*गलवान हिंसा के तीन साल पूरे होने खड़गे का केन्द्र पर तंज, बोले-मोदी सरकार की 'लाल आंख' धुंधली पड़ गई है, उस पर लगा चीनी चश्मा*

#galwanclashmallikarjunkhargesaidduetofailuresofgovtstatus

चीनी सैनिकों के साथ साल 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की झड़प के तीन साल पूरे होने पर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर जोरदार हमला बोला। कांग्रेस ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति बरकरार नहीं रखने का आरोप लगाते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल दागे। कांग्रेस ने पीएम मोदी के चीन को क्लीन चिट देने को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा झटका भी करार दिया। 

मल्लिकार्जुन खरगे ने उठाए सवाल 

गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर पर लिखा, "तीन साल पहले गलवान घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले 20 वीर जवानों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि, मोदी सरकार की नाकामियों के चलते एलएसी पर इन तीन सालों में पूर्व यथास्थिति अब नहीं है। हम 65 में से 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट पर अपना अधिकार खो चुके हैं।"

मोदी सरकार देशवासियों को अंधेरे में रखना चाहती है

मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने ट्वीट में लिखा, हमने संसद में ये मुद्दा कई बार उठाने की कोशिश की है, पर मोदी सरकार देशवासियों को अंधेरे में रखना चाहती है। गलवां पर पीएम मोदी की 'क्लीन चिट' की वजह से चीन अपने नापाक इरादों में सफल होता दिख रहा है। ये हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की अखंडता पर गहरा आघात है। मोदी सरकार की 'लाल आंख' धुंधली पड़ गई है, जिस पर उसने चीनी चश्मा पहन रखा है। विपक्ष में रहकर हमारा काम है, देश को चीनी विस्तारवादी नीति के खिलाफ एकजुट रखना और मोदी सरकार के चीनी चश्मे को उतार फेंकना।

राहुल गांधी ने शहीद जवानों को किया याद

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा, गलवां घाटी के संघर्ष में शहीद हुए हमारे सभी वीर जवानों को उनके शहादत दिवस पर शत-शत नमन। देश की सीमा की रक्षा के लिए उनका दिया सर्वोच्च बलिदान भारत सदैव याद रखेगा।

प्रियंका गांधी ने भी किया ट्वीट

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के अलावा पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी शहीद जवानों को याद किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "देश की रक्षा करते हुए गलवान घाटी में शहीद हुए सभी वीर जवानों को नमन, हम वीर जवानों की शहादत कभी नहीं भूलेंगे और इस सर्वोच्च बलिदान के लिए हमेशा उनके ऋणी रहेंगे।

जब भारत-चीन के जवान आमने-सामने आ गए थे

गलवान घाटी में तीन साल पहले भारत और चीन के जवान आमने-सामने आ गए। इस दौरान चीनी सैनिक कंटीली तारों वाले डंडों से लेस थे। जिनसे उन्होंने भारतीय जवानों पर हमला कर दिया। इस खूनी संघर्ष में 20 जवान शहीद हो गए।चीनी सैनिकों की घुसपैठ को रोकने के दौरान हुई इस घटना में दोनों तरफ से जवानों में जमकर झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। वहीं कई चीनी सैनिकों के मारे जाने की भी जानकारी सामने आई थी।

गलवान हिंसा के तीन साल पूरे होने खड़गे का केन्द्र पर तंज, बोले-मोदी सरकार की 'लाल आंख' धुंधली पड़ गई है, उस पर लगा चीनी चश्मा

#galwanclashmallikarjunkhargesaidduetofailuresofgovtstatus

चीनी सैनिकों के साथ साल 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की झड़प के तीन साल पूरे होने पर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर जोरदार हमला बोला। कांग्रेस ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति बरकरार नहीं रखने का आरोप लगाते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल दागे। कांग्रेस ने पीएम मोदी के चीन को क्लीन चिट देने को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा झटका भी करार दिया। 

मल्लिकार्जुन खरगे ने उठाए सवाल 

गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर पर लिखा, "तीन साल पहले गलवान घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले 20 वीर जवानों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि, मोदी सरकार की नाकामियों के चलते एलएसी पर इन तीन सालों में पूर्व यथास्थिति अब नहीं है। हम 65 में से 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट पर अपना अधिकार खो चुके हैं।"

मोदी सरकार देशवासियों को अंधेरे में रखना चाहती है

मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने ट्वीट में लिखा, हमने संसद में ये मुद्दा कई बार उठाने की कोशिश की है, पर मोदी सरकार देशवासियों को अंधेरे में रखना चाहती है। गलवां पर पीएम मोदी की 'क्लीन चिट' की वजह से चीन अपने नापाक इरादों में सफल होता दिख रहा है। ये हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की अखंडता पर गहरा आघात है। मोदी सरकार की 'लाल आंख' धुंधली पड़ गई है, जिस पर उसने चीनी चश्मा पहन रखा है। विपक्ष में रहकर हमारा काम है, देश को चीनी विस्तारवादी नीति के खिलाफ एकजुट रखना और मोदी सरकार के चीनी चश्मे को उतार फेंकना।

राहुल गांधी ने शहीद जवानों को किया याद

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा, गलवां घाटी के संघर्ष में शहीद हुए हमारे सभी वीर जवानों को उनके शहादत दिवस पर शत-शत नमन। देश की सीमा की रक्षा के लिए उनका दिया सर्वोच्च बलिदान भारत सदैव याद रखेगा।

प्रियंका गांधी ने भी किया ट्वीट

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के अलावा पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी शहीद जवानों को याद किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "देश की रक्षा करते हुए गलवान घाटी में शहीद हुए सभी वीर जवानों को नमन, हम वीर जवानों की शहादत कभी नहीं भूलेंगे और इस सर्वोच्च बलिदान के लिए हमेशा उनके ऋणी रहेंगे।

जब भारत-चीन के जवान आमने-सामने आ गए थे

गलवान घाटी में तीन साल पहले भारत और चीन के जवान आमने-सामने आ गए। इस दौरान चीनी सैनिक कंटीली तारों वाले डंडों से लेस थे। जिनसे उन्होंने भारतीय जवानों पर हमला कर दिया। इस खूनी संघर्ष में 20 जवान शहीद हो गए।चीनी सैनिकों की घुसपैठ को रोकने के दौरान हुई इस घटना में दोनों तरफ से जवानों में जमकर झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। वहीं कई चीनी सैनिकों के मारे जाने की भी जानकारी सामने आई थी।

दिल्ली के मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में लगी आग, छात्रों से रस्सी के सहारे कूदकर बचाई जान

#fire_breaks_out_in_delhi_mukherjee_nagar_gyan_building

दिल्ली के मुखर्जी नगर में संस्कृति कोचिंग सेंटर में आग लगने के बाद हड़कंप मच गया है। कोचिंग सेंटर की तीसरी मंजिल पर आग लगने से अफरातफरी मच गई। आग लगने के बाद कोचिंग सेंटर में मौजूद छात्र रस्सी के सहारे नीचे उतरकर जान बचाते हुए दिखे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर आ गया है। 

कोचिंग सेंटर में आग आज दोपहर करीब साढ़े 12 बजे लगी। कोचिंग सेंटर में आग लगी देख छात्रों में हड़कंप मच गया। छात्र चीख-पुकार मचाने लगे। आनन-फानन में इसकी सूचना पुलिस और फायर ब्रिगेड को दी गई। सूचना पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने आग बुझाना और छात्रों का रेस्क्यू करना शुरू किया।

बताया जा रहा है कि आग बिजली के मीटर में लगी थी, जिससे पूरे कोचिंग सेंटर में धुआं भर गया। डर के मारे छात्रों ने खिड़की से कूदकर अपनी जान बचाई। इस दौरान चार छात्र घायल भी हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।दमकल विभाग के मुताबिक, सभी छात्रों को रेस्क्यू कर लिया गया है। किसी छात्र को गंभीर चोट नहीं लगी है। स्थिति कंट्रोल में है।

दिल्ली डीसीपी सुमन नलवा ने घटना के बारे में न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, ‘घायल कुछ छात्रों को नजदीकी अस्पताल भेजा गया। हालांकि, किसी तरह के गंभीर नुकसान या किसी के जीवन के लिए खतरा उत्पन्न नहीं हुआ। बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर बिजली के एक मीटर में आग लगी थी। हालांकि, आग बड़ी नहीं थी, महज एक मीटर में फैल गई थी। लेकिन धुंआ उठने के बाद बच्चे घबड़ा गए और बिल्डिंग के पीछे के रास्ते से नीचे उतरने का प्रयास करने लगे। रस्सी के सहारे इमारत से नीचे उतरने में 4 छात्र घायल हुए। हालांकि आग से कोई व्यक्ति हताहत नहीं हुआ है। छात्रों को मामूली चोटें आई हैं।

बीजेपी को आ रही पुराने साथियों की याद! जाने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इन दलों पर क्यों है खास नजर

#bjpfocusonnewregionalalliancesfor2024general_election

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता की बातें होने लगी हैं। विपक्षी दल एकजुट होकर बीजेपी को हराने की योजना बनाने के लिए बैठक कर रहे हैं। नई संसद के उद‌्घाटन समारोह का कांग्रेस सहित 20 विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया था। इसके जरिए विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाने की भी कोशिश की। एकतरफ विपक्षी एकता की कोशिश हो रही है तो दूसरी तरफ बीजेपी भी अपना कुनबा बढ़ाने की कोशिश कर रही है। पिछले लोकसभा चुनाव से अब तक बीजेपी अपने कई साथियों को खो चुकी है। ऐसे में यह पार्टी आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले अपने पुराने सहयोगियों को बार फिर वापस लाने की कोशिश में दिख रही हैं।

बीजेपी पुराने सहयोगियों को एकबार फिर वापस लाने की कवायद में

दरअसल पिछले दो लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को बुरी तरह हराकर बहुमत हासिल किया था। साल 2014 में बीजेपी ने अपने दम पर 282 सीटें जीतीं और एनडीए ने मिलकर 336, साल 2019 में बीजेपी ने 303 और एनडीए ने 352 सीटें जीतीं। धीरे-धीरे 2024 के चुनाव से पहले बीजेपी के अपने पुराने सहयोगी अलग होते गए और एक समय पार्टी के साथ कदमताल मिलाकर वर्षों तक चलनेवाली पार्टियों ने या तो विपक्ष का दामन थाम लिया या फिर एकला चलो की राह पर निकल पड़ीं। अब जब विपक्ष एकजुट हो रहा है तो बीजेपी भी लोकसभा चुनाव से पहले अपनी रणनीति बदल रही है और पार्टी को 25 साल पुराने सहयोगियों की फिर से याद आ रही है। बीजेपी गठबंधन की पुराने सहयोगियों को एकबार फिर से वापस लाने की कवायद में है।

टीडीपी के साथ दोस्ती का संकेत

हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात की थी। 2019 में एनडीए से अलग हो चुकी इस पार्टी के प्रमुख से मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले लोकसभा चुनाव में तेलुगु देशम पार्टी एक बार फिर एनडीए के गठबंधन में शामिल हो सकती। वैसे इसकी नींव इस साल हुए पोर्ट ब्लेयर के नगर परिषद के चुनाव में पड़ चुकी है। यहां दोनों दलों ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था और चुनाव जीत भी लिया था। इसके बाद मई में पीएम मोदी ने भी 'मन की बात' कार्यक्रम में एन टी रामाराव की जयंती पर उन्हें याद कर टीडीपी के साथ दोस्ती का संकेत दिया था। इसके बाद उनके साथ आने की अटकलें और बढ़ गईं।

पंजाब में अकाली दल की होगी वापसी

पंजाब के बीजेपी के पुराने सहयोगी की बात करें तो अकाली दल को लेकर पार्टी असमंजस में है। मगर जिस तरह सीनियर बादल यानी प्रकाश सिंह बादल के निधन पर प्रधानमंत्री समेत तमाम बड़े नेता उनके गांव पहुंचे और पीएम ने जो सह्रदयता दिखाई उसे देखकर कयास फिर से लगाए जा रहे हैं कि ये पार्टियां एकबार फिर एक प्लेटफार्म पर आ सकती हैं। 

राजभर के साथ यूपी में दोस्ती का प्लान

लोकसभा चुनाव में बीजेपी उत्तर प्रदेश में किसी तरह का कोई राजनीतिक रिस्क नहीं लेना चाहती है, जिसके लिए मौजूदा सहयोगी दलों को साथ रखने के अलावा भी नए साथ की तलाश में है। ऐसे में बीजेपी की नजर यूपी में ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा के साथ गठबंधन करने की है। विधान परिषद के चुनाव में राजभर ने बीजेपी के पक्ष में वोटिंग कर दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया है। इसकी वजह यह है कि सुभासपा से गठबंधन करने पर बीजेपी को पूर्वांचल में पांच से छह लोकसभा सीटों पर फायदा हो सकता है। ओम प्रकाश राजभर की एनडीए में वापसी कराने की जिम्मेदारी उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को सौंपी गई है। माना जा रहा है जुलाई में सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की बीजेपी नेतृत्व की बैठक प्रस्तावित है।

बिहार में बीजेपी राजनीतिक साथियों की तलाश में

बिहार में नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होकर महागठबंधन के खेमे में जाने के बाद बीजेपी नए राजनीतिक साथियों की तलाश में है। राम विलास पासवान की सियासी विरासत संभाल रहे चिराग पासवान की बीजेपी के साथ नजदीकियां बढ़ रही हैं। जेडीयू से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा के भी बीजेपी के साथ गठबंधन की तैयारी है तो वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी को भी साथ लेने की तैयारी है। ये दोनों ही नेता पहले एनडीए के साथ रह चुके हैं। वहीं, महागठबंधन में शामिल जीतनराम मांझी भी इन दिनों बागी तेवर अपनाए हुए हैं, जिसके चलते उनके भी एनडीए में वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं।

बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट, पुलिस को पॉक्सो केस में नहीं मिले सबूत, कोर्ट में कैंसिलेशन रिपोर्ट दायर

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भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को पॉक्सो केस में बड़ी राहत मिली है। दिल्ली पुलिस ने पॉक्सो मामले में पटियाला हाऊस कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। इस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उनके खिलाफ इस केस में कोई सबूत नहीं मिले हैं लिहाजा हम इस मामले की जांच बंद कर रहे हैं। अदालत ने पुलिस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई तय की है।

कैंसिलेशन रिपोर्ट भी दाखिल

महिला पहलवानों के उत्पीड़न के मामले में दिल्ली पुलिस ने आज यानी गुरुवार को अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, 1100 से 1200 पन्नों की चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि महिला पहलवान केस में पर्याप्त सबूत उपलब्ध कराने में असफल रहे हैं। इसके साथ-साथ पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज पोक्सो मामले को वापस लेने के लिए 550 पेज की कैंसिलेशन रिपोर्ट भी दाखिल की है। 

बृजभूषण सिंह के खिलाफ कोई टेक्निकल एविडेन्स नही मिले

चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने बताया है कि उसे मामले की तफ्तीश के दौरान बृजभूषण सिंह के खिलाफ कोई टेक्निकल एविडेन्स नही मिले हैं। जांच में पुलिस को न तो कोई संदिग्ध तस्वीर, वीडियो या फुटेज या फिर फोरेंसिक सबूत नहीं मिले हैं। पुलिस की ओर से महिला पहलवानों से भी सबूत मांगे गए थे लेकिन वो उपलब्ध कराने में असफल रहे।

क्या था पूरा मामला?

बीते महीने 23 अप्रैल को देश के शीर्ष तीन पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक बृजभूषण सिंह शरण के ऊपर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए और उनके इस्तीफे की मांग करने लगे। इसके बाद उन्होंने बृजभूषण सिंह शरण पर यौन शौषण के आरोप लगाए जिस पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू की थी। ओलंपियन पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगट ने इस महीने की शुरुआत में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ भी बातचीत की थी। सरकार ने पहलवानों को आश्वासन दिया था कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 15 जून तक आरोप पत्र दायर किया जाएगा, जिसके बाद उन्होंने अपना विरोध प्रदर्शन अगले फैसले तक स्थगित कर दिया था।

अमेरिका का भारत को बड़ा ऑफर, पीएम मोदी की यात्रा से पहले किलर ड्रोन बेचना चाहता है बाइडेन प्रशासन

#biden_pushing_india_to_seal_big_armed_drone_mq_9_predator

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले बाइडेन सरकार ने भारत को बड़ा ऑफर दिया है।रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका चाहता है, कि भारत सरकार अमेरिका से विशाल हथियारबंद ड्रोन डील को पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले फाइनल कर ले। दरअसल, भारत लंबे समय से अमेरिका से विशाल हथियारबंद ड्रोन विमान सी गार्डियन खरीदना चाहता है लेकिन यह डील लटकी हुई है। अमेरिकी वार्ताकार अब यह उम्‍मीद कर रहे हैं कि पीएम मोदी की 22 जून होने वाली यात्रा में यह गतिरोध टूट सकता है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक चूंकि पीएम मोदी की यात्रा तय हो गई है, ऐसे में अमेरिका के विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय पेंटागन और राष्‍ट्रपति कार्यालय वाइट हाउस ने भारत से कहा है कि वह 30 MQ-9 प्रिडिएटर हथियारबंद ड्रोन के मामले में प्रगति 'दिखाए।' 

इंडिया टुडे ने सरकारी सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में ये जानकारी दी है। जिसमें बताया गया है कि लंबे समय से अटकी हुई इस डील को 15 जून को होने वाली बैठक के बाद आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए अमेरिका की तरफ से भी लगातार कोशिशें हो रही हैं। रक्षा मंत्रालय की ये बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 21 से 24 जून तक अमेरिका दौरे से ठीक पहले हो रही है। जिसमें कई रक्षा सौदों को लेकर चर्चा हो सकती है।

पीएम मोदी का ये दौरा पिछले कई दौरों से बिल्कुल अलग होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने देश को सशक्त बनाने का जो प्रण लिया है।सुपरपावर अमेरिका भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है। इस बार अमेरिका की 3 सबसे बड़ी संस्थाएं भारत के साथ बहुत बड़ी डील करने को बेताब हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार अमेरिका से MQ-9B सी गार्डियन ड्रोन की डील भी हो सकती है। इस तरह के ड्रोन्स भारत ने साल 2020 में लीज़ पर लिए थे। नेवी के बेड़े में ये दोनों ड्रोन शामिल किए गए थे। भारत को इस ड्रोन की ताकत का अहसास हो गया है, इसलिए इसकी डील सीधे अमेरिका से बड़े स्तर पर हो सकती है।

बता दें कि भारत ने समुद्र में चीनी और पाकिस्‍तानी हरकतों पर निगरानी के लिए दो सी गार्डियन ड्रोन लीज पर लिया हुआ है। MQ-9 प्रिडिएटर ड्रोन सैटेलाइट से संचालित होता है और यह 45 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ते हुए 35 घंटे तक हवा में रह सकता है। इसमें रेडॉर की तरह से सेंसर लगे होते हैं। इसमें इलेक्‍ट्रानिक सपोर्ट के लिए उपकरण होते हैं जो किसी भी दुश्‍मन की पहचान कर सकते हैं। इसके बाद इस ड्रोन में लगी मिसाइलों और बम की मदद से उस दुश्‍मन को तबाह कर दिया जाता है।

उत्तर प्रदेश में आज से 20 तक बारिश व आंधी का सिलसिला चक्रवाती तूफान और मानसून मिलकर बदल सकते हैं यूपी का मौसम

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

मानसून के साथ ही चक्रवातीय तूफान बिपरजाॅय उत्तर प्रदेश के मौसम पर असर डाल सकता है। आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक जेपी गुप्ता ने बताया कि आज से उत्तर प्रदेश के विभिन्न अंचलों में गरज- चमक के साथ बारिश और आंधी का सिलसिला शुरू होगा जो 20 जून तक जारी रह सकता है।‌ 18 से 21 जून के बीच पूर्वी भारत में मानसून के पहुंचने के आसार बन रहे हैं। इस वक्त मानसून की ट्रफ लाइन पूर्वी उत्तर प्रदेश से उत्तरी ओडिशा होते हुए पूर्वी बिहार और उत्तर पूर्वी बंगाल की खाड़ी तक पहुंच रही हैं। बृहस्पतिवार को को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क‌ई हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश होने से ज्यादा आसार हैं। इसके बाद पूर्वी अंचलों में भी छिटपुट बारिश का क्रम शुरू होगा। फिलहाल प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में प्रचंड गर्मी का प्रकोप जारी है।

स्टालिन सरकार का बड़ा फैसला, तमिलनाडु में सीबीआई को जांच के लिए लेनी होगी इजाजत

#cbi_to_take_permission_to_probe_cases_in_tamil_nadu

केन्द्र की मोदी सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगातार लग रहा है। इसी बीच बुधवार को तमिलनाडु के बिजली और आबकारी मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने केंद्रियों एजेंसियों से जुड़ा बड़ा फैसला लिया है। स्टालिन सरकार के फैसले के मुताबिक केंद्रीय एजेंसी को अब जांच के लिए पहले राज्य की अनुमति लेनी होगी।तमिलनाडु गृह विभाग ने बुधवार (14 जून) को कहा कि तमिलनाडु राज्य में मामलों की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो से सामान्य सहमति वापस लेता है।

तमिलनाडु के गृह विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार, तमिलनाडु सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली है।बयान के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी, सीबीआई को अब राज्य में नए मामले की जांच के लिए तमिलनाडु सरकार से अनुमति लेनी होगी। बयान में कहा गया कि पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, मिजोरम, पंजाब और तेलंगाना में इसे पहले ही किया जा चुका है।

इन राज्यों में भी सीबीआई को अनुमति जरूरी

दरअसल, आम सहमति वापसी के बाद अब केंद्रीय जांच एजेंसी को राज्य में किसी भी मामले की जांच करने से पहले तमिलनाडु सरकार से अनुमति लेनी होगी।तमिलनाडु सीबीआई द्वारा जांच के लिए अपनी सामान्य सहमति वापस लेने वाला दसवां भारतीय राज्य बन गया। इससे पहले जिन अन्य 9 राज्यों ने मामलों की जांच के लिए सीबीआई से अपनी सामान्य सहमति वापस ले ली थी उनमें छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल, मेघालय, मिजोरम, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। 

मंत्री वी सेंथिल की गिरफ्तारी के बाद फैसला

तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी के खिलाफ ईडी की छापेमारी के बाद स्टालिन सरकार ने बड़ा कदम उठाया।इस कदम पर विपक्षी नेताओं ने भाजपा की तीखी आलोचना करते हुए सत्तारूढ़ पार्टी पर प्रतिद्वंद्वी नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस समेत कईविपक्षी दलों के नेताओं ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्तापक्ष के खिलाफ बोलने वालों को राजनीतिक उत्पीड़न एवं प्रतिशोध की कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है।

बता दें कि तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तमिलनाडु के परिवहन विभाग में नौकरियों के बदले नकदी घोटाले के मामले में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। बालाजी तमिलनाडु में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन नीत सरकार में केंद्रीय एजेंसी की इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले पहले मंत्री हैं। मुख्यमंत्री स्टालिन ने इस मामले पर कहा कि जब बालाजी ने जांच में पूरी तरह सहयोग का आश्वासन दिया है तो लंबी पूछताछ की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा कि क्या ईडी की इस तरह की अमानवीय कार्रवाई उचित है। बालाजी 2014-15 में अपराध के समय अन्नाद्रमुक में शामिल थे और उस समय परिवहन मंत्री थे।

बृजभूषण सिंह के खिलाफ गुरुवार चार्जशीट दाखिल कर सकती है दिल्ली पुलिस, पहलवानों को 15 जून तक जांच पूरी करने का मिला था आश्वासन

#delhi_police_may_file_charge_sheet_against_brij_bhushan_singh

भारतीय कुश्‍ती महासंघ के अध्‍यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ महिला रेसलर्स के यौन उत्‍पीड़न के आरोपों की जांच लगभग पूरी हो गई है। अधिकारियों के मुताबिक, दिल्‍ली पुलिस इस मामले में गुरुवार को चार्जशीट दाखिल कर सकती है।केन्द्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने सात जून को ओलंपिक पदक विजेता पहलवानों बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक से मुलाकात की थी। साथ ही प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को आश्वासन दिया था कि मामले में 15 जून तक आरोपपत्र दाखिल हो जाएगा। इस आश्वासन के बद पहलवानों ने अपना प्रदर्शन रोक दिया था।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया चूंकि मंत्री ने पहलवानों को आश्वासन दिया है कि मामले में 15 जून (गुरुवार) तक आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा, हम इसका पालन करेंगे।अधिकारियों ने बताया कि जांच के क्रम में दिल्ली पुलिस ने पांच अन्य देशों के कुश्ती संघ/महासंघों को पत्र लिखकर सिंह द्वारा यौन उत्पीड़ीन की कथित घटनाओं के संबंध में जानकारी मांगी है, लेकिन उनके जवाब का इंतजार है।अधिकारियों ने बताया कि जवाब मिलने के बाद पूरक आरोपपत्र दाखिल किए जाएगा। उन्होंने बताया कि टूर्नामेंट के फोटो और वीडियो, मैच के दौरान पहलवान जहां रूकीं थीं उन जगहों की सीसीटीवी फुटेज आदि उपलब्ध कराने का अनुरोध करते हुए नोटिस जारी किया गया है।

पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने एसआईटी के साथ जांच रिपोर्ट को लेकर बैठक भी की है। इस मामले में पुलिस ने 209 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। 4 पहलवानों से सबूत लिए हैं। विभिन्न साई सेंटरों और प्रतियोगिता स्थलों से सीसीटीवी फुटेज, फोटो और संबंधित नजदीकियों के बयान दर्ज किए हैं।अपनी जांच के लिए दिल्‍ली पुलिस ने पांच देशों के कुश्ती महासंघों को पत्र लिखकर बृजभूषण के यौन उत्‍पीड़न की कथित घटनाओं के संबंध में जानकारी मांगी है, इस महासंघों के जवाब का अभी इंतजार हो रहा है. अधिकारियों ने बताया कि महासंघों की ओरसे जवाब मिल जाने के बाद इस मामले में सप्‍लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जाएगी।

आज गुजरात से टकराएगा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय, लैंडफॉल से पहले भारी बारिश, 74 हजार लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया गया

#cyclone_biparjoy

अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय खतरनाक रूप से चुका है। कुछ ही घंटों में यह गुजरात से टकराने वाला है। बताया जा रहा है कि लैंडफॉल आज शाम 4 से 5 बजे के बीच हो सकता है।भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने तूफान के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि चक्रवात बिपरजोय सौराष्ट्र, कच्छ की तरफ बढ़ रहा है। यह जखाऊ से करीब 180 किमी की दूरी पर है। हवाएं 125-135 किमी प्रति घंटे रफ्तार से चल रही हैं। यह अति गंभीर चक्रवाती तूफान है जो शाम तक तट पर पहुंचेगा। इसकी वजह से पेड़, छोटे मकान, मिट्टी के घर, टिन के घरों को नुकसान हो सकता।

74,345 लोगों को अस्थायी आश्रयों में लाया गया

गुजरात के राहत आयुक्त आलोक पांडे ने कहा कि तटीय इलाकों से लोगों को निकालने की प्रक्रिया बुधवार सुबह तक पूरी कर ली गई। 74,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। आठ तटीय जिलों में कुल 74,345 लोगों को अस्थायी आश्रयों में ले जाया गया। अकेले कच्छ जिले में लगभग 34,300 लोगों को निकाला गया। इसके बाद जामनगर में 10,000, मोरबी में 9,243, राजकोट में 6,089, देवभूमि द्वारका में 5,035, जूनागढ़ में 4,604, पोरबंदर में 3,469 और गिर सोमनाथ जिले में 1,605 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। 

8 जिलों में हाई अलर्ट

बिपरजॉय तूफान को देखते हुए गुजरात के 8 जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है।चक्रवात की वजह से गुजरात आने-जाने वाली 100 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द किया गया है। राजकोट एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही रोकी गई। स्कूल कॉलेज भी एहतियातन बंद किए गए हैं।

एनडीआरएफ और सेना ने मोर्चा संभाला

चक्रवात की संभावित दस्तक से पहले राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने गुजरात और महाराष्ट्र में राहत एवं बचाव अभियान चलाने के लिए कुल 33 टीमों को जिम्मा सौंपा है। एनडीआरएफ की 18 टीमों को गुजरात में रखा गया है, एक को दीव में तैनात किया गया है।भारतीय नौसेना ने बताया है कि चार जहाज स्टैंडबॉय पर हैं। पोरबंदर और ओखा में पांच-पांच राहत दल और वलसुरा में 15 राहत दल तैयार हैं। गोवा में आईएनएस हंस और मुंबई में आईएनएस शिकरा नेवल एयर स्टेशन पर नेवी के हेलीकॉप्टर को तैयार रहने को कहा गया है।