नशे के मकड़जाल में फंस रहा युवा वर्ग,प्रखंड क्षेत्र में बोनफिक्स से नशा करने की बढ़ रही लत
रोहतास : युवा मन को जोश व उमंग की उम्र कहा जाता है। यही उम्र का पड़ाव होता है जब भविष्य को लेकर युवा मन द्वारा लक्ष्य साधा जाता है। लेकिन,दुर्भाग्यवश प्रखंड क्षेत्र के युवा वर्ग नशे के मकड़जाल में फंसकर बर्बादी के कगार पर पहुंच रहे हैं।
दिनारा प्रखंड क्षेत्र में आये दिन शराब,गांजा,हिरोईन के साथ-साथ अन्य नशा की प्रवृत्ति, खासकर युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। कुछ युवा अब बोनफिक्स को नशे के लिए उपयोग करते हैं। इसकी शिकायत के बाद भी यहां बाजारों में धड़ल्ले से इसे बेचा जा रहा है।
डाक्टरों का मानना है कि नशा स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है तथा इससे युवाओं में आपराधिक प्रवृत्ति भी बढ़ रही है।इलाके में अब नशा का सेवन सिर्फ गुटखा व धूम्रपान तक सीमित नहीं रहा बल्कि शराब, गांजा,हिरोईन के अलावा युवाओं का एक बड़ा वर्ग बोनफिक्स का सेवन भी इसके लिए कर रहा है। जो किराना दुकानों व जनरल स्टोर्स में आसानी से मिल रहा है।
दिनारा में उप डाकघर के पीछे, बलदेव हाई स्कूल के समीप तालाब के किनारे,प्रखंड मुख्यालय परिसर में बने अन्य भवनों के छांव में बैठकर युवा वर्ग जहां गांजा,हिरोईन का सेवन करते नजर आ जाते हैं,तो वहीं 10 से 15 वर्ष के बच्चे बोनफिक्स का सेवन करते नजर आते हैं।
स्थानीय हाई स्कूल के समीप तालाब के पास बच्चे बोनफिक्स से नशा करते पाये जाते हैं।यही स्थिति प्रखंड मुख्यालय परिसर में है जहां बने अन्य भवनों व उसके आगे-पीछे सुनसान स्थल पर बच्चे बोनफिक्स का नशा करते हैं। जानकारों कि माने तो जहां क्षेत्र में बिना रोक-टोक युवाओं में शराब,गांजा हिरोईन की लत हावी है,तो वहीं बच्चों में बोनफिक्स से नशा करने का प्रचलन बढ़ रहा है।इससे उनकी सेहत तो खराब हो ही रही है साथ ही उनका सामाजिक स्तर भी गिरता जा रहा है।
वर्तमान समय में दिनारा के अलावे नटवार, सरांव, खनिता व गंजभड़सरा सहित दर्जन गांवों में युवाओं की नसों में जोश कम नशा ज्यादा दौड़ता दिखाई दे रहा है।इन दिनों क्षेत्र के युवा वर्ग नशे के दलदल में दिनों दिन फंसता जा रहा है। नशाखोरी की आदत 12 से 20 साल तक के युवाओं में अधिक देखने को मिल रही है। इससे आने वाली पीढ़ी के भविष्य पर संकटों के बादल मंडराने लगे हैं। तो वहीं युवाओं में नशे की लत से क्राइम भी बढ़ रहा है। प्रखंड क्षेत्र में युवा पीढ़ी के नशे की जद में आने के बाद से इन दिनों अपराधों में इजाफा हो रहा है। युवा विभिन्न माध्यमों से नशा कर जरायम की दुनिया में कदम रख रहे हैं।
पिछले दो सालों पर गौर किया जाए तो क्षेत्र में बाइक चोरी,छिनतई,बैंक से रूपये लेकर जा रहे लोगों से लूटपाट आदि करना मानों उनका शौक बन गया हो। इन वारदातों में सबसे ज्यादा युवा वर्ग के आरोपी ही थे। लेकिन चिंताजनक सवाल यह है कि क्या आज के युवा हमारे देश के आने वाले भविष्य हैं?क्योंकि हमारे देश का भविष्य युवा वर्ग नशे की ओर तेजी से बढ़ रहा है। जहां एक तरफ हमारे देश की शिक्षा नीति में बदलाव हो रहा है,ताकि आने वाला भविष्य सफल युवा पीढ़ी के हाथों में सुरक्षित रह सके,वही दूसरी ओर युवा वर्ग जो अभी अंडरएज है, नशे की गिरफ्त में है।
आज 12 साल से 18 साल के बच्चों में ही नशा एक फैशन के रूप में प्रचलित है।वह अपने स्वास्थ के साथ तो खिलवाड़ करते ही करते है साथ ही अपना और अपने परिवार के भविष्य को भी दांव पर लगा देते है। कभी-कभी नशे की लत उनके दिमाग को इतना भ्रष्ट कर देती है की वह दिमागी बीमारी या डिप्रेशन का शिकार हो जाते है।
रोहतास से दिवाकर तिवारी
Jun 28 2023, 18:50