बेतिया: स्वतंत्रता सेनानी महर्षि दयानंद सरस्वती के जन्म दिवस के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन
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बेतिया: सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में भारत स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष पर एवं भारत के महान समाज सुधारक साहा स्वतंत्रता सेनानी महर्षि दयानंद सरस्वती के जन्म दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड एवं डॉ शाहनवाज अली ने संयुक्त रुप से महर्षि दयानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत के महान समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी एवं आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती एक महान देशभक्त एवं भारत माता के सच्चे सपूत है. जिन्होंने भारत के राजनीतिक दर्शन एवं संस्कृति के विकास के लिए अथक प्रयास किया.
स्वामी दयानंद अपना सर्वस्व जीवन राष्ट्रहित के उत्थान, स्वच्छता पर्यावरण संरक्षण,समाज में प्रचलित अंधविश्वासों और कुरीतियों को दूर करने के लिए समर्पित कर दिया. इन्होंने अपनी ओजस्वी विचारों से समाज में नव चेतना का संचार जागृत किया.
इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल ,डॉ अमित कुमार लोहिया, डॉ शाहनवाज अली, अमजद अली एवं वरिष्ठ अधिवक्ता शंभू शरण शुक्ल ने कहा कि
महर्षि दयानंद का जन्म 12 फरवरी 1824 को गुजरात के टंकारा में ब्राह्मण परिवार में हुआ था.
वर्ष 1857 में महर्षि दयानंद ने गुडी पडवा के दिन मुंबई में आर्य समाज की स्थापना की. जिसका उद्देश्य समाज का मानसिक, शारीरिक एवम सामाजिक उन्नति करना था.
स्वामी दयानंद के अनुसार आर्य समाज का मुख्य धर्म, मानव धर्म ही था. स्वामीजी के इस फैसले का देश के कई बड़े विद्वानों, पंडितों ने विरोध किया परन्तु स्वामी दयानंद के प्रामाणिक और तार्किक ज्ञान ने सभी को गलत साबित कर दिया. प्रवक्ताओं ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा बताए गए स्वच्छता पर्यावरण संरक्षण एवं सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति के विचारों से समाज में नए जागृति लाई जा सकती है।
समाज कल्याण की भावना से ओतप्रोत महर्षि दयानंद में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बहुत ही आक्रोश था. उस समय के बहुत से क्रांतिकारी तात्या टोपे, नाना साहेब पेशवा, हाजी मुल्ला खां, बाला साहब आदि स्वामी दयानंद से प्रभावित थे।
Feb 12 2023, 17:53