मल्लिकार्जुन खड़गे ने बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर पीएम मोदी को लिखा पत्र, उठाए कई सवाल,कहा- जवाबदेही तय करने से ध्यान न भटकाए सरकार
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ओडिशा में हुए रेल हादसे में 275 लोगों की मौत हो चुकी है। अब इस हादसे को राजनीति भी शुरू हो गई है और विपक्षी नेता इसे लेकर सरकार पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं।इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में खरगे ने कई गंभीर सवाल उठाए हैं।
सीबीआई जांच के फैसले के औचित्य पर सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को केंद्र सरकार पर बालासोर रेल हादसे को लेकर जवाबदेही तय करने के किसी भी प्रयास को नाकाम करने एवं ध्यान भटकाने के खिलाफ आगाह करते हुए कहा कि इस दुर्घटना के सभी पहलुओं की जांच कर सच्चाई सामने लाई जानी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में इस हादसे की सीबीआई जांच के फैसले के औचित्य पर भी सवाल खड़े किए और दावा किया कि यह एजेंसी अपराधिक मामलों की छानबीन के लिए बनी है तथा यह ऐसे मामले में तकनीकी, संस्थागत और राजनीतिक विफलता की जवाबदेही तय नहीं कर सकती।
गलत फैसलों की वजह से रेल का सफर असुरक्षित हो रहा- खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में लिखा कि रेलवे को बुनियादी तौर पर मजबूत करने के बजाय खबरों में बने रहने के लिए ऊपरी तौर पर ही बदलाव किए जा रहे हैं। खरगे ने आरोप लगाया कि लगातार गलत फैसलों की वजह से रेल का सफर असुरक्षित बन गया है।खरगे ने आरोप लगाया कि रेलवे में तीन लाख पद खाली हैं। पूर्वी तट रेलवे में, जहां ये हादसा हुआ, वहां भी 8278 पद खाली हैं। खरगे ने दावा किया कि कई वरिष्ठ पदों पर भी तैनाती नहीं हुई हैं। खरगे ने पत्र में लिखा कि रेलवे बोर्ड खुद इस बात को स्वीकार कर चुका है कि लोको पायलट्स पर काम का दबाव ज्यादा है क्योंकि कर्मचारियों की कमी की वजह से उन्हें कई घंटे अतिरिक्त काम करना पड़ता है। खरगे ने कहा कि लोको पायलट रेल सुरक्षा के लिए अहम होते हैं, ऐसे में उनकी रिक्तियां क्यों नहीं भरी जा रहीं? खरगे ने सवाल किया कि बीते नौ सालों में इन रिक्तियों को क्यों नहीं भरा गया?
कैग की रिपोर्ट पर ध्यान क्यों नहीं दिया-खड़गे
खड़गे ने सवाल किया कि सीआरएस को और मज़बूत तथा स्वायत्त बनाने का प्रयास क्यों नहीं किया गया? खड़गे का कहना है, " कैग की ताज़ा ऑडिट रिपोर्ट में इस बात का खास उल्लेख है कि 2017-18 से 2020-21 के बीच 10 में से करीब सात रेल दुर्घटनाएं रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने की वजह से हुईं। लेकिन इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया। " उन्होंने दावा किया कि कैग की रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष में 79 प्रतिशत फंडिंग कम की गई। कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल किया कि अभी तक भारतीय रेल के महज चार प्रतिशत रेल मार्गों को ही 'कवच' से रक्षित क्यों किया जा सका है ? उन्होंने यह भी पूछा, "क्या कारण है कि 2017-18 में रेल बजट को आम बजट के साथ जोड़ा गया ? क्या इससे भारतीय रेल की स्वायत्तता और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित नहीं हुई ? क्या ऐसा काम रेलवे की स्वायत्तता को दरकिनार कर निजीकरण को बढावा देने के लिए किया गया था ?
रेलवे में मामूली बदलाव कर सौतेला व्यवहार किया जा रहा-खड़गे
खड़गे ने प्रधानमंत्री के नाम पत्र में कहा है कि, 'परिवहन के क्षेत्र में तमाम क्रांतिकारी कदमों के बावजूद भारतीय रेल अब भी हर आम भारतीय की जीवन रेखा है। यह न केवल सबसे विश्वसनीय है, बल्कि परिवहन का सबसे किफायती तरीका भी है। रेलवे एक दिन में ऑस्ट्रेलिया की कुल जनसंख्या के बराबर यात्रियों को यात्रा कराता है, लेकिन मैं खेद के साथ कहता हूं कि रेलवे को बुनियादी स्तर पर मजबूत करने की बजाय सुर्खियों में बने रहने के लिए मामूली बदलाव कर सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
खतरों को नज़रअंदाज क्यों किया-खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार पर सवाल उठाते हुए पत्र में लिखा है कि, आठ फरवरी 2023 को मैसूर में हुए हादसे के बाद दक्षिण-पश्चिम जोनल रेलवे के अधिकारी ने रेलवे के सिग्नल सिस्टम को ठीक करने की आवश्यकता बताई थी, लेकिन उस चेतावनी को रेल मंत्रालय ने गंभीरता से न लेते हुए नज़रअंदाज क्यों किया ? उन्होंने कहा है कि रेलवे सुरक्षा, सिग्नलिंग और रखरखाव प्रथाओं में तकनीकी विशेषज्ञता की कमी है और इसी वजह से हादसे हो रहे हैं। कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि रेलवे की सुरक्षा में इस गिरावट को लेकर आम यात्रियों में गंभीर चिंता है, उन्होंने कहा इन सभी बातों को आम यात्रियों में काफी चिंता है इसलिए, यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस गंभीर दुर्घटना के वास्तविक कारणों का पता लगाए और उसे सामने लाए।
Jun 06 2023, 09:55