दिल्ली की सत्ता में 27 साल बाद बीजेपी की वापसी, एग्जिट पोल्स में भाजपा सरकार का अनुमान

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दिल्ली में वोटिंग खत्म हो चुकी है। आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच इस बार के चुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिली है। वोटिंग के बाद आए एग्जिट पोल्स में सत्तारूढ़ आप पार्टी के लिए मायूसी वाली खबर है। दिल्ली चुनाव को लेकर अधिकांश एग्जिट पोल में बीजेपी की सरकार बनने का अनुमान हैं। वहीं, सिर्फ एक एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी सत्ता में वापसी करती दिख रही है। वहीं अगर एग्जिट पोल्स का अनुमान सच साबित हुए तो 27 साल बाद बीजेपी दिल्ली में सत्ता में वापसी करती दिख रही है।

वीप्रीसाइड एग्जिट पोल में AAP की वापसी, बीजेपी को कितनी सीट

दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक ऐसा एग्जिट पोल है जिसमें आम आदमी पार्टी सत्ता में वापसी करती दिख रही है। WeePreside एग्जिट पोल के अनुसार आम आदमी पार्टी की सत्ता में वापसी दिख रही है। इस एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 46 से 52 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, बीजेपी को 18 से 23 सीट मिलने की बात कही गई है। कांग्रेस को 1 सीट मिलने का अनुमान है।

चाणक्या एग्जिट पोल में बीजेपी की सरकार

दिल्ली विधानसभा में चाणक्या एग्जिट पोल में भी बीजेपी की सरकार बनने का अनुमान है। चाणक्या एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को 39-44 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, आप को 25 से 28 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, कांग्रेस को 2 से 3 सीट मिल सकती है।

पी-मार्क में बीजेपी को 39-49 सीट

पी-मार्क के एग्जिट पोल में इस बार बीजेपी की सरकार बनने का अनुमान है। इस एग्जिट पोल में इस बार बीजेपी को बड़ा बहुमत मिलने का अनुमान है। इस एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को 39 से 49 सीट मिल सकती है। वहीं, आम आदमी पार्टी को 21 से 31 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, कांग्रेस के खाते में सिर्फ 1 सीट मिलने की बात कही गई है।

पीपल्स पल्स में बीजेपी की बल्ले-बल्ले

पीपल्स पल्स के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी महज 10 से 19 सीटों पर सिमटती दिख रही है। वहीं, भाजपा 51-60 सीटों का बंपर आंकड़ा छू सकती है। इस सर्वे में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुलता दिख रहा।

जेवीसी एग्जिट पोल में बीजेपी सरकार

जेवीसी एग्जिट पोल में इस बार बीजेपी की सरकार बनने की बात कही गई है। एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को इस बार 39 से 45 सीट मिल सकती है। वहीं, आम आदमी पार्टी को 22 से 31 सीट आने का अनुमान है। एग्जिट पोल में कांग्रेस को 0-2 सीट देखने को मिल रही है। वहीं, एक सीट अन्य के खाते में जा सकती है।

2020 एग्जिट पोल

इससे पहले दिल्ली में 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 62 सीटें मिलीं, जबकि भाजपा को आठ और कांग्रेस एक बार फिर कोई सीट हासिल नहीं कर पाई। यानी नतीजों में एग्जिट पोल्स की छाप एक बार फिर देखने को मिली। आठ सर्वे एजेंसियों ने एग्जिट पोल्स जारी किए। सभी एग्जिट पोल्स में आम आदमी पार्टी को बहुमत दिखाया गया और वही हुआ।

2025 एग्जिट पोल

2015 के विधानसभा चुनावों में छह सर्वे एजेंसियों के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को सीधा बहुमत मिलता दिखाया गया। हालांकि, किसी भी एग्जिट पोल में आप की प्रचंड जीत की संभावना नहीं दर्शाई गई थी। केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को तब पोल ऑफ पोल्स में 45 सीटें मिलती दिख रही थीं। वहीं भाजपा को 24 और कांग्रेस को सिर्फ एक सीट का अनुमान लगाया गया था। आप को तब सबसे ज्यादा 53 सीटें मिलने का अनुमान एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में लगाया गया था। वहीं, सबसे कम 35 सीटें मिलने का अनुमान इंडिया टीवी-सी वोटर के सर्वे में लगा था। हालांकि, नतीजों ने चुनावी विश्लेषकों को चौंका दिया। आप ने इस चुनाव में 67 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया।

दिल्ली में वोटिंग खत्म, शाम 5 बजे तक 57.70% मतदान, 8 फरवरी को आएंगे नतीजे

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दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर सुबह 7 बजे से जारी वोटिंग शाम 6 बजे संपन्न हो गई। हालांकि, लाइन में लगे लोगों को 6 बजे के बाद भी वोटिंग का अधिकार दिया गया। इसके साथ ही उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

दिल्ली में शाम 5 बजे तक 57.70% मतदान हुआ है। मुस्तफाबाद में बंपर वोटिंग हुई है। यहां 66.68 फीसदी वोट पड़े। वहीं, सीलमपुर में 66.41 और गोकलपुर में 65.05 प्रतिशत मतदान हुआ है।2020 के विधानसभा चुनाव में 62.55 फीसद मतदान हुआ था।

दिल्ली में इस बार किसका राज होगा। इस बार खिलेगा कमल या फिर कांग्रेस करेगी वापसी, या फिर आप की झाड़ू कर देगी सबका सूपड़ा साफ। सबके मन में एक ही सवाल बाकी रह गया है कि राजधानी में अबकी बार किसकी सरकार? आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के बीच दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला है। इस कड़े मुकाबले के बीच अब सबकी नजर आज आने वाले एग्जिट पोल पर है।

चुनाव आयोग ने 5 फरवरी को शाम 6:30 बजे तक प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या किसी अन्य तरीके से प्रसार के माध्यम से एग्जिट पोल के किसी भी प्रकाशन पर प्रतिबंध लगा रखा है। यानी, थोड़ी देर में एग्जिट पोल सामने आएंगे। तमाम सर्वे एजेंसियां इस बात का अनुमान जातएंगी की दिल्ली में किस पार्टी की सरकार बन सकती है? किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं?

दिल्ली में मतदान के बीच बवाल, सीलमपुर में बु्र्के में वोटिंग का आरोप, तो जंगपुरा में पैसे बांटने को लेकर हंगामा

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दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है। सभी 70 सीटों पर लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बीच कुछ जगहों पर हंगामे की खबर है। सीलमपुर में बुर्के में मतदान को लेकर विवाद हो गया। वहीं जंगपुरा आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर पैसे बांटने का आरोप लगाया है।

बुर्के को लेकर विवाद

दिल्ली के सीलमपुर इलाके में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। बुर्के को लेकर यह विवाद शुरू हुआ है। बीजेपी का आरोप है कि यहां आप कार्यकर्ता बुर्के में फर्जी वोटिंग करवा रहे हैं। बीजेपी कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बीच आप कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतर आए।

सीलमपुर हंगामा मामले पर क्या बोले चुनाव अधिकारी?

सीलमपुर हंगामा मामले पर उत्तर पूर्वी जिला चुनाव अधिकारी ने कहा है कि पर्दा-नशीन महिला मतदाताओं के सत्यापन के लिए चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। इन मतदान केंद्रों पर 'पर्दानशीन' मतदाताओं का सत्यापन करने के लिए महिला मतदान अधिकारी मौजूद हैं और प्रत्येक मतदाता का सत्यापन किया जा रहा है, उसके बाद ही उन्हें मतदान करने की अनुमति दी जा रही है। कथित शिकायत की जांच के लिए चुनाव अधिकारियों को आर्यन पब्लिक स्कूल में भेजा गया और यह पाया गया कि आर्यन पब्लिक स्कूल में मतदान तय नियमों के अनुसार ही हो रहा है। विद्यालय के बाहर कुछ व्यक्तियों की ओर से शोर मचाया गया, जिसे समय रहते पुलिस फोर्स की ओर से नियंत्रित कर लिया गया।

आप ने भाजपा पर लगाया पैसे बांटने का आरोप

वहीं, आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर पैसे बांटने का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, भाजपा जंगपुरा में मतदाताओं को सरेआम बिल्डिंग में ले जाकर पैसे बांट रही है। यह सब दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग की निगरानी में किया जा रहा है। आप ने चुनाव आयोग से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं, मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी पैसे बांट रहा है।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे की बड़ी खबर: पहले 18 किमी तक यात्रा होगी पूरी तरह से टोल फ्री

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे (Delhi-Dehradun Expressway) खुलने का सभी को बेसब्री से इंतजार है. क्योंकि इस एक्सप्रेस-वे के खुलने से साढ़े छह घंटे का सफर आधे से भी ज्यादा कम हो जाएगा. यानि महज ढाई घंटे में आप दिल्ली से देहरादून पहुंच सकेंगे. पहले माना जा रहा था कि जनवरी में इसे खोल दिया जाएगा. लेकिन अभी इसे खुलने में जरा सी देर और लग सकती है. हालांकि, देहरादून में आशारोड़ी और डाट काली गुफा के बीच 3.5 किमी के हिस्से को अब ट्रैफिक (Traffic) के लिए पूरी तरह से खोल दिया गया है.

इसकी एक साइड की रोड पर पहले ही ट्रैफिक चालू कर दिया गया था, जिस पर गाड़ियां दोनों तरफ सरपट दौड़ रही थीं. अब एक्सप्रेसवे के इस हिस्से में दोनों तरफ की सड़क को यानी सभी 6 लेन को ट्रैफिक के लिए खोल दिया गया है. इस साढ़े तीन किमी के हिस्से में एक्सप्रेसवे के खुलने से स्थानीय लोगों को बड़ी सहूलियत होगी.

गेमचेंजर साबित होगा यह एक्सप्रेस-वे

दिल्ली से देहरादून जाने वाले लोगों की तादाद काफी ज्यादा है. खासकर उत्तराखंड की फेमस ट्रैवल डेस्टिनेशन्स और मंदिरों के दर्शन करने के लिए ज्यादातर लोग उत्तराखंड की राजधानी देहरादून होकर ही जाते हैं. हालांकि वर्तमान में दिल्ली से देहरादून जाने में 6.5 घंटे का समय लगता है. वहीं रास्ते में लोगों को भयंकर जाम का भी सामना करना पड़ता है. इसलिए नया दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे एक गेमचेंजर साबित हो सकता है.

कहां तक टोल फ्री होगा यह एक्सप्रेस-वे

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे 210 किलोमीटर का होगा. यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के अक्षरधाम से शुरू होगा और यहां से 18 किलोमीटर का रूट पूरी तरह से टोल फ्री होगा. 18 किलोमीटर तक कोई टोल बूथ नहीं होगा. वहीं इस पूरे एक्सप्रेसवे पर 16 एंट्री और एग्जिट पॉइंट होंगे, जो अलग-अलग रास्तों को एक-दूसरे से कनेक्ट करेंगे. इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण 18 हजार करोड़ रुपये में हुआ है.

नई दिल्ली से कालकाजी और ओखला तक...दिल्ली की इन हॉट सीट पर टिकी सभी की नजरें

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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आज वोट डाले जा रहे हैं। 1.56 करोड़ मतदाताओं की वोटिंग के बाद 699 उम्मीदवारों की सियासी किस्मत तय कर देंगे। आठ फरवरी को मतगणना के बाद तय हो जाएगा कि दिल्ली में अगले पांच कौन राज करेगा।दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है।

दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सभी 70 सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी उतार रखे हैं। बीजेपी दिल्ली की 68 सीट पर चुनाव लड़ रही है और दो सीटों पर उसके सहयोगी दल किस्मत आजमा रहे हैं, जिसमें एक सीट पर जेडीयू और एक सीट पर चिराग पासवान की एलजेपी (आर) के उम्मीदवार मैदान में हैं। जेडीयू बुराड़ी सीट पर तो एलजेपी (आर) देवली सीट पर चुनाव लड़ रही है। बसपा दिल्ली की 70 सीटों में से 69 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बसपा ने बाबरपुर सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम दो सीटों पर चुनाव लड़ रही, जिसमें एक सीट मुस्तफाबाद और दूसरी ओखला सीट है। इसके अलावा अजित पवार की एनसीपी ने 30 सीटों पर चुनाव लड़ा है। सीपीआई ने 6 सीट, तो सीपीएम दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है। सीपीआई (माले) ने भी दिल्ली के दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से जिन सीटों पर दिल्लीवासियों की खास निगाहें हैं जिनमें पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल से लेकर सीएम आतिशी और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सीटें शामिल हैं। इसके अलावा उन सीटों पर भी चर्चा हो रही है जहां से असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली दंगों के दो आरोपियों को टिकट दिया है।

नई दिल्ली- जिन सीटों पर हर किसी की नजर रहेगी उनकी बात करें तो नई दिल्ली सीट इस सूची में सबसे ऊपर है। जहां 23 उम्मीदवार मैदान में हैं। नई दिल्ली विधानसभा सीट से 2008 में शीला दीक्षित निर्वाचित हुई थीं लेकिन 2013 से लगातार तीन बार आप संयोजक अरविंद केजरीवाल चुने जा रहे हैं। इस सीट पर सबसे ज्यादा चर्चा है क्योंकि यहां पूर्व सीएम केजरीवाल के मुकाबले बीजेपी के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित हैं। 2020 विधानसभा चुनाव में केजरीवाल के समर्थन में 46,758 वोट पड़े थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के सुनील कुमार यादव को 25,061 वोट हासिल हुए थे।

जंगपुरा- जंगपुरा सीट की चर्चा तब शुरू हुई जब पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को आप ने यहां से टिकट दिया। मनीष सिसोदिया पटपड़गंज से चुनाव लड़ते आए हैं लेकिन इस बार उनकी सीट बदल दी गई। तीन बार के विधायक सिसोदिया के मुकाबले जंगपुरा में 2008 में इस सीट पर कांग्रेस के तरविंदर सिंह मारवाह ने चुनाव जीता था। जबकि 2013 में आप के मनिंदर सिंह धीर, 2015 और 2020 में प्रवीण कुमार को जीत हासिल हुई थी। अब मारवाह बीजेपी में हैं। इस बार बीजेपी ने उन्हें यहां से टिकट दिया है। जबकि कांग्रेस की ओर से फरहद सूरी मैदान में हैं।

कालकाजी- कालकाजी दिल्ली की हॉट सीटों में एक है। यहां से सीएम आतिशी विधायक हैं और इस बार की आप प्रत्याशी भी हैं। उनके मुकाबले बीजेपी ने अपने पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी तो कांग्रेस ने पूर्व विधायक अलका लांबा को टिकट दिया है। कालकाजी सीट पर 2008 का चुनाव कांग्रेस ने जीता था। 2013 में यह सीट अकाली दल को गई थी जिसके हरमीत सिंह कालका विजयी हुए थे। 2015 में आप ने अवतार सिंह को टिकट दिया जो पार्टी की उम्मीद पर खरे उतरे। पिछले चुनाव में आतिशी को प्रत्याशी बनाया गया था। वह करीब 11 हजार वोटों के अंतर से बीजेपी के धरमबीर से चुनाव जीत गई थीं।

ओखला- ओखला से आप के अमानतुल्लाह खान विधायक हैं। वह यहां से दो बार के विधायक हैं। इस पर चर्चा की बड़ी वजह यह है कि यहं से एआईएमआईएम ने दिल्ली दंगे के आरोपी शिफा उर रहमान खान को टिकट दिया है। बीजेपी ने मनीष चौधरी और कांग्रस ने अरीबा खान को प्रत्याशी बनाया है. अमानतुल्ला खान ने यह सीट 2020 में बडे़ मार्जिन से जीती थी। उन्हें 66 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे।

पटपड़गंज- पटपड़गंज की चर्चा मनीष सिसोदिया के इस सीट को छोड़ने और अवध ओझा को आप द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने पर हो रही है। बीते तीन चुनाव से सिसोदिया इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

बिजवासन- बिजवासन विधानसभा सीट पर भी रोचक मुकाबला हो रहा है। यहां से आम आदमी पार्टी के दो पुराने विधायक दूसरी पार्टियों के टिकट पर मैदान में हैं। चंद महीने पहले तक आतिशी सरकार में मंत्री रहे कैलाश गलहोत भाजपा के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कांग्रेस के टिकट पर उतरे देवेंद्र सहरावत 2015 में बिजवासन सीट से आप के टिकट पर जीत दर्ज कर चुके हैं।

दिल्ली में वोटिंग जारी, बूथों पर लंबी कतार, जयशंकर, राहुल गांधी समेत कई दिग्गजों ने डाला वोट

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दिल्ली विधासभा चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। दिल्ली की सभी 70 सीटों पर वोटिंग हो रही है। 699 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में आज कैद हो जाएगी।सबसे कम उम्मीदवार पटेल नगर और कस्तूरबा नगर में पांच-पांच हैं, जबकि नई दिल्ली सीट पर 23 उम्मीदवार हैं।लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आज दिल्ली विधासभा चुनाव के लिए मतदान किया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अपना वोट डालने के लिए निर्माण भवन स्थित मतदान केंद्र पहुंचे थे।

पीएम मोदी की खास अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के वोटरों से खास अपील की है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा ‘दिल्ली विधानसभा चुनाव में आज सभी सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। यहां के मतदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे लोकतंत्र के इस उत्सव में पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लें और अपना कीमती वोट जरूर डालें। इस अवसर पर पहली बार वोट देने जा रहे सभी युवा साथियों को मेरी विशेष शुभकामनाएं। याद रखना है- पहले मतदान, फिर जलपान।

जनता बदलाव के मूड में है- जयशंकर

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और उनकी पत्नी क्योको जयशंकर ने एनडीएमसी स्कूल ऑफ साइंस एंड ह्यूमैनिटीज, तुगलक क्रिसेंट में स्थापित मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। विदेश मंत्री ने कहा, मैं शुरुआती दौर में मतदान करने वालों में से एक रहा हूं। मुझे लगता है कि जनता बदलाव के मूड में है।

भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने वोट डाला

भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वोट डालने पहुंची बांसुरी ने कहा, आज दिल्ली में लोकतंत्र का उत्सव है और मैं राष्ट्रीय राजधानी के मतदाताओं से अपील करती हूं कि वे बड़ी संख्या में बाहर आएं और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करें ताकि दिल्ली विकसित राष्ट्र की विकसित राजधानी बन सके। आप देखेंगे, 8 फरवरी को कमल ही खिलेगा।

मनीष सिसोदिया ने किया मतदान

आप नेता और जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक उम्मीदवार मनीष सिसोदिया ने नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के लेडी इरविन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बने मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। उनकी पत्नी सीमा सिसोदिया भी यहीं मतदान किया। इस मौके पर मनीष सिसोदिया ने कहा, आज मैं अपने परिवार के साथ दिल्ली के लोगों के बेहतर जीवन के लिए वोट देने आया हूं। मैं दिल्ली के लोगों से अपील करूंगा कि वे अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए, अपने परिवारों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, दिल्ली में बिजली और पानी के लिए वोट करें। ऐसी सरकार चुनें जो सबके लिए काम करे, ऐसी सरकार नहीं जो इधर-उधर की बातें और गुंडागर्दी करे।

दिल्ली में अमित शाह ने जारी किया बीजेपी का संकल्प पत्र पार्ट-3, बोले-केजरीवाल जैसा झूठ बोलने वाला नहीं देखा

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दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को बीजेपी के संकल्प पत्र का तीसरा भाग जारी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम जो भी वादा करते हैं उसे पूरा करते हैं, दूसरों की तरह सिर्फ वादा नहीं करते हैं। इस दौरान अमित शाह ने आम आदमी पार्टी की सरकार और अरविंद केजरीवाल पर भी जमकर हमला बोला।

अमित शाह ने कहा, आज दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी संकल्प का अंतिम हिस्सा प्रस्तुत कर रहा हूं। अन्य पार्टी का नाम नहीं लूंगा। हमारा पार्टी जो वादे करती है पूरा करती है। हम सिर्फ वादे नहीं करते किसी से। हमने बहुत लोगों से सुझाव मांगा था जिसके बाद ये तैयार किया गया है।

इस दौरान गृह मंत्री ने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि केजरीवाल बड़ी सफाई से झूठ बोलते हैं। केजरीवाल ने स्कूल-मंदिरों के पास शराब की दुकान खुलवाईं। करोड़ों रुपये का अपना घर बनाया। मोहल्ला क्लीनिक में मेडिकल टेस्ट के नाम पर घोटाला किया। दिल्ली का प्रदूषण वो कम नहीं कर पाए। उन्होंने कोई भी वादा पूरा नहीं किया। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल ऐसी सरकार चला रहे हैं, जो वादे करते हैं, उन्हें पूरा नहीं करते हैं और फिर से झूठ के एक बहुत बड़े पुलिंदे और भोले से चेहरे के साथ जनता के सामने उपस्थित होते हैं। मैंने अपने राजनीतिक जीवन में इतनी सफाई से झूठ बोलने वाला व्यक्ति नहीं देखा है।

नए घोषणा पत्र में किए गए वादे

• 1700 अनधिकृत कॉलोनियों को संपूर्ण मालिकाना हक देंगे।

• 13000 सील दुकानों को दोबारा खोला जाएगा।

• शरणार्थी कॉलोनियों को भी मालिकाना हक देने का काम करेंगे।

• पाकिस्तान से आए हुए सभी शरणार्थियों को मालिकाना हक देंगे।

• दिल्ली के युवाओं के 50 हजार सरकारी नौकरियां देंगे।

• 20 हजार करोड़ के निवेश के माध्यम से इंटीग्रेटेड पब्लिक नेटवर्क बनाएंगे।

• टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यूपी और हरियाणा सरकार के साथ मिलकर कॉरिडोर बनाए।

• यमुना रिवर विकास फ्रंट बनाएंगे जो साबरमती के तरह होगा।

• 13000 बसों को ई बस में कन्वर्ट करके दिल्ली को 100 प्रतिशत ई बस सेवा देंगे।

• ग्रीक वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड बनाएंगे।

• टेक्सटाइल वर्कर्स को भी हम वित्तीय लाभ देंगे, 10 लाख का बीमा और 5 लाख दुर्घटना बीमा देंगे।

*8वें वेतन आयोग की मंजूरी का दांव, दिल्ली विधानसभा चुनाव पर कितना होगा असर?

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दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा हाई है। एक तरफ आम आदमी पार्टी तीसरी बार सत्ता वापसी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। वहीं, बीजेपी 26 साल के सियासी सूखे को खत्म करने की जद्दोजहद में है। इस सियासी तपिश के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को साधने के लिए बड़ा दांव चला है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को आठवें वेतन आयोग के गठन को अपनी मंजूरी दे दी। नए वेतन आयोग के गठन और उसकी सिफारिशों के आने के बाद सरकारी कर्मचारियों तथा पेशनरों को वेतन में सीधा लाभ मिलेगा। इसे दिल्ली चुनाव के लिए पीएम मोदी का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है, क्योंकि दिल्ली में लाखों की संख्या में सरकारी कर्मचारी हैं और यहां की सियासत में अहम भूमिका भी तय करते हैं?

7वें वेतन आयोग का गठन 2016 में किया गया था और इसकी अवधि 2026 में समाप्त हो रही है। दिल्ली में 5 फरवरी को चुनाव होने वाला है। दिल्ली चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8वें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया है। ऐसे में केंद्र के इस फैसले को चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

जानकारों की मानें तो केंद्र सरकार ने बीजेपी के लिए काफी अहम माने जा रहे चुनाव से पहले बड़ा फैसला लिया है। जानकारों के अनुसार दिल्ली में केंद्रीय कर्मचारियों की अच्छी खासी संख्या है। ऐसे में इस घोषणा से पार्टी चुनाव में निश्चित रूप से इस घोषणा के वोट में बदलने की उम्मीद लगा रही है।

केवल दिल्ली में 4 लाभ से ज्यादा कर्मचारियों पर निगाहें

आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन और उसकी सिफारिशें स्वीकार होने पर लगभग 49 लाख सरकारी कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों के वेतन पर इसका सीधा असर पड़ेगा। एक आंकड़े के मुताबिक, अकेले दिल्ली में रक्षा और दिल्ली सरकार के कर्मचारियों सहित लगभग 4 लाख ऐसे कर्मचारी है, जिन्हें सीधे तौर पर इसका फायदा मिलेगा। राष्ट्रीय राजधानी में नई दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), पुलिस और डिफेंस के साथ ही लॉ एंड ऑर्डर सहित कई ऐसे डिपार्टमेंट हैं, जो केंद्र सरकार के अंतर्गत हैं। आठवां वेतन आयोग लागू होने के साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है।

दिल्ली की तीन विधानसभा काफी अहम

केंद्रीय कर्मचारियों के लिहाज से दिल्ली की तीन विधानसभा काफी अहम है। इसमें नई दिल्ली, दिल्ली कैंट और आरके पुरम सीट शामिल हैं। इन इलाकों में केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के अलग-अलग कर्मचारी रहते हैं। सरकारी कर्मचारी वाली ज्यादातर सीटों पर आम आदमी पार्टी का ही कब्जा है। उदाहरण के तौर पर 2024 के लोकसभा चुनाव के वोटिंग पैटर्न को देखें तो नई दिल्ली लोकसभा सीट के तहत 10 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से पांच सीटों पर सरकारी कर्मचारी बड़ी संख्या में रहते हैं। बीजेपी ने नई दिल्ली लोकसभा सीट जरूर जीतने में कामयाब रही थी, लेकिन सरकारी कर्मचारियों वाली नई दिल्ली, दिल्ली कैंट और आरके पुरम जैसी अहम सीट पर आम आदमी पार्टी से पिछड़ गई थी।

बीजेपी ने बदली अपनी रणनीति

बीजेपी ने इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी रणनीति बदली है। बीजेपी ने दिल्ली के मतदाताओं को सिर्फ एक प्लेटफार्म से नहीं लुभा रही है बल्कि इसके लिए अलग-अलग रणनीति भी तैयार की है। विभिन्न वर्गों के बीच कौन से केंद्रीय मंत्री और बीजेपी शासित राज्य के मुख्यमंत्री पहुंचेंगे, इसका अलग से खाका तैयार किया गया है। हर विधानसभा क्षेत्र में किसी बड़े नेता के नेतृत्व में एक समूह तैयार किया गया। इसी तर्ज पर बीजेपी ने दिल्ली के रह रहे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को साधने के लिए रणनीति बनाई है। मोदी सरकार के द्वारा आठवें वेतन आयोग की घोषणा, इसी दिशा में एक कदम बताया जा रहा है।

क्या खत्म होगा बीजेपी का वनवास?

दिल्ली की सियासत में बीजेपी सिर्फ एक बार ही सत्ता पर विराजमान हो सकी है और पिछले 27 साल से वनवास झेल रही है। बीजेपी सिर्फ 1993 में ही दिल्ली को फतह करने में कामयाब रही थी. 1998 में उसके हाथों से सत्ता चली गई तो फिर वापसी नहीं हो सकी। पहले 15 साल तक शीला दीक्षित की अगुवाई में कांग्रेस के सामने खड़ी नहीं हो सकी। शीला दीक्षित के बाद से 11 साल से आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के आगे पस्त नजर आई है। बीजेपी 2025 में होने वाले विधानसभा में हर हाल में दिल्ली में कमल खिलाना चाहती है, जिसके लिए पूरी ताकत झोंक रखी है।

*कैग रिपोर्ट में देरी होने पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकारा, कहा- आपकी ईमानदारी पर संदेह

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दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आई कैग रिपोर्ट का मुद्दा दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। 7 भाजपा विधायकों ने कैग की रिपोर्ट पर विधानसभा में चर्चा करवाने की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई थी, जिस पर सोमवार को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। दिल्ली हाईकोर्ट ने कैग रिपोर्ट पर विचार करने में देरी के लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि जिस तरह से आपने अपने कदम पीछे खींचे हैं, उससे आपकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है।

हाईकोर्टकी नाराजगी की वजह

कोर्ट ने विजेंदर गुप्ता सहित भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की ओर से दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने जोर देते हुए कहा, “आपको रिपोर्ट को तुरंत स्पीकर के पास भेजना चाहिए था और सदन में बहस शुरू करवानी चाहिए थी। दरअसल, दिल्‍ली सरकार की यह जिम्‍मेदारी थी कि इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जाता, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने ऐसा नहीं किया। यही वजह है कि हाईकोर्ट ने सरकार के इस रवैये पर नाराजगी जाहिर की।

आपका टालमटोल बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण-हाई कोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से कहा कि आप जिस तरह से टालमटोल कर रहे हैं, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। आपको कैग रिपोर्ट को विधानसभा स्पीकर के पास भेजने और विधानसभा में चर्चा करने में तत्पर होना चाहिए था।

कैग रिपोर्ट में किया गया दावा

सीएजी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास के रिनोवेशन पर 33.66 करोड़ रुपये खर्च किए थे। लागत से 342 प्रतिशत ज्‍यादा रकम इस काम के लिए खर्च की गई। रिपोर्ट में कहा गया कि अरविंद केजरीवाल के घर के रिनोवेशन का काम 8.62 करोड़ रुपये की निविदा पर किया जाना था। इसकी अनुमानित लागत 7.61 करोड़ तय की गई थी। शुरुआत में ही यह 13.21 प्रतिशत ज्‍यादा थी। जब अरविंद केजरीवाल के घर का काम खत्‍म हुआ तो यह अनुमानित लागत से 342.31 प्रतिशत ज्‍यादा था। यह रकम निविदा राशि से 290.49 प्रतिशत अधिक पाई गई।

दिल्ली में चुनाव से पहले पूर्वांचली वोटर्स पर बीजेपी और आप आमने-सामने, जानें किन सीटों पर पूर्वांचलियों का दबदबा

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दिल्ली में वोटर लिस्ट के नाम पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता लगातार आपस में भिड़े हुए हैं। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि नई दिल्ली विधानसभा सीट पर बड़ी संख्या में फर्जी वोटरों को जोड़ा जा रहा है। केजरीवाल ने कहा है, एक लाख की छोटी सी विधानसभा सीट है, उसमें पिछले 15 दिन में 13 हजार नए वोटर बनने की एप्लिकेशन कहां से आ गई? जाहिर तौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार से ला लाकर, आस-पास के स्टेट से लाकर फर्जी वोट बनवा रहे हैं ये लोग। आम आदमी के इस आरोप को बीजेपी ने पूर्वांचली वोटरों से अपमान से जोड़ा है।

भाजपा का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने पूर्वांचली वोटर का अपमान किया है। इसे लेकर दिल्ली में शुक्रवार को खूब बवाल हुआ। भाजपा ने केजरीवाल का घेराव किया। इस दौरान खूब गहमागहमी दिखी। भाजपा ने अरविंद केजरीवाल के बयान पर यह प्रदर्शन किया।

दिल्ली में वोटर लिस्ट और पूर्वांचलियों पर पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता लगातार आपस में भिड़े हुए हैं। दिल्ली में पूर्वांचली वोटर सियासी लिहाज से काफी अहम हैं। पूर्वी यूपी और बिहार के वोटरों को पूर्वांचली वोटर कहते हैं। उनकी तादाद दिल्ली में अच्छी खासी है। आंकडों में देखें तो करीब 25 से 30 फीसदी पूर्वांचली वोटर दिल्ली में रहते हैं।25 से 30 फीसदी वाले ये पूर्वांचली वोटर्स दिल्ली की कई सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करते हैं।

पहले भी यूपी-बिहार पर कर चुके हैं टिप्पणी

केजरीवाल की जुबान से पहली बार बिहार-यूपी को केंद्र कर प्रतिकूल प्रभाव वाली टिप्पणी नहीं निकलती है। इससे पहले 2019 में भी केजरीवाल ने कुछ ऐसा कह दिया था, जिससे काफी बवेला मचा था। पहली बार केजरीवाल ने कहा था कि बिहार जैसे राज्यों से लोग 500 रुपये का टिकट लेकर दिल्ली आ जा रहे हैं और 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज कराते हैं। उनके इस बयान पर भाजपा और जेडीयू ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी।केजरीवाल अब कह रहे हैं कि भाजपा बिहार-यूपी से लोगों को दिल्ली लाकर वोटर बनवा रही

दिल्ली की पूर्वांचल बहुल सीट

दिल्ली देश की राजधानी होने के साथ-साथ प्रवासियों का शहर कहा जाता है। दिल्ली की आबादी में करीब 40 फीसदी प्रवासी ही हैं जो उत्तर प्रदेश, बिहार और देश के अलग अलग राज्यों में रोज़गार की तलाश में आते हैं। पूर्वांचली लगभग 70 सीटों में आधे पर जीत हार में फर्क डालते हैं। बुराड़ी, लक्ष्मी नगर, पड़पड़गंज, राजेंद्र नगर, बादली, मॉडल टाउन, घोंडा, करावल नगर, किराड़ी, रिठाला, छतरपुर, द्वारका, पालम, विकासपुरी, बदरपुर, संगम विहार और जनकपुरी दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में वो प्रमुख सीटे हैं जहां पर पूर्वांचली वोटर जिधर जाता है उसी की जीत तय मानी जाती है।

दिल्ली में पूर्वांचल का प्रभाव

दिल्ली में बसे पूर्वांचल के लोग तकरीबन दो दर्जन सीटों पर अपना प्रभाव रखते हैं। यही वजह है कि बिहार मूल की राजनीतिक पार्टियां भी दिल्ली चुनाव में ताल ठोंकने के लिए बेचौन दिखती हैं। जेडीयू और आरजेडी के अलावा एलजेपी भी पिछले चुनावों में किस्मत आजमा चुकी हैं। इस बार भी तीनों पार्टियों ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने तो बाजाप्ता प्रेस कांफ्रेंस कर दिल्ली में एनडीए के बैनर तले चुनाव लड़ने की बात कुछ ही दिनों पहले कही थी।

दिल्ली की सत्ता में 27 साल बाद बीजेपी की वापसी, एग्जिट पोल्स में भाजपा सरकार का अनुमान

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दिल्ली में वोटिंग खत्म हो चुकी है। आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच इस बार के चुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिली है। वोटिंग के बाद आए एग्जिट पोल्स में सत्तारूढ़ आप पार्टी के लिए मायूसी वाली खबर है। दिल्ली चुनाव को लेकर अधिकांश एग्जिट पोल में बीजेपी की सरकार बनने का अनुमान हैं। वहीं, सिर्फ एक एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी सत्ता में वापसी करती दिख रही है। वहीं अगर एग्जिट पोल्स का अनुमान सच साबित हुए तो 27 साल बाद बीजेपी दिल्ली में सत्ता में वापसी करती दिख रही है।

वीप्रीसाइड एग्जिट पोल में AAP की वापसी, बीजेपी को कितनी सीट

दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक ऐसा एग्जिट पोल है जिसमें आम आदमी पार्टी सत्ता में वापसी करती दिख रही है। WeePreside एग्जिट पोल के अनुसार आम आदमी पार्टी की सत्ता में वापसी दिख रही है। इस एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 46 से 52 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, बीजेपी को 18 से 23 सीट मिलने की बात कही गई है। कांग्रेस को 1 सीट मिलने का अनुमान है।

चाणक्या एग्जिट पोल में बीजेपी की सरकार

दिल्ली विधानसभा में चाणक्या एग्जिट पोल में भी बीजेपी की सरकार बनने का अनुमान है। चाणक्या एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को 39-44 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, आप को 25 से 28 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, कांग्रेस को 2 से 3 सीट मिल सकती है।

पी-मार्क में बीजेपी को 39-49 सीट

पी-मार्क के एग्जिट पोल में इस बार बीजेपी की सरकार बनने का अनुमान है। इस एग्जिट पोल में इस बार बीजेपी को बड़ा बहुमत मिलने का अनुमान है। इस एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को 39 से 49 सीट मिल सकती है। वहीं, आम आदमी पार्टी को 21 से 31 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, कांग्रेस के खाते में सिर्फ 1 सीट मिलने की बात कही गई है।

पीपल्स पल्स में बीजेपी की बल्ले-बल्ले

पीपल्स पल्स के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी महज 10 से 19 सीटों पर सिमटती दिख रही है। वहीं, भाजपा 51-60 सीटों का बंपर आंकड़ा छू सकती है। इस सर्वे में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुलता दिख रहा।

जेवीसी एग्जिट पोल में बीजेपी सरकार

जेवीसी एग्जिट पोल में इस बार बीजेपी की सरकार बनने की बात कही गई है। एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को इस बार 39 से 45 सीट मिल सकती है। वहीं, आम आदमी पार्टी को 22 से 31 सीट आने का अनुमान है। एग्जिट पोल में कांग्रेस को 0-2 सीट देखने को मिल रही है। वहीं, एक सीट अन्य के खाते में जा सकती है।

2020 एग्जिट पोल

इससे पहले दिल्ली में 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 62 सीटें मिलीं, जबकि भाजपा को आठ और कांग्रेस एक बार फिर कोई सीट हासिल नहीं कर पाई। यानी नतीजों में एग्जिट पोल्स की छाप एक बार फिर देखने को मिली। आठ सर्वे एजेंसियों ने एग्जिट पोल्स जारी किए। सभी एग्जिट पोल्स में आम आदमी पार्टी को बहुमत दिखाया गया और वही हुआ।

2025 एग्जिट पोल

2015 के विधानसभा चुनावों में छह सर्वे एजेंसियों के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को सीधा बहुमत मिलता दिखाया गया। हालांकि, किसी भी एग्जिट पोल में आप की प्रचंड जीत की संभावना नहीं दर्शाई गई थी। केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को तब पोल ऑफ पोल्स में 45 सीटें मिलती दिख रही थीं। वहीं भाजपा को 24 और कांग्रेस को सिर्फ एक सीट का अनुमान लगाया गया था। आप को तब सबसे ज्यादा 53 सीटें मिलने का अनुमान एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में लगाया गया था। वहीं, सबसे कम 35 सीटें मिलने का अनुमान इंडिया टीवी-सी वोटर के सर्वे में लगा था। हालांकि, नतीजों ने चुनावी विश्लेषकों को चौंका दिया। आप ने इस चुनाव में 67 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया।

दिल्ली में वोटिंग खत्म, शाम 5 बजे तक 57.70% मतदान, 8 फरवरी को आएंगे नतीजे

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दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर सुबह 7 बजे से जारी वोटिंग शाम 6 बजे संपन्न हो गई। हालांकि, लाइन में लगे लोगों को 6 बजे के बाद भी वोटिंग का अधिकार दिया गया। इसके साथ ही उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

दिल्ली में शाम 5 बजे तक 57.70% मतदान हुआ है। मुस्तफाबाद में बंपर वोटिंग हुई है। यहां 66.68 फीसदी वोट पड़े। वहीं, सीलमपुर में 66.41 और गोकलपुर में 65.05 प्रतिशत मतदान हुआ है।2020 के विधानसभा चुनाव में 62.55 फीसद मतदान हुआ था।

दिल्ली में इस बार किसका राज होगा। इस बार खिलेगा कमल या फिर कांग्रेस करेगी वापसी, या फिर आप की झाड़ू कर देगी सबका सूपड़ा साफ। सबके मन में एक ही सवाल बाकी रह गया है कि राजधानी में अबकी बार किसकी सरकार? आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के बीच दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला है। इस कड़े मुकाबले के बीच अब सबकी नजर आज आने वाले एग्जिट पोल पर है।

चुनाव आयोग ने 5 फरवरी को शाम 6:30 बजे तक प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या किसी अन्य तरीके से प्रसार के माध्यम से एग्जिट पोल के किसी भी प्रकाशन पर प्रतिबंध लगा रखा है। यानी, थोड़ी देर में एग्जिट पोल सामने आएंगे। तमाम सर्वे एजेंसियां इस बात का अनुमान जातएंगी की दिल्ली में किस पार्टी की सरकार बन सकती है? किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं?

दिल्ली में मतदान के बीच बवाल, सीलमपुर में बु्र्के में वोटिंग का आरोप, तो जंगपुरा में पैसे बांटने को लेकर हंगामा

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दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है। सभी 70 सीटों पर लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बीच कुछ जगहों पर हंगामे की खबर है। सीलमपुर में बुर्के में मतदान को लेकर विवाद हो गया। वहीं जंगपुरा आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर पैसे बांटने का आरोप लगाया है।

बुर्के को लेकर विवाद

दिल्ली के सीलमपुर इलाके में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। बुर्के को लेकर यह विवाद शुरू हुआ है। बीजेपी का आरोप है कि यहां आप कार्यकर्ता बुर्के में फर्जी वोटिंग करवा रहे हैं। बीजेपी कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बीच आप कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतर आए।

सीलमपुर हंगामा मामले पर क्या बोले चुनाव अधिकारी?

सीलमपुर हंगामा मामले पर उत्तर पूर्वी जिला चुनाव अधिकारी ने कहा है कि पर्दा-नशीन महिला मतदाताओं के सत्यापन के लिए चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। इन मतदान केंद्रों पर 'पर्दानशीन' मतदाताओं का सत्यापन करने के लिए महिला मतदान अधिकारी मौजूद हैं और प्रत्येक मतदाता का सत्यापन किया जा रहा है, उसके बाद ही उन्हें मतदान करने की अनुमति दी जा रही है। कथित शिकायत की जांच के लिए चुनाव अधिकारियों को आर्यन पब्लिक स्कूल में भेजा गया और यह पाया गया कि आर्यन पब्लिक स्कूल में मतदान तय नियमों के अनुसार ही हो रहा है। विद्यालय के बाहर कुछ व्यक्तियों की ओर से शोर मचाया गया, जिसे समय रहते पुलिस फोर्स की ओर से नियंत्रित कर लिया गया।

आप ने भाजपा पर लगाया पैसे बांटने का आरोप

वहीं, आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर पैसे बांटने का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, भाजपा जंगपुरा में मतदाताओं को सरेआम बिल्डिंग में ले जाकर पैसे बांट रही है। यह सब दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग की निगरानी में किया जा रहा है। आप ने चुनाव आयोग से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं, मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी पैसे बांट रहा है।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे की बड़ी खबर: पहले 18 किमी तक यात्रा होगी पूरी तरह से टोल फ्री

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे (Delhi-Dehradun Expressway) खुलने का सभी को बेसब्री से इंतजार है. क्योंकि इस एक्सप्रेस-वे के खुलने से साढ़े छह घंटे का सफर आधे से भी ज्यादा कम हो जाएगा. यानि महज ढाई घंटे में आप दिल्ली से देहरादून पहुंच सकेंगे. पहले माना जा रहा था कि जनवरी में इसे खोल दिया जाएगा. लेकिन अभी इसे खुलने में जरा सी देर और लग सकती है. हालांकि, देहरादून में आशारोड़ी और डाट काली गुफा के बीच 3.5 किमी के हिस्से को अब ट्रैफिक (Traffic) के लिए पूरी तरह से खोल दिया गया है.

इसकी एक साइड की रोड पर पहले ही ट्रैफिक चालू कर दिया गया था, जिस पर गाड़ियां दोनों तरफ सरपट दौड़ रही थीं. अब एक्सप्रेसवे के इस हिस्से में दोनों तरफ की सड़क को यानी सभी 6 लेन को ट्रैफिक के लिए खोल दिया गया है. इस साढ़े तीन किमी के हिस्से में एक्सप्रेसवे के खुलने से स्थानीय लोगों को बड़ी सहूलियत होगी.

गेमचेंजर साबित होगा यह एक्सप्रेस-वे

दिल्ली से देहरादून जाने वाले लोगों की तादाद काफी ज्यादा है. खासकर उत्तराखंड की फेमस ट्रैवल डेस्टिनेशन्स और मंदिरों के दर्शन करने के लिए ज्यादातर लोग उत्तराखंड की राजधानी देहरादून होकर ही जाते हैं. हालांकि वर्तमान में दिल्ली से देहरादून जाने में 6.5 घंटे का समय लगता है. वहीं रास्ते में लोगों को भयंकर जाम का भी सामना करना पड़ता है. इसलिए नया दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे एक गेमचेंजर साबित हो सकता है.

कहां तक टोल फ्री होगा यह एक्सप्रेस-वे

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे 210 किलोमीटर का होगा. यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के अक्षरधाम से शुरू होगा और यहां से 18 किलोमीटर का रूट पूरी तरह से टोल फ्री होगा. 18 किलोमीटर तक कोई टोल बूथ नहीं होगा. वहीं इस पूरे एक्सप्रेसवे पर 16 एंट्री और एग्जिट पॉइंट होंगे, जो अलग-अलग रास्तों को एक-दूसरे से कनेक्ट करेंगे. इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण 18 हजार करोड़ रुपये में हुआ है.

नई दिल्ली से कालकाजी और ओखला तक...दिल्ली की इन हॉट सीट पर टिकी सभी की नजरें

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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आज वोट डाले जा रहे हैं। 1.56 करोड़ मतदाताओं की वोटिंग के बाद 699 उम्मीदवारों की सियासी किस्मत तय कर देंगे। आठ फरवरी को मतगणना के बाद तय हो जाएगा कि दिल्ली में अगले पांच कौन राज करेगा।दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है।

दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सभी 70 सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी उतार रखे हैं। बीजेपी दिल्ली की 68 सीट पर चुनाव लड़ रही है और दो सीटों पर उसके सहयोगी दल किस्मत आजमा रहे हैं, जिसमें एक सीट पर जेडीयू और एक सीट पर चिराग पासवान की एलजेपी (आर) के उम्मीदवार मैदान में हैं। जेडीयू बुराड़ी सीट पर तो एलजेपी (आर) देवली सीट पर चुनाव लड़ रही है। बसपा दिल्ली की 70 सीटों में से 69 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बसपा ने बाबरपुर सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम दो सीटों पर चुनाव लड़ रही, जिसमें एक सीट मुस्तफाबाद और दूसरी ओखला सीट है। इसके अलावा अजित पवार की एनसीपी ने 30 सीटों पर चुनाव लड़ा है। सीपीआई ने 6 सीट, तो सीपीएम दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है। सीपीआई (माले) ने भी दिल्ली के दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से जिन सीटों पर दिल्लीवासियों की खास निगाहें हैं जिनमें पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल से लेकर सीएम आतिशी और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सीटें शामिल हैं। इसके अलावा उन सीटों पर भी चर्चा हो रही है जहां से असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली दंगों के दो आरोपियों को टिकट दिया है।

नई दिल्ली- जिन सीटों पर हर किसी की नजर रहेगी उनकी बात करें तो नई दिल्ली सीट इस सूची में सबसे ऊपर है। जहां 23 उम्मीदवार मैदान में हैं। नई दिल्ली विधानसभा सीट से 2008 में शीला दीक्षित निर्वाचित हुई थीं लेकिन 2013 से लगातार तीन बार आप संयोजक अरविंद केजरीवाल चुने जा रहे हैं। इस सीट पर सबसे ज्यादा चर्चा है क्योंकि यहां पूर्व सीएम केजरीवाल के मुकाबले बीजेपी के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित हैं। 2020 विधानसभा चुनाव में केजरीवाल के समर्थन में 46,758 वोट पड़े थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के सुनील कुमार यादव को 25,061 वोट हासिल हुए थे।

जंगपुरा- जंगपुरा सीट की चर्चा तब शुरू हुई जब पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को आप ने यहां से टिकट दिया। मनीष सिसोदिया पटपड़गंज से चुनाव लड़ते आए हैं लेकिन इस बार उनकी सीट बदल दी गई। तीन बार के विधायक सिसोदिया के मुकाबले जंगपुरा में 2008 में इस सीट पर कांग्रेस के तरविंदर सिंह मारवाह ने चुनाव जीता था। जबकि 2013 में आप के मनिंदर सिंह धीर, 2015 और 2020 में प्रवीण कुमार को जीत हासिल हुई थी। अब मारवाह बीजेपी में हैं। इस बार बीजेपी ने उन्हें यहां से टिकट दिया है। जबकि कांग्रेस की ओर से फरहद सूरी मैदान में हैं।

कालकाजी- कालकाजी दिल्ली की हॉट सीटों में एक है। यहां से सीएम आतिशी विधायक हैं और इस बार की आप प्रत्याशी भी हैं। उनके मुकाबले बीजेपी ने अपने पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी तो कांग्रेस ने पूर्व विधायक अलका लांबा को टिकट दिया है। कालकाजी सीट पर 2008 का चुनाव कांग्रेस ने जीता था। 2013 में यह सीट अकाली दल को गई थी जिसके हरमीत सिंह कालका विजयी हुए थे। 2015 में आप ने अवतार सिंह को टिकट दिया जो पार्टी की उम्मीद पर खरे उतरे। पिछले चुनाव में आतिशी को प्रत्याशी बनाया गया था। वह करीब 11 हजार वोटों के अंतर से बीजेपी के धरमबीर से चुनाव जीत गई थीं।

ओखला- ओखला से आप के अमानतुल्लाह खान विधायक हैं। वह यहां से दो बार के विधायक हैं। इस पर चर्चा की बड़ी वजह यह है कि यहं से एआईएमआईएम ने दिल्ली दंगे के आरोपी शिफा उर रहमान खान को टिकट दिया है। बीजेपी ने मनीष चौधरी और कांग्रस ने अरीबा खान को प्रत्याशी बनाया है. अमानतुल्ला खान ने यह सीट 2020 में बडे़ मार्जिन से जीती थी। उन्हें 66 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे।

पटपड़गंज- पटपड़गंज की चर्चा मनीष सिसोदिया के इस सीट को छोड़ने और अवध ओझा को आप द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने पर हो रही है। बीते तीन चुनाव से सिसोदिया इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

बिजवासन- बिजवासन विधानसभा सीट पर भी रोचक मुकाबला हो रहा है। यहां से आम आदमी पार्टी के दो पुराने विधायक दूसरी पार्टियों के टिकट पर मैदान में हैं। चंद महीने पहले तक आतिशी सरकार में मंत्री रहे कैलाश गलहोत भाजपा के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कांग्रेस के टिकट पर उतरे देवेंद्र सहरावत 2015 में बिजवासन सीट से आप के टिकट पर जीत दर्ज कर चुके हैं।

दिल्ली में वोटिंग जारी, बूथों पर लंबी कतार, जयशंकर, राहुल गांधी समेत कई दिग्गजों ने डाला वोट

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दिल्ली विधासभा चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। दिल्ली की सभी 70 सीटों पर वोटिंग हो रही है। 699 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में आज कैद हो जाएगी।सबसे कम उम्मीदवार पटेल नगर और कस्तूरबा नगर में पांच-पांच हैं, जबकि नई दिल्ली सीट पर 23 उम्मीदवार हैं।लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आज दिल्ली विधासभा चुनाव के लिए मतदान किया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अपना वोट डालने के लिए निर्माण भवन स्थित मतदान केंद्र पहुंचे थे।

पीएम मोदी की खास अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के वोटरों से खास अपील की है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा ‘दिल्ली विधानसभा चुनाव में आज सभी सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। यहां के मतदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे लोकतंत्र के इस उत्सव में पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लें और अपना कीमती वोट जरूर डालें। इस अवसर पर पहली बार वोट देने जा रहे सभी युवा साथियों को मेरी विशेष शुभकामनाएं। याद रखना है- पहले मतदान, फिर जलपान।

जनता बदलाव के मूड में है- जयशंकर

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और उनकी पत्नी क्योको जयशंकर ने एनडीएमसी स्कूल ऑफ साइंस एंड ह्यूमैनिटीज, तुगलक क्रिसेंट में स्थापित मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। विदेश मंत्री ने कहा, मैं शुरुआती दौर में मतदान करने वालों में से एक रहा हूं। मुझे लगता है कि जनता बदलाव के मूड में है।

भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने वोट डाला

भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वोट डालने पहुंची बांसुरी ने कहा, आज दिल्ली में लोकतंत्र का उत्सव है और मैं राष्ट्रीय राजधानी के मतदाताओं से अपील करती हूं कि वे बड़ी संख्या में बाहर आएं और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करें ताकि दिल्ली विकसित राष्ट्र की विकसित राजधानी बन सके। आप देखेंगे, 8 फरवरी को कमल ही खिलेगा।

मनीष सिसोदिया ने किया मतदान

आप नेता और जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक उम्मीदवार मनीष सिसोदिया ने नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के लेडी इरविन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बने मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। उनकी पत्नी सीमा सिसोदिया भी यहीं मतदान किया। इस मौके पर मनीष सिसोदिया ने कहा, आज मैं अपने परिवार के साथ दिल्ली के लोगों के बेहतर जीवन के लिए वोट देने आया हूं। मैं दिल्ली के लोगों से अपील करूंगा कि वे अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए, अपने परिवारों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, दिल्ली में बिजली और पानी के लिए वोट करें। ऐसी सरकार चुनें जो सबके लिए काम करे, ऐसी सरकार नहीं जो इधर-उधर की बातें और गुंडागर्दी करे।

दिल्ली में अमित शाह ने जारी किया बीजेपी का संकल्प पत्र पार्ट-3, बोले-केजरीवाल जैसा झूठ बोलने वाला नहीं देखा

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दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को बीजेपी के संकल्प पत्र का तीसरा भाग जारी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम जो भी वादा करते हैं उसे पूरा करते हैं, दूसरों की तरह सिर्फ वादा नहीं करते हैं। इस दौरान अमित शाह ने आम आदमी पार्टी की सरकार और अरविंद केजरीवाल पर भी जमकर हमला बोला।

अमित शाह ने कहा, आज दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी संकल्प का अंतिम हिस्सा प्रस्तुत कर रहा हूं। अन्य पार्टी का नाम नहीं लूंगा। हमारा पार्टी जो वादे करती है पूरा करती है। हम सिर्फ वादे नहीं करते किसी से। हमने बहुत लोगों से सुझाव मांगा था जिसके बाद ये तैयार किया गया है।

इस दौरान गृह मंत्री ने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि केजरीवाल बड़ी सफाई से झूठ बोलते हैं। केजरीवाल ने स्कूल-मंदिरों के पास शराब की दुकान खुलवाईं। करोड़ों रुपये का अपना घर बनाया। मोहल्ला क्लीनिक में मेडिकल टेस्ट के नाम पर घोटाला किया। दिल्ली का प्रदूषण वो कम नहीं कर पाए। उन्होंने कोई भी वादा पूरा नहीं किया। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल ऐसी सरकार चला रहे हैं, जो वादे करते हैं, उन्हें पूरा नहीं करते हैं और फिर से झूठ के एक बहुत बड़े पुलिंदे और भोले से चेहरे के साथ जनता के सामने उपस्थित होते हैं। मैंने अपने राजनीतिक जीवन में इतनी सफाई से झूठ बोलने वाला व्यक्ति नहीं देखा है।

नए घोषणा पत्र में किए गए वादे

• 1700 अनधिकृत कॉलोनियों को संपूर्ण मालिकाना हक देंगे।

• 13000 सील दुकानों को दोबारा खोला जाएगा।

• शरणार्थी कॉलोनियों को भी मालिकाना हक देने का काम करेंगे।

• पाकिस्तान से आए हुए सभी शरणार्थियों को मालिकाना हक देंगे।

• दिल्ली के युवाओं के 50 हजार सरकारी नौकरियां देंगे।

• 20 हजार करोड़ के निवेश के माध्यम से इंटीग्रेटेड पब्लिक नेटवर्क बनाएंगे।

• टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यूपी और हरियाणा सरकार के साथ मिलकर कॉरिडोर बनाए।

• यमुना रिवर विकास फ्रंट बनाएंगे जो साबरमती के तरह होगा।

• 13000 बसों को ई बस में कन्वर्ट करके दिल्ली को 100 प्रतिशत ई बस सेवा देंगे।

• ग्रीक वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड बनाएंगे।

• टेक्सटाइल वर्कर्स को भी हम वित्तीय लाभ देंगे, 10 लाख का बीमा और 5 लाख दुर्घटना बीमा देंगे।

*8वें वेतन आयोग की मंजूरी का दांव, दिल्ली विधानसभा चुनाव पर कितना होगा असर?

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दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा हाई है। एक तरफ आम आदमी पार्टी तीसरी बार सत्ता वापसी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। वहीं, बीजेपी 26 साल के सियासी सूखे को खत्म करने की जद्दोजहद में है। इस सियासी तपिश के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को साधने के लिए बड़ा दांव चला है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को आठवें वेतन आयोग के गठन को अपनी मंजूरी दे दी। नए वेतन आयोग के गठन और उसकी सिफारिशों के आने के बाद सरकारी कर्मचारियों तथा पेशनरों को वेतन में सीधा लाभ मिलेगा। इसे दिल्ली चुनाव के लिए पीएम मोदी का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है, क्योंकि दिल्ली में लाखों की संख्या में सरकारी कर्मचारी हैं और यहां की सियासत में अहम भूमिका भी तय करते हैं?

7वें वेतन आयोग का गठन 2016 में किया गया था और इसकी अवधि 2026 में समाप्त हो रही है। दिल्ली में 5 फरवरी को चुनाव होने वाला है। दिल्ली चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8वें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया है। ऐसे में केंद्र के इस फैसले को चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

जानकारों की मानें तो केंद्र सरकार ने बीजेपी के लिए काफी अहम माने जा रहे चुनाव से पहले बड़ा फैसला लिया है। जानकारों के अनुसार दिल्ली में केंद्रीय कर्मचारियों की अच्छी खासी संख्या है। ऐसे में इस घोषणा से पार्टी चुनाव में निश्चित रूप से इस घोषणा के वोट में बदलने की उम्मीद लगा रही है।

केवल दिल्ली में 4 लाभ से ज्यादा कर्मचारियों पर निगाहें

आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन और उसकी सिफारिशें स्वीकार होने पर लगभग 49 लाख सरकारी कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों के वेतन पर इसका सीधा असर पड़ेगा। एक आंकड़े के मुताबिक, अकेले दिल्ली में रक्षा और दिल्ली सरकार के कर्मचारियों सहित लगभग 4 लाख ऐसे कर्मचारी है, जिन्हें सीधे तौर पर इसका फायदा मिलेगा। राष्ट्रीय राजधानी में नई दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), पुलिस और डिफेंस के साथ ही लॉ एंड ऑर्डर सहित कई ऐसे डिपार्टमेंट हैं, जो केंद्र सरकार के अंतर्गत हैं। आठवां वेतन आयोग लागू होने के साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है।

दिल्ली की तीन विधानसभा काफी अहम

केंद्रीय कर्मचारियों के लिहाज से दिल्ली की तीन विधानसभा काफी अहम है। इसमें नई दिल्ली, दिल्ली कैंट और आरके पुरम सीट शामिल हैं। इन इलाकों में केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के अलग-अलग कर्मचारी रहते हैं। सरकारी कर्मचारी वाली ज्यादातर सीटों पर आम आदमी पार्टी का ही कब्जा है। उदाहरण के तौर पर 2024 के लोकसभा चुनाव के वोटिंग पैटर्न को देखें तो नई दिल्ली लोकसभा सीट के तहत 10 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से पांच सीटों पर सरकारी कर्मचारी बड़ी संख्या में रहते हैं। बीजेपी ने नई दिल्ली लोकसभा सीट जरूर जीतने में कामयाब रही थी, लेकिन सरकारी कर्मचारियों वाली नई दिल्ली, दिल्ली कैंट और आरके पुरम जैसी अहम सीट पर आम आदमी पार्टी से पिछड़ गई थी।

बीजेपी ने बदली अपनी रणनीति

बीजेपी ने इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी रणनीति बदली है। बीजेपी ने दिल्ली के मतदाताओं को सिर्फ एक प्लेटफार्म से नहीं लुभा रही है बल्कि इसके लिए अलग-अलग रणनीति भी तैयार की है। विभिन्न वर्गों के बीच कौन से केंद्रीय मंत्री और बीजेपी शासित राज्य के मुख्यमंत्री पहुंचेंगे, इसका अलग से खाका तैयार किया गया है। हर विधानसभा क्षेत्र में किसी बड़े नेता के नेतृत्व में एक समूह तैयार किया गया। इसी तर्ज पर बीजेपी ने दिल्ली के रह रहे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को साधने के लिए रणनीति बनाई है। मोदी सरकार के द्वारा आठवें वेतन आयोग की घोषणा, इसी दिशा में एक कदम बताया जा रहा है।

क्या खत्म होगा बीजेपी का वनवास?

दिल्ली की सियासत में बीजेपी सिर्फ एक बार ही सत्ता पर विराजमान हो सकी है और पिछले 27 साल से वनवास झेल रही है। बीजेपी सिर्फ 1993 में ही दिल्ली को फतह करने में कामयाब रही थी. 1998 में उसके हाथों से सत्ता चली गई तो फिर वापसी नहीं हो सकी। पहले 15 साल तक शीला दीक्षित की अगुवाई में कांग्रेस के सामने खड़ी नहीं हो सकी। शीला दीक्षित के बाद से 11 साल से आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के आगे पस्त नजर आई है। बीजेपी 2025 में होने वाले विधानसभा में हर हाल में दिल्ली में कमल खिलाना चाहती है, जिसके लिए पूरी ताकत झोंक रखी है।

*कैग रिपोर्ट में देरी होने पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकारा, कहा- आपकी ईमानदारी पर संदेह

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दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आई कैग रिपोर्ट का मुद्दा दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। 7 भाजपा विधायकों ने कैग की रिपोर्ट पर विधानसभा में चर्चा करवाने की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई थी, जिस पर सोमवार को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। दिल्ली हाईकोर्ट ने कैग रिपोर्ट पर विचार करने में देरी के लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि जिस तरह से आपने अपने कदम पीछे खींचे हैं, उससे आपकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है।

हाईकोर्टकी नाराजगी की वजह

कोर्ट ने विजेंदर गुप्ता सहित भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की ओर से दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने जोर देते हुए कहा, “आपको रिपोर्ट को तुरंत स्पीकर के पास भेजना चाहिए था और सदन में बहस शुरू करवानी चाहिए थी। दरअसल, दिल्‍ली सरकार की यह जिम्‍मेदारी थी कि इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जाता, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने ऐसा नहीं किया। यही वजह है कि हाईकोर्ट ने सरकार के इस रवैये पर नाराजगी जाहिर की।

आपका टालमटोल बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण-हाई कोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से कहा कि आप जिस तरह से टालमटोल कर रहे हैं, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। आपको कैग रिपोर्ट को विधानसभा स्पीकर के पास भेजने और विधानसभा में चर्चा करने में तत्पर होना चाहिए था।

कैग रिपोर्ट में किया गया दावा

सीएजी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास के रिनोवेशन पर 33.66 करोड़ रुपये खर्च किए थे। लागत से 342 प्रतिशत ज्‍यादा रकम इस काम के लिए खर्च की गई। रिपोर्ट में कहा गया कि अरविंद केजरीवाल के घर के रिनोवेशन का काम 8.62 करोड़ रुपये की निविदा पर किया जाना था। इसकी अनुमानित लागत 7.61 करोड़ तय की गई थी। शुरुआत में ही यह 13.21 प्रतिशत ज्‍यादा थी। जब अरविंद केजरीवाल के घर का काम खत्‍म हुआ तो यह अनुमानित लागत से 342.31 प्रतिशत ज्‍यादा था। यह रकम निविदा राशि से 290.49 प्रतिशत अधिक पाई गई।

दिल्ली में चुनाव से पहले पूर्वांचली वोटर्स पर बीजेपी और आप आमने-सामने, जानें किन सीटों पर पूर्वांचलियों का दबदबा

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दिल्ली में वोटर लिस्ट के नाम पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता लगातार आपस में भिड़े हुए हैं। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि नई दिल्ली विधानसभा सीट पर बड़ी संख्या में फर्जी वोटरों को जोड़ा जा रहा है। केजरीवाल ने कहा है, एक लाख की छोटी सी विधानसभा सीट है, उसमें पिछले 15 दिन में 13 हजार नए वोटर बनने की एप्लिकेशन कहां से आ गई? जाहिर तौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार से ला लाकर, आस-पास के स्टेट से लाकर फर्जी वोट बनवा रहे हैं ये लोग। आम आदमी के इस आरोप को बीजेपी ने पूर्वांचली वोटरों से अपमान से जोड़ा है।

भाजपा का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने पूर्वांचली वोटर का अपमान किया है। इसे लेकर दिल्ली में शुक्रवार को खूब बवाल हुआ। भाजपा ने केजरीवाल का घेराव किया। इस दौरान खूब गहमागहमी दिखी। भाजपा ने अरविंद केजरीवाल के बयान पर यह प्रदर्शन किया।

दिल्ली में वोटर लिस्ट और पूर्वांचलियों पर पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता लगातार आपस में भिड़े हुए हैं। दिल्ली में पूर्वांचली वोटर सियासी लिहाज से काफी अहम हैं। पूर्वी यूपी और बिहार के वोटरों को पूर्वांचली वोटर कहते हैं। उनकी तादाद दिल्ली में अच्छी खासी है। आंकडों में देखें तो करीब 25 से 30 फीसदी पूर्वांचली वोटर दिल्ली में रहते हैं।25 से 30 फीसदी वाले ये पूर्वांचली वोटर्स दिल्ली की कई सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करते हैं।

पहले भी यूपी-बिहार पर कर चुके हैं टिप्पणी

केजरीवाल की जुबान से पहली बार बिहार-यूपी को केंद्र कर प्रतिकूल प्रभाव वाली टिप्पणी नहीं निकलती है। इससे पहले 2019 में भी केजरीवाल ने कुछ ऐसा कह दिया था, जिससे काफी बवेला मचा था। पहली बार केजरीवाल ने कहा था कि बिहार जैसे राज्यों से लोग 500 रुपये का टिकट लेकर दिल्ली आ जा रहे हैं और 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज कराते हैं। उनके इस बयान पर भाजपा और जेडीयू ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी।केजरीवाल अब कह रहे हैं कि भाजपा बिहार-यूपी से लोगों को दिल्ली लाकर वोटर बनवा रही

दिल्ली की पूर्वांचल बहुल सीट

दिल्ली देश की राजधानी होने के साथ-साथ प्रवासियों का शहर कहा जाता है। दिल्ली की आबादी में करीब 40 फीसदी प्रवासी ही हैं जो उत्तर प्रदेश, बिहार और देश के अलग अलग राज्यों में रोज़गार की तलाश में आते हैं। पूर्वांचली लगभग 70 सीटों में आधे पर जीत हार में फर्क डालते हैं। बुराड़ी, लक्ष्मी नगर, पड़पड़गंज, राजेंद्र नगर, बादली, मॉडल टाउन, घोंडा, करावल नगर, किराड़ी, रिठाला, छतरपुर, द्वारका, पालम, विकासपुरी, बदरपुर, संगम विहार और जनकपुरी दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में वो प्रमुख सीटे हैं जहां पर पूर्वांचली वोटर जिधर जाता है उसी की जीत तय मानी जाती है।

दिल्ली में पूर्वांचल का प्रभाव

दिल्ली में बसे पूर्वांचल के लोग तकरीबन दो दर्जन सीटों पर अपना प्रभाव रखते हैं। यही वजह है कि बिहार मूल की राजनीतिक पार्टियां भी दिल्ली चुनाव में ताल ठोंकने के लिए बेचौन दिखती हैं। जेडीयू और आरजेडी के अलावा एलजेपी भी पिछले चुनावों में किस्मत आजमा चुकी हैं। इस बार भी तीनों पार्टियों ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने तो बाजाप्ता प्रेस कांफ्रेंस कर दिल्ली में एनडीए के बैनर तले चुनाव लड़ने की बात कुछ ही दिनों पहले कही थी।