बिहार के विकास के लिए कृषि अनुसंधान आवश्यक : सुधांशु शेखर
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बेतिया : बिहार कृषि प्रधान राज्य है तथा 80% से अधिक लोगों का जीवन कृषि पर निर्भर है। बिहार की भूमि उपजाऊ होने के बावजूद कुल भूमि का करीब 66% ही खेती के लिए उपयोग किया जाता है। सरकारें बिहार में कृषि के विकास के लिए प्रयास करती रहीं हैं फिर भी कृषि क्षेत्र को विकसित करने की आवश्यकता है।
360 रिसर्च फाउंडेशन के द्वारा सतत कृषि विकास को बढ़ावा तथा आने वाले पीढ़ियों को सुरक्षित भविष्य देने के उद्देश्य से "भारत में जैविक खेती पर ग्रामीण सर्वेक्षण" विषय पर एक टिम गठित करके अनुसंधान तथा सर्वेक्षण कराया गया है। अनुसंधान पत्र कनाडा के अंतर्राष्ट्रीय जर्नल कनेडियन जर्नल ऑफ एग्रीकल्चर एंड अप्लाइड साइंस में प्रकाशित हुआ है।
360 रिसर्च फाउंडेशन के कृषि विभाग के वर्तमान विभागाध्यक्ष सुमोना देव मंडल के नेतृत्व में युवा वैज्ञानिक विभाकर कुमार, सिमरन सिंह, हर्षदा शंकर बुद्धे, नेहा कुमारी, मनोहर कुमार पासवान, अर्नव मैट्री, चंदन कुमार, गौरव कुमार देवांगन, रूद्र नारायण बेहरा तथा मोहम्मद जीशान के द्वारा उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा तथा महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों पर पारिस्थितिक तंत्र, आर्थिक तथा स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अध्ययन किया गया है।
फाउंडेशन के संस्थापक सह अध्यक्ष सुधांशु कुमार शेखर ने बताया कि आज हमारे लिए गौरव की बात है। हमारा तीसरा रिसर्च पेपर अंतरराष्ट्रीय जर्नल में पब्लिस हुआ है। करीब 8 वर्ष पहले चार छोटे-छोटे बच्चों के प्रतिभा को बढ़ाने के लिए हमने एक ग्रुप को प्रारंभ किया था और 8 वर्ष में हमारी संस्था अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुसंधान कार्य में भागीदार बन रही है। यह हम सब के लिए गौरव की बात है, इसका सारा श्रेय टीम के सभी लोगों को जाता है। सभी ने कड़ा मेहनत किया है और भविष्य में भी मेहनत करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। प्रारंभिक दिनों में स्थानीय लोगों के साथ मीडिया के लोगों ने हमें प्रोत्साहित किया था जिसका परिणाम है कि वर्तमान समय में एक सौ से अधिक रिसर्च स्कॉलर तथा विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले 1000 से अधिक छात्र-छात्राएं हमारे साथ कार्य कर रहे हैं।
फाउंडेशन के मुख्य सचिव प्रदीप सेराफिन ने बताया कि 360 रिसर्च फाउंडेशन में कुल 26 विभाग हैं जो विभिन्न कार्यक्षेत्रों में अनुसंधान तथा नवाचार के लिए कार्य कर रहे हैं। संस्था के कार्यों का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर से अनुसंधानकर्ताओं को बिहार तथा देश के क्षेत्र विशेष तक लाना तथा उसके के बेहतरी के लिए अनुसंधान कार्य करना है।
Jun 02 2023, 12:42