मुख्यमंत्री सोरेन ने झारखंड पेसा नियमावली पर की उच्च स्तरीय बैठक

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 15 सितंबर 2025 को झारखंड पेसा नियमावली (Jharkhand PESA Rules) को अंतिम रूप देने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की। मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में आयोजित इस बैठक में उन्होंने राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में पारंपरिक एवं स्थानीय स्वशासन व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से ग्राम सभाओं को दिए जाने वाले अधिकारों और कार्यों पर गहन चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेसा कानून के उपबंधों को इस तरह से लागू किया जाए जिससे न केवल स्थानीय स्वशासन की परंपरा को बल मिले, बल्कि जनजातीय समुदायों का सामाजिक-आर्थिक उत्थान और सशक्तिकरण भी सुनिश्चित हो सके

बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, प्रधान सचिव श्रीमती वंदना दादेल, प्रधान सचिव श्री एमआर मीणा, विधि विभाग के प्रधान सचिव श्री नीरज कुमार श्रीवास्तव, सचिव श्री प्रशांत कुमार, सचिव श्री अमिताभ कौशल, सचिव श्री कृपानंद झा, सचिव श्री के श्रीनिवासन, सचिव श्री मनोज कुमार, सचिव श्री चंद्रशेखर, सचिव श्री अरवा राजकमल, सचिव श्री मनोज कुमार, पंचायती राज निदेशक श्रीमती राजेश्वरी बी, निदेशक खान श्री राहुल सिन्हा, पीसीसीएफ श्री अशोक कुमार, वन संरक्षक श्री पीआर नायडू, डीएफओ श्री दिलीप कुमार, विशेष सचिव श्री प्रदीप कुमार हजारी और संयुक्त सचिव रवि शंकर विद्यार्थी सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

झारखंड सरकार ने दिए नियुक्ति पत्र, पर्यटन के नए 'लोगो' और वेबसाइट का भी हुआ शुभारंभ

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को रांची में एक समारोह में नगर विकास एवं आवास विभाग में चयनित 19 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने झारखंड पर्यटन और झारखंड टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जेटीडीसी) के नए लोगो और वेबसाइट का भी अनावरण किया। इसके साथ ही, राज्य के कलाकारों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने के उद्देश्य से सांस्कृतिक दल प्रबंधन प्रणाली (सीटीएमएस) एप्लीकेशन की भी शुरुआत की गई।

मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वे राज्य के विकास के लिए पूरी निष्ठा और कुशलता से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य झारखंड का सर्वांगीण विकास करना है और इस दिशा में लगातार काम हो रहा है।

शहरी विकास पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज गांव से शहरों की ओर आबादी का रुख बढ़ रहा है, जिससे शहरों का व्यवस्थित और योजनाबद्ध विकास जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि शहरों को बेहतर नागरिक सुविधाएं देना उनकी प्राथमिकता है, क्योंकि अव्यवस्थित शहरीकरण से कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

पर्यटन से अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड खनिज संपदा के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य से भी भरपूर है और यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार झारखंड की समृद्ध विरासत और खूबसूरती को देश-दुनिया के सामने लाने का प्रयास कर रही है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए लोगो और वेबसाइट की शुरुआत इसी दिशा में एक कदम है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

इस कार्यक्रम में नगर विकास एवं आवास मंत्री सुदिव्य कुमार, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, मुख्य सचिव अलका तिवारी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इसी मौके पर होटल प्रबंधन संस्थान की पुस्तक ‘Savouring Jharkhand’ का भी विमोचन किया गया।

झारखंड में पुलिस-माओवादी मुठभेड़, चाईबासा में 10 लाख का इनामी नक्सली जोनल कमांडर अमित हांसदा ढेर

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झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में पुलिस और भाकपा माओवादी नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़में एक नक्सली कमांडर मारा गया। यह मुठभेड़ गोईलकेरा थानाक्षेत्र के रेला के पास जंगल हुई जिसमें 10 लाख का इनामी जोनल कमांडर अमित हांसदा उर्फ अपटन ढेर कर दिया गया। एसपी राकेश रंजन ने इसकी पुष्टि की।

सर्च ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों ने शुरू की फायरिंग

चाईबासा एसपी राकेश रंजन को गुप्त सूचना मिली थी कि रेला पराल इलाके में माओवादी सक्रिय हैं। इसके बाद पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया।सर्च ऑपरेशन के दौरान माओवादी नक्सलियों ने अचानक सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में सुरक्षा बलों ने भी गोलियां चलाई। पूरे पहाड़ी क्षेत्र को घेरकर माओवादी के भागने के रास्ते बंद किए गए। मुठभेड़ में एक नक्सली को मार गिराया गया।

मौके से एसएलआर राइफल-विस्फोटक बरामद

घटनास्थल से एक एसएलआर राइफल, विस्फोटक और अन्य हथियार बरामद किए गए। मुठभेड़ के बाद, सुरक्षाकर्मियों ने जंगल में अन्य माओवादी ठिकानों का पता लगाने के लिए व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया। चाईबासा एसपी खुद मुठभेड़ स्थल पर मौजूद हैं और इलाके में अतिरिक्त बल भी भेजा गया है। अभी जांच जारी है और आगे की जानकारी का इंतजार है।

अमित हांसदा पर था 10 लाख का इनाम

पश्चिमी सिंहभूम जिला के एसपी राकेश रंजन के मुताबिक, अमित हांसदा संगठन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था और लंबे समय से पश्चिमी सिंहभूम समेत झारखंड के कई इलाकों में नक्सली गतिविधियों को संचालित कर रहा था। वह नक्सली संगठन का जोनल कमांडर था और सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ था। सरकार ने उसकी गिरफ्तारी के लिए पहले ही 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।

तुम्हें बहुत जल्द उड़ा देंगे...' झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को फिर मिली जान से मारने की धमकी

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झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। देर रात एक अज्ञात नंबर से धमकी भरा फोन आया। रविवार की रात करीब 11:56 बजे एक अज्ञात मोबाइल नंबरसे धमकी भरा फोन आया, जिसमें धमकी देने वाले ने कहा कि तुम्हें जान से मार डालेंगे। फोन करने वाले शख्स ने मंत्री को सीधे शब्दों में कहा, तुम बस इंतजार करो…तुम्हें बहुत जल्द उड़ा देंगे!

धमकी के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट

जानकारी के मुताबिक, धमकी मिलने के समय डॉ. इरफान अंसारी बोकारो में थे। इरफान अंसारी कांग्रेस पार्टी की ओर से संचालित संगठन सृजन कार्यक्रम को लेकर इस समय बोकारो में मौजूद हैं। उन्होंने तुरंत इस घटना की सूचना पुलिस प्रशासन को दी। धमकी मिलने के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस ने उस नंबर का पता लगाने की कोशिश शुरू कर दी है जिससे यह कॉल आया था।

पहले भी मिल चुकी है धमकी

यह पहली बार नहीं है जब मंत्री को इस तरह की धमकी मिली है। कुछ दिन पहले गिरिडीह के एक युवक ने इंटरनेट मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर इरफान अंसारी सहित नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू को बम से उड़ा देने की धमकी दी थी। उस वीडियो में युवक ने खुद को कुख्यात अपराधी लॉरेंस बिश्नोई का भाई बताया और 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। गिरिडीह पुलिस ने उस युवक को दबोचा।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक: शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर और पेंशन समेत कई अहम फैसलों को मिली मंजूरी

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 2 सितंबर 2025 को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन फैसलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, पेंशन और रोजगार से संबंधित कई अहम नीतियां शामिल हैं।

शिक्षा और सामाजिक कल्याण

"झारखंड निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (द्वितीय संशोधन) नियमावली, 2025" को मंजूरी दी गई, जो बच्चों के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

"झारखंड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक, 2025" को घटनोत्तर स्वीकृति दी गई, जिसका उद्देश्य कोचिंग सेंटरों को नियंत्रित करना है।

"धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA)" के तहत अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों में 50 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना को मंजूरी दी गई।

"प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (PM-JANMAN)" के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) बहुल क्षेत्रों में 109 आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित करने की स्वीकृति दी गई।

"मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना, 2020" में कोटिवार छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ाने को मंजूरी मिली, जिससे अधिक छात्रों को विदेश में पढ़ने का अवसर मिलेगा।

"हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों से संबंधित विषय" को महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के कार्यदायित्व में शामिल किया गया।

बुनियादी ढांचा और विकास परियोजनाएं

पुनासी जलाशय योजना के लिए ₹1851.67 करोड़ के तीसरे पुनरीक्षित प्राक्कलन को मंजूरी।

सत्संगनगर-भिरखीबाद (जसीडीह) में रेलवे क्रॉसिंग पर ₹49.10 करोड़ की लागत से रोड ओवर ब्रिज (ROB) बनाने की स्वीकृति।

रामगढ़ और धनबाद जिले में सड़कों के निर्माण, चौड़ीकरण और मजबूतीकरण के लिए क्रमशः ₹34.36 करोड़ और ₹58.07 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

चाईबासा में हाता-चाईबासा-बड़ाचिरू पथ के लिए ₹75.97 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

डाल्टेनगंज में आरओबी-उत्तरी कोयल सेमरा माइंस पथ के लिए ₹104.25 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

विभिन्न स्थानों पर नए ग्रिड सब-स्टेशन और संचरण लाइनों के निर्माण के लिए ₹74.95 करोड़ से लेकर ₹174.36 करोड़ तक की योजनाओं को मंजूरी दी गई।

धनबाद हवाई अड्डे पर पीपीपी मोड पर एयरो पार्क शुरू करने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली।

गिरिडीह में राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण के लिए ₹244.73 करोड़ की योजना को मंजूरी।

स्वास्थ्य और प्रशासनिक सुधार

"झारखंड मृतक दाता अंग और ऊतक प्रत्यारोपण दिशानिर्देश" (Jharkhand Deceased Donor Organ and Tissue Transplantation Guidelines) जारी करने की मंजूरी।

"झारखंड बजट स्थिरीकरण कोष (Jharkhand Budget Stabilisation Fund) नियमावली, 2025" के गठन को स्वीकृति।

कई चिकित्सा अधिकारियों, जिनमें डॉ. फरहाना, डॉ. ज्योति कुमारी, डॉ. भावना और डॉ. रिंकु कुमारी सिंह शामिल हैं, को सेवा से बर्खास्त करने की मंजूरी।

कई मामलों में दैनिक वेतनभोगी/अस्थायी कर्मियों की सेवा नियमित करने और पेंशन लाभ देने की स्वीकृति।

"झारखंड राज्य विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग (गठन, कार्य एवं दायित्व) नियमावली, 2025" को मंजूरी दी गई।

निबंधन कार्यालयों में 1 दिसंबर 2004 के बाद के अस्थायी लिपिकों की सेवा को पेंशन के लिए मान्य करने की स्वीकृति।

झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का और पत्नी को 7-7 साल की सजा, जानें क्या है मामला?

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झारखंड के चर्चित जमीन घोटाले के एक पुराने मामले में बड़ा फैसला आया है। पूर्व मंत्री एनोस एक्का और उनकी पत्नी मेनन एक्का को अवैध भूमि अधिग्रहण के मामले में सात-सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने दोनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह मामला छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) अधिनियम के उल्लंघन से जुड़े अवैध रूप से आदिवासी जमीन अधिग्रहण से संबंधित है।

रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने कुल 10 लोगों को सजा सुनाई है। इस मामले में रांची के पूर्व भूमि सुधार उपायुक्त (एलआरडीसी) कार्तिक प्रभात समेत दो अन्य आरोपी मणिलाल महतो और ब्रजेश्वर महतो को पांच-पांच साल सश्रम कारावास की सजा दी। इसके अलावा पांच अन्य दोषियों- राज किशोर सिंह, फिरोज अख्तर, बृजेश मिश्रा, अनिल कुमार और परशुराम करकेट्टा- को चार-चार साल की सजा सुनाई गई। अदालत ने सभी को दोषी मानते हुए कहा कि जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उन्हें अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।

मंत्री रहते पद का दुरुपयोग

एनोस एक्का वर्ष 2005 से 2008 के बीच अर्जुन मुंडा और बाद में मधु कोड़ा सरकार में मंत्री रहे। आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी पते का इस्तेमाल कर आदिवासी जमीनों की बड़े पैमाने पर खरीद-फरोख्त की। इस पूरे खेल में प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत रही।

तत्कालीन एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात की सौदों का बनाया आसान

जमीन की खरीदारी रांची जिले के कई इलाकों में हुई। इन सभी सौदों पर लगभग 1.18 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इनमें हिनू में 22 कट्ठा, ओरमांझी में 12 एकड़, नेवरी में 4 एकड़ और चुटिया के सिरम टोली मौजा में 9 डिसमिल भूमि शामिल है। तत्कालीन एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात ने इन सौदों को आसान बनाने में मदद की थी।

झारखंड सरकार के 2 मंत्रियों को जान से मारने की धमकी, पटना से दबोचा गया आरोपी

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झारखंड सरकार के दो मंत्रियों सुदिव्य कुमार सोनू और स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी को 24 घंटे के भीतर जान से मारने की धमकी देने वाले युवक को पुलिस ने धर दबोचा है। झारखंड के गिरिडीह पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने 21 वर्षीय युवक को पटना से गिरफ्तार किया। गिरिडीह मुफस्सिल थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर निवासी आरोपी अंकित कुमार मिश्रा ने एक वीडियो में दावा किया था कि उसके गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से संबंध हैं।

आरोपी अंकित कुमार मिश्रा ने धमकी भरा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था। बुधवार सुबह से ही वीडियो तेजी से वायरल होने लगा था जिसमें आरोपी युवक खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताते हुए मंत्रियों को धमकाता दिख रहा था। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मिश्रा ने शहरी विकास मंत्री और गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को 24 घंटे के भीतर जान से मारने की धमकी दी। जिसके बाद महज 24 घंटे के भीरत पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

24 घंटे के भीतर पुलिस ने दबोचा

गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक (एसपी) बिमल कुमार ने बताया कि बुधवार को सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मिश्रा ने शहरी विकास मंत्री और गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को 24 घंटे के भीतर जान से मारने की धमकी दी।कुमार ने कहा, 'गिरिडीह के एक निवासी द्वारा युवक के खिलाफ मामला दर्ज कराए जाने के बाद हमने एसआईटी का गठन किया। एसआईटी ने तकनीकी जानकारी और खुफिया जानकारी की मदद से आरोपी को बिहार के पटना से गिरफ्तार कर लिया।

छोटे-मोटे अपराधों के लिए जा चुका है जेल

आरोपी मिश्रा का किसी संगठित आपराधिक गिरोह से कोई संबंध नहीं है, लेकिन वह कई बार छोटे-मोटे अपराधों के लिए जेल जा चुका है। पुलिस ने बताया कि मिश्रा के खिलाफ धमकी देने और अशांति फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया जाएगा।

झारखंड सरकार के मंत्री हफीजुल हसन की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

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झारखंड के अल्पसंख्यक मंत्री और मधुपुर विधायक हफीजुल हसन की आज गुरुवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें इलाज के लिए रांची स्थित पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी समेत कई अन्य मंत्री और विधायक भी पारस अस्पताल पहुंचे।

हफीजुल हसन की गुरुवार को अचानक तबीयत खराब हो गई। उन्हें सीने में दर्द और ब्लड प्रेशर लो होने की शिकायत हुई, जिसके बाद तुरंत रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उन्हें आईसीयू में रखा गया है और डॉक्टरों की टीम उनकी देखरेख कर रही है। जैसे ही इस बात की जानकारी मिली, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत सरकार के कई मंत्री अस्पताल पहुंचे और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।

24 घंटे ऑब्जर्वेशन में रखा गया

डॉक्टरों ने बताया कि सांस लेने में परेशानी और बीपी लो होने के कारण उनकी स्थिति गंभीर हो गई थी। तत्काल इलाज के बाद अब उनकी हालत स्थिर है और फिलहाल वे खतरे से बाहर हैं। डॉक्टरों के अनुसार, हफीजुल हसन को फूड एलर्जी और निमोनिया जैसी समस्या की आशंका जताई गई है। चूंकि उनका पहले ओपन हार्ट सर्जरी हो चुका है, इसलिए अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है। उन्हें फिलहाल 24 घंटे ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।

पिछले माह हुई थी ओपेन हार्ट सर्जरी

बता दें कि पिछले माह जुलाई में ही मंत्री हफीजुल हसन की दिल्ली में गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल में हार्ट सर्जरी हुई थी। सफल सर्जरी के बाद वह वापस रांची लौट आये थे। हालांकि मंत्री बेड रेस्ट पर ही थे। इसी बीच गुरुवार की सुबह अचानक मंत्री की तबीयत फिर से बिगड़ गयी, जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया।

कैमरून में फंसे झारखंड के 17 मजदूर सुरक्षित घर लौटे, वतन वापसी से चेहरों पर आई मुस्कान

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अफ्रीका के कैमरून में पिछले कई महीनों से फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूर आखिरकार सकुशल वतन लौट आए हैं। सोमवार को 19 में से 17 मजदूरों की घर वापसी हुई। उन्हें विदेश मंत्रालय और राज्य श्रम विभाग के हस्तक्षेप के बाद वापस लाया गया। जिससे परिजनों के चेहरे पर खुशी लौट आई।

19 में से 17 मजदूरों की सुरक्षित स्वदेश वापसी

विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद अफ्रीकी देश कैमरून में फंसे झारखंड के 19 में से 17 मजदूरों की सुरक्षित स्वदेश वापसी हो गयी है। ये मजदूर बोकारो और हजारीबाग जिले के रहने वाले हैं। सोमवार को सभी अपने घर पहुंच गये। बताया गया है कि दो अन्य मजदूरों की वापसी 26 अगस्त को होगी। ये मजदूर एक एजेंसी के जरिए कैमरून में बिजली ट्रांसमिशन का काम करने वाली ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड कंपनी में मजदूरी करने ले जाये गये थे।

कंपनी ने चार महीने से श्रमिकों को वेतन नहीं दिया

झारखंड प्रवासी प्रकोष्ठ की नियंत्रण कक्ष अधिकारी शिखा लाकड़ा ने बताया कि बोकारो और हजारीबाग जिलों से संबंधित ये मजदूर 19 कैमरून गए थे और वहां बिजली संचरण परियोजना से जुड़ी एक कंपनी में कार्यरत थे। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने चार महीने से उनका वेतन रोक दिया, जिससे वे आर्थिक संकट में आ गए।

सोशल मीडिया के जरिए लगाई थी मदद की गुहार

मजदूरों ने सोशल मीडिया में वीडियो संदेश साझा कर केंद्र एवं झारखंड सरकार से हस्तक्षेप और वतन वापसी कराने की गुहार लगायी थी। इसके बाद झारखंड सरकार के श्रम विभाग ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय को पूरे मामले से अवगत कराते हुए आवश्यक कार्रवाई का आग्रह किया था. मंत्रालय ने अफ्रीकी देश में स्थित दूतावास की मदद से मजदूरों की बकाया मजदूरी का भुगतान और उनकी स्वदेश वापसी सुनिश्चित करायी है

दो मजदूर आज लौटेंगे घर

सोमवार को घर लौटे मजदूरों में बोकारो के प्रेम टुडू, सिबोन टुडू, सोमर बेसरा, पुराण टुडू, रामजी हांसदा, विरवा हांसदा एवं महेन्द्र हांसदा और हजारीबाग के आघनू सोरेन, अशोक सोरेन, चेतलाल सोरेन, महेश मरांडी, रामजी मरांडी, लालचंद मुर्मू, फूलचंद मुर्मू, बुधन मुर्मू, जिबलाल मांझी, छोटन बासके और राजेंद्र किस्कू शामिल हैं। दो मजदूर हजारीबाग के फूलचंद मुर्मू और बोकारो के बबलू सोरेन 26 अगस्त को लौटेंगे।

रांची लाया गया कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह, अज़रबैजान सरकार के सहयोग से झारखंड प्रत्यर्पण

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झारखंड राज्य के इतिहास में पहली बार किसी कुख्यात अपराधी को विदेश से गिरफ्तार कर वापस लाया गया है। यह कुख्यात अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा है। झारखंड पुलिस के मोस्ट वांटेड अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को आखिरकार अजरबैजान से भारत ले आया गया। पिछले एक साल से मयंक अजरबैजान के बाकू जेल में बन्द था। झारखंड पुलिस के लिए पहला ऐतिहासिक प्रत्यर्पण है। एटीएस की टीम उसे बिरसा मुंडा एयरपोर्ट लेकर पहुंची, जहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।

झारखंड एटीएस के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ऋषव कुमार झा के नेतृत्व में एटीएस के दल ने दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के अनुसार औपचारिकताएं पूरी कीं और फिर सिंह उर्फ सुनील मीणा को वापस लाने के लिए आजरबैजान का दौरा किया। रांची हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद झा ने कहा, झारखंड पुलिस के इतिहास में यह पहला सफल प्रत्यर्पण है। हमें उम्मीद है कि विदेश में मौजूद बाकी अपराधियों को भी जल्द ही प्रत्यर्पण या निर्वासन के जरिए वापस लाया जाएगा। उन्होंने कहा, यह एक बड़ी उपलब्धि है और इसका श्रेय हमारे पुलिस महानिदेशक, मुख्यमंत्री और राज्य व केंद्र सरकार के सहयोग को जाता है।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग से है संबंध

एसपी ने बताया कि सिंह झारखंड, राजस्थान और पंजाब समेत अन्य राज्यों में दर्ज 50 से अधिक मामलों में वांछित है। पुलिस के अनुसार कुख्यात मयंक का लॉरेंस बिश्नोई गैंग और झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू गिरोह से भी संबंध हैं। साथ ही राजस्थान में रहने वाले अन्य गैंगस्टरों के साथ संपर्क बनाने में अहम भूमिका निभाता है

गैंगस्टर लॉरेंस के बचपन का दोस्त है मयंक सिंह

मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई के बचपन का दोस्त है। अपराध की दुनिया में लॉरेंस और मयंक ने एक साथ कदम रखा था। अपराध के कई मामलों में मयंक जेल भी जा चुका है। लेकिन पिछले 2 साल वह मलेशिया में बैठकर लारेंस के कहने पर झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर रहे अमन साव के साथ काम कर रहा था। अमन और लॉरेंस के बीच की अहम कड़ी मयंक सिंह ही था। इंटरनेट कॉल के जरिए कारोबारी को धमकी देना मयंक सिंह का प्रमुख काम था।

मयंक के खिलाफ रेड कांर्नर नोटिस जारी किया गया

मयंक सिंह विदेश में बैठकर अपने गिरोह से जुड़े गुरू और अन्य अपराधियों के माध्यम से झारखंड में कई बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम दिलवा रहा था। इन मामलों में हत्या, रंगदारी और फायरिंग के कई गंभीर वारदात शामिल है। पिछले पांच साल तक झारखंड पुलिस को यही पता नहीं था कि मयंक सिंह कौन है। एटीएस की टीम ने अथक प्रयास के बाद यह पता लगाया कि मयंक सिंह असल में सुनील मीणा है जो राजस्थान का रहने वाला है और विदेश में रहकर झारखंड में आपराधिक गतिविधियों का संचालन कर रहा है। जिसके बाद उसके खिलाफ रेड कांर्नर नोटिस जारी किया गया और वह रेड कॉर्नर नोटिस के कारण ही अजरबैजान में पकड़ा गया था। पिछले कई महीनों की मेहनत और कानूनी प्रक्रिया के बाद आखिरकार, झारखंड पुलिस और एटीएस की टीम को बड़ी सफलता मिली है।

मुख्यमंत्री सोरेन ने झारखंड पेसा नियमावली पर की उच्च स्तरीय बैठक

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 15 सितंबर 2025 को झारखंड पेसा नियमावली (Jharkhand PESA Rules) को अंतिम रूप देने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की। मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में आयोजित इस बैठक में उन्होंने राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में पारंपरिक एवं स्थानीय स्वशासन व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से ग्राम सभाओं को दिए जाने वाले अधिकारों और कार्यों पर गहन चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेसा कानून के उपबंधों को इस तरह से लागू किया जाए जिससे न केवल स्थानीय स्वशासन की परंपरा को बल मिले, बल्कि जनजातीय समुदायों का सामाजिक-आर्थिक उत्थान और सशक्तिकरण भी सुनिश्चित हो सके

बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, प्रधान सचिव श्रीमती वंदना दादेल, प्रधान सचिव श्री एमआर मीणा, विधि विभाग के प्रधान सचिव श्री नीरज कुमार श्रीवास्तव, सचिव श्री प्रशांत कुमार, सचिव श्री अमिताभ कौशल, सचिव श्री कृपानंद झा, सचिव श्री के श्रीनिवासन, सचिव श्री मनोज कुमार, सचिव श्री चंद्रशेखर, सचिव श्री अरवा राजकमल, सचिव श्री मनोज कुमार, पंचायती राज निदेशक श्रीमती राजेश्वरी बी, निदेशक खान श्री राहुल सिन्हा, पीसीसीएफ श्री अशोक कुमार, वन संरक्षक श्री पीआर नायडू, डीएफओ श्री दिलीप कुमार, विशेष सचिव श्री प्रदीप कुमार हजारी और संयुक्त सचिव रवि शंकर विद्यार्थी सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

झारखंड सरकार ने दिए नियुक्ति पत्र, पर्यटन के नए 'लोगो' और वेबसाइट का भी हुआ शुभारंभ

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को रांची में एक समारोह में नगर विकास एवं आवास विभाग में चयनित 19 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने झारखंड पर्यटन और झारखंड टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जेटीडीसी) के नए लोगो और वेबसाइट का भी अनावरण किया। इसके साथ ही, राज्य के कलाकारों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने के उद्देश्य से सांस्कृतिक दल प्रबंधन प्रणाली (सीटीएमएस) एप्लीकेशन की भी शुरुआत की गई।

मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वे राज्य के विकास के लिए पूरी निष्ठा और कुशलता से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य झारखंड का सर्वांगीण विकास करना है और इस दिशा में लगातार काम हो रहा है।

शहरी विकास पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज गांव से शहरों की ओर आबादी का रुख बढ़ रहा है, जिससे शहरों का व्यवस्थित और योजनाबद्ध विकास जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि शहरों को बेहतर नागरिक सुविधाएं देना उनकी प्राथमिकता है, क्योंकि अव्यवस्थित शहरीकरण से कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

पर्यटन से अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड खनिज संपदा के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य से भी भरपूर है और यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार झारखंड की समृद्ध विरासत और खूबसूरती को देश-दुनिया के सामने लाने का प्रयास कर रही है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए लोगो और वेबसाइट की शुरुआत इसी दिशा में एक कदम है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

इस कार्यक्रम में नगर विकास एवं आवास मंत्री सुदिव्य कुमार, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, मुख्य सचिव अलका तिवारी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इसी मौके पर होटल प्रबंधन संस्थान की पुस्तक ‘Savouring Jharkhand’ का भी विमोचन किया गया।

झारखंड में पुलिस-माओवादी मुठभेड़, चाईबासा में 10 लाख का इनामी नक्सली जोनल कमांडर अमित हांसदा ढेर

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झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में पुलिस और भाकपा माओवादी नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़में एक नक्सली कमांडर मारा गया। यह मुठभेड़ गोईलकेरा थानाक्षेत्र के रेला के पास जंगल हुई जिसमें 10 लाख का इनामी जोनल कमांडर अमित हांसदा उर्फ अपटन ढेर कर दिया गया। एसपी राकेश रंजन ने इसकी पुष्टि की।

सर्च ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों ने शुरू की फायरिंग

चाईबासा एसपी राकेश रंजन को गुप्त सूचना मिली थी कि रेला पराल इलाके में माओवादी सक्रिय हैं। इसके बाद पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया।सर्च ऑपरेशन के दौरान माओवादी नक्सलियों ने अचानक सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में सुरक्षा बलों ने भी गोलियां चलाई। पूरे पहाड़ी क्षेत्र को घेरकर माओवादी के भागने के रास्ते बंद किए गए। मुठभेड़ में एक नक्सली को मार गिराया गया।

मौके से एसएलआर राइफल-विस्फोटक बरामद

घटनास्थल से एक एसएलआर राइफल, विस्फोटक और अन्य हथियार बरामद किए गए। मुठभेड़ के बाद, सुरक्षाकर्मियों ने जंगल में अन्य माओवादी ठिकानों का पता लगाने के लिए व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया। चाईबासा एसपी खुद मुठभेड़ स्थल पर मौजूद हैं और इलाके में अतिरिक्त बल भी भेजा गया है। अभी जांच जारी है और आगे की जानकारी का इंतजार है।

अमित हांसदा पर था 10 लाख का इनाम

पश्चिमी सिंहभूम जिला के एसपी राकेश रंजन के मुताबिक, अमित हांसदा संगठन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था और लंबे समय से पश्चिमी सिंहभूम समेत झारखंड के कई इलाकों में नक्सली गतिविधियों को संचालित कर रहा था। वह नक्सली संगठन का जोनल कमांडर था और सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ था। सरकार ने उसकी गिरफ्तारी के लिए पहले ही 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।

तुम्हें बहुत जल्द उड़ा देंगे...' झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को फिर मिली जान से मारने की धमकी

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झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। देर रात एक अज्ञात नंबर से धमकी भरा फोन आया। रविवार की रात करीब 11:56 बजे एक अज्ञात मोबाइल नंबरसे धमकी भरा फोन आया, जिसमें धमकी देने वाले ने कहा कि तुम्हें जान से मार डालेंगे। फोन करने वाले शख्स ने मंत्री को सीधे शब्दों में कहा, तुम बस इंतजार करो…तुम्हें बहुत जल्द उड़ा देंगे!

धमकी के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट

जानकारी के मुताबिक, धमकी मिलने के समय डॉ. इरफान अंसारी बोकारो में थे। इरफान अंसारी कांग्रेस पार्टी की ओर से संचालित संगठन सृजन कार्यक्रम को लेकर इस समय बोकारो में मौजूद हैं। उन्होंने तुरंत इस घटना की सूचना पुलिस प्रशासन को दी। धमकी मिलने के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस ने उस नंबर का पता लगाने की कोशिश शुरू कर दी है जिससे यह कॉल आया था।

पहले भी मिल चुकी है धमकी

यह पहली बार नहीं है जब मंत्री को इस तरह की धमकी मिली है। कुछ दिन पहले गिरिडीह के एक युवक ने इंटरनेट मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर इरफान अंसारी सहित नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू को बम से उड़ा देने की धमकी दी थी। उस वीडियो में युवक ने खुद को कुख्यात अपराधी लॉरेंस बिश्नोई का भाई बताया और 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। गिरिडीह पुलिस ने उस युवक को दबोचा।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक: शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर और पेंशन समेत कई अहम फैसलों को मिली मंजूरी

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 2 सितंबर 2025 को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन फैसलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, पेंशन और रोजगार से संबंधित कई अहम नीतियां शामिल हैं।

शिक्षा और सामाजिक कल्याण

"झारखंड निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (द्वितीय संशोधन) नियमावली, 2025" को मंजूरी दी गई, जो बच्चों के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

"झारखंड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक, 2025" को घटनोत्तर स्वीकृति दी गई, जिसका उद्देश्य कोचिंग सेंटरों को नियंत्रित करना है।

"धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA)" के तहत अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों में 50 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना को मंजूरी दी गई।

"प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (PM-JANMAN)" के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) बहुल क्षेत्रों में 109 आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित करने की स्वीकृति दी गई।

"मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना, 2020" में कोटिवार छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ाने को मंजूरी मिली, जिससे अधिक छात्रों को विदेश में पढ़ने का अवसर मिलेगा।

"हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों से संबंधित विषय" को महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के कार्यदायित्व में शामिल किया गया।

बुनियादी ढांचा और विकास परियोजनाएं

पुनासी जलाशय योजना के लिए ₹1851.67 करोड़ के तीसरे पुनरीक्षित प्राक्कलन को मंजूरी।

सत्संगनगर-भिरखीबाद (जसीडीह) में रेलवे क्रॉसिंग पर ₹49.10 करोड़ की लागत से रोड ओवर ब्रिज (ROB) बनाने की स्वीकृति।

रामगढ़ और धनबाद जिले में सड़कों के निर्माण, चौड़ीकरण और मजबूतीकरण के लिए क्रमशः ₹34.36 करोड़ और ₹58.07 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

चाईबासा में हाता-चाईबासा-बड़ाचिरू पथ के लिए ₹75.97 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

डाल्टेनगंज में आरओबी-उत्तरी कोयल सेमरा माइंस पथ के लिए ₹104.25 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

विभिन्न स्थानों पर नए ग्रिड सब-स्टेशन और संचरण लाइनों के निर्माण के लिए ₹74.95 करोड़ से लेकर ₹174.36 करोड़ तक की योजनाओं को मंजूरी दी गई।

धनबाद हवाई अड्डे पर पीपीपी मोड पर एयरो पार्क शुरू करने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली।

गिरिडीह में राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण के लिए ₹244.73 करोड़ की योजना को मंजूरी।

स्वास्थ्य और प्रशासनिक सुधार

"झारखंड मृतक दाता अंग और ऊतक प्रत्यारोपण दिशानिर्देश" (Jharkhand Deceased Donor Organ and Tissue Transplantation Guidelines) जारी करने की मंजूरी।

"झारखंड बजट स्थिरीकरण कोष (Jharkhand Budget Stabilisation Fund) नियमावली, 2025" के गठन को स्वीकृति।

कई चिकित्सा अधिकारियों, जिनमें डॉ. फरहाना, डॉ. ज्योति कुमारी, डॉ. भावना और डॉ. रिंकु कुमारी सिंह शामिल हैं, को सेवा से बर्खास्त करने की मंजूरी।

कई मामलों में दैनिक वेतनभोगी/अस्थायी कर्मियों की सेवा नियमित करने और पेंशन लाभ देने की स्वीकृति।

"झारखंड राज्य विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग (गठन, कार्य एवं दायित्व) नियमावली, 2025" को मंजूरी दी गई।

निबंधन कार्यालयों में 1 दिसंबर 2004 के बाद के अस्थायी लिपिकों की सेवा को पेंशन के लिए मान्य करने की स्वीकृति।

झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का और पत्नी को 7-7 साल की सजा, जानें क्या है मामला?

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झारखंड के चर्चित जमीन घोटाले के एक पुराने मामले में बड़ा फैसला आया है। पूर्व मंत्री एनोस एक्का और उनकी पत्नी मेनन एक्का को अवैध भूमि अधिग्रहण के मामले में सात-सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने दोनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह मामला छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) अधिनियम के उल्लंघन से जुड़े अवैध रूप से आदिवासी जमीन अधिग्रहण से संबंधित है।

रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने कुल 10 लोगों को सजा सुनाई है। इस मामले में रांची के पूर्व भूमि सुधार उपायुक्त (एलआरडीसी) कार्तिक प्रभात समेत दो अन्य आरोपी मणिलाल महतो और ब्रजेश्वर महतो को पांच-पांच साल सश्रम कारावास की सजा दी। इसके अलावा पांच अन्य दोषियों- राज किशोर सिंह, फिरोज अख्तर, बृजेश मिश्रा, अनिल कुमार और परशुराम करकेट्टा- को चार-चार साल की सजा सुनाई गई। अदालत ने सभी को दोषी मानते हुए कहा कि जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उन्हें अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।

मंत्री रहते पद का दुरुपयोग

एनोस एक्का वर्ष 2005 से 2008 के बीच अर्जुन मुंडा और बाद में मधु कोड़ा सरकार में मंत्री रहे। आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी पते का इस्तेमाल कर आदिवासी जमीनों की बड़े पैमाने पर खरीद-फरोख्त की। इस पूरे खेल में प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत रही।

तत्कालीन एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात की सौदों का बनाया आसान

जमीन की खरीदारी रांची जिले के कई इलाकों में हुई। इन सभी सौदों पर लगभग 1.18 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इनमें हिनू में 22 कट्ठा, ओरमांझी में 12 एकड़, नेवरी में 4 एकड़ और चुटिया के सिरम टोली मौजा में 9 डिसमिल भूमि शामिल है। तत्कालीन एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात ने इन सौदों को आसान बनाने में मदद की थी।

झारखंड सरकार के 2 मंत्रियों को जान से मारने की धमकी, पटना से दबोचा गया आरोपी

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झारखंड सरकार के दो मंत्रियों सुदिव्य कुमार सोनू और स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी को 24 घंटे के भीतर जान से मारने की धमकी देने वाले युवक को पुलिस ने धर दबोचा है। झारखंड के गिरिडीह पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने 21 वर्षीय युवक को पटना से गिरफ्तार किया। गिरिडीह मुफस्सिल थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर निवासी आरोपी अंकित कुमार मिश्रा ने एक वीडियो में दावा किया था कि उसके गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से संबंध हैं।

आरोपी अंकित कुमार मिश्रा ने धमकी भरा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था। बुधवार सुबह से ही वीडियो तेजी से वायरल होने लगा था जिसमें आरोपी युवक खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताते हुए मंत्रियों को धमकाता दिख रहा था। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मिश्रा ने शहरी विकास मंत्री और गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को 24 घंटे के भीतर जान से मारने की धमकी दी। जिसके बाद महज 24 घंटे के भीरत पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

24 घंटे के भीतर पुलिस ने दबोचा

गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक (एसपी) बिमल कुमार ने बताया कि बुधवार को सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मिश्रा ने शहरी विकास मंत्री और गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को 24 घंटे के भीतर जान से मारने की धमकी दी।कुमार ने कहा, 'गिरिडीह के एक निवासी द्वारा युवक के खिलाफ मामला दर्ज कराए जाने के बाद हमने एसआईटी का गठन किया। एसआईटी ने तकनीकी जानकारी और खुफिया जानकारी की मदद से आरोपी को बिहार के पटना से गिरफ्तार कर लिया।

छोटे-मोटे अपराधों के लिए जा चुका है जेल

आरोपी मिश्रा का किसी संगठित आपराधिक गिरोह से कोई संबंध नहीं है, लेकिन वह कई बार छोटे-मोटे अपराधों के लिए जेल जा चुका है। पुलिस ने बताया कि मिश्रा के खिलाफ धमकी देने और अशांति फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया जाएगा।

झारखंड सरकार के मंत्री हफीजुल हसन की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

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झारखंड के अल्पसंख्यक मंत्री और मधुपुर विधायक हफीजुल हसन की आज गुरुवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें इलाज के लिए रांची स्थित पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी समेत कई अन्य मंत्री और विधायक भी पारस अस्पताल पहुंचे।

हफीजुल हसन की गुरुवार को अचानक तबीयत खराब हो गई। उन्हें सीने में दर्द और ब्लड प्रेशर लो होने की शिकायत हुई, जिसके बाद तुरंत रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उन्हें आईसीयू में रखा गया है और डॉक्टरों की टीम उनकी देखरेख कर रही है। जैसे ही इस बात की जानकारी मिली, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत सरकार के कई मंत्री अस्पताल पहुंचे और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।

24 घंटे ऑब्जर्वेशन में रखा गया

डॉक्टरों ने बताया कि सांस लेने में परेशानी और बीपी लो होने के कारण उनकी स्थिति गंभीर हो गई थी। तत्काल इलाज के बाद अब उनकी हालत स्थिर है और फिलहाल वे खतरे से बाहर हैं। डॉक्टरों के अनुसार, हफीजुल हसन को फूड एलर्जी और निमोनिया जैसी समस्या की आशंका जताई गई है। चूंकि उनका पहले ओपन हार्ट सर्जरी हो चुका है, इसलिए अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है। उन्हें फिलहाल 24 घंटे ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।

पिछले माह हुई थी ओपेन हार्ट सर्जरी

बता दें कि पिछले माह जुलाई में ही मंत्री हफीजुल हसन की दिल्ली में गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल में हार्ट सर्जरी हुई थी। सफल सर्जरी के बाद वह वापस रांची लौट आये थे। हालांकि मंत्री बेड रेस्ट पर ही थे। इसी बीच गुरुवार की सुबह अचानक मंत्री की तबीयत फिर से बिगड़ गयी, जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया।

कैमरून में फंसे झारखंड के 17 मजदूर सुरक्षित घर लौटे, वतन वापसी से चेहरों पर आई मुस्कान

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अफ्रीका के कैमरून में पिछले कई महीनों से फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूर आखिरकार सकुशल वतन लौट आए हैं। सोमवार को 19 में से 17 मजदूरों की घर वापसी हुई। उन्हें विदेश मंत्रालय और राज्य श्रम विभाग के हस्तक्षेप के बाद वापस लाया गया। जिससे परिजनों के चेहरे पर खुशी लौट आई।

19 में से 17 मजदूरों की सुरक्षित स्वदेश वापसी

विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद अफ्रीकी देश कैमरून में फंसे झारखंड के 19 में से 17 मजदूरों की सुरक्षित स्वदेश वापसी हो गयी है। ये मजदूर बोकारो और हजारीबाग जिले के रहने वाले हैं। सोमवार को सभी अपने घर पहुंच गये। बताया गया है कि दो अन्य मजदूरों की वापसी 26 अगस्त को होगी। ये मजदूर एक एजेंसी के जरिए कैमरून में बिजली ट्रांसमिशन का काम करने वाली ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड कंपनी में मजदूरी करने ले जाये गये थे।

कंपनी ने चार महीने से श्रमिकों को वेतन नहीं दिया

झारखंड प्रवासी प्रकोष्ठ की नियंत्रण कक्ष अधिकारी शिखा लाकड़ा ने बताया कि बोकारो और हजारीबाग जिलों से संबंधित ये मजदूर 19 कैमरून गए थे और वहां बिजली संचरण परियोजना से जुड़ी एक कंपनी में कार्यरत थे। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने चार महीने से उनका वेतन रोक दिया, जिससे वे आर्थिक संकट में आ गए।

सोशल मीडिया के जरिए लगाई थी मदद की गुहार

मजदूरों ने सोशल मीडिया में वीडियो संदेश साझा कर केंद्र एवं झारखंड सरकार से हस्तक्षेप और वतन वापसी कराने की गुहार लगायी थी। इसके बाद झारखंड सरकार के श्रम विभाग ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय को पूरे मामले से अवगत कराते हुए आवश्यक कार्रवाई का आग्रह किया था. मंत्रालय ने अफ्रीकी देश में स्थित दूतावास की मदद से मजदूरों की बकाया मजदूरी का भुगतान और उनकी स्वदेश वापसी सुनिश्चित करायी है

दो मजदूर आज लौटेंगे घर

सोमवार को घर लौटे मजदूरों में बोकारो के प्रेम टुडू, सिबोन टुडू, सोमर बेसरा, पुराण टुडू, रामजी हांसदा, विरवा हांसदा एवं महेन्द्र हांसदा और हजारीबाग के आघनू सोरेन, अशोक सोरेन, चेतलाल सोरेन, महेश मरांडी, रामजी मरांडी, लालचंद मुर्मू, फूलचंद मुर्मू, बुधन मुर्मू, जिबलाल मांझी, छोटन बासके और राजेंद्र किस्कू शामिल हैं। दो मजदूर हजारीबाग के फूलचंद मुर्मू और बोकारो के बबलू सोरेन 26 अगस्त को लौटेंगे।

रांची लाया गया कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह, अज़रबैजान सरकार के सहयोग से झारखंड प्रत्यर्पण

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झारखंड राज्य के इतिहास में पहली बार किसी कुख्यात अपराधी को विदेश से गिरफ्तार कर वापस लाया गया है। यह कुख्यात अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा है। झारखंड पुलिस के मोस्ट वांटेड अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को आखिरकार अजरबैजान से भारत ले आया गया। पिछले एक साल से मयंक अजरबैजान के बाकू जेल में बन्द था। झारखंड पुलिस के लिए पहला ऐतिहासिक प्रत्यर्पण है। एटीएस की टीम उसे बिरसा मुंडा एयरपोर्ट लेकर पहुंची, जहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।

झारखंड एटीएस के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ऋषव कुमार झा के नेतृत्व में एटीएस के दल ने दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के अनुसार औपचारिकताएं पूरी कीं और फिर सिंह उर्फ सुनील मीणा को वापस लाने के लिए आजरबैजान का दौरा किया। रांची हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद झा ने कहा, झारखंड पुलिस के इतिहास में यह पहला सफल प्रत्यर्पण है। हमें उम्मीद है कि विदेश में मौजूद बाकी अपराधियों को भी जल्द ही प्रत्यर्पण या निर्वासन के जरिए वापस लाया जाएगा। उन्होंने कहा, यह एक बड़ी उपलब्धि है और इसका श्रेय हमारे पुलिस महानिदेशक, मुख्यमंत्री और राज्य व केंद्र सरकार के सहयोग को जाता है।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग से है संबंध

एसपी ने बताया कि सिंह झारखंड, राजस्थान और पंजाब समेत अन्य राज्यों में दर्ज 50 से अधिक मामलों में वांछित है। पुलिस के अनुसार कुख्यात मयंक का लॉरेंस बिश्नोई गैंग और झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू गिरोह से भी संबंध हैं। साथ ही राजस्थान में रहने वाले अन्य गैंगस्टरों के साथ संपर्क बनाने में अहम भूमिका निभाता है

गैंगस्टर लॉरेंस के बचपन का दोस्त है मयंक सिंह

मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई के बचपन का दोस्त है। अपराध की दुनिया में लॉरेंस और मयंक ने एक साथ कदम रखा था। अपराध के कई मामलों में मयंक जेल भी जा चुका है। लेकिन पिछले 2 साल वह मलेशिया में बैठकर लारेंस के कहने पर झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर रहे अमन साव के साथ काम कर रहा था। अमन और लॉरेंस के बीच की अहम कड़ी मयंक सिंह ही था। इंटरनेट कॉल के जरिए कारोबारी को धमकी देना मयंक सिंह का प्रमुख काम था।

मयंक के खिलाफ रेड कांर्नर नोटिस जारी किया गया

मयंक सिंह विदेश में बैठकर अपने गिरोह से जुड़े गुरू और अन्य अपराधियों के माध्यम से झारखंड में कई बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम दिलवा रहा था। इन मामलों में हत्या, रंगदारी और फायरिंग के कई गंभीर वारदात शामिल है। पिछले पांच साल तक झारखंड पुलिस को यही पता नहीं था कि मयंक सिंह कौन है। एटीएस की टीम ने अथक प्रयास के बाद यह पता लगाया कि मयंक सिंह असल में सुनील मीणा है जो राजस्थान का रहने वाला है और विदेश में रहकर झारखंड में आपराधिक गतिविधियों का संचालन कर रहा है। जिसके बाद उसके खिलाफ रेड कांर्नर नोटिस जारी किया गया और वह रेड कॉर्नर नोटिस के कारण ही अजरबैजान में पकड़ा गया था। पिछले कई महीनों की मेहनत और कानूनी प्रक्रिया के बाद आखिरकार, झारखंड पुलिस और एटीएस की टीम को बड़ी सफलता मिली है।