बच्चों में पढ़ाई के साथ मानसिक, बौद्धिक, शारारिक व चारित्रिक विकास आवश्यक : सुनिल कुमार राउत
![]()
बगहा, 1जून।सूबे के सरकारी विद्यालयों में आगामी सप्ताह से गर्मी की छुट्टी होने वाली है। बच्चे और उनके अभिभावक अपने मनपसंद के जगहों पर घूमने जाने की प्लानिंग कर लिए होंगे। कुछ निजी विद्यालयों में छुट्टी कर दी गई है। इन दिनों बच्चों को खास कर अपने नानी के यहाँ जाना अधिक पसंद होता है। बच्चे गर्मी की छुट्टी में खूब सारी मौज- मस्ती करना चाहते हैं, अपने तरीके से जिंदगी जीना चाहते हैं। उनकी स्वयं की कल्पनाशीलता की एक अलग दुनिया है और वें अपनी अलग हीं दुनिया चाहते हैं जहाँ कोई पाबंदी न हो। पढ़ाई के दौरान स्कूल में विभिन्न विषयों की पढ़ाई के क्रम में उन्हें क्लासवर्क तथा गृहकार्य बनना पड़ता है। कभी-कभी बच्चों द्वारा होमवर्क ससमय पूरा नहीं किया जाता या होमवर्क करने में वे अधिक समय लगाते हैं। हम वयस्क अभिवावक बच्चों पर पर होमवर्क को पूरा करने के लिए दबाव बनाते हैं लेकिन उनके सोच, समझ, क्षमता आदि पर विचार नहीं करते। हालांकि बच्चों की क्रियाशीलता के लिए गृहकार्य आवश्यक है लेकिन वह क्रिएटिव, सीमित एवं मनोरंजक होना चाहिए ताकि वे बिना किसी नीरसता, दबाव या तनाव के खेल-खेल में उसे पूरा कर लें। इस संदर्भ में बात करने पर स्थानीय शिक्षक सुनिल कुमार बताते हैं कि बच्चों को टाइमटेबल में नहीं बाँधा जाना चाहिए। बच्चे जब बिना किसी बाध्यता के सीखेंगे तो पूरी तन्मयता के साथ सीखेंगे क्योंकि इसके लिए उनपर कोई दबाव नहीं होगा और वह लंबे समय तक स्थायी रहेगा।
बच्चों के होमवर्क के लिए सप्ताह में घंटे निर्धारित हैं।
दूसरी कक्षा तक के बच्चों को कोई होमवर्क नहीं, तीसरी से पांचवीं तक के बच्चों के लिए अधिकतम दो घंटे, कक्षा छः से आठवीं तक 5-6 घंटे और सेकेंड्री तथा हायर सेकेंड्री के लिए 10-12 घंटे समयानुसार गृहकार्य होने चाहिए।
Jun 02 2023, 10:28