अशोक गहलोत ने करवाई कांग्रेस की किरकिरी, विधानसभा में पढ़ने लगे पिछले साल का बजट

#rajasthan_cm_ashok_gelhot_read_old_budget

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में बजट पेश किया। हालांकि बजट पेश करते वक्त अशोक गहलोत अचानक रुक गए। दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सदन में पुराना भाषण पढ़ दिया। कुछ सेकंड के बाद उन्हें समझ में आया कि जो बजट पढ़ रहे हैं, वह पुराना है। इस दौरान विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया।

जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अपने तीसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करने के दौरान विपक्ष ने भाषण शुरू होने के साथ ही हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने बजट लीक किया है और मुख्यमंत्री ने बजट की पुरानी लाइनें पढ़ीं हैं। वहीं इधर भारी हंगामे के बाद विपक्षी सदस्य सदन के वेल में आ गए और विपक्ष के हंगामे को देखते हुए स्पीकर सीपी जोशी ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।

राजस्थान विधानसभा सदन में सीएम अशोक गहलोत अपने बजट भाषण के दौरान अचानक अटक गए। मालूम हो कि गहलोत ने सुबह 11 बजे बजट भाषण पढ़ना शुरू किया और थोड़ी ही देर बाद वह बजट पढ़ते पढ़ते अटक गए। गहलोत ने अपने बजट भाषण के दौरान कुछ पुरानी घोषणाएं पढ़ दीं । हालांकि, उन्हें गलती का एहसास हुआ। जिसके बाद सदन में हंगामा हो गया। विपक्षी भाजपा ने जमकर हंगामा किया।

बता दें कि अशोक गहलोत के पास वित्त विभाग भी है। उनका यह मौजूदा कार्यकाल का पांचवां एवं अंतिम बजट है। राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं।

तुर्की-सीरिया बना कब्रगाह! भूकंप से मरने वालों की संख्या 21 हजार के पार, मलबे से अब भी निकल रहीं लाशें

#turkey_syria_quake_death_toll_rises_above_21,000

तुर्की और सीरिया में मौत का मातम थमने का नाम नहीं ले रहा है। भूकंप ने ऐसी तबाही मचाई है कि परिवार के परिवार खत्म हो गए हैं। चार दिन पहले आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या 21 हजार से अधिक हो गई है। मलबे के नीचे से लाशों के निकलने का सिलसिला अभी भी जारी है। तुर्किये और सीरिया में बचाव और राहत कार्य उसी तेजी के साथ जारी है। 

तुर्की के उप राष्ट्रपति फुअत ओकटे ने गुरुवार को कहा कि भूकंप से मरने वालों की संख्या तुर्की में 17,674 हो गई। 72,879 लोग घायल हुए हैं। वहीं सीरिया में भी मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीरिया में कम से कम 3,377 व्यक्ति मारे गए हैं। जिनमें 2,030 उत्तर पश्चिम में विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में और 1,347 सरकार नियंत्रित क्षेत्रों में मारे गए हैं।

राहत और बचाव के लिए विश्व बैंक देगा 1.78 अरब डॉलर

विश्व बैंक ने तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद राहत और बहाली के प्रयासों में मदद के लिए प्रारंभिक सहायता के बतौर 1.78 अरब डॉलर की घोषणा की है। वहीं भूकंप प्रभावित सीरिया और तुर्की की मदद के लिए अमेरिका ने 85 मिलियन डॉलर की सहायता की मानवीय सहायता की घोषणा की है। अमेरिका यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) के माध्यम से दोनों देशों को तत्काल मानवीय सहायता में 85 मिलियन अमरीकी डालर प्रदान करेगा। मानवीय सहायता में शरणार्थियों और नए विस्थापित लोगों के लिए आपातकालीन भोजन और आश्रय प्रदान करना, आघात सहायता, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता और स्वच्छता सहायता शामिल है। अमेरिका ने डिजास्टर असिस्टेंस रिस्पांस टीम को तैनात किया है।

तुर्की राहत और बचाव में जुटी भारतीय सेना और एनडीआरएफ

तुर्की की मदद के लिए भारत भी आगे आया है. भारत ने तुर्की को 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत विशेष मदद भेजी है. भारतीय सेना ने हताए शहर में फील्ड हॉस्पिटल बनाया है। जहां लगातार घायलों का इलाज किया जा रहा है। इतना ही नहीं एनडीआरएफ की टीमें भी रेस्क्यू अभियान चला रही हैं। भारत की तरफ से एनडीआरएफकी 3 टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तुर्की पहुंची हैं। इनमें विशेष रेस्क्यू डॉग स्क्वायड भी शामिल है।

7.8 तीव्रता का आया था भूकंप

बता दें कि तुर्की और सीरिया में सोमवार को 7.8 तीव्रता का शक्तिकाली भूकंप आया था। सुबह आए इस विनाशकारी भूकंप की भयावह तस्वीरें और लोगों के मरने का आंकड़ा दिन चढ़ने के साथ ही बढ़ता जा रहा था। अब तक मरने वालों का आंकड़ा 21 हजार पहुंच चुका है। कई चश्मदीदों ने बताया कि उनके घर के सामने कई इमारतें उन्होंने भरभराकर गिरते देखीं।

प्रधानमंत्री मोदी ने यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2023 का किया शुभारंभ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार से शुरू हो रहे तीन दिवसीय यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2023 का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिमोट का बटन दबाकर शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और गवर्नर आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहीं। मुकेश अंबानी भी समिट में शामिल होने के लिए पहुंच चुके हैं। 10 से 12 फरवरी यानी 3 दिनों तक यह इन्वेस्टर समिट चलेगी। यूपी सरकार ने दावा किया है कि यह देश की सबसे बड़ी इन्वेस्टर समिट है।

समिट में करीब 25 लाख करोड़ रुपये के निवेश के करार होने की उम्मीद है। इससे दो करोड़ रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब एक साथ सभी 75 जनपदों में निवेश हो रहा है। यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2023 प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के साथ ही देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के संकल्प को पूर्ण करेगा। 

25 हजार वर्गमीटर में टेंट सिटी बसाई गई

समिट के लिए डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में 25 हजार वर्गमीटर में फाइव स्टार होटल की तर्ज पर 5 बड़े पंडाल और टेंट सिटी बसाई गई है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर यूपी पुलिस अलर्ट है। नेपाल और पड़ोसी राज्यों की सीमा पर पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। चप्पे-चप्पे पर खुफिया पुलिस तैनात की गई है।

अमेरिका की सबसे ज्यादा 53 कंपनियां हो रहीं शामिल

समिट के शुरू होने से पहले अब तक 27 लाख करोड़ के निवेश से जुड़े एमओयू साइन हो चुके हैं। समिट में गूगल, एप्पल, रोल्स रॉयस, सुजुकी, वॉलमार्ट, अमेजन, जॉनसन एंड जॉनसन, फाइजर, मर्क, मर्सिडीज, लॉरेल और फिलिप्स समेत कंपनियां शामिल होंगी। इनके जरिए 4 लाख करोड़ के विदेशी निवेश का टारगेट है। विदेशी निवेश के लिए 20 सेक्टरों की निवेश नीतियां बनाई गई हैं।समिट में सबसे ज्यादा अमेरिका की 53 कंपनियां शामिल हो रही हैं।

*जम्मू-कश्मीर में धरती के नीचे दबा मिला बड़ा खजाना, देश में पहली बार लीथियम के भंडार की पहचान*

#lithiumreservesfoundforthefirsttimeinindia

भारत की मिट्टी के लिए कहा जाता है कि यहां की धरती सोने, हीरे और मोती उगलती है। धरती के नीचे छुपे इन्हीं खजानों से भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के शीर्ष पर पहुंचने वाली है। दरअसल लिथियम का बड़ा भंडार भारत मे मिला है। देश में पहली बार लिथियम और सोने का बड़ा भंडार मिला है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में इस खजाने की पहचान की है।

देश की पहली लीथियम रिजर्व साइट

गुरुवार को सेंट्रल ज्योलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की 62वीं बैठक में खदान सचिव विवेक भारद्वाज ने बताया कि जीएसआई के सर्वे में जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में देश की पहली लीथियम रिजर्व साइट मिली है। खान मंत्रालय को रियासी जिले के सलाल-हैमाना इलाके में करीब 59 लाख टन लिथियम का भंडार मिला है। देश में कुल 51 ब्लॉक मिले हैं। इनमें से 5 ब्लॉक में लिथियम, गोल्ड, पोटाश, मॉलिब्डेनम से जुड़े हुए हैं। 2018-19 से लेकर आज की तारीख में इन ब्लॉक्स को खोजा गया है। इसके अलावा 17 ब्लॉक्स कोयले के रिजर्व से जुड़े हैं। बैठक के दौरान 15 अन्य संसाधनों वाली भूवैज्ञानिक रिपोर्ट और 35 भूवैज्ञानिक ज्ञापनों के साथ यह रिपोर्ट संबंधित राज्य सरकारों को सौंपी गई। 

यहां होता है लिथियम का इस्तेमाल

बता दें कि लिथियम नॉन फेरस मेटल है और इसका इस्तेमा इलेक्ट्रानिक गाड़ियों की बैट्री में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग खिलौनों और घड़ियों के लिए भी किया जाता है। उन्माद की गंभीरता और आवृत्ति को कम करने में मदद करता है, मूड स्विंग, बाइपोलर अवसाद का इलाज करने में मदद कर सकता है। यदि आपको आत्महत्या के बारे में अधिक सोचते हैं तो लिथियम इन भावनाओं को कम करने में मदद कर सकता है। लिथियम भविष्य में होने वाले उन्मत्त और अवसादग्रस्तता प्रकरणों को रोकने में भी मदद करता है।लिथियम और इसके यौगिकों में कई औद्योगिक तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। जिनमें गर्मी प्रतिरोधी ग्लास और चीनी मिट्टी की चीजे, लिथियम ग्रीस स्नेहक, लोहा, स्टील और एल्यूमीनियम उत्पादन के लिए फ्लक्स एडिटिव्स, लिथियम धातु बैटरी और लिथियम-आयन बैटरी शामिल हैं।

अब तक लिथियम के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है भारत

इस समय भारत लिथियम के लिए पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर है। अब इस खजाने के मिलने के बाद सरकार की ये परेशानी हल होती दिख रही है। दरअसल, इंडिया इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को प्रमोट कर रहा है ताकि पेट्रोल और डीजल से निर्भरता कम हो सके, जो प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। अगर गाड़ियां ईवी से चलेंगी तो इससे होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी। व्हीकल को ईवी से चलने में सबसे बड़ी भूमिका निभाती है, उसमें लगाई जाने वाली बैटरी और बैटरी बनाने के लिए लिथियम की जरूरत पड़ती है। भारत में आवश्यकतानुसार लिथियम की उपलब्धता नहीं है। हमें विदेशों से आयात करना पड़ रहा है। अब इससे राहत मिलेगी, क्योंकि लिथियम का बड़ा भंडार अब इंडिया में ही मिल गया है।

मंदी का कहर, डिजनी ने सात हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, जानिए, दुनिया की किन दिग्गज टेक कंपनियों में छंटनी का लगातार जारी है सिलसिला

मनोरंजन की दुनिया में अपना नाम बना चुके डिजनी में भी छंटनी का दौर शुरू हो गया है। कंपनी ने अपने सात हजार कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करने का फैसला लिया है। कंपनी के सीईओ बॉब इगर ने ये जानकारी दी। पिछले साल ही बॉब ने सीईओ का पद संभाला है।

बॉब ने कहा, 'मैं इस निर्णय को हल्के में नहीं लेता। मेरे मन में दुनिया भर में हमारे कर्मचारियों की प्रतिभा और समर्पण के लिए बहुत सम्मान और प्रशंसा है।' इस प्रक्रिया के जरिए कंपनी 5.5 बिलियन डॅालर की सेविंग करना चाहती है। कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, इस बार ग्राहकों की धीमी वृद्धि हुई है। डिजनी पल्स के सब्सक्रिप्शन में पहली तिमाही में कमी आई है, जिसकी वजह से स्ट्रीमिंग मीडिया यूनिट को एक बिलियन डॅालर से अधिक का नुकसान हुआ। एक प्रतिशत यूजर्स भी घट गए।

ऐसा नहीं है कि केवल डिजनी में ही कर्मचारियों की छंटनी चल रही है। इसके पहले अमेरिका की कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया है। बुधवार को ही टेक कंपनी जूम ने अपने 1300 कर्मचारियों को निकालने का एलान किया था। सोमवार को डेल ने अपने छह हजार से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की घोषणा की थी। 

 आइए जानते हैं कि पिछले छह महीनों में किन दस दिग्गज कंपनियों ने छंटनी की हैं? 

जूम

कर्मचारियों की छंटनी का ताजा मामला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सर्विस कंपनी जूम से जुड़ा हुआ है। दरअसल, जूम ने 1300 कर्मचारियों को निकालने का फैसला किया है। यह कंपनी के कुल कार्यबल का 15 फीसदी है। कंपनी के सीईओ एरिक युआन ने कंपनी की वेबसाइट पर एक ब्लॉग पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है। 

डेल

सोमवार को डेल टेक्नोलॉजीज ने अपने 6000 से अधिक कर्मचारियों को को नौकरी से निकालने की घोषणा की। रिपोर्ट्स के अनुसार, डेल अपने वैश्विक कार्यबल से पांच फीसदी हिस्सा घटाने की योजना बना रही है। कंपनी के को-चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर जेफ क्लार्क ने अपने कर्मचारियों के साथ साझा किए गए नोट में कहा कि बाजार चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रहा है। क्लार्क के मुताबिक, कंपनी ने 2020 में भी इसी तरह की छंटनी की घोषणा की थी।

 

बायजू 

सोमवार को ही सामने आईं रिपोर्ट्स के मुताबिक, एडटेक यूनिकॉर्न बायजू ने करीब 1,500 कर्मचारियों की छंटनी की है। मामले की जानकारी रखने वाले चार लोगों ने बताया कि बायजू ने कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन और ऑपरेशंस की आउटसोर्सिंग का हवाला देते हुए इन कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। इससे पहले अक्तूबर में भी बायजू ने करीब 2,500 कर्मचारियों की छंटनी की थी, जो उसके कार्यबल का पांच फीसदी था। 

 

मेटा 

फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने फेसबुक में और छंटनी के संकेत दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में अधिकारियों की बैठक में सीईओ मार्क जकरबर्ग ने अधिक छंटनी की संभावना पर जोर दिया। मेटा कंपनी ने पिछले साल नवंबर में 13 प्रतिशत कर्मचारियों की कटौती की थी, जो कंपनी के इतिहास में सबसे बड़ी छंटनी थी

स्विगी 

फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म स्विगी ने जनवरी में अपने 380 कर्मचारियों को बाहर निकालने की घोषणा की थी। कंपनी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि यह बहुत कठिन फैसला है। कंपनी ने 380 क्षमतावान कर्मचारियों को निकालने के बारे में बताया कि हम यह फैसला अपनी टीम को छोटा करने के लिए कर रहे हैं। कंपनी के सीईओ श्रीहर्ष मजेटी ने अपनी ओर से भेजे गए मेल में कर्मचारियों से बताया था कि फूड डिलीवरी क्षेत्र में ग्रोथ रेट धीमा हो गया है।

 

अल्फाबेट 

जनवरी महीने में ही टेक दिग्गज गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट ने 12,000 कर्मचारियों को निकालने की घोषणा की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने कर्मचारियों के साथ साझा किए गए एक मेमो में यह जानकारी दी थी।

 

माइक्रोसॉफ्ट 

दुनिया की नंबर वन सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने जनवरी में 11 हजार कर्मचारियों की छंटनी की थी। यह छंटनी कंपनी के कार्यबल की पांच प्रतिशत थी। माइक्रोसॉफ्ट में यह छंटनी मानव संसाधन और इंजीनियरिंग विभागों में हुई। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अक्तूबर में माइक्रोसॉफ्ट ने विभिन्न विभागों में करीब 1,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था। कंपनी ने पिछले साल जुलाई में भी कुछ कर्मचारियों की छंटनी की थी।

 

अमेजन

जनवरी में आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अमेजन में छंटनी शुरू की थी। कंपनी के सीईओ एंडी जेसी ने कहा था कि छंटनी से कंपनी से करीब 18000 से अधिक कर्मचारी प्रभावित होंगे। कंपनी ने भारत में करीब 1000 से ज्यादा कर्मचारियों को बाहर किया है। अमेजन ने निकाले गए कर्मचारियों को ईमेल भेजकर पांच महीने के अग्रिम वेतन की पेशकश की थी। 

 

आईबीएम 

जनवरी माह में आईबीएम कॉर्प ने अपनी संपत्ति के कुछ हिस्सों के विनिवेश की योजना के तहत 3,900 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी। कंपनी ने अपनी चौथी तिमाही में वार्षिक नकद लक्ष्य से चूकने के बाद यह फैसला लिया था।

 

ट्विटर 

जनवरी में आई नई रिपोर्ट के मुताबिक, एलन मस्क ने ट्विटर के प्रोडक्शन विभाग में 50 कर्मचारियों की छंटनी की योजना बनाई है। अक्टूबर में ट्विटर को खरीदने के बाद मस्क ने कई संगठनात्मक बदलाव किए और कुछ हफ्तों के भीतर उन्होंने 7,500 कमचारियों की छंटनी कर दी। यह छंटनी कुल कार्यबल का करीब 50 फीसदी थी।

भारत की अंतरिक्ष में ऊंची उड़ान, इसरो ने लॉन्च किया अपना सबसे छोटा रॉकेट, जानें क्या है खासियत?

#isro_new_rocket_sslv_d2_launch_today

भारत ने स्पेस के क्षेत्र में एक और कदम बढ़ाया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने सबसे छोटे रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया।ने आज यानी शुक्रवार को सुबह 9.18 बजे एसएसएलवी-डी 2 को अंतरिक्ष में लॉन्च कर दिया। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से यह लॉन्चिंग की गई।

एसएसएलवी-डी2 ने अपने साथ तीन सैटेलाइट लेकर अंतरिक्ष की उड़ान भरी, जिनमें अमेरिकी की कंपनी अंतारिस की 10.2 ग्राम का सैटेलाइट Janus-1, चेन्नई के स्पेस स्टार्टअप स्पेसकिड्ज की सैटेलाइट AzaadiSAT-2, जो करीब 8.7 किलोग्राम का है और इसरो की सैटेलाइट EOS-07 शामिल हैं। ये तीनों सैटेलाइट्स 450 किलोमीटर दूर सर्कुलर ऑर्बिट में स्थापित की जाएंगी। 

सफल नहीं हो सकी थी पहली उड़ान

इस रॉकेट की पहली उड़ान बीते साल अगस्त में असफल हो गई थी। बीते साल एसएसएलवी की पहली उड़ान के दौरान रॉकेट के दूसरे चरण के पृथक्करण के दौरान कंपन महसूस होने के कारण लॉन्चिंग सफल नहीं हो सकी थी। साथ ही रॉकेट का सॉफ्टवेयर उपग्रहों को गलत कक्षा में लॉन्च कर रहा था, जिसके चलते इसरो ने एसएसएलवी की लॉन्चिंग को रद्द कर दिया था।

रॉकेट की क्या है खासियत

एसएसएलवी-डी2 का कुल वजन 175.2 किलोग्राम है। जिसमें 156.3 किलोग्राम EOS, 10.2 किग्रा Janus-1 और 8.7 किग्रा AzaadiSat-2 का होगा। इसरो ने एसएसएलवी को 550 किलोग्राम की पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) तक ले जाने की क्षमता के साथ विकसित किया है।

संसद में फिर उठा ईडी की कार्रवाईयों का मुद्दा, प्रधानमन्त्री के जिक्र करते ही विपक्षी नेताओं ने किया था हंगामा, यहां पढ़िए, किन नेताओं पर कब और

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पर जवाब दिया था। इस दौरान विपक्ष पर निशाना साधने के लिए पीएम ने ईडी की कार्रवाईयों का जिक्र किया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि विपक्ष के कई लोगों ने उनके सुर में अपने सुर मिला लिए हैं, लेकिन इन लोगों को ईडी का धन्यवाद देना चाहिए। ईडी ने ही इन लोगों को एक मंच पर ला दिया है। जो काम देश के मतदाता नहीं कर पाए, वह ईडी ने कर दिया। दरअसल, कई विपक्षी नेताओं को या तो ईडी ने गिरफ्तार किया है या जांच के दायरे में हैं।

डीके शिवकुमार, कांग्रेस

कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार पहली बार ने ईडी के निशाने पर तब आए थे जब उन्हें 3 सितंबर, 2019 को एजेंसी द्वारा उनके खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई से सामने आए एक मामले में कई दौर की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट ने उसी साल अक्तूबर में उन्हें जमानत दे दी थी। इसके अलावा एजेंसी ने पिछले साल मई में इस मामले में उनके और उनसे जुड़े कुछ अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

संजय राउत, शिवसेना

ईडी ने गोरेगांव में पात्रा चॉल के पुनर्विकास के संबंध में वित्तीय अनियमितताओं में कथित भूमिका के लिए शिवसेना सांसद संजय राउत को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया था। हालांकि, यहां की एक विशेष अदालत ने पिछले साल नवंबर में उन्हें जमानत दे दी थी। ईडी की जांच पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं और राउत की पत्नी और सहयोगियों से जुड़े संबंधित वित्तीय लेनदेन से संबंधित है। 

हेमंत सोरेन, जेएमएम 

झारखंड के बहुचर्चित अवैध खनन मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी सीएम हेमंत सोरेन से कई दौर की पूछताछ कर चुकी है। एजेंसी ने मुख्यमंत्री सोरेन से पिछले साल नवंबर में राजधानी रांची स्थित उसके क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ की थी। इस दौरान धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत बयान भी दर्ज भी किए गए थे। मामले में सोरेन के राजनीतिक सहयोगी पंकज मिश्रा और दो अन्य स्थानीय बाहुबली बच्चू यादव और प्रेम प्रकाश को ईडी ने गिरफ्तार किया था। 

राहुल गांधी और सोनिया गांधी

प्रवर्तन निदेशालय नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से कई बार पूछताछ कर चुकी है। यंग इंडियन कंपनी में सोनिया और राहुल गांधी सबसे बड़े शेयरधारक हैं। इस कंपनी पर आरोप है कि इसने सिर्फ 50 लाख रुपये खर्च कर नेशनल हेराल्ड अखबार के मालिकाना हक वाली कंपनी एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) पर कब्जा कर लिया। एजेएल के पास देश के कई शहरों में मूल्यवान संपत्ति है। इस सौदे में धन शोधन के आरोपों की जांच ईडी कर रही है।

नवाब मलिक, एनसीपी 

ईडी ने पिछले साल 23 फरवरी को महाराष्ट्र के तत्कालीन अल्पसंख्यक और कौशल विकास मंत्री नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। उन पर दाउद इब्राहिम की प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया है। वह अभी न्यायिक हिरासत में जेल में है।

अभिषेक बनर्जी, टीएमसी 

प्रवर्तन निदेशालय पश्चिम बंगाल के चर्चित कोयला घोटाले की लंबे समय से जांच कर रहा है। मामले में तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी से कई बार पूछताछ हो चुकी है। बनर्जी के निवास पर छापे भी मारे गए थे। पिछले साल सितंबर में वह कोलकाता स्थित ईडी दफ्तर में एजेंसी के सामने पेश हुए थे।

सत्येंद्र जैन, आप 

दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन दिल्ली मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। आम आदमी पार्टी नेता सत्येंद्र जैन को 30 मई को प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था। सत्येंद्र जैन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमा दर्ज है। 

फारूक अब्दुल्ला, एनसी

पिछले साल दिसंबर में जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के 45 करोड़ रुपये के फंड घोटाले में ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपये की संपत्तियां कब्जे में ली थी। ईडी के अनुसार 2005-2006 से दिसंबर 2011 तक जेकेसीए ने बीसीसीआई से 109.78 करोड़ रुपये प्राप्त किया। 2006 से जनवरी 2012 तक अध्यक्ष रहते हुए डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने पद का दुरुपयोग किया। एनसी नेता अब्दुल्ला पिछले साल अगस्त में एजेंसी के सामने पेश हुए थी।

अनिल देशमुख, एनसीपी 

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद काफी लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत दी। देशमुख नवंबर 2021 से जेल में थे। मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा था, जिस पर अनिल देशमुख पर मुंबई के होटल, रेस्त्रां से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का आरोप लगाया था और साथ ही कहा था कि अनिल देशमुख ने मुंबई पुलिस से निलंबित अधिकारी सचिन वाजे को इसकी जिम्मेदारी दी थी। हालांकि, अनिल देशमुख ने इन आरोपों से इनकार कर दिया था। मामले की शुरुआत देश के दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर जिलेटिन की छड़े के साथ पार्क की गई संदिग्ध कार से हुई थी। इस मामले को जब एनआईए को सौंपा गया, सचिन वाजे का नाम सामने आया और विवाद बढ़ता चला गया।

अनिल परब, शिवसेना (उद्धव गुट)

पिछले महीने ईडी ने शिवसेना (उद्धव ठाकरे) नेता अनिल परब और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में 10.20 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। ईडी ने पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से अनिल परब के खिलाफ दायर शिकायत के आधार पर इस मामले में पीएमएलए के तहत जांच शुरू की है।

मध्यप्रदेश में विकास यात्रा के दौरान खुजली से बेहाल पीएचई राज्य मंत्री, उतारा कुर्ता, पानी से पूरा शरीर धोने के बाद भी नहीं मिला आराम, वीडियो वा


मध्य प्रदेश के मुंगावली में भाजपा की विकास यात्रा के दौरान बुधवार को अजीबो-गरीब घटना हुई। प्रदेश के पीएचई मंत्री व क्षेत्र के विधायक बृजेंद्र सिंह यादव को यात्रा के दौरान एक कार्यक्रम के मंच पर अचानक तेज खुजली चलने लगी। वे इससे बेहाल हो गए। उन्हें अपना कुर्ता तक उतारना पड़ा और पानी से शरीर धोना पड़ा, इसके बाद भी जब खुजली असहनीय हो गई तो उन्होंने यात्रा अधूरी छोड़कर घर रवानगी कर ली। मंत्री जी का खुजली का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव बुधवार शाम को अपने विधानसभा क्षेत्र मुंगावली में भ्रमण कर रहे थे। जब वे देवरछी गांव में पहुंचे तो किसी ने कौंच की फली (कैरांच का पौधा) का पाउडर उड़ा दिया। इसके चलते मंत्री के हाथों सहित शरीर के विभिन्न भागों में खुजली होना शुरू हो गई। जब खुजली तीव्रता के साथ होने लगी तो तत्काल आसपास के लोगों ने मंत्री जी के कपड़े उतरवाए और उनके शरीर को पानी से धोया। आशंका है कि यादव के साथ किसी कार्यकर्ता ने ऐसी हरकत की है। अब उसका पता लगाने के लिए पुलिस और पार्टी के लोग जानकारी जुटा रहे हैं। 

बता दें, कौंच की फली या पावडर के छूने या शरीर और कपड़ों के किसी भी हिस्से के संपर्क आने पर तेज खुजली होती है। खास बात यह है कि खुजली लगातार बढ़ती जाती है। माना जा रहा है कि इसी पौधे की फली का पाउडर मंत्री के कपड़ों पर लगाया गया था। इस कारण उनके पूरे शरीर में खुजली उत्पन्न हो गई और उन्हें कार्यक्रम छोड़ कर भागना पड़ा।

अब याहू में छंटनी की तैयारी, कंपनी के 12 फीसदी यानी एक हजार कर्मचारियों को पहले किया जाएगा बाहर, दो हजार से ज्यादा की जाएगी नौकरी

याहू आईएनसी में छंटनी की तैयारी चल रही है। बताया जा रहा है कि कंपनी 20 फीसदी से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल सकती है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कंपनी अपनी विज्ञापन तकनीक इकाई के एक प्रमुख पुनर्गठन के हिस्से के रूप में यह योजना बना रही है

1,600 से अधिक लोगों पर असर पड़ेगा

रिपोर्ट की मानें तो कंपनी इस इकाई से अपने कुल कार्यबल के 20% से अधिक को बाहर का रास्ता दिखा सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, कटौती याहू के एड टेक कर्मचारियों में से करीब 50% से अधिक को प्रभावित करेगा। इससे 1,600 से अधिक लोगों पर असर पड़ेगा।

पहले एक हजार कर्मचारियों पर गिरेगी गाज

इससे पहले गुरुवार को याहू में काम करने वाले कर्मचारियों को बताया गया कि कंपनी के 12 फीसदी यानी एक हजार कर्मचारियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा देगी और अगले 6 महीनों में कंपनी बाकी आठ फीसदी यानी 600 लोगों की छंटनी कर दी जाएगी। एक इंटरव्यू में याहू के सीईओ ने कहा कि छंटनी का फैसला आर्थिक मुद्दों का परिणाम नहीं हैं।

डिजनी में भी छंटनी का दौर

इससे पहले मनोरंजन की दुनिया में अपना नाम बना चुके डिजनी में भी छंटनी का दौर शुरू हो गया है। कंपनी ने अपने सात हजार कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करने का फैसला कर लिया है। कंपनी के सीईओ बॉब इगर ने इस बारे में जानकारी दी थी। पिछले साल ही बॉब ने सीईओ का पद संभाला है।

कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

वहीं, अमेरिका की कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया है। बुधवार को ही टेक कंपनी जूम ने अपने 1300 कर्मचारियों को निकालने का एलान किया था। सोमवार को डेल ने अपने छह हजार से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की घोषणा की थी।

भारत में प्रतिबंधित PFI ने चार चरणों में इस्लामिक शासन का बनाया था प्लान, ATS ने 1113 पन्नों की चार्जशीट में बताई पूरी योजना


प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) 2047 के अंत तक इस्लामिक शासन स्थापित करने का नापाक मंसूबा बना रहा था। मुंबई के आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने 1113 पन्नों की चार्जशीट में यह दावे किए। चार्जशीट के मुताबिक, एटीएस ने प्रतिबंधित संगठन के गिरफ्तार सदस्यों से जब्त किए गोपनीय दस्तावेजों से यह जानकारी एकत्रित की। जिसमें चार चरणों में इस साजिश को अंजाम दिया जाना था।

प्रतिबंधित PFI के सदस्यों की हुई थी गिरफ्तारी

प्रतिबंधित पीएफआई के सदस्यों मजहर खान, सादिक शेख, मोहम्मद इकबाल खान, मोमिन मिस्त्री और आसिफ हुसैन खान को गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में पिछले वर्ष गिरफ्तार किया गया था।

सितंबर 2022 में केंद्र ने आईएस जैसे आतंकी समूहों के साथ ''लिंक'' रखने और देश में सांप्रदायिक घृणा फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए पीएफआई और उसके कई सहयोगियों को कड़े आतंकवाद विरोधी कानून के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।

मुस्लिमों का ब्रेनवॉश कर रहा था प्रतिबंधित संगठन

दस्तावेजों से पता चला कि प्रतिबंधित संगठन अपने सदस्यों को किसी भी परस्थिति से निपटने के लिए ट्रेनिंग दे रहा था। साथ ही मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवॉश भी कर रहा था। प्रतिबंधित पीएफआई के 5 सदस्यों के खिलाफ दायर 1113 पन्नों की चार्जशीट में प्रतिबंधित संगठन की बुकलेट के साथ पूरी योजना का जिक्र किया गया है। इस बुकलेट को कुछ महत्वपूर्ण लोगों के साथ साझा किया गया था।

दावा है कि मुस्लिम देश में दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समुदाय है। इंडोनेशिया के बाद मुस्लिमों की सबसे बड़ी आबादी भारत में रहती है, इसके बावजूद मुस्लिमों के साथ भेदभाव किया गया। इस तरह का दावा करके मुस्लिमों का ब्रेनवाश करने की कोशिश की गई है।

बता दें कि प्रतिबंधित संगठन ने मुसलमानों को उकसाने का प्रयास किया है। बुकलेट में कहा गया है कि आजादी के बाद से उच्च जाति के हिंदुओं के प्रभुत्व वाली भारत सरकार ने मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण उपायों को अपनाया। प्रतिबंधित संगठन का मानना है कि अगर कुल मुस्लिम आबादी का 10 फीसदी भी एकजुट हो गए तो बहुसंख्यक समुदाय को घुटनों पर ला देंगे।

प्रतिबंधित संगठन ने बनाई थी चार चरण की योजना

पहले चरण के मुताबिक प्रतिबंधित संगठन खुद को उन क्षेत्रों पर स्थापित करेगा जहां पर मुसलमानों की संख्या ठीक-ठाक है। साथ ही प्रतिबंधित संगठन अपने झंडे तले मुसलमानों को एकजुट करने का प्रयास करेगा।

दूसरा चरण में कैडरों के माध्यम से मुस्लिमों का समर्थन जुटाना, ताकत का प्रदर्शन कर विरोधियों को आतंकित करना, कैडरों को हथियारों का प्रशिक्षण लेकर हिंसा फैलाना, राष्ट्रीय ध्वज जैसी अवधारणाओं का उपयोग करना, हिंदुओं के बीच भी फूट डालने जैसी योजना बनाई थी। 

तीसरे चरण में चुनाव जीतने की योजना तैयार की गई। साथ ही एससी, एसटी और पिछड़ा वर्ग के लोगों के साथ संबंध स्थापित करने की योजना बनाई गई। बुकलेट में कहा गया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) केवल उच्च जाति के हिंदुओं के कल्याण में रुचि रखने वाला संगठन है। इसी आधार पर प्रतिबंधित संगठन ने अपने कैडर को हिंदुओं के बीच विभाजन पैदा करने की योजना पर काम करने को कहा।

चौथे चरण में बुकलेट के मुताबिक, अन्य सभी मुस्लिम संगठनों को दरकिनार करके पूरे मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधि बनना, 50 फीसदी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग का विश्वास हासिल करना, राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता में आना, कार्यपालिका और न्यायपालिका के साथ-साथ पुलिस और सेना के महत्वपूर्ण पदों में कैडरों की भर्ती और इस्लामी सिद्धांतों के आधार पर एक नया संविधान घोषित करने की योजना थी।

प्रतिबंधित संगठन का मानना है कि पर्याप्त प्रशिक्षित कैडर और गोला-बारूद की मदद से मुस्लिम राष्ट्र बनाया जाएगा। जिसके लिए बाहरी ताकतों की भी मदद ली जाएगी और इस्लामी गौरव हासिल किया जाएगा।