पाकिस्तान में आतंक और महंगाई की मार एक साथ, बलूचिस्तान धमाके में फिर 4 मौतें

डेस्क: पाकिस्तान में महंगाई और आतंकवादी एक साथ वार कर रहे हैं। इससे ज्यादातर लोग गरीबी और भुखमरी से मर रहे हैं, बाकियों को आतंकवाद मार रहा है। पिछले 2 महीनों के दौरान पाकिस्तान में करीब एक दर्जन से आतंकी हमले और बम विस्फोट हो चुके हैं। इसमें दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है।

 ताजा मामले में ब्लूचिस्तान में बम विस्फोट किए जाने की खबर है, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई है। इससे आसपास के क्षेत्रों में भी अफरातफरी मच गई है। तहरीके-तालीबान (टीटीपी) पाकिस्तान के विभिन्न शहरों और प्रातों में आतंकी हमलों को अंजाम दे रहा है।

बताया जा रहा है कि रविवार को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में रविवार सुबह एक बाजार में हुए विस्फोट में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई जबकि 10 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। बरखान के उपायुक्त अब्दुल्ला खोसो ने ‘डॉन’ समाचार पत्र से कहा कि धमाका राखनी बाजार इलाके में मोटरसाइकिल में लगा इंप्रोवाइज्ड एक्स्प्लोसिव डिवाइस (आईईडी) फटने से हुआ।

 बरखान के थाना प्रभारी सज्जाद अफजाल ने कहा कि घायलों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है। अधिकारी ने कहा कि पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है और आगे की जांच के लिए इलाके की घेराबंदी की गई है। घटना के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिनकी पुष्टि नहीं की जा सकती।

पीएम शहबाज शरीफ ने की हमले की निंदा

इन वीडियो में कार्यकर्ताओं को खून से लथपथ पीड़ितों को कथित घटनास्थल से ले जाते हुए देखा जा सकता है और आसपास भारी भीड़ दिख रही है। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर अब्दुल कुदूस बिजेन्जो ने विस्फोट की निंदा की है और अधिकारियों को दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया है। 

उन्होंने कहा, “निर्दोष लोगों का खून बहाने वाले मानवता के दुश्मन हैं।” इस बीच, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी विस्फोट की निंदा की और मुख्यमंत्री से रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले पाकिस्तान के पेशावर में भी आतंकी हमला हुआ था, जिसमें दर्जनों लोगों की जान गई थी। पुलिस थानों पर भी टीटीपी कई बार हमले कर चुका है, जिसमें कई पुलिसकर्मियों की जान जा चुकी है।

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद घमासान, राघव चड्ढा ने किया ट्वीट, 'जेल के ताले टूटेंगे, सिसोदिया छूटेंगे'

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद पॉलिटिकल रिएक्शन भी आने लगे हैं। गिरफ्तारी पर भड़के आप नेता संजय सिंह ने पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी तानाशाही की इंतेहा है। आपने एक नेक इंसान और सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री को गिरफ़्तार करके अच्छा नहीं किया।

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को पूछताछ के लिए बुलाया था। 8 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद सीबीआई ने उन्हें अरेस्ट कर लिया। इधर, सिसोदिया की गिरफ़्तारी के बाद पॉलिटिकल रिएक्शन भी आने लगे हैं। आम आदमी पार्टी अब आग बबूला हो गई है। गिरफ्तारी पर आप नेता राघव चड्ढा ने कहा कि जेल के ताले टूटेंगे मनीष सिसोदिया छूटेंगे।

आप नेता और सांसद संजय सिंह ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी तानाशाही की इंतेहा है। आपने एक नेक इंसान और सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री को गिरफ़्तार करके अच्छा नहीं किया। मोदी जी, भगवान भी आपको माफ़ नहीं करेगा। एक आपकी तानाशाही का अंत ज़रूर होगा मोदी जी।

हिम्मत है तो अडानी पर कार्रवाई करके दिखाओ

राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि मोदीजी, आपके जुर्म हमारे हौसले कम नहीं कर सकते. संजय सिंह ने कहा कि मनीष सिसोदिया दिल्ली के लाखों बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहे हैं। आपके मित्र अडानी लाखों करोड़ का घोटाला कर रहे हैं। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि हिम्मत है तो अडानी पर कार्रवाई करके दिखाओ।

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने किया गिरफ्तार, आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद हुई कार्रवाई


दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को पूछताछ के लिए बुलाया था। आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद सीबीआई ने उन्हें अरेस्ट कर लिया है। सीबीआई दफ्तर जाने से पहले उन्होंने अपनी मां का आशीर्वाद लिया था और राजघाट पहुंचे थे। यहां सिसोदिया ने महात्मा गांधी को नमन किया था। घर से निकलते समय सिसोदिया ने मुस्कुराते हुए विक्ट्री साइन दिखाया था।

इन सबूतों के आधार पर सिसोदिया हुए गिरफ्तार 

सूत्रों के अनुसार, मनीष सिसोदिया को सबूतों के आधार पर गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान सीबीआई ने उन्हें कई सबूत दिखाए, इसमें कुछ दस्तावेज और डिजिटल सबूत थे। सिसोदिया इन सबूतों के सामने कोई जवाब नहीं दे सके।

सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को सबूतों को नष्ट करने के आरोप में भी गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इसमें सिसोदिया की मिलीभगत है। इसके अलावा इस मामले में उस ब्यूरोक्रैट का बयान भी अहम है, जिसने सीबीआई को दिए अपने बयान में कहा था कि एक्साइज पॉलिसी तैयार करने में सिसोदिया ने अहम भूमिका निभाई थी।

CBI ने सवालों का एक डिटेल सेट तैयार किया था

CBI ने सिसोदिया से सवाल-जवाब करने के लिए सवालों का एक डिटेल सेट तैयार किया था। सीबीआई मुख्यालय के आस-पास पुलिस ने धारा 144 लागू की थी। इसकी जानकारी दिल्ली पुलिस ने बैनर लगाकर दी थी। पूछताछ से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिसोदिया की गिरफ्तारी की अटकलों को लेकर बड़ा दावा किया था।

जेल जाना दूषण नहीं, भूषण होता है- केजरीवाल

 उन्होंने ट्वीट कर कहा था, 'भगवान आपके साथ है मनीष. लाखों बच्चों और उनके पेरेंट्स की दुआयें आपके साथ हैं। जब आप देश और समाज के लिए जेल जाते हैं तो जेल जाना दूषण नहीं, भूषण होता है। प्रभू से कामना करता हूं कि आप जल्द जेल से लौटें। दिल्ली के बच्चे, पैरेंट्स और हम सब आपका इंतज़ार करेंगे।

एक अन्य ट्वीट में केजरीवाल ने लिखा, "जिस देश में गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा देने वाले और उन बच्चों का भविष्य बनाने वाले जेल में हों और अरबों का घोटाला करने वाले प्रधानमंत्री के जिगरी दोस्त हों, वो देश कैसे तरक्की कर सकता है?"

सिसोदिया ने जताई थी गिरफ्तारी की आशंका

आम आदमी पार्टी ने पहले ही मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी की आशंका जताई थी। पार्टी ने कहा था कि मनीष सिसोदिया के साथ-साथ पार्टी के कई नेताओं को भी हाउस अरेस्ट किया जा सकता है सिसोदिया खुद इस बात की आशंका जाहिर कर चुके थे कि उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। पूछताछ से पहले आम आदमी पार्टी ने अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया था। AAP ने कहा था कि सिसोदिया जांच में पूरा सहयोग करेंगे। यह एक 'कट्टर ईमानदार' पार्टी है।

'नाम - मनीष सिसोदिया और जुर्म...' राघव चड्ढा का ट्वीट

AAP नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने ट्वीट कर कहा था, 'नाम - मनीष सिसोदिया और जुर्म - गरीबों के बच्चों को बेहतरीन शिक्षा दी। चड्ढा ने कहा कि आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 18 लाख बच्चों की आंखें नम हैं, क्योंकि उनके प्यारे मनीष अंकल को बीजेपी गिरफ्तार करवा रही है। ये बीजेपी सरकार है, यहां बच्चों के हाथ में किताब पकड़ाने वाला सबसे बड़ा अपराधी माना जाता है।

31 जुलाई को खत्म कर दी गई थी नई आबकारी नीति

बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) की महत्वाकांक्षी दिल्ली आबकारी नीति को 31 जुलाई 2022 को खत्म कर दिया गया था। नई नीति को खत्म करने के बाद दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2020 से पहले लागू Old Excise Regime को वापस लाने का फैसला किया था। आबकारी नीति के लागू होते ही, ईडी और सीबीआई ने डिप्टी सीएम के घर सहित देश के विभिन्न स्थानों पर कई तलाशी ली।

एलजी ने सीबीआई से खामियों की जांच की सिफारिश की थी

22 जुलाई, 2022 को एलजी वीके सक्सेना ने नई आबकारी नीति के इंप्लीमेंटेशन में कथित नियम उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। दिल्ली के मुख्य सचिव द्वारा एक रिपोर्ट में कहा गया था कि शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ दिए गए थे। एलजी ने दिल्ली के मुख्य सचिव को कथित अनियमितताओं में एक्साइज डिपार्टमेंट के अधिकारियों की भूमिका की जांच करने का निर्देश दिया। साथ ही खुदरा शराब लाइसेंस के लिए बिडिंग प्रोसेस में 'कार्टेलाइजेशन' की शिकायत की।

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने किया गिरफ्तार, आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद हुई कार्रवाई

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को पूछताछ के लिए बुलाया था। आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद सीबीआई ने उन्हें अरेस्ट कर लिया है। सीबीआई दफ्तर जाने से पहले उन्होंने अपनी मां का आशीर्वाद लिया था और राजघाट पहुंचे थे। यहां सिसोदिया ने महात्मा गांधी को नमन किया था। घर से निकलते समय सिसोदिया ने मुस्कुराते हुए विक्ट्री साइन दिखाया था।

इन सबूतों के आधार पर सिसोदिया हुए गिरफ्तार 

सूत्रों के अनुसार, मनीष सिसोदिया को सबूतों के आधार पर गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान सीबीआई ने उन्हें कई सबूत दिखाए, इसमें कुछ दस्तावेज और डिजिटल सबूत थे। सिसोदिया इन सबूतों के सामने कोई जवाब नहीं दे सके।

सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को सबूतों को नष्ट करने के आरोप में भी गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इसमें सिसोदिया की मिलीभगत है। इसके अलावा इस मामले में उस ब्यूरोक्रैट का बयान भी अहम है, जिसने सीबीआई को दिए अपने बयान में कहा था कि एक्साइज पॉलिसी तैयार करने में सिसोदिया ने अहम भूमिका निभाई थी।

CBI ने सवालों का एक डिटेल सेट तैयार किया था

CBI ने सिसोदिया से सवाल-जवाब करने के लिए सवालों का एक डिटेल सेट तैयार किया था। सीबीआई मुख्यालय के आस-पास पुलिस ने धारा 144 लागू की थी। इसकी जानकारी दिल्ली पुलिस ने बैनर लगाकर दी थी। पूछताछ से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिसोदिया की गिरफ्तारी की अटकलों को लेकर बड़ा दावा किया था।

जेल जाना दूषण नहीं, भूषण होता है- केजरीवाल

 उन्होंने ट्वीट कर कहा था, 'भगवान आपके साथ है मनीष. लाखों बच्चों और उनके पेरेंट्स की दुआयें आपके साथ हैं। जब आप देश और समाज के लिए जेल जाते हैं तो जेल जाना दूषण नहीं, भूषण होता है। प्रभू से कामना करता हूं कि आप जल्द जेल से लौटें। दिल्ली के बच्चे, पैरेंट्स और हम सब आपका इंतज़ार करेंगे।

एक अन्य ट्वीट में केजरीवाल ने लिखा, "जिस देश में गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा देने वाले और उन बच्चों का भविष्य बनाने वाले जेल में हों और अरबों का घोटाला करने वाले प्रधानमंत्री के जिगरी दोस्त हों, वो देश कैसे तरक्की कर सकता है?"

सिसोदिया ने जताई थी गिरफ्तारी की आशंका

आम आदमी पार्टी ने पहले ही मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी की आशंका जताई थी। पार्टी ने कहा था कि मनीष सिसोदिया के साथ-साथ पार्टी के कई नेताओं को भी हाउस अरेस्ट किया जा सकता है सिसोदिया खुद इस बात की आशंका जाहिर कर चुके थे कि उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। पूछताछ से पहले आम आदमी पार्टी ने अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया था। AAP ने कहा था कि सिसोदिया जांच में पूरा सहयोग करेंगे। यह एक 'कट्टर ईमानदार' पार्टी है।

'नाम - मनीष सिसोदिया और जुर्म...' राघव चड्ढा का ट्वीट

AAP नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने ट्वीट कर कहा था, 'नाम - मनीष सिसोदिया और जुर्म - गरीबों के बच्चों को बेहतरीन शिक्षा दी। चड्ढा ने कहा कि आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 18 लाख बच्चों की आंखें नम हैं, क्योंकि उनके प्यारे मनीष अंकल को बीजेपी गिरफ्तार करवा रही है। ये बीजेपी सरकार है, यहां बच्चों के हाथ में किताब पकड़ाने वाला सबसे बड़ा अपराधी माना जाता है।

31 जुलाई को खत्म कर दी गई थी नई आबकारी नीति

बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) की महत्वाकांक्षी दिल्ली आबकारी नीति को 31 जुलाई 2022 को खत्म कर दिया गया था। नई नीति को खत्म करने के बाद दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2020 से पहले लागू Old Excise Regime को वापस लाने का फैसला किया था। आबकारी नीति के लागू होते ही, ईडी और सीबीआई ने डिप्टी सीएम के घर सहित देश के विभिन्न स्थानों पर कई तलाशी ली।

एलजी ने सीबीआई से खामियों की जांच की सिफारिश की थी

22 जुलाई, 2022 को एलजी वीके सक्सेना ने नई आबकारी नीति के इंप्लीमेंटेशन में कथित नियम उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। दिल्ली के मुख्य सचिव द्वारा एक रिपोर्ट में कहा गया था कि शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ दिए गए थे। एलजी ने दिल्ली के मुख्य सचिव को कथित अनियमितताओं में एक्साइज डिपार्टमेंट के अधिकारियों की भूमिका की जांच करने का निर्देश दिया। साथ ही खुदरा शराब लाइसेंस के लिए बिडिंग प्रोसेस में 'कार्टेलाइजेशन' की शिकायत की।

अमीरों की सूची में अब 30वें स्थान पर अडाणी, कंपनियों का मूल्यांकन इतने लाख करोड़ रुपये घटाl

डेस्क: सिर्फ एक महीने पहले गौतम अडाणी की गिनती दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स के रूप में होती थी लेकिन अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की नकारात्मक रिपोर्ट आने के बाद उनकी अगुवाई वाले समूह के शेयरों में इस कदर बिकवाली हुई कि अब वह सबसे अमीर लोगों की सूची में 30वें स्थान पर आ गए हैं। बंदरगाह, हवाई अड्डा, खाद्य तेल, बिजली, सीमेंट और डेटा केंद्र जैसे तमाम क्षेत्रों में कारोबारी दखल रखने वाले अडाणी समूह के शेयरों में बीते एक महीने में भारी बिकवाली हुई है। आंकड़े बताते हैं कि अडाणी समूह की 10 कंपनियों के सम्मिलित बाजार मूल्यांकन में इस दौरान 12.06 लाख करोड़ रुपये की भारी-भरकम गिरावट आ चुकी है। 

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 24 जनवरी को प्रकाशित हुई थी 

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट 24 जनवरी को प्रकाशित हुई थी जिसमें अडाणी समूह पर शेयरों के दाम बढ़ाने में हेराफेरी और फर्जी विदेशी कंपनियों का इस्तेमाल करने के गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि, अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा एवं आधारहीन बताते हुए उन्हें खारिज कर दिया था। अडाणी समूह की तरफ से दिए गए तमाम स्पष्टीकरण के बाद भी इसके शेयरों में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है। सर्वाधिक नुकसान अडाणी टोटल गैस लिमिटेड को हुआ है जिसके बाजार मूल्यांकन में 80.68 प्रतिशत की बड़ी गिरावट हो चुकी है। इसी तरह अडाणी ग्रीन एनर्जी का मूल्यांकन 74.62 प्रतिशत घट गया है। अडाणी ट्रांसमिशन के बाजार मूल्य में 24 जनवरी से अबतक 74.21 प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं समूह की मुख्य कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज का मूल्यांकन करीब 62 प्रतिशत तक गिर चुका है। 

अडाणी की संपत्ति 40 अरब डॉलर से भी कम हुआ 

अडाणी पावर और अडाणी विल्मर के अलावा इसकी सीमेंट कंपनियों अंबुजा सीमेंट्स एवं एसीसी के बाजार पूंजीकरण में भी इस दौरान गिरावट दर्ज की गई है। इसके साथ ही मीडिया कंपनी एनडीटीवी और अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड को भी मूल्यांकन में खासा नुकसान हुआ है। अगर गौतम अडाणी की व्यक्तिगत पूंजी की बात करें तो उनका मूल्यांकन 120 अरब डॉलर से घटकर 40 अरब डॉलर से भी कम रह गया है। इस तरह उनके व्यक्तिगत मूल्यांकन में 80 अरब डॉलर यानी दो-तिहाई की गिरावट आ चुकी है। 

मुकेश अंबानी फिर से देश के सबसे अमीर व्यक्ति 

अडाणी की संपत्ति में गिरावट आने के साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी फिर से देश के सबसे धनी आदमी बन गए हैं। अंबानी 81.7 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के 10वें सबसे अमीर शख्स हैं। अमेरिका के पूर्व वित्त मंत्री और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष लैरी समर्स ने हाल ही में अडाणी प्रकरण की तुलना एनरॉन मामले से करते हुए कहा था कि यह भारत का एनरॉन प्रकरण बन सकता है। वर्ष 2001 में अमेरिकी कंपनी एनरॉन कॉरपोरेशन पर राजस्व बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के आरोप लगने के बाद उसके शेयरों में भारी गिरावट आई थी। 

गलत तरीके अपनाने के आरोप

हिंडनबर्ग रिसर्च ने भी अपनी निवेश शोध रिपोर्ट में अडाणी समूह पर शेयरों के भाव चढ़ाने के लिए गलत तरीके अपनाने के आरोप लगाए हैं। उसके आरोपों के मूल में यह है कि अडाणी समूह के अधिकारियों या परिवार के सदस्यों का उन फर्मों पर किसी तरह का नियंत्रण है जो समूह की कंपनियों का स्वामित्व रखती हैं। मसलन, मॉरीशस में गठित ओपल इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड की अडाणी पावर में 4.69 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 

आरोप है कि ओपल इन्वेस्टमेंट का गठन ट्रस्टलिंक इंटरनेशनल लिमिटेड ने किया था जिसके ताल्लुक अडाणी परिवार से रहे हैं। हालांकि, अडाणी समूह ने 27 जनवरी को कहा था कि ओपल की तरफ से खरीदे जाने वाले शेयरों पर उसका कोई नियंत्रण नहीं होता है।

संजय राउत ने AIMIM चीफ पर किया पलटवार, कहा- "ओवैसी और बीजेपी राम-श्याम की जोड़ी”

डेस्क: उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेता और सांसद संजय राउत ने 'असदुद्दीन ओवैसी पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि 'राम-श्याम की जोड़ी तो भाजपा और ओवैसी को कहना चाहिए। लोग कहते हैं कि ओवैसी साहब की पार्टी भाजपा की 'बी'-टीम है, वोट कटवा मशीन है। उन्होंने ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'वे तो जहां भी बीजेपी को जीतना होता है, वहां पहुंच जाते हैं। 'राम-श्याम वाला जुमला तो ओवैसी पर ही अच्छा लगता है। 

क्या कहा था ओवैसी ने? 

दरअसल, AIMIM के चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को महाराष्ट्र के मुब्रा में राजनीतिक पार्टियों पर निशाना साधा था। उन्होंने वहां एक रैली को संबोधित करते हुए शिव सेना को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि 'वे कहते हैं कि सेक्युलरिज्म बचाओ। क्या शिवसेना सेक्युलर है? ओवैसी ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे को 'राम और श्याम की जोड़ी' कहा था।

मुसलमान नेता क्यों नहीं बन सकते?

ओवैसी ने रैली में राजनीतिक परिवारों पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा, सुप्रिया सुले और अजित पवार नेता बन सकते हैं। आदित्य ठाकरे अपने पिता की वजह से नेता बन सकते हैं। देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे नेता बन सकते हैं। क्या महाराष्ट्र के मुसलमान शरद पवार, उद्धव ठाकरे और शिंदे की तरह नेता नहीं बन सकते हैं।

दृष्टि आईएएस संस्थान से इस्तीफे के बाद उत्तरप्रदेश की लोक गीत गायिका नेहा सिंह राठौर के पति बोले- विकास दिव्यकीर्ति की छवि मत खराब करना

दिल्ली के दृष्टि आईएएस संस्थान से इस्तीफा देने के बाद नेहा सिंह राठौर के पति हिमांशु सिंह ने फेसबुक के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दी है। ‘यूपी में का बा’ गाना गाकर चर्चा में आने वाली लोक गायिका नेहा सिंह राठौर को यूपी पुलिस का नोटिस मिलने के बाद से ही उनको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इस बीच खबर आई है कि आईएस की कोचिंग में अध्यापन का कार्य कर रहे उनके पति हिमांशु सिंह ने मशहूर अध्यापक विकास दिव्यकीर्ति का साथ छोड़ दिया है। इस्तीफे की जानकारी हिमांशु ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से दी है।

विकास दिव्यकीर्ति के संस्थान से नेहा सिंह राठौर के पति ने दिया इस्तीफा

दृष्टि आईएएस के संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति के संस्थान से इस्तीफा देते हुए नेहा सिंह राठौर के पति ने फेसबुक पर लिखा, ” यह तथ्यात्मक रूप से एकदम सही है कि मुझे दृष्टि संस्थान की तरफ से 2 दिन पहले इस्तीफा मांगा गया था और मैंने कल ही अपना इस्तीफा दे दिया है, पर इस बात का नेहा को नोटिस दिए जाने से शायद कोई संबंध हो। एक अध्यापक और एंपलॉयर के रूप में विकास दिव्यकीर्ति सर का व्यवहार मेरे प्रति हमेशा स्नेह पूर्ण रहा, और मैं बिल्कुल नहीं चाहता कि मेरी इस्तीफे को मुद्दा बनाकर उनकी छवि धूमिल की जाए। विनम्र निवेदन है, ऐसा मत कीजिए।

सोशल मीडिया पर हो रही ऐसी चर्चा

जैकी यादव नाम के एक टि्वटर हैंडल से लिखा गया कि कुछ दिन पहले विकास शिवकीर्ति सर पर इन्हीं बीजेपी वालों ने बवाल काटा था, तब सभी ने उनका साथ दिया था। आज उसी बीजेपी का कहना मान रहे हैं। नीरज नाम के एक यूजर ने कमेंट किया- दृष्टि बड़ा सम्मानित नाम है, विकास दिव्यकीर्ति की छवि साफ है। अफसोस जनक है कि आईएएस की तैयारी करवा रही निजी संस्थाएं दबाव में हैं।

भविष्य में कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ना नहीं होगा आसान, उम्मीदवारी का पर्चा भरने को प्रदेश कांग्रेस समिति के कम से कम 100 प्रतिनिधियों की प्रस्तावक के रूप में होगी जरूरत 


 कांग्रेस पार्टी के संविधान और नियमों में संशोधन से जुड़े करीब 85 प्रस्ताव रविवार को रायपुर में पार्टी के 85वें अधिवेशन में पारित हो जाते हैं तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ना बहुत लोगों के लिए मुश्किल हो जाएगा।

पार्टी ने अब यह प्रस्ताव किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में उम्मीदवारी का पर्चा भरने के लिए मौजूदा 10 की जगह अब प्रदेश कांग्रेस समिति के कम से कम 100 प्रतिनिधियों की प्रस्तावक के रूप में जरूरत होगी। कांग्रेस संसदीय बोर्ड की बहाली के लिए भी संशोधन प्रस्ताव लाया गया है और यह पार्टी के असंतुष्ट नेताओं की प्रमुख मांगों में शामिल थी।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में अगंभीर उम्मीदवारों को हतोत्साहित करने के साथ ही राजनीतिक पार्टियों को अपने पार्टी संविधान के अनुरूप काम करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के परिप्रेक्ष्य में कुछ बदलाव किए जाने का प्रस्ताव है।

अब केवल डिजिटल होगी पार्टी की सदस्यता

हालांकि, पार्टी से जुड़े कुछ अंदरूनी सूत्रों ने यह भी कहा कि ऊपरी तौर पर प्रस्तावकों की संख्या में यह इजाफा चुनाव की गंभीरता बनाए रखने के लिए लग रहा हो, मगर यह भी सही है कि काफी लोगों के लिए चुनाव लड़ने का रास्ता कठिन हो जाएगा। निश्चित रूप से एक गैर-प्रतिष्ठित उम्मीदवार के लिए 10 के मुकाबले 100 नामांकन प्राप्त करना कठिन हो सकता है।

संशोधनों में संसदीय बोर्ड की बहाली के साथ इसके स्वरूप में भी बदलाव का प्रस्ताव शामिल है। यह प्रस्ताव भी है कि कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति के जो सदस्य होंगे, वे संसदीय बोर्ड का हिस्सा नहीं होंगे। इस प्रस्ताव पर सत्र में चर्चा के दौरान कुछ नेताओं की ओर से सवाल उठाए जा सकते हैं।

चंदे की कमी के साथ संसाधनों की चुनौती से जूझ रही कांग्रेस ने अब पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों को हर साल अपने एक महीने का वेतन पार्टी कोष में योगदान देने का प्रस्ताव रखा है। साथ ही इनकम टैक्स देने वाले पार्टी के सदस्यों से हर वर्ष 1000 रुपये पार्टी कोष में देने को अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा है। कांग्रेस संविधान से जुड़े तमाम संशोधनों पर चर्चा के बाद इनमें से अधिकांश को सत्र के आखिरी दिन मंजूरी दिए जाने की उम्मीद है।

पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की सराहना की, कही यह बड़ी बात

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के कानून-व्यवस्था की सराहना की. उन्होंने कहा कि एक समय था जब उत्तर प्रदेश माफियाओं और ध्वस्त कानून व्यवस्था की वजह से जाना जाता था, लेकिन आज इसकी पहचान बेहतर कानून व्यवस्था और तेज गति से विकास कर रहे राज्य की हो गई है.

उत्तर प्रदेश में चयनित 9,055 पुलिस उप निरीक्षकों, प्लाटून कमांडर और अग्निशमन अधिकारियों को लखनऊ में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ द्वारा बांटे जा रहे नियुक्ति पत्र समारोह को पीएम मोदी एक वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित कर रहे थे.

‘रोजगार मेला मेरे लिए बना एक विशेष कार्यक्रम’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इन दिनों रोजगार मेला मेरे लिए एक विशेष कार्यक्रम बन गया है. कई महीनों से मैं देख रहा हूं कि हर सप्ताह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित किसी न किसी राज्‍य में रोजगार मेले हो रहे हैं. हजारों नौजवानों को रोजगार के लिए नियुक्ति पत्र दिए जा रहे हैं. मेरा सौभाग्य है कि मुझे उसमें साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है.’ उन्‍होंने कहा, ‘भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने लोगों में सुरक्षा की भावना को मजबूत किया है.’

‘रोज नया अवसर आपके लिए इंतजार कर रहा है’

प्रधानमंत्री ने चयनित अभ्‍यर्थियों को बधाई और शुभकामना देते हुए कहा, ‘आज जिन्‍हें नियुक्ति पत्र मिला है, उन्‍हें एक बात का हमेशा ध्‍यान रखना चाहिए कि आपके जीवन में नई जिम्मेदारी, नई चुनौतियां, नए अवसर आने वाले हैं, रोज नया अवसर आपके लिए इंतजार कर रहा है.’

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का रिकॉर्ड किया हुआ वीडियो संदेश सुनाया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना एवं अन्य ने हिस्सा लिया था.

*इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की 335 प्रोजेक्ट्स की लागत 4.46 लाख करोड़ बढ़ी, कई परियोजना में 5 साल से अधिक की देरी*


डेस्क: इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 335 प्रोजेक्ट्स की लागत तय अनुमान से 4.46 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ गई है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी और अन्य कारणों से इन प्रोजेक्ट की लागत बढ़ी है। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक की लागत वाली इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की निगरानी करता है। मंत्रालय की जनवरी, 2023 की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की 1,454 प्रोजेक्ट्स में से 335 की लागत बढ़ गई है, जबकि 871 प्रोजेक्ट देरी से चल रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इन 1,454 प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन की मूल लागत 20,59,065.57 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब इसके बढ़कर 25,05,248.43 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। 

प्रोजेक्ट्स की लागत 21.67 प्रतिशत बढ़ी

इससे पता चलता है कि इन प्रोजेक्ट की लागत 21.67 प्रतिशत यानी 4,46,182.86 करोड़ रुपये बढ़ गई है। रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी, 2023 तक इन प्रोजेक्ट पर 13,53,875.70 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जो कुल अनुमानित लागत का 54.04 प्रतिशत है। हालांकि, मंत्रालय ने कहा है कि यदि प्रोजेक्ट के पूरा होने की हालिया समयसीमा के हिसाब से देखें तो देरी से चल रही प्रोजेक्ट की संख्या कम होकर 703 पर आ जाएगी। वैसे इस रिपोर्ट में 309 परियोजनाओं के चालू होने के साल के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। 

इन कारणों से प्रोजेक्ट्स पूरा करने में देरी

रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी से चल रही 871 प्रोजेक्ट्स में से 169 प्रोजेक्ट एक महीने से 12 महीने, 157 प्रोजेक्ट्स 13 से 24 महीने की, 414 प्रोजेक्ट्स 25 से 60 महीने की और 131 प्रोजेक्ट 61 महीने या अधिक की देरी से चल रही हैं। इन 871 परियोजनाओं में हो रहे विलंब का औसत 39.69 महीने है। 

इन प्रोजेक्ट्स में देरी के कारणों में भूमि अधिग्रहण में विलंब, पर्यावरण और वन विभाग की मंजूरियां मिलने में देरी और बुनियादी संरचना की कमी प्रमुख है। इनके अलावा प्रोजेक्ट का वित्तपोषण, विस्तृत अभियांत्रिकी को मूर्त रूप दिये जाने में विलंब, प्रोजेक्ट की संभावनाओं में बदलाव, निविदा प्रक्रिया में देरी, ठेके देने व उपकरण मंगाने में देरी, कानूनी व अन्य दिक्कतें, अप्रत्याशित भू-परिवर्तन आदि की वजह से भी इन प्रोजेक्ट्स में देरी हुआ है।