नागालैंड से कब हटेगा AFSPA? केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी रैली से कर दिया ऐलान


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विवादास्पद सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) अगले तीन-चार साल में पूरे नागालैंड से हटा लिया जाएगा। अमित शाह ने नागालैंड के पूर्वोत्तर हिस्से के तुएनसांग शहर में एक चुनावी रैली में कहा कि नागा शांति वार्ता चल रही है और पीएम नरेंद्र मोदी की पहल से इलाके में हमेशा के लिए शांति बहाल हो जाएगी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक रैली में कहा कि उम्मीद है कि अगले तीन-चार साल में पूरे नागालैंड से AFSPA हटा दिया जाएगा। नागालैंड के तुएनसांग में एक रैली में शाह ने कहा कि नागा शांति वार्ता चल रही है, उम्मीद है कि पीएम नरेंद्र मोदी की पहल रंग लाएगी। तुएनसांग रैली में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर में हिंसा में 70 फीसदी की कमी, सुरक्षा बलों की मौत में 60 फीसदी की कमी, नागरिकों की मौत में 83 फीसदी की कमी आई है। अमित शाह ने कहा कि विकास, पूर्वी नागालैंड के अधिकारों से जुड़े कुछ मुद्दे हैं। जिनको चुनाव के बाद हल कर दिया जाएगा।

नागालैंड में आतंकवादियों से निपटने के लिए सेना को मिला हुआ विवादास्पद ‘सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम’ (AFSPA) लंबे समय से विवाद का मुद्दा बना हुआ है। अप्रैल 2022 में अमित शाह ने असम, नागालैंड और मणिपुर के कई जिलों से AFSPA को वापस लेने की घोषणा की थी। उन्होंने तब यह कहा था कि ये कदम उग्रवाद को खत्म करने और पूर्वोत्तर में स्थाई शांति बहाल करने की सरकार की लगातार कोशिशों का नतीजा है। कई समझौतों के कारण राज्य में सुरक्षा स्थिति बेहतर हुई है और तेजी से विकास हुआ है। गौरतलब है कि नागालैंड में विधानसभा के चुनाव के लिए 27 फरवरी को वोट पड़ने वाले हैं। जबकि मतगणना दो मार्च को होगी।

आगामी विधानसभा चुनावों में नागालैंड के लोगों से भारतीय जनता पार्टी (BJP) को वोट देने की अपील करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों को भरोसा दिया कि सत्ता में आने पर बीजेपी-एनडीपीपी सरकार राज्य की सभी समस्याओं को हल करने की कोशिश करेगी। तुएनसांग में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि इसमें नागा शांति प्रक्रिया भी शामिल है, जो 25 वर्षों से बिना किसी समाधान के चल रही है। शाह ने कहा कि ‘मैं आप सभी को 2014 से पहले के नागालैंड की याद दिलाना चाहता हूं। फायरिंग और खून-खराबे से लोग सहमे हुए थे। लेकिन मोदी सरकार ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर नागा शांति वार्ता को आगे बढ़ाया। आज नगालैंड शांति के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ा है।

'मैं चीन का नाम ले रहा हूं', राहुल गांधी पर बरसे विदेश मंत्री जयशंकर, कहा- LAC पर सेना PM मोदी ने भेजी कांग्रेस सांसद ने नहीं

चीन के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के केंद्र सरकार पर लगाए गए आरोपों पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पलटवार किया है। जयशंकर की टिप्पणी संसद में विपक्ष के विरोध की पृष्ठभूमि में आई है जिसमें आरोप लगाया गया है कि सरकार तवांग में चीनी सेना के साथ संघर्ष पर चर्चा से इनकार कर रही है। उन्होंने पीएम मोदी की अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस की आलोचना के समय पर भी सवाल उठाया।

कांग्रेस के आरोपों पर उन्होंने कहा कि भारत ने चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच बड़ी संख्या में एलएसी पर सैनिकों को भेजा है। कांग्रेस के आरोपों पर कहा कि भारत ने चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच बड़ी संख्या में एलएसी पर सैनिकों को भेजा है।

जयशंकर ने कहा कि यह पीएम नरेंद्र मोदी ही थे जिन्होंने भारतीय सेना को एलएसी पर भेजा

उन्होंने कहा कि भारत ने चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच बड़ी संख्या में सैनिकों को भेजा

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के चीन से डरने के सवाल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तीखा हमला बोला है. विदेश मंत्री ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही थे जिन्होंने भारतीय सेना को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भेजा न कि वायनाड के सांसद ने। केंद्र सरकार द्वारा तवांग झड़प पर चर्चा से परहेज करने के विपक्ष के आरोपों के बीच उनकी यह टिप्पणी आई है. उन्होंने कहा, अगर हम उदार हो रहे थे, तो भारतीय सेना को एलएसी पर किसने भेजा राहुल गांधी ने उन्हें नहीं भेजा, नरेंद्र मोदी ने भेजा।

वहीं कांग्रेस के आरोपों पर कहा कि भारत ने चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच बड़ी संख्या में एलएसी पर सैनिकों को भेजा है। विदेश मंत्री ने कहा, चीन की सीमा पर आज हमारे पास इतिहास की सबसे बड़ी तैनाती है और मैं चीन का नाम ले रहा हूं वह कांग्रेस के इस आरोप के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि न तो पीएम मोदी और न ही विदेश मंत्री ने चीन का जिक्र किया। जयशंकर की टिप्पणी संसद में विपक्ष के विरोध की पृष्ठभूमि में आई है जिसमें आरोप लगाया गया है कि सरकार तवांग में चीनी सेना के साथ संघर्ष पर चर्चा से इनकार कर रही है।

उन्होंने पीएम मोदी की अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस की आलोचना के समय पर भी सवाल उठाया। विदेश मंत्री ने ANI के साथ अपने इंटरव्यू में जॉर्ज सोरोस के सवाल पर कहा कि यह दूसरे तरीके से राजनीति है। क्यों एक साथ ऐसी रिपोर्ट में उछाल आया है? आप एक डॉक्यूमेंट्री बनाना चाहते हैं, 1984 में बहुत कुछ हुआ, उस पर एक डॉक्यूमेंट्री बनाएं। यह आकस्मिक नहीं है। लंदन और न्यूयॉर्क में चुनाव का मौसम निश्चित रूप से शुरू हो गया है।

फरवरी में ही 40 डिग्री पहुंचा पारा, जून में क्या होगा हाल?

#imdheatalert

सर्दियों की विदाई ठीक से हुई नहीं कि गर्मियों की “जोरदार” वापसी हो गई है। अभी वसंत खत्म भी नहीं हुआ है कि सूरज ‘चाचू’ ने रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। प्रचंड शीतलहरी झेल चुके लोगों ने अभी गुलाबी ढंग का मजा लेना ही शुरू किया था कि पारा ने तेजी से चढ़ना शुरू कर दिया है। पिछले कुछ दिनों में तेजी के साथ मौसम में बदलाव देखने को मिला है। देश के कई भागों में तापमान सामान्य से ऊपर दर्ज किया गया है।उत्तर भारत में तापमान फरवरी में ही 40 डिग्री तक पहुंचता दिख रहा है।ये हाल गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और देश के कई हिस्सों का है।

इस साल रिकॉर्ड तोड़ेगी गर्मी

महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश के कई जगहों पर तो अभी से ही बेतहाशा गर्मी पड़ने लगी है। गुजरात से लेकर महाराष्ट्र राजस्थान तक में पारा 40 डिग्री के पार जाने को आमादा है। धर्मशाला में 52 साल रिकॉर्ड टूट गया। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक उत्तर और मध्य भारत में अगले कुछ दिनों में मिनिमम टेंपरेचर दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हो सकती है। अगर ऐसा ही रहा तो इस साल गर्मी रिकॉर्ड तोड़ सकती है।

फरवरी में औसत तापमान में नौ डिग्री अधिक की बढ़ोतरी

मौसम विभाग ने कहा है कि फरवरी में औसत तापमान में नौ डिग्री अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। विभाग ने एक चेतावनी में कहा है कि उत्तर भारत में आने वाले दिनों में गर्मी और अधिक बढ़ सकती है। तापमान में बढ़ोतरी की वजह से प्री-मॉनसून एक्टिविटी भी कमजोर पड़ सकती है।

लाहौर में बैठकर जावेद अख्तर ने पाकिस्तान को धोया, कहा-मुंबई पर हमला करने वाले आपके मुल्क में घूम रहे

# javed_akhtar_in_pakistan_on_mumbai_attacks

अपने गीतों के लिए महशूर जावेद अख्तर चर्चा में हैं। इस बार जावेद अख्तर की कलम ने नहीं उनकी जुबान से निकले अल्फाज सुर्खियों में हैं। कहतें हैं ना, “घुसकर मारना”। जावेद अख्तर ने कुछ ऐसा ही किया है। लाहौर में बैठकर उन्होंने पाकिस्तान की बोलती बंद कर दी। अब सोशल मीडिया पर उनके वीडियो खूब शेयर किए जा रहे हैं।

दरअसल, जावेद फ़ैज़ फेस्टिवल में शिरकत करने लाहौर गए हैं, जहां उन्होंने कुछ ऐसा कह डाला कि जिसकी पाकिस्तान के लोगों को बिल्कुल भी उम्मीद नहीं रही होगी। पाकिस्तान को सुनाई गई जावेद की ये खरी-खरी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वो कहते हुए सुने जा सकते हैं, हकीकत ये है कि हम दोनों एक दूसरे को इल्ज़ाम ना दें। उससे बात नहीं होगी। अहम बात ये है कि जो गरम है फिजा, वो कम होनी चाहिए। हम तो बम्बई के लोग हैं। हमने देखा वहां कैसे हमला हुआ था। वो लोग नॉर्वे से तो नहीं आए, ना मिस्र से आए थे, वो लोग अभी भी आपके मुल्क में घूम रहे हैं। तो ये शिकायत अगर हिंदुस्तानी के दिल में हो तो आपको बुरा नहीं मानना चाहिए।

पाकिस्तान में दिया जावेद अख्तर का ये बयान सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। लोगों ने गीतकार के बयान की तारीफ की है। खास कर के भारत के लोग इस वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब शेयर कर रहे हैं। 

हालांकि, जावेद अख्तर ने भारत और पाकिस्तान में होने वाले कार्यक्रमों को लेकर भी बोला। उन्होंने कहा कि हमने तो नुसरत के बड़े-बड़े फंक्शन किए, मेहंदी हसन के बड़े-बड़े फंक्शन किए... आपके मुल्क में तो लता मंगेशकर का कोई फंक्शन नहीं हुआ। इस पर पाकिस्तानी भी तालियां बजाने से खुद को रोक नहीं पाए।

पासपोर्ट के लिए परेशान महबूबा मुफ्ती, मां को ले जाता चाहती हैं मक्का, विदेश मंत्री जयशंकर को पत्र लिखकर मांगी मदद

#mehbooba_mufti_writes_to_s_jaishankar_for_her_passport 

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने अपने पासपोर्ट के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से हस्तक्षेप करने की अपील की है।महबूबा का कहना है कि वो पिछले तीन सालों से पासपोर्ट का इंतजार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हज पर जाने के लिए उन्होंने 3 साल पहले आवेदन दिया था, लेकिन अभी तक पासपोर्ट रिन्यू का काम पूरा नहीं हो पाया है।

पीडीपी चीफ ने पासपोर्ट के मामले में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को पत्र लिखकर दखल की मांग की है।अपने खत में महबूबा मुफ्ती ने बताया कि वह अपनी 80 वर्षीय मां को तीर्थ यात्रा पर मक्का ले जाने के लिए पिछले तीन साल से पासपोर्ट का इंतजार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उनका और उनकी बेटी का पासपोर्ट रिन्यूअल एप्लीकेशन पिछले 3 साल से पेंडिंग है। महबूबा ने लिखा कि अपनी मां के साथ हज के लिए जाना चाहती हैं, लेकिन पासपोर्ट जारी करने में लगातार देरी से परेशानी हो रही है।

महबूबा ने पत्र में कहा, मैं आपको इस विषय के बारे में लिख रही हूं जो अनवाश्यक रूप से पिछले तीन सालों से खींचा जा रहा है। उन्होंने कहा, मेरी मां (गुलशन नजीर) और मैंने मार्च 2020 में पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया था। जम्मू कश्मीर सीआईडी ने यह रिपोर्ट दी थी कि मेरी 80 वर्षीय मां और मुझे पासपोर्ट जारी करने से राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचेगा। जम्मू कश्मीर में यह नियम हो गया है कि राष्ट्र हित का बहाना बनाकर पत्रकारों, छात्रों सहित हजारों लोगों और अन्य के पासपोर्ट आवेदन मनमाने तरीके से खारिज कर दिए जाएं।

20 फरवरी को लिखे पत्र में मुफ्ती ने कहा है कि इस मामले में जम्मू उच्च न्यायालय का भी रुख किया। तीन साल तक मामला खिंचने के बाद अदालत ने श्रीनगर स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय को यह स्पष्ट संदेश दिया कि उसे अस्पष्ट आधार पर पासपोर्ट जारी करने से इनकार कर सीआईडी के प्रतिनिधि जैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, मुझे भारत के पासपोर्ट प्राधिकरण से संपर्क करने को कहा गया। उन्होंने लिखा है कि वह 2021 से कई बार भारतीय पासपोर्ट प्राधिकरण तक पहुंच चुकी हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। दुर्भाग्य से, मुझे अभी तक सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। मेरा पासपोर्ट जारी करने में अत्यधिक और जानबूझकर देरी मेरे मौलिक अधिकार का गंभीर उल्लंघन है। कल्पना भी नहीं कर सकते कि एक सामान्य कश्मीरी किस स्थिति से गुजरता है।

पासपोर्ट के लिए परेशान महबूबा मुफ्ती, मां को ले जाता चाहती हैं मक्का, विदेश मंत्री जयशंकर को पत्र लिखकर मांगी मदद

#mehbooba_mufti_writes_to_s_jaishankar_for_her_passport

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने अपने पासपोर्ट के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से हस्तक्षेप करने की अपील की है।महबूबा का कहना है कि वो पिछले तीन सालों से पासपोर्ट का इंतजार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हज पर जाने के लिए उन्होंने 3 साल पहले आवेदन दिया था, लेकिन अभी तक पासपोर्ट रिन्यू का काम पूरा नहीं हो पाया है।

पीडीपी चीफ ने पासपोर्ट के मामले में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को पत्र लिखकर दखल की मांग की है।अपने खत में महबूबा मुफ्ती ने बताया कि वह अपनी 80 वर्षीय मां को तीर्थ यात्रा पर मक्का ले जाने के लिए पिछले तीन साल से पासपोर्ट का इंतजार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उनका और उनकी बेटी का पासपोर्ट रिन्यूअल एप्लीकेशन पिछले 3 साल से पेंडिंग है। महबूबा ने लिखा कि अपनी मां के साथ हज के लिए जाना चाहती हैं, लेकिन पासपोर्ट जारी करने में लगातार देरी से परेशानी हो रही है।

महबूबा ने पत्र में कहा, मैं आपको इस विषय के बारे में लिख रही हूं जो अनवाश्यक रूप से पिछले तीन सालों से खींचा जा रहा है। उन्होंने कहा, मेरी मां (गुलशन नजीर) और मैंने मार्च 2020 में पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया था। जम्मू कश्मीर सीआईडी ने यह रिपोर्ट दी थी कि मेरी 80 वर्षीय मां और मुझे पासपोर्ट जारी करने से राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचेगा। जम्मू कश्मीर में यह नियम हो गया है कि राष्ट्र हित का बहाना बनाकर पत्रकारों, छात्रों सहित हजारों लोगों और अन्य के पासपोर्ट आवेदन मनमाने तरीके से खारिज कर दिए जाएं।

20 फरवरी को लिखे पत्र में मुफ्ती ने कहा है कि इस मामले में जम्मू उच्च न्यायालय का भी रुख किया। तीन साल तक मामला खिंचने के बाद अदालत ने श्रीनगर स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय को यह स्पष्ट संदेश दिया कि उसे अस्पष्ट आधार पर पासपोर्ट जारी करने से इनकार कर सीआईडी के प्रतिनिधि जैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, मुझे भारत के पासपोर्ट प्राधिकरण से संपर्क करने को कहा गया। उन्होंने लिखा है कि वह 2021 से कई बार भारतीय पासपोर्ट प्राधिकरण तक पहुंच चुकी हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। दुर्भाग्य से, मुझे अभी तक सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। मेरा पासपोर्ट जारी करने में अत्यधिक और जानबूझकर देरी मेरे मौलिक अधिकार का गंभीर उल्लंघन है। कल्पना भी नहीं कर सकते कि एक सामान्य कश्मीरी किस स्थिति से गुजरता है।

नाम और निशान जाने के बाद उद्धव को एक और झटका, संसद में शिवसेना को आवंटित ऑफिस भी गया हाथ से

#uddhav_thackeray_lost_lok_sabha_party_office

उद्धव ठाकरे के दिन इन दिनों बहुत ही खराब चल रहे हैं। उद्धव ठाकरे को एक के बाद एक कई झटके लग रहे हैं। पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न पर दावा गंवाने के बाद अब संसद भवन में पार्टी का ऑफिस भी हाथ से निकल गया है।दरअसल संसद भवन में शिवसेना को आवंटित कार्यालय भी एकनाथ शिंदे गुट को मिल गया है। लोकसभा

दरअसल, चुनाव आयोग के फैसले के बाद शिंदे गुट ने लोकसभा सचिवालय को पत्र लिखकर संसद भवन में शिवसेना संसदीय दल का दफ्तर उनको देने का अनुरोध किया था। लोकसभा सचिवालय ने इसे मान लिया और दफ्तर शिदे गुट को अलॉट कर दिया है।लोकसभा सचिवालय ने अपने आदेश में कहा है कि संसद भवन का कमरा नंबर 128 शिव सेना संसदीय पार्टी को बतौर कार्यालय आवंटित किया जाता है। 

इससे पहले सोमवार को एकनाथ शिंदे ने कहा था कि, हम किसी भी पार्टी की संपत्ति पर कोई दावा नहीं करेंगे, क्योंकि हम बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा के उत्तराधिकारी हैं और हमें कोई लालच नहीं है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, मुझे शिवसेना की संपत्ति या धन का कोई लालच नहीं है। मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जिसने हमेशा दूसरों को कुछ दिया है।

बता दें कि कुछ दिन पहले चुनाव आयोग ने उनके गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी और उसे ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया था। उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना मानने और उसे चुनाव चिह्न धनुष एवं तीर आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव गुट की याचिका स्वीकार, सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई

#supreme_court_to_hear_uddhav_faction_plea

शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी है। उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव चिह्न् ‘तीर-कमान’ को एकनाथ शिंदे गुट को देने के चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव गुट की इस याचिका को स्वीकार कर लिया है।कोर्ट ने कहा कि वह कल यानी बुधवार दोपहर 3.30 बजे इस मामले पर सुनवाई करेगा। 

ठाकरे गुट की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के सामने कहा, अगर निर्वाचन आयोग के आदेश पर रोक नहीं लगाई जाती है, तो वे चिह्न और बैंक खाते अपने कब्जे में ले लेंगे। सिब्बल ने कहा कि चुनाव आयोग का आदेश सिर्फ विधान सभा के 33 सदस्यों पर आधारित है। इसे संविधान पीठ के समक्ष कल के लिए सूचीबद्ध कीजिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे मामले की फाइल पढ़ने की जरूरत है और उसने मामले की सुनवाई को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया।

दरअसल, चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और पार्टी सिंबल शिंदे गुट को देने का फैसला किया था, जिसके बाद उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।चुनाव आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम और उसका चुनाव चिन्ह आवंटित किया था, क्योंकि एकनाथ शिंदे गुट के पास 55 में से 40 विधायकों और 18 लोकसभा सदस्यों में से 13 का समर्थन प्राप्त है।

पीएम मोदी के खिलाफ खड़ा हो पाएगा महा विपक्ष?

#will_nitish_be_able_to_unite_the_opposition

लोकसभा चुनाव 2024 में अभी एक साल से ज्यादा का वक्त बचा है। हालांकि सियासी एजेंडा सेट किया जाने लगा है। एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन में वापसी करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिखरे हुए विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल नीतीश कुमार को पता है 2024 में बिना विपक्षी एकता के बीजेपी के खिलाफ दाल गलने वाली नहीं है। कांग्रेस भी इस बात से असहमत नहीं है कि, अकेले नरेन्द्र मोदी सरकार से लड़ा जा सकता। अब बड़ा सवाल ये है कि क्या इस हालात में नीतीश कुमार का निमंत्रण और कांग्रेस का डर विपक्ष को एक साथ ला पाएगा?

नीतीश ने कांग्रेस को एक तरह से चुनौती ही दै। नीतीश ने कांग्रेस को साफ कहा कि अब आप तय कीजिए 2024 में क्या रणनीति होगी? विपक्षी एकता को किस तरह से मजबूत करना चाहिए? यदि कांग्रेस इस बात पर तैयार हो जाए तो 2024 में भाजपा 100 सीटों के अंदर सिमट कर रह जाएगी। इतना काफी नहीं था, नीतीश ने लगे हाथों ये भी कह दिया कि हम तो इंतजार कर रहे हैं, कांग्रेस के एक्टिव होने का। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने विपक्षी एकता के लिए जाकर दिल्ली में संदेश दे दिया था। अब हम लोग कांग्रेस का इंतजार कर रहे हैं।

नीतीश जिस बात को लेकर कांग्रेस को आगाह कर रहे हैं, ऐसा नहीं है कि कांग्रेस इससे अनजान है। इस बात का सबूत सलमान खुर्शीद और केसी वेणुगोपाल के बयान से मिलता है।दरअसल जब बिहार के सीएम बीजेपी को 100 से कम सीटों पर समेटने की रणनीति बता रहे थे, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद सामने बैठे थे। इस दौरान सलमान खुर्शीद नीतीश कुमार की बातें सुनते रहे। सहमति जताते रहे। उसके अलावा जब बोलने के लिए खड़े हुए तो साफ कह दिया कि नीतीश कुमार जी जो आप सोचते हैं। वो हम यानी कांग्रेस भी सोच रही है। 

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि कांग्रेस विपक्षी एकता के लिए गंभीर है। वेणुगोपाल ने कहा, विपक्षी एकता के लिए हमारा प्रयास बहुत ईमानदार है। भले ही हमारे पास बहुत सारे अनुभव हैं, जिन्होंने हमें चोट पहुंचाई है, लेकिन हम इस तानाशाही सरकार को हटाने के लिए सब कुछ भूलने को तैयार हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि भाजपा के विरोध में पड़ने वाले वोटों को बिखरने से रोकने के लिए विपक्षी दलों की एकजुटता सबसे अहम मानक है।

अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि अगर कांग्रेस भी वही सोच रही है, जो नीतीश कह रहे हैं, तो समस्या कहा है? बिहार में सियासी बदलाव के बाद से नीतीश कुमार मिशन-2024 के लिए सियासी ताना-बाना बुन रहे हैं। मोदी के खिलाफ विपक्षी एकता को अमलीजामा पहनाने के लिए नीतीश ने पिछले साल सितंबर में दिल्ली का दौरा भी किया था। इस दौरान उन्होंने कई विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की, ताकि 2024 के आम चुनाव में बीजेपी और पीएम मोदी से मुकाबला करने के लिए विपक्षी मोर्चे को एक साथ जोड़ने की संभावना तलाशी जा सके। इस कड़ी में नीतीश, राहुल गांधी से लेकर शरद पवार, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी और ओम प्रकाश चौटाला सहित करीब एक दर्जन विपक्षी नेता से मिले थे।

तब से अभी तक कांग्रेस ने खुलकर कुछ नहीं कहा है। उसके बाद से वो खुद भी ठंडे पड़ गये थे। हालांकि एक बार फिर नीतीश एक्टिव हुए हैं। तो देखना होगा उनकी सक्रियता कांग्रेस को किस हद तक राजी कर पाती है, और मोदी सरकार के खिलाफ महाविपक्ष खड़ा हो पाता है भी या नहीं?

इंदौर में दिल दहला देने वाली घटना, एक छात्र ने प्राचार्य पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी, प्रिंसिपल की हालत गंभीर

इंदौर के बीएम कॉलेज की प्राचार्य को छात्र ने पेट्रोल डालकर जला दिया, उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। प्रोफेसर विमुक्ता शर्मा कॉलेज के फॉर्मेसी डिपार्टमेंट में प्रिंसिपल हैं। सोमवार 20 फरवरी को शाम के समय यह घटना हुई। प्राचार्य कॉलेज से काम खत्म करके अपने घर के लिए निकल रहीं थी। जैसे ही वे कार में बैठीं, छात्र ने उन पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। कोई कुछ समय पाता इतनी देर में प्रिंसिपल को आग ने घेर लिया। कॉलेज के ही छात्र आशुतोष श्रीवास्तव ने प्रोफेसर शर्मा को आग लगाई। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया जहां पर उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।प्रिंसिपल 80 प्रतिशत तक जली हैं और छात्र भी आग की चपेट में आकर 20 प्रतिशत तक जला है। बताया जा रहा है कि आशुतोष परीक्षा में फेल किए जाने से नाराज था और उसने यह वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने आशुतोष को हिरासत में ले लिया है।

पहले भी वारदात कर चुका है छात्र

सिमरोल थाने के टीआई आरएनएल भदौरिया ने बताया कि छात्र पहले भी कॉलेज में इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे चुका है। उस पर चाकूबाजी की वारदात करने का भी एक मामला है। उसने कॉलेज के प्रोफेसर विजय पटेल भी चाकू से हमला किया था। पुलिस टीम कॉलेज से साक्ष्य जुटा रही है और मौके पर मौजूद लोगों से पूछताछ की जा रही है।