भारत में 'लू' की वजह बना चक्रवात मोचा, बांग्लादेश के लिए बना खतरा

डेस्क: बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान 'मोचा' भारत के तटीय इलाकों से गुजरने के बाद अब बांग्लादेश के लिए खतरा बन गया है। चक्रवात का प्रकोप जैसे जैसे तेज हो रहा है, हवाएं भी तेजी से चलना शुरू हो गई हैं। बांग्लादेश की मीडिया के अनुसार 'मोचा' ​जैसे जैसे खतरनाक होगा, वैसे ही बांग्लादेश का एक द्वीप पानी में डूब जाएगा। हालांकि टापू का डूबना स्थाई नहीं होगा, कुछ समय बाद द्वीप का पानी वापस उतर जाएगा। 

'मोचा' के खतरनाक होते ही डूब जाएगा बांग्लादेश का द्वीप

बांग्लादेशी अधिकारियों ने बताया कि 'बांग्लादेश के द्वीप सेंट मार्टिन पर किसी बुनियादी ढांचे का विकास नहीं हुआ है। जब तूफान का प्रकोप बढ़ेगा तो इसके असर से पानी सेंट मार्टिन द्वीप के एक तरह से चढ़कर दूसरी तरफ निकलेगा। इसके चलते कुछ देर के लिए सेंट मार्टिन द्वीप पानी में डूब जाएगा।' बांग्लादेशी मौसम विभाग का कहना है कि तूफान का केंद्र म्यांमार है, जिसका असर बांग्लादेश के कोक्स बाजार में भी रहेगा। बांग्लादेश के तटीय इलाकों में बारिश शुरू हो चुकी है। 

210 किमी प्रतिघंटे की गति से चलेंगी हवाएं

मोका तूफान के चलते बांग्लादेश के मध्य-पूर्वी खाड़ी और उसके नजदीकी इलाकों में तेज हवाएं चलेंगी। हवाओं की स्पीड 210 किलोमीटर प्रतिघंटे तक रह सकती है। तटीय इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इनमें चट्टोग्राम, फेनी, नोआखली, लक्शमीपुर, चांदपुर, बारिशल, पुतुआखली, झालाकाथी, पिरोजपुर,बारगुना और भोला जैसे इलाके शामिल हैं। 

चक्रवात भारत से चुरा ले गया वातावरण की 'नमी'

चक्रवाती तूफान मोचा का भारत पर विपरीत प्रभाव यह रहा है कि यह भारत से नमी अपने साथ ले गया, इस वजह से तापमान अचानक बढ़ गया और कई राज्यों में लू का यानी हीटवेव का खतरा बढ़ गया है। मोचा के कारण नमी खत्म होते ही पश्चिमी हवाओं का असर भारत पर तेजी से पड़ गया है। इस कारण पश्चिम, मध्य और उत्तर व पूर्वी भारत के कई इलाकों में एकाएक तापमान बढ़ गया और हीटवेव की नौबत आ गई।

ISC 12वीं के परिणाम जारी, रिया अग्रवाल बनी टॉपर

डेस्क: काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (ISC) कक्षा 12वीं का रिजल्ट 2023 आज, 14 मई को घोषित कर दिया है। जो उम्मीदवार इस वर्ष इस परीक्षा में शामिल हुए थे, वे अपना रिजल्ट काउंसिल की आधिकारिक वेबसाइट cisce.org और results.cisce.org पर देख सकते हैं। ध्य़ान दें कि छात्र अपने स्कूलों द्वारा प्रदान की गई यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूआईडी) और इंडेक्स नंबर का उपयोग करके अपने सीआईएससीई 12वीं रिजल्ट 2023 देख सकते हैं।

बता दें कि इस साल CISCE की 10वीं-12वीं की परीक्षा में करीब 2.5 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। वहीं 12वीं में 5 स्टूडेंट्स को पहली रैंक मिली है, इनमें 3 लड़कियां हैं।

12वीं के टॉपर्स

1. रिया अग्रवाल - 99.75%

2. इप्शिता भट्टाचार्य - 99.75%

3. मोहम्मद आर्यन तारिक - 99.75%

4. शुभम कुमार अग्रवाल - 99.75%

5. मान्या गुप्ता - 99.75%

ISC Result 2023: ऐसे करें चेक

छात्र आईएससी रिजल्ट ऑनलाइन चेक करने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन कर सकते हैं।

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री पहुंचे बिहार तो लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी लगा दी अर्जी, पढ़िए, उन्होंने बाबा से क्या मांगा

बागेश्वर धाम वाले बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री बिहार पहुंच चुके हैं। इनका भव्य स्वागत किया गया है। इनके पास पिछले दिनों से कई बड़ी - बड़ी हस्ती अर्जी लगा रहे हैं। कल बाबा का दिव्य दरबार भी लगेगा।इससे पहले अब राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहणी आचार्य ने अपनी अर्जी लगायी है। 

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री का प्रवचन चल रहा है। वे कल 15 मई को लोगों के नाम वाली पर्ची निकालेंगे। इस बीच लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्या ने भी धीरेंद्र शास्त्री से अर्जी लगाई है। हालांकि यह अर्जी उन्होंने ट्वीट कर लगाई है। रोहणी ने बाबा से अपनी अर्जी में कहा है कि, पर्ची वाले बाबा से हमारी विनती है कि बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग हमारी पूर्ति करनी है।

लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव, धीरेंद्र शास्त्री के पटना आने से पहले उनका बहुत विरोध कर रहे थे। हालांकि, बाबा के आने के बाद से वो अब तक चुप हैं। इसके बाद अब रोहिणी ने बाबा बागेश्वर धाम को लेकर अपनी यह बात कही है। एक अन्य ट्वीट के जरिए उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधा है। रोहिणी ने ट्वीट करते हुए लिखा है हां आरती से याद आया वोटों की लालच में आसाराम को भी इन लोगों ने पूजनीय घोषित करके करोड़ों हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ किया था।

कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री का रविवार को बिहार में दूसरा दिन है। अपने आगमन के साथ ही धीरेंद्र शास्त्री फिर से विवादों में घिर गए हैं। कथा के पहले दिन हिंदू राष्ट्र पर बयान दिया। कल उनका दिव्य दरबार भी लगेगा।

NCB के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखड़े पर सीबीआई ने दर्ज किया केस, आर्यन खान से 25 करोड़ वसूलने की साजिश का आरोप, समीर बोले, देशभक्ति की मिल रही है सजा



नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखड़े एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। सीबीआई ने वानखेड़े के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। इस केस में कई अन्य अधिकारियों और प्राइवेट लोगों के नाम भी हैं। एक दिन पहले ही उनके घर में सीबीआई की रेड पड़ी थी। अब NCB के ऑफिसर समीर वानखेड़े का बयान आया है. उन्होंने कहा कि उन्हें देशभक्त होने की सजा मिल रही है।

बता दें कि शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने समीर के मुंबई स्थित घर पर छापा मारा था और 13 घंटे तक जांच की थी। वानखेड़े 2021 से चर्चा में हैं, जब उन्होंने अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान समेत कई लोगों को मुंबई में एक क्रूज जहाज से गिरफ्तार किया था।

पिता के घर और ससुराल में भी सीबीआई की रेड

वानखेड़े ने मीडिया से बातचीत में कहा- सीबीआई ने कल मेरे आवास पर छापा मारा और 12 घंटे से ज्यादा समय तक तलाशी ली। उन्हें 18,000 रुपये और संपत्ति के चार कागजात मिले। ये संपत्ति मेरे सेवा में आने से पहले खरीदी गई थी। यह एक देशभक्त होने की सजा मिल रही है। उन्होंने आगे कहा- छह अधिकारियों की एक टीम ने अंधेरी में मेरे पिता के घर पर छापा मारा और कुछ नहीं मिला। सीबीआई के सात अधिकारियों की एक और टीम ने भी मेरे ससुराल में घर पर छापा मारा। मेरे दोनों ससुराल वाले बुजुर्ग हैं।

25 करोड़ रिश्वत मांगने के आरोप में एफआइआर

बता दें कि सीबीआई ने समीर वानखेड़े के खिलाफ ड्रग्स-ऑन-क्रूज मामले में आर्यन खान को नहीं फंसाने के लिए कथित रूप से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में केस दर्ज किया है। इस मामले में लोक सेवक पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 7ए और 12, और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और 388 (धमकी से जबरन वसूली) के तहत एफआइआर दर्ज है।

शाहरुख के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार कर चर्चा में आए थे समीर

वानखेड़े ने 2 अक्टूबर, 2021 को कॉर्डेलिया क्रूज पर एक रेव पार्टी के दौरान छापा मारा था और वहां आर्यन खान को गिरफ्तार किया था। आर्यन खान 26 दिनों तक मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद रहे। बाद में आर्यन को जमानत मिली थी।

कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चाएं तेज, सिद्धारमैया के साथ मतभेद को लेकर सामने आया डीके शिवकुमार का बयान

डेस्क: कर्नाटक के चुनाव में कांग्रेस ने रण जीत लिया है और जल्द ही ये बात भी साफ हो जाएगी कि कर्नाटक में कांग्रेस आलाकमान किसे सीएम बनाएगा। सीएम पद की रेस में दो नेताओं का नाम सामने आया है, जिसमें पूर्व सीएम सिद्धारमैया और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार हैं। ऐसी खबरें सामने आ रही थीं कि सीएम पद के लिए चर्चाएं तेज होने की वजह से दोनों नेताओं के बीच मतभेद हो गया है लेकिन डीके शिवकुमार ने इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है और साफ कहा है कि उनके बीच कोई मतभेद नहीं है।

डीके शिवकुमार ने क्या कहा?

कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा, 'कुछ लोग कहते हैं कि सिद्धारमैया के साथ मेरे मतभेद हैं लेकिन मैं साफ कर देना चाहता हूं कि हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। मैंने कई बार पार्टी के लिए कुर्बानी दी है और सिद्धारमैया के साथ खड़ा हुआ हूं। मैंने सिद्धारमैया को सहयोग दिया है।'

कर्नाटक में सीएम पद को लेकर हलचल तेज 

सूत्रों का कहना है कि सीएम पद की रेस में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार का नाम है। सिद्धारमैया से कांग्रेस के कई विधायक मिले हैं और सिद्धारमैया बेंगलुरु में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिलने पहुंचे हैं। खरगे आज शाम को दिल्ली पहुंचेंगे। आज शाम 5.30 बजे ही कांग्रेस के विधायक दल की बैठक भी है। 

सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों के समर्थकों ने उनके पोस्टर लगाए हैं, जिसमें उन्हें सीएम पद के लिए प्रमुख चेहरा बताया जा रहा है। देखना ये होगा कि कांग्रेस आलाकमान क्या फैसला करता है।

सिद्धारमैया या शिवकुमार! कर्नाटक CM पर फैसला कांग्रेस के लिए चुनौती, किसके दावे में कितना दम, पढ़िए, पूरी खबर


कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद मंथन का दौर शुरू हो गया है। निवर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी कहा है कि हमसे कहां चूक हुई, इस पर मंथन करेंगे। बीजेपी की हार, कांग्रेस की जीत के कारण और सियासी निहितार्थ भी तलाशे जाने लगे हैं लेकिन इन सबके बीच कर्नाटक के मतदाताओं ने किसी भी राजनीतिक पार्टी को सत्ता में रिपीट नहीं करने का करीब चार दशक पुराना ट्रेंड बरकरार रखा है।

चुनाव नतीजें देखें तो चुनाव प्रचार के दौरान जो मुद्दे उठाए गए और सर्वे में जो बताया गया, उसकी तस्वीर भी झलकती है। कांग्रेस की ये जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि कांग्रेस के स्थानीय नेतृत्व ने स्थानीय मुद्दों पर फोकस किया और सामाजिक सौहार्द के साथ ही प्रो-पुअर एजेंडे का इंद्रधनुषी जाल बुना। बीजेपी के लिए कर्नाटक की हार विंध्य के दक्षिण में पार्टी की सत्ता समाप्त होने का प्रतीक मानी जा रही है। जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) को भी सीटों के साथ ही वोट शेयर का भी नुकसान उठाना पड़ा है। कर्नाटक के कई इलाकों में, कई सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिला।

कांग्रेस के सामने स्पष्ट जनादेश के बाद अब मुख्यमंत्री पद के लिए विधायक दल का नेता चुनने की चुनौती है। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के नेताओं की एकजुटता नजर आई लेकिन अब जबकि पार्टी को चुनाव में जीत मिल चुकी है, कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री चुनना बड़ी चुनौती है। कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार और विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया, दोनों ही मुख्यमंत्री पद के मजबूत दावेदार हैं और दोनों ही समय-समय पर मुख्यमंत्री बनने की अपनी आकांक्षा जाहिर भी कर चुके हैं। दोनों नेताओं ने पहले ये भी स्वीकार किया है कि अगर वे एक साथ काम नहीं करते हैं तो पार्टी के सत्ता में आने की संभावनाएं बहुत कम हो जाएंगी।

डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया, दोनों ही नेता सामाजिक समीकरण साधने में कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण रहे। सिद्धारमैया लंबे समय से AHINDA आंदोलन की आवाज रहे हैं जो गैर-प्रमुख पिछड़ी जातियों, दलित, आदिवासी और मुसलमानों का गठबंधन था। वहीं, डीके शिवकुमार प्रभावशाली वोक्कालिगा समुदाय के मजबूत नेताओं में गिने जाते हैं। कांग्रेस को कर्नाटक में जीत के लिए जिस तरह के सामाजिक समीकरणों की जरूरत थी, उसके लिहाज से दोनों ही नेता महत्वपूर्ण थे।

सीएम के लिए सर्वे में सिद्धारमैया पहली पसंद

अब, जब कांग्रेस को पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का जनादेश मिल गया है। सवाल ये उठ रहे हैं कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा? अधिकतर सर्वे में सीएम पद के लिए सिद्धारमैया को पहली पसंद बताया गया। सिद्धारमैया के मुकाबले डीके शिवकुमार की सीएम पद के लिए लोकप्रियता सर्वे रिपोर्ट्स में कम नजर आई। सर्वे में अधिकतर लोगों ने पांच साल सीएम रहे सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद के लिए पहली पसंद बताया था. जेडीएस सरकार में सिद्धारमैया डिप्टी सीएम भी रहे। बतौर वित्त मंत्री सबसे अधिक बजट पेश करने का रिकॉर्ड भी सिद्धारमैया के ही नाम है।

सिद्धारमैया की गहरी राजनीतिक समझ, प्रशासनिक क्षमता का लाभ कांग्रेस को चुनाव अभियान के दौरान मिला भी। सिद्धारमैया साल 2013 में जब मुख्यमंत्री बने, कांग्रेस के अधिकतर विधायकों के साथ ही उनको पार्टी हाईकमान का भी पूरा समर्थन था। सिद्धारमैया की मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी को पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते भी मजबूती मिल रही है तो वहीं इसका नुकसान भी है। नुकसान ये कि उनके मुख्यमंत्री रहते पार्टी को मिली हार की वजह से दावेदारी कमजोर भी हो रही है।

संकट में भी कांग्रेस के साथ रहे शिवकुमार

डीके शिवकुमार की गिनती कांग्रेस के वफादार नेताओं में होती है। शिवकुमार तब भी कांग्रेस के साथ खड़े रहे जब पार्टी संकट में थी। शिवकुमार की छवि क्राइसिस मैनेजर की है। संगठन के मामलों में दक्ष शिवकुमार 1999 से 2004 के बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के करीबियों में थे और प्रशासन में अहम भूमिका निभाई। साल 2018 में चुनाव के बाद जेडीएस के साथ गठबंधन में भी शिवकुमार की अहम भूमिका थी। शिवकुमार ने बतौर प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस को कर्नाटक में मजबूती से खड़ा किया।

डीके शिवकुमार ने कांग्रेस के लिए फंड जुटाने में भी मोर्चे पर रहकर काम किया। मुख्यमंत्री पद के लिए शिवकुमार की दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है। कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद शिवकुमार भी ये मानकर चल रहे हैं कि उनके लिए सबसे अच्छा मौका है। डीके शिवकुमार 60 साल से अधिक उम्र के हो चुके हैं और उनका मानना है कि अगर इस बार उनकी बस छूट गई तो फिर दूसरा मौका शायद न मिले. हालांकि, उनके खिलाफ चल रही कुछ मामलों की जांच मुख्यमंत्री बनने की राह में रोड़े अटका सकती है।

कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा फैसला

कर्नाटक में नई सरकार का नेतृत्व सिद्धारमैया करेंगे या डीके शिवकुमार, इसे लेकर फैसले तक पहुंचना कांग्रेस पार्टी के लिए आसान नहीं होगा। कर्नाटक सरकार के नेतृत्व को लेकर कांग्रेस कैसे किसी नतीजे पर पहुंचती है, ये देखने वाली बात होगी। चर्चा ये भी है कि सिद्धारमैया को सरकार की कमान सौंपकर डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। ढाई-ढाई साल के कार्यकाल के फॉर्मूले की भी चर्चा है लेकिन कहा ये भी जा रहा है कि इसे लेकर सिद्धारमैया शायद ही मानें।

कर्नाटक के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस प्रवीण सूद को भारत सरकार ने बनाया सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) का डायरेक्टर, तीन के भेजे गए थे नाम

कर्नाटक के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) प्रवीण सूद को भारत सरकार ने सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) का डायरेक्टर नियुक्त किया है। बता दें कि प्रवीण सूद 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। प्रवीण सूद का नाम सीबीआई डायरेक्टर की रेस में पहले से ही सबसे आगे चल रहा था।

शनिवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवीई चंद्रचूड़ और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में सीबीआई निदेशक पद के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का चयन किया गया था। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया था, समिति ने बैठक की और कैबिनेट की नियुक्ति समिति को तीन नाम भेज दिए, जिनमें से एक के नाम पर मुहर लगेगी।

सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान कर्नाटक, दिल्ली और अन्य राज्यों के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नामों पर चर्चा की गई थी। सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल का दो साल का निर्धारित कार्यकाल 25 मई को समाप्त हो रहा है।

26 मई को खत्म हो रहा है जायसवाल का कार्यकाल

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर और महाराष्ट्र कैडर के 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी जायसवाल ने 26 मई, 2021 को सीबीआई की बागडोर संभाली थी। इस महीने उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है। बता दें कि सीबीआई निदेशक का चयन एक समिति करती है, जिसमें प्रधानमंत्री, सीजेआई और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष शामिल होते हैं। नियुक्ति दो साल के निश्चित कार्यकाल के लिए की जाती है, जबकि कार्यकाल पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है।

डायरेक्टर को हटाने अपनाई जाती है यह प्रक्रिया

साल 1997 से पहले सीबीआई डायरेक्टर को सरकार अपनी मर्जी से कभी भी हटा सकती थी। लेकिन साल 1997 में विनीत नारायण मामले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कार्यकाल कम से कम दो साल का कर दिया। ताकि डायरेक्टर मुक्त होकर अपना काम कर सके। बता दें, सीबीआई के डायरेक्टर को हटाने के लिए पूरे मामले की जानकारी सेलेक्शन पैनल को भेजनी होती है। वहीं डायरेक्टर के तबादले से की प्रक्रिया में सेलेक्शन कमेटी सीवीसी, होम सेक्रेटरी और सेक्रेटरी (कार्मिक) का होना भी जरूरी है।

*देश में कोरोना के मामलों में गिरावट, एक दिन में आए 1272 नए मामले*

डेस्क: देश में बीते दिनों कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे थे। इस कारण राज्य व केंद्र सरकार हरकत में आ गई थी। लेकिन बीते कुछ दिनों से कोरोना मरीजों के मामले में गिरावट दर्ज की जा रही है। बीते एक दिन में कोरोना के 1272 नए मामलों की पुष्टि की गई है। जबकि बीते दिनों एक दिन में 12 हजार से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने लगे थे जिसने लोगों में डर बिठा दिया था।

कोरोना के मामलों में आई गिरावट

नए मामलों की पुष्टि के साथ ही भारत में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 15,515 पहुंच चुकी है। वहीं कोरोना से ठीक होने वालों का दर 98.78 फीसदी है। बता दें कि राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत अबतक कुल 220.66 करोड़ कोरोना वैक्सीन की खुराक लोगों को दी जा चुकी है। जिसमें 95.21 करोड़ दूसरी खुराक, 22.87 करोड़ एहतियाति खुराक के लिए दी गई है। बीते 24 घंटे में एक तरफ जहां 1272 लोग कोरोना का शिकार हुए हैं वहीं इसी दौरान 2,252 लोगों को इलाज कर ठीक भी किया जा चुका है।

इतने लोगों की हुई टेस्टिंग

बता दें कि कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या बढ़कर 4,44,33,389 तक पहुंच गई। देश में कोरोना के मामलों की दैनिक सकारात्मकता दर 1.02 फीसदी है। वहीं कोरोना का साप्ताहिक सकारात्मक दर 1.20 फीसदी है। अबतक कोरोना के कुल 92.86 करोड़ सैंपलों की टेस्टिंग की जा चुकी है। वहीं पिछले 24 घंटे में 1,24,628 लोगों की कोरोना टेस्टिंग की गई है।

कर्नाटक में नए मुख्यमंत्री को लेकर मंथन शुरू, कांग्रेस के इन नेताओं को बनाया गया पर्यवेक्षक

डेस्क: कर्नाटक में नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसको लेकर कांग्रेस आलाकमान एक्टिव हो चुका है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि सुशील कुमार शिंदे, दीपक बाबरिया और भंवर जीतेंद्र सिंह को कर्नाटक के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया गया है। इससे पहले सूत्रों ने बताया था कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने फोन पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी से बात की थी। खबर ये भी आई है कि सिद्धारमैया ने खरगे के घर जाकर उनसे मुलाकात भी की और इस मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष खरगे दिल्ली रवाना हो गए। बता दें कि आज शाम बेंगलुरू में कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी। 

कर्नाटक में कांग्रेस ने बनाए 3 पर्यवेक्षक 

कर्नाटक में कांग्रेस आलाकमान की ओर से तीन पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि सुशील शिंदे, दीपक बावरिया और भंवर जितेंद्र सिंह को पर्यवेक्षक बनाया गया है। बताया जा रहा है कि ये तीनों पर्यवेक्षक विधायक दल की मीटिंग में मौजूद रहेंगे। इस अहम मीटिंग के बाद पार्टी हाईकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।

शाम को विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव होगा पास

बता दें कि आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस सिलसिले में सोनिया गांधी से मुलाकात करने दिल्ली पहुंच रहे हैं। सूत्रों की मानें तो खरगे सोनिया गांधी को विधायकों की राय बताएंगे। कांग्रेस में सीएम पद के लिए सिद्धारमैया और डी के शिवकुमार प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। आज शाम 6 बजे बेंगलुरू के संगरीला होटल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक होनी है। इस बैठक में सभी विधायक एक लाइन का प्रस्ताव पारित करेंगे कि कांग्रेस आलाकमान तय करे सीएम कौन होगा। ये तीनों पर्यवेक्षक इसी बैठक में मौजूद रहेंगे और पार्टी हाईकमान को रिपोर्ट देंगे। इसके बाद आलाकमान सीएम पद पर फैसला करेगा।

*पटना में बोले बागेश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री- "भारत हिंदू राष्ट्र बन चुका, सिर्फ घोषणा बाकी"*

डेस्क: बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने एक बार फिर हिंदू राष्ट्र वाला दांव चला है। पटना में दरबार लगाते ही धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र बन चुका है उसकी सिर्फ घोषणा बाकी है। आरजेडी ने धीरेंद्र शास्त्री के बयान को गैर संवैधानिक करार दिया और कहा कि धार्मिक लोगों को अपने मंच से सियासी बातें नहीं करनी चाहिए। बता दें कि पटना में धीरेंद्र शास्त्री के हनुमत कथा का आज दूसरा दिन है। पहले दिन उनकी कथा सुनने के लिए बिहार बीजेपी के कई बड़े नेता भी पहुंचे। साथ ही बागेश्वर सरकार के कार्यक्रम के दौरान आतंकी हमले के अलर्ट को देखते हुए पटना पुलिस ने वहां कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए हैं।

कथा का विरोध करने वालों के लगवाए जयकारे

बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री जब बिहार की राजधानी पटना पहुंचे तो उनके अनुयायियों में उनकी एक झलक पाने की होड़ मच गई। एयरपोर्ट से लेकर उनके कथा स्थल पहुंचने तक लोगों की भीड़ उमड़ी रही। इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कथा शुरू करने के पहले लोगों से जो जयकारे करवाए, उनमें कथा का विरोध करने वालों की भी जयकार करवाया। इतना ही नहीं धीरेंद्र शास्त्री ने भोजपुरी में तंज भी कसा। बागेश्वर बाबा ने जयकारे लगवाए, "बिहार के पागलों की जय हो... कथा में आने वालों की जय हो... कथा का सहयोग करने वालों की जय हो... कथा का विरोध करने वालों की भी जय हो...।" 

"हिंदू राष्ट्र तो बना बनाया है घोषणा बाकी है"

इसके बाद कथा वाचन के दौरान ही एक प्रसंग आया तो उसमें धीरेंद्र शास्त्री ने फिर हिंदू राष्ट्र का मुद्दा उठाया। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "हम एक बार एक महात्मा जी को मिले, वो बोले महाराज जी आप हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं। क्या हिंदू राष्ट्र बन पाएगा? हमने मुस्कुरा कर कहा हिंदू राष्ट्र तो बना बनाया है घोषणा बाकी है। भारत में जल्दी हिंदू राष्ट्र की घोषणा भी हो जाएगी। 

उन्होंने कहा कि ये कैसे संभव हैं, हमने कहा बागेश्वर बाबा के यहां सब की अर्जी लगती है। उनकी मर्जी होती है हमारी भी अर्जी है, राम जी की मर्जी होगी काम सफल हो जाएगा। हमें उन परमात्मा का ध्यान करते हुए उनपर अटूट भरोसा रखना पड़ेगा और जब हम अटूट भरोसा उनपर रखेंगे तो रामजी ऐसे संयोग जोड़ देंगे जैसे लंका जाने के लिए पुल के लिए पत्थर जोड़ देते हैं, वैसे हमें भरोसा है कि हिंदू राष्ट्र के लिए हनुमान जी अपनी सेना को जोड़ देंगे और काम सफल हो जाएगा।" 

 

कथा के दौरान मौजूद रहे बीजेपी के दिग्गज नेता

धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान पर आरजेडी ने एतराज जताया और इसे गैर संवैधानिक करार दिया। आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि धार्मिक कार्यक्रम में शास्त्री जी को राजनीतिक बातें नहीं करनी चाहिए।

 धीरेंद्र शास्त्री की कथा वाचन के दौरान बिहार बीजेपी के सभी दिग्गज पंडाल में मौजूद रहे। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और अश्विनी चौबे से लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा और बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी भी धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने वालों में शामिल रहे। गिरिराज सिंह ने तो मंच पर आकर आरती में भी हिस्सा लिया। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने भी एक भजन सुनाने के बाद अपना मशहूर गाना जिया हो बिहार के लाला गाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।