नीतीश कुमार पर तेजस्वी के आरोपों पर श्रवण कुमार का पलटवार, कहा- जनता खारिज करेगी आरोप*
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तेजस्वी के आरोपों की rss के प्रभाव में है पर श्रवण कुमार ने कहा नीतीश कुमार जी उस धातु के बने हुए हैं दुनिया का प्रभावशाली से प्रभावशाली व्यक्ति और दुनिया का सबसे श्रेष्ठ व्यक्ति और कोई भी दुनिया का शक्तिशाली संगठन नीतीश कुमार जी को प्रभावित नहीं कर सकता है नीतीश कुमार की अपनी सोच है अपना विजन है बिहार के तरक्की और बिहार में अमन शांति प्रेम भाईचारा कायम किया है और लोग यह समझते थे कि अब बिहार सुधरने वाला नहीं है बिहार को सुधारा नहीं जा सकता है लोग हताश और निराश थे हो गए थे बिहारी कहलाना अपमान का विषय हो गया था नीतीश कुमार जी ने 20 वर्षों में बिहारी कहलानी स्वाभिमान का विषय बनाया नीतीश कुमार जी ने बिहार की तरक्की के रास्ते पर ले गए विकास के रास्ते पर ले गए देश का पहला राज्य बिहार है जहां हर घर में सबसे पहले बिजली पहुंचाई देश का पहला राज्य है जहां 41000 से ज्यादा लड़कियों को पुलिस में भर्ती किया डीएसपी बनाया है दरोगा बनाया है सिपाही बनाया है देश का पहला राज्य है जहां स्वयं सहायता समूह जो ग्रामीण विकास के तहत आता है यह 10 लाख 38000 से ज्यादा स्वयं सहायता समूह बनाया है एक करोड़ 37 लाख परिवार को उसमें शामिल किया गया एक करोड़ 35 लाख हमारी जीविका दीदी आज आत्मनिर्भर है बिहार कई राज्यों से छोटा राज्य है देश का पहला राज्य बिहार है जहां 120000 शिक्षक बहाल कीया जाता है इतनी बहाली किसी दूसरे राज्य में नहीं हुए हैं देश का पहला राज्य है बिहार है जहां महिलाओं को क्लास वन से लेकर 5 क्लास तक शिक्षक की नियुक्ति में 50% आरक्षण और क्लास 6 से ऊपर 35% आरक्षण है और सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35% का आरक्षण है यह नीतीश कुमार जी ने बिहार में साबित किया है देश इसी रास्ते पर चलना पड़ेगा देश की तरक्की इसी में होगी देश में अमन भाईचारा इसी रास्ता से आ सकता है नीतीश कुमार जी ना किसी के गोद में खेलते हैं ना किसी के गोद में खिलाते हैं न्याय के साथ विकास कर सकते हैं तेजस्वी पर निशाना साधते हुए के जिनके माता-पिता के राज में बिहारी कहलाना अपमान का विषय था आज सौभाग्य विषय बना है तो नीतीश कुमार जी के ऊपर के पार्टी के ऊपर तरह-तरह के आरोप लगाते रहते हैं इनका आरोप लगाना मैं समझता हूं जनता खारिज करेगी 2025 का चुनाव आने वाला है और 25 के चुनाव में जनता बताएगी कि नीतीश कुमार जी के साथ जनता है जो लोग अलग-अलग बात बोलते हैं बिहार के स्वाभिमान को गिराने का बिहार को नीचे करने का काम करते हैं ।निशांत के चुनाव लड़ने के सवाल पर श्रवण कुमार ने कहा नालंदा या हरनौत के कहां अच्छा नौजवान है पढ़ा लिखा है विवेक है बुद्धि है ऐसे लोग बिहार के बारे में सोचते रहते हैं और बिहार के बारे में कोई सोचता है कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन यह निर्णय हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री जी के विवेक पर है उन पर निर्भर के क्या निर्णय लेता है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम की सौजन्य मुलाकात

रायपुर- पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं आदिवासी समाज के प्रमुख नेता अरविंद नेताम ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सौजन्य भेंट की। यह भेंट केवल सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि प्रदेश में समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संवाद और सहयोग की भावना को प्रोत्साहित करने के लिहाज से भी विशेष मायने रखती है। श्री नेताम ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि हाल ही में उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय में आयोजित एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था, जो पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि इस मंच पर मतांतरण, जनजातीय जीवन, विकास, पर्यावरण और सामाजिक सरोकारों से जुड़े विषयों पर उन्होंने अपने विचार रखें, जिससे कार्यक्रम की गरिमा और वैचारिक गहराई में वृद्धि हुई।

जनजातीय समाज की आवाज को मिली प्रमुखता

श्री नेताम ने मुख्यमंत्री को बताया कि कार्यक्रम में विभिन्न प्रदेशों से आए प्रतिनिधियों और विचारकों के समक्ष उन्होंने छत्तीसगढ़ और विशेष रूप से जनजातीय अंचलों से जुड़े मुद्दों को पूरी मजबूती के साथ रखा। उन्होंने कहा कि मतांतरण जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए सामाजिक समरसता, शिक्षा और जागरूकता बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि "जनजातीय समाज की प्राचीन परंपराएं, आस्थाएं और जीवनशैली भारत की सांस्कृतिक धरोहर हैं, जिन्हें बचाए रखना हमारा दायित्व है।" इस भेंट के दौरान श्री नेताम ने मुख्यमंत्री से इस बात पर भी चर्चा की कि कैसे सामाजिक संगठनों, सरकार और जनप्रतिनिधियों के समन्वय से समाज को सकारात्मक दिशा दी जा सकती है। उन्होंने पर्यावरणीय संतुलन, ग्राम आधारित विकास, और युवाओं के सशक्तिकरण पर भी बल दिया।

मुख्यमंत्री साय ने जताई प्रसन्नता

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने श्री नेताम को संघ मुख्यालय के कार्यक्रम में अतिथि के रूप में आमंत्रित किए जाने पर बधाई देते हुए प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ समाजसेवी और जननेता को राष्ट्रीय मंच पर अपनी बात रखने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि “जनजातीय समाज के उत्थान और संरक्षण की दिशा में सरकार पूरी गंभीरता से कार्य कर रही है। समाज के वरिष्ठजनों और जनप्रतिनिधियों से समय-समय पर मार्गदर्शन प्राप्त कर योजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जाएगा।”

सामाजिक समरसता को मिलेगा बल

इस मुलाकात में डॉ. प्रीति नेताम एवं युवा समाज नेता विनोद नागवंशी भी उपस्थित थे। इन दोनों ने भी इस अवसर को एक सकारात्मक सामाजिक संवाद का उदाहरण बताते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों और संवादों से समाज में जागरूकता आती है और विभिन्न समुदायों के बीच आपसी समन्वय बढ़ता है।

भूपेश बघेल ने अरविंद नेताम के बयान पर RSS पर साधा निशाना, कहा – आरएसएस झूठ की फैक्ट्री

रायपुर- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासी नेता अरविंद नेताम के बयान पर RSS पर निशाना साधा है. बघेल ने कहा कि RSS झूठ की फैक्ट्री है. अरविंद नेताम उम्र दराज व्यक्ति हैं. उनके विचार और पार्टी बदलते रहते हैं. वैचारिक रूप से व्यक्ति की पहचान होती है. जिस व्यक्ति का कोई विचार ना हो उसका जीवन व्यर्थ है. नेताम जी RSS कार्यालय से लौटे हैं. RSS कार्यालय से सुनकर आए होंगे, क्योंकि वह झूठ बोलने की फैक्ट्री है. वहां से लगातार झूठ फैलाए जा रहे हैं. भाखड़ा नांगल बांध बना और बिजली उत्पादन को लेकर भ्रम फैलाया. गणेश प्रतिमा तक को दूध पिला देते हैं.

छत्तीसगढ़ में ट्रांसफर पोस्टिंग पर बैन हटने के मामले में बीजेपी नेताओं ने बयान दिया कि कांग्रेस में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ है. इस बयान पर पलटवार करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि किसी व्यवसायी, राइस मिलर, खदान वाले से पूछिए. अभी ट्रांसफर शुरू हुआ है उनसे पूछिए. युक्तियुक्तकरण जिनका हो रहा है उससे पूछिए? तब भ्रष्टाचार की बात निकालकर सामने आएगी.

नकटी गांव में ग्रामीणों के हो रहे प्रदर्शन पर भूपेश बघेल ने कहा कि गांव वालों का समर्थन कांग्रेस पार्टी ने किया है. सरकार को इनको व्यवस्थापित करना चाहिए या फिर विधायकों के लिए दूसरी जगह खोजनी चाहिए. ऐसे किसी गांव को हटा देंगे तो थोड़ी ना बात बनेगी. बोध घाट परियोजना को लेकर प्रधानमंत्री और सीएम साय की मुलाकात पर निशाना साधते हुए बघेल ने कहा, बोधघाट परियोजना पेयजल, सिंचाई, निस्तारीकरण के लिए बनाया जा रहा था. अब उद्योगों के लिए बनाया जा रहा है. अंतर यही है. बोधघाट जब बनाया जा रहा था तो अरविंद नेताम शुरू से विरोध कर रहे थे. अरविंद नेताम अगर विरोध नहीं करते तो बोधघाट बन गया होता.

RSS के कार्यक्रम से लौटे आदिवासी नेता अरविंद नेताम कहा- पहले डलिस्टिंग के विरोध में थे लेकिन अब धर्मांतरण को रोकने इसके लिए हमने सहमति दी है

रायपुर- पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रमुख आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद आज एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने RSS प्रमुख मोहन भागवत को कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद दिया और संघ की कार्यशैली की सराहना की.

नेताम ने कहा कि यह पहली बार था जब उन्हें संघ के कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला, जिससे उन्हें संघ को करीब से समझने का मौका मिला. उन्होंने बताया कि RSS प्रमुख मोहन भागवत के साथ उनकी खुली और सार्थक बातचीत हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई. विशेष रूप से, संघ और आदिवासी समाज के बीच वैचारिक दूरियों को कम करने के उपायों पर विचार-विमर्श हुआ.

नेताम ने RSS से आग्रह किया कि आदिवासी समाज में एकजुटता की कमी को दूर करने के लिए कोई रास्ता निकाला जाए. उन्होंने कहा, “कांग्रेस के दौरान लाए गए उदारीकरण ने आदिवासी समाज के लिए खतरे की घंटी बजा दी थी. जब देश में सारी आशाएं खत्म हो जाती हैं, तो संघ ही एकमात्र स्थान बचता है जो मदद कर सकता है.”

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संघ आदिवासियों को ‘वनवासी’ कहता रहा है, जिसका वे विरोध करते हैं. हालांकि, उनके दबाव के बाद अब संघ ने ‘आदिवासी’ शब्द का उपयोग शुरू किया है. नेताम ने बताया कि पहले वे डीलिस्टिंग (अनुसूचित जनजाति की सूची से हटाने) के खिलाफ थे, लेकिन अब धर्मांतरण को रोकने के लिए उन्होंने इस मुद्दे पर सहमति जताई है.

आदिवासी समाज के जल, जंगल और जमीन के संरक्षण के मुद्दे को भी नेताम ने संघ के सामने रखा. उन्होंने कहा, “अगर समाज का अस्तित्व खतरे में है, तो जो भी इस पर मदद करेगा, हम उससे सहायता लेंगे.”

RSS मुख्यालय में अरविंद नेताम को अतिथि बनाए जाने पर चरणदास महंत की तीखी प्रतिक्रिया, बोले-

रायपुर- छत्तीसगढ़ की सियासत में एक नई हलचल देखने को मिली है. आदिवासी नेता अरविंद नेताम के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मुख्यालय में अतिथि के रूप में आमंत्रित किए जाने पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, “मुझे आश्चर्य हो रहा है कि अरविंद नेताम को आरएसएस मुख्यालय में अतिथि क्यों बनाया गया. मैं उनसे बात कर यह जानने की कोशिश करूंगा कि वे आरएसएस में शामिल हो रहे हैं या एक वरिष्ठ आदिवासी नेता के तौर पर भाषण देने जाएंगे हैं.

महंत ने संकेत दिए कि नेताम के राजनीतिक फैसलों को लेकर स्पष्टता जरूरी है. उन्होंने कहा, “अरविंद नेताम अगर पार्टी छोड़कर चले भी गए तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. उन्होंने पहले भी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से चुनाव लड़ा था और फिर कांग्रेस में लौट आए. ऐसे नेताओं को बीजेपी में नहीं जाना चाहिए. मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि वे भाजपा में न जाएं.”

आदिवासी मुद्दों की लड़ाई और RSS से जुड़ाव पर सवाल

महंत ने आगे कहा, "नेताम साहब आदिवासी समाज के लिए लंबे समय से लड़ते आ रहे हैं. इसलिए अगर वे आरएसएस में शिक्षा या अन्य किसी उद्देश्य से गए हैं तो इस पर भी उनसे बात करूंगा."

ऑपरेशन सिंदूर पर भी दिया बयान

डॉ. महंत ने भाजपा के “ऑपरेशन सिंदूर” अभियान पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर एक हद तक सही था, क्योंकि हमारे शहीदों की पत्नियों को न्याय दिलाना ज़रूरी था. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहना कि ‘मेरे रगों में खून नहीं, गरम सिंदूर दौड़ रहा है’ यह हास्यास्पद है. “

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अगर भाजपा को सिंदूर से इतना ही प्रेम है, तो अपने मंत्रियों से कहे कि वे रोज़ सिंदूर लगाकर आएं. इसमें क्या तकलीफ है?”

कर्नल सोफिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी का विरोध : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस फूंकेगी एमपी के मंत्री शाह का पुतला, थाने में भी की शिकायत

रायपुर-  भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह के बयान देशभर में विरोध हो रहा है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस आज शाम 4 बजे प्रदेशभर में मंत्री शाह का पुतला दहन करने जा रही है. इसका आदेश पीसीसी चीफ दीपक बैज ने जारी जिला अध्यक्षों को जारी किया है. वहीं कर्नल सोफिया के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी पर आक्रोशित कांग्रेस ने सिविल लाइन थाने में शिकायत भी की है.

AICC सचिव विकास उपाध्याय ने सिविल लाइन थाने में ज्ञापन सौंपा और भाजपा के मंत्री विजय शाह के खिलाफ FIR की मांग की. इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता मौजूद रहे. पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि बीजेपी मंत्री विजय शाह ने देश की बेटी, बहन कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. इस मंत्री का विवादास्पद बयान पहली बार का नहीं है. ऐसे कई बयान हैं, जिससे मंत्री विजय शाह विवादों से घिरे रहे.

मंत्री विजय शाह को तत्काल बर्खास्त करें पीएम मोदी : विकास उपाध्याय

विकास उपाध्याय ने कहा, मंत्री विजय शाह बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन के ऊपर भी कुछ इसी तरह की टिप्पणी करके बच निकले थे, लेकिन कांग्रेस पार्टी लगातार भारतीय जनता पार्टी की सरकार के रवैये को दृष्टिगत रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी से कहना चाहती है कि यदि वे अपने भाजपा मंत्रीमंडल का सम्मान बरकरार रखना चाहते हैं तो तत्काल मंत्री विजय शाह को बर्खास्त करें। बता दें कि कल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लीकार्जून खड़गे ने भी एक्स पर पोस्ट कर मंत्री विजय शाह के बयान का विरोध किया था और पीएम मोदी से विजय शाह को बर्खास्त करने की मांग की थी.

खरगे ने कहा कि भाजपा की मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री ने हमारी वीर बेटी कर्नल सोफिया क़ुरैशी के बारे में बेहद अपमानजनक, शर्मनाक और ओछी टिप्पणी की है. पहलगाम के आतंकी देश को बांटना चाहते थे, पर आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने में पूरे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान देश एकजुट था. उन्होंने कहा, BJP-RSS की मानसिकता महिला विरोधी रही है. पहले पहलगाम में शहीद नौसेना ऑफिसर की पत्नी को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया, फिर विदेश सचिव विक्रम मिस्री की बेटी को तंग किया. अब भाजपा के मंत्री हमारी वीरांगना सोफिया क़ुरैशी के लिए ऐसी अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं.

ऑपरेशन सिंदूर पर मोहन भागवत का पहला बयान, बोले-सरकार सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन

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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ की ओर से भी बयान जारी किया गया है।संघ की तरफ से सरसंघचालक मोहन भागवत सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के नाम से बयान वक्तव्य जारी किया है। संघ ने पाकिस्तान के खिलाफ इस ऑपरेशन को लेकर भारत सरकार के साथ ही सैन्य बलों की तारीफ की है।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पहलगाम की कायरतापूर्ण आतंकवादी घटना के बाद कहा है कि पाक प्रायोजित आतंकवादियों एवं उनके समर्थक पारितंत्र पर की जा रही निर्णायक कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के लिए भारत सरकार के नेतृत्व और सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन। हिंदू यात्रियों के नृशंस हत्याकांड में आहत परिवारों को एवं समस्त देश को न्याय दिलाने हेतु हो रही इस कार्रवाई ने समूचे देश के स्वाभिमान एवं हिम्मत को बढ़ाया है।

पाकिस्तानी हमलों की निंदा

आरएसएस ने बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत की सीमा पर धार्मिक स्थलों और नागरिक बस्ती क्षेत्र पर किए जा रहे हमलों की हम निंदा करते हैं और जो इन हमलों का शिकार हुए, उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करते।संघ ने आगे कहा कि हमारा यह भी मानना है कि पाकिस्तान में आतंकियों, उनका ढॉंचा एवं सहयोगी तंत्र पर की जा रही सैनिक कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक एवं अपरिहार्य कदम है। राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में संपूर्ण देश तन-मन-धन से देश की सरकार एवं सैन्य बलों के साथ खड़ा है।

सूचनाओं का पालन करने की अपील

आरएसएस प्रमुख ने कहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस चुनौतीपूर्ण अवसर पर समस्त देशवासियों से आह्वान करता है कि शासन और प्रशासन द्वारा दी जा रही सभी सूचनाओं का पूर्णतः अनुपालन सुनिश्चित करे। इसके साथ-साथ इस अवसर पर हम सबको अपने नागरिक कर्तव्य का निर्वहन करते हुए यह भी सावधानी रखनी है कि राष्ट्र विरोधी शक्तियों के सामाजिक एकता एवं समरसता को भंग करने के किसी भी षड्यंत्र को सफल न होने दें।

पीएम मोदी से मिलने पहली बार पीएम आवास पहुंचे थे संघ प्रमुख, क्यों खास है ये मुलाकात?

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए। वहीं लगातार हाई लेवल बैठकों का दौर जारी है। मंगलवार को पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल और तीनों सेना प्रमुखों के साथ एक हाई लेवल बैठक की। इस बैठक के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पीएम मोदी से मिलने उनके आवास पहुंचे।

क्या महज शिष्टाचार भेंट थी?

ये बैठक इसलिए भी अहम माना जी रही है क्योंकि 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद यह पहला मौका था, जा संघ प्रमुख पीएम के सरकारी आवास पहुंचे थे। यह मुलाकात करीब एक घंटे तक चली और इसे बेहद असामान्य माना जा रहा है, क्योंकि आरएसएस प्रमुख शायद ही कभी राजनीतिक नेताओं से उनके आवास पर मिलने जाते हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या मोहन भागवत की पीएम मोदी से यह मुलाकात महज शिष्टाचार भेंट थी?

हिंदू समुदाय में बढ़ते गुस्से के बीच मुलाकात

यह मुलाकात पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद हुई है, जहां निहत्थे नागरिकों और पर्यटकों को निशाना बनाकर मार डाला गया था। उस आतंकी घटना से देश भर में गुस्सा है। मुलाकात से जुड़े सूत्रों के अनुसार, मोहन भागवत ने इस घटना पर संघ परिवार की गहरी पीड़ा और हिंदू समुदाय में बढ़ते गुस्से और असुरक्षा की भावना से अवगत कराया। उन्होंने आतंकी हमले का जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के प्रयासों के प्रति संघ का समर्थन भी दिया।

‘जनता की भावनाओं को जिम्मेदारी से संभाला जाए’

एक वरिष्ठ आरएसएस कार्यकर्ता ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया, जमीन पर माहौल बहुत तनावपूर्ण है। हिंदू समुदाय दुखी और गुस्से में है। संघ का मानना है कि इस समय सरकार के साथ खड़ा होना जरूरी है, लेकिन यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जनता की भावनाओं को समझा जाए और उसे जिम्मेदारी के साथ संभाला जाए। यह एक आपातकालीन स्थिति है, और इसलिए भागवत जी ने स्वयं प्रधानमंत्री से मुलाकात की।

पहलगाम अटैक पर लिखा Thank You Pakistan, मोहम्मद नौशाद गिरफ्तार; MLA बोले- ऐसे आस्तीन के सांप को

पहलगाम अटैक में 28 लोगों की मौत हो गई. इसे लेकर जहां पूरे देश में शोक व्याप्त है. वहीं, झारखंड के बोकारो निवासी मोहम्मद नौशाद ने इस पर खुशी जाहिर की थी. उसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला, जिसमें पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा को हमले के लिए धन्यवाद दिया. पुलिस ने अब मोहम्मद नौशाद को गिरफ्तार कर लिया है.

आरोपी बालीडीह के मिल्लत नगर का रहने वाला है. थाना प्रभारी नवीन कुमार ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा- हमें मोहम्मद नौशाद के खिलाफ शिकायत मिली थी. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले में आगामी कार्रवाई जारी है.

दरअसल कश्मीर के पहलगाम शहर के पास स्थित पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में मंगलवार को हमला हुआ था. इसमें 28 लोगों की मौत हो गई. कई अन्य घायल भी हुए. जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार मोहम्मद नौशाद के पिता का नाम मोहम्मद मुस्ताक है और वह मिल्लत नगर का रहने वाला है. फिलहाल बोकारो पुलिस गिरफ्तार मोहम्मद नौशाद से पूछताछ कर रही है.

थाना प्रभारी नवीन कुमार ने कहा- पुलिस मोहम्मद नौशाद के सोशल मीडिया के अकाउंट खंगाल रही है. वहीं, उसके बारे में पूरी जानकारी निकाली जा रही है.

‘स्लीपर सेल की तरह करते हैं काम’

मोहमद नौशाद के गिरफ्तार होने पर भाजपा के वरिष्ठ विधायक सीपी सिंह ने कहा- मैंने तो कल रात में ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर लिखा था. और बोकारो के एसपी से बात की थी.आज उसकी गिरफ्तारी हुई है. मुझे खुशी हुई कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. विधायक सीपी सिंह ने कहा कि ऐसे आस्तीन के सांप के फन को कूचना और कठोर कार्रवाई करना ही राष्ट्रहित में सही है. देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जो स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे हैं जो देश के लिए खतरा हैं. ऐसे लोगों को पनाह देने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

ऐसा क्या लिखा था पोस्ट पर?

बालीडीह के रहने वाले मोहमद नौशाद ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बाद जश्न मानते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था- थैंक्यू पाकिस्तान, थैंक्यू लश्कर-ए-तैयबा. अल्लाह आपकी लंबी उम्र करे. आमीन, आमीन. हमें ज्यादा खुशी तब होगी जब आप बीजेपी, आरएसएस, बजरंग दल और मीडिया को निशाना बनाओ. अब RSS, BJP और बजरंग दल कहां गए, जाओ सरहद पर जाकर उछल और कूदकर दिखाओ

मुसलमानों के लिए भी खुले आरएसएस के दरवाजे, संघ प्रमुख भागवत ने शाखा में शामिल होने के लिए रखी शर्त

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 4 दिवसीय दौरे वाराणसी पर हैं। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और उन्हें संबोधित किया। इस दौरान संघ प्रमुख का दिया एक बयान काफी चर्चा में है। मोहन भागवत ने मुसलमानों के शाखा में शामिल होने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी मुसलमान शाखा में शामिल हो सकता है बशर्ते वो भारत माता की जय के नारे लगाए और भगवा झंडा की इज्जत करे।

वाराणसी में मोहन भागवत लाजपत नगर कॉलोनी में आरएसएस की एक शाखा पर पहुंचे थे। सत्र के दौरान, एक स्वयंसेवक ने जब संघ प्रमुख से पूछा कि क्या वह अपने पड़ोसियों, जो मुस्लिम हैं, उनको शाखा में आमंत्रित कर सकता है और ला सकता है।

सभी पंथ, समुदाय और जाति के लोगों का संघ में स्वागत-भागवत

स्वयंसेवक के सवाल के जवाब में संघ प्रमुख ने कहा कि भारत माता की जय बोलने वाले और भगवा ध्वज का सम्मान करने वाले सभी लोगों के लिए शाखाओं के दरवाजे खुले हैं। संघ की विचारधारा में पूजा पद्धति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि खुद को औरंगजेब का वंशज मानने वालों को छोड़कर सभी भारतीयों का संघ की शाखाओं में स्वागत है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सभी पंथ, समुदाय और जातियों के लोगों का संघ की शाखाओं में स्वागत है।

हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल-भागवत

इससे पहले मोहन भागवत ने शनिवार को आईआईटी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, समाज में मेलजोल और बराबरी होनी चाहिए। जाति या धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। मंदिर, पानी और दूसरी जरूरी चीजें सभी को बराबर मिलनी चाहिए। हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल है, चाहे वह मुस्लिम हो या हिंदू, क्योंकि वे सभी भारत का हिस्सा हैं। इसका मतलब है कि हमें सभी को साथ लेकर चलना है।

नीतीश कुमार पर तेजस्वी के आरोपों पर श्रवण कुमार का पलटवार, कहा- जनता खारिज करेगी आरोप*
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तेजस्वी के आरोपों की rss के प्रभाव में है पर श्रवण कुमार ने कहा नीतीश कुमार जी उस धातु के बने हुए हैं दुनिया का प्रभावशाली से प्रभावशाली व्यक्ति और दुनिया का सबसे श्रेष्ठ व्यक्ति और कोई भी दुनिया का शक्तिशाली संगठन नीतीश कुमार जी को प्रभावित नहीं कर सकता है नीतीश कुमार की अपनी सोच है अपना विजन है बिहार के तरक्की और बिहार में अमन शांति प्रेम भाईचारा कायम किया है और लोग यह समझते थे कि अब बिहार सुधरने वाला नहीं है बिहार को सुधारा नहीं जा सकता है लोग हताश और निराश थे हो गए थे बिहारी कहलाना अपमान का विषय हो गया था नीतीश कुमार जी ने 20 वर्षों में बिहारी कहलानी स्वाभिमान का विषय बनाया नीतीश कुमार जी ने बिहार की तरक्की के रास्ते पर ले गए विकास के रास्ते पर ले गए देश का पहला राज्य बिहार है जहां हर घर में सबसे पहले बिजली पहुंचाई देश का पहला राज्य है जहां 41000 से ज्यादा लड़कियों को पुलिस में भर्ती किया डीएसपी बनाया है दरोगा बनाया है सिपाही बनाया है देश का पहला राज्य है जहां स्वयं सहायता समूह जो ग्रामीण विकास के तहत आता है यह 10 लाख 38000 से ज्यादा स्वयं सहायता समूह बनाया है एक करोड़ 37 लाख परिवार को उसमें शामिल किया गया एक करोड़ 35 लाख हमारी जीविका दीदी आज आत्मनिर्भर है बिहार कई राज्यों से छोटा राज्य है देश का पहला राज्य बिहार है जहां 120000 शिक्षक बहाल कीया जाता है इतनी बहाली किसी दूसरे राज्य में नहीं हुए हैं देश का पहला राज्य है बिहार है जहां महिलाओं को क्लास वन से लेकर 5 क्लास तक शिक्षक की नियुक्ति में 50% आरक्षण और क्लास 6 से ऊपर 35% आरक्षण है और सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35% का आरक्षण है यह नीतीश कुमार जी ने बिहार में साबित किया है देश इसी रास्ते पर चलना पड़ेगा देश की तरक्की इसी में होगी देश में अमन भाईचारा इसी रास्ता से आ सकता है नीतीश कुमार जी ना किसी के गोद में खेलते हैं ना किसी के गोद में खिलाते हैं न्याय के साथ विकास कर सकते हैं तेजस्वी पर निशाना साधते हुए के जिनके माता-पिता के राज में बिहारी कहलाना अपमान का विषय था आज सौभाग्य विषय बना है तो नीतीश कुमार जी के ऊपर के पार्टी के ऊपर तरह-तरह के आरोप लगाते रहते हैं इनका आरोप लगाना मैं समझता हूं जनता खारिज करेगी 2025 का चुनाव आने वाला है और 25 के चुनाव में जनता बताएगी कि नीतीश कुमार जी के साथ जनता है जो लोग अलग-अलग बात बोलते हैं बिहार के स्वाभिमान को गिराने का बिहार को नीचे करने का काम करते हैं ।निशांत के चुनाव लड़ने के सवाल पर श्रवण कुमार ने कहा नालंदा या हरनौत के कहां अच्छा नौजवान है पढ़ा लिखा है विवेक है बुद्धि है ऐसे लोग बिहार के बारे में सोचते रहते हैं और बिहार के बारे में कोई सोचता है कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन यह निर्णय हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री जी के विवेक पर है उन पर निर्भर के क्या निर्णय लेता है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम की सौजन्य मुलाकात

रायपुर- पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं आदिवासी समाज के प्रमुख नेता अरविंद नेताम ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सौजन्य भेंट की। यह भेंट केवल सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि प्रदेश में समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संवाद और सहयोग की भावना को प्रोत्साहित करने के लिहाज से भी विशेष मायने रखती है। श्री नेताम ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि हाल ही में उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय में आयोजित एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था, जो पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि इस मंच पर मतांतरण, जनजातीय जीवन, विकास, पर्यावरण और सामाजिक सरोकारों से जुड़े विषयों पर उन्होंने अपने विचार रखें, जिससे कार्यक्रम की गरिमा और वैचारिक गहराई में वृद्धि हुई।

जनजातीय समाज की आवाज को मिली प्रमुखता

श्री नेताम ने मुख्यमंत्री को बताया कि कार्यक्रम में विभिन्न प्रदेशों से आए प्रतिनिधियों और विचारकों के समक्ष उन्होंने छत्तीसगढ़ और विशेष रूप से जनजातीय अंचलों से जुड़े मुद्दों को पूरी मजबूती के साथ रखा। उन्होंने कहा कि मतांतरण जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए सामाजिक समरसता, शिक्षा और जागरूकता बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि "जनजातीय समाज की प्राचीन परंपराएं, आस्थाएं और जीवनशैली भारत की सांस्कृतिक धरोहर हैं, जिन्हें बचाए रखना हमारा दायित्व है।" इस भेंट के दौरान श्री नेताम ने मुख्यमंत्री से इस बात पर भी चर्चा की कि कैसे सामाजिक संगठनों, सरकार और जनप्रतिनिधियों के समन्वय से समाज को सकारात्मक दिशा दी जा सकती है। उन्होंने पर्यावरणीय संतुलन, ग्राम आधारित विकास, और युवाओं के सशक्तिकरण पर भी बल दिया।

मुख्यमंत्री साय ने जताई प्रसन्नता

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने श्री नेताम को संघ मुख्यालय के कार्यक्रम में अतिथि के रूप में आमंत्रित किए जाने पर बधाई देते हुए प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ समाजसेवी और जननेता को राष्ट्रीय मंच पर अपनी बात रखने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि “जनजातीय समाज के उत्थान और संरक्षण की दिशा में सरकार पूरी गंभीरता से कार्य कर रही है। समाज के वरिष्ठजनों और जनप्रतिनिधियों से समय-समय पर मार्गदर्शन प्राप्त कर योजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जाएगा।”

सामाजिक समरसता को मिलेगा बल

इस मुलाकात में डॉ. प्रीति नेताम एवं युवा समाज नेता विनोद नागवंशी भी उपस्थित थे। इन दोनों ने भी इस अवसर को एक सकारात्मक सामाजिक संवाद का उदाहरण बताते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों और संवादों से समाज में जागरूकता आती है और विभिन्न समुदायों के बीच आपसी समन्वय बढ़ता है।

भूपेश बघेल ने अरविंद नेताम के बयान पर RSS पर साधा निशाना, कहा – आरएसएस झूठ की फैक्ट्री

रायपुर- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासी नेता अरविंद नेताम के बयान पर RSS पर निशाना साधा है. बघेल ने कहा कि RSS झूठ की फैक्ट्री है. अरविंद नेताम उम्र दराज व्यक्ति हैं. उनके विचार और पार्टी बदलते रहते हैं. वैचारिक रूप से व्यक्ति की पहचान होती है. जिस व्यक्ति का कोई विचार ना हो उसका जीवन व्यर्थ है. नेताम जी RSS कार्यालय से लौटे हैं. RSS कार्यालय से सुनकर आए होंगे, क्योंकि वह झूठ बोलने की फैक्ट्री है. वहां से लगातार झूठ फैलाए जा रहे हैं. भाखड़ा नांगल बांध बना और बिजली उत्पादन को लेकर भ्रम फैलाया. गणेश प्रतिमा तक को दूध पिला देते हैं.

छत्तीसगढ़ में ट्रांसफर पोस्टिंग पर बैन हटने के मामले में बीजेपी नेताओं ने बयान दिया कि कांग्रेस में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ है. इस बयान पर पलटवार करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि किसी व्यवसायी, राइस मिलर, खदान वाले से पूछिए. अभी ट्रांसफर शुरू हुआ है उनसे पूछिए. युक्तियुक्तकरण जिनका हो रहा है उससे पूछिए? तब भ्रष्टाचार की बात निकालकर सामने आएगी.

नकटी गांव में ग्रामीणों के हो रहे प्रदर्शन पर भूपेश बघेल ने कहा कि गांव वालों का समर्थन कांग्रेस पार्टी ने किया है. सरकार को इनको व्यवस्थापित करना चाहिए या फिर विधायकों के लिए दूसरी जगह खोजनी चाहिए. ऐसे किसी गांव को हटा देंगे तो थोड़ी ना बात बनेगी. बोध घाट परियोजना को लेकर प्रधानमंत्री और सीएम साय की मुलाकात पर निशाना साधते हुए बघेल ने कहा, बोधघाट परियोजना पेयजल, सिंचाई, निस्तारीकरण के लिए बनाया जा रहा था. अब उद्योगों के लिए बनाया जा रहा है. अंतर यही है. बोधघाट जब बनाया जा रहा था तो अरविंद नेताम शुरू से विरोध कर रहे थे. अरविंद नेताम अगर विरोध नहीं करते तो बोधघाट बन गया होता.

RSS के कार्यक्रम से लौटे आदिवासी नेता अरविंद नेताम कहा- पहले डलिस्टिंग के विरोध में थे लेकिन अब धर्मांतरण को रोकने इसके लिए हमने सहमति दी है

रायपुर- पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रमुख आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद आज एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने RSS प्रमुख मोहन भागवत को कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद दिया और संघ की कार्यशैली की सराहना की.

नेताम ने कहा कि यह पहली बार था जब उन्हें संघ के कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला, जिससे उन्हें संघ को करीब से समझने का मौका मिला. उन्होंने बताया कि RSS प्रमुख मोहन भागवत के साथ उनकी खुली और सार्थक बातचीत हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई. विशेष रूप से, संघ और आदिवासी समाज के बीच वैचारिक दूरियों को कम करने के उपायों पर विचार-विमर्श हुआ.

नेताम ने RSS से आग्रह किया कि आदिवासी समाज में एकजुटता की कमी को दूर करने के लिए कोई रास्ता निकाला जाए. उन्होंने कहा, “कांग्रेस के दौरान लाए गए उदारीकरण ने आदिवासी समाज के लिए खतरे की घंटी बजा दी थी. जब देश में सारी आशाएं खत्म हो जाती हैं, तो संघ ही एकमात्र स्थान बचता है जो मदद कर सकता है.”

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संघ आदिवासियों को ‘वनवासी’ कहता रहा है, जिसका वे विरोध करते हैं. हालांकि, उनके दबाव के बाद अब संघ ने ‘आदिवासी’ शब्द का उपयोग शुरू किया है. नेताम ने बताया कि पहले वे डीलिस्टिंग (अनुसूचित जनजाति की सूची से हटाने) के खिलाफ थे, लेकिन अब धर्मांतरण को रोकने के लिए उन्होंने इस मुद्दे पर सहमति जताई है.

आदिवासी समाज के जल, जंगल और जमीन के संरक्षण के मुद्दे को भी नेताम ने संघ के सामने रखा. उन्होंने कहा, “अगर समाज का अस्तित्व खतरे में है, तो जो भी इस पर मदद करेगा, हम उससे सहायता लेंगे.”

RSS मुख्यालय में अरविंद नेताम को अतिथि बनाए जाने पर चरणदास महंत की तीखी प्रतिक्रिया, बोले-

रायपुर- छत्तीसगढ़ की सियासत में एक नई हलचल देखने को मिली है. आदिवासी नेता अरविंद नेताम के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मुख्यालय में अतिथि के रूप में आमंत्रित किए जाने पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, “मुझे आश्चर्य हो रहा है कि अरविंद नेताम को आरएसएस मुख्यालय में अतिथि क्यों बनाया गया. मैं उनसे बात कर यह जानने की कोशिश करूंगा कि वे आरएसएस में शामिल हो रहे हैं या एक वरिष्ठ आदिवासी नेता के तौर पर भाषण देने जाएंगे हैं.

महंत ने संकेत दिए कि नेताम के राजनीतिक फैसलों को लेकर स्पष्टता जरूरी है. उन्होंने कहा, “अरविंद नेताम अगर पार्टी छोड़कर चले भी गए तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. उन्होंने पहले भी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से चुनाव लड़ा था और फिर कांग्रेस में लौट आए. ऐसे नेताओं को बीजेपी में नहीं जाना चाहिए. मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि वे भाजपा में न जाएं.”

आदिवासी मुद्दों की लड़ाई और RSS से जुड़ाव पर सवाल

महंत ने आगे कहा, "नेताम साहब आदिवासी समाज के लिए लंबे समय से लड़ते आ रहे हैं. इसलिए अगर वे आरएसएस में शिक्षा या अन्य किसी उद्देश्य से गए हैं तो इस पर भी उनसे बात करूंगा."

ऑपरेशन सिंदूर पर भी दिया बयान

डॉ. महंत ने भाजपा के “ऑपरेशन सिंदूर” अभियान पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर एक हद तक सही था, क्योंकि हमारे शहीदों की पत्नियों को न्याय दिलाना ज़रूरी था. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहना कि ‘मेरे रगों में खून नहीं, गरम सिंदूर दौड़ रहा है’ यह हास्यास्पद है. “

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अगर भाजपा को सिंदूर से इतना ही प्रेम है, तो अपने मंत्रियों से कहे कि वे रोज़ सिंदूर लगाकर आएं. इसमें क्या तकलीफ है?”

कर्नल सोफिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी का विरोध : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस फूंकेगी एमपी के मंत्री शाह का पुतला, थाने में भी की शिकायत

रायपुर-  भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह के बयान देशभर में विरोध हो रहा है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस आज शाम 4 बजे प्रदेशभर में मंत्री शाह का पुतला दहन करने जा रही है. इसका आदेश पीसीसी चीफ दीपक बैज ने जारी जिला अध्यक्षों को जारी किया है. वहीं कर्नल सोफिया के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी पर आक्रोशित कांग्रेस ने सिविल लाइन थाने में शिकायत भी की है.

AICC सचिव विकास उपाध्याय ने सिविल लाइन थाने में ज्ञापन सौंपा और भाजपा के मंत्री विजय शाह के खिलाफ FIR की मांग की. इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता मौजूद रहे. पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि बीजेपी मंत्री विजय शाह ने देश की बेटी, बहन कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. इस मंत्री का विवादास्पद बयान पहली बार का नहीं है. ऐसे कई बयान हैं, जिससे मंत्री विजय शाह विवादों से घिरे रहे.

मंत्री विजय शाह को तत्काल बर्खास्त करें पीएम मोदी : विकास उपाध्याय

विकास उपाध्याय ने कहा, मंत्री विजय शाह बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन के ऊपर भी कुछ इसी तरह की टिप्पणी करके बच निकले थे, लेकिन कांग्रेस पार्टी लगातार भारतीय जनता पार्टी की सरकार के रवैये को दृष्टिगत रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी से कहना चाहती है कि यदि वे अपने भाजपा मंत्रीमंडल का सम्मान बरकरार रखना चाहते हैं तो तत्काल मंत्री विजय शाह को बर्खास्त करें। बता दें कि कल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लीकार्जून खड़गे ने भी एक्स पर पोस्ट कर मंत्री विजय शाह के बयान का विरोध किया था और पीएम मोदी से विजय शाह को बर्खास्त करने की मांग की थी.

खरगे ने कहा कि भाजपा की मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री ने हमारी वीर बेटी कर्नल सोफिया क़ुरैशी के बारे में बेहद अपमानजनक, शर्मनाक और ओछी टिप्पणी की है. पहलगाम के आतंकी देश को बांटना चाहते थे, पर आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने में पूरे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान देश एकजुट था. उन्होंने कहा, BJP-RSS की मानसिकता महिला विरोधी रही है. पहले पहलगाम में शहीद नौसेना ऑफिसर की पत्नी को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया, फिर विदेश सचिव विक्रम मिस्री की बेटी को तंग किया. अब भाजपा के मंत्री हमारी वीरांगना सोफिया क़ुरैशी के लिए ऐसी अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं.

ऑपरेशन सिंदूर पर मोहन भागवत का पहला बयान, बोले-सरकार सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन

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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ की ओर से भी बयान जारी किया गया है।संघ की तरफ से सरसंघचालक मोहन भागवत सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के नाम से बयान वक्तव्य जारी किया है। संघ ने पाकिस्तान के खिलाफ इस ऑपरेशन को लेकर भारत सरकार के साथ ही सैन्य बलों की तारीफ की है।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पहलगाम की कायरतापूर्ण आतंकवादी घटना के बाद कहा है कि पाक प्रायोजित आतंकवादियों एवं उनके समर्थक पारितंत्र पर की जा रही निर्णायक कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के लिए भारत सरकार के नेतृत्व और सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन। हिंदू यात्रियों के नृशंस हत्याकांड में आहत परिवारों को एवं समस्त देश को न्याय दिलाने हेतु हो रही इस कार्रवाई ने समूचे देश के स्वाभिमान एवं हिम्मत को बढ़ाया है।

पाकिस्तानी हमलों की निंदा

आरएसएस ने बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत की सीमा पर धार्मिक स्थलों और नागरिक बस्ती क्षेत्र पर किए जा रहे हमलों की हम निंदा करते हैं और जो इन हमलों का शिकार हुए, उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करते।संघ ने आगे कहा कि हमारा यह भी मानना है कि पाकिस्तान में आतंकियों, उनका ढॉंचा एवं सहयोगी तंत्र पर की जा रही सैनिक कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक एवं अपरिहार्य कदम है। राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में संपूर्ण देश तन-मन-धन से देश की सरकार एवं सैन्य बलों के साथ खड़ा है।

सूचनाओं का पालन करने की अपील

आरएसएस प्रमुख ने कहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस चुनौतीपूर्ण अवसर पर समस्त देशवासियों से आह्वान करता है कि शासन और प्रशासन द्वारा दी जा रही सभी सूचनाओं का पूर्णतः अनुपालन सुनिश्चित करे। इसके साथ-साथ इस अवसर पर हम सबको अपने नागरिक कर्तव्य का निर्वहन करते हुए यह भी सावधानी रखनी है कि राष्ट्र विरोधी शक्तियों के सामाजिक एकता एवं समरसता को भंग करने के किसी भी षड्यंत्र को सफल न होने दें।

पीएम मोदी से मिलने पहली बार पीएम आवास पहुंचे थे संघ प्रमुख, क्यों खास है ये मुलाकात?

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए। वहीं लगातार हाई लेवल बैठकों का दौर जारी है। मंगलवार को पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल और तीनों सेना प्रमुखों के साथ एक हाई लेवल बैठक की। इस बैठक के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पीएम मोदी से मिलने उनके आवास पहुंचे।

क्या महज शिष्टाचार भेंट थी?

ये बैठक इसलिए भी अहम माना जी रही है क्योंकि 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद यह पहला मौका था, जा संघ प्रमुख पीएम के सरकारी आवास पहुंचे थे। यह मुलाकात करीब एक घंटे तक चली और इसे बेहद असामान्य माना जा रहा है, क्योंकि आरएसएस प्रमुख शायद ही कभी राजनीतिक नेताओं से उनके आवास पर मिलने जाते हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या मोहन भागवत की पीएम मोदी से यह मुलाकात महज शिष्टाचार भेंट थी?

हिंदू समुदाय में बढ़ते गुस्से के बीच मुलाकात

यह मुलाकात पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद हुई है, जहां निहत्थे नागरिकों और पर्यटकों को निशाना बनाकर मार डाला गया था। उस आतंकी घटना से देश भर में गुस्सा है। मुलाकात से जुड़े सूत्रों के अनुसार, मोहन भागवत ने इस घटना पर संघ परिवार की गहरी पीड़ा और हिंदू समुदाय में बढ़ते गुस्से और असुरक्षा की भावना से अवगत कराया। उन्होंने आतंकी हमले का जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के प्रयासों के प्रति संघ का समर्थन भी दिया।

‘जनता की भावनाओं को जिम्मेदारी से संभाला जाए’

एक वरिष्ठ आरएसएस कार्यकर्ता ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया, जमीन पर माहौल बहुत तनावपूर्ण है। हिंदू समुदाय दुखी और गुस्से में है। संघ का मानना है कि इस समय सरकार के साथ खड़ा होना जरूरी है, लेकिन यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जनता की भावनाओं को समझा जाए और उसे जिम्मेदारी के साथ संभाला जाए। यह एक आपातकालीन स्थिति है, और इसलिए भागवत जी ने स्वयं प्रधानमंत्री से मुलाकात की।

पहलगाम अटैक पर लिखा Thank You Pakistan, मोहम्मद नौशाद गिरफ्तार; MLA बोले- ऐसे आस्तीन के सांप को

पहलगाम अटैक में 28 लोगों की मौत हो गई. इसे लेकर जहां पूरे देश में शोक व्याप्त है. वहीं, झारखंड के बोकारो निवासी मोहम्मद नौशाद ने इस पर खुशी जाहिर की थी. उसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला, जिसमें पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा को हमले के लिए धन्यवाद दिया. पुलिस ने अब मोहम्मद नौशाद को गिरफ्तार कर लिया है.

आरोपी बालीडीह के मिल्लत नगर का रहने वाला है. थाना प्रभारी नवीन कुमार ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा- हमें मोहम्मद नौशाद के खिलाफ शिकायत मिली थी. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले में आगामी कार्रवाई जारी है.

दरअसल कश्मीर के पहलगाम शहर के पास स्थित पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में मंगलवार को हमला हुआ था. इसमें 28 लोगों की मौत हो गई. कई अन्य घायल भी हुए. जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार मोहम्मद नौशाद के पिता का नाम मोहम्मद मुस्ताक है और वह मिल्लत नगर का रहने वाला है. फिलहाल बोकारो पुलिस गिरफ्तार मोहम्मद नौशाद से पूछताछ कर रही है.

थाना प्रभारी नवीन कुमार ने कहा- पुलिस मोहम्मद नौशाद के सोशल मीडिया के अकाउंट खंगाल रही है. वहीं, उसके बारे में पूरी जानकारी निकाली जा रही है.

‘स्लीपर सेल की तरह करते हैं काम’

मोहमद नौशाद के गिरफ्तार होने पर भाजपा के वरिष्ठ विधायक सीपी सिंह ने कहा- मैंने तो कल रात में ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर लिखा था. और बोकारो के एसपी से बात की थी.आज उसकी गिरफ्तारी हुई है. मुझे खुशी हुई कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. विधायक सीपी सिंह ने कहा कि ऐसे आस्तीन के सांप के फन को कूचना और कठोर कार्रवाई करना ही राष्ट्रहित में सही है. देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जो स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे हैं जो देश के लिए खतरा हैं. ऐसे लोगों को पनाह देने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

ऐसा क्या लिखा था पोस्ट पर?

बालीडीह के रहने वाले मोहमद नौशाद ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बाद जश्न मानते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था- थैंक्यू पाकिस्तान, थैंक्यू लश्कर-ए-तैयबा. अल्लाह आपकी लंबी उम्र करे. आमीन, आमीन. हमें ज्यादा खुशी तब होगी जब आप बीजेपी, आरएसएस, बजरंग दल और मीडिया को निशाना बनाओ. अब RSS, BJP और बजरंग दल कहां गए, जाओ सरहद पर जाकर उछल और कूदकर दिखाओ

मुसलमानों के लिए भी खुले आरएसएस के दरवाजे, संघ प्रमुख भागवत ने शाखा में शामिल होने के लिए रखी शर्त

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 4 दिवसीय दौरे वाराणसी पर हैं। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और उन्हें संबोधित किया। इस दौरान संघ प्रमुख का दिया एक बयान काफी चर्चा में है। मोहन भागवत ने मुसलमानों के शाखा में शामिल होने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी मुसलमान शाखा में शामिल हो सकता है बशर्ते वो भारत माता की जय के नारे लगाए और भगवा झंडा की इज्जत करे।

वाराणसी में मोहन भागवत लाजपत नगर कॉलोनी में आरएसएस की एक शाखा पर पहुंचे थे। सत्र के दौरान, एक स्वयंसेवक ने जब संघ प्रमुख से पूछा कि क्या वह अपने पड़ोसियों, जो मुस्लिम हैं, उनको शाखा में आमंत्रित कर सकता है और ला सकता है।

सभी पंथ, समुदाय और जाति के लोगों का संघ में स्वागत-भागवत

स्वयंसेवक के सवाल के जवाब में संघ प्रमुख ने कहा कि भारत माता की जय बोलने वाले और भगवा ध्वज का सम्मान करने वाले सभी लोगों के लिए शाखाओं के दरवाजे खुले हैं। संघ की विचारधारा में पूजा पद्धति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि खुद को औरंगजेब का वंशज मानने वालों को छोड़कर सभी भारतीयों का संघ की शाखाओं में स्वागत है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सभी पंथ, समुदाय और जातियों के लोगों का संघ की शाखाओं में स्वागत है।

हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल-भागवत

इससे पहले मोहन भागवत ने शनिवार को आईआईटी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, समाज में मेलजोल और बराबरी होनी चाहिए। जाति या धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। मंदिर, पानी और दूसरी जरूरी चीजें सभी को बराबर मिलनी चाहिए। हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल है, चाहे वह मुस्लिम हो या हिंदू, क्योंकि वे सभी भारत का हिस्सा हैं। इसका मतलब है कि हमें सभी को साथ लेकर चलना है।