सुप्रीम कोर्ट पहुंचा नए संसद भवन का मामला, राष्ट्रपति से उद्घाटन कराने की मांग

#pilfiledinsupremecourtfornewparliamentbuilding_inauguration 

नए संदन भवन के उद्घाटन को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कई विपक्षी दल पीएम द्वारा संसद भवन के उद्घाटन का विरोध करते हुए कार्यक्रम के बहिष्कार का ऐलान कर चुके हैं। इस बीच नए संसद भवन के उद्घाटन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। 

नई संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल दाखिल हुई है। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति संसद का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। लोकसभा सचिवालय ने उनसे उद्घाटन न करवाने का जो फैसला लिया है, वह गलत है। पेशे से वकील जयासुकिन ने ये याचिका दायर की है।

सीआर जया सुकिन ने अपनी याचिका में कहा है कि संसद भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है। भारतीय संसद में राष्ट्रपति और दो सदन (राज्यों की परिषद) राज्यसभा और जनता का सदन लोक सभा शामिल हैं। राष्ट्रपति के पास किसी भी सदन को बुलाने और सत्रावसान करने की शक्ति है। साथ ही संसद या लोकसभा को भंग करने की शक्ति भी राष्ट्रपति के पास है।

क्यों हो रहा विरोध?

बता दें कि नई संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर सियासी संग्राम जारी है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत 19 विपक्षी दलों ने देश की संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों न करवाने को लेकर इसे मुद्दा बनाया है और इस समारोह के बॉयकट का ऐलान किया है। तमाम विपक्षी दलों का कहना है कि देश की संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों होना चाहिए।

किन पार्टियों ने किया उद्घाटन समारोह का बहिष्कार?

कांग्रेस समेत विपक्ष की 19 राजनीतिक दल नए संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेंगे। इन दलों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, द्रमुक, समाजवादी पार्टी, जेडीयू, राष्ट्रीय जनता दल, शिवसेना (यूबीटी), एआईएमआईएम, माकपा, भाकपा शामिल हैं। इन दलों ने एक संयुक्त बयान में आरोप लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को उद्घाटन समारोह से दरकिनार करना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन करने का फैसला लोकतंत्र पर सीधा हमला है।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा नए संसद भवन का मामला, राष्ट्रपति से उद्घाटन कराने की मांग

#pil_filed_in_supreme_court_for_new_parliament_building_inauguration 

नए संदन भवन के उद्घाटन को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कई विपक्षी दल पीएम द्वारा संसद भवन के उद्घाटन का विरोध करते हुए कार्यक्रम के बहिष्कार का ऐलान कर चुके हैं। इस बीच नए संसद भवन के उद्घाटन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। 

नई संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल दाखिल हुई है। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति संसद का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। लोकसभा सचिवालय ने उनसे उद्घाटन न करवाने का जो फैसला लिया है, वह गलत है। पेशे से वकील जयासुकिन ने ये याचिका दायर की है।

सीआर जया सुकिन ने अपनी याचिका में कहा है कि संसद भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है। भारतीय संसद में राष्ट्रपति और दो सदन (राज्यों की परिषद) राज्यसभा और जनता का सदन लोक सभा शामिल हैं। राष्ट्रपति के पास किसी भी सदन को बुलाने और सत्रावसान करने की शक्ति है। साथ ही संसद या लोकसभा को भंग करने की शक्ति भी राष्ट्रपति के पास है।

क्यों हो रहा विरोध?

बता दें कि नई संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर सियासी संग्राम जारी है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत 19 विपक्षी दलों ने देश की संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों न करवाने को लेकर इसे मुद्दा बनाया है और इस समारोह के बॉयकट का ऐलान किया है। तमाम विपक्षी दलों का कहना है कि देश की संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों होना चाहिए।

किन पार्टियों ने किया उद्घाटन समारोह का बहिष्कार?

कांग्रेस समेत विपक्ष की 19 राजनीतिक दल नए संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेंगे। इन दलों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, द्रमुक, समाजवादी पार्टी, जेडीयू, राष्ट्रीय जनता दल, शिवसेना (यूबीटी), एआईएमआईएम, माकपा, भाकपा शामिल हैं। इन दलों ने एक संयुक्त बयान में आरोप लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को उद्घाटन समारोह से दरकिनार करना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन करने का फैसला लोकतंत्र पर सीधा हमला है।

देहरादून वंदे भारत ट्रेन को पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी, जाने शेड्यूल से लेकर किराया तक सबकुछ

#pmmodiuttarakhandfirstvandebharatexpress

उत्तराखंड के लिए गुरुवार यानी आज खास दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड को पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगत दी है। पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दिल्ली-देहरादून वंदे भारत एक्स्प्रेस को हरी झंडी दिखाकर उत्तारखंड के लोगों को समर्पित किया। इसके अलावा पीएम मोदी ने विद्युतीकृत रेल लाइन खंडों का लोकार्पण भी किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड के सभी लोगों को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की बहुत-बहुत बधाई। दिल्ली और देहरादून के बीच चलने वाली यह ट्रेन, देश की राजधानी को देवभूमि से और तेज गति से जोड़ेगी।

पीएम मोदी ने कहा कि अभी मैं कुछ देर पहले ही तीन देशों की यात्रा करके लौटा हूं। आज पूरा विश्व भारत को बहुत उम्मीदों से देख रहा है। हम भारत के लोगों ने जिस तरह अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है, उसने पूरी दुनिया का विश्वास जगा दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है, मुझे याद है। जब मैं बाबा केदारनाथ का दर्शन करने गया था तो दर्शन के बाद अनायास ही मेरे मुख से कुछ पंक्तियां निकली थीं। ये पंक्तियां थीं- ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा. उत्तराखंड आज जिस तरह से कानून व्यवस्था को सर्वोपरि रखते हुए, विकास को आगे बढ़ा रहा है। वो बहुत सराहनीय है।

क्या है ट्रेन का शेड्यूल

देहरादून से दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का बुधवार को संचालन नहीं होगा। यानी ये ट्रेन हफ्ते में छह दिन चलेगी। बताया जा रहा है कि आनंद विहार से देहरादून की दूरी पौने पांच घंटे में पूरी हो जाएगी। इस ट्रेन के पांच स्टॉप होंगे, जिसमें हरिद्वार, रुड़की, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर समेत मेरठ भी शामिल है। ट्रेन की रफ्तार अधिकतम 110 किमी और औसत रफ्तार 63.41 किमी होगी। ट्रेन देहरादून से सुबह 7 बजे चलेगी और 11.45 बजे आनंद विहार टर्मिनल पहुंचेगी। इसके बाद शाम को 5.50 बजे आनंद विहार से चलकर रात 10.35 बजे देहरादून पहुंचेगी। 314 किलोमीटर का ये सफर वंदे भारत ट्रेन 4 घंटे 45 मिनट में तय करेगी। बता दें कि दोनों शहर की दूरी तय करने में अभी 6 घंटे से ज्यादा का वक्त लगता है।

शाम को यात्रा करना पड़ेगा महंगा

प्रत्येक यात्री को कैटरिंग की सुविधा आवश्यक रूप से दी जाएगी। देहरादून से आनंद विहार जाने वाली ट्रेन संख्या 22458 में सुबह के समय चाय और नाश्ता दिया जाएगा। जबकि, शाम के समय आनंद विहार से देहरादून आने वाली ट्रेन संख्या 22457 में चाय और रात्रि का भोजन दिया जाएगा। सुबह के किराए की अपेक्षा शाम का इकनोमिक क्लास का किराया 195 और कुर्सी यान का किराया 165 रुपये अधिक रहेगा।

नए संसद भवन के उद्घाटन पर जारी है सियासी रार, बहिष्कार के ऐलान के बीच सरकार को मिला इन विपक्षी दलों का साथ

#inauguration_of_new_parliament_these_opposition_parties_came_with_pm_modi

नई संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर चल रहा सियासी ड्रामा फिलहाल जारी है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत 19 विपक्षी दलों ने देश की संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों न करवाने को लेकर इसे मुद्दा बनाया है और इस समारोह के बॉयकट का ऐलान किया है। तमाम विपक्षी दलों का कहना है कि देश की संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों होना चाहिए, प्रधानमंत्री के हाथों नहीं।हालांकि, कई विपक्षी दल इस उद्घाटन समारोह का हिस्सा बनने को राजी हैं।

ये पार्टियां हैं सरकार के समर्थन में

पंजाब की राजनीतिक पार्टी अकाली दल इस कार्यक्रम का हिस्सा होगी। इसके अलावा ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल भी इस उद्घाटन समारोह का हिस्सा होने जा रही है. वहीं जगन मोहन रेड्डी की पार्टी आईएसआरसीपी भी इस कार्यक्रम में शामिल होगी। इसके अलावा मायावती की पार्टी बसपा भी इस समारोह का हिस्सा होने वाली है। 

जगन मोहन ने पीएम मोदी को दी बधाई

वाईएसआर कांग्रेस की ओर से आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने ट्वीट कर कहा, इस भव्य और विशाल संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित करने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को बधाई देता हूं।संसद, लोकतंत्र का मंदिर होने के नाते, हमारे देश की आत्मा को दर्शाती है और हमारे देश के लोगों और सभी राजनीतिक दलों की है, ऐसे शुभ आयोजन का बहिष्कार करना लोकतंत्र की सच्ची भावना के अनुरूप नहीं है। सभी राजनीतिक मतभेदों को दूर करते हुए, मैं अनुरोध करता हूं कि सभी राजनीतिक दल इस शानदार आयोजन में शामिल हों। लोकतंत्र की सच्ची भावना में मेरी पार्टी इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होगी।

अन्य विपक्षियों से अकाली दल की अलग राय

अकाली दल नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि नए भवन का उद्घाटन देश के लिए गर्व की बात है, इसलिए हमने फैसला किया है कि अकाली दल 28 मई को होने वाले उद्घाटन समारोह में शामिल होगा। हम विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए मुद्दे से सहमत नहीं है।

गुलाम नबी आजाद ने कहा

डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने भी इस बीच एक अहम बयान देते हुए कहा कि जिस समय पीवी नरसिम्हा राव पीएम थे, शिवराज पाटिल स्पीकर थे और मैं संसदीय कार्य मंत्री था तब शिवराज जी ने मुझसे कहा था कि एक नया और बड़ा संसद भवन 2026 से पहले बनकर तैयार होना चाहिए। नया भवन तब से बनाना जरूरी था, ऐसे में यह तो अच्छा हुआ है कि अब बन गया है। उन्होंने कहा कि मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता कि उद्घाटन समारोह में कौन शामिल होगा या कौन बहिष्कार करेगा।

किन पार्टियों ने किया उद्घाटन समारोह का बहिष्कार?

कांग्रेस समेत विपक्ष की 19 राजनीतिक दल नए संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेंगे। इन दलों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, द्रमुक, समाजवादी पार्टी, जेडीयू, राष्ट्रीय जनता दल, शिवसेना (यूबीटी), एआईएमआईएम, माकपा, भाकपा शामिल हैं। इन दलों ने एक संयुक्त बयान में आरोप लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को उद्घाटन समारोह से दरकिनार करना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन करने का फैसला लोकतंत्र पर सीधा हमला है।

नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर मचे बवाल के बीच हिमंत बिस्वा शरमा का बड़ा सवाल, पूछा- क्या विपक्षी दल राम मंदिर का करेंगे बहिष्कार?

#himanta_biswa_sarma_asked_opposition_parties_will_also_boycott_inauguration_of_ram_temple

भारत को नए संसद भवन के तौर पर लोकतंत्र का नया मंदिर मिलने जा रहा है, 28 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। वहीं तमाम विपक्षी दल राष्ट्रपति से इसका उद्घाटन कराने की जिद पर अड़े हैं। इसे लेकर 19 विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का सामूहिक रूप से बहिष्कार करने का ऐलान भी कर दिया।जिसमें कांग्रेस भी शामिल है। ऐसे में भाजपा पर अब विपक्षी दल लगातार हमला कर रहे हैं। इस बीच असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने विपक्षी दलों से बड़ा सवाल पूछा है।

सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर पूछा ये सवाल

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक ट्वीट लिखकर सवाल किया कि क्या ये विपक्षी दल आगे राम मंदिर के उद्घाटन का भी विरोध करेंगे? शरमा ने ये सवाल ऐसे समय पर उठाया है जब सेंट्रल विस्टा के उद्घाटन को लेकर बवाल मचा हुआ है।

विपक्ष ने क्या लगाया आरोप

बता दें कि कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों ने 28 मई को होने वाले उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। विपक्षी दलों की मांग की है कि उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नहीं बल्कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करें। सरकार पर राष्ट्रपति मुर्मू को 'पूरी तरह दरकिनार' करने का आरोप लगाते हुए 19 दलों ने एक बयान में कहा है कि जब ‘‘लोकतंत्र की आत्मा को छीन लिया गया है’’ तो उन्हें नए भवन में कोई महत्व नजर नहीं आता। बहिष्कार करने वालों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक), जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी(आप), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा), समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) जैसे तमाम विपक्षी दल शामिल हैं।

तिहाड़ जेल के बाथरूम में गिरे सत्येंद्र जैन, अस्पताल में कराए गए भर्ती

#satyendar_jain_was_admitted_to_deen_dayal_upadhyay_hospital

दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की तबीयत एक बार फिर खराब हो गई है। उनको दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के मुताबिक, तिहाड़ जेल के बाथरूम में चक्कर आने से सत्येंद्र जैन गिर गए थे। इससे पहले भी सत्येंद्र जैन बाथरूम में गिरे थे और उन्हें रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आई थी। बीते एक हफ्ते में दूसरी बार सत्येंद्र जैन को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।

दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल नंबर सात में बंद हैं। गुरुवार सुबह 6 बजे वो बाथरूम में गिर गए थे।जानकारी के मुताबिक वह बाथरूम चक्कर आने के बाद वह गिर गए। इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।घायल होने पर उन्हें दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। एहतियात के तौर पर उनके सारे टेस्ट करवाए गए हैं।

स्पाइन की प्रॉब्लम से पीड़ित हैं सत्येंद्र जैन

बता दें कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की स्पाइन की सर्जरी भी होनी है। स्पाइन में प्रॉबलम की वजह से वो कमर में बेल्ट पहनते हैं। स्पाइन में प्रॉब्लम की वजह से कुछ दिनों पहले उन्हें सफदरजंग अस्पताल में भी इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। उन्हें एक हफ्ते के अंदर दूसरी बार भर्ती कराया गया है।

सत्येंद्र जैन का 35 किलोग्राम वजन घटा

बताया जा रहा है कि जेल में सत्येंद्र जैन का 35 किलोग्राम वजन घट गया है। इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है कि सत्येंद्र जैन, जैन धर्म को मानते हैं। जैन धर्म में मंदिर जाए बिना पका हुआ खाना नहीं ले सकते हैं। इसी जह से वह जेल में केवल कच्ची सब्जियां, फल और ड्राई फ्रूट्स खा रहे हैं।

तीन देशों की यात्रा कर लौटे पीएम मोदी, कहा-मैं दुनियाभर में जा कर के सिर्फ आपके पराक्रमों के गीत गाता हूं, नए संसद के उद्घाटन के बहिष्कार पर कही

#pm_modi_returning_from_three_nation_visit

तीन देशों की यात्रा के बाद पीएम मोदी भारत लौट आए हैं। दिल्ली एयरपोर्ट में उनका भव्य स्वागत किया गया। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, विदेश मंत्री एस जयशंकर सहति कई नेताओं ने पीएम का वेलकम किया।पीएम मोदी ने एयरपोर्ट के पास उनका स्वागत करने पहुंचे भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा, आज यहां जो लोग उपस्थित हैं वो मोदी जी को प्यार करने वाले लोग नहीं हैं, ये मां भारती को प्यार करने वाले लोग हैं। ये हिंदुस्तान को प्यार करने वाले लोग हैं।

मैं दुनिया में हिंदुस्तान के सामर्थ्य की बात करता हूं-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा, मैं दुनिया के देशों में जाकर के, दुनिया के महापुरुषों से मिल कर के हिंदुस्तान के सामर्थ्य की बात करता हूं। हिंदुस्तान की युवा पीढ़ी की योग्यता की चर्चा करता हूं और अवसर मिलने पर भारत के नौजवान कैसा पराक्रम कर के दिखलाते हैं।ये मैं दुनिया में जा कर बतलाता हूं।

गुलामी वाली मानसिकता में डूब मत जाना-पीएम मोदी

पीएम ने आगे कहा कि मेरे देश की महान संस्कृति का गौरवगान करते हुए मैं आंखें नीची नहीं करता हूं। आंखें मिला कर बात करता हूं। पीएम मोदी ने आगे कहा, ये सामर्थ्य इसलिए है क्योंकि आपने पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाई है। जब मैं बोलता हूं तो दुनिया को लगता है कि 140 करोड़ लोग बोल रहे हैं। जितना समय था वह समय मैंने देश की बात करने में उपयोग किया।पीएम मोदी ने कहा, मैं आप से भी यही कहूंगा कि हिंदुस्तान की संस्कृति, महान परंपरा के बारे में बोलते हुए कभी भी गुलामी वाली मानसिकता में डूब मत जाना, हिम्मत के साथ बात कीजिए। दुनिया सुनने को आतुर है।

संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने वालों पर हमला

प्रधानमंत्री ने अपने ऑस्ट्रेलिया में हुए कार्यक्रम का जिक्र करते हुए भारत में संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने वाली पार्टियों पर निशाना भी साधा। पीएम ने कहा कि सिडनी में उन्हें सुनने के लिए 20,000 लोग इकट्ठा हुए थे। इतना ही नहीं, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज भी दर्शकों में शामिल थे। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के पूर्व पीएम और पूरा विपक्ष अपने देश के खातिर साथ में मौजूद थे।

कोरोना वैक्सीन को लेकर विपक्ष पर निशाना

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर भी विपक्ष पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने कहा, हमसे हिसाब मांगा जाता था कि तुमने विदेश में वैक्सीन क्यों भेजा। ये बुद्ध और गांधी की धरती है।पापुआ न्यू गिनी के लोगों ने मेरी भाषा तो नहीं समझी लेकिन उन्होंने इशारा कर के कहा कि आपने वैक्सीन भेजा तभी हम जिंदा हैं। वहां के लोगों की आंखों में आंसू थे। पीएम ने कहा हम अपने दुश्मनों की भी परवाह करते हैं। आज दुनिया जानना चाहती है कि भारत क्या सोच रहा है।

बता दें कि पीएम मोदी तीन देशों जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की अपनी यात्रा के समापन के बाद सुबह दिल्ली के पालम हवाईअड्डे पर पहुंचे।

इमरान खान की पार्टी पीटीआई पर बैन के मूड में शहबाज सरकार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दी चेतावनी

#govtconsideringbanningimrankhans_pti

पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की जा रही है।सत्तारूढ़ पीडीएम सरकार उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को इसकी पुष्टि की कि सरकार पीटीआई पर पाबंदी लगाने पर विचार किया जा रहा है। 9 मई को पीटीआई चीफ इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में हुए दंगों के बाद उनकी पार्टी पर बैन का खतरा मंडरा रहा है। 

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को कहा कि देश में गहरा रहे राजनीतिक संकट के बीच सरकार इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है।उन्होंने कहा कि पीटीआई ने देश के आधार पर हमला किया है, जो पहले कभी नहीं हुआ था। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। पाकिस्‍तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को कहा कि इमरान खान की पार्टी के लोगों, नेताओं और समर्थकों ने मिलकर पाकिस्‍तान की सेना, पुलिस और सरकारी इमारतों पर हमला किया। पूरे देश में आगजनी, तोड़फोड़ और दंगा किया, इसलिए अब सरकार ऐसी पार्टी पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। उन्‍होंने कहा कि इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर पूरे देश में अराजकता का माहौल बनाया गया और सेना तक पर हमला किया गया। इससे देश की प्रतिष्‍ठा धूमिल हुई है।

सेना को अपना दुश्‍मन मानते- ख्‍वाजा आसिफ

रक्षा मंत्री ख्‍वाजा आसिफ ने कहा कि इमरान खान, लगातार देश की सेना को निशाने पर ले रहे हैं, उनके हर भाषण में सेना प्रमुख और सेना ही होते हैं। वो सेना को अपना दुश्‍मन मानते हैं। इमरान खान की पूरी राजनीति सेना से शुरू हुई थी और आज वही इमरान खान सेना का विरोध कर रहे हैं और उनके कार्यकर्ता, नेता और समर्थक सेना के मुख्‍यालय पर हमला कर रहे हैं। ऐसा काम शर्मनाक है। आसिफ ने कहा कि ये बातें इमरान खान की पार्टी छोड़ने वाले तमाम नेता कह रहे हैं।

पीटीआई चीफ का दावा है कि हिंसा सुनियोजित थी

बता दें कि इमरान खान ने भी 9 मई की हिंसा की आलोचना की है। इमरान हिंसा मामले में स्वतंत्र जांच की मांग कर चुके हैं। पीटीआई चीफ का दावा है कि हिंसा सुनियोजित थी। पीटीआई को खत्म करने की साजिश के आरोपों के साथ इमरान खान का कहना है कि जांच होगी तो असमाजिक तत्वों का खुलासा हो जाएगा।

क्या है मामलाल?

दरअसल, 9 मई, 2023 को भ्रष्टाचार एक मामले में इमरान खान को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। खान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट से गिरफ्तार किया था। अधिकारियों का आरोप है कि खान और उनकी पत्नी ने एक चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिए एक रियल एस्टेट कारोबारी से रिश्वत के रूप में लाखों डॉलर की जमीन हासिल की। उनकी गिरफ्तारी के बाद लाहौर, कराची और इस्लामाबाद सहित कई शहरों में बड़े पैमाने पर और हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। बड़ी संख्या में पीटीआई कार्यकर्ता कोर कमांडर लाहौर आवास पर घुस गए

व्हाइट हाउस के पास बैरियर से ट्रक की टक्कर मारने वाला आरोपी पकड़ाया, अमेरिकी राष्ट्रपति की हत्या करने की साज़िश रचने की बात पुलिस के सामने कबूली

अमेरिकी राष्ट्रपति के सरकारी निवास व्हाइट हाउस के पास बैरियर से ट्रक की टक्कर मारने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस पूछताछ में युवक ने इस बात के संकेत दिए हैं और कबूल किए हैं कि वह राष्ट्रपति जो बाइडेन की जान को नुकसान पहुंचाना चाहता था। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि चेस्टरफील्ड के 19 वर्षीय ड्राइवर साईं वार्षिथ कंडुला ने ऐसे भड़काऊ बयान दिए हैं, जिससे जांचकर्ताओं को संकेत मिल रहा है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को नुकसान पहुंचाना चाहता था।

अधिकारियों ने कहा कि 19 वर्षीय कंडुला जो मिसौरी का रहने वाला है, को व्हाइट हाउस के पास अवरोधकों में ट्रक मारने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। कई कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दिए गए बयानों के आधार पर साईं वार्षित कंडूला के खिलाफ "मारने की धमकी देना, अपहरण करना, राष्ट्रपति, उपा राष्ट्रपति या उनके परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचाने" का आरोप लगाया गया है।

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने कहा कि जब ट्रक बैरियर से टकराया था, तब राष्ट्रपति बाइडेन व्हाइट हाउस में ही थे। बतौर प्रेस सचिव उस वक्त राष्ट्रपति स्पीकर केविन मैककार्थी से ऋण सीमा पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इस घटना की सूचना राष्ट्रपति बाइडेन को तत्काल नहीं दी गई थी।

घटना के बाद जांच के दौरान गिरफ्तार युवक से गुप्तचर सेवा के जांचकर्ताओं ने भी पूछताछ की जिसमें यूनाइटेड स्टेट्स पार्क पुलिस, एफबीआई और यूएस कैपिटल पुलिस भी शामिल है। साईं वार्षिथ कंडूला पर खतरनाक हथियार से हमला करने, मोटर वाहन का लापरवाही से संचालन करने और अनधिकार प्रवेश का आरोप लगाया गया है। शुरुआती जांच से संकेत मिला है कि आरोपी ने जानबूझकर लाफायेट पार्क के बाहर बोलार्ड में टक्कर मारी थी। घटना स्थल पर अधिकारियों द्वारा नाजी झंडे को भी जब्त किया गया है।

अधिकारियों ने कहा कि संदिग्ध आरोपी ने टक्कर मारने के बाद घटनास्थल पर व्हाइट हाउस के बारे में धमकी भरे बयान दिए लेकिन उसे तुरंत हिरासत में ले लिया गया। हालांकि, टक्कर मारने वाले ट्रक में हथियार या विस्फोटक नहीं थे। इस घटना में किसी को भी कोई चोट या कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। वाशिंगटन पुलिस ने घटना के बाद ट्रक को जब्त कर लिया है। ये घटना सोमवार रात करीब 10 बजे की है।

*क्या होता है सेंगोल, जिसे नए संसद भवन में स्पीकर के आसन के पास लगाया जाएगा, जानें विस्तार से*

#whatissangolwhichwillbeinstalledinnewparliamenthouse

भारतीय संसदीय इतिहास में 28 मई का दिन खास दिन के तौर पर अंकित हो जाएगा। इस खास दिन पीएम नरेंद्र संसद भवन की नई इमारत को देश को समर्पित करने वाले हैं। इससे ठीक पहले गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को खास जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्पीकर की कुर्सी के पास राजदंड सेंगोल को रखा जाएगा।इसके साथ ही एक ऐतिहासिक परपंरा भी पुनर्जीवित होगी।

चोल साम्राज्य से रहा है रिश्ता

अमित शाह की ओर से साझा किए गए इस बयान के बाद सवाल उठ रहे हैं आखिर ये सेंगोल क्या होता है और इसका क्या महत्व है? सेंगोल का इतिहास काफी पुराना है। आजाद भारत में इसका बड़ा महत्व है। इसका रिश्ता चोल साम्राज्य से रहा है। चोल साम्राज्य 100 एडी से लेकर 250 एडी और बाद में 700 एडी से लेकर 950 एडी तक दक्षिण भारत के एक बड़े हिस्से पर राज किया। राजेंद्र चोल और राजराज चोल मशहूर शासक रहे हैं। चोल साम्राज्य में परंपरा रही है कि जब सत्ता का हस्तांतरण होता था संगोल उत्तराधिकारी को दिया जाता और इस तरह से सत्ता हस्तांरण की प्रक्रिया को पूर्ण होती थी।।

सेंगोल भारत की आजादी का प्रतीक

14 अगस्त 1947 में जब भारत की सत्ता का हस्तांतरण हुआ, तो वो इसी सेंगोल द्वारा हुआ था। एक तरह कहा जाए तो सेंगोल भारत की आजादी का प्रतीक है। उस समय सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था। 1947 में जब लॉर्ड माउंट बेटन ने पंडित नेहरू से पूछा कि सत्ता का हस्तांतरण कैसे किया जाए। तो पंडित नेहरू ने इसके लिए सी राजा गोपालचारी से मशवरा मांगा। उन्होंने सेंगोल प्रक्रिया के बारे में बताया। इसके बाद इसे तमिलनाडु से मंगाया गया और आधी रात को पंडित नेहरु ने स्वीकार किया।

क्या है सेंगोल का अर्थ

सेंगोल तमिल भाषा के शब्द 'सेम्मई' से निकला हुआ शब्द है। इसका अर्थ होता है धर्म, सच्चाई और निष्ठा। सेंगोल राजदंड भारतीय सम्राट की शक्ति और अधिकार का प्रतीक हुआ करता था। सेंगोल जिसे दिया जाता है उससे न्यायसंगत और निष्पक्ष शासन प्रस्तुत करने की अपेक्षा की जाती है।