छत्तीसगढ़ के 14 जिलों में भीषण बारिश का अलर्ट, मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

रायपुर- छत्तीसगढ़ में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने आगामी 48 घंटों के लिए प्रदेश के 14 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस चेतावनी में बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, कोरबा समेत प्रदेश के मध्य और दक्षिणी हिस्सों में भारी बारिश, गरज-चमक और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है।

मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर के अनुसार, वर्तमान में मानसून द्रोणिका (ट्रफ लाइन) पूर्व-दक्षिणपूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी तक सक्रिय है। साथ ही एक ऊपरी हवा का चक्रवात दक्षिण उड़ीसा और उसके आसपास 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैला हुआ है। इसके अलावा 13 डिग्री उत्तर अक्षांश पर उत्तर मध्य कर्नाटक से दक्षिण आंध्र प्रदेश तक एक पूर्व-पश्चिम द्रोणिका भी मौजूद है, जिससे वर्षा की गतिविधियां और तेज होने की आशंका है।

22 जुलाई को प्रदेश के अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। गरज-चमक और वज्रपात के भी आसार हैं, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, 24 जुलाई तक एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, जो आगामी दिनों में वर्षा को और अधिक सक्रिय बना सकता है। खासकर दक्षिण छत्तीसगढ़ के कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा में तेज बारिश और वज्रपात का विशेष खतरा बना रहेगा।

इन जिलों में है गरज-चमक और हल्की बारिश की संभावना:

सरगुजा, जशपुर, रायगढ़, महासमुंद, बलौदा बाजार, रायपुर, गरियाबंद, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव और दुर्ग।

राजधानी रायपुर का मौसम:

आज रायपुर में बादल छाए रहेंगे और एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।

मौसम विभाग की अपील:

मौसम विभाग ने लोगों को गरज-चमक और वज्रपात के समय खुले स्थानों से दूर रहने, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का कम इस्तेमाल करने की सलाह दी है। किसान, ग्रामीण क्षेत्र के लोग और यात्री विशेष सतर्कता बरतें।

छात्रवृत्ति पाने के लिए अब आधार आधारित ई-केवाईसी और ओटीआर पंजीकरण अनिवार्य

गोंडा 22 जुलाई 2025। - वित्तीय वर्ष 2025-26 में दशमोत्तर एवं पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर भारत सरकार ने बड़ी व्यवस्था लागू की है। अब छात्रवृत्ति का लाभ पाने के लिए छात्रों को आधार आधारित बायोमैट्रिक ई-केवाईसी और वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) कराना अनिवार्य होगा। इस संबंध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 29 मई 2025 को निर्देश जारी किए गए हैं।

नई व्यवस्था के तहत छात्र, संस्थान प्रमुख (HOI) तथा राज्य, जनपद और संस्थागत स्तर के नोडल अधिकारियों (SNO/DNO/INO) सभी को आधार आधारित बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण कराना होगा। राज्य पोर्टल पर छात्र जब ओटीआर पंजीकरण करेंगे, तो उनका व्यक्तिगत विवरण सीधे आधार से स्वतः प्राप्त हो जाएगा। यदि किसी छात्र का आधार विवरण गलत है, तो संबंधित शिक्षण संस्थान को यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्र उसका संशोधन समय से करवा लें। शिक्षा मंत्रालय द्वारा यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सभी संस्थाएं AISHE कोड समय से प्राप्त करें। यदि किसी संस्था की दो या अधिक विश्वविद्यालयों से संबद्धता है, तो उसे सभी विश्वविद्यालयों की जानकारी AISHE पोर्टल पर अपडेट करनी होगी। साथ ही प्रत्येक संस्थान के पास वैध और सक्रिय AISHE या UDISE कोड, तथा NCVT/SCVT कोड होना अनिवार्य है।

इसके अतिरिक्त, छात्रवृत्ति योजना नियमावली - 2023 के अनुसार केवल उन्हीं छात्रों को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ मिलेगा जो केंद्र या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के एनबीए (नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रेडिटेशन) से ग्रेडिंग प्राप्त पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत हैं। यदि किसी संस्थान को यह ग्रेडिंग प्राप्त नहीं है, तो वहां अध्ययन करने वाले छात्र छात्रवृत्ति के पात्र नहीं होंगे।

जिला प्रशासन ने जनपद के समस्त शिक्षण संस्थानों और उनके छात्रों को इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही समय से सुनिश्चित करने की अपील की है, ताकि पात्र छात्रों को समयबद्ध और सुचारु रूप से योजना का लाभ मिल सके।

बिहार के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान हेतु भरें गणना प्रपत्र

गोण्डा 22 जुलाई 2025। - बिहार राज्य में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 को प्रवासी निर्वाचको के मध्य जागरूकता हेतु बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह दीनदयाल ने सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश को कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि पुनरीक्षण अवधि में बिहार राज्य में पंजीकृत कई मतदाता अस्थाई रूप से राज्य से बाहर रह रहे हैं, वे भी इस प्रक्रिया के बारे में जागरूक हो सके इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा ऐप एवं वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन गणना प्रपत्र भरने की सुविधा प्रदान की गई है।

बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के अंतर्गत 24 जून 2025 तक कुल 7 करोड़ 89 लाख 69 हजार 844 मतदाताओं में से अब तक 6 करोड़ 99 लाख 92 हजार 926 मतदाताओं से गणना प्रपत्र प्राप्त किया जा चुके हैं इनमें से 6.85% मतदाता अभी भी शेष हैं।

बिहार के पंजीकृत मतदाता जो अस्थाई रूप से गोण्डा या किसी अन्य जनपद या राज्य में रह रहे है वे अपने मोबाइल फोन, वेबसाइट वीओटीईआरएस डॉट जीओवी डॉट आईएन अथवा ईसीआईएनईटी ऐप के माध्यम से ऑनलाइन गणना प्रपत्र स्वयं भर सकते हैं। इसके अलावा वे प्री फिल्ड फॉर्म डाउनलोड कर हस्ताक्षर प्रति को व्हाट्सएप, ई-मेल या अन्य माध्यम से बीएलओ तक भेज सकते हैं या परिवार के सदस्य के माध्यम से बीएलओ को प्रेषित कर सकते हैं।

विशेष गहन पुनरीक्षण में गणना प्रपत्र भरने हेतु ये 11 दस्तावेजों में से कोई भी एक दस्तावेज संलग्न किया जा सकता है।

1- केंद्रीय/राज्य सरकार/पीएसयू के नियमित कर्मचारी/पेंशनधारी को जारी पहचान पत्र

2- एक जुलाई 1987 से पूर्व भारत में किसी सरकारी/स्थानीय निकाय/बैंक/डाकघर/एलआईसी/पीएसयू द्वारा जारी कोई दस्तावेज

3- सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र

4- पासपोर्ट

5- मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय द्वारा जारी शैक्षणिक प्रमाण पत्र

6- सक्षम राज्य प्राधिकारी द्वारा जारी स्थाई निवास प्रमाण पत्र

7- वन अधिकार पत्र

8- सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र

9- नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर

10- राज्य/स्थानीय प्राधिकारी द्वारा तैयार पारिवारिक रजिस्टर

11- सरकार द्वारा जारी भूमि या मकान आवंटन प्रमाण पत्र

इनमें से कोई भी एक गणना प्रपत्र के साथ-साथ संलग्न किया जा सकता है यदि दस्तावेज तत्काल उपलब्ध न हो तो दस्तावेज बाद में 25 जुलाई तक अथवा दावा आपत्ति अवधि 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 में भी प्रस्तुत किए जा सकते हैं। प्रारूप मतदाता सूची में मतदाता का नाम सम्मिलित होने हेतु गणना प्रपत्र 25 जुलाई 2025 तक उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है।

ननकीराम कंवर ने जीएसटी विभाग में हुए भर्ती परीक्षा पर उठाये सवाल, प्रधानंत्री को पत्र लिखकर की सीबीआई जांच की मांग



कोरबा- बीजेपी के सीनियर आदिवासी नेता और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने एक बार फिर भर्ती परीक्षा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये है। ननकीराम कंवर ने छत्तीसगढ़ में हुए जीएसटी विभाग में 350 पदों के लिए हुए भर्ती प्रक्रिया में धांधली और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस भर्ती प्रक्रिया की सीबीआई से जांच की मांग की है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में पीएससी घोटाला को उजागर करने वाले पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने कांग्रेस सरकार में हुए एक और परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया है। ननकीराम कंवर ने आरोप लगााया है कि जीएसटी विभाग में 2021 और 2022 में आयोजित वाणिज्यिक कर निरीक्षक के लिए 350 पदों पर परीक्षा ली गयी थी। उन्होने आरोप लगाया है कि इस परीक्षा के ठीक 2 दिन पहले चयनित अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र मुहैय्या करा दिया गया था।

ननकीराम कंवर ने आरोप लगाया है कि जीएसटी में होने वाली भर्ती की परीक्षा व्यापमं के जरिये ली जानी थी। लेकिन पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में ऐसा न कर विभाग ने भर्ती परीक्षा ली, जिससे भर्ती प्रक्रिया में खुलकर धांधली करते हुए अपने मनचाहे अभ्यर्थियों की भर्ती की गयी। ननकीराम कंवर ने तत्कालीन आयुक्त समीर बिश्नोई के पीए और अन्य उच्च अधिकारियों से जुड़े कर्मचारियों के चयन पर भी सवाल उठाए हैं।

ननकीराम कंवर ने परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों को 80 से 100 प्रतिशत अंक मिलने पर अभ्यर्थियों को पहले ही प्रश्न पत्र मुहैय्या कराने की आशंका जतायी है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले में शिकायत कर सीबीआई से उक्त भर्ती प्रक्रिया की जांच कराने की मांग की है। उधर ननकीराम कंवर के इस आरोप के बाद हड़कंप मचा हुआ है। ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि ननकीराम कंवर की शिकायत पर यदि केंद्र सरकार भर्ती प्रक्रिया की जांच शुरू कराता है, तो कई अधिकारी इस जांच के दायरे में आयेंगे।

राज्य सरकार प्रतिबद्ध है प्रदेश के हर खिलाड़ी को अवसर, संसाधन और मंच देने के लिए : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-  खेल प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के हर खिलाड़ी को उसकी मेहनत, लगन और क्षमता के अनुरूप अवसर, संसाधन और मंच उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने महासमुंद जिले की नवोदित तीरंदाज नवलीन कौर को आगामी राष्ट्रीय खेलों में तीरंदाजी में स्थान बनाने पर बधाई और शुभकामनाएँ दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवलीन जैसी खिलाड़ी छत्तीसगढ़ के भविष्य की नींव हैं और सरकार उन्हें खेल के हर स्तर पर निखारने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।

जन्म से ही स्वास्थ्यगत चुनौतियों से जूझने वाली नवलीन ने इसे अपनी कमज़ोरी नहीं, बल्कि ताकत में बदल दिया और खेल को अपना जीवन-मार्ग चुना। उन्होंने फरवरी 2025 में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर यह साबित कर दिया कि इच्छाशक्ति और मेहनत के आगे कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।

महासमुंद जिले के बागबाहरा की निवासी नवलीन कौर, अरविंद एवं रंजीत कौर छाबड़ा की सुपुत्री हैं। उनका जन्म गर्भावस्था के सातवें महीने में हुआ था, जिससे प्रारंभिक वर्षों में स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियाँ रहीं। आस-पड़ोस, रिश्तेदार और परिचित हमेशा उनकी तबीयत के बारे में पूछते रहते थे, जिससे वह कभी-कभी उदास हो जाती थीं। लेकिन नवलीन ने इस जिज्ञासा को चुनौती के रूप में स्वीकार किया और खुद को एक नई दिशा में ढाल दिया।

वर्ष 2018 में नवलीन ने बागबाहरा से लगभग पांच किलोमीटर दूर स्थित बिहाझर बालाश्रम में तीरंदाजी का प्रशिक्षण प्रारंभ किया। वे महासमुंद जिले की पहली महिला तीरंदाज बनीं। स्कूली शिक्षा के दौरान उन्होंने दो बार राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक हासिल किए और एक बार राष्ट्रीय स्तर की स्कूली तीरंदाजी प्रतियोगिता में चौथा स्थान अर्जित किया। वर्ष 2023 में उन्होंने गुजरात में आयोजित एफजीएफआई राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया और राज्य स्तरीय सीनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त किया।

नवलीन का लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पदक जीतना है। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में कंपाउंड बो से खेला जाता है, जिसके लिए उनके परिजनों ने उन्हें एक नया आधुनिक कंपाउंड धनुष प्रदान किया है। उन्होंने सिटी ओपन तीरंदाजी प्रतियोगिता में कंपाउंड राउंड बालिका वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त कर इसकी शानदार शुरुआत की है। वर्तमान में नवलीन कोच श्री एवन साहू एवं खेल अधिकारी मनोज धृतलहरे से तीरंदाजी के गुर सीख रही हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि क्रिकेट की लोकप्रियता के इस दौर में कोई खिलाड़ी यदि तीरंदाजी जैसे विशिष्ट खेल में कड़ी मेहनत करके प्रदेश और देश के लिए मेडल लाने की दिशा में काम कर रहा है, तो यह न केवल सराहनीय है बल्कि प्रेरणास्पद भी। नवलीन जैसी प्रतिभाएं छत्तीसगढ़ के युवाओं को यह संदेश देती हैं कि प्रतिबद्धता, अभ्यास और आत्मविश्वास के बल पर कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

09 पीड़ित परिवारों को एससी एसटी अत्याचार निवारण के तहत 801353 रुपया मुआवजा दिया : डीएम

गया जी (मनीष कुमार): अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अत्याचार से पीड़ित व्यक्तियों के लिए सुविधा प्रदान करने के लिए बिहार सरकार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुआवजा प्रदान करना है। जिलाधिकारी शशांक शुभंकर द्वारा कल संध्या दिनांक 21 जुलाई 2025 को 13 पीड़ित लाभुकों को 801353 रुपये (8 लाख 01 हजार तीन सौ तिरपन रुपये) की राशि मुआवजा भुगतान कराने का आदेश दिया है, जो सीधे पीड़ित परिवार के बैंक खाते में जाएगी। उन्होंने बताया कि गया जिला के विभिन्न थानों से प्राप्त प्राथमिकी एवं आरोप पत्र पर भुनसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 एवं समय-समय पर पीडित/पीड़िता को राहत अनुदान के कुल 13 मामले जिसमें प्राथमिकी के आधार पर 10 एवं आरोप पत्र के आधार पर 03 मामलो में मुआवजा भुगतान हेतु जिलाधिकारी के द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी। जिसमें प्रथम किस्त के 10 मामलो में कुल राशि- 551353/- एवं द्वितीय किस्त के 03 मामलो में कुल राशि- 250000/- के भुगतान का आदेश दिया गया।

प्रथम क़िस्त की राशि:-

शेरघाटी थाना क्षेत्र के ग्राम करमैनी डोभी अंतर्गत राधा कुमारी को प्रथम क़िस्त रूप में 250000 रुपया,

कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम/ मोहल्ला गोल बगीचा अंतर्गत निकिता रजक को प्रथम क़िस्त रूप में 50150 रुपया,

विष्णुपद थाना क्षेत्र के ग्राम माडणपुर अंतर्गत शनिराज को प्रथम क़िस्त रूप में 25150 रुपया,

बाराचट्टी थाना क्षेत्र के ग्राम छौराबन्ध अंतर्गत विजय राम को प्रथम क़िस्त रूप में 25150 रुपया,

चाकण्ड थाना क्षेत्र के ग्राम बीथोशरीफ अंतर्गत विष्णुदेव को प्रथम क़िस्त रूप में 25150 रुपया,

शेरघाटी थाना क्षेत्र के ग्राम लखन तकिया अंतर्गत सोनू कुमार को प्रथम क़िस्त रूप में 25152 रुपया,

टिकारी थाना क्षेत्र के ग्राम पंचानपुर अंतर्गत लक्ष्मण मांझी को प्रथम क़िस्त रूप में 50150 रुपया,

फतेहपुर थाना क्षेत्र के ग्राम टनकुप्पा अंतर्गत चंदन कुमार को प्रथम क़िस्त रूप में 25150 रुपया,

बोधगया थाना क्षेत्र के ग्राम बसाधि अंतर्गत शिवा रविदास को प्रथम क़िस्त रूप में 50150 रुपया,

विष्णुपद थाना क्षेत्र के ग्राम/मोहल्ला राम सागर अंतर्गत लालमुनि देवी को प्रथम क़िस्त रूप में 25150 रुपया,

द्वितीय किस्त की राशि:-

गुरारू थाना क्षेत्र के ग्राम कनौसी कोच अंतर्गत संध्या कुमारी को द्वितीय क़िस्त रूप में 50000 (पचास हजार) रुपया,

खिजरसराय थाना क्षेत्र के ग्राम धरम बिगहा अंतर्गत सुदेशी मांझी को द्वितीय क़िस्त रूप में 100000 (एक लाख) रुपया,

टिकारी थाना क्षेत्र के ग्राम आजादनगर अंतर्गत पार्वती देवी को द्वितीय क़िस्त रूप में 01 लाख रुपया मुआवजा के रूप में भुगतान किया गया।

डीएम ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यो को अत्याचार से सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार के द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम है। इस अधिनियम के के तहत् अत्याचार के मामलो में राहत अनुदान की राशि का भुगतान पीड़ित / पीड़िता को उनके आधार से सम्बद्ध बैंक खातो पर DBT के माध्यम से किया जा रहा है। इस अधिनियम के तहत् गाली गलौज एवं अपमानित करने के मामले में धारा 3 (1) (r) (s) मे कुल राशि 100000/- रू० जिसमें प्राथमिकी पर 25% (25000/-) माननीय न्यायालय में आरोप पत्र भेजे जाने पर 50% (50000/-) तथा दोष सिद्ध होने के उपरांत शेष 25% (25000/-) राशि का भुगतान किया जाता है।

मार पीट / गम्भीर चोट के मामलो में इस अधिनियम की धारा 3 (2) (va) के तहत् कुल राशि 200000/- जिसमें प्राथमिकी पर 25% (50000/-) माननीय न्यायालय में आरोप पत्र भेजे जाने पर 50% (100000/-) तथा दोष सिद्ध होने के उपरांत शेष 25% (50000/-) राशि का भुगतान किया जाता है।

बलात्संग एवं सामुहिक बलात्संग के मामले में क्रमशः 500000/- एवं 825000/- जिसमें चिकित्सा जांच और पुष्टि के पश्चात् 50% तथा न्यायालय में आरोप पत्र भेजे जाने पर 25% तथा दोष सिद्धि के उपरांत शेष 25% का भुगतान पीड़िता को उनके खाते पर DBT के माध्यम से किया जाता है।

हत्या या मृत्यु के मामलो में कुल अनुमान्य राशि 825000/- जिसमें शव परीक्षण के उपरांत 50% रू 412500/- तथा माननीय न्यायालय में आरोप पत्र भेजे जाने पर 50% 412500/- पीड़ित के आश्रित को रू० 5000/- एवं महंगाई भर्त्ता के साथ प्रतिमाह पेंशन तथा माननीय न्यायालय में आरोप गठन के उपरांत परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दिये जाने का प्रावधान है।

उपराष्ट्रपति धनखड़ का इस्तीफा मंजूर, पीएम मोदी ने की अच्छे स्वास्थ्य की कामना

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया है। धनखड़ ने राष्ट्रपति मुर्मू को पत्र भेजकर पद से इस्तीफे की बात कही थी। उन्होंने इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था। जिसके बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया है। जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व उपराष्ट्रपति के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मएक्स पर अपने पोस्ट में कहा, जगदीप धनखड़ को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।

इस्तीफे से पहले पूरे दिन राज्यसभा में सक्रिय रहे

इससे पहले सोमवार को धनखड़ पूरे दिन राज्यसभा में सक्रिय थे। सुबह उन्होंने विपक्ष को संसद को संवाद एवं चर्चा का सकारात्मक मंच बनाने की नसीहत दी और दोपहर बाद जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार करते हुए पूरी प्रक्रिया को स्पष्ट किया। जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ पेश महाभियोग के नोटिस में एक सांसद के दोहरे दस्तखत पर जांच बैठाने की भी घोषणा की थी।

मानसून सत्र के पहले दिन इस्तीफा

संसद के मानसून सत्र के पहले दिन ही उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा भेजकर कहा, 'स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने के लिए' मैं तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।

कांग्रेस बोली- पीछे कुछ और गहरे कारण

उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद सियासी पारा भी चढ़ गया है। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हो रहा है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट में कहा, इस अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है। इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हैं। पीएम मोदी धनखड़ को मन बदलने के लिए मनाएं। यह राष्ट्रहित में होगा। खासतौर पर कृषक समुदाय को बहुत राहत मिलेगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे के पीछे कोई और अधिक गहरे कारण”, कांग्रेस के दावे में कितनी सच्चाई?

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देश की सियासत में सोमवार को उस वक्त उबाल आ गया जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा दिया। इस्तीफे के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के पीछे कहीं ज्यादा गंभीर कारण हैं। यह उनकी ओर से बताए गए स्वास्थ्य कारणों से कहीं अधिक गंभीर हो सकते हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट में कहा- इस अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है। पीएम मोदी धनखड़ को मन बदलने के लिए मनाएं। यह राष्ट्रहित में होगा। खासतौर पर कृषक समुदाय को बहुत राहत मिलेगी।

जयराम रमेश ने कहा- मैं आज शाम (21 जुलाई) लगभग 5 बजे तक कई अन्य सांसदों के साथ उनके साथ था। कल दोपहर 12:30 बजे जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की अध्यक्षता की। इस बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत ज्यादातर सदस्य मौजूद थे। थोड़ी देर की चर्चा के बाद तय हुआ कि समिति की अगली बैठक शाम 4:30 बजे फिर से होगी। शाम 4:30 बजे धनखड़ की अध्यक्षता में समिति के सदस्य दोबारा बैठक के लिए इकट्ठा हुए। सभी नड्डा और रिजिजू का इंतजार करते रहे, लेकिन वे नहीं आए।

इसके पीछे कुछ और गहरे कारण- जयराम रमेश

जयराम ने लिखा, 'इससे साफ है कि कल दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे के बीच जरूर कुछ गंभीर बात हुई है, जिसकी वजह से जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने जानबूझकर शाम की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। शाम 7.30 बजे उनसे फोन पर बात की थी। अब एक बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसकी वजह अपनी सेहत को बताया है। हमें इसका मान रखना चाहिए, लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हैं।

विपक्ष को जगह देने की कोशिश की- जयराम रमेश

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि धनखड़ ने हमेशा 2014 के बाद के भारत की तारीफ की, लेकिन साथ ही किसानों के हितों के लिए खुलकर आवाज उठाई। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में बढ़ते अहंकार की आलोचना की और न्यायपालिका की जवाबदेही व संयम की जरूरत पर जोर दिया। मौजूदा ‘जी2’ सरकार के दौर में भी उन्होंने जहां तक संभव हो सका, विपक्ष को जगह देने की कोशिश की।

उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाने वालों की नीयत पर सवाल

अंत में जयराम रमेश ने कहा कि वह नियमों, प्रक्रियाओं और मर्यादाओं के पक्के थे। उन्हें लगता था कि उनकी भूमिका में लगातार इन बातों की अनदेखी हो रही है। जगदीप धनखड़ का इस्तीफा उनके बारे में बहुत कुछ कहता है। साथ ही यह उन लोगों की नीयत पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है, जिन्होंने उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाया था।

जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा, संसद सत्र के बीच पद छेड़ने वाले पहले उपराष्ट्रपति

#vicepresidentjagdeepdhankharresignfromhis_post

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। धनखड़ ने इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक लेटर लिखा है। इसमें स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला दिया है। धनखड़ ने कहा कि उन्होंने अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए डॉक्टरी सलाह के आधार पर यह फैसला किया है। उन्होंने अपने इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से स्वीकार करने की बात कहते हुए संविधान के अनुच्छेद 67(ए) का हवाला दिया है।

सत्र के बीच में पद से इस्तीफा

जगदीप धनखड़ ने अपने पत्र में राष्ट्रपति को उनके सहयोग और सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल को भी सहयोग के लिए आभार जताया। हालांकि, राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही उनका इस्तीफा प्रभावी होगा। इस समय संसद का मानसून सत्र चल रहा है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं। सत्र के बीच में पद से इस्तीफा देने वाले धनखड़ देश के पहले उपराष्ट्रपति हैं। साथ ही कार्यकाल के बीच में इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति भी हैं।

1969 में वीवी गिरी ने किया था इस प्रावधान का उपयोग

भारत के संविधान के आर्टिकल 67(A) के तहत उन्‍होंने ये कदम उठाया। भारत के 75 साल के इतिहास में यह दूसरी बार है जब इस नियम का इस्‍तेमाल किया गया है। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जो उपराष्ट्रपति के पद की गरिमा को भी अंडरलाइन करती है। इससे पहले साल 1969 में वीवी गिरी ने इस प्रावधान का उपयोग किया था। इससे पहले 20 जुलाई 1969 को वीवी गिरी ने राष्ट्रपति जाकिर हुसैन की मृत्यु के बाद राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए उपराष्ट्रपति पद छोड़ा था। गिरी बाद में भारत के राष्ट्रपति बने। वीवी गिरी का इस्तीफा एक महत्वपूर्ण मिसाल है क्योंकि उन्होंने राष्ट्रपति बनने की महत्वाकांक्षा के चलते पद छोड़ा था।

क्‍या कहता है आर्टिकल 67(A)?

भारतीय संविधान का आर्टिकल 67 उपराष्ट्रपति के कार्यकाल और पद से हटने की प्रक्रिया को परिभाषित करता है। इसके खंड (A) के तहत राष्ट्रपति को लिखित रूप में उपराष्ट्रपति इस्तीफा सौंपकर स्वेच्छा से पद छोड़ सकता है। खंड (B) में प्रावधान है कि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा में बहुमत और लोकसभा की सहमति से प्रस्ताव पारित कर हटाया जा सकता है, बशर्ते 14 दिन का नोटिस दिया जाए। धनखड़ ने अनुच्छेद 67(A) के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दिया, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य और चिकित्सकीय सलाह को प्राथमिकता देने की बात कही।

*কলকাতা লিগের প্রথম ডার্বি তে কল্যাণী স্টেডিয়ামে সমর্থকদের জন্য বিশেষ ব্যবস্থা*

Sports Desk : আগামী ২৬ জুলাই কল্যাণী স্টেডিয়ামে অনুষ্ঠিত হতে চলেছে কলকাতা লিগের প্রথম ডার্বি ম্যাচ। মুখোমুখি হচ্ছে মোহনবাগান ও ইষ্টবেঙ্গল।তাই আইএফএ চায়, এই ডার্বিকে একটু অন্যভাবে তুলে ধরতে। এই প্রথমবার শুধুমাত্র সমর্থকদের জন্য স্টেডিয়ামে থাকছে দুটো বিশেষ অ্যাম্বুলেন্স। গ্যালারির ১০টি জোনে থাকবেন স্থানীয় ডাক্তাররা। কোনও সমর্থক অসুস্থ হয়ে পড়লে দ্রুত যাতে চিকিৎসা দেওয়া যায়। এছাড়াও থাকছে গ্যালারির বাইরে খাবারের স্টল। গ্যালারিতেও বিক্রি হবে খাবার। প্রত্যেক গ্যালারিতে বিশুদ্ধ পানীয় জলের ডিস্পেনসর রাখা থাকবে। দুই টিমের সমর্থকদের জন্য সেলফি জোন যেমন থাকবে, তেমনই টিকিটের ব্যাপারেও থাকছে অভিনবত্ব। এই প্রথমবার সমর্থকরা মোবাইলে স্ক্যান করেই মাঠে ঢুকে যেতে পারবেন।তার জন্য প্রত্যেক গেটে একাধিক স্ক্যানার মেশিন রাখা থাকবে। আইএফএস সচিব অনির্বাণ দত্ত–র জানান, ‘লিগ ডার্বিকে এমন ভাবে মানুষের কাছে তুলে ধরতে চাই, যা আগে কখনও হয়নি।’ ডার্বি ম্যাচে আনার চেষ্টা করা হচ্ছে আইএম বিজয়নকে।যদিও সূত্রের খবর বিজয়ন জানিয়েছেন, তাঁর শরীর খারাপ।

ছবি সৌজন্যে: আইএফএ

छत्तीसगढ़ के 14 जिलों में भीषण बारिश का अलर्ट, मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

रायपुर- छत्तीसगढ़ में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने आगामी 48 घंटों के लिए प्रदेश के 14 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस चेतावनी में बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, कोरबा समेत प्रदेश के मध्य और दक्षिणी हिस्सों में भारी बारिश, गरज-चमक और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है।

मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर के अनुसार, वर्तमान में मानसून द्रोणिका (ट्रफ लाइन) पूर्व-दक्षिणपूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी तक सक्रिय है। साथ ही एक ऊपरी हवा का चक्रवात दक्षिण उड़ीसा और उसके आसपास 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैला हुआ है। इसके अलावा 13 डिग्री उत्तर अक्षांश पर उत्तर मध्य कर्नाटक से दक्षिण आंध्र प्रदेश तक एक पूर्व-पश्चिम द्रोणिका भी मौजूद है, जिससे वर्षा की गतिविधियां और तेज होने की आशंका है।

22 जुलाई को प्रदेश के अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। गरज-चमक और वज्रपात के भी आसार हैं, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, 24 जुलाई तक एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, जो आगामी दिनों में वर्षा को और अधिक सक्रिय बना सकता है। खासकर दक्षिण छत्तीसगढ़ के कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा में तेज बारिश और वज्रपात का विशेष खतरा बना रहेगा।

इन जिलों में है गरज-चमक और हल्की बारिश की संभावना:

सरगुजा, जशपुर, रायगढ़, महासमुंद, बलौदा बाजार, रायपुर, गरियाबंद, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव और दुर्ग।

राजधानी रायपुर का मौसम:

आज रायपुर में बादल छाए रहेंगे और एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।

मौसम विभाग की अपील:

मौसम विभाग ने लोगों को गरज-चमक और वज्रपात के समय खुले स्थानों से दूर रहने, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का कम इस्तेमाल करने की सलाह दी है। किसान, ग्रामीण क्षेत्र के लोग और यात्री विशेष सतर्कता बरतें।

छात्रवृत्ति पाने के लिए अब आधार आधारित ई-केवाईसी और ओटीआर पंजीकरण अनिवार्य

गोंडा 22 जुलाई 2025। - वित्तीय वर्ष 2025-26 में दशमोत्तर एवं पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर भारत सरकार ने बड़ी व्यवस्था लागू की है। अब छात्रवृत्ति का लाभ पाने के लिए छात्रों को आधार आधारित बायोमैट्रिक ई-केवाईसी और वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) कराना अनिवार्य होगा। इस संबंध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 29 मई 2025 को निर्देश जारी किए गए हैं।

नई व्यवस्था के तहत छात्र, संस्थान प्रमुख (HOI) तथा राज्य, जनपद और संस्थागत स्तर के नोडल अधिकारियों (SNO/DNO/INO) सभी को आधार आधारित बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण कराना होगा। राज्य पोर्टल पर छात्र जब ओटीआर पंजीकरण करेंगे, तो उनका व्यक्तिगत विवरण सीधे आधार से स्वतः प्राप्त हो जाएगा। यदि किसी छात्र का आधार विवरण गलत है, तो संबंधित शिक्षण संस्थान को यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्र उसका संशोधन समय से करवा लें। शिक्षा मंत्रालय द्वारा यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सभी संस्थाएं AISHE कोड समय से प्राप्त करें। यदि किसी संस्था की दो या अधिक विश्वविद्यालयों से संबद्धता है, तो उसे सभी विश्वविद्यालयों की जानकारी AISHE पोर्टल पर अपडेट करनी होगी। साथ ही प्रत्येक संस्थान के पास वैध और सक्रिय AISHE या UDISE कोड, तथा NCVT/SCVT कोड होना अनिवार्य है।

इसके अतिरिक्त, छात्रवृत्ति योजना नियमावली - 2023 के अनुसार केवल उन्हीं छात्रों को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ मिलेगा जो केंद्र या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के एनबीए (नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रेडिटेशन) से ग्रेडिंग प्राप्त पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत हैं। यदि किसी संस्थान को यह ग्रेडिंग प्राप्त नहीं है, तो वहां अध्ययन करने वाले छात्र छात्रवृत्ति के पात्र नहीं होंगे।

जिला प्रशासन ने जनपद के समस्त शिक्षण संस्थानों और उनके छात्रों को इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही समय से सुनिश्चित करने की अपील की है, ताकि पात्र छात्रों को समयबद्ध और सुचारु रूप से योजना का लाभ मिल सके।

बिहार के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान हेतु भरें गणना प्रपत्र

गोण्डा 22 जुलाई 2025। - बिहार राज्य में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 को प्रवासी निर्वाचको के मध्य जागरूकता हेतु बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह दीनदयाल ने सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश को कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि पुनरीक्षण अवधि में बिहार राज्य में पंजीकृत कई मतदाता अस्थाई रूप से राज्य से बाहर रह रहे हैं, वे भी इस प्रक्रिया के बारे में जागरूक हो सके इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा ऐप एवं वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन गणना प्रपत्र भरने की सुविधा प्रदान की गई है।

बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के अंतर्गत 24 जून 2025 तक कुल 7 करोड़ 89 लाख 69 हजार 844 मतदाताओं में से अब तक 6 करोड़ 99 लाख 92 हजार 926 मतदाताओं से गणना प्रपत्र प्राप्त किया जा चुके हैं इनमें से 6.85% मतदाता अभी भी शेष हैं।

बिहार के पंजीकृत मतदाता जो अस्थाई रूप से गोण्डा या किसी अन्य जनपद या राज्य में रह रहे है वे अपने मोबाइल फोन, वेबसाइट वीओटीईआरएस डॉट जीओवी डॉट आईएन अथवा ईसीआईएनईटी ऐप के माध्यम से ऑनलाइन गणना प्रपत्र स्वयं भर सकते हैं। इसके अलावा वे प्री फिल्ड फॉर्म डाउनलोड कर हस्ताक्षर प्रति को व्हाट्सएप, ई-मेल या अन्य माध्यम से बीएलओ तक भेज सकते हैं या परिवार के सदस्य के माध्यम से बीएलओ को प्रेषित कर सकते हैं।

विशेष गहन पुनरीक्षण में गणना प्रपत्र भरने हेतु ये 11 दस्तावेजों में से कोई भी एक दस्तावेज संलग्न किया जा सकता है।

1- केंद्रीय/राज्य सरकार/पीएसयू के नियमित कर्मचारी/पेंशनधारी को जारी पहचान पत्र

2- एक जुलाई 1987 से पूर्व भारत में किसी सरकारी/स्थानीय निकाय/बैंक/डाकघर/एलआईसी/पीएसयू द्वारा जारी कोई दस्तावेज

3- सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र

4- पासपोर्ट

5- मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय द्वारा जारी शैक्षणिक प्रमाण पत्र

6- सक्षम राज्य प्राधिकारी द्वारा जारी स्थाई निवास प्रमाण पत्र

7- वन अधिकार पत्र

8- सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र

9- नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर

10- राज्य/स्थानीय प्राधिकारी द्वारा तैयार पारिवारिक रजिस्टर

11- सरकार द्वारा जारी भूमि या मकान आवंटन प्रमाण पत्र

इनमें से कोई भी एक गणना प्रपत्र के साथ-साथ संलग्न किया जा सकता है यदि दस्तावेज तत्काल उपलब्ध न हो तो दस्तावेज बाद में 25 जुलाई तक अथवा दावा आपत्ति अवधि 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 में भी प्रस्तुत किए जा सकते हैं। प्रारूप मतदाता सूची में मतदाता का नाम सम्मिलित होने हेतु गणना प्रपत्र 25 जुलाई 2025 तक उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है।

ननकीराम कंवर ने जीएसटी विभाग में हुए भर्ती परीक्षा पर उठाये सवाल, प्रधानंत्री को पत्र लिखकर की सीबीआई जांच की मांग



कोरबा- बीजेपी के सीनियर आदिवासी नेता और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने एक बार फिर भर्ती परीक्षा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये है। ननकीराम कंवर ने छत्तीसगढ़ में हुए जीएसटी विभाग में 350 पदों के लिए हुए भर्ती प्रक्रिया में धांधली और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस भर्ती प्रक्रिया की सीबीआई से जांच की मांग की है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में पीएससी घोटाला को उजागर करने वाले पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने कांग्रेस सरकार में हुए एक और परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया है। ननकीराम कंवर ने आरोप लगााया है कि जीएसटी विभाग में 2021 और 2022 में आयोजित वाणिज्यिक कर निरीक्षक के लिए 350 पदों पर परीक्षा ली गयी थी। उन्होने आरोप लगाया है कि इस परीक्षा के ठीक 2 दिन पहले चयनित अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र मुहैय्या करा दिया गया था।

ननकीराम कंवर ने आरोप लगाया है कि जीएसटी में होने वाली भर्ती की परीक्षा व्यापमं के जरिये ली जानी थी। लेकिन पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में ऐसा न कर विभाग ने भर्ती परीक्षा ली, जिससे भर्ती प्रक्रिया में खुलकर धांधली करते हुए अपने मनचाहे अभ्यर्थियों की भर्ती की गयी। ननकीराम कंवर ने तत्कालीन आयुक्त समीर बिश्नोई के पीए और अन्य उच्च अधिकारियों से जुड़े कर्मचारियों के चयन पर भी सवाल उठाए हैं।

ननकीराम कंवर ने परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों को 80 से 100 प्रतिशत अंक मिलने पर अभ्यर्थियों को पहले ही प्रश्न पत्र मुहैय्या कराने की आशंका जतायी है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले में शिकायत कर सीबीआई से उक्त भर्ती प्रक्रिया की जांच कराने की मांग की है। उधर ननकीराम कंवर के इस आरोप के बाद हड़कंप मचा हुआ है। ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि ननकीराम कंवर की शिकायत पर यदि केंद्र सरकार भर्ती प्रक्रिया की जांच शुरू कराता है, तो कई अधिकारी इस जांच के दायरे में आयेंगे।

राज्य सरकार प्रतिबद्ध है प्रदेश के हर खिलाड़ी को अवसर, संसाधन और मंच देने के लिए : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-  खेल प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के हर खिलाड़ी को उसकी मेहनत, लगन और क्षमता के अनुरूप अवसर, संसाधन और मंच उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने महासमुंद जिले की नवोदित तीरंदाज नवलीन कौर को आगामी राष्ट्रीय खेलों में तीरंदाजी में स्थान बनाने पर बधाई और शुभकामनाएँ दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवलीन जैसी खिलाड़ी छत्तीसगढ़ के भविष्य की नींव हैं और सरकार उन्हें खेल के हर स्तर पर निखारने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।

जन्म से ही स्वास्थ्यगत चुनौतियों से जूझने वाली नवलीन ने इसे अपनी कमज़ोरी नहीं, बल्कि ताकत में बदल दिया और खेल को अपना जीवन-मार्ग चुना। उन्होंने फरवरी 2025 में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर यह साबित कर दिया कि इच्छाशक्ति और मेहनत के आगे कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।

महासमुंद जिले के बागबाहरा की निवासी नवलीन कौर, अरविंद एवं रंजीत कौर छाबड़ा की सुपुत्री हैं। उनका जन्म गर्भावस्था के सातवें महीने में हुआ था, जिससे प्रारंभिक वर्षों में स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियाँ रहीं। आस-पड़ोस, रिश्तेदार और परिचित हमेशा उनकी तबीयत के बारे में पूछते रहते थे, जिससे वह कभी-कभी उदास हो जाती थीं। लेकिन नवलीन ने इस जिज्ञासा को चुनौती के रूप में स्वीकार किया और खुद को एक नई दिशा में ढाल दिया।

वर्ष 2018 में नवलीन ने बागबाहरा से लगभग पांच किलोमीटर दूर स्थित बिहाझर बालाश्रम में तीरंदाजी का प्रशिक्षण प्रारंभ किया। वे महासमुंद जिले की पहली महिला तीरंदाज बनीं। स्कूली शिक्षा के दौरान उन्होंने दो बार राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक हासिल किए और एक बार राष्ट्रीय स्तर की स्कूली तीरंदाजी प्रतियोगिता में चौथा स्थान अर्जित किया। वर्ष 2023 में उन्होंने गुजरात में आयोजित एफजीएफआई राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया और राज्य स्तरीय सीनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त किया।

नवलीन का लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पदक जीतना है। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में कंपाउंड बो से खेला जाता है, जिसके लिए उनके परिजनों ने उन्हें एक नया आधुनिक कंपाउंड धनुष प्रदान किया है। उन्होंने सिटी ओपन तीरंदाजी प्रतियोगिता में कंपाउंड राउंड बालिका वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त कर इसकी शानदार शुरुआत की है। वर्तमान में नवलीन कोच श्री एवन साहू एवं खेल अधिकारी मनोज धृतलहरे से तीरंदाजी के गुर सीख रही हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि क्रिकेट की लोकप्रियता के इस दौर में कोई खिलाड़ी यदि तीरंदाजी जैसे विशिष्ट खेल में कड़ी मेहनत करके प्रदेश और देश के लिए मेडल लाने की दिशा में काम कर रहा है, तो यह न केवल सराहनीय है बल्कि प्रेरणास्पद भी। नवलीन जैसी प्रतिभाएं छत्तीसगढ़ के युवाओं को यह संदेश देती हैं कि प्रतिबद्धता, अभ्यास और आत्मविश्वास के बल पर कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

09 पीड़ित परिवारों को एससी एसटी अत्याचार निवारण के तहत 801353 रुपया मुआवजा दिया : डीएम

गया जी (मनीष कुमार): अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अत्याचार से पीड़ित व्यक्तियों के लिए सुविधा प्रदान करने के लिए बिहार सरकार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुआवजा प्रदान करना है। जिलाधिकारी शशांक शुभंकर द्वारा कल संध्या दिनांक 21 जुलाई 2025 को 13 पीड़ित लाभुकों को 801353 रुपये (8 लाख 01 हजार तीन सौ तिरपन रुपये) की राशि मुआवजा भुगतान कराने का आदेश दिया है, जो सीधे पीड़ित परिवार के बैंक खाते में जाएगी। उन्होंने बताया कि गया जिला के विभिन्न थानों से प्राप्त प्राथमिकी एवं आरोप पत्र पर भुनसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 एवं समय-समय पर पीडित/पीड़िता को राहत अनुदान के कुल 13 मामले जिसमें प्राथमिकी के आधार पर 10 एवं आरोप पत्र के आधार पर 03 मामलो में मुआवजा भुगतान हेतु जिलाधिकारी के द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी। जिसमें प्रथम किस्त के 10 मामलो में कुल राशि- 551353/- एवं द्वितीय किस्त के 03 मामलो में कुल राशि- 250000/- के भुगतान का आदेश दिया गया।

प्रथम क़िस्त की राशि:-

शेरघाटी थाना क्षेत्र के ग्राम करमैनी डोभी अंतर्गत राधा कुमारी को प्रथम क़िस्त रूप में 250000 रुपया,

कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम/ मोहल्ला गोल बगीचा अंतर्गत निकिता रजक को प्रथम क़िस्त रूप में 50150 रुपया,

विष्णुपद थाना क्षेत्र के ग्राम माडणपुर अंतर्गत शनिराज को प्रथम क़िस्त रूप में 25150 रुपया,

बाराचट्टी थाना क्षेत्र के ग्राम छौराबन्ध अंतर्गत विजय राम को प्रथम क़िस्त रूप में 25150 रुपया,

चाकण्ड थाना क्षेत्र के ग्राम बीथोशरीफ अंतर्गत विष्णुदेव को प्रथम क़िस्त रूप में 25150 रुपया,

शेरघाटी थाना क्षेत्र के ग्राम लखन तकिया अंतर्गत सोनू कुमार को प्रथम क़िस्त रूप में 25152 रुपया,

टिकारी थाना क्षेत्र के ग्राम पंचानपुर अंतर्गत लक्ष्मण मांझी को प्रथम क़िस्त रूप में 50150 रुपया,

फतेहपुर थाना क्षेत्र के ग्राम टनकुप्पा अंतर्गत चंदन कुमार को प्रथम क़िस्त रूप में 25150 रुपया,

बोधगया थाना क्षेत्र के ग्राम बसाधि अंतर्गत शिवा रविदास को प्रथम क़िस्त रूप में 50150 रुपया,

विष्णुपद थाना क्षेत्र के ग्राम/मोहल्ला राम सागर अंतर्गत लालमुनि देवी को प्रथम क़िस्त रूप में 25150 रुपया,

द्वितीय किस्त की राशि:-

गुरारू थाना क्षेत्र के ग्राम कनौसी कोच अंतर्गत संध्या कुमारी को द्वितीय क़िस्त रूप में 50000 (पचास हजार) रुपया,

खिजरसराय थाना क्षेत्र के ग्राम धरम बिगहा अंतर्गत सुदेशी मांझी को द्वितीय क़िस्त रूप में 100000 (एक लाख) रुपया,

टिकारी थाना क्षेत्र के ग्राम आजादनगर अंतर्गत पार्वती देवी को द्वितीय क़िस्त रूप में 01 लाख रुपया मुआवजा के रूप में भुगतान किया गया।

डीएम ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यो को अत्याचार से सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार के द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम है। इस अधिनियम के के तहत् अत्याचार के मामलो में राहत अनुदान की राशि का भुगतान पीड़ित / पीड़िता को उनके आधार से सम्बद्ध बैंक खातो पर DBT के माध्यम से किया जा रहा है। इस अधिनियम के तहत् गाली गलौज एवं अपमानित करने के मामले में धारा 3 (1) (r) (s) मे कुल राशि 100000/- रू० जिसमें प्राथमिकी पर 25% (25000/-) माननीय न्यायालय में आरोप पत्र भेजे जाने पर 50% (50000/-) तथा दोष सिद्ध होने के उपरांत शेष 25% (25000/-) राशि का भुगतान किया जाता है।

मार पीट / गम्भीर चोट के मामलो में इस अधिनियम की धारा 3 (2) (va) के तहत् कुल राशि 200000/- जिसमें प्राथमिकी पर 25% (50000/-) माननीय न्यायालय में आरोप पत्र भेजे जाने पर 50% (100000/-) तथा दोष सिद्ध होने के उपरांत शेष 25% (50000/-) राशि का भुगतान किया जाता है।

बलात्संग एवं सामुहिक बलात्संग के मामले में क्रमशः 500000/- एवं 825000/- जिसमें चिकित्सा जांच और पुष्टि के पश्चात् 50% तथा न्यायालय में आरोप पत्र भेजे जाने पर 25% तथा दोष सिद्धि के उपरांत शेष 25% का भुगतान पीड़िता को उनके खाते पर DBT के माध्यम से किया जाता है।

हत्या या मृत्यु के मामलो में कुल अनुमान्य राशि 825000/- जिसमें शव परीक्षण के उपरांत 50% रू 412500/- तथा माननीय न्यायालय में आरोप पत्र भेजे जाने पर 50% 412500/- पीड़ित के आश्रित को रू० 5000/- एवं महंगाई भर्त्ता के साथ प्रतिमाह पेंशन तथा माननीय न्यायालय में आरोप गठन के उपरांत परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दिये जाने का प्रावधान है।

उपराष्ट्रपति धनखड़ का इस्तीफा मंजूर, पीएम मोदी ने की अच्छे स्वास्थ्य की कामना

#pmnarendramodipostvicepresidentjagdeepdhankharresign

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया है। धनखड़ ने राष्ट्रपति मुर्मू को पत्र भेजकर पद से इस्तीफे की बात कही थी। उन्होंने इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था। जिसके बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया है। जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व उपराष्ट्रपति के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मएक्स पर अपने पोस्ट में कहा, जगदीप धनखड़ को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।

इस्तीफे से पहले पूरे दिन राज्यसभा में सक्रिय रहे

इससे पहले सोमवार को धनखड़ पूरे दिन राज्यसभा में सक्रिय थे। सुबह उन्होंने विपक्ष को संसद को संवाद एवं चर्चा का सकारात्मक मंच बनाने की नसीहत दी और दोपहर बाद जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार करते हुए पूरी प्रक्रिया को स्पष्ट किया। जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ पेश महाभियोग के नोटिस में एक सांसद के दोहरे दस्तखत पर जांच बैठाने की भी घोषणा की थी।

मानसून सत्र के पहले दिन इस्तीफा

संसद के मानसून सत्र के पहले दिन ही उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा भेजकर कहा, 'स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने के लिए' मैं तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।

कांग्रेस बोली- पीछे कुछ और गहरे कारण

उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद सियासी पारा भी चढ़ गया है। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हो रहा है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट में कहा, इस अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है। इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हैं। पीएम मोदी धनखड़ को मन बदलने के लिए मनाएं। यह राष्ट्रहित में होगा। खासतौर पर कृषक समुदाय को बहुत राहत मिलेगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे के पीछे कोई और अधिक गहरे कारण”, कांग्रेस के दावे में कितनी सच्चाई?

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देश की सियासत में सोमवार को उस वक्त उबाल आ गया जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा दिया। इस्तीफे के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के पीछे कहीं ज्यादा गंभीर कारण हैं। यह उनकी ओर से बताए गए स्वास्थ्य कारणों से कहीं अधिक गंभीर हो सकते हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट में कहा- इस अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है। पीएम मोदी धनखड़ को मन बदलने के लिए मनाएं। यह राष्ट्रहित में होगा। खासतौर पर कृषक समुदाय को बहुत राहत मिलेगी।

जयराम रमेश ने कहा- मैं आज शाम (21 जुलाई) लगभग 5 बजे तक कई अन्य सांसदों के साथ उनके साथ था। कल दोपहर 12:30 बजे जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की अध्यक्षता की। इस बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत ज्यादातर सदस्य मौजूद थे। थोड़ी देर की चर्चा के बाद तय हुआ कि समिति की अगली बैठक शाम 4:30 बजे फिर से होगी। शाम 4:30 बजे धनखड़ की अध्यक्षता में समिति के सदस्य दोबारा बैठक के लिए इकट्ठा हुए। सभी नड्डा और रिजिजू का इंतजार करते रहे, लेकिन वे नहीं आए।

इसके पीछे कुछ और गहरे कारण- जयराम रमेश

जयराम ने लिखा, 'इससे साफ है कि कल दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे के बीच जरूर कुछ गंभीर बात हुई है, जिसकी वजह से जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने जानबूझकर शाम की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। शाम 7.30 बजे उनसे फोन पर बात की थी। अब एक बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसकी वजह अपनी सेहत को बताया है। हमें इसका मान रखना चाहिए, लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हैं।

विपक्ष को जगह देने की कोशिश की- जयराम रमेश

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि धनखड़ ने हमेशा 2014 के बाद के भारत की तारीफ की, लेकिन साथ ही किसानों के हितों के लिए खुलकर आवाज उठाई। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में बढ़ते अहंकार की आलोचना की और न्यायपालिका की जवाबदेही व संयम की जरूरत पर जोर दिया। मौजूदा ‘जी2’ सरकार के दौर में भी उन्होंने जहां तक संभव हो सका, विपक्ष को जगह देने की कोशिश की।

उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाने वालों की नीयत पर सवाल

अंत में जयराम रमेश ने कहा कि वह नियमों, प्रक्रियाओं और मर्यादाओं के पक्के थे। उन्हें लगता था कि उनकी भूमिका में लगातार इन बातों की अनदेखी हो रही है। जगदीप धनखड़ का इस्तीफा उनके बारे में बहुत कुछ कहता है। साथ ही यह उन लोगों की नीयत पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है, जिन्होंने उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाया था।

जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा, संसद सत्र के बीच पद छेड़ने वाले पहले उपराष्ट्रपति

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। धनखड़ ने इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक लेटर लिखा है। इसमें स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला दिया है। धनखड़ ने कहा कि उन्होंने अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए डॉक्टरी सलाह के आधार पर यह फैसला किया है। उन्होंने अपने इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से स्वीकार करने की बात कहते हुए संविधान के अनुच्छेद 67(ए) का हवाला दिया है।

सत्र के बीच में पद से इस्तीफा

जगदीप धनखड़ ने अपने पत्र में राष्ट्रपति को उनके सहयोग और सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल को भी सहयोग के लिए आभार जताया। हालांकि, राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही उनका इस्तीफा प्रभावी होगा। इस समय संसद का मानसून सत्र चल रहा है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं। सत्र के बीच में पद से इस्तीफा देने वाले धनखड़ देश के पहले उपराष्ट्रपति हैं। साथ ही कार्यकाल के बीच में इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति भी हैं।

1969 में वीवी गिरी ने किया था इस प्रावधान का उपयोग

भारत के संविधान के आर्टिकल 67(A) के तहत उन्‍होंने ये कदम उठाया। भारत के 75 साल के इतिहास में यह दूसरी बार है जब इस नियम का इस्‍तेमाल किया गया है। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जो उपराष्ट्रपति के पद की गरिमा को भी अंडरलाइन करती है। इससे पहले साल 1969 में वीवी गिरी ने इस प्रावधान का उपयोग किया था। इससे पहले 20 जुलाई 1969 को वीवी गिरी ने राष्ट्रपति जाकिर हुसैन की मृत्यु के बाद राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए उपराष्ट्रपति पद छोड़ा था। गिरी बाद में भारत के राष्ट्रपति बने। वीवी गिरी का इस्तीफा एक महत्वपूर्ण मिसाल है क्योंकि उन्होंने राष्ट्रपति बनने की महत्वाकांक्षा के चलते पद छोड़ा था।

क्‍या कहता है आर्टिकल 67(A)?

भारतीय संविधान का आर्टिकल 67 उपराष्ट्रपति के कार्यकाल और पद से हटने की प्रक्रिया को परिभाषित करता है। इसके खंड (A) के तहत राष्ट्रपति को लिखित रूप में उपराष्ट्रपति इस्तीफा सौंपकर स्वेच्छा से पद छोड़ सकता है। खंड (B) में प्रावधान है कि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा में बहुमत और लोकसभा की सहमति से प्रस्ताव पारित कर हटाया जा सकता है, बशर्ते 14 दिन का नोटिस दिया जाए। धनखड़ ने अनुच्छेद 67(A) के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दिया, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य और चिकित्सकीय सलाह को प्राथमिकता देने की बात कही।

*কলকাতা লিগের প্রথম ডার্বি তে কল্যাণী স্টেডিয়ামে সমর্থকদের জন্য বিশেষ ব্যবস্থা*

Sports Desk : আগামী ২৬ জুলাই কল্যাণী স্টেডিয়ামে অনুষ্ঠিত হতে চলেছে কলকাতা লিগের প্রথম ডার্বি ম্যাচ। মুখোমুখি হচ্ছে মোহনবাগান ও ইষ্টবেঙ্গল।তাই আইএফএ চায়, এই ডার্বিকে একটু অন্যভাবে তুলে ধরতে। এই প্রথমবার শুধুমাত্র সমর্থকদের জন্য স্টেডিয়ামে থাকছে দুটো বিশেষ অ্যাম্বুলেন্স। গ্যালারির ১০টি জোনে থাকবেন স্থানীয় ডাক্তাররা। কোনও সমর্থক অসুস্থ হয়ে পড়লে দ্রুত যাতে চিকিৎসা দেওয়া যায়। এছাড়াও থাকছে গ্যালারির বাইরে খাবারের স্টল। গ্যালারিতেও বিক্রি হবে খাবার। প্রত্যেক গ্যালারিতে বিশুদ্ধ পানীয় জলের ডিস্পেনসর রাখা থাকবে। দুই টিমের সমর্থকদের জন্য সেলফি জোন যেমন থাকবে, তেমনই টিকিটের ব্যাপারেও থাকছে অভিনবত্ব। এই প্রথমবার সমর্থকরা মোবাইলে স্ক্যান করেই মাঠে ঢুকে যেতে পারবেন।তার জন্য প্রত্যেক গেটে একাধিক স্ক্যানার মেশিন রাখা থাকবে। আইএফএস সচিব অনির্বাণ দত্ত–র জানান, ‘লিগ ডার্বিকে এমন ভাবে মানুষের কাছে তুলে ধরতে চাই, যা আগে কখনও হয়নি।’ ডার্বি ম্যাচে আনার চেষ্টা করা হচ্ছে আইএম বিজয়নকে।যদিও সূত্রের খবর বিজয়ন জানিয়েছেন, তাঁর শরীর খারাপ।

ছবি সৌজন্যে: আইএফএ