चाय पर चर्चा के बाद अब ‘टिफिन बैठक’, ऐसे पार होगी 2024 की चुनावी नइया

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2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में भारतीय जनता पार्टी जुट गई है। विपक्षी एकजुटता की कवायद के बीच केंद्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के नौ साल पूरे होने जश्न मना रही बीजेपी ने अलग-अलग आयोजनों के जरिए अब पुराने कार्यकर्ताओं को साधने की कोशिशें भी शुरू कर दी है। चाय पर चर्चा के बाद अब बीजेपी ने पुराने कार्यकर्ताओं के साथ टिफिन बैठक में चर्चा की योजना बनाई है।

नाराज़ कार्यकर्ताओं, नेताओं को मनाने का होगा अभियान

इस अभियान में कुछ अनूठे प्रयोग भी किए जा रहे हैं। जिससे रूठे और नाराज़ कार्यकर्ताओं, नेताओं को मनाकर फिर से सक्रिय किया जा सके और चुनाव में उनका उपयोग किया जा सके। इस अभिनव और अनूठे प्रयोग को ‘टिफिन बैठक’ का नाम दिया गया है। इस अभियान के अंतर्गत पहली टिफिन बैठक का शुभारंभ आगरा से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 3 जून को करेंगे। ये टिफिन बैठकें बीजेपी के हर विधायक और सांसद को करने का निर्देश दिया गया है। 

28 दिनों, 543 लोकसभा और 4000 विधानसभा क्षेत्रों में टिफिन बैठक

इस टिफिन बैठक में सभी बड़े और छोटे नेता अपने-अपने घरों से टिफिन पैक करवाकर लायेंगे और एक साथ बैठकर सामूहिक भोजन करेंगे। इस बीच भोजन के दौरान एक दूसरे से संवाद भी करेंगे। यदि किसी के मन में शिकवा गिला है तो उसको भी दूर करेंगे।बीजेपी सूत्रों के मुताबिक महा जनसंपर्क के अगले 28 दिनों में पार्टी ने देशभर के 543 लोकसभा क्षेत्रों और लगभग 4000 विधानसभा क्षेत्रों में टिफिन बैठक आयोजित करने का फैसला किया है। ये टिफिन बैठक हरेक विधानसभा स्तर पर आयोजित होगा।

मिशन 2024 की शुरूआत

इस टिफिन बैठक को बीजेपी महा जनसंपर्क अभियान का हिस्सा बताया जा रहा है जहां टिफिन से सामूहिक भोजन और संवाद और रणनीतिक योजनाएं बनाई जाएगी। इस बैठक को 2024 लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान का शुरूआत माना जा रहा है। इस बैठक में ब्रज क्षेत्र के पार्टी पदाधिकारियों के साथ स्थानीय सांसद, विधायक, क्षेत्रीय व जिला स्तरीय पदाधिकारी भी शामिल होगे। इस दौरान सांसद और विधायकों को भी आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तय एजेंडे की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

यौन शोषण के आरोपों से घिरे भाजपा के सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण को साधु संतों का साथ होने के बाद भी नहीं मिली अयोध्या में रैली की अनुमति, पढ़िए, सर पर किसका नहीं है हाथ

महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों से घिरे भाजपा के बाहुबली सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की अयोध्या में 5 जून को प्रस्तावित जन चेतना महारैली आखिरकार स्थगित हो गई। शुक्रवार की सुबह पहले खबर आई कि प्रशासन ने रामकथा पार्क में रैली की इजाजत नहीं दी और कुछ देर बाद खुद बीजेपी एमपी बृजभूषण शरण सिंह ने फेसबुक पोस्ट के जरिए ऐलान किया कि 5 जून की रैली को कुछ दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है। 18 मई को इस रैली के ऐलान के बाद से बृजभूषण लगातार क्षेत्र में घूम रहे थे और कई जगहों पर रैली की तीन-तीन राउंड की समीक्षा बैठक तक कर चुके थे। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बृजभूषण शरण सिंह को रैली क्यों टालनी पड़ी।

आंदोलनकारी पहलवानों को कांग्रेस, टीएमसी समेत अन्य विपक्षी दलों के अलावा जाट की खाप पंचायत और पश्चिमी यूपी के किसान नेताओं का समर्थन मिलने के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने इस रैली का ऐलान किया था जिससे वो अपनी ताकत का मुजाहिरा करते। उनके इस शक्ति प्रदर्शन की अयोध्या से लेकर गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच समेत आस-पास के इलाके में जबर्दस्त तैयारी चल रही थी।

सांसद के समर्थक दावा कर रहे थे कि 10 लाख से ज्यादा लोग 5 जून को अयोध्या में जुटेंगे। सबसे अहम बात कि बृजभूषण की इस रैली को अयोध्या के साधु-संतों का भरपूर समर्थन मिल रहा था। पहलवानों के आरोपों को लेकर 29 जून को अयोध्या में साधु-संतों ने खुलकर सांसद का बचाव किया और पॉक्सो एक्ट को बदलने की मांग की। सब कुछ बृजभूषण शरण सिंह के हिसाब से ठीक चल रहा था लेकिन रैली टालनी पड़ी

इसका सबसे अहम कारण माना जा रहा है कि भाजपा नहीं चाहती कि पहलवानों का मुद्दा चर्चा में रहे। पार्टी इस मामले की जांच पूरी होने तक शक्ति प्रदर्शन नहीं चाहती थी क्योंकि रैली की तैयारी के सिलसिले में बृजभूषण लगातार घूम रहे थे और लगभग हर रोज मीडिया में आक्रामक बयान दे रहे थे जिससे मुद्दा ठंडा हो ही नहीं रहा था। सरकार ने पहलवानों को जंतर-मंतर से विदा करके मुद्दे से मीडिया का फोकस हटाया है, ऐसे में बृजभूषण शरण सिंह का मीडिया में बने रहना मुद्दे को मरने नहीं दे रहा था।

केंद्र सरकार का स्पष्ट रुख है कि पहलवानों की सारी मांगें मान ली गई हैं और आपराधिक आरोपों की दिल्ली पुलिस जांच कर रही है। भाजपा ने भले खुलकर नहीं कहा है लेकिन बीजेपी से जुड़े लोग सोशल मीडिया जिस तरह से पहलवानों के आरोपों पर सवाल उठा रहे हैं और सांसद को डिफेंड कर रहे हैं, उस हालात में इस रैली से गलत संदेश जाने का खतरा था।

अयोध्या सांकेतिक रूप से बीजेपी के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है और वहां के साधु-संत नैरेटिव के दौर में अहम स्थान रखते हैं। अगले साल जनवरी में राम मंदिर का उद्घाटन होना भी तय दिख रहा है। ऐसे में अयोध्या के साधु-संतों का बृजभूषण के पीछे जुटान और सांसद की रैली में उनकी बड़ी संख्या में मौजूदगी बीजेपी दुनिया को नहीं दिखाना चाहती थी। अयोध्या के साधु संत और बृजभूषण शरण सिंह की छवि एक साथ मिल जाए, साधु-संत सांसद के पैरोकार बनकर बचाव करते दिखें, इससे पार्टी बचना चाहती थी।

कांग्रेस लगातार पहलवानों के मुद्दे को उठा रही है और बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए दबाव बना रही है। राकेश टिकैत लगातार सक्रिय हैं और उनकी वजह से पश्चिमी यूपी और दिल्ली से सटे इलाकों के किसानों का भी पहलवानों को समर्थन मिल रहा है। हरिद्वार में मेडल फेंकने गए खिलाड़ियों को नरेश टिकैत द्वारा मनाकर वापस लाने के बाद जाट समाज का खाप भी सक्रिय हो चुका है। मुजफ्फरनगर में एक पंचायत करने के बाद जाट कुरुक्षेत्र में शुक्रवार को दूसरी पंचायत कर रहे हैं।

कुल मिलाकर पहलवान और उनका समर्थन कर रही पार्टियां या संगठन शांत होने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में बृज भूषण शरण सिंह की रैली से आमने-सामने का माहौल बनता और मुद्दा फिर से टीवी चैनलों पर जगह बनाता। लेकिन भाजपा पहलवानों के मुद्दे पर जल्द से जल्द शांति चाहती है। माना जाता है कि पार्टी के मन की बात बृज भूषण शरण सिंह को बता दी गई जिसके बाद उन्होंने रैली टालने का फैसला किया है

अमेरिका के कोलोराडो में फिर लड़खड़ाकर गिरे 80 वर्षीय अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, पहले भी गिर चुके बाइडेन क्या फिर लड़ेंगे चुनाव, डिटेल में पढ़

अमेरिका के राष्ट्रपति 80 वर्षीय जो बाइडेन फिर एक कार्यक्रम के दौरान लड़खड़ाकर गिर गए। इस बार घटना कोलोराडो की है। हालांकि, व्हाइट हाउस ने साफ कर दिया है कि राष्ट्रपति सुरक्षित हैं और उन्हें चोट नहीं लगी है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब बाइडेन का संतुलन बिगड़ा हो। अमेरिका में उम्र को लेकर जारी चर्चाओं के बीच उन्होंने 2024 में फिर राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है।

कोलोराडो में एयर फोर्स एकेडमी के ग्रेजुएशन सेरेमनी में बाइडेन स्टेज पर मुंह के बल गिर गए। दरअसल, मंच पर पहुंचे राष्ट्रपति ने छात्रों से हाथ मिलाया। इसके बाद जब वह अपनी सीट की ओर वापस लौट रहे थे, तो अचानक संतुलन खो दिया और लड़खड़ाकर गिर गए। यह देखकर तुरंत वायुसेना के अधिकारी हरकत में आए और उनकी मदद की।

हालांकि, बाइडेन को इस घटना का खास असर पड़ता नजर नहीं आया। उन्होंने तत्काल दोबारा खुद को संभाला और सीट पर वापसी की। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि स्टेज पर सैंड बैग होने के चलते यह घटना हुई। दरअसल, टेलीप्रॉम्पटर को सहारा देने के लिए ऐसे दो बैग को रखा गया था। कहा जा रहा है कि 80 वर्षीय बाइडेन व्हाइट हाउस लौटने पर इस घटना का मजाक उड़ाते भी नजर आए

पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं

2023 में फरवरी और मार्च में ऐसी ही घटनाएं हो चुकी हैं, जहां बाइडेन लड़खड़ाकर गिर गए थे। जून 2022 में वह लॉस एंजिलिस रवाना होते हुए फ्लाइट में चढ़ने के दौरान गिर गए थे। इससे पहले मई 2022 में भी एंड्र्यूज एयर फोर्स बेस पर प्लेन में सवार होने के दौरान उन्होंने संतुलन खो दिया था, लेकिन हैंडरेल की मदद से तुरंत खुद को संभाल लिया था।

मार्च में ही एयर फोर्स वन विमान में सवार होते हुए बाइडन सीढ़ियों पर गिर गए थे। उस दौरान वह सेलमा से लौटे थे। खास बात है कि इस तरह की घटनाओं को लेकर रिपब्लिकन नेता लगातार बाइडेन को निशाना बनाते रहे हैं। दावा किया जाता रहा है कि वह शारीरिक और मानसिक रूप से फिट नहीं हैं।

भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण की गिरफ्तारी को लेकर कुरुक्षेत्र में हुई महापंचायत, खापों की बैठक में केंद्र सरकार को दी गई चेतावनी, नरेश टिकैत बोले, बेटियों को दिलाकर रहेंगे न्याय


खिलाड़ियों को न्याय दिलाने को लेकर कुरुक्षेत्र की जाट धर्मशाला महापंचायत के लिए शुक्रवार को विभिन्न खापों के प्रतिनिधि एकत्रित हुए। पंचायत में खापों ने केंद्र सरकार को 9 जून तक का अल्टीमेटम दिया है। राकेश टिकैत बोले कि बृजभूषण की गिरफ्तारी से कम कोई समझौता मंजूर नहीं है।

पंचायत के बाद कमेटी की बैठक में प्रतिनिधियों के लिए फैसले को सुनाते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि 9 जून तक सरकार के पास समय है। बातचीत कर हल निकाले, अन्यथा अगले दिन खिलाड़ियों के साथ बैठकर आंदोलन शुरू किया जाएगा। फिर से खिलाड़ियों को जंतर मंतर पर बैठाया जाएगा। गांव गांव में आंदोलन चलाया जाएगा। आरोपी बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी से कम कोई समझौता मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि देशभर में पंचायत की जाएंगी।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि पहलवानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं और बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी होनी चाहिए।

इस पंचायत में नैन खाप के प्रधान नफे सिंह नैन, गार्डन खाप के प्रधान सूरजभान, सहारन खाप के प्रधान साधु राम लेखा, चहल खाप के प्रधान बलवीर सिंह, उजाना खाप के प्रधान रोहतास, बालू खाप के प्रधान रामचंद्र, बनवाला खाप के प्रधान ओमप्रकाश, सिंगरोहा खाप के रमेश नंबरदार, पालम दिल्ली खाप के रामकुमार बेनीवाल और इसके अलग भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष रतनमान सहित उत्तर भारत की कई खापों के प्रतिनिधि पहुंचे।

बेटियों को न्याय दिलाने के लिए जारी लड़ाई में हर संभव मदद देगी सरोहा खाप  

सांसद बृजभूषण सिंह शरण की गिरफ्तारी की मांग करने वाली पहलवानों को लगातार समर्थन मिल रहा है। शुक्रवार को सोनीपत के गांव राठधना गांव सरोहा बाहरा खाप ने बैठक कर बेटियों को न्याय दिलाने के लिए जारी लड़ाई में हर संभव मदद देने की घोषणा की है। साथ ही 4 जून को मुंडलाना में होने वाली पंचायत में बढ़चढ़ कर भाग लेने पर सहमति बनाई गई।

बेटियों को न्याय दिलाकर रहेंगी सरोहा खाप

सरोहा बाहरा खाप की पंचायत में हवा सिंह सरोहा ने कहा उनकी खाप पूरी तरह से बेटियों की लड़ाई को आगे खड़ी होकर लड़ेगी। उन्होंने कहा कि बेटियों ने अपने पदक गंगा में प्रवाहित करने का निर्णय लिया था। तब सरोहा खाप ने तुरंत पहल करते हुए किसान नेता नरेश टिकैत से संपर्क कर उन्हें बेटियों की मदद को भेजा था। पूरे देश की खापों को वह पूरा समर्थन देंगे। गंभीर आरोप के बावजूद भी सांसद बृजभूषण को गिरफ्तार नहीं करना गलत है। इसे लेकर आवाज उठाई जाएगी। सतीश सरोहा ने कहा कि बेटियों को न्याय दिलाकर रहेंगे।

पॉक्सो लगने के बाद भी सांसद बृजभूषण को गिरफ्तार नहीं कर सरकार उसे बचाने में लगी है। यह गलत है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा। अब सर्वखाप के निर्णय पर सभी अडिग रहेंगी। जब तक बेटियों को न्याय नहीं मिलेगा तब तक भाजपा के किसी नेता को गांव में नहीं आने देंगे। खाप सदस्य दलबीर सिंह ने बताया कि बेटियों के सामने एक चरित्रहीन आदमी खड़ा है। हम अपनी बेटियों के साथ खड़े है। मुंडलाना की चार जून को होने वाली पंचायत में जो भी फैसला होगा उसे पूरी तरह निभाया जाएगा।

पहलवानों के समर्थन में लामबंद हुए ग्रामीण और किसान यूनियन

पानीपत के औद्योगिक शहर पानीपत में किसान संगठन और ग्रामीण महिला पहलवानों के समर्थन में लामबंद हो गए। पानीपत में उनके समर्थन में दो अलग-अलग बैठक के शुक्रवार को की गई। गांव उग्रा खेड़ी में सामाजिक पंचायत बुलाई गई । हालांकि यह बैठक आधा घंटा ही चल पाई। गांव के एक नंबरदार इंदर सिंह की मौत होने के चलते बैठक हो बीच में ही स्थगित करना पड़ा। भारतीय किसान यूनियन चडूनी ग्रुप में किसान भवन में बैठक कर पहलवानों के समर्थन में आर पार की करने का फैसला लिया।

चार जून को मुंडलाना पहुंचने का फैसला

उग्रा खेड़ी के पूर्व सरपंच बिंटू मलिक ने बताया कि गांव में शुक्रवार को सामाजिक पंचायत सुबह के समय शुरू की थी आसपास के ग्रामीणों के अलावा गांव के मौजूद लोग पंचायत में पहुंचे थे। इसमें 4 जून को सोनीपत के मुडलाना गांव में पहुंचने का फैसला लिया। यहां पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक समेत महिला पहलवान आएंगी। उन्होंने बताया कि गांव के नंबरदार इंदर सिंह की मौत पीजीआई रोहतक में होने की सूचना मिलने पर पंचायत को बीच में ही खत्म करना पड़ा। सभी ग्रामीणों ने पंचायत में लिए फैसले के अनुसार 4 जून को मुडलाना पहुंचने का फैसला लिया।

मुडलाना गांव में संघर्ष का बजेगा बिगुल

भारतीय किसान यूनियन चडुनी ग्रुप की बैठक जिलाध्यक्ष सुधीर जाखड़ की अध्यक्षता में किसान भवन में हुई।जिसमें यूनियन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए।

 बैठक में महिला पहलवानों की शिकायत पर भाजपा के नेता बृजभूषण पर किसी प्रकार की कार्यवाही ना होने पर रोष जताया और सरकार को आर पार की करने की खुले शब्दों में चुनौती दी। सुधीर जाखड़ ने कहा कि 4 जून को सोनीपत के गांव मुडलाना में यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह पहुंचेंगे। इस बैठक में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। इनके अलावा पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और राज्यसभा सदस्य जयंत चौधरी पहुंचेंगे। जाखड़ ने बताया कि खिलाड़ी गत दिनों गंगा में अपने मैडल बहाने जा रहे थे। गुरनाम सिंह ने पहलवानों से 5 दिन का समय मांगा था। यह समय 4 जून को पूरा होगा। इससे पहले यूनियन किसानों पहलवानों के समर्थन में कड़ा फैसला लेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर महिला पहलवानों को घसीटा और कुचलना एक शर्मिंदगी का विषय है। सरकार को इसमें सख्त फैसला लेना चाहिए।

कर्नाटक में कांग्रेस की 5 गारंटी योजना 1 जुलाई से होगी शुरू, सिद्धारमैया बोले- सभी वादे पूरा करेंगे

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कर्नाटक में कांग्रेस ने पांच गारंटी लागू करने का एलान कर दिया है।शुक्रवार को कर्नाटक सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव के वक्त और उससे पहले जो पांच वायदे (5 गारंटियां) किए थे वे सभी इसी वित्तीय वर्ष में लागू किए जाएंगे। उन्होंने कहा, हमने आज कैबिनेट की बैठक की।। सभी 5 वादों पर गहन चर्चा की। हमने तय किया है कि सभी पांचों गारंटियों को चालू वित्त वर्ष में लागू करेंगे।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि हमने सभी पांच गारंटियों को लागू करने का फैसला किया है। गारंटी-1 'गृह ज्योति', जो 199 यूनिट तक के परिवारों को बिजली बिलों के भुगतान से छूट देती है; पहली जुलाई से प्रभावी होगी। गारंटी -2 'गृह लक्ष्मी' है; परिवार की महिला मुखिया को सरकार 2000 रुपये का भुगतान करेगी। यह योजना 15 अगस्त से प्रभावी होगी।

आगे सीएम ने कहा कि चुनाव के समय और उससे पहले हमने पांच गारंटियों का ऐलान किया था। हमारे (कर्नाटक) अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार और मैंने गारंटी कार्ड पर हस्ताक्षर किए और वादा किया कि हम सभी वादों को लागू करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि वे लोगों तक पहुंचे। हमने आज कैबिनेट की बैठक की। हमने हमारे सभी पांच वादों पर गहन चर्चा की। हमने तय किया है कि सभी पांचों गारंटियों को चालू वित्त वर्ष में लागू किया जाएगा।

इस दौरान उप मुख्यमंत्री डी. के शिवकुमार ने कहा, आज हमने कर्नाटक के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। हम 5 गारंटी लागू करने जा रहे हैं, हमने डेडलाइन दे दी है। हमने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सामने हस्ताक्षर कर दिए हैं, हम इसे जल्द लागू करने जा रहे हैं।

बता दें कि अन्न भाग्य योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे के परिवार के प्रत्येक सदस्य और अंत्योदय कार्ड धारकों को भी दस किलोग्राम अन्न दिया जाएगा। यह भी 1 जुलाई से शुरू हो जाएगा। वहीं राज्य 15 अगस्त से गृह लक्ष्मी योजना के तहत परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये मासिक भत्ता दिया जाएगा। ग्रेजुएट डिग्री धारक बेरोजगार युवाओं को भी हर महीने 3,000 रुपये और 18 से 25 वर्ष की आयु के बेरोजगार डिप्लोमा धारकों को 1,500 रुपये दिए जाएंगे। इस योजना को युवा निधि कहा जाता है। यह योजना कब से लागू की जाएगी इसकी घोषणा नहीं की गई है। यही नहीं राज्य सरकार ने कहा है कि सभी महिलाएं सार्वजनिक परिवहन की बसों में मुफ्त यात्रा कर सकेंगी।

गौरतलब हो कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले वादा किया था कि वह सत्ता में आते ही पांच गारंटी लागू करेगी जिनमें प्रत्येक घर को 200 यूनिट मुफ्त बिजली (गृह ज्योति योजना), प्रत्येक परिवार की महिला मुखिया को दो हजार रुपये की मासिक सहायता (गृह लक्ष्मी योजना), गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के हर सदस्य को प्रत्येक महीने 10 किलो मुफ्त चावल (अन्न भाग्य योजना), दो साल तक 18 से 25 साल की उम्र वाले प्रत्येक स्नातक बेरोजगार को हर महीने तीन हजार रुपये और डिप्लोमा धारक को 1500 रुपये महीना का भत्ता (युवा निधि योजना) और सार्वजनिक बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा (शक्ति योजना) शामिल हैं।

भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों का विरोध हो रहा उग्र, डिटेल में पढ़िए, दस आरोपों पर कौन कौन सी लगाई गई हैं धाराएं


भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों का विरोध उग्र ही होता जा रहा है। उनकी मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस में उनके खिलाफ दायर दो केस में आरोपों की बौछार है। उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में मदद के बदले सेक्सुअल फेवर की मांग, यौन उत्पीड़न की 15 घटनाओं में से 10 में अनुचित तरीके से शरीर को छूना, स्तनों पर हाथ फेरना, नाभियों को छूना जैसे कई गंभीर आरोप लगे हैं।  

दोनों एफआईआर में आईपीसी की धाराएं 354 (महिला की इज्जत पर हमला करने के इरादे से बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 34 (सामान्य इरादे) लगाई गई हैं। इन धाराओं में एक से तीन साल की जेल की सजा है। पहली प्राथमिकी में छह पहलवानों ने आरोप लगाए हैं। आरोपियों में डब्ल्यूएफआई सचिव विनोद तोमर का भी नाम शामिल है।

दूसरी में एक नाबालिग के पिता ने आरोप लगाए हैं। इसे POCSO अधिनियम की धारा 10 के तहत दर्ज किया गया है। इसमें दोष सिद्ध होने पर पांच से सात साल की कैद हो सकती है। एफआईआर में दर्ज घटनाएं कथित तौर पर 2012 से 2022 के बीच है, जो कि भारत और विदेशों में हुईं।

नाबालिग के आरोप

दिल्ली पुलिस की एफआईआर के मुताबिक, नाबालिग का आरोप है कि उसे कसकर पकड़कर तस्वीर लेने का नाटक करते हुए आरोपी (बृजभूषण शरण सिंह) ने उसे अपनी ओर खींचा। उसके कंधे को जोर से दबाया और फिर जानबूझकर उसके स्तनों पर हाथ फेरा। नाबालिग ने आरोपी से कहा कि वह पहले ही उसे बता चुकी है कि उसे किसी भी प्रकार के शारीरिक संबंध बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उसे पीछा करना बंद कर देना चाहिए। 

पहलवान 1

एक दिन जब मैं होटल के रोस्टोरेंट में डिनर कर रही थी तब आरोपी (बृजभूषण सिंह) ने मुझे अलग से अपनी खाने की मेज पर बुलाया। उसने मेरी सहमति के बिना मेरे स्तन पर अपना हाथ रखा। उसने मुझे पकड़ लिया। उसके हाथ फिर मेरे पेट के नीचे फिसल गए। हालांकि, वह वहां नहीं रुका और फिर से अपना हाथ ऊपर की ओर मेरे स्तन पर ले गया। उसने मेरे स्तन को टटोला और फिर अपना हाथ मेरे पेट पर सरका दिया। उसने करीब 3-4 बार ऐसा किया। 

बृजभूषण सिंह के डब्ल्यूएफआई कार्यालय में उसने मेरी सहमति के बिना मुझे मेरी हथेली, घुटने, जांघों और कंधों को अनुचित तरीके से छूना शुरू कर दिया। मैं कांपने लगी। जब हम बैठे थे तो वह मेरे पैरों को अपने पैरों को छू रहा था। मेरे घुटनों को छुआ। मेरी सांस की जांच करने के बहाने उसने अपने हाथ मेरे स्तन पर रखे। फिर मेरे पेट को नीचे ले गया।

पहलवान 2

जब मैं मैट पर लेटी हुई थी तो बृजभूषण सिंह मेरे पास आया और मेरे कोच की अनुपस्थिति में और मेरी अनुमति के बिना मेरी तरफ झुक गया। उसने मेरी टी-शर्ट खींची और मेरी सांस जांच करने के बहाने उसने अपना हाथ मेरी छाती पर रख दिया। मेरे स्तन छुए और फिर हाथ मेरे पेट के नीचे सरका दिया।

फेडरेशन ऑफिस में उसने मुझे अपने कमरे में बुलाया। मेरे भाई को बाहर रहने के लिए कहा गया। मेरे कमरे में जाते ही उसने दरवाजा बंद कर दिया। मुझे अपनी ओर खींच लिया और मेरे साथ जबरदस्ती शारीरिक संपर्क बनाने की कोशिश की।

पहलवान 3

उसने मुझे फोन पर मेरे माता-पिता से बात बराई। उस समय मेरे पास अपना मोबाइल फोन नहीं था। फिर उसने मुझे अपने बिस्तर पर बुलाया जहां। इसके बाद उसने अचानक मुझे जबरदस्ती गले लगा लिया। उसने मुझे रिश्वत देने की भी कोशिश की।

पहलवान 4

उन्होंने मुझे बुलाया। मेरी सांस की जांच करने के बहाने उसने मेरी टी-शर्ट खींची और अपना हाथ मेरे पेट के नीचे सरका दिया। मेरी नाभि पर हाथ रख दिया।

पहलवान 5

टीम फोटोग्राफ के लिए जब मैं अंतिम पंक्ति में खड़ी थी तो बृजभूषण सिंह मेरे पास आए और मेरे साथ खड़ा हो गए। मुझे अचानक अपने नितंब पर किसी का हाथ महसूस हुआ। मैं उनके कार्यों से दंग रह गई। जब मैंने दूर जाने की कोशिश की तो मुझे जबरन मेरे कंधे से पकड़ लिया गया।

पहलवान 6

मेरे साथ एक तस्वीर क्लिक करने के बहाने उसने मुझे अपने कंधे की तरफ खींच लिया। खुद को बचाने के लिए मैंने दूर जाने की कोशिश की। मैंने बार-बार विरोध किया। उन्हें दूर धकेलने की कोशिश की। इस पर मुझे धमकी दी। उन्होंने मुझसे कहा, "ज्यादा स्मार्ट बन रही है क्या। आगे कोई टूर्नामेंट नहीं खेलना है क्या?"

दिल्ली में प्रदर्शनकारी पहलवानों को 1983 विश्व कप विजेता क्रिकेट टीम का समर्थन

दिल्ली में प्रदर्शनकारी पहलवानों को 1983 विश्व कप विजेता क्रिकेट टीम का समर्थन, कहा, जल्दबाजी में न लें कोई फैसला, कानून पर भरोसा रखने की अपील भी की

प्रदर्शनकारी पहलवानों द्वारा अपने पदक गंगा में बहाने की आशंका से चिंतित 1983 विश्व कप विजेता क्रिकेट टीम ने शुक्रवार को उनसे आनन फानन में फैसला नहीं लेने का अनुरोध करते हुए उम्मीद जताई कि उनकी शिकायतों का हल निकाला जाएगा। इन दिग्गज क्रिकेटरों में सुनील गावस्कर, मदन लाल, कपिल देव, दिलीप वेंगसरकर आदि क्रिकेटर शामिल है। पूर्व क्रिकेटरों ने बयान जारी कर कहा कि मेडल विजेता पहलवानों के साथ जिस तरह से बदसलूकी की गई है और उसके वीडियो सामने आए हैं, वह परेशान करने वाला है। भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों में गिरफ्तार करने की मांग को लेकर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया 30 मई को हरिद्वार गए थे लेकिन पदकों को गंगा में विसर्जित नहीं किया। 

28 मई को को बिना अनुमति के नए संसद भवन की ओर मार्च कर रहे पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए हिरासत में लिया था। हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। लेकिन इस बीच पुलिस ने धरना स्थल को भी खाली करा दिया और ये भी कहा थि कि पहलवानों को जंतर-मंतर पर वापस नहीं जाने दिया जाएगा।

क्रिकेटरों ने पहलवानों से अपील की है कि वे जल्दबाजी में कोई फैसला ना लें। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि उनकी चिंताओं को सुना जाएगा और जल्दी से कुछ ना करें। उन्होंने कहा कि कानून पर भरोसा रखना चाहिए। क्रिकेटर मदन लाल ने कहा, 'यह दिल तोड़ने वाली बात है कि उन लोगों ने अपने मेडल्स को ही बहाने का फैसला कर लिया। ऐसा इसलिए क्योंकि मेडल पाना आसान नहीं होता। हम सरकार से अपील करते हैं कि वह जल्दी से जल्दी इस मसले का हल करे।''

1983 विश्व कप विजेता टीम ने पीटीआई को जारी बयान में कहा ,'' हम चैम्पियन पहलवानों के साथ बदसलूकी की तस्वीरें देखकर काफी व्यथित हैं । हमें इसकी काफी चिंता है कि वे मेहनत से जीते गए पदकों को गंगा में बहाने की सोच रहे हैं।''

उन्होंने आगे लिखा, ''इन पदकों के पीछे बरसों के प्रयास, बलिदान, समर्पण और मेहनत शामिल है । वे उनका ही नहीं बल्कि देश का गौरव हैं। हम उनसे अनुरोध करते हैं कि इस मामले में आनन फानन में फैसला नहीं ले और हम उम्मीद करते हैं कि उनकी शिकायतें सुनी जायेंगी और उनका हल निकाला जाएगा। कानून को अपना काम करने दीजिए।''

कपिल देव की कप्तानी में विश्व कप 1983 जीतने वाली टीम में सुनील गावस्कर, मोहिदर अमरनाथ, के श्रीकांत, सैयद किरमानी, यशपाल शर्मा, मदन लाल, बलविंदर सिंह संधू, संदीप पाटिल, कीर्ति आजाद, रोजर बिन्नी और रवि शास्त्री भी थे।

पूरे 98 दिनों के बाद जेल से निकलकर अपने घर जाएंगे आप नेता मनीष सिसोदिया, पढ़िए, अदालत ने रिहाई के लिए क्या क्या रखी हैं शर्तें

आम आदमी पार्टी (आप) के दूसरे सबसे बड़े नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली हाई कोर्ट से अंतरिम राहत मिली है। शराब घोटाले में आरोपी बनाए गए मनीष सिसोदिया को बीमार पत्नी से मिलने के लिए घर जाने की इजाजत मिली है। तिहाड़ जेल में बंद सिसोदिया 3 जून को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक घर पर रहकर पत्नी और परिवार के साथ मुलाकात कर पाएंगे। हालांकि, इस दौरान वह कस्टडी में ही रहेंगे।

मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने शनिवार तक सिसोदिया की पत्नी की मेडिकल रिकॉर्ड भी मांगी है। सिसोदिया की पत्नी 'मल्टीपल स्क्लेरोसिस' नाम की बीमारी से पीड़ित हैं। 26 फरवरी को गिरफ्तार किए गए सिसोदिया घर पर कुछ शर्तों का पालन करना होगा। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने साफ किया कि सिसोदिया किसी भी तरीके से मीडिया से बात नहीं करेंगे और परिवार के अलावा किसी से मुलाकात नहीं कर सकते हैं। वह फोन और इंटरनेट का इस्तेमाल भी नहीं कर सकते हैं।

जेल से बाहर आने के बाद फुल फॉर्म में दिखे पूर्व सांसद आनंद मोहन, महान दार्शनिक चाणक्य को याद करते हुए कहा, जिस देश का राजा व्यापारी होगा, उसकी प्रजा भिखारी ही बन जाएगी


जेल से रिहाई के बाद से पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन फुल फॉर्म में आ गए हैं। गुरुवार को सुपौल में एक कार्यक्रम में पहुंचे। जहां कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। उन्होने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। पीएम मोदी और अमित शाह का नाम लिए बिना जमकर निशाना साधा। उन्होने बीजेपी को जुमलों की पार्टी बता डाला। आनंद मोहन ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने 2 करोड़ नौकरियों हर साल देने का वादा किया था। क्या हुआ? देश में 100 स्मार्ट सिटी और बुलेट ट्रेन चलाने की बात कही थी। क्या हुआ? महंगाई पर लगाम लगाने की बात कही थी। क्या हुआ?

बिना नाम लिए साधा निशाना

महान दार्शनिक चाणक्य को याद करते हुए आनंद मोहन ने कहा कि जिस देश का राजा व्यापारी होगा, उसकी प्रजा भिखारी होगी। ये बात किसी और ने नहीं बल्कि चाणक्य ने कही थी। जो आज चरितार्थ होती दिख रही है। आनंद मोहन ने बिना नाम लिए कहा कि दो गुजराती देश को बेच रहे हैं और दो गुजराती देश को खरीद रहे हैं।

सरकारी संस्थान को बीमारू बनाकर बेचा

आनंद मोहन ने मोदी सरकार पर सरकारी कंपनियों को बेचने का आरोप लगाया और कहा कि रेल बेच दी, जहाज बेच दिया, बंदरगाह बेच दिया, एलआईसी बेच दिया। जितने सरकारी संस्थान थे, उन्हें बीमारू बना दिया। बीते 9 सालों में एक भी सरकारी संस्थान खड़ा नहीं किया। लेकिन बेच जरुर दिया। आनंद मोहन ने कहा कि बीजेपी की एक बी टीम हैदराबाद और दूसरी यूपी में है। जबकि सी टीम सीबीआई और ईडी है। उन्होने कहा कि लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव सबका परिणाम बता देगा।

राहुल गांधी का बड़ा दावा, अमेरिका में बोले-2024 चुनाव के लिए तैयार हो रहा अंडर करंट, चौंकाएंगे नतीजे

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को वाशिंगटन के नेशनल प्रेस क्लब में बातचीत के दौरान भविष्यवाणी की कि 2024 के आम चुनावों के नतीजे लोगों को आश्चर्यचकित करेंगे। उन्होंने विपक्ष की एकजुटता पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी अगले दो वर्षों में बहुत अच्छा करेगी। एक छिपा हुआ अंडर करंट पैदा हो रहा है।यह अगले लोकसभा चुनाव में लोगों को आश्चर्यचकित करेगा। 

राहुल की भविष्यवाणी-बीजेपी का सफाया होगा

अमेरिका के तीन शहरों की अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को जाने माने भारतीय-अमेरिकी फ्रैंक इस्लाम द्वारा उनके लिए आयोजित स्वागत कार्यक्रम में यह टिप्पणी की।कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा, 'लोगों को ऐसा लगता है कि आरएसएस (स्वयंसेवक संघ) और भाजपा की ताकत को रोका नहीं जा सकता, लेकिन ऐसा नहीं है। मैं यहां भविष्यवाणी करता हूं कि अगले तीन से चार चुनाव, जो हम भाजपा के खिलाफ सीधे लड़ेंगे, उनमें उसका सफाया होगा। उन्होंने कहा, 'मैं अभी आपको बता सकता हूं कि विधानसभा चुनाव में उनके लिए वास्तव में कठिन समय आने वाला है। हम उनके साथ वही करेंगे जो हमने कर्नाटक में किया है, लेकिन अगर आप भारतीय मीडिया से पूछेंगे तो वे कहेंगे कि ऐसा नहीं होगा। 

भारत के 60 प्रतिशत लोग भाजपा को वोट नहीं देते

उन्होंने कहा, ‘‘ इस बात पर कृपया ध्यान दें कि भारत के 60 प्रतिशत लोग भाजपा को वोट नहीं देते, नरेन्द्र मोदी को वोट नहीं देते। आपको यह याद रखना है। भाजपा के हाथ में ऐसा साधन है, जिसके जरिए वे हल्ला मचा सकते हैं, इसलिए वे चिल्ला सकते हैं.. वे चीजों को तोड-मरोड़ सकते हैं और वे यह काम बेहद अच्छे तरीके से करते हैं। हालांकि उनके पास (उनका समर्थन करने वाली) भारतीय आबादी का विशाल बहुमत नहीं है।'' राहुल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें यकीन है कि कांग्रेस, भाजपा को मात दे पाएगी। इस साल के अंत में पांच राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होंगे, जो 2024 में महत्वपूर्ण आम चुनाव के लिए मंच तैयार करेंगे। 

मोदी वास्तव में काफी कमजोर

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, लोकतांत्रिक ढांचे का पुनर्निर्माण आसान नहीं होगा। यह मुश्किल होगा। इसमें समय लगने वाला है, लेकिन हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि भाजपा को हराने के लिए हमारे पास बुनियादी चीजें हैं। उन्होंने कहा, आपने मीडिया से सुना होगा कि मोदी को हरा पाना नामुमकिन है। यह सब बहुत ही बढ़-चढ़ाकर कहा गया है। मोदी वास्तव में काफी कमजोर हैं। देश में व्यापक स्तर पर बेरोजगारी है, महंगाई है और भारत में ये चीजें लोगों को बहुत जल्दी और बेहद गहराई से प्रभावित करती हैं। 

सांसदी छीने जाने पर कहा- लोकतंत्र पर हमला करने का तरीका

बतौर सांसद उन्हें अयोग्य घोषित किए जाने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, मेरे लिए यह देखना बहुत दिलचस्प रहा है कि यह प्रक्रिया कैसे चलती है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि इस तरह लोकतंत्र पर हमला किया जाता सकता है। यह लोकतंत्र पर हमला करने का तरीका है। हालांकि यह मेरे लिए बेहद अच्छा रहा। 

कभी तारीफ तो कभी बुराई

अमेरिकी दौरे पर जाकर के राहुल गांधी कभी प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए नजर आते है तो कभी उन्हीं पर हमला कर वार कर रहे है। आपको बता दें इस बयानबाजी में रुस और यूक्रेन युद्ध को लेकर के पीएम के विचारों पर सहमती जताई है। इसपर उनका कहना है कि रूस के साथ हमारे संबंध हैं. रूस पर हमारी कुछ निर्भरताएं (रक्षा) हैं. इसलिए मेरा रुख भारत सरकार के समान ही होगा. आखिकार, हमें हमारे हितों का भी ख्याल रखना होता है।