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Nov 24 2023, 19:39

चीन में फैल रही महामारी, अलर्ट मोड में भारत सरकार

#chinesemysterypneumoniaindiangovtonalert 

चीन में रहस्यमयी निमोनिया तेजी से फैल रहा है।बच्चे इस महामारी की चपेट में आ रहे है। चीन में फैल रही इस महामारी से भारत सरकार अलर्ट मोड में आ गई है।फिलहाल भारत में इस तरह का कोई केस सामने नहीं आया है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि वह किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

मामलों पर बारीकी से निगरानी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वह उत्तरी चीन में बच्चों में सांस लेने से संबंधी बीमारियों और एच9एन2 संक्रमण के मामलों पर निकटता से नजर रख रहा है। मंत्रालय ने कहा कि चीन में सामने आए एवियन इन्फ्लूएंजा के मामले और श्वसन संबंधी बीमारियों से भारत को कम जोखिम है। उसने कहा कि भारत चीन में इन्फ्लूएंजा की स्थिति से उत्पन्न हो सकने वाली किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उसने कहा कि मीडिया की कुछ खबरों में उत्तरी चीन में बच्चों में श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले सामने आने की जानकारी दी गई है, जिसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक बयान जारी किया है।

अस्पताल बीमार बच्चों से भरे

चीन को कोविड-19 के बाद एक और संभावित स्वास्थ्य आपातकाल का सामना करना पड़ रहा है। एक रहस्यमय निमोनिया का प्रकोप स्कूलों में फैल गया है और इसके परिणामस्वरूप अस्पताल बीमार बच्चों से भर गए हैं। इस रहस्यमयी बीमारी के प्रकोप का केंद्र बीजिंग और लियाओनिंग प्रांत हैं। जहां बाल चिकित्सा अस्पतालों को भारी संख्या में बीमार बच्चों को एडमिट करना पड़ रहा है। 

कोरोना काल की आई याद

चीन के बीजिंग और लिओनिंग में फिलहाल जिस तरह के हालात हैं, वो कोविड संकट के शुरुआती दिनों की याद दिलाती है। मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा देखकर स्वास्थ्य अधिकारियों में चिंता पैदा हो गई है। इस बीमारी से अधिकतर बच्चे शिकार हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी अलर्ट कर चुका है। वह पहले ही चीन से अधिक जानकारी देने को कह चुका है।  

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि पिछले तीन वर्षों की इसी अवधि की तुलना में चीन में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों में वृद्धि हुई। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने इस महीने की शुरुआत में बताया था कि कोविड-19 उपायों को हटाने अर्थात् इन्फ्लूएंजा और सामान्य जीवाणु संक्रमण के प्रसार के कारण श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि हुई है, जो माइकोप्लाज्मा निमोनिया सहित बच्चों को प्रभावित करते हैं।

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Sep 28 2023, 15:15

चीन ने भारत के मिशन चंद्र की सफलता पर उठाया सवाल, कहा- चांद के दक्षिण ध्रुव पर नहीं उतरा चंद्रयान-3

#chinesescientistclaimsindiaschandrayaan3didnotlandednearmoonsouthpole

भारत और चीन के बीच का तनाव किसी से छुपा नहीं है। चीन अक्सर भारतीय क्षेत्रों पर अपने दावे करता रहता है। इस बीच चीन ने ऐसा दावा किया जिससे साफ जाहिर होता है कि ड्रैगन को भारत की सफलता पची नहीं है। दरअसल, एक शीर्ष चीनी वैज्ञानिक ने दावा किया है कि भारत का चंद्र मिशन चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव या उसके आसपास नहीं उतरा।बता दें कि, भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरा था और ऐसा करने वाला भारत पहला देश बन गया था।लेकिन अब चीनी वैज्ञानिक ने कहा है कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र है ही नहीं।

चीन के वैज्ञानिक ने यह दावा ऐसे समय पर किया है जब भारत विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को फिर से सक्रिय करने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहा है।यह टिप्पणियां बुधवार को चीनी ब्रह्मांड रसायनज्ञ ओयांग ज़ियुआन द्वारा की गईं। जो चीन के पहले चंद्र मिशन के मुख्य वैज्ञानिक थे।उन्‍होंने यह भी दावा किया कि भारत के चंद्रयान 3 ने न तो दक्षिणी ध्रुव पर या न ही उसके पास लैंडिंग की है। चीनी वैज्ञानिक ने कहा, चंद्रयान-3 का लैंडिंग साइट चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव नहीं था। न ही चंद्रमा का ध्रुवीय इलाका या अंटारकटिक का ध्रुवीय इलाका।

चीनी वैज्ञानिक ने दिया ये तर्क

ज़ियुआन ने आधिकारिक साइंस टाइम्स अखबार से बातचीत करते हुए कहा कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र को लेकर अलग-अलग धारणाओं से उपजा है।चीनी वैज्ञानिक अपने दावे के समर्थन में दलील देते हैं कि चूंकि चंद्रमा 1.5 डिग्री झुका है, ऐसे में उसका दक्षिणी ध्रुव का इलाका धरती के मुकाबले बहुत छोटा है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का मानना है कि चंद्रमा का दक्षिणी इलाका 80 से 90 डिग्री के बीच है। वहीं चीनी वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं कि यह 88.5 से 90 डिग्री के बीच है जो काफी छोटा है।जियूआन कहते हैं कि यह चंद्रमा के 1.5 डिग्री झुकाव की वजह से है।

किसी भी वैज्ञानिक ने भारत की सफलता का खंडन नहीं किया

अब तक दुनिया के किसी भी वैज्ञानिक ने भारत के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक उतरने के दावे का खंडन नहीं किया है। यही नहीं नासा और यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी ने तो इसरो के वैज्ञानिकों की जमकर तारीफ की है। वहीं चीन के ही हांगकांग यूनिवर्सिटी के स्‍पेस रीसर्य लेब्रोटरी ने चीनी वैज्ञानिक जियूआन के दावे को खारिज कर दिया है। लेब्रोटरी के चीनी वैज्ञानिक क्‍वेंटिन पार्कर कहते हैं कि जिस क्षण आप दक्षिणी ध्रुव के नजदीक अपना रोवर उतारते हैं, जिसे दक्षिणी ध्रुव माना गया है, वह अपने आप में ही बड़ी उपलब्धि है।

भारत बना चांद के साउथ पोल पर लैंड करने वाला पहला देश

अगर चंद्रयान-3 मिशन की बात करें तो 14 जुलाई को इसे लॉन्च किया गया था, 23 अगस्त को चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की चांद के दक्षिणी हिस्से पर सफलतम लैंडिंग हुई। भारत चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बना है, जबकि चांद के साउथ पोल पर लैंड करने वाला पहला देश है। इस हिस्से को भारत ने ‘शिवशक्ति प्वाइंट’ नाम दिया है। 23 अगस्त के बाद से ही विक्रम लैंडर, प्रज्ञान रोवर ने काम शुरू किया, अभी के हिसाब से 2 सितंबर तक इनकी लाइफलाइन है।

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Sep 04 2023, 15:42

जी-20 समिट में हिस्सा लेने भारत नहीं आएंगे शी जिनपिंग, पीएम कियांग करेंगे देश का प्रतिनिधित्व

#g20summitchinesepresidentxijinpingtoskipsummit

चीन ने आधिकारिक रूप से स्पष्ट कर दिया है कि जी-20 नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग हिस्सा नहीं लेंगे। जिनपिंग की जगह प्रधानमंत्री ली कियांग जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने दिल्ली आएंगे। जी-20 शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। यह 18वां जी-20 शिखर सम्मेलन होगा।

पीटीआई के मुताबिक चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने एक संक्षिप्त बयान में कहा भारत गणराज्य की सरकार के निमंत्रण पर, राज्य परिषद के प्रधान मंत्री ली कियांग 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली, भारत में आयोजित होने वाले 18वें जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।प्रवक्ता माओ ने भारत की मेजबानी में पहली बार आयोजित हो रहे इस उच्च स्तरीय शिखर सम्मेलन से शी की अनुपस्थिति का कोई कारण नहीं बताया

ली आसियान में भी चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे

जी-20 के विशेष सचिव मुक्तेश परदेशी ने एक दिन पहले कहा था कि जिनपिंग की भारत यात्रा को लेकर चीन ने फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।राष्ट्रपति शी इस सप्ताह जकार्ता में आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ) और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी शामिल नहीं होंगे। प्रधानमंत्री ली इंडोनेशिया में आसियान शिखर सम्मेलन में चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे।

पुतिन भी जी-20 समिट में नहीं होंगे शामिल

इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस सम्मेलन में हिस्सा लेने से मना कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन बातचीत के दौरान पुतिन ने कहा था कि वह किसी कारणवश इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत नहीं आ सकेंगे।

जिनपिंग के भारत नहीं आने बाइडेन निराश

जो बाइडन ने कहा कि वह इस सप्ताह भारत की यात्रा करने को लेकर उत्सुक हैं, लेकिन उन्हें निराशा है कि उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग नई दिल्ली में आयोजित होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। व्हाइट हाउस ने बीते शुक्रवार को घोषणा की थी कि बाइडन जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए सात सितंबर को भारत जाएंगे और आठ सितंबर को वह इस ऐतिहासिक कार्यक्रम से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।

भारत में जुट रहे हैं दुनियाभर के दिग्गज

बता दें कि भारत 9-10 सितंबर तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए विश्व के कई बड़े नेता शामिल होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा सहित कई देशों ने राष्ट्राध्यक्ष इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आने की पुष्टि कर दी है।

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Aug 30 2023, 10:06

चीन के नक्शा जारी करने पर भड़के राहुल गांधी, कहा- लद्दाख पर झूल बोल रहे पीएम मोदी, देना चाहिए जवाब

#rahul_gandhi_reaction_on_new_chinese_map

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चीन के नए नक्शे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है।चीन ने हाल ही में एक नक्शा जारी किया है जिसमें अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया है। अब इस पर राहुल गांधी का बयान आया है। राहुल ने कहा कि मैं इस मसले को लंबे वक्त से उठा रहा हूं, उन्होंने कहा कि मैंने तो पहले ही बोला था की प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं कि लद्दाख में एक इंच जमीन भी नहीं गई है।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बुधवार को कर्नाटक जाने के लिए हवाईअड्डे पर पहुंचे थे।इस दौरान समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, " जो प्रधानमंत्री ने कहा कि लद्दाख में एक इंच जमीन नहीं गई है वो झूठ है। पूरा लद्दाख जानता है कि चीन ने हमारी जमीन हड़प ली है। उन्होंने आगे कहा कि मैं लद्दाख से हाल ही में वापस आया हूं। वहां सब जानते हैं कि चीन ने हमारी जमीन हड़प ली है। मैप की बात बड़ी गंभीर है, लेकिन इन्होंने (चीन) जमीन तो ले ही ली है। उस बारे में भी प्रधानमंत्री को कुछ कहना चाहिए।"

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी हाल ही में कुछ दिनों के लद्दाख के दौरे पर थे, यहां उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात की। राहुल गांधी बार-बार मोदी सरकार पर ये आरोप लगा रहे हैं कि चीन ने लद्दाख की जमीन हड़पी है और केंद्र सरकार ने कुछ एक्शन नहीं लिया है। राहुल गांधी का सीधा वार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर रहा है, जिसमें उन्होंने पीएम पर लद्दाख मामले में झूठ बोलने का आरोप लगाया है।

चीन ने हाल ही में अपने मानक मानिचत्र का नया संस्करण जारी किया है। चीन द्वारा मानचित्र जारी करते ही विवाद खड़ा हो गया। दरअसल, चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चीन, ताइवान और दक्षिण चीन सागर को अपने क्षेत्र में दिखाया। इसके बाद भारत ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा।

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Aug 18 2023, 16:26

चीनी दूतावास ने की इंडियन कोस्ट गार्ड की तारीफ, जानें आखिर क्या है मामला

#chinese_embassy_lauds_indian_coast_guard

भारतीय तट रक्षक बल ने बुधवार यानी 16 अगस्त को अरब सागर के पास से एक चीनी नागरिक की जान बचाई थी। अब चीनी एंबेसी ने इंडियन कोस्ट गार्ड की तारीफ की है।दरअसल, 16 अगस्त यानी बुधवार को मुंबई के पास अरब सागर में एक विदेशी पोत पर सवार गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को समय से इलाज मिल सके, इसके लिए भारतीय तटरक्षक बल ने पूरी ताकत लगा दी थी। जिसके बाद भारत में चीनी दूतावास ने उसके एक नागरिक की जान बचाने के बाद खुलकर भारतीय तटरक्षक बल की तारीफ की है। 

बता दें कि 16 और 17 अगस्त की आधी रात को मुंबई के पास अरब सागर में एक विदेशी पोत पर सवार चीनी नागरिक गंभीर रूप से बीमार था और उसे इलाज की सख्त जरूरत थी। चीनी नागरिक ने सीने में दर्द की शिकायत की थी और लक्षण कार्डियक अरेस्ट के थे। यह उस जहाज पर सवार था जो संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के रास्ते में था। चीन के इस नागरिक को समुद्र के बीच रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन चलाकर बचाया गया है। इसके लिए भारतीय तटरक्षक बल ने पूरी ताकत लगा दी थी।खराब मौसम और कम विजिबिलिटी के बीच, भारतीय तटरक्षक दल ने पनामा के झंडे वाली रिसर्च शिप एमवी डोंग फैंग कान टैन नंबर 2 से मरीज को हेलीकॉप्‍टर की मदद से बाहर निकाला। यह रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन अरब सागर के अंदर करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर हुआ। रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन को सीजी एएलएच और सीजीएएस दमन ने अंजाम दिया।

इसके बाद चीनी दूतावास ने एक्‍स (पहले ट्विटर) पर लिखा, मुंबई के पास अरब सागर में एक चीनी नागरिक की सही समय पर और पेशेवर चिकित्सा निकासी के लिए की हम दिल से सराहना करते हैं।ट्विटर पर एक वीडियो भी भारतीय तटरक्षक बल की तरफ से पोस्‍ट किया गया है। इसमें नजर आ रहा है कि एक एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) एमके-III कैसे नागरिक को समुद्र से बाहर निकाल रहा है। हेलीकॉप्‍टर जहाज के पास आता है और मरीज को गार्ड की मदद से ऊपर उठाया जाता है। तुरंत ही उसे मेडिकल सहायता दी जाती है। साथ ही तट रक्षक मरीज को उसकी सुरक्षा का भरोसा देते हुए भी नजर आते हैं।

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Aug 11 2023, 20:32

भारत में पिछले 10 महीनों से चीनी राजदूत का पद खाली, आखिर क्या है वजह?

#chinese_ambassador_to_india_post_vacant_for_last_10_months 

भारत और चीन सीमा पर गंभीर तनाव से गुजर रहे हैं। साल 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर चीनी और भारतीय सेना के बीच हुई झड़प के बाद से दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हैं। भारत इस बात पर ज़ोर देता है कि जब तक बचे हुए दो फ्रिक्शन प्वाइंट (विवादित जगहों) पर सैनिकों के बीच डिसइंगेजमेंट नहीं होता तब तक संबंध सामान्य नहीं हो सकते। दोनों पक्ष पाँच टकराव के बिंदुओं से पीछे हट चुके हैं, इनमें से कुछ जगहों पर बफ़र जोन बन गए हैं। इस बीच भारत में पिछले 10 महीनों से चीन का कोई राजदूत नहीं होना चर्चा का विषय बना हुआ है।

भारत में नए चीनी दूत की नियुक्ति में देरी सितंबर में भारत में होने वाले प्रमुख जी20 शिखर सम्मेलन से पहले चर्चा का विषय बनी हुई है। वह भी तब, जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले महीने जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने भारत आने वाले हैं। इतनी ही नहीं, भारत और चीन सीमा पर भी गंभीर तनाव से गुजर रहे हैं। इसे हल करने में भी दोनों देशों के राजदूतों का महत्व काफी ज्यादा है।बता दें कि चीन के आखिरी राजदूत सन वेइदॉन्ग को अक्टूबर 2022 में हटा दिया गया था। तब से भारत में चीनी राजदूत का पद खाली चल रहा है।

यह पहली बार है जब भारत में राजदूत का पद इतने लंबे समय तक खाली रहा है। चीन ने भारत में बीते 10 महीने के रिकॉर्ड अंतराल के बाद भी अपना राजदूत नियुक्त करने का कोई संकेत नहीं दिया है। अक्टूबर 2022 के बाद से ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कई जगहों पर नए राजदूतों की नियुक्तियाँ की हैं, लेकिन भारत के लिए अब तक कोई नियुक्ति नहीं की गई है।चीनी राजनयिकों के लिए शीर्ष दस प्रतिष्ठित पदों में से एक है भारतीय राजदूत का पद, क्योंकि इस राजदूत को उप विदेश मंत्री का दर्जा मिलता है। आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन के बावजूद भारत में चीन ने राजदूत की नियुक्ति को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं दिखायी है, ना ही चीन की ओर से अभी तक भारतीय अधिकारियों को इस पद के लिए कोई नाम सुझाया है। भारत और चीन का रिश्ता एक महत्वपूर्ण दौर से गुज़र रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग आने वाले हफ़्तों में संभावित बैठक की तैयारी भी कर रहे हैं, लेकिन इन सब के बावजूद चीन भारत में अपने राजदूत की नियुक्ति करने को लेकर कोई संकेत नहीं दे रहा है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह नियुक्ति पहले से कहीं अधिक आवश्यक हो गई है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 22-24 अगस्त तक जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात होने की उम्मीद है। इसके अलावा शी जिनपिंग 9 से 10 सितंबर को दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत भी आ सकते हैं।

संभावना जताई जा रही है कि चीन नए उप विदेश मंत्री रैंक के अधिकारी की नियुक्ति के महत्व को देखते हुए सही और योग्य उम्मीदवार तलाश रहा हो। इस पद के लिए जिन लोगों को शॉर्टलिस्ट किया गया है उनमें हुआंग ज़िलियन शामिल हैं जो फिलीपींस में वर्तमान राजदूत हैं और 2019 से इस पद पर हैं। फिलीपींस में उनका कार्यकाल अब समाप्त होने वाला है। एक अन्य उम्मीदवार ऑस्ट्रेलिया में चीनी राजदूत जिओ कियान हैं।

बता दें कि चीन का विदेश मंत्रालय कुछ समय से सुर्खियों में बना हुआ है। विदेश मंत्रालय पिछले दिनों चीन के विदेश मंत्री किन गांग को पद से हटाने को लेकर सुर्खियों में था। बीते दिनों चीनी विदेश मंत्रालय तब सुर्खियों में छाया रहा जब विदेश मंत्री चिन गांग सात महीने के कार्यकाल के बाद अचानक ग़ायब हो गए और बिना कारण सार्वजनिक किए उन्हें पद से हटा दिया गया।

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May 05 2023, 11:39

एससीओ की बैठक में बोले चीनी विदेश मंत्री-भारत-चीन सीमा पर हालात स्थिर, इसे बनाए रखना जरूरी

#chinese_fm_qin_to_jaishankar_said_india_china_border_stable

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए चीन के विदेश मंत्री किन गैंग भारत के गोवा में आए हुए हैं। इस दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने गुरुवार को चीन के अपने समकक्ष किन गांग से मुलाकात की।इस दौरान चीनी विदेश मंत्री किन गांग ने दोहराया कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति आम तौर पर स्थिर है और दोनों पक्षों को संबंध को मजबूत करना चाहिए और स्थायी शांति के लिए शर्तों को और ठंडा करने और आसान बनाने पर जोर देते हुए प्रासंगिक समझौतों का कड़ाई से पालन करना चाहिए।

शुक्रवार को हुई कांग-जयशंकर वार्ता पर यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि कांग ने कहा कि दोनों पक्षों को दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को लागू करते रहना चाहिए, मौजूदा प्रयासों को मजबूत करना चाहिए, प्रासंगिक समझौतों का सख्ती से पालन करना चाहिए, सीमा की स्थिति को और सहज एवं सरल करने पर जोर देना चाहिए तथा सीमाई इलाकों में स्थायी शांति एवं स्थिरता बनाए रखनी चाहिए।

वार्ता के बाद एक ट्वीट में जयशंकर ने कहा कि शेष मुद्दों को हल करने और सीमा पर शांति सुनिश्चित करने पर हमारा ध्यान है। उन्होंने कहा कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर स्टेट काउंसलर और चीन के विदेश मंत्री किन गैंग के साथ विस्तृत चर्चा हुई है। साथ ही एससीओ, जी20 और ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

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Mar 06 2023, 10:04

*सीसीटीवी कैमरों के जरिए चीन कर रहा भारत की जासूसी! कांग्रेस विधायक ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर जताई चिंता*

#congress_mla_urges_modi_to_ban_chinese_cctv_cameras 

अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री निनॉन्ग एरिंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। अपने पत्र में कांग्रेस विधायक ने सरकारी कार्यालयों में चीनी सीसीटीवी कैमरे लगाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।साथ ही विधायक ने अपील की है कि सरकार लोगों को जागरुक करने के लिए कैंपेन चलाए कि वह अपने घरों में चीनी सीसीटीवी कैमरे ना लगवाएं। विधायक एरिंग ने कहा है कि चीनी सीसीटीवी बीजिंग की आखं और कान है और यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं।

कांग्रेस विधायक निनोंग एरिंग ने इंडिया टुडे की रिपोर्ट ‘द चाइना स्नूपिंग मेनेस’का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। जिसेमें उन्होंने भारत में चीनी सीसीटीवी कैमरों के इस्तेमाल पर चिंता जाहिर की है। विधायक ने पत्र में लिखा है कि चीन के सीसीटीवी कैमरे उसके लिए आंख और कान का काम कर रहा है। विधायक ने चीनी सीसीटीवी कैमरों को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक बताया है। विधायक ने यह भी लिखा कि मौजूदा समय में जब चीन लगातार एलएसी पर आक्रमकता दिखा रहा है, तब वह हमारे आईटी के बुनियादी ढांचे पर भी हमला कर रहा है। ऐसे में भारत को चीन के इस खतरे से निपटने के लिए कदम उठाने चाहिए।

कांग्रेस विधायक ने एक अमेरिकी-आधारित खुफिया फर्म की एक रिपोर्ट का भी जिक्र किया, जिसमें चीनी हैकरों की ओर से एक स्पष्ट साइबर-जासूसी अभियान चलाया गया था। विधायक ने लिखा कि अमेरिका की एक खुफिया फर्म रिकॉर्डेड फ्यूचर इंक की जून 2022 में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि चीनी हैकरों द्वारा कई बार भारत चीन सीमा पर स्थित लद्दाख के इलाकों में सात लोड डिस्पैच सेंटर्स को हैक करने की कोशिश की। ये लोड सेंटर्स इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड को कंट्रोल करने और वितरित करने के लिए जिम्मेदार हैं।  

पत्र में लिखा है कि कैसे इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) कैमरे, अक्सर सीसीटीवी नेटवर्क में उपयोग किए जाते हैं और इंटरनेट-संचालित डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग (डीवीआर) उपकरणों को चीनी हैकर्स हैक कर लेते हैं। उन्होंने जिक्र किया है कि देश में इस वक्त 20 लाख सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। जिनमें से 90 फीसदी चीनी सरकार के स्वामित्व वाली कंपनियों द्वारा बनाए गए हैं। विधायक ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए तुरंत चीनी सीसीटीवी कैमरों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। साथ ही प्रधानमंत्री से अपील की कि लोगों को इस मुद्दे पर जागरुक किया जाए कि वह अपने घरों में चीनी सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल ना करें।

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Nov 24 2023, 19:39

चीन में फैल रही महामारी, अलर्ट मोड में भारत सरकार

#chinesemysterypneumoniaindiangovtonalert 

चीन में रहस्यमयी निमोनिया तेजी से फैल रहा है।बच्चे इस महामारी की चपेट में आ रहे है। चीन में फैल रही इस महामारी से भारत सरकार अलर्ट मोड में आ गई है।फिलहाल भारत में इस तरह का कोई केस सामने नहीं आया है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि वह किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

मामलों पर बारीकी से निगरानी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वह उत्तरी चीन में बच्चों में सांस लेने से संबंधी बीमारियों और एच9एन2 संक्रमण के मामलों पर निकटता से नजर रख रहा है। मंत्रालय ने कहा कि चीन में सामने आए एवियन इन्फ्लूएंजा के मामले और श्वसन संबंधी बीमारियों से भारत को कम जोखिम है। उसने कहा कि भारत चीन में इन्फ्लूएंजा की स्थिति से उत्पन्न हो सकने वाली किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उसने कहा कि मीडिया की कुछ खबरों में उत्तरी चीन में बच्चों में श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले सामने आने की जानकारी दी गई है, जिसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक बयान जारी किया है।

अस्पताल बीमार बच्चों से भरे

चीन को कोविड-19 के बाद एक और संभावित स्वास्थ्य आपातकाल का सामना करना पड़ रहा है। एक रहस्यमय निमोनिया का प्रकोप स्कूलों में फैल गया है और इसके परिणामस्वरूप अस्पताल बीमार बच्चों से भर गए हैं। इस रहस्यमयी बीमारी के प्रकोप का केंद्र बीजिंग और लियाओनिंग प्रांत हैं। जहां बाल चिकित्सा अस्पतालों को भारी संख्या में बीमार बच्चों को एडमिट करना पड़ रहा है। 

कोरोना काल की आई याद

चीन के बीजिंग और लिओनिंग में फिलहाल जिस तरह के हालात हैं, वो कोविड संकट के शुरुआती दिनों की याद दिलाती है। मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा देखकर स्वास्थ्य अधिकारियों में चिंता पैदा हो गई है। इस बीमारी से अधिकतर बच्चे शिकार हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी अलर्ट कर चुका है। वह पहले ही चीन से अधिक जानकारी देने को कह चुका है।  

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि पिछले तीन वर्षों की इसी अवधि की तुलना में चीन में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों में वृद्धि हुई। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने इस महीने की शुरुआत में बताया था कि कोविड-19 उपायों को हटाने अर्थात् इन्फ्लूएंजा और सामान्य जीवाणु संक्रमण के प्रसार के कारण श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि हुई है, जो माइकोप्लाज्मा निमोनिया सहित बच्चों को प्रभावित करते हैं।

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Sep 28 2023, 15:15

चीन ने भारत के मिशन चंद्र की सफलता पर उठाया सवाल, कहा- चांद के दक्षिण ध्रुव पर नहीं उतरा चंद्रयान-3

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भारत और चीन के बीच का तनाव किसी से छुपा नहीं है। चीन अक्सर भारतीय क्षेत्रों पर अपने दावे करता रहता है। इस बीच चीन ने ऐसा दावा किया जिससे साफ जाहिर होता है कि ड्रैगन को भारत की सफलता पची नहीं है। दरअसल, एक शीर्ष चीनी वैज्ञानिक ने दावा किया है कि भारत का चंद्र मिशन चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव या उसके आसपास नहीं उतरा।बता दें कि, भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरा था और ऐसा करने वाला भारत पहला देश बन गया था।लेकिन अब चीनी वैज्ञानिक ने कहा है कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र है ही नहीं।

चीन के वैज्ञानिक ने यह दावा ऐसे समय पर किया है जब भारत विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को फिर से सक्रिय करने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहा है।यह टिप्पणियां बुधवार को चीनी ब्रह्मांड रसायनज्ञ ओयांग ज़ियुआन द्वारा की गईं। जो चीन के पहले चंद्र मिशन के मुख्य वैज्ञानिक थे।उन्‍होंने यह भी दावा किया कि भारत के चंद्रयान 3 ने न तो दक्षिणी ध्रुव पर या न ही उसके पास लैंडिंग की है। चीनी वैज्ञानिक ने कहा, चंद्रयान-3 का लैंडिंग साइट चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव नहीं था। न ही चंद्रमा का ध्रुवीय इलाका या अंटारकटिक का ध्रुवीय इलाका।

चीनी वैज्ञानिक ने दिया ये तर्क

ज़ियुआन ने आधिकारिक साइंस टाइम्स अखबार से बातचीत करते हुए कहा कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र को लेकर अलग-अलग धारणाओं से उपजा है।चीनी वैज्ञानिक अपने दावे के समर्थन में दलील देते हैं कि चूंकि चंद्रमा 1.5 डिग्री झुका है, ऐसे में उसका दक्षिणी ध्रुव का इलाका धरती के मुकाबले बहुत छोटा है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का मानना है कि चंद्रमा का दक्षिणी इलाका 80 से 90 डिग्री के बीच है। वहीं चीनी वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं कि यह 88.5 से 90 डिग्री के बीच है जो काफी छोटा है।जियूआन कहते हैं कि यह चंद्रमा के 1.5 डिग्री झुकाव की वजह से है।

किसी भी वैज्ञानिक ने भारत की सफलता का खंडन नहीं किया

अब तक दुनिया के किसी भी वैज्ञानिक ने भारत के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक उतरने के दावे का खंडन नहीं किया है। यही नहीं नासा और यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी ने तो इसरो के वैज्ञानिकों की जमकर तारीफ की है। वहीं चीन के ही हांगकांग यूनिवर्सिटी के स्‍पेस रीसर्य लेब्रोटरी ने चीनी वैज्ञानिक जियूआन के दावे को खारिज कर दिया है। लेब्रोटरी के चीनी वैज्ञानिक क्‍वेंटिन पार्कर कहते हैं कि जिस क्षण आप दक्षिणी ध्रुव के नजदीक अपना रोवर उतारते हैं, जिसे दक्षिणी ध्रुव माना गया है, वह अपने आप में ही बड़ी उपलब्धि है।

भारत बना चांद के साउथ पोल पर लैंड करने वाला पहला देश

अगर चंद्रयान-3 मिशन की बात करें तो 14 जुलाई को इसे लॉन्च किया गया था, 23 अगस्त को चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की चांद के दक्षिणी हिस्से पर सफलतम लैंडिंग हुई। भारत चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बना है, जबकि चांद के साउथ पोल पर लैंड करने वाला पहला देश है। इस हिस्से को भारत ने ‘शिवशक्ति प्वाइंट’ नाम दिया है। 23 अगस्त के बाद से ही विक्रम लैंडर, प्रज्ञान रोवर ने काम शुरू किया, अभी के हिसाब से 2 सितंबर तक इनकी लाइफलाइन है।

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Sep 04 2023, 15:42

जी-20 समिट में हिस्सा लेने भारत नहीं आएंगे शी जिनपिंग, पीएम कियांग करेंगे देश का प्रतिनिधित्व

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चीन ने आधिकारिक रूप से स्पष्ट कर दिया है कि जी-20 नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग हिस्सा नहीं लेंगे। जिनपिंग की जगह प्रधानमंत्री ली कियांग जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने दिल्ली आएंगे। जी-20 शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। यह 18वां जी-20 शिखर सम्मेलन होगा।

पीटीआई के मुताबिक चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने एक संक्षिप्त बयान में कहा भारत गणराज्य की सरकार के निमंत्रण पर, राज्य परिषद के प्रधान मंत्री ली कियांग 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली, भारत में आयोजित होने वाले 18वें जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।प्रवक्ता माओ ने भारत की मेजबानी में पहली बार आयोजित हो रहे इस उच्च स्तरीय शिखर सम्मेलन से शी की अनुपस्थिति का कोई कारण नहीं बताया

ली आसियान में भी चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे

जी-20 के विशेष सचिव मुक्तेश परदेशी ने एक दिन पहले कहा था कि जिनपिंग की भारत यात्रा को लेकर चीन ने फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।राष्ट्रपति शी इस सप्ताह जकार्ता में आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ) और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी शामिल नहीं होंगे। प्रधानमंत्री ली इंडोनेशिया में आसियान शिखर सम्मेलन में चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे।

पुतिन भी जी-20 समिट में नहीं होंगे शामिल

इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस सम्मेलन में हिस्सा लेने से मना कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन बातचीत के दौरान पुतिन ने कहा था कि वह किसी कारणवश इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत नहीं आ सकेंगे।

जिनपिंग के भारत नहीं आने बाइडेन निराश

जो बाइडन ने कहा कि वह इस सप्ताह भारत की यात्रा करने को लेकर उत्सुक हैं, लेकिन उन्हें निराशा है कि उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग नई दिल्ली में आयोजित होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। व्हाइट हाउस ने बीते शुक्रवार को घोषणा की थी कि बाइडन जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए सात सितंबर को भारत जाएंगे और आठ सितंबर को वह इस ऐतिहासिक कार्यक्रम से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।

भारत में जुट रहे हैं दुनियाभर के दिग्गज

बता दें कि भारत 9-10 सितंबर तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए विश्व के कई बड़े नेता शामिल होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा सहित कई देशों ने राष्ट्राध्यक्ष इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आने की पुष्टि कर दी है।

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Aug 30 2023, 10:06

चीन के नक्शा जारी करने पर भड़के राहुल गांधी, कहा- लद्दाख पर झूल बोल रहे पीएम मोदी, देना चाहिए जवाब

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चीन के नए नक्शे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है।चीन ने हाल ही में एक नक्शा जारी किया है जिसमें अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया है। अब इस पर राहुल गांधी का बयान आया है। राहुल ने कहा कि मैं इस मसले को लंबे वक्त से उठा रहा हूं, उन्होंने कहा कि मैंने तो पहले ही बोला था की प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं कि लद्दाख में एक इंच जमीन भी नहीं गई है।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बुधवार को कर्नाटक जाने के लिए हवाईअड्डे पर पहुंचे थे।इस दौरान समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, " जो प्रधानमंत्री ने कहा कि लद्दाख में एक इंच जमीन नहीं गई है वो झूठ है। पूरा लद्दाख जानता है कि चीन ने हमारी जमीन हड़प ली है। उन्होंने आगे कहा कि मैं लद्दाख से हाल ही में वापस आया हूं। वहां सब जानते हैं कि चीन ने हमारी जमीन हड़प ली है। मैप की बात बड़ी गंभीर है, लेकिन इन्होंने (चीन) जमीन तो ले ही ली है। उस बारे में भी प्रधानमंत्री को कुछ कहना चाहिए।"

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी हाल ही में कुछ दिनों के लद्दाख के दौरे पर थे, यहां उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात की। राहुल गांधी बार-बार मोदी सरकार पर ये आरोप लगा रहे हैं कि चीन ने लद्दाख की जमीन हड़पी है और केंद्र सरकार ने कुछ एक्शन नहीं लिया है। राहुल गांधी का सीधा वार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर रहा है, जिसमें उन्होंने पीएम पर लद्दाख मामले में झूठ बोलने का आरोप लगाया है।

चीन ने हाल ही में अपने मानक मानिचत्र का नया संस्करण जारी किया है। चीन द्वारा मानचित्र जारी करते ही विवाद खड़ा हो गया। दरअसल, चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चीन, ताइवान और दक्षिण चीन सागर को अपने क्षेत्र में दिखाया। इसके बाद भारत ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा।

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Aug 18 2023, 16:26

चीनी दूतावास ने की इंडियन कोस्ट गार्ड की तारीफ, जानें आखिर क्या है मामला

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भारतीय तट रक्षक बल ने बुधवार यानी 16 अगस्त को अरब सागर के पास से एक चीनी नागरिक की जान बचाई थी। अब चीनी एंबेसी ने इंडियन कोस्ट गार्ड की तारीफ की है।दरअसल, 16 अगस्त यानी बुधवार को मुंबई के पास अरब सागर में एक विदेशी पोत पर सवार गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को समय से इलाज मिल सके, इसके लिए भारतीय तटरक्षक बल ने पूरी ताकत लगा दी थी। जिसके बाद भारत में चीनी दूतावास ने उसके एक नागरिक की जान बचाने के बाद खुलकर भारतीय तटरक्षक बल की तारीफ की है। 

बता दें कि 16 और 17 अगस्त की आधी रात को मुंबई के पास अरब सागर में एक विदेशी पोत पर सवार चीनी नागरिक गंभीर रूप से बीमार था और उसे इलाज की सख्त जरूरत थी। चीनी नागरिक ने सीने में दर्द की शिकायत की थी और लक्षण कार्डियक अरेस्ट के थे। यह उस जहाज पर सवार था जो संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के रास्ते में था। चीन के इस नागरिक को समुद्र के बीच रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन चलाकर बचाया गया है। इसके लिए भारतीय तटरक्षक बल ने पूरी ताकत लगा दी थी।खराब मौसम और कम विजिबिलिटी के बीच, भारतीय तटरक्षक दल ने पनामा के झंडे वाली रिसर्च शिप एमवी डोंग फैंग कान टैन नंबर 2 से मरीज को हेलीकॉप्‍टर की मदद से बाहर निकाला। यह रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन अरब सागर के अंदर करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर हुआ। रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन को सीजी एएलएच और सीजीएएस दमन ने अंजाम दिया।

इसके बाद चीनी दूतावास ने एक्‍स (पहले ट्विटर) पर लिखा, मुंबई के पास अरब सागर में एक चीनी नागरिक की सही समय पर और पेशेवर चिकित्सा निकासी के लिए की हम दिल से सराहना करते हैं।ट्विटर पर एक वीडियो भी भारतीय तटरक्षक बल की तरफ से पोस्‍ट किया गया है। इसमें नजर आ रहा है कि एक एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) एमके-III कैसे नागरिक को समुद्र से बाहर निकाल रहा है। हेलीकॉप्‍टर जहाज के पास आता है और मरीज को गार्ड की मदद से ऊपर उठाया जाता है। तुरंत ही उसे मेडिकल सहायता दी जाती है। साथ ही तट रक्षक मरीज को उसकी सुरक्षा का भरोसा देते हुए भी नजर आते हैं।

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Aug 11 2023, 20:32

भारत में पिछले 10 महीनों से चीनी राजदूत का पद खाली, आखिर क्या है वजह?

#chinese_ambassador_to_india_post_vacant_for_last_10_months 

भारत और चीन सीमा पर गंभीर तनाव से गुजर रहे हैं। साल 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर चीनी और भारतीय सेना के बीच हुई झड़प के बाद से दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हैं। भारत इस बात पर ज़ोर देता है कि जब तक बचे हुए दो फ्रिक्शन प्वाइंट (विवादित जगहों) पर सैनिकों के बीच डिसइंगेजमेंट नहीं होता तब तक संबंध सामान्य नहीं हो सकते। दोनों पक्ष पाँच टकराव के बिंदुओं से पीछे हट चुके हैं, इनमें से कुछ जगहों पर बफ़र जोन बन गए हैं। इस बीच भारत में पिछले 10 महीनों से चीन का कोई राजदूत नहीं होना चर्चा का विषय बना हुआ है।

भारत में नए चीनी दूत की नियुक्ति में देरी सितंबर में भारत में होने वाले प्रमुख जी20 शिखर सम्मेलन से पहले चर्चा का विषय बनी हुई है। वह भी तब, जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले महीने जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने भारत आने वाले हैं। इतनी ही नहीं, भारत और चीन सीमा पर भी गंभीर तनाव से गुजर रहे हैं। इसे हल करने में भी दोनों देशों के राजदूतों का महत्व काफी ज्यादा है।बता दें कि चीन के आखिरी राजदूत सन वेइदॉन्ग को अक्टूबर 2022 में हटा दिया गया था। तब से भारत में चीनी राजदूत का पद खाली चल रहा है।

यह पहली बार है जब भारत में राजदूत का पद इतने लंबे समय तक खाली रहा है। चीन ने भारत में बीते 10 महीने के रिकॉर्ड अंतराल के बाद भी अपना राजदूत नियुक्त करने का कोई संकेत नहीं दिया है। अक्टूबर 2022 के बाद से ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कई जगहों पर नए राजदूतों की नियुक्तियाँ की हैं, लेकिन भारत के लिए अब तक कोई नियुक्ति नहीं की गई है।चीनी राजनयिकों के लिए शीर्ष दस प्रतिष्ठित पदों में से एक है भारतीय राजदूत का पद, क्योंकि इस राजदूत को उप विदेश मंत्री का दर्जा मिलता है। आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन के बावजूद भारत में चीन ने राजदूत की नियुक्ति को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं दिखायी है, ना ही चीन की ओर से अभी तक भारतीय अधिकारियों को इस पद के लिए कोई नाम सुझाया है। भारत और चीन का रिश्ता एक महत्वपूर्ण दौर से गुज़र रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग आने वाले हफ़्तों में संभावित बैठक की तैयारी भी कर रहे हैं, लेकिन इन सब के बावजूद चीन भारत में अपने राजदूत की नियुक्ति करने को लेकर कोई संकेत नहीं दे रहा है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह नियुक्ति पहले से कहीं अधिक आवश्यक हो गई है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 22-24 अगस्त तक जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात होने की उम्मीद है। इसके अलावा शी जिनपिंग 9 से 10 सितंबर को दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत भी आ सकते हैं।

संभावना जताई जा रही है कि चीन नए उप विदेश मंत्री रैंक के अधिकारी की नियुक्ति के महत्व को देखते हुए सही और योग्य उम्मीदवार तलाश रहा हो। इस पद के लिए जिन लोगों को शॉर्टलिस्ट किया गया है उनमें हुआंग ज़िलियन शामिल हैं जो फिलीपींस में वर्तमान राजदूत हैं और 2019 से इस पद पर हैं। फिलीपींस में उनका कार्यकाल अब समाप्त होने वाला है। एक अन्य उम्मीदवार ऑस्ट्रेलिया में चीनी राजदूत जिओ कियान हैं।

बता दें कि चीन का विदेश मंत्रालय कुछ समय से सुर्खियों में बना हुआ है। विदेश मंत्रालय पिछले दिनों चीन के विदेश मंत्री किन गांग को पद से हटाने को लेकर सुर्खियों में था। बीते दिनों चीनी विदेश मंत्रालय तब सुर्खियों में छाया रहा जब विदेश मंत्री चिन गांग सात महीने के कार्यकाल के बाद अचानक ग़ायब हो गए और बिना कारण सार्वजनिक किए उन्हें पद से हटा दिया गया।

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May 05 2023, 11:39

एससीओ की बैठक में बोले चीनी विदेश मंत्री-भारत-चीन सीमा पर हालात स्थिर, इसे बनाए रखना जरूरी

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शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए चीन के विदेश मंत्री किन गैंग भारत के गोवा में आए हुए हैं। इस दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने गुरुवार को चीन के अपने समकक्ष किन गांग से मुलाकात की।इस दौरान चीनी विदेश मंत्री किन गांग ने दोहराया कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति आम तौर पर स्थिर है और दोनों पक्षों को संबंध को मजबूत करना चाहिए और स्थायी शांति के लिए शर्तों को और ठंडा करने और आसान बनाने पर जोर देते हुए प्रासंगिक समझौतों का कड़ाई से पालन करना चाहिए।

शुक्रवार को हुई कांग-जयशंकर वार्ता पर यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि कांग ने कहा कि दोनों पक्षों को दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को लागू करते रहना चाहिए, मौजूदा प्रयासों को मजबूत करना चाहिए, प्रासंगिक समझौतों का सख्ती से पालन करना चाहिए, सीमा की स्थिति को और सहज एवं सरल करने पर जोर देना चाहिए तथा सीमाई इलाकों में स्थायी शांति एवं स्थिरता बनाए रखनी चाहिए।

वार्ता के बाद एक ट्वीट में जयशंकर ने कहा कि शेष मुद्दों को हल करने और सीमा पर शांति सुनिश्चित करने पर हमारा ध्यान है। उन्होंने कहा कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर स्टेट काउंसलर और चीन के विदेश मंत्री किन गैंग के साथ विस्तृत चर्चा हुई है। साथ ही एससीओ, जी20 और ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हुई।