मणिपुर में हिंसा पर सरकार सख्त, दंगाइयों को देखते ही गोली मार देने का आदेश
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मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है। इस बीच राज्य सरकार ने हिंसा पर काबू पाने के लिए ‘शूट एट साइट’ का ऑर्डर दिया है। हालांकि यह केवल एक्ट्रीम केस में ही इस्तेमाल किया जाएगा। दरअसल, मणिपुर में मैतेई समुदाय को एसटी कैटेगरी में शामिल करने के खिलाफ एक आदिवासी स्टूडेंट यूनियन ने मार्च बुलाया था। इसमें हिंसा भड़क गई थी। फिलहाल मणिपुर में स्थिति तनावपूर्ण है।
मणिपुर के राज्यपाल ने हिंसाग्रस्त इलाकों में दंगाइयों को देखते ही गोली मार देने के राज्य सरकार के फैसले को मंजूरी दे दी है।राज्यपाल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जब समझाना-बुझाना, चेतावनी और उचित बल का प्रयोग की सीमा पार हो गई हो और स्थिति को नियंत्रित नहीं किया जा सके, तो देखते ही गोली मारने का सहारा लिया जा सकता है। अधिसूचना राज्य सरकार के आयुक्त (गृह) के हस्ताक्षर हैं। अधिसूचना आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 के प्रावधानों के तहत जारी की गई है।
इस बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने वीडियो जारी कर लोगों से अपील की है कि शांति के लिए सरकार का सहयोग करें। राज्य में दो समुदायों के बीच हिंसा गलतफहमी के कारण हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि जो भी तोड़फोड़ या हिंसा करेंगे उसके खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे।
इधर बुधवार को भड़की हिंसा के बाद राज्य में स्थिति तनावपूर्ण है। भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवानों ने हिंसाग्रस्त इलाकों से अब तक 7500 से अधिक नागरिकों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। बताया जा रहा है कि नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।
दरअसल, ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर ने बुधवार को चुराचांदपुर के तोरबंग में मैतेई समुदाय को एसटी में शामिल करने के लिए आदिवासी एकता मार्च निकाला था। आदिवासी एकता मार्च में हजारों प्रदर्शनकारी शामिल हुए। इस दौरान ट्राइबल और नन-ट्राइबल के बीच हिंसा भड़क उठी। इसके बाद कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। इतना ही नहीं पूरे मणिपुर में 5 दिनों के लिए इंटरनेट सर्विस को सस्पेंट कर दिया गया है। कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई थी। स्थिति को काबू में करने के लिए भारतीय सेना के जवानों ने फ्लैग मार्च भी निकाला था।
May 04 2023, 20:00