आरजी कर मामले में हाईकोर्ट पहुंची ममता सरकार, संजय रॉय के लिए मांगी मौत की सजा
#rg_kar_rape_murder_case_west_bangal_government_reach_calcutta_high_court

पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में सियालदह कोर्ट की विशेष अदालत की सजा के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया है। ट्रायल कोर्ट ने मामले के दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। एडवोकेट जनरल किशोर दत्ता ने जस्टिस देबांगशु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ का रुख कर संजय रॉय के लिए मौत की सजा की मांग की है। मामले को दायर करने की अनुमति दे दी गई है।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार को सियालदह कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति दे दी, जिसमें आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या मामले में संजय रॉय को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने मामले में एकमात्र दोषी रॉय को मृत्युदंड देने की मांग करने के लिए न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में अपील दायर करने का अनुरोध किया। राज्य सरकार ने सियालदह में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास के आदेश को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट से अपील दायर करने की अनुमति मांगी थी।

*सियालदेह कोर्ट ने क्यों नहीं दी मौत की सजा?*
सजा के ऐलान से पहले हुई सुनवाई में अतिरिक्त जिला एव सत्र जज अनिर्बान दास ने इस पूरे मामले को 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर' नहीं माना। यानी यह एक दूर्लभतम अपराध नहीं था। 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर अपराध' में उन मामलों को रखा जाता है जहां बेहद क्रुरता और जघन्यता के साथ अपराध को अंजाम दिया जाता है। आरजी कर मामले में जज को दोषी में इस तरह की प्रवृत्ति नहीं दिखाई दी।
जज अनिर्बान दास ने संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाने के साथ ही उसे 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया। इसके साथ ही जज ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह पीड़िता के परिवार को 17 लाख रुपए का हर्जाना दे।

*संजय रॉय ने खुद को बताया था निर्दोष*
संजय रॉय को बीते शनिवार ही दोषी मान लिया गया था। सोमवार को केवल सजा का ऐलान बाकी था। इस दौरान सुनवाई के वक्त संजय ने एक बार फिर से खुद को बेगुनाह बताया। सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने जज अनिर्बान दास से संजय को इस अपराध के लिए अधिकतम सजा देने की गुहार लगाई। उन्होंने इसके पीछे यह दलील दी कि सजा ऐसी होनी चाहिए कि लोगों का भरोसा हमारे समाज में बना रहे। उधर, संजय के वकील ने मृत्युदंड के खिलाफ तर्क दिया। उन्होंने कहा कि अभियोजक को यह साबित करना चाहिए कि संजय सुधार के लायक नहीं है और उसे समाज से पूरी तरह से खत्म कर दिया जाना चाहिए।
Bishop Canning-Artage Sports Academy began with a function at St. Thomas’ Boys’ School
Khabar kolkata:The journey of Bishop Canning-Artage Sports Academy began with a function at St. Thomas’ Boys’ School, Kidderpore on Thursday. On that occasion, two former footballers of Mohun Bagan and East Bengal were seen on the same stage. Apart from Bishop Canning, Mohun Bagan's former footballer Jose Ramirez Barretto, East Bengal's former footballer Douglas Da Silva, Kolkata Municipal Council Mayor (Sports) Debashis Kumar, Eastern Railway Chief Public Relations Officer Kaushik Mitra, St. Thomas’ Boys’ School Principal Suman Biswas and others. Jaydeep Mukherjee was on stage from Artage Sports.
The technical director of this academy is Douglas. Attending the event, Barreto said, “I get nostalgic when I come to Kolkata. Thursday is Teacher's Day. But Douglas is a very good teacher. I have seen in the sports life, he guided the juniors in a great way. Young talent will surely emerge under his supervision.” Douglas is also overwhelmed by the responsibility. He said, “This is probably the best opportunity to work for football academy. I was able to return to Calcutta because of God's will."
Joydeep said at the event, “Wait for 3-4 months. Bengal will benefit from this academy.” Bishop Canning said, “This academy will not be limited to school students in the near future, but boys and girls  from poor families as well. We will select emerging young talents from not only city but rural and bring them to this academy.” After the opening ceremony, the guests along with Barreto and Douglas met with the students. Pic: Prasenjit Biswas.
CFL 2024: Emami East Bengal FC defeat Calcutta Police 3-0, storm into the Super Six as Group B toppers
*Sports*


*Khabar kolkata News Bureau:* In their final Calcutta Football League Premier Division Group B match, Bino George's Emami East Bengal FC defeated Calcutta Police Club 3-0 at the East Bengal Ground this afternoon to storm into the Super Six round as Group toppers.

It took the Red & Golds only five minutes to break the deadlock as Bathala Sunil leapt up inside the opposition box and nodded in Hira Mondal's long free-kick.

Bino George's side doubled their lead in the 35th minute via Tanmay Das who unleashed a powerful shot from the edge of the box.

Emami East Bengal's goalkeeper and captain, Aditya Patra pulled off a couple of crucial saves in the first half to keep Calcutta Police at bay.

The Red & Golds continued pushing for the third goal, launching a series of attacks throughout the second half. They came close to scoring halfway through the second half when Kush Chhetry, who returned to competitive football after a long injury layoff, was brought down inside the opposition box. However, Jesin TK was unable to convert the resultant penalty as the scoreline remained 2-0 in favour of EEB.

In the 88th minute, Sayan Banerjee outran a rival defender and charged into the box before finding the net with a deft touch to send EEB 3-0 up. Sayan was adjudged the Player of the Match.

With the win, Emami East Bengal FC continued their unbeaten run and bagged 34 out of a possible 36 points in the CFL 2024 Premier Division Group B (12 matches, 11 wins and 1 draw). They have also scored the joint-most goals (35) and conceded the joint-least goals (4) with Bhawanipore FC at the end of the Group Stage.

Emami East Bengal FC have also registered 8 cleansheets during the course of the Group Stage.

"This cleansheet victory will certainly boost our confidence ahead of the Super Six, but I want to make sure that my boys do not go into the next round with any sort of vanity. As I keep saying, our philosophy is to take one match at a time," Bino George said after the match.
Pic Courtesy by:Emami East Bengal FC.
आरजी कर अस्पताल तोड़फोड़ मामले में हाईकोर्ट ने ममता सरकार को लगाई फटकार, कहा- अस्पताल बंद करना ही बेहतर

#calcutta_high_court_slams_bengal_govt_over_vandalism_in_rg_kar_medical_college 

कोलकाता आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी लेडी डॉक्टर की हत्या के बाद से देशभर में बवाल मचा हुआ है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बुधवार आधी रात कुछ लोगों ने अस्पताल परिसर में घुसकर आपातकालीन विभाग में तोड़फोड़ की। आरजी कर अस्पताल और कॉलेज पर बुधवार और गुरुवार के दरम्यान रात में 40 गुंडों ने हमला कर दिया था। इसमें उन्होंने न केवल विरोध कर रहे डॉक्टरों के स्थान को तबाह किया, बल्कि उन्होंने अस्पताल में उन्होंने जमकर तोड़फोड़ किया है। इस मामले में आज शुक्रवार को कोलकाता हाईकोर्ट ने संज्ञान स्वतः संज्ञान लिया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले में ममता बनर्जी सरकार को जमकर फटकार लगाई है और सख्त टिप्पणी की है।

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर के रेप और मर्डर की घटना के बाद 14 अगस्त की रात को हुई तोड़फोड़ पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए इसे राज्य सरकार की नाकामी बताया है। हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि यह पूरी तरह से राज्य मशीनरी की नाकामी है। हाई कोर्ट ने कहा है कि भीड़ इकट्ठी होने की जानकारी पुलिस को क्यों नहीं हुई? हंगामा रोकने के लिए धारा 144 लगाते। पुलिस को घेराबंदी करनी चाहिए थी। उच्च न्यायालय ने कहा कि हनुमान जयंती पर भी ऐसा ही हुआ था। 

अस्पताल में तोड़फोड और भीड़ के हमले को लेकर कड़ी चिंता जताते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा, मरीजों से माफी मांग कर दूसरे अस्पताल भेज दीजिए और आर जी कर अस्पताल को बंद कर दीजिए। आपने जो कुछ किया घटना के बाद, वो सबके सामने है। इससे पहले हनुमान जयंती के दिन छत से पत्थर फेका गया, आपकी इंटेलिजेंस को पता नही था। 7000 लोग इकठ्ठे हो जाते हैं पुलिस को कुछ पता नहीं था? धारा 144 लागू क्यों नहीं की गई? भीड़ पर क्यों काबू नहीं किया गया? ऐसे कई सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि ये बातें आम आदमी यानी जनता के भरोसे को तोड़ देती हैं।

बेंच ने कहा, ऐसी घटनाओं का डॉक्टरों और अस्पताल कर्मियों पर बुरा असर पड़ता है। उनका आत्मविश्वास कमजोर पड़ता है। डॉक्टर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ खुद को असुरक्षित महसूस करता है। यह दुखद स्थिति है। आखिर कैसे ये डॉक्टर बिना डर के काम करेंगे।

बता दें कि आरजी कर अस्पताल के नजदीक पुलिस बैरिकेड तोड़कर भीड़ परिसर में घुस गई थी। कुछ लोगों ने कुर्सियां और बोर्ड तोड़ दिए थे। यह घटना तब हुई जब जूनियर डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करते हुए बड़ी संख्या में महिलाएं कोलकाता की सड़कों प्रदर्शन कर रही थीं। अस्पताल में हुई तोड़फोड़ को लेकर पुलिस ने जानकारी दी थी कि 30-40 युवक ने अंदर घुसकर तोड़फोड़ की है। तोड़फोड़ करने वाले ये लोग कौन है इसका पता नहीं चल सका है। बड़ी बात यह है कि पुलिस के सामने ही तोड़फोड़ होती रही। इस पर अब प्रश्न यह उठने लगा है कि क्या महिलाओं के शांतिपूर्ण आंदोलन से ध्यान हटाने के लिए तो यह सुनियोजित घटना नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट से ममता सरकार को झटका, संदेशखाली केस में सीबीआई जांच के खिलाफ बंगाल सरकार की याचिका खारिज

#supreme_court_rejects_west_bengal_government_plea_against_calcutta_high_court_order

सुप्रीम कोर्ट से ममता सरकार को तगड़ा झटका लगा है।सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका खारिज कर दिया, जिसमें संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध करने और जमीन हड़पने के आरोपों की सीबीआई जांच कराने का निर्देश देने वाले कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी।

बता दें कि हाई कोर्ट ने अपने फैसले में संदेशखाली मामले में महिलाओं के यौन शोषण-जमीन हथियाने और राशन घोटाले से जुड़े सभी मामलों में सीबीआई जांच का आदेश दिया था। पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने सरकार की याचिका खारिज कर दी है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ ने सवाल उठाया और पूछा कि राज्य सरकार को इस मामले में इतनी दिलचस्पी क्यों है? आखिरकार राज्य सरकार किसी को बचाना क्यों चाहती है? वहीं, सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका में राज्य सरकार ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश ने पुलिस बल सहित पूरे राज्य तंत्र का मनोबल गिराया है।

इससे पहले 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि राज्य सरकार किसी व्यक्ति के हित की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख कैसे कर सकती है? उस समय कोर्ट ने कहा था मामले की सुनवाई गर्मियों की छुट्टी के बाद होगी।

सुप्रीम कोर्ट से ममता सरकार को झटका, संदेशखाली केस में सीबीआई जांच के खिलाफ बंगाल सरकार की याचिका खारिज
#supreme_court_rejects_west_bengal_government_plea_against_calcutta_high_court_order

सुप्रीम कोर्ट से ममता सरकार को तगड़ा झटका लगा है।सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका खारिज कर दिया, जिसमें संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध करने और जमीन हड़पने के आरोपों की सीबीआई जांच कराने का निर्देश देने वाले कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी।

बता दें कि हाई कोर्ट ने अपने फैसले में संदेशखाली मामले में महिलाओं के यौन शोषण-जमीन हथियाने और राशन घोटाले से जुड़े सभी मामलों में सीबीआई जांच का आदेश दिया था। पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने सरकार की याचिका खारिज कर दी है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ ने सवाल उठाया और पूछा कि राज्य सरकार को इस मामले में इतनी दिलचस्पी क्यों है? आखिरकार राज्य सरकार किसी को बचाना क्यों चाहती है? वहीं, सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका में राज्य सरकार ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश ने पुलिस बल सहित पूरे राज्य तंत्र का मनोबल गिराया है।

इससे पहले 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि राज्य सरकार किसी व्यक्ति के हित की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख कैसे कर सकती है? उस समय कोर्ट ने कहा था मामले की सुनवाई गर्मियों की छुट्टी के बाद होगी।
कलकत्ता हाईकोर्ट से ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका,2010 के बाद दिए गई सभी ओबीसी सर्टिफिकेट को रद्द

#calcuttahighcourtwestbengalobclistreleasedafter2010rejected

लोकसभा चुनावों के बीच ममता बनर्जी सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 2010 के बाद बनाई गई सभी ओबीसी सर्टिफिकेट को रद्द कर दिया है।हाईकोर्ट के इस आदेश के परिणामस्वरूप करीब पांच लाख ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द कर दिए गए। हालांकि, साथ ही हाईकोर्ट ने कहा, इस प्रमाणपत्र के जिन उपयोगकर्ताओं को पहले ही मौका मिल चुका है, उन पर इस फैसले का असर नहीं होगा। 

कलकत्ता हाई कोर्ट का कहना है कि 2010 के बाद जितने भी ओबीसी सर्टिफिकेट बनाए गए हैं, वे कानून के मुताबिक ठीक से नहीं बनाए गए हैं। इसलिए उस प्रमाणपत्र को रद्द किया जाना चाहिए, लेकिन साथ ही हाईकोर्ट ने कहा है कि इस निर्देश का उन लोगों पर कोई असर नहीं होगा जो पहले ही इस सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी पा चुके हैं या नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं। अन्य लोग अब उस प्रमाणपत्र का उपयोग रोजगार प्रक्रिया में नहीं कर सकेंगे।

रद्द हो जाएंगे पांच लाख ओबीसी सर्टिफिकेट

कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश से 2010 के बाद बनाई गई सभी ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द हो जाएंगे। इसके चलते राज्य में करीब 5 लाख ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द होने की संभावना है। हालांकि कलकत्ता हाईकोर्ट का कहना है कि 2010 से पहले घोषित ओबीसी वर्ग के लोगों के प्रमाण पत्र वैध हैं। इसके साथ ही जिन्हें 2010 के बाद ओबीसी आरक्षण के कारण नौकरी मिल गई है या भर्ती की प्रक्रिया में हैं, वे भी वैध हैं।

सर्टिफिकेट के आधार पर जिन्हें नौकरी मिली उनका क्या?

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा कि साल 2010 के बाद बनाए गए ओबीसी प्रमाणपत्र में कानून का पूरी तरह से अनुपालन नहीं किया गया। इस फैसले के बाद यह सवाल उठा है कि क्या इन सर्टिफिकेट के आधार पर जिन्हें नौकरी मिली है, उन पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इस पर कोर्ट ने साफ कहा कि पहले जारी ओबीसी सर्टिफिकेट से जिन्हें नौकरी मिली है। उन पर इस फैसले का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और न ही इस फैसले का उन पर कोई प्रभाव पड़ेगा, जो नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं।

अपने विदाई भाषण से चर्चा में आएं रिटायर हुए जस्टिस चितरंजन दास, जानें ऐसा क्या कहा कि मच गई हलचल

#calcutta_high_court_justice_chitta_ranjan_dash_farewell_speech

कलकत्ता हाई कोर्ट के जज चितरंजन दास सोमवार को रिटायर हो गए। अपने विदाई भाषण में उन्होंने कई बड़ी बातें कहीं जिसके बाद वो सुर्खियों में आ गए हैं। अपने कार्यकाल के आखिरी दिन विदाई भाषण में उन्होंने जिस तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आएसएस) की अपनी सदस्यता का जिक्र किया, वह न्यायाधीश पद के साथ जुड़ी गरिमा और संवेदनशीलता से वाकिफ किसी भी शख्स को हैरान कर सकता है। उन्होंने बताया कि वह न केवल अतीत में इस संगठन के सदस्य रहे हैं बल्कि अब रिटायरमेंट के बाद अगर संगठन उन्हें कोई उपयुक्त काम सौंपता है तो उसे खुशी-खुशी अंजाम देंगे।

अपने फेयरवेल स्पीच में जस्टिस दास ने कहा कि मैं अपने काम की वजह से करीब 37 साल तक आरएसएस से दूरी बनाकर रखी। मैंने अपने करियर में कभी भी प्रमोशन के लिए संगठन का इस्तेमाल नहीं किया क्योंकि यह मेरे और इसके सिद्धांतों के खिलाफ है। सभी के साथ समान व्यवहार किया, चाहे वह कोई अमीर व्यक्ति हो या गरीब, चाहे वह कम्युनिस्ट हो या भाजपा, कांग्रेस या टीएमसी से हो।

उन्होंने आगे कहा कि मेरे सामने सभी समान हैं। मैंने अपने जीवन में कुछ भी गलत नहीं किया है, इसलिए मुझमें यह कहने का साहस है कि मैं संगठन से जुड़ा हूं क्योंकि यह भी गलत नहीं है। मैं किसी के लिए कोई पूर्वाग्रह नहीं रखता। मैंने दूसरों के प्रति समान दृष्टिकोण रखना सीखा है और इसके प्रति मेरी प्रतिबद्धता भी रही है। कुछ लोगों को भले ही अच्छा न लगे लेकिन आज मैं कहना चाहता हूं कि मैं संघ का सदस्य था और हूं।

रिटायर्ड जस्टिस चितरंजन दास कोलकाता हाईकोर्ट में उन्हीं अभिजीत गंगोपाध्याय के साथी जज रहे हैं जिन्होंने दो महीने पहले ज्युडिशियल सर्विस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की थी, और इस वक्त तमलुक सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।

शिक्षक भर्ती घोटाले में ममता सरकार को बड़ा झटका, कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिया 23 हजार से अधिक नौकरियों को रद्द करने का आदेश

#west_bengal_school_jobs_scam_calcutta_high_court_cancels_all_appointments

लोकसभा चुनाव के बीच शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है।कलकत्ता हाईकोर्ट ने 23 हजार से अधिक नौकरियों को रद्द करने का आदेश दिया है।अदालत ने सरकार के जरिए प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में 2016 स्टेट-लेवल टेस्ट के माध्यम से भर्ती हुए टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। साल 2016 में जिन लोगों को नौकरियां मिला थीं, कोर्ट ने उसे रद्द कर दिया है। इतना ही नहीं, हाईकोर्ट ने इन लोगों को 4 हफ्तों में वेतन वापस करने का आदेश दिया है। अदालत ने पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को जांच का आदेश भी दिया है।

शिक्षक भर्ती घोटाले पर कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस देवांशु बसाक की बेंच ने यह फैसला सुनाया. यहां बताना जरूरी है कि शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी सहित टीएमसी के अन्य नेता, विधायक और शिक्षा विभाग के कई अधिकारी भी जेल में हैं।

पश्चिम बंगाल में 2016 में हुई स्कूल भर्तियों में अनियमितता देखने को मिली थी। इसके बाद याचिकाओं और अपीलें दायर कर अदालत का दरवाजा खटखटाया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स्कूल भर्ती घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) में पदों पर रहे कुछ पदाधिकारियों को गिरफ्तार भी किया था। अभी तक इस मामले में 5000 लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं, जिन्होंने गलत तरीके से नौकरी पाई थी। इस भर्ती में 5 से 15 लाख रुपये की घूस लेने तक की आरोप हैं।

*Sports News*

Golf Tournament at Calcutta

Pic : Sanjay Hazra ( khabar kolkata).

Rasmus Neergaard-Petersen receives the trophy from Mr. Gaurav Ghosh, Captain, RCGC. The other dignitaries seen in the picture are Mr. Ed Johnson, Tournament Director, Challenge Tour (extreme right) and Mr. Uttam Singh Mundy, CEO, PGTI (extreme left).

आरजी कर मामले में हाईकोर्ट पहुंची ममता सरकार, संजय रॉय के लिए मांगी मौत की सजा
#rg_kar_rape_murder_case_west_bangal_government_reach_calcutta_high_court

पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में सियालदह कोर्ट की विशेष अदालत की सजा के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया है। ट्रायल कोर्ट ने मामले के दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। एडवोकेट जनरल किशोर दत्ता ने जस्टिस देबांगशु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ का रुख कर संजय रॉय के लिए मौत की सजा की मांग की है। मामले को दायर करने की अनुमति दे दी गई है।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार को सियालदह कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति दे दी, जिसमें आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या मामले में संजय रॉय को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने मामले में एकमात्र दोषी रॉय को मृत्युदंड देने की मांग करने के लिए न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में अपील दायर करने का अनुरोध किया। राज्य सरकार ने सियालदह में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास के आदेश को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट से अपील दायर करने की अनुमति मांगी थी।

*सियालदेह कोर्ट ने क्यों नहीं दी मौत की सजा?*
सजा के ऐलान से पहले हुई सुनवाई में अतिरिक्त जिला एव सत्र जज अनिर्बान दास ने इस पूरे मामले को 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर' नहीं माना। यानी यह एक दूर्लभतम अपराध नहीं था। 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर अपराध' में उन मामलों को रखा जाता है जहां बेहद क्रुरता और जघन्यता के साथ अपराध को अंजाम दिया जाता है। आरजी कर मामले में जज को दोषी में इस तरह की प्रवृत्ति नहीं दिखाई दी।
जज अनिर्बान दास ने संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाने के साथ ही उसे 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया। इसके साथ ही जज ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह पीड़िता के परिवार को 17 लाख रुपए का हर्जाना दे।

*संजय रॉय ने खुद को बताया था निर्दोष*
संजय रॉय को बीते शनिवार ही दोषी मान लिया गया था। सोमवार को केवल सजा का ऐलान बाकी था। इस दौरान सुनवाई के वक्त संजय ने एक बार फिर से खुद को बेगुनाह बताया। सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने जज अनिर्बान दास से संजय को इस अपराध के लिए अधिकतम सजा देने की गुहार लगाई। उन्होंने इसके पीछे यह दलील दी कि सजा ऐसी होनी चाहिए कि लोगों का भरोसा हमारे समाज में बना रहे। उधर, संजय के वकील ने मृत्युदंड के खिलाफ तर्क दिया। उन्होंने कहा कि अभियोजक को यह साबित करना चाहिए कि संजय सुधार के लायक नहीं है और उसे समाज से पूरी तरह से खत्म कर दिया जाना चाहिए।
Bishop Canning-Artage Sports Academy began with a function at St. Thomas’ Boys’ School
Khabar kolkata:The journey of Bishop Canning-Artage Sports Academy began with a function at St. Thomas’ Boys’ School, Kidderpore on Thursday. On that occasion, two former footballers of Mohun Bagan and East Bengal were seen on the same stage. Apart from Bishop Canning, Mohun Bagan's former footballer Jose Ramirez Barretto, East Bengal's former footballer Douglas Da Silva, Kolkata Municipal Council Mayor (Sports) Debashis Kumar, Eastern Railway Chief Public Relations Officer Kaushik Mitra, St. Thomas’ Boys’ School Principal Suman Biswas and others. Jaydeep Mukherjee was on stage from Artage Sports.
The technical director of this academy is Douglas. Attending the event, Barreto said, “I get nostalgic when I come to Kolkata. Thursday is Teacher's Day. But Douglas is a very good teacher. I have seen in the sports life, he guided the juniors in a great way. Young talent will surely emerge under his supervision.” Douglas is also overwhelmed by the responsibility. He said, “This is probably the best opportunity to work for football academy. I was able to return to Calcutta because of God's will."
Joydeep said at the event, “Wait for 3-4 months. Bengal will benefit from this academy.” Bishop Canning said, “This academy will not be limited to school students in the near future, but boys and girls  from poor families as well. We will select emerging young talents from not only city but rural and bring them to this academy.” After the opening ceremony, the guests along with Barreto and Douglas met with the students. Pic: Prasenjit Biswas.
CFL 2024: Emami East Bengal FC defeat Calcutta Police 3-0, storm into the Super Six as Group B toppers
*Sports*


*Khabar kolkata News Bureau:* In their final Calcutta Football League Premier Division Group B match, Bino George's Emami East Bengal FC defeated Calcutta Police Club 3-0 at the East Bengal Ground this afternoon to storm into the Super Six round as Group toppers.

It took the Red & Golds only five minutes to break the deadlock as Bathala Sunil leapt up inside the opposition box and nodded in Hira Mondal's long free-kick.

Bino George's side doubled their lead in the 35th minute via Tanmay Das who unleashed a powerful shot from the edge of the box.

Emami East Bengal's goalkeeper and captain, Aditya Patra pulled off a couple of crucial saves in the first half to keep Calcutta Police at bay.

The Red & Golds continued pushing for the third goal, launching a series of attacks throughout the second half. They came close to scoring halfway through the second half when Kush Chhetry, who returned to competitive football after a long injury layoff, was brought down inside the opposition box. However, Jesin TK was unable to convert the resultant penalty as the scoreline remained 2-0 in favour of EEB.

In the 88th minute, Sayan Banerjee outran a rival defender and charged into the box before finding the net with a deft touch to send EEB 3-0 up. Sayan was adjudged the Player of the Match.

With the win, Emami East Bengal FC continued their unbeaten run and bagged 34 out of a possible 36 points in the CFL 2024 Premier Division Group B (12 matches, 11 wins and 1 draw). They have also scored the joint-most goals (35) and conceded the joint-least goals (4) with Bhawanipore FC at the end of the Group Stage.

Emami East Bengal FC have also registered 8 cleansheets during the course of the Group Stage.

"This cleansheet victory will certainly boost our confidence ahead of the Super Six, but I want to make sure that my boys do not go into the next round with any sort of vanity. As I keep saying, our philosophy is to take one match at a time," Bino George said after the match.
Pic Courtesy by:Emami East Bengal FC.
आरजी कर अस्पताल तोड़फोड़ मामले में हाईकोर्ट ने ममता सरकार को लगाई फटकार, कहा- अस्पताल बंद करना ही बेहतर

#calcutta_high_court_slams_bengal_govt_over_vandalism_in_rg_kar_medical_college 

कोलकाता आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी लेडी डॉक्टर की हत्या के बाद से देशभर में बवाल मचा हुआ है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बुधवार आधी रात कुछ लोगों ने अस्पताल परिसर में घुसकर आपातकालीन विभाग में तोड़फोड़ की। आरजी कर अस्पताल और कॉलेज पर बुधवार और गुरुवार के दरम्यान रात में 40 गुंडों ने हमला कर दिया था। इसमें उन्होंने न केवल विरोध कर रहे डॉक्टरों के स्थान को तबाह किया, बल्कि उन्होंने अस्पताल में उन्होंने जमकर तोड़फोड़ किया है। इस मामले में आज शुक्रवार को कोलकाता हाईकोर्ट ने संज्ञान स्वतः संज्ञान लिया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले में ममता बनर्जी सरकार को जमकर फटकार लगाई है और सख्त टिप्पणी की है।

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर के रेप और मर्डर की घटना के बाद 14 अगस्त की रात को हुई तोड़फोड़ पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए इसे राज्य सरकार की नाकामी बताया है। हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि यह पूरी तरह से राज्य मशीनरी की नाकामी है। हाई कोर्ट ने कहा है कि भीड़ इकट्ठी होने की जानकारी पुलिस को क्यों नहीं हुई? हंगामा रोकने के लिए धारा 144 लगाते। पुलिस को घेराबंदी करनी चाहिए थी। उच्च न्यायालय ने कहा कि हनुमान जयंती पर भी ऐसा ही हुआ था। 

अस्पताल में तोड़फोड और भीड़ के हमले को लेकर कड़ी चिंता जताते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा, मरीजों से माफी मांग कर दूसरे अस्पताल भेज दीजिए और आर जी कर अस्पताल को बंद कर दीजिए। आपने जो कुछ किया घटना के बाद, वो सबके सामने है। इससे पहले हनुमान जयंती के दिन छत से पत्थर फेका गया, आपकी इंटेलिजेंस को पता नही था। 7000 लोग इकठ्ठे हो जाते हैं पुलिस को कुछ पता नहीं था? धारा 144 लागू क्यों नहीं की गई? भीड़ पर क्यों काबू नहीं किया गया? ऐसे कई सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि ये बातें आम आदमी यानी जनता के भरोसे को तोड़ देती हैं।

बेंच ने कहा, ऐसी घटनाओं का डॉक्टरों और अस्पताल कर्मियों पर बुरा असर पड़ता है। उनका आत्मविश्वास कमजोर पड़ता है। डॉक्टर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ खुद को असुरक्षित महसूस करता है। यह दुखद स्थिति है। आखिर कैसे ये डॉक्टर बिना डर के काम करेंगे।

बता दें कि आरजी कर अस्पताल के नजदीक पुलिस बैरिकेड तोड़कर भीड़ परिसर में घुस गई थी। कुछ लोगों ने कुर्सियां और बोर्ड तोड़ दिए थे। यह घटना तब हुई जब जूनियर डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करते हुए बड़ी संख्या में महिलाएं कोलकाता की सड़कों प्रदर्शन कर रही थीं। अस्पताल में हुई तोड़फोड़ को लेकर पुलिस ने जानकारी दी थी कि 30-40 युवक ने अंदर घुसकर तोड़फोड़ की है। तोड़फोड़ करने वाले ये लोग कौन है इसका पता नहीं चल सका है। बड़ी बात यह है कि पुलिस के सामने ही तोड़फोड़ होती रही। इस पर अब प्रश्न यह उठने लगा है कि क्या महिलाओं के शांतिपूर्ण आंदोलन से ध्यान हटाने के लिए तो यह सुनियोजित घटना नहीं है।