सरायकेला : जिले के नारायण प्राइवेट आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल में गुरु रविदास जी की जयंती मनाई गई।

सरायकेला :- जिले के नारायण प्राइवेट आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल में गुरु रविदास जी की जयंती मनाई गई जिसमे कॉलेज संस्थान के संस्थापक डॉ. जटा शंकर पांडे जी ने कहा कि गुरु रविदास महान कवि,महान संत तथा महान दार्शनिक थे और उन्हें संत शिरोमणि भी कहा जाता है। जिन्होंने जात-पात के अन्त विरोध में कार्य किया। 

इन्हें सतगुरु अथवा जगतगुरु की उपाधि दी जाती है। इन्होने रविदासिया पंथ की स्थापना की और इनके रचे गये कुछ भजन सिख लोगों के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब में भी शामिल हैं।

गुरू रविदास का जन्म काशी में माघ पूर्णिमा दिन रविवार को संवत 1398 को हुआ था। संत रामानन्द के शिष्य बनकर उन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान अर्जित किया। मधुर व्यवहार के कारण उनके सम्पर्क में आने वाले लोग भी बहुत प्रसन्न रहते थे। प्रारम्भ से ही रविदास जी बहुत परोपकारी तथा दयालु थे और दूसरों की सहायता करना उनका स्वभाव बन गया था। साधु-सन्तों की सहायता करने में उनको विशेष आनन्द मिलता था।

 इस अवसर पर कॉलेज के शिक्षक तथा शिक्षकेत्तर कर्मचारी में जयंत बनर्जी, पवन कुमार महतो, गौरव कुमार, तहसीन फात्मा, शिशुमति दास आदि सामिल रहे।

सराईकेला: क्षेत्रीय कला, संस्कृति और कलाकारों के रक्षा के लिए कलाकार आंदोलन करेंगे


सरायकेला : क्षेत्रिय कला, संस्कृति व भाषा के संरक्षण और कलाकारों को उनका अधिकार दिलाने के हमलोग आंदोलन शुरू करेंगे।कलाकारों की मांग को सरकार तक पहुंचाने के लिए चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे। क्योंकि कला, संस्कृति से हमारी पहचान है। यदि कला, संस्कृति और कलाकारों का संरक्षण नहीं होगा तो हमारा अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।

 पश्चिम बंगाल समेत अनेकों राज्य में वहां के सभी लोक कलाकारों को प्रतिमाह पेंशन दिया जाता है लेकिन झारखंड के कलाकारों को किसी तरह की सुविधा नहीं मिलती हैं। राज्य सरकार के अनदेखी के कारण कलाकारों का भविष्य अंधकार में है और क्षेत्रिय कला, संस्कृति विलुप्त होने लगी हैं।

नीमडीह प्रखंड के कुशपुतुल कला भवन में आज छौ नृत्य कलाकारों के बैठक में सम्मिलित होने का अवसर मिला। इस अवसर पर सभी कलाकारों और कला प्रेमियों को उनके मांग का समर्थन करते हुए आंदोलन करने तथा कलाकारों को अपने स्तर से हर संभव सहयोग करने का वादा किए।

सरायकेला : जिले के नारायण प्राइवेट आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल में गुरु रविदास जी की जयंती मनाई गई।


सरायकेला :- जिले के नारायण प्राइवेट आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल में गुरु रविदास जी की जयंती मनाई गई जिसमे कॉलेज संस्थान के संस्थापक डॉ. जटा शंकर पांडे जी ने कहा कि गुरु रविदास महान कवि,महान संत तथा महान दार्शनिक थे और उन्हें संत शिरोमणि भी कहा जाता है। जिन्होंने जात-पात के अन्त विरोध में कार्य किया। 

इन्हें सतगुरु अथवा जगतगुरु की उपाधि दी जाती है। इन्होने रविदासिया पंथ की स्थापना की और इनके रचे गये कुछ भजन सिख लोगों के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब में भी शामिल हैं।

गुरू रविदास का जन्म काशी में माघ पूर्णिमा दिन रविवार को संवत 1398 को हुआ था। संत रामानन्द के शिष्य बनकर उन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान अर्जित किया। मधुर व्यवहार के कारण उनके सम्पर्क में आने वाले लोग भी बहुत प्रसन्न रहते थे। प्रारम्भ से ही रविदास जी बहुत परोपकारी तथा दयालु थे और दूसरों की सहायता करना उनका स्वभाव बन गया था। साधु-सन्तों की सहायता करने में उनको विशेष आनन्द मिलता था।

 इस अवसर पर कॉलेज के शिक्षक तथा शिक्षकेत्तर कर्मचारी में जयंत बनर्जी, पवन कुमार महतो, गौरव कुमार, तहसीन फात्मा, शिशुमति दास आदि सामिल रहे।

पूर्वी सिंहभूम के लाइफ लाइन कहे जाने वाले सुवर्णरेखा नदी के सोनारी दोंमुहानी घाट पर नमामि गंगे के तर्ज पर होगी आरती


इसके लिए घाट पर ,50 करोड़ के खर्च से होगा सौंदर्यीकरण

सरायकेला :कोल्हान के पूर्वी सिंहभूम के लाइफ लाइन कहे जाने वाले सुवर्णरेखा नदी के सोनारी दोंमुहानी घाट पर नमामी गंगे के तर्ज पर आरती के लिए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने अपने फंड से 50 लाख रूपये खर्च किया है।इसके लिए सुवर्णरेखा नदी के बीच निर्माण कार्य चल रहा है । वहीं अब इस खर्च को बढ़ाते हुंए 50 लाख नही बल्कि 50 करोड़ के खर्च पर सौंदर्यीकरण किया जायेगा ।

 यह खर्च मरीन ड्राईव रोड में स्वर्णरेखा के तटबंध के निर्माण पर जल संसाधन विभाग (स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना) 50 करोड़ रुपये खर्च करेगी। 

मंत्री बन्ना गुप्ता ने विभाग से स्वर्णरेखा नदी के किनारे छठ घाट का निर्माण कराने के लिए विभागीय अनुमति देने का भी निर्देश दिया है।

मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि दोमुहानी को वृहद आकार दिए जाएगा. वहां नए सीरे से सीढ़ियों का निर्माण के साथ-साथ कर्मकांड स्थल का निर्माण, पर्व-त्योवहार में आने वाली महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम का निर्माण, लोगों के बैठने की व्यवस्था, सभी घाट में सीढ़ियों का निर्माण कराया जाएगा।

 साथ ही हरियाली लाने के लिए किनारे-किनारे पौधा रोपण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि वाटर हार्वेस्टिंग के तहत नदी में गिरने वाले गंदे पानी को स्टोर कर उसे साफ किया जाएगा। उक्त पानी का इस्तेमाल पेड़-पौधों की सिंचाई में की जाएगी. उसके बाद बचे हुए पानी को नदी में बहाया जाएगा. जिससे नदी प्रदूषित नहीं हो।

वही अब इस बात का भी चर्चा है कि जमशेदपुर के कदमा और सोमारी शहर के नाला का पानी सीधे तौर पर खरकई नदी मे गिरता है । नाला का पानी इतना गंदा है कि खरकई नदी जहरीला होते जा रहा है । लोगों की मांग है कि खरकई नदी को प्रदूषित और जहरीला होने से बचाया जाये तभी नदी का अस्तित्व बचेगा ।