मोटर दुर्घटना संशोधित नियमावली 2022 को जानना आवश्यक : सचिव

औरंगाबाद : सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल अपील संख्या 9322/2022 में दिनांक    15.12.2022 को पारित न्यायालय निर्णय के आलोक में मोटर दुर्घटना के अध्याय- XI और XII के प्रावधानों के सम्बन्ध में संवेदनशील बनाने हेतु और मोटर दुर्घटना संशोधन नियमावली, 2022 में शासनादेश सुनिश्चित करने हेतु सभी स्टेकहोल्डर को जागरूक करने के उद्देश्य से जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रकोष्ठ में सभी पैनल अधिवक्ताओं तथा मोटर दुर्घटना वाद से सम्बन्धित अधिवक्ताओं के साथ एक कार्यशाला सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

      

चूंकि मोटर दुर्घटना वाद में सभी प्रमुख स्टेकहोल्डर को मोटर दुर्घटना संशोधित नियमावली 2022 के नये प्रावधानों से अवगत कराते हुए उन्हें जागरूक किया जाना आवश्यक है, जिससे कि कोई भी दुर्घटना के बाद उनके दावे को लेकर किसी तरह की समस्या उत्पन्न न हो तथा आम जनमानस उक्त अधिनियम से सम्बन्धित तथ्यों से अवगत हो इसी उद्देष्य से आज का कार्यशाला किया गया।

      

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर ने बताया कि मोटर दुर्घटना संशोधित नियमावली 2022 के कई प्रावधान से आम जन मानस अवगत नहीं है तथा उन्हें इसकी अपेक्षित लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है और इस जागरूकता सह कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यही है कि पैनल अधिवक्ता और मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित अधिवक्ता अगर संशोधित नियमावली से अवगत होंगे तो इसका सीधा लाभ पक्षकारो को प्राप्त होगा। 

कहा कि अभी लोगो में यह भ्रम की स्थिति है कि मोटर दुर्घटना सम्बन्धित वाद न्यायालय में नहीं दाखिल की जा सकती है परन्तु संदीप राज बनाम बिहार सरकार के मामले में माननीय पटना उच्च न्यायालय ने यह व्यवस्था दिया है कि उक्त वाद न्यायालय में दाखिल किये जायेंगें। सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि पहले मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित वाद दाखिल करने हेतु समय सीमा निर्धारित नहीं थी परन्तु अब परिस्थिति बदल गयी है अब समय सीमा का निर्धारण कर दिया गया हैं। 

मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित वाद लाने हेतु समय सीमा घटना तिथि से छः माह है तथा उनके द्वारा यह बताया गया कि वाद को 12 महीने के अन्दर निष्पादित कर देना है साथ ही सचिव ने यह भी बताया कि नियमावली में कई प्रारूप दिये गये हैं जो अनुसंधानकर्ता, पीड़ित, चालक, वाहन मालिक, इन्षुरेंन्स कम्पनी को निर्धारित समयानुसार प्रारूप में दिये गये सूचनाओं के प्रपत्र को भरना है। इसके साथ-साथ उनके द्वारा कई अन्य विन्दुओं और मोटर दुर्घटना संषोधित नियमावली, के कानूनी पहलुओं पर जानकारी उपलब्ध करायी गयी| जिसका लाभ निश्चित रूप से पी़डित को प्राप्त होगी। 

उनके द्वारा उपस्थित लोगो से यह अपील किया गया कि आपको उपलब्ध कराये गये जानकारी को अधिक से अधिक लोगो तक पहुचाये जिससे कि पीड़ित को समय पर आर्थिक सहायता प्राप्त हो सके तथा तकनीकी कारणों के कारण वे इसका लाभ उठाने से वंचित न हो सके। उनके द्वारा यह भी बतया गया की अगर किसी दुर्घटना में गाडी के बारे में जानकारी नही प्राप्त नही हो सका जिसे हीट एंड रन मामले कहते है में मृतक के पीड़ित को 2.5 लाख और जख्मी को 50 हजार मिलने का प्रावधान है|

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

गिरफ्तारी के बाद जेल में शराबी को नही मिल पा रही थी शराब, अल्कोहल विड्रावल सिंड्रोम की थी शिकायत, तबीयत बिगड़ी तो हो गई मौत


औरंगाबाद : जिले के दाउदनगर अनुमंडल अस्पताल में इलाजरत एक कैदी की शुक्रवार को दोपहर में मौत हो गई। मृतक अमित सिंह(33) कुटुंबा थाना क्षेत्र के बसडीहा गांव का निवासी था। बताया जाता है कि अमित को कुटुम्बा थाना की पुलिस ने शराब पीने के मामले में 10 जुलाई को गिरफ्तार किया था। इसी दिन शाम में न्यायिक अभिरक्षा में उसे औरंगाबाद मंडल कारा भेजा गया था। बाद में उसे वहां से दाउदनगर उप मंडल कारा भेजा गया था। 

दाउदनगर उप मंडल कारा में ही उसकी तबीयत गुरूवार को खराब हो गई। इसके बाद उसे इलाज के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल लाया गया। इलाज के बाद तबीयत में सुधार होने पर उसे गुरुवार की रात ही औरंगाबाद से दाउदनगर अनुमंडल अस्पताल भेज दिया गया। दाउदनगर अनुमंडल अस्पताल में वह कैदी वार्ड में भर्ती था। उसका इलाज चल रहा था। इसके बाद शुक्रवार को फिर अचानक से उसकी तबीयत बिगड़ गई। इसी दौरान उसकी मौत हो गई और अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद अस्पताल ने दाउदनगर पुलिस और औरंगाबाद मंडल कारा को इसकी सूचना दी। 

दाउदनगर थाना के सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार अनुमंडल अस्पताल पहुंचे। मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल लाया। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. राजेश कुमार सिंह ने बताया कि मरीज को अल्कोहल विड्रावल सिंड्रोम की समस्या थी। 

उन्होंने बताया कि यह वह सिंड्रोम है, जिसमें शराबी शराब के बिना चैन से नही रह सकता। शराब नही पीने से उसे घुटन महसूस होती है। उसे भी सांस लेने में समस्या आ रही थी। मेडिकल बोर्ड ने उसे गुरुवार को ही मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल, गया रेफर कर दिया था। बाद में अचानक उसकी तबीयत बिगड़ने पर इलाज किया गया लेकिन उसकी मौत हो गई।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

लाठी चार्ज और बीजेपी नेता की मौत के विरोध में बीजेपी ओबीसी मोर्चा ने फूंका सीएम और डिप्टी सीएम का पुतला

मुजफ्फरपुर : आज बिहार के मुजफ्फरपुर शहर स्थित अघोरिया बाजार चौक पर भाजपा ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष विकास गुप्ता "आदित्य" की अध्यक्षता में, कार्यकर्ताओं द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का पुतला दहन किया गया। 

ज्ञात हो कि बीते गुरुवार क विधानसभा मार्च के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव एवं पुलिस बल द्वारा किए गए शर्मनाक एवं बर्बरतापूर्ण व्यवहार से बीजेपी कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है। आज भाजपा पूरे प्रदेश में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के ऐसे कुकृत्य के विरोध में काला दिवस मना रही है। मोर्चे के सभी कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय लोगों ने नीतीश कुमार एवं तेजस्वी यादव के पुतले पर जूते चप्पल की बौछार कर अपना आक्रोश व्यक्त किया। 

भाजपा ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष विकास गुप्ता "आदित्य" ने कहा कि भाजपा के शांतिपूर्ण विधानसभा मार्च पर जिस प्रकार दोनों चाचा भतीजा ने मिलकर अपनी बर्बरता और तानाशाही का परिचय दिया है, इससे भाजपा चुप नहीं बैठेगी। आने वाले समय में इससे भी ज्यादा उग्र आंदोलन होगा और पलटू राम नीतीश कुमार एवं फेलस्वी यादव को सत्ता क्या बिहार से बाहर का रास्ता दिखाया जायेगा। गद्दी पर बैठकर भ्रष्टाचार और कुशासन का जो खेल नीतीश सरकार खेल रही है वो खेल अब और नहीं बर्दाश्त किया जायेगा। 

मौके पर भाजपा नेता अनिल कुमार, आकाश पटेल, विकास कुमार, राकेश रंजन, रामू गुप्ता, संतोष साहेब, दिनेश चौधरी, चुन्नू रजक, शैलेंद्र कुमार सिंह, छोटू दास, विक्की, अजय कुमार, राम शर्मा, लक्ष्मण कुमार, दिनेक कुमार, रोहित कुमार, आनंद सिंह, मनीष कपूर, सुबोध कुमार एवं दर्जनों आम नागरिक इत्यादि उपस्थित थे।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

पूर्व मुखिया बृजमोहन मेहता का बढ़ा कद, जदयू किसान प्रकोष्ठ एवम सहकारिता प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष नियुक्त

औरंगाबाद : बिहार प्रदेश जनता दल यूनाइटेड ने किसान एवं सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश भर में पदाधिकारी नियुक्त किया है। प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार जो कि बाढ़ विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के प्रत्याशी भी रहे हैं, ने 33 जिला संगठन में किसान एवं सहकारिता प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष की घोषणा की है। 

मनोज कुमार ने जिलाध्यक्षों की सूची जारी करते हुए बताया कि इस सूची में समाज के सभी वर्गों के लोगों को प्रतिनिधित्व दी गयी है। साथ ही सभी मनोनित जिलाध्यक्षों को 15 दिनों के अंदर जिला कार्यकारिणी एवं प्रखंडों में अध्यक्ष मनोनीत करने का निर्देश दिया गया है।

औरंगाबाद जदयू मुख्य प्रवक्ता राजीव रंजन उर्फ राजा बाबू ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर जिलाध्यक्ष पार्टी के मूल संगठन के साथ मिलकर कार्य करेंगे। वे मूल संगठन के जिलाध्यक्ष के साथ समन्वय स्थापित कर किसान और सहकारिता प्रकोष्ठ संगठन को पंचायत और बूथ स्तर पर मजबूती प्रदान करने में अपना भूमिका अदा करेंगे।  

जदयू मुख्य प्रवक्ता राजा बाबू ने बताया है कि प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार ने नव-नियुक्त सभी जिलाध्यक्षों को बधाई और शुभकामनायें दी है और बेहतर भविष्य की कामना की है।

वहीं पूर्व विधायक रफीगंज और जदयू मुख्य संगठन के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह, पूर्व विधायक नबीनगर वीरेंद्र कुमार सिंह, जदयू मुख्य प्रवक्ता औरंगाबाद राजीव रंजन सिंह उर्फ राजा बाबू, जदयू जिला उपाध्यक्ष पप्पू ज्वाला सिंह, जदयू जिला उपाध्यक्ष महावीर मेहता और जदयू महासचिव नागेंद्र सिंह, जिला महासचिव संजय राणा सिंह, जिला सचिव चिंटू सिंह, टिंकू सिंह, औरंगाबाद प्रखंड अध्यक्ष राकेश सिंह , रिंकू सिंह , ओंकार नाथ सिंह , सत्येंद्र चंद्रवंशी , रामानुज सिंह , सुरेंद्र सिंह, कमलेश कुमार सिंह , उदय सिंह , अनिल मेहता , सुनील वर्मा ने बधाई प्रेषित की है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

भूमि विवाद में पुलिस ने नही किया सहयोग तो पूर्व विधायक के पोते ने खाया जहर, गंभीर हालत में बेहरतर इलाज के लिए रेफर

औरंगाबाद : भूमि विवाद का समाधान किये जाने के बजाय विवादित जमीन पर पुलिस द्वारा कब्जा दिलाने की कार्रवाई से क्षुब्ध होकर पूर्व विधायक के पोते द्वारा आत्महत्या का प्रयास किये जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। मामला औरंगाबाद मुफ्फस्सिल थाना क्षेत्र के सैनिक चतरा गांव का है। 

बताया जाता है कि भ-माफिया द्वारा पुलिस के सहयोग जमीन पर कब्जा किया जा रहा था। इस जमीन पर पूर्व विधायक स्व. रामनरेश सिंह सैनिक के पौत्र व स्व. जितेंद्र यादव के पुत्र सुशील यादव(30) अपना हक जताते हुए जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे लेकिन जब कही से कोई सहयोग नहीं मिला तो उसका धैर्य जवाब दे गया। उसने अजीज हो जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने की कोशिश कर डाली। 

युवक द्वारा जहर खाने के बाद परिजन आनन-फानन में उसे लेकर इलाज के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल पहुंचे, जहां प्रारंभिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल, गया रेफर कर दिया। 

इलाज के दौरान सुशील ने बताया कि भू-माफियाओं द्वारा उसकी जमीन का फर्जी तरीके से कागज बना लिया गया। उस कागज को औरंगाबाद के अंचलाधिकारी द्वारा भी सत्य करार दे दिया गया। इसी आधार पर पुलिस की मिलीभगत से भू -माफिया द्वारा जमीन पर कब्जा किया जा रहा था। इसे लेकर उसने दो बार एसपी को भी कारवाई के लिए आवेदन भी दिया लेकिन कोई कारवाई नहीं हुई। आज उस जमीन पर पुलिस की मौजूदगी में नापी कराकर पाइलिंग कराई जा रही थी। इस दौरान सुशील ने आपत्ति जताई लेकिन वहां मौजूद पुलिस अधिकारी ने उसकी एक नही सुनी। 

सुशील ने इसकी जानकारी देने के लिए एसपी को कई बार कॉल किया, लेकिन कॉल नहीं उठा तो उसका धैर्य जवाब दे दिया और उसने जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने की कोशिश की। 

परिजनों का कहना है कि बिना दंडाधिकारी एवं पुलिस बल की मौजूदगी में कैसे जमीन को कब्जा कराने की कोशिश की गई। परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है। इलाज के दौरान सुशील ने बताया कि इस मामले में उसी पर छेड़खानी का आरोप लगाकर फर्जी मुकदमा कर दिया गया। 

इस मामले में पुलिस अधीक्षक स्वपना गौतम मेश्राम ने कहा कि मामले को संज्ञान में लेकर जांच की जाएगी और कार्रवाई होगी।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

पैर फिसलने से सोन नदी में गिरा किशोर, डूबने से गई जान

औरंगाबाद : जिले में आज बुधवार को पैर फिसलने से एक बच्चा सोन नदी में गिर गया। जिसके कारण डूब कर उसकी मौत हो गई। घटना बड़ेम ओपी थाना क्षेत्र के ओबीपुर बधार स्थित सोन नदी की है। मृतक 4 वर्षीय किशोर करन कुमार बड़ेम ओपी थाना क्षेत्र के ओबीपुर गांव निवासी सूर्या कुमार राजबन्सी का बेटा था।

जानकारी के अनुसार वह अपनी दादी के साथ खेत पर काम कर रहे पिता व दादा को खाना पहुंचाने गया था। खेत पर काम कर रहे पिता व दादा के पास खाना रखने के बाद वह अपनी दादी के साथ सोन नदी पानी लाने चला गया। इसी दौरान बच्चे का पैर फिसल गया। जिसके कारण वह नदी में गिर गया। 

यह देख उसकी दादी ने शोर मचाया। शोर सुनकर खेत में काम कर रहे बच्चे के पिता व दादा दौड़कर मौके पर पहुंचे और बच्चे को बचाने के लिए नदी में छलांग लगाया। जब तक उसे निकाला जाता, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

आपदा राहत के तहत मुआवजा की मांग

घटना के बाद इसकी सूचना बड़ेम ओपी पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही बड़ेम ओपी अध्यक्ष धनन्जय कुमार सिंह ने शव को अपनी कब्जे में लेकर कागजी प्रक्रिया पूरी कर पोस्टमार्टम के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल भेज दिया। जहां से पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। 

घटना के बाद से परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने आपदा राहत के तहत मुआवजा की मांग की है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

बड़ों के बीच के विवाद का बच्चों ने लिया बदला, एक ने अपने ही चचेरे भाइयों को प्लानिंग के तहत चाकू से वार कर करवाया घायल

औरंगाबाद : अभीतक तो हम सुनते और देखते आए हैं कि बच्चों की लड़ाई में बड़े भिड़े और जमकर मारपीट होती थी।लेकिन मंगलवार की शाम औरंगाबाद में एक अजीब मामला आया। जहां बड़ों के बीच के विवाद का बदला बच्चो ने ले लिया और दूसरे बच्चे के द्वारा चाकू से अपने ही चचेरे भाई को घायल करवा दिया।

खुदवां थाना क्षेत्र के लहसा गांव में मंगलवार की शाम बड़ों की आपसी विवाद का बदला बच्चो ने खेल खेल में ले लिया और अपने ही एक चचेरे भाई को चाकू से तथा दूसरे की डंडे से पिटाई कर घायल करवा दिया। आनन फानन परिजनों द्वारा दोनो बच्चो को इलाज के लिए रात्रि साढ़े आठ बजे सदर अस्पताल लाया। जहां दोनो का इलाज किया गया।

सदर अस्पताल में अपने बच्चो का इलाज करा रहे रितेश कुमार ने बताया कि उनका विवाद भाई के साथ चल रहा है और उसी विवाद के तहत आज खेल खेल में भाई के बच्चे मेरे बच्चों के साथ खेल खेल में एक प्लानिंग के तहत बेवजह झगड़ गए और इस मामले को एक भतीजे न गांव के बच्चे को उकसा दिया।

फिर क्या था बच्चे ने चाकू निकाली और मेरे बड़े बेटे 12 वर्षीय प्रियांशु कुमार को पेट में घुसेड़ दिया और छोटे बेटे 10 वर्षीय हिमांशु कुमार को पीट पीटकर घायल कर दिया। सदर अस्पताल में इलाज के बाद चिकित्सकों के बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया है। 

रितेश ने बताया कि वे मरवतपर विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं।उन्होंने पुलिस प्रशासन से कारवाई की मांग की हैं।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

सावन की पहली सोमवारी पर बिहार के देवघर देवकुंड धाम में उमड़ा शिवभक्तों का सैलाब

औरंगाबाद: सावन की पहली सोमवारी पर बिहार का देवघर कहे जानेवाले बाबा दुधेश्वरनाथ की नगरी औरंगाबाद के गोह प्रखंड के देवकुंड धाम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। अहले सुबह से देर शाम तक शिव भक्ताें ने हर-हर महादेव का जयघोष करते हुए बाबा दूधेश्वरनाथ पर जल अर्पित किया। 

पहली सोमवारी पर बाबा दुधेश्वरनाथ का जलाभिषेक करने के लिए रविवार की रात से ही मंदिर परिसर में दूरदराज के इलाकों से श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था।श्रद्धालुओं के दर्शन से पहले मंदिर के गर्भ गृह में च्यवनाश्रम मठ के मठाधीश कन्हैयानंद पुरी के नेतृत्व में बाबा दुधेश्वरनाथ का श्रृंगार, पूजन एवं अभिषेक किया गया। वहीं लगभग पौने चार बजे मंदिर का कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मंदिर के खोल दिया गया।

 सबसे पहले कांवरियों व डाक बम को दर्शन कराया गया। इसके बाद स्थानीय लोगों को दर्शन करने का मौका दिया गया। इस दौरान पटना के गायघाट और पुनपुन से जल लेकर प्रथम सोमवारी को बाबा दुधेश्वरनाथ को जल अर्पित करने आएं हजारों कांवरियों ने बाबा का जलाभिषेक किया। 

श्रीराम द्वारा स्थापित नीलम के शिवलिंग के रूप में विराजे है बाबा दुधेश्वरनाथ

देवकुंड में बाबा दुधेश्वरनाथ मंदिर में शिव लिंग मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम द्वारा स्थापित है, जो नीलम पत्थर का है। यह शिवलिंग देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा द्वारा निर्मित मंदिर में विराजमान है।यहां सावन मास में पटना के गायघाट से गंगाजल लेकर पैदल 112 किलोमीटर की यात्रा कर जलाभिषेक करने की परंपरा है।

 बिहार के बंटवारे के बाद देवघर के झारखंड राज्य में चले जाने के बाद यह स्थल बिहार के देवघर के नाम से मशहूर हो गया है।

महिला व पुरूष श्रद्धालुओं के लिए कराई गई है बैरिकेटिंग-

मंदिर के गर्भगृह में दर्शन को लेकर स्थानीय प्रशासन व मंदिर कमेटी के द्वारा व्यवस्थाएं भी की गई है।

 भीड़ के कारण किसी तरह की अव्यस्था का माहौल उत्पन्न नही हो, इसको लेकर पुरूष व महिला श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग बैरिकेटिंग कराई गई है। पहले दिन सोमवार को श्रद्धालुओं को जलाभिषेक के लिए ज्यादा देर तक लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार नहीं करना पड़ा। वहीं दर्शन-पूजन का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। 

देवकुंड थानाध्यक्ष शिशुपाल कुमार सहित सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी, सैकड़ों महिला-पुरूष बल के साथ अभाविप के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य गौरव मिश्रा, संजय कुमार, सुमित मिश्रा, विकास कुशवाहा के साथ दर्जनों कार्यकर्ता मेला में डटे हुए दिखें।

नल जल योजना से पानी नही मिलने की शिकायत करने गई थी महिला, मुखिया के बेटे ने किया दुष्कर्म, प्राथमिकी दर्ज

   

 बिहार के औरंगाबाद जिले के उपहारा थाना क्षेत्र में एक शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। नल जल योजना से घर में पानी की आपूर्ति में गड़बड़ी आने की शिकायत लेकर गई महिला के साथ मुखिया के पुत्र ने घर में अकेला पाकर जबरन दुष्कर्म किया है हद तो यह हैं

कि जब पीड़िता ने अपने गांव आकर कई लोगों आपबीती बताई और जब इसकी जानकारी मुखिया पुत्र को हुई तो अपने सहयोगियों के साथ पीड़िता के घर पर आ धमका और केस नही करने की धमकी भी दी।साथ ही गाली गलौज भी किया। मामले में

पीड़िता ने स्थानीय थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।

मामले में थानाध्यक्ष ने प्राथमिकी दर्ज करते हुए पीड़िता का न्यायालय में बयान दर्ज कराया है। वही थाना के दिये आवेदन में पीड़िता ने कहा है कि वह नल जल के कनेक्शन को लेकर मुखिया के घर गई थी। उस समय मुखिया संतपिया कुंवर घर मे नही थी।

वहां मौजूद मुखिया पुत्र जयशंकर पासवान ने काम हो जाने की बात कह घर में चौकी पर बैठाया और अश्लील बातें करने लगा। जब महिला ने विरोध किया तो आरोप हैं कि मुखिया पुत्र ने जबरन दुष्कर्म किया।

मामले में थानाध्यक्ष आनंद कुमार गुप्ता ने बताया कि पीड़िता की लिखित शिकायत पर कांड संख्या 61/23 दर्ज किया गया है।

मामले में तेयाप पंचायत के मुखिया पुत्र जयशंकर पासवान को आरोपी बनाया गया है। मामले की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस मामले के अनुसंधान में जुटी

पूर्व में भी हुआ था मुखिया के बेटे का महिला से अश्लील बात करने का ऑडियो वायरल

मुखिया के इसी बेटे का पूर्व में एक महिला से अश्लील बात करने का ऑडियो वायरल हुआ था, जिसे इलाके में लोगो ने मजे लेकर सुना था।

उस वक्त यह मामला भी बहुत चर्चा में आया था लेकिन पीड़िता द्वारा शिकायत दर्ज नहीं कराये जाने से मामला गतालखाते में पड़ गया था।है।

औरंगाबाद: प्रभारी प्रधान दंडाधिकारी ने प्लेस आॉफ सेफ्टी बभंडी और मंडल कारा का किया निरीक्षण

औरंगाबाद: आज़ किशोर न्याय परिषद औरंगाबाद के प्रभारी प्रधान दंडाधिकारी युगेश कुमार मिश्रा ने प्लेस आॉफ सेफ्टी बभंडी और मंडल कारा औरंगाबाद का अपने टीम के साथ औचक निरीक्षण किया, पैनल अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि जिले में कुछ दिनों से काफी बर्षा हो रही है जिसके मद्देनजर दोनों जगह के अधिकारियों को जलजमाव और वर्षा जनित समस्या तथा रोगो से रोकथाम के उपाय पर सतर्कता बरतने का आदेश दिया गया।

तथा दोनों जगह घुमकर प्लेस आॉफ सेफ्टी में किशोर और मंडल कारा में कैदीयों से हालचाल तथा उनके वाद स्थिति की जानकारी ली गई,मंडल कारा औरंगाबाद में 19 कैदी को प्रथम दृष्टया किशोर पाया गया जिसे जांच कर पर्यवेक्षण गृह गया में भेजने का आदेश मंडल कारा अधीक्षक सुजीत झा औरंगाबाद को दिया गया है और बाकी सब संतोषजनक पाया गया है।

इस अवसर पर किशोर न्याय परिषद औरंगाबाद के सदस्य अरूण कुमार सिंह और संजू कुमारी उपस्थित थीं।