बिहार के विकास के लिए कृषि अनुसंधान आवश्यक : सुधांशु शेखर

बेतिया : बिहार कृषि प्रधान राज्य है तथा 80% से अधिक लोगों का जीवन कृषि पर निर्भर है। बिहार की भूमि उपजाऊ होने के बावजूद कुल भूमि का करीब 66% ही खेती के लिए उपयोग किया जाता है। सरकारें बिहार में कृषि के विकास के लिए प्रयास करती रहीं हैं फिर भी कृषि क्षेत्र को विकसित करने की आवश्यकता है। 

360 रिसर्च फाउंडेशन के द्वारा सतत कृषि विकास को बढ़ावा तथा आने वाले पीढ़ियों को सुरक्षित भविष्य देने के उद्देश्य से "भारत में जैविक खेती पर ग्रामीण सर्वेक्षण" विषय पर एक टिम गठित करके अनुसंधान तथा सर्वेक्षण कराया गया है। अनुसंधान पत्र कनाडा के अंतर्राष्ट्रीय जर्नल कनेडियन जर्नल ऑफ एग्रीकल्चर एंड अप्लाइड साइंस में प्रकाशित हुआ है। 

360 रिसर्च फाउंडेशन के कृषि विभाग के वर्तमान विभागाध्यक्ष सुमोना देव मंडल के नेतृत्व में युवा वैज्ञानिक विभाकर कुमार, सिमरन सिंह, हर्षदा शंकर बुद्धे, नेहा कुमारी, मनोहर कुमार पासवान, अर्नव मैट्री, चंदन कुमार, गौरव कुमार देवांगन, रूद्र नारायण बेहरा तथा मोहम्मद जीशान के द्वारा उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा तथा महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों पर पारिस्थितिक तंत्र, आर्थिक तथा स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अध्ययन किया गया है। 

फाउंडेशन के संस्थापक सह अध्यक्ष सुधांशु कुमार शेखर ने बताया कि आज हमारे लिए गौरव की बात है। हमारा तीसरा रिसर्च पेपर अंतरराष्ट्रीय जर्नल में पब्लिस हुआ है। करीब 8 वर्ष पहले चार छोटे-छोटे बच्चों के प्रतिभा को बढ़ाने के लिए हमने एक ग्रुप को प्रारंभ किया था और 8 वर्ष में हमारी संस्था अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुसंधान कार्य में भागीदार बन रही है। यह हम सब के लिए गौरव की बात है, इसका सारा श्रेय टीम के सभी लोगों को जाता है। सभी ने कड़ा मेहनत किया है और भविष्य में भी मेहनत करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। प्रारंभिक दिनों में स्थानीय लोगों के साथ मीडिया के लोगों ने हमें प्रोत्साहित किया था जिसका परिणाम है कि वर्तमान समय में एक सौ से अधिक रिसर्च स्कॉलर तथा विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले 1000 से अधिक छात्र-छात्राएं हमारे साथ कार्य कर रहे हैं।

फाउंडेशन के मुख्य सचिव प्रदीप सेराफिन ने बताया कि 360 रिसर्च फाउंडेशन में कुल 26 विभाग हैं जो विभिन्न कार्यक्षेत्रों में अनुसंधान तथा नवाचार के लिए कार्य कर रहे हैं। संस्था के कार्यों का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर से अनुसंधानकर्ताओं को बिहार तथा देश के क्षेत्र विशेष तक लाना तथा उसके के बेहतरी के लिए अनुसंधान कार्य करना है।

बच्चों में पढ़ाई के साथ मानसिक, बौद्धिक, शारारिक व चारित्रिक विकास आवश्यक : सुनिल कुमार राउत

बगहा, 1जून।सूबे के सरकारी विद्यालयों में आगामी सप्ताह से गर्मी की छुट्टी होने वाली है। बच्चे और उनके अभिभावक अपने मनपसंद के जगहों पर घूमने जाने की प्लानिंग कर लिए होंगे। कुछ निजी विद्यालयों में छुट्टी कर दी गई है। इन दिनों बच्चों को खास कर अपने नानी के यहाँ जाना अधिक पसंद होता है। बच्चे गर्मी की छुट्टी में खूब सारी मौज- मस्ती करना चाहते हैं, अपने तरीके से जिंदगी जीना चाहते हैं। उनकी स्वयं की कल्पनाशीलता की एक अलग दुनिया है और वें अपनी अलग हीं दुनिया चाहते हैं जहाँ कोई पाबंदी न हो। पढ़ाई के दौरान स्कूल में विभिन्न विषयों की पढ़ाई के क्रम में उन्हें क्लासवर्क तथा गृहकार्य बनना पड़ता है। कभी-कभी बच्चों द्वारा होमवर्क ससमय पूरा नहीं किया जाता या होमवर्क करने में वे अधिक समय लगाते हैं। हम वयस्क अभिवावक बच्चों पर पर होमवर्क को पूरा करने के लिए दबाव बनाते हैं लेकिन उनके सोच, समझ, क्षमता आदि पर विचार नहीं करते। हालांकि बच्चों की क्रियाशीलता के लिए गृहकार्य आवश्यक है लेकिन वह क्रिएटिव, सीमित एवं मनोरंजक होना चाहिए ताकि वे बिना किसी नीरसता, दबाव या तनाव के खेल-खेल में उसे पूरा कर लें। इस संदर्भ में बात करने पर स्थानीय शिक्षक सुनिल कुमार बताते हैं कि बच्चों को टाइमटेबल में नहीं बाँधा जाना चाहिए। बच्चे जब बिना किसी बाध्यता के सीखेंगे तो पूरी तन्मयता के साथ सीखेंगे क्योंकि इसके लिए उनपर कोई दबाव नहीं होगा और वह लंबे समय तक स्थायी रहेगा। 

बच्चों के होमवर्क के लिए सप्ताह में घंटे निर्धारित हैं। 

दूसरी कक्षा तक के बच्चों को कोई होमवर्क नहीं, तीसरी से पांचवीं तक के बच्चों के लिए अधिकतम दो घंटे, कक्षा छः से आठवीं तक 5-6 घंटे और सेकेंड्री तथा हायर सेकेंड्री के लिए 10-12 घंटे समयानुसार गृहकार्य होने चाहिए।

बच्चों को पढ़ाई के साथ खेलने के लिए समय देना जरूरी

शिक्षक सुनिल बताते हैं कि बच्चों में शिक्षा के साथ शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक व चारित्रिक विकास का भी होना जरुरी है इसलिए उनकी क्षमता के अनुसार हीं होमवर्क देना चाहिए। 

बच्चों को होमवर्क मिले लेकिन ज्यादा नहीं क्योंकि अधिक होमवर्क मिलने से बच्चे खेल-कूद और दूसरी गतिविधियों में भाग नहीं ले पाएंगे। इससे उनका मानसिक विकास प्रभावित होगा। होमवर्क से बच्चे समय प्रबंधन सीखते हैं। नियमित अभ्यास के लिए होमवर्क जरुरी है। सभी विषयों से थोड़ा-थोड़ा होमवर्क दिया जाना चाहिए।

कभी-कभी बच्चों को इतना होमवर्क मिल जाता है कि बच्चे तनाव में आ जाते हैं। इससे उन्हें परेशानी होती है। पढ़ाए गए विषयों में से होमवर्क मिलने से बच्चे सहजता से उसका अभ्यास कर पाते हैं।

बच्चे पर होमवर्क का दबाव न बनाएं।बच्चे समय पर खेलें भी ताकि वह होमवर्क से बोर न हो और ऐक्टिव बने रहे। बच्चा यदि अधिक समय व्यतीत कर रहा है, तो इसके दो कारण हो सकते हैं:- (1) बच्चा गृहकार्य पूरा करने के लिए आवश्यकता से अधिक समय खर्च कर रहा है। (2) स्कूल बहुत अधिक होमवर्क दे रहा है। 

 कभी-कभी बच्चे ससमय होमवर्क इसलिए नहीं कर पाते क्योंकि उन्हें खेलना-कूदना ज्यादा पसंद होता है तथा अन्य पारिवारिक या सामाजिक कारण भी हो सकता है। अध्यापकों एवं अभिभावकों को इन बिंदुओं पर ध्यान देने व विचार करने की आवश्यकता है।

पल्स पोलियो अभियान को सत प्रतिशत सफल बनाने के लिए लगाया गया शिविर।

वाल्मीकि नगर -पल्स पोलियो अभियान को शत प्रतिशत सफल बनाने के लिए भारत-नेपाल सीमा के गंडक बराज से सटे नेपाल के 36 नंबर फाटक पर गुरुवार को पल्स पोलियो अभियान चलाकर लगभग 63 बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक पिलाई गई।

इस शिविर को लगाने के साथ ही डोर टू डोर शुन्य वर्ष से पॉच वर्ष तक के बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक पिलाई गई। हर्नाटांड़ के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डांक्टर राजेश सिंह नीरज के आदेश के आलोक में शिविर लगाकर यह अभियान चलाया गया।

इस अवसर पर सुपरवाइजर मनीष कुमार सिंह उर्फ बंटी, आशा शांति देवी, आशा सीमा देवी, आदि स्वास्थ्य कर्मी के अलावा नेपाल सीमा पर तैनात एपीएफ के सुरक्षाकर्मी एएसआई दिलीप लोधी, एसआई प्रेम बहादुर बिष्ट, एसआई प्रमोद पांडे,समाजसेवी डैनी आदि शामिल थे।

बगहा के अंकित रंजन उर्फ राहुल यादव को मिली राजद उपाध्यक्ष की कमान,कार्यकर्ताओं ने दी बधाई

बगहा - राष्ट्रीय जनता दल पार्टी के बगहा पुलिस जिला उपाध्यक्ष पद पर अंकित रंजन उर्फ राहुल यादव को मनोनीत करने पर राजद कार्यकताओं में हर्ष का माहौल हैं। राजद कार्यकर्ता अपने नए उपाध्यक्ष को बधाई व शुभकामनाएं देकर खुशी व्यक्त कर रहे हैं। बगहा पुलिस जिला के राजद उपाध्यक्ष की कमान मिलने पर अंकित रंजन उर्फ राहुल यादव ने कहा की राजद पार्टी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित राजद बगहा जिला जिलाध्यक्ष सुमंत कुमार ने मुझ पर विश्वास जताया हैं। इसके लिए आभार प्रकट करता हूं। उन्होंने कहा कि पार्टी के द्वारा दिए गए दिशा निर्देश का पालन करते हुए संगठन विस्तार एवं पार्टी को सुचारू रूप से चलाने का काम करूंगा। यही हमारी प्राथमिकता रहेगी । साथ ही उम्मीद है कि पार्टी को आगे बढ़ाना के लिए सभी कार्यकर्ता पूरी उर्जा से काम भी करेंगे।

अंकित रंजन उर्फ राहुल यादव को बगहा पुलिस जिला राजद उपाध्यक्ष की कमान मिलने के बाद सुमंत कुमार जिलाध्यक्ष,एमएलसी इंजिनियर सौरव कुमार,प्रदेश युवा सचिव इंजीनियर सुनील कुमार सुमन, युवा जिलाध्यक्ष पप्पू यादव , प्रधानमहा सचिव आलमगीर रब्बानी ,

छात्र नेता पप्पू यादव,नीतीश यादव,कोनेने आलम, सहित तमाम कार्यकर्ताओ ने बधाई व शुभकामना दी है।

संभावित बाढ़ से निपटने हेतु सभी व्यवस्थाएं रखें अपडेट : जिलाधिकारी।

जिलाधिकारी, श्री दिनेश कुमार राय द्वारा आज कार्यालय प्रकोष्ठ में संभावित बाढ़ सहित कटाव एवं अन्य आपदाओं की पूर्व तैयारियों की समीक्षा की गयी। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार, सहायक समाहर्ता, सुश्री शिवाक्षी दीक्षित, अपर समाहर्ता, श्री राजीव कुमार सिंह, श्री अनिल राय सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

जिलाधिकारी द्वारा बाढ़ राहत एवं अन्य सामग्रियों का दर निर्धारण, पॉलीथिन शीट्स की उपलब्धता, बाढ़ के दौरान नावों की व्यवस्था एवं उपलब्धता, बाढ़ राहत शिविर/सामुदायिक रसोई के संचालन हेतु पूर्व तैयारी, एसडीआरएफ/एनडीआरएफ की प्रतिनियुक्ति, बाढ़ आश्रय स्थल, आनुग्रहिक अनुदान के भुगतान हेतु परिवारों की सूची का आपदा सम्पूर्ति पोर्टल पर अद्यतीकरण आदि बिन्दुओं की विस्तृत समीक्षा की गयी।

जिलाधिकारी ने कहा कि संभावित बाढ़ से निपटने हेतु सभी प्रकार की व्यवस्थाएं ससमय पूरी कर ली जाय। सभी संबंधित विभागों यथा-आपदा शाखा, कृषि, पशुपालन, स्वास्थ्य, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास एवं आवास विभाग, पंचायती राज विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंतत्रण, पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य विभाग, ऊर्जा विभाग, भवन निर्माण विभाग सहित अन्य विभाग अपनी-अपनी तैयारी अविलंब पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। 

उन्होंने कहा कि यह कार्य अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। उच्चस्तर पर इसकी लगातार समीक्षा की जा रही है। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही, शिथिलता एवं कोताही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी।

जिला आपदा प्रभारी पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि सामग्री दर का निर्धारण कर लिया गया है। जिले में पर्याप्त संख्या में पॉलीथिन शी्टस, लाईफ जैकेट्स की उपलब्धता है। नावों की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गयी है। सरकारी नावों का भौतिक सत्यापन करा लिया गया है। 149 निजी नावों के स्वामियों से एकरारनामा करा लिया गया है। 113 प्रशिक्षित गोताखोर उपलब्ध हैं।

जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि सभी व्यवस्थाएं जल्द से जल्द सुदृढ़ कर लिया जाय ताकि विषम परिस्थिति में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा तथा जान-माल की क्षति को रोका जा सके। उन्होंने निर्देश दिया कि जिले में किये जा रहे कटावरोधी कार्यों को अविलंब पूर्ण कराया जाय। संबंधित कार्यपालक अभियंता क्षेत्रान्तर्गत बांधों की निगरानी करना सुनिश्चित करेंगे तथा आवश्यकतानुसार त्वरित गति से कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। 

उन्होंने निर्देश दिया कि जिला हेडक्वार्टर में उपलब्ध टेंटों को अनुमंडलवार वितरित करा दिया जाय। अनुमंडल प्रशासन द्वारा टेंटों को सुरक्षित रखा जायेगा और बाढ़ की स्थिति में उपयोग लाया जायेगा। उन्होंने जिला आपदा प्रभारी पदाधिकारी को निर्देश दिया कि संभावित बाढ़ आपदा से निपटने के लिए कम्युनिकेशन प्लान तैयार करायें। जिसमें जिलास्तर से लेकर पंचायत/गांव स्तर तक सभी तंत्रों का नाम, पदनाम, मोबाईल नंबर आदि संकलित हो।

जिलाधिकारी ने मृतका के पिता को 04 लाख रूपये का सौंपा चेक।

अनुग्रह अनुदान योजना के तहत आश्रित पिता को प्रदान की गयी राशि।

अग्निकांड में सफीना खातुन की हो गयी थी मृत्यु।

जिलाधिकारी, श्री दिनेश कुमार राय ने आज अग्निकांड में मृत हुयी बच्ची के पिता को अनुग्रह अनुदान के तहत 04 लाख रूपये का चेक प्रदान किया। 

ज्ञातव्य हो कि 06 अप्रैल 2023 को मैनाटांड़ अंचल अंतर्गत गौरीपुर के पुरूषोत्तमपुर निवासी तौहिद मियां की पुत्री सफीना खातुन की मृत्यु घर में अचानक आग लगने से हो गयी थी।

उक्त परिप्रेक्ष्य में जिलाधिकारी द्वारा मृतका के आश्रित पिता श्री तौहिद मियां को 04 लाख रूपये की अनुग्रह अनुदान की राशि सौंपी गयी। 

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार, सहायक समाहर्ता, सुश्री शिवाक्षी दीक्षित, अपर समाहर्ता, श्री राजीव कुमार सिंह, श्री अनिल राय, जिला आपदा प्रभारी पदाधिकारी, श्री विपिन कुमार यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

वार्डों में मैनुअल नाला सफाई में सैकड़ों मजदूरों की संख्या के आधार पर भुगतान का आरोप बेबुनियाद: गरिमा

बेतिया। नगर निगम के वार्डों में मैनुअल सफाई में सैकड़ों सफाई मजदूरों की संख्या के आधार पर लाखों के भुगतान होने को लेकर सोशल मीडिया में बवाल के बीच नगर निगम महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने सफाई एजेंसी "पाथेया" की रिपोर्ट को निराधार व अनर्गल करार दिया है।

श्रीमती सिकारिया ने मैनुअल नाला सफाई में लगे सैकड़ों सफाई मजदूरों की संख्या के आधार पर कथित रूप से लाखों के भुगतान के आरोप बेबुनियाद और बिना सिर पैर वाली बात करार दिया है। अपने संबंधित बयान में महापौर ने कतिपय माननीय और अन्य द्वारा लगाए जा रहे आरोप को दुर्भाग्यपूर्ण और गलत करार दिया है। उनका कहना था कि कुछ माननीय सदस्यगण भी सोशल मीडिया पर इसको उछाल कर दिग्भ्रमित प्रचार कर रहे हैं , जबकि महापौर पद पर उनके स्थापन से पूर्व ही नगर निगम प्रशासन के स्तर से "पाथेया" नाम की सफाई संस्थान से अनुबंध कर लिया गया था। उक्त सफाई एजेंसी के माध्यम से कचरा का उठाव और नालों की सफाई अनुबंध के आधार पर होती है।

अनुबंध के शर्त में निगम क्षेत्र से प्रतिदिन निकलने वाले कचरे एवं गाद के लिए प्रति मिट्रिक टन के वजन के हिसाब से भुगतान किया जाता है, लेबर की संख्या के हिसाब से भुगतान नहीं होता है। मजदूर लगाने और सफाई संसाधन की जिम्मेदारी अनुबंधित एजेंसी "पाथेय" की है। कुछेक लोगों द्वारा मेरी सेवा, जनता के प्रति समर्पण और ईमानदारी पर सवाल उठाए जाने पर मुझे बड़ी पीड़ा हो रही है। ऐसे में आज कहना पड़ रहा है कि हमारे नगर निगम क्षेत्र के आदरणीय जनता जनार्दन ही गवाह हैं कि क्या मेरे कार्यकाल की 2017 में शुरुआत से पहले मामूली सी बारिश में ही प्रायः पूरा शहर लबालब हो जाता था। अब बहुत ज्यादा बारिश में भी पानी तो लगता है

लेकिन एक दो घंटे में निकल भी जाता है। अब मैं अपने मतदाता मालिक से भी आज सवाल करना चाहुंगीं कि क्या 2017 के पहले ऐसी सफाई अपने पूरे शहर में होती थी? हर वार्ड में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन हो रहा था क्या? हां एक बात मैं आज अपनी पूरी ईमानदारी के साथ स्वीकार करना चाहूंगी कि तत्कालीन नगर परिषद के सभापति पद से मुझको षड्यंत्र पूर्वक हटा दिए जाने एवं अब मेरे मेयर बनने के बाद अनेक स्तरों पर षड़यंत्र रचा जा रहा है और मुझे राजनीतिक साजिश का शिकार बनाया जा रहा है ताकि मेरी छवि धूमिल हो। स्टील डस्टबिन, ई-रिक्शा, मैजिक भान, पेंटिंग आदि सब मेरे चुनाव से भी पहले की प्रशासक के द्वारा की गई खरीदारी या कृत्य है। क्योंकि यह सब ना मेरे कार्यकाल में हुआ है,

ना ही इसमें मेरी कोई भूमिका है। यह सब कृत्य 2020 में मुझे सभापति पद से हटाने एवं 2023 में मेरे मेयर बनने के बीच का है। साथ ही अनुबंधित सफाई एजेंसी "पाथेया" के द्वारा 31 मई 2023 को बोर्ड की सामान्य बैठक में एक अनर्गल और गलत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एजेंसी के संयोजक से जवाब तलब करने की कार्रवाई भी शुरू की जा रही है। जल्दी ही ढेर सारे भ्रष्ट और षड्यंत्रकारी बेनकाब होंगे। श्रीमती सिकारिया ने अपने शुभचिंतक और नगर निगम के मतदाता मालिक से कहा है कि आप अपनी 'गरिमा' पर विश्वास और भरोसा कायम रखें। आपको कभी भी मैं अफसोस या पश्चाताप का मौका नहीं दूंगी।

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बेतिया में इंसाफ़ मंच के दूसरे जिला सम्मेलन की तैयारी में बैठक सम्पन्न,8 जून को सम्राट अशोक भवन में होगा जिला सम्मेलन

बेतिया इंसाफ़ मंच के दूसरे जिला सम्मेलन की तैयारी की समीक्षा को लेकर आज विशेष नेताओं व कार्यकर्ताओं की बैठक हरी वाटिका चौक स्थित सुकन्या उत्सव भवन में सम्पन्न हुआ, बैठक की अध्यक्षता इंसाफ़ मंच के जिला सचिव फरहान राजा ने किया, उपस्थित नेताओं व

कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इंसाफ़ मंच के जिला सचिव फरहान राजा ने कहा कि इस सम्मेलन में दलितों- आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं आदि के सवालों पर विस्तार से चर्चा होगी और आगे आंदोलन की रूपरेखा तैयार किया जाऐगा, वही आगे कहा कि मोदी सरकार लोगों के बोलने की आज़ादी पर हमला कर रहीं हैं,बोलने की आज़ादी ही लोकतंत्र के मूल तत्व है और बोलने पर ही हमला हैं, बड़े लोग तो न भी बोलेगें तो उनके काम चल जाऐगा! लेकिन गरीबों को सबसे अधिक लोकतंत्र की आवश्यकता है,

इन्जीनियर अरशई नाज ने मोदी सरकार पर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को बचाने का आरोप लगाया. आगे कहा कि ”एक आदमी को बचाने के लिए पूरी भारत सरकार लगी हुई है.” मोदी सरकार का बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा आधी आबादी के साथ धोखा है! महिलाओं और देश की बेटियों पर हमला करने वालों के पक्ष मोदी सरकार खडी़ है, जो देश के लिए शर्मनाक है,!

इंसाफ़ मंच के वरिष्ठ नेता अब्दुल वकार ने कहा कि इंसाफ़ मंच के दूसरे जिला सम्मेलन में बड़ी संख्या में दलित आदिवासी अल्पसंख्यक और महिला की भागीदारी होगी,

इंसाफ़ मंच के मझौलिया संयोजक अफाक अहमद ने कहा कि

बृजभूषण शरणसिंह के खिलाफ़ कार्रवाई की मांग को लेकर य खिलाड़ी करीब एक महीने से दिल्ली के जंतर-मंतर धरने पर बैठे थे, जिन्हें 28 मई को पुलिस ने जबरन हटा दिया है, महिला पहलवानों के साथ जो कुछ भी दिल्ली पुलिस ने किया, इसके लिए मोदी सरकार को देश की जनता कभी माफ़ नहीं करेगा,

डाक्टर अफजल ने बैठक में महिला पहलवान को न्याय मांगने पर लाठी चार्य करने वाले मोदी सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए 2024 में सत्ता से उखाड़ने का आह्वान जनता से किया।

डाक्टर मुजिबुर्हमान ने कहा कि संविधान की शपथ लेकर सत्ता में आयीं मोदी सरकार संसद भवन के उदघाटन समारोह में महामहिम राष्ट्रपति को नही बुलाना यह देश का अपमान है,

इंसाफ़ मंच के युवा नेता निशात हैदर ने कहा कि अशोक चक्र को हटाकर सिगौल लगाना संविधान का अपमान है इसे देश की जनता वर्दाश्त नही करेगी,।

अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ने संयुक्त राष्ट्र संघ एवं विश्व बिरादरी से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की

बेतिया : अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन की ओर आयोजित कार्यक्रम मे सर्वप्रथम विश्व भर में उन बच्चों एवं बच्चियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई जिन्होंने विगत वर्षों में कोरोना वायरस संक्रमण, विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं युद्ध ग्रस्त देशों एवं विभिन्न घटनाओं में अपने प्राणों की आहुति दी है।

इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ. एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ. सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ शाहनवाज़ अली, डॉ अमित कुमार लोहिया , पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट की निदेशक एस सबा ने संयुक्त रूप से कहा कि प्रत्येक वर्ष 1 जून को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

स्विट्जरलैंड के जिनेवा में बच्चों के उत्थान के लिए विश्व सम्मेलन मे 01 जून को 1925 में अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस के रूप में घोषित किया था।

सम्मेलन के बाद, दुनिया भर की कुछ सरकारों ने बच्चों के मुद्दों को उजागर करने के लिए इस दिन को बाल दिवस के रूप में नामित किया। विभिन्न देशों ने अपनी संस्कृति के लिए सबसे अधिक प्रासंगिक तारीख का उपयोग किया।

01 जून की तारीख का उपयोग कई पूर्व-सोवियत देशों द्वारा किया जाता है क्योंकि ‘बच्चों के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ की स्थापना 01 जून 1950 को मास्को में महिला अंतर्राष्ट्रीय लोकतांत्रिक संघ की कांग्रेस के बाद की गई थी जो 1949 में हुई थी।विश्व बाल दिवस के निर्माण के साथ, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों ने बच्चों की सुरक्षा को मान्यता दी। 

नस्ल, रंग, लिंग, धर्म और राष्ट्रीय या सामाजिक मूल की परवाह किए बिना, स्नेह का अधिकार, प्यार, समझ, पर्याप्त भोजन, चिकित्सा देखभाल, मुफ्त शिक्षा, सभी के खिलाफ सुरक्षा शोषण के रूपों और सार्वभौमिक शांति और भाईचारे के माहौल में बढ़ रहा है। 

इस अवसर पर डॉ0 सुरेश कुमार अग्रवाल, डॉ अमित कुमार लोहिया, डॉ0 एजाज अहमद एवं बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के शोधार्थी डॉ0 शाहनवाज अली ने संयुक्त रूप से कहा कि कई देशों ने बाल दिवस की स्थापना की है। कुछ देश 20 नवंबर को बाल दिवस को सार्वभौमिक बाल दिवस के रूप में मनाते हैं। यह दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1954 में स्थापित किया गया था और इसका उद्देश्य दुनिया भर में बच्चों के कल्याण को बढ़ावा देना है। 

वक्ताओं ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल मे लॉकडाउन के कारण बच्चे एवं बच्चियों पर हो रहे घरेलू हिंसा मे अत्यधिक बढ़ोतरी हुई है। सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, कैलाश सत्यार्थी फाऊंडेशन, बचपन बचाओ आंदोलन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा किए गए सर्वेक्षणों एवं शोध एवं अनुसंधानो में जो आंकड़े सामने आए हैं वह परेशान कर देने वाले हैं। बच्चे अपने ही घर में सुरक्षित नहीं है। बच्चों एवं बच्चियों पर घरेलू हिंसा की रोकथाम के लिए सामाजिक एवं सरकारी स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अभिभावकों को जागरूक करने की आवश्यकता है, ताकि बच्चों पर हो रहे घरेलू हिंसा को रोका जा सके। 

कहा कि इसके लिए सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, बचपन बचाओ आंदोलन, कैलाश सत्यार्थी फाऊंडेशन समेत विश्व की सभी स्वयंसेवी संस्थाएं संकल्पित हैं। पश्चिम एशियाई देशों एवं विश्व के अनेक युद्ध ग्रस्त देशों में बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। यह संयुक्त राज्य संघ एवं इस बिरादरी की जिम्मेवारी है कि युद्ध ग्रस्त देशों में स्थाई शांति स्थापित करें और आने वाले पीढ़ी को सुरक्षा प्रदान करें जिसकी वह हकदार है।