#democracy_killed_in_wb *बीजेपी के सुकांत मजुमदार ने कहा-टीएमसी कर रही गुंडागर्दी, खुलेआम मतपत्रों की लूट
#democracy_killed_in_wb *बीजेपी के सुकांत मजुमदार ने कहा-टीएमसी कर रही गुंडागर्दी, खुलेआम मतपत्रों की लूट
पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा और मौतों की खबरें आने के बाद भारतीय जनता पार्टी और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। इस बीच मजूमदार ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने राज्य के कई मतदान केंद्रों से मतपत्र लूट लिए हैं। भाजपा के राज्य प्रमुख ने कहा, ''टीएमसी की गुंडागर्दी ने सारी हदें पार कर दी हैं और अब पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में खुलेआम मतपत्र लूटकर लोकतंत्र का गला घोंट रही है।'' मजूमदार ने पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य चुनाव निकाय पर अदालत के आदेश को "धोखा" देने का आरोप लगाया, जिसमें सभी जिलों में केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्देश दिया गया था।
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पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा और मौतों की खबरें आने के बाद भारतीय जनता पार्टी और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। इस बीच मजूमदार ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने राज्य के कई मतदान केंद्रों से मतपत्र लूट लिए हैं। भाजपा के राज्य प्रमुख ने कहा, ''टीएमसी की गुंडागर्दी ने सारी हदें पार कर दी हैं और अब पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में खुलेआम मतपत्र लूटकर लोकतंत्र का गला घोंट रही है।'' मजूमदार ने पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य चुनाव निकाय पर अदालत के आदेश को "धोखा" देने का आरोप लगाया, जिसमें सभी जिलों में केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्देश दिया गया था।
बंगाल बीजेपी प्रमुख ने टीएमसी पर लगाया आतंक का राज कायम करने का आरोप, कहा-लोकतंत्र मर चुका है

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पंचायत चुनावों में पूरे पश्चिम बंगाल से हिंसा और मौतों की रिपोर्ट के साथ भारतीय जनता पार्टी और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। बंगाल में हिंसा को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रमुख डॉ. सुकांत मजूमदार ने कहा कि ‘हम राज्य चुनाव आयोग के खिलाफ मामला दायर करेंगे क्योंकि उन्होंने पूरी तरह से हाईकोर्ट की अवज्ञा की है।

पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने शनिवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर पंचायत चुनाव के दौरान आतंक का राज कायम करने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में लोकतंत्र मर चुका है। मजुमदार ने कहा कि लोग राज्य में लोकतंत्र की हत्या के दीदी के तरीकों से तंग आ चुके हैं। महिला हाथ में 'जहर' लिए नजर आ रही है और धमकी दे रही है कि अगर उसके बूथ पर केंद्रीय बल तैनात नहीं किए गए तो वह जहर खा लेगी।

बंगाल में चुनावी हिंसा के बीच अमित मालवीय का टीएमसी पर हमला, कहा-सभी तानाशाह अंततः अपने भाग्य को प्राप्त करते हैं, ममता बनर्जी का अंत भी अलग नही
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है। वहीं दूसरी ओर हिंसा जारी है।इस बीच आरोप प्रत्यारोपों का दौर जारी है। इसी क्रम में बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक वीडियो शेयर करते हुआ ट्वीट किया, पश्चिम बंगाल से प्रतिरोध की अविश्वसनीय कहानियाँ आ रही हैं और महिलाएँ इसका नेतृत्व कर रही हैं। कुछ स्थानों पर, ग्रामीणों ने 'चप्पा' वोटों वाले मतपेटियों को फेंक दिया, अन्य स्थानों पर, बूथ कैप्चरिंग का काम करने वाले टीएमसी गुंडों को पकड़ लिया गया और उनकी पिटाई की गई। सभी तानाशाह अंततः अपने भाग्य को प्राप्त करते हैं, ममता बनर्जी का अंत भी अलग नहीं होगा। अमित मालवीय ने क दूसरे ट्वीट में एक वीडियो शेयर करते हुआ कहा, ‘बंगाल के मुर्शिदाबाद में मतदान केंद्रों के आसपास बम फेंके गए। ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल पुलिस को कार्रवाई न करने के लिए कहा गया है। स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान की कोई झलक नहीं है। एसईसी और पश्चिम बंगाल सरकार न्यायालय के निर्देशों की अवमानना कर रहे हैं। बंगाल में सुरक्षा बल तैनात होने के बावजूद उन्होंने सीएपीएफ तैनात नहीं किया है।’

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है। वहीं दूसरी ओर हिंसा जारी है।इस बीच आरोप प्रत्यारोपों का दौर जारी है। इसी क्रम में बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक वीडियो शेयर करते

बंगाल में हिंसा के बीच मतदान, बूथ कैप्चरिंग से लेकर बन्दूक लहराने तक का वीडियो वायरल, टीएमसी का दावा-8 जून से अब तक 27 मौतें, उनमें 17 उनके लोग
पंचायत चुनाव को लेकर पश्चिम बंगाल में हिंसा लगातार जारी है। शनिवार को जारी चुनाव के दौरान हिंसा, हत्या, बूथ कैप्चरिंग से लेकर बन्दूक लहराने तक का वीडियो वायरल हो रहा है। अलग-अलग इलाकों में पत्थरबाजी, आगजनी के साथ-साथ लूटपाट की घटनाएं सामने आ रही हैं। कल रात से लेकर अब तक राज्य में कई जगहों पर हुई हिंसा में 12 लोगों के मारे जाने की खबर है। बंगाल में कई बूथों पर हिंसक झड़पों में कई लोगों की घायल होने की खबर है। इसके अलावा, राज्य के कई हिस्सों में कथित मतपेटियों को नष्ट करने की खबर आ रही है राज्य में शनिवार सुबह सात बजे पंचायत चुनाव शुरू होने के बाद से दोपहर तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है और मध्यरात्रि से चुनाव संबंधी कथित हिंसा में तीन अन्य लोगों की मौत हुई थी। ऐसे में पंचायत चुनावों के दौरान 12 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में पांच टीएमसी और एक-एक भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता शामिल हैं। उनके अलावा हिंसा में निर्दलीय पार्टी के समर्थकों की भी मौत हुई है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि आठ जून को पंचायत चुनाव की घोषणा होने के बाद से 27 लोगों की मौत हुई है और उनमें से 17 तृणमूल से हैं, जो कुल मौतों का 60 फीसदी से अधिक है।उन्होंने कहा, 'अगर तृणमूल वास्तव में हिंसा भड़का रही होती, जैसा कि मीडिया आरोप लगा रहा है, तो उनके अपने कार्यकर्ताओं को निशाना क्यों बनाया जाएगा और उनकी हत्या क्यों की जाएगी? विपक्ष ने हार मान ली है और अब मीडिया में अपने सहयोगियों का इस्तेमाल करते हुए इस कहानी को आकार देने की कोशिश कर रहा है कि हिंसा ने चुनाव को कैसे प्रभावित किया।' बयान में कहा गया है कि पूरे पश्चिम बंगाल में 60,000 से अधिक बूथ हैं, लेकिन केवल 60 बूथों पर मतदान प्रक्रिया के दौरान व्यवधान देखा गया। इधर, भारतीय जनता पार्टी ने हिंसा और गुंडों द्वारा मत पेटी लेकर भागने का वीडियो जारी किया है। पार्टी ने राज्य के सत्ता में आसीन तृणमूल कांग्रेस पार्टी के सरकार पर हमला करते हुए कहा है, ‘ये पार्टी लोकतंत्र में हिंसा का उदहारण बन चुकी है। बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय इ वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, ‘टीएमसी के गुंडे खुलेआम बंदूक लहरा रहे हैं और बैरकपुर, उत्तर 24 परगना जिले में एक स्वतंत्र उम्मीदवार (निर्दलीय) को धमकी दे रहे हैं।’ उन्होंने आगे ट्वीट में लिखा, ‘सुबह से 9 लोगों की मौत हो चुकी है। नहीं पता है अभी दिन में और कितने लोग मरेंगे, इस रक्तपात के लिए राज्य चुनाव आयोग और सीएम ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं। उन्होंने सीएपीएफ तैनात नहीं किया…’

पंचायत चुनाव को लेकर पश्चिम बंगाल में हिंसा लगातार जारी है। शनिवार को जारी चुनाव के दौरान हिंसा, हत्या, बूथ कैप्चरिंग से लेकर बन्दूक लहराने तक का वीडियो वायरल हो रहा है। अलग-अलग इलाकों में पत्थरबाजी,

टीएमसी पर फर्जी वोटिंग और बूथ कैप्चरिंग कराने का आरोप
पंचायत चुनाव के बीच बंगाल रणक्षेत्र में तब्दील हो गया है।चुनावों को सुरक्षित माहौल में करवाने हेतु केंद्रीय सुरक्षा बलों तथा दूसरे राज्य के पुलिस बल के 59,000 जवानों को तैनात किया गया है। हालांकि, हालात हाथ से निकलते नजर आ रहे हैं। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव की वोटिंग के दौरान हो रही हिंसा को लेकर एक पीठासीन अधिकारी ने बताया कि कैसे टीएमसी के गुंडों ने फर्जी वोटिंग और बूथ कैप्चरिंग की। अधिकारी ने कहा कि यह पूरी तरह से स्वतंत्र चुनाव और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मजाक है। यहां तक कि कोर्ट के निर्देशों का भी पालन नहीं किया जा रहा है।

पंचायत चुनाव के बीच बंगाल रणक्षेत्र में तब्दील हो गया है।चुनावों को सुरक्षित माहौल में करवाने हेतु केंद्रीय सुरक्षा बलों तथा दूसरे राज्य के पुलिस बल के 59,000 जवानों को तैनात किया गया है। हालांकि, हाल

लद्दाख में 15 हजार फीट पर सेना के भीष्म टैंक और धनुष तोप तैनात, अपनी हरकतों से बाज नहीं आया चीन, तो मिलेगा मुंहतोड़ जवाब

#indianarmyaddsnewweaponsandequipmentineast_ladakh

2020 से लगातार चीन और भारत के बीच गतिरोध जारी है। चीन लगातार सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है और बारतीय जवान बार-बार उन्हें खदेड़ रहे हैं। ऐसे में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना तैयार है। लेह से 200 किलोमीटर दूर पूर्वी लद्दाख की न्योमा सरहद पर भारतीय सेना के जवान, टैंक, तोप और नए वाहन किस भी वक्त दुश्मन के छक्के छुड़ाने के लिए तैयार खड़े हैं।इस बीच पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा पर लंबे समय से जारी गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने भारी हथियारो के साथ युद्धाभ्यास कर चीन को कड़ा संकेत दिया। भारतीय सेना के टैंक (टी -90 भीष्म) और बीएमपी लड़ाकू वाहनों ने पूर्वी लद्दाख में सिंधु नदी को पार करने के लिए हुए इस अभ्यास में भाग लिया।यही नहीं, पहली बार बोफोर्स तोप का स्वदेशी वर्जन धनुष तोप को लद्दाख में चीन सरहद पर 15 हजार फीट पर तैनात किया गया है।

पिछले तीन साल से चीन के साथ लद्दाख बॉर्डर पर चल रहे गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने न्योमा सैन्य स्टेशन पर नए लड़ाकू टैंक, तोप और ऑर्म्ड व्हीकल तैनात कर दिए हैं। इनमें धनुष होवित्जर से लेकर एम4 क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल शामिल हैं। इसके साथ ही सेना ने पहाड़ों पर चलने वाले ऑल टरेन व्हीकल को भी तैनात किया। इन नए हथियारों और वाहनों के साथ सेना ने सिंधु नदी के किनारे 14,500 फीट की ऊंचाई पर एक्सरसाइज भी की। इसका वीडियो भी सामने आया।

धनुष बेहद शक्तिशाली होवित्‍जर

धनुष बेहद शक्तिशाली होवित्‍जर है। 2010 में डिजाइन की गई इस तोप को ऐडवांस्‍ड वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (पहले ऑर्डनेंस फैक्‍टरी बोर्ड) बनाती है। 1 इस गन को 'मेक इन इंडिया' पहल की सफलता के रूप में देखा जाता है। 'धनुष' को किसी भी मौसम में, कैसे भी हालात में इस्‍तेमाल किया जा सकता है। इसकी विभिन्‍न वर्जन की रेंज 40 किलोमीटर से 60+ किलोमीटर्स तक है।

एम4 क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल

एक और मेड इन इंडिया प्लेटफॉर्म एम4 क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल है जो सैनिकों को तेज गति से ले जाने के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रहा है। यह युद्ध के लिए तैयार 10 सशस्त्र सैनिकों को एलएसी की फॉरवर्ड लोकेशंस पर ले जा सकता है। सेक्टर में तैनात सेना के अधिकारियों ने कहा कि लद्दाख सेक्टर के कठिन इलाके में भी यह लगभग 60-80 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ सकता है। एम4 क्विक रिएक्शन फोर्स वाहनों को पिछले साल बल में शामिल किया जाना शुरू हुआ था। सेना की पूर्वी लद्दाख सेक्टर के फॉरवर्ड एरिया में अधिक संख्या में ऐसे वाहनों को शामिल करने की योजना है।

टी-90 टैंक

भारतीय सेना के टी-90 टैंक और बीएमपी की हुंकार भी देखने को मिलेगीय़ जरूरत पड़ने पर कुछ ही मिनटों में ये टैंक दुश्मन की सरहद में घुसकर उसके ठिकानों को नेस्तनाबूद कर सकते हैं। दुनिया के सबसे अचूक टैंक माने जाने वाले टी-90 भीष्म टैंक को तैनात कर दिया है। टी-90 भीष्म टैंक में मिसाइल हमले को रोकने वाला कवच है। इसमें शक्तिशाली 1000 हॉर्स पावर का इंजन है। यह एक बार में 550 किमी की दूरी तय करने में सक्षम है। इसका वजन 48 टन है। यह दुनिया के हल्के टैंकों में एक है। यह दिन और रात में दुश्मन से लड़ने की क्षमता रखता है।

ऑल टरेन व्हीकल (एटीवी)

सेना ने बड़ी संख्या में ऑल-टरेन वाहनों को भी शामिल किया है। इससे एक बार में चार से छह सैनिकों को ले जाया जा सकता है। इन वाहनों का इस्तेमाल सैनिकों का सामान और उपकरण ले जाने के लिए किया जाता है।ये व्हीकल अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी काम करने में सक्षम है। 2020 में गलवान में चीनी सैनिकों से झड़प के बाद पहली बार इस वाहन को तैनात किया गया है।

रजक सर्विलांस सिस्टम

सेना ने सर्विलांस को मजबूत बनाने के लिए नए रजक सिस्टम को शामिल किया है। यह 15 किलोमीटर से अधिक दूरी से सैनिकों और 25 किलोमीटर से अधिक दूरी से वाहनों का पता लगा सकता है।

पाकिस्तान की एजेंट की ओर आकर्षित हो गया था डीआरडीओ वैज्ञानिक,भेजी थी ब्रह्मोस-यूसीवी और अग्नि जैसे मिसाइलों की जानकारी

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पाकिस्तान के साथ खुफिया जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार डीआरडीओ वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर को लेकर चार्जशीट दायर कर दी गई है। इस चार्जशीट में बड़े खुलासे हुए हैं। चार्जशीट के मुताबिक प्रदीप कुरुलकर ‘ज़ारा दासगुप्ता' नाम का इस्तेमाल करने वाली पाकिस्तानी खुफिया एजेंट की ओर आकर्षित हो गया था और उसने खुफिया रक्षा परियोजनाओं के अलावा भारतीय मिसाइल प्रणालियों के बारे में उससे बातचीत की थी। बता दें कि महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने पिछले सप्ताह यहां एक अदालत में कुरुलकर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। वह पुणे में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रयोगशाला के निदेशक थे।उसे तीन मई को शासकीय गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था और अब वह न्यायिक हिरासत में है।

हनी ट्रैप में फंसा साइंटिस्ट

पुलिस के आरोप पत्र के मुताबिक, कुरुलकर और ‘ज़ारा दासगुप्ता' व्हाट्सऐप के जरिए संपर्क में रहने के साथ-साथ वॉयस और वीडियो कॉल के जरिए भी बातचीत किया करते थे। एटीएस ने आरोप पत्र में कहा, 'दासगुप्ता' ने दावा किया था कि वह ब्रिटेन में रहती है और सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और उसने कुरुलकर को अश्लील संदेश और वीडियो भेजकर उससे दोस्ती की। जांच के दौरान उसका ‘आईपी एड्रेस' पाकिस्तान का पाया गया।चार्जशीट के मुताबिक, पाकिस्तानी एजेंट ने कुरुलकर से सोशल मीडिया पर जुड़ने के लिए अलग-अलग नामों से फेक अकाउंट बनाए। इनमें से दो नाम जारा दासगुप्ता और जूही अरोड़ा थे। दरअसल, जारा दासगुप्ता के नाम से आईडी बनाकर प्रदीप से जुड़ने वाली पाकिस्तीन एंजेट ने कहा था कि वो वह ब्रिटेन में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।

पाकिस्तानी एजेंट से साझा की खुफिया जानकारी

आरोप पत्र के मुताबिक, पाकिस्तानी एजेंट ने ब्रह्मोस लॉन्चर, ड्रोन, यूसीवी, अग्नि मिसाइल लॉन्चर और मिलिट्री ब्रिजिंग सिस्टम समेत अन्य के बारे में खुफिया और संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की।जिसके बाद प्रदीप ने ये सारी जानकारियां इकठ्ठी कर पाकिस्तानी एजेंट को भेज दी।

अग्नि -6 लॉन्चर को बताया था अपना डिजाइन

इसके अलावा चार्जशीट में कहा गया है कि प्रदीप जारा के सामने अपने काम को लेकर काफी डींगे मारता था। 1837 पेज के इस आरोप पत्र में शामिल चैट के एक जिक्र में जब पाकिस्तानी एजेंट ने पूछा कि क्या अग्नि -6 लॉन्चर परीक्षण सफल रहा है, जिस पर उन्होंने जवाब दिया: "लॉन्चर मेरा डिजाइन है। यह एक बड़ी सफलता थी। कुरुलकर और पाकिस्तानी एजेंट के बीच की ये चैट सितंबर 2022 और फरवरी 2023 के बीच की है।

दोनों जून 2022 से दिसंबर 2022 तक संपर्क में थे

एटीएस के मुताबिक, दोनों जून 2022 से दिसंबर 2022 तक संपर्क में थे। कुरुलकर की गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने के बाद डीआरडीओ द्वारा आंतरिक जांच शुरू करने से ठीक पहले, उसने फरवरी 2023 में ज़ारा का नंबर ब्लॉक कर दिया था। इसके बाद उसे एक अज्ञात भारतीय नंबर से व्हाट्सऐप पर संदेश मिला- "आपने मेरा नंबर क्यों ब्लॉक कर दिया?

महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच आदित्य ठाकरे का बड़ा दावा, कहा-खतरे में शिंदे की कुर्सी, मांगा गया इस्तीफा

#aaditya_thackeray_big_claim

महाराष्ट्र में सियासी महाभारत थमने का नाम नहीं ले रहा है।बीते रविवार को शरद पवार के भतीजे अजित पवार अपने सिपहसलारों के साथ बीजेपी-शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं। अजित पवार डिप्टी सीएम तो उनके साथ आए आठ एनसीपी विधायकों को मंत्री बनाया गया है। इस बीच इस तरह चर्चा हो रही है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कुर्सी पर भी क्या खतरा मंडराने लगा और बीजेपी फिर से सत्ता की स्टेयरिंग अपने हाथों में ले सकती है।दरअसल, अजित पवार द्वारा अन्य एनसीपी विधायकों के साथ महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद और कैबिनेट फेरबदल की चर्चा के बीच। इन चर्चाओं के बीच उद्धव ठाकरे के बेटे और शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के संबंध में बड़ी टिप्पणी की है।आदित्य ठाकरे ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कुर्सी खतरे में है।

आदित्‍य ठाकरे वे दावा किया है कि एकनाथ शिंदे को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है। आदित्य ठाकरे ने मीडिया से कहा, मैंने सुना है कि मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है और (सरकार में) कुछ बदलाव हो सकता है। ठाकरे की यह टिप्पणी उन खबरों के बीच आई है कि एनसीपी के बागी अजित पवार और उनके समर्थकों के सरकार में शामिल होने के बाद भाजपा एकनाथ शिंदे समूह को दरकिनार कर रही है।

बता दें कि अपने गठन के एक साल बाद शिंदे-फडणवीस सरकार के अगले सप्ताह दूसरे कैबिनेट विस्तार की उम्मीद है। शिंदे ने शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन फड़णवीस के साथ बैठक की। गठबंधन के भीतर मतभेदों की खबरों के बीच सत्ता साझेदारी पर चर्चा के लिए गुरुवार को दोनों के बीच देर रात बैठक हुई।

बता दें कि अजित पवार अकेले बीजेपी गठबंधन में नहीं आए हैं बल्कि 40 एनसीपी विधायकों के साथ समर्थन का दावा किया है। इस तरह से बीजेपी के लिए महाराष्ट्र की सियासत में अजित सियासी पावर बनकर आए हैं। बीजेपी के लिए अब एकनाथ शिंद कोई राजनीतिक मजबूरी नहीं रह गए हैं, क्योंकि अजित पवार भी अपने साथ उतने ही एनसीपी के विधायक लेकर आए हैं, जितना शिंदे ने शिवसेना के विधायक लेकर आए थे। ऐसे में महाराष्ट्र में किसी भी सियासी तूपान के आने से इनकार नहीं किया जा सकता।