भारत में मेटा पर लगा 213 करोड़ का जुर्माना, यूजर्स के डेटा से जुडा है मामला

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फेसबुक और वाट्सऐप की पेरेंट कंपनी मेटा पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सोमवार को 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। मेटा पर सीसीआई ने यह जुर्माना 2021 में वाट्सऐप प्राइवेसी अपडेट के संबंध में अनुचित व्यावसायिक तरीकों को अपनाने पर लगाया है। वहीं दूसरी ओर व्हाट्सएप पर मेटा की दूसरी कंपनियों के साथ डेटा शेयर करने पर बैन लगा दिया है। इसके साथ ही, सीसीआई ने मेटा को प्रतिस्पर्धा-रोधी व्यवहार को रोकने और इस तरह की हरकत से दूर रहने का भी निर्देश दिया है।

एक आदेश में कहा गया कि प्रतिस्पर्धा नियामक ने सोमवार को मेटा पर अपनी दबदबे का दुरुपयोग करने के लिए 213.14 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। सीसीआई ने डॉमिनेंस का दुरुपयोग करने के खिलाफ आदेश पारित करते हुए कहा कि यह जुर्माना इस बात से जुड़ा है कि व्हॉट्सएप की 2021 की निजता नीति को कैसे लागू किया गया, उपयोगकर्ता डेटा कैसे जमा किया गया और इसे मेटा की अन्य कंपनियों के साथ साझा किया गया।

वहीं दूसरी ओर सीसीआई ने व्हाट्सएप को अपने प्लेटफॉर्म पर कलेक्ट किए गए यूजर डेटा को विज्ञापन उद्देश्यों के लिए अन्य मेटा प्रोडक्ट्स या कंपनियों के साथ पांच साल की अवधि के लिए शेयर ना करने का भी निर्देश दिया है। यह रोक 5 साल के लिए लगाई गई है।विज्ञापन के अलावा दूसरे मकसद से वट्सऐप यूजर डेटा शेयर करने के मामले में वट्सऐप पॉलिसी में मेटा की दूसरी कंपनियों के साथ शेयर किए गए डेटा की विस्तृत जानकारी देनी होगी। इसमें बताना होगा कि किस उद्देश्य से डेटा साझा किया गया। हर डेटा की साझेदारी का मकसद साफ करना होगा।

सीसीआई ने मार्च 2021 में व्हाट्सएप की रिवाइज्ड प्राइवेसी पॉलिसी की जांच शुरू की, जिसने डेटा कलेक्शन के विस्तारित दायरे के साथ-साथ फेसबुक (अब मेटा) और उसकी कंपनियों के साथ अनिवार्य डेटा शेयरिंग को सक्षम बनाया। इससे पहले, 2016 से यूजर्स के पास यह तय करने का विकल्प था कि उन्हें अपना डेटा कंपनी के साथ शेयर करना है या नहीं। जनवरी 2021 से यूजर्स के लिए लागू होने वाली पॉलिसी फरवरी 2021 से प्रभावी होने वाली थी। व्हाट्सएप को चालू रखने के लिए यूजर्स को नई शर्तों को स्वीकार करने की आवश्यकता थी।

उसके बाद इसको लेकर काफी आलोचना की गई और मेटा ने इस रोलआउट को कैंसल कर दिया था। व्हाट्सएप ने बाद में स्पष्टीकरण भी जारी किया जिसमें कहा गया कि पॉलिसी अपडेट यूजर्स के अपने दोस्तों या परिवार के साथ पर्सनल मैसेज की प्राइवेसी को प्रभावित नहीं करेगा और इस बात पर जोर दिया कि बदलाव एप्लिकेशन द्वारा पेश की गई वैकल्पिक व्यावसायिक सुविधाओं से संबंधित थे।साढ़े तीन साल से अधिक की जांच के बाद, सीसीआई ने पाया कि व्हाट्सएप की ‘टेक-इट-या-लीव-इट’ पॉलिसी अपडेट फेयर नहीं थी।

वॉट्सऐप: क्या वाकई प्राइवेसी का किंग है या नहीं?, जानें

WhatsApp ने दुनिया भर में मैसेजिंग ऐप्स के मामले में एक बड़ा मुकाम हासिल किया है. दुनिया भर में करीब 2.9 अरब लोग इसके जरिए बातचीत करते हैं. इसका आसानी से इस्तेमाल होने वाला इंटरफेस, ग्रुप चैट, और मीडिया शेयर करने की सुविधा ने इसे लोगों के बीच बेहद पॉपुलर बना दिया है. वॉट्सऐप लगातार नए प्राइवेसी फीचर्स जोड़ता रहता है. एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन जैसी सर्विस वॉट्सऐप यूजर्स के मैसेज को सिक्योर करने के काम आती है. वॉट्सऐप की कई खूबियां इसे एक शानदार प्राइवेट मैसेंजर ऐप बनाती हैं.

लेकिन, क्या वॉट्सऐप वाकई प्राइवेसी का किंग है? यह सवाल इसलिए उठता है क्योंकि वॉट्सऐप, मेटा का हिस्सा. मेटा दुनिया की तीन मशहूर टेक प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप की पैरेंट कंपनी है. मेटा अपनी डेटा कलेक्शन पॉलिसी के लिए जानी जाती है.

वॉट्सऐप यूजर्स की चिंता

कई लोगों को चिंता सताती है कि वॉट्सऐप उनके डेटा का इस्तेमाल मेटा के दूसरे प्रोडक्ट्स के लिए कर सकती है, भले ही उनके मैसेज एन्क्रिप्टेड हों. इसके अलावा, वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी में समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं, जिससे यूजर्स में बेएतबारी पैदा होती है.

आइए, इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए WhatsApp, Signal, Telegram और Threema जैसे लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप्स की तुलना करते हैं और जानते हैं कि कौन सा ऐप प्राइवेसी के मामले में सबसे आगे है, या फिर वॉट्सऐप ही प्राइवेसी का असली किंग है.

1. प्राइवेसी डिजाइन (Privacy Design)

WhatsApp: इसका इस्तेमाल करने के लिए फोन नंबर जरूरी है.

Signal: इसका इस्तेमाल करने के लिए फोन नंबर की जरूरत होती है, लेकिन यह मजबूत प्राइवेसी फीचर्स देता है.

Telegram: यह ऐप यूजर्स को यूजरनेम के जरिए रजिस्टर करने की इजाजत देता है, लेकिन डिफॉल्ट तौर पर फोन नंबर का इस्तेमाल होता है.

Threema: इस ऐप को इस्तेमाल करने के लिए फोन नंबर या ईमेल की जरूरत नहीं होती है, जो इसे एक हाई-लेवल प्राइवेट ऐप बनाता है.

2. एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (End-to-End Encryption)

WhatsApp: सभी मैसेज के लिए डिफॉल्ट तौर पर एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन मौजूद है.

Signal: यह ऐप हर तरह की बातचीत के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन देता है, जो डिफॉल्ट तौर पर एक्टिव होता है.

Telegram: इसमें ‘सीक्रेट चैट्स’ के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन मौजूद है, लेकिन नॉर्मल चैट और ग्रुप चैट में यह एन्क्रिप्शन डिफॉल्ट नहीं होता है.

Threema: सभी मैसेज, फाइल और कॉल के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन मिलता है.

3. ओपन सोर्स (Open Source)

WhatsApp: यह ओपन सोर्स नहीं है (Meta का मालिकाना हक है).

Signal: यह पूरी तरह से ओपन सोर्स है, यानी इसका कोड पब्लिकली अवेलेबल है.

Telegram: इसमें क्लाइंट ओपन सोर्स है, लेकिन सर्वर साइड कोड बंद है, जो कुछ प्राइवेसी और ट्रांसपेरेंसी को लेकर चिंताएं पैदा कर सकता है.

Threema: यह भी ओपन सोर्स है.

अगर आप प्राइवेसी और सिक्योरिटी को लेकर काफी सजग हैं, तो सिग्नल और थ्रीमा टॉप चॉइस हो सकते हैं. वॉट्सऐप को चलाना काफी आसान है, लेकिन यह मेटा के एटवर्टाइजिंग और डेटा-शेयरिंग प्रैक्टिस से जुड़ा है. टेलीग्राम आम बातचीत के लिए ठीक है, लेकिन थोड़ा कम सेफ है, खासकर ग्रुप चैट और नॉन-सीक्रेट चैट के लिए.

वॉट्सऐप, सिग्नल और टेलीग्राम को आप फ्री में चला सकते हैं, लेकिन थ्रीमा एक पेड मैसेजिंग सर्विस प्लेटफॉर्म है. थ्रीमा का इस्तेमाल करने के लिए आपको कम से कम 2 डॉलर (लगभग 168 रुपये) महीना खर्च करने होंगे.

अवैध धान परिवहन पर खाद्य विभाग की बड़ी कार्रवाई, 730 बोरी अवैध धान जब्त, ट्रक सीज..
बता दें, प्रदेश में 14 नवंबर से धान की सरकारी खरीदी प्रक्रिया शुरू होने वाली है, इससे पहले प्रशासन राज्य में अवैध धान के परिवहन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. कलेक्टर ने इस मामले में सख्ती बरतते हुए सभी संबंधित अधिकारियों को अवैध धान के परिवहन पर रोक लगाने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं, ताकि धान की खरीदी प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी न हो और किसानों को उनका पूरा हक मिल सके. बीते कुछ दिनों में इस क्षेत्र में पहले भी अवैध धान के परिवहन की घटनाएं सामने आई हैं. हाल ही में एक पिकअप ट्रक से भी अवैध धान की बड़ी खेप पकड़ी गई थी.
भाजपा ने पोस्टर के जरिए भूपेश बघेल पर किया हमला, बैज का पलटवार, कहा- जब भाजपा विफल होती है, तो दूसरों को देती है दोष…

छत्तीसगढ़ भाजपा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर किए अपने पोस्ट में पोस्टर जारी किया है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपराधियों से साठगांठ का आरोप लगाते हुए लिखा है ‘अपराधियों का आका – ठगेश काका’.

इस पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पलटवार करते हुए कहा कि जब भी भाजपा विफल होती है, तो दूसरों को दोष देती है. अपराध रोकने की बात छोड़ दीजिए. वहीं गुरुवार को वैशाली नगर भाजपा विधायक रिकेश सेन के युवक का जबड़ा पकड़ते वायरल वीडियो के हवाले से कहा कि अगर कोई जनता अपने जनप्रतिनिधि के पास जाती है, तो गला पकड़कर दादागिरी करते हैं.

इंस्टाग्राम पर डेटा सुरक्षा सेटिंग्स: कैसे करें अपने डेटा को सुरक्षित? जानें

आजकल इंस्टाग्राम हर कोई यूज करता है, फिर चाहे वो छोटा हो या बड़ा, ज्यादातर लोगों के फोन में ये ऐप्लीकेशन देखने को मिल जाती है. कुछ महीनों पहले मेटा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम, फेसबुक और वॉट्सऐप को मेटा एआई से कनेक्ट किया है. जिस दिन से ये हुआ है यूजर्स ने मेटा एआई चैटबॉट का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है. इसमें फोटो जेनरेट कराने के लिए हो या कंटेंट लिखवाने के लिए, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इंस्टाग्राम अपने एआई चैटबॉट को ट्रेन करने के लिए आपकी फोटो-वीडियो को यूज करता है. यहां हम आपको इसे खोलकर समझा रहे हैं, इसके साथ आप इससे बचने के लिए क्या सेटिंग करनी होगी.

पर्सनल डेटा का यूज होने से रोकें

मेटा अपने मेटा एआई टूल को ट्रेन करने के लिए यूजर्स के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्टेड डेटा को यूज करता है. यूजर्स के फोटो कैप्शन और चैट्स को मल्टीपल लैंग्वेज ऐड करने के लिए यूज कर रहा है, हालांकि मेटा की शेयर की जानकारी के मुताबिक, ये यूजर की पर्सनल चैट और प्राइवेट पोस्ट को यूज नहीं करता है.

बचने के लिए इन स्टेप्स को करें फॉलो

अगर अपनी फोटो-वीडियो को सेफ रखना चाहते हैं तो आपको ये सेटिंग करनी होगी. इसके लिए अपने फोन में इंस्टाग्राम ओपन करें, इंस्टाग्राम ओपन करने के बाद सेटिंग्स में जाएं. ये करने के बाद अबाउट के ऑप्शन पर क्लिक करें, प्राइवेसी पॉलिसी पर जाएं.

ऊपर की तरफ शो हो रही तीन पर क्लिक करें, इसके बाद थोड़ा नीचे स्क्रॉल करें और Other Policies and articles के ऑप्शन पर क्लिक करें.

यहां पर How Does meta using data to trains it AI tool, का ऑप्शन शो होगा. इस ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद डेटा डिलीट करने की रिक्वेस्ट पर क्लिक कर दें.

यहां पर एक फॉर्म भरने का ऑप्शन आएगा, इस फॉर्म को ध्यान से पूरा भरें- I want to delete any personal information from third parties used for building and improving AI at Meta इसके बाद यहां मांगी गई सभी डिटेल्स भरें और डन के ऑप्शन पर क्लिक कर दें. प्रोसेस पूरा होने के बाद ये कभी भी आपका डेटा नहीं ले पाएगा.

सिक्योरिटी चेकअप

इस सेटिंग के बाद आपका पर्सनल डेटा चोरी होने से बच जाएगा, इसके अलावा इंस्टाग्राम प्रोफाइल आइकन पर क्लिक करें, अकाउंट सेंटर पर क्लिक करें. पासवर्ड एंड सिक्योरिटी के ऑप्शन पर क्लिक करें. इसके बाद सिक्योरिटी चेकअप का ऑप्शन शो होगा, सिक्योरिटी चेकअप करेंगे तो आपको 4 चीजें शो होंगी उन्हें एक-एक कर के चेक करें और सेट कर दें. टू- फैक्टर ऑथेंटिकेशन पर क्लिक करेंगे तो आप उसमें ये भी सेट कर सकते हैं कि कोई दूसरी डिवाइस में अकाउंट लॉगइन करेगा तो आपके पास वेरिफिकेशन कोड आएगा.

पीसीसी चीफ दीपक बैज का बड़ा बयान, कहा- रायपुर दक्षिण के लिए आज होगी कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा…

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने मीडिया से चर्चा में पहले स्पष्ट किया कि रायपुर दक्षिण विधानसभा उप चुनाव के लिए अभी प्रत्याशी तय नहीं हुआ है. आज शाम तक नाम को घोषणा होगी. वहीं चुनाव के लिए सभी वरिष्ठ नेताओं को वार्डों की भी जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा पार्षदों, छाया पार्षदों को भी जिम्मेदारी दे दी गई है.

भाजपा से सुनील सोनी उम्मीदवार

बता दें कि भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद खाली हुई रायपुर दक्षिण सीट पर 13 नवंबर को उप चुनाव होगा. भाजपा ने गहन मंथन के बाद पूर्व सांसद सुनील सोनी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. लेकिन कांग्रेस अभी तक भाजपा के इस गढ़ में सेंध लगाने के लिए अपना प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है. 

इंस्टाग्राम ने 18 साल से कम उम्र के यूजर्स के  अकाउंट्स की बढ़ाई सुरक्षा

डेस्क:– इंस्टाग्राम ने 18 साल से कम उम्र के यूजर्स के लिए नई प्राइवेसी और सुरक्षा सुविधाओं की घोषणा की है, जिसमें अकाउंट्स को 'टीन अकाउंट्स' में बदलने की प्रक्रिया शामिल है। अब से सभी किशोर यूजर्स के अकाउंट डिफॉल्ट रूप से प्राइवेट होंगे, जिससे केवल उन्हीं लोगों को संपर्क करने की अनुमति होगी जिन्हें यूजर फॉलो करता है और परमिशन देता है। Meta की यह पहल किशोरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की गई है, खासकर उन चिंताओं के बीच जो सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों को लेकर बढ़ी हैं।

नए नियमों के तहत, 16 साल से कम उम्र के यूजर्स केवल अपने माता-पिता की अनुमति से अपने अकाउंट की प्राइवेसी सेटिंग्स में बदलाव कर सकेंगे। इंस्टाग्राम ने एक नया मॉनिटरिंग टूल भी पेश किया है, जिससे माता-पिता अपने बच्चों के अकाउंट पर नज़र रख सकेंगे। इस टूल की मदद से वे देख सकेंगे कि उनके बच्चे कितनी देर तक इंस्टाग्राम का उपयोग कर रहे हैं और किससे बातचीत कर रहे हैं। यह कदम माता-पिता को अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों को बेहतर तरीके से समझने और नियंत्रित करने में मदद करेगा।

*सोशल मीडिया पर बढ़ती चिंताएं*

मेटा की यह घोषणा सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बढ़ती चिंताओं के बीच आई है। पहले से ही Meta, TikTok और YouTube के खिलाफ सैकड़ों मुकदमें दायर किए गए हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि ये प्लेटफार्म बच्चे और किशोरों की मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। पिछले साल, अमेरिका के 33 राज्यों ने मेटा पर अपने प्लेटफॉर्म के संभावित दुष्प्रभावों के बारे में जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया था।

*जानें, क्या है The Kids Online Safety Act ?*

इस साल जुलाई में, अमेरिकी सीनेट ने दो महत्वपूर्ण ऑनलाइन सुरक्षा विधेयकों को आगे बढ़ाया, जिनमें The Kids Online Safety Act और The Children and Teens' Online Privacy Protection Act शामिल हैं। ये विधेयक सोशल मीडिया कंपनियों को यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य करेंगे कि उनके प्लेटफार्मों का बच्चों और किशोरों पर क्या प्रभाव पड़ता है।

*18 साल से कम उम्र के इंस्टाग्राम यूजर्स के लिए उपयोग सीमाएँ*

नई सुरक्षा सुविधाओं के तहत, 18 साल से कम उम्र के इंस्टाग्राम यूजर्स को प्रतिदिन 60 मिनट के उपयोग के बाद एप बंद करने की सूचना दी जाएगी। इसके अलावा, डिफॉल्ट स्लीप मोड सक्रिय होगा, जो रात के समय एप को बंद कर देगा। ये सभी उपाय किशोरों के लिए एक सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

बता दें कि इंस्टाग्राम की यह नई पहल न केवल यूजर्स की सुरक्षा बढ़ाएगी, बल्कि माता-पिता को भी उनके बच्चों के डिजिटल अनुभव को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने का अवसर प्रदान करेगी। यह कदम सामाजिक मीडिया पर बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति एक सकारात्मक दिशा में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन है।
छत्तीसगढ़ में 13 डिप्टी कलेक्टरों को मिली नियुक्ति, सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया आदेश, देखें लिस्ट

देखे आदेश-

RT समेत कई सरकारी मीडिया हाउस पर लगा दिया बैन,Meta का रूस पर बड़ा एक्शन
डेस्क : –Meta प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “खूब विचार करने के बाद, हमने रूसी स्टेट मीडिया आउटलेट्स के खिलाफ अपने चल रहे प्रवर्तन का विस्तार किया। रोसिया सेगोडन्या, आरटी और दूसरे संबंधित संस्थाओं को अब विदेशी हस्तक्षेप गतिविधि के लिए विश्व स्तर पर हमारे ऐप्स से बैन कर दिया गया है।

फेसबुक, इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा ने अपने सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म से रूसी मीडिया को बैन कर दिया है। मेटा ने ऐलान किया कि उसने कथित ‘विदेशी हस्तक्षेप’ वाली गतिविधियों को देखते हुए रूसी स्टेट मीडिया RT न्यूज और अन्य क्रेमलिन नियंत्रित नेटवर्क पर बैन लगाया है। मेटा ने आरोप लगाया कि रूसी मीडिया ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पहचान से बचते हुए, इंफ्लूएंस ऑपरेशन चलाने के लिए भ्रामक रणनीति का इस्तेमाल किया है।

मेटा ने अपने जारी बयान में कहा, “सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद, हमने रूसी स्टेट मीडिया आउटलेट्स के खिलाफ अपने चल रहे प्रतिबंधों का विस्तार किया है. रोसिया सेगोदन्या, RT और अन्य संबंधित नेटवर्क्स को विदेशी हस्तक्षेप गतिविधि के लिए वैश्विक स्तर पर हमारी ऐप्स से बैन कर दिया गया है ”

मेटा ने ये कदम दूसरी बार उठाया है, इससे पहले 2022 में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद मेटा ने रूस की ओर से फैलाई जा रही गलत जानकारियों को रोकने के लिए रूसी नेटवर्क को सीमित किया था। मेटा ने ऐसे पोस्ट और अकाउंट्स को डाउन और डिमॉनेटाइज किया था जो रूसी सरकार से जुड़े एजेंडे को चला रहे थे। मेटा के अंदर फेसबुक, इंस्टाग्राम, थ्रेड, व्हाट्सएप आते हैं। प्रतिबंध से पहले RT के फेसबुक पर 7 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स थे, जबकि इसके इंस्टाग्राम अकाउंट पर दस लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं।

अमेरिका में पिछले हफ्ते अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने RT के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाए थे और उसको रूस की खुफिया एजेंसी से जुड़ा होने का आरोप लगाया था। ब्लिंकन ने शुक्रवार को मीडिया से कहा कि RT रूस समर्थित मीडिया आउटलेट्स के एक नेटवर्क का हिस्सा है, जिसने गुप्त तरीके से अमेरिका में लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की है। इसके अलावा उन्होंने RT पर आरोप लगाया कि रूस इसकी मदद से अमेरिका में साइबर हमले कर रहा है। ब्लिंकन के इन आरोपों का RT अपने एक्स पर लाइव स्ट्रीम किया और इसे अमेरिका का नया षड्यंत्र बताया था।
भिलाई में पार्षद पुत्र की गुंडागर्दी : जोन कार्यालय में मचाया हंगामा, दस्तावेज फाड़े, इंजीनियर को दी जान से मारने की धमकी, केस दर्ज

दरअसल यह मामला सुभद्रा सिंह के वार्ड में सौंदर्यीकरण के काम में हुए खर्च के पैसों की लेनदेन को लेकर था. बताया जा रहा है कि 15 अगस्त की तैयारी के चलते वार्ड में मरम्मत के कुछ काम होने थे और इसी वक्त ठेकेदार शहर से बाहर था. इसके बाद सब इंजीनियर ने ठेकेदार से पार्षद के बेटे की बात कराई और इसी बीच मरम्मत का काम किया गया. इसके एवज में ठेकेदार को पार्षद के बेटे को पैसे देने थे, लेकिन अब पैसे दिलवाने का दबाव पार्षद सुभद्रा सिंह का बेटा सब इंजीनियर पर बनाने लगा.

सब इंजीनियर दीपक देवांगन का कहना है कि दोनों के बीच बातचीत पहले ही हो चुकी थी और वह पैसे के लेनदेन के किसी भी मामले में बीच में नहीं है. फिलहाल पुलिस ने सब इंजीनियर की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है. भिलाई नगर सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी का कहना है कि पीड़ित इंजिनियर की शिकायत पर शासकीय कार्य में बाधा और शासकीय सेवक को धमकी देने, दस्तावेज फाड़ने का मामला दर्ज किया गया है. फिलहाल दोनों आरोपी फरार हैं.

भारत में मेटा पर लगा 213 करोड़ का जुर्माना, यूजर्स के डेटा से जुडा है मामला

#meta_in_india_fine_of_rs_213_crore

फेसबुक और वाट्सऐप की पेरेंट कंपनी मेटा पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सोमवार को 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। मेटा पर सीसीआई ने यह जुर्माना 2021 में वाट्सऐप प्राइवेसी अपडेट के संबंध में अनुचित व्यावसायिक तरीकों को अपनाने पर लगाया है। वहीं दूसरी ओर व्हाट्सएप पर मेटा की दूसरी कंपनियों के साथ डेटा शेयर करने पर बैन लगा दिया है। इसके साथ ही, सीसीआई ने मेटा को प्रतिस्पर्धा-रोधी व्यवहार को रोकने और इस तरह की हरकत से दूर रहने का भी निर्देश दिया है।

एक आदेश में कहा गया कि प्रतिस्पर्धा नियामक ने सोमवार को मेटा पर अपनी दबदबे का दुरुपयोग करने के लिए 213.14 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। सीसीआई ने डॉमिनेंस का दुरुपयोग करने के खिलाफ आदेश पारित करते हुए कहा कि यह जुर्माना इस बात से जुड़ा है कि व्हॉट्सएप की 2021 की निजता नीति को कैसे लागू किया गया, उपयोगकर्ता डेटा कैसे जमा किया गया और इसे मेटा की अन्य कंपनियों के साथ साझा किया गया।

वहीं दूसरी ओर सीसीआई ने व्हाट्सएप को अपने प्लेटफॉर्म पर कलेक्ट किए गए यूजर डेटा को विज्ञापन उद्देश्यों के लिए अन्य मेटा प्रोडक्ट्स या कंपनियों के साथ पांच साल की अवधि के लिए शेयर ना करने का भी निर्देश दिया है। यह रोक 5 साल के लिए लगाई गई है।विज्ञापन के अलावा दूसरे मकसद से वट्सऐप यूजर डेटा शेयर करने के मामले में वट्सऐप पॉलिसी में मेटा की दूसरी कंपनियों के साथ शेयर किए गए डेटा की विस्तृत जानकारी देनी होगी। इसमें बताना होगा कि किस उद्देश्य से डेटा साझा किया गया। हर डेटा की साझेदारी का मकसद साफ करना होगा।

सीसीआई ने मार्च 2021 में व्हाट्सएप की रिवाइज्ड प्राइवेसी पॉलिसी की जांच शुरू की, जिसने डेटा कलेक्शन के विस्तारित दायरे के साथ-साथ फेसबुक (अब मेटा) और उसकी कंपनियों के साथ अनिवार्य डेटा शेयरिंग को सक्षम बनाया। इससे पहले, 2016 से यूजर्स के पास यह तय करने का विकल्प था कि उन्हें अपना डेटा कंपनी के साथ शेयर करना है या नहीं। जनवरी 2021 से यूजर्स के लिए लागू होने वाली पॉलिसी फरवरी 2021 से प्रभावी होने वाली थी। व्हाट्सएप को चालू रखने के लिए यूजर्स को नई शर्तों को स्वीकार करने की आवश्यकता थी।

उसके बाद इसको लेकर काफी आलोचना की गई और मेटा ने इस रोलआउट को कैंसल कर दिया था। व्हाट्सएप ने बाद में स्पष्टीकरण भी जारी किया जिसमें कहा गया कि पॉलिसी अपडेट यूजर्स के अपने दोस्तों या परिवार के साथ पर्सनल मैसेज की प्राइवेसी को प्रभावित नहीं करेगा और इस बात पर जोर दिया कि बदलाव एप्लिकेशन द्वारा पेश की गई वैकल्पिक व्यावसायिक सुविधाओं से संबंधित थे।साढ़े तीन साल से अधिक की जांच के बाद, सीसीआई ने पाया कि व्हाट्सएप की ‘टेक-इट-या-लीव-इट’ पॉलिसी अपडेट फेयर नहीं थी।

वॉट्सऐप: क्या वाकई प्राइवेसी का किंग है या नहीं?, जानें

WhatsApp ने दुनिया भर में मैसेजिंग ऐप्स के मामले में एक बड़ा मुकाम हासिल किया है. दुनिया भर में करीब 2.9 अरब लोग इसके जरिए बातचीत करते हैं. इसका आसानी से इस्तेमाल होने वाला इंटरफेस, ग्रुप चैट, और मीडिया शेयर करने की सुविधा ने इसे लोगों के बीच बेहद पॉपुलर बना दिया है. वॉट्सऐप लगातार नए प्राइवेसी फीचर्स जोड़ता रहता है. एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन जैसी सर्विस वॉट्सऐप यूजर्स के मैसेज को सिक्योर करने के काम आती है. वॉट्सऐप की कई खूबियां इसे एक शानदार प्राइवेट मैसेंजर ऐप बनाती हैं.

लेकिन, क्या वॉट्सऐप वाकई प्राइवेसी का किंग है? यह सवाल इसलिए उठता है क्योंकि वॉट्सऐप, मेटा का हिस्सा. मेटा दुनिया की तीन मशहूर टेक प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप की पैरेंट कंपनी है. मेटा अपनी डेटा कलेक्शन पॉलिसी के लिए जानी जाती है.

वॉट्सऐप यूजर्स की चिंता

कई लोगों को चिंता सताती है कि वॉट्सऐप उनके डेटा का इस्तेमाल मेटा के दूसरे प्रोडक्ट्स के लिए कर सकती है, भले ही उनके मैसेज एन्क्रिप्टेड हों. इसके अलावा, वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी में समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं, जिससे यूजर्स में बेएतबारी पैदा होती है.

आइए, इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए WhatsApp, Signal, Telegram और Threema जैसे लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप्स की तुलना करते हैं और जानते हैं कि कौन सा ऐप प्राइवेसी के मामले में सबसे आगे है, या फिर वॉट्सऐप ही प्राइवेसी का असली किंग है.

1. प्राइवेसी डिजाइन (Privacy Design)

WhatsApp: इसका इस्तेमाल करने के लिए फोन नंबर जरूरी है.

Signal: इसका इस्तेमाल करने के लिए फोन नंबर की जरूरत होती है, लेकिन यह मजबूत प्राइवेसी फीचर्स देता है.

Telegram: यह ऐप यूजर्स को यूजरनेम के जरिए रजिस्टर करने की इजाजत देता है, लेकिन डिफॉल्ट तौर पर फोन नंबर का इस्तेमाल होता है.

Threema: इस ऐप को इस्तेमाल करने के लिए फोन नंबर या ईमेल की जरूरत नहीं होती है, जो इसे एक हाई-लेवल प्राइवेट ऐप बनाता है.

2. एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (End-to-End Encryption)

WhatsApp: सभी मैसेज के लिए डिफॉल्ट तौर पर एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन मौजूद है.

Signal: यह ऐप हर तरह की बातचीत के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन देता है, जो डिफॉल्ट तौर पर एक्टिव होता है.

Telegram: इसमें ‘सीक्रेट चैट्स’ के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन मौजूद है, लेकिन नॉर्मल चैट और ग्रुप चैट में यह एन्क्रिप्शन डिफॉल्ट नहीं होता है.

Threema: सभी मैसेज, फाइल और कॉल के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन मिलता है.

3. ओपन सोर्स (Open Source)

WhatsApp: यह ओपन सोर्स नहीं है (Meta का मालिकाना हक है).

Signal: यह पूरी तरह से ओपन सोर्स है, यानी इसका कोड पब्लिकली अवेलेबल है.

Telegram: इसमें क्लाइंट ओपन सोर्स है, लेकिन सर्वर साइड कोड बंद है, जो कुछ प्राइवेसी और ट्रांसपेरेंसी को लेकर चिंताएं पैदा कर सकता है.

Threema: यह भी ओपन सोर्स है.

अगर आप प्राइवेसी और सिक्योरिटी को लेकर काफी सजग हैं, तो सिग्नल और थ्रीमा टॉप चॉइस हो सकते हैं. वॉट्सऐप को चलाना काफी आसान है, लेकिन यह मेटा के एटवर्टाइजिंग और डेटा-शेयरिंग प्रैक्टिस से जुड़ा है. टेलीग्राम आम बातचीत के लिए ठीक है, लेकिन थोड़ा कम सेफ है, खासकर ग्रुप चैट और नॉन-सीक्रेट चैट के लिए.

वॉट्सऐप, सिग्नल और टेलीग्राम को आप फ्री में चला सकते हैं, लेकिन थ्रीमा एक पेड मैसेजिंग सर्विस प्लेटफॉर्म है. थ्रीमा का इस्तेमाल करने के लिए आपको कम से कम 2 डॉलर (लगभग 168 रुपये) महीना खर्च करने होंगे.

अवैध धान परिवहन पर खाद्य विभाग की बड़ी कार्रवाई, 730 बोरी अवैध धान जब्त, ट्रक सीज..
बता दें, प्रदेश में 14 नवंबर से धान की सरकारी खरीदी प्रक्रिया शुरू होने वाली है, इससे पहले प्रशासन राज्य में अवैध धान के परिवहन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. कलेक्टर ने इस मामले में सख्ती बरतते हुए सभी संबंधित अधिकारियों को अवैध धान के परिवहन पर रोक लगाने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं, ताकि धान की खरीदी प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी न हो और किसानों को उनका पूरा हक मिल सके. बीते कुछ दिनों में इस क्षेत्र में पहले भी अवैध धान के परिवहन की घटनाएं सामने आई हैं. हाल ही में एक पिकअप ट्रक से भी अवैध धान की बड़ी खेप पकड़ी गई थी.
भाजपा ने पोस्टर के जरिए भूपेश बघेल पर किया हमला, बैज का पलटवार, कहा- जब भाजपा विफल होती है, तो दूसरों को देती है दोष…

छत्तीसगढ़ भाजपा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर किए अपने पोस्ट में पोस्टर जारी किया है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपराधियों से साठगांठ का आरोप लगाते हुए लिखा है ‘अपराधियों का आका – ठगेश काका’.

इस पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पलटवार करते हुए कहा कि जब भी भाजपा विफल होती है, तो दूसरों को दोष देती है. अपराध रोकने की बात छोड़ दीजिए. वहीं गुरुवार को वैशाली नगर भाजपा विधायक रिकेश सेन के युवक का जबड़ा पकड़ते वायरल वीडियो के हवाले से कहा कि अगर कोई जनता अपने जनप्रतिनिधि के पास जाती है, तो गला पकड़कर दादागिरी करते हैं.

इंस्टाग्राम पर डेटा सुरक्षा सेटिंग्स: कैसे करें अपने डेटा को सुरक्षित? जानें

आजकल इंस्टाग्राम हर कोई यूज करता है, फिर चाहे वो छोटा हो या बड़ा, ज्यादातर लोगों के फोन में ये ऐप्लीकेशन देखने को मिल जाती है. कुछ महीनों पहले मेटा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम, फेसबुक और वॉट्सऐप को मेटा एआई से कनेक्ट किया है. जिस दिन से ये हुआ है यूजर्स ने मेटा एआई चैटबॉट का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है. इसमें फोटो जेनरेट कराने के लिए हो या कंटेंट लिखवाने के लिए, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इंस्टाग्राम अपने एआई चैटबॉट को ट्रेन करने के लिए आपकी फोटो-वीडियो को यूज करता है. यहां हम आपको इसे खोलकर समझा रहे हैं, इसके साथ आप इससे बचने के लिए क्या सेटिंग करनी होगी.

पर्सनल डेटा का यूज होने से रोकें

मेटा अपने मेटा एआई टूल को ट्रेन करने के लिए यूजर्स के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्टेड डेटा को यूज करता है. यूजर्स के फोटो कैप्शन और चैट्स को मल्टीपल लैंग्वेज ऐड करने के लिए यूज कर रहा है, हालांकि मेटा की शेयर की जानकारी के मुताबिक, ये यूजर की पर्सनल चैट और प्राइवेट पोस्ट को यूज नहीं करता है.

बचने के लिए इन स्टेप्स को करें फॉलो

अगर अपनी फोटो-वीडियो को सेफ रखना चाहते हैं तो आपको ये सेटिंग करनी होगी. इसके लिए अपने फोन में इंस्टाग्राम ओपन करें, इंस्टाग्राम ओपन करने के बाद सेटिंग्स में जाएं. ये करने के बाद अबाउट के ऑप्शन पर क्लिक करें, प्राइवेसी पॉलिसी पर जाएं.

ऊपर की तरफ शो हो रही तीन पर क्लिक करें, इसके बाद थोड़ा नीचे स्क्रॉल करें और Other Policies and articles के ऑप्शन पर क्लिक करें.

यहां पर How Does meta using data to trains it AI tool, का ऑप्शन शो होगा. इस ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद डेटा डिलीट करने की रिक्वेस्ट पर क्लिक कर दें.

यहां पर एक फॉर्म भरने का ऑप्शन आएगा, इस फॉर्म को ध्यान से पूरा भरें- I want to delete any personal information from third parties used for building and improving AI at Meta इसके बाद यहां मांगी गई सभी डिटेल्स भरें और डन के ऑप्शन पर क्लिक कर दें. प्रोसेस पूरा होने के बाद ये कभी भी आपका डेटा नहीं ले पाएगा.

सिक्योरिटी चेकअप

इस सेटिंग के बाद आपका पर्सनल डेटा चोरी होने से बच जाएगा, इसके अलावा इंस्टाग्राम प्रोफाइल आइकन पर क्लिक करें, अकाउंट सेंटर पर क्लिक करें. पासवर्ड एंड सिक्योरिटी के ऑप्शन पर क्लिक करें. इसके बाद सिक्योरिटी चेकअप का ऑप्शन शो होगा, सिक्योरिटी चेकअप करेंगे तो आपको 4 चीजें शो होंगी उन्हें एक-एक कर के चेक करें और सेट कर दें. टू- फैक्टर ऑथेंटिकेशन पर क्लिक करेंगे तो आप उसमें ये भी सेट कर सकते हैं कि कोई दूसरी डिवाइस में अकाउंट लॉगइन करेगा तो आपके पास वेरिफिकेशन कोड आएगा.

पीसीसी चीफ दीपक बैज का बड़ा बयान, कहा- रायपुर दक्षिण के लिए आज होगी कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा…

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने मीडिया से चर्चा में पहले स्पष्ट किया कि रायपुर दक्षिण विधानसभा उप चुनाव के लिए अभी प्रत्याशी तय नहीं हुआ है. आज शाम तक नाम को घोषणा होगी. वहीं चुनाव के लिए सभी वरिष्ठ नेताओं को वार्डों की भी जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा पार्षदों, छाया पार्षदों को भी जिम्मेदारी दे दी गई है.

भाजपा से सुनील सोनी उम्मीदवार

बता दें कि भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद खाली हुई रायपुर दक्षिण सीट पर 13 नवंबर को उप चुनाव होगा. भाजपा ने गहन मंथन के बाद पूर्व सांसद सुनील सोनी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. लेकिन कांग्रेस अभी तक भाजपा के इस गढ़ में सेंध लगाने के लिए अपना प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है. 

इंस्टाग्राम ने 18 साल से कम उम्र के यूजर्स के  अकाउंट्स की बढ़ाई सुरक्षा

डेस्क:– इंस्टाग्राम ने 18 साल से कम उम्र के यूजर्स के लिए नई प्राइवेसी और सुरक्षा सुविधाओं की घोषणा की है, जिसमें अकाउंट्स को 'टीन अकाउंट्स' में बदलने की प्रक्रिया शामिल है। अब से सभी किशोर यूजर्स के अकाउंट डिफॉल्ट रूप से प्राइवेट होंगे, जिससे केवल उन्हीं लोगों को संपर्क करने की अनुमति होगी जिन्हें यूजर फॉलो करता है और परमिशन देता है। Meta की यह पहल किशोरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की गई है, खासकर उन चिंताओं के बीच जो सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों को लेकर बढ़ी हैं।

नए नियमों के तहत, 16 साल से कम उम्र के यूजर्स केवल अपने माता-पिता की अनुमति से अपने अकाउंट की प्राइवेसी सेटिंग्स में बदलाव कर सकेंगे। इंस्टाग्राम ने एक नया मॉनिटरिंग टूल भी पेश किया है, जिससे माता-पिता अपने बच्चों के अकाउंट पर नज़र रख सकेंगे। इस टूल की मदद से वे देख सकेंगे कि उनके बच्चे कितनी देर तक इंस्टाग्राम का उपयोग कर रहे हैं और किससे बातचीत कर रहे हैं। यह कदम माता-पिता को अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों को बेहतर तरीके से समझने और नियंत्रित करने में मदद करेगा।

*सोशल मीडिया पर बढ़ती चिंताएं*

मेटा की यह घोषणा सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बढ़ती चिंताओं के बीच आई है। पहले से ही Meta, TikTok और YouTube के खिलाफ सैकड़ों मुकदमें दायर किए गए हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि ये प्लेटफार्म बच्चे और किशोरों की मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। पिछले साल, अमेरिका के 33 राज्यों ने मेटा पर अपने प्लेटफॉर्म के संभावित दुष्प्रभावों के बारे में जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया था।

*जानें, क्या है The Kids Online Safety Act ?*

इस साल जुलाई में, अमेरिकी सीनेट ने दो महत्वपूर्ण ऑनलाइन सुरक्षा विधेयकों को आगे बढ़ाया, जिनमें The Kids Online Safety Act और The Children and Teens' Online Privacy Protection Act शामिल हैं। ये विधेयक सोशल मीडिया कंपनियों को यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य करेंगे कि उनके प्लेटफार्मों का बच्चों और किशोरों पर क्या प्रभाव पड़ता है।

*18 साल से कम उम्र के इंस्टाग्राम यूजर्स के लिए उपयोग सीमाएँ*

नई सुरक्षा सुविधाओं के तहत, 18 साल से कम उम्र के इंस्टाग्राम यूजर्स को प्रतिदिन 60 मिनट के उपयोग के बाद एप बंद करने की सूचना दी जाएगी। इसके अलावा, डिफॉल्ट स्लीप मोड सक्रिय होगा, जो रात के समय एप को बंद कर देगा। ये सभी उपाय किशोरों के लिए एक सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

बता दें कि इंस्टाग्राम की यह नई पहल न केवल यूजर्स की सुरक्षा बढ़ाएगी, बल्कि माता-पिता को भी उनके बच्चों के डिजिटल अनुभव को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने का अवसर प्रदान करेगी। यह कदम सामाजिक मीडिया पर बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति एक सकारात्मक दिशा में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन है।
छत्तीसगढ़ में 13 डिप्टी कलेक्टरों को मिली नियुक्ति, सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया आदेश, देखें लिस्ट

देखे आदेश-

RT समेत कई सरकारी मीडिया हाउस पर लगा दिया बैन,Meta का रूस पर बड़ा एक्शन
डेस्क : –Meta प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “खूब विचार करने के बाद, हमने रूसी स्टेट मीडिया आउटलेट्स के खिलाफ अपने चल रहे प्रवर्तन का विस्तार किया। रोसिया सेगोडन्या, आरटी और दूसरे संबंधित संस्थाओं को अब विदेशी हस्तक्षेप गतिविधि के लिए विश्व स्तर पर हमारे ऐप्स से बैन कर दिया गया है।

फेसबुक, इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा ने अपने सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म से रूसी मीडिया को बैन कर दिया है। मेटा ने ऐलान किया कि उसने कथित ‘विदेशी हस्तक्षेप’ वाली गतिविधियों को देखते हुए रूसी स्टेट मीडिया RT न्यूज और अन्य क्रेमलिन नियंत्रित नेटवर्क पर बैन लगाया है। मेटा ने आरोप लगाया कि रूसी मीडिया ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पहचान से बचते हुए, इंफ्लूएंस ऑपरेशन चलाने के लिए भ्रामक रणनीति का इस्तेमाल किया है।

मेटा ने अपने जारी बयान में कहा, “सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद, हमने रूसी स्टेट मीडिया आउटलेट्स के खिलाफ अपने चल रहे प्रतिबंधों का विस्तार किया है. रोसिया सेगोदन्या, RT और अन्य संबंधित नेटवर्क्स को विदेशी हस्तक्षेप गतिविधि के लिए वैश्विक स्तर पर हमारी ऐप्स से बैन कर दिया गया है ”

मेटा ने ये कदम दूसरी बार उठाया है, इससे पहले 2022 में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद मेटा ने रूस की ओर से फैलाई जा रही गलत जानकारियों को रोकने के लिए रूसी नेटवर्क को सीमित किया था। मेटा ने ऐसे पोस्ट और अकाउंट्स को डाउन और डिमॉनेटाइज किया था जो रूसी सरकार से जुड़े एजेंडे को चला रहे थे। मेटा के अंदर फेसबुक, इंस्टाग्राम, थ्रेड, व्हाट्सएप आते हैं। प्रतिबंध से पहले RT के फेसबुक पर 7 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स थे, जबकि इसके इंस्टाग्राम अकाउंट पर दस लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं।

अमेरिका में पिछले हफ्ते अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने RT के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाए थे और उसको रूस की खुफिया एजेंसी से जुड़ा होने का आरोप लगाया था। ब्लिंकन ने शुक्रवार को मीडिया से कहा कि RT रूस समर्थित मीडिया आउटलेट्स के एक नेटवर्क का हिस्सा है, जिसने गुप्त तरीके से अमेरिका में लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की है। इसके अलावा उन्होंने RT पर आरोप लगाया कि रूस इसकी मदद से अमेरिका में साइबर हमले कर रहा है। ब्लिंकन के इन आरोपों का RT अपने एक्स पर लाइव स्ट्रीम किया और इसे अमेरिका का नया षड्यंत्र बताया था।
भिलाई में पार्षद पुत्र की गुंडागर्दी : जोन कार्यालय में मचाया हंगामा, दस्तावेज फाड़े, इंजीनियर को दी जान से मारने की धमकी, केस दर्ज

दरअसल यह मामला सुभद्रा सिंह के वार्ड में सौंदर्यीकरण के काम में हुए खर्च के पैसों की लेनदेन को लेकर था. बताया जा रहा है कि 15 अगस्त की तैयारी के चलते वार्ड में मरम्मत के कुछ काम होने थे और इसी वक्त ठेकेदार शहर से बाहर था. इसके बाद सब इंजीनियर ने ठेकेदार से पार्षद के बेटे की बात कराई और इसी बीच मरम्मत का काम किया गया. इसके एवज में ठेकेदार को पार्षद के बेटे को पैसे देने थे, लेकिन अब पैसे दिलवाने का दबाव पार्षद सुभद्रा सिंह का बेटा सब इंजीनियर पर बनाने लगा.

सब इंजीनियर दीपक देवांगन का कहना है कि दोनों के बीच बातचीत पहले ही हो चुकी थी और वह पैसे के लेनदेन के किसी भी मामले में बीच में नहीं है. फिलहाल पुलिस ने सब इंजीनियर की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है. भिलाई नगर सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी का कहना है कि पीड़ित इंजिनियर की शिकायत पर शासकीय कार्य में बाधा और शासकीय सेवक को धमकी देने, दस्तावेज फाड़ने का मामला दर्ज किया गया है. फिलहाल दोनों आरोपी फरार हैं.