*आतंकवाद के खिलाफ भारत के काम की अमेरिका ने की सराहना, पाक को लिया आड़े हाथ, जानें क्या कहती है रिपोर्ट*
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भारत अक्सर आतंकवाद के खिलाफ मुखर रहा है। सार्वजनिक मंचों से भारत, दुनियाभर के देशों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील करता रहा है। इस बीच आतंकवाद एवं आतंकवादी संगठनों के खिलाफ लड़ाई पर अमेरिका ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश से आतंकवादियों को जड़ से उखाड़ फेंकने की कार्रवाई की सराहना की गई है।
अमेरिका के ब्यूरो ऑफ काउंटर टेरेरिज्म की रिपोर्ट 'कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेरेरिज्म 2021: भारत' रिपोर्ट में कहा है कि आंतकवादी संगठनों के खिलाफ भारत सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकी संगठनों की पहचान करने एवं उनकी गतिविधियां रोकने में भारत ने ठोस एवं प्रभावी कदम उठाए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में आतंकवाद ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्य और मध्य भारत के कुछ हिस्सों को प्रभावित किया। लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, आईएसआईएस, अल-कायदा, जमात-उल-मुजाहिदीन और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश, भारत में सक्रिय आतंकवादी समूह हैं।
भारत ने खूफिया एजेंसियों को मजबूत किया
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2021 में जम्मू कश्मीर में 153 आतंकी हमले हुए, जिनमें 45 सुरक्षाबल के जवानों के बलिदान, 36 आम नागरिकों और 193 आतंकियों समेत कुल 274 लोगों की मौत हुई। रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में भारत में आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। भारत ने राज्य और केंद्र के स्तर पर खूफिया एजेंसियों को मजबूत किया है।
एनआईए के कार्रवाई की तारीफ
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ने बंदरगाहों की सुरक्षा के लिए एंट्री पर बायोग्राफिक और बायोमीट्रिक स्क्रीनिंग की व्यवस्था की है। एयरपोर्ट्स पर दोहरी जांच के लिए उद्देश्य से एक्सरे स्क्रीनिंग की गई है। भारत की जांच एजेंसी एनआईए ने हथियारों की तस्करी के आरोप में लश्कर ए तैयबा, हरकत उल जिहादी इस्लामी के आतंकियों को सजा दिलाई है। एनआईए ने सितंबर 2021 में आईएसआईएस से संबंधित 37 मामलों की जांच की है और 168 लोगों को गिरफ्तार किया है।
आतंक के खिलाफ पाक की लड़ाई कमजोर
वहीं, पाकिस्तान के बारे में कहा गया है कि इस देश में आतंकवादी हमलों में तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और आईएसआईएस-के शामिल हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि आतंकवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान सरकार ने साल 2015 के अपने नेशनल एक्शन प्लान में बदलाव किया। बावजूद इसके वह आतंकवाद एवं आतंकवादी संगठनों पर नकेल कसने में ज्यादा प्रभावी कदम नहीं उठा पाई और आतंक के मोर्चे पर बहुत कम सफल हुई। बलूचिस्तान एवं सिंध प्रांत में कई आतंकी हमले हुए
Feb 28 2023, 10:38