जदयू और राजद के बीच चल रहे टकराव की भेंट चढेगी प्रदेश की महागठबंधन सरकार : नितिन नवीन
मुजफ्फरपुर : बिहार मे जब से शिक्षा मंत्री और उनके विभाग के अपर प्रधान सचिव के बीच ठनी है तब से सत्ताधारी दल जदयू और राजद नेताओ के बीच बयानबाजी का दौर जारी है।
इधर दोनो दलों के बीच चल रहे बयानबाजी पर प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल बीजेपी की ओर से बड़ा बयान जारी किया गया है।
बिहार के पूर्व मंत्री व बीजेपी विधायक नेता नितिन नवीन ने कहा है कि महागठबंधन के सरकार का जल्द ही अंत होनेवाला है।
मुजफ्फरपुर पहुंचे नितिन नवीन ने कहा कि JDU और RJD दोनों के अंदर की लड़ाई बाहर आ गयी है। जिसका नतीजा है कि JDU और RJD के नेता विधायक एक दूसरे पर टीका टिपण्णी जमकर कर रहे है और उसी का बलि यह महागठबंधन की सरकार चढ़ जाएगी।
अब ज्यादा दिनों का मेहमान नही है बिहार सरकार।
मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी
मुजफ्फरपुर: अंतर विद्यालय सह जिलास्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
मुजफ्फरपुर: अंतर विद्यालय सह जिलास्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन शनिवार को मारवाड़ी व्यामशाला में आयोजित किया गया.
जिसमें 14 विद्यालयों के 354 खिलाड़ियों ने भाग लिया. इतनी बड़ी संख्या में आज से पहले मुजफ्फरपुर में कोई भी कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन नहीं हुआ था. जानकारी देते हुए कुश्ती संघ के जिला महासचिव तिल मोहन झा ने बताया की सफलता पूर्वक इस प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया.
जिसमें सभी खिलाड़ियों ने बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया और बहुत अच्छे तरीके से इस खेल को खेला. सभी विजेता खिलाड़ियों को मेडल और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया. उन्होंने कहा कि आगे भी हमारा प्रयास रहेगा कि इस तरह के प्रतियोगिता का आयोजन हर वर्ष कराया जाए।
स्मार्ट सिटी मुजफ्फरपुर में अंग्रेजी नाम पटल लगाने के विरोध में कई संगठनों ने खुदीराम बोस स्मारक स्थल पर किया धरना प्रदर्शन
मुजफ्फरपुर: स्मार्ट सिटी मुजफ्फरपुर के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और मुख्य मार्ग की फेशियल एकरूपता के नाम पर अंग्रेजी नाम पटल लगाने के विरोध में साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक कई संगठनों ने खुदीराम बोस स्मारक स्थल पर धरना प्रदर्शन किया।
विरोध करते हुए स्मार्ट सिटी और नगर निगम की कार्यप्रणाली तथा भ्रष्टाचार को लेकर भी कई सवाल खड़े किए गए। सुविधा के नाम पर न तो पार्किंग है, न जलजमाव से मुक्ति है, न कहीं शौचालय और महिलाओं के लिए भी कोई व्यवस्था है। हर दिन भीषण जाम के शिकार होते हुए नगरवासी जैसे तैसे अपनी जीवन चर्या संपन्न करते हैं।
काले रंग की पृष्ठभूमि पर उजले अंग्रेजी अक्षरों में नाम पटल दुकान पर लगा देना कहीं न कहीं से अंग्रेजियत की गुलाम मानसिकता का प्रतीक है। यह हिंदी की उपेक्षा तथा अपमान है जिसकी पुरजोर भर्त्सना और निंदा करते हुए तमाम संगठन के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में कहा कि अगर हमारी आवाज नगर निगम प्रशासन द्वारा नहीं सुनी जाती है तो हम सरकार के विरोध में भी मोर्चा खोलेंगे और आंदोलन को तेज करेंगे।
इस क्रम में वक्ताओं ने कहा कि जिस हिंदी भाषा के माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई हुई थी और आज वह हमारी मातृ भाषा, राजभाषा तथा जन मान्यता में राष्ट्रभाषा है और अब तो यह विश्व भाषा के रूप में पूरे संसार में सम्मानित है, फिर भी हिंदी के गढ़ मुजफ्फरपुर में हिंदी की उपेक्षा बहुत ही दुखद है और इसके लिए हर स्तर पर विरोध करने के लिए नगरवासी संकल्पित हैं।
मुजफ्फरपुर एक जनपदीय शहर है जिसके आसपास काफी ग्रामीण क्षेत्र हैं और वहां के लोग आज भी अंग्रेजी नहीं जानते हैं। हिंदी लगभग सब जानते हैं ।अंग्रेजी नाम पटल होने के कारण उनकी परेशानियों का तनिक भी ध्यान नहीं रखा गया ,यह एक तरह से चाहे जिसके द्वारा यह कार्य संपन्न कराया जा रहा है यह रवैया उचित नहीं है। स्मार्ट सिटी का यह कृत्य घोर निंदनीय है।
अपने अध्यक्षीय उद्गार में डॉ संजय पंकज ने कहा कि मुजफ्फरपुर खड़ी बोली हिंदी का प्रवर्तक शहर है। यहां के साहित्यकार, संस्कृति कर्मी और स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वाले महान स्वतंत्रता सेनानियों ने हिंदी को ही संघर्ष का और अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ का साधन बनाया था। देश को एक सूत्र में बांधने का काम हिंदी ने किया।
उसी हिंदी को बिहार की अघोषित सांस्कृतिक राजधानी में उपेक्षित कर देना आखिर किस मानसिकता का परिचायक है। हमारी आवाज जब तक नहीं सुनी जाती है हम आंदोलन को तेज करेंगे और चरण बद्ध धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।
धरना प्रदर्शन को अपना समर्थन देने के लिए उपस्थित होने वालों में बिहार सरकार के पूर्व नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा, अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा, मधुमंगल ठाकुर,समाज सेवी संजीव साहु, रघुनंदन प्रसाद सिंह उर्फ अमर बाबू, डॉ कुमार विरल, अन्नू सिंह, अजय सिंह, रामप्रवेश सिंह, प्रेम कुमार वर्मा, महेश सिंह, मनोज सिंह,सुमन वृक्ष, प्रमोद आजाद, यशवंत पाराशर, मुकेश त्रिपाठी, डॉ उषा किरण, डॉ पुष्पा गुप्ता, सोनू सिंह, आलोक कुमार अभिषेक, डॉ राकेश कुमार मिश्र, दीनबंधु, सोनू पांडेय आदि प्रमुख थे।
संस्थाओं के अंतर्गत जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन, नवसंचेतन, मिशन भारती, बिहार गुरु, मुजफ्फरपुर सांस्कृतिक मंच, संस्कृति संगम, रंग लोक, बज्जिका विकास मंच जैसी निरंतर सक्रिय महत्वपूर्ण संस्थाएं सहभागी रहीं और सब ने एक स्वर में चरणबद्ध आंदोलन का संकल्प लिया। इस धरना प्रदर्शन का जोरदार तथा धारदार संचालन संस्कृति कर्मी सोनू सिंह ने किया।
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच विवाद पर क्या बोले प्रशांत किशोर
समस्तीपुर: बिहार का शिक्षा विभाग इन दिनों सुर्खियों में है। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच विवाद है। मामले में जन सुराज के सूत्रधार ने नीतीश सरकार को घेरे में लेते हुए कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त है। बिहार में जब शिक्षा को लेकर नए-नए परिवर्तन होंगे, तो उथल-पुथल होना तय है। शिक्षा मंत्री और केके पाठक के बीच क्या हो रहा है, ये महत्वपूर्ण नहीं है। वर्तमान सरकार ने डोमिसाइल के नियम को बदला है, इससे बिहार के युवाओं को मौका नहीं मिलेगा और उनके साथ अन्याय होगा। UP, मध्य प्रदेश और दूसरे राज्य के लोग बिहार में आकर नौकरी करेंगे और बिहार के लोग दूसरे राज्यों में जाकर फैक्ट्री में मजदूरी करेंगे।
नीतीश कुमार की सरकार के शासन को शिक्षा व्यवस्था को काला अध्याय कहा जाएगा: प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश सरकार में ध्वस्त हुई शिक्षा व्यवस्था को आने वाले दिनों में काला अध्याय कहा जाएगा। सड़कें खराब हों, तो अगली सरकार बना सकती है, बाढ़ आएगी तो जल प्रबंधन की उचित व्यवस्था कर समस्या खत्म की जा सकती है। लेकिन खराब शिक्षा व्यवस्था के कारण 2 पीढ़ियां जो पढ़कर निकली हैं, उनका भविष्य सुधरने वाला नहीं है। उनकी पूरी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। उन्हें हमेशा पढ़े-लिखे लोगों के नीचे ही काम करना होगा।
शिक्षा व्यवस्था पर सरकार खर्च करती है 40 हजार करोड़ रुपए: प्रशांत किशोर
बकौल प्रशांत, बिहार सरकार 40 हजार करोड़ रुपए शिक्षा व्यवस्था पर खर्च करती है। अपर मुख्य सचिव को जो कहना है कह लें, शिक्षा मंत्री को जो कहना है कह लें, लेकिन शिक्षा व्यवस्था सुधरती नहीं दिख रही है। किसी का भी ध्यान शिक्षा को सुधारने पर नहीं है। दोनों ही अपनी बात मनवाने पर लगे हैं कि मेरी बात मान ली जाए। इसमें नुकसान बिहार के बच्चों का है, अध्यपकों का है, स्कूल प्रबंधन का है।
मुजफ्फरपुर में आर्मी जवान की हैवानियत : अवैध संबंध का विरोध करने पर पत्नी और बच्चों को जिंदा जलाया
मुजफ्फरपुर: जिले से एक हैवानियत की सारी हदों को पार कर देने वाली घटना सामने आई है।
जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र के बड़ा जगन्नाथ इलाके में आर्मी जवान ने पत्नी और अपने दो बच्चों को पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जला दिया। ।दिल दहला देने वाले हादसे में पत्नी और दो माह के बेटे की मौत हो गई। वही आठ साल की बेटी झुलस गई।वारदात को अंजाम देने के बाद आर्मी जवान मौके से फरार हो गया।
आरोपी जवान हिमांशु राजस्थान के जोधपुर में तैनात है । मंगलवार को छुट्टी पर घर आया था । पत्नी के रहते हुए वह अपनी गर्लफ्रेंड से शादी करना चाहता था ।
बुधवार को आर्मी जवान अपनी गर्लफ्रेंड को घर पर बुला लिया । पत्नी इसका विरोध कर रही थी । इससे गुस्साए हिमांशु ने बुधवार की रात पत्नी और 2 महीने के बेटे को जिंदा जला दिया ।
सूचना मिलने के बाद पत्नी के मायके वाले ससुराल पहुंचकर दोनों को अस्पताल पहुंचाया , जहां इलाज के दौरान मां - बेटे की मौत हो गई
हिमांशु और सोनल प्रिया की शादी 2013 में हुई थी । जब शादी हुई तब हिमांशु बेरोजगार था । शादी के बाद उसकी सेना में नौकरी लगी । वह राजस्थान के जोधपुर में कार्यरत है ।
भाई ने आरोप लगाते हुए बताया कि नौकरी लगने के बाद हिमांशु दहेज में 10 लाख रुपए मांगने लगा । वह अक्सर सोनल के साथ मारपीट भी करता था । इधर , दो साल से उसका एक बैंक में कार्यरत शिवानी से प्रेम प्रसंग चल रहा है । लड़की जिले के देवरिया थाना क्षेत्र की रहने वाली है । नगर थाना क्षेत्र के सूतापट्टी स्थित एक बैंक में कार्यरत है । वह उससे शादी करना चाहता है । इसका विरोध बहन करती थी ।
वही नगर डीएसपी राघव दयाल ने बताया की मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही है।
मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बिहार में बढ़ते अपराध, भ्रष्टाचार और सरकार की विफलताओं पर नीतीश सरकार पर साधा निशाना ।
माo केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय जी का अगामी 13 जुलाई को विधानसभा मार्च पर प्रेस वार्ता
उन्होंने कहा कि 15 वर्ष सत्ता में रहते जो लोग भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे थे आज सुशासन का राग अलापने वाले उनकी गोद में खेल रहे हैं।
बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह से फेल है अपराधी मौत की तारीख तय कर रहे हैं। कब कहां किसे शूट कर दें, कोई भरोसा नहीं। कोई पुरानी अदावत में जान गंवा रहा है तो कोई अपराध का विरोध करने पर मार दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हत्या, लूट और दुष्कर्म की घटनाओं से बिहार के लोग त्रस्त हैं। कहा कि अगस्त 2022 में नीतिश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार बिहार में बनी, तबसे लेकर आज तक 4800 से उपर अपराध की घटनाएं बिहार में हुई हैं। इनमें से हत्या, दुष्कर्म, अपहरण तथा हत्या के प्रयास के मामले हैं।
उन्होने स्पष्ट लहजे में भ्रष्टाचार में मुख्यमंत्री की संलिप्तता और महागठबंधन को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि राज्य सरकार की नीति भ्रष्टचारियों को प्रोत्साहित करने की है। इन सभी मुद्दों को लेकर सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सुल्तानगंज में 1710 करोड़ की लागत से बन रहा पुल पानी में बह गया।
कहा कि भाजपा अब बिहार सरकार से 10 लाख लोगों को नौकरी देने के मामले में जवाब मांगेगी तथा सरकार से यह भी पूछेगी- नौकरी आखिर कब देगी। इस मार्च से सरकार से सीटीईटी, एसटीईटी पास अभ्यर्थियों को बिना परीक्षा लिए नियुक्ति करने और नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने की मांग, वित्त रहित महाविद्यालयों को राशि भुगतान करने की भी मांग की जाएगी।
प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से
सांसद अजय निषाद, पूर्व मंत्री रामसूरत राय, अजीत कुमार, विधायक अरूण सिंह, प्रदेश महामंत्री बेबी कुमारी, जिला महामंत्री सचिन कुमार, धर्मेंद्र साहू, प्रभु कुशवाहा, जिला उपाध्यक्ष रागिनी रानी, अंकज कुमार, रामनरेश मालाकार, जिला मंत्री धनंजय झा, नंदकिशोर पासवान, मोर्चा अध्यक्ष भारत रत्न यादव, विजय पांडेय, राशि खत्री, फेकू राम, विकाश गुप्ता, मोर्चा प्रभारी रविरंजन शुक्ला, देवांशू किशोर, जिला मीडिया प्रभारी आशीष श्रीवास्तव सहित सत्यप्रकाश भारद्वाज, आदित्य कश्यप, उत्कर्ष दीक्षित, अमित राठौर, शांतनु शेखर, मुकुल सिंह, चंदन यादव, श्लोक, अभिमन्यु तिवारी आदि उपस्थित थे।
मुज़फ़्फ़रपुर पहुंचे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, कहा महागठबंधन में भ्रष्टाचारियों
परिवार वादियों और घोटाले बाजों के साथ साथ अपराध को संरक्षण देने वालो की जामाता हैं।
2024 में फिर से कमल खिलना तय हैं बिहार की 40 सो लोकसभा सीट पर एनडीए की जीत सुनिश्चित है. विपक्ष एक तरफ एकजुट होकर मंच पर इकट्ठा हो रहा हैं,
और नरेंद्र मोदी को 2024 में प्रधानमंत्री बनाने के लिए जनता एकतरफ़ इकट्ठा हो गई हैं.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के साथ गठबंधन करके फस गए हैं, बिहार मे राज्य सरकार की विकास का गति एकदम ठप हो गया हैं.
जो भी विकास कार्य प्रदेश में चल रही हैं, वह सभी केंद्र सरकार के द्वारा चलाई जा रही हैं... बिहार मे 10 लाख नौकरी देने की वादा करने vali सरकार अपने वादों से पिछे हट गई हैं... शिक्षक बहाली में बिहार के लोगों को पहली प्राथमिकता मिलनी चाहिए क्युकी यहां इसकी जरूरत सबसे अधिक है...
बिहार के नौजवानों को रोजगार मिले यह भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिकता हैं.. उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता से कोई फर्क नहीं परने वाला हैं....
Jul 09 2023, 16:49