पटना: एग्रो बिहार का किया गया समापन, किसानों ने जमकर खरीदे कृषि यंत्र

पटना: कृषि विभाग के सचिव डाॅ॰ एन॰ सरवण कुमार द्वारा आज गाँधी मैदान, पटना में कृषि विभाग, बिहार एवं सी॰आई॰आई॰ के सहयोग से आयोजित 09 से 12 फरवरी तक चार दिवसीय एग्रो बिहार, 2023 राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला-सह-प्रदर्शनी का समापन किया गया। 

सचिव, कृषि विभाग ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि इस वर्ष इस प्रदर्शनी-सह-मेला में राज्य के किसानों ने बड़ी संख्या में कृषि यंत्रों की खरीदारी कर सरकार की महत्वकांक्षी योजना का लाभ उठाया। आज इस मेला में विभिन्न जिलों के किसानों द्वारा सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर, रीपर-कम-बाईंडर, स्ट्राॅ रीपर, राईस मिल, मल्टी क्राॅप थ्रेसर, सीड-कम-फटिलाईजर ड्रील, थ्रेसर सहित 187.77 लाख रूपये के 114 कृषि यंत्रों का क्रय किया गया, जिस पर 76,18,600 रूपये अनुदान दिया गया। इस प्रकार, 04 दिनों में लगभग 11 करोड़ रूपये के कुल 665 कृषि यंत्रों का क्रय किया गया, जिस पर 481.73 लाख रूपये का अनुदान दिया गया। राज्य सरकार द्वारा राज्य में किसानों को 90 प्रकार के कृषि यंत्रों के क्रय पर 94.05 करोड़ रूपये अनुदान देने का प्रावधान किया गया है।

सरकार द्वारा किसानों को फसल अवशेष जलाने के बदले उनका खेतों में ही प्रबंधन कर खाद के रूप में उपयोग करने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई नवीनत्तम कृषि यंत्रों यथा 9 से 11 टाईन का हैप्पी सीडर, बिना रैक का स्ट्राॅ बेलर, स्ट्राॅ रीपर, सुपर सीडर, रोटरी मल्चर, स्लैसर एवं स्ट्राॅ मैनेजमेंट सिस्टम पर सामान्य वर्ग के किसान के लिए 75 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों के लिए 80 प्रतिशत अनुदान और स्वचालित/टैªक्टर चालित रीपर-कम-बाईंडर पर 50 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई। राज्यस्तर के इस कृषि यंत्र प्रदर्शनी-सह-किसान मेला में फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित यंत्र जैसे स्ट्राॅ रीपर, रीपर-कम- बाईंडर, सुपर सीडर आदि की भी बिक्री बड़ी संख्या में हुई है, इससे पता चलता है कि राज्य के किसान मृदा एवं पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूक है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में फसल अवशेष जलने की घटना में कमी आयेगी। इस कार्यक्रम में विभाग के सभी मुख्यालय एवं क्षेत्रीय पदाधिकारियों/कर्मचारियों का सहयोग काफी अच्छा रहा। 

एग्रो बिहार मेला में 341 किसानों को चलन्त मिट्टी जाँच प्रयोगशाला का निरीक्षण एवं मिट्टी परीक्षण योजना से संबंधित पुस्तिका उपलब्ध करायी गयी। साथ ही, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के संबंध में जानकारी दी गई। इस वर्ष इस मेले का आयोजन काफी सुन्दर तरीके से किया गया। उन्होंने कहा कि इस साल इस प्रदर्शनी-सह-मेला का आयोजन सफल रहा। 

उन्होंने इस मेला के आयोजन में सहयोग करने के लिए विभागीय एवं सी॰आई॰आई॰ के पदाधिकारियों/कर्मचारियों विशेषकर राज्य के किसानों को धन्यवाद दिया। 

डाॅ॰ कुमार ने कहा कि वर्ष 2011 से एग्रो बिहार राज्यस्तरीय यांत्रिकरण मेला का आयोजन कोरोना वर्ष को छोड़कर प्रत्येक वर्ष पटना में किया जाता रहा है।

 इस मेले की विशेषता यह है कि यहाँ एक ही स्थान पर आधुनिक कृषि यंत्रों के निर्माता-विक्रेता एवं किसान का सीधा संवाद होता है तथा विभिन्न प्रकार के आधुनिक कृषि यंत्र भी मेला में उपलब्ध रहता है। कृषि विभाग की इस पहल से राज्य के किसानों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आधुनिक कृषि यंत्रों के बारे में जानकारी लेने एवं उन्हें खरीदने का मौका मिलता है। 

साथ ही, मेला परिसर में संचालित किसान पाठशाला में प्रतिभागी किसानों को विभागीय पदाधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विभाग में संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी तथा कृषि विश्वविद्यालयों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, पटना के वैज्ञानिकगणों द्वारा जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में फसल उत्पादन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। 

उन्होंने कहा कि आज तक इस प्रदर्शनी-सह-मेला में राज्य के 30 हजार से अधिक किसान/आगन्तुक आये, जिनमें आत्मा योजना के माध्यम से मेला में आज तक सभी 38 जिलों से 17630 किसानों को भ्रमण पर कराया गया। आज पटना, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, मधेपुरा तथा सुपौल 07 जिलों के किसानों को भ्रमण पर लाया गया। 

इस मेला-सह-प्रदर्शनी में विभिन्न कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा अपने कृषि यंत्र का प्रदर्शन किया गया। कृषकों द्वारा बड़ी संख्या में अपनी मनपसंद कृषि यंत्रों का क्रय कर सरकार द्वारा दिये जा रहे अनुदान का लाभ उठाये। 

मेला में कृषि यंत्रों के अतिरिक्त उद्यान, बीज, पौधा संरक्षण, भूमि संरक्षण, उर्वरक, प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों का प्रदर्शन एवं बिक्री के साथ एग्रो प्रोसेसिंग यंत्रों का भी बिक्री एवं प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिन संध्या में मुख्य मंच पर दर्शकों के मनोरंजन के लिए मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

 उन्होंने विभागीय पदाधिकारियों को निदेश दिया कि वर्ष 2024 में आयोजित होने वाले एग्रो बिहार मेला-सह-प्रदर्शनी के लिए अभी से तिथि निर्धारित कर लिया जाये, ताकि मेला का आयोजन और अच्छी तरह से किया जा सके।

इस समारोह में सभी कृषि यंत्र निर्माता कम्पनियों को द्वारा संयुक्त रूप से प्रमाण-पत्र एवं मोमेन्टो प्रदान किया गया। 

इस अवसर पर विशेष सचिव-सह-कृषि निदेशक श्री विजय कुमार, अपर निदेशक (शष्य) श्री धनंजयपति त्रिपाठी, निदेशक, निदेशक भूमि संरक्षण श्री बैंकटेश नारायण सिंह, संयुक्त निदेशक, कृषि अभियंत्रण श्री जय प्रकाश नारायण, निदेशक, बामेती श्री आभान्शु सी॰ जैन सहित कृषि विभाग एवं सी॰आई॰आई॰ के अन्य पदाधिकारी तथा कर्मचारीगण, कृषि यंत्र निर्माता/विक्रेता सहित बड़ी संख्या में किसान भाई-बहन उपस्थित थे। 

एग्रो बिहार 2023 का मुख्य आकर्षण:

लगभग 3 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में लगने वाले इस मेले में 125 से अधिक स्टाॅल लगाये गये।

इस प्रदर्शनी में बिहार के अलावे दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के कृषि यंत्र निर्माता भाग लिये।

राज्य एवं राज्य के बाहर के वरीय पदाधिकारी, वैज्ञानिक, बुद्धिजीवी, उद्यमी भी मेला में भाग लिये।

राज्य के सभी जिलों से आत्मा के माध्यम से कुल 17,630 किसानों को मेला भ्रमण कराया गया। 

प्रत्येक दिन किसान पाठशाला में किसानों को बुआई से कटाई तक के नवीनतम कृषि यंत्र, फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र, बागवानी से संबंधित कृषि यंत्र, ड्रोन की उपयोगिता एवं महत्व, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का महत्व, खरपतवार नियंत्रण व निकाई-गुराई संबंधित यंत्र तथा कृषि यंत्रों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए कल-पूर्जों के रख-रखाव एवं अन्य संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया।

कृषि विभाग के भूमि संरक्षण, उद्यान, मिट्टी जाँच, बसोका, बामेती से संबंधित योजनाओं/क्रिया-कलापों को प्रदर्शित किया गया।

मेला में खाद्य एवं प्रसंस्करण, पशुपालन, मत्स्यपालन, गव्य विकास, गन्ना उद्योग, उद्योग विभाग, सहकारिता, कम्फेड से संबंधित योजनाओं/क्रियाकलापों को प्रदर्शित किया गया ।

इस मेला में कृषि यंत्रों के निर्माताओं एवं विक्रेताओं की व्यावसायिक बैठक (B to B Meet) एवं यंत्र निर्माताओं तथा उद्योग विभाग के पदाधिकारियों की बैठक (B to G Meet) का आयोजन किया गया।

स्थानीय विद्यालयों के छात्र/छात्राओं के बीच चित्रकला प्रतियोगिता तथा क्विज का आयोजन किया गया तथा विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। 

मेला परिसर में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा प्रतिदिन कृषकों/आगंतुकों के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

मेला में आंगतुकों के लिए बिहारी व्यंजनों का फूड कोर्ट की व्यवस्था भी की गई।

पटना न्यू एजुकेशन पॉलिसी के अतंर्गत वेस्ट प्वाइंट प्री स्कूल का उद्घाटन एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने किया!

भारत के प्रधानमंत्री द्वारा लागू नई शिक्षा नीति 2020 के सपने को साकार करने हेतु प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने आज न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अंतर्गत 5 साल से नीचे के बच्चों के लिए नालंदा

लर्निंग के सी ई ओ तमल मुखर्जी एवं निदेशक तिमिर मुखर्जी के सहयोग से समनपुरा राजा बाजार स्थित वेस्ट प्वाइंट प्रीस्कूल का उद्घाटन  फीता काट कर किया!

इस अवसर पर सैयद शमायल अहमद ने कहा की 5 साल से नीचे के बच्चों के लिए भारत सरकार ने जो सिलेबस तैयार किया है वह बच्चों की बेसिक ज्ञान के लिए अत्यंत उपयुक्त है इस नई शिक्षा पद्धति को पूर्ण रूप से लागू करने हेतु बिहार एवं देश के अन्य भागों में 1000 प्री स्कूल खोलने का लक्ष्य रखा गया है!

इस मौके पर उपस्थित दो हजार से ज्यादा अभिभावकों छात्रों एवं गणमान्य अतिथियों ने वेस्ट पॉइंट प्रीस्कूल का भ्रमण किया एवं इस कॉन्सेप्ट का सहृदय स्वागत किया स्कूल में प्राइमरी सेक्शन की साज-सज्जा की सराहना की और बच्चों की पढ़ाई से संबंधित खिलौने एवं दिलचस्प उपकरणों को देखकर मनमोहित हुए!

इस मौके पर नालंदा लर्निंग के सीईओ तमल मुखर्जी निदेशक तिमिर मुखर्जी वेस्ट प्वाइंट प्रीस्कूल की निदेशिका शहला रिजवाना बिहार सरकार के पूर्व नागरिक परिषद के महासचिव सैयद शाहजहां अहमद एसोसिएशन के महासचिव डॉ उमेश प्रसाद सिंह मौसमी महापात्रा सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे!

वेस्ट प्वाइंट प्री स्कूल की प्राचार्य फौजिया खान ने अतिथियों का स्वागत किया एवं धन्यवाद ज्ञापन दिया!

 

पटना: एग्रो बिहार, राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला का आज तीसरा दिन, किसानों के लिए ज्ञानवर्द्धक एवं लाभदायक

पटना: गाँधी मैदान, पटना में कृषि विभाग, बिहार द्वारा सी॰आई॰आई॰ के सहयोग से आयोजित एग्रो बिहार, राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला का आज तीसरा दिन है। 

इन तीन दिनों में राज्य के किसान बड़ी मात्रा में पूरे जिज्ञासा एवं उत्साह के साथ इस प्रदर्शनी में भाग ले रहे हैं। किसानों द्वारा इस मेला में विभिन्न प्रकार के बड़े एवं छोटे कृषि यत्रों की खरीददारी बड़ी मात्रा में गई है। सरकार द्वारा उन्हें कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ भी दिया जा रहा है। इस मेला में किचेन गार्डेन के उपयोग में आने वाले छोटे कृषि यंत्रों से लेकर कम्र्बाइंड हार्वेस्टर तक बड़े यंत्र उपलब्ध है। 

यह मेला किसानों के लिए ज्ञानवर्द्धक एवं लाभदायक सिद्ध हो रहा है। कल इस मेला का आखिरी दिन है।

कृषि विभाग द्वारा आज मेला परिसर में क्वीज प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें कुल 21 विद्यालयों ने भाग लिया।

 इस प्रतियोगिता में एस॰भी॰एम॰ रेजिडेंसियल स्कूल को प्रथम, इंटरनेशनल स्कूल को द्वितीय एवं डी॰पी॰एस॰ स्कूल को तृतीय पुरस्कार दिया गया। विजेता स्कूलों को प्रथम पुरस्कार के रूप मेें 3000 रूपये, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 2000 रूपये एवं तृतीय पुरस्कार के रूप में 1000 रूपये के साथ-साथ मेडल दिया गया। 

आज इस मेला में राज्य के 23 हजार से अधिक किसान/आगन्तुक आये, जिनमें आत्मा योजना के माध्यम से आज इस मेला में पटना सहित भागलपुर, बाँका, मुँगेर, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, पूर्णियाँ, कटिहार, अररिया तथा किशनगंज 13 जिले के किसानों ने भ्रमण किया। इस मेले में किसी तरह का प्रवेश शुल्क नहीं है। कोई भी किसान/व्यक्ति स्वेच्छा से इस प्रदर्शनी/मेला में भाग ले सकते हैं। आज इस मेला में विभिन्न जिलों के किसानों द्वारा सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर, रीपर-कम-बाईंडर, राईस मिल, मल्टी क्राॅप थ्रेसर, सीड-कम-फटिलाईजर ड्रील, थ्रेसर सहित 204 कृषि यंत्रों का क्रय किया गया, जिस पर 1,24,85,800 रूपये अनुदान दिया गया। इस प्रकार, 03 दिनों में कुल 551 कृषि यंत्रों का क्रय किया गया, जिस पर 405.54 लाख रूपये का अनुदान दिया गया।

इस मेला-सह-प्रदर्शनी में विभिन्न कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा अपने कृषि यंत्र का प्रदर्शन किया जा रहा है। फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्रों का विशेष रूप से प्रदर्शन एवं बिक्री किया जा रहा है। सरकार द्वारा किसानों को फसल अवशेष जलाने के बदले उनका खेतों में ही प्रबंधन कर खाद के रूप में उपयोग करने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई नवीनत्तम कृषि यंत्रों यथा 9 से 11 टाईन का हैप्पी सीडर, बिना रैक का स्ट्राॅ बेलर, स्ट्राॅ रीपर, सुपर सीडर, रोटरी मल्चर एवं स्ट्राॅ मैनेजमेंट सिस्टम पर सामान्य वर्ग के किसान के लिए 75 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों के लिए 80 प्रतिशत अनुदान और स्वचालित/टैªक्टर चालित रीपर-कम-बाईंडर पर 50 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। 

कृषक अपनी पसंद एवं इच्छा से इन कृषि यंत्रों का क्रय सरकार द्वारा अनुदानित दर पर कर रहे हैं। मेला में कृषि यंत्रों के अतिरिक्त उद्यान, बीज, पौधा संरक्षण, भूमि संरक्षण, उर्वरक, प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों का प्रदर्शन एवं बिक्री के साथ एग्रो प्रोसेसिंग यंत्रों का भी बिक्री एवं प्रदर्शन किया जा रहा है।

संध्या में मुख्य मंच पर दर्शकों के मनोरंजन के लिए मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

एग्रो बिहार 2023 का मुख्य आकर्षण:

लगभग 3 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में लगने वाले इस मेले में 125 से अधिक स्टाॅल लगाये गए हैं।

इस प्रदर्शनी में बिहार के अलावे दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के कृषि यंत्र निर्माता भाग ले रहे हैं।

राज्य एवं राज्य के बाहर के वरीय पदाधिकारी, वैज्ञानिक, बुद्धिजीवी, उद्यमी भी मेला में भाग ले रहे हैं।

राज्य के सभी जिलों से 4500 किसानों को प्रतिदिन आत्मा के माध्यम से मेला भ्रमण की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही, राज्य के सभी जिलों से लगभग 500 कृषि यंत्र व्यवसायियों के भाग ले रहे हैं।

प्रत्येक दिन किसान पाठशाला में किसानों को बुआई से कटाई तक के नवीनतम कृषि यंत्र, फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र, बागवानी से संबंधित कृषि यंत्र, ड्रोन की उपयोगिता एवं महत्व, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का महत्व, खरपतवार नियंत्रण व निकाई-गुराई संबंधित यंत्र तथा कृषि यंत्रों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए कल-पूर्जों के रख-रखाव एवं अन्य संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

मेला परिसर में चलन्त मिट्टी जाँच प्रयोगशाला भी कार्यरत है, जहाँ किसान भाई मिट्टी की जाँच करवा कर जाँच रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं।

मेला में खाद्य एवं प्रसंस्करण, पशुपालन, मत्स्य पालन, गव्य विकास, गन्ना उद्योग, उद्योग विभाग, सहकारिता, कम्फेड से संबंधित योजनाओं/क्रियाकलापों को प्रदर्शित किया गया है।

मेला में आंगतुकों के लिए बिहारी व्यंजनों का फूड कोर्ट की व्यवस्था भी की गई है।

चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पटना ने की प्रथम अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन सम्मेलन की मेजबानी

पटना: चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पटना (CIMP) ने वित्तीय प्रबंधन में वर्तमान रुझानों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा करने के लिए अनुसंधान विद्वानों, शिक्षाविदों और उद्योग के प्रतिभागियों को एक साथ लाने के लिए प्रथम अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन सम्मेलन की मेजबानी की।

कार्यक्रम की शुरुआत सीआईएमपी के निदेशक प्रोफेसर डॉ. राणा सिंह, प्रोफेसर डॉ. रंजीत तिवारी , संयोजक (आईएफएमसी) और प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार , चेयरपर्सन (आईएफएमसी) ने दीप प्रज्वलित कर की।

चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पटना के निदेशक प्रोफेसर डॉ राणा सिंह ने कहा, "हम इस साल के सम्मेलन के लिए पेशेवरों के इतने विविध और प्रतिभाशाली समूह को एक साथ लाकर रोमांचित हैं।"

 "यह कार्यक्रम उपस्थित लोगों को नेटवर्क बनाने, सीखने और एक-दूसरे के साथ जुड़ने का एक अमूल्य अवसर प्रदान करता है, और हमें अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में वित्त की महत्वपूर्णता को दर्शाते हुए इसका एक हिस्सा बनने के लिए सम्मानित किया जाता है।"

सम्मेलन के दौरान, विशिष्ट वक्ता प्रो. डॉ. संकर्षण बास, प्रोफेसर, आईआईएम बैंगलोर द्वारा "भारत में गैर-पारंपरिक डेरिवेटिव्स के भविष्य और संभावनाएं" पर मुख्य भाषण दिया गया। इसके अलावा सम्माननीय अतिथि, श्री गोविंद शानभोग, वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक, प्रायोजक एम एंड ए समूह, सैंटेंडर इन्वेस्टमेंट बैंक (यूके) ने विदाई नोट के रूप में अपने ज्ञान के शब्दों के साथ उपस्थित लोगों की हौसला को बढ़ाया।

सम्मेलन में भुगतान संतुलन, परिसंपत्ति मूल्य निर्धारण, मुद्रा ऋण, जिम्मेदार निवेश, हरित वित्तपोषण, वित्तीय समावेशन, सतत निवेश, जिम्मेदार पर्यटन, फंड आकार और वापसी जैसे विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला भी शामिल थी, जिसमें विभिन्न आर्थिक और कॉर्पोरेट मुद्दों पर चर्चा की गई और चुनौतियों का प्रदर्शन किया गया। समकालीन औद्योगिक प्रवृत्तियों से संबंधित लचीलापन।

आईआईएम रांची, आईबीएस पुणे, एनआईटीआईई मुंबई, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार, निरमा यूनिवर्सिटी, आसनसोल गर्ल्स कॉलेज, एनएल डालमिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, मुंबई, बीआईटी जैसे विभिन्न संस्थानों से कुल 15 शोध पत्रों के साथ दो समानांतर तकनीकी सत्रों में सम्मेलन आयोजित किया गया था। 

मेसरा, आदि 2 तकनीकी दौरों के लिए अंतिम प्रस्तुति के लिए पूर्ण कागजात और सार सहित कुल 22 प्रस्तुतियाँ चुनी गईं

सम्मेलन, जिसने दुनिया भर से उपस्थित लोगों को आकर्षित किया, को वित्तीय पेशेवरों को अपनी अंतर्दृष्टि और विशेषज्ञता साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इस आयोजन ने उपस्थित लोगों को वित्त, अर्थशास्त्र और व्यापार रणनीति में दुनिया के कुछ प्रमुख विशेषज्ञों से सुनने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया।

सम्मानित अतिथि के रूप में, श्री गोविंद शानबोग, वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक, प्रायोजक एम एंड ए समूह, सैंटेंडर इन्वेस्टमेंट बैंक (यूके) ने विदाई नोट के रूप में अपने ज्ञान के शब्दों के साथ उपस्थित लोगों की हौसला को बढ़ाया।

प्राप्त कुल प्रस्तुतियों में से, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी से डॉ. सुब्रत रॉय और मोनिका पाल द्वारा 'इंडियन इकोनॉमिक ग्रोथ एंड इट्स मैक्रोइकॉनॉमिक डिटर्मिनेंट्स: एन एम्पिरिकल स्टडी' नामक पेपर को सर्वश्रेष्ठ पेपर का पुरस्कार दिया गया।

कार्यक्रम का समापन प्रमाण पत्र और पुरस्कार वितरण के साथ हुआ जिसके बाद आयोजन अध्यक्ष प्रो. संतोष कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

जमुई को कुल 352 करोड़ रुपए की रेलवे परियोजना की सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री एवं रेल मंत्री का जताया आभार:-चिराग पासवान

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद आदरणीय श्री चिराग पासवान जी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में

 अपने संसदीय क्षेत्र जमुई को कुल 352 करोड़ रुपए की रेलवे परियोजना की सौगात देने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं माननीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी का आभार जताया है।

अपने संसदीय क्षेत्र जमुई के दौरे पर गए श्री चिराग ने आज उक्त परियोजना को लेकर जमुई की जनता की ओर से बधाई देते हुए अपने ट्वीट में लिखा है

 कि जमुई को कुल 352 करोड रुपए की रेलवे परियोजना की सौगात देने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी माननीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी का जमुई की जनता की ओर से आभार एवं धन्यवाद!         

उक्त आशय की जानकारी लोजपा (रा) के प्रदेश मीडिया प्रभारी कुंदन पासवान ने दी।

आखिर क्या रिश्ता है भाजपा और अडानी के बीच - देश की जनता जानना चाहती है,चित्तरंजन गगन


 

पटना 10 फरवरी 2023 ; राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने हिंडनवर्ग के खुलासे के बाद भाजपा द्वारा उधोगपति गौतम अडानी का बचाव किये जाने पर कहा है कि आखिर भाजपा और अडानी के बीच कौन सा रिश्ता है जिसे देश की जनता जानना चाह रही है। चुंकि इस खुलासे के बाद देश की जनता के गाढी कमाई का हजारों करोड़ रूपया डूब गया है। जिसे उन्होंने अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए एलआईसी और विभिन्न बैंकों में जमा कराया था।

    

 राजद प्रवक्ता ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि महंगाई और बेरोजगारी को नियंत्रित करने में विफल केन्द्र की सरकार द्वारा जहां खाद सब्सिडी में कटौती कर दी गई , मनरेगा, प्रधानमंत्री फसल बिमा योजना, पीएम किसान योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, मनरेगा, समग्र शिक्षा अभियान जैसे योजनाओं के बजट आवंटन को कम कर गांवों,किसानों, मजदूरों और नौजवानों को दोहरी मार का शिकार बनाया है

 वहीं दूसरी ओर अडानी जैसे कॉरपोरेट घरानों को बेजा फायदा पहुंचाने के लिए राष्ट्रहित को नजरंदाज करते हुए बैंक कर्ज का 72000 करोड़ रूपया बट्टे खाते ( अंडर राईट ) में डाल दिया गया जो अप्रत्यक्ष रूप से कर्जमाफी हीं है। एलआईसी और विभिन्न बैंकों के माध्यम से लगभग 80 हजार करोड़ रुपए का कर्ज दिलवाया गया है और बड़े पैमाने पर ऊंची किमतों में अंबानी कम्पनियों के शेयर खरीदे गए हैं। जो आज डूबने की स्थिति में है और एलआईसी के साथ हीं एसबीआई के उपर आर्थिक संकट का खतरा पैदा हो गया है । एक ओर जहां देश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आम लोगों की आय में लगातार कमी होती जा रही है वहीं 2014 में विश्व के अमीर लोगों की सूची में 609 वें स्थान पर रहने वाले अडानी 2022 में जबरदस्त छलांग लगाकर दूसरे स्थान पर पहुंच गए। 2014 में जिस अडानी की सम्पत्ति मात्र 8 बिलियन की थी वह 2022 में यानी मात्र 8 वर्षों में 140 बिलियन पहुंच गई । जबकि सबसे आश्चर्य की बात यह है कि देश के टॉप 10 कर दाताओं में अडानी जी का एक भी कंपनी नहीं है।

   

 राजद प्रवक्ता ने कहा कि सरकार के खिलाफत करने वालों के यहां ईडी , आईटी और सीबीआई जैसी संस्थाएं जहां स्वत: संज्ञान लेकर सक्रिय हो जाती है वहीं इतने बड़े घोटाले के पर्दाफाश होने के बाद भी इन संस्थाओं की चुप्पी काफी आश्चर्यजनक है। शेयर मार्केट का मोनिटरिंग करने वाली संस्था "सेबी" की भूमिका तो और हैरान करने वाली है। 

   राजद प्रवक्ता ने कहा कि हिंडनवर्ग के खुलासे के अनुसार अडानी ने मॉरीशस जैसे टैक्स हेवन देशों में कई मुखौटा कंपनी खोल रखा है जिसके माध्यम से हेराफेरी कर अडानी ग्रुप के शेयरों के दाम ऊंचे लगाकर मार्केट में अडानी ग्रुप के शेयरों के दाम को वास्तविक दाम से काफी बढ़ा दिया जाता है।

    

 राजद प्रवक्ता ने कहा कि अडानी मात्र एक उधोगपति हीं नहीं हैं बल्कि उनसे देश की आर्थिक व्यवस्था के साथ हीं देश की सुरक्षा और अन्तर्राष्ट्रीय संबंध भी जुड़ा हुआ है। देश के पोर्ट , एअरपोर्ट के अलावा कोयला, बिजली, सड़क , तेल और रेल के साथ हीं रक्षा उपकरण विनिर्माण आदि भी अडानी ग्रुप के हवाले किया जा रहा है। 

   

 राजद प्रवक्ता ने कहा कि जिस प्रकार देश के सारे आर्थिक संसाधनों पर कभी ईस्ट इंडिया कंपनी का कब्जा हो गया था आज उसी की पुनरावृत्ति हो रही है और देश के तमाम आर्थिक संसाधनों को एक खास कॉरपोरेट घराने के नियंत्रण में दिया जा रहा है। 

  

 राजद प्रवक्ता ने कहा कि अडानी पर हिंडनवर्ग की रिपोर्ट से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रतिष्ठा प्रभावित हुई है और देश के साख पर सवाल खड़े हो गए हैं। इसलिए इस पुरे प्रकरण की जांच संयुक्त संसदीय समिति ( जेपीसी ) से करवाई जाए। पूर्व में भी बोफोर्स तोप मामले में स्वीडन के एक रेडियो प्रसारण के आधार पर हीं जेपीसी द्वारा जांच करवाई गई थी।

 भ्रष्टाचार के इतने गंभीर और बड़े मामले में केन्द्र सरकार द्वारा अभी तक जांच की स्वीकृति नहीं दिए जाने और भाजपा द्वारा खुलकर अडानी का बचाव किए जाने से भाजपा आज स्वयं कटघरे में खड़े हो गई है। इसलिए देश की जनता यह जानना चाहती है कि आखिर भाजपा और अडानी के बीच कौन सा रिश्ता है ? 

यदि कोई गड़बड़ी नहीं है तो फिर जेपीसी जांच करवाने से केन्द्र की सरकार क्यों भाग रही है ? प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश प्रवक्ता सारीका पासवान, प्रदेश महासचिव संजय यादव, ई.अशोक यादव, धर्मेंद्र पटेल, देवकिशुन ठाकुर एवं प्रमोद राम भी उपस्थित थे।

      

एग्रो बिहार राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला में कृषि यंत्रों का प्रदर्षन, तकनीकी जानकारी तथा अनुदान का लाभ मिल रहा एक ही साथ


गाँधी मैदान, पटना में आयोजित एग्रो बिहार, 2023 राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला का आज दूसरा दिन है। इसमें बड़ी मात्रा में राज्य के किसान भाई-बहन भाग ले रहे हैं। 

इस मेला में किसानों को कृषि यंत्रों का प्रदर्शन, उनके बारे में तकनीकी जानकारी तथा उन्हें कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ एक ही साथ मिल रहा है। यह मेला 09-12 फरवरी तक कृषि विभाग, बिहार द्वारा सी॰आई॰आई॰ के सहयोग से आयोजन किया जा रहा है। मेला में आये किसानों को कृषि विशेषज्ञों द्वारा किसान पाठशाला के माध्यम से आधुनिकत्तम जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। इस मेला में कृषि यंत्रों के निर्माताओं एवं विक्रेताओं की व्यावसायिक बैठक (B to B Meet) का आयोजन भी किया गया। एग्रो फूड प्रोसेसिंग, डेयरी चिलिंग, मल्टी परपस कोल्ड स्टोरेज, फ्रूट रायपेनिंग चैंबर आदि के लिए रेफ्रीजरेशन सिस्टम प्रोभाईडर कम्पनी द्वारा भी अपने मशीनों का प्रदर्शन एवं जानकारी किसानों तथा उद्यमियों को दिया गया। इस मेला में बच्चों के मनोरंजन के लिए टाॅय ट्रेन, जंपिंग बेड, मिक्की माऊस स्लाईड आदि की व्यवस्था की गई है।

आज इस मेला में पटना, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी, शिवहर, पू॰ चम्पारण, प॰ चम्पारण, सारण, सिवान एवं गोपालगंज जिले के किसानों ने भाग लिया। आज तक इस प्रदर्शनी-सह-मेला में राज्य के 15 हजार से अधिक किसान/आगन्तुक आये। इस मेले में किसी तरह का प्रवेश शुल्क नहीं है। कोई भी किसान/व्यक्ति स्वेच्छा से इस प्रदर्शनी/मेला में भाग ले सकते हैं। आज इस मेला में विभिन्न जिलों के किसानों द्वारा रीपर-कम-बाईंडर, स्ट्राॅ-रीपर, रोटरी मल्चर, थ्रेसर, चाॅफ कटर, पावर स्प्रेयर सहित 232 कृषि यंत्रों का क्रय किया गया, जिस पर 1,28,44,000 रूपये अनुदान दिया गया। इस प्रकार 02 दिनों में कुल 347 कृषि यंत्रों का क्रय किया गया, जिस पर 280.69 लाख रूपये का अनुदान दिया गया।

एग्रो बिहार मेला मे जल-जीवन-हरियाली, समेकित कृषि प्रणाली एवं जल संरक्षण आदि विषयों पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन दो बैच सीनियर एवं जूनियर के बीच अलग-अलग किया गया, जिसमें पटना शहर के विभिन्न विद्यालयों के कुल 106 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में सीनियर बैच में इंटरनेशनल स्कूल के सुश्री अनिशा प्रिया को प्रथम, कृष्णा निकेतन के सुश्री सिद्धी शर्मा को द्वितीय एवं डी॰ए॰वी॰ पब्लिक स्कूल, वाल्मी के सुश्री अंजलि कुमारी को तृतीय पुरस्कार दिया गया। जूनियर बैंच में डी॰ए॰वी॰ पब्लिक स्कूल, बी॰एस॰ई॰बी॰ के श्री अंशुमन झा को प्रथम, डी॰ए॰वी॰ पब्लिक स्कूल, बी॰एस॰ई॰बी॰ श्री कार्तिकेय श्रवण को द्वितीय एवं डी॰ए॰वी॰ पब्लिक स्कूल, कैंट रोड, पटना के सुश्री रिया सिंह को तृतीय पुरस्कार दिया गया। विजेताओं छात्र-छात्राओं को प्रथम पुरस्कार के रूप मेें 3000 रूपये, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 2000 रूपये एवं तृतीय पुरस्कार के रूप में 1000 रूपये के साथ-साथ मोमेंटो तथा प्रमाण-पत्र दिया गया। 

इस मेला-सह-प्रदर्शनी में विभिन्न कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा अपने कृषि यंत्रों का प्रदर्शन किया जा रहा है। फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्रों का विशेष रूप से जीवन्त प्रदर्शन एवं बिक्री किया जा रहा है।

 सरकार द्वारा किसानों को फसल अवशेष जलाने के बदले उनका खेतों में ही प्रबंधन कर खाद के रूप में उपयोग करने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई नवीनत्तम कृषि यंत्रों यथा 9 से 11 टाईन का हैप्पी सीडर, स्ट्राॅ बेलर, स्ट्राॅ रीपर, सुपर सीडर, रोटरी मल्चर एवं स्ट्राॅ मैनेजमेंट सिस्टम पर सामान्य वर्ग के किसान के लिए 75 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों के लिए 80 प्रतिशत अनुदान और स्वचालित/टैªक्टर चालित रीपर-कम-बाईंडर पर 50 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। कृषक अपनी पसंद एवं इच्छा से इन कृषि यंत्रों का क्रय सरकार द्वारा अनुदानित दर पर कर रहे हैं। मेला में कृषि यंत्रों के अतिरिक्त उद्यान, बीज, पौधा संरक्षण, भूमि संरक्षण, उर्वरक, प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों का प्रदर्शन एवं बिक्री के साथ एग्रो प्रोसेसिंग यंत्रों का भी बिक्री एवं प्रदर्शन किया जा रहा है।

इस एग्रो बिहार-2023 में खेत की जुताई से लेकर फसल कटाई एवं प्रसंस्करण तथा भण्डारण तक तमाम मशीने यथा कम्बाईन हार्वेस्टर, पैडी ट्रांसप्लांटर, हैप्पी सीडर, राइस मिल, स्ट्रा रीपर, रीपर-कम- बाइन्डर, रेज्ड वेड प्लांटर, पोटैटो डिगर, पोटैटो प्लांटर, पम्प सेट, ट्रैक्टर, पावर टीलर, स्वचालित रीपर, स्ट्रा वेलर, धान/गेहँू थ्रेसर एवं अन्य उपयोगी मशीन किसानों के बीच प्रदर्शित किये जा रहे हैं।

संध्या में मुख्य मंच पर दर्शकों के मनोरंजन के लिए मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। 

एग्रो बिहार 2023 का मुख्य आकर्षण:

लगभग 3 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में लगने वाले इस मेले में 125 से अधिक स्टाॅल लगाये गए हैं।

इस प्रदर्शनी में बिहार के अलावे दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के कृषि यंत्र निर्माता भाग ले रहे हैं।

राज्य एवं राज्य के बाहर के वरीय पदाधिकारी, वैज्ञानिक, बुद्धिजीवी, उद्यमी भी मेला में भाग ले रहे हैं।

राज्य के सभी जिलों से 4500 किसानों को प्रतिदिन आत्मा के माध्यम से मेला भ्रमण की व्यवस्था की गई है। 

इसके साथ ही, राज्य के सभी जिलों से लगभग 500 कृषि यंत्र व्यवसायियों के भाग ले रहे हैं।

प्रत्येक दिन किसान पाठशाला में किसानों को बुआई से कटाई तक के नवीनतम कृषि यंत्र, फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र, बागवानी से संबंधित कृषि यंत्र, ड्रोन की उपयोगिता एवं महत्व, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का महत्व, खरपतवार नियंत्रण व निकाई-गुराई संबंधित यंत्र तथा कृषि यंत्रों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए कल-पूर्जों के रख-रखाव एवं अन्य संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

यंत्र निर्माताओं एवं विभाग के वरीय पदाधिकारियों की बैठक (B to G Meet) का आयोजन किया जायेगा।

मेला परिसर में चलन्त मिट्टी जाँच प्रयोगशाला भी कार्यरत है, जहाँ किसान भाई मिट्टी की जाँच करवा कर जाँच रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं।

मेला में खाद्य एवं प्रसंस्करण, पशुपालन, मत्स्य पालन, गव्य विकास, गन्ना उद्योग, उद्योग विभाग, सहकारिता, कम्फेड से संबंधित योजनाओं/क्रियाकलापों को प्रदर्शित किया गया है।

मेला में आंगतुकों के लिए बिहारी व्यंजनों का फूड कोर्ट की व्यवस्था भी की गई है।

पटना साहिब गुरुद्वारा पहुँचा भारत जोड़ो यात्रा/किसी बात को लेकर आपस मे भीड़ गए कॉंग्रेसी

पटना : कांग्रेस द्वारा आयोजित भारत जोड़ो यात्रा आज पटना साहिब पहुंचा। हालांकि कई मार्ग से होते हुए भारत जोड़ो यात्रा पटना साहिब गुरुद्वारा पहुंचा। 

जहां कांग्रेसियों ने गुरु घर मत्था टेक गुरु महाराज से आशीर्वाद लिया। इसके पश्चात पटना साहिब गुरुद्वारा में ही कांग्रेसी कार्यकर्ता आपस में भीड़ गए।

इस दौरान जमकर हाथापाई हुई है। इस दौरान बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह प्रेम रंजन मिश्र सहित कहीं बड़े नेता भी मौजूद रहे।

किसी तरह से हाथापाई हो रहे कांग्रेसियों को किसी तरह से हटाया गया। 

फिलहाल किस बात को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ता पटना साहिब गुरुद्वारा में ही आपस में भिड़ गए यह बात अब यह स्पष्ट नहीं हो सका है। 

लेकिन भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इस तरह का वीडियो आना अपने आप में शर्म की बात है।

छात्रों के समर्थन में भाजयुमो ने आक्रोश महाधरना का किया आयोजन, बिहार बीजेपी महामंत्री समेत कई विधायक धरना में हुए शामिल

पटना ; भारतीय जनता युवा मोर्चा पटना महानगर अध्यक्ष अभिषेक बंटी के अध्यक्षता में गर्दनीबाग धरना स्थल पर सैकड़ों की संख्या में उपस्थित भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के वादाखिलाफी और छात्र व युवा विरोधी महागठबंधन के खिलाफ धरना दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से बिहार भाजपा महामंत्री व दीघा विधायक डॉ. संजीव चौरसिया, कुम्हरार विधायक अरुण कुमार सिन्हा, बिहार भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष दुर्गेश सिंह आदि उपस्थित रहें।

इस मौके पर भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष दुर्गेश सिंह ने कहा की महागठबंधन सरकार युवाओं को रोजगार देने के बदले लाठियों के मार से उनकी आवाज को दबा रही है। राज्यभर के सभी जिला केंद्रों पर जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में युवा आक्रोश महाधरना आयोजित किया गया है। महागठबंधन की निरंकुश सरकार के वादाखिलाफ़ी के विरुद्ध युवा मोर्चा कार्यकर्ता संघर्ष करते रहेंगे जब तक छात्रों की मांग नही मानी जाती है। यह महागठबंधन सरकार युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बिहार का दुर्भाग्य ये है कि एक तरफ यहां के युवा को हर बार अपनी हक मांगने पर पुलिस की लाठियां खानी पर रही है तो वहीं राज्य के मुख्यमंत्री को इस अत्याचार की खबर ही नहीं। सीएम नीतीश को ये पता ही नहीं कि आखिर प्रदेश के छात्रों पर कब, कहां, कैसे और किसके द्वारा लाठियों पर लाठियां बरसाई जा रही है। 

श्री सिंह ने कहा की पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है, लगातार छात्रों, युवाओं और किसानों के जायज मांग पर पुलिस प्रशासन लाठियों की मार से इनकी आवाज को दबा रही है।

इस मौक़े पर संजीव चौरसिया ने कहा कि युवा हमारे भविष्य है इन्हें रोजगार के बदले लाठिया बरसाई जा रही है इसे देखकर बहुत दुःख होता है। छात्र कड़ी मेहनत कर परीक्षा की तैयारी करते है लेकिन परीक्षा के समय पेपर लीक से उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता है। महागठबंधन सरकार रोजगार देने के बजाए युवाओं को प्रताड़ित कर रही है। महागठबंधन सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए प्रण ले चुकी है, आगामी चुनाव में अवश्य सबक सिखाएगी।

इस मौके पर अरुण कुमार सिन्हा ने कहा की महागठबंधन की सरकार ने सत्ता में आने से पहले वादा किया था कि वो 10 लाख युवाओं को नौकरी देगी। हालांकि नौकरी का तो पता नहीं लेकिन बिहार के युवा को दम भरकर पुलिस की लाठियां जरुर मिल रही है। 

इस मौके पर भाजयुमो प्रदेश महामंत्री धर्मेन्द्र तिवारी, प्रदेश मंत्री विक्की राय,जितेंद्र सिंह हिमांशु यादव, प्रवक्ता सिम्मांत शेखर, अपूर्व तिवारी, संतोष यादव, सह मीडिया प्रभारी शिवम कुमार , महानगर अध्यक्ष अभिषेक बंटी, महामंत्री राहुल रंजन, मयंक जायसवाल, शशी शेखर, अंब्रिश शर्मा, राहुल आनंद, विक्की सिंह, अश्विनी राज, गोपाल जायसवाल, उद्गम विशाल, रंजीत, सन्नी सहित सैंकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहें।

असंवैधानिक बैठक में भाग लेना संघ विरोधी कार्य :- अमित कुमार

   

पटना। बिहार क्रिकेट संघ कि एक विशेष आम सभा जिला संघों कि मांग और शिकायत पर 4 फरवरी 2023 को नालंदा के होटल महाविहार में आहूत हुई थी जिसका संचालन और संबोधन वेबीनार के माध्यम से बीसीए के मानद सचिव अमित कुमार और जिला संघ के प्रतिनिधि ओम प्रकाश जयसवाल ने किया जिसमें कुल 23 जिला संघों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया था और सम्मति से सदन के सदस्यों ने बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के सभी प्रशासनिक कार्यों पर रोक लगाते हुए संजय सिंह की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित कर अध्यक्ष के कार्यों पर जांच करने का निर्णय लिया है ।

इसके बावजूद बीसीए अध्यक्ष द्वारा 12 फरवरी 2023 को सिवान में एक विशेष आम सभा की बैठक आहूत की गई है।

इस बैठक को असंवैधानिक करार देते हुए बिहार क्रिकेट संघ के सचिव अमित कुमार ने बयान जारी कर कहा है कि बीसीए के एथिक्स ऑफिसर सह लोकपाल रिटायर्ड जिला न्यायाधीश श्री राघवेंद्र कुमार सिंह द्वारा जारी आदेश व 4 फरवरी 2023 को जिला संघों की मांग और शिकायत पर आहूत विशेष आम सभा की बैठक में लिए गए निर्णय की अवहेलना कर अध्यक्ष द्वारा किसी प्रकार की बैठक बुलाना/ करना पूरी तरह से असंवैधानिक है और ऐसे गैर-संवैधानिक बैठक में भाग लेने वाले जिला संघ विधि सम्मत कार्रवाई के हकदार होंगे।

क्योंकि बीसीए के अन्य पदाधिकारियों उपाध्यक्ष दिलीप सिंह, संयुक्त सचिव प्रिया कुमारी, खिलाड़ी प्रतिनिधि लवली राज और विकास कुमार रानू पर कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट का मामला दर्ज है जिस पर बीसीए के एथिक्स ऑफिसर सह लोकपाल ने दिनांक : 23 जनवरी 2023 को वाद संख्या -E.O. Case No-1 of 2023 में पारित आदेश में कार्य पर रोक लगाते हुए ,श्रीमती प्रिया कुमारी ,संयुक्त सचिव (कार्य पर रोक ) द्वारा दिनांक : 29 .01 .2023 को सिवान में आहूत विशेष आम सभा के बैठक पर भी रोक लगा दिया गया है। 

जबकि बीसीए से जुड़े कई अन्य लोगों पर राजधानी पटना के कोतवाली थाना में जाली दस्तावेज बनाने ,फर्जी कार्य, चयन प्रक्रिया में धांधली के आरोप में धारा - 420 ,120 B , 468 एवं 471 के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज है। 

बीसीए संविधान के उक्त वर्णित धाराओं के प्रावधानों के अनुसार केवल मानद सचिव को ही विशेष आम सभा बुलाने का अधिकार है।

 जबकि विशेष परिस्थिति में वर्णित धाराओं के तहत कम से कम 13 जिला संघ एकजुट होकर विशेष आम सभा करने का अधिकार रखते हैं जो दिनांक 4 फरवरी 2023 को नालंदा के महाविहार होटल में कुल 17 जिला संघों (पूर्ण सदस्यों ) के विशेष मांग और शिकायत पर मानद सचिव ,बिहार क्रिकेट एसोसिएसन द्वारा आहूत बैठक में पारित आदेश में श्री राकेश कुमार तिवारी , अध्यक्ष , बिहार क्रिकेट एसोसिएसन के कार्य एवं किसी भी सभा की अध्यक्षता करने पर रोक लगाते हुए उनके द्वारा किये गए भ्रष्टाचार के जाँच हेतु त्रिसदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इस बैठक में शारीरिक रूप से कुल 18 जिला संघ ने भाग लिया जबकि कई जिला संघ वेबीनार के माध्यम से जुड़ कर इस बैठक में भाग लिया और सर्वसम्मति से उक्त निर्णय को कुल 23 जिला संघ ने पारित किया।

 बीसीए सचिव अमित कुमार ने आगे कहा कि अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी (कार्य पर रोक ) के द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक : 09 .08 .2018 का अवमानना कर बिहार क्रिकेट एसोसिएसन के संविधान में संशोधन को माननीय सर्वोच्च न्यायलय द्वारा अनुमोदित कराने का असफल फर्जी प्रयास किया गया था ।  

जब मेरे द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायलय में इसके विरुद्ध आइए दायर किया गया तो अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ;(कार्य पर रोक ) द्वारा अपना आइए वापस ले लिया गया।  

ज्ञातव्य हो कि बीसीए अध्यक्ष (कार्य पर रोक ) के द्वारा फर्जी तरीके से निबंधन विभाग को धोखा देकर जिस संविधान में संशोधन कराया गया है जिसमे जिला संघों का अस्तित्व खतरे में डालकर नया व्यक्ति /एकेडमी को वोटिंग का अधिकार देने का प्रावधान

 है को पुनः वेबसाइट पर प्रकाशित कर उस पर जिला संघों से सुझाव मांग कर दिनांक : 29 .01 .2023 को अवैध विशेष आम सभा कि बैंठक जिसपर एथिक्स ऑफिसर सह लोकपाल द्वारा रोक लगा दी गई है पुनः उसी एजेंडा के साथ गैर क़ानूनी ढंग से दिनांक : 12 फरवरी 2023 को सिवान में किया जा रहा है। 

विदित हो कि फर्जी संविधान संशोधन के विरुद्ध निबंधन विभाग के आदेश पर जिला पदाधिकारी पटना द्वारा जाँच कमिटी गठित कर जांच प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।  

अतः सभी जिला संघों से अनुरोध है कि दिनांक : 12 फरवरी 2023 को श्री राकेश कुमार तिवारी , अध्यक्ष , बिहार क्रिकेट एसोसिएसन (कार्य पर रोक ) द्वारा आहूत अनाधिकार ,अवैध विशेष आम सभा के बैठक में भाग न लें ।

अगर कोई जिला संघ (पूर्ण सदस्य ) उक्त मीटिंग में भाग लेते हैं तो संविधान के वर्णित धारा 5 (a ) (iv ) (vii) के तहत विधि सम्मत करवाई का हक़दार होंगे ।

उक्त आशय की जानकारी बीसीए प्रवक्ता कृष्णा पटेल ने दी है।