*संसार को प्रकृति से प्रेम करने का संदेश दिया*
कमलेश मेहरोत्रा लहरपुर (सीतापुर)। वैदिक काल से ही सनातन धर्म का प्रमुख स्तंभ है यज्ञ।संत- महात्माओं, ऋषियों,महर्षियों और वैदिक विद्वानों ने यज्ञ के माध्यम से समस्त संसार को प्रकृति से प्रेम करने का संदेश दिया है ।
नगर के टांडा सालार मोहल्ले मे चल रहे श्री शतचंडी महायज्ञ एवं संत सम्मेलन में अयोध्या धाम से पधारे मानस मर्मज्ञ राघव जी महाराज ने कहा कि प्रकृति का पूजन ही यज्ञ की परिकल्पना है, यज्ञ मंडप में सभी तीर्थों का जल लाया जाता हैं, विभिन्न वनस्पतियों का प्रयोग होता है,विद्वान आचार्यों के द्वारा वैदिक मंत्रों से सभी देवी देवताओ का आवाहन किया जाता है ।
यज्ञ मंडप की प्रदक्षिणा करने का यही उद्देश्य है कि जो अशक्त असमर्थ है वह भी एक जगह सभी तीर्थों और देवताओ का दर्शन करके अपने जीवन को धन्य बना लें, कथा व्यास ने कहा कि यज्ञ करने से वायुमंडल शुद्ध होता है और वातावरण प्रदूषण मुक्त हो जाता है उन्होंने कहा कि सभी को यज्ञ अवश्य करना चाहिए।
इस अवसर पर विमलेश अवस्थी , अनिल द्विवेदी,रामूद्विवेदी, पंकज द्विवेदी, दीपू द्विवेदी, विनीत जायसवाल, देवेश अवस्थी सहित उपस्थित सैकड़ो भक्तों को महाराज जी ने अपनी अमृतमयी वाणी से भावविभोर कर दिया ।
आयोजक मण्डल ने राघव जी महाराज का व्यासपीठ पर माल्यार्पण करके स्वागत किया । मंच का संचालन डाॅ रजनीश मिश्र ने किया ।
May 17 2023, 17:59