ट्विटर ने इंडिया में अपने 2 ऑफिस किए बंद, अब इस तरीके से होगा काम


डेस्क: ट्विटर इंक ने अपने तीन भारतीय कार्यालयों में से दो को बंद कर दिया है और अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा है। हालांकि, कंपनी के तरफ से इसको लेकर अभी तक कोई बयान नहीं जारी किया गया है। ट्विटर ने पिछले साल के अंत में भारत में अपने लगभग 200 से अधिक कर्मचारियों में से 90% से अधिक को निकाल दिया था। 

अभी उसने नई दिल्ली और मुंबई के ऑफिस को बंद कर दिया है। कंपनी ने बेंगलुरु के दक्षिणी टेक हब में एक कार्यालय का संचालन जारी रखा है, जिसमें ज्यादातर इंजीनियर रहते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अरबपति एलन मस्क 2023 के अंत तक ट्विटर को वित्तीय रूप से स्थिर करने के प्रयास के तहत दुनिया भर के कर्मचारियों की छंटनी और कार्यालयों को बंद कर रहे हैं। फिर भी भारत को मेटा प्लेटफॉर्म इंक से लेकर अल्फाबेट इंक तक अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए एक प्रमुख विकास बाजार माना जाता है।

कंपनी भारत में शुरू कर चुकी है सब्सक्रिप्शन सर्विस

कुछ दिन पहले ट्विटर ने आखिरकार भारत में अपना प्रीमियम सब्सक्रिप्शन ट्विटर ब्लू (Twitter Blue) लॉन्च कर दिया। कंपनी ने ट्विटर वेबसाइट के माध्यम से इसे एक्सेस करने वालों के लिए 650 रुपये प्रति महीने की कीमत पर नई सदस्यता पेश की है।

 Android या iOS ऐप के जरिए सब्सक्राइब करने वाले यूजर्स को 900 रुपये मासिक शुल्क देना होगा। बता दें, ट्विटर ब्लू को पिछले साल नया रूप दिया गया था, यह यूजर्स को कई नई सुविधाएँ प्रदान करता है जैसे कि ब्लू चेक मार्क, ट्वीट्स को संपादित करने की क्षमता, लंबे वीडियो पोस्ट, बुकमार्क, कस्टम ऐप आइकन और प्रोफ़ाइल फोटो के रूप में एनएफटी का उपयोग करने का विकल्प।

12% छूट के साथ मिल रहा सालाना प्लान

कंपनी वेबसाइट पर सालाना सब्सक्रिप्शन लेने पर डिस्काउंटेड प्राइस ऑफर कर रही है। यदि उपयोगकर्ता अपनी सदस्यता मासिक रूप से बिल करता है, तो वे 7,800 रुपये का भुगतान करना समाप्त कर देंगे, जबकि यदि वे इसे सालाना भुगतान करना चुनते हैं, तो वे 1,000 रुपये बचाएंगे और 6,800 रुपये का भुगतान करेंगे। वेबसाइट पर आपको बस बाएं कॉलम में 'ट्विटर ब्लू' पर क्लिक करना होगा। एक पॉप-अप आपको अपना पसंदीदा प्लान चुनने और फिर भुगतान करने का विकल्प देगा। वार्षिक योजना केवल वेबसाइट के माध्यम से सुलभ होगी।

सुबह 5 बजे जम्मू-कश्मीर के कटरा में भूकंप से कांपी धरती, रिक्टर स्केल पर 3.6 रही तीव्रता

जम्मू-कश्मीर के कटरा में शुक्रवार की सुबह-सुबह 5 बजकर एक मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद के मुताबिक भूकंप जम्मू-कश्मीर के कटरा से 97 किमी पूर्व में आया था। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई है। जानकारी के मुतबिक आज अलसुबह भूकंप के हल्के झटके से लोगों की नींद खुली। जो लोग सो रहे थे उन्हें तो कुछ महसूस नहीं हुआ लेकिन जो लोग जगे थे उन्हें हल्के झटके महसूस हुए। भारतीय समयानुसार सुबह 5:01 बजे भूकंप आया था और राष्ट्रीय रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 बताई गई है।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, आज सुबह 5.01 बजे रिक्टर स्केल पर 3.6 की तीव्रता वाला भूकंप रिकॉर्ड किया गया। भूकंप की गहराई 10 किमी रिकॉर्ड की गई।

 राष्ट्रीय केंद्र भूकंप विज्ञान ने एक ट्वीट में कहा " भूकंप: 3.6, 17-02-2023 को आया, 05:01:49 IST, अक्षांश: 33.10 और लंबा: 75.97, गहराई: 10 किमी, स्थान: कटरा, जम्मू और कश्मीर का 97 किमी पूर्व।"

पूरे उत्तर भारत में जेट स्ट्रीम के असर से पड़ेगी भीषण गर्मी, हिमखंड पिघलने व हिमस्खलन की आशंका, यहां जानिए क्या होता है जेट स्ट्रीम


उत्तराखंड में मौसम की बढ़ती बेरुखी मौसम विज्ञानियों को भी हैरान कर रही है। शीतकाल में लगातार वर्षा में कमी के बाद अब तेजी से बढ़ रहा तापमान चिंता का विषय बनता जा रहा है।

देश में सक्रिय पश्चिमी जेट वायु धारा से मौसम का मिजाज चौंका रहा है। उत्तराखंड में भी इसका व्यापक असर पड़ने की आंशका है। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि हो सकती है। जिससे हिमखंड पिघलने और हिमस्खलन की आशंका है।

इसके साथ ही प्रदेश में गर्मी का एहसास भी होने लगा है। अगले पांच दिन तापमान में अत्यधिक वृद्धि को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है।

मानसून की विदाई के बाद से ही वर्षा को तरस रहा उत्तराखंड

अक्टूबर में मानसून की विदाई के बाद से ही उत्तराखंड वर्षा को तरस रहा है। शीतकाल में प्रदेश में औसत वर्षा में 70 प्रतिशत से अधिक कमी दर्ज की गई। वर्षा और बर्फबारी कम होने से दिसंबर-जनवरी में भी सामान्य से कम ठंड रही है और ज्यादातर समय वातावरण शुष्क रहा।

अब फरवरी का दूसरा पखवाड़ा शुरू होने के साथ ही तापमान में लगातार वृद्धि होने लगी है और दिन में गर्मी का एहसास हो रहा है। हालांकि, सुबह-शाम ठिठुरन बरकरार है। तापमान वृद्धि का कारण मौसम विज्ञानी देश में सक्रिय पश्चिमी जेट वायु धाराओं को बता रहे हैं।

इनकी वजह से पर्वतीय क्षेत्रों में समतापीयमंडल की ओर से गर्म हवाएं और वायुदाब में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। यह जेट वायु धारा का असर पिछले कुछ वर्षों से बेहद कम देखने को मिल रहा था। जिसकी वजह से तापमान में एकरूपता बनी हुई है। लेकिन, इस बार अत्यधिक सक्रियता के कारण उत्तराखंड में पश्चिमी जेट वायु धारा का व्यापाक असर देखने को मिल सकता है।

सामान्य से आठ से 12 डिग्री सेल्सियस अधिक रह सकता तापमान

प्रदेश में मौसम शुष्क बना हुआ है और ज्यादातर क्षेत्रों में चटख धूप खिल रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार अगले चार-पांच दिन उत्तराखंड के देहरादून, टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जनपदों में अधिकतम तापमान आठ से 10 डिग्री सेल्सियस तक सामान्य से अधिक बने रहने की आशंका है।

जबकि, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जनपदों में अधिकतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस तक सामान्य से अधिक पहुंच सकता है। आगामी 19 व 20 फरवरी को कहीं-कहीं हल्की वर्षा के भी आसार बन रहे हैं। इसके साथ ही इस दौरान दिन और रात के तापमान में 18 डिग्री सेल्सियस तक का अंतर आ सकता है।

यह होती है जेट वायु धारा

जेट वायु धारा भारतीय जलवायु को प्रभावित करने वाले कारकों में से एक है।

जेट स्ट्रीम या जेट वायु धाराएं ऊपरी वायुमंडल में विशेषकर समताप मंडल में तेज गति से प्रवाहित होने वाली हवाएं हैं।

इसकी प्रवाह की दिशा जलधाराओं की तरह ही निश्चित होती है।

यह दो प्रकार की होती है, पश्चिमी जेट स्ट्रीम और पूर्वी जेट स्ट्रीम। पश्चिमी जेट स्ट्रीम स्थायी जेट स्ट्रीम है।

इसका आंशिक प्रभाव वर्षभर रहता है।

इसके प्रवाह की दिशा मुख्य रूप से पश्चिम और उत्तर भारत से दक्षिण की ओर रहती है और यह शीतकाल में शुष्क हवाओं के लिए उत्तरदायी है।

सतह पर गर्म हवाओं से बनने वाला निम्न दबाव क्षेत्र तापमान वृद्धि का कारण है।

पूर्वी जेट स्ट्रीम की दिशा दक्षिण-पूर्व से लेकर पश्चिमोत्तर भारत की ओर है। यह अस्थायी प्रवाह है और इसका असर वर्षाकाल में ही दिखता है।

अजमेर में एनएच-8 पर गैस टैंकर और ट्रक ट्रेलर में भीषण टक्कर, तीन लोग ज़िंदा जल गए जबकि चार लोग गंभीर घायल

अजमेर में रानी बाग रिसोर्ट के पास शुक्रवार तड़के एक बड़ा हादसा हुआ। बताया जा रहा है कि यहां एक गैस टैंकर और ट्रक ट्रेलर में जबरदस्त भिड़ंत हो गई। हादसे में तीन लोग जिंदा जल गए। चार लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। भिड़ंत के बाद धमाका भी हुआ, जिससे गैस टैंकर में आग लग गई। इससे करीब 400 मीटर तक सड़क और आसपास के क्षेत्र में आग फैल गई। हाईवे पर चल रहे दो ट्रक और कई दुपहिया वाहन भी इसकी चपेट में आगए। मिश्रीपुरा और गरीब नवाज कॉलोनी सहित आसपास फैली आग से 10 से ज्यादा मकानों में भी आग लग गई। मारे गए लोगों में गैस टैंकर और मार्बल पत्थर लेकर जा रहे ट्रेलर दोनों के ड्राइवर शामिल हैं। घायलों को जेएलएन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

 कलेक्टर-एसपी ने चलाया राहत बचाव कार्य

देर रात हुए हादसे के बाद सूचना मिलने पर रात से कलेक्टर अंशदीप और एसपी चूनाराम जाट ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू करवाया। स्थानीय थाना पुलिस, दमकल, एंबुलेंस ने मौके पर रात बचाव कार्य किया गया। मौके पर मौजूद वाहन चालकों के मुताबिक आग लगने से काफी देर तक हाइवे पर जाम लग गया। सुराणा पोल फैक्ट्री के प्रत्यक्षदर्शी चौकीदार हुसैन खान ने बताया कि धमाके की आवाज़ काफी दूर तक आवाज सुनाई दी।

बेबाक स्वरा की ‘गुपचुप’ शादी, जानिए कौन हैं वो शख्स, जिसके नाम की मेंहदी रचाई

#swarabhaskermarriespoliticalleaderactivistfahad_ahmad

बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने शादी कर ली है। स्वरा भास्कर ने समाजवादी पार्टी के नेता फहद अहमद से शादी की है।स्वरा भास्कर ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर कर इस बात की जानकारी दी है।स्वरा ने 40 दिनों पहले कोर्ट मैरिज की थी। कोर्ट मैरिज से जुड़े दस्तावेज के मुताबिक दोनों ने 6 जनवरी 2023 को मुंबई में शादी की। अब जाकर इस बात का खुलासा किया है।

स्वरा भास्कर ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल पर वीडियो शेयर किया है। जिसमें उन्होंने प्यार से लेकर शादी तक की जर्नी दिखाई है। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि एक प्रोटेस्ट के दौरान दोनों की पहली बार मुलाकात हुई थी। बता दें कि प्रोटेस्ट के दौरान ही दोनों ने पहली बार एक साथ सेल्फी फोटो भी ली थी। इसके बाद फहद ने उन्हें अपनी बहन की शादी में इनवाइट भी किया था। इसके बाद दोनों के बीच दोस्ती का सिलसिला शुरू हो गया था। इस वीडियो को देखने के बाद कुछ लोग जहां शॉक हैं वहीं फैंस उन्हें लगातार बधाई दे रहे हैं। वहीं, उनके पति के बारे में पूछ रहे हैं। 

कौन हैं फहद अहमद?

अब जब स्वरा ने शादी कर ली है, तो लोग ये जानना चाहते हैं कि आखिर स्वरा ने किसके नाम की मेंहदी रचाई है। तो चलिए जानते हैं कि कौन हैं फहद? फहद अहमद समाजवादी पार्टी की युवा इकाई के महाराष्ट्र और मुंबई के अध्यक्ष हैं। फरवरी 1992 को जन्में फहद मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले हैं। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। फिर एमफिल करने टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंस आ गए। यहीं उन्होंने राजनीति में कदम रखा।2022 में फहद समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे।

त्रिपुरा में विधानसभा के लिए वोटिंग खत्म, शाम 4 बजे तक रिकॉर्डतोड़ 81 प्रतिशत मतदान

#tripuraelection2023

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म हो गया है। इस बार यहां रिकॉर्डतोड़ मतदान हुआ है। राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक, हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बीच त्रिपुरा में शाम चार बजे तक 81 फीसदी मतदान हुआ।

कहां-कितने प्रतिशत मतदान

जिला      वोटिंग प्रतिशत

धलाई       81.47%

गोमती      71.97%

खोवाई       73.59%

नॉर्थ त्रिपुरा      74.83%

सिपाहीजिला    75.98%

साउथ त्रिपुरा    75.81%

ऊनाकोटी      71.92%

वेस्ट त्रिपुरा      75.16%

कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान प्रक्रिया काफी हद तक शांतिपूर्ण रही। दोपहर तीन बजे तक कुल 69.96 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। हालांकि, इस दौरान हिंसा की छिटपुट घटनाएं भी सामने आईं हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि सिपाहीजाला जिले के बॉक्सानगर इलाके में अज्ञात व्यक्तियों के हमले में माकपा की स्थानीय समिति के एक सचिव घायल हो गए। अधिकारी ने बताया कि उन्हें पास के एक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई गई है

बीजेपी इस बार राज्य की 55 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वहीं उनसे 5 सीटें अपनी सहयोगी आईपीएफटी को दी हैं। चुनाव में सीपीएम ने 47 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। इसकी गठबंधन सहयोगी कांग्रेस 13 सीट पर चुनाव लड़ रही है। इस बार मुख्य मुकाबला बीजेपी-आईपीएफटी गठबंधन, माकपा-कांग्रेस गठबंधन और पूर्व शाही परिवार के वंशज के टिपरा मोथा पार्टी के बीच है। बता दें कि टिपरा मोथा ने हाल ही में हुए चुनावों में भी अच्छा प्रदर्शन किया था।

कर्नाटक के मंत्री अश्वथ नारायण के बयान पर सिद्धारमैया का पलटवार, कहा- भड़काते क्यों हैं, खुद ही एक बंदूक उठा लो

#siddaramaiahstatementonbjpminister_ashwathnarayan 

कर्नाटक के मंत्री डॉ. सी.एन.अश्वत्थ नारायण को बयान पर सियासत गर्म है। मंत्री अश्वथनारायण के 'खत्म करो' वाले बयान को लेकर कांग्रेस नेता सिद्दारमैया ने पलटवार किया है। 'सिद्धारमैया ने मंत्री पर ‘जान से मारने की धमकी’ देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह लोगों को उन्हें जान से मारने के लिए उकसा रहे हैं।उन्होंने सीएम बसवराज बोम्मई से मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने और उन्हें मंत्रिमंडल से तुरंत बाहर करने की मांग की।

भड़काते क्यों हैं, इसके बजाय, एक बंदूक ले लो और मेरे पास आओ- सिद्धारमैया

सिद्धारमैया ने ट्वीट करते हुए लिखा, आप (मंत्री अश्वथ नारायण) भड़काते क्यों हैं। इसके बजाय, एक बंदूक ले लो और मेरे पास आओ। सिद्धारमैया ने कहा कि मंत्री अश्वथ नारायण ने लोगों को मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की तरह मुझे खत्म करने का आह्वान किया था। मैं उनकी हत्या के आह्वान से हैरान नहीं हूं। हम इनके नेताओं से प्यार, सहानुभूति, और दोस्ती की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। वह पार्टी जो महात्मा गांधी की हत्या करने वाले का सम्मान करती है।

अश्वथ नारायण को कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग

सिद्धारमैया ने कहा कि इन्होंने ही महात्मा गांधी की हत्या की थी। मंत्री अश्वथनारायण ने वही कहा जो आरएसएस ने उन्हें कहने का निर्देश दिया था। मैं मांग करता हूं कि राज्यपाल को कैबिनेट से मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए। मैं शिकायत दर्ज नहीं करूंगा, पुलिस को खुद मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए।

क्या कहा था अश्वथ नारायण ने?

बता दें कि कर्नाटक में मंत्री अश्वथनारायण ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था, टीपू के वंशज सिद्दारमैया आएंगे…. लेकिन आप टीपू को चाहते हैं या सावरकर को? हमें टीपू सूल्तान को कहां भेज देना चाहिए? उरी गौड़ा और नांजे गौड़ा ने क्या किया? ठीक उसी तरह से उन्हें (सिद्दारमैया) को भी वहां भेज देना चाहिए। 

कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष ने भी दिया विवादित बयान

टीपू सुल्तान को लेकर कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष ने भी विवादित बयान दिए हैं। राज्य में पार्टी अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने उन लोगों को ‘जान से मारने’ की अपील की जो टीपू के समर्थक हैं। कोप्पल जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए बीजेपी अध्यक्ष कतील ने कहा कि ‘हम भगवान राम, भगवान हनुमान के भक्त हैं। हम उन्हीं की पूजा करते हैं, और हम टीपू के वंशज नहीं हैं। टीपू के वंशजों को वापस घर भेजना होगा। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा था कि, जो लोग टीपू के कट्टर अनुयायी हैं, उन्हें इस धरती पर जीवित रहने का कोई अधिकार नहीं है।

यज्ञ में कलश यात्रा के दौरान बिदकी हाथी, तीन को उतारा मौत के घाट, भगदड़ में कई घायल

गोरखपुर । उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के चिलुआताल थाना अर्न्तगत मजनू चौकी क्षेत्र के ग्राम सभा मोहम्मदपुर माफी में आयोजित यज्ञ के कलश यात्रा में बिदके हाथी ने दो महिलाओं एवं एक बच्चे को मौत के घाट उतार दिया। जिससे भगदड़ मच गयी।

 भगदड़ के दौरान कई लोग चोटिल हो गये। सूचना पर पहुंची पुलिस मृतकों के शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया। घटना पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

क्षेत्र के मुहम्मदपुर माफी में आयोजित 16 फरवरी से 24 फरवरी तक चलने वाले श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के कलश यात्रा के दौरान बिदके हाथी ने दो महिलाओं को सूड में लपेट पटक कर पाँव से दबाकर मौत के घाट उतार दिया।

 जिससे कलश यात्रा में भगदड मच गयी ।जिसमें कई लोग आशिंक रूप से घायल हो गये। मरने वालो में कांती देवी 55 वर्ष पत्नी शकर उपाध्याय व कौशिल्या देवी 43 वर्ष पत्नी दिलीप मद्धेशिया निवासी मोहम्मदपुर माफी तथा कृष्णा 4 वर्ष पुत्र राजू निवासी सरैया थाना गीडा के रूप में हुई।

घटना के बाद दोनों हाथी के महावतो ने अपने अपने हाथियों को नदी पार कर दूसरी तरफ लेकर चले गये। घटना की सूचना पर थाना प्रभारी जयंत कुमार सिंह एवं सीओ कैम्पियरगंज श्यामदेव दल बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचकर स्थिति नियंत्रण में कर वैधानिक कार्यवाही शुरु कर दी है। 

दोनों हाथियां नदी उस पार सहजनवा थाना क्षेत्र के ताल में पहुंच गयी हैं। जिसकी एसडीएम सहजनवा के नेतृत्व में वन विभाग की टीम चौकसी कर रही है।

दिल्ली मेयर चुनाव से पहले आप को झटका, बीजेपी ने जीता हज कमेटी का चुनाव, कौसर जहां चुनी गईं अध्यक्ष

#kausarjahanhajcommitteedelhi_chairman 

दिल्ली में मेयर के चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। दरअसल आम आदमी पार्टी के हाथ से दिल्ली हज कमेटी का नियंत्रण निकल गया है।दिल्ली हज कमेटी अध्यक्ष के लिए आज चुनाव हुआ। जिसमें भाजपा की कौसर जहां ने जीत हासिल कर अध्यक्ष पद हासिल किया है।कौसर जहां इस पद पर निर्वाचित होने वाली दूसरी महिला हैं।

दिल्ली सचिवालय में हुए चुनाव में बीजेपी की कौसर जहां को समिति के सदस्यों की तरफ से डाले गए पांच में से तीन वोट मिले। समिति में छह सदस्यों में आप और बीजेपी के दो-दो, मुस्लिम धर्मशास्त्र विशेषज्ञ मोहम्मद साद और कांग्रेस पार्षद नाजिया दानिश शामिल हैं। समिति के सदस्यों में बीजेपी सांसद गौतम गंभीर भी शामिल हैं।बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इसी साल 6 जनवरी को तत्काल प्रभाव से तीन वर्ष के लिए राज्य हज समिति का गठन किया था।

कौसर जहां ने की मोदी सरकार की तारीफ

दिल्ली हज कमेटी का अध्यक्ष चुने जाने पर कौसर जहां ने कहा, एलजी की ओर से अध्यक्ष पद और समिति के गठन के लिए नियुक्ति प्रक्रिया को कराया गया है। सभी नियमों को ध्यान में रखकर चुनाव कराया गया। उन्होंने आगे कहा, मोदी सरकार ने मुस्लिम समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी है। तीन तलाक पर प्रतिबंध के बाद महिलाएं सुरक्षित महसूस कर रही हैं। हज पर जाने वालों की परेशानी कम करने पर काम करना हम सबकी जिम्मेदारी है।

उपराज्यपाल पर बरसे आप नेता

इधर आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि क‌ई जगह खबर देखी कि आम आदमी पार्टी को झटका, भाजपा कार्यकर्ता हज कमेटी का चुनाव जीत ग‌ई। हमने तो कभी हज कमेटी के चुनाव का भी नहीं सुना था, ये सिर्फ 6 सदस्यों के बीच चुनाव होता है। चुनी हुई सरकार सदस्यों को भेजती थी, उसमें से आपसी सहमति से अध्यक्ष चुना जाता था।लेकिन उपराज्‍यपाल ने बेईमानी करके खुद सदस्यों के नाम भेज दिये।

भारत में पहली बार बीबीसी पर नहीं लगा है बैन, जानें कांग्रेस काल की कहानी

#bbc_has_been_banned_twice_in_india 

ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) द्वारा 2002 के गुजरात दंगों पर एक डॉक्यूमेंट्री सीरीज रिलीज की गयी। जिसका नाम 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' है। इस सीरीज को भारत सरकार द्वारा बैन कर दिया गया। इसी बीच दिल्ली एवं मुंबई स्थित बीबीसी के दफ्तरों में आय कर विभाग पहुंची, और पिछले तीन दिन से यहां सर्वे का काम जारी है। पहले ही बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को बैन किए जाने पर बवाल मचा हुआ था। अब विपक्ष इस पूरे सर्वे को इसी डॉक्यूमेंट्री से जोड़ रहा है।

कांग्रेस की सरकार भारत में बीबीसी पर पहले भी कर चुकी है बैन

ऐसा नहीं है कि पहली बार किसी डॉक्यूमेंट्री को देश में बैन किया गया है। ना ही ऐसा पहली बार हुआ है कि बीबीसी का कामकाज सरकार के निशाने एवं जांच के घेरे में आया हो। आज़ादी के बाद से अब तक भारत में बीबीसी पर दो बार प्रतिबंध लग चुका है और ये दोनों प्रतिबंध कांग्रेस की सरकारों में लगे थे

जब पहली बार भारत में बैन हुई थी बीबीसी

बीबीसी को पहली बार बैन का सामना अगस्त 1970 में करना पड़ा था। तब उसे अपना प्रसारण थोड़े समय के लिए रोकना भी पड़ा। भारत में उसने दो डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण किया था। बीबीसी ने फ्रांसीसी निर्देशक लुइस मैले की डॉक्यूमेंट्री सीरीज बनाई थी। जिसमें भारत की छवि को गलत तरीके से पेश किया था। इस कार्रवाई करते हुए इंदिरा गांधी की सरकार ने दिल्ली स्थित बीबीसी के कार्यालय को दो साल तक के लिए बैन कर दिया था। उस समय की इंदिरा गांधी सरकार का मानना था कि इन दोनों डॉक्यूमेंट्री में भारत की 'नकारात्मक तस्वीर' पेश की गई। उस समय के कलकत्ता के कामगार वर्ग के ऊपर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री में गरीबी को ज्यादा प्रमुखता से दिखाया गया था। इससे इंदिरा गांधी सरकार खुश नहीं थी।

1975 में भी लगा था बैन

आज बीबीसी के दफ्तरों में आयकर विभाग के सर्वे को कांग्रेस देश में अघोषित आपातकाल बता रही है। मगर एक वक्त था जब कांग्रेस के राज में ही देश में आपातकाल लगा था। 1975 में इंदिरा गांधी की सरकार ने देश में आपातकाल घोषित किया था तो उस समय दिल्ली में बीबीसी के प्रतिनिधि मार्क टुली थे। टुली से कहा गया कि अगले 15 दिनों में वह दिल्ली छोड़ दें। इसके बाद आपातकाल के समय 1975 में भी इंदिरा सरकार ने बीबीसी पर बैन लगाते हुए उसे निष्कासित किया।