दो सौ व्यक्तियों से पट्टे के नाम पर लिए गए 15 ,15 हजार रुपए, राजस्व कर्मी ने प्रधान के साथ किया खेल
अमृतपुर /फर्रुखाबाद । विकासखंड राजेपुर केग्राम पंचायत कुडरी सारंगपुर व करनपुरघाट में प्रधान व लेखपाल द्वारा कृषि पट्टा आवण्टन की पत्रावली बनायी गयी है जिसमें लगभग 200 व्यक्तियों के पट्टों के नाम पर 15 हजार रुपये प्रति पट्टा पर वसूल किए गए हैं । तहसील अमृतपुर में पहुंचे ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से शिकायत की कि लेखपाल एवं ग्राम प्रधान द्वारा आवंटन के नाम पर 15-15 हजार की वसूली की गई है।
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जिलाधिकारी को ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में 1369 फसली खतौनी की खाता संख्या 17 पर 27.91 एकड़ दर्ज है ,खाता संख्या 18 पर गंगा की रेत दर्ज है। 144.16 एकड़ दर्ज है। खाता संख्या 28 गंगा 8.94 ऐकड दर्ज है। खाता संख्या 34 गंगा का रेत 5.91 दर्ज है। खाता संख्या 38 गंगा 41.49 दर्ज है। खाता संख्या 48.94 ऐकड़ दर्ज है तथा 1362 खतौनी का खाता संख्या 94 पर गंगा पर भूमि 222.62 ऐकड़ दर्ज है। खाता संख्या 39.230 पर एकड़ दर्ज है । ग्रामों को कई बार गंगा की भूमि गंगा की धार से कटी हुई है आज भी गंगा इन्हीं नंबरों में बह रही है ।बीच में कहीं रेत के टापू पड़े हुए हैं और इसी भूमि पर 1371 फसली खतौनी में आसामी पट्टे किये गए थे। जो कि शासनादेश के अनुसार वर्ष 2006-07 में आसामी पट्टे निरस्त कर दिये गये थे।
उन पट्टों पर आदेश हुआ था कि जिस श्रेणी की पूर्व में भूमि थी उसी श्रेणी पर दर्ज की जाये लेकिन राजस्व कर्मचारियों की हेराफेरी से नवीन परती दर्ज कर दी गयी यह शासनादेश के खिलाफ है। श्रेणी बदलने का अधिकार केवल शासन को है । ऐसी स्थिति में इसकी जांच करायी जाये और बनायी गयी आवण्टन पत्रावली को निरस्त किया जाये। ग्रामों की भूमि पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद में मुकदमा विचाराधीन हैं । जिन लोगों के कृषि पट्टे के लिए पैसे वसूले गये हैं ये लोग ग्राम पंचायत फकरपुर के राजस्व ग्राम कटरी अमृतपुर के निवासी है गाटा संख्या 555 पर कटरी अमृतपुर में बसे हुए हैं इसका सीमांकन कराने के लिए कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी है।
इस प्रकरण में कई बार मुख्यमंत्री, मण्डल आयुक्त कानपुर, राजस्व परिषद लखनऊ पर दर्ज की जा चुकी है। इस जांच में और गांव में पैसा पट्टों के नाम पर तहसील के उच्च अधिकारियों का हाथ है न इसकी जांच कराते हैं इस प्रकरण को अन्य किसी एजेंसी से जांच करायी जाये ।जिससे इस प्रकरण की जांच निष्पक्ष हो सके। वर्तमान खतौनी में नयी परती व बजर की भूमि को पूर्व में गंगा की भूमि 1350 फसली के आधार पर ग्रामीणों ने दर्ज करने की भी मांग की।
Feb 20 2023, 19:21