काशी विद्यापीठ की स्थापना की 102 वी वर्षगांठ पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन द्वारा भव्य कार्यक्रम का किया गया आयोजन
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बेतिया : आज दिनांक 10 फरवरी 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में महात्मा द्वारा गांधी काशी विद्यापीठ की स्थापना की 102 वी वर्षगांठ पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया ,जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया ।
इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली डॉ अमित कुमार लोहिया, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता नवीदु चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से महात्मा गांधी एवं काशी विद्यापीठ के संस्थापकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज ही के दिन आज से 102 वर्ष पूर्व 10 फरवरी 1921 को महात्मा गांधी ने काशी विद्यापीठ की स्थापना की थी।काशी विद्यापीठ की स्थापना के महत्व से लोगों को रूबरू कराते हुए डॉ एजाज अहमद ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाली काशी विद्यापीठ की स्थापना वसंत पंचमी के दिन 10 फरवरी 1921 में हुई थी।
यहां सबसे पहले आचार्य कृपलानी के साथ पचास छात्रों ने दाखिला लिया था तो शिक्षकों में भारतरत्न डा. भगवान दास, समाजवादी चिंतक आचार्य नरेंद्र देव, श्रीप्रकाश, आचार्य बीरबल, पूर्व सीएम डा. सम्पूर्णानंद, राजस्थान के पूर्व राज्यपाल रघुकुल तिलक जैसे कई नाम हैं। इसके संचालन से जुड़ी कमेटी में मुंशी प्रेमचंद, पं.जवाहर लाल नेहरु, पुरुषोतम दास टंडन, लाला लाजपत राय, जमुनालाल बजाज, दामोदर जोशी और कृष्णकांत मालवीय जैसे दिग्गज रहे थे।
सन् 1934 में 26 जुलाई से 02 अगस्त तक बनारस में आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यकारिणी कमेटी और केंद्रीय हरिजन सेवक संघ के अधिवेशन के दौरान महात्मा गांधी ने यहां विश्राम भी किया था। मानविकी संकाय में आज भी वो कमरा है, जहां बापू अधिवेशन के दौरान रूके थे। अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि महात्मा गांधी एवं विभिन्न स्वतंत्रता सेनानियों ने भारतीय ज्ञान विज्ञान एवं स्वदेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काशी विद्यापीठ, बिहार विद्यापीठ एवं विभिन्न शिक्षण संस्थाओं की आधारशिला रखी थी ।
इसी क्रम में महात्मा गांधी ने आचार्य कृपलानी के सहयोग से काशी में काशी विद्यापीठ की स्थापना की। देश की स्वाधीनता के बाद इसका नाम बदलकर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ कर दिया गया। भारत में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ज्ञान विज्ञान एवं स्वदेशी शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र है।
Feb 10 2023, 15:24