उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे के पीछे कोई और अधिक गहरे कारण”, कांग्रेस के दावे में कितनी सच्चाई?

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देश की सियासत में सोमवार को उस वक्त उबाल आ गया जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा दिया। इस्तीफे के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के पीछे कहीं ज्यादा गंभीर कारण हैं। यह उनकी ओर से बताए गए स्वास्थ्य कारणों से कहीं अधिक गंभीर हो सकते हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट में कहा- इस अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है। पीएम मोदी धनखड़ को मन बदलने के लिए मनाएं। यह राष्ट्रहित में होगा। खासतौर पर कृषक समुदाय को बहुत राहत मिलेगी।

जयराम रमेश ने कहा- मैं आज शाम (21 जुलाई) लगभग 5 बजे तक कई अन्य सांसदों के साथ उनके साथ था। कल दोपहर 12:30 बजे जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की अध्यक्षता की। इस बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत ज्यादातर सदस्य मौजूद थे। थोड़ी देर की चर्चा के बाद तय हुआ कि समिति की अगली बैठक शाम 4:30 बजे फिर से होगी। शाम 4:30 बजे धनखड़ की अध्यक्षता में समिति के सदस्य दोबारा बैठक के लिए इकट्ठा हुए। सभी नड्डा और रिजिजू का इंतजार करते रहे, लेकिन वे नहीं आए।

इसके पीछे कुछ और गहरे कारण- जयराम रमेश

जयराम ने लिखा, 'इससे साफ है कि कल दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे के बीच जरूर कुछ गंभीर बात हुई है, जिसकी वजह से जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने जानबूझकर शाम की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। शाम 7.30 बजे उनसे फोन पर बात की थी। अब एक बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसकी वजह अपनी सेहत को बताया है। हमें इसका मान रखना चाहिए, लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हैं।

विपक्ष को जगह देने की कोशिश की- जयराम रमेश

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि धनखड़ ने हमेशा 2014 के बाद के भारत की तारीफ की, लेकिन साथ ही किसानों के हितों के लिए खुलकर आवाज उठाई। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में बढ़ते अहंकार की आलोचना की और न्यायपालिका की जवाबदेही व संयम की जरूरत पर जोर दिया। मौजूदा ‘जी2’ सरकार के दौर में भी उन्होंने जहां तक संभव हो सका, विपक्ष को जगह देने की कोशिश की।

उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाने वालों की नीयत पर सवाल

अंत में जयराम रमेश ने कहा कि वह नियमों, प्रक्रियाओं और मर्यादाओं के पक्के थे। उन्हें लगता था कि उनकी भूमिका में लगातार इन बातों की अनदेखी हो रही है। जगदीप धनखड़ का इस्तीफा उनके बारे में बहुत कुछ कहता है। साथ ही यह उन लोगों की नीयत पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है, जिन्होंने उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाया था।

ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रंप के दावे से गरमाई सियासत, कांग्रेस ने पूछा सवाल, पीएम से संसद में जवाब की मांग

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भारत-पाकिस्तान जंग पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों से एक बार फिर देश की सियासत गरमा गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच एक बार फिर मध्यस्थता का दावा किया। ट्रंप ने दावा ने दावा किया की इस टकराव में पांच लड़ाकू विमान गिराए गए हैं। ट्रंप के दावे के बाद कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। साथ ही कांग्रेस ने इस बारे में पीएम मोदी से संसद में स्पष्टीकरण की मांग की है।

कांग्रेस का केंद्र सरकार से 3 सवाल

कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र सरकार से 3 सवाल किए हैं। पहला- क्या ट्रम्प ने वाकई सीजफायर रुकवाई, वे इसका 24 बार जिक्र कर चुके हैं। दूसरा- क्या ट्रम्प ने व्यापार की धमकी देकर जंग रुकवाई, तीसरा- जंग में 5 लड़ाकू विमान किसके गिरे।

पीएम मोदी संसद में जवाब दें, कोई सब्स्टीट्यूट नहीं चाहिए-जयराम रमेश

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि संसद शुरू होने वाली है और प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। कोई और नेता नहीं चलेगा। कांग्रेस और पूरा विपक्ष विशेष चर्चा की मांग करेगा और प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए। हमें कोई सब्स्टीट्यूट बल्लेबाज नहीं चाहिए। केवल प्रधानमंत्री को ही जवाब देना होगा। पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प की लंबे समय से दोस्ती रही है। फिर चाहे सितंबर 2019 में हाउडी मोदी और फरवरी 2020 में नमस्ते ट्रम्प का आयोजन हो, दोनों का गले मिलने का रिश्ता रहा है। अब पीएम मोदी को संसद में खुद बयान देना होगा

ट्रंप मुद्दे पर हंगामे के आसार

दरअसल, ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ डिनर के दौरान दावा किया कि मुझे लगता है कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष में सच में 5 जेट गिरे थे। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि ये विमान किस देश के गिरे थे। संसद के मानसून सत्र से महज दो दिन पहले ट्रंप ने ये बयान दिया है। मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस मुद्दे पर हंगामे के आसार हैं।

Tiranga Yatra Organized in Budhanpur










grand Tiranga Yatra (tricolor march) was organized in the Budhanpur Tehsil area, starting from Radha Krishna Temple in Koilsa. The event was graced by Bhupendra Singh Chaudhary, the State President of the Bharatiya Janata Party (BJP), who led the yatra.

The Tiranga Yatra commenced from the Radha Krishna Temple and concluded at the Shaheed Smarak (Martyrs’ Memorial) in Budhanpur, where floral tributes were paid to the martyrs. Addressing the gathering, Bhupendra Singh Chaudhary said that the successful execution of Operation Sindoor, which struck Pakistan on its own soil, is a matter of immense pride for the nation. He added that the Tiranga Yatra was organized to celebrate this victory and to boost the morale of the armed forces.

Vinod Rajbhar, District President of Lalganj, who presided over the event, encouraged all party workers and stated that whenever the pride and honor of our nation is challenged, our three armed forces give a befitting reply to the enemy.

Former District President Jayanath Singh expressed his pride in being born in a country like India and praised the bravery of Indian soldiers who risk their lives for the safety of the nation.

Budhanpur Nagar Panchayat Chairman's representative, Goodluck Singh, extended his gratitude to all the dignitaries who participated in the event.

Prominent attendees included Suraj Prakash Srivastava, former MP Sangeeta Azad, Ramakant Mishra, Pushkar Mishra, Dheeraj Mishra, Block Pramukh Representative Santosh Yadav, Birendra Singh, Raghvendra Pandey, Dharmanand Pandey, Ashok Mishra, Prem Sagar Pandey, Prem Shankar Pandey, Manoj Kumar Singh, Rammoorat Maurya, Ashutosh Chaubey, Bindu Singh, Raju Rajbhar, Rudra Sharma, Hanumant Prasad Singh, Chandrajeet Tiwari, Harish Tiwari, Jagannath Rajbhar, Neeraj Tiwari, Harshit Singh, Anurag Singh (Block Pramukh of Palhna), Ajay Yadav, Sunil Singh Dabbbu, Deepak Modanwal, Manoj Singh, Pradeep Pandey, and many others.

आतंकियों की हिमायती बनें कांग्रेस के ये नेता! बोले- उनके पास इतना समय नहीं कि वह धर्म पूछकर मारेंगे

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पहलगाम अटैक के बाद कांग्रेस नेताओं की तरफ से कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पहले ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कह चुके हैं कि पाकिस्तान के साथ युद्ध नहीं होना चाहिए। अब कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार का आतंकी की हिमायती बनते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सवाल पूछा है कि इस बात का क्या प्रमाण है कि धर्म पूछ कर मारा गया है।

पहलगाम हमले की जिम्मेदारी सरकार की- वडेट्टीवार

महाराष्ट्र में कांग्रेस के विधायक विजय वडेट्टीवार ने पहलगाम अटैक को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि पहलगाम में जो आतंकी घटना हुई इसकी जिम्मेदारी तो सरकार को लेनी चाहिए। 26 पर्यटकों की जान गई। वहां पर सुरक्षा की व्यवस्था क्यों नहीं थी? आतंकी घुस कर पर्यटकों को मार देते हैं। इसे लेकर खुफिया विभाग क्या कर रहा था। यह सब सरकार की विफलता है। इन सब चीजों पर सरकार बात नहीं करती है।

आतंकी को पूछने का समय होता है क्या- वडेट्टीवार

कांग्रेस विधायक ने आगे कहा, वो कहते हैं कि आतंकवादियों ने हिंदू पूछ कर मारा, आतंकी को पूछने का समय होता है क्या? वह मारने वाले के कान में जाकर पूछे कि तुम हिंदू हो या फिर मुसलमान? यह बहुत सारी विवादित बातें हैं, कोई बोलता है ऐसा हुआ ही नहीं, कोई बोलता है ऐसा हुआ। आतंकवादी की कोई जात या धर्म नहीं होता है। उनको पकड़ कर एक्शन लेना चाहिए।

कांग्रेस लगातार उठा रही सरकार पर सवाल

वडेट्टीवार से पहले भी कांग्रेस के दूसरे नेताओं ने पहलगाम हमले के बाद सवाल उठाए हैं। इससे पहले कर्नाटक के आबकारी मंत्री आरबी तिम्मापुर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि आतंकियों ने गोली मारने से पहले लक्ष्य का धर्म पूछा होगा। उन्होंने कहा था, जो व्यक्ति गोली चला रहा है, क्या वह जाति या धर्म पूछेगा? वह बस गोली चलाकर चला जाएगा। व्यावहारिक रूप से सोचें। वह वहां खड़ा होकर नहीं पूछेगा और फिर गोली नहीं चलाएगा।

सिद्धारमैया ने क्या कहा था?

वहीं, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया कश्मीर घाटी में शांति सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा मजबूत करने की वकालत की थी। सिद्धारमैया ने कहा था कि इस घटना में सुरक्षा चूक हुई है। हम युद्ध के पक्ष में नहीं हैं। कश्मीर क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को कड़ा करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। केंद्र सरकार को कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बढ़ानी चाहिए।

पीड़ितों ने किया ये दावा

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना में 26 लोगों को आतंकवादियों ने मौत के घाट उतार दिया था। उनके परिजनों ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया था कि वह मंजर कैसा था, जब आतंकवादियों की ओर से गोलियां बरसाई जा रही थीं। इस घटना में मारे गए लोगों के परिजनों ने मीडिया के सामने दावा किया है कि आतंकवादियों ने धर्म के आधार पर इस नरसंहार को अंजाम दिया। आतंकियों ने मारने से पहले धर्म पूछा। शक होने पर कलमा पढ़ने को कहा। जब आतंकियों ने यह सुनिश्चित किया कि पर्यटक हिंदू हैं तो गोली चलाकर मार डाला। साथ ही आतंकियों ने यह भी कहा कि यह संदेश देश के पीएम मोदी को दे देना।

चिली के राष्ट्रपति ने जमकर की पीएम मोदी की तारीफ, बोले-जियोपॉलिटिक्स में सबसे अहम खिलाड़ी


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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक स्तर पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इस बीच भारत दौरे पर आए चिली के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की है। चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फोंट ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें जियोपॉलिटिक्स में एक ‘महत्वपूर्ण खिलाड़ी’ बताया।राष्ट्रपति बोरिक ने कहा कि पीएम मोदी दुनिया के हर नेता से बात कर सकते हैं।

भारत के भू-राजनीतिक रुख पर बोलते हुए चिली के राष्ट्रपति ने कहा, भारत विश्व में शांति के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी की आजकल एक अजीब स्थिति है कि वे दुनिया के हर नेता व्लादिमीर पुतिन, डोनाल्ड ट्रंप, वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात कर सकते हैं। वे यूरोपीय संघ, ब्रिक्स या ईरान और ब्रिक्स में लैटिन अमेरिकी नेताओं समेत सभी से संपर्क कर सकते हैं, उन्हें अहम सुझाव दे सकते हैं। यह कुछ ऐसा है, जो अब कोई अन्य नेता नहीं कर सकता। आप आजकल भू-राजनीतिक माहौल में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं।

चिली के राष्ट्रपति बोरिक 1 से 5 अप्रैल तक भारत के पहले दौरे पर हैं। बोरिक ने भारत में मिले गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आभार भी व्यक्त किया और कहा, मैं पहली बार राजकीय यात्रा पर आया हूं, मैं यहां मिले गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं, पिछले 16 वर्षों से चिली से कोई भी यहां नहीं आया है, और इन 16 वर्षों में भारत बहुत बदल गया है। उन्होंने कहा चिली भारत के साथ अपने संबंधों पर काम करना चाहता है। हमने कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।

पीएम मोदी के न्योते पर वह भारत आए बोरिक की यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत करना है। मंगलवार को दोनों नेताओं में मीटिंग हुई। इसमें व्यापार, रक्षा, महत्वपूर्ण खनिज और स्वास्थ्य पर बातचीत हुई। 

पीएम मोदी ने लैटिन अमेरिका को भारत का एक महत्वपूर्ण मित्र और साझेदार बताया। पीएम मोदी ने एक बयान में कहा था, भारत और चिली भले ही विश्व मानचित्र के अलग-अलग छोर पर हों, हमारे बीच विशाल महासागर हों, लेकिन प्रकृति ने हमें अनोखी समानताओं से जोड़ा है।

‘जहां सेवा वहां स्वयंसेवक’, पीएम मोदी ने जमकर की आरएसएस की तारीफ, बताया-अमर संस्कृति का वट वृक्ष

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प्रधानमंत्री मोदी रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय केशव कुंज पहुंचे। उन्होंने संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर (गुरुजी) के स्मारक स्मृति मंदिर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। बतौर प्रधानमंत्री मोदी की यह संघ मुख्यालय का पहला दौरा था। यहां प्रधानमंत्री ने संघ के माधव नेत्रालय के एक्सटेंशन बिल्डिंग की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने संघ की जमकर तारीफ की। उन्होंने आरएसएस क भारत की अमर संस्कृति का आधुनिक अक्षय वट बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि जहां सेवा है वहां स्वयंसेवक है।

प्रधानमंत्री मोदी अपनी स्पीच में देश के इतिहास, भक्ति आंदोलन, इसमें संतों की भूमिका, संघ की नि:स्वार्थ कार्य प्रणाली, देश के विकास, युवाओं में धर्म-संस्कृति, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, शिक्षा, भाषा और प्रयागराज महाकुंभ की चर्चा की। कहा कि भारत के इतिहास में नजर डालें तो इसमें कई आक्रमण हुए। इतने आक्रमणों के बावजूद भी भारत की चेतना कभी समाप्त नहीं हुई, उसकी लौ जलती रही। कठिन से कठिन दौर में भी इस चेतना को जाग्रत रखने के लिए नए सामाजिक आंदोलन होते रहे। भक्ति आंदोलन इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

मध्यकाल के उस कठिन कालखंड में हमारे संतों ने भक्ति के विचारों से राष्ट्रीय चेतना को नई ऊर्जा दी। गुरु नानक देव, कबीरदास, तुलसीदास, सूरदास, संत तुकाराम, संत रामदेव, संत ज्ञानेश्वर जैसे महान संतों ने अपने मौलिक विचारों से समाज में प्राण फूंके। उन्होंने भेदभाव के बंधनों को तोड़कर समाज को एकता के सूत्र में बांधा।

बांधे संघ की तारीफों के पुल

स्वामी विवेकानंद से लेकर डॉक्टर साहब तक, किसी ने भी राष्ट्रीय चेतना को बुझने नहीं दिया। राष्ट्रीय चेतना के जिस विचार का बीज 100 वर्ष पहले बोया गया था, वह आज एक महान वटवृक्ष के रूप में खड़ा है। सिद्धांत और आदर्श इस वटवृक्ष को ऊंचाई देते हैं, जबकि लाखों-करोड़ों स्वयंसेवक इसकी टहनियों के रूप में कार्य कर रहे हैं। संघ भारत की अमर संस्कृति का आधुनिक अक्षय वट है, जो निरंतर भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना को ऊर्जा प्रदान कर रहा है।

स्वयंसेवकों के नि:स्वार्थ सेवा भाव की सराहना

पीएम मोदी ने कहा कि हमारा शरीर परोपकार और सेवा के लिए ही है। जब सेवा संस्कार बन जाती है, तो साधना बन जाती है। यही साधना हर स्वयंसेवक की प्राणवायु होती है। यह सेवा संस्कार, यह साधना, यह प्राणवायु, पीढ़ी दर पीढ़ी हर स्वयंसेवक को तप और तपस्या के लिए प्रेरित करती है। उसे न थकने देती है और न ही रुकने देती है। हम देव से देश और राम से राग के जीवन मंत्र लेकर चले हैं। अपना कर्तव्य निभाते चलते हैं। इसलिए बड़ा छोटा कैसा भी काम हो, कोई भी क्षेत्र हो, संघ के स्वयंसेवक नि:स्वार्थ भाव से काम करते हैं।

भारत की सबसे बड़ी पूंजी हमारा युवा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी पूंजी हमारा युवा है। देश का युवा आत्मविश्वास से भरा हुआ है। उसकी रिस्क-टेकिंग कैपेसिटी पहले से कई गुना बढ़ चुकी है। वह इनोवेशन कर रहा है, स्टार्टअप की दुनिया में परचम लहरा रहा है। अपनी विरासत और संस्कृति पर गर्व करते हुए आगे बढ़ रहा है।

महाकुंभ में हमने देखा कि लाखों-करोड़ों की संख्या में युवा पीढ़ी पहुंची और सनातन परंपरा से जुड़कर गौरव से भर उठी। भारत का युवा आज देश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए काम कर रहा है। यही युवा 2047 के विकसित भारत की ध्वजा थामे हुए हैं। मुझे भरोसा है कि संगठन, समर्पण और सेवा की त्रिवेणी विकसित भारत की यात्रा को ऊर्जा और दिशा देती रहेगी।

भारत अब मदद करने का केंद्र है-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि 'वसुधैव कुटुंबकम' का मंत्र आज विश्व के कोने-कोने में गूंज रहा है। जब कोविड जैसी महामारी आती है, तो भारत विश्व को परिवार मानकर वैक्सीन उपलब्ध कराता है। दुनिया में कहीं भी प्राकृतिक आपदा हो, भारत पूरे मनोयोग से सेवा के लिए खड़ा होता है। म्यांमार में इतना बड़ा भूकंप आया है, भारत ऑपरेशन ब्रह्मा के साथ वहां के लोगों की मदद के लिए सबसे पहले पहुंच गया है। जब तुर्किए में भूकंप आया, जब नेपाल में भूकंप आया, जब मॉलदीव्स में पानी का संकट आया, भारत ने मदद करने में घड़ी भर की भी देर नहीं लगाई। युद्ध जैसे हालातों में हम दूसरे देशों के नागरिकों को भी सुरक्षित निकालकर लाते हैं। दुनिया देख रही है भारत आज जब प्रगति कर रहा है, तो पूरे ग्लोबल साउथ की आवाज़ भी बन रहा है। विश्व-बंधु की ये भावना... हमारे ही संस्कारों का विस्तार है।

दिल्ली हाईकोर्ट जज के घर मिले नकदी मामले ने पकड़ा तूल, राज्यसभा में भी गूंज

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दिल्ली हाई कोर्ट में कार्यरत एक सीनियर जज के घर से भारी संख्या में नकदी बरामद होने की खबर से लोग सकते में हैं। एक जज के घर से कथित तौर पर नकदी बरामद होने का मामला शुक्रवार को राज्यसभा में भी गूंजा। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर व्यवस्थित चर्चा के लिए कोई व्यवस्था ढूंढ़ेंगे।

कांग्रेस के जयराम रमेश ने सुबह के सत्र में यह मुद्दा उठाया। जयराम रमेश ने इस मुद्दे को सदन में उठाते हुए न्यायिक जवाबदेही पर सभापति से जवाब मांगा और इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज के खिलाफ महाभियोग के संबंध में लंबित नोटिस के बारे में याद दिलाया। रमेश ने कहा कि आज सुबह, हमने दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के आवास पर भारी मात्रा में नकदी पाए जाने के चौंकाने वाले मामले के बारे में पढ़ा। रमेश ने यह भी याद दिलाया कि पहले 50 सांसदों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज के खिलाफ महाभियोग का नोटिस दिया था, लेकिन उस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने चेयरमैन से अनुरोध किया कि न्यायिक जवाबदेही बढ़ाने के लिए सरकार को दिशा-निर्देश दिए जाएं।

राज्यसभा के चेयरमैन और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है और वह इस मुद्दे पर एक स्ट्रक्चर्ड डिस्कशन करवाएंगे। धनखड़ ने कहा कि उन्हें इस बात से परेशानी है कि घटना हुई लेकिन तत्काल सामने नहीं आई। उन्होंने कहा कि यदि ऐसी घटना किसी राजनेता, नौकरशाह या उद्योगपति से संबंधित होती तो संबंधित व्यक्ति तुरंत 'लक्ष्य' बन जाता। उन्होंने कहा, इसलिए, मुझे विश्वास है कि पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी प्रणालीगत प्रतिक्रिया सामने आएगी।

सभापति ने आगे कहा कि वह सदन के नेता और विपक्ष के नेता से संपर्क करेंगे और सत्र के दौरान चर्चा कराने की कोशिश करेंगे। महाभियोग मामले पर सभापति ने कहा कि उन्हें राज्यसभा के 55 सदस्यों से प्रतिवेदन मिला है। उन्होंने कहा कि अधिकांश सदस्यों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, जिससे मुझे अपना कर्तव्य निभाने में मदद मिली। उन्होंने शेष सदस्यों से उन्हें भेजे गए ई-मेल का जवाब देने की अपील की।

धनखड़ ने कहा कि अगर हस्ताक्षर करने वालों की संख्या 50 से ऊपर है तो वह उसी के अनुसार आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि ज्यादातर सदस्यों ने सहयोग किया है। जिन सदस्यों ने अभी तक अपना जवाब नहीं भेजा है वे कृपया उन्हें भेजे गए दूसरे मेल का जवाब दें। तब मेरे स्तर पर प्रक्रिया में देरी नहीं होगी, यहां तक कि एक पल के लिए भी नहीं। सभापति ने सदन को यह भी सूचित किया कि प्रतिनिधित्व पर हस्ताक्षर करने वाले 55 सदस्यों में से एक सदस्य के हस्ताक्षर दो जगहों पर हैं और संबंधित सदस्य ने दूसरा हस्ताक्षर करने से इनकार किया है।

मैं पीएम मोदी की बात का समर्थन करना चाहता था’, प्रधानमंत्री के संबोधन पर राहुल गांधी ने ऐसा क्यों कहा?


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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रयागराज में हाल ही में संपन्न 'महाकुंभ' के सफल आयोजन को लेकर लोकसभा में बयान दिया। प्रधानमंत्री ने महाकुंभ के सफल आयोजन को लेकर लोगों का आभार जताया। पीएम मोदी के संबोधन के बाद विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया। पीएम मोदी ने जैसे ही प्रयागराज महाकुंभ पर अपना संबोधन खत्म किया, विपक्ष के सांसद खड़े होकर वेल तक आ गए और सवाल करने की मांग करने लगे।

प्रधानमंत्री मोदी के महाकुंभ पर दिए गए बयान के बाद सांसद राहुल गांधी के साथ-साथ पार्टी के अन्य नेताओं ने उन पर निशाना साधना शुरू कर दिया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा महाकुंभ पर वक्तव्य दिए जाने के बाद मंगलवार को कहा कि उन्होंने (मोदी ने) आयोजन स्थल पर भगदड़ में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि नहीं दी और सदन में विपक्ष के नेता के तौर पर उन्हें बोलने नहीं मौका नहीं मिला।

संसद परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कुंभ हमारी परंपरा है, इतिहास है, संस्कृति है। लेकिन हमें इस बात की शिकायत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंभ में जान गंवाने वालों के बारे में कुछ नहीं कहा। मृतकों को श्रद्धांजलि तक नहीं दी। राहुल गांधी ने कहा कि कुंभ में जाने वाले युवाओं को प्रधानमंत्री से रोजगार भी चाहिए। प्रधानमंत्री को रोजगार के बारे में भी बोलना चाहिए था।

वहीं, लोकसभा में महाकुंभ पर पीएम मोदी के संबोधन पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा पीएम महाकुंभ पर सकारात्मक बोल रहे थे। विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए था, क्योंकि विपक्ष को भी महाकुंभ के प्रति भावनाएं है। अगर हम अपनी बात रखते हैं तो उन्हें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। विपक्ष को भी दो मिनट बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए थी।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ के आयोजन पर अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में अनेक अमृत निकले हैं। एकता का अमृत इसका पवित्र प्रसाद है। इस आयोजन में देश के हर क्षेत्र और हर कोने से आकर एक हो गए। लोग अहम् से वयम् के भाव में एक हुए। पीएम मोदी ने लोकसभा में आज अपने भाषण में कहा कि महाकुंभ विरासत से जुड़ने की पूंजी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को जनता-जनार्दन का, जनता-जनार्दन से प्रेरित और जनता-जनार्दन का आयोजन बताया।

No Student Union Elections for Five Years at TMBU, Leaving Students Without Leadership

No Student Union Elections for Five Years at TMBU, Leaving Students Without Leadership

Correspondent, Bhagalpur, Bihar

Students at Tilka Manjhi Bhagalpur University (TMBU) are facing numerous challenges. However, the university remains unaware of these issues because there is no representative to voice the students' concerns. The primary reason for this is that no student union elections have been held for the past five years.

TMBU student Hrishikesh Prakash stated that the absence of student union elections over the last five years has left students without proper representation. This situation has arisen due to internal conflicts among university officials. Although various student organizations continuously demand elections, no concrete steps have been taken in this regard.

It is noteworthy that student union elections were held in 2018 and 2019 during the tenure of former DSW Professor Yogendra. The student union plays a crucial role in university governance, as its members are also included in bodies like the Senate, Syndicate, and Academic Council. This ensures that students' concerns are effectively raised in important university meetings, ultimately benefiting them.

Students will now have elected representatives only in the upcoming academic session. Only after that will they have representation in the Senate and Syndicate.

Bhagalpur University student Hrishikesh Prakash has met with the university administration, urging them to conduct elections at the earliest to resolve students' issues as soon as

possible.

कौन हैं प्रोफेसर शाइजा? गोडसे को महान बताने वाली NIT कालीकट की प्रोफेसर में मिला अहम पद, विवाद शुरू

#professor_dr_shaija_praised_nathuram_godse_given_important_post

महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा कर विवादों में आईं एनआईटी कालीकट की महिला प्रोफेसर शाइजा ए को अहम पद दिया गया है। उन्हें NIT-कालीकट में योजना और विकास विभाग का डीन नियुक्त किया गया है। उधर इस नियुक्ति के बाद विवाद छिड़ गया है। इस फैसले पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की है। दरअसल, प्रोफेसर शाइजा ए पर महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर नाथूराम गोडसे की प्रशंसा का आरोप है। इसी मामले को लेकर फरवरी 2024 में शाइजा को गिरफ्तार भी किया गया था।हालांकि कुछ समय बाद उनको जमानत मिल गई।

प्रोफेसर शाइजा ए को योजना एवं विकास विभाग का डीन बनाए जाने का मामला लगातार तूल पकड़ता दिख रहा है। इस नियुक्ति को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल राव ने भी इस पर आपत्ति जताया है और फैसले को वापस लिए जाने की मांग की है।

राहुल गांधी के बेहद करीबी नेताओं में गिने वाले वेणुगोपाल राव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर नियुक्ति पर निराशा जताई। उन्होंने कहा, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बार-बार अपना असली रंग दिखाती है। यह फैसला एक तरह से गांधी-विरोधी विचारों का खुला-खुला समर्थन है, और यह गोडसे को बढ़ावा देने तथा हमारे सार्वजनिक विमर्श में उनके नफरत भरे एजेंडे को मुख्यधारा में लाने का उनका तरीका है।

नियुक्ति को रद्द करने की मांग करते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि महात्मा गांधी के हत्यारों की तारीफ करने वाले ऐसे लोगों को सार्वजनिक जीवन में कोई जगह नहीं मिलनी चाहिए, राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में जिम्मेदारी के पदों पर प्रमोट किया जाना तो दूर की बात है। इस फैसले को वापस लिया जाना चाहिए।

बता दें कि 2024 में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर प्रोफेसर शाइजा ए ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए नाथूराम गोडसे की प्रशंसा की थी। उन्होंने एक वकील की ओर से किए गए पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा था कि, उन्हें महात्मा गांधी की हत्या के लिए गोडसे पर गर्व है, इस घटना की वजह से ही भारत बच पाया। उसमें लिखा था कि हिंदू महासभा कार्यकर्ता नाथूराम गोडसे भारत में कई लोगों के नायक है। विवाद बढ़ता देख शैजा ने टिप्पणी हटा ली थी, लेकिन इसका स्क्रीनशॉट वायरल हो गया था।

इसी पोस्ट के खिलाफ कांग्रेस और वाम दलों की ओर से प्रोफेसर शाइजा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया था। उनके ऊपर दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाने का मामला दर्ज किया गया था। हालांकि बाद में उन्हें जमानत दे दी गई।

उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे के पीछे कोई और अधिक गहरे कारण”, कांग्रेस के दावे में कितनी सच्चाई?

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देश की सियासत में सोमवार को उस वक्त उबाल आ गया जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा दिया। इस्तीफे के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के पीछे कहीं ज्यादा गंभीर कारण हैं। यह उनकी ओर से बताए गए स्वास्थ्य कारणों से कहीं अधिक गंभीर हो सकते हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट में कहा- इस अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है। पीएम मोदी धनखड़ को मन बदलने के लिए मनाएं। यह राष्ट्रहित में होगा। खासतौर पर कृषक समुदाय को बहुत राहत मिलेगी।

जयराम रमेश ने कहा- मैं आज शाम (21 जुलाई) लगभग 5 बजे तक कई अन्य सांसदों के साथ उनके साथ था। कल दोपहर 12:30 बजे जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की अध्यक्षता की। इस बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत ज्यादातर सदस्य मौजूद थे। थोड़ी देर की चर्चा के बाद तय हुआ कि समिति की अगली बैठक शाम 4:30 बजे फिर से होगी। शाम 4:30 बजे धनखड़ की अध्यक्षता में समिति के सदस्य दोबारा बैठक के लिए इकट्ठा हुए। सभी नड्डा और रिजिजू का इंतजार करते रहे, लेकिन वे नहीं आए।

इसके पीछे कुछ और गहरे कारण- जयराम रमेश

जयराम ने लिखा, 'इससे साफ है कि कल दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे के बीच जरूर कुछ गंभीर बात हुई है, जिसकी वजह से जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने जानबूझकर शाम की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। शाम 7.30 बजे उनसे फोन पर बात की थी। अब एक बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसकी वजह अपनी सेहत को बताया है। हमें इसका मान रखना चाहिए, लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हैं।

विपक्ष को जगह देने की कोशिश की- जयराम रमेश

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि धनखड़ ने हमेशा 2014 के बाद के भारत की तारीफ की, लेकिन साथ ही किसानों के हितों के लिए खुलकर आवाज उठाई। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में बढ़ते अहंकार की आलोचना की और न्यायपालिका की जवाबदेही व संयम की जरूरत पर जोर दिया। मौजूदा ‘जी2’ सरकार के दौर में भी उन्होंने जहां तक संभव हो सका, विपक्ष को जगह देने की कोशिश की।

उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाने वालों की नीयत पर सवाल

अंत में जयराम रमेश ने कहा कि वह नियमों, प्रक्रियाओं और मर्यादाओं के पक्के थे। उन्हें लगता था कि उनकी भूमिका में लगातार इन बातों की अनदेखी हो रही है। जगदीप धनखड़ का इस्तीफा उनके बारे में बहुत कुछ कहता है। साथ ही यह उन लोगों की नीयत पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है, जिन्होंने उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाया था।

ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रंप के दावे से गरमाई सियासत, कांग्रेस ने पूछा सवाल, पीएम से संसद में जवाब की मांग

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भारत-पाकिस्तान जंग पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों से एक बार फिर देश की सियासत गरमा गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच एक बार फिर मध्यस्थता का दावा किया। ट्रंप ने दावा ने दावा किया की इस टकराव में पांच लड़ाकू विमान गिराए गए हैं। ट्रंप के दावे के बाद कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। साथ ही कांग्रेस ने इस बारे में पीएम मोदी से संसद में स्पष्टीकरण की मांग की है।

कांग्रेस का केंद्र सरकार से 3 सवाल

कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र सरकार से 3 सवाल किए हैं। पहला- क्या ट्रम्प ने वाकई सीजफायर रुकवाई, वे इसका 24 बार जिक्र कर चुके हैं। दूसरा- क्या ट्रम्प ने व्यापार की धमकी देकर जंग रुकवाई, तीसरा- जंग में 5 लड़ाकू विमान किसके गिरे।

पीएम मोदी संसद में जवाब दें, कोई सब्स्टीट्यूट नहीं चाहिए-जयराम रमेश

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि संसद शुरू होने वाली है और प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। कोई और नेता नहीं चलेगा। कांग्रेस और पूरा विपक्ष विशेष चर्चा की मांग करेगा और प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए। हमें कोई सब्स्टीट्यूट बल्लेबाज नहीं चाहिए। केवल प्रधानमंत्री को ही जवाब देना होगा। पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प की लंबे समय से दोस्ती रही है। फिर चाहे सितंबर 2019 में हाउडी मोदी और फरवरी 2020 में नमस्ते ट्रम्प का आयोजन हो, दोनों का गले मिलने का रिश्ता रहा है। अब पीएम मोदी को संसद में खुद बयान देना होगा

ट्रंप मुद्दे पर हंगामे के आसार

दरअसल, ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ डिनर के दौरान दावा किया कि मुझे लगता है कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष में सच में 5 जेट गिरे थे। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि ये विमान किस देश के गिरे थे। संसद के मानसून सत्र से महज दो दिन पहले ट्रंप ने ये बयान दिया है। मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस मुद्दे पर हंगामे के आसार हैं।

Tiranga Yatra Organized in Budhanpur










grand Tiranga Yatra (tricolor march) was organized in the Budhanpur Tehsil area, starting from Radha Krishna Temple in Koilsa. The event was graced by Bhupendra Singh Chaudhary, the State President of the Bharatiya Janata Party (BJP), who led the yatra.

The Tiranga Yatra commenced from the Radha Krishna Temple and concluded at the Shaheed Smarak (Martyrs’ Memorial) in Budhanpur, where floral tributes were paid to the martyrs. Addressing the gathering, Bhupendra Singh Chaudhary said that the successful execution of Operation Sindoor, which struck Pakistan on its own soil, is a matter of immense pride for the nation. He added that the Tiranga Yatra was organized to celebrate this victory and to boost the morale of the armed forces.

Vinod Rajbhar, District President of Lalganj, who presided over the event, encouraged all party workers and stated that whenever the pride and honor of our nation is challenged, our three armed forces give a befitting reply to the enemy.

Former District President Jayanath Singh expressed his pride in being born in a country like India and praised the bravery of Indian soldiers who risk their lives for the safety of the nation.

Budhanpur Nagar Panchayat Chairman's representative, Goodluck Singh, extended his gratitude to all the dignitaries who participated in the event.

Prominent attendees included Suraj Prakash Srivastava, former MP Sangeeta Azad, Ramakant Mishra, Pushkar Mishra, Dheeraj Mishra, Block Pramukh Representative Santosh Yadav, Birendra Singh, Raghvendra Pandey, Dharmanand Pandey, Ashok Mishra, Prem Sagar Pandey, Prem Shankar Pandey, Manoj Kumar Singh, Rammoorat Maurya, Ashutosh Chaubey, Bindu Singh, Raju Rajbhar, Rudra Sharma, Hanumant Prasad Singh, Chandrajeet Tiwari, Harish Tiwari, Jagannath Rajbhar, Neeraj Tiwari, Harshit Singh, Anurag Singh (Block Pramukh of Palhna), Ajay Yadav, Sunil Singh Dabbbu, Deepak Modanwal, Manoj Singh, Pradeep Pandey, and many others.

आतंकियों की हिमायती बनें कांग्रेस के ये नेता! बोले- उनके पास इतना समय नहीं कि वह धर्म पूछकर मारेंगे

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पहलगाम अटैक के बाद कांग्रेस नेताओं की तरफ से कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पहले ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कह चुके हैं कि पाकिस्तान के साथ युद्ध नहीं होना चाहिए। अब कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार का आतंकी की हिमायती बनते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सवाल पूछा है कि इस बात का क्या प्रमाण है कि धर्म पूछ कर मारा गया है।

पहलगाम हमले की जिम्मेदारी सरकार की- वडेट्टीवार

महाराष्ट्र में कांग्रेस के विधायक विजय वडेट्टीवार ने पहलगाम अटैक को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि पहलगाम में जो आतंकी घटना हुई इसकी जिम्मेदारी तो सरकार को लेनी चाहिए। 26 पर्यटकों की जान गई। वहां पर सुरक्षा की व्यवस्था क्यों नहीं थी? आतंकी घुस कर पर्यटकों को मार देते हैं। इसे लेकर खुफिया विभाग क्या कर रहा था। यह सब सरकार की विफलता है। इन सब चीजों पर सरकार बात नहीं करती है।

आतंकी को पूछने का समय होता है क्या- वडेट्टीवार

कांग्रेस विधायक ने आगे कहा, वो कहते हैं कि आतंकवादियों ने हिंदू पूछ कर मारा, आतंकी को पूछने का समय होता है क्या? वह मारने वाले के कान में जाकर पूछे कि तुम हिंदू हो या फिर मुसलमान? यह बहुत सारी विवादित बातें हैं, कोई बोलता है ऐसा हुआ ही नहीं, कोई बोलता है ऐसा हुआ। आतंकवादी की कोई जात या धर्म नहीं होता है। उनको पकड़ कर एक्शन लेना चाहिए।

कांग्रेस लगातार उठा रही सरकार पर सवाल

वडेट्टीवार से पहले भी कांग्रेस के दूसरे नेताओं ने पहलगाम हमले के बाद सवाल उठाए हैं। इससे पहले कर्नाटक के आबकारी मंत्री आरबी तिम्मापुर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि आतंकियों ने गोली मारने से पहले लक्ष्य का धर्म पूछा होगा। उन्होंने कहा था, जो व्यक्ति गोली चला रहा है, क्या वह जाति या धर्म पूछेगा? वह बस गोली चलाकर चला जाएगा। व्यावहारिक रूप से सोचें। वह वहां खड़ा होकर नहीं पूछेगा और फिर गोली नहीं चलाएगा।

सिद्धारमैया ने क्या कहा था?

वहीं, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया कश्मीर घाटी में शांति सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा मजबूत करने की वकालत की थी। सिद्धारमैया ने कहा था कि इस घटना में सुरक्षा चूक हुई है। हम युद्ध के पक्ष में नहीं हैं। कश्मीर क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को कड़ा करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। केंद्र सरकार को कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बढ़ानी चाहिए।

पीड़ितों ने किया ये दावा

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना में 26 लोगों को आतंकवादियों ने मौत के घाट उतार दिया था। उनके परिजनों ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया था कि वह मंजर कैसा था, जब आतंकवादियों की ओर से गोलियां बरसाई जा रही थीं। इस घटना में मारे गए लोगों के परिजनों ने मीडिया के सामने दावा किया है कि आतंकवादियों ने धर्म के आधार पर इस नरसंहार को अंजाम दिया। आतंकियों ने मारने से पहले धर्म पूछा। शक होने पर कलमा पढ़ने को कहा। जब आतंकियों ने यह सुनिश्चित किया कि पर्यटक हिंदू हैं तो गोली चलाकर मार डाला। साथ ही आतंकियों ने यह भी कहा कि यह संदेश देश के पीएम मोदी को दे देना।

चिली के राष्ट्रपति ने जमकर की पीएम मोदी की तारीफ, बोले-जियोपॉलिटिक्स में सबसे अहम खिलाड़ी


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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक स्तर पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इस बीच भारत दौरे पर आए चिली के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की है। चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फोंट ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें जियोपॉलिटिक्स में एक ‘महत्वपूर्ण खिलाड़ी’ बताया।राष्ट्रपति बोरिक ने कहा कि पीएम मोदी दुनिया के हर नेता से बात कर सकते हैं।

भारत के भू-राजनीतिक रुख पर बोलते हुए चिली के राष्ट्रपति ने कहा, भारत विश्व में शांति के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी की आजकल एक अजीब स्थिति है कि वे दुनिया के हर नेता व्लादिमीर पुतिन, डोनाल्ड ट्रंप, वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात कर सकते हैं। वे यूरोपीय संघ, ब्रिक्स या ईरान और ब्रिक्स में लैटिन अमेरिकी नेताओं समेत सभी से संपर्क कर सकते हैं, उन्हें अहम सुझाव दे सकते हैं। यह कुछ ऐसा है, जो अब कोई अन्य नेता नहीं कर सकता। आप आजकल भू-राजनीतिक माहौल में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं।

चिली के राष्ट्रपति बोरिक 1 से 5 अप्रैल तक भारत के पहले दौरे पर हैं। बोरिक ने भारत में मिले गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आभार भी व्यक्त किया और कहा, मैं पहली बार राजकीय यात्रा पर आया हूं, मैं यहां मिले गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं, पिछले 16 वर्षों से चिली से कोई भी यहां नहीं आया है, और इन 16 वर्षों में भारत बहुत बदल गया है। उन्होंने कहा चिली भारत के साथ अपने संबंधों पर काम करना चाहता है। हमने कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।

पीएम मोदी के न्योते पर वह भारत आए बोरिक की यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत करना है। मंगलवार को दोनों नेताओं में मीटिंग हुई। इसमें व्यापार, रक्षा, महत्वपूर्ण खनिज और स्वास्थ्य पर बातचीत हुई। 

पीएम मोदी ने लैटिन अमेरिका को भारत का एक महत्वपूर्ण मित्र और साझेदार बताया। पीएम मोदी ने एक बयान में कहा था, भारत और चिली भले ही विश्व मानचित्र के अलग-अलग छोर पर हों, हमारे बीच विशाल महासागर हों, लेकिन प्रकृति ने हमें अनोखी समानताओं से जोड़ा है।

‘जहां सेवा वहां स्वयंसेवक’, पीएम मोदी ने जमकर की आरएसएस की तारीफ, बताया-अमर संस्कृति का वट वृक्ष

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प्रधानमंत्री मोदी रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय केशव कुंज पहुंचे। उन्होंने संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर (गुरुजी) के स्मारक स्मृति मंदिर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। बतौर प्रधानमंत्री मोदी की यह संघ मुख्यालय का पहला दौरा था। यहां प्रधानमंत्री ने संघ के माधव नेत्रालय के एक्सटेंशन बिल्डिंग की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने संघ की जमकर तारीफ की। उन्होंने आरएसएस क भारत की अमर संस्कृति का आधुनिक अक्षय वट बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि जहां सेवा है वहां स्वयंसेवक है।

प्रधानमंत्री मोदी अपनी स्पीच में देश के इतिहास, भक्ति आंदोलन, इसमें संतों की भूमिका, संघ की नि:स्वार्थ कार्य प्रणाली, देश के विकास, युवाओं में धर्म-संस्कृति, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, शिक्षा, भाषा और प्रयागराज महाकुंभ की चर्चा की। कहा कि भारत के इतिहास में नजर डालें तो इसमें कई आक्रमण हुए। इतने आक्रमणों के बावजूद भी भारत की चेतना कभी समाप्त नहीं हुई, उसकी लौ जलती रही। कठिन से कठिन दौर में भी इस चेतना को जाग्रत रखने के लिए नए सामाजिक आंदोलन होते रहे। भक्ति आंदोलन इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

मध्यकाल के उस कठिन कालखंड में हमारे संतों ने भक्ति के विचारों से राष्ट्रीय चेतना को नई ऊर्जा दी। गुरु नानक देव, कबीरदास, तुलसीदास, सूरदास, संत तुकाराम, संत रामदेव, संत ज्ञानेश्वर जैसे महान संतों ने अपने मौलिक विचारों से समाज में प्राण फूंके। उन्होंने भेदभाव के बंधनों को तोड़कर समाज को एकता के सूत्र में बांधा।

बांधे संघ की तारीफों के पुल

स्वामी विवेकानंद से लेकर डॉक्टर साहब तक, किसी ने भी राष्ट्रीय चेतना को बुझने नहीं दिया। राष्ट्रीय चेतना के जिस विचार का बीज 100 वर्ष पहले बोया गया था, वह आज एक महान वटवृक्ष के रूप में खड़ा है। सिद्धांत और आदर्श इस वटवृक्ष को ऊंचाई देते हैं, जबकि लाखों-करोड़ों स्वयंसेवक इसकी टहनियों के रूप में कार्य कर रहे हैं। संघ भारत की अमर संस्कृति का आधुनिक अक्षय वट है, जो निरंतर भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना को ऊर्जा प्रदान कर रहा है।

स्वयंसेवकों के नि:स्वार्थ सेवा भाव की सराहना

पीएम मोदी ने कहा कि हमारा शरीर परोपकार और सेवा के लिए ही है। जब सेवा संस्कार बन जाती है, तो साधना बन जाती है। यही साधना हर स्वयंसेवक की प्राणवायु होती है। यह सेवा संस्कार, यह साधना, यह प्राणवायु, पीढ़ी दर पीढ़ी हर स्वयंसेवक को तप और तपस्या के लिए प्रेरित करती है। उसे न थकने देती है और न ही रुकने देती है। हम देव से देश और राम से राग के जीवन मंत्र लेकर चले हैं। अपना कर्तव्य निभाते चलते हैं। इसलिए बड़ा छोटा कैसा भी काम हो, कोई भी क्षेत्र हो, संघ के स्वयंसेवक नि:स्वार्थ भाव से काम करते हैं।

भारत की सबसे बड़ी पूंजी हमारा युवा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी पूंजी हमारा युवा है। देश का युवा आत्मविश्वास से भरा हुआ है। उसकी रिस्क-टेकिंग कैपेसिटी पहले से कई गुना बढ़ चुकी है। वह इनोवेशन कर रहा है, स्टार्टअप की दुनिया में परचम लहरा रहा है। अपनी विरासत और संस्कृति पर गर्व करते हुए आगे बढ़ रहा है।

महाकुंभ में हमने देखा कि लाखों-करोड़ों की संख्या में युवा पीढ़ी पहुंची और सनातन परंपरा से जुड़कर गौरव से भर उठी। भारत का युवा आज देश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए काम कर रहा है। यही युवा 2047 के विकसित भारत की ध्वजा थामे हुए हैं। मुझे भरोसा है कि संगठन, समर्पण और सेवा की त्रिवेणी विकसित भारत की यात्रा को ऊर्जा और दिशा देती रहेगी।

भारत अब मदद करने का केंद्र है-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि 'वसुधैव कुटुंबकम' का मंत्र आज विश्व के कोने-कोने में गूंज रहा है। जब कोविड जैसी महामारी आती है, तो भारत विश्व को परिवार मानकर वैक्सीन उपलब्ध कराता है। दुनिया में कहीं भी प्राकृतिक आपदा हो, भारत पूरे मनोयोग से सेवा के लिए खड़ा होता है। म्यांमार में इतना बड़ा भूकंप आया है, भारत ऑपरेशन ब्रह्मा के साथ वहां के लोगों की मदद के लिए सबसे पहले पहुंच गया है। जब तुर्किए में भूकंप आया, जब नेपाल में भूकंप आया, जब मॉलदीव्स में पानी का संकट आया, भारत ने मदद करने में घड़ी भर की भी देर नहीं लगाई। युद्ध जैसे हालातों में हम दूसरे देशों के नागरिकों को भी सुरक्षित निकालकर लाते हैं। दुनिया देख रही है भारत आज जब प्रगति कर रहा है, तो पूरे ग्लोबल साउथ की आवाज़ भी बन रहा है। विश्व-बंधु की ये भावना... हमारे ही संस्कारों का विस्तार है।

दिल्ली हाईकोर्ट जज के घर मिले नकदी मामले ने पकड़ा तूल, राज्यसभा में भी गूंज

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दिल्ली हाई कोर्ट में कार्यरत एक सीनियर जज के घर से भारी संख्या में नकदी बरामद होने की खबर से लोग सकते में हैं। एक जज के घर से कथित तौर पर नकदी बरामद होने का मामला शुक्रवार को राज्यसभा में भी गूंजा। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर व्यवस्थित चर्चा के लिए कोई व्यवस्था ढूंढ़ेंगे।

कांग्रेस के जयराम रमेश ने सुबह के सत्र में यह मुद्दा उठाया। जयराम रमेश ने इस मुद्दे को सदन में उठाते हुए न्यायिक जवाबदेही पर सभापति से जवाब मांगा और इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज के खिलाफ महाभियोग के संबंध में लंबित नोटिस के बारे में याद दिलाया। रमेश ने कहा कि आज सुबह, हमने दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के आवास पर भारी मात्रा में नकदी पाए जाने के चौंकाने वाले मामले के बारे में पढ़ा। रमेश ने यह भी याद दिलाया कि पहले 50 सांसदों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज के खिलाफ महाभियोग का नोटिस दिया था, लेकिन उस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने चेयरमैन से अनुरोध किया कि न्यायिक जवाबदेही बढ़ाने के लिए सरकार को दिशा-निर्देश दिए जाएं।

राज्यसभा के चेयरमैन और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है और वह इस मुद्दे पर एक स्ट्रक्चर्ड डिस्कशन करवाएंगे। धनखड़ ने कहा कि उन्हें इस बात से परेशानी है कि घटना हुई लेकिन तत्काल सामने नहीं आई। उन्होंने कहा कि यदि ऐसी घटना किसी राजनेता, नौकरशाह या उद्योगपति से संबंधित होती तो संबंधित व्यक्ति तुरंत 'लक्ष्य' बन जाता। उन्होंने कहा, इसलिए, मुझे विश्वास है कि पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी प्रणालीगत प्रतिक्रिया सामने आएगी।

सभापति ने आगे कहा कि वह सदन के नेता और विपक्ष के नेता से संपर्क करेंगे और सत्र के दौरान चर्चा कराने की कोशिश करेंगे। महाभियोग मामले पर सभापति ने कहा कि उन्हें राज्यसभा के 55 सदस्यों से प्रतिवेदन मिला है। उन्होंने कहा कि अधिकांश सदस्यों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, जिससे मुझे अपना कर्तव्य निभाने में मदद मिली। उन्होंने शेष सदस्यों से उन्हें भेजे गए ई-मेल का जवाब देने की अपील की।

धनखड़ ने कहा कि अगर हस्ताक्षर करने वालों की संख्या 50 से ऊपर है तो वह उसी के अनुसार आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि ज्यादातर सदस्यों ने सहयोग किया है। जिन सदस्यों ने अभी तक अपना जवाब नहीं भेजा है वे कृपया उन्हें भेजे गए दूसरे मेल का जवाब दें। तब मेरे स्तर पर प्रक्रिया में देरी नहीं होगी, यहां तक कि एक पल के लिए भी नहीं। सभापति ने सदन को यह भी सूचित किया कि प्रतिनिधित्व पर हस्ताक्षर करने वाले 55 सदस्यों में से एक सदस्य के हस्ताक्षर दो जगहों पर हैं और संबंधित सदस्य ने दूसरा हस्ताक्षर करने से इनकार किया है।

मैं पीएम मोदी की बात का समर्थन करना चाहता था’, प्रधानमंत्री के संबोधन पर राहुल गांधी ने ऐसा क्यों कहा?


#rahul_gandhi_raised_question_on_pm_modis_speech

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रयागराज में हाल ही में संपन्न 'महाकुंभ' के सफल आयोजन को लेकर लोकसभा में बयान दिया। प्रधानमंत्री ने महाकुंभ के सफल आयोजन को लेकर लोगों का आभार जताया। पीएम मोदी के संबोधन के बाद विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया। पीएम मोदी ने जैसे ही प्रयागराज महाकुंभ पर अपना संबोधन खत्म किया, विपक्ष के सांसद खड़े होकर वेल तक आ गए और सवाल करने की मांग करने लगे।

प्रधानमंत्री मोदी के महाकुंभ पर दिए गए बयान के बाद सांसद राहुल गांधी के साथ-साथ पार्टी के अन्य नेताओं ने उन पर निशाना साधना शुरू कर दिया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा महाकुंभ पर वक्तव्य दिए जाने के बाद मंगलवार को कहा कि उन्होंने (मोदी ने) आयोजन स्थल पर भगदड़ में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि नहीं दी और सदन में विपक्ष के नेता के तौर पर उन्हें बोलने नहीं मौका नहीं मिला।

संसद परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कुंभ हमारी परंपरा है, इतिहास है, संस्कृति है। लेकिन हमें इस बात की शिकायत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंभ में जान गंवाने वालों के बारे में कुछ नहीं कहा। मृतकों को श्रद्धांजलि तक नहीं दी। राहुल गांधी ने कहा कि कुंभ में जाने वाले युवाओं को प्रधानमंत्री से रोजगार भी चाहिए। प्रधानमंत्री को रोजगार के बारे में भी बोलना चाहिए था।

वहीं, लोकसभा में महाकुंभ पर पीएम मोदी के संबोधन पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा पीएम महाकुंभ पर सकारात्मक बोल रहे थे। विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए था, क्योंकि विपक्ष को भी महाकुंभ के प्रति भावनाएं है। अगर हम अपनी बात रखते हैं तो उन्हें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। विपक्ष को भी दो मिनट बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए थी।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ के आयोजन पर अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में अनेक अमृत निकले हैं। एकता का अमृत इसका पवित्र प्रसाद है। इस आयोजन में देश के हर क्षेत्र और हर कोने से आकर एक हो गए। लोग अहम् से वयम् के भाव में एक हुए। पीएम मोदी ने लोकसभा में आज अपने भाषण में कहा कि महाकुंभ विरासत से जुड़ने की पूंजी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को जनता-जनार्दन का, जनता-जनार्दन से प्रेरित और जनता-जनार्दन का आयोजन बताया।

No Student Union Elections for Five Years at TMBU, Leaving Students Without Leadership

No Student Union Elections for Five Years at TMBU, Leaving Students Without Leadership

Correspondent, Bhagalpur, Bihar

Students at Tilka Manjhi Bhagalpur University (TMBU) are facing numerous challenges. However, the university remains unaware of these issues because there is no representative to voice the students' concerns. The primary reason for this is that no student union elections have been held for the past five years.

TMBU student Hrishikesh Prakash stated that the absence of student union elections over the last five years has left students without proper representation. This situation has arisen due to internal conflicts among university officials. Although various student organizations continuously demand elections, no concrete steps have been taken in this regard.

It is noteworthy that student union elections were held in 2018 and 2019 during the tenure of former DSW Professor Yogendra. The student union plays a crucial role in university governance, as its members are also included in bodies like the Senate, Syndicate, and Academic Council. This ensures that students' concerns are effectively raised in important university meetings, ultimately benefiting them.

Students will now have elected representatives only in the upcoming academic session. Only after that will they have representation in the Senate and Syndicate.

Bhagalpur University student Hrishikesh Prakash has met with the university administration, urging them to conduct elections at the earliest to resolve students' issues as soon as

possible.

कौन हैं प्रोफेसर शाइजा? गोडसे को महान बताने वाली NIT कालीकट की प्रोफेसर में मिला अहम पद, विवाद शुरू

#professor_dr_shaija_praised_nathuram_godse_given_important_post

महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा कर विवादों में आईं एनआईटी कालीकट की महिला प्रोफेसर शाइजा ए को अहम पद दिया गया है। उन्हें NIT-कालीकट में योजना और विकास विभाग का डीन नियुक्त किया गया है। उधर इस नियुक्ति के बाद विवाद छिड़ गया है। इस फैसले पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की है। दरअसल, प्रोफेसर शाइजा ए पर महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर नाथूराम गोडसे की प्रशंसा का आरोप है। इसी मामले को लेकर फरवरी 2024 में शाइजा को गिरफ्तार भी किया गया था।हालांकि कुछ समय बाद उनको जमानत मिल गई।

प्रोफेसर शाइजा ए को योजना एवं विकास विभाग का डीन बनाए जाने का मामला लगातार तूल पकड़ता दिख रहा है। इस नियुक्ति को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल राव ने भी इस पर आपत्ति जताया है और फैसले को वापस लिए जाने की मांग की है।

राहुल गांधी के बेहद करीबी नेताओं में गिने वाले वेणुगोपाल राव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर नियुक्ति पर निराशा जताई। उन्होंने कहा, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बार-बार अपना असली रंग दिखाती है। यह फैसला एक तरह से गांधी-विरोधी विचारों का खुला-खुला समर्थन है, और यह गोडसे को बढ़ावा देने तथा हमारे सार्वजनिक विमर्श में उनके नफरत भरे एजेंडे को मुख्यधारा में लाने का उनका तरीका है।

नियुक्ति को रद्द करने की मांग करते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि महात्मा गांधी के हत्यारों की तारीफ करने वाले ऐसे लोगों को सार्वजनिक जीवन में कोई जगह नहीं मिलनी चाहिए, राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में जिम्मेदारी के पदों पर प्रमोट किया जाना तो दूर की बात है। इस फैसले को वापस लिया जाना चाहिए।

बता दें कि 2024 में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर प्रोफेसर शाइजा ए ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए नाथूराम गोडसे की प्रशंसा की थी। उन्होंने एक वकील की ओर से किए गए पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा था कि, उन्हें महात्मा गांधी की हत्या के लिए गोडसे पर गर्व है, इस घटना की वजह से ही भारत बच पाया। उसमें लिखा था कि हिंदू महासभा कार्यकर्ता नाथूराम गोडसे भारत में कई लोगों के नायक है। विवाद बढ़ता देख शैजा ने टिप्पणी हटा ली थी, लेकिन इसका स्क्रीनशॉट वायरल हो गया था।

इसी पोस्ट के खिलाफ कांग्रेस और वाम दलों की ओर से प्रोफेसर शाइजा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया था। उनके ऊपर दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाने का मामला दर्ज किया गया था। हालांकि बाद में उन्हें जमानत दे दी गई।