‘इस हरकत की जितनी भर्त्सना की जाय, कम है…’, जानिए किस बात पर कांग्रेस को कोस रहे हैं मुख्यमंत्री साय के मीडिया सलाहकार पंकज झा…
रायपुर- कांग्रेस के इस हरकत की जितनी भर्त्सना की जाय, कम है. समाज को आगे आ कर इसका विरोध करना चाहिए. भयानक दुर्भाग्य की बात है कि आज भी कांग्रेस को भारत में थोड़ा ही सही किंतु समर्थन मिल रहा है. कांग्रेस के इस कुकृत्य हर स्तर पर विरोध होना चाहिए. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मीडिया सलाहकार पंकज झा का कांग्रेस पर यह गुस्सा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भारत के गलत नक्शे को प्रस्तुत करने पर फूट पड़ा है. 

कांग्रेस कार्यसमिति (Congress Working Committee) की कर्नाटक के बेलगावी में आज बैठक हो रही है, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सीएम सिद्दारमैया सहित कई नेता नव सत्याग्रह बैठक में मंथन करेंगे. बैठक में नेताओं के स्वागत के लिए लगाए गए पोस्टर में भारत के नक्शे को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जिसमें चीन द्वारा हथियाए गए (अक्साई चीन) हिस्से को प्रदर्शित नहीं किया गया है.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मीडिया सलाहकार पंकज कुमार झा का गुस्सा भारत के इसी गलत नक्शे को लेकर कांग्रेस पर फूट पड़ा है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर उन्होंने स्वागत में लगाए गए पोस्टर में प्रस्तुत भारत के गलत नक्शे को हाईलाइट करते हुए कड़ी टिप्पणी की है.

झा ने अपने पोस्ट में कहा है कि कांग्रेस ने कर्नाटक के अपने अधिवेशन में कश्मीर को फिर से पाकिस्तान का हिस्सा बताया है. इसी तरह अक्साई चीन को उसने चीन का हिस्सा बताया है, इस राष्ट्रविरोधी दल का यह घोर आपत्तिजनक, दंडनीय और निंदनीय कृत्य है.

यह कोई पहला मौका है, या गलती से ऐसा हो गया है, यह बात नहीं है. इससे पहले भी छत्तीसगढ़ के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यह कृत्य किया था. छत्तीसगढ़ भाजपा द्वारा तब इस विषय का खुलासा करने, मुकदमा आदि दर्ज कराने के बाद तब कांग्रेस ने माफी मांगी थी.

बार-बार हर महत्वपूर्ण अवसर पर इस तरह का कृत्य कर कांग्रेस देश के दुश्मनों को यह संदेश देती रहती है कि वह उसके साथ है. तुष्टीकरण के अपने एजेंडे के कारण कांग्रेस किसी भी हद तक जा सकती है.
आप' ने की 24 घंटे में मकान पर कार्रवाई करने की, केजरीवाल को एंटी नेशनल कहने पर आक्रोश

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दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी तपिश गर्म है। इस बीच आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच तनातनी बढ़ गई है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली कांग्रेस ईकाई के नेताओं पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाया है। पार्टी ने कांग्रेस के दिल्ली यूनिट के नेताओं पर कार्रवाई की मांग की है और यह अल्टीमेटम दिया है कि अगर कार्रवाई नहीं की गई तो वे इंडिया अलायंस के नेताओं से बात करेंगे।

आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली की सीएम आतिशी ने कहा, हम कांग्रेस पार्टी से मांग करते हैं कि वे माकन के खिलाफ 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करें। वरना हम I.N.D.I.A ब्लॉक से कांग्रेस पार्टी को अलग करने के लिए अन्य विपक्षी दलों से बात करेंगे। आतिशी ने कहा कि कांग्रेस के बयानों से यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली चुनाव के लिए कांग्रेस ने भाजपा के साथ समझौता कर लिया है। कल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा कि अरविंद केजरीवाल देशद्रोही हैं। मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहती हूं कि क्या उन्होंने कभी किसी भाजपा नेता पर यही आरोप लगाए हैं? नहीं। लेकिन आज कांग्रेस अरविंद केजरीवाल पर देशद्रोही होने का आरोप लगा रही है। कांग्रेस ने कल मेरे और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। क्यों? क्या कांग्रेस ने कभी किसी भाजपा नेता के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज कराई है?

कांग्रेस को इंडिया गठबंधन से अलग करने की मांग

वहीं, आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस को इंडिया गठबंधन से अलग करें। वो बीजेपी को लाभ पहुंचाने का हरसंभव प्रयास कर रही है। अजय माकन बीजेपी के कहने पर आप पार्टी पर हमला करते हैं। कल उन्होंने हद पार कर दी। उन्होंने केजरीवाल को एंटी नेशनल कह दिया।

संजय सिंह ने कहा कि अजय माकन ने आजतक किसी बीजेपी नेता को एंटी नेशनल नहीं कहा। कल केजरीवाल के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। वो केजरीवाल जिन्होंने कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए प्रचार किया। संसद में कुछ होता है तो आप कांग्रेस के साथ खड़ी होती है। हरियाणा में हम अलग लड़े लेकिन एक भी अपशब्द नहीं कहा।

अजय माकन के किस बात पर भड़की आप

कांग्रेस नेता अजय माकन ने 25 दिसंबर को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को देश का फ्रॉड किंग यानी सबसे बड़ा धोखेबाज बताया। माकन ने कहा कि अगर केजरीवाल को एक शब्द में परिभाषित करना हो, तो वो शब्द ‘फर्जीवाल’ होगा। माकन ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए आप के साथ गठबंधन में आना कांग्रेस की भूल थी, जिसे अब सुधारा जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि यह उनकी निजी राय है।

विवादों में बेलगावी कांग्रेस अधिवेशन, बीजेपी बोली-पोस्टर में लगा भारत का गलत नक्शा, पीओके-अक्साई चीन गायब

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कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हो रही है। हालांकि यह बैठक अपने आयोजन से पहले ही विवाद में फंस गई है। मीटिंग से पहले कार्यकर्ताओं ने बेलगावी में पोस्टर लगाए। जिसमें भारत का गलत नक्शा दिखाया जा रहा है। नक्शे में कश्मीर का हिस्सा गायब है। बेलगावी में इस तरह के पोस्टर देख बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया है। बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी का दावा है कि इस नक्शे में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन को शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कांग्रेस पर संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

कांग्रेस अधिवेशन के लिए लगे पोस्टर बैनर की तस्वीर साझा करते हुए कर्नाटक भाजपा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा है। जिसमें पार्टी ने लिखा कि 'कर्नाटक कांग्रेस ने भारत की संप्रभुता का अपमान किया है और बेलगावी के कार्यक्रम में भारत का गलत नक्शा दर्शाया है। नक्शे में कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है। ये सब सिर्फ वोटबैंक के तुष्टिकरण के लिए किया जा रहा है। यह बेहद शर्मनाक है।'

कांग्रेस भारत को तोड़ने वालों के साथ

वहीं, भाजपा के सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने इस मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, आज एक तस्वीर सामने आई है जो दिल को दुखाती है। भाजपा कर्नाटक ने एक ट्वीट किया है जिसमें देखा जा सकता है कि बेलगावी में कांग्रेस द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने जो भारत का मैप लगाया है, उसमें पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर और अक्साई चिन नहीं है। वे पहले भी ऐसी हरकतें कर चुके हैं। अब यह साफ हो गया है कि जो ताकतें भारत को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं, उनके साथ कांग्रेस का संबंध अब स्पष्ट हो गया है।

सुधांशु त्रिवेदी के तीखे सवाल

सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि पूर्व में डीएमके ने भारत का गलत नक्शा दिखाया। जिसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चिन को गायब दिखाया गया। कोरोना के समय राहुल गांधी ने भी एक ट्वीट किया था, उसमें भी अक्साई चिन और पीओके गायब था। शशि थरूर ने 21 दिसंबर 2019 को भारत का नक्शा सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें भी गड़बड़ी थी। भाजपा ने सवाल किया कि पिछले काफी समय से भारत के नक्शे में जो गड़बड़ी दिखाई जा रही है, वह क्या सिर्फ संयोग है या फिर किसी व्यवस्थित भारत विरोध का हिस्सा है?' भाजपा ने पूछा कि 'ये किसके इशारे पर हो रहा है? क्या सोरोस से कोई गुप्त संदेश तो नहीं आ रहा?

दो दिनों तक चलेगा अधिवेशन

बता दें कि कर्नाटक का सीमावर्ती शहर बेलगावी अगले दो दिनों तक महात्मा गांधी की अध्यक्षता में यहां हुए एकमात्र कांग्रेस अधिवेशन की यादों को ताजा करेगा। कांग्रेस का ऐतिहासिक अधिवेशन 26 और 27 दिसंबर, 1924 को किया गया था और इसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में याद किया जाता है। उस अधिवेशन में महात्मा गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष चुना गया था। अधिवेशन के दौरान गांधीजी ने चरखे पर सूत कातने की अपील की और असहयोग का आह्वान किया, जो स्वतंत्रता-पूर्व भारत में एक बड़ा आंदोलन बन गया। उस ऐतिहासिक अधिवेशन के मुख्य आयोजक गंगाधर राव देशपांडे थे, जिन्हें कर्नाटक का खादी भगीरथ कहा जाता था। वे बेलगावी में स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत थे। बेलगावी को उस समय बेलगाम के नाम से जाना जाता था। देशपांडे ने बेलगाम कांग्रेस अधिवेशन की मेजबानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसकी अध्यक्षता गांधी ने की थी।

कर्नाटक के बेलगावी में आज कांग्रेस का दो दिवसीय महाधिवेशन, जानें दिल्ली से दूर हो रही ये बैठक क्यों है खास?

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कर्नाटक के बेलगावी में आज से कांग्रेस का दो दिन चलने वाला अधिवेशन शुरू हो रहा है। ये अधिवेशन 1924 में हुए कांग्रेस के 39वें अधिवेशन के 100 साल पूरे होने के मौके पर रखा गया है। बेलगावी में ही 100 साल पहले महात्मा गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अध्यक्षता की थी। कांग्रेस का यह ऐतिहासिक अधिवेशन 26 और 27 दिसंबर 1924 को किया गया था। महात्मा गांधी के ज़रिए कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने की 100वीं सालगिरह के मौके पर पार्टी वर्किंग कमेटी की एक खास मीटिंग बुलाई है।

कर्नाटक के बेलगावी में दो दिवसीय बैठक में कांग्रेस भाजपा को कई सारी मुद्दों पर घेरने की रणनीति तैयार करने वाली है। इसमें प्रमुख तौर पर आंबेडकर मुद्दे को लेकर भाजपा को घेरने की रणनीति शामिल है।कांग्रेस के महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने 24 दिसंबर को कहा था कि बेलगावी में होने जा रही बैठक में डॉ. आंबेडकर के अपमान का मुद्दा जोर-शोर से उठेगा।कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि कांग्रेस गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बीआर आंबेडकर के अपमान के खिलाफ आंबेडकर सम्मान सप्ताह मना रही है। इस मुद्दे का एक ही समाधान है कि गृह मंत्री को बर्खास्त किया जाए और उन्हें अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को बेलगावी में जोरदार तरीके से उठाया जाएगा और भविष्य में इसे आगे बढ़ाने के तरीकों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए जाएंगे।

कांग्रेस देश में 'नव सत्याग्रह' की शुरुआत करेगी

आज से हो रहे अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी समेत लगभग 150 हस्तियों को आमंत्रित किया गया है। कांग्रेस महासविच केसी वेणुगोपाल ने कहा कि इस अधिवेशन में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक होगी। इसके साथ ही कांग्रेस देश में 'नव सत्याग्रह' की शुरुआत करेगी।

बेलगावी अधिवेशन का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम स्थान

1924 में बेलगावी में हुए अधिवेशन को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक अहम लम्हे के तौर पर देखा जाता है।इस अधिवेशन के दौरान गांधीजी ने चरखे पर सूत कातने की अपील की और असहयोग का भी ऐलान किया, जो स्वतंत्रता-पूर्व भारत में एक बड़ा आंदोलन बन गया। उस ऐतिहासिक अधिवेशन के मुख्य आयोजक गंगाधर राव देशपांडे थे, जिन्हें कर्नाटक का खादी भगीरथ कहा जाता था। वे बेलगावी में स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत थे। बेलगावी को उस समय बेलगाम के नाम से जाना जाता था। ऐसा कहा जाता है कि इस अधिवेशन में 70,000 से ज्यादा लोग इकट्ठा हुए थे, जो आजादी से पहले के भारत के लिए इतनी बड़ी संख्या थी कि उस समय तक कभी इकट्ठा नहीं हुई थी। बेलगावी के तिलकवाड़ी में यह अधिवेशन आयोजित किया गया था। इस अधिवेशन की वजह से, विजयनगर साम्राज्य के नाम पर इस इलाके का नाम विजयनगर रखा गया। अधिवेशन में हिस्सा लेने वालों को पानी की आपूर्ति करने के लिए वहां एक कुआं भी खोदा गया था, जिसका नाम पंपा सरोवर रखा गया, जो विजयनगर राजवंश की राजधानी हम्पी की एक ऐतिहासिक जगह है।

వర్గీకరణ అమలుకు పోరాడదాం

ఎస్సీ వర్గీకరణ వ్యతిరేక కుట్రలను సమర్థంగా ఎదుర్కొందామని ఎమ్మార్పీఎస్‌ వ్యవస్థాపక అధ్యక్షుడు మందకృష్ణ మాదిగ(Mandakrishna Madiga) అన్నారు. వర్గీకరణ అమలు కోసం పోరాటం చేద్దామని పిలుపునిచ్చారు.

ఎస్సీ వర్గీకరణ వ్యతిరేక కుట్రలను సమర్థంగా ఎదుర్కొందామని ఎమ్మార్పీఎస్‌ వ్యవస్థాపక అధ్యక్షుడు మందకృష్ణ మాదిగ(Manda krishna Madiga) అన్నారు. వర్గీకరణ అమలు కోసం పోరాటం చేద్దామని పిలుపునిచ్చారు. ఫిబ్రవరి 3న మండే మాదిగల గుండె చప్పుడు ‘వెయ్యి గొంతులు-లక్ష డప్పులతో’ అంబేడ్కర్‌ విగ్రహం వద్ద సభ, దండోరా ప్రదర్శనను పురస్కరించుకుని మంగళవారం సోమాజిగూడ ప్రెస్‌క్లబ్‌లో సన్నాహక సమావేశం జరిగింది.

ఈ సమావేశంలో మందకృష్ణ మాట్లాడుతూ.. 30 ఏళ్లుగా ఎస్సీ వర్గీకరణ కోసం పోరాటం చేస్తే కొందరు ప్రతిఫలం అనుభవించకుండా అడ్డుకుంటున్నారని ఆరోపించారు. రేవంత్‌రెడ్డి(Revanth Reddy) ప్రభుత్వం వర్గీకరణకు అనుకూలంగా ఉన్నా, ఆ పార్టీలో ఉన్న కొంతమంది అడ్డుకోవాలని చూస్తున్నారని చెప్పారు. కాంగ్రెస్‌ పార్టీలో మాల సామాజికవర్గం వారి మాటే చెల్లుతుందన్నారు. వర్గీకరణ సాధన కోసం టీడీపీ, కాంగ్రెస్‌, బీఆర్‌ఎస్‌(TDP, Congress, BRS) నాయకులను కలిశానని, సందర్భానుసారంగా వారికి సహాయం చేశానని తెలిపారు.

వారు వర్గీకరణ చేస్తామని చెప్పారు కానీ, బీజేపీ మాత్రం ఇచ్చిన హామీని నిలబెట్టుకుందని అన్నారు. వర్గీకరణ ఆలస్యమయ్యే కొద్దీ విద్య, ఉద్యోగ రంగాల్లో వాటా కోల్పోతామన్నారు. సీఎం రేవంత్‌రెడ్డి వెంటనే వర్గీకరణ చేయాలని కోరారు. ఫిబ్రవరి 3న మండే మాదిగల గుండె చప్పుడు దండోరా ప్రదర్శన సచివాలయం ఎదురుగా ఉన్న అంబేడ్కర్‌ విగ్రహం నుంచి ప్రారంభమవుతుందన్నారు. జనవరి 2 నుంచి అన్ని జిల్లాల్లో సన్నాహక కార్యక్రమాలు సభలు సమావేశాలు నిర్వహిస్తామని ఆయన తెలిపారు.

चुनाव आयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस, नियमों में बदलाव की मांग

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कांग्रेस चुनाव आयोग के नियमों में बदलाव को लेकर केंद्र सरकार के हालिया फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। दरअसल, केन्द्र की मोदी सरकार ने सीसीटीवी कैमरे और वेबकास्टिंग फुटेज के साथ-साथ उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने के लिए चुनाव से संबंधित नियम में बदलाव किया है, ताकि उनका दुरुपयोग रोका जा सके। अब कांग्रेस ने हाल ही में किए गए इन संशोधनों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस संबंध में मंगलवार को एक याचिका दायर की। जयराम रमेश ने याचिका दायर करने की जानकारी एक्स पर दी। जयराम रमेश ने याचिका दायर करने के बाद एक्स पर लिखा, "निर्वाचनों का संचालन नियम 1961 में हाल के संशोधनों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट दायर की गई है। चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है। इस पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी है, इसलिए इसे एकतरफा और सार्वजनिक विचार-विमर्श के बिना इतने महत्वपूर्ण नियम में इतनी निर्लज्जता से संशोधन करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। उस परिस्थिति में तो विशेष रूप से नहीं जब वह संशोधन चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने वाली आवश्यक जानकारी तक सार्वजनिक पहुंच को समाप्त करता है। चुनावी प्रक्रिया में सत्यनिष्ठा तेजी से कम हो रही है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इसे बहाल करने में मदद करेगा।"

सरकार ने किन नियमों को बदला?

चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 93 अनुबंधों के मुताबिक, चुनाव से संबंधित सभी 'कागजात' सार्वजनिक निरीक्षण के लिए रखे जाएंगे। यानी ये सार्वजनिक स्तर पर उपलब्ध होंगे। अब केंद्र सरकार ने इस नियम में संशोधन किया है। इसके तहत अब नियम 93 की शब्दावली में 'कागजातों' के बाद 'जैसा कि इन नियमों में निर्दिष्ट है' शब्द जोड़े गए हैं।

चुनाव आयोग से मशवरे के बाद केंद्रीय कानून और विधि मंत्रालय की तरफ से किएगए बदलावों के बाद अब चुनाव संबंधी सभी दस्तावेजों को सार्वजनिक निरीक्षण के लिए नहीं रखा जाएगा। अब आम जनता सिर्फ उन्हीं चुनाव संबंधी दस्तावेजों को देख सकेगी, जिनका जिक्र चुनाव कराने से जुड़े नियमों में पहले से तय होगा।

इसका क्या असर होने वाला है?

चूंकि नामांकन फार्म, चुनाव एजेंट की नियुक्ति, परिणाम और चुनाव खाता विवरण जैसे दस्तावेजों का जिक्र चुनाव संचालन नियमों में किया गया है, इसलिए इन्हें सार्वजनिक निरीक्षण के लिए बरकरार रखा जाएगा। हालांकि, आदर्श आचार संहिता अवधि के दौरान सीसीटीवी कैमरा फुटेज, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज चुनाव संचालन नियमों के दायरे में नहीं आते हैं। ऐसे में यह दस्तावेज जनता की पहुंच से दूर हो जाएंगे।

अब कांग्रेस ने मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के चयन पर उठाया सवाल, कहा-नियुक्तियां पहले से तय थीं, नहीं ली गई राय

#congressraisequestionsontheappointmentnhrc_chairman

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का नया अध्यक्ष सु्प्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम को नियुक्त किया गया है। एनएचआरसी के पूर्व अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा जून में रिटायर हो गए थे। इसक बाद से ही ये पद खाली था। मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम को एनएचआरसी का अध्यक्ष नियुक्त किया है। हालांकि, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के चुनाव पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने डिसेंट नोट जारी कर चुनाव की इस पूरी प्रक्रिया को गलत कहा है।

कांग्रेस की ओर से जारी किए गए नोट में कहा गया है कि एनएचआरसी के चेरयपर्सन की सिलेक्शन कमेटी में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी थे, लेकिन उनकी राय को गंभीरता से नहीं लिया गया।कांग्रेस ने कहा कि चयन समिति की बैठक बुधवार को हुई थी, लेकिन यह पहले से निर्धारित एक्सरसाइज थी। इसमें एक-दूसरे की सहमति लेने की परंपरा को नजरअंदाज कर दिया गया। ऐसे मामलों में यह आवश्यक होता है।

यह निष्पक्षता के प्रिंसिपल को कमजोर करता है, जो चयन समिति की विश्वसनीयता के लिए महत्वपूर्ण है। सभी की राय लेने विचार करने को बढ़ावा देने के बजाय समिति ने बहुमत पर भरोसा किया। इस मीटिंग में कई वाजिब चिंताएं उठाई गई थीं, लेकिन उसे दरकिनार कर दिया गया।

कांग्रेस ने इन नामों पर जताई थी सहमति

राहुल और खड़गे ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन और जस्टिस केएम जोसेफ के नाम पर सहमति जताई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज वी. रामसुब्रमण्यन को मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष चुना गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष चुनते समय क्षेत्र, धर्म और जाति के संतुलन को ध्यान में नहीं रखा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह चयन प्रक्रिया सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाती है।

कांग्रेस ने उठाए ये मुद्दे

राहुल और खड़गे ने कहा था कि एनएचआरसी एक महत्वपूर्ण संस्था है। इसका काम समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के लोगों के लोगों के मौलिक मानवाधिकारों की रक्षा करना है। जरूरी है कि एनएचआरसी अलग-अलग समुदायों की चिंताओं पर ध्यान दे। उनके मानवाधिकारों के उल्लंघन के प्रति संवेदनशीलता बने रहे। जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन अल्पसंख्यक पारसी समुदाय से आते हैं। वे संविधान के प्रति अपने कमिटमेंट के लिए जाने जाते हैं। अगर उन्हें चेयरमैन बनाया जाता तो एनएचआरसी का देश के लिए समर्पण का मजबूत संदेश जाता। इसी तरह, एक और अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय से आने वाले जस्टिस कुट्टियिल मैथ्यू जोसेफ ने भी ऐसे कई फैसले देते हैं, जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता और हाशिए पर पड़े वर्गों की सुरक्षा पर जोर देता है।

ये चुने गए आयोग के सदस्य

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को पैनल की नियुक्ति की जानकारी दी। आयोग ने एक पोस्ट में लिखा- 'राष्ट्रपति ने जस्टिस वी. रामसुब्रमण्यन को अध्यक्ष, प्रियांक कानूनगो और जस्टिस विद्युत रंजन सारंगी को सदस्य के रूप में नियुक्त किया है।'

आपको बता दें कि प्रियांक कानूनगो इसके पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं। कांग्रेस ने जिन जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन के नाम पर सहमति दी थी, वह पारसी समुदाय से आते हैं। वहीं जस्टिस कुट्टियिल मैथ्यू जोसेफ ईसाई समुदाय से आते हैं।

कैसे होती है एनएचआरसी प्रमुख की नियुक्ति

एनएचआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति राष्ट्रपति एक चयन समिति की सिफारिश पर करते हैं। इस चयन समिति की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं, जबकि इसमें लोकसभा अध्यक्ष, गृह मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता और राज्यसभा के उप सभापति भी सदस्य होते हैं। जस्टिस मिश्रा के सेवानिवृत्त होने के बाद एनएचआरसी की सदस्य विजया भारती को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। 18 दिसंबर को हुई बैठक के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) वी. रामासुब्रमण्यन को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया। साथ ही, प्रियांक कानूनगो और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बिद्युत रंजन सारंगी को आयोग का सदस्य नियुक्त किया।

फडणवीस का महाराष्ट्र चुनाव में विदेशी दखल का दावा, सोनिया के सोरोस कनेक्शन के बाद राहुल की भारत जोड़ों यात्रा पर सवाल

#devendrafadnavisbjpmaharashtracmattackoncongressrahulgandhiurban_naxal

भाजपा ने कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता सोनिया गांधी का नाम अमेरिका कारोबारी जॉर्ज सोरोस से जोड़ा है। भाजपा ने आरोप लगाया कि जॉर्ज सोरोस की एक संस्था में सोनिया गांधी को-चेयरपर्सन हैं। जॉर्ज सोरोस वही व्यक्ति हैं जो कश्मीर को भारत से अलग एक स्वतंत्र देश की बात करते हैं। भाजपा ने कहा कि ऐसे में सोनिया गांधी देश विरोधी लोगों के साथ काम करती हैं। अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' में अर्बन नक्सल का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को विधानसभा में बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में आतंकी फंडिंग का इस्तेमाल हुआ है। इस मामले की जांच एटीएस कर रही है। फडणवीस ने यह भी दावा किया कि भारतीय चुनावों में विदेशी दखलअंदाजी के सबूत मिले हैं। उन्होंने नेपाल में हुई एक बैठक का भी जिक्र किया, जिसमें ईवीएम की जगह बैलेट पेपर लाने की बात हुई थी।

चुनाव में आतंकी फंडिंग?

फडणवीस ने नासिक के मालेगांव जिले में चल रही एक जांच का जिक्र किया। फडणवीस ने बताया कि इस साल मालेगांव में कुछ युवाओं ने पुलिस में शिकायत की कि उनके खातों में 114 करोड़ रुपये बेनामी जमा किए गए हैं। आरोपी सिराज मोहम्मद ने 14 लोगों के आधार और पैन विवरण का इस्तेमाल करके नासिक मर्चेंट्स कोऑपरेटिव बैंक, मालेगांव में 14 खाते खोले। सीएम ने कहा कि इस तरह जमा किए गए 114 करोड़ रुपये को सिराज मोहम्मद और 21 अन्य खातों में भेज दिया गया। यह मामला सिर्फ मालेगांव तक सीमित नहीं है। बल्कि 21 राज्यों में फैला है। 201 खातों में 1000 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। इस 1000 करोड़ में से 600 करोड़ रुपये दुबई भेजे गए और 100 करोड़ रुपये महाराष्ट्र चुनाव में अलग-अलग कामों के लिए इस्तेमाल किए गए। फडणवीस ने आगे कहा कि एटीएस आतंकी फंडिंग के तहत इसकी जांच कर रही है।

भारत जोड़ो यात्रा पर सवाल

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एक और बड़ा हमला बोला। गंभीर आरोप लगाते हुए फडणवीस ने कहा कि इस साल 15 नवंबर को नेपाल में एक बैठक हुई थी। जिसमें ईवीएम का विरोध करने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में महाराष्ट्र और अन्य बीजेपी शासित राज्यों में बैलेट पेपर से चुनाव कराने के लिए अभियान चलाने का फैसला लिया गया। इस बैठक में 40 अर्बन नक्सन संगठनों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि इससे पहले महाराष्ट्र चुनाव को लेकर 180 संगठनों ने बैठक की थी। इन संगठनों के संबंध भारत जोड़ो अभियान से है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन 40 संगठनों ने राज्य चुनाव के दौरान कार्यक्रम आयोजित किए और पर्चे भी प्रकाशित किए। फडणवीस ने पूर्व राज्य गृह मंत्री आर. आर. पाटिल का हवाला देते हुए कहा कि इन संगठनों को पहले भी फ्रंटल संगठन के रूप में नामित किया गया था। उन्होंने अपने इस दावे के सबूत होने की भी बात कही।

देवेंद्र फडणवीस ने 72 फ्रंटल संगठनों का किया जिक्र

देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा, 18 फरवरी 2014 को मनमोहन सिंह सरकार के दौरान केंद्र सरकार ने लोकसभा में 72 फ्रंटल संगठनों का जिक्र किया था, जिनमें से 7 संगठन आपके भारत जोड़ो के हैं। एंटी-नक्सल ऑपरेशन में जिन 13 संगठनों के नाम लिए गए, उनका संबंध भारत जोड़ो से है।

धक्का-मुक्की विवाद पर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने, दोनों पार्टियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर क दूसरे पर बोला हमला

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संसद में संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद हंगामा मचा हुआ है। गुरुवार को ये हंगामा धक्का-मुक्की में तब्दील हो गया। सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक-दूसरे पर बदसलूकी के आरोप लगाए हैं।संसद में गुरुवार सुबह हुई धक्कामुक्की की घटना को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये उनका अडाणी जैसे जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाने का तरीका है। वहीं, भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि अगर खड़गे-राहुल को माफी नहीं मांगनी थी तो प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों की।

राज्यसभा में धक्का-मुक्की वाले विवाद के बाद कांग्रेस की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, जयराम रमेश समेत तमाम नेता मौजूद रहे। इस दौरान संविधान पर बहस के दौरान राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री के भाषण पर राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, 'सरकार और खासकर प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह डॉ. बीआर अंबेडकर के बारे में जो बयान दे रहे हैं, वह बहुत दुखद है और उन्होंने (अमित शाह) कल तथ्यों को देखे बिना ही प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। जवाहरलाल नेहरू, डॉ. बीआर अंबेडकर को गाली देने से पहले उन्हें तथ्यों को देखना चाहिए।

गृह मंत्री से इस्तीफे की मांग

खरगे ने आगे कहा कि, आंबेडकर पर बयानबाजी काफी दुखदायक है, गृह मंत्री अमित शाह अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। हमारी मांग है कि गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और देश से माफी मांगनी चहिए।

कांग्रेस करेगी देशव्यापी प्रदर्शन

इस दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम संसद में हर रोज धरना प्रदर्शन करते थे, कभी हिंसा नहीं हुई। आज भी हम लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। हमें मकर द्वार पर रोका गया। इस दौरान हमारे ऊपर हमला किया गया। भाजपा के सांसदों ने मुझे धक्का दिया। हमारी महिला सांसदों को भी धक्का दिया गया। वो लोग हमारा मजाक उड़ा रहे थे। हम इस मामले में देशव्यापी प्रदर्शन करेंगे।

उनका अहंकार उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में झलक रहा था- शिवराज सिंह

वहीं, राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पीयूष गोयल ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। शिवराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी हमारे सांसदों के बीच पहुंच गए। उन्होंने ऐसा व्यवहार किया, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। खरगे और राहुल की प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी। इन्होंने संसद में किए कुकृत्य की क्षमा नहीं मांगी। मुझे समझ नहीं आ रहा कि फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों की।शिवराज सिंह ने कहा, उनका अहंकार उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में झलक रहा था।

अशोभनीय और गुंडागर्दी से भरा व्यवहार हुआ

शिवराज सिंह ने आगे कहा कि आज जो कुछ उसकी कल्पना नहीं की जा सकती। अशोभनीय और गुंडागर्दी से भरा व्यवहार हुआ। विचार से विरोध करना सबका अधिकार है। वो लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तब द्वार बदल लेते थे। आज सुरक्षा कर्मियों ने राहुल से कहा कि आप साइड से निकल सकते हैं लेकिन जानबूझकर राहुल गांधी हमारे सांसदों के बीच पहुंच गए। वहां जाकर हमारे सांसदों को धमकाने लगे। शिवराज सिंह ने कहा, हमारे बुजुर्ग और गरीब सांसद प्रताप सारंगी गिर गए, उन्हें गंभीर चोट आई। मुझे कहते हुए शर्म आती है, हमारी एक बहन सांसद कन्याल के साथ अशालीन, असभ्य अमर्यादित व्यवहार किया गया। क्या महिला आदिवासी संसद के साथ ऐसा व्यवहार किया जाएगा।

डेमोक्रेसी को कलंकित करने का पाप किया

कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 2 बजे संसद शुरू हुई तो अध्यक्ष की टेबल पर चढ़ गए। उन्होंने डेमोक्रेसी को कलंकित करने का पाप किया है। लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई गईं। मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि क्या भारत की ये सोच और व्यवहार है। ये गैर भारतीय आचरण है। अभी तक संसद में ये चल रहा था कि कौन अच्छे से बात रखेगा। कांग्रेस अब धारा बदलने का काम कर रही है। अब वहां पहलवान और गुंडे जाएं।

आंबेडकर को लेकर अमित शाह को घेर रही कांग्रेस पर पीएम मोदी का वार, बोले-पार्टी के काले इतिहास को उजागर कर दिया, इसलिए...

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पूरा विपक्ष गृह मंत्री अमित शाह को बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर वाले बयान पर घेरने की कोशिश कर रही है। आंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर विपक्ष के हमलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पलटवार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, 'संसद में गृह मंत्री ने डॉ. आंबेडकर का अपमान करने और एससी-एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया। कांग्रेस इससे स्पष्ट रूप से आहत और स्तब्ध हैं। यही कारण है कि वे अब नाटकबाजी कर रहे हैं। दुख की बात है। लोग सच्चाई जानते हैं।'

पीएम मोदी ने 'एक्स' एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा, 'अगर कांग्रेस और उसका बेकार हो चुका तंत्र यह सोचता है कि उनके दुर्भावनापूर्ण झूठ उनके कई सालों के कुकर्मों खासकर डॉ. आंबेडकर के प्रति उनके अपमान को छिपा सकते हैं, तो वे बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं।'

पीएम मोदी ने दूसरे ट्वीट में कहा,'भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ आंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए हर संभव गंदी चाल चली है।' पीएम मोदी आगे कहते हैं,'डा आंबेडकर के प्रति कांग्रेस के पापों की सूची में शामिल हैं, उन्हें एक बार नहीं बल्कि दो बार चुनावों में हराना, पंडित नेहरू ने उनके खिलाफ प्रचार किया और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाया। उन्हें भारत रत्न देने से इनकार करना, संसद के सेंट्रल हॉल में उनके चित्र को गौरवपूर्ण स्थान न देना।'

उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहे जितनी कोशिश कर ले, वे इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि एससी-एसटी समुदायों के खिलाफ सबसे भयानक नरसंहार उनके शासन में ही हुए हैं। वे सालों तक सत्ता में रहे, लेकिन एससी और एसटी समुदायों को सशक्त बनाने के लिए कुछ भी ठोस नहीं किया।

पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में गृह मंत्री द्वारा दिए गए बयान का वीडियो ट्वीट में अटैच करते हुए लिखा, संसद में गृह मंत्री अमित शाह जी ने डॉ आंबेडकर का अपमान करने और एससी/एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया। उनके के ज़रिए प्रस्तुत तथ्यों से वे साफ तौर पर हैरान हैं। यही वजह है कि वे अब नाटकबाजी में शामिल हो गए। उनके लिए दुख की बात है कि लोग सच्चाई जानते हैं।

अमित शाह ने क्या कहा था?

अमित शाह मंगलवार को संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर बहस के दौरान सदन को संबोधित किया था। इस दौरान अमित शाह ने कहा था कि बीआर अंबेडकर का नाम लेना अब एक "फैशन" बन गया है. अब यह एक फैशन हो गया है। अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।

‘इस हरकत की जितनी भर्त्सना की जाय, कम है…’, जानिए किस बात पर कांग्रेस को कोस रहे हैं मुख्यमंत्री साय के मीडिया सलाहकार पंकज झा…
रायपुर- कांग्रेस के इस हरकत की जितनी भर्त्सना की जाय, कम है. समाज को आगे आ कर इसका विरोध करना चाहिए. भयानक दुर्भाग्य की बात है कि आज भी कांग्रेस को भारत में थोड़ा ही सही किंतु समर्थन मिल रहा है. कांग्रेस के इस कुकृत्य हर स्तर पर विरोध होना चाहिए. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मीडिया सलाहकार पंकज झा का कांग्रेस पर यह गुस्सा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भारत के गलत नक्शे को प्रस्तुत करने पर फूट पड़ा है. 

कांग्रेस कार्यसमिति (Congress Working Committee) की कर्नाटक के बेलगावी में आज बैठक हो रही है, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सीएम सिद्दारमैया सहित कई नेता नव सत्याग्रह बैठक में मंथन करेंगे. बैठक में नेताओं के स्वागत के लिए लगाए गए पोस्टर में भारत के नक्शे को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जिसमें चीन द्वारा हथियाए गए (अक्साई चीन) हिस्से को प्रदर्शित नहीं किया गया है.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मीडिया सलाहकार पंकज कुमार झा का गुस्सा भारत के इसी गलत नक्शे को लेकर कांग्रेस पर फूट पड़ा है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर उन्होंने स्वागत में लगाए गए पोस्टर में प्रस्तुत भारत के गलत नक्शे को हाईलाइट करते हुए कड़ी टिप्पणी की है.

झा ने अपने पोस्ट में कहा है कि कांग्रेस ने कर्नाटक के अपने अधिवेशन में कश्मीर को फिर से पाकिस्तान का हिस्सा बताया है. इसी तरह अक्साई चीन को उसने चीन का हिस्सा बताया है, इस राष्ट्रविरोधी दल का यह घोर आपत्तिजनक, दंडनीय और निंदनीय कृत्य है.

यह कोई पहला मौका है, या गलती से ऐसा हो गया है, यह बात नहीं है. इससे पहले भी छत्तीसगढ़ के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यह कृत्य किया था. छत्तीसगढ़ भाजपा द्वारा तब इस विषय का खुलासा करने, मुकदमा आदि दर्ज कराने के बाद तब कांग्रेस ने माफी मांगी थी.

बार-बार हर महत्वपूर्ण अवसर पर इस तरह का कृत्य कर कांग्रेस देश के दुश्मनों को यह संदेश देती रहती है कि वह उसके साथ है. तुष्टीकरण के अपने एजेंडे के कारण कांग्रेस किसी भी हद तक जा सकती है.
आप' ने की 24 घंटे में मकान पर कार्रवाई करने की, केजरीवाल को एंटी नेशनल कहने पर आक्रोश

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दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी तपिश गर्म है। इस बीच आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच तनातनी बढ़ गई है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली कांग्रेस ईकाई के नेताओं पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाया है। पार्टी ने कांग्रेस के दिल्ली यूनिट के नेताओं पर कार्रवाई की मांग की है और यह अल्टीमेटम दिया है कि अगर कार्रवाई नहीं की गई तो वे इंडिया अलायंस के नेताओं से बात करेंगे।

आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली की सीएम आतिशी ने कहा, हम कांग्रेस पार्टी से मांग करते हैं कि वे माकन के खिलाफ 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करें। वरना हम I.N.D.I.A ब्लॉक से कांग्रेस पार्टी को अलग करने के लिए अन्य विपक्षी दलों से बात करेंगे। आतिशी ने कहा कि कांग्रेस के बयानों से यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली चुनाव के लिए कांग्रेस ने भाजपा के साथ समझौता कर लिया है। कल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा कि अरविंद केजरीवाल देशद्रोही हैं। मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहती हूं कि क्या उन्होंने कभी किसी भाजपा नेता पर यही आरोप लगाए हैं? नहीं। लेकिन आज कांग्रेस अरविंद केजरीवाल पर देशद्रोही होने का आरोप लगा रही है। कांग्रेस ने कल मेरे और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। क्यों? क्या कांग्रेस ने कभी किसी भाजपा नेता के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज कराई है?

कांग्रेस को इंडिया गठबंधन से अलग करने की मांग

वहीं, आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस को इंडिया गठबंधन से अलग करें। वो बीजेपी को लाभ पहुंचाने का हरसंभव प्रयास कर रही है। अजय माकन बीजेपी के कहने पर आप पार्टी पर हमला करते हैं। कल उन्होंने हद पार कर दी। उन्होंने केजरीवाल को एंटी नेशनल कह दिया।

संजय सिंह ने कहा कि अजय माकन ने आजतक किसी बीजेपी नेता को एंटी नेशनल नहीं कहा। कल केजरीवाल के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। वो केजरीवाल जिन्होंने कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए प्रचार किया। संसद में कुछ होता है तो आप कांग्रेस के साथ खड़ी होती है। हरियाणा में हम अलग लड़े लेकिन एक भी अपशब्द नहीं कहा।

अजय माकन के किस बात पर भड़की आप

कांग्रेस नेता अजय माकन ने 25 दिसंबर को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को देश का फ्रॉड किंग यानी सबसे बड़ा धोखेबाज बताया। माकन ने कहा कि अगर केजरीवाल को एक शब्द में परिभाषित करना हो, तो वो शब्द ‘फर्जीवाल’ होगा। माकन ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए आप के साथ गठबंधन में आना कांग्रेस की भूल थी, जिसे अब सुधारा जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि यह उनकी निजी राय है।

विवादों में बेलगावी कांग्रेस अधिवेशन, बीजेपी बोली-पोस्टर में लगा भारत का गलत नक्शा, पीओके-अक्साई चीन गायब

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कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हो रही है। हालांकि यह बैठक अपने आयोजन से पहले ही विवाद में फंस गई है। मीटिंग से पहले कार्यकर्ताओं ने बेलगावी में पोस्टर लगाए। जिसमें भारत का गलत नक्शा दिखाया जा रहा है। नक्शे में कश्मीर का हिस्सा गायब है। बेलगावी में इस तरह के पोस्टर देख बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया है। बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी का दावा है कि इस नक्शे में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन को शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कांग्रेस पर संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

कांग्रेस अधिवेशन के लिए लगे पोस्टर बैनर की तस्वीर साझा करते हुए कर्नाटक भाजपा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा है। जिसमें पार्टी ने लिखा कि 'कर्नाटक कांग्रेस ने भारत की संप्रभुता का अपमान किया है और बेलगावी के कार्यक्रम में भारत का गलत नक्शा दर्शाया है। नक्शे में कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है। ये सब सिर्फ वोटबैंक के तुष्टिकरण के लिए किया जा रहा है। यह बेहद शर्मनाक है।'

कांग्रेस भारत को तोड़ने वालों के साथ

वहीं, भाजपा के सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने इस मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, आज एक तस्वीर सामने आई है जो दिल को दुखाती है। भाजपा कर्नाटक ने एक ट्वीट किया है जिसमें देखा जा सकता है कि बेलगावी में कांग्रेस द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने जो भारत का मैप लगाया है, उसमें पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर और अक्साई चिन नहीं है। वे पहले भी ऐसी हरकतें कर चुके हैं। अब यह साफ हो गया है कि जो ताकतें भारत को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं, उनके साथ कांग्रेस का संबंध अब स्पष्ट हो गया है।

सुधांशु त्रिवेदी के तीखे सवाल

सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि पूर्व में डीएमके ने भारत का गलत नक्शा दिखाया। जिसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चिन को गायब दिखाया गया। कोरोना के समय राहुल गांधी ने भी एक ट्वीट किया था, उसमें भी अक्साई चिन और पीओके गायब था। शशि थरूर ने 21 दिसंबर 2019 को भारत का नक्शा सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें भी गड़बड़ी थी। भाजपा ने सवाल किया कि पिछले काफी समय से भारत के नक्शे में जो गड़बड़ी दिखाई जा रही है, वह क्या सिर्फ संयोग है या फिर किसी व्यवस्थित भारत विरोध का हिस्सा है?' भाजपा ने पूछा कि 'ये किसके इशारे पर हो रहा है? क्या सोरोस से कोई गुप्त संदेश तो नहीं आ रहा?

दो दिनों तक चलेगा अधिवेशन

बता दें कि कर्नाटक का सीमावर्ती शहर बेलगावी अगले दो दिनों तक महात्मा गांधी की अध्यक्षता में यहां हुए एकमात्र कांग्रेस अधिवेशन की यादों को ताजा करेगा। कांग्रेस का ऐतिहासिक अधिवेशन 26 और 27 दिसंबर, 1924 को किया गया था और इसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में याद किया जाता है। उस अधिवेशन में महात्मा गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष चुना गया था। अधिवेशन के दौरान गांधीजी ने चरखे पर सूत कातने की अपील की और असहयोग का आह्वान किया, जो स्वतंत्रता-पूर्व भारत में एक बड़ा आंदोलन बन गया। उस ऐतिहासिक अधिवेशन के मुख्य आयोजक गंगाधर राव देशपांडे थे, जिन्हें कर्नाटक का खादी भगीरथ कहा जाता था। वे बेलगावी में स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत थे। बेलगावी को उस समय बेलगाम के नाम से जाना जाता था। देशपांडे ने बेलगाम कांग्रेस अधिवेशन की मेजबानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसकी अध्यक्षता गांधी ने की थी।

कर्नाटक के बेलगावी में आज कांग्रेस का दो दिवसीय महाधिवेशन, जानें दिल्ली से दूर हो रही ये बैठक क्यों है खास?

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कर्नाटक के बेलगावी में आज से कांग्रेस का दो दिन चलने वाला अधिवेशन शुरू हो रहा है। ये अधिवेशन 1924 में हुए कांग्रेस के 39वें अधिवेशन के 100 साल पूरे होने के मौके पर रखा गया है। बेलगावी में ही 100 साल पहले महात्मा गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अध्यक्षता की थी। कांग्रेस का यह ऐतिहासिक अधिवेशन 26 और 27 दिसंबर 1924 को किया गया था। महात्मा गांधी के ज़रिए कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने की 100वीं सालगिरह के मौके पर पार्टी वर्किंग कमेटी की एक खास मीटिंग बुलाई है।

कर्नाटक के बेलगावी में दो दिवसीय बैठक में कांग्रेस भाजपा को कई सारी मुद्दों पर घेरने की रणनीति तैयार करने वाली है। इसमें प्रमुख तौर पर आंबेडकर मुद्दे को लेकर भाजपा को घेरने की रणनीति शामिल है।कांग्रेस के महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने 24 दिसंबर को कहा था कि बेलगावी में होने जा रही बैठक में डॉ. आंबेडकर के अपमान का मुद्दा जोर-शोर से उठेगा।कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि कांग्रेस गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बीआर आंबेडकर के अपमान के खिलाफ आंबेडकर सम्मान सप्ताह मना रही है। इस मुद्दे का एक ही समाधान है कि गृह मंत्री को बर्खास्त किया जाए और उन्हें अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को बेलगावी में जोरदार तरीके से उठाया जाएगा और भविष्य में इसे आगे बढ़ाने के तरीकों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए जाएंगे।

कांग्रेस देश में 'नव सत्याग्रह' की शुरुआत करेगी

आज से हो रहे अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी समेत लगभग 150 हस्तियों को आमंत्रित किया गया है। कांग्रेस महासविच केसी वेणुगोपाल ने कहा कि इस अधिवेशन में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक होगी। इसके साथ ही कांग्रेस देश में 'नव सत्याग्रह' की शुरुआत करेगी।

बेलगावी अधिवेशन का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम स्थान

1924 में बेलगावी में हुए अधिवेशन को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक अहम लम्हे के तौर पर देखा जाता है।इस अधिवेशन के दौरान गांधीजी ने चरखे पर सूत कातने की अपील की और असहयोग का भी ऐलान किया, जो स्वतंत्रता-पूर्व भारत में एक बड़ा आंदोलन बन गया। उस ऐतिहासिक अधिवेशन के मुख्य आयोजक गंगाधर राव देशपांडे थे, जिन्हें कर्नाटक का खादी भगीरथ कहा जाता था। वे बेलगावी में स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत थे। बेलगावी को उस समय बेलगाम के नाम से जाना जाता था। ऐसा कहा जाता है कि इस अधिवेशन में 70,000 से ज्यादा लोग इकट्ठा हुए थे, जो आजादी से पहले के भारत के लिए इतनी बड़ी संख्या थी कि उस समय तक कभी इकट्ठा नहीं हुई थी। बेलगावी के तिलकवाड़ी में यह अधिवेशन आयोजित किया गया था। इस अधिवेशन की वजह से, विजयनगर साम्राज्य के नाम पर इस इलाके का नाम विजयनगर रखा गया। अधिवेशन में हिस्सा लेने वालों को पानी की आपूर्ति करने के लिए वहां एक कुआं भी खोदा गया था, जिसका नाम पंपा सरोवर रखा गया, जो विजयनगर राजवंश की राजधानी हम्पी की एक ऐतिहासिक जगह है।

వర్గీకరణ అమలుకు పోరాడదాం

ఎస్సీ వర్గీకరణ వ్యతిరేక కుట్రలను సమర్థంగా ఎదుర్కొందామని ఎమ్మార్పీఎస్‌ వ్యవస్థాపక అధ్యక్షుడు మందకృష్ణ మాదిగ(Mandakrishna Madiga) అన్నారు. వర్గీకరణ అమలు కోసం పోరాటం చేద్దామని పిలుపునిచ్చారు.

ఎస్సీ వర్గీకరణ వ్యతిరేక కుట్రలను సమర్థంగా ఎదుర్కొందామని ఎమ్మార్పీఎస్‌ వ్యవస్థాపక అధ్యక్షుడు మందకృష్ణ మాదిగ(Manda krishna Madiga) అన్నారు. వర్గీకరణ అమలు కోసం పోరాటం చేద్దామని పిలుపునిచ్చారు. ఫిబ్రవరి 3న మండే మాదిగల గుండె చప్పుడు ‘వెయ్యి గొంతులు-లక్ష డప్పులతో’ అంబేడ్కర్‌ విగ్రహం వద్ద సభ, దండోరా ప్రదర్శనను పురస్కరించుకుని మంగళవారం సోమాజిగూడ ప్రెస్‌క్లబ్‌లో సన్నాహక సమావేశం జరిగింది.

ఈ సమావేశంలో మందకృష్ణ మాట్లాడుతూ.. 30 ఏళ్లుగా ఎస్సీ వర్గీకరణ కోసం పోరాటం చేస్తే కొందరు ప్రతిఫలం అనుభవించకుండా అడ్డుకుంటున్నారని ఆరోపించారు. రేవంత్‌రెడ్డి(Revanth Reddy) ప్రభుత్వం వర్గీకరణకు అనుకూలంగా ఉన్నా, ఆ పార్టీలో ఉన్న కొంతమంది అడ్డుకోవాలని చూస్తున్నారని చెప్పారు. కాంగ్రెస్‌ పార్టీలో మాల సామాజికవర్గం వారి మాటే చెల్లుతుందన్నారు. వర్గీకరణ సాధన కోసం టీడీపీ, కాంగ్రెస్‌, బీఆర్‌ఎస్‌(TDP, Congress, BRS) నాయకులను కలిశానని, సందర్భానుసారంగా వారికి సహాయం చేశానని తెలిపారు.

వారు వర్గీకరణ చేస్తామని చెప్పారు కానీ, బీజేపీ మాత్రం ఇచ్చిన హామీని నిలబెట్టుకుందని అన్నారు. వర్గీకరణ ఆలస్యమయ్యే కొద్దీ విద్య, ఉద్యోగ రంగాల్లో వాటా కోల్పోతామన్నారు. సీఎం రేవంత్‌రెడ్డి వెంటనే వర్గీకరణ చేయాలని కోరారు. ఫిబ్రవరి 3న మండే మాదిగల గుండె చప్పుడు దండోరా ప్రదర్శన సచివాలయం ఎదురుగా ఉన్న అంబేడ్కర్‌ విగ్రహం నుంచి ప్రారంభమవుతుందన్నారు. జనవరి 2 నుంచి అన్ని జిల్లాల్లో సన్నాహక కార్యక్రమాలు సభలు సమావేశాలు నిర్వహిస్తామని ఆయన తెలిపారు.

चुनाव आयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस, नियमों में बदलाव की मांग

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कांग्रेस चुनाव आयोग के नियमों में बदलाव को लेकर केंद्र सरकार के हालिया फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। दरअसल, केन्द्र की मोदी सरकार ने सीसीटीवी कैमरे और वेबकास्टिंग फुटेज के साथ-साथ उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने के लिए चुनाव से संबंधित नियम में बदलाव किया है, ताकि उनका दुरुपयोग रोका जा सके। अब कांग्रेस ने हाल ही में किए गए इन संशोधनों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस संबंध में मंगलवार को एक याचिका दायर की। जयराम रमेश ने याचिका दायर करने की जानकारी एक्स पर दी। जयराम रमेश ने याचिका दायर करने के बाद एक्स पर लिखा, "निर्वाचनों का संचालन नियम 1961 में हाल के संशोधनों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट दायर की गई है। चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है। इस पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी है, इसलिए इसे एकतरफा और सार्वजनिक विचार-विमर्श के बिना इतने महत्वपूर्ण नियम में इतनी निर्लज्जता से संशोधन करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। उस परिस्थिति में तो विशेष रूप से नहीं जब वह संशोधन चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने वाली आवश्यक जानकारी तक सार्वजनिक पहुंच को समाप्त करता है। चुनावी प्रक्रिया में सत्यनिष्ठा तेजी से कम हो रही है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इसे बहाल करने में मदद करेगा।"

सरकार ने किन नियमों को बदला?

चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 93 अनुबंधों के मुताबिक, चुनाव से संबंधित सभी 'कागजात' सार्वजनिक निरीक्षण के लिए रखे जाएंगे। यानी ये सार्वजनिक स्तर पर उपलब्ध होंगे। अब केंद्र सरकार ने इस नियम में संशोधन किया है। इसके तहत अब नियम 93 की शब्दावली में 'कागजातों' के बाद 'जैसा कि इन नियमों में निर्दिष्ट है' शब्द जोड़े गए हैं।

चुनाव आयोग से मशवरे के बाद केंद्रीय कानून और विधि मंत्रालय की तरफ से किएगए बदलावों के बाद अब चुनाव संबंधी सभी दस्तावेजों को सार्वजनिक निरीक्षण के लिए नहीं रखा जाएगा। अब आम जनता सिर्फ उन्हीं चुनाव संबंधी दस्तावेजों को देख सकेगी, जिनका जिक्र चुनाव कराने से जुड़े नियमों में पहले से तय होगा।

इसका क्या असर होने वाला है?

चूंकि नामांकन फार्म, चुनाव एजेंट की नियुक्ति, परिणाम और चुनाव खाता विवरण जैसे दस्तावेजों का जिक्र चुनाव संचालन नियमों में किया गया है, इसलिए इन्हें सार्वजनिक निरीक्षण के लिए बरकरार रखा जाएगा। हालांकि, आदर्श आचार संहिता अवधि के दौरान सीसीटीवी कैमरा फुटेज, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज चुनाव संचालन नियमों के दायरे में नहीं आते हैं। ऐसे में यह दस्तावेज जनता की पहुंच से दूर हो जाएंगे।

अब कांग्रेस ने मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के चयन पर उठाया सवाल, कहा-नियुक्तियां पहले से तय थीं, नहीं ली गई राय

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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का नया अध्यक्ष सु्प्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम को नियुक्त किया गया है। एनएचआरसी के पूर्व अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा जून में रिटायर हो गए थे। इसक बाद से ही ये पद खाली था। मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम को एनएचआरसी का अध्यक्ष नियुक्त किया है। हालांकि, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के चुनाव पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने डिसेंट नोट जारी कर चुनाव की इस पूरी प्रक्रिया को गलत कहा है।

कांग्रेस की ओर से जारी किए गए नोट में कहा गया है कि एनएचआरसी के चेरयपर्सन की सिलेक्शन कमेटी में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी थे, लेकिन उनकी राय को गंभीरता से नहीं लिया गया।कांग्रेस ने कहा कि चयन समिति की बैठक बुधवार को हुई थी, लेकिन यह पहले से निर्धारित एक्सरसाइज थी। इसमें एक-दूसरे की सहमति लेने की परंपरा को नजरअंदाज कर दिया गया। ऐसे मामलों में यह आवश्यक होता है।

यह निष्पक्षता के प्रिंसिपल को कमजोर करता है, जो चयन समिति की विश्वसनीयता के लिए महत्वपूर्ण है। सभी की राय लेने विचार करने को बढ़ावा देने के बजाय समिति ने बहुमत पर भरोसा किया। इस मीटिंग में कई वाजिब चिंताएं उठाई गई थीं, लेकिन उसे दरकिनार कर दिया गया।

कांग्रेस ने इन नामों पर जताई थी सहमति

राहुल और खड़गे ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन और जस्टिस केएम जोसेफ के नाम पर सहमति जताई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज वी. रामसुब्रमण्यन को मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष चुना गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष चुनते समय क्षेत्र, धर्म और जाति के संतुलन को ध्यान में नहीं रखा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह चयन प्रक्रिया सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाती है।

कांग्रेस ने उठाए ये मुद्दे

राहुल और खड़गे ने कहा था कि एनएचआरसी एक महत्वपूर्ण संस्था है। इसका काम समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के लोगों के लोगों के मौलिक मानवाधिकारों की रक्षा करना है। जरूरी है कि एनएचआरसी अलग-अलग समुदायों की चिंताओं पर ध्यान दे। उनके मानवाधिकारों के उल्लंघन के प्रति संवेदनशीलता बने रहे। जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन अल्पसंख्यक पारसी समुदाय से आते हैं। वे संविधान के प्रति अपने कमिटमेंट के लिए जाने जाते हैं। अगर उन्हें चेयरमैन बनाया जाता तो एनएचआरसी का देश के लिए समर्पण का मजबूत संदेश जाता। इसी तरह, एक और अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय से आने वाले जस्टिस कुट्टियिल मैथ्यू जोसेफ ने भी ऐसे कई फैसले देते हैं, जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता और हाशिए पर पड़े वर्गों की सुरक्षा पर जोर देता है।

ये चुने गए आयोग के सदस्य

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को पैनल की नियुक्ति की जानकारी दी। आयोग ने एक पोस्ट में लिखा- 'राष्ट्रपति ने जस्टिस वी. रामसुब्रमण्यन को अध्यक्ष, प्रियांक कानूनगो और जस्टिस विद्युत रंजन सारंगी को सदस्य के रूप में नियुक्त किया है।'

आपको बता दें कि प्रियांक कानूनगो इसके पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं। कांग्रेस ने जिन जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन के नाम पर सहमति दी थी, वह पारसी समुदाय से आते हैं। वहीं जस्टिस कुट्टियिल मैथ्यू जोसेफ ईसाई समुदाय से आते हैं।

कैसे होती है एनएचआरसी प्रमुख की नियुक्ति

एनएचआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति राष्ट्रपति एक चयन समिति की सिफारिश पर करते हैं। इस चयन समिति की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं, जबकि इसमें लोकसभा अध्यक्ष, गृह मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता और राज्यसभा के उप सभापति भी सदस्य होते हैं। जस्टिस मिश्रा के सेवानिवृत्त होने के बाद एनएचआरसी की सदस्य विजया भारती को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। 18 दिसंबर को हुई बैठक के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) वी. रामासुब्रमण्यन को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया। साथ ही, प्रियांक कानूनगो और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बिद्युत रंजन सारंगी को आयोग का सदस्य नियुक्त किया।

फडणवीस का महाराष्ट्र चुनाव में विदेशी दखल का दावा, सोनिया के सोरोस कनेक्शन के बाद राहुल की भारत जोड़ों यात्रा पर सवाल

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भाजपा ने कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता सोनिया गांधी का नाम अमेरिका कारोबारी जॉर्ज सोरोस से जोड़ा है। भाजपा ने आरोप लगाया कि जॉर्ज सोरोस की एक संस्था में सोनिया गांधी को-चेयरपर्सन हैं। जॉर्ज सोरोस वही व्यक्ति हैं जो कश्मीर को भारत से अलग एक स्वतंत्र देश की बात करते हैं। भाजपा ने कहा कि ऐसे में सोनिया गांधी देश विरोधी लोगों के साथ काम करती हैं। अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' में अर्बन नक्सल का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को विधानसभा में बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में आतंकी फंडिंग का इस्तेमाल हुआ है। इस मामले की जांच एटीएस कर रही है। फडणवीस ने यह भी दावा किया कि भारतीय चुनावों में विदेशी दखलअंदाजी के सबूत मिले हैं। उन्होंने नेपाल में हुई एक बैठक का भी जिक्र किया, जिसमें ईवीएम की जगह बैलेट पेपर लाने की बात हुई थी।

चुनाव में आतंकी फंडिंग?

फडणवीस ने नासिक के मालेगांव जिले में चल रही एक जांच का जिक्र किया। फडणवीस ने बताया कि इस साल मालेगांव में कुछ युवाओं ने पुलिस में शिकायत की कि उनके खातों में 114 करोड़ रुपये बेनामी जमा किए गए हैं। आरोपी सिराज मोहम्मद ने 14 लोगों के आधार और पैन विवरण का इस्तेमाल करके नासिक मर्चेंट्स कोऑपरेटिव बैंक, मालेगांव में 14 खाते खोले। सीएम ने कहा कि इस तरह जमा किए गए 114 करोड़ रुपये को सिराज मोहम्मद और 21 अन्य खातों में भेज दिया गया। यह मामला सिर्फ मालेगांव तक सीमित नहीं है। बल्कि 21 राज्यों में फैला है। 201 खातों में 1000 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। इस 1000 करोड़ में से 600 करोड़ रुपये दुबई भेजे गए और 100 करोड़ रुपये महाराष्ट्र चुनाव में अलग-अलग कामों के लिए इस्तेमाल किए गए। फडणवीस ने आगे कहा कि एटीएस आतंकी फंडिंग के तहत इसकी जांच कर रही है।

भारत जोड़ो यात्रा पर सवाल

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एक और बड़ा हमला बोला। गंभीर आरोप लगाते हुए फडणवीस ने कहा कि इस साल 15 नवंबर को नेपाल में एक बैठक हुई थी। जिसमें ईवीएम का विरोध करने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में महाराष्ट्र और अन्य बीजेपी शासित राज्यों में बैलेट पेपर से चुनाव कराने के लिए अभियान चलाने का फैसला लिया गया। इस बैठक में 40 अर्बन नक्सन संगठनों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि इससे पहले महाराष्ट्र चुनाव को लेकर 180 संगठनों ने बैठक की थी। इन संगठनों के संबंध भारत जोड़ो अभियान से है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन 40 संगठनों ने राज्य चुनाव के दौरान कार्यक्रम आयोजित किए और पर्चे भी प्रकाशित किए। फडणवीस ने पूर्व राज्य गृह मंत्री आर. आर. पाटिल का हवाला देते हुए कहा कि इन संगठनों को पहले भी फ्रंटल संगठन के रूप में नामित किया गया था। उन्होंने अपने इस दावे के सबूत होने की भी बात कही।

देवेंद्र फडणवीस ने 72 फ्रंटल संगठनों का किया जिक्र

देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा, 18 फरवरी 2014 को मनमोहन सिंह सरकार के दौरान केंद्र सरकार ने लोकसभा में 72 फ्रंटल संगठनों का जिक्र किया था, जिनमें से 7 संगठन आपके भारत जोड़ो के हैं। एंटी-नक्सल ऑपरेशन में जिन 13 संगठनों के नाम लिए गए, उनका संबंध भारत जोड़ो से है।

धक्का-मुक्की विवाद पर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने, दोनों पार्टियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर क दूसरे पर बोला हमला

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संसद में संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद हंगामा मचा हुआ है। गुरुवार को ये हंगामा धक्का-मुक्की में तब्दील हो गया। सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक-दूसरे पर बदसलूकी के आरोप लगाए हैं।संसद में गुरुवार सुबह हुई धक्कामुक्की की घटना को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये उनका अडाणी जैसे जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाने का तरीका है। वहीं, भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि अगर खड़गे-राहुल को माफी नहीं मांगनी थी तो प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों की।

राज्यसभा में धक्का-मुक्की वाले विवाद के बाद कांग्रेस की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, जयराम रमेश समेत तमाम नेता मौजूद रहे। इस दौरान संविधान पर बहस के दौरान राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री के भाषण पर राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, 'सरकार और खासकर प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह डॉ. बीआर अंबेडकर के बारे में जो बयान दे रहे हैं, वह बहुत दुखद है और उन्होंने (अमित शाह) कल तथ्यों को देखे बिना ही प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। जवाहरलाल नेहरू, डॉ. बीआर अंबेडकर को गाली देने से पहले उन्हें तथ्यों को देखना चाहिए।

गृह मंत्री से इस्तीफे की मांग

खरगे ने आगे कहा कि, आंबेडकर पर बयानबाजी काफी दुखदायक है, गृह मंत्री अमित शाह अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। हमारी मांग है कि गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और देश से माफी मांगनी चहिए।

कांग्रेस करेगी देशव्यापी प्रदर्शन

इस दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम संसद में हर रोज धरना प्रदर्शन करते थे, कभी हिंसा नहीं हुई। आज भी हम लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। हमें मकर द्वार पर रोका गया। इस दौरान हमारे ऊपर हमला किया गया। भाजपा के सांसदों ने मुझे धक्का दिया। हमारी महिला सांसदों को भी धक्का दिया गया। वो लोग हमारा मजाक उड़ा रहे थे। हम इस मामले में देशव्यापी प्रदर्शन करेंगे।

उनका अहंकार उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में झलक रहा था- शिवराज सिंह

वहीं, राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पीयूष गोयल ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। शिवराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी हमारे सांसदों के बीच पहुंच गए। उन्होंने ऐसा व्यवहार किया, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। खरगे और राहुल की प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी। इन्होंने संसद में किए कुकृत्य की क्षमा नहीं मांगी। मुझे समझ नहीं आ रहा कि फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों की।शिवराज सिंह ने कहा, उनका अहंकार उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में झलक रहा था।

अशोभनीय और गुंडागर्दी से भरा व्यवहार हुआ

शिवराज सिंह ने आगे कहा कि आज जो कुछ उसकी कल्पना नहीं की जा सकती। अशोभनीय और गुंडागर्दी से भरा व्यवहार हुआ। विचार से विरोध करना सबका अधिकार है। वो लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तब द्वार बदल लेते थे। आज सुरक्षा कर्मियों ने राहुल से कहा कि आप साइड से निकल सकते हैं लेकिन जानबूझकर राहुल गांधी हमारे सांसदों के बीच पहुंच गए। वहां जाकर हमारे सांसदों को धमकाने लगे। शिवराज सिंह ने कहा, हमारे बुजुर्ग और गरीब सांसद प्रताप सारंगी गिर गए, उन्हें गंभीर चोट आई। मुझे कहते हुए शर्म आती है, हमारी एक बहन सांसद कन्याल के साथ अशालीन, असभ्य अमर्यादित व्यवहार किया गया। क्या महिला आदिवासी संसद के साथ ऐसा व्यवहार किया जाएगा।

डेमोक्रेसी को कलंकित करने का पाप किया

कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 2 बजे संसद शुरू हुई तो अध्यक्ष की टेबल पर चढ़ गए। उन्होंने डेमोक्रेसी को कलंकित करने का पाप किया है। लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई गईं। मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि क्या भारत की ये सोच और व्यवहार है। ये गैर भारतीय आचरण है। अभी तक संसद में ये चल रहा था कि कौन अच्छे से बात रखेगा। कांग्रेस अब धारा बदलने का काम कर रही है। अब वहां पहलवान और गुंडे जाएं।

आंबेडकर को लेकर अमित शाह को घेर रही कांग्रेस पर पीएम मोदी का वार, बोले-पार्टी के काले इतिहास को उजागर कर दिया, इसलिए...

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पूरा विपक्ष गृह मंत्री अमित शाह को बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर वाले बयान पर घेरने की कोशिश कर रही है। आंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर विपक्ष के हमलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पलटवार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, 'संसद में गृह मंत्री ने डॉ. आंबेडकर का अपमान करने और एससी-एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया। कांग्रेस इससे स्पष्ट रूप से आहत और स्तब्ध हैं। यही कारण है कि वे अब नाटकबाजी कर रहे हैं। दुख की बात है। लोग सच्चाई जानते हैं।'

पीएम मोदी ने 'एक्स' एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा, 'अगर कांग्रेस और उसका बेकार हो चुका तंत्र यह सोचता है कि उनके दुर्भावनापूर्ण झूठ उनके कई सालों के कुकर्मों खासकर डॉ. आंबेडकर के प्रति उनके अपमान को छिपा सकते हैं, तो वे बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं।'

पीएम मोदी ने दूसरे ट्वीट में कहा,'भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ आंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए हर संभव गंदी चाल चली है।' पीएम मोदी आगे कहते हैं,'डा आंबेडकर के प्रति कांग्रेस के पापों की सूची में शामिल हैं, उन्हें एक बार नहीं बल्कि दो बार चुनावों में हराना, पंडित नेहरू ने उनके खिलाफ प्रचार किया और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाया। उन्हें भारत रत्न देने से इनकार करना, संसद के सेंट्रल हॉल में उनके चित्र को गौरवपूर्ण स्थान न देना।'

उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहे जितनी कोशिश कर ले, वे इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि एससी-एसटी समुदायों के खिलाफ सबसे भयानक नरसंहार उनके शासन में ही हुए हैं। वे सालों तक सत्ता में रहे, लेकिन एससी और एसटी समुदायों को सशक्त बनाने के लिए कुछ भी ठोस नहीं किया।

पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में गृह मंत्री द्वारा दिए गए बयान का वीडियो ट्वीट में अटैच करते हुए लिखा, संसद में गृह मंत्री अमित शाह जी ने डॉ आंबेडकर का अपमान करने और एससी/एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया। उनके के ज़रिए प्रस्तुत तथ्यों से वे साफ तौर पर हैरान हैं। यही वजह है कि वे अब नाटकबाजी में शामिल हो गए। उनके लिए दुख की बात है कि लोग सच्चाई जानते हैं।

अमित शाह ने क्या कहा था?

अमित शाह मंगलवार को संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर बहस के दौरान सदन को संबोधित किया था। इस दौरान अमित शाह ने कहा था कि बीआर अंबेडकर का नाम लेना अब एक "फैशन" बन गया है. अब यह एक फैशन हो गया है। अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।