महालेखाकार ने झारखंड विधानसभा में दी अपनी रिपोर्ट, कहा इन दो योजनाओं में पाई गई भारी गड़बड़ी
राज्य सरकार के द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में घाटा कम दिखाने के लिए सही वित्तीय आंकड़ा नहीं दिया गया था। वहीं 74 वें संविधान संशोधन अभियान कार्यान्वयन के अनुरूप राज्य वित्त आयोग का गठन भी देर से किया गया था।
महालेखाकार के अनुसार ड्रेनेज सिस्टम और हरमू नदी जीर्णोद्धार की योजनाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां पाई गई है।झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को सदन में पेश महालेखाकार की वित्तीय वर्ष 2021 की परफार्मेंस ऑडिट रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ।
रांची में हरमू नदी के जीर्णोद्धार के लिए 101 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट पर अब तक 93 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। लेकिन अभी भी नदी में सीवरेज का पानी बहता है। इसे तरह हरमू नदी प्रोजेक्ट के अलावा रांची सीवरेज ड्रेनेज प्रोजेक्ट (मैनहर्ट) की अनियमितताओं का भी विस्तृत उल्लेख इस रिपोर्ट में किया गया है।
प्रधान महालेखाकार उदय शंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हरमू नदी प्रोजेक्ट से रांची के लोगों को कोई फायदा नहीं होने वाला है। ऑडिट टीम ने मेकॉन से हरमू नदी की पानी की जांच कराई तो इसमें गंदा पानी बहने की बात सामने आई। प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले हरमू नदी में जितनी गंदगी थी, वही हाल अब भी है।
उदय शंकर प्रसाद ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021- 22 के दौरान सरकार ने 6943.94 करोड़ रुपए का राजस्व सरप्लस और 2604.21 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा बताया। हालांकि ऑडिट के दौरान यह पाया गया कि 6611.08 करोड रुपए का सरप्लस रेवेन्यू था, और 2937.07 करोड़ रुपए का राजकीय घाटा हुआ। उन्होंने झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के बारे में बताते हुए कहा कि वह अपने टेंडर के नियमों का पालन नहीं कर रही है। जेबीवीएनएल द्वारा निर्धारित समय सीमा पर काम नहीं किए जाने के कारण बिजली से जुड़ी आधारभूत संरचनाओं का निर्माण नहीं हो पा रहा है।
Aug 05 2023, 19:23