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मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, इंफाल घाटी में सीएम के पैतृक आवास पर हमला

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मणिपुर में हालात फिर बिगड़ते दिख रहे हैं. जातीय हिंसा की वजह से पिछले चार महीने से अधिक वक्त से राज्य में अशांति है। गुरुवार की रात हिंसा और उपद्रव ने उस वक़्त नया मोड़ ले लिया जब कुछ लोगों के एक समूह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के हिंगेंग स्थित घर में घुसने की कोशिश की। हालांकि मुख्यमंत्री और उनके परिवार का कोई शख़्स वहां मौजूद नहीं था।पुलिस ने बताया कि भीड़ ने सीएम के परिवार के खाली घर पर हमला करने की कोशिश की लेकिन सुरक्षा बलों ने भीड़ को रोक लिया। पुलिस ने बताया कि भीड़ को आवासा से सौ मीटर पहले ही रोक दिया गया।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने पुलिस के हवाले से बताया कि इंफाल पूर्व के हिंगिंग इलाके में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए थे। पुलिस ने बताया कि भीड़ ने एन बीरेन सिंह के पैतृक आवास को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसे विफल कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि भीड़ को आवासा से सौ मीटर पहले ही रोक दिया गया।एक सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक लगभग 500-600 लोगों ने शुरुआत में हमले में शामिल थे। हालांकि रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों ने इस हमले के नाकाम कर दिया। उनका कहना है कि उपद्रवी मकान में घुस पाते इससे पहले ही उन्हें वहां से तितर-बितर कर दिया गया।

इससे पहले भीड़ ने गुरुवार तड़के इंफाल पश्चिम जिले में उपायुक्त कार्यालय में भी जमकर तोड़फोड़ की। इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने दो चार पहिया वाहनों को आग लगा दी।साथ ही गुरुवार को उग्र भीड़ ने थौबल जिले में बीजेपी मंडल कार्यालय को आग के हवाले कर दिया।आग लगाने से पहले बीजेपी कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की गई। लोगों ने मंडल कार्यालय के गेट, खिड़कियों को तोड़कर नष्ट कर दिया। इसके साथ ही कार्यालय परिसर में खड़ी एक महिंद्रा स्कॉर्पियो की विंडशील्ड भी तोड़ डाली।

दो मैतेई छात्रों का शव मिलने के बाद फिर भड़की हिंसा

दो मैतेई छात्रों के शव मिलने के बाद एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। ये दोनों छात्र, 20 साल के फिजाम हेमजी और 17 साल की हिजाम लुआनथो इनगाम्बी, जुलाई में बिष्णुपुर के पास से लापता हो गए थे लेकिन मणिपुर में मोबाइल इंटरनेट बहाल होने के बाद इन दोनों के शवों की तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई। बाद में दोनों के शव चूराचांदपुर के पास लमदान में मिले और ये आशंका जताई गई कि इन्हें अगवा कर उनकी हत्या की गई है।इसके बाद मणिपुर में एक बार फिर हिंसा शुरू हो गई है।

कश्मीर के इस जांबाज अधिकारी को बुलाया गया

राज्य में फिर भड़की हिंसा के बीच जम्मू- कश्मीर के श्रीनगर में तैनात एसएसपी राकेश बलवाल को मणिपुर बुलाया गया है। राकेश बलवाल को आतंकियों से निपटने के मामले में विशेषज्ञता है। वर्ष 2012 बैच के इस आईपीएस अधिकारी के मणिपुर पहुंचने पर उन्हें नई पोस्टिंग दी जाएगी। वहीं सीबीआई की एक टीम वर्तमान में इस पूर्वोत्तर राज्य में हुई हत्याओं की जांच कर रही है, जहां पर पिछले करीब 5 महीने से जातीय तनाव चल रहा है।

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Sep 28 2023, 11:39

दो छात्रों की हत्या के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी दफ्तर को लगाई आग

#manipurviolencesituationworsensduetomurderoftwo_students

मणिपुर की राजधानी इंफाल में फिर से हिंसा भड़क गई है। दो युवकों की हत्या की तस्वीरें वायरल होने के बाद यह हिंसा भड़की है।ताजा हिंसा में लोगों की भीड़ ने इंफाल में डीसी (जिलाधिकारी)कार्यालय पर हमला कर दिया। इस दौरान डीसी ऑफिस में तोड़फोड़ की गई और दो चार पहिया वाहनों में आग लगा दी गई।साथ ही थाउबेल जिले में बीजेपी के एक मंडल कार्यालय को जला दिया।

इंफाल घाटी में एक बार फिर प्रदर्शनों का दौर शुरू

लापता स्टूडेंट्स की हत्या के बाद इंफाल घाटी में एक बार फिर प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है। इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने छात्रों की हत्याओं के विरोध में रैलियां निकाली और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की। इस दौरान पुलिस ने तोड़फोड़ पर उतारू भीड़ को कंट्रोल करने के लिए जमकर आंसू गैस के गोले दागे, जिससे घाटी में करीब 50 लोग घायल हो गए। जख्मी होने वाले लोगों में अधिकतर छात्र थे।कई घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

बीजेपी मंडल कार्यालय को लगाई आग

वहीं, दूसरी तरफ गुरुवार को उग्र भीड़ ने थौबल जिले में बीजेपी मंडल कार्यालय को आग के हवाले कर दिया।आग लगाने से पहले बीजेपी कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की गई। लोगों ने मंडल कार्यालय के गेट, खिड़कियों को तोड़कर नष्ट कर दिया। इसके साथ ही कार्यालय परिसर में खड़ी एक महिंद्रा स्कॉर्पियो की विंडशील्ड भी तोड़ डाली। घटना के वक्त कार्यालय में मौजूद बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी पीटा गया।

जांच के लिए सीबीआई की टीम मणिपुर पहुंची

वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को दो युवकों की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया। मणिपुर में अगले छह महीने के लिए अफस्पा बढ़ा दिया गया है। हालांकि घाटी के 19 थानों को इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है।सरकार ने हालात पर काबू पाने के लिए 5 दिनों तक इंटरनेट सस्पेंड कर रखा है। साथ ही 29 सितंबर को प्रदेश के तमाम स्कूल बंद रखने की घोषणा की गई है। वहीं हत्या की जांच में मदद के लिए सीबीआई की एक टीम मणिपुर पहुंची है।

6 जुलाई को लापता हो गए थे दोनों छात्र

बता दें कि इम्फाल निवासी छात्रा हिजाम लिनथोइंगामी (17) और छात्र फिजाम हेमजीत (20), 6 जुलाई को अचानक लापता हो गए थे। इसके बाद उनकी आखिरी फोन लोकेशन चुराचांदपुर में पाई गई थी। 2 दिन पहले उनके शव चुराचांदपुर में एक खाई में पड़े मिले। उनकी गोली मारकर हत्या की गई थी। दोनों छात्रों की बर्बर हत्या की घटना सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एक बार फिर से राज्य के मैतेई और कुकी समुदाय में तनाव पसर गया है।

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Sep 26 2023, 11:59

मणिपुर में इंटरनेट सेवा बहाल होते ही दो लापता छात्रों के शवों की तस्वीरें वायरल, राज्य सरकार ने की संयम बरतने की अपील

#manipur_students_dead_body_photos_viral_on_internet

मणिपुर में फैली हिंसा के बाद स्थिति में सुधर को दिखते हुए इंटरनेट सेवाओं को बहाल किया गया है। हालांकि इंटरनेट सेवा शुरू होने के साथ ऐसा कुछ हो गया है, जिसके बाद फिर हिंसा भड़कने की आशंका जताई जा रही है। जिसके बाद राज्य सरकार ने जनता से संयम बरतने और अधिकारियों को जांच करने देने की अपील की है।

जुलाई से मणिपुर के दो छात्र लापता थे, जिनके शव अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। तस्वीर वायरल होने के कुछ घंटों बाद, मणिपुर सरकार ने लोगों से संयम बरतने और अधिकारियों को दोनों छात्रों के अपहरण और हत्या की जांच करने की अनुमति देने को कहा है।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मामले की जांच पहले ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी गई है। दोनों छात्रों की पहचान 17 साल के हिजाम लिनथोइनगांबी और 20 साल के फिजाम हेमजीत के रूप में की गई है। सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया, राज्य सरकार के संज्ञान में आया है कि जुलाई, 2023 से लापता दो छात्रों, फिजाम हेमजीत (20 वर्ष) और हिजाम लिन्थोइनगांबी (17 वर्ष) की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं। पता हो कि राज्य के लोगों की इच्छा के अनुसार यह मामला पहले ही सीबीआई को सौंप दिया गया है।

अपराधियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू

बयान में आगे कहा गया, मणिपुर पुलिस केंद्रीय जांच एजेंसियों के सहयोग से दोनों छात्रों के लापता होने की परिस्थितियों का पता लगाने और हत्या करने वाले अपराधियों की पहचान करने के लिए सक्रिय रूप से चांच कर रही है।साथ ही सुरक्षाबलों ने अपराधियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान भी शुरू कर दिया है।

जुलाई के पहले हफ्ते से लापता थे दोनों छात्र

बता दें कि वायरल हो रही दो तस्वीरों में से एक में कथित तौर पर छात्रों को दो हथियारबंद लोगों के साथ दिखाया गया था और दूसरे में दो शव थे। दोनों छात्र 6 जुलाई को लापता हो गए थे। पुलिस ने पहले कहा था कि दोनों का पता नहीं चल पाया है और उनके मोबाइल फोन बंद पाए गए हैं। उन्होंने पहले कहा था कि छात्रों के फोन की आखिरी लोकेशन चुराचांदपुर जिले में शीतकालीन फूल पर्यटन स्थल के पास लमदान में पाई गई थी।

यह है मामला

गौरतलब है, मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 170 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।

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Sep 14 2023, 22:33

SSC JE : Application Status 2023

Total Vacancy : 1324

Exam Date : 09 October 2023 to 11 October 2023

Check Application Status :

Karnataka, Kerla : Karnataka, Kerla Region (KKR)

Andhra Pradesh, Punduchery, Tamilnadu : Southern Region (SR) - Link Active Soon

Uttar Pradesh & Bihar : Central Region (CR) - Link Active Soon

Madhya Pradesh, Chhattisgarh : MP Sub-Region (MPR) - Link Active Soon

Maharashtra, Gujrat, Goa : Western Region (WR) - Link Active Soon

Rajasthan, Delhi, Uttarakhand : North Region (NR) - Link Active Soon

Assam, Arunachal Pradesh, Manipur, Meghalaya, Tripura, Nagaland, Mizoram : North Eastern Region (NER) - /Link Active Soon

Hariyana, Punjab, J&K, Himachal Pradesh : North Western Sub-Region (NWR) - Link Active Soon

West Bengal, Orrisa, Jharkhand, A&N Island, Sikkim : Eastern Region (ER) - Link Active Soon

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నిజంనిప్పులాంటిది

Aug 18 2023, 16:17

Manipur Violence: మణిపుర్‌లో మరోసారి రెచ్చిపోయిన ఆందోళనకారులు.. ముగ్గురి మృతి

ఇంఫాల్‌: తెగల మధ్య వైరం కారణంగా గత వందరోజులుగా హింసాత్మకంగా మారిన మణిపుర్‌ (Manipur)లో మరోసారి అల్లరిమూకలు రెచ్చిపోయాయి. ఉఖ్రుల్‌ (Ukhrul) జిల్లాలో శుక్రవారం ఉదయం సాయుధులైన దుండగులు కాల్పులకు తెగబడ్డారు..

ఉఖ్రుల్‌ జిల్లా పోలీసు అధికారి ఎన్‌. వాషుమ్‌ వెల్లడించిన వివరాల ప్రకారం.. జిల్లా కేంద్రానికి 47 కి.మీ దూరంలో కుకీ తెగవారు నివసించే తోవాయి కుకీ అనే గ్రామంపైకి ఉదయం 4:30 గంటల ప్రాంతంలో కొండపై నుంచి సాయుధ మూకలు విచక్షణా రహితంగా కాల్పులు జరిపాయి.

ఈ ఘటనలో ముగ్గురు గ్రామస్థులు మృతి చెందారు. ఈ నేపథ్యంలో ఆ ప్రాంతంలో కట్టుదిట్టమైన భద్రతను ఏర్పాటు చేశారు. కాల్పులు జరిపిన వారి కోసం రాష్ట్ర పోలీసులు, భారత సైన్యం సంయుక్తంగా సెర్చ్‌ ఆపరేషన్‌ చేపట్టినట్లు ఎస్పీ వెల్లడించారు..

మణిపుర్‌లో శాంతి నెలకొల్పేందుకు రాష్ట్ర, కేంద్ర ప్రభుత్వాలు తీవ్రంగా ప్రయత్నిస్తున్నాయి.

మరోవైపు కుకీ-జో తెగల నివాసిత ప్రాంతాలకు స్వయంప్రతిపత్తిని ప్రకటించాలని గిరిజన మహిళల వేదిక కేంద్ర ప్రభుత్వాన్ని డిమాండ్‌ చేసింది.

ఇప్పటి వరకు రాష్ట్రంలో చెలరేగిన హింస కారణంగా సుమారు 160 మంది ప్రాణాలు కోల్పోగా, మూడు వేల మంది వరకు గాయపడ్డారు. ఆందోళనలను కట్టడి చేసి, శాంతి నెలకొల్పేందుకు కేంద్ర ప్రభుత్వం సుమారు 40 వేల కేంద్ర బలగాలను మోహరించింది..

Purnea

Aug 18 2023, 14:45

12 दिन की शांति के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, गोलीबारी में तीन कुकी नागरिकों की मौत

#manipurviolencethreevillagevolunteers_killed

मणिपुर पिछले तीन महीने से ज्यादा समय से जल रहा है। राज्य में रूक रूककर हिंसा भड़क जा रही है। पिछले 12 दिनों से घाटी में शांति थी, लेकिन आज शुक्रवार की सुबह एक बार फिर हिंसा की खबर सामने आई है। मणिपुर के उखरुल जिले में शुक्रवार सुबह भड़की ताजा हिंसा के दौरान तीन कुकी लोगों की मौत हो गई।बताया जा रहा है कि सुबह करीब 4.30 गांव में उपद्रवियों ने गोलीबारी की जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई है। इस हमले के पीछे मैतेई समुदाय का हाथ बताया जा रह है। फिलहाल पुलिस गोलीबारी करने वालों की पहचान करने में जुटी है।

मणिपुर पुलिस ने बताया कि यह घटना उखरूल जिले से लगभग 47 किलोमीटर दूर स्थित थोवई गांव में सुबह करीब 4.30 बजे हुई, यह कुकी बहुल गांव है। उखरुल के पुलिस अधीक्षक एन वाशुम के मुताबिक, हथियारबंद उपद्रवियों का एक समूह गांव के पूर्व में स्थित पहाड़ियों से गांव के पास आया और ग्राम रक्षकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। घटना में गांव के 3 लोगों की मौत हो गई है। किसी के घायल होने की खबर नहीं है।

बताया जा रहा है कि मैतेई उपद्रवियों ने सबसे पहले गांव के ड्यूटी पोस्ट पर हमला किया, जहां स्वयंसेवक गांव की सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहे थे। इस गोलीबारी में कुकी स्वयंसेवकों के तीन लोगों के मारे जाने की खबर है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बचाया है कि जब पुलिस ने सर्च अभियान चलाया तब यहां जंगल के इलाके से 3 शव बरामद हुए हैं। मारे गए लोगों की पहचान जामखोगिन हाओकिप (26), थांगखोकाई हाओकिप (35) और होलेनसोन बाइते (24) के रूप में हुई है।चाकू से इनके शरीर पर निशान बनाए गए हैं, जबकि अंगों को भी काटा गया है।

राज्य में अब तक 190 लोगों की मौत

मैतइ और कुकी समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर शुरू हुई जातीय हिंसा ने धीरे-धीरे पूरे राज्य में हिंसा का स्वरूप ले लिया था, जिसके बाद कई जान चली गई। हिंसा की ताजा घटना के साथ, मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष में कम से कम 190 लोग मारे गए हैं। राज्य में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच व्यापक हिंसा देखी गई है। हिंसा भड़कने के बाद से लगभग 60,000 लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं। राज्य में बलात्कार और हत्या के मामले सामने आए हैं और केंद्रीय सुरक्षा बलों की भारी उपस्थिति के बावजूद भीड़ ने पुलिस शस्त्रागार लूट लिया और कई घरों में आग लगा दी।

हिंसा की वजह

बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है। इसकी वजह ये है कि मैतई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है लेकिन ये लोग राज्य के सिर्फ 10 प्रतिशत मैदानी इलाके में रहते हैं। वहीं कुकी और नगा समुदाय राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं जो की राज्य का करीब 90 फीसदी है। जमीन सुधार कानून के तहत मैतई समुदाय के लोग पहाड़ों पर जमीन नहीं खरीद सकते, जबकि कुकी और नगा समुदाय पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। यही वजह है, जिसकी वजह से हिंसा शुरू हुई और अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

Katihar

Aug 18 2023, 14:43

12 दिन की शांति के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, गोलीबारी में तीन कुकी नागरिकों की मौत

#manipurviolencethreevillagevolunteers_killed

मणिपुर पिछले तीन महीने से ज्यादा समय से जल रहा है। राज्य में रूक रूककर हिंसा भड़क जा रही है। पिछले 12 दिनों से घाटी में शांति थी, लेकिन आज शुक्रवार की सुबह एक बार फिर हिंसा की खबर सामने आई है। मणिपुर के उखरुल जिले में शुक्रवार सुबह भड़की ताजा हिंसा के दौरान तीन कुकी लोगों की मौत हो गई।बताया जा रहा है कि सुबह करीब 4.30 गांव में उपद्रवियों ने गोलीबारी की जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई है। इस हमले के पीछे मैतेई समुदाय का हाथ बताया जा रह है। फिलहाल पुलिस गोलीबारी करने वालों की पहचान करने में जुटी है।

मणिपुर पुलिस ने बताया कि यह घटना उखरूल जिले से लगभग 47 किलोमीटर दूर स्थित थोवई गांव में सुबह करीब 4.30 बजे हुई, यह कुकी बहुल गांव है। उखरुल के पुलिस अधीक्षक एन वाशुम के मुताबिक, हथियारबंद उपद्रवियों का एक समूह गांव के पूर्व में स्थित पहाड़ियों से गांव के पास आया और ग्राम रक्षकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। घटना में गांव के 3 लोगों की मौत हो गई है। किसी के घायल होने की खबर नहीं है।

बताया जा रहा है कि मैतेई उपद्रवियों ने सबसे पहले गांव के ड्यूटी पोस्ट पर हमला किया, जहां स्वयंसेवक गांव की सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहे थे। इस गोलीबारी में कुकी स्वयंसेवकों के तीन लोगों के मारे जाने की खबर है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बचाया है कि जब पुलिस ने सर्च अभियान चलाया तब यहां जंगल के इलाके से 3 शव बरामद हुए हैं। मारे गए लोगों की पहचान जामखोगिन हाओकिप (26), थांगखोकाई हाओकिप (35) और होलेनसोन बाइते (24) के रूप में हुई है।चाकू से इनके शरीर पर निशान बनाए गए हैं, जबकि अंगों को भी काटा गया है।

राज्य में अब तक 190 लोगों की मौत

मैतइ और कुकी समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर शुरू हुई जातीय हिंसा ने धीरे-धीरे पूरे राज्य में हिंसा का स्वरूप ले लिया था, जिसके बाद कई जान चली गई। हिंसा की ताजा घटना के साथ, मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष में कम से कम 190 लोग मारे गए हैं। राज्य में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच व्यापक हिंसा देखी गई है। हिंसा भड़कने के बाद से लगभग 60,000 लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं। राज्य में बलात्कार और हत्या के मामले सामने आए हैं और केंद्रीय सुरक्षा बलों की भारी उपस्थिति के बावजूद भीड़ ने पुलिस शस्त्रागार लूट लिया और कई घरों में आग लगा दी।

हिंसा की वजह

बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है। इसकी वजह ये है कि मैतई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है लेकिन ये लोग राज्य के सिर्फ 10 प्रतिशत मैदानी इलाके में रहते हैं। वहीं कुकी और नगा समुदाय राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं जो की राज्य का करीब 90 फीसदी है। जमीन सुधार कानून के तहत मैतई समुदाय के लोग पहाड़ों पर जमीन नहीं खरीद सकते, जबकि कुकी और नगा समुदाय पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। यही वजह है, जिसकी वजह से हिंसा शुरू हुई और अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

Bhojpur

Aug 18 2023, 14:41

12 दिन की शांति के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, गोलीबारी में तीन कुकी नागरिकों की मौत

#manipurviolencethreevillagevolunteers_killed

मणिपुर पिछले तीन महीने से ज्यादा समय से जल रहा है। राज्य में रूक रूककर हिंसा भड़क जा रही है। पिछले 12 दिनों से घाटी में शांति थी, लेकिन आज शुक्रवार की सुबह एक बार फिर हिंसा की खबर सामने आई है। मणिपुर के उखरुल जिले में शुक्रवार सुबह भड़की ताजा हिंसा के दौरान तीन कुकी लोगों की मौत हो गई।बताया जा रहा है कि सुबह करीब 4.30 गांव में उपद्रवियों ने गोलीबारी की जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई है। इस हमले के पीछे मैतेई समुदाय का हाथ बताया जा रह है। फिलहाल पुलिस गोलीबारी करने वालों की पहचान करने में जुटी है।

मणिपुर पुलिस ने बताया कि यह घटना उखरूल जिले से लगभग 47 किलोमीटर दूर स्थित थोवई गांव में सुबह करीब 4.30 बजे हुई, यह कुकी बहुल गांव है। उखरुल के पुलिस अधीक्षक एन वाशुम के मुताबिक, हथियारबंद उपद्रवियों का एक समूह गांव के पूर्व में स्थित पहाड़ियों से गांव के पास आया और ग्राम रक्षकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। घटना में गांव के 3 लोगों की मौत हो गई है। किसी के घायल होने की खबर नहीं है।

बताया जा रहा है कि मैतेई उपद्रवियों ने सबसे पहले गांव के ड्यूटी पोस्ट पर हमला किया, जहां स्वयंसेवक गांव की सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहे थे। इस गोलीबारी में कुकी स्वयंसेवकों के तीन लोगों के मारे जाने की खबर है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बचाया है कि जब पुलिस ने सर्च अभियान चलाया तब यहां जंगल के इलाके से 3 शव बरामद हुए हैं। मारे गए लोगों की पहचान जामखोगिन हाओकिप (26), थांगखोकाई हाओकिप (35) और होलेनसोन बाइते (24) के रूप में हुई है।चाकू से इनके शरीर पर निशान बनाए गए हैं, जबकि अंगों को भी काटा गया है।

राज्य में अब तक 190 लोगों की मौत

मैतइ और कुकी समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर शुरू हुई जातीय हिंसा ने धीरे-धीरे पूरे राज्य में हिंसा का स्वरूप ले लिया था, जिसके बाद कई जान चली गई। हिंसा की ताजा घटना के साथ, मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष में कम से कम 190 लोग मारे गए हैं। राज्य में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच व्यापक हिंसा देखी गई है। हिंसा भड़कने के बाद से लगभग 60,000 लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं। राज्य में बलात्कार और हत्या के मामले सामने आए हैं और केंद्रीय सुरक्षा बलों की भारी उपस्थिति के बावजूद भीड़ ने पुलिस शस्त्रागार लूट लिया और कई घरों में आग लगा दी।

हिंसा की वजह

बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है। इसकी वजह ये है कि मैतई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है लेकिन ये लोग राज्य के सिर्फ 10 प्रतिशत मैदानी इलाके में रहते हैं। वहीं कुकी और नगा समुदाय राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं जो की राज्य का करीब 90 फीसदी है। जमीन सुधार कानून के तहत मैतई समुदाय के लोग पहाड़ों पर जमीन नहीं खरीद सकते, जबकि कुकी और नगा समुदाय पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। यही वजह है, जिसकी वजह से हिंसा शुरू हुई और अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

Kaimur

Aug 18 2023, 14:39

12 दिन की शांति के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, गोलीबारी में तीन कुकी नागरिकों की मौत

#manipurviolencethreevillagevolunteers_killed

मणिपुर पिछले तीन महीने से ज्यादा समय से जल रहा है। राज्य में रूक रूककर हिंसा भड़क जा रही है। पिछले 12 दिनों से घाटी में शांति थी, लेकिन आज शुक्रवार की सुबह एक बार फिर हिंसा की खबर सामने आई है। मणिपुर के उखरुल जिले में शुक्रवार सुबह भड़की ताजा हिंसा के दौरान तीन कुकी लोगों की मौत हो गई।बताया जा रहा है कि सुबह करीब 4.30 गांव में उपद्रवियों ने गोलीबारी की जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई है। इस हमले के पीछे मैतेई समुदाय का हाथ बताया जा रह है। फिलहाल पुलिस गोलीबारी करने वालों की पहचान करने में जुटी है।

मणिपुर पुलिस ने बताया कि यह घटना उखरूल जिले से लगभग 47 किलोमीटर दूर स्थित थोवई गांव में सुबह करीब 4.30 बजे हुई, यह कुकी बहुल गांव है। उखरुल के पुलिस अधीक्षक एन वाशुम के मुताबिक, हथियारबंद उपद्रवियों का एक समूह गांव के पूर्व में स्थित पहाड़ियों से गांव के पास आया और ग्राम रक्षकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। घटना में गांव के 3 लोगों की मौत हो गई है। किसी के घायल होने की खबर नहीं है।

बताया जा रहा है कि मैतेई उपद्रवियों ने सबसे पहले गांव के ड्यूटी पोस्ट पर हमला किया, जहां स्वयंसेवक गांव की सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहे थे। इस गोलीबारी में कुकी स्वयंसेवकों के तीन लोगों के मारे जाने की खबर है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बचाया है कि जब पुलिस ने सर्च अभियान चलाया तब यहां जंगल के इलाके से 3 शव बरामद हुए हैं। मारे गए लोगों की पहचान जामखोगिन हाओकिप (26), थांगखोकाई हाओकिप (35) और होलेनसोन बाइते (24) के रूप में हुई है।चाकू से इनके शरीर पर निशान बनाए गए हैं, जबकि अंगों को भी काटा गया है।

राज्य में अब तक 190 लोगों की मौत

मैतइ और कुकी समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर शुरू हुई जातीय हिंसा ने धीरे-धीरे पूरे राज्य में हिंसा का स्वरूप ले लिया था, जिसके बाद कई जान चली गई। हिंसा की ताजा घटना के साथ, मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष में कम से कम 190 लोग मारे गए हैं। राज्य में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच व्यापक हिंसा देखी गई है। हिंसा भड़कने के बाद से लगभग 60,000 लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं। राज्य में बलात्कार और हत्या के मामले सामने आए हैं और केंद्रीय सुरक्षा बलों की भारी उपस्थिति के बावजूद भीड़ ने पुलिस शस्त्रागार लूट लिया और कई घरों में आग लगा दी।

हिंसा की वजह

बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है। इसकी वजह ये है कि मैतई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है लेकिन ये लोग राज्य के सिर्फ 10 प्रतिशत मैदानी इलाके में रहते हैं। वहीं कुकी और नगा समुदाय राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं जो की राज्य का करीब 90 फीसदी है। जमीन सुधार कानून के तहत मैतई समुदाय के लोग पहाड़ों पर जमीन नहीं खरीद सकते, जबकि कुकी और नगा समुदाय पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। यही वजह है, जिसकी वजह से हिंसा शुरू हुई और अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

Motihari

Aug 18 2023, 14:36

12 दिन की शांति के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, गोलीबारी में तीन कुकी नागरिकों की मौत

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मणिपुर पिछले तीन महीने से ज्यादा समय से जल रहा है। राज्य में रूक रूककर हिंसा भड़क जा रही है। पिछले 12 दिनों से घाटी में शांति थी, लेकिन आज शुक्रवार की सुबह एक बार फिर हिंसा की खबर सामने आई है। मणिपुर के उखरुल जिले में शुक्रवार सुबह भड़की ताजा हिंसा के दौरान तीन कुकी लोगों की मौत हो गई।बताया जा रहा है कि सुबह करीब 4.30 गांव में उपद्रवियों ने गोलीबारी की जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई है। इस हमले के पीछे मैतेई समुदाय का हाथ बताया जा रह है। फिलहाल पुलिस गोलीबारी करने वालों की पहचान करने में जुटी है।

मणिपुर पुलिस ने बताया कि यह घटना उखरूल जिले से लगभग 47 किलोमीटर दूर स्थित थोवई गांव में सुबह करीब 4.30 बजे हुई, यह कुकी बहुल गांव है। उखरुल के पुलिस अधीक्षक एन वाशुम के मुताबिक, हथियारबंद उपद्रवियों का एक समूह गांव के पूर्व में स्थित पहाड़ियों से गांव के पास आया और ग्राम रक्षकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। घटना में गांव के 3 लोगों की मौत हो गई है। किसी के घायल होने की खबर नहीं है।

बताया जा रहा है कि मैतेई उपद्रवियों ने सबसे पहले गांव के ड्यूटी पोस्ट पर हमला किया, जहां स्वयंसेवक गांव की सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहे थे। इस गोलीबारी में कुकी स्वयंसेवकों के तीन लोगों के मारे जाने की खबर है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बचाया है कि जब पुलिस ने सर्च अभियान चलाया तब यहां जंगल के इलाके से 3 शव बरामद हुए हैं। मारे गए लोगों की पहचान जामखोगिन हाओकिप (26), थांगखोकाई हाओकिप (35) और होलेनसोन बाइते (24) के रूप में हुई है।चाकू से इनके शरीर पर निशान बनाए गए हैं, जबकि अंगों को भी काटा गया है।

राज्य में अब तक 190 लोगों की मौत

मैतइ और कुकी समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर शुरू हुई जातीय हिंसा ने धीरे-धीरे पूरे राज्य में हिंसा का स्वरूप ले लिया था, जिसके बाद कई जान चली गई। हिंसा की ताजा घटना के साथ, मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष में कम से कम 190 लोग मारे गए हैं। राज्य में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच व्यापक हिंसा देखी गई है। हिंसा भड़कने के बाद से लगभग 60,000 लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं। राज्य में बलात्कार और हत्या के मामले सामने आए हैं और केंद्रीय सुरक्षा बलों की भारी उपस्थिति के बावजूद भीड़ ने पुलिस शस्त्रागार लूट लिया और कई घरों में आग लगा दी।

हिंसा की वजह

बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है। इसकी वजह ये है कि मैतई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है लेकिन ये लोग राज्य के सिर्फ 10 प्रतिशत मैदानी इलाके में रहते हैं। वहीं कुकी और नगा समुदाय राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं जो की राज्य का करीब 90 फीसदी है। जमीन सुधार कानून के तहत मैतई समुदाय के लोग पहाड़ों पर जमीन नहीं खरीद सकते, जबकि कुकी और नगा समुदाय पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। यही वजह है, जिसकी वजह से हिंसा शुरू हुई और अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

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मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, इंफाल घाटी में सीएम के पैतृक आवास पर हमला

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मणिपुर में हालात फिर बिगड़ते दिख रहे हैं. जातीय हिंसा की वजह से पिछले चार महीने से अधिक वक्त से राज्य में अशांति है। गुरुवार की रात हिंसा और उपद्रव ने उस वक़्त नया मोड़ ले लिया जब कुछ लोगों के एक समूह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के हिंगेंग स्थित घर में घुसने की कोशिश की। हालांकि मुख्यमंत्री और उनके परिवार का कोई शख़्स वहां मौजूद नहीं था।पुलिस ने बताया कि भीड़ ने सीएम के परिवार के खाली घर पर हमला करने की कोशिश की लेकिन सुरक्षा बलों ने भीड़ को रोक लिया। पुलिस ने बताया कि भीड़ को आवासा से सौ मीटर पहले ही रोक दिया गया।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने पुलिस के हवाले से बताया कि इंफाल पूर्व के हिंगिंग इलाके में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए थे। पुलिस ने बताया कि भीड़ ने एन बीरेन सिंह के पैतृक आवास को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसे विफल कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि भीड़ को आवासा से सौ मीटर पहले ही रोक दिया गया।एक सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक लगभग 500-600 लोगों ने शुरुआत में हमले में शामिल थे। हालांकि रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों ने इस हमले के नाकाम कर दिया। उनका कहना है कि उपद्रवी मकान में घुस पाते इससे पहले ही उन्हें वहां से तितर-बितर कर दिया गया।

इससे पहले भीड़ ने गुरुवार तड़के इंफाल पश्चिम जिले में उपायुक्त कार्यालय में भी जमकर तोड़फोड़ की। इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने दो चार पहिया वाहनों को आग लगा दी।साथ ही गुरुवार को उग्र भीड़ ने थौबल जिले में बीजेपी मंडल कार्यालय को आग के हवाले कर दिया।आग लगाने से पहले बीजेपी कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की गई। लोगों ने मंडल कार्यालय के गेट, खिड़कियों को तोड़कर नष्ट कर दिया। इसके साथ ही कार्यालय परिसर में खड़ी एक महिंद्रा स्कॉर्पियो की विंडशील्ड भी तोड़ डाली।

दो मैतेई छात्रों का शव मिलने के बाद फिर भड़की हिंसा

दो मैतेई छात्रों के शव मिलने के बाद एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। ये दोनों छात्र, 20 साल के फिजाम हेमजी और 17 साल की हिजाम लुआनथो इनगाम्बी, जुलाई में बिष्णुपुर के पास से लापता हो गए थे लेकिन मणिपुर में मोबाइल इंटरनेट बहाल होने के बाद इन दोनों के शवों की तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई। बाद में दोनों के शव चूराचांदपुर के पास लमदान में मिले और ये आशंका जताई गई कि इन्हें अगवा कर उनकी हत्या की गई है।इसके बाद मणिपुर में एक बार फिर हिंसा शुरू हो गई है।

कश्मीर के इस जांबाज अधिकारी को बुलाया गया

राज्य में फिर भड़की हिंसा के बीच जम्मू- कश्मीर के श्रीनगर में तैनात एसएसपी राकेश बलवाल को मणिपुर बुलाया गया है। राकेश बलवाल को आतंकियों से निपटने के मामले में विशेषज्ञता है। वर्ष 2012 बैच के इस आईपीएस अधिकारी के मणिपुर पहुंचने पर उन्हें नई पोस्टिंग दी जाएगी। वहीं सीबीआई की एक टीम वर्तमान में इस पूर्वोत्तर राज्य में हुई हत्याओं की जांच कर रही है, जहां पर पिछले करीब 5 महीने से जातीय तनाव चल रहा है।

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Sep 28 2023, 11:39

दो छात्रों की हत्या के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी दफ्तर को लगाई आग

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मणिपुर की राजधानी इंफाल में फिर से हिंसा भड़क गई है। दो युवकों की हत्या की तस्वीरें वायरल होने के बाद यह हिंसा भड़की है।ताजा हिंसा में लोगों की भीड़ ने इंफाल में डीसी (जिलाधिकारी)कार्यालय पर हमला कर दिया। इस दौरान डीसी ऑफिस में तोड़फोड़ की गई और दो चार पहिया वाहनों में आग लगा दी गई।साथ ही थाउबेल जिले में बीजेपी के एक मंडल कार्यालय को जला दिया।

इंफाल घाटी में एक बार फिर प्रदर्शनों का दौर शुरू

लापता स्टूडेंट्स की हत्या के बाद इंफाल घाटी में एक बार फिर प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है। इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने छात्रों की हत्याओं के विरोध में रैलियां निकाली और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की। इस दौरान पुलिस ने तोड़फोड़ पर उतारू भीड़ को कंट्रोल करने के लिए जमकर आंसू गैस के गोले दागे, जिससे घाटी में करीब 50 लोग घायल हो गए। जख्मी होने वाले लोगों में अधिकतर छात्र थे।कई घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

बीजेपी मंडल कार्यालय को लगाई आग

वहीं, दूसरी तरफ गुरुवार को उग्र भीड़ ने थौबल जिले में बीजेपी मंडल कार्यालय को आग के हवाले कर दिया।आग लगाने से पहले बीजेपी कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की गई। लोगों ने मंडल कार्यालय के गेट, खिड़कियों को तोड़कर नष्ट कर दिया। इसके साथ ही कार्यालय परिसर में खड़ी एक महिंद्रा स्कॉर्पियो की विंडशील्ड भी तोड़ डाली। घटना के वक्त कार्यालय में मौजूद बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी पीटा गया।

जांच के लिए सीबीआई की टीम मणिपुर पहुंची

वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को दो युवकों की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया। मणिपुर में अगले छह महीने के लिए अफस्पा बढ़ा दिया गया है। हालांकि घाटी के 19 थानों को इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है।सरकार ने हालात पर काबू पाने के लिए 5 दिनों तक इंटरनेट सस्पेंड कर रखा है। साथ ही 29 सितंबर को प्रदेश के तमाम स्कूल बंद रखने की घोषणा की गई है। वहीं हत्या की जांच में मदद के लिए सीबीआई की एक टीम मणिपुर पहुंची है।

6 जुलाई को लापता हो गए थे दोनों छात्र

बता दें कि इम्फाल निवासी छात्रा हिजाम लिनथोइंगामी (17) और छात्र फिजाम हेमजीत (20), 6 जुलाई को अचानक लापता हो गए थे। इसके बाद उनकी आखिरी फोन लोकेशन चुराचांदपुर में पाई गई थी। 2 दिन पहले उनके शव चुराचांदपुर में एक खाई में पड़े मिले। उनकी गोली मारकर हत्या की गई थी। दोनों छात्रों की बर्बर हत्या की घटना सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एक बार फिर से राज्य के मैतेई और कुकी समुदाय में तनाव पसर गया है।

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Sep 26 2023, 11:59

मणिपुर में इंटरनेट सेवा बहाल होते ही दो लापता छात्रों के शवों की तस्वीरें वायरल, राज्य सरकार ने की संयम बरतने की अपील

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मणिपुर में फैली हिंसा के बाद स्थिति में सुधर को दिखते हुए इंटरनेट सेवाओं को बहाल किया गया है। हालांकि इंटरनेट सेवा शुरू होने के साथ ऐसा कुछ हो गया है, जिसके बाद फिर हिंसा भड़कने की आशंका जताई जा रही है। जिसके बाद राज्य सरकार ने जनता से संयम बरतने और अधिकारियों को जांच करने देने की अपील की है।

जुलाई से मणिपुर के दो छात्र लापता थे, जिनके शव अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। तस्वीर वायरल होने के कुछ घंटों बाद, मणिपुर सरकार ने लोगों से संयम बरतने और अधिकारियों को दोनों छात्रों के अपहरण और हत्या की जांच करने की अनुमति देने को कहा है।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मामले की जांच पहले ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी गई है। दोनों छात्रों की पहचान 17 साल के हिजाम लिनथोइनगांबी और 20 साल के फिजाम हेमजीत के रूप में की गई है। सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया, राज्य सरकार के संज्ञान में आया है कि जुलाई, 2023 से लापता दो छात्रों, फिजाम हेमजीत (20 वर्ष) और हिजाम लिन्थोइनगांबी (17 वर्ष) की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं। पता हो कि राज्य के लोगों की इच्छा के अनुसार यह मामला पहले ही सीबीआई को सौंप दिया गया है।

अपराधियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू

बयान में आगे कहा गया, मणिपुर पुलिस केंद्रीय जांच एजेंसियों के सहयोग से दोनों छात्रों के लापता होने की परिस्थितियों का पता लगाने और हत्या करने वाले अपराधियों की पहचान करने के लिए सक्रिय रूप से चांच कर रही है।साथ ही सुरक्षाबलों ने अपराधियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान भी शुरू कर दिया है।

जुलाई के पहले हफ्ते से लापता थे दोनों छात्र

बता दें कि वायरल हो रही दो तस्वीरों में से एक में कथित तौर पर छात्रों को दो हथियारबंद लोगों के साथ दिखाया गया था और दूसरे में दो शव थे। दोनों छात्र 6 जुलाई को लापता हो गए थे। पुलिस ने पहले कहा था कि दोनों का पता नहीं चल पाया है और उनके मोबाइल फोन बंद पाए गए हैं। उन्होंने पहले कहा था कि छात्रों के फोन की आखिरी लोकेशन चुराचांदपुर जिले में शीतकालीन फूल पर्यटन स्थल के पास लमदान में पाई गई थी।

यह है मामला

गौरतलब है, मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 170 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।

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Sep 14 2023, 22:33

SSC JE : Application Status 2023

Total Vacancy : 1324

Exam Date : 09 October 2023 to 11 October 2023

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Karnataka, Kerla : Karnataka, Kerla Region (KKR)

Andhra Pradesh, Punduchery, Tamilnadu : Southern Region (SR) - Link Active Soon

Uttar Pradesh & Bihar : Central Region (CR) - Link Active Soon

Madhya Pradesh, Chhattisgarh : MP Sub-Region (MPR) - Link Active Soon

Maharashtra, Gujrat, Goa : Western Region (WR) - Link Active Soon

Rajasthan, Delhi, Uttarakhand : North Region (NR) - Link Active Soon

Assam, Arunachal Pradesh, Manipur, Meghalaya, Tripura, Nagaland, Mizoram : North Eastern Region (NER) - /Link Active Soon

Hariyana, Punjab, J&K, Himachal Pradesh : North Western Sub-Region (NWR) - Link Active Soon

West Bengal, Orrisa, Jharkhand, A&N Island, Sikkim : Eastern Region (ER) - Link Active Soon

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నిజంనిప్పులాంటిది

Aug 18 2023, 16:17

Manipur Violence: మణిపుర్‌లో మరోసారి రెచ్చిపోయిన ఆందోళనకారులు.. ముగ్గురి మృతి

ఇంఫాల్‌: తెగల మధ్య వైరం కారణంగా గత వందరోజులుగా హింసాత్మకంగా మారిన మణిపుర్‌ (Manipur)లో మరోసారి అల్లరిమూకలు రెచ్చిపోయాయి. ఉఖ్రుల్‌ (Ukhrul) జిల్లాలో శుక్రవారం ఉదయం సాయుధులైన దుండగులు కాల్పులకు తెగబడ్డారు..

ఉఖ్రుల్‌ జిల్లా పోలీసు అధికారి ఎన్‌. వాషుమ్‌ వెల్లడించిన వివరాల ప్రకారం.. జిల్లా కేంద్రానికి 47 కి.మీ దూరంలో కుకీ తెగవారు నివసించే తోవాయి కుకీ అనే గ్రామంపైకి ఉదయం 4:30 గంటల ప్రాంతంలో కొండపై నుంచి సాయుధ మూకలు విచక్షణా రహితంగా కాల్పులు జరిపాయి.

ఈ ఘటనలో ముగ్గురు గ్రామస్థులు మృతి చెందారు. ఈ నేపథ్యంలో ఆ ప్రాంతంలో కట్టుదిట్టమైన భద్రతను ఏర్పాటు చేశారు. కాల్పులు జరిపిన వారి కోసం రాష్ట్ర పోలీసులు, భారత సైన్యం సంయుక్తంగా సెర్చ్‌ ఆపరేషన్‌ చేపట్టినట్లు ఎస్పీ వెల్లడించారు..

మణిపుర్‌లో శాంతి నెలకొల్పేందుకు రాష్ట్ర, కేంద్ర ప్రభుత్వాలు తీవ్రంగా ప్రయత్నిస్తున్నాయి.

మరోవైపు కుకీ-జో తెగల నివాసిత ప్రాంతాలకు స్వయంప్రతిపత్తిని ప్రకటించాలని గిరిజన మహిళల వేదిక కేంద్ర ప్రభుత్వాన్ని డిమాండ్‌ చేసింది.

ఇప్పటి వరకు రాష్ట్రంలో చెలరేగిన హింస కారణంగా సుమారు 160 మంది ప్రాణాలు కోల్పోగా, మూడు వేల మంది వరకు గాయపడ్డారు. ఆందోళనలను కట్టడి చేసి, శాంతి నెలకొల్పేందుకు కేంద్ర ప్రభుత్వం సుమారు 40 వేల కేంద్ర బలగాలను మోహరించింది..