हनुमान जी का गदा लेकर मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने उतरी कांग्रेस, जबलपुर से शुरू किया गया चुनावी अभियान
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने को कांग्रेस भी अब धर्म की राह पर चल पड़ी है। भाजपा के हिन्दुत्व की काट तलाशने को कांग्रेस न केवल बजरंगबली का नाम जप रही है बल्कि अब उनकी गदा का भी सहारा ले रही है। जबलपुर में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के स्वागत में लगे पोस्टरों के साथ शहर में कई जगहों पर बजरंग बली की 'गदा' शहर की शोभा बढ़ा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को जबलपुर में ग्वारीघाट नर्मदा नदी की पूजा-अर्चना के साथ कांग्रेस के प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है। इसके बाद वह एक रैली को संबोधित करेंगी।
पार्टी के एक नेता ने बताया कि जबलपुर राज्य के महाकोशल क्षेत्र का केन्द्र है और यहां आदिवासी मतदाताओं संख्या बहुत ज्यादा है। 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने आठ जिलों के इस संभाग में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 13 सीटों में से 11 पर जीत हासिल की थी, जबकि शेष दो सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली थी।
रैली में दो लाख लोगों के शामिल होने की संभावना
जबलपुर के मेयर और कांग्रेस के शहर प्रमुख जगत बहादुर सिंह ने रविवार को कहा था कि प्रियंका जी शनिवार को सुबह करीब 11.15 बजे शहीद स्मारक में एक जनसभा को संबोधित कर पार्टी के चुनाव अभियान और संकल्प 2023 की शुरुआत करेंगी। वह सुबह करीब 10:30 बजे जबलपुर पहुंचेंगी और नर्मदा नदी की पूजा करने के लिए ग्वारीघाट जाएंगी। उन्होंने कहा कि रैली स्थल के रास्ते में प्रियंका मुगलों से लड़के हुए शहीद हुई रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगी। उन्होंने कहा कि रैली में कम से कम दो लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है।
उन्होंने दावा किया, ''महाकोशल क्षेत्र या आठ जिलों वाले जबलपुर संभाग के लोग खुद को भाजपा द्वारा उपेक्षित महसूस करते हैं। हमने इस क्षेत्र में (पिछली बार) अच्छा प्रदर्शन किया था। इस बार चुनाव में हम शानदार प्रदर्शन करने वाले हैं।''
उन्होंने पार्टी के प्रचार अभियान के लिए जबलपुर को क्यों चुना, मध्य प्रदेश से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने कहा कि रैली महाकोशल में आयोजित की जा रही है क्योंकि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इस क्षेत्र से होकर नहीं गुजरी थी।
उन्होंने कहा कि महाकोशल क्षेत्र में रैली से पड़ोसी विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्रों में कांग्रेस को मदद मिलेगी। इसके अलावा, महाकोशल में मजबूत सत्ता विरोधी लहर (भाजपा सरकार के खिलाफ) है और कांग्रेस के पारंपरिक आदिवासी मतदाताओं की बड़ी आबादी इस क्षेत्र में रहती है।
इन सीटों पर कांग्रेस की मजबूत पकड़
मध्य प्रदेश भौगोलिक रूप से छह क्षेत्रों... महाकोशल, ग्वालियर-चंबल, मध्य भारत, निमाड़-मालवा, विंध्य और बुंदेलखंड में विभाजित है। महाकोशल या जबलपुर संभाग में जबलपुर, कटनी, सिवनी, नरसिंहपुर, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी और छिंदवाड़ा जिले शामिल हैं और इसमें 38 विधानसभा सीटें हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इनमें से 24 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा 13 सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रही थी। एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई थी।
वहीं, 2013 के चुनावों में भाजपा ने 24 सीटें जीतीं और कांग्रेस को सिर्फ 13 सीटों पर जीत मिली थी। 2018 में महाकोशल में जीत के बाद कांग्रेस कमलनाथ के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में सरकार बनाने में सक्षम बनी लेकिन, मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद यह सरकार गिर गई।
Jun 12 2023, 16:37