बिहार के बदले राज्यपाल, नये गवर्नर बने राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर

डेस्क : बिहार के राज्यपाल बदल गये है। निवर्तमान राज्यपाल फागू चौहान को बिहार से हटाकर मेघालय का राज्यपाल बनाया गया है। वहीं हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को 12 राज्यों में राज्यपाल और एक केंद्र शासित प्रदेश में उपराज्यपाल की नियुक्ति की। इनमें सेवानिवृत्त जस्टिस एस अब्दुल नजीर समेत छह नए चेहरे हैं, जबकि सात राज्यों में फेरबदल किया है।

झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है। सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक को अरुणाचल, लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को सिक्किम, सीपी राधाकृष्णन को झारखंड, शिव प्रताप शुक्ल को हिमाचल, एस अब्दुल नजीर को आंध्र व गुलाब चंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाया है।

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बिस्वा भूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। छत्तीसगढ़ की अनुसुइया उइके को मणिपुर की जिम्मेदारी दी गई है। मणिपुर के गणेशन को नगालैंड, व अरुणाचल के राज्यपाल सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर डॉ. बी.डी. मिश्रा को लद्दाख का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है।

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और लद्दाख के उपराज्यपाल राधा कृष्णन माथुर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।

बिहार के नर्सिग डिग्री वालों को केन्द्रीय या दूसरे राज्यों में नहीं मिलेगा रोजगार, जानिए क्या है कारण*

डेस्क : बिहार में नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए एक बड़ी खबर है। उन्हें केंद्रीय सेवाओं या दूसरे राज्य में रोजगार नहीं मिलेगा। इसका मूल कारण राज्य में चल रहे नर्सिंग संस्थानों की ओर से इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) से प्रमाण पत्र हासिल नहीं करना है। 

वर्ष 2018 के बाद अधिकतर नर्सिंग संस्थान आईएनसी से कोई प्रमाण पत्र हासिल किए बिना ही यह कोर्स चला रहे हैं। जबकि केंद्रीय सेवाओं या दूसरे राज्यों में नर्सिंग के लिए आईएनसी से प्रमाण पत्र हासिल करना अनिवार्य है।

दरअसल, वर्ष 2018 के पहले राज्य में चलने वाले सरकारी-गैर सरकारी संस्थानों की सम्बद्धता (मान्यता) आईएनसी से ली जाती थी। लेकिन कोर्ट ने एक आदेश में कहा कि आईएनसी नर्सिंग संस्थानों को मान्यता नहीं दे सकता। यह अधिकार राज्यों को होना चाहिए। 

हालांकि कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि आईएनसी राष्ट्रव्यापी एक मानक तय करे, जिसके तहत ही संस्थानों में पढ़ाई हो। इसके पीछे का मकसद यह था कि छात्रों को प्रशिक्षण के दौरान बुनियादी सुविधाएं प्रदान हो। इसके लिए नर्सिंग संस्थानों को आईएनसी से सुटेबिलिटि रिपोर्ट (सम्बद्धता) लेने को कहा गया। लेकिन मान्यता मिलने के बाद नर्सिंग संस्थानों ने इस नियम का पालन नहीं किया। 

निजी संस्थानों की कौन कहे, सरकारी संस्थानों की ओर से भी आईएनसी से किसी तरह का प्रमाण पत्र नहीं लिया गया। इस बीच दो-तीन बैच में 10 हजार से अधिक छात्र पास हो चुके हैं।

जदयू एमएलसी और उनके सहयोगी के ठिकानों पर इनकम टैक्स की छापेमारी पूरी, 200 से अधिक बेनामी बैंक खातों का चला पता

डेस्क : जदयू एमएलसी राधाचरण साह उर्फ राधाचरण सेठ और उनके सहयोगी ब्रॉडसन्स कंपनी के महाप्रबंधक अशोक कुमार के 22 से अधिक ठिकानों पर पिछले तीन दिनों से चल रही इनकम टैक्स की छापेमारी गुरुवार को पूरी हो गई। 7 से 9 फरवरी यानी तीन दिनों तक के दौरान सहयोग नहीं करने के कारण अशोक कुमार और उनके बेटे जीवन कुमार पर बिहटा थाने में आयकर विभाग ने एफआईआर भी दर्ज करवायी है। पूरी कार्रवाई के दौरान दोनों लापता रहे।

छापेमारी में साह व उनके सहयोगी के 200 से अधिक बेनामी बैंक खातों का पता चला है। इन खातों का पूरा विवरण आयकर विभाग ने निकाल लिया है। इसमें अधिकांश खाते आरा की एसबीआई शाखा में हैं। ये खाते मजदूरों और अन्य गरीबों के नाम पर हैं। इनमें पटना के भी कुछ बैंकों के खाते हैं। 

बेनामी खातों की मदद से ही करोड़ों के अवैध लेन-देन किए गये हैं। कुछ रसूखदार समेत कई लोगों को पैसे ट्रांसफर किए गये हैं। करीब 225 करोड़ की कर चोरी सामने आ चुकी है। जांच के बाद इसमें बढ़ोतरी की संभावना है। दोनों के पास से 150 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के कागजात भी मिले हैं। 

इसमें होटल, जमीन-जायदाद, बैंक, शेयर, बीमा आदि में निवेश शामिल है। राज्य के बाहर नोएडा, गाजियाबाद, मनाली, हरिद्वार में जमीन-जायदाद में काफी निवेश है। दोनों के ठिकानों से क्रमश 91 लाख व 51 लाख नकद भी बरामद हुए हैं।

प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए बड़ी खुशखबरी, सीएम नीतीश कुमार ने किया यह बड़ा एलान

डेस्क : बिहार के खिलाड़ियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके लिए बड़ा एलान किया है। सीएम ने घोषणा किया खेल प्रतियोगिताओं में पदक विजेता खिलाड़ियो को सीधी नौकरी दी जाएगी। आनेवाले दिनों में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को बिहार प्रशासनिक सेवा (एसडीएम), बिहार पुलिस सेवा (डीएसपी) या समकक्ष में सीधे नौकरी देंगे। 

दरअसल राष्ट्रीय अंतर जिला जूनियर एथलेटिक्स मीट (निडजैम) का गुरुवार को शानदार आगाज हुआ। बिहार में पहली बार हो रहे निडजैम का आगाज एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के झंडोत्तोलन के संग हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के ध्वज को फहराया। जन गण मन की धुन सेना के बैंड ने बजानी शुरू की तो स्टेडियम के कोने कोने में बैठे खिलाड़ी व खेल प्रेमी तिरंगे के सम्मान में उठ खड़े हुए। उद्घाटन सत्र में एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला ने कहा कि इतनी बेहतर व्यवस्था से प्रतियोगिता नई ऊंचाई पर जाएगी। मौके पर मशहूर एथलीट बहादुर सिंह, कला संस्कृति युवा विभाग की सचिव बंदना प्रेयसी, खेल निदेशक पंकज राज, एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक, बिहार एथलेटिक्स संघ के सचिव लियाकत अली समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

वहीं इस मौके पर सीएम ने घोषणा किया खेल प्रतियोगिताओं में पदक विजेता खिलाड़ियो को सीधी नौकरी दी जाएगी। आनेवाले दिनों में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को बिहार प्रशासनिक सेवा (एसडीएम), बिहार पुलिस सेवा (डीएसपी) या समकक्ष में सीधे नौकरी देंगे। खिलाड़ियों को उन्होंने कहा कि मेडल लाओ, नौकरी पाओ।

उन्होंने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि बिहार में पहली बार राष्ट्रीय अंतर जिला जूनियर एथलेटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। यह विश्व की सबसे बड़ी बुनियादी स्तर पर प्रतिभा खोज अभियान है। भविष्य के लिए खिलाड़ी तैयार करने का यह जरिया है। अब राज्य सरकार की तरफ से ऐसी और प्रतियोगिताएं आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए जो भी मदद की जरूरत होगी, राज्य सरकार अपने स्तर से करेगी। 

सीएम ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों से 6000 खिलाड़ी इसमें भाग ले रहे हैं, जिसमें बिहार के भी 600 खिलाड़ी हैं। बिहार में खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है। हमलोग चाहते हैं कि स्कूल एवं कॉलेजों के छात्र-छात्राएं पढ़ने के साथ-साथ खेलें भी। पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद भी जरूरी है। बिहार में वर्ष 2012 से लेकर अब तक 235 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। अभी ग्रेड-3 में नौकरी दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि बिहार में प्रखंड स्तर पर स्टेडियम का निर्माण कराया जा रहा है। 221 स्टेडियम बनकर तैयार हो गये हैं, बाकी पर काम जारी है। उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी प्रखंडों में जल्द-से-जल्द स्टेडियम का निर्माण करा दें। राज्य के प्रतिभावान खिलाड़ियों को ट्रेनिंग के लिए बाहर भी भेजा जा रहा है। राष्ट्रीय प्रतियोगिता में चयनित खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए विदेशों से भी प्रशिक्षकों को बुलाया जा रहा है। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को बिहार खेल प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। नकद राशि एवं प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। अब-तक 226 खिलाड़ियों को सम्मानित किया जा चुका है।

बिहार में बदला मौसम का मिजाज, पछुआ हवा से राजधानी पटना समेत 23 जिलों में गिरा तापमान

डेस्क : बिहार में एकबार फिर से मौसम का मिजाज बदल गया है। राज्यभर में ठंड में बढ़ोतरी हुई है। पछुआ के प्रभाव में बढ़ोतरी से गुरुवार को पटना सहित 23 जिलों में अधिकतम तापमान में कमी आयी है साथ ही 17 शहरों के न्यूनतम तापमान में भी कमी देखी गयी है। दक्षिण बिहार में न्यूनतम तापमान जबकि उत्तर बिहार में अधिकतम तापमान में विशेष कमी आने से राज्यभर में ठंड में आंशिक बढ़ोतरी हुई है।

गुरुवार को 7.5 डिग्री न्यूनतम तापमान के साथ गया सबसे ठंडा रहा। यहां न्यूनतम तापमान 5 डिग्री नीचे आया है। पटना के न्यूनतम तापमान में 3.3 डिग्री की कमी आई है, जिससे ठंड में बढ़ोतरी हुई है। 

मौसम विभाग के अनुसार राज्य में पछुआ का प्रवाह बना रहेगाष लेकिन दो दिन तापमान में विशेष बदलाव के आसार नहीं हैं। इसके बाद अगले दो दिन तक न्यूनतम तापमान में दो डिग्री तक की कमी संभावित है। अगले 24 घंटों में सुबह के समय राज्य के उत्तर मध्य भाग में आंशिक कोहरा देखा जा सकता है। 11 फरवरी को उत्तर-पूर्व भाग में आंशिक कोहरे की स्थिति रहेगी।

गुरुवार को मुजफ्फरपुर 2.2 डिग्री, पटना 3.3 डिग्री, रोहतास 3.4 डिग्री, गया में 5 डिग्री, सीतामढ़ी में 1.5 डिग्री, नवादा 3.4 डिग्री न्यूनतम पारा गिरा है। वहीं पूर्णिया 5.2 डिग्री, कटिहार 4.5 डिग्री, सहरसा 3.8 डिग्री, भागलपुर 1.7 डिग्री, बांका 2.8 डिग्री, नवादा 2.4 डिग्री की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।

बड़ी खबर : गोलियों की तड़तड़ाहट से गोपालगंज में सुबह की हुई शुरुआत, बाइक सवार अपराधियों ने मुखिया को गोलियों से भूना

डेस्क : बिहार में अपराधी पूरी तरह से बेखौफ हो गये है। उन्हें पुलिस और कानून का कोई भय नहीं रह गया है। आए दिन प्रदेश की किसी न किसी जिले से हत्या और लूट की खबर सामने आती रहती है। अपराधी हत्या और लूट जैसी बड़ी वारदात को अंजाम देकर आराम से चलते बन रहे है। 

ताजा मामला गोपालगंज जिले से सामने आई है। जहां आज गुरूवार को सुबह की शुरुआत गोलियों की तड़तड़ाहट से शुरु हुई है। आज अहले सुबह एक मुखिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। मृतक की पहचान थावे प्रखंड के फुलुगनी पंचायत के मुखिया मोहम्मद कुरैश के रूप में की गई है।

मिली जानकारी के अनुसार आज गुरुवार को मुखिया मो. कुरैश अपनी बाइक से थावे स्थित अपने ईंट भट्ठा पर जा रहे थे। इसी बीच नारायणपुर गांव के समीप अपराधियों ने बाइक सवार मुखिया पर फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें एक गोली मुखिया के सिर में लगी और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

 घटना की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। थावे थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।  

वहीं हत्या की घटना के बाद लोग आक्रोशित नजर आ रहे हैं। हत्या की सूचना मिलने के बाद काफी संख्या में लोग सदर अस्पताल में पहुंच गए हैं। अपने मुखिया की हत्या के बाद लोगों में आक्रोश नजर आ रहा है।

प्रदेश में 50 हजार की आबादी पर एक एससी/एसटी के बच्चों के लिए खुलेंगे स्कूल, 30 हजार की आबादी पर इनके लिए खोला जायेगा होस्टल

डेस्क : राज्यभर में 50 हजार की आबादी पर एक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बच्चों के लिए स्कूल खोले जायेंगे। सूबे में 40 जगहों पर ऐसे स्कूल खोले जायेंगे। वहीं 30 हजार की आबादी पर एक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति छात्रावास खोला जाएगा। ऐसे 136 छात्रावास खोलने की तैयारी है। यह अप्रैल 2023-24 सत्र में खोला जायेगा। इसके लिए जगह चिह्नित की जा रही है।

इन 40 और स्कूलों के खुलने के बाद राज्यभर में एससी और एसटी कोटि के बच्चों के कुल 126 स्कूल हो जायेंगे। वहीं नये 136 छात्रावास बनने के बाद राज्यभर में इसकी संख्या बढ़कर 247 हो जाएगी। 

एससी और एसटी कोटि के बच्चों के लिए स्कूल हर जिले में बनाये जायेंगे। स्कूल परिसर पांच एकड़ का होगा। इसमें स्कूल भवन के अलावा अलावा जिम, आउटडोर और इंडोर गेम की आदि की भी व्यवस्था रहेगी।

गौरतलब है कि वर्तमान में राज्यभर में एससी और एसटी कोटि के बच्चों को शिक्षित करने के लिए 86 स्कूल चल रहे हैं। इसमें 66 एससी और 20 एसटी कोटि के स्कूल हैं। सभी में कुल 25 हजार से अधिक बच्चे नामांकित हैं। इन स्कूलों में कक्षा एक से 12वीं तक की पढ़ाई होती है। इनकी परीक्षा बिहार बोर्ड द्वारा ली जाती है।

बिहार के पहले स्टार्टअप बी-हब का हुआ शुभारंभ, सीएम नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन

डेस्क : बिहार में स्टार्टअप बी-हब का शुभारंभ हो गया। बीते बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजधानी पटना के मौर्यालोक स्थित ए ब्लॉक के पांचवें तल पर पहला बिहार स्टार्टअप बी- हब का उद्घाटन किया। बी-हब के काउंटर पर जाकर स्टार्टअप उद्यमियों से मुख्यमंत्री ने बातचीत की और उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली।

साथ ही कंपनी द्वारा निर्मित उत्पाद / सेवाएं तथा लोगों को उससे मिलने वाली सुविधाओं के संबंध में भी जाना। उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौन्ड्रिक ने बिहार स्टार्टअप नीति, 2022 के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत 10 वर्षों के लिए 10 लाख रुपये तक की ब्याज रहित सीड फंडिंग की व्यवस्था की गई है।

पहला बिहार स्टार्टअप बी- हब का उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना तथा स्टार्टअप उद्यम पर आधारित अलग-अलग पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में 28 नये स्टार्टअप को सीड फंड तथा एक स्टार्टअप को मैचिंग लोन कुल 1.78 करोड़ रुपये दिये गए हैं।

मुख्यमंत्री ने गोरूरल फूड्स एंड बेवरीजेज प्राइवेट लिमिटेड को 38 लाख 80 हजार 835 रुपये का, यूनिटी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट एलएलपी को पांच लाख रुपये का, डिमाया इंफोमीडिया प्राइवेट लिमिटेड को छह लाख रुपये का, क्यूरियस बी डिजाइन्स प्राइवेट लिमिटेड को चार लाख 20 हजार रुपये का तथा मीडिकवाइजर प्राइवेट लिमिटेड को 10 लाख का सांकेतिक चेक सौंपा।

गौरतलब है कि पहला बिहार स्टार्टअप बी- हब का उद्घाटन किया। महिलाओं द्वारा प्रारंभ स्टार्टअप को पांच प्रतिशत, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति तथा दिव्यांगों के स्टार्टअप को 15 प्रतिशत अधिक राशि सीड फंड के रूप में देने का प्रावधान किया गया है।

एक्सीलेरेशन प्रोग्राम में भागीदारी के लिए तीन लाख रुपये के अनुदान का प्रावधान भी है। एंजेल निवेशकों से निवेश प्राप्त होने पर कुल निवेश का दो प्रतिशत सफलता शुल्क और सेबी पंजीकृत कैटगरी एक तथा एंजेल समूह से प्राप्त फंड के बराबर अधिकतम 50 लाख रुपये तक के मैचिंग लोन की व्यवस्था बिहार स्टार्टअप फंड से की जाती है।

जदयू एमएलसी और उनके सहयोगी के ठिकानों पर दो दिनो तक इनकम टैक्स की छापेमारी में अबतक पकड़ी गई 2 सौ करोड़ रुपये के टैक्स चोरी, आज भी जारी रह सकता

डेस्क : जदयू एमएलसी राधाचरण साह और उनके सहयोगी अशोक कुमार के ठिकानों पर इनकम टैक्स की छापेमारी बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रही। इस दौरान बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज और बिना बिल या कच्चे में लेनदेन से जुड़े कागजात बरामद किए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा बालू के अवैध खनन से जुड़े कारोबार के मामले हैं।

मिली जानकारी के अनुसार पूरे मामले की जांच में बड़ी संख्या में टैक्स चोरी की बात सामने आयी है। एमएलसी साह के आरा और पटना स्थित आवासों से बड़ी संख्या में कागजात बरामद किए गए हैं। इनकी जांच में काफी धांधली सामने आयी है। 

एमएलसी और उनके सहयोगी के तौर पर ब्रॉडसन्स कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के महाप्रबंधक अशोक कुमार के सभी ठिकानों पर छापेमारी में कच्चे बिल में बालू के कारोबार के कागजात मिले हैं। पटना के पटेल नगर स्थित एमएलसी के आवास से एक डायरी भी बरामद हुई है, जिसमें कुछ खास लोगों को किस आयोजन के लिए कितने पैसे दिए गये हैं, इसका ब्योरा है। यह डायरी एमएलसी के किसी बेहद करीबी की लिखी हुई है।

गौरतलब है कि पहले दिन ही जांच में करीब 125 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के मामले मिले थे। दूसरे दिन भी देर शाम तक सभी ठिकानों पर छापेमारी चलती रही। अब तक 200 करोड़ रुपये की गड़बड़ी सामने आयी है। बताया जा रहा है कि आज तीसरे दिन भी इसके जारी रहने की संभावना है।

पूर्व डिप्टी सीएम व भाजपा राज्यसभा सांसद सुशील मोदी का बड़ा दावा, बीजेपी का होगा बिहार का अगला सीएम

डेस्क : बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने बड़ा दावा किया है। उन्होने कहा है कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री बीजेपी का होगा। 

उन्होंने कहा कि जनता ने लालू-राबड़ी परिवार और नीतीश कुमार को 15-15 साल देकर देख लिया। अब 2025 में या जब भी विधानसभा के चुनाव होंगे, जनता भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार को एक मौका अवश्य देगी। अगला मुख्यमंत्री भाजपा का होगा। 

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने भले ही तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। लेकिन उन्हें न उनकी पार्टी स्वीकार करेगी और न बिहार की जनता लालू-राबड़ी के उस डरावने दौर में लौटना चाहेगी।  

उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को देखते ही लोगों को याद आ जाता है वह दौर , जब सड़कें जर्जर थीं। गांव लालटेन युग के अँधेरे में थे और शहरों को बमुश्किल 10 घंटे बिजली मिलती थी। 

पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि लोग उस दौर को नहीं भूले हैं, जब हत्या ,बलात्कर, फिरौती के लिए अपहरण और लूटपाट की घटनाएँ आम थीं, लेकिन विकास ठप था। बाजार शाम को ही अपराधियों के डर से बंद हो जाया करते थे।