बच्चों में नैतिक मूल्यों को विकसित किया जाए : प्रो सत्यकाम
राज्य स्तरीय पठन महोत्सव का हुआ आयोजन
रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के पहल पर राज्य में शैक्षिक परिदृश्य को सुदृढ़ बनाने और बच्चों में बुनियादी साक्षरता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय पठन महोत्सव का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम निपुण भारत मिशन के तहत, नई शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप बुनियादी साक्षरता कौशल को विकसित करने और बच्चों में पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद (एससीईआरटी), रायपुर के तत्वावधान में और रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट एवं USAID के सहयोग से किया गया। इस महोत्सव का उद्देश्य पठन के प्रति जागरूकता फैलाना, बच्चों में पढ़ने का आनंद विकसित करना और स्कूलों व समुदायों को इस दिशा में एकजुट करना था।
पठन महोत्सव के दौरान सेरी कार्यक्रम के तहत छत्तीसगढ़ में किए गए बुनियादी साक्षरता प्रयासों की प्रस्तुति, बाल साहित्य की भूमिका और कक्षा में लैंगिक समानता पर चर्चा, शिक्षकों द्वारा बाल साहित्य निर्माण और अनुवाद के अनुभव साझा किए गए। इसी तरह डाइट व्याख्याताओं द्वारा लाइब्रेरी और सेवापूर्व शिक्षण से संबंधित अनुभवों का आदान-प्रदान और खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर द्वारा बाल साहित्य अनुरूप चित्रकारी पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में बच्चों के लिए रोचक गतिविधियों, पढ़ने और लिखने के अभ्यास, कहानी सुनाने और सुनने की गतिविधियों, पुस्तकालय उपयोग, और ऑनलाइन-ऑफलाइन पठन सामग्री का समावेश किया गया।
इस अवसर पर एससीईआरटी के उप संचालक पुष्पा किस्पोट्टा, दिव्या लकड़ा, और एनजीओ प्रकोष्ठ प्रभारी डेकेश्वर वर्मा उपस्थित थे। कार्यक्रम में USAID की शिखा जैन और रूम टू रीड के डॉ. भाग्यलक्ष्मी बालाजी, डॉ. भावना शिंदे, ताहिर अली एवं यशवर्धन उनियाल, 33 जिलों के प्राथमिक विद्यालयों से चयनित छात्र-छात्राएं, उनके अभिभावक, शिक्षकगण, और 19 डाइट के व्याख्याताओं सहित 250 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड : बड़ी वारदात को अंजाम देने से पहले मौन व्रत रखता है लारेंस बिश्नोई, इस बार भी रखा था 9 दिनों का उपवास
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात मुंबई के बांद्रा ईस्ट इलाके में 3 लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इस हत्याकांड से देश में गुस्सा है. वहीं, मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया है जबकि एक आरोपी फरार है. हत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है लेकिन गिरफ्तार 2 आरोपियों ने बिश्नोई गैंग से जुड़े होने का दावा किया है. इसी बीच लारेंस बिश्नोई को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है.
सूत्रों के मुताबिक साबरमती जेल में लारेंस बिश्नोई ने नवरात्र में 9 दिन तक मौन व्रत रखा था. इस दौरान बिश्नोई किसी से बातचीत नहीं करता था. साथ ही वह अन्न भी ग्रहण नहीं करता था.माना जाता है की जब-जब बिश्नोई मौन व्रत रहता है, उसका गैंग किसी बड़ी वारदात को अंजाम देता है. हाल ही में लारेंस बिश्नोई का एक वीडियो कॉल सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसमें बिश्नोई पाकिस्तान के गैंगस्टर से बातचीत कर रहा था और ईद की बधाई दे रहा था. दावा ये भी था कि ये कॉल बिश्नोई ने साबरमती जेल से किया था लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद साबरमती जेल प्रशासन ने पुराना वीडियो होने का हवाला देकर मामले से पल्ला झाड़ लिया था.
सूत्रों के मुताबिक लारेंस बिश्नोई को साबरमती जेल में एक अलग सेल में रखा गया है. वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल जेल से करता है. ये बात एजेंसी के लोग भी बताते हैं. बिश्नोई अन्न कम खाता है, दूध दही और फल का इस्तेमाल खाने में करता है. इसके अलावा वह जेल में बैडमिंटन खेलता है और कसरत भी करता है.
तिहाड़ जेल में भी बिश्नोई फोन से बात करता था. इसका खुलासा आज तक/इंडिया टूडे ने बिश्नोई के इंटरस्टेड कॉल के जरिए खुलासा किया था. सिद्धू मुसावाला की हत्या के बाद बिश्नोई के करीबी ने जेल में बंद लारेंस बिश्नोई को फोन पर कॉल किया था और सिद्धू मुसावला हत्याकांड की जानकारी दी थी. पंजाब और राजस्थान की जेल में जब बिश्नोई बंद था, तब भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता था.
गुजरात की साबरमती जेल में बंद लारेंस बिश्नोई को खास बैरक में रखा गया है. इस बैरक के अंडा सेल में उसे रखा गया है. जहां पर उसके साथ और कोई कैदी नहीं है. आमतौर पर आतंक से जुडे और गंभीर अपराध में बंद खूंखार कैदियों को ही ऐसे सेल में रखा जाता है. साल 2008 से बम ब्लास्ट से जुडी आतंकियों के भी इसी तरह अंडा सेल में रखा गया था. यह जेल का सबसे सुरक्षित हिस्सा होता है, जहां पर बैरेक और सेल के बाहर भी सुरक्षाकर्मी होते हैं.
इन सेल-बैरक में बंद आरोपीयों से बहुत कम बातचीत का अवकाश रहता है. क्योंकि वह अकेले होते हैं, सुरक्षाकर्मी भी उनसे बातचीत में परहेज करते हैं. सुबह 6 से 12 और शाम 3 से 6 के बीच में उसे नाश्ता और खाना दिया जाता है. उसे वहां से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है. लारेंस बिश्नोई धार्मिक है और वह अपने सेल में ध्यान लगाकर पाठ करता रहता है. केन्द्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बिना उसे जेल से बाहर नहीं निकाला जा सकता है.
मुंबई पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक क्राइम ब्रांच का दावा है कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुद को बिश्नोई गैंग से जुड़ा बताया है. सूत्रों के मुताबिक, आरोपी पिछले 25-30 दिनों से उस इलाके की रेकी कर रहे थे. तीनों आरोपी ऑटो रिक्शा से बांद्रा ईस्ट में उस शूटिंग स्पॉट पर पहुंचे थे, जहां गोली चलाई गई थी. सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि बाबा सिद्दीकी पर हमला करने से पहले तीनों आरोपियों ने कुछ समय वहीं बिताया और उनका इंतजार किया. पुलिस को शक है कि आरोपियों को किसी और व्यक्ति से भी अंदरूनी जानकारी मिल रही थी. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
कनाडा पुलिस और इंडियन एजेंसी से वांटेड सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ के जरिए बिश्नोई गैंग ऑपरेट हो रहा है. एनआईए ने बताया है कि बिश्नोई गैंग में 700 से ज्यादा शूटर हैं, जिसमें 300 पंजाब से जुड़े हैं. सोशल मीडिया प्लेटफार्म, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब के जरिए बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की फोटो डाली गई. बिश्नोई का कोर्ट लाते-जाते फोटो और वीडियो डाले जाते और इस तरह गैंग का प्रचार प्रसार किया गया. बिश्नोई गैंग ने साल 2020-21 तक करोड़ों रुपए एक्सटोर्शन से कमाए और वो पैसा हवाला के जरिए विदेशों में भेजा गया.
लॉरेंस बिश्नोई के जुर्म का साम्राज्य भारत के 11 राज्य और 6 देशों तक फैल चुका है. एनआईए के मुताबिक कभी बिश्नोई का गैंग सिर्फ पंजाब तक सीमित था लेकिन उसने अपने शातिर दिमाग और अपने करीबी गोल्डी बराड़ के साथ मिलकर हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान की गैंग से गठजोड़ किया और बड़ा गैंग बनाया. बिश्नोई गैंग अब पूरे नॉर्थ इंडिया में, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान और झारखंड तक फैल चुका है. सोशल मीडिया और तमाम अलग अलग तरीको से नौजवानों को गैंग में रिक्रूट किया जाता है. लॉरेंस बिश्नोई का साम्राज्य USA, अजरबैजान, पुर्तगाल, UAE और रूस तक फैला हुआ है.
नौजवान ऐसे होते हैं शामिल
नौजवानों को कनाडा या उनके पसंद के मनचाहे देश में शिफ्ट कराने का लालच देकर गैंग में भर्ती करवाया जाता है. NIA के मुताबिक पाकिस्तान में बैठा खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा बिश्नोई गैंग के शूटर का इस्तेमाल पंजाब में टारगेट किलिंग और अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिलवाने में करता है. UAPA के तहत अदालत में NIA ने कुछ दिनों पहले लारेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ समेत कुल 16 गैंगस्टर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ बंद हो अत्याचार', अमेरिका में उठी आवाज, आसमान में लहराया विशाल बैनर*
#usa_airline_banner_stop_violence_on_bangladesh_hindus_seen_over_new_york_sky बांग्लादेश में राजनीति और सत्ता में परिवर्तन के साथ ही अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं की सुरक्षा का मामला बेहद संवेदनशील हो उठा है।आँकड़ों की मानें तो शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद देश के 48 जिलों में हमले की 278 घटनाएँ हुई हैं।शेख़ हसीना सरकार के पतन और उनके देश से पलायन के बाद हिंदू समुदाय के लोग डर और आतंक के माहौल में दिन काट रहे हैं। इसको लेकर भारत भी कड़ी आपत्ति जता चुका है।वहीं, अब अमेरिका में रह रहे हिंदू समुदाय के लोगों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे नरसंहार को लेकर आवाज उठाई है। अमेरिका के न्यूयॉर्क में आज सुबह लोग आसमान में एक विशाल बैनर को देखा गया। इस बैनर में लिखा था कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बंद होनी चाहिए। यह विशाल बैनर हडसन नदी के ऊपर और विश्व प्रसिद्ध स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के ऊपर हवा में लहराते देखा गया।यह विशाल बैनर एक हवाई जहाज के पीछे बांधा गया था, जैसे ही हवाई जहाज न्यूयॉर्क के ऊपर से उड़ा तो आसमान में हिंदुओं पर अत्याचार का विशाल बैनर हवा में लहराता दिखाई दिया। बांग्लादेश मूल के हिंदू समुदाय के सितांशु गुहा ये बैनर लहराने वाले लोगों में शामिल हैं। सितांशु ने कहा कि लोगों में बांग्लादेशी हिंदुओं की मुश्किलों के प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से ऐसा किया गया था। 1971 में बांग्लेदाश बनने के बाद से ही वहां हिंदुओं के साथ नरसंहार शुरु हो गया। एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में लाखों हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया। बांग्लादेश की हिंदू आबादी 1971 में 20% से घटकर आज केवल 8.9% रह गई है। हिंसा, दरिद्रता, लिंचिंग, नाबालिग लड़कियों के अपहरण और जबरन नौकरी से इस्तीफा देने की घटनाएं सामने आई हैं। बांग्लादेश में 2 लाख से अधिक हिंदू प्रभावित हुए हैं। साथ ही संपत्ति जब्त की गई है, जो देश में रहने वाले 13 से 15 मिलियन हिंदुओं के लिए एक गंभीर अस्तित्वगत खतरा है।
बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ बंद हो अत्याचार', अमेरिका में उठी आवाज, आसमान में लहराया विशाल बैनर
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बांग्लादेश में राजनीति और सत्ता में परिवर्तन के साथ ही अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं की सुरक्षा का मामला बेहद संवेदनशील हो उठा है।आँकड़ों की मानें तो शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद देश के 48 जिलों में हमले की 278 घटनाएँ हुई हैं।शेख़ हसीना सरकार के पतन और उनके देश से पलायन के बाद हिंदू समुदाय के लोग डर और आतंक के माहौल में दिन काट रहे हैं। इसको लेकर भारत भी कड़ी आपत्ति जता चुका है।वहीं, अब अमेरिका में रह रहे हिंदू समुदाय के लोगों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे नरसंहार को लेकर आवाज उठाई है।
अमेरिका के न्यूयॉर्क में आज सुबह लोग आसमान में एक विशाल बैनर को देखा गया। इस बैनर में लिखा था कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बंद होनी चाहिए। यह विशाल बैनर हडसन नदी के ऊपर और विश्व प्रसिद्ध स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के ऊपर हवा में लहराते देखा गया।यह विशाल बैनर एक हवाई जहाज के पीछे बांधा गया था, जैसे ही हवाई जहाज न्यूयॉर्क के ऊपर से उड़ा तो आसमान में हिंदुओं पर अत्याचार का विशाल बैनर हवा में लहराता दिखाई दिया।
बांग्लादेश मूल के हिंदू समुदाय के सितांशु गुहा ये बैनर लहराने वाले लोगों में शामिल हैं। सितांशु ने कहा कि लोगों में बांग्लादेशी हिंदुओं की मुश्किलों के प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से ऐसा किया गया था।
1971 में बांग्लेदाश बनने के बाद से ही वहां हिंदुओं के साथ नरसंहार शुरु हो गया। एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में लाखों हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया। बांग्लादेश की हिंदू आबादी 1971 में 20% से घटकर आज केवल 8.9% रह गई है। हिंसा, दरिद्रता, लिंचिंग, नाबालिग लड़कियों के अपहरण और जबरन नौकरी से इस्तीफा देने की घटनाएं सामने आई हैं। बांग्लादेश में 2 लाख से अधिक हिंदू प्रभावित हुए हैं। साथ ही संपत्ति जब्त की गई है, जो देश में रहने वाले 13 से 15 मिलियन हिंदुओं के लिए एक गंभीर अस्तित्वगत खतरा है।
राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने लेधी गांव में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर जयंती मनाया
భారత్కు గుడ్ న్యూస్.. ఆ సంపదను తిరిగిచ్చేస్తున్న అమెరికా..
4 వేల పురాతన వస్తువులను అమెరికా.. భారత్కు ఇచ్చేయడానికి సిద్ధమైంది. భారత్ నుంచి అక్రమంగా తరలించిన అత్యంత విలువైన పురాతన వస్తువులను తిరిగిచ్చేందుకు అమెరికా నిర్ణయం తీసుకుంది. భారత ప్రధానమంత్రి నరేంద్రమోదీ అమెరికా పర్యటన సందర్భంగా ఆ దేశం ఈ నిర్ణయం తీసుకుంది.
4 వేల పురాతన వస్తువులను (4 Thousand Antiques) అమెరికా (America).. భారత్ (India)కు ఇచ్చేయడానికి సిద్ధమైంది. భారత్ నుంచి అక్రమంగా తరలించిన అత్యంత విలువైన పురాతన వస్తువులను తిరిగిచ్చేందుకు అమెరికా నిర్ణయం తీసుకుంది. భారత ప్రధానమంత్రి నరేంద్రమోదీ (PM Modi) అమెరికా పర్యటన (America Tour) సందర్భంగా ఆ దేశం ఈ నిర్ణయం తీసుకుంది. ఇందులో 2వేలు బీసీఈ (BCE) – 19వేల సీఈ (СЕ) - వరకు అంటే 4వేళ ఏళ్ల పరిధిలోని యాంటిక్విటీస్ ఉన్నాయని భారత్ అధికారులు తెలిపారు. ఇండియాకు రానున్న తూర్పు భారతంలోని టెర్రకోట బొమ్మలు, కళాకృతులు; ఇతర ప్రాంతాల్లోని రాతి, లోహ, కలప, ఐవరీ శిల్పాలు.. త్వరలోనే వీటిని భారత్కు తరలించనున్నట్లు విదేశాంగ శాఖ అధికారులు ప్రకటించారు.
కాగా ‘‘క్వాడ్ కూటమి ఏ దేశానికీ వ్యతిరేకం కాదు. అన్ని దేశాల సార్వభౌమత్వాన్ని గౌరవిస్తాం. భద్రత, అభివృద్ధి చెందుతున్న సాంకేతికత, వాతావరణ మార్పులు, సామర్థ్య నిర్మాణమే మా లక్ష్యం. సమస్యలను శాంతియుతంగా పరిష్కరించుకోవడమే క్వాడ్ అభిమతం. మేం(క్వాడ్ కూటమి) నిలబడతాం.. బలపడతాం’’ అని భారత ప్రధాని నరేంద్ర మోదీ ఉద్ఘాటించారు. అమెరికా అధ్యక్షుడు జోబైడెన్ స్వస్థలమైన విల్మింగ్టన్లో ఆదివారం జరిగిన క్వాడ్ దేశాధినేతల శిఖరాగ్ర సదస్సులో ఆయన మాట్లాడారు. నాలుగేళ్లక్రితం ఇండో-పసిఫిక్ రీజియన్లో స్వేచ్ఛాయుత వాణిజ్యం, భద్రత వంటి అంశాలతో అమెరికా, ఆస్ట్రేలియా, జపాన్, భారత్ కలిసి క్వాడ్ కూటమిగా ఏర్పడ్డ విషయం తెలిసిందే..! ఈ కూటమి ఏర్పడి నాలుగేళ్లు పూర్తయిన సందర్భంగా జరిగిన సదస్సులో మోదీ, బైడెన్తోపాటు.. ఆస్ట్రేలియా ప్రధాని అల్బనెస్, జపాన్ ప్రధాని కిషిదా పాల్గొన్నారు.
క్వాడ్కు వ్యతిరేకంగా చైనా వ్యాఖ్యలు చేస్తున్న నేపథ్యంలో.. మోదీ ఆ దేశం పేరును ప్రస్తావించకుండా తాము అన్ని దేశాల సార్వభౌమత్వాన్ని గౌరవిస్తామని, ఎవరికీ వ్యతిరేకం కాదని స్పష్టం చేశారు. తమ సందేశం ఒక్కటేనని, బలంగా నిలబడి, సభ్యదేశాల సహకారానికి కృషిచేస్తామని పేర్కొన్నారు. ‘‘ప్రపంచంలో ఉద్రిక్తతలు, సంఘర్షణలు చోటుచేసుకుంటున్న సమయంలో క్వాడ్ కూటమి ఏర్పాటైంది. మానవాళి శ్రేయస్సుకు, ప్రజాస్వామ్య విలువల పరిరక్షణకు కంకణబద్ధమైంది. క్వాడ్ సదస్సులో ఫలవంతమైన చర్చలు జరిగాయి.
ప్రపంచానికి మేలు జరిగేలా ఇంకా సమర్థంగా పనిచేయాలని నిర్ణయించాం’’ అని ఆయన వ్యాఖ్యానించారు. ఇండో-పసిఫిక్ రీజియన్లో స్వేచ్ఛాయుత వాణిజ్యానికి సహకరించేందుకు భారత్ కట్టుబడి ఉందన్నారు. అంతకు ముందు ఆయన ‘క్వాడ్ క్యాన్సర్ మూన్షాట్ ఈవెంట్’లో మాట్లాడుతూ.. ఇండో-పసిఫిక్ రీజియన్ దేశాల్లో గర్భాశయ ముఖద్వార క్యాన్సర్ పరీక్షలు, గుర్తింపు, చికిత్సకు భారత్ తరఫున రూ.62.61 కోట్ల(7.5 మిలియన్ డాలర్లు)ను అందజేస్తామని ప్రకటిస్తూ.. తమ లక్ష్యం ‘ఒక భూగోళం.. ఒక ఆరోగ్యం’ అంటూ నినదించారు. ఈ రీజియన్లోని దేశాలకు 4 కోట్ల డోసుల క్యాన్సర్ టీకాలను అందజేస్తామన్నారు.
క్వాడ్ దేశాధినేతల తదుపరి సదస్సు వచ్చే ఏడాది భారత్లో జరగనుంది. నాలుగేళ్ల క్రితం ఈ సంస్థ ఆవిర్భవించగా.. అమెరికా, ఆస్ట్రేలియా, జపాన్, భారత్లలో సదస్సులు నిర్వహించాలని నిర్ణయించారు. నిజానికి ఈ సంవత్సరం భారత్ వంతు కాగా.. తన పదవీకాలం ముగుస్తున్న నేపథ్యంలో తన స్వస్థలంలో సమ్మిట్కు అనుమతించాలని అమెరికా అధ్యక్షుడు బైడెన్ విజ్ఞప్తి చేశారు. దాంతో.. వచ్చే ఏడాది సదస్సును భారత్లో ఏర్పాటు చేయాలని తీర్మానించారు
విల్మింగ్టన్లో శనివారం బైడెన్-మోదీ ద్వైపాక్షిక చర్చలు జరిపిన విషయం తెలిసిందే..! ఈ చర్చల్లో భాగంగా మోదీపై బైడెన్ పొగడ్తల వర్షం కురిపించినట్లు విదేశాంగ శాఖ అధికారులు తెలిపారు. ముఖ్యంగా ఉక్రెయిన్లో మోదీ పర్యటన.. శాంతికోసం ఆయన చేస్తున్న కృషిని అభినందించినట్లు వివరించారు. కొవిడ్ సమయంలో ‘టీకా మైత్రి’ మొదలు.. ఇటీవలి జీ20 సమ్మిట్ వరకు ప్రపంచ క్షేమం కోసం భారత్ చేస్తున్న కృషిని కొనియాడినట్లు పేర్కొన్నారు. ఇరువురు నేతల భేటీలో.. సెమీకండక్టర్లు మొదలు.. అంతరిక్షం దాకా పలు అంశాలపై చర్చలు జరిగినట్లు తెలిపారు. భారత్-అమెరికా మధ్య కీలకమైన రక్షణ, క్లీన్ ఎనర్జీ, గ్లోబల్ హెల్త్పై ఒప్పందాలు కుదిరినట్లు వెల్లడించారు. ఐక్య రాజ్య సమితి(ఐరాస)లో భారత్ శాశ్వత సభ్యత్వానికి కృషిచేస్తానని బైడెన్ పేర్కొన్నట్లు వివరించారు.
हिंद महासागर में चीन के बढ़े प्रभाव ने भारत-अमेरिका चिंतित, ड्रैगन पर शिकंजा कसने की तैयारी में दोनों देश
#in_indian_ocean_india_usa_can_take_this_big_step_soon
हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव से भारत ही नहीं अमेरिका भी चिंतित है। इन चिंताओं के बीच अमेरिका ने हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के साथ ज्यादा निकटता से सहयोग करने का फैसला लिया है। अमेरिका ने इस संबंध मे बयान जारी किया है। अमेरिकी उप विदेश मंत्री कर्ट एम कैंपबेल ने इस संबंध में अपने बयान में कहा, मैं आपको यह पहली बार बता सकता हूं कि अमेरिका और भारत हिंद महासागर पर एक सत्र आयोजित करने जा रहे हैं। हम इस बारे में बात करने जा रहे हैं कि हमारी आपसी चिंताएं क्या हैं, हम एक साथ कैसे काम कर सकते हैं। हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी रिपब्लिकन में बोलते हुए उन्होंने ये ऐलान किया है।
WION ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि बाइडन के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी कैंपबेल ने कहा कि हिंद महासागर में भारत जैसे साझेदार के साथ अधिक निकटता से काम करने की ओर आशा से देख रहे हैं।
हिंद महासागर वैश्विक व्यापार के लिए सबसे महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक है, जहां से प्रतिदिन बड़ी मात्रा में शिपिंग यातायात गुजरता है। एक अनुमान के मुताबिक, दुनिया का 60 प्रतिशत समुद्री व्यापार हिंद महासागर से होकर गुजरता है, जिसमें दुनिया के एक तिहाई कंटेनर कार्गो और दुनिया के दो-तिहाई तेल शिपमेंट शामिल हैं। इसके चोकपॉइंट्स से हर दिन करीब 36 मिलियन बैरल की आवाजाही होती है, जो दुनिया की लगभग 40 फीसदी तेल आपूर्ति और 64 फीसदी तेल व्यापार के बराबर है।
चीन बीते कुछ समय से इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है। उसका जिबूती में एक सैन्य अड्डा है जो 2017 में चालू हो गया। ग्वादर से चटगांव तक इसने चीन के लिए आसानी तकर दी है। माना जा रहा है कि अगले 4 वर्षों में चीन के पास इस क्षेत्र में एक स्थायी विमानवाहक पोत हो सकता है। इससे अमेरिका चिंतित है और भारत भी असहज है। ऐसे में भारत और अमेरिका साथ आकर इस क्षेत्र में काम करने के संकेत दे रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने की पीएम मोदी की जमकर तारीफ, बताया-शानदार इंसान
#pm_modi_will_meet_donald_trump_during_his_usa_visit
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात हो सकती है। डोनाल्ड ट्रंप ने मिशिगन में एक रैली को संबोधित खुद इस बात का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।साथ ही ट्रंप ने पीएम मोदी को शानदार इंसान बताया।
डोनाल्ड ट्रंप 21 से 23 सितंबर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान मुलाकात कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी क्वाड समिट में भाग लेने अमेरिका के विलमिंगटन, डेलावेयर जा रहे हैं। यहीं पर क्वाड की मीटिंग भी प्रस्तावित है। इस सम्मेलन की मेजबानी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन करेंगे। इस मीटिंग में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज और जापानी प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो भी शामिल होंगे। भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका क्वाड के सदस्य हैं। यह संगठन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल को काउंटर करने के लिए गठित किया गया है।
ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी के साथ दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत बनाया था। दोनों की व्यक्तिगत रिश्ते भी काफी मजबूत हुए थे। ह्यूस्टन में हाउडी मोदी और भारत में नमस्ते ट्रंप इसके उदाहरण हैं। दोनों देशों ने रक्षा और रणनीतिक सहयोग में इजाफा किया था। कई व्यापारिक विवादों के बावजूद उनकी साझेदारी मजबूत होती रही।
क्या भारत-चीन सीमा समझौते में अमेरिका का भूमिका? जानें क्या कह रहा यूएस
#usareactionindiachinalacpatrollingagreement
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर समझौता हो गया है। समजौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट रही हैं। भारत-चीन संबंध पर दुनियाभर की नजर है, खासकर अमेरिका की। अब दोनों देशों के बीच हे सीमा समझौते के बाद अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है।अमेरिका ने कहा है कि वह भारत-चीन के बीच एलएसी समझौते पर 'गहरी नजर' बनाए हुए है और सीमा पर तनाव कम होने का "स्वागत" करता है। ये बात अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कही। बता दें कि भारत और चीन के बीच बड़ी डील हुई है। 5 साल से पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर पर जो तनातनी चल रही थी, वो कई बैठकों के बाद आखिरकार समाप्त हो रही है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि वह भारत-चीन सीमा पर तनाव की स्थिति कम होने का स्वागत करता है। साथ ही कहा कि नई दिल्ली ने इस संबंध में उसे जानकारी दी है। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने पत्रकारों से कहा, हम भारत और चीन के बीच के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं। हम समझते हैं कि दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों को वापस बुलाने के लिए शुरुआती कदम उठाए हैं। हम सीमा पर तनाव की स्थिति में किसी भी कमी का स्वागत करते हैं।
वहीं, जब मिलर से पूछा गया कि क्या इस मामले में अमेरिका की कोई भूमिका है, तो उन्होंने जवाब दिया, नहीं, हमने भारतीय साझेदारों से इस बारे में जानकारी ली है, लेकिन इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है।
भारत-चीन के बीच समझौता
बता दें कि जून 2020 से भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव बना हुआ था। तब गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच संघर्ष हुआ था और दोनों ओर से सैनिक हताहत हुए थे। एलएसी पेट्रोलिंग समझौता 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले घोषित किया गया था। सम्मेलन रूस के कजान में 22 से 24 अक्टूबर के बीच हुआ था। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भाग लिया।उस दौरान उनकी रूस के कजान शहर में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय मुलाकात भी हुई थी।
बच्चों में नैतिक मूल्यों को विकसित किया जाए : प्रो सत्यकाम
राज्य स्तरीय पठन महोत्सव का हुआ आयोजन
रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के पहल पर राज्य में शैक्षिक परिदृश्य को सुदृढ़ बनाने और बच्चों में बुनियादी साक्षरता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय पठन महोत्सव का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम निपुण भारत मिशन के तहत, नई शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप बुनियादी साक्षरता कौशल को विकसित करने और बच्चों में पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद (एससीईआरटी), रायपुर के तत्वावधान में और रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट एवं USAID के सहयोग से किया गया। इस महोत्सव का उद्देश्य पठन के प्रति जागरूकता फैलाना, बच्चों में पढ़ने का आनंद विकसित करना और स्कूलों व समुदायों को इस दिशा में एकजुट करना था।
पठन महोत्सव के दौरान सेरी कार्यक्रम के तहत छत्तीसगढ़ में किए गए बुनियादी साक्षरता प्रयासों की प्रस्तुति, बाल साहित्य की भूमिका और कक्षा में लैंगिक समानता पर चर्चा, शिक्षकों द्वारा बाल साहित्य निर्माण और अनुवाद के अनुभव साझा किए गए। इसी तरह डाइट व्याख्याताओं द्वारा लाइब्रेरी और सेवापूर्व शिक्षण से संबंधित अनुभवों का आदान-प्रदान और खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर द्वारा बाल साहित्य अनुरूप चित्रकारी पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में बच्चों के लिए रोचक गतिविधियों, पढ़ने और लिखने के अभ्यास, कहानी सुनाने और सुनने की गतिविधियों, पुस्तकालय उपयोग, और ऑनलाइन-ऑफलाइन पठन सामग्री का समावेश किया गया।
इस अवसर पर एससीईआरटी के उप संचालक पुष्पा किस्पोट्टा, दिव्या लकड़ा, और एनजीओ प्रकोष्ठ प्रभारी डेकेश्वर वर्मा उपस्थित थे। कार्यक्रम में USAID की शिखा जैन और रूम टू रीड के डॉ. भाग्यलक्ष्मी बालाजी, डॉ. भावना शिंदे, ताहिर अली एवं यशवर्धन उनियाल, 33 जिलों के प्राथमिक विद्यालयों से चयनित छात्र-छात्राएं, उनके अभिभावक, शिक्षकगण, और 19 डाइट के व्याख्याताओं सहित 250 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड : बड़ी वारदात को अंजाम देने से पहले मौन व्रत रखता है लारेंस बिश्नोई, इस बार भी रखा था 9 दिनों का उपवास
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात मुंबई के बांद्रा ईस्ट इलाके में 3 लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इस हत्याकांड से देश में गुस्सा है. वहीं, मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया है जबकि एक आरोपी फरार है. हत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है लेकिन गिरफ्तार 2 आरोपियों ने बिश्नोई गैंग से जुड़े होने का दावा किया है. इसी बीच लारेंस बिश्नोई को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है.
सूत्रों के मुताबिक साबरमती जेल में लारेंस बिश्नोई ने नवरात्र में 9 दिन तक मौन व्रत रखा था. इस दौरान बिश्नोई किसी से बातचीत नहीं करता था. साथ ही वह अन्न भी ग्रहण नहीं करता था.माना जाता है की जब-जब बिश्नोई मौन व्रत रहता है, उसका गैंग किसी बड़ी वारदात को अंजाम देता है. हाल ही में लारेंस बिश्नोई का एक वीडियो कॉल सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसमें बिश्नोई पाकिस्तान के गैंगस्टर से बातचीत कर रहा था और ईद की बधाई दे रहा था. दावा ये भी था कि ये कॉल बिश्नोई ने साबरमती जेल से किया था लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद साबरमती जेल प्रशासन ने पुराना वीडियो होने का हवाला देकर मामले से पल्ला झाड़ लिया था.
सूत्रों के मुताबिक लारेंस बिश्नोई को साबरमती जेल में एक अलग सेल में रखा गया है. वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल जेल से करता है. ये बात एजेंसी के लोग भी बताते हैं. बिश्नोई अन्न कम खाता है, दूध दही और फल का इस्तेमाल खाने में करता है. इसके अलावा वह जेल में बैडमिंटन खेलता है और कसरत भी करता है.
तिहाड़ जेल में भी बिश्नोई फोन से बात करता था. इसका खुलासा आज तक/इंडिया टूडे ने बिश्नोई के इंटरस्टेड कॉल के जरिए खुलासा किया था. सिद्धू मुसावाला की हत्या के बाद बिश्नोई के करीबी ने जेल में बंद लारेंस बिश्नोई को फोन पर कॉल किया था और सिद्धू मुसावला हत्याकांड की जानकारी दी थी. पंजाब और राजस्थान की जेल में जब बिश्नोई बंद था, तब भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता था.
गुजरात की साबरमती जेल में बंद लारेंस बिश्नोई को खास बैरक में रखा गया है. इस बैरक के अंडा सेल में उसे रखा गया है. जहां पर उसके साथ और कोई कैदी नहीं है. आमतौर पर आतंक से जुडे और गंभीर अपराध में बंद खूंखार कैदियों को ही ऐसे सेल में रखा जाता है. साल 2008 से बम ब्लास्ट से जुडी आतंकियों के भी इसी तरह अंडा सेल में रखा गया था. यह जेल का सबसे सुरक्षित हिस्सा होता है, जहां पर बैरेक और सेल के बाहर भी सुरक्षाकर्मी होते हैं.
इन सेल-बैरक में बंद आरोपीयों से बहुत कम बातचीत का अवकाश रहता है. क्योंकि वह अकेले होते हैं, सुरक्षाकर्मी भी उनसे बातचीत में परहेज करते हैं. सुबह 6 से 12 और शाम 3 से 6 के बीच में उसे नाश्ता और खाना दिया जाता है. उसे वहां से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है. लारेंस बिश्नोई धार्मिक है और वह अपने सेल में ध्यान लगाकर पाठ करता रहता है. केन्द्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बिना उसे जेल से बाहर नहीं निकाला जा सकता है.
मुंबई पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक क्राइम ब्रांच का दावा है कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुद को बिश्नोई गैंग से जुड़ा बताया है. सूत्रों के मुताबिक, आरोपी पिछले 25-30 दिनों से उस इलाके की रेकी कर रहे थे. तीनों आरोपी ऑटो रिक्शा से बांद्रा ईस्ट में उस शूटिंग स्पॉट पर पहुंचे थे, जहां गोली चलाई गई थी. सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि बाबा सिद्दीकी पर हमला करने से पहले तीनों आरोपियों ने कुछ समय वहीं बिताया और उनका इंतजार किया. पुलिस को शक है कि आरोपियों को किसी और व्यक्ति से भी अंदरूनी जानकारी मिल रही थी. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
कनाडा पुलिस और इंडियन एजेंसी से वांटेड सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ के जरिए बिश्नोई गैंग ऑपरेट हो रहा है. एनआईए ने बताया है कि बिश्नोई गैंग में 700 से ज्यादा शूटर हैं, जिसमें 300 पंजाब से जुड़े हैं. सोशल मीडिया प्लेटफार्म, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब के जरिए बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की फोटो डाली गई. बिश्नोई का कोर्ट लाते-जाते फोटो और वीडियो डाले जाते और इस तरह गैंग का प्रचार प्रसार किया गया. बिश्नोई गैंग ने साल 2020-21 तक करोड़ों रुपए एक्सटोर्शन से कमाए और वो पैसा हवाला के जरिए विदेशों में भेजा गया.
लॉरेंस बिश्नोई के जुर्म का साम्राज्य भारत के 11 राज्य और 6 देशों तक फैल चुका है. एनआईए के मुताबिक कभी बिश्नोई का गैंग सिर्फ पंजाब तक सीमित था लेकिन उसने अपने शातिर दिमाग और अपने करीबी गोल्डी बराड़ के साथ मिलकर हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान की गैंग से गठजोड़ किया और बड़ा गैंग बनाया. बिश्नोई गैंग अब पूरे नॉर्थ इंडिया में, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान और झारखंड तक फैल चुका है. सोशल मीडिया और तमाम अलग अलग तरीको से नौजवानों को गैंग में रिक्रूट किया जाता है. लॉरेंस बिश्नोई का साम्राज्य USA, अजरबैजान, पुर्तगाल, UAE और रूस तक फैला हुआ है.
नौजवान ऐसे होते हैं शामिल
नौजवानों को कनाडा या उनके पसंद के मनचाहे देश में शिफ्ट कराने का लालच देकर गैंग में भर्ती करवाया जाता है. NIA के मुताबिक पाकिस्तान में बैठा खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा बिश्नोई गैंग के शूटर का इस्तेमाल पंजाब में टारगेट किलिंग और अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिलवाने में करता है. UAPA के तहत अदालत में NIA ने कुछ दिनों पहले लारेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ समेत कुल 16 गैंगस्टर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ बंद हो अत्याचार', अमेरिका में उठी आवाज, आसमान में लहराया विशाल बैनर*
#usa_airline_banner_stop_violence_on_bangladesh_hindus_seen_over_new_york_sky बांग्लादेश में राजनीति और सत्ता में परिवर्तन के साथ ही अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं की सुरक्षा का मामला बेहद संवेदनशील हो उठा है।आँकड़ों की मानें तो शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद देश के 48 जिलों में हमले की 278 घटनाएँ हुई हैं।शेख़ हसीना सरकार के पतन और उनके देश से पलायन के बाद हिंदू समुदाय के लोग डर और आतंक के माहौल में दिन काट रहे हैं। इसको लेकर भारत भी कड़ी आपत्ति जता चुका है।वहीं, अब अमेरिका में रह रहे हिंदू समुदाय के लोगों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे नरसंहार को लेकर आवाज उठाई है। अमेरिका के न्यूयॉर्क में आज सुबह लोग आसमान में एक विशाल बैनर को देखा गया। इस बैनर में लिखा था कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बंद होनी चाहिए। यह विशाल बैनर हडसन नदी के ऊपर और विश्व प्रसिद्ध स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के ऊपर हवा में लहराते देखा गया।यह विशाल बैनर एक हवाई जहाज के पीछे बांधा गया था, जैसे ही हवाई जहाज न्यूयॉर्क के ऊपर से उड़ा तो आसमान में हिंदुओं पर अत्याचार का विशाल बैनर हवा में लहराता दिखाई दिया। बांग्लादेश मूल के हिंदू समुदाय के सितांशु गुहा ये बैनर लहराने वाले लोगों में शामिल हैं। सितांशु ने कहा कि लोगों में बांग्लादेशी हिंदुओं की मुश्किलों के प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से ऐसा किया गया था। 1971 में बांग्लेदाश बनने के बाद से ही वहां हिंदुओं के साथ नरसंहार शुरु हो गया। एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में लाखों हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया। बांग्लादेश की हिंदू आबादी 1971 में 20% से घटकर आज केवल 8.9% रह गई है। हिंसा, दरिद्रता, लिंचिंग, नाबालिग लड़कियों के अपहरण और जबरन नौकरी से इस्तीफा देने की घटनाएं सामने आई हैं। बांग्लादेश में 2 लाख से अधिक हिंदू प्रभावित हुए हैं। साथ ही संपत्ति जब्त की गई है, जो देश में रहने वाले 13 से 15 मिलियन हिंदुओं के लिए एक गंभीर अस्तित्वगत खतरा है।
बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ बंद हो अत्याचार', अमेरिका में उठी आवाज, आसमान में लहराया विशाल बैनर
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बांग्लादेश में राजनीति और सत्ता में परिवर्तन के साथ ही अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं की सुरक्षा का मामला बेहद संवेदनशील हो उठा है।आँकड़ों की मानें तो शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद देश के 48 जिलों में हमले की 278 घटनाएँ हुई हैं।शेख़ हसीना सरकार के पतन और उनके देश से पलायन के बाद हिंदू समुदाय के लोग डर और आतंक के माहौल में दिन काट रहे हैं। इसको लेकर भारत भी कड़ी आपत्ति जता चुका है।वहीं, अब अमेरिका में रह रहे हिंदू समुदाय के लोगों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे नरसंहार को लेकर आवाज उठाई है।
अमेरिका के न्यूयॉर्क में आज सुबह लोग आसमान में एक विशाल बैनर को देखा गया। इस बैनर में लिखा था कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बंद होनी चाहिए। यह विशाल बैनर हडसन नदी के ऊपर और विश्व प्रसिद्ध स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के ऊपर हवा में लहराते देखा गया।यह विशाल बैनर एक हवाई जहाज के पीछे बांधा गया था, जैसे ही हवाई जहाज न्यूयॉर्क के ऊपर से उड़ा तो आसमान में हिंदुओं पर अत्याचार का विशाल बैनर हवा में लहराता दिखाई दिया।
बांग्लादेश मूल के हिंदू समुदाय के सितांशु गुहा ये बैनर लहराने वाले लोगों में शामिल हैं। सितांशु ने कहा कि लोगों में बांग्लादेशी हिंदुओं की मुश्किलों के प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से ऐसा किया गया था।
1971 में बांग्लेदाश बनने के बाद से ही वहां हिंदुओं के साथ नरसंहार शुरु हो गया। एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में लाखों हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया। बांग्लादेश की हिंदू आबादी 1971 में 20% से घटकर आज केवल 8.9% रह गई है। हिंसा, दरिद्रता, लिंचिंग, नाबालिग लड़कियों के अपहरण और जबरन नौकरी से इस्तीफा देने की घटनाएं सामने आई हैं। बांग्लादेश में 2 लाख से अधिक हिंदू प्रभावित हुए हैं। साथ ही संपत्ति जब्त की गई है, जो देश में रहने वाले 13 से 15 मिलियन हिंदुओं के लिए एक गंभीर अस्तित्वगत खतरा है।
राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने लेधी गांव में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर जयंती मनाया
భారత్కు గుడ్ న్యూస్.. ఆ సంపదను తిరిగిచ్చేస్తున్న అమెరికా..
4 వేల పురాతన వస్తువులను అమెరికా.. భారత్కు ఇచ్చేయడానికి సిద్ధమైంది. భారత్ నుంచి అక్రమంగా తరలించిన అత్యంత విలువైన పురాతన వస్తువులను తిరిగిచ్చేందుకు అమెరికా నిర్ణయం తీసుకుంది. భారత ప్రధానమంత్రి నరేంద్రమోదీ అమెరికా పర్యటన సందర్భంగా ఆ దేశం ఈ నిర్ణయం తీసుకుంది.
4 వేల పురాతన వస్తువులను (4 Thousand Antiques) అమెరికా (America).. భారత్ (India)కు ఇచ్చేయడానికి సిద్ధమైంది. భారత్ నుంచి అక్రమంగా తరలించిన అత్యంత విలువైన పురాతన వస్తువులను తిరిగిచ్చేందుకు అమెరికా నిర్ణయం తీసుకుంది. భారత ప్రధానమంత్రి నరేంద్రమోదీ (PM Modi) అమెరికా పర్యటన (America Tour) సందర్భంగా ఆ దేశం ఈ నిర్ణయం తీసుకుంది. ఇందులో 2వేలు బీసీఈ (BCE) – 19వేల సీఈ (СЕ) - వరకు అంటే 4వేళ ఏళ్ల పరిధిలోని యాంటిక్విటీస్ ఉన్నాయని భారత్ అధికారులు తెలిపారు. ఇండియాకు రానున్న తూర్పు భారతంలోని టెర్రకోట బొమ్మలు, కళాకృతులు; ఇతర ప్రాంతాల్లోని రాతి, లోహ, కలప, ఐవరీ శిల్పాలు.. త్వరలోనే వీటిని భారత్కు తరలించనున్నట్లు విదేశాంగ శాఖ అధికారులు ప్రకటించారు.
కాగా ‘‘క్వాడ్ కూటమి ఏ దేశానికీ వ్యతిరేకం కాదు. అన్ని దేశాల సార్వభౌమత్వాన్ని గౌరవిస్తాం. భద్రత, అభివృద్ధి చెందుతున్న సాంకేతికత, వాతావరణ మార్పులు, సామర్థ్య నిర్మాణమే మా లక్ష్యం. సమస్యలను శాంతియుతంగా పరిష్కరించుకోవడమే క్వాడ్ అభిమతం. మేం(క్వాడ్ కూటమి) నిలబడతాం.. బలపడతాం’’ అని భారత ప్రధాని నరేంద్ర మోదీ ఉద్ఘాటించారు. అమెరికా అధ్యక్షుడు జోబైడెన్ స్వస్థలమైన విల్మింగ్టన్లో ఆదివారం జరిగిన క్వాడ్ దేశాధినేతల శిఖరాగ్ర సదస్సులో ఆయన మాట్లాడారు. నాలుగేళ్లక్రితం ఇండో-పసిఫిక్ రీజియన్లో స్వేచ్ఛాయుత వాణిజ్యం, భద్రత వంటి అంశాలతో అమెరికా, ఆస్ట్రేలియా, జపాన్, భారత్ కలిసి క్వాడ్ కూటమిగా ఏర్పడ్డ విషయం తెలిసిందే..! ఈ కూటమి ఏర్పడి నాలుగేళ్లు పూర్తయిన సందర్భంగా జరిగిన సదస్సులో మోదీ, బైడెన్తోపాటు.. ఆస్ట్రేలియా ప్రధాని అల్బనెస్, జపాన్ ప్రధాని కిషిదా పాల్గొన్నారు.
క్వాడ్కు వ్యతిరేకంగా చైనా వ్యాఖ్యలు చేస్తున్న నేపథ్యంలో.. మోదీ ఆ దేశం పేరును ప్రస్తావించకుండా తాము అన్ని దేశాల సార్వభౌమత్వాన్ని గౌరవిస్తామని, ఎవరికీ వ్యతిరేకం కాదని స్పష్టం చేశారు. తమ సందేశం ఒక్కటేనని, బలంగా నిలబడి, సభ్యదేశాల సహకారానికి కృషిచేస్తామని పేర్కొన్నారు. ‘‘ప్రపంచంలో ఉద్రిక్తతలు, సంఘర్షణలు చోటుచేసుకుంటున్న సమయంలో క్వాడ్ కూటమి ఏర్పాటైంది. మానవాళి శ్రేయస్సుకు, ప్రజాస్వామ్య విలువల పరిరక్షణకు కంకణబద్ధమైంది. క్వాడ్ సదస్సులో ఫలవంతమైన చర్చలు జరిగాయి.
ప్రపంచానికి మేలు జరిగేలా ఇంకా సమర్థంగా పనిచేయాలని నిర్ణయించాం’’ అని ఆయన వ్యాఖ్యానించారు. ఇండో-పసిఫిక్ రీజియన్లో స్వేచ్ఛాయుత వాణిజ్యానికి సహకరించేందుకు భారత్ కట్టుబడి ఉందన్నారు. అంతకు ముందు ఆయన ‘క్వాడ్ క్యాన్సర్ మూన్షాట్ ఈవెంట్’లో మాట్లాడుతూ.. ఇండో-పసిఫిక్ రీజియన్ దేశాల్లో గర్భాశయ ముఖద్వార క్యాన్సర్ పరీక్షలు, గుర్తింపు, చికిత్సకు భారత్ తరఫున రూ.62.61 కోట్ల(7.5 మిలియన్ డాలర్లు)ను అందజేస్తామని ప్రకటిస్తూ.. తమ లక్ష్యం ‘ఒక భూగోళం.. ఒక ఆరోగ్యం’ అంటూ నినదించారు. ఈ రీజియన్లోని దేశాలకు 4 కోట్ల డోసుల క్యాన్సర్ టీకాలను అందజేస్తామన్నారు.
క్వాడ్ దేశాధినేతల తదుపరి సదస్సు వచ్చే ఏడాది భారత్లో జరగనుంది. నాలుగేళ్ల క్రితం ఈ సంస్థ ఆవిర్భవించగా.. అమెరికా, ఆస్ట్రేలియా, జపాన్, భారత్లలో సదస్సులు నిర్వహించాలని నిర్ణయించారు. నిజానికి ఈ సంవత్సరం భారత్ వంతు కాగా.. తన పదవీకాలం ముగుస్తున్న నేపథ్యంలో తన స్వస్థలంలో సమ్మిట్కు అనుమతించాలని అమెరికా అధ్యక్షుడు బైడెన్ విజ్ఞప్తి చేశారు. దాంతో.. వచ్చే ఏడాది సదస్సును భారత్లో ఏర్పాటు చేయాలని తీర్మానించారు
విల్మింగ్టన్లో శనివారం బైడెన్-మోదీ ద్వైపాక్షిక చర్చలు జరిపిన విషయం తెలిసిందే..! ఈ చర్చల్లో భాగంగా మోదీపై బైడెన్ పొగడ్తల వర్షం కురిపించినట్లు విదేశాంగ శాఖ అధికారులు తెలిపారు. ముఖ్యంగా ఉక్రెయిన్లో మోదీ పర్యటన.. శాంతికోసం ఆయన చేస్తున్న కృషిని అభినందించినట్లు వివరించారు. కొవిడ్ సమయంలో ‘టీకా మైత్రి’ మొదలు.. ఇటీవలి జీ20 సమ్మిట్ వరకు ప్రపంచ క్షేమం కోసం భారత్ చేస్తున్న కృషిని కొనియాడినట్లు పేర్కొన్నారు. ఇరువురు నేతల భేటీలో.. సెమీకండక్టర్లు మొదలు.. అంతరిక్షం దాకా పలు అంశాలపై చర్చలు జరిగినట్లు తెలిపారు. భారత్-అమెరికా మధ్య కీలకమైన రక్షణ, క్లీన్ ఎనర్జీ, గ్లోబల్ హెల్త్పై ఒప్పందాలు కుదిరినట్లు వెల్లడించారు. ఐక్య రాజ్య సమితి(ఐరాస)లో భారత్ శాశ్వత సభ్యత్వానికి కృషిచేస్తానని బైడెన్ పేర్కొన్నట్లు వివరించారు.
हिंद महासागर में चीन के बढ़े प्रभाव ने भारत-अमेरिका चिंतित, ड्रैगन पर शिकंजा कसने की तैयारी में दोनों देश
#in_indian_ocean_india_usa_can_take_this_big_step_soon
हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव से भारत ही नहीं अमेरिका भी चिंतित है। इन चिंताओं के बीच अमेरिका ने हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के साथ ज्यादा निकटता से सहयोग करने का फैसला लिया है। अमेरिका ने इस संबंध मे बयान जारी किया है। अमेरिकी उप विदेश मंत्री कर्ट एम कैंपबेल ने इस संबंध में अपने बयान में कहा, मैं आपको यह पहली बार बता सकता हूं कि अमेरिका और भारत हिंद महासागर पर एक सत्र आयोजित करने जा रहे हैं। हम इस बारे में बात करने जा रहे हैं कि हमारी आपसी चिंताएं क्या हैं, हम एक साथ कैसे काम कर सकते हैं। हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी रिपब्लिकन में बोलते हुए उन्होंने ये ऐलान किया है।
WION ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि बाइडन के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी कैंपबेल ने कहा कि हिंद महासागर में भारत जैसे साझेदार के साथ अधिक निकटता से काम करने की ओर आशा से देख रहे हैं।
हिंद महासागर वैश्विक व्यापार के लिए सबसे महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक है, जहां से प्रतिदिन बड़ी मात्रा में शिपिंग यातायात गुजरता है। एक अनुमान के मुताबिक, दुनिया का 60 प्रतिशत समुद्री व्यापार हिंद महासागर से होकर गुजरता है, जिसमें दुनिया के एक तिहाई कंटेनर कार्गो और दुनिया के दो-तिहाई तेल शिपमेंट शामिल हैं। इसके चोकपॉइंट्स से हर दिन करीब 36 मिलियन बैरल की आवाजाही होती है, जो दुनिया की लगभग 40 फीसदी तेल आपूर्ति और 64 फीसदी तेल व्यापार के बराबर है।
चीन बीते कुछ समय से इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है। उसका जिबूती में एक सैन्य अड्डा है जो 2017 में चालू हो गया। ग्वादर से चटगांव तक इसने चीन के लिए आसानी तकर दी है। माना जा रहा है कि अगले 4 वर्षों में चीन के पास इस क्षेत्र में एक स्थायी विमानवाहक पोत हो सकता है। इससे अमेरिका चिंतित है और भारत भी असहज है। ऐसे में भारत और अमेरिका साथ आकर इस क्षेत्र में काम करने के संकेत दे रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने की पीएम मोदी की जमकर तारीफ, बताया-शानदार इंसान
#pm_modi_will_meet_donald_trump_during_his_usa_visit
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात हो सकती है। डोनाल्ड ट्रंप ने मिशिगन में एक रैली को संबोधित खुद इस बात का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।साथ ही ट्रंप ने पीएम मोदी को शानदार इंसान बताया।
डोनाल्ड ट्रंप 21 से 23 सितंबर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान मुलाकात कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी क्वाड समिट में भाग लेने अमेरिका के विलमिंगटन, डेलावेयर जा रहे हैं। यहीं पर क्वाड की मीटिंग भी प्रस्तावित है। इस सम्मेलन की मेजबानी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन करेंगे। इस मीटिंग में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज और जापानी प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो भी शामिल होंगे। भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका क्वाड के सदस्य हैं। यह संगठन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल को काउंटर करने के लिए गठित किया गया है।
ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी के साथ दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत बनाया था। दोनों की व्यक्तिगत रिश्ते भी काफी मजबूत हुए थे। ह्यूस्टन में हाउडी मोदी और भारत में नमस्ते ट्रंप इसके उदाहरण हैं। दोनों देशों ने रक्षा और रणनीतिक सहयोग में इजाफा किया था। कई व्यापारिक विवादों के बावजूद उनकी साझेदारी मजबूत होती रही।
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