रिम्स अवैध निर्माण मामला: बाबूलाल मरांडी का हेमंत सरकार के "भ्रष्ट सिस्टम" पर बड़ा हमला

"रजिस्ट्रार, अंचल अधिकारी, नगर निगम, रेरा के अधिकारी अविलंब निलंबित हों!"

रांची: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रिम्स (RIMS) परिसर में हो रहे अवैध निर्माण पर राज्य सरकार के भ्रष्ट तंत्र को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण में शामिल अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और निर्दोष फ्लैट खरीदारों को तत्काल राहत देने की मांग की है।

न्यायोचित कार्रवाई, पर भ्रष्ट तंत्र की जवाबदेही

श्री मरांडी ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश से अवैध निर्माण को तोड़े जाने को न्यायोचित और स्वागत योग्य बताया, लेकिन सवाल उठाया कि हेमंत सरकार के इस भ्रष्ट तंत्र की सजा आम जनता क्यों भुगते। उन्होंने याद दिलाया कि हेमंत सरकार में सेना की जमीन की हेराफेरी में आईएएस अधिकारी तक जेल जा चुके हैं।

भ्रष्टाचार के लिए सीधे अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार

बाबूलाल मरांडी ने रिम्स परिसर में अवैध निर्माण के लिए निम्नलिखित अधिकारियों और विभागों को सीधा जिम्मेदार ठहराया है, जिन्हें मुख्यमंत्री का संरक्षण प्राप्त होने का आरोप लगाया:

रजिस्ट्रार (Registrar):

जब जमीन रिम्स की थी, तो रजिस्ट्रार ने फ्लैटों की रजिस्ट्री कैसे कर दी? उनका काम ही रजिस्ट्री से पहले जमीन की वैधता सुनिश्चित करना है।

उन्होंने कहा कि नियमों की अनदेखी में बड़े भ्रष्टाचार और रिश्वत की लेनदेन से इनकार नहीं किया जा सकता।

अंचल अधिकारी (Circle Officer):

रजिस्ट्री के बाद जमीन का म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) बड़ी आसानी से कैसे हो गया, जबकि आम आदमी वर्षों तक चक्कर काटता रहता है? इससे भ्रष्टाचार के तार नीचे से ऊपर तक जुड़े होने का संकेत मिलता है।

रांची नगर निगम (Ranchi Municipal Corporation):

रिम्स की जमीन पर फ्लैटों का नक्शा कैसे स्वीकृत और पास हुआ? यह तब हुआ जब हाईकोर्ट के आदेश से वर्षों तक निगम में नक्शा पास करने का काम स्थगित था।

रेरा (RERA, Jharkhand):

रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी ऑथोरिटी) ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई और आम जनता को परेशानी में डाल दिया।

राज्य सरकार से मरांडी की प्रमुख मांगें

श्री मरांडी ने कहा कि यह मामला सिर्फ अवैध निर्माण का नहीं, बल्कि सरकारी तंत्र में जड़ जमा चुके भ्रष्टाचार का परिणाम है। उन्होंने राज्य सरकार से निम्नलिखित त्वरित कार्रवाई की मांग की:

अधिकारियों का निलंबन: रजिस्ट्रार, अंचल अधिकारी, रांची नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी, रेरा के जिम्मेदार अधिकारियों को अविलंब निलंबित किया जाए और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

वैकल्पिक आवास: फ्लैट खरीदने वाले निर्दोष लोगों को तत्काल वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराए राज्य सरकार।

बैंक लोन की जिम्मेदारी: फ्लैट खरीदारों के बैंक लोन की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार वहन करे।

वसूली: भ्रष्ट अधिकारियों से पैसे की वसूली की जाए।

इस प्रेसवार्ता में मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रवक्ता राफिया नाज, सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह और अशोक बड़ाइक भी उपस्थित थे।

राज्य के 1,61,55,740 मतदाताओं का विगत एसआईआर के मतदाता सूची से मैपिंग सम्पन्न


रांची। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के. रवि कुमार ने कहा है कि राज्य में वर्तमान मतदाता सूची के मतदाताओं का विगत एसआईआर के मतदाता सूची से मैपिंग के क्रम में 1 करोड़ 61 लाख 55 हजार 740 मतदाताओं का मैपिंग किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि अब्सेंट, शिफ्टेड डेथ एवं एक से अधिक स्थान पर सूचीबद्ध श्रेणी के 12 लाख मतदाताओं को सूचीबद्ध किया गया है। इसके साथ ही मतदाता सूची के मैपिंग के अन्य कार्य प्रगति पर है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मंगलवार को निर्वाचन सदन से कम पैतृक मैपिंग करने वाले विधानसभा के ईआरओ एवं सभी उप निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे।

श्री के. रवि कुमार ने कहा कि विगत के एसआईआर के बाद राज्य में अन्य राज्यों से आए मतदाता एवं जिन मतदाताओं का विगत के एसआईआर वाले मतदाता सूची से मैपिंग में कठिनाई आ रही है उनका संबंधित राज्य के सीईओ वेबसाईट अथवा भारत निर्वाचन आयोग के वेबसाईट का उपयोग करते हुए मैपिंग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि https://voters.eci.gov.in/ का प्रयोग करते हुए अन्य राज्य से आए मतदाताओं का पैतृक मैपिंग करें वहीं झारखंड के मतदाताओं के मैपिंग हेतु मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी झारखंड के वेबसाइट https://ceo.jharkhand.gov.in/ का उपयोग करें।

श्री के. रवि कुमार ने कहा है कि कम परफॉर्मेंस वाले बीएलओ को चिन्हित करते हुए बैचवार ट्रेनिंग दें। इसके साथ ही मतदाताओं को भी पैतृक मैपिंग की प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि वैसे बीएलओ जो विगत के एसआईआर के मतदाता सूची से मतदाता का विवरण नहीं ढूंढ पा रहे वे अपने जिले मुख्यालय के हेल्पडेस्क मैनेजर से संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने ईआरओ एवं उप निर्वाचन पदाधिकारियों से कहा कि बीएलओ को कार्यक्षेत्र में आने वाले कठिनाइयों का आंकलन करते हुए उनकी सहायता करें जिससे वे पैतृक मैपिंग के कार्य को आसानी से कर पाएं ।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा है कि मैपिंग करते समय एएसडी सूची से भी मिलान अवश्य करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान मतदाता सूची के मतदाताओं का पैतृक मैपिंग का कार्य को प्राथमिकता देते हुए करें। अधिक से अधिक पैतृक मैपिंग से एसआईआर के समय कम से कम मतदाताओं को दस्तावेज समर्पित करना पड़ेगा एवं प्रक्रिया में आसानी आएगी। उन्होंने कहा कि एसआईआर के दौरान कोई भी योग्य मतदाता मतदाता सूची से छुटे नहीं इसे ध्यान में रखकर कार्य करें।

बैठक में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुबोध कुमार, नोडल पदाधिकारी श्री देव दास दत्ता, उप निर्वाचन पदाधिकारी श्री धीरज कुमार ठाकुर सहित सभी जिलों के ईआरओ एवं उप निर्वाचन पदाधिकारी उपस्थित थे।

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The trial cultivation of China Millets has been successful.

These millets were grown at the Agricultural Research Centre located at the headquarters of Jai Dharti Maa Foundation.

Founder Ravi Kumar Nishad, Dhanbad, Jharkhand, said:

“The soil of Jharkhand has immense potential to grow highly valuable agricultural crops. What we lack is only the willingness to come forward and take up farming. I request all farmers and people from the business community to explore millet varieties like China Millets. These crops require very little cost and maintenance, yet provide good returns.”

China Millet is a type of coarse grain. It is also known as Punarva. It is not clearly known where it was first cultivated, but it has been grown as a crop in the Caucasus and China for more than 7,000 years. It is believed that the crop might have been domesticated independently in these regions.

Today, China Millets are grown extensively in India, Russia, Ukraine, the Middle East, Turkey, and Romania. The grain is considered highly beneficial for health. Since it is gluten-free, it can be consumed even by people who are allergic to wheat.

झारखंड हाईकोर्ट की रजत जयंती: CM सोरेन को कार्यक्रम में शामिल होने का मिला आमंत्रण

रांची: मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन को झारखंड हाइकोर्ट की "Silver Jubilee Celebration of High Court of Jharkhand" कार्यक्रम में सम्मिलित होने का आमंत्रण मिला है।

आज, 14 नवंबर 2025 को, मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में विधि (न्याय) के प्रधान सचिव-सह-विधि परामर्शी श्री नीरज कुमार श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें 15 नवंबर 2025 को हाइकोर्ट परिसर में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम हेतु सादर आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कार्यक्रम की सफलता के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

मनिका विधायक रामचंद्र सिंह चुने गए उत्कृष्ट विधायक, झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस पर होंगे सम्मानित|

Ranchi | 17-11-2023: झारखंड के लातेहार के मनिका से कांग्रेस विधायक रामचंद्र सिंह उत्कृष्ट विधायक के रूप में चयनित किए गए हैं. इसे लेकर शुक्रवार को स्पीकर रबींद्रनाथ महतो के कांके स्थित आवास पर उत्कृष्ट विधायक चयन समिति की बैठक हुई. इसमें इनका चयन किया गया. 22 नवंबर को झारखंड विधानसभा का स्थापना दिवस है.



झारखंड कैबिनेट के बड़े फैसले: बाबा साहेब अंबेडकर आवास योजना में सहयोग राशि ₹2 लाख हुई; मांडर-चान्हो के लिए ₹236 करोड़ की लिफ्ट सिंचाई योजना को

रांची: मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में 03 नवंबर 2025 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनका सीधा असर ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, सड़क, और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर पड़ेगा।

ग्रामीण विकास और बुनियादी ढांचा (Infrastructure)

आवास योजना में वृद्धि: बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर आवास योजना के तहत सहयोग राशि ₹1.30 लाख/₹1.20 लाख से बढ़ाकर ₹2.00 लाख किए जाने को मंजूरी दी गई।

मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना: राँची जिले के मांडर एवं चान्हो प्रखंड के आंशिक भू-भाग में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कैम्बो मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना के लिए ₹236 करोड़ से अधिक की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

सड़क परियोजनाओं को मंजूरी: दुमका जिले में दो महत्वपूर्ण सड़कों—बरमसिया पीडब्ल्यूडी पथ से शहरघाटी पथ (8.130 कि.मी.) और करमाटांड से भोगतानडीह पथ (7.775 कि.मी.)—के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण हेतु क्रमशः ₹44.93 करोड़ और ₹35.81 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

चुनाव, खेल और प्रशासन

घाटशिला उपचुनाव फंड: 45-घाटशिला (अ.ज.जा.) विधानसभा उपचुनाव के संचालन हेतु ₹7 करोड़ 84 लाख झारखंड आकस्मिकता निधि से अग्रिम के तौर पर प्राप्त करने को स्वीकृति दी गई।

अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को सम्मान: अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी सुश्री सलीमा टेटे और सुश्री निक्की प्रधान को झारखंड आवास बोर्ड द्वारा निःशुल्क आवंटित भूखंडों के निबंधन में मुद्रांक एवं निबंधन शुल्क से विमुक्ति की स्वीकृति दी गई।

हेलिकॉप्टर सेवा विस्तार: VIP/VVIPs के सरकारी उड़ान कार्यक्रम के लिए 2+5 सीटर ट्विन इंजन Bell-429 Helicopter की वर्तमान सेवा को 6 माह के लिए विस्तारित करने पर सहमति बनी।

विधानसभा सत्र का सत्रावसान: षष्ठम झारखंड विधान सभा के तृतीय (मानसून) सत्र (01.08.2025 से 28.08.2025 तक) के सत्रावसान को मंजूरी दी गई।

नियमावली और अन्य निर्णय

स्वास्थ्य नियमावली: Jharkhand State Allied and Healthcare Council Rules, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

कार्मिक संवर्ग नियमावली: "झारखण्ड राज्य बहुद्देशीय कर्मी (Multi Purpose Staff) संवर्ग (भर्ती एवं सेवाशर्तें) नियमावली, 2025 के गठन को मंजूरी दी गई।

वेतनमान में संशोधन: माननीय झारखंड उच्च न्यायालय में दायर रिट याचिका के याचिकाकर्ताओं (ग्रेन गोला चौकीदार से प्रखण्ड कल्याण पर्यवेक्षक पद पर प्रोन्नति पाए कर्मियों) को G.P. ₹1900/- के स्थान पर G.P. ₹2400/- अनुमान्य करने की स्वीकृति दी गई।

पेंशन पुनरीक्षण: उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत राजकीय इंजीनियरिंग/पॉलिटेक्निक संस्थानों के 01.01.2016 के पूर्व सेवानिवृत/मृत सरकारी शिक्षकों के पेंशन/पारिवारिक पेंशन पुनरीक्षण की स्वीकृति दी गई।

झारखंड के 48 मजदूर ट्यूनीशिया में फंसे, खाने के पड़े लाले, लगाई मदद की गुहार

#48jharkhandworkersstrandedintunisiawage_crisis

राजी-रोटी की तलाश में हजारों किलोमिटर की खाक छानने के बाद भी भूखमरी की कगार पर हैं। विदेशी धरती पर फंसे इन भारतीय मजदूरों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। झारखंड के 48 मजदूर अफ्रीका के ट्यूनिशिया में फंस गए हैं। वहां फंसे मजदूरों ने वीडियो संदेश में अपना दर्द साझा करते हुए सरकार से सहायता मांगी है।

झारखंड के गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग जिले के 48 प्रवासी मजदूर अफ्रीका के ट्यूनीशिया में फंसे हुए हैं। पिछले तीन माह से मजदूरों को कंपनी की ओर से मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इस वजह से मजदूरों के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है।

खाने-खाने को हे मोहताज

वहां फंसे मजदूरों ने वीडियो संदेश में कहा है, हम यहां बहुत बुरी हालत में हैं। कंपनी ने हमारा वेतन रोक दिया है और हमारे पास खाने तक के पैसे नहीं बचे हैं। हम बस किसी तरह अपने घर वापस लौटना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने बकाया वेतन के भुगतान की मांग भी की है।

सामाजिक कार्यकर्ता ने की केंद्र और राज्य सरकार से खास अपील

प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर काम करनेवाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकन्दर अली ने केंद्र और राज्य सरकार से इन मजदूरों के सकुशल वतन वापसी के लिए पहल करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि विदेशों में फंसने वाले मजदूरों का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार प्रवासी मजदूर ज्यादा पैसे कमाने की लालच में विदेश जाकर फंस चुके हैं। काफी मशक्कत के बाद उनकी वतन वापसी कराई गई। इसके बावजूद प्रवासी मजदूर पुरानी घटनाओं से सबक नहीं ले रहे हैं।

कई अगवा मजदूरों को अब तक सुराग नहीं

सामाजिक कार्यकर्ता सिकन्दर अली ने ये भी बताया है कि पिछले छः महीने पूर्व साउथ अफ्रीका के नाइजर से 25 अप्रैल 2025 को बगोदर के दोंदलो पंचायत के संजय महतो, चंद्रिका महतो, राजू महतो, फलजीत महतो एवं मुंडरो के उत्तम महतो का अपहरण कर लिया गया जिसका अभी तक कुछ भी पता नहीं चल सका है। ऐसे में सरकार को मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए रोजगार की व्यवस्था करने की जरूरत है।

हेमंत सरकारों पार्ट 2 में भी भ्रष्टाचार और टेंडर घोटाला जारी,स्वास्थ्य विभाग में मैनपॉवर सप्लाई में 50 करोड़ के घोटाले की तैयारी - प्रतुल


भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज प्रदेश मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए हेमंत सरकार पार्ट 2 में भी लगातार टेंडर घोटाले और भ्रष्टाचार के जारी रहने का आरोप लगाया। प्रतुल ने स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निकाले गए टेंडर पर बड़ा प्रश्न चिन्ह करते हुए इसे 50 करोड़ का घोटाला करार दिया।

प्रतुल ने कहा कि सिविल सर्जन सह सीएमओ रांची के कार्यालय के द्वारा नर्सिंग, पैरामेडिकल एवं अन्य तकनीकी स्टाफ के लिए ई टेंडर संख्या 4374, दिनांक 20 सितंबर, 2025 को निकाला गया। इस टेंडर में ऐसी शर्तों को डाला गया जिससे झारखंड की कोई स्थानीय कंपनी हिस्सा ही नहीं ले पाएगी।प्रतुल ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री जी आदिवासी मूलवासी और झारखंडियत की बात करते हैं। लेकिन इस टेंडर के जरिए बिहार की ब्लैकलिस्टेड कंपनी को काम देने का षड्यंत्र किया जा रहा है।

प्रतुल ने कहा कि इस से पूर्व जब इसी सिविल सर्जन के कार्यालय ने 2022 में जब टेंडर निकला था तो उस समय की अर्हता और अभी की अर्हता में लगभग 5 गुण का इजाफा कर दिया गया है। यह सिर्फ बिहार की एक विशेष ब्लैक लिस्टेड कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया।प्रतुल ने कहा कि इसी टेंडर में 2022 में सिक्योरिटी मनी (ईएमडी) चार लाख रुपए रखा गया था। इस वर्ष उसे 15 लाख कर दिया गया। 2022 में टेंडर की अर्हता में सिंगल वर्क आर्डर का वैल्यू 3 करोड़ था। 3 वर्षों में इस बार इसे 15 करोड़ कर दिया गया है। ईसीआर की कॉपी 300 लोगों की आवश्यकता थी। इस वर्ष इसे 1500 कर दिया गया है। 2022 में निकाले गए टेंडर में पिछले तीन वित्तीय वर्ष का कंपनी का एवरेज टर्नओवर 5 करोड़ होने की आवश्यकता थी। इस बार इसे 5 गुना बढ़कर 25 करोड़ कर दिया गया है। जिस कंपनी को ये टेंडर देने की कोशिश की जा रही है ,उसे झारखंड के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ने डिबार किया है। लेकिन टेंडर में ब्लैकलिस्टेड कॉलम में सिर्फ यह लिखकर डाल दिया गया है कि जिस कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया गया है वह एक अंडरटेकिंग देगी।

प्रतुल ने कहा कि इन सारी चीजों से स्पष्ट है कि टेंडर को इस रूप में बनाया गया है कि झारखंड की किसी स्थानीय कंपनी को कोई लाभ न हो।लाभ होना तो दूर की बात है, झारखंड की कोई कंपनी इसमें हिस्सा भी नहीं ले पाएगी। बिहार की एक विवादास्पद ब्लैकलिस्टेड कंपनी को टेंडर देने के लिए अर्हता को बदल गया है क्योंकि यही इन सारी अहर्ताओं को पूरा करती है। अब वह कंपनी मनमाने रेट पर टेंडर डालेगी और कमीशन ऊपर से नीचे तक सब जगह बटेगा। प्रतुल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस पूरे मुद्दे को सरकार और एसीबी के सामने भी ले जाएगी।

Corruption and Tender Scams Continue in Hemant Government Part 2

₹50 Crore Scam Planned in Health Department’s Manpower Supply Tender – Pratul Shah Deo

BJP State Spokesperson Pratul Shah Deo today addressed a press conference at the party’s state headquarters, alleging that large-scale tender scams and corruption continue unabated in the Hemant Soren Government Part 2. Pratul raised serious questions over a recent tender issued by the Health Department, calling it a ₹50 crore scam in the making.

Pratul said that the Office of the Civil Surgeon -cum- Chief Medical Officer, Ranchi, issued an e-tender (No. 4374 dated September 20, 2025) for the supply of nursing, paramedical, and other technical staff. Pratul alleged that the tender conditions have been deliberately framed in such a way that no local company from Jharkhand can participate.

Pratul remarked, “The Chief Minister and Health Minister often talk about Adivasi, Moolvasi, and 'Jharkhandiyat', but through this tender, a conspiracy is being hatched to award the work to a blacklisted company from Bihar.”

He pointed out that in 2022, when a similar tender was issued by the same office, the eligibility criteria were much more reasonable. However, in the 2025 tender, the qualifications have been raised nearly fivefold, seemingly to benefit a specific blacklisted Bihar-based company.

He detailed the differences:

In 2022, the security deposit (EMD) was ₹4 lakh; this time, it has been raised to ₹15 lakh.

The minimum value of a single work order required earlier was ₹3 crore; now, it has been increased to ₹15 crore.

The ECR copy requirement for 300 personnel has now been raised to 1,500.

The average annual turnover required over the past three financial years was ₹5 crore; this year, it has been increased 500% to ₹25 crore.

Pratul further revealed that the company being favoured has been debarred by a reputed university in Jharkhand, yet the tender document conveniently allows blacklisted firms to participate if they merely provide an undertaking.

He added, “It is now absolutely clear that this tender has been structured to exclude local Jharkhand-based companies and favour one specific Bihar-based blacklisted company. Once awarded, this company will quote arbitrary rates, and the commission will flow from top to bottom.”

Pratul Shah Deo said that the Bharatiya Janata Party will take up this issue not only with the state government but also before the Anti-Corruption Bureau (ACB) for a full investigation.

झारखंड में इन तीन कफ सिरप पर बैन, राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय ने जारी किया आदेश

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झारखंड सरकार ने राज्य में तीन कफ सिरप की बिक्री और उपयोग पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। झारखंड सरकार ने जनता के स्वास्थ्य सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए Coldref, Repifresh और Relife नामक 3 कफ सिरप के उपयोग और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। ये कार्रवाई उन रिपोर्ट्स के बाद की गई है, जिनमें बताया गया कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में कुछ बच्चों की मौत संदिग्ध कफ सिरप के इस्तेमाल से हुई।

मध्यप्रदेश और राजस्थान में इन कफ सिरप के सेवन से कई बच्चों की मौत की गंभीर घटना के बाद झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने त्वरित एक्शन लेते हुए इन ब्रांड्स पर रोक लगाने का आदेश जारी किया। राज्य सरकार ने इस संबंध में आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

औषधि निरीक्षकों को जारी किए गए खास आदेश

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय, नामकुम (रांची) की ओर से जारी आदेश के अनुसार, तीन कफ सिरप Coldref, Repifresh और Relife में डायइथाइलीन ग्लाइकॉल की मात्रा ज्यादा पाई गई है। निदेशालय ने सभी औषधि निरीक्षकों को निर्देशित किया है कि वे अपने क्षेत्र में इन सिरप की बिक्री और उपयोग पर सख्त निगरानी रखें। साथ ही दुकानों और अस्पतालों में निरीक्षण कर सैंपलिंग की जाए और नियमों के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जाए।

स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड में

बता दें कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। जिले स्तर से लेकर राज्य मुख्यालय तक लगातार निगरानी रखी जा रही है ताकि झारखंड में कोई भी हानिकारक दवा जनता तक न पहुंच सके। 

एमपी में किए गए टेस्ट के आधार पर बैन

स्वास्थ्य विभाग से जारी नोटिफिकेशन में स्पष्ट कहा गया है कि मध्य प्रदेश लैब में चिन्हित कफ सिरप में डायइथाइलीन ग्लाइकॉल की निर्धारित मात्रा से अधिक की पुष्टि की गई। अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि इस दवाई की खरीदी-बिक्री पूरी तरह से बंद रखी जाएगी। सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे इन तीनों कफ सिरप का इस्तेमाल न करें और यदि घर में मौजूद हो तो तुरंत नष्ट कर दें या नजदीकी औषधि नियंत्रण अधिकारी को सूचना दें।

उम्मीद की एक और किरण सलाखों के पीछे…’ सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सीएम हेमंत सोरेन का पोस्ट

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लद्दाख इन दिनों मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है। वजह है 24 सितंबर को लेह में हुई भीषण हिंसा। जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई और 70 से ज्यादा लोग घायल हो गए। अब इस मामले में एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद सियासत तेज होती दिख रही है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लद्दाख में सोनम वांगचुक की एनएसए के तहत गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किए है। इससे पहले दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तानाशाही का आरोप लगाया था।

मजबूत आवाज को गुमनाम बनाने का षड्यंत्र-हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, "उम्मीद की एक और किरण सलाखों के पीछे... जल-जंगल-जमीन, भाषा-संस्कृति-अधिकार की रक्षा एवं देश के लिए समर्पित एक और मजबूत आवाज को गुमनाम बनाने के लिए किए जा रहे षड्यंत्रों पर पूरे देश की नजर है।"

केजरीवाल ने लगाया राजनीति के तहत प्रताड़ित करने का आरोप

इससे पहले आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर कहा कि रावण का भी अंत हुआ था। कंस का भी अंत हुआ था। हिटलर और मुसोलिनी का भी अंत हुआ था और आज उन सब लोगों से लोग नफ़रत करते हैं। आज हमारे देश में तानाशाही चरम पर है। तानाशाही और अहंकार करने वालों का अंत बहुत बुरा होता है।

केजरीवाल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक दूसरे पोस्ट में ये भी कहा, सोनम वांगचुक, जो व्यक्ति देश के बारे में सोचता है, शिक्षा के बारे में सोचता है, नए नए आविष्कार करता है, उसको आज केंद्र सरकार का पूरा तंत्र बेहद घटिया राजनीति के तहत प्रताड़ित कर रहा है। बेहद दुख होता है- देश की बागडोर कैसे लोगों के हाथ में है। ऐसे देश कैसे तरक्की करेगा?

लेह हिंसा में 24 सितंबर को क्या हुआ था?

लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने, राज्य का दर्जा देने और लद्दाख क्षेत्र के संवेदनशील इकोसिस्टम की सुरक्षा की मांग को लेकर 24 सितंबर को जमकर हिंसा हुई थी। हालात इतने बेकाबू हो गए थे कि सुरक्षा बलों को मजबूरन आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज और फायरिंग करनी पड़ी। इस दौरान 4 प्रदर्शनकारी मारे गए थे और करीब 70 घायल हुए थे। लेह में हुई हिंसक घटनाओं के दो दिन बाद सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया। वांगचुक पर एनएसए के तहत कार्रवाई की गई है।

रिम्स अवैध निर्माण मामला: बाबूलाल मरांडी का हेमंत सरकार के "भ्रष्ट सिस्टम" पर बड़ा हमला

"रजिस्ट्रार, अंचल अधिकारी, नगर निगम, रेरा के अधिकारी अविलंब निलंबित हों!"

रांची: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रिम्स (RIMS) परिसर में हो रहे अवैध निर्माण पर राज्य सरकार के भ्रष्ट तंत्र को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण में शामिल अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और निर्दोष फ्लैट खरीदारों को तत्काल राहत देने की मांग की है।

न्यायोचित कार्रवाई, पर भ्रष्ट तंत्र की जवाबदेही

श्री मरांडी ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश से अवैध निर्माण को तोड़े जाने को न्यायोचित और स्वागत योग्य बताया, लेकिन सवाल उठाया कि हेमंत सरकार के इस भ्रष्ट तंत्र की सजा आम जनता क्यों भुगते। उन्होंने याद दिलाया कि हेमंत सरकार में सेना की जमीन की हेराफेरी में आईएएस अधिकारी तक जेल जा चुके हैं।

भ्रष्टाचार के लिए सीधे अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार

बाबूलाल मरांडी ने रिम्स परिसर में अवैध निर्माण के लिए निम्नलिखित अधिकारियों और विभागों को सीधा जिम्मेदार ठहराया है, जिन्हें मुख्यमंत्री का संरक्षण प्राप्त होने का आरोप लगाया:

रजिस्ट्रार (Registrar):

जब जमीन रिम्स की थी, तो रजिस्ट्रार ने फ्लैटों की रजिस्ट्री कैसे कर दी? उनका काम ही रजिस्ट्री से पहले जमीन की वैधता सुनिश्चित करना है।

उन्होंने कहा कि नियमों की अनदेखी में बड़े भ्रष्टाचार और रिश्वत की लेनदेन से इनकार नहीं किया जा सकता।

अंचल अधिकारी (Circle Officer):

रजिस्ट्री के बाद जमीन का म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) बड़ी आसानी से कैसे हो गया, जबकि आम आदमी वर्षों तक चक्कर काटता रहता है? इससे भ्रष्टाचार के तार नीचे से ऊपर तक जुड़े होने का संकेत मिलता है।

रांची नगर निगम (Ranchi Municipal Corporation):

रिम्स की जमीन पर फ्लैटों का नक्शा कैसे स्वीकृत और पास हुआ? यह तब हुआ जब हाईकोर्ट के आदेश से वर्षों तक निगम में नक्शा पास करने का काम स्थगित था।

रेरा (RERA, Jharkhand):

रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी ऑथोरिटी) ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई और आम जनता को परेशानी में डाल दिया।

राज्य सरकार से मरांडी की प्रमुख मांगें

श्री मरांडी ने कहा कि यह मामला सिर्फ अवैध निर्माण का नहीं, बल्कि सरकारी तंत्र में जड़ जमा चुके भ्रष्टाचार का परिणाम है। उन्होंने राज्य सरकार से निम्नलिखित त्वरित कार्रवाई की मांग की:

अधिकारियों का निलंबन: रजिस्ट्रार, अंचल अधिकारी, रांची नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी, रेरा के जिम्मेदार अधिकारियों को अविलंब निलंबित किया जाए और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

वैकल्पिक आवास: फ्लैट खरीदने वाले निर्दोष लोगों को तत्काल वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराए राज्य सरकार।

बैंक लोन की जिम्मेदारी: फ्लैट खरीदारों के बैंक लोन की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार वहन करे।

वसूली: भ्रष्ट अधिकारियों से पैसे की वसूली की जाए।

इस प्रेसवार्ता में मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रवक्ता राफिया नाज, सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह और अशोक बड़ाइक भी उपस्थित थे।

राज्य के 1,61,55,740 मतदाताओं का विगत एसआईआर के मतदाता सूची से मैपिंग सम्पन्न


रांची। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के. रवि कुमार ने कहा है कि राज्य में वर्तमान मतदाता सूची के मतदाताओं का विगत एसआईआर के मतदाता सूची से मैपिंग के क्रम में 1 करोड़ 61 लाख 55 हजार 740 मतदाताओं का मैपिंग किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि अब्सेंट, शिफ्टेड डेथ एवं एक से अधिक स्थान पर सूचीबद्ध श्रेणी के 12 लाख मतदाताओं को सूचीबद्ध किया गया है। इसके साथ ही मतदाता सूची के मैपिंग के अन्य कार्य प्रगति पर है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मंगलवार को निर्वाचन सदन से कम पैतृक मैपिंग करने वाले विधानसभा के ईआरओ एवं सभी उप निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे।

श्री के. रवि कुमार ने कहा कि विगत के एसआईआर के बाद राज्य में अन्य राज्यों से आए मतदाता एवं जिन मतदाताओं का विगत के एसआईआर वाले मतदाता सूची से मैपिंग में कठिनाई आ रही है उनका संबंधित राज्य के सीईओ वेबसाईट अथवा भारत निर्वाचन आयोग के वेबसाईट का उपयोग करते हुए मैपिंग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि https://voters.eci.gov.in/ का प्रयोग करते हुए अन्य राज्य से आए मतदाताओं का पैतृक मैपिंग करें वहीं झारखंड के मतदाताओं के मैपिंग हेतु मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी झारखंड के वेबसाइट https://ceo.jharkhand.gov.in/ का उपयोग करें।

श्री के. रवि कुमार ने कहा है कि कम परफॉर्मेंस वाले बीएलओ को चिन्हित करते हुए बैचवार ट्रेनिंग दें। इसके साथ ही मतदाताओं को भी पैतृक मैपिंग की प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि वैसे बीएलओ जो विगत के एसआईआर के मतदाता सूची से मतदाता का विवरण नहीं ढूंढ पा रहे वे अपने जिले मुख्यालय के हेल्पडेस्क मैनेजर से संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने ईआरओ एवं उप निर्वाचन पदाधिकारियों से कहा कि बीएलओ को कार्यक्षेत्र में आने वाले कठिनाइयों का आंकलन करते हुए उनकी सहायता करें जिससे वे पैतृक मैपिंग के कार्य को आसानी से कर पाएं ।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा है कि मैपिंग करते समय एएसडी सूची से भी मिलान अवश्य करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान मतदाता सूची के मतदाताओं का पैतृक मैपिंग का कार्य को प्राथमिकता देते हुए करें। अधिक से अधिक पैतृक मैपिंग से एसआईआर के समय कम से कम मतदाताओं को दस्तावेज समर्पित करना पड़ेगा एवं प्रक्रिया में आसानी आएगी। उन्होंने कहा कि एसआईआर के दौरान कोई भी योग्य मतदाता मतदाता सूची से छुटे नहीं इसे ध्यान में रखकर कार्य करें।

बैठक में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुबोध कुमार, नोडल पदाधिकारी श्री देव दास दत्ता, उप निर्वाचन पदाधिकारी श्री धीरज कुमार ठाकुर सहित सभी जिलों के ईआरओ एवं उप निर्वाचन पदाधिकारी उपस्थित थे।

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The trial cultivation of China Millets has been successful.

These millets were grown at the Agricultural Research Centre located at the headquarters of Jai Dharti Maa Foundation.

Founder Ravi Kumar Nishad, Dhanbad, Jharkhand, said:

“The soil of Jharkhand has immense potential to grow highly valuable agricultural crops. What we lack is only the willingness to come forward and take up farming. I request all farmers and people from the business community to explore millet varieties like China Millets. These crops require very little cost and maintenance, yet provide good returns.”

China Millet is a type of coarse grain. It is also known as Punarva. It is not clearly known where it was first cultivated, but it has been grown as a crop in the Caucasus and China for more than 7,000 years. It is believed that the crop might have been domesticated independently in these regions.

Today, China Millets are grown extensively in India, Russia, Ukraine, the Middle East, Turkey, and Romania. The grain is considered highly beneficial for health. Since it is gluten-free, it can be consumed even by people who are allergic to wheat.

झारखंड हाईकोर्ट की रजत जयंती: CM सोरेन को कार्यक्रम में शामिल होने का मिला आमंत्रण

रांची: मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन को झारखंड हाइकोर्ट की "Silver Jubilee Celebration of High Court of Jharkhand" कार्यक्रम में सम्मिलित होने का आमंत्रण मिला है।

आज, 14 नवंबर 2025 को, मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में विधि (न्याय) के प्रधान सचिव-सह-विधि परामर्शी श्री नीरज कुमार श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें 15 नवंबर 2025 को हाइकोर्ट परिसर में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम हेतु सादर आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कार्यक्रम की सफलता के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

मनिका विधायक रामचंद्र सिंह चुने गए उत्कृष्ट विधायक, झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस पर होंगे सम्मानित|

Ranchi | 17-11-2023: झारखंड के लातेहार के मनिका से कांग्रेस विधायक रामचंद्र सिंह उत्कृष्ट विधायक के रूप में चयनित किए गए हैं. इसे लेकर शुक्रवार को स्पीकर रबींद्रनाथ महतो के कांके स्थित आवास पर उत्कृष्ट विधायक चयन समिति की बैठक हुई. इसमें इनका चयन किया गया. 22 नवंबर को झारखंड विधानसभा का स्थापना दिवस है.



झारखंड कैबिनेट के बड़े फैसले: बाबा साहेब अंबेडकर आवास योजना में सहयोग राशि ₹2 लाख हुई; मांडर-चान्हो के लिए ₹236 करोड़ की लिफ्ट सिंचाई योजना को

रांची: मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में 03 नवंबर 2025 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनका सीधा असर ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, सड़क, और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर पड़ेगा।

ग्रामीण विकास और बुनियादी ढांचा (Infrastructure)

आवास योजना में वृद्धि: बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर आवास योजना के तहत सहयोग राशि ₹1.30 लाख/₹1.20 लाख से बढ़ाकर ₹2.00 लाख किए जाने को मंजूरी दी गई।

मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना: राँची जिले के मांडर एवं चान्हो प्रखंड के आंशिक भू-भाग में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कैम्बो मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना के लिए ₹236 करोड़ से अधिक की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

सड़क परियोजनाओं को मंजूरी: दुमका जिले में दो महत्वपूर्ण सड़कों—बरमसिया पीडब्ल्यूडी पथ से शहरघाटी पथ (8.130 कि.मी.) और करमाटांड से भोगतानडीह पथ (7.775 कि.मी.)—के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण हेतु क्रमशः ₹44.93 करोड़ और ₹35.81 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

चुनाव, खेल और प्रशासन

घाटशिला उपचुनाव फंड: 45-घाटशिला (अ.ज.जा.) विधानसभा उपचुनाव के संचालन हेतु ₹7 करोड़ 84 लाख झारखंड आकस्मिकता निधि से अग्रिम के तौर पर प्राप्त करने को स्वीकृति दी गई।

अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को सम्मान: अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी सुश्री सलीमा टेटे और सुश्री निक्की प्रधान को झारखंड आवास बोर्ड द्वारा निःशुल्क आवंटित भूखंडों के निबंधन में मुद्रांक एवं निबंधन शुल्क से विमुक्ति की स्वीकृति दी गई।

हेलिकॉप्टर सेवा विस्तार: VIP/VVIPs के सरकारी उड़ान कार्यक्रम के लिए 2+5 सीटर ट्विन इंजन Bell-429 Helicopter की वर्तमान सेवा को 6 माह के लिए विस्तारित करने पर सहमति बनी।

विधानसभा सत्र का सत्रावसान: षष्ठम झारखंड विधान सभा के तृतीय (मानसून) सत्र (01.08.2025 से 28.08.2025 तक) के सत्रावसान को मंजूरी दी गई।

नियमावली और अन्य निर्णय

स्वास्थ्य नियमावली: Jharkhand State Allied and Healthcare Council Rules, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

कार्मिक संवर्ग नियमावली: "झारखण्ड राज्य बहुद्देशीय कर्मी (Multi Purpose Staff) संवर्ग (भर्ती एवं सेवाशर्तें) नियमावली, 2025 के गठन को मंजूरी दी गई।

वेतनमान में संशोधन: माननीय झारखंड उच्च न्यायालय में दायर रिट याचिका के याचिकाकर्ताओं (ग्रेन गोला चौकीदार से प्रखण्ड कल्याण पर्यवेक्षक पद पर प्रोन्नति पाए कर्मियों) को G.P. ₹1900/- के स्थान पर G.P. ₹2400/- अनुमान्य करने की स्वीकृति दी गई।

पेंशन पुनरीक्षण: उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत राजकीय इंजीनियरिंग/पॉलिटेक्निक संस्थानों के 01.01.2016 के पूर्व सेवानिवृत/मृत सरकारी शिक्षकों के पेंशन/पारिवारिक पेंशन पुनरीक्षण की स्वीकृति दी गई।

झारखंड के 48 मजदूर ट्यूनीशिया में फंसे, खाने के पड़े लाले, लगाई मदद की गुहार

#48jharkhandworkersstrandedintunisiawage_crisis

राजी-रोटी की तलाश में हजारों किलोमिटर की खाक छानने के बाद भी भूखमरी की कगार पर हैं। विदेशी धरती पर फंसे इन भारतीय मजदूरों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। झारखंड के 48 मजदूर अफ्रीका के ट्यूनिशिया में फंस गए हैं। वहां फंसे मजदूरों ने वीडियो संदेश में अपना दर्द साझा करते हुए सरकार से सहायता मांगी है।

झारखंड के गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग जिले के 48 प्रवासी मजदूर अफ्रीका के ट्यूनीशिया में फंसे हुए हैं। पिछले तीन माह से मजदूरों को कंपनी की ओर से मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इस वजह से मजदूरों के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है।

खाने-खाने को हे मोहताज

वहां फंसे मजदूरों ने वीडियो संदेश में कहा है, हम यहां बहुत बुरी हालत में हैं। कंपनी ने हमारा वेतन रोक दिया है और हमारे पास खाने तक के पैसे नहीं बचे हैं। हम बस किसी तरह अपने घर वापस लौटना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने बकाया वेतन के भुगतान की मांग भी की है।

सामाजिक कार्यकर्ता ने की केंद्र और राज्य सरकार से खास अपील

प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर काम करनेवाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकन्दर अली ने केंद्र और राज्य सरकार से इन मजदूरों के सकुशल वतन वापसी के लिए पहल करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि विदेशों में फंसने वाले मजदूरों का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार प्रवासी मजदूर ज्यादा पैसे कमाने की लालच में विदेश जाकर फंस चुके हैं। काफी मशक्कत के बाद उनकी वतन वापसी कराई गई। इसके बावजूद प्रवासी मजदूर पुरानी घटनाओं से सबक नहीं ले रहे हैं।

कई अगवा मजदूरों को अब तक सुराग नहीं

सामाजिक कार्यकर्ता सिकन्दर अली ने ये भी बताया है कि पिछले छः महीने पूर्व साउथ अफ्रीका के नाइजर से 25 अप्रैल 2025 को बगोदर के दोंदलो पंचायत के संजय महतो, चंद्रिका महतो, राजू महतो, फलजीत महतो एवं मुंडरो के उत्तम महतो का अपहरण कर लिया गया जिसका अभी तक कुछ भी पता नहीं चल सका है। ऐसे में सरकार को मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए रोजगार की व्यवस्था करने की जरूरत है।

हेमंत सरकारों पार्ट 2 में भी भ्रष्टाचार और टेंडर घोटाला जारी,स्वास्थ्य विभाग में मैनपॉवर सप्लाई में 50 करोड़ के घोटाले की तैयारी - प्रतुल


भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज प्रदेश मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए हेमंत सरकार पार्ट 2 में भी लगातार टेंडर घोटाले और भ्रष्टाचार के जारी रहने का आरोप लगाया। प्रतुल ने स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निकाले गए टेंडर पर बड़ा प्रश्न चिन्ह करते हुए इसे 50 करोड़ का घोटाला करार दिया।

प्रतुल ने कहा कि सिविल सर्जन सह सीएमओ रांची के कार्यालय के द्वारा नर्सिंग, पैरामेडिकल एवं अन्य तकनीकी स्टाफ के लिए ई टेंडर संख्या 4374, दिनांक 20 सितंबर, 2025 को निकाला गया। इस टेंडर में ऐसी शर्तों को डाला गया जिससे झारखंड की कोई स्थानीय कंपनी हिस्सा ही नहीं ले पाएगी।प्रतुल ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री जी आदिवासी मूलवासी और झारखंडियत की बात करते हैं। लेकिन इस टेंडर के जरिए बिहार की ब्लैकलिस्टेड कंपनी को काम देने का षड्यंत्र किया जा रहा है।

प्रतुल ने कहा कि इस से पूर्व जब इसी सिविल सर्जन के कार्यालय ने 2022 में जब टेंडर निकला था तो उस समय की अर्हता और अभी की अर्हता में लगभग 5 गुण का इजाफा कर दिया गया है। यह सिर्फ बिहार की एक विशेष ब्लैक लिस्टेड कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया।प्रतुल ने कहा कि इसी टेंडर में 2022 में सिक्योरिटी मनी (ईएमडी) चार लाख रुपए रखा गया था। इस वर्ष उसे 15 लाख कर दिया गया। 2022 में टेंडर की अर्हता में सिंगल वर्क आर्डर का वैल्यू 3 करोड़ था। 3 वर्षों में इस बार इसे 15 करोड़ कर दिया गया है। ईसीआर की कॉपी 300 लोगों की आवश्यकता थी। इस वर्ष इसे 1500 कर दिया गया है। 2022 में निकाले गए टेंडर में पिछले तीन वित्तीय वर्ष का कंपनी का एवरेज टर्नओवर 5 करोड़ होने की आवश्यकता थी। इस बार इसे 5 गुना बढ़कर 25 करोड़ कर दिया गया है। जिस कंपनी को ये टेंडर देने की कोशिश की जा रही है ,उसे झारखंड के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ने डिबार किया है। लेकिन टेंडर में ब्लैकलिस्टेड कॉलम में सिर्फ यह लिखकर डाल दिया गया है कि जिस कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया गया है वह एक अंडरटेकिंग देगी।

प्रतुल ने कहा कि इन सारी चीजों से स्पष्ट है कि टेंडर को इस रूप में बनाया गया है कि झारखंड की किसी स्थानीय कंपनी को कोई लाभ न हो।लाभ होना तो दूर की बात है, झारखंड की कोई कंपनी इसमें हिस्सा भी नहीं ले पाएगी। बिहार की एक विवादास्पद ब्लैकलिस्टेड कंपनी को टेंडर देने के लिए अर्हता को बदल गया है क्योंकि यही इन सारी अहर्ताओं को पूरा करती है। अब वह कंपनी मनमाने रेट पर टेंडर डालेगी और कमीशन ऊपर से नीचे तक सब जगह बटेगा। प्रतुल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस पूरे मुद्दे को सरकार और एसीबी के सामने भी ले जाएगी।

Corruption and Tender Scams Continue in Hemant Government Part 2

₹50 Crore Scam Planned in Health Department’s Manpower Supply Tender – Pratul Shah Deo

BJP State Spokesperson Pratul Shah Deo today addressed a press conference at the party’s state headquarters, alleging that large-scale tender scams and corruption continue unabated in the Hemant Soren Government Part 2. Pratul raised serious questions over a recent tender issued by the Health Department, calling it a ₹50 crore scam in the making.

Pratul said that the Office of the Civil Surgeon -cum- Chief Medical Officer, Ranchi, issued an e-tender (No. 4374 dated September 20, 2025) for the supply of nursing, paramedical, and other technical staff. Pratul alleged that the tender conditions have been deliberately framed in such a way that no local company from Jharkhand can participate.

Pratul remarked, “The Chief Minister and Health Minister often talk about Adivasi, Moolvasi, and 'Jharkhandiyat', but through this tender, a conspiracy is being hatched to award the work to a blacklisted company from Bihar.”

He pointed out that in 2022, when a similar tender was issued by the same office, the eligibility criteria were much more reasonable. However, in the 2025 tender, the qualifications have been raised nearly fivefold, seemingly to benefit a specific blacklisted Bihar-based company.

He detailed the differences:

In 2022, the security deposit (EMD) was ₹4 lakh; this time, it has been raised to ₹15 lakh.

The minimum value of a single work order required earlier was ₹3 crore; now, it has been increased to ₹15 crore.

The ECR copy requirement for 300 personnel has now been raised to 1,500.

The average annual turnover required over the past three financial years was ₹5 crore; this year, it has been increased 500% to ₹25 crore.

Pratul further revealed that the company being favoured has been debarred by a reputed university in Jharkhand, yet the tender document conveniently allows blacklisted firms to participate if they merely provide an undertaking.

He added, “It is now absolutely clear that this tender has been structured to exclude local Jharkhand-based companies and favour one specific Bihar-based blacklisted company. Once awarded, this company will quote arbitrary rates, and the commission will flow from top to bottom.”

Pratul Shah Deo said that the Bharatiya Janata Party will take up this issue not only with the state government but also before the Anti-Corruption Bureau (ACB) for a full investigation.

झारखंड में इन तीन कफ सिरप पर बैन, राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय ने जारी किया आदेश

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झारखंड सरकार ने राज्य में तीन कफ सिरप की बिक्री और उपयोग पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। झारखंड सरकार ने जनता के स्वास्थ्य सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए Coldref, Repifresh और Relife नामक 3 कफ सिरप के उपयोग और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। ये कार्रवाई उन रिपोर्ट्स के बाद की गई है, जिनमें बताया गया कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में कुछ बच्चों की मौत संदिग्ध कफ सिरप के इस्तेमाल से हुई।

मध्यप्रदेश और राजस्थान में इन कफ सिरप के सेवन से कई बच्चों की मौत की गंभीर घटना के बाद झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने त्वरित एक्शन लेते हुए इन ब्रांड्स पर रोक लगाने का आदेश जारी किया। राज्य सरकार ने इस संबंध में आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

औषधि निरीक्षकों को जारी किए गए खास आदेश

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय, नामकुम (रांची) की ओर से जारी आदेश के अनुसार, तीन कफ सिरप Coldref, Repifresh और Relife में डायइथाइलीन ग्लाइकॉल की मात्रा ज्यादा पाई गई है। निदेशालय ने सभी औषधि निरीक्षकों को निर्देशित किया है कि वे अपने क्षेत्र में इन सिरप की बिक्री और उपयोग पर सख्त निगरानी रखें। साथ ही दुकानों और अस्पतालों में निरीक्षण कर सैंपलिंग की जाए और नियमों के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जाए।

स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड में

बता दें कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। जिले स्तर से लेकर राज्य मुख्यालय तक लगातार निगरानी रखी जा रही है ताकि झारखंड में कोई भी हानिकारक दवा जनता तक न पहुंच सके। 

एमपी में किए गए टेस्ट के आधार पर बैन

स्वास्थ्य विभाग से जारी नोटिफिकेशन में स्पष्ट कहा गया है कि मध्य प्रदेश लैब में चिन्हित कफ सिरप में डायइथाइलीन ग्लाइकॉल की निर्धारित मात्रा से अधिक की पुष्टि की गई। अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि इस दवाई की खरीदी-बिक्री पूरी तरह से बंद रखी जाएगी। सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे इन तीनों कफ सिरप का इस्तेमाल न करें और यदि घर में मौजूद हो तो तुरंत नष्ट कर दें या नजदीकी औषधि नियंत्रण अधिकारी को सूचना दें।

उम्मीद की एक और किरण सलाखों के पीछे…’ सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सीएम हेमंत सोरेन का पोस्ट

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लद्दाख इन दिनों मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है। वजह है 24 सितंबर को लेह में हुई भीषण हिंसा। जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई और 70 से ज्यादा लोग घायल हो गए। अब इस मामले में एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद सियासत तेज होती दिख रही है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लद्दाख में सोनम वांगचुक की एनएसए के तहत गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किए है। इससे पहले दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तानाशाही का आरोप लगाया था।

मजबूत आवाज को गुमनाम बनाने का षड्यंत्र-हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, "उम्मीद की एक और किरण सलाखों के पीछे... जल-जंगल-जमीन, भाषा-संस्कृति-अधिकार की रक्षा एवं देश के लिए समर्पित एक और मजबूत आवाज को गुमनाम बनाने के लिए किए जा रहे षड्यंत्रों पर पूरे देश की नजर है।"

केजरीवाल ने लगाया राजनीति के तहत प्रताड़ित करने का आरोप

इससे पहले आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर कहा कि रावण का भी अंत हुआ था। कंस का भी अंत हुआ था। हिटलर और मुसोलिनी का भी अंत हुआ था और आज उन सब लोगों से लोग नफ़रत करते हैं। आज हमारे देश में तानाशाही चरम पर है। तानाशाही और अहंकार करने वालों का अंत बहुत बुरा होता है।

केजरीवाल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक दूसरे पोस्ट में ये भी कहा, सोनम वांगचुक, जो व्यक्ति देश के बारे में सोचता है, शिक्षा के बारे में सोचता है, नए नए आविष्कार करता है, उसको आज केंद्र सरकार का पूरा तंत्र बेहद घटिया राजनीति के तहत प्रताड़ित कर रहा है। बेहद दुख होता है- देश की बागडोर कैसे लोगों के हाथ में है। ऐसे देश कैसे तरक्की करेगा?

लेह हिंसा में 24 सितंबर को क्या हुआ था?

लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने, राज्य का दर्जा देने और लद्दाख क्षेत्र के संवेदनशील इकोसिस्टम की सुरक्षा की मांग को लेकर 24 सितंबर को जमकर हिंसा हुई थी। हालात इतने बेकाबू हो गए थे कि सुरक्षा बलों को मजबूरन आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज और फायरिंग करनी पड़ी। इस दौरान 4 प्रदर्शनकारी मारे गए थे और करीब 70 घायल हुए थे। लेह में हुई हिंसक घटनाओं के दो दिन बाद सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया। वांगचुक पर एनएसए के तहत कार्रवाई की गई है।