भारत सरकार का सरकारी कर्मचारियों के लिए फरमान, ChatGPT, DeepSeek जैसे AI टूल्स के इस्तेमाल पर रोक

#donotusechatgptanddeepseekfinanceministryissuedinstructionsto_employees

अमेरिकी सरकार ने 4 फरवरी को चीन के एआई DeepSeek पर बैन लगाया दिया। जिसकी शुरुआत टेक्सास स्टेट से की गई है। अब भारत के वित्त मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों से चैटजीपीटी और डीपसीक जैसे एआई टेक्नोलॉजी का उपयोग करने से बचने के लिए कहा है। बता दें कि मंत्रालय ने इसके लिए सरकारी दस्तावेजों और डेटा की प्राइवेसी को सुरक्षा का हवाला दिया है।

सरकार ने क्यों लगाया AI टूल्स पर बैन?

29 जनवरी 2025 को जारी किए गए इस सर्कुलर का उद्देश्य संवेदनशील सरकारी डेटा को संभावित साइबर खतरों से बचाना है। यह आदेश संयुक्त सचिव प्रदीप कुमार सिंह द्वारा हस्ताक्षरित है और इसमें कहा गया है कि AI-आधारित एप्लिकेशन सरकारी सिस्टम में सुरक्षा जोखिम पैदा कर सकते हैं। इसके मद्देनजर, मंत्रालय ने सभी कर्मचारियों को आधिकारिक उपकरणों पर ऐसे टूल्स का उपयोग करने से बचने की सलाह दी है। यह निर्देश वित्त सचिव की मंजूरी के बाद राजस्व, आर्थिक मामलों, व्यय, सार्वजनिक उद्यम, DIPAM और वित्तीय सेवाओं जैसे प्रमुख सरकारी विभागों को भेजा गया है।

डेटा सेफ्टी को लेकर देश चौकन्ना

किसी भी देश के लिए उसका डेटा मौजूदा समय में फ्यूल और गोल्ड से भी महंगा है। उसकी सेफ्टी के लिए तमाम देश कदम उठा रहे हैं। भारत ने भी कई पहल किए हैं। जिसकी वजह से उसके डेटा को कोई चुरा ना सके। अब जब दुनिया एआई में एंट्री ले चकी है। ऐसे में डेटा सेफ्टी को लेकर दुनियाभर के तमाम देश और भी चौकन्ना हो गए हैं। हाल ही में चीन का डीपसीक लॉन्च हुआ। चैटजीपीटी और जैमिनी जैसे चैटबॉट पहले ही आ चुके हैं। अब देश के वित्त मंत्रालय अब इन एआई टूल से डेटा सेफ्टी के लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है।

भारत के वित्त मंत्रालय, चैटजीपीटी-पैरेंट ओपनएआई और डीपसीक के प्रतिनिधियों की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। वित्त मंत्रालय के तीन अधिकारियों ने कहा कि नोट असली है और यह नोट इस सप्ताह आंतरिक रूप से जारी किया गया था। अभी तक दूसरे मंत्रालयों की ओर से इस तरह निर्देश सामने आए हैं या नहीं इसकी पुष्टी नहीं हो सकी है।

बता दें कि ये रिपोर्ट सोशल मीडिया पर तब सामने आई, जब OpenAI के हेड सैम ऑल्टमैन भारत की यात्रा पर है।आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ बातचीत के दौरान ऑल्टमैन ने कहा कि देश में पिछले साल ओपनएआई के यूजर्स की संख्या तीन गुना बढ़ी है। उन्होंने स्टैक, चिप्स, मॉडल और अविश्वसनीय अनुप्रयोगों के सभी स्तरों पर एआई के निर्माण में भारत के प्रयासों की जोरदार सराहना की।

आजमगढ़:-राइज इंटर कालेज के बच्चों ने वार्षिकोत्सव में विखेरा जलवा,बच्चों के कार्यक्रम को देखकर अभिभावक और दर्शक हुए मंत्रमुग्ध
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़।  फूलपुर तहसील के डीहकैथौली स्थित राइज इंटर कालेज का वार्षिकोत्सव सोमवार को धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ।बच्चो ने नाट्य कला ,गायन और वादन से पाश्चयात और आधुनिक संस्कृति और देश प्रेम और आधुनिक राजनीति के अद्भुत समागम को प्रस्तुत कर लोगो को मंत्रमुग्ध कर दिया। 
मुख्य अतिथि जौनपुर जिले कर मल्हनी विधायक लकी  यादव एवं  दीदारगंज विधायक कमलाकांत राजभर,समाज सेवी मृगांक यादव टाइगर एवं स्कूल के प्रबन्धक रमेश यादव  ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के चित्र पर 
 धूप, दीप प्रज्वलित और माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। 
उसके बाद राइज इंटर कालेज के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुती का कार्यक्रम शुरू किया । छात्र छात्राओं के द्वारा एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया ,जिसे देख अभिभावक और दर्शक भावविभोर हो गए । 
 नाटक ,कान्हा गीत ,देश प्रेम से सम्बंधित गीत और डांस की भाव पूर्ण प्रस्तुति को देख लोग मंत्रमुग्ध हो गए ।  बच्चो के कार्यक्रम को देख कर लोग तालिया बजाने के साथ ही साथ उन्हें सराहते भी रहे। आधुनिक राजनीति पर आधारित संस्कृतिक कार्यक्रम देख लोग हसंते हसंते लोट पोट हो गए । कार्यक्रम देर शाम तक चलता रहा । अध्यक्षता रमेश यादव  एवं संचालन सुभाष चंद उपाध्याय  ने किया  । इस अवसर डॉ जेपी दुबे ,डॉ राजेश यादव ,प्रधान भीम यादव ,मृगांक यादव टाइगर ,शिव ओम यादव ,ओम प्रकाश यादव आदि उपस्थित रहे । 
How Homeopathy Doctors in Hyderabad Can Help Relieve Acidity Naturally"

Causes: Unhealthy eating, stress, smoking, alcohol, medications, and GERD. Symptoms: Heartburn, regurgitation, bloating, nausea, burping, sore throat, and indigestion.Why Choose Spiritual Homeopathy?

Spiritual Homeopathy offers personalized, holistic treatments targeting the root cause of ailments for long-lasting results. With experienced doctors, safe remedies, and a patient-centered approach, we ensure effective and gentle healing without side effects. Trust us for your journey to wellness.

Visit www.spiritualhomeo.com or call us at 9804 176 176 to book your appointment today

#spiritualhomeo

गाजा पर कब्जा करेगा अमेरिका, नेतन्याहू से मुलाकात के बाद राष्ट्रपति ट्रंप का ऐलान, जानें क्या है प्लान?

#donaldtrumpwantsownershipof_gaza

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर बड़ा बयान देकर खलबली मचा दी है।राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा पट्टी को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया है। ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका गाजा पट्टी पर अपना नियंत्रण करेगा। मंगलवार को नेतन्याहू के साथ बातचीत के बाद वॉइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने ये बड़ा बयान दिया है।

डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि हम गाजा का मालिकाना लेना चाहते हैं, इसके बाद गाजा में मौजूद खतरनाक बमों और अन्य हथियारों को नष्ट करने की जिम्मेदारी हमारी होगी। अमेरिका ध्वस्त या जर्जर हो चुकी इमारतों का पुनर्निर्माण कराएगा और गाजा का आर्थिक विकास करेगा। इससे गाजा में रोजगार और लोगों को घर मिलेंगे।

गाजा को अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र बनाने का प्लान

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि गाजा एक 'अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र' होगा। ट्रंप ने आगे बताया कि अमेरिका द्वारा पुनर्निर्माण पूरा करने के बाद दुनिया भर के लोग गाजा में रहेंगे। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी उनमें से हो सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह गाजा में सुरक्षा शून्य को भरने के लिए अमेरिकी सैनिकों को भेजने के लिए तैयार हैं, ट्रंप ने इससे इनकार नहीं किया।

सेना उतारने को तैयार ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि गाजा के पुनर्निर्माण में अगर अमेरिकी सेना की जरूरत पड़ी तो वे सेना को भी गाजा में तैनात करने पर विचार कर सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि अगर यह जरूरी हुआ तो हम ऐसा करेंगे।

फिलिस्तीनियों को निकालने की बात

ट्रंप ने एक बार फिर दोहराया कि फिलिस्तीनियों को गाजा के 'नरक के गड्ढे' से निकाल दिया जाना चाहिए। ट्रंप ने कहा कि गाजा को एक ही लोगों के पुनर्निर्माण और कब्जे की प्रक्रिया से नहीं गुजरना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाजा की आबादी को इंसानी दिल रखने वाले देशों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए और दावा किया कि कई लोग हैं जो ऐसा करना चाहते हैं।

नेतन्याहू ने किया ट्रंप की योजना का समर्थन

ट्रंप के साथ उस वक्त बेंजामिन नेतन्याहू भी बैठे थे और खुश हो रहे थे। जब ट्रंप यह सब बोल रहे थे, तब नेतन्याहू मुस्कुरा रहे थे। बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ट्रंप की इस योजना का समर्थन किया और इसे पर खुशी जाहिर की। नेतन्याहू ने कहा कि हम चाहते हैं कि गाजा भविष्य में अब कभी भी इस्राइल के लिए खतरा न बने, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप इसे एक नई ऊंचाई पर ले जा रहे हैं। ट्रंप का विचार अलग है और इससे गाजा का भविष्य बदल जाएगा। इस विचार पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। नेतन्याहू ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो इससे इतिहास बदल सकता है।

तय हो गया पीएम मोदी का अमेरिका दौरा, 12 फरवरी की तारीख तय, व्हाइट हाउस में खुद डिनर होस्ट करेंगे डोनाल्ड ट्रंप

#pm_narendra_modi_america_visit_modi_meet_donald_trump

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को अमेरिका का दौरा कर सकते हैं। जहां वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यापक चर्चा करेंगे। विदेश मंत्रालय (एमईए) के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को इसकी जानकारी दी।ट्रंप के दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद यह मोदी की वाशिंगटन की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। उनकी यह पहली यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों के रणनीतिक महत्व को रेखांकित करती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी की शाम को फ्रांस से एआई सम्मेलन में भाग लेकर अमेरिका पहुंचने की उम्मीद है। पीएम मोदी फ्रांस में 10-11 फरवरी को ग्रैंड पैलेस में एआई एक्शन समिट में भाग लेंगे। फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा के वो 12 फरवरी को अमेरिका पहुंचेंगे। वो 14 फरवरी तक अमेरिकी राजधानी में रहेंगे। इस दौरान पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से 13 फरवरी को मुलाकात होने की संभावना है। ट्रंप पीएम मोदी के दौरे के दौरान उनके लिए एक रात्रिभोज भी आयोजित कर सकते हैं।

हालांकि पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा का आधिकारिक विवरण अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन चर्चा व्यापार, रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा, विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर केंद्रित रहने की उम्मीद है। बता दें कि ट्रंप ने 20 जनवरी को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। उनके शपथ ग्रहण के बाद, पीएम मोदी ने 27 जनवरी को उनसे फोन पर बात की थी।

बैकफुट पर डोनाल्ड ट्रंप! कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ का फैसला टाला, इतने दिनों की दी राहत

#donaldtrumpdecisiontoimpose25percenttariffonmexicoand_canada

लगता है ग्लोबल टैरिफ वॉर टल गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कनाडा और मेक्सिको पर टैरिफ लगाने के फैसले को 30 दिन के लिए टाल दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मेक्सिको के बाद अब कनाडा को भी टैरिफ से 30 दिनों के लिए राहत दे दी है। सोमवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ट्रंप से फोन पर बातचीत के बाद बताया कि अमेरिका ने शनिवार को लगाए गए टैरिफ को 30 दिनों के लिए रोकने का फैसला किया है। इसके पहले अमेरिका ने मेक्सिको के खिलाफ भी टैरिफ पर 30 दिन की रोक लगाई थी। ट्रंप ने टैरिफ को रोकने का फैसला तब लिया है, जब दोनों देशों ने सीमा सुरक्षा और ड्रग्स की तस्करी को रोकने के लिए कदम उठाए हैं।

ट्रंप ने बताया कि ट्रूडो और शिनबाम के साथ उनकी बातचीत अच्छी रही। दोनों देशों ने अमेरिका के साथ बॉर्डर को सिक्योर करने पर सहमति जताई है। इसके बाद ट्रम्प ने दोनों देशों पर टैरिफ रोकने से जुड़े कार्यकारी आदेश पर साइन किए। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर कहा कि ‘बहुत ही दोस्ताना बातचीत’ के बाद उन्होंने ‘एक महीने की अवधि के लिए टैरिफ को तुरंत रोकने पर सहमति जताई। ट्रंप ने कहा कि इस एक महीने के दौरान दोनों देशों के बीच और बातचीत होगी, ताकि एक ‘डील’ हासिल की जा सके।

फेंटेनाइल तस्करी पर रोक लगाने की दिशा में कदम

ट्रंप के फैसले के बाद ट्रूडो ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि टैरिफ पर रोक के बदले में कनाडा बॉर्डर सिक्योरिटी में भारी निवेश करेगा। साथ ही संगठित अपराध, फेंटेनाइल की तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए दोनों देश मिलकर कनाडा-यूएस ज्वाइंट स्ट्राइक फोर्स बनाएंगे। इसके अलावा कनाडा फेंटेनाइल जार (फेंटेनाइल की तस्करी रोकने वाला अधिकारी) की नियुक्ति भी करेगा। तस्करी में शामिल कार्टेल (समूह) को आतंकवादी समूहों की सूची में शामिल किया जाएगा। ट्रूडो ने इस आदेश पर साइन भी कर दिए हैं। कनाडा इस पर 200 मिलियन डॉलर खर्च करेगा।

टैरिफ से बचने के लिए मेक्सिको करेगा ये काम

मेक्सिको ने भी ट्रंप की चिंताओं को दूर करने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए अमेरिका में अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए सीमा पर 10000 नेशनल गार्ड्स की तैनाती का आदेश दिया है।

इससे पहले शनिवार को ट्रंप ने घोषणा की थी कि वे कनाडा और मैक्सिको से इम्पोर्टेड सामानों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएंगे और चीन से आने वाले सामानों पर 10 फीसदी टैरिफ का प्रस्ताव भी किया। उन्होंने कनाडा से आयातित ऊर्जा संसाधनों पर भी 10 फीसदी टैरिफ लगाने की योजना बनाई थी।

शपथ के बाद से ही एक्शन में ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ के बाद कनाडा, मेक्सिको और चीन पर टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने 1 फरवरी को इससे जुड़े आदेशों पर साइन भी कर दिया था। ट्रंप के इस फैसले के बाद कनाडा ने भी 2 फरवरी को अमेरिका पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इसमें अमेरिका से होने वाले 106 अरब डॉलर के निर्यात को शामिल किया गया था। दूसरी तरफ मेक्सिको ने भी जवाबी कार्रवाई की बात कही थी।

ट्रंप से मिलने पहुंचे बेंजामिन नेतन्याहू, मिडिल ईस्ट में होगी शांति?

#benjammin_netanyahu_meet_donald_trump

डोनाल्‍ड ट्रंप के सत्‍ता संभालने के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू अमेरिका के दौरे पहुंच गए हैं। गाजा और लेबनान में युद्ध तथा सीरिया में तख्‍तापलट के बाद पूरे पश्चिम एशिया में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। ट्रंप के सत्‍ता में आने से पहले हमास और इजरायल के बीच सीजफायर हुई है और कई बंदियों की रिहाई भी हुई है। इससे अब उम्‍मीद बनने लगी है कि खाड़ी देशों में शांति आएगी।

बेंजामिन नेतन्याहू का ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब गाजा युद्ध विराम का पहला चरण खत्म होने को है। बेंजामिन ने यूएस रवाना होने से पहले कहा कि मेरा मानना है कि हम सुरक्षा को मजबूत कर सकते हैं, शांति बना सकते हैं। ताकत के माध्यम से शांति के एक उल्लेखनीय युग को प्राप्त कर सकते हैं।

नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिकी राजधानी में उनकी बैठकों में इजराइल और क्षेत्र के सामने मौजूद खास और नाजुक मुद्दों पर चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि बातचीत में हमास पर विजय, हमारे सभी बंधकों की रिहाई और ईरानी आतंकवादी धुरी से निपटना शामिल हैं। साथ ही कहा कि ईरान का एक्सिस ऑफ रेसिस्टेंस अरब के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए घातक है।

सऊदी अरब के साथ रिश्‍ते सामान्‍य करने पर चर्चा

इजरायली पीएम ने कहा कि इस मुलाकात में ट्रंप के साथ सऊदी अरब के साथ रिश्‍ते सामान्‍य करने को लेकर बातचीत करेंगे। उन्‍होंने कहा कि मैं शांति के दायरे को बढ़ाने पर बात करूंगा और ताकत के बल पर शांति हासिल करने का प्रयास करूंगा। सऊदी के साथ रिश्‍ते सामान्‍य करने को लेकर नेतन्‍याहू के प्रवक्‍ता दोस्‍तरी ने कहा कि हमारी इच्‍छा शांति पर पहुंचने की है और दूसरे पक्ष की भी यही इच्‍छा है। उन्‍होंने यह भी कहा कि अब संबंधों को सामान्‍य करना 7 अक्‍टूबर के पहले के मुकाबले ज्‍यादा चुनौतीपूर्ण है। इसकी वजह यह है कि सऊदी अरब ने शर्त रख दी है कि संबंधों को सामान्‍य करने को लेकर कोई भी बातचीत करने से पहले इजरायल को लड़ाई रोकनी होगी।

*occasion of Saraswati Puja*

Avishek Banerjee offered prayers on the auspicious occasion of Saraswati Puja, seeking wisdom, knowledge, and prosperity for all.

शुरू हुआ ट्रे़ड वॉरः ट्रंप ने कनाडा-चीन-मैक्सिको को दिया आयात शुल्क का झटका, मिला करारा जवाब

#donaldtrumptariffsandtrade_war

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा, मेक्सिको और चीन पर नए टैरिफ लगा दिए हैं। ट्रंप ने कनाडा, मेक्सिको और चीन से आयातित वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है, जो शनिवार शाम से लागू हो गया। शनिवार को उन्होंने कनाडा और मैक्सिको से आयात होने वाले सामानों पर 25 फीसदी आयात शुल्क लगाने के आदेश पर साइन किया। ट्रंप ने चीन से आने वाले सामानों पर 10 फीसदी आयात शुल्क लगाया है। अमेरिका के इस फैसले से एक ट्रे़ड वॉर (व्यापार युद्ध) छिड़ गया है। ट्रेड के क्षेत्र में ये तनातनी आने वाले दिनों में और ज्यादा बढ़ने जा रही है। ऐसा होता है तो सालाना 2.1 ट्रिलियन डॉलर ( करीब 181.72 लाख करोड़ रुपए) से अधिक का कारोबार प्रभावित होगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको से आने वाले समान पर टैरिफ और चीनी प्रोडक्ट्स पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया है। ट्रंप के इस ऐलान का कई देशों में विरोध किया जा रहा है और कनाडा, मेक्सिको से लेकर चीन तक ने अमेरिका को करारा जवाब दिया है।

कनाडा- मेक्सिके ने दिखाए कड़े तेवर

कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि कनाडा भी अमेरिकी सामानों पर 25% शुल्क लगाएगा। ट्रूडो ने ऐलान किया कि ओटावा भी इसी तरह जवाब देगा और 155 बिलियन डॉलर तक के अमेरिकी आयातों पर 25 फीसद टैरिफ लगाएगा। ट्रूडो ने कहा कि इन टैरिफ में अमेरिकी बीयर, वाइन और बॉर्बन के साथ-साथ फल और फलों के जूस भी शामिल होंगे, जिसमें ट्रम्प के गृह राज्य फ्लोरिडा का संतरे का जूस भी शामिल है। कनाडा कपड़ों, खेल के प्रोडक्ट और घरेलू उपकरणों सहित अन्य समान को भी लक्षित करेगा।

अमेरिकी सरकार के मुताबिक 2022 में कनाडा देश के सामानों का सबसे बड़ा खरीदार था, जिसकी खरीद 356.5 बिलियन डॉलर है। अनुमान है कि 2023 में हर दिन 2.7 बिलियन डॉलर का सामान और सर्विस अमेरिका-कनाडा के बीच हुआ है।

इसी तरह मैक्सिकन राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने भी घोषणा की कि उन्होंने अपने अर्थव्यवस्था मंत्री को मैक्सिकन निर्यात पर संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगाए गए व्यापक शुल्कों के विरुद्ध नई टैरिफ और गैर-टैरिफ नीतियां लागू करने का आदेश दिया है।

चीन ने जताया विरोध

चीनी वस्तुओं पर टैरिफ लगाने के अमेरिकी आदेश को लेकर चीन ने तीखा विरोध दर्ज कराया है। रविवार को वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि चीन विश्व व्यापार संगठन में मुकदमा दायर करेगा और अपने हितों की रक्षा के लिए उचित जवाबी कदम उठाएगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय ने कहा, अमेरिका की ओर से एकतरफा टैरिफ वृद्धि विश्व व्यापार संगठन के नियमों का गंभीर उल्लंघन है। यह कदम न केवल अमेरिका के अपने मुद्दों को हल करने में नाकाम है बल्कि चीन-अमेरिका के सामान्य आर्थिक और व्यापार सहयोग को भी बाधित करता है। चीन अमेरिकी फैसले का कड़ा विरोध करता है और इससे बेहद असंतुष्ट है।

भारत के बजट से अमेरिका को क्या होगा फायदा? ट्रंप के 'टैरिफ वॉर' के बीच सीतारमण का जवाब

#whydonaldtrumphappywithindiabudgetcustomduty_cut

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में बजट पेश किया। इस बजट में मध्य वर्ग को बड़ी राहत दी गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती और विकास दर पर उठ रहे सवालों के बीच इस बजट में अलग अलग वर्ग को राहत देने की कोशिश दिखाई दे रही है। इन सबके बीच देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ऐसा भी ऐलान किया है, जो डोनाल्ड ट्रंप को काफी खुश कर सकता है। जी हां, सरकार ने कुछ कस्टम ड्यूटी कम की है। जिसका असर अमेरिका से होने वाले निर्यात पर पड़ता हुआ दिखाई दे सकता है।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने रविवार को कहा कि मोटरसाइकिल और स्वाद बढ़ाने वाले कृत्रिम तत्व जैसे प्रोडक्ट्स पर बजट में कस्टम ड्यूटी घटाई गई है। इससे अमेरिकी निर्यात को लाभ होगा। जीटीआरआई ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत की‘टैरिफ किंग’के रूप में आलोचना करने के बाद देश के बजट ने कई उत्पादों पर महत्वपूर्ण शुल्क कटौती की गई है। इनमें से कई प्रोडक्ट्स अमेरिकी एक्सपोर्ट को फायदा पहुंचाने वाले हैं। जीटीआरआई ने बयान में कहा,‘‘टेक्नोलॉजी, व्हीकल, इंडस्ट्रीयल रॉ मटेरियल और स्क्रैप के आयात पर शुल्क कटौती के साथ भारत व्यापार को सुविधाजनक बनाने की दिशा में कदम उठाता दिख रहा है।

बदलेगा ट्रंप का नजरिया?

डोनाल्ड ट्रंप हमेशा भारत की टैरिफ किंग के तौर पर आलोचना करते हैं, लेकिन बजट ने कई उत्पादों पर महत्वपूर्ण शुल्क कटौती से अमेरिकी निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। उम्मीद की जा रही है कि बजट में इस ऐलान के बाद ट्रंप का नजरिया बदलेगा।

बता दें कि अप्रैल-नवंबर, 2024-25 के दौरान अमेरिका 82.52 अरब डॉलर व्यापार के साथ भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। इसके पहले 2021-24 के दौरान अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था।

इन चीजों से शुल्क घटी

फ्रोजेन मछली पेस्ट (सुरीमी) और जलीय चारे के लिए मछली हाइड्रोलाइजेट पर शुल्क घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है. इन पर अभी तक लागू शुल्क क्रमश: 30 प्रतिशत और 15 प्रतिशत था. रसायन क्षेत्र में, पिरिमिडीन और पिपरेजीन यौगिकों पर शुल्क को मौजूदा 10 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया है. इनका उपयोग खाद्य और पेय पदार्थों को एक निश्चित स्वाद देने के लिए किया जाता है. इसी तरह कम कैलोरी वाले यौगिक सोर्बिटोल पर शुल्क मौजूदा 30 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके अलावा, प्रमुख खनिजों (लिथियम, कोबाल्ट, सीसा, जस्ता, तांबा) और कोबाल्ट पाउडर के अपशिष्ट और स्क्रैप पर सीमा शुल्क खत्म कर दिया गया है. मंत्रालय ने कहा कि इन उपायों से आयात निर्भरता कम होगी, उत्पादन लागत कम होगी और प्रमुख उद्योगों में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी

भारत सरकार का सरकारी कर्मचारियों के लिए फरमान, ChatGPT, DeepSeek जैसे AI टूल्स के इस्तेमाल पर रोक

#donotusechatgptanddeepseekfinanceministryissuedinstructionsto_employees

अमेरिकी सरकार ने 4 फरवरी को चीन के एआई DeepSeek पर बैन लगाया दिया। जिसकी शुरुआत टेक्सास स्टेट से की गई है। अब भारत के वित्त मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों से चैटजीपीटी और डीपसीक जैसे एआई टेक्नोलॉजी का उपयोग करने से बचने के लिए कहा है। बता दें कि मंत्रालय ने इसके लिए सरकारी दस्तावेजों और डेटा की प्राइवेसी को सुरक्षा का हवाला दिया है।

सरकार ने क्यों लगाया AI टूल्स पर बैन?

29 जनवरी 2025 को जारी किए गए इस सर्कुलर का उद्देश्य संवेदनशील सरकारी डेटा को संभावित साइबर खतरों से बचाना है। यह आदेश संयुक्त सचिव प्रदीप कुमार सिंह द्वारा हस्ताक्षरित है और इसमें कहा गया है कि AI-आधारित एप्लिकेशन सरकारी सिस्टम में सुरक्षा जोखिम पैदा कर सकते हैं। इसके मद्देनजर, मंत्रालय ने सभी कर्मचारियों को आधिकारिक उपकरणों पर ऐसे टूल्स का उपयोग करने से बचने की सलाह दी है। यह निर्देश वित्त सचिव की मंजूरी के बाद राजस्व, आर्थिक मामलों, व्यय, सार्वजनिक उद्यम, DIPAM और वित्तीय सेवाओं जैसे प्रमुख सरकारी विभागों को भेजा गया है।

डेटा सेफ्टी को लेकर देश चौकन्ना

किसी भी देश के लिए उसका डेटा मौजूदा समय में फ्यूल और गोल्ड से भी महंगा है। उसकी सेफ्टी के लिए तमाम देश कदम उठा रहे हैं। भारत ने भी कई पहल किए हैं। जिसकी वजह से उसके डेटा को कोई चुरा ना सके। अब जब दुनिया एआई में एंट्री ले चकी है। ऐसे में डेटा सेफ्टी को लेकर दुनियाभर के तमाम देश और भी चौकन्ना हो गए हैं। हाल ही में चीन का डीपसीक लॉन्च हुआ। चैटजीपीटी और जैमिनी जैसे चैटबॉट पहले ही आ चुके हैं। अब देश के वित्त मंत्रालय अब इन एआई टूल से डेटा सेफ्टी के लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है।

भारत के वित्त मंत्रालय, चैटजीपीटी-पैरेंट ओपनएआई और डीपसीक के प्रतिनिधियों की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। वित्त मंत्रालय के तीन अधिकारियों ने कहा कि नोट असली है और यह नोट इस सप्ताह आंतरिक रूप से जारी किया गया था। अभी तक दूसरे मंत्रालयों की ओर से इस तरह निर्देश सामने आए हैं या नहीं इसकी पुष्टी नहीं हो सकी है।

बता दें कि ये रिपोर्ट सोशल मीडिया पर तब सामने आई, जब OpenAI के हेड सैम ऑल्टमैन भारत की यात्रा पर है।आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ बातचीत के दौरान ऑल्टमैन ने कहा कि देश में पिछले साल ओपनएआई के यूजर्स की संख्या तीन गुना बढ़ी है। उन्होंने स्टैक, चिप्स, मॉडल और अविश्वसनीय अनुप्रयोगों के सभी स्तरों पर एआई के निर्माण में भारत के प्रयासों की जोरदार सराहना की।

आजमगढ़:-राइज इंटर कालेज के बच्चों ने वार्षिकोत्सव में विखेरा जलवा,बच्चों के कार्यक्रम को देखकर अभिभावक और दर्शक हुए मंत्रमुग्ध
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़।  फूलपुर तहसील के डीहकैथौली स्थित राइज इंटर कालेज का वार्षिकोत्सव सोमवार को धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ।बच्चो ने नाट्य कला ,गायन और वादन से पाश्चयात और आधुनिक संस्कृति और देश प्रेम और आधुनिक राजनीति के अद्भुत समागम को प्रस्तुत कर लोगो को मंत्रमुग्ध कर दिया। 
मुख्य अतिथि जौनपुर जिले कर मल्हनी विधायक लकी  यादव एवं  दीदारगंज विधायक कमलाकांत राजभर,समाज सेवी मृगांक यादव टाइगर एवं स्कूल के प्रबन्धक रमेश यादव  ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के चित्र पर 
 धूप, दीप प्रज्वलित और माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। 
उसके बाद राइज इंटर कालेज के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुती का कार्यक्रम शुरू किया । छात्र छात्राओं के द्वारा एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया ,जिसे देख अभिभावक और दर्शक भावविभोर हो गए । 
 नाटक ,कान्हा गीत ,देश प्रेम से सम्बंधित गीत और डांस की भाव पूर्ण प्रस्तुति को देख लोग मंत्रमुग्ध हो गए ।  बच्चो के कार्यक्रम को देख कर लोग तालिया बजाने के साथ ही साथ उन्हें सराहते भी रहे। आधुनिक राजनीति पर आधारित संस्कृतिक कार्यक्रम देख लोग हसंते हसंते लोट पोट हो गए । कार्यक्रम देर शाम तक चलता रहा । अध्यक्षता रमेश यादव  एवं संचालन सुभाष चंद उपाध्याय  ने किया  । इस अवसर डॉ जेपी दुबे ,डॉ राजेश यादव ,प्रधान भीम यादव ,मृगांक यादव टाइगर ,शिव ओम यादव ,ओम प्रकाश यादव आदि उपस्थित रहे । 
How Homeopathy Doctors in Hyderabad Can Help Relieve Acidity Naturally"

Causes: Unhealthy eating, stress, smoking, alcohol, medications, and GERD. Symptoms: Heartburn, regurgitation, bloating, nausea, burping, sore throat, and indigestion.Why Choose Spiritual Homeopathy?

Spiritual Homeopathy offers personalized, holistic treatments targeting the root cause of ailments for long-lasting results. With experienced doctors, safe remedies, and a patient-centered approach, we ensure effective and gentle healing without side effects. Trust us for your journey to wellness.

Visit www.spiritualhomeo.com or call us at 9804 176 176 to book your appointment today

#spiritualhomeo

गाजा पर कब्जा करेगा अमेरिका, नेतन्याहू से मुलाकात के बाद राष्ट्रपति ट्रंप का ऐलान, जानें क्या है प्लान?

#donaldtrumpwantsownershipof_gaza

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर बड़ा बयान देकर खलबली मचा दी है।राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा पट्टी को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया है। ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका गाजा पट्टी पर अपना नियंत्रण करेगा। मंगलवार को नेतन्याहू के साथ बातचीत के बाद वॉइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने ये बड़ा बयान दिया है।

डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि हम गाजा का मालिकाना लेना चाहते हैं, इसके बाद गाजा में मौजूद खतरनाक बमों और अन्य हथियारों को नष्ट करने की जिम्मेदारी हमारी होगी। अमेरिका ध्वस्त या जर्जर हो चुकी इमारतों का पुनर्निर्माण कराएगा और गाजा का आर्थिक विकास करेगा। इससे गाजा में रोजगार और लोगों को घर मिलेंगे।

गाजा को अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र बनाने का प्लान

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि गाजा एक 'अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र' होगा। ट्रंप ने आगे बताया कि अमेरिका द्वारा पुनर्निर्माण पूरा करने के बाद दुनिया भर के लोग गाजा में रहेंगे। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी उनमें से हो सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह गाजा में सुरक्षा शून्य को भरने के लिए अमेरिकी सैनिकों को भेजने के लिए तैयार हैं, ट्रंप ने इससे इनकार नहीं किया।

सेना उतारने को तैयार ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि गाजा के पुनर्निर्माण में अगर अमेरिकी सेना की जरूरत पड़ी तो वे सेना को भी गाजा में तैनात करने पर विचार कर सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि अगर यह जरूरी हुआ तो हम ऐसा करेंगे।

फिलिस्तीनियों को निकालने की बात

ट्रंप ने एक बार फिर दोहराया कि फिलिस्तीनियों को गाजा के 'नरक के गड्ढे' से निकाल दिया जाना चाहिए। ट्रंप ने कहा कि गाजा को एक ही लोगों के पुनर्निर्माण और कब्जे की प्रक्रिया से नहीं गुजरना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाजा की आबादी को इंसानी दिल रखने वाले देशों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए और दावा किया कि कई लोग हैं जो ऐसा करना चाहते हैं।

नेतन्याहू ने किया ट्रंप की योजना का समर्थन

ट्रंप के साथ उस वक्त बेंजामिन नेतन्याहू भी बैठे थे और खुश हो रहे थे। जब ट्रंप यह सब बोल रहे थे, तब नेतन्याहू मुस्कुरा रहे थे। बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ट्रंप की इस योजना का समर्थन किया और इसे पर खुशी जाहिर की। नेतन्याहू ने कहा कि हम चाहते हैं कि गाजा भविष्य में अब कभी भी इस्राइल के लिए खतरा न बने, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप इसे एक नई ऊंचाई पर ले जा रहे हैं। ट्रंप का विचार अलग है और इससे गाजा का भविष्य बदल जाएगा। इस विचार पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। नेतन्याहू ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो इससे इतिहास बदल सकता है।

तय हो गया पीएम मोदी का अमेरिका दौरा, 12 फरवरी की तारीख तय, व्हाइट हाउस में खुद डिनर होस्ट करेंगे डोनाल्ड ट्रंप

#pm_narendra_modi_america_visit_modi_meet_donald_trump

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को अमेरिका का दौरा कर सकते हैं। जहां वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यापक चर्चा करेंगे। विदेश मंत्रालय (एमईए) के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को इसकी जानकारी दी।ट्रंप के दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद यह मोदी की वाशिंगटन की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। उनकी यह पहली यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों के रणनीतिक महत्व को रेखांकित करती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी की शाम को फ्रांस से एआई सम्मेलन में भाग लेकर अमेरिका पहुंचने की उम्मीद है। पीएम मोदी फ्रांस में 10-11 फरवरी को ग्रैंड पैलेस में एआई एक्शन समिट में भाग लेंगे। फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा के वो 12 फरवरी को अमेरिका पहुंचेंगे। वो 14 फरवरी तक अमेरिकी राजधानी में रहेंगे। इस दौरान पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से 13 फरवरी को मुलाकात होने की संभावना है। ट्रंप पीएम मोदी के दौरे के दौरान उनके लिए एक रात्रिभोज भी आयोजित कर सकते हैं।

हालांकि पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा का आधिकारिक विवरण अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन चर्चा व्यापार, रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा, विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर केंद्रित रहने की उम्मीद है। बता दें कि ट्रंप ने 20 जनवरी को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। उनके शपथ ग्रहण के बाद, पीएम मोदी ने 27 जनवरी को उनसे फोन पर बात की थी।

बैकफुट पर डोनाल्ड ट्रंप! कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ का फैसला टाला, इतने दिनों की दी राहत

#donaldtrumpdecisiontoimpose25percenttariffonmexicoand_canada

लगता है ग्लोबल टैरिफ वॉर टल गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कनाडा और मेक्सिको पर टैरिफ लगाने के फैसले को 30 दिन के लिए टाल दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मेक्सिको के बाद अब कनाडा को भी टैरिफ से 30 दिनों के लिए राहत दे दी है। सोमवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ट्रंप से फोन पर बातचीत के बाद बताया कि अमेरिका ने शनिवार को लगाए गए टैरिफ को 30 दिनों के लिए रोकने का फैसला किया है। इसके पहले अमेरिका ने मेक्सिको के खिलाफ भी टैरिफ पर 30 दिन की रोक लगाई थी। ट्रंप ने टैरिफ को रोकने का फैसला तब लिया है, जब दोनों देशों ने सीमा सुरक्षा और ड्रग्स की तस्करी को रोकने के लिए कदम उठाए हैं।

ट्रंप ने बताया कि ट्रूडो और शिनबाम के साथ उनकी बातचीत अच्छी रही। दोनों देशों ने अमेरिका के साथ बॉर्डर को सिक्योर करने पर सहमति जताई है। इसके बाद ट्रम्प ने दोनों देशों पर टैरिफ रोकने से जुड़े कार्यकारी आदेश पर साइन किए। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर कहा कि ‘बहुत ही दोस्ताना बातचीत’ के बाद उन्होंने ‘एक महीने की अवधि के लिए टैरिफ को तुरंत रोकने पर सहमति जताई। ट्रंप ने कहा कि इस एक महीने के दौरान दोनों देशों के बीच और बातचीत होगी, ताकि एक ‘डील’ हासिल की जा सके।

फेंटेनाइल तस्करी पर रोक लगाने की दिशा में कदम

ट्रंप के फैसले के बाद ट्रूडो ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि टैरिफ पर रोक के बदले में कनाडा बॉर्डर सिक्योरिटी में भारी निवेश करेगा। साथ ही संगठित अपराध, फेंटेनाइल की तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए दोनों देश मिलकर कनाडा-यूएस ज्वाइंट स्ट्राइक फोर्स बनाएंगे। इसके अलावा कनाडा फेंटेनाइल जार (फेंटेनाइल की तस्करी रोकने वाला अधिकारी) की नियुक्ति भी करेगा। तस्करी में शामिल कार्टेल (समूह) को आतंकवादी समूहों की सूची में शामिल किया जाएगा। ट्रूडो ने इस आदेश पर साइन भी कर दिए हैं। कनाडा इस पर 200 मिलियन डॉलर खर्च करेगा।

टैरिफ से बचने के लिए मेक्सिको करेगा ये काम

मेक्सिको ने भी ट्रंप की चिंताओं को दूर करने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए अमेरिका में अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए सीमा पर 10000 नेशनल गार्ड्स की तैनाती का आदेश दिया है।

इससे पहले शनिवार को ट्रंप ने घोषणा की थी कि वे कनाडा और मैक्सिको से इम्पोर्टेड सामानों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएंगे और चीन से आने वाले सामानों पर 10 फीसदी टैरिफ का प्रस्ताव भी किया। उन्होंने कनाडा से आयातित ऊर्जा संसाधनों पर भी 10 फीसदी टैरिफ लगाने की योजना बनाई थी।

शपथ के बाद से ही एक्शन में ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ के बाद कनाडा, मेक्सिको और चीन पर टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने 1 फरवरी को इससे जुड़े आदेशों पर साइन भी कर दिया था। ट्रंप के इस फैसले के बाद कनाडा ने भी 2 फरवरी को अमेरिका पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इसमें अमेरिका से होने वाले 106 अरब डॉलर के निर्यात को शामिल किया गया था। दूसरी तरफ मेक्सिको ने भी जवाबी कार्रवाई की बात कही थी।

ट्रंप से मिलने पहुंचे बेंजामिन नेतन्याहू, मिडिल ईस्ट में होगी शांति?

#benjammin_netanyahu_meet_donald_trump

डोनाल्‍ड ट्रंप के सत्‍ता संभालने के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू अमेरिका के दौरे पहुंच गए हैं। गाजा और लेबनान में युद्ध तथा सीरिया में तख्‍तापलट के बाद पूरे पश्चिम एशिया में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। ट्रंप के सत्‍ता में आने से पहले हमास और इजरायल के बीच सीजफायर हुई है और कई बंदियों की रिहाई भी हुई है। इससे अब उम्‍मीद बनने लगी है कि खाड़ी देशों में शांति आएगी।

बेंजामिन नेतन्याहू का ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब गाजा युद्ध विराम का पहला चरण खत्म होने को है। बेंजामिन ने यूएस रवाना होने से पहले कहा कि मेरा मानना है कि हम सुरक्षा को मजबूत कर सकते हैं, शांति बना सकते हैं। ताकत के माध्यम से शांति के एक उल्लेखनीय युग को प्राप्त कर सकते हैं।

नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिकी राजधानी में उनकी बैठकों में इजराइल और क्षेत्र के सामने मौजूद खास और नाजुक मुद्दों पर चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि बातचीत में हमास पर विजय, हमारे सभी बंधकों की रिहाई और ईरानी आतंकवादी धुरी से निपटना शामिल हैं। साथ ही कहा कि ईरान का एक्सिस ऑफ रेसिस्टेंस अरब के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए घातक है।

सऊदी अरब के साथ रिश्‍ते सामान्‍य करने पर चर्चा

इजरायली पीएम ने कहा कि इस मुलाकात में ट्रंप के साथ सऊदी अरब के साथ रिश्‍ते सामान्‍य करने को लेकर बातचीत करेंगे। उन्‍होंने कहा कि मैं शांति के दायरे को बढ़ाने पर बात करूंगा और ताकत के बल पर शांति हासिल करने का प्रयास करूंगा। सऊदी के साथ रिश्‍ते सामान्‍य करने को लेकर नेतन्‍याहू के प्रवक्‍ता दोस्‍तरी ने कहा कि हमारी इच्‍छा शांति पर पहुंचने की है और दूसरे पक्ष की भी यही इच्‍छा है। उन्‍होंने यह भी कहा कि अब संबंधों को सामान्‍य करना 7 अक्‍टूबर के पहले के मुकाबले ज्‍यादा चुनौतीपूर्ण है। इसकी वजह यह है कि सऊदी अरब ने शर्त रख दी है कि संबंधों को सामान्‍य करने को लेकर कोई भी बातचीत करने से पहले इजरायल को लड़ाई रोकनी होगी।

*occasion of Saraswati Puja*

Avishek Banerjee offered prayers on the auspicious occasion of Saraswati Puja, seeking wisdom, knowledge, and prosperity for all.

शुरू हुआ ट्रे़ड वॉरः ट्रंप ने कनाडा-चीन-मैक्सिको को दिया आयात शुल्क का झटका, मिला करारा जवाब

#donaldtrumptariffsandtrade_war

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा, मेक्सिको और चीन पर नए टैरिफ लगा दिए हैं। ट्रंप ने कनाडा, मेक्सिको और चीन से आयातित वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है, जो शनिवार शाम से लागू हो गया। शनिवार को उन्होंने कनाडा और मैक्सिको से आयात होने वाले सामानों पर 25 फीसदी आयात शुल्क लगाने के आदेश पर साइन किया। ट्रंप ने चीन से आने वाले सामानों पर 10 फीसदी आयात शुल्क लगाया है। अमेरिका के इस फैसले से एक ट्रे़ड वॉर (व्यापार युद्ध) छिड़ गया है। ट्रेड के क्षेत्र में ये तनातनी आने वाले दिनों में और ज्यादा बढ़ने जा रही है। ऐसा होता है तो सालाना 2.1 ट्रिलियन डॉलर ( करीब 181.72 लाख करोड़ रुपए) से अधिक का कारोबार प्रभावित होगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको से आने वाले समान पर टैरिफ और चीनी प्रोडक्ट्स पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया है। ट्रंप के इस ऐलान का कई देशों में विरोध किया जा रहा है और कनाडा, मेक्सिको से लेकर चीन तक ने अमेरिका को करारा जवाब दिया है।

कनाडा- मेक्सिके ने दिखाए कड़े तेवर

कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि कनाडा भी अमेरिकी सामानों पर 25% शुल्क लगाएगा। ट्रूडो ने ऐलान किया कि ओटावा भी इसी तरह जवाब देगा और 155 बिलियन डॉलर तक के अमेरिकी आयातों पर 25 फीसद टैरिफ लगाएगा। ट्रूडो ने कहा कि इन टैरिफ में अमेरिकी बीयर, वाइन और बॉर्बन के साथ-साथ फल और फलों के जूस भी शामिल होंगे, जिसमें ट्रम्प के गृह राज्य फ्लोरिडा का संतरे का जूस भी शामिल है। कनाडा कपड़ों, खेल के प्रोडक्ट और घरेलू उपकरणों सहित अन्य समान को भी लक्षित करेगा।

अमेरिकी सरकार के मुताबिक 2022 में कनाडा देश के सामानों का सबसे बड़ा खरीदार था, जिसकी खरीद 356.5 बिलियन डॉलर है। अनुमान है कि 2023 में हर दिन 2.7 बिलियन डॉलर का सामान और सर्विस अमेरिका-कनाडा के बीच हुआ है।

इसी तरह मैक्सिकन राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने भी घोषणा की कि उन्होंने अपने अर्थव्यवस्था मंत्री को मैक्सिकन निर्यात पर संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगाए गए व्यापक शुल्कों के विरुद्ध नई टैरिफ और गैर-टैरिफ नीतियां लागू करने का आदेश दिया है।

चीन ने जताया विरोध

चीनी वस्तुओं पर टैरिफ लगाने के अमेरिकी आदेश को लेकर चीन ने तीखा विरोध दर्ज कराया है। रविवार को वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि चीन विश्व व्यापार संगठन में मुकदमा दायर करेगा और अपने हितों की रक्षा के लिए उचित जवाबी कदम उठाएगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय ने कहा, अमेरिका की ओर से एकतरफा टैरिफ वृद्धि विश्व व्यापार संगठन के नियमों का गंभीर उल्लंघन है। यह कदम न केवल अमेरिका के अपने मुद्दों को हल करने में नाकाम है बल्कि चीन-अमेरिका के सामान्य आर्थिक और व्यापार सहयोग को भी बाधित करता है। चीन अमेरिकी फैसले का कड़ा विरोध करता है और इससे बेहद असंतुष्ट है।

भारत के बजट से अमेरिका को क्या होगा फायदा? ट्रंप के 'टैरिफ वॉर' के बीच सीतारमण का जवाब

#whydonaldtrumphappywithindiabudgetcustomduty_cut

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में बजट पेश किया। इस बजट में मध्य वर्ग को बड़ी राहत दी गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती और विकास दर पर उठ रहे सवालों के बीच इस बजट में अलग अलग वर्ग को राहत देने की कोशिश दिखाई दे रही है। इन सबके बीच देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ऐसा भी ऐलान किया है, जो डोनाल्ड ट्रंप को काफी खुश कर सकता है। जी हां, सरकार ने कुछ कस्टम ड्यूटी कम की है। जिसका असर अमेरिका से होने वाले निर्यात पर पड़ता हुआ दिखाई दे सकता है।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने रविवार को कहा कि मोटरसाइकिल और स्वाद बढ़ाने वाले कृत्रिम तत्व जैसे प्रोडक्ट्स पर बजट में कस्टम ड्यूटी घटाई गई है। इससे अमेरिकी निर्यात को लाभ होगा। जीटीआरआई ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत की‘टैरिफ किंग’के रूप में आलोचना करने के बाद देश के बजट ने कई उत्पादों पर महत्वपूर्ण शुल्क कटौती की गई है। इनमें से कई प्रोडक्ट्स अमेरिकी एक्सपोर्ट को फायदा पहुंचाने वाले हैं। जीटीआरआई ने बयान में कहा,‘‘टेक्नोलॉजी, व्हीकल, इंडस्ट्रीयल रॉ मटेरियल और स्क्रैप के आयात पर शुल्क कटौती के साथ भारत व्यापार को सुविधाजनक बनाने की दिशा में कदम उठाता दिख रहा है।

बदलेगा ट्रंप का नजरिया?

डोनाल्ड ट्रंप हमेशा भारत की टैरिफ किंग के तौर पर आलोचना करते हैं, लेकिन बजट ने कई उत्पादों पर महत्वपूर्ण शुल्क कटौती से अमेरिकी निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। उम्मीद की जा रही है कि बजट में इस ऐलान के बाद ट्रंप का नजरिया बदलेगा।

बता दें कि अप्रैल-नवंबर, 2024-25 के दौरान अमेरिका 82.52 अरब डॉलर व्यापार के साथ भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। इसके पहले 2021-24 के दौरान अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था।

इन चीजों से शुल्क घटी

फ्रोजेन मछली पेस्ट (सुरीमी) और जलीय चारे के लिए मछली हाइड्रोलाइजेट पर शुल्क घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है. इन पर अभी तक लागू शुल्क क्रमश: 30 प्रतिशत और 15 प्रतिशत था. रसायन क्षेत्र में, पिरिमिडीन और पिपरेजीन यौगिकों पर शुल्क को मौजूदा 10 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया है. इनका उपयोग खाद्य और पेय पदार्थों को एक निश्चित स्वाद देने के लिए किया जाता है. इसी तरह कम कैलोरी वाले यौगिक सोर्बिटोल पर शुल्क मौजूदा 30 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके अलावा, प्रमुख खनिजों (लिथियम, कोबाल्ट, सीसा, जस्ता, तांबा) और कोबाल्ट पाउडर के अपशिष्ट और स्क्रैप पर सीमा शुल्क खत्म कर दिया गया है. मंत्रालय ने कहा कि इन उपायों से आयात निर्भरता कम होगी, उत्पादन लागत कम होगी और प्रमुख उद्योगों में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी