद : जिले में स्वतंत्रता दिवस पर आन-बान शान से तिरंगा झंडा फहराया गया। सरकारी के साथ-साथ राजनीतिक दलों के कार्यालयों में भी तिरंगा झंडा फहराया गया। 

शहर के गांधी मैदान में मुख्य समारोह का आयोजन किया गया। जहां डीएम सुहर्ष भगत ने तिरंगा झंडा फहराया। वहीं सलामी भी लिया। साथ ही झंडोतोलन के बाद कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित भी किया। 

अपने संबोधन में डीएम ने सबसे पहले स्वतंत्रता संग्राम में शहीद होने वाले जिले के स्वतंत्रता सेनानियाें को याद किया। वहीं सरकार की उपलब्धियों को गिनाया।

गांधी में सुरक्षा का किया गया था व्यापक इंतजाम

झंडात्तोलन काे लेकर गांधी मैदान में सुरक्षा का व्यापक इंतेजाम किए गए थे। भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी। 

वहीं गांधी मैदान में झंडात्तोलन कार्यक्रम को देखने पहुंचने वाले लोगों का मेटल डिडेक्टर से जांच की जा रही थी। इसके बाद ही अंदर प्रवेश होने दिया जा रहा था। 

आज शहर में बड़े वाहनों की एंट्री पर रहेगी रोक

प्रशासन द्वारा आज शहर में सुबह 6 बजे से रात्रि के 9 बजे तक रमेश चौक से गांधी मैदान तक किसी भी प्रकार के भारी वाहन जैसे बस, ट्रक, ट्रैक्टर, मिनी बस आदि के प्रवेश पर रोक लगाया गया है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

अपनी मांगों को लेकर अभाविप के सदस्यों ने सिन्हा कॉलेज के प्रशासकीय भवन के मुख्य द्वार को बंद कर किया प्रदर्शन

 औरंगाबाद : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों के द्वारा सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज के प्रशासकीय भवन के मुख्य द्वार को बंद कर जमकर हंगामा किया गया।

अभाविप सदस्यों के द्वारा मुख्यद्वार पर ताला बंद किए जाने के कारण अंदर महाविद्यालय के कर्मी एवं दर्जनों छात्र छात्राएं बंद रहे।

हंगामा कर रहे अभाविप के सदस्यों ने बताया कि बीते 8 अगस्त से कॉलेज में फॉर्म भराने का काम चल रहा है।लेकिन महाविद्यालय के कर्मियों के द्वारा किए जा रहे अड़ियल रवैए के कारण फॉर्म प्राप्ति को लेकर दूर दूर से आने वाले छात्र छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।

क्योंकि महाविद्यालय का काउंटर खोलने एवं बंद करने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं थी।

ऐसी स्थिति में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मे आई हेल्प यू काउंटर चलाया और अपने स्तर से फॉर्म खरीद कर उसी कीमत पर छात्र छात्राओं को उपलब्ध करा रही थी।

आज जब फॉर्म खत्म हो गया तब अभाविप के सदस्य काउंटर पर फॉर्म लेने पहुंचे ताकि जो छात्र काफी दूर से आए हैं उन्हे उपलब्ध कराया के सके।

लेकिन काउंटर पर बैठे कर्मी बेवजह उलझ पड़े और वहां मौजूद गार्ड ने संगठन के सदस्यों की पिटाई कर दी।

पिटाई के बाद उग्र हुए अभाविप के सदस्यों ने प्रशासकीय भवन के मुख्य द्वार को बंद करके हंगामा शुरू कर दिया और जमकर नारेबाजी की।जिसका साथ महाविद्यालय आए अन्य छात्रों ने दिया।

हंगामा कर रहे अभाविप के सदस्य कुणाल ने बताया कि जब तक कॉलेज प्रबंधन आकर छात्र संगठन अभाविप से वार्ता नही करती और जिस गार्ड ने पिटाई की उसे बरखास्त नहीं करती तब तक था हंगामा जारी रहेगा। 

वही इस हंगामे को देखते हुए पूर्व वरसर अपनी गाड़ी से जाने लगे तो छात्रों ने अपनी समस्या के समाधान के लिए उनकी गाड़ी को रोक ली और अपनी समस्या से अवगत कराया।

इधर जब पूर्व वरसर कमलेश सिंह से छात्रों की समस्या की जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उन्होंने तो पहले कैमरा पर हाथ रखकर इसे बंद करने को कहा। लेकिन माजरा देख बताया कि समस्या के समाधान को लेकर प्राचार्या साथ बैठकर बात की जाएगी और उसका सम्मधन निकाला जाएगा।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

पीएम मोदी ने परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण पर किया कड़ा प्रहार, भारत के विकसित देश बनने की राह में बताया सबसे बड़ा रोड़ा

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश के विकास में आने वाली सबसे बड़े रोड़ों का जिक्र किया। लाल किले पर तिरंगा लहराने के बाद पीएम मोदी ने देशवासियों के सामने सरकार की उपलब्धियां गिनाई। वहीं देश के विकास में आ रही बाधा की बात करते हुए परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण के बहाने विपक्ष पर कड़ा प्रहार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में इन तीन बुराइयों को खत्म करने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सपनों को सिद्ध करने के लिए भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण का आंख में आंख डालकर सामना करने की बात कही।

मोदी का कमिटमेंट है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता रहूंगा-पीएम मोदी

लाल किले के प्राचीर से भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, " भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है। इसने देश के सामर्थ्य को बुरी तरह नोंच लिया है। यह मोदी के जीवन का कमिटमेंट है, यह मेरे व्यक्तित्व की प्रतिबद्धता है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता रहूंगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें भ्रष्टाचार से मुक्ति पानी है।

इस देश में पिछले नौ साल में दस करोड़ लोगों को मैंने गलत फायदा उठाने से रोक दिया। ये दस करोड़ लोग वो थे, जिनका जन्म ही नहीं हुआ था। वे विधवा, वृद्ध, दिव्यांग हो जाते थे। दस करोड़ बेनामी चीजों को रोका है। भ्रष्टाचारियों की संपत्ति पहले की तुलना में 20 गुना ज्यादा जब्त की है। पीएम मोदी ने बताया कि इस सरकार ने सरकारी व्यवस्था में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पिछली सरकारों की तुलना अदालत में ज्यादा चार्जशीट दायर की हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ नफरत का माहौल बनाना होगा। जैसे गंदगी हमारे मन में नफरत पैदा करती है, वैसे ही सार्वजनिक जीवन की इस गंदगी को भी दूर करना होगा।

देश के विकास के लिए परिवारवाद से मुक्ति जरूरी

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि 'लोकतंत्र में यह कैसे हो सकता है, विशेष बल देकर राजनीतिक दलों के बारे में कह रहा हूं। यह बुराई है परिवारवादी पार्टियां। उनका मूल मंत्र है उनका राजनीतिक दल, परिवार का, परिवार के द्वारा और परिवार के लिए काम करे। परिवारवाद और भाई-भतीजावाद प्रतिभाओं के दुश्मन होते हैं। किसी राजनीतिक दल का प्रभारी केवल एक ही परिवार कैसे हो सकता है? देश के विकास के लिए परिवारवाद से मुक्ति जरूरी है।

तुष्टीकरण ने सामाजिक न्याय को मौत के घाट उतार दिया-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि तुष्टीकरण ने सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा नुकसान किया है। सामाजिक न्याय को तबाह किसी ने किया है तो वह तुष्टीकरण की राजनीति ने किया है। इसने सामाजिक न्याय को मौत के घाट उतार दिया है। 

इनसे लड़ने के लिए संकल्प लेने का आहवान*

इन तीन बुराइयों के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने देश को इनसे पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ने का संकल्प लेने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि इन बुराइयों से देश के लोगों की आकांक्षाओं का दमन होता है और ये बुराइयां लोगों के सामर्थ्य का शोषण करती हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गरीब, दलित, पिछड़े, पसमांदा, आदिवासी, माता-बहनों को उनका हक दिलाने के लिए देश को इन तीन बुराइयों से मुक्ति पाना होगा।

लोकसभा चुनाव से पहले यह प्रधानमंत्री का लाल किले से आखिरी संबोधन, किये ये बड़े ऐलान

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देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश के लोगों को संबोधित किया।इस दौरान पीएम मोदी ने लाल किले से नई योजनाओं का ऐलान किया, साथ ही कई वादे भी किए।साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह प्रधानमंत्री का लाल किले से आखिरी संबोधन है, ऐसे में इस संबोधन के कई राजनीतिक मायने भी हैं।

-लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलान किया कि वह सुनार, सुतार, राजमिस्त्री, बाल काटने वाले, औजारों-हाथों से काम करने वाले वर्ग को नई ताकत देने वाले हैं। इसके लिए वह विश्वकर्मा जयंती पर विश्वकर्मा योजना शुरू करेंगे।इसकी शुरुआत 13 से 15 हजार करोड़ रुपये से की जाएगी।

-पीएम मोदी ने घोषणा करते हुए कहा कि देश में अभी तक 10 हजार जन औषधि केंद्र थे, अब हम इस लक्ष्य को 25 हजार जन औषधि केंद्र तक पहुंचा रहे हैं और आने वाले वक्त में इस ओर काम शुरू हो जाएगा।

-पीएम ने ऐलान किया कि मोदी की गारंटी है कि आने वाले पांच साल में देश दुनिया की टॉप-3 अर्थव्यवस्था में शामिल होगा।

-शहरों में जो लोग किराये पर रहते हैं या जिनके पास अपना घर नहीं है या जो अनाधिकृत कॉलोनी में रहते हैं, उनको अपना घर बनाने के लिए बैंक से जो लोन मिलता है, उसके ब्याज में राहत दी जाएगी और इसके लिए जल्द योजना का ऐलान होगा।

-प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा नया लक्ष्य गांव में 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने का है, एग्रीकल्चर सेक्टर के जरिए हम वुमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप की ट्रेनिंग देंगे जिसमें महिलाओं को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। हम गांव में महिलाओं को मजबूत करना चाहते हैं और इस ओर यह कदम अहम है।

अपर लोक अभियोजक रंजीत सिंह के आक्समिक निधन से अधिवक्ताओं में शोक की लहर, जिला विधिज्ञ संघ ने शोक सभा का किया आयोजन

औरंगाबाद : आज जिला विधिज्ञ संघ औरंगाबाद के पुरानी पुस्तकालय में एक शोक सभा आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल ने किया और संचालन अवध किशोर सिन्हा ने किया।

उन्होंने अपने साथी अपर लोक अभियोजक रंजीत सिंह के आक्समिक निधन अधिवक्ता समाज का अपूर्णीय क्षति बताया गया और उनके आत्मा के शांति के लिए दो मिनट मौन रखकर प्रार्थना की गई।

इस मौके पर जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष सह एपीपी रसिक बिहारी सिंह, इंद्रदेव सिंह, अशोक कुमार सिंह,अनील कुमार प्रथम एवं द्वितीय, रविन्द्र सिंह, महेंद्र प्रसाद सिंह, कामता प्रसाद सिंह,नृपेश्वर सिंह देव, रामनरेश प्रसाद, परवेज अख्तर, रामाशीष शर्मा, संजीव कुमार सिंह,सुर्यदेव शर्मा, मिथलेश सिंहा, राधेश्याम प्रसाद, राजाराम चौधरी, यमुना प्रसाद सिंह, सहित अन्य उपस्थित थे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

वरीय अधिवक्ता सह एपीपी रंजीत सिंह के आक्समिक निधन पर शोक सभा का किया गया आयोजन, अधिवक्ताओं ने दो मिनट का मौन रखकर दी श्रद्धांजली

औरंगाबाद : आज़ जिला विधिज्ञ संघ औरंगाबाद के केन्द्रीय कक्ष में वरीय अधिवक्ता सह एपीपी रंजीत सिंह के आक्समिक निधन पर शोक सभा आयोजित किया गया।

इस शोक सभा की अध्यक्षता जिला विधिज्ञ संघ औरंगाबाद के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह और संचालन महासचिव नागेंद्र सिंह ने किया।

सर्वप्रथम उनके वकालत और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला गया उसके उपरांत उनके आत्मा के शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर प्रार्थना की गई।

इस मौके कुमार योगेन्द्र नारायण सिंह, महेंद्र प्रसाद सिंह, नागेश्वर सिंह, धर्मराज शर्मा, अवध किशोर पांडे, ओमप्रकाश शर्मा, प्रमोद कुमार सिंह, अमित कुमार, उपेन्द्र शर्मा,कमला प्रसाद, रणधीर सिंह, सियाराम पांडे,अनील कुमार सिंह, नागेंद्र सिंह, सुजीत सिंह, सतीश कुमार स्नेही, अभय कुमार सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद-गया में तीन ठिकानों पर आरपीएफ ने छापेमारी कर तीन टिकट दलालों को किया गिरफ्तार, बरामद लैपटॉप खोलेगा रेलवे टिकटों की दलाली के गहरे राज


औरंगाबाद : रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने औरंगाबाद और गया में तीन स्थानों पर स्थानीय पुलिस के सहयोग से रेल टिकट दलालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। यह कार्रवाई पूर्व मध्य रेल के दीनदयाल उपाध्याय मंडल के आरपीएफ के कमांडेंट जतिन बी राज के निर्देश पर की गई है।

कार्रवाई में तीन रेल टिकट दलालों को दबोंचा गया है। साथ ही रेल टिकट बुकिंग के लिए इस्तेमाल किए जा रहे लैपटॉप और प्रिंटर भी जब्त किए गए है। नगदी भी बरामद की गई है। माना जा रहा है कि जब्त लैपटॉप से रेल टिकटों की दलाली के गहरे राज खुलेंगे।

आरपीएफ पोस्ट रफीगंज के प्रभारी निरीक्षक वीके सिंह ने बताया कि कमांडेंट के निर्देश पर उनके नेतृत्व में औरंगाबाद और गया जिले में रेल टिकट दलालों के तीन ठिकानों पर स्थानीय पुलिस के सहयोग से रविवार को देर शाम छापेमारी की गई। छापेमारी में आशातीत सफलता मिली है।

पहली छापेमारी औरंगाबाद जिले के गोह थाना क्षेत्र में देवहरा स्थित एक वसुधा केंद्र और डिजिटल इंडिया कॉमन सेंटर में की गई। दोनों ठिकानों से इनके संचालक पिंटू कुमार और जनमेजय कुमार को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद दूसरी छापेमारी गया जिले में टेकारी थाना क्षेत्र में पंचानपुर स्थित संवासिन डिजिटल सेंटर पर की गई, जहां से इसके संचालक अनुज पासवान को गिरप्तार किया गया।

इस ठिकानें से करीब 1 लाख 05 हजार रुपए के अवैध रेलवे ई-टिकट बरामद किए गए। साथ ही लैपटॉप भी जब्त किया गया। लैपटॉप की फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी। माना जा रहा है कि लैपटॉप की जांच में रेल टिकटों के अवैध कारोबार के गहरे राज खुलेंगे। छापेमारी अभियान में गोह एवं टिकारी थाना की पुलिस भी शामिल रही।

सायबर कैफे के आड़ में होता है रेल टिकटों का अवैध कारोबार

आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक ने सोमवार को बताया कि सायबर कैफे के आड़ में इनके संचालक रेल टिकटों का अवैध कारोबार किया करते है। आरपीएफ को लगातार इनपुट मिल रहा था कि रेलवे के ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम में सेंधमारी कर रेल टिकटों का अवैध कारोबार किया जा रहा है। इस कारण आम यात्रियों को तत्काल जैसी सुविधा का लाभ लेने में कठिनाई हो रही थी जबकि दलालों के माध्यम से रेल टिकट आसानी से उपलब्ध हो जा रहे थे। इस तरह की शिकायतों के बाद आरपीएफ ने अपने खुफिया नेटवर्क के माध्यम से रेल टिकट दलालों के बारे में जानकारी की। इसके बाद यह कार्रवाई की गई, जिसमें आशातीत सफलता मिली।

रेल टिकट के अवैध कारोबारियों में हड़कम्प-रेल सुरक्षा बल की इस कार्रवाई से रेल टिकटों का अवैध कारोबार करनेवालों में हड़कंप मच गया है। छापेमारी के बाद कुछ कारोबारियों ने अपने ठिकानों से सायबर कैफे का बोर्ड हटा दिया है। कुछ अपने घर से चोरी छिपे यह काम करने लगे है। वही कुछ ने फिलहाल धंधा ही बंद कर दिया है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र