अकीदत और शानो शौकत से निकला जुलूस ए मोहम्मदी

संजय द्विवेदी प्रयागराज। यमुनानगर अन्तर्गत तहसील कोरांव क्षेत्र में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अपने निर्धारित रास्ते से महुली कुदर देवघाट कोसफरा अल्हवा अमिलिया पाल समेत नगर पंचायत कोरांव में पूरे अकीदत एवं शानो शौकत के साथ बारह रबीउल अव्वल का जुलूस निकाला गया जिसमे बच्चे बुजुर्ग नौजवानों के साथ विभिन्न राजनैतिक दल को लोग शामिल होकर मुस्लिम समुदाय के लोगों का हौसला अफजाई किया इस बीच जहां एक ओर जगह जगह अकीदतमंदो द्वारा लंगर का आयोजन किया गया था तो वहीं दूसरी ओर लोग डीजे बजाते हुए नारे तकबीर अल्लाह अकबर की सदा बुलन्द करते रहे।जुलूस में शामिल पप्पू लाल निषाद जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी यमुनापार प्रयागराज ने कहा कि बारह रबीउल अव्वल का त्योहार एकता अखंडता मानव सेवा से प्रेरित है मुहम्मद साहब आजीवन कमजोर शोषित वंचित बीमारों की सेवा करने का संदेश देने का कार्य किया।पवन कुमार चतुर्वेदी उर्फ राजू चौबे पूर्व नगर पंचायत प्रत्याशी कोरांव समाजवादी पार्टी ने कहा कि मुहम्मद साहब के जीवनी से समाज को प्रेरणा लेने की आवश्यकता है कि किस तरह मुहम्मद साहब खुद मुसीबत में रहते हुए लोगों की मदद करते थे और अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से समाज को अंधकार से निकाल कर उजाले की ओर लेकर आए उस वक्त के विपरीत परिस्थितियों में मुस्लिम धर्म की स्थापना करते हुए उसका विस्तार पूरे विश्व में किया।जुलूस में मुख्य रूप से सोमदत्त सिंह पटेल राजेश पांडे मेहताब खान नगर अध्यक्ष यूसुफ अली नौशाद अंसारी शहादत अली हारून अंसारी विनय सोनकर यूनुस अली कमाता यादव प्रदीप निषाद कृपा शंकर बिंद मनोवर अंसारी महबूब अंसारी गुलज़ार अली मौलाना तहफ्फुज अली मौलाना शौकत अली मौलाना सरफुद्दीन रजवी रविंद्र जैसल पवन सोनकर सुमन कोल सीमा अंसारी अजीत यादव राम निरंजन विश्वकर्मा आदि।वही ग्राम प्रधान अमिलियापाल मो.ललन के नेतृत्व में अकीदत एवं शानो शौकत के साथ बारह रबीउल अव्वल का जुलूस निकाला गया।इस मौके पर मय फोर्स के साथ इंस्पेक्टर कोरांव राकेश कुमार बर्मा उपस्थित रहे।

पैगंबर-ए-इस्लाम की याद में मरीजों में बांटा फल

गोरखपुर। पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के जन्मदिवस के 1500 साल मुकम्मल होने की खुशी में शहर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी सिलसिले में बुधवार को पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की याद में दावते इस्लामी इंडिया के गरीब नवाज रिलीफ फाउंडेशन (जीएनआरएफ) ने जिला अस्पताल में मरीजों के बीच फल बांट कर दुआ हासिल की।

संगठन के फरहान अत्तारी ने कहा कि पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने गरीबों व जरूरतमंदों की सेवा को सच्ची सेवा बताया है। पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम खुद गरीबों, यतीमों व मजलूमों की मदद किया करते थे। उनके जन्मदिवस पर उनकी सोच को कृतार्थ करने के लिए मरीजों के बीच फल बांटा जा रहा है। इस मौके पर गुलाम वारिस, मौलाना आमिर मदनी, सलमान अत्तारी, बेलाल अत्तारी, शहजाद अत्तारी, वसीउल्लाह अत्तारी, अलमाश अत्तारी, आदि मौजूद रहे।

मुहम्मद तौहीद, रहमत अली, इनाया फातिमा ने जीता मुकाबला

गोरखपुर। मदरसा अंजुमन इस्लामिया खूनीपुर में जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी व इनामी मुकाबले का आयोजन हुआ। किरात के मुकाबले में मुहम्मद तौहीद ने पहला, मुहम्मद एमन ने दूसरा, मुहम्मद ओवैस व मुहम्मद हसन ने तीसरा स्थान हासिल किया। नातिया मुकाबले में अब्दुल हन्नान ने पहला, रहमत अली ने दूसरा व इनाया फातिमा ने तीसरा स्थान हासिल किया। तकरीरी मुकाबले में मुहम्मद हुजैफा ने पहला, मुहम्मद फजल ने दूसरा व नूरुल होदा ने तीसरा स्थान हासिल किया। कामयाब बच्चों को अतिथियों ने ट्राफी व गिफ्ट देकर हौसला अफजाई की। सीरते रसूले अकरम किताब भी दी गई। अध्यक्षता महबूब सईद हारिस ने की। संचालन डॉ. अजीम फारूकी व कारी शराफत हुसैन कादरी ने किया। अतिथियों का स्वागत मदरसे के प्रिंसिपल कारी नसीमुल्लाह ने किया।

मुफ्ती अख्तर हुसैन मन्नानी व मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही ने पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की मुकद्दस सीरत बयान की। मुल्क में अमन शांति की दुआ के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

गुडंबा में पटाखा विस्फोट कांड, पुलिस की लापरवाही से तबाही, अब छापेमारी की कार्रवाई

लखनऊ । गुडंबा इलाके के बेहटा और सेमरा गांव में रविवार को हुए धमाकों ने पुलिस-प्रशासन की नींद उड़ा दी है। जिन घरों में अवैध पटाखा फैक्ट्री और गोदाम चल रहे थे, वहां विस्फोट से दो लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग गंभीर रूप से झुलस गए। चौंकाने वाली बात यह है कि हादसा माल थाने से चंद दूरी पर हुआ, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।

बम निरोधक दस्ते की संयुक्त टीम गांवों में उतरी

सोमवार को जैसे ही मामला तूल पकड़ने लगा, पुलिस-प्रशासन, अग्निशमन विभाग और बम निरोधक दस्ते की संयुक्त टीम गांवों में उतरी और छापेमारी शुरू कर दी। कई घरों से भारी मात्रा में पटाखे, बारूद और निर्माण सामग्री बरामद हुई। बम निरोधक दस्ते ने बरामद बारूद को निष्क्रिय किया। बताया जा रहा है कि यह अवैध कारोबार वर्षों से चल रहा था और स्थानीय पुलिस की जानकारी में भी था।

हादसे में मारे गए आलम को गांववाले चूड़ी बेचने वाला समझते थे

सूत्रों के मुताबिक फैक्ट्री अली अहमद, शेरू और नसीम के नाम पर चलाई जा रही थी। हादसे में मारे गए आलम को गांववाले चूड़ी बेचने वाला समझते थे, लेकिन उसके घर को भी पटाखों का भंडारण और निर्माण केंद्र बनाया गया था। अब आलम, उसके भतीजे शेरू, शोएब, अली अहमद और टीनू के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इनमें गैर इरादतन हत्या और विस्फोटक अधिनियम की धाराएं लगाई गई हैं। हालांकि नामजद आरोपी फरार हैं।

बेहटा चौकी इंचार्ज और बीट सिपाही को निलंबित

हादसे के बाद पुलिस पर सवाल और गहरे हो गए। यही वजह है कि डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने तुरंत बेहटा चौकी इंचार्ज और बीट सिपाही को निलंबित कर दिया है। साथ ही एडीसीपी पूर्वी पंकज सिंह की अगुवाई में जांच कमेटी बनाई गई है, जो यह देखेगी कि आखिर पुलिस को अवैध पटाखा कारोबार की भनक क्यों नहीं लगी।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों के शरीर पर गहरी जलन और चोटें पाई गईं

इस घटना में आलम और उसकी पत्नी मुन्नी की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों के शरीर पर गहरी जलन और चोटें पाई गईं। दोनों को सोमवार शाम कब्रिस्तान में दफनाया गया। वहीं, आलम का बेटा इरशाद और पड़ोसी नदीम गंभीर रूप से झुलस गए हैं और ट्रॉमा सेंटर में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।गांववालों का कहना है कि अवैध पटाखा कारोबार की जानकारी लंबे समय से पुलिस को थी, लेकिन मिलीभगत और लापरवाही के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई। हादसे के बाद की गई छापेमारी को लोग सिर्फ दिखावा बता रहे हैं।

गुडंबा के बेहटा और सेमरा गांव में धमाकों से दहशत

बेहटा और सेमरा गांव में हुए दो धमाकों ने पूरे इलाके को दहला दिया। सोमवार को भी गांव में मातम और खौफ का माहौल बना रहा। हालात इतने खराब थे कि जैसे ही बिजली चमकती या बादल गरजते, लोग सहमकर घरों से बाहर निकल जाते और खाली मैदानों में पनाह लेने लगते।गांव की सरोज ने बताया कि रविवार शाम वह नवजात पोते को गोद में लेकर खिला रही थीं, तभी अचानक जोरदार धमाके होने लगे। घबराहट में पोता गोद से गिरते-गिरते बचा और परिवार को भागकर घर से बाहर निकलना पड़ा। वहीं, सुशीला नाम की महिला ने बताया कि धमाके की आवाज से उनकी जेठानी बेहोश हो गई थीं, जिन्हें आनन-फानन डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा।

धमाकों ने ग्रामीणों को मानसिक रूप से हिला दिया

धमाकों ने ग्रामीणों को मानसिक रूप से हिला दिया है। सब्जी विक्रेता रंजीत ने कहा कि धमाके से ठीक पहले वह आलम के घर के बाहर बैठे थे। जैसे ही घर पहुंचे, जोरदार विस्फोट हुआ और धुएं का गुबार निकलता देखा। रात भर आंखें मूंदते ही वही भयावह मंजर सामने आने लगता। राजेश्वरी नाम की महिला ने बताया कि धमाका इतना तेज था कि पहले तो लगा जैसे कोई हवाई जहाज गिरा हो। जब तक सच्चाई का पता चला, लोग अपने घर छोड़कर भाग चुके थे।

धमाके की गूंज अभी तक कानों में

सेमरा गांव के मोहम्मद शारिक ने बताया कि शाम को बकरियों को चारा खिला रहे थे, तभी पटाखों के गोदाम में विस्फोट हुआ और वह कुछ दूरी पर जा गिरे। वह तो बच गए, लेकिन उनकी बकरी की मौत हो गई। इसी गांव के राहुल ने कहा कि वह बेटे के साथ छत पर खड़े थे, तभी तेज धमाके के साथ धुआं और आग की लपटें उठीं। धमाके की गूंज अभी तक कानों में है।

लोग पूरी रात जागकर और खुले मैदान में रहकर गुजारने को मजबूर

ग्रामीण युगराज ने कहा कि दो गांवों में धमाकों के बाद पूरे इलाके में खौफ का माहौल है। लोग पूरी रात जागकर और खुले मैदान में रहकर गुजारने को मजबूर हुए।इसी बीच, बाराबंकी के अमरसंडा निवासी महबूब का दर्द भी सामने आया। उन्होंने रोते हुए बताया कि पाई-पाई जोड़कर बेहटा में घर बनाया था, जिसे किराए पर दिया था। धमाके में पूरा घर बर्बाद हो गया और अब छत के ऊपर रखा टीन शेड भी ढह चुका है।

मकान सबकुछ मलबे में दब गया

किरायेदार अजीज ने बताया कि राशन, गृहस्थी और मकान सबकुछ मलबे में दब गया। बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए और रात तिरपाल डालकर गुजारनी पड़ी। धमाकों के बाद से ग्रामीणों में यह सवाल गूंज रहा है कि आखिर कब तक ऐसे अवैध पटाखा कारोबार जान-माल के लिए खतरा बने रहेंगे और पुलिस-प्रशासन कब जागेगा।
मालेगांव ब्लास्ट केस में भागवत को गिरफ्तार करने का मिला था आदेश? एटीएस के पूर्व अधिकारी का दावा

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मालेगांव में हुए धमाके को लेकर मुंबई की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को इस मामले के सभी सात आरोपियों को बरी करने का आदेश जारी किया है। मालेगांव धमाके में बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी इस मामले में एक मुख्य आरोपी थीं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इन सभी आरोपियों के खिलाफ जो भी सबूत पेश किए हैं वो इतने काफी नहीं हैं, जिन्हें आधार मानकर आरोपियों को सजा दी जा सके। कोर्ट का यह फैसला 17 साल के लंबे इंतजार के बाद आया। अब इस मामले में एक बड़ा चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ब्लास्ट की जांच में शामिल एक पूर्व अधिकारी ने दावा किया है कि उन्हें इस केस में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का आदेश मिला था।

क्यों दिया गया मोहन भागवत की गिरफ्तारी का आदेश?

आतंकवाद निरोधी दस्ते यानी एटीएस के एक पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर ने यह सनसनीखेज दावा किया है। महबूब मुजावर ने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था।मालेगांव ब्लास्ट केस में फैसला आने के बाद इस पर रिएक्शन देते पूर्व इंस्पेक्टर महबूब मुजावर ने बताया है कि उन्हें संघ के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था। मुजावर के मुताबिक, भागवत को गिरफ्तार करने के ऑर्डर का मकसद 'भगवा आतंकवाद' की थ्योरी का स्थापित करना था।

“सीधे तौर मोहन भागवत को फंसाने के निर्देश दिए गए”

पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर ने कहा, मुझे इस केस में इसलिए शामिल किया गया था ताकि ‘भगवा आतंकवाद’ को साबित किया जा सके। मुझे सीधे तौर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को फंसाने के निर्देश दिए गए थे, और ये आदेश तत्कालीन मालेगांव धमाके के प्रमुख जांच अधिकारी परमबीर सिंह और उनके उपर के अधिकारियों ने दिए थे। उन्होंने आगे बताया कि, सरकार और एजेंसियों का मकसद यह था कि मोहन भागवत और अन्य निर्दोष लोगों को इस मामले में फंसाया जाए। भगवा आतंकवाद की पूरी संकल्पना एक झूठ थी।

“भगवा आतंकवाद की थ्योरी पूरी तरह से झूठी थी”

मुजावर ने दावा किया भगवा आतंकवाद की जो थ्योरी थी वो पूरी तरह से झूठी थी। उन्होंने बताया कि इस मामले में मेरे ऊपर कई फर्जी केस भी लगाए। लेकिन बाद में कोर्ट से मैं निर्दोष साबित हुआ। मुजावर ने कहा कि मैं ये नहीं कह सकता कि एटीएस ने उस समय क्या जांच की और क्यों। लेकिन मुझे राम कलसांगरा, संदीप डांगे, दिलीप पाटीदार और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जैसे लोगों के बारे में कुछ गोपनीय आदेश दिए गए थे। ये सभी आदेश ऐसे नहीं थे कि उनका पालन किया जा सके। मोहन भागवत जैसी बड़ी हस्ती को पकड़ना मेरी क्षमता से परे था। चूंकि मैंने इन आदेशों का पाल नहीं किया इसलिए मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया और इसने मेरे 40 साल के करियर को बर्बाद कर दिया।

पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से किया सवाल

मुजावर ने यह भी दावा किया कि जिन संदिग्धों संदीप डांगे और रामजी कलसंगरा की हत्या हो चुकी थी, उन्हें जानबूझकर चार्जशीट में जिंदा दिखाया गया। मुझे आदेश दिया गया कि उनकी लोकेशन ट्रेस करो, जबकि वो मर चुके थे। मेहबूब मुजावर ने यह भी बताया कि जब उन्होंने इन बातों का विरोध किया और गलत काम करने से इनकार किया, तो उन पर झूठे केस थोपे गए। मुझ पर झूठे मुकदमे डाले गए, लेकिन मैं निर्दोष साबित हुआ। मुजावर ने पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्हें अब सामने आकर बताना चाहिए कि “क्या हिंदू आतंकवाद जैसी कोई थ्योरी वास्तव में थी?

पहला मामला जब किसी ब्लास्ट में हिंदुओं को आरोपी बनाया गया

बता दें कि 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के उत्तर में स्थित मालेगांव शहर में एक जबरदस्त धमाका हुआ। शुरू में एटीएस को शक था कि इसमें स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) जैसे प्रतिबंधित मुस्लिम संगठनों का हाथ हो सकता है, क्योंकि पहले हुए धमाकों में पाकिस्तान समर्थित और देशी मुस्लिम आतंकी संगठनों की भूमिका सामने आ चुकी थी। लेकिन एटीएस के तत्कालीन प्रमुख, दिवंगत आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे के नेतृत्व में हुई जांच ने देश को चौंका दिया। बाद में जांच में सामने आया कि मालेगांव ब्लास्ट में शामिल सभी आरोपी हिंदू थे और इसे "भगवा आतंकवाद" का मामला बताया गया।

बिहार में 'SIR' पर सियासी घमासान: तेजस्वी यादव बोले - 'यह लोगों के अस्तित्व को खत्म करने की साजिश'*
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पटना: बिहार विधानसभा में 'स्पेशल समरी रिवीजन' (SIR) प्रक्रिया को लेकर जारी गतिरोध के बीच, नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार सरकार और केंद्र पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने अपने आवास 01 पोलो रोड, पटना में महागठबंधन के विधायकों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि SIR के माध्यम से लोगों के अस्तित्व और हर तरह की सरकारी योजनाओं से वंचित करने की साजिश रची जा रही है, और सत्ता पक्ष चुनाव आयोग के पक्ष में खड़ा होकर जनता के नागरिक अधिकार को कमजोर करना चाहता है। सदन में अभद्र भाषा का प्रयोग: तेजस्वी यादव का आरोप तेजस्वी यादव ने बताया कि उन्होंने SIR के मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की थी और इस पर चर्चा का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे अध्यक्ष की अनुमति से अपनी बात रख रहे थे, तो उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और अन्य मंत्रीगण ने "हल्की" और "अमर्यादित व अभद्र" भाषा का इस्तेमाल कर सदन की गरिमा गिराने का काम किया। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने खबरों में बने रहने के लिए इस तरह की भाषा का प्रयोग किया, जो सही नहीं है। इस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश राम, कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान, भाकपा माले विधायक दल के नेता कामरेड महबूब आलम, सीपीआई एम विधायक दल के नेता कॉमरेड अजय कुमार, सीपीआई के विधायक दल के नेता कॉमरेड सूर्यकांत पासवान, पूर्व मंत्री श्री आलोक कुमार मेहता, विधायक भाई वीरेंद्र, राजद प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता श्री राजेश सिंह राठौर सहित महागठबंधन के कई प्रमुख नेता उपस्थित थे। "मुख्यमंत्री सरकार चलाने लायक नहीं, चुनाव आयोग मोदी-शाह के इशारे पर काम कर रहा" तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि जब विपक्ष सदन में अपनी बात गंभीरतापूर्वक रखता है, तो सत्ता पक्ष जवाब देने की बजाय अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है। उन्होंने सवाल किया कि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहीं भी "घुसपैठिए" की बात क्यों नहीं की, और न ही भाजपा के किसी बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) ने ऐसी कोई शिकायत दर्ज की है। उन्होंने पूछा कि अगर ऐसी बातें हैं, तो 2005 से 2025 तक नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार और 2014 से केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद इस तरह के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं, और इसके लिए जिम्मेदार कौन है? तेजस्वी ने दावा किया कि केंद्र और राज्य सरकार अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वह चर्चा कर रहे थे, तब मुख्यमंत्री ने बिना विषय समझे बीच में हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि "मुख्यमंत्री के इस तरह के बयान से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो अब सरकार चलाने के लायक नहीं हैं।" तेजस्वी ने सीधे आरोप लगाया कि "नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर चुनाव आयोग काम कर रहा है।" उन्होंने कहा कि "सरकार में बैठे हुए लोग वोटर चुन रहे हैं, जबकि लोकतंत्र में वोटर सरकार चुनते हैं।" '55 लाख वोट काटने की साजिश, कल्याणकारी योजनाओं से वंचित करने का प्रयास' नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस तरह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करके लोगों के अस्तित्व को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वोटर लिस्ट से नाम हटाए गए, तो लोग सभी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं जैसे पेंशन, राशन, छात्रवृत्ति, आवास योजना आदि के लाभ से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने बिना विषय को समझे हस्तक्षेप किया और उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने मामले को बिगाड़ा। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि "इतने गंभीर मामले पर चर्चा में गंभीरता नहीं दिखना कहीं न कहीं सत्ता पक्ष के द्वारा मामले को भटकाने का प्रयास लगता है क्योंकि ये लोग नहीं चाहते हैं कि मतदाताओं के मताधिकार पर चर्चा हो।" तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में करीब 55 लाख वोट काटने की साजिश चल रही है, जिसमें सत्ता पक्ष की भूमिका स्पष्ट रूप से नजर आ रही है। उन्होंने दोहराया कि "चुनाव आयोग नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर कार्य कर रहा है।" उन्होंने चुनाव आयोग के "मनमाने रवैये" और केंद्र सरकार के इशारे पर "अपारदर्शी तरीके से मतदाता सूची में धांधली" को लोकतंत्र के लिए अत्यंत खतरनाक बताया। महागठबंधन के अन्य नेताओं ने भी SIR को बताया 'लोकतंत्र के अस्तित्व पर हमला' संवाददाता सम्मेलन में मौजूद अन्य महागठबंधन के नेताओं ने भी तेजस्वी यादव के आरोपों का समर्थन किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश राम ने कहा कि सदन सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए अपनी बात रखने और चर्चा करने के लिए होता है, लेकिन आज सत्ता पक्ष ने जानबूझकर ऐसा माहौल बनाया ताकि मुद्दे को भटकाया जा सके। सीपीआई एमएल के कामरेड महबूब आलम ने SIR को "लोकतंत्र के अस्तित्व को खत्म करने का साजिश" बताया। उन्होंने सवाल किया कि यह प्रक्रिया पूरे देश में नहीं करके बिहार में क्यों की जा रही है, जबकि तीन महीने बाद ही चुनाव हैं। सीपीआई एम के कामरेड अजय कुमार ने इसे "नागरिक अधिकार छीनने की साजिश" बताया और कहा कि यह भाजपा के इशारे पर "चुनाव को हाईजैक करने का मामला" है। सीपीआई के विधायक दल के नेता कामरेड सूर्यकांत पासवान ने कहा कि बोलने और वोट देने के अधिकार को कुचला जा रहा है। उन्होंने घोषणा की कि वे किसी के भी नागरिक अधिकार और वोट के अधिकार को छीनने नहीं देंगे और ऐसी साजिशों को नाकाम करने के लिए सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेंगे।
सातवीं मुहर्रम : इमाम हुसैन ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ी सबसे बड़ी जंग

गोरखपुर। गुरुवार ‘जिक्रे शुहदाए कर्बला’ महफिलों के नाम रहा। उलमा किराम ने दीन-ए-इस्लाम, शहादत और कर्बला के बाबत विस्तार से बयान किया। सातवीं मुहर्रम को करीब एक दर्जन से अधिक मस्जिदों में ‘जिक्रे शुहदाए कर्बला’ महफिलों का दौर जारी रहा। मुहर्रम की सातवीं तारीख को जालिम यजीदियों ने हजरत इमाम हुसैन व उनके साथियों के लिए पानी पर रोक लगा दी थी। कर्बला का वाकया सुनकर अकीदतमंद इमाम हुसैन की याद में डूब गए। फातिहा ख्वानी हुई। रहमतनगर में लंगरे हुसैनी बांटा गया। वहीं गौसे आजम फाउंडेशन के समीर अली, मो. फैज, रियाज अहमद, मो. जैद, अमान अहमद, मो. जैद कादरी, अहसन खान ने गोरखनाथ में लंगरे हुसैनी बांटा।

महिलाओं की महफिल में लगा या हुसैन, या हुसैन का नारा

सातवीं मुहर्रम को न्यू कॉलोनी तुर्कमानपुर में मुस्लिम महिलाओं की जिक्रे शुहदाए कर्बला महफिल हुई। महिलाओं की जुबां पे या हुसैन, या हुसैन का नारा जारी रहा। मुख्य वक्ता शिफा खातून ने कहा कि अल्लाह के आखिरी पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के नवासे हजरत इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान में आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ी जंग लड़ी और इंसानियत व दीन-ए-इस्लाम को बचाने के लिए अपने साथियों की कुर्बानी दी। शहादत-ए-इमाम हुसैन ने दीन-ए-इस्लाम की अजमत को कयामत तक के लिए बचा लिया। पूरी दुनिया को पैगाम दिया कि अन्याय व जुल्म के सामने सर झुकाने से बेहतर है सर कटा दिया जाए। यह पूरी दुनिया के लिए त्याग व कुर्बानी की बेमिसाल शहादत है। महफिल में सना फातिमा, सादिया नूर, फिजा खातून, शिफा नूर, अलीशा खान, गुल अफ्शा खातून, मुबश्शिरा, मुअज्जमा आदि मौजूद रहीं।

जाफरा बाजार में लगी पोस्टर प्रदर्शनी 'हमारे हैं हुसैन'

जाफरा बाजार में पोस्टर प्रदर्शनी 'हमारे हैं हुसैन' लगाई गई। लोगों को इमाम हुसैन की तालीमात से अवगत कराया गया। कारी मुहम्मद अनस रजवी व हाफिज रहमत अली निजामी ने कहा कि जालिम यजीद को सत्य से हमेशा भय रहा, इसलिए अपनी कूटनीति से उसने कर्बला के मैदान में पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के परिवारजन एवं समर्थकों को अपनी फौज से तीन दिनों तक भूखा प्यासा रखने के बाद शहीद करा दिया। पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया है कि कोई बंदा मोमिने कामिल तब तक नहीं हो सकता जब तक कि मैं उसको उसकी जान से ज्यादा प्यारा न हो जाऊं और मेरी औलाद उसको अपनी जान से ज्यादा प्यारी न हो और मेरे घराने वाले उसको अपने घराने वालों से ज्यादा महबूब न हों।

महफिल जिक्रे शुहदाए कर्बला जारी

गाजी मस्जिद गाजी रौजा में महफिल जिक्रे शुहदाए कर्बला के तहत मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन ने कहा कि अहले बैत (पैगंबर के घर वाले) से मुहब्बत करने वाला जन्नत में जाएगा। हजरत इमाम हुसैन की शहादत हमें इंसानियत का शिक्षा देती है। पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया है कि जो शख्स अहले बैत से दुश्मनी रखता है वह मुनाफिक है।

रसूलपुर जामा मस्जिद में मौलाना जहांगीर अहमद ने कहा कि इस्लाम की तारीख शहादतों से भरी पड़ी है। पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बताए इस्लाम को समझना है तो पहले कर्बला को जानना बेहद जरूरी है। इमाम हुसैन हक की जंग तभी जीत गए थे जब सिपहसालार ‘हुर' यजीद की हजारों की फौज छोड़कर मुट्ठी भर हुसैनी लश्कर में अपने बेटों के साथ शामिल हो गए थे। हुर जानते थे कि इमाम हुसैन की तरफ जन्नती लोग हैं और यजीद की तरफ जहन्नमी लोग हैं।

गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद ने कहा कि इमाम हुसैन के साथ मक्का शरीफ से इराक की ओर सफर करने वालों में आपके तीन पुत्र हजरत अली औसत (इमाम जैनुल आबेदीन), हजरत अली अकबर, छह माह के हजरत अली असगर शामिल थे। इमाम हुसैन के काफिले में कुल 91 लोग थे। जिसमें 19 अहले बैत (पैगंबरे इस्लाम के घर वाले) और अन्य 72 जांनिसार थे। अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में अमन, अमान व तरक्की की दुआ मांगी गई।

एसआई पर एक लाख रुपये की ठगी का गंभीर आरोप, पीड़ित ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र

सम्भल। थाना हजरत नगर गढ़ी, सम्भल में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 45/2025 की विवेचना कर रहे उपनिरीक्षक सुनील कुमार पर एक लाख रुपये की ठगी और मामले की जांच में पक्षपात करने का गंभीर आरोप लगाया गया है।प्रकरण में पीड़ित मोहम्मद फिरोज खान हिंदुस्तानी, जो एक सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व लोकसभा प्रत्याशी हैं, ने इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य उच्च अधिकारियों को पत्र भेजकर जांच की मांग की है।

आरोपी से गिरफ्तारी के नाम पर मांगे पैसे

पत्र के अनुसार, मुकदमे की विवेचना कर रहे एसआई सुनील कुमार ने आरोपित की गिरफ्तारी के नाम पर मोहम्मद फिरोज से एक लाख रुपये की रकम ले ली, लेकिन न तो गिरफ्तारी की और न ही रकम वापस की। जब फिरोज ने दोबारा संपर्क किया तो एसआई ने उनका मोबाइल नंबर और व्हाट्सएप ब्लॉक कर दिया।

झूठा मुकदमा दर्ज कराने का आरोप

फिरोज खान ने यह भी आरोप लगाया है कि एसआई सुनील कुमार ने आरोपी से मिलकर फिरोज और उनके परिजनों के खिलाफ झूठे व फर्जी मुकदमे दर्ज कराने की साजिश रची। उन्होंने बताया कि इसी थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति शाहरुख पुत्र महबूब के जरिए झूठी शिकायतें कराई गईं, जिनकी जांच भी खुद सुनील कुमार ही कर रहे हैं।

न्याय की उम्मीद खत्म, विवेचना अन्य थाने को सौंपी जाए

पीड़ित ने यह भी बताया कि वह 26 मई को मुरादाबाद आईजी और 3 जून को सम्भल एसपी से मिलकर इस पूरे प्रकरण की शिकायत कर चुके हैं। लेकिन अब तक कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई है। इसलिए उन्होंने मुकदमे की विवेचना हजरत नगर गढ़ी से हटाकर किसी अन्य थाने को सौंपने की मांग की है।

उच्च अधिकारियों से की यह मांगें

विवेचक द्वारा लिए गए एक लाख रुपये वापस कराए जाएं।

विवेचना किसी अन्य थाने या अधिकारी को सौंपे जाने का आदेश हो।

विवेचक सुनील कुमार के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कर सख्त कार्रवाई हो।

पुलिस विभाग की निष्पक्षता और ईमानदारी की सार्वजनिक छवि सुरक्षित रखी जाए।

दस्तावेज भी भेजे गए साथ

प्रार्थना पत्र के साथ शिकायतकर्ता ने विवेचना स्थानांतरण हेतु उच्च अधिकारियों को पूर्व में दिए गए प्रार्थना पत्रों की छायाप्रति,मोबाइल नंबरों के कॉल डिटेल व चैट स्क्रीनशॉट,

और आरोपी द्वारा किए गए व्यवहार से जुड़े डिजिटल साक्ष्य भी संलग्न किए हैं।

जोशीली अपील

"भ्रष्ट कर्मचारियों को सेवाओं से मुक्त करो योगीजी!"

पत्र के अंत में फिरोज खान ने भावनात्मक अपील करते हुए लिखा –

"बहन-बेटियों, वंचितों व शोषितों को न्याय दिलाने की लड़ाई जारी रहेगी। नौकरशाही के भ्रष्टाचार से प्रदेश को मुक्त कर सच्चे सुशासन की स्थापना हो।"

*भदोही में इंडिया कार्पेट एक्सपो की नई तारीख:11-14 अक्टूबर को होगा आयोजन, अंतरराष्ट्रीय स्थिति के चलते बदला कार्यक्रम*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सितंबर में भदोही में प्रस्तावित इंडिया कारपेट एक्सपो को एक महीने के लिए टाल दिया गया है। कारपेट एक्सपो पहले 18 से 21 सितंबर तक होना था, लेकिन अब यह 11 से 14 अक्तूबर को प्रस्तावित कर दिया गया है। यह निर्णय भदोही में हुए कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) के बोर्ड बैठक में लिया गया। बोर्ड सदस्य ने कहा कि यह फैसला दुनिया में हालात ठीक नहीं होने तथा आयातकों से मिले फीडबैक के आधार पर लिया गया है। बैठक में परिषद के नए बाईलाज के अनुसार चुनाव कराने, कालीन मेले में मुख्यमंत्री को निमंत्रण देने सहित अन्य कई विषयों पर भी चर्चा हुई।

परिषद की प्रशासनिक समिति के सदस्य इम्तीयाज अंसारी ने बताया कि बोर्ड बैठक में चेयरमैन कुलदीप राज वाटल भी सम्मिलित हुए। बैठक में सदस्यों की ओर से आयातकों की ओर आ रहे फीड बैक पर चर्चा की गई। लगभग सभी का मत था कि ईरान-इस्राइल, अमरीका, रूस, यूक्रेन, कतर आदि देशों में हालात ठीक नहीं होने से अधिकतर खरीदार सितंबर में भारत आने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में बोर्ड सदस्यों की सहमति से कालीन मेले को अक्तूबर में आयोजित करने का निर्णय लिया। तय किया कि अब नए सिरे से दुनिया भर के आयातकों को निमंत्रण भेजा जाए साथ ही भारत के निर्यातकों को भी सूचित किया जाए।

बैठक में नए बाइलाज पर विस्तृत चर्चा की गई। तय किया गया कि अक्तूबर में कालीन मेले में आयोजन के बाद परिषद के उपाध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा। मार्ट में स्वचालित सीढ़ी लगाने में तेजी लाने के लिए लोगों ने जिलाधिकारी से भी आग्रह किया है। बैठक में परिषद के आय-व्यय समेत अन्य कई बिंदुओं पर भी चर्चा की गई। बैठक में परिषद की कार्यकारी निदेशक व सचिव डॉ. स्मिता नागरकोटि के अलावा सदस्यगण संजय गुप्ता, रवि पाटोदिया, पीयूष बरनवाल, असलम महबूब, रोहित गुप्ता, शेख आशिक, शौकत खान, दीपक खन्ना, सूर्यमणि तिवारी, मेहराज यासीन आदि लोग थे।

अगर संविधान बचेगा तो देश बचेगा : आरिफ तुर्की

संभल। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी व उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर चल रहे प्रदेश भर में संविधान बचाओ सम्मेलन व संगठन पर एक कार्यक्रम का आयोजन असमोली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम राया बुजुर्ग में पूर्व प्रत्याशी विधानसभा असमोली हाजी महबूब आलम साहब के आवास पर विधान सभा असमोली व ब्लॉक असमोली के संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी पदाधिकारीयों कार्यकतार्ओं ने संविधान बचाओ सम्मेलन पर अपने-अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए।

जिला अध्यक्ष आरिफ तुर्की ने कहा कि अगर संविधान बचेगा तो देश बचेगा इसलिए देश की आत्मा को बचाने के लिए संविधान को बचाना समय की आवश्यकता है। वर्तमान सरकार इसको खत्म करने का प्रयास कर रही है। शहर अध्यक्ष संभल शिवकिशोर गौतम जी ने कहा कि देश में वर्तमान सरकार संविधान के मूल ढांचे को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। पूर्व शहर अध्यक्ष तौकीर अहमद साहब ने कहा कि कांग्रेस संविधान और आजादी को बचाने की लड़ाई लड़ती रही है और आगे भी लड़ती रहेगी। मुख्य अतिथि के रूप में जिला कोआॅर्डिनेटर परवेज आरिफ टीटू जी ने कहा कि भारत का संविधान भारत के हर नागरिक की आवाज है अगर इस आवाज को दबा दिया गया तो हिंदुस्तान गूंगा हो जाएगा। और बीजेपी इसी के लिए प्रयासरत है लेकिन हम उसके मंसूबों में उसे कामयाब नहीं होने देंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता हाजी मरगूब आलम ने की और संचालन फाजिÞल अंसारी ने किया। इस कार्यक्रम में जिला को-आॅर्डिनेटर परवेज आरिफ टीटू, जिला अध्यक्ष श्री आरिफ तुर्की,संभल शहर अध्यक्ष श्री शिव किशोर गौतम जी,पूर्व शहर अध्यक्ष श्री तौकीर अहमद, निवर्तमान अल्पसंख्यक जिला अध्यक्ष आरिफ तनवीर, असमोली ब्लॉक अध्यक्ष मनोज कुमार,संभल ब्लॉक अध्यक्ष पवन कुमार शर्मा,न्याय पंचायत अध्यक्ष रोहित त्यागी, न्याय पंचायत अध्यक्ष कदीर, नेकपुर न्याय पंचायत अध्यक्ष राहुल चौधरी, भटपुरा न्याय पंचायत अध्यक्ष,आशु पाल, असमोली न्याय पंचायत अध्यक्ष गुरदीप सिंह, हरथला न्याय पंचायत अध्यक्ष मोहम्मद हसन,सुबहानी भाई मोअज़्जम भाई, अकी़ल भाई, शफी सैफी, इरफान भाई, नुमान तुर्की, मुशर्रफ भाई, इसरार मलिक, गय्यूर भाई, शब्बू भाई सोशल मीडिया आउटरीच जिला अध्यक्ष दिलशाद सैफी हाजी मुस्लिम हाजी अहमद हुसैन वसीम नाजरे आलम अकील अहमद पनसुखा आरिफ फारूक निसार उर्फ भूरा इशरत जहां रानी परवीन आदि मौजूद रहे।

सीईपीसी में अब महिला, युवा उद्यमी और पूर्वोत्तर के निर्यातकों को मिलेगी जगह

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। कालीन निर्यातक संवर्धन परिषद (सीईपीसी) की 18 सदस्यीय टीम में अब महिला, युवा और पूर्वोत्तर के निर्यातकों के अलावा एक्सपोर्ट हाउसेस को भी जगह मिलेगी। इसके अलावा अब किसी चेयरमैन को दो तिहाई बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव लाकर हटाया जा सकेगा। सीईपीसी के नए बाइलाज में ये महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। नए बाइलाज को भारत सरकार ने स्वीकृति भी दे दी है। सीईपीसी आगामी दो से तीन महीने के भीतर नए बाइलाज के अनुसार अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करा सकती है।

 सीईपीसी के नए बाइलाज के अनुसार कोई चेयरमैन चार वर्ष के अंतराल पर ही पुन: उपाध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकेगा। इसके अलावा सीईपीसी में अब उप्र कोटे से 9, शेष भारत कोटे से तीन और कश्मीर कोटे से दो प्रशासनिक सदस्य चुने जाएंगे। सीईपीसी में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को लेकर पहले की तरह 18 सदस्य ही होंगे, लेकिन उप्र और शेष भारत की एक-एक सीटें और कश्मीर कोटे की दो सीटें कम कर दूसरे क्षेत्रों से प्रतिनिधि चुने जाने की संस्तुति की गई है। नए बाइलाज के अनुसार सीईपीसी के प्रशासनिक समिति सदस्यों में अब निर्यातकों के अलावा एक महिला उद्यमी, एक सदस्य पूर्वोत्तर व पहाड़ी क्षेत्र से, एक सदस्य किसी ट्रेडिंग या एक्सपोर्ट हाऊस और एक सदस्य 40 वर्ष से कम उम्र का उद्यमी परिषद में भेजा जाएगा। अब कोई भी प्रशासनिक सदस्य लगातार दो बार ही निर्वाचित हो सकता है। इसके बाद दो वर्ष का गैप होना आवश्यक होगा।

शीघ्र हो सकता है सीईपीसी उपाध्यक्ष का चुनाव

कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के प्रशासनिक समिति के सदस्य असलम महबूब ने कहा कि मौजूदा चेयरमैन कुलदीप राज वाटल अंतरिम चेयरमैन हैं। ऐसे में अब नए बाईलाज के लागू होने के बाद सर्वप्रथम उपाध्यक्ष का चुनाव होगा, जो उपाध्यक्ष निर्वाचित होगा। उसे चेयरमैन की बागडौर सौंपी जाएगी। उपाध्यक्ष का चुनाव सीधे आम निर्यातक मतदाता ई-वोटिंग से करेंगे। चेयरमैन की बागडौर सौंपे जाने के बाद जैसे ही उपाध्यक्ष पद रिक्त होगा, तत्काल पुन: नए उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। चेयरमैन का कार्यकाल दो वर्ष का होगा और पुन: चार वर्ष के बाद ही पुन: चेयरमैन पद का चुनाव लड़ सकेगा। बताया कि आगामी 30 जून को भदोही में प्रशासनिक समिति की बैठक होने वाली है। इस बैठक में उपाध्यक्ष के चुनाव कराए जाने पर भी चर्चा होगी

अकीदत और शानो शौकत से निकला जुलूस ए मोहम्मदी

संजय द्विवेदी प्रयागराज। यमुनानगर अन्तर्गत तहसील कोरांव क्षेत्र में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अपने निर्धारित रास्ते से महुली कुदर देवघाट कोसफरा अल्हवा अमिलिया पाल समेत नगर पंचायत कोरांव में पूरे अकीदत एवं शानो शौकत के साथ बारह रबीउल अव्वल का जुलूस निकाला गया जिसमे बच्चे बुजुर्ग नौजवानों के साथ विभिन्न राजनैतिक दल को लोग शामिल होकर मुस्लिम समुदाय के लोगों का हौसला अफजाई किया इस बीच जहां एक ओर जगह जगह अकीदतमंदो द्वारा लंगर का आयोजन किया गया था तो वहीं दूसरी ओर लोग डीजे बजाते हुए नारे तकबीर अल्लाह अकबर की सदा बुलन्द करते रहे।जुलूस में शामिल पप्पू लाल निषाद जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी यमुनापार प्रयागराज ने कहा कि बारह रबीउल अव्वल का त्योहार एकता अखंडता मानव सेवा से प्रेरित है मुहम्मद साहब आजीवन कमजोर शोषित वंचित बीमारों की सेवा करने का संदेश देने का कार्य किया।पवन कुमार चतुर्वेदी उर्फ राजू चौबे पूर्व नगर पंचायत प्रत्याशी कोरांव समाजवादी पार्टी ने कहा कि मुहम्मद साहब के जीवनी से समाज को प्रेरणा लेने की आवश्यकता है कि किस तरह मुहम्मद साहब खुद मुसीबत में रहते हुए लोगों की मदद करते थे और अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से समाज को अंधकार से निकाल कर उजाले की ओर लेकर आए उस वक्त के विपरीत परिस्थितियों में मुस्लिम धर्म की स्थापना करते हुए उसका विस्तार पूरे विश्व में किया।जुलूस में मुख्य रूप से सोमदत्त सिंह पटेल राजेश पांडे मेहताब खान नगर अध्यक्ष यूसुफ अली नौशाद अंसारी शहादत अली हारून अंसारी विनय सोनकर यूनुस अली कमाता यादव प्रदीप निषाद कृपा शंकर बिंद मनोवर अंसारी महबूब अंसारी गुलज़ार अली मौलाना तहफ्फुज अली मौलाना शौकत अली मौलाना सरफुद्दीन रजवी रविंद्र जैसल पवन सोनकर सुमन कोल सीमा अंसारी अजीत यादव राम निरंजन विश्वकर्मा आदि।वही ग्राम प्रधान अमिलियापाल मो.ललन के नेतृत्व में अकीदत एवं शानो शौकत के साथ बारह रबीउल अव्वल का जुलूस निकाला गया।इस मौके पर मय फोर्स के साथ इंस्पेक्टर कोरांव राकेश कुमार बर्मा उपस्थित रहे।

पैगंबर-ए-इस्लाम की याद में मरीजों में बांटा फल

गोरखपुर। पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के जन्मदिवस के 1500 साल मुकम्मल होने की खुशी में शहर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी सिलसिले में बुधवार को पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की याद में दावते इस्लामी इंडिया के गरीब नवाज रिलीफ फाउंडेशन (जीएनआरएफ) ने जिला अस्पताल में मरीजों के बीच फल बांट कर दुआ हासिल की।

संगठन के फरहान अत्तारी ने कहा कि पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने गरीबों व जरूरतमंदों की सेवा को सच्ची सेवा बताया है। पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम खुद गरीबों, यतीमों व मजलूमों की मदद किया करते थे। उनके जन्मदिवस पर उनकी सोच को कृतार्थ करने के लिए मरीजों के बीच फल बांटा जा रहा है। इस मौके पर गुलाम वारिस, मौलाना आमिर मदनी, सलमान अत्तारी, बेलाल अत्तारी, शहजाद अत्तारी, वसीउल्लाह अत्तारी, अलमाश अत्तारी, आदि मौजूद रहे।

मुहम्मद तौहीद, रहमत अली, इनाया फातिमा ने जीता मुकाबला

गोरखपुर। मदरसा अंजुमन इस्लामिया खूनीपुर में जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी व इनामी मुकाबले का आयोजन हुआ। किरात के मुकाबले में मुहम्मद तौहीद ने पहला, मुहम्मद एमन ने दूसरा, मुहम्मद ओवैस व मुहम्मद हसन ने तीसरा स्थान हासिल किया। नातिया मुकाबले में अब्दुल हन्नान ने पहला, रहमत अली ने दूसरा व इनाया फातिमा ने तीसरा स्थान हासिल किया। तकरीरी मुकाबले में मुहम्मद हुजैफा ने पहला, मुहम्मद फजल ने दूसरा व नूरुल होदा ने तीसरा स्थान हासिल किया। कामयाब बच्चों को अतिथियों ने ट्राफी व गिफ्ट देकर हौसला अफजाई की। सीरते रसूले अकरम किताब भी दी गई। अध्यक्षता महबूब सईद हारिस ने की। संचालन डॉ. अजीम फारूकी व कारी शराफत हुसैन कादरी ने किया। अतिथियों का स्वागत मदरसे के प्रिंसिपल कारी नसीमुल्लाह ने किया।

मुफ्ती अख्तर हुसैन मन्नानी व मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही ने पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की मुकद्दस सीरत बयान की। मुल्क में अमन शांति की दुआ के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

गुडंबा में पटाखा विस्फोट कांड, पुलिस की लापरवाही से तबाही, अब छापेमारी की कार्रवाई

लखनऊ । गुडंबा इलाके के बेहटा और सेमरा गांव में रविवार को हुए धमाकों ने पुलिस-प्रशासन की नींद उड़ा दी है। जिन घरों में अवैध पटाखा फैक्ट्री और गोदाम चल रहे थे, वहां विस्फोट से दो लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग गंभीर रूप से झुलस गए। चौंकाने वाली बात यह है कि हादसा माल थाने से चंद दूरी पर हुआ, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।

बम निरोधक दस्ते की संयुक्त टीम गांवों में उतरी

सोमवार को जैसे ही मामला तूल पकड़ने लगा, पुलिस-प्रशासन, अग्निशमन विभाग और बम निरोधक दस्ते की संयुक्त टीम गांवों में उतरी और छापेमारी शुरू कर दी। कई घरों से भारी मात्रा में पटाखे, बारूद और निर्माण सामग्री बरामद हुई। बम निरोधक दस्ते ने बरामद बारूद को निष्क्रिय किया। बताया जा रहा है कि यह अवैध कारोबार वर्षों से चल रहा था और स्थानीय पुलिस की जानकारी में भी था।

हादसे में मारे गए आलम को गांववाले चूड़ी बेचने वाला समझते थे

सूत्रों के मुताबिक फैक्ट्री अली अहमद, शेरू और नसीम के नाम पर चलाई जा रही थी। हादसे में मारे गए आलम को गांववाले चूड़ी बेचने वाला समझते थे, लेकिन उसके घर को भी पटाखों का भंडारण और निर्माण केंद्र बनाया गया था। अब आलम, उसके भतीजे शेरू, शोएब, अली अहमद और टीनू के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इनमें गैर इरादतन हत्या और विस्फोटक अधिनियम की धाराएं लगाई गई हैं। हालांकि नामजद आरोपी फरार हैं।

बेहटा चौकी इंचार्ज और बीट सिपाही को निलंबित

हादसे के बाद पुलिस पर सवाल और गहरे हो गए। यही वजह है कि डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने तुरंत बेहटा चौकी इंचार्ज और बीट सिपाही को निलंबित कर दिया है। साथ ही एडीसीपी पूर्वी पंकज सिंह की अगुवाई में जांच कमेटी बनाई गई है, जो यह देखेगी कि आखिर पुलिस को अवैध पटाखा कारोबार की भनक क्यों नहीं लगी।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों के शरीर पर गहरी जलन और चोटें पाई गईं

इस घटना में आलम और उसकी पत्नी मुन्नी की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों के शरीर पर गहरी जलन और चोटें पाई गईं। दोनों को सोमवार शाम कब्रिस्तान में दफनाया गया। वहीं, आलम का बेटा इरशाद और पड़ोसी नदीम गंभीर रूप से झुलस गए हैं और ट्रॉमा सेंटर में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।गांववालों का कहना है कि अवैध पटाखा कारोबार की जानकारी लंबे समय से पुलिस को थी, लेकिन मिलीभगत और लापरवाही के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई। हादसे के बाद की गई छापेमारी को लोग सिर्फ दिखावा बता रहे हैं।

गुडंबा के बेहटा और सेमरा गांव में धमाकों से दहशत

बेहटा और सेमरा गांव में हुए दो धमाकों ने पूरे इलाके को दहला दिया। सोमवार को भी गांव में मातम और खौफ का माहौल बना रहा। हालात इतने खराब थे कि जैसे ही बिजली चमकती या बादल गरजते, लोग सहमकर घरों से बाहर निकल जाते और खाली मैदानों में पनाह लेने लगते।गांव की सरोज ने बताया कि रविवार शाम वह नवजात पोते को गोद में लेकर खिला रही थीं, तभी अचानक जोरदार धमाके होने लगे। घबराहट में पोता गोद से गिरते-गिरते बचा और परिवार को भागकर घर से बाहर निकलना पड़ा। वहीं, सुशीला नाम की महिला ने बताया कि धमाके की आवाज से उनकी जेठानी बेहोश हो गई थीं, जिन्हें आनन-फानन डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा।

धमाकों ने ग्रामीणों को मानसिक रूप से हिला दिया

धमाकों ने ग्रामीणों को मानसिक रूप से हिला दिया है। सब्जी विक्रेता रंजीत ने कहा कि धमाके से ठीक पहले वह आलम के घर के बाहर बैठे थे। जैसे ही घर पहुंचे, जोरदार विस्फोट हुआ और धुएं का गुबार निकलता देखा। रात भर आंखें मूंदते ही वही भयावह मंजर सामने आने लगता। राजेश्वरी नाम की महिला ने बताया कि धमाका इतना तेज था कि पहले तो लगा जैसे कोई हवाई जहाज गिरा हो। जब तक सच्चाई का पता चला, लोग अपने घर छोड़कर भाग चुके थे।

धमाके की गूंज अभी तक कानों में

सेमरा गांव के मोहम्मद शारिक ने बताया कि शाम को बकरियों को चारा खिला रहे थे, तभी पटाखों के गोदाम में विस्फोट हुआ और वह कुछ दूरी पर जा गिरे। वह तो बच गए, लेकिन उनकी बकरी की मौत हो गई। इसी गांव के राहुल ने कहा कि वह बेटे के साथ छत पर खड़े थे, तभी तेज धमाके के साथ धुआं और आग की लपटें उठीं। धमाके की गूंज अभी तक कानों में है।

लोग पूरी रात जागकर और खुले मैदान में रहकर गुजारने को मजबूर

ग्रामीण युगराज ने कहा कि दो गांवों में धमाकों के बाद पूरे इलाके में खौफ का माहौल है। लोग पूरी रात जागकर और खुले मैदान में रहकर गुजारने को मजबूर हुए।इसी बीच, बाराबंकी के अमरसंडा निवासी महबूब का दर्द भी सामने आया। उन्होंने रोते हुए बताया कि पाई-पाई जोड़कर बेहटा में घर बनाया था, जिसे किराए पर दिया था। धमाके में पूरा घर बर्बाद हो गया और अब छत के ऊपर रखा टीन शेड भी ढह चुका है।

मकान सबकुछ मलबे में दब गया

किरायेदार अजीज ने बताया कि राशन, गृहस्थी और मकान सबकुछ मलबे में दब गया। बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए और रात तिरपाल डालकर गुजारनी पड़ी। धमाकों के बाद से ग्रामीणों में यह सवाल गूंज रहा है कि आखिर कब तक ऐसे अवैध पटाखा कारोबार जान-माल के लिए खतरा बने रहेंगे और पुलिस-प्रशासन कब जागेगा।
मालेगांव ब्लास्ट केस में भागवत को गिरफ्तार करने का मिला था आदेश? एटीएस के पूर्व अधिकारी का दावा

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मालेगांव में हुए धमाके को लेकर मुंबई की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को इस मामले के सभी सात आरोपियों को बरी करने का आदेश जारी किया है। मालेगांव धमाके में बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी इस मामले में एक मुख्य आरोपी थीं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इन सभी आरोपियों के खिलाफ जो भी सबूत पेश किए हैं वो इतने काफी नहीं हैं, जिन्हें आधार मानकर आरोपियों को सजा दी जा सके। कोर्ट का यह फैसला 17 साल के लंबे इंतजार के बाद आया। अब इस मामले में एक बड़ा चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ब्लास्ट की जांच में शामिल एक पूर्व अधिकारी ने दावा किया है कि उन्हें इस केस में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का आदेश मिला था।

क्यों दिया गया मोहन भागवत की गिरफ्तारी का आदेश?

आतंकवाद निरोधी दस्ते यानी एटीएस के एक पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर ने यह सनसनीखेज दावा किया है। महबूब मुजावर ने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था।मालेगांव ब्लास्ट केस में फैसला आने के बाद इस पर रिएक्शन देते पूर्व इंस्पेक्टर महबूब मुजावर ने बताया है कि उन्हें संघ के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था। मुजावर के मुताबिक, भागवत को गिरफ्तार करने के ऑर्डर का मकसद 'भगवा आतंकवाद' की थ्योरी का स्थापित करना था।

“सीधे तौर मोहन भागवत को फंसाने के निर्देश दिए गए”

पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर ने कहा, मुझे इस केस में इसलिए शामिल किया गया था ताकि ‘भगवा आतंकवाद’ को साबित किया जा सके। मुझे सीधे तौर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को फंसाने के निर्देश दिए गए थे, और ये आदेश तत्कालीन मालेगांव धमाके के प्रमुख जांच अधिकारी परमबीर सिंह और उनके उपर के अधिकारियों ने दिए थे। उन्होंने आगे बताया कि, सरकार और एजेंसियों का मकसद यह था कि मोहन भागवत और अन्य निर्दोष लोगों को इस मामले में फंसाया जाए। भगवा आतंकवाद की पूरी संकल्पना एक झूठ थी।

“भगवा आतंकवाद की थ्योरी पूरी तरह से झूठी थी”

मुजावर ने दावा किया भगवा आतंकवाद की जो थ्योरी थी वो पूरी तरह से झूठी थी। उन्होंने बताया कि इस मामले में मेरे ऊपर कई फर्जी केस भी लगाए। लेकिन बाद में कोर्ट से मैं निर्दोष साबित हुआ। मुजावर ने कहा कि मैं ये नहीं कह सकता कि एटीएस ने उस समय क्या जांच की और क्यों। लेकिन मुझे राम कलसांगरा, संदीप डांगे, दिलीप पाटीदार और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जैसे लोगों के बारे में कुछ गोपनीय आदेश दिए गए थे। ये सभी आदेश ऐसे नहीं थे कि उनका पालन किया जा सके। मोहन भागवत जैसी बड़ी हस्ती को पकड़ना मेरी क्षमता से परे था। चूंकि मैंने इन आदेशों का पाल नहीं किया इसलिए मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया और इसने मेरे 40 साल के करियर को बर्बाद कर दिया।

पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से किया सवाल

मुजावर ने यह भी दावा किया कि जिन संदिग्धों संदीप डांगे और रामजी कलसंगरा की हत्या हो चुकी थी, उन्हें जानबूझकर चार्जशीट में जिंदा दिखाया गया। मुझे आदेश दिया गया कि उनकी लोकेशन ट्रेस करो, जबकि वो मर चुके थे। मेहबूब मुजावर ने यह भी बताया कि जब उन्होंने इन बातों का विरोध किया और गलत काम करने से इनकार किया, तो उन पर झूठे केस थोपे गए। मुझ पर झूठे मुकदमे डाले गए, लेकिन मैं निर्दोष साबित हुआ। मुजावर ने पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्हें अब सामने आकर बताना चाहिए कि “क्या हिंदू आतंकवाद जैसी कोई थ्योरी वास्तव में थी?

पहला मामला जब किसी ब्लास्ट में हिंदुओं को आरोपी बनाया गया

बता दें कि 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के उत्तर में स्थित मालेगांव शहर में एक जबरदस्त धमाका हुआ। शुरू में एटीएस को शक था कि इसमें स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) जैसे प्रतिबंधित मुस्लिम संगठनों का हाथ हो सकता है, क्योंकि पहले हुए धमाकों में पाकिस्तान समर्थित और देशी मुस्लिम आतंकी संगठनों की भूमिका सामने आ चुकी थी। लेकिन एटीएस के तत्कालीन प्रमुख, दिवंगत आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे के नेतृत्व में हुई जांच ने देश को चौंका दिया। बाद में जांच में सामने आया कि मालेगांव ब्लास्ट में शामिल सभी आरोपी हिंदू थे और इसे "भगवा आतंकवाद" का मामला बताया गया।

बिहार में 'SIR' पर सियासी घमासान: तेजस्वी यादव बोले - 'यह लोगों के अस्तित्व को खत्म करने की साजिश'*
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पटना: बिहार विधानसभा में 'स्पेशल समरी रिवीजन' (SIR) प्रक्रिया को लेकर जारी गतिरोध के बीच, नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार सरकार और केंद्र पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने अपने आवास 01 पोलो रोड, पटना में महागठबंधन के विधायकों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि SIR के माध्यम से लोगों के अस्तित्व और हर तरह की सरकारी योजनाओं से वंचित करने की साजिश रची जा रही है, और सत्ता पक्ष चुनाव आयोग के पक्ष में खड़ा होकर जनता के नागरिक अधिकार को कमजोर करना चाहता है। सदन में अभद्र भाषा का प्रयोग: तेजस्वी यादव का आरोप तेजस्वी यादव ने बताया कि उन्होंने SIR के मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की थी और इस पर चर्चा का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे अध्यक्ष की अनुमति से अपनी बात रख रहे थे, तो उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और अन्य मंत्रीगण ने "हल्की" और "अमर्यादित व अभद्र" भाषा का इस्तेमाल कर सदन की गरिमा गिराने का काम किया। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने खबरों में बने रहने के लिए इस तरह की भाषा का प्रयोग किया, जो सही नहीं है। इस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश राम, कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान, भाकपा माले विधायक दल के नेता कामरेड महबूब आलम, सीपीआई एम विधायक दल के नेता कॉमरेड अजय कुमार, सीपीआई के विधायक दल के नेता कॉमरेड सूर्यकांत पासवान, पूर्व मंत्री श्री आलोक कुमार मेहता, विधायक भाई वीरेंद्र, राजद प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता श्री राजेश सिंह राठौर सहित महागठबंधन के कई प्रमुख नेता उपस्थित थे। "मुख्यमंत्री सरकार चलाने लायक नहीं, चुनाव आयोग मोदी-शाह के इशारे पर काम कर रहा" तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि जब विपक्ष सदन में अपनी बात गंभीरतापूर्वक रखता है, तो सत्ता पक्ष जवाब देने की बजाय अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है। उन्होंने सवाल किया कि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहीं भी "घुसपैठिए" की बात क्यों नहीं की, और न ही भाजपा के किसी बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) ने ऐसी कोई शिकायत दर्ज की है। उन्होंने पूछा कि अगर ऐसी बातें हैं, तो 2005 से 2025 तक नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार और 2014 से केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद इस तरह के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं, और इसके लिए जिम्मेदार कौन है? तेजस्वी ने दावा किया कि केंद्र और राज्य सरकार अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वह चर्चा कर रहे थे, तब मुख्यमंत्री ने बिना विषय समझे बीच में हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि "मुख्यमंत्री के इस तरह के बयान से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो अब सरकार चलाने के लायक नहीं हैं।" तेजस्वी ने सीधे आरोप लगाया कि "नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर चुनाव आयोग काम कर रहा है।" उन्होंने कहा कि "सरकार में बैठे हुए लोग वोटर चुन रहे हैं, जबकि लोकतंत्र में वोटर सरकार चुनते हैं।" '55 लाख वोट काटने की साजिश, कल्याणकारी योजनाओं से वंचित करने का प्रयास' नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस तरह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करके लोगों के अस्तित्व को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वोटर लिस्ट से नाम हटाए गए, तो लोग सभी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं जैसे पेंशन, राशन, छात्रवृत्ति, आवास योजना आदि के लाभ से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने बिना विषय को समझे हस्तक्षेप किया और उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने मामले को बिगाड़ा। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि "इतने गंभीर मामले पर चर्चा में गंभीरता नहीं दिखना कहीं न कहीं सत्ता पक्ष के द्वारा मामले को भटकाने का प्रयास लगता है क्योंकि ये लोग नहीं चाहते हैं कि मतदाताओं के मताधिकार पर चर्चा हो।" तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में करीब 55 लाख वोट काटने की साजिश चल रही है, जिसमें सत्ता पक्ष की भूमिका स्पष्ट रूप से नजर आ रही है। उन्होंने दोहराया कि "चुनाव आयोग नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर कार्य कर रहा है।" उन्होंने चुनाव आयोग के "मनमाने रवैये" और केंद्र सरकार के इशारे पर "अपारदर्शी तरीके से मतदाता सूची में धांधली" को लोकतंत्र के लिए अत्यंत खतरनाक बताया। महागठबंधन के अन्य नेताओं ने भी SIR को बताया 'लोकतंत्र के अस्तित्व पर हमला' संवाददाता सम्मेलन में मौजूद अन्य महागठबंधन के नेताओं ने भी तेजस्वी यादव के आरोपों का समर्थन किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश राम ने कहा कि सदन सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए अपनी बात रखने और चर्चा करने के लिए होता है, लेकिन आज सत्ता पक्ष ने जानबूझकर ऐसा माहौल बनाया ताकि मुद्दे को भटकाया जा सके। सीपीआई एमएल के कामरेड महबूब आलम ने SIR को "लोकतंत्र के अस्तित्व को खत्म करने का साजिश" बताया। उन्होंने सवाल किया कि यह प्रक्रिया पूरे देश में नहीं करके बिहार में क्यों की जा रही है, जबकि तीन महीने बाद ही चुनाव हैं। सीपीआई एम के कामरेड अजय कुमार ने इसे "नागरिक अधिकार छीनने की साजिश" बताया और कहा कि यह भाजपा के इशारे पर "चुनाव को हाईजैक करने का मामला" है। सीपीआई के विधायक दल के नेता कामरेड सूर्यकांत पासवान ने कहा कि बोलने और वोट देने के अधिकार को कुचला जा रहा है। उन्होंने घोषणा की कि वे किसी के भी नागरिक अधिकार और वोट के अधिकार को छीनने नहीं देंगे और ऐसी साजिशों को नाकाम करने के लिए सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेंगे।
सातवीं मुहर्रम : इमाम हुसैन ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ी सबसे बड़ी जंग

गोरखपुर। गुरुवार ‘जिक्रे शुहदाए कर्बला’ महफिलों के नाम रहा। उलमा किराम ने दीन-ए-इस्लाम, शहादत और कर्बला के बाबत विस्तार से बयान किया। सातवीं मुहर्रम को करीब एक दर्जन से अधिक मस्जिदों में ‘जिक्रे शुहदाए कर्बला’ महफिलों का दौर जारी रहा। मुहर्रम की सातवीं तारीख को जालिम यजीदियों ने हजरत इमाम हुसैन व उनके साथियों के लिए पानी पर रोक लगा दी थी। कर्बला का वाकया सुनकर अकीदतमंद इमाम हुसैन की याद में डूब गए। फातिहा ख्वानी हुई। रहमतनगर में लंगरे हुसैनी बांटा गया। वहीं गौसे आजम फाउंडेशन के समीर अली, मो. फैज, रियाज अहमद, मो. जैद, अमान अहमद, मो. जैद कादरी, अहसन खान ने गोरखनाथ में लंगरे हुसैनी बांटा।

महिलाओं की महफिल में लगा या हुसैन, या हुसैन का नारा

सातवीं मुहर्रम को न्यू कॉलोनी तुर्कमानपुर में मुस्लिम महिलाओं की जिक्रे शुहदाए कर्बला महफिल हुई। महिलाओं की जुबां पे या हुसैन, या हुसैन का नारा जारी रहा। मुख्य वक्ता शिफा खातून ने कहा कि अल्लाह के आखिरी पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के नवासे हजरत इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान में आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ी जंग लड़ी और इंसानियत व दीन-ए-इस्लाम को बचाने के लिए अपने साथियों की कुर्बानी दी। शहादत-ए-इमाम हुसैन ने दीन-ए-इस्लाम की अजमत को कयामत तक के लिए बचा लिया। पूरी दुनिया को पैगाम दिया कि अन्याय व जुल्म के सामने सर झुकाने से बेहतर है सर कटा दिया जाए। यह पूरी दुनिया के लिए त्याग व कुर्बानी की बेमिसाल शहादत है। महफिल में सना फातिमा, सादिया नूर, फिजा खातून, शिफा नूर, अलीशा खान, गुल अफ्शा खातून, मुबश्शिरा, मुअज्जमा आदि मौजूद रहीं।

जाफरा बाजार में लगी पोस्टर प्रदर्शनी 'हमारे हैं हुसैन'

जाफरा बाजार में पोस्टर प्रदर्शनी 'हमारे हैं हुसैन' लगाई गई। लोगों को इमाम हुसैन की तालीमात से अवगत कराया गया। कारी मुहम्मद अनस रजवी व हाफिज रहमत अली निजामी ने कहा कि जालिम यजीद को सत्य से हमेशा भय रहा, इसलिए अपनी कूटनीति से उसने कर्बला के मैदान में पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के परिवारजन एवं समर्थकों को अपनी फौज से तीन दिनों तक भूखा प्यासा रखने के बाद शहीद करा दिया। पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया है कि कोई बंदा मोमिने कामिल तब तक नहीं हो सकता जब तक कि मैं उसको उसकी जान से ज्यादा प्यारा न हो जाऊं और मेरी औलाद उसको अपनी जान से ज्यादा प्यारी न हो और मेरे घराने वाले उसको अपने घराने वालों से ज्यादा महबूब न हों।

महफिल जिक्रे शुहदाए कर्बला जारी

गाजी मस्जिद गाजी रौजा में महफिल जिक्रे शुहदाए कर्बला के तहत मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन ने कहा कि अहले बैत (पैगंबर के घर वाले) से मुहब्बत करने वाला जन्नत में जाएगा। हजरत इमाम हुसैन की शहादत हमें इंसानियत का शिक्षा देती है। पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया है कि जो शख्स अहले बैत से दुश्मनी रखता है वह मुनाफिक है।

रसूलपुर जामा मस्जिद में मौलाना जहांगीर अहमद ने कहा कि इस्लाम की तारीख शहादतों से भरी पड़ी है। पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बताए इस्लाम को समझना है तो पहले कर्बला को जानना बेहद जरूरी है। इमाम हुसैन हक की जंग तभी जीत गए थे जब सिपहसालार ‘हुर' यजीद की हजारों की फौज छोड़कर मुट्ठी भर हुसैनी लश्कर में अपने बेटों के साथ शामिल हो गए थे। हुर जानते थे कि इमाम हुसैन की तरफ जन्नती लोग हैं और यजीद की तरफ जहन्नमी लोग हैं।

गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद ने कहा कि इमाम हुसैन के साथ मक्का शरीफ से इराक की ओर सफर करने वालों में आपके तीन पुत्र हजरत अली औसत (इमाम जैनुल आबेदीन), हजरत अली अकबर, छह माह के हजरत अली असगर शामिल थे। इमाम हुसैन के काफिले में कुल 91 लोग थे। जिसमें 19 अहले बैत (पैगंबरे इस्लाम के घर वाले) और अन्य 72 जांनिसार थे। अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में अमन, अमान व तरक्की की दुआ मांगी गई।

एसआई पर एक लाख रुपये की ठगी का गंभीर आरोप, पीड़ित ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र

सम्भल। थाना हजरत नगर गढ़ी, सम्भल में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 45/2025 की विवेचना कर रहे उपनिरीक्षक सुनील कुमार पर एक लाख रुपये की ठगी और मामले की जांच में पक्षपात करने का गंभीर आरोप लगाया गया है।प्रकरण में पीड़ित मोहम्मद फिरोज खान हिंदुस्तानी, जो एक सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व लोकसभा प्रत्याशी हैं, ने इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य उच्च अधिकारियों को पत्र भेजकर जांच की मांग की है।

आरोपी से गिरफ्तारी के नाम पर मांगे पैसे

पत्र के अनुसार, मुकदमे की विवेचना कर रहे एसआई सुनील कुमार ने आरोपित की गिरफ्तारी के नाम पर मोहम्मद फिरोज से एक लाख रुपये की रकम ले ली, लेकिन न तो गिरफ्तारी की और न ही रकम वापस की। जब फिरोज ने दोबारा संपर्क किया तो एसआई ने उनका मोबाइल नंबर और व्हाट्सएप ब्लॉक कर दिया।

झूठा मुकदमा दर्ज कराने का आरोप

फिरोज खान ने यह भी आरोप लगाया है कि एसआई सुनील कुमार ने आरोपी से मिलकर फिरोज और उनके परिजनों के खिलाफ झूठे व फर्जी मुकदमे दर्ज कराने की साजिश रची। उन्होंने बताया कि इसी थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति शाहरुख पुत्र महबूब के जरिए झूठी शिकायतें कराई गईं, जिनकी जांच भी खुद सुनील कुमार ही कर रहे हैं।

न्याय की उम्मीद खत्म, विवेचना अन्य थाने को सौंपी जाए

पीड़ित ने यह भी बताया कि वह 26 मई को मुरादाबाद आईजी और 3 जून को सम्भल एसपी से मिलकर इस पूरे प्रकरण की शिकायत कर चुके हैं। लेकिन अब तक कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई है। इसलिए उन्होंने मुकदमे की विवेचना हजरत नगर गढ़ी से हटाकर किसी अन्य थाने को सौंपने की मांग की है।

उच्च अधिकारियों से की यह मांगें

विवेचक द्वारा लिए गए एक लाख रुपये वापस कराए जाएं।

विवेचना किसी अन्य थाने या अधिकारी को सौंपे जाने का आदेश हो।

विवेचक सुनील कुमार के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कर सख्त कार्रवाई हो।

पुलिस विभाग की निष्पक्षता और ईमानदारी की सार्वजनिक छवि सुरक्षित रखी जाए।

दस्तावेज भी भेजे गए साथ

प्रार्थना पत्र के साथ शिकायतकर्ता ने विवेचना स्थानांतरण हेतु उच्च अधिकारियों को पूर्व में दिए गए प्रार्थना पत्रों की छायाप्रति,मोबाइल नंबरों के कॉल डिटेल व चैट स्क्रीनशॉट,

और आरोपी द्वारा किए गए व्यवहार से जुड़े डिजिटल साक्ष्य भी संलग्न किए हैं।

जोशीली अपील

"भ्रष्ट कर्मचारियों को सेवाओं से मुक्त करो योगीजी!"

पत्र के अंत में फिरोज खान ने भावनात्मक अपील करते हुए लिखा –

"बहन-बेटियों, वंचितों व शोषितों को न्याय दिलाने की लड़ाई जारी रहेगी। नौकरशाही के भ्रष्टाचार से प्रदेश को मुक्त कर सच्चे सुशासन की स्थापना हो।"

*भदोही में इंडिया कार्पेट एक्सपो की नई तारीख:11-14 अक्टूबर को होगा आयोजन, अंतरराष्ट्रीय स्थिति के चलते बदला कार्यक्रम*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सितंबर में भदोही में प्रस्तावित इंडिया कारपेट एक्सपो को एक महीने के लिए टाल दिया गया है। कारपेट एक्सपो पहले 18 से 21 सितंबर तक होना था, लेकिन अब यह 11 से 14 अक्तूबर को प्रस्तावित कर दिया गया है। यह निर्णय भदोही में हुए कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) के बोर्ड बैठक में लिया गया। बोर्ड सदस्य ने कहा कि यह फैसला दुनिया में हालात ठीक नहीं होने तथा आयातकों से मिले फीडबैक के आधार पर लिया गया है। बैठक में परिषद के नए बाईलाज के अनुसार चुनाव कराने, कालीन मेले में मुख्यमंत्री को निमंत्रण देने सहित अन्य कई विषयों पर भी चर्चा हुई।

परिषद की प्रशासनिक समिति के सदस्य इम्तीयाज अंसारी ने बताया कि बोर्ड बैठक में चेयरमैन कुलदीप राज वाटल भी सम्मिलित हुए। बैठक में सदस्यों की ओर से आयातकों की ओर आ रहे फीड बैक पर चर्चा की गई। लगभग सभी का मत था कि ईरान-इस्राइल, अमरीका, रूस, यूक्रेन, कतर आदि देशों में हालात ठीक नहीं होने से अधिकतर खरीदार सितंबर में भारत आने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में बोर्ड सदस्यों की सहमति से कालीन मेले को अक्तूबर में आयोजित करने का निर्णय लिया। तय किया कि अब नए सिरे से दुनिया भर के आयातकों को निमंत्रण भेजा जाए साथ ही भारत के निर्यातकों को भी सूचित किया जाए।

बैठक में नए बाइलाज पर विस्तृत चर्चा की गई। तय किया गया कि अक्तूबर में कालीन मेले में आयोजन के बाद परिषद के उपाध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा। मार्ट में स्वचालित सीढ़ी लगाने में तेजी लाने के लिए लोगों ने जिलाधिकारी से भी आग्रह किया है। बैठक में परिषद के आय-व्यय समेत अन्य कई बिंदुओं पर भी चर्चा की गई। बैठक में परिषद की कार्यकारी निदेशक व सचिव डॉ. स्मिता नागरकोटि के अलावा सदस्यगण संजय गुप्ता, रवि पाटोदिया, पीयूष बरनवाल, असलम महबूब, रोहित गुप्ता, शेख आशिक, शौकत खान, दीपक खन्ना, सूर्यमणि तिवारी, मेहराज यासीन आदि लोग थे।

अगर संविधान बचेगा तो देश बचेगा : आरिफ तुर्की

संभल। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी व उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर चल रहे प्रदेश भर में संविधान बचाओ सम्मेलन व संगठन पर एक कार्यक्रम का आयोजन असमोली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम राया बुजुर्ग में पूर्व प्रत्याशी विधानसभा असमोली हाजी महबूब आलम साहब के आवास पर विधान सभा असमोली व ब्लॉक असमोली के संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी पदाधिकारीयों कार्यकतार्ओं ने संविधान बचाओ सम्मेलन पर अपने-अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए।

जिला अध्यक्ष आरिफ तुर्की ने कहा कि अगर संविधान बचेगा तो देश बचेगा इसलिए देश की आत्मा को बचाने के लिए संविधान को बचाना समय की आवश्यकता है। वर्तमान सरकार इसको खत्म करने का प्रयास कर रही है। शहर अध्यक्ष संभल शिवकिशोर गौतम जी ने कहा कि देश में वर्तमान सरकार संविधान के मूल ढांचे को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। पूर्व शहर अध्यक्ष तौकीर अहमद साहब ने कहा कि कांग्रेस संविधान और आजादी को बचाने की लड़ाई लड़ती रही है और आगे भी लड़ती रहेगी। मुख्य अतिथि के रूप में जिला कोआॅर्डिनेटर परवेज आरिफ टीटू जी ने कहा कि भारत का संविधान भारत के हर नागरिक की आवाज है अगर इस आवाज को दबा दिया गया तो हिंदुस्तान गूंगा हो जाएगा। और बीजेपी इसी के लिए प्रयासरत है लेकिन हम उसके मंसूबों में उसे कामयाब नहीं होने देंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता हाजी मरगूब आलम ने की और संचालन फाजिÞल अंसारी ने किया। इस कार्यक्रम में जिला को-आॅर्डिनेटर परवेज आरिफ टीटू, जिला अध्यक्ष श्री आरिफ तुर्की,संभल शहर अध्यक्ष श्री शिव किशोर गौतम जी,पूर्व शहर अध्यक्ष श्री तौकीर अहमद, निवर्तमान अल्पसंख्यक जिला अध्यक्ष आरिफ तनवीर, असमोली ब्लॉक अध्यक्ष मनोज कुमार,संभल ब्लॉक अध्यक्ष पवन कुमार शर्मा,न्याय पंचायत अध्यक्ष रोहित त्यागी, न्याय पंचायत अध्यक्ष कदीर, नेकपुर न्याय पंचायत अध्यक्ष राहुल चौधरी, भटपुरा न्याय पंचायत अध्यक्ष,आशु पाल, असमोली न्याय पंचायत अध्यक्ष गुरदीप सिंह, हरथला न्याय पंचायत अध्यक्ष मोहम्मद हसन,सुबहानी भाई मोअज़्जम भाई, अकी़ल भाई, शफी सैफी, इरफान भाई, नुमान तुर्की, मुशर्रफ भाई, इसरार मलिक, गय्यूर भाई, शब्बू भाई सोशल मीडिया आउटरीच जिला अध्यक्ष दिलशाद सैफी हाजी मुस्लिम हाजी अहमद हुसैन वसीम नाजरे आलम अकील अहमद पनसुखा आरिफ फारूक निसार उर्फ भूरा इशरत जहां रानी परवीन आदि मौजूद रहे।

सीईपीसी में अब महिला, युवा उद्यमी और पूर्वोत्तर के निर्यातकों को मिलेगी जगह

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। कालीन निर्यातक संवर्धन परिषद (सीईपीसी) की 18 सदस्यीय टीम में अब महिला, युवा और पूर्वोत्तर के निर्यातकों के अलावा एक्सपोर्ट हाउसेस को भी जगह मिलेगी। इसके अलावा अब किसी चेयरमैन को दो तिहाई बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव लाकर हटाया जा सकेगा। सीईपीसी के नए बाइलाज में ये महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। नए बाइलाज को भारत सरकार ने स्वीकृति भी दे दी है। सीईपीसी आगामी दो से तीन महीने के भीतर नए बाइलाज के अनुसार अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करा सकती है।

 सीईपीसी के नए बाइलाज के अनुसार कोई चेयरमैन चार वर्ष के अंतराल पर ही पुन: उपाध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकेगा। इसके अलावा सीईपीसी में अब उप्र कोटे से 9, शेष भारत कोटे से तीन और कश्मीर कोटे से दो प्रशासनिक सदस्य चुने जाएंगे। सीईपीसी में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को लेकर पहले की तरह 18 सदस्य ही होंगे, लेकिन उप्र और शेष भारत की एक-एक सीटें और कश्मीर कोटे की दो सीटें कम कर दूसरे क्षेत्रों से प्रतिनिधि चुने जाने की संस्तुति की गई है। नए बाइलाज के अनुसार सीईपीसी के प्रशासनिक समिति सदस्यों में अब निर्यातकों के अलावा एक महिला उद्यमी, एक सदस्य पूर्वोत्तर व पहाड़ी क्षेत्र से, एक सदस्य किसी ट्रेडिंग या एक्सपोर्ट हाऊस और एक सदस्य 40 वर्ष से कम उम्र का उद्यमी परिषद में भेजा जाएगा। अब कोई भी प्रशासनिक सदस्य लगातार दो बार ही निर्वाचित हो सकता है। इसके बाद दो वर्ष का गैप होना आवश्यक होगा।

शीघ्र हो सकता है सीईपीसी उपाध्यक्ष का चुनाव

कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के प्रशासनिक समिति के सदस्य असलम महबूब ने कहा कि मौजूदा चेयरमैन कुलदीप राज वाटल अंतरिम चेयरमैन हैं। ऐसे में अब नए बाईलाज के लागू होने के बाद सर्वप्रथम उपाध्यक्ष का चुनाव होगा, जो उपाध्यक्ष निर्वाचित होगा। उसे चेयरमैन की बागडौर सौंपी जाएगी। उपाध्यक्ष का चुनाव सीधे आम निर्यातक मतदाता ई-वोटिंग से करेंगे। चेयरमैन की बागडौर सौंपे जाने के बाद जैसे ही उपाध्यक्ष पद रिक्त होगा, तत्काल पुन: नए उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। चेयरमैन का कार्यकाल दो वर्ष का होगा और पुन: चार वर्ष के बाद ही पुन: चेयरमैन पद का चुनाव लड़ सकेगा। बताया कि आगामी 30 जून को भदोही में प्रशासनिक समिति की बैठक होने वाली है। इस बैठक में उपाध्यक्ष के चुनाव कराए जाने पर भी चर्चा होगी