राज्य सरकार द्वारा केन्द्र पर पैसा नहीं देने का लगाए जाने के आरोप पर केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने किया पलटवार, कही यह बात

डेस्क : बीजेपी के फायर ब्रांड नेता व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने प्रदेश की नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है। गिरिराज सिंह ने कहा है कि बिहार सरकार केंद्र पर पैसा नहीं देने का आरोप लगाती है। हकीकत यह है कि अगर केंद्र सरकार गांवों के विकास के लिए पैसा नहीं दे तो बिहार सरकार की बत्ती गुल हो जाएगी। केंद्र प्रायोजित योजनाओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए गिरिराज ने कहा कि राज्य सरकार जनता को भरमाने में लगी है।

प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में गिरिराज ने कहा कि यूपीए शासनकाल में 38 लाख आवास बने जबकि मोदी सरकार में 52 लाख आवास पूरे हुए। इस वर्ष के लिए सर्वाधिक 25 लाख करोड़ मानव दिवस स्वीकृत किए गए हैं और 5488 करोड़ रुपए दिया गया है। 

आरोप लगाया कि पीएम आवास योजना के तहत बिहार की एनडीए सरकार के कार्यकाल में इस राज्य में हर दिन 25 हजार मकान बन रहे थे जो घटकर अब दो हजार हो गया है। पीएम आवास योजना में 1।61 लाख मकानों की मंजूरी नहीं दी गई है। चार लाख मकान आधे-अधूरे हैं। 

कहा कि गरीबों की बात करने वाली नीतीश सरकार ने 13686 भूमिहीनों को मकान नहीं दिया। अगर सात दिनों में बिहार से प्रस्ताव नहीं मिला तो डेढ़ लाख मकान किसी और राज्य को मिल जाएंगे। 

मौके पर विप में नेता विपक्ष सम्राट चौधरी, सुरेश रूंगटा, मनोज शर्मा, अजफर शम्सी व राकेश कुमार सिंह मौजूद थे।

विपक्ष के हंगामें के साथ बिहार विधान मंडल के बजट सत्र की हुई शुरुआत, राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में राज्य सरकार की उपलब्धियों को गिनाया*

डेस्क : बिहार विधानमंडल के बजट सत्र की आज सोमवार को विपक्ष के हंगामे के साथ शुरूआत हो गई। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर के अभिभाषण के दौरान भी सदन में कुछ सदस्य बीच में टोकाटाकी करते दिखे। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियों का बखान किया। 

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार न्याय के साथ विकास कर रही है। सरकार भ्रष्टाचर के खिलाफ जोरी टोलरेंस की नीति पर काम रही है। वहीं बजट सत्र शुरू होने के पहले सदन के बाहर भी भाजपा और वामपंथी दलों ने सरकार की नीतियों की आलोचना की और नारबाजी किया। 

बजट सत्र के आज पहले दिन महागठबंधन के सभी 7 दलों के विधानमंडल सदस्यों की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 12 बजे से सेंट्रल हॉल में होगी, वहीं भाजपा विधानमंडल दल की बैठक प्रदेश भाजपा कार्यालय में 3।30 बजे से रखी गई है। उधर जदयू ने शाम 6।30 बजे से अपने विधानमंडल दल की बैठक भी सोमवार को ही 6.30 बजे से भवन निर्माण मंत्री के आवास पर बुलाई है। 27 फरवरी से 5 अप्रैल तक चलने वाला बजट सत्र दीर्घकालीन है। कुल 22 कार्यदिवसों में सदन की बैठकें संचालत होंगी।

इधर सत्र को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। डीएम डॉ। चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने रविवार को विधानसभा परिसर में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। साथ ही वहां प्रतिनियुक्त किए गए मजिस्ट्रेट एवं पुलिस पदाधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था में किसी प्रकार की चूक नहीं होने का निर्देश दिया।

*राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का बड़ा फैसला, सुस्त और गड़बड़ी करने वाले अधिकारी होंगे सस्पेंड और बर्खास्त*

डेस्क : भू राजस्व और जमीन से जुड़े मामलों में हो रही भारी गड़बड़ी को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। सरकार भू राजस्व और जमीन से जुड़े मामलों में सुस्त अधिकारियों पर कार्रवाई करेगी। यही नहीं, गड़बड़ी पाए जाने पर वे निलंबित और बर्खास्त भी होंगे। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अपने तमाम अधिकारियों को इस संबंध में सूचित कर दिया है। 

मंत्री आलोक मेहता ने विभाग को इस संबंध में आगे के लिए कार्ययोजना बनाने को कहा है। उन्होंने कहा है कि हमने बेहतर काम करने वाले अधिकारियों को सम्मानित किया है। इसी तरह हम खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई भी करेंगे। इसमें कोई रियायत नहीं होगी। आमलोगों से जुड़े मामलों में कोताही किसी सूरत में स्वीकार नहीं होगी।

गौरतलब है कि पिछले दिनों विभाग ने बेहतर काम करने वाले 5 अधिकारियों को सम्मानित भी किया था।

विभाग ने सम्मान योजना को ही विस्तारित करते हुए खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की योजना बनायी है। इसके दायरे में अंचल अधिकारी, डीसीएलआर और एडीएम तीनों आएंगे। विभाग ने पिछले दिनों इनके कार्यों के आधार पर इनकी रैंकिंग (पीओपी) करनी शुरू की है। 

इसमें अंचल अधिकारियों को प्रखंडों के आधार पर 1 से 534 स्थान जबकि डीसीएलआर को अनुमंडलों के आधार पर 1 से 101 वां स्थान दिया जा रहा है। इसी तरह एडीएम को जिले के आधार पर 1 से 38 तक की रैंकिंग दी जा रही है। पीओपी में नीचे का रैंक लाने वाले अधिकारी विभाग की कार्रवाई की परिधि में आएंगे। इसके अलावा जिनके खिलाफ शिकायत होगी और जांच में वे प्रमाणित होंगे, ऐसे अधिकारियों पर भी विभाग तत्काल कड़ी कार्रवाई करेगा। 

यही नहीं, भ्रष्टाचार के मामलों में भी संबंधित अधिकारी और कर्मचारी पर गाज गिरेगी। पिछले छह माह में 18 अंचल अधिकारियों को विभिन्न आरोपों के मद्देनजर निलंबित किया गया है। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी चल रही है। कई मामलों में तो आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया गया है। इस वर्ष 9 अंचल अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के बाद दंड भी निर्धारित किया गया है। इसमें वेतनवृद्धि रोकने, चेतावनी देने, 100 फीसदी पेंशन जब्त करने का दंड शामिल है।

बालू माफियाओं पर नकेल कसने की तैयारी, बालू घाटों से जुड़े सभी संवेदनशील मार्गों की होगी निगरानी

डेस्क : बिहार में इस समय बालूघाटों पर बालू माफियाओं में जमकर भिड़ंत हो रही है। ऐसे में कई माफिया चुपके से शार्टकट रास्ते से बालू लेकर निकल जाते हैं। वे स्थानीय अधिकारियों के हाथ भी नहीं लगते। 

बालू की हो रही अवैध खनन और बालू माफियाओं की बीच हो रही भिड़ंत को देखते हुए इनपर नकेल कसने के लिए राज्य सरकार ने बालूघाटों से जुड़े सभी संवेदनशील मार्गों की निगरानी का फैसला किया है। अब ऐसे तमाम संवेदनशील मार्गों पर 24 घंटे नजर रखी जाएगी। 

यही नहीं, संबंधित जिलों को ऐसे मार्गों की रिपोर्ट हर दिन सरकार को भेजनी होगी। मुख्यालय में इसकी नियमित मॉनिटरिंग होगी। इसके आधार पर जिलों को आगे निर्देश दिये जाएंगे। पिछले दिनों राजस्व वसूली में कमी आने और सभी जिलों में बालू माफियाओं की बढ़ती सक्रियता के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।

खान एवं भूतत्व विभाग के निदेशक ने राजस्व वसूली और बालूघाटों की कार्यप्रणाली की समीक्षा की तो यह बात सामने आई कि बड़ी संख्या में बालू माफिया अब भी सक्रिय हैं। ये बालू घाटों से अवैध खनन करते हैं और अवैध परिवहन के माध्यम से बालू की कालाबाजारी करते हैं। इसके बाद से विभाग हरकत में आ गया। तत्काल सभी जिला खनन पदाधिकारियों को बालू घाटों से जुड़े तमाम संवेदनशील मार्गों की पहचान करने और वहां नियमित छापेमारी करने का निर्देश दिया गया।

*बालू माफियाओं पर नकेल कसने की तैयारी, बालू घाटों से जुड़े सभी संवेदनशील मार्गों की होगी निगरानी*

डेस्क : बिहार में इस समय बालूघाटों पर बालू माफियाओं में जमकर भिड़ंत हो रही है। ऐसे में कई माफिया चुपके से शार्टकट रास्ते से बालू लेकर निकल जाते हैं। वे स्थानीय अधिकारियों के हाथ भी नहीं लगते। 

बालू की हो रही अवैध खनन और बालू माफियाओं की बीच हो रही भिड़ंत को देखते हुए इनपर नकेल कसने के लिए राज्य सरकार ने बालूघाटों से जुड़े सभी संवेदनशील मार्गों की निगरानी का फैसला किया है। अब ऐसे तमाम संवेदनशील मार्गों पर 24 घंटे नजर रखी जाएगी। 

यही नहीं, संबंधित जिलों को ऐसे मार्गों की रिपोर्ट हर दिन सरकार को भेजनी होगी। मुख्यालय में इसकी नियमित मॉनिटरिंग होगी। इसके आधार पर जिलों को आगे निर्देश दिये जाएंगे। पिछले दिनों राजस्व वसूली में कमी आने और सभी जिलों में बालू माफियाओं की बढ़ती सक्रियता के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।

खान एवं भूतत्व विभाग के निदेशक ने राजस्व वसूली और बालूघाटों की कार्यप्रणाली की समीक्षा की तो यह बात सामने आई कि बड़ी संख्या में बालू माफिया अब भी सक्रिय हैं। ये बालू घाटों से अवैध खनन करते हैं और अवैध परिवहन के माध्यम से बालू की कालाबाजारी करते हैं। इसके बाद से विभाग हरकत में आ गया। तत्काल सभी जिला खनन पदाधिकारियों को बालू घाटों से जुड़े तमाम संवेदनशील मार्गों की पहचान करने और वहां नियमित छापेमारी करने का निर्देश दिया गया।

*आज से शुरु होने जा रहा बिहार विधान मंडल का बजट सत्र, राज्यपाल के अभिभाषण से सत्र की होगी शुरुआत*

डेस्क : बिहार विधानसभा के बजट सत्र की आज सोमवार से शुरुआत होने जा रही है। आज पहले दिन राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत होगी। वे विधानसभा और बिहार विधान परिषद की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद बिहार का आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश कर दिया जाएगा।

सत्ता-पक्ष और विपक्ष की बजट सत्र को लेकर क्या रणनीति होगी, यह आज पहले दिन सोमवार को ही तय हो जाएगी। इसके लिए महागठबंधन और मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने अपनी-अपनी बैठकें भी बुला ली हैं।

महागठबंधन के सभी 7 दलों के विधानमंडल सदस्यों की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में जहां सोमवार को 12 बजे से सेंट्रल हॉल में होगी, वहीं भाजपा विधानमंडल दल की बैठक प्रदेश भाजपा कार्यालय में 3.30 बजे से रखी गई है। उधर जदयू ने शाम 6.30 बजे से अपने विधानमंडल दल की बैठक भी सोमवार को ही 6.30 बजे से भवन निर्माण मंत्री के आवास पर बुलाई है। 27 फरवरी से 5 अप्रैल तक चलने वाला बजट सत्र दीर्घकालीन है। कुल 22 कार्यदिवसों में सदन की बैठकें संचालत होंगी।

इधर सत्र को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने रविवार को विधानसभा परिसर में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। साथ ही वहां प्रतिनियुक्त किए गए मजिस्ट्रेट एवं पुलिस पदाधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था में किसी प्रकार की चूक नहीं होने का निर्देश दिया।

महागठबंधन की महारैली में वर्चुअल तरीके से जुड़े राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, बीजेपी को लेकर कही यह बात

डेस्क : बीते शनिवार को पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में महागठबंधन का महारैली हुआ है। महारैली में महागठबंधन के सभी सात दल शामिल हुए। इस रैली के माध्यम से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन ने शंखनाद कर दिया। महारैली में विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार को 2024 में उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। 

वहीं इस रैली में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद भी वर्चुअल तरीके से जुड़े। इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। कहा कि हम और नीतीश एक हो गए हैं, अब हमेशा साथ रहेंगे। कोई भ्रम में न रहे। 2015 में बिहार चुनाव में जो रिकार्ड बनाया उससे बड़ा रिकार्ड 2024 में बनाना है। भाजपा तो आरएसएस का मुखौटा है। आरक्षण खत्म करना चाहती है।

लालू प्रसाद ने कहा कि बिहार करवट बदलता है तो देश बदलता है। दिल्ली में सभी विपक्षी पार्टियों के नेताओं से संपर्क किया जा रहा है। लालू प्रसाद ने इस मौके पर किडनी देने के लिए अपनी बेटी रोहिणी आचार्य का धन्यवाद किया और बोले उनकी कुर्बानी की वजह से ही आज वह बोल पा रहे हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले शनिवार को पूर्णिया में एक मंच से सात दलों के नेताओं ने एक सुर में कहा, भाजपा हटाओ। दिल्ली से महारैली को वर्चुअली संबोधित करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा कि भाजपा आरएसएस का मुखौटा है। नरेंद्र मोदी वही कर रहे हैं जो आरएसएस कह रहा है। देश टुकड़े-टुकड़े होने के कगार पर है। आरएसएस घोर आरक्षण विरोधी संगठन है। हमने बिहार में आरएसएस के रथ को रोका था। अभी तानाशाही चल रही है। लोकतंत्र की हत्या और संविधान की उपेक्षा हो रही है। देश को बचाने के लिए सभी को एकजुट होना पड़ेगा। लोकसभा चुनाव में हम एकजुट होकर आरएसएस-बीजेपी का देश से सफाया करेंगे।

राजधानी पटना समेत प्रदेश के 15 जिलों में बदला मौसम का मिजाज, तापमान में आई गिरावट से मिली लोगों को राहत


डेस्क : प्रदेश में एक बार फिर से मौसम का मिजाज बदल गया है। पटना समेत प्रदेश के 15 जिलों के अधिकतम तापमान में गिरावट आने से लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली। आंशिक बादलों का प्रवाह बने होने से गर्मी का प्रभाव कम रहा। 

शनिवार को राजधानी पटना का अधिकतम तापमान 0.2 डिग्री की गिरावट के साथ 31.0 डिग्री रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 0.5 डिग्री की गिरावट के साथ 13.4 डिग्री दर्ज किया गया। 9.8 डिग्री सेल्सियस के साथ गया में सबसे ठंडा रहा। वहीं प्रदेश में भागलपुर में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 32.1 डिग्री रहा।

मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार प्रदेश का मौसम अगले पांच दिनों तक शुष्क बने होने के साथ पछुआ हवा का प्रभाव रहेगा। इस दौरान तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थित जारी रहेगी। इसके कारण सुबह और रात में हल्की ठंड का प्रभाव बना रहेगा। तापमान में उतार-चढ़ाव को देखते हुए बच्चों व बुजुर्गों को स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की जरूरत है।

पटना में 0.5 डिग्री, गया में 1.8 डिग्री, औरंगाबाद 1.7 डिग्री, रोहतास में 1.5 डिग्री, नवादा में 1.1 डिग्री, बांका में 3.1 डिग्री, सबौर में दो डिग्री, शेखपुरा में 3.9 डिग्री, शेखपुरा में 0.2 डिग्री, खगड़िया में 1.4 डिग्री, भागलपुर में 1.7 डिग्री, कटिहार में 0.8 डिग्री, सारण में 0.6 डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई। जबकि शेष शहरों के न्यूनतम तापमान में आंशिक वृद्धि दर्ज की गई।

महागठबंधन की महारैली में केन्द्र सरकार पर जमकर बरसे सीएम नीतीश कुमार, बीजेपी को लेकर किया यह दावा

डेस्क : बीते शनिवार को पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में महागठबंधन का महारैली हुआ है। महारैली में महागठबंधन के सभी सात दल शामिल हुए। इस रैली के माध्यम से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन ने शंखनाद कर दिया। महारैली में विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार को 2024 में उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। 

वहीं इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केन्द्र की बीजेपी सरकार पर जमकर बरसे। सीएम ने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा से मुक्ति जरूरी है। देशभर में विपक्ष को एकजुट कर भाजपा को खत्म करेंगे। बिहार में महागठबंधन के घटक दल एकजुट हैं। इसी तरह देशभर में सभी विपक्षी दलों को एकजुट होना होगा। कांग्रेस की प्रतीक्षा है, वह जल्द पहल करे।

उन्होंने कहा कि भाजपा में अभी दो ही नेता हैं। एक प्रधानमंत्री और दूसरे गृहमंत्री। गृहमंत्री को कोई अनुभव नहीं है। अपनी पार्टी के नेताओं को भी नहीं जानते। वर्ष 2009 में आडवाणी जी को पीएम उम्मीदवार बनाने की बात थी। 2013 में दूसरे को ले आए, इसलिए उस समय हमने भाजपा का साथ छोड़ा। 2020 में बिहार चुनाव में हम उनके उम्मीदवारों को जिता रहे थे, वो हमारे उम्मीदवारों को हरा रहे थे। मेरी पार्टी के नेताओं ने कहा तो फिर हमने उनको छोड़ दिया।

नीतीश कुमार ने कहा कि 2015 के चुनाव से पहले भाजपा ने सवा लाख करोड़ देने की घोषणा की थी। आठ साल में 59 हजार करोड़ ही दिया। बिहार में केंद्र की वही योजनाएं मात्र चल रही हैं जो हर राज्य में लागू हैं। पूर्णिया में एयरपोर्ट के लिए जितनी जमीन मांगी, दे दिया। फिर भी शुरू नहीं कर रहे हैं और यहां आकर उनके नेता कहते हैं कि एयरपोर्ट चालू हो गया। उनके बोलने का कोई मतलब नहीं रह जाता है।

वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में कहा कि महागठबंधन में शामिल दल एकजुट होकर दिल्ली मार्च करेंगे। अमित शाह कह गए कि यहां जंगल राज है। उनको बता दें कि यहां जनता का राज है। बिहार के लोग बिकाऊ नहीं, टिकाऊ हैं। तेजस्वी ने आह्वान किया कि भाजपा की बी टीम के जाल में नहीं फंसना है। इनका इशारा एआईएमआईएम की तरफ था। बोले, केंद्र सरकार ने अपने बजट में बिहार को कुछ नहीं दिया।

सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इन 27 एजेंडों पर लगी मुहर

डेस्क : आज शुक्रवार को मुख्य सचिवालय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई। कैबिनेट की इस बैठक में कुल 27 एजेंडों पर मुहर लगाई गई है। कैबिनेट की बैठक में सरकार ने उद्योग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, ग्रामीण विकास, पथ निर्माण, शिक्षा, विधि, सामान्य प्रशासन, राजस्व एवं भूमि सुधार, स्वास्थ्य एवं पथ निर्माण विभाग समेत विभिन्न विभागों के महत्वपूर्ण प्रस्तावों को अपनी मंजूरी दी है।

नीतीश कैबिनेट ने ईथेनऑल इकाई की स्थापना के लिए नालंदा स्थित मेसर्स चंद्रिका पॉवर प्राइवेट लिमिटेड को 19 करोड़ 92 लाख के वित्तीय प्रोत्साहन क्लीयरेंस की स्वीकृति दी है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत डोर स्टेप डिलेवरी योजना के तहत राज्य में खाद्यान्न के संचलन, उठाई-धराई और डीलर्स मार्जिन आदि मद में 455 करोड़ 54 लाख 54 हजार रुपए की स्वीकृति दी है। सरकार ने घोसवरी के प्रखंड विकास पदाधिकारी जयवर्द्धन गुप्ता को सेवा से बर्खास्त कर कार्रवाई का निर्देश दिया है।

विधानमंडल के सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक, उप मुख्य सचेतक, सचेतक एवं विरोधी दल के मुख्य सचेतक को यात्रा के लिए एचओआर की सुविधा या बिहार विधानमंडल के सामान्य सदस्यों के अनुमान्य रेल-विमान यात्रा की सुविधा में से एक विकल्प चयन के लिए बिहार विधान मंडल नेता विरोधी दल, संसदीय सचिव, सचेतक और सदन नेता (वेतन एवं भत्ता) नियमावली 2006 के नियम 3 में स्पष्टीकरण किया गया है।बिहार राज्य मानसिक स्वास्थ्य एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान नियमावली 2005 के नियम में संशोधन की गई है।

एसएफसी को अप्रैल 2022 से नवंबर 2022 तक की राज्यांश की राशि 455 करोड़ 54 लाख विमुक्त करने की स्वीकृति दी गई है। पटना जिले के घोसवारी प्रखंड के बीडीओ जयवर्धन गुप्ता को सेवा से बर्खास्त किया गया है। 

पटना सिटी के मालसलामी में नवनिर्मित ओपी साह सामुदायिक भवन की भूमि मुआवजा के लिए ₹44 करोड़ 37 लाख 60073रू की स्वीकृति दी गई है। राजगीर पथ प्रमंडल हिलसा के सहायक अभियंता उपेंद्र कुमार सिंह को सीबीआई कोर्ट से सजा मिलने के बाद सेवा से बर्खास्त किया गया है।

बिहार गजेटियर शोध पदाधिकारी सेवा संवर्ग का पुनर्गठन-पद सृजन की स्वीकृति दी गई है। भोजपुर जिले के पीरो अनुमंडल व्यवहार न्यायालय के लिए कोर्ट भवन,आवासीय भवन निर्माण को लेकर 6 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए 49 करोड़ 20 लाख 30000 की स्वीकृति दी गई है। बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ी की सीधी नियुक्ति नियमावली 2023 के अनुमोदन की स्वीकृति दी गई है।

सुपौल में पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों की आवास निर्माण के लिए 51 करोड़ 18 लाख ₹12000 की स्वीकृति दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग के तहत बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन पटना के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24, 25-26 तक के लिए 37 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी।

बिहार में कोहरा एवं शीतलहर के अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित करने को लेकर नेशनल सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक रिसर्च संयुक्त राज्य अमेरिका से इकरारनामा करने की स्वीकृति दी गई है। साथ ही इस कार्य के लिए तकनीकी सहायता प्राप्त करने हेतु 50000 यूएस डॉलर भुगतान की स्वीकृति दी गई है।

 

बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों में स्नातक, स्नातकोत्तर एवं सुपर स्पेशलिटी पाठ्यक्रमों में नामांकन शुल्क में एकरूपता लाने के मकसद से राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग नई दिल्ली के प्रावधानों के अनुरूप निजी चिकित्सा महाविद्यालय एवं डीम्ड विश्वविद्यालय के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के 50 फीसदी सीटों पर नामांकन एवं अन्य शुल्क सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए निर्धारित शुल्क के अनुरूप किए जाने की स्वीकृति दी गई है।