किशनगंज: 'एम्ब्रेस इक्विटी' की थीम पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का किया गया आयोजन
किशनगंज: जिले में शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम 'एम्ब्रेस इक्विटी' (Embrace Equity) पर जिला स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। उक्त थीम का अर्थ है लैंगिक समानता पर ध्यान देना।
बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर स्थानीय अंबेडकर नगर भवन(टाउन हॉल) में कार्यक्रम का आयोजन 04 मार्च को ही किया गया है। हर वर्ष, 08 मार्च को विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्रेम प्रकट करते हुए, महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों एवं कठिनाइयों की सापेक्षता के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। लेकिन, इस वर्ष 08 मार्च को होली पर्व (सामान्य अवकाश ) होने के कारण विभागीय निर्देश के आलोक में 04 मार्च शनिवार को ही अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस आयोजन किया गया है |
उक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि हर क्षेत्र में महिलाएं कामयाबी और सफलता की परचम लहरा रही हैं,जो सामुदायिक स्तर पर सकारात्मक बदलाव का परिणाम है। किन्तु, अभी और बदलाव की जरूरत है। इसलिए, मैं समस्त जिलेवासियों से अपील करता हूँ कि बेटों की तरह बेटियों को भी आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक सहयोग करें।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा की समाज और देश के विकास में जितना योगदान पुरुषों का है,उतना ही महिलाओं का। वक्त के साथ महिलाएं घर परिवार की चार दीवारों को पाकर करके राष्ट्र निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दे रही हैं। खेल जगत से लेकर मनोरंजन जगत तक और राजनीति से लेकर सैन्य व रक्षा मंत्रालय तक में महिलाएं बड़ी भूमिका में हैं। महिलाओं की भागीदारी को हर क्षेत्र में बढ़ावा देने और महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।
- हम किसी से कम नहीं दावे को मेहनत के बल पर सार्थक रूप दे रही महिलाएं :
इस अवसर पर आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुमन सिन्हा ने कहा, बदलते दौर में सामाजिक कुरीतियों को मात मिली है। जिसका जीता जागता उदाहरण यह है कि आज हर क्षेत्र में बेटों से बेटियाँ आगे निकल रही और हम किसी से कम नहीं के दावे को अपने मेहनत के बल पर सार्थक रूप दे रही हैं। सिर्फ, बेटियों को थोड़ी सी सपोर्ट मिल जाए तो बड़ी उड़ान निश्चित है। इसलिए, इस बदलते दौर में हर किसी को बेटे-बेटियाँ में फर्क वाली कुप्रथाओं को भूलने और सहयोग करने की जरूरत है।
- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ नारे को सार्थक रूप देने के लिए सकारात्मक सोच जरूरी :
आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुमन सिन्हा ने कहा, आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे निकल रही हैं और सफलता हासिल कर रही हैं।
अपने घर-परिवार के दायित्यों, कार्यों को निभाने के साथ ही ऑफिस या अन्य कार्यों की जिम्मेदारियां भी बखूबी निभा रही हैं। समाज, दुनिया के प्रति महिलाओं के योगदान की सराहना जितनी भी की जाए, वो कम है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को नारे को सार्थक रूप देने के लिए हर किसी को बेटे की तरह बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच को स्थापित करने और बेटियों के प्रति पुराने ख्यालातों से बाहर आकर सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने की जरूरत है।
हालाँकि, बीते जमाने की तरह सामाजिक स्तर पर बहुत बदलाव हुआ भी है, किन्तु अभी और सकारात्मक बदलाव की जरूरत है।जैसे-जैसे लोगों की मानसिकता बदल रही है वैसे-वैसे बेटियाँ आगे बढ़ रही हैं। हर क्षेत्र में बेटियाँ कामयाबी की मिसाल पेश कर नई कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। अब वो दिन दूर नहीं, जब हर क्षेत्र के शीर्ष कमान की जिम्मेदारी बेटियों के हाथ होगी।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन डीएम श्रीकांत शास्त्री ने दीप प्रज्वलित कर अंबेडकर नगर भवन (टाउन हॉल) में किया।
कार्यक्रम में महिलाओं के द्वारा कई प्रस्तुति दी गई।महिलाओं को केंद्रित करते हुए कार्यक्रम में अपने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले महिला कार्मिकों/अन्य महिलाओं को सम्मानित किया गया।नृत्य ,गायन कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन वाली महिलाओं को दर्शकों ने काफी सराहा।
किशनगंज से शबनम खान
Mar 05 2023, 19:35