हिंसा की आग में जल रहे फ्रांस में 'योगी मॉडल' की डिमांड, दंगे रोकने के लिए यूपी के सीएम को भेजने की अपील

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “मॉडल” की पूरे देश में चर्चा है। अब विदेशों में भी इसकी डिमांड होने लगी है।फ्रांस में भड़की हिंसा के बाद वहां के लोगों को अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मॉडल याद आने लगा है। फ्रांस के लोग भारत से मांग कर रहे हैं कि योगी आदित्यनाथ फ्रांस में भेज दिया जाए, ताकि दंगों को शांत किया जा सके।

फ्रांस में लगातार चार दिनों से दंगे हो रहे हैं। फ्रांस के इन गंभीर हालात के बीच यूरोप के डॉक्टर और प्रोफेसर एन.जॉन कैम ने भारत से मांग की है कि वह फ्रांस में दंगों की स्थिति से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी को भेजे। उन्होंने ट्वीट करके कहा, 'भारत को फ़्रांस में दंगों की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए योगी आदित्यनाथ को अवश्य भेजना चाहिए वह 24 घंटे के भीतर सब ठीक कर देंगे।ये ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है और इसपर कई सारे लोग तरह-तरह के कमेंट भी कर रहे हैं।हालांकि इस ट्विटर अकाउंट की सत्याता की पुष्टि Street Buzz नहीं करता।

फ्रांस में इन दिनों हिंसा की चिंगारी धधक रही है।फ्रांस में प्रदर्शनकारी सड़कों को ब्लॉक कर रहे हैं, आगजनी कर रहे हैं और इतना ही नहीं पुलिसकर्मियों पर पटाखे भी फेंक रहे हैं। फ्रांस की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें कीं। इतना ही नहीं, करीब 600 से अधिक लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है और प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प की घटनाओं में 200 पुलिस अधिकारी घायल हो गये।

राष्ट्रपति मैक्रों ने की लोगों से यह अपील

इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शुक्रवार को माता-पिता से किशोरों को घर पर रखने का आग्रह किया और पूरे फ्रांस में फैल रहे दंगों को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा।वरिष्ठ मंत्रियों के साथ दूसरी आपात बैठक के बाद, मैक्रों ने कहा कि ‘स्नैपचैट’ और ‘टिकटॉक’ जैसे सोशल मीडिया मंचों ने इस सप्ताह हिंसा की गतिविधियों को बढ़ावा देने में भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ‘सबसे संवेदनशील सामग्री को हटाने’ के लिए प्रक्रिया स्थापित करने के लिए टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ काम करेगी।

आखिर क्यों जल रहा फ्रांस?

गौरतलब है कि मंगलवार को ट्रैफिक चेकिंग के दौरान 17 वर्षीय नाहेल की हत्या का वीडियो सामने आया है। इस घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया है और लोग काफी आक्रोशित हैं। इस घटना के बाद फ्रांस में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़क उठे और जगह-जगह आगजनी की घटनाएं हुईं।

मेघालय के मुख्यमंत्री का यूसीसी पर पलटवार, कहा भारत के विचार के खिलाफ

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देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड पकर बहस छिड़ी हुई है।यूसीसी पर पीएम मोदी के बयान के बाद सियासी घमासान जारी है। जहां कुछ पार्टियां इसका समर्थन कर रही हैं तो वहीं कुछ पार्टियां ऐसी भी हैं जो यूसीसी की जमकर आलोचना कर रही हैं।यूसीसी पर विपक्ष तो विरोध में था ही, अब एनडीए में भी दरार देखने को मिल रही है। दरअसल, मेघालय के सीएम कॉनराड संगमा ने शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी के यूसीसी पर जोर देने की आलोचना की।

मेघालय में मुख्यमंत्री और बीजेपी की सहयोगी पार्टी एनपीपी के अध्यक्ष कॉनराड के. संगमा ने इसकी आलोचना की है। मेघालय के सीएम कॉनराड संगमा ने कहा कि समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (यीसीसी) पर भारत के वास्तविक विचार के खिलाफ है। नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष संगमा ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा कि यूसीसी देश के लिए उपयुक्त नहीं है। यह भारत के वास्तविक विचार के खिलाफ है, जो विविधता में एकता की विशेषता वाला एक विविध राष्ट्र है।

संगमा ने कहा, मैं पार्टी के दृष्टिकोण से बात कर रहा हूं। एनपीपी के मुताबिक समान नागरिक संहिता भारत की वास्तविक भावना के खिलाफ है। विविध संस्कृतियां, परंपराएं, जीवनशैली और धर्म देश की ताकत हैं। उन्होंने आगे कहा, मेघालय एक मातृसत्तात्मक समाज है और यही हमारी ताकत है। जिस संस्कृति और अन्य पहलुओं का हम लंबे समय से अनुसरण कर रहे हैं, उन्हें बदला नहीं जा सकता।00 एक राजनीतिक दल के रूप में, हमें एहसास है कि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को एक अनूठी संस्कृति मिली है। हम नहीं चाहेंगे कि हमारी परंपरा और संस्कृति को छुआ जाए।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में भाजपा कार्यक्रताओं को संबोधित करते हुए यूसीसी पर जोर दिया। इसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई कि केंद्र सरकार कभी भी यूसीसी संसद में पेश कर सकती है। प्रधानमंत्री मोदी के यूसीसी पर जोर देने के बाद सार्वजनिक शिकायत, कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति द्वारा 3 जुलाई को विधि आयोग और कानून मंत्रालय के प्रतिनिधियों को बुलाए जाने के बाद समान नागरिक संहिता को लेकर चर्चाएं फिर से सामने आ गई हैं। कानून पैनल द्वारा जारी एक नोटिस में विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर विशेषज्ञों की राय जानने के लिए नोटिस जारी किया था।

अमरनाथ यात्राःपहला जत्था आज करेगा बाबा बर्फानी के दर्शन

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अमरनाथ धाम में बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए इंतजार खत्‍म हो चुका है।यात्रा का पहला जत्था आज बालटाल और नुनवान पहलगाम बेस कैंप से बाबा बर्फानी का दर्शन करेगा। आज सवेरे प्रशासन ने हरी झंडी दिखाकर अमरनाथ यात्रा 2023 के लिए तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को बालटाल से अमरनाथ गुफा के लिए रवाना किया। इससे पहले शुक्रवार सुबह जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू बेस कैंप से पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।

बालटाल और नुनवान पहलगाम आधार शिविर से आज यात्रियों को बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए रवाना किया गया। वे 14000 फीट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर की तरफ बढ़ेंगे। करीब 1491 तीर्थयात्री बालटाल आधार शिविर में और 1997 तीर्थयात्री पहलगाम आधार शिविर में रुके थे क्योंकि 3488 तीर्थयात्री 62-दिवसीय लंबी तीर्थ यात्रा से एक दिन पहले 30 जून को घाटी में पहुंचे थे। शुक्रवार तड़के जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से बम-बम भोले और जय बाबा बर्फानी के जयघोष के बीच पहले जत्थे में 164 छोटे बड़े वाहनों में 3488 यात्री रवाना हुए, जो देर शाम को कड़ी सुरक्षा के बीच बालटाल और पहलगाम बेस कैंपों में पहुंच गए थे।

ये गाइडलाइंस जारी कर चुका है श्राइन बोर्ड

• यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को सेहत से जुड़ी किसी तरह की समस्‍या न हो, इसको लेकर अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने ऑयली और नशीली चीजों पर बैन लगाया है. लंगरों, दुकानों और स्‍टॉल्‍स में श्रद्धालुओं को सिर्फ वही चीजें मिलेंगी, जो सेहत के लिए फायदेमंद हों.

• इस बीच नॉनवेज, शराब, तंबाकू, गुटखा, पान मसाला वगैरह न तो कहीं दुकानों पर मिलेगा और न ही इसे श्रद्धालु अपने साथ ले जा सकते हैं.

• पूड़ी, भटूरे, वेज बिरयानी, फ्राइड राइस, पिज्‍जा, बर्गर, चाऊमीन, डोसा, ब्रेड बटर, अचार, चटनी वगैरह ऑयली चीजों को खाने-पीने की परमीशन नहीं होगी.

• चिप्‍स, कुरकुरे, मट्ठी, कोलड्रिंक, मिठाई, डीप फ्राइड फूड आइटम्‍स, फ्राइड ड्राई फ्रूट्स वगैरह भी ले जाने या खाने-पीने की परमीशन नहीं होगी.

• सभी श्रद्धालुओं को गर्म कपड़े, ऊनी टोपी, जैकेट, मोजे, रेन कोट और ट्रेकिंग सूट, पानी की स्‍टील की बोतल, ओढ़ने और बिछाने के लिए कंबल, फर्स्‍टएड किट, ट्रेकिंग करने के लिए लाठी, हैंडवॉश, सेनिटाइजर, टॉर्च और सनस्‍क्रीन क्रीम वगैरह ले जाने के लिए कहा गया है.

नीरज चोपड़ा ने फिर साधा गोल्ड पर निशाना, लुसाने डायमंड लीग में सोना जीतकर रचा नया कीर्तिमान

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भारत के स्टार जेवलिन थ्रोवर नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर से भारत का नाम ऊंचा किया है। ओलंपिक में इतिहास रचने वाले जैवलिन थ्रो खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने इस साल लुसाने में खेले गए डायमंड लीग के जेवलिन थ्रो इवेंट को जीत लिया है। नीरज चोपड़ा 87.66 मीटर के थ्रो के साथ पहले स्थान पर रहे। इससे पहले साल 2022 में उन्होंने इस टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीता था। यह उनका ओवरऑल डायमंड लीग का चौथा गोल्ड मेडल है। पिछले दिनों उन्होंने दोहा डायमंड लीग में भी गोल्ड पर कब्जा किया था।

डायमंड लीग 2023 में 30 जून को लुसाने चरण में भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने कमाल दिखाते हुए 87.66 मीटर का थ्रो करने के साथ गोल्ड मेडल को अपने नाम किया। चोट के बाद वापसी कर रहे नीरज के लिए लुसाने डायमंड लीग में शुरुआत अच्छी नहीं रही थी। उनका पहला प्रयास फाउल रहा था, लेकिन फिर उन्होंने बेहतरीन तरीके से वापसी करने के साथ पहला स्थान हासिल किया।

नीरज की शुरुआत अच्छी नहीं रही

लुसाने डायमंड लीग में नीरज चोपड़ा का पहला प्रयास फाउल होने के बाद उन्होंने अपने दूसरे और तीसरे प्रयास में बेहतरीन वापसी की। नीरज का दूसरा थ्रो 83.52 मीटर का रहा जबकि तीसरा थ्रो उन्होंने 85.04 मीटर दूर फेंका। हालांकि 3 थ्रो के बाद टेबल में जर्मनी के जूलियन वीबर ने 86.20 मीटर की दूरी के थ्रो के साथ पहला स्थान हासिल कर रखा था। नीरज चोपड़ा के लिए उनका चौथा थ्रो पूरी तरह से विफल रहा जिसमें वह फिर से फाउल कर बैठे। ऐसे में उनपर दबाव भी साफतौर पर दिख रहा था। हालांकि नीरज ने शानदार वापसी करते हुए अपने 5वें थ्रो को 87.66 मीटर की दूर फेंकने के साथ गोल्ड पर भी निशाना साधने में कामयाबी हासिल की। इसके बाद अपने आखिरी थ्रो को उन्होंने 84.15 मीटर दूर फेंका।

जर्मनी के वेबर को सिल्वर

जर्मनी के जूलियन वेबर ने नीरज चोपड़ा को कड़ी टक्कर दी, लेकिन वे गोल्ड नहीं जीत सके। वेबर ने अंतिम छठे थ्रो में 87.03 मीटर भाला फेंका, लेकिन वे नीरज से पीछे रह गए। चेक रिपब्लिक के याकूब वादलेज्चे को ब्रॉन्ज मिला। उन्होंने 86.13 मीटर थ्रो किया। नीरज चोपड़ा पिछले दिनों चोट से परेशान थे और इस कारण वे एफबीके गेम्स और पावो नूरमी गेम्स में नहीं उतर सके थे।

एक महीने इंजरी ब्रेक के बाद दमदार वापसी

25 वर्षीय चोपड़ा ने पिछले महीने ट्रेनिंग के दौरान मांसपेशियों में खिंचाव के कारण लगातार तीन टॉप के टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया था। एक महीने इंजरी ब्रेक के बाद दमदार वापसी वापसी करते हुए डायमंड लीग के लॉजेन चरण में टॉप स्थान हासिल किया। इस सीजन यह उनकी लगातार दूसरी जीत है। उन्होंने इससे पहले इसी साल दोहा मीट में भी पहला स्थान हासिल किया था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट में फेरबदल की तैयारी की अा रही खबर, 2024 के लोकसभा चुनाव को पीएम ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ किया मंथ


 पीएम मोदी ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ बीती रात बैठक की है। पांच घंटे तक चली इस बैठक में राज्य स्तर सहित सरकार और पार्टी के संगठन में बदलाव पर बात होने की चर्चा है। बैठक का मुख्य एजेंडा 2024 का लोकसभा चुनाव था। पीएम मोदी संग इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार देर रात करीब पांच घंटे तक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में राज्य स्तर सहित सरकार और पार्टी के संगठन में बदलाव पर बात होने की चर्चा की खबर मिल रही है। बैठक का मुख्य एजेंडा 2024 का लोकसभा चुनाव था।

बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी थे। पार्टी वर्ष के अंत में होने वाले प्रमुख विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अभी से तैयारी में लगी है। हालांकि, शाह, नड्डा और भाजपा महासचिव (संगठन) बीएल संतोष द्वारा संगठनात्मक और राजनीतिक मुद्दों पर हुई बैठक पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

समान नागरिक संहिता पर बल

 प्रधानमंत्री मोदी पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि सरकार देश भर में समान नागरिक संहिता लागू करने पर जोर देगी, वो एजेंडा जो हमेशा भाजपा के घोषणापत्र का हिस्सा रहा है। 

कर्नाटक में हार के बाद भाजपा इस साल के अंत में होने वाले राज्य चुनावों के लिए अभी से तैयारी कर रही है। चार महत्वपूर्ण राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में होने वाले चुनाव में से सिर्फ मध्य प्रदेश में बीजेपी का शासन है। पार्टी राजस्थान में रिवॉल्विंग डोर ट्रेंड और दो अन्य में सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाकर अपने पक्ष में करने की उम्मीद कर रही है।

दुखद, महाराष्ट्र के बुलढाणा में समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेसवे पर 32 यात्रियों को ले जा रही एक बस में भीषण आग लगने से 25 लोगों की मौत

महाराष्ट्र के बुलढाणा में समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेसवे पर दिल दहला देने वाली घटना हुई है। 32 यात्रियों को ले जा रही एक बस में आग लग गई। इस दुर्घटना में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हैं। घायलों की स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने पुलिस के हवाले से यह जानकारी दी है। डिप्टी एसपी बाबूराव महामुनि ने कहा कि घायलों को बुलढाणा सिविल अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है।

बुलढाणा पुलिस के डिप्टी एसपी बाबूराव महामुनि ने कहा कि बस से 25 शव निकाले गए हैं। बस में कुल 32 लोग सवार थे। 6-8 लोग घायल हैं। घायलों को बुलढाणा सिविल अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है।

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को किया फोन, वैगनर की बगावत और यूक्रेन से चल रहे युद्ध को लेकर चर्चा

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच वैगनर की बगावत और यूक्रेन से चल रहे युद्ध को लेकर चर्चा हुई।रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन ने बयान जारी कर बताया कि पीएम मोदी और प्रेसिडेंट पुतिन ने इसके अलावा द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की।पीएम मोदी और पुतिन की यह बातचीत 4 जुलाई को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की वर्चुअल बैठक के ठीक पहले हुई है।

क्रेमलिन ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आज भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक टेलीफोन कॉल में यूक्रेन के आसपास की स्थिति और मॉस्को ने सशस्त्र भाड़े के लड़ाकों के विद्रोह को कैसे हल किया, इस पर चर्चा की। इसके अलावा दोनों नेताओं ने जी-20, ब्रिक्स और एससीओ को लेकर भी चर्चा की। क्रेमलिन ने बताया कि पीएम मोदी और पुतिन की बातचीत सार्थक और रचनात्मक थी। नेताओं ने रूस और भारत के बीच विशेष रूप से विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के अपने पारस्परिक इरादे की पुष्टि की और आगे के संपर्कों पर सहमति व्यक्त की। दोनों नेता विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी संयुक्त परियोजनाओं के निरंतर कार्यान्वयन की आवश्यकता पर भी सहमत हुए। उन्होंने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पिछले वर्ष के अनुरूप व्यापार कारोबार पर संतोष व्यक्त किया।

पुतिन ने पीएम मोदी से यूक्रेन युद्ध पर चर्चा की

बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन में रूस के विशेष सैन्य अभियान की ताजा स्थिति पर भी चर्चा की। क्रेमलिन ने कहा कि पुतिन ने संघर्ष को हल करने के लिए राजनीतिक और राजनयिक कदम उठाने से स्पष्ट इनकार के लिए यूक्रेन को सीधे तौर पर दोषी ठहराया

पुतिन ने बताया था मॉस्को का ‘शानदार मित्र’

पुतिन ने इससे पहले गुरुवार को पीएम मोदी को मॉस्को का ‘शानदार मित्र’ बताया था। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया अभियान का भारतीय अर्थव्यवस्था पर वास्तव में प्रभावशाली असर पड़ा है। पुतिन ने कहा कि औद्योगिक और उत्पाद डिजाइन को घरेलू व्यापार के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बनाया जाना चाहिए। उन्होंने रूस की एजेंसी फॉर स्ट्रैटेजिक इनीशिएटिव्स (एएसआई) की ओर से मॉस्को में आयोजित सम्मेलन में कहा, “जो चीज अच्छा काम कर रही है, उसका अनुकरण करने में कोई बुराई नहीं है, भले ही उसकी शुरुआत हमने नहीं, बल्कि हमारे दोस्तों ने की हो।”

मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह नहीं देंगे इस्तीफा, समर्थन में उतरीं हजारों महिलाएं, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा रिजाइन लेटर

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मणिपुर मई महीने से जातीय हिंसा की चपेट में है।राज्य में जारी हिंसा ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनकी सरकार की मुश्कलें बढ़ा रखी हैं।विपक्ष सीएम बीरेन सिंह पर इस्तीफे का दबाव बना रहा है। हालांकि, आलोचनाओं का सामना कर रहे राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है।बीरेन सिंह ने इस बाबत ट्वीट करते हुए लिखा कि इस बुरे समय में मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा नहीं देंगे। इस बीच बीरेन सिंह के इस्तीफे की एक कॉपी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।हालांकि Street Buzz इसकी पुष्टि नहीं करता।

दरअसल, अटकलें लगाई जा रही थीं कि सीएम बीरेन सिंह राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात करेंगे और अपना इस्तीफा सौंपेंगे। अटकलें यह भी लगाई जा रही थीं कि केंद्र सरकार राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकती है।हालांकि, बीरेन सिंह ने ट्वीट करके कहा है कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर मैं सीएम पद से इस्तीफा नहीं दूंगा। अब सीएम के एलान के साथ ही उनके इस्तीफे की अटकलों पर विराम लग गया है।

जनता के दबाव में फैसला बदला?

सीएम बीरेन सिंह ने यह ट्वीट ऐसे वक्त किया है जब उनके इस्तीफे की फटी हुई कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि सीएम बीरेन सिंह राज्यपाल अनुसुइया उइके को अपना इस्तीफा सौंपना चाहते थे। वह राज्यपाल आवास के लिए निकल भी गए थे, लेकिन जनता के दबाव में बाद उन्होंने अपना फैसला बदल दिया।

दरअसल, इस्तीफे की खबर सुनकर बीरेन सिंह के समर्थक उनके आवास के बाहर इकठ्ठे हो गए और उनसे इस्तीफा न देने का अनुरोध किया। साथ ही बीरेन सिंह के समर्थन में बड़ी संख्या में महिलाएं इंफाल में मुख्यमंत्री आवास के पास एकत्र हुई। एक महिला ने कहा कि हम नहीं चाहते कि सीएम इस्तीफा दें, उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए। वह हमारे लिए बहुत काम कर रहे हैं। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार, एन बीरेन सिंह को उनके समर्थकों ने उस समय रोक दिया था जब वह अपना इस्तीफा सौंपने के लिए इंफाल में गवर्नर हाउस जा रहे थे।

केंद्र के अध्यादेश को लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, तुरंत रोक लगाने की मांग

#delhikejriwalgovtmovedsupremecourtagainstcentres_ordinance 

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार केंद्र की ओर से अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर लाए गए अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार के अध्यादेश को गैर-कानून और असंवैधानिक करार दिया है। दिल्ली सरकार ने याचिका पर तत्काल सुनवाई करते हुए अध्यादेश पर रोक लगाने की मांग की है।

अध्यादेश की प्रतियां जलाने का फैसला

वहीं दूसरी तरफ केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने अपने कैंपेन के अगले चरण की घोषणा कर दी गई है। आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार के अध्यादेश की प्रतियां जलाने का फैसला किया है। तीन जुलाई को आम आदमी पार्टी केंद्र के अध्यादेश की प्रतियां जलाएगी। वहीं, आम आदमी पार्टी ने पांच जुलाई को सभी विधानसभाओं में और छह से 13 जुलाई तक हर गली-मोहल्ले-चौके पर अध्यादेश की प्रतियां जलाने का फैसला किया है।

क्या है मामला?

बता दें कि केंद्र सरकार ने बीते महीने दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया था। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी नहीं मान रही और ये अध्यादेश असंवैधानिक है। अध्यादेश को लेकर आम आदमी पार्टी ने कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया काला अध्यादेश न केवल दिल्ली की निर्वाचिक सरकार के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनना है। बल्कि यह भारत के लोकतंत्र और संवैधानिक सिद्धांतों के लिए भी खतरा बनेगा। यदि इसका विरोध नहीं किया गया तो इस तरह से अन्य राज्यों में भी अध्यादेश लाए जाएंगे। जिससे लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों की सत्ता को नुकसान होगा। इस काले अध्यादेश को हराना बहुत जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को केजरीवाल सरकार की याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए दिल्ली में पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से जुड़े मामले को छोड़कर सभी सेवाओं का कंट्रोलिंग पॉवर चुनी हुई सरकार को सौंपने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को है। इसके साथ-साथ कोर्ट ने यह भी साफ किया था कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के हर अधिकार में उपराज्यपाल दखल नहीं दे सकते हैं।

मणिपुर में हिंसा प्रभावितों से मुलाकात के बाद राज्यपाल से मिले राहुल गांधी, बोले-राज्य को शांति की जरूरत, जो भी आवश्यक होगा मैं उसके लिए तैयार

#rahul_gandhi_met_the_governor_anusuiya_uikey 

कांगेस नेता राहुल गांधी का मणिपुर दौरे का आज दूसरा दिन है।मणिपुर के दो दिवसीय दौरे के आखिरी दिन शुक्रवार को राहुल गांधी ने राहत शिविरों में रह रहे हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात की। राहुल गांधी ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात कर मणिपुर के हालात पर चर्चा की। भेंट के बाद राहुल गांधी ने कहा, मणिपुर में शांति की सख्त जरूरत है। हिंसा से कुछ नहीं होने वाला। मैं चाहता हूं कि यहां शांति बहाल हो।

राहुल गांधी दो दिन के मणिपुर दौरे पर हैं और आज दूसरे दिन वह मोइरांग में कई राहत शिविरों का दौरा किया।साथ ही हिंसा से प्रभावित लोगों से मुलाकात भी।जिसके बाद राहुल गांधी ने राज्यपाल से मुलाकात की और राज्य के हालात को लेकर चिंता व्यक्त की। बैठक के बाद राजभवन के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि शांति के लिए जो भी आवश्यक होगा मैं उसके लिए तैयार हूं। मैं सभी से, मणिपुर के प्रत्येक व्यक्ति से राज्य में शांति बनाए रखने की अपील कर रहा हूं, हिंसा कभी भी कोई रास्ता नहीं हो सकती, मणिपुर को अभी शांति चाहिए। 

राहुल गांधी ने आगे कहा कि मैं राहत शिविर में गया और हर समुदाय के लोगों से मिला। राहत शिविरों में दवाईयां और खाने की कमी है। जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। वहीं, अपने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में, पूर्व कांग्रेस सांसद ने कहा, “मणिपुर में हिंसा के कारण जिन लोगों ने अपने प्रियजनों और घरों को खो दिया है, उनकी दुर्दशा को देखना और सुनना दिल दहला देने वाला है। मुझसे मिलने वाले हर भाई, बहन और बच्चे के चेहरे पर मदद की पुकार है।"

बताया जा रहा है कि राहुल हिंसा को रोकने के लिए और लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए आज सामाजिक कार्यकर्ताओं से बात कर सकते हैं। इसके बाद राहुल गांधी मणिपुर से ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं। जिसमें वो लोगों से हुई बातचीत की जानकारी दे सकते हैं।