आरएसएस शताब्दी समारोह में तीन देशों को न्योता नहीं, पाकिस्तान समेत इनसे बनाई दूरी
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपनी शताब्दी वर्षगांठ मनाने जा रहा है। इस साल विजयादशमी के मौके पर 100 वर्ष का होने वाला है। हालांकि, आरएसएस के शताब्दी समारोह से जुड़ी कार्यक्रमों की शुरुआत एक तरह से इसी महीने 26 अगस्त से ही हो रही है, जिसके तहत दिल्ली में तीन-दिवसीय संवाद का आयोजन हो रहा है, जिसकी अगुवाई सर संघचालक मोहन भागवत करेंगे।
दिल्ली में तीन दिवसीय संवाद
संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में चार प्रमुख आयोजनों की योजना है, जिनमें से पहला दिल्ली में 26 अगस्त से शुरू होगा। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में मोहन भागवत प्रत्येक दिन शाम 5:30 बजे से व्याख्यान देंगे। पहले दो दिन उनके व्याख्यान होंगे, जबकि तीसरा दिन पहले से जमा किए गए सवालों के जवाब के लिए समर्पित होगा। इस संवाद में ‘पंच परिवर्तन’ (पांच परिवर्तनों) के एजेंडे पर विशेष जोर होगा, जिसमें स्वदेशी ताकतों के आधार पर भारत के भविष्य को आकार देने, विभिन्न क्षेत्रों में अनछुई संभावनाओं और देश की उभरती वैश्विक भूमिका जैसे मुद्दे शामिल होंगे।
पाकिस्तान और उसके दो दोस्तों को न्योता नहीं
आरएसएस की तरफ से इस कार्यक्रम के लिए बड़ी तैयारियां चल रही हैं। इस मौके पर वह कई देशों के राजनयिकों को भी निमंत्रण देने जा रहा है और इसके लिए दूतावासों और उच्चायोगों से संपर्क भी किया जा रहा है। इसमें कई विपक्षी नेताओं को भी बुलाया जा रहा है। आरएसएस के प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर ने कहा है कि हम समाज के सभी वर्गों, समुदायों और विचारधाराओं के लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं। हम विपक्षी दलों से भी भागीदारी के लिए संपर्क कर रहे हैं। दुनिया के कई दूतावासों को भी न्योता भेजा जा रहा है लेकिन इसमें पाकिस्तान, तुर्किये और बांग्लादेश का नाम शामिल नहीं है।
पाक-तुर्किए और बांग्लादेश से दूरी की वजह
हाल की भू-राजनीतिक परिस्थितियों के चलते पाकिस्तान, तुर्किए और बांग्लादेश के दूतावासों को निमंत्रण नहीं दिया जाएगा. दरअसल, बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने हाल के वर्षों में कई बार भारत विरोधी रुख दिखाया है. उधर, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किये ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया था. ऐसे में पाकिस्तान के साथ-साथ तुर्किए के खिलाफ भी लोगों का गुस्सा बना हुआ है।
चार प्रमुख संवाद कार्यक्रम
भागवत का दिल्ली संबोधन 2 अक्टूबर को विजयादशमी शताब्दी समारोह से पहले चार प्रमुख कार्यक्रमों की श्रृंखला का हिस्सा होगा। इस संवाद कार्यक्रम में आरएसएस की 100 वर्ष की लंबी यात्रा, राष्ट्र निर्माण में इसकी भूमिका और 'नए क्षितिज'पर इसके विजन की चर्चा होगी। इस साल 2 अक्टूबर को विजयादशमी है और शताब्दी समारोह इसके बाद भी चलता रहेगा और इस तरह के चार बड़े कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। मसलन, नवंबर में इसी तरह का एक विशाल संवाद कार्यक्रम बेंगलुरु में होगा, फिर कोलकाता और मुंबई की बारी आएगी। प्रत्येक संवाद कार्यक्रम में पहले दो दिन भागवत का संबोधन होगा और तीसरे दिन सवाल-जवाब के लिए रखे जाएंगे।
Sep 18 2025, 17:22
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A New Beginning at Ten
As the morning ended, there was no sense of closure — only continuity. Ten years may mark a milestone, but for CD Foundation, it is just the first chapter of a much bigger global story waiting to be written.
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