साल 2025 में कर्मठता, संवेदनशीलता और विकास की मिसाल बने हजारीबाग के सांसद मनीष जायसवाल

 प्रस्तुति:- रंजन चौधरी 

सांसद मीडिया प्रतिनिधि, हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र।

हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने साल 2025 में संसद के गलियारों से लेकर क्षेत्र के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों तक अपनी सक्रियता, संवेदनशीलता और दृढ़ संकल्प से एक अलग पहचान स्थापित की है। बिहार बॉर्डर से सटे चौपारण के चोरदाहा से लेकर पश्चिम बंगाल बॉर्डर के रामगढ़ स्थित बरलंगा, चतरा जिले के पिपरवार से कोडरमा जिले के चंदवारा तक फैले लोकसभा क्षेत्र में उनका कार्यकाल “बहुजनहिताय, बहुजनसुखाय” के आदर्शों का जीवंत उदाहरण रहा।

साल की शुरुआत में ही मांडू विधानसभा क्षेत्र के चरही अंतर्गत ग्राम सरवाहा में पांच युवकों की दर्दनाक मौत की घटना के बाद सांसद मनीष जायसवाल ने अस्पताल पहुंचकर शोकाकुल परिवारों को ढांढस बंधाया और पोस्टमार्टम के दौरान उनके साथ खड़े रहे। गोला में तीन स्कूली बच्चों की सड़क दुर्घटना के बाद उन्होंने त्वरित पहल करते हुए प्रशासन से समन्वय कर चरही के यूपी मोड़ और रामगढ़ के चुटूपालू घाटी जैसे ब्लैक स्पॉट पर सुधार कार्य, स्ट्रीट लाइट सुदृढ़ीकरण और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित कराए।

विकास के मोर्चे पर उनकी दृष्टि शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं रही। रजरप्पा प्रोजेक्ट के विस्थापितों के साथ खड़े रहते हुए उन्होंने रामगढ़ सदर अस्पताल में बहुप्रतीक्षित डायलिसिस यूनिट की शुरुआत करवाई। मांडू के सोनडीहा और चैनपुर में रेलवे ओवरब्रिज निर्माण का शिलान्यास कर चुनावी वादों को धरातल पर उतारा, जो क्षेत्र के आधारभूत विकास में मील का पत्थर साबित हुआ।

संसद में सांसद मनीष जायसवाल की सक्रियता उल्लेखनीय रही। उन्होंने लगभग 118 जनहित के प्रश्न उठाकर हजारीबाग सहित पूरे झारखंड के मुद्दों को राष्ट्रीय पटल पर रखा। डीएमएफटी मद से सैकड़ों करोड़ रुपये की योजनाओं के माध्यम से सड़क, पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और मानव कल्याण से जुड़े कार्यों को गति मिली। डीएमएफटी और दिशा बैठकों में उनकी सक्रिय भूमिका ने जिले की विकास योजनाओं को नई दिशा दी।

विस्थापितों की आवाज बनते हुए उन्होंने बड़कागांव, केरेडारी कोल ब्लॉक तथा कोनार और तिलैया डैम से प्रभावित परिवारों के मुद्दों को संसद में मजबूती से उठाया और कोनार सिंचाई परियोजना के लंबित कार्य शीघ्र पूर्ण करने की मांग की। स्वास्थ्य के क्षेत्र में शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों की अव्यवस्थाओं के खिलाफ उन्होंने सड़क पर उतरकर जनहित में आवाज बुलंद की। साथ ही सीएसआर मद से स्वास्थ्य शिविर, पोषण किट, खेल सामग्री, कंबल वितरण, सामुदायिक भवन, लाइब्रेरी, सांस्कृतिक भवन और कंप्यूटर लैब जैसे अनेक कार्य सुनिश्चित किए।

सामाजिक सरोकारों में ‘सांसद तीर्थ दर्शन महाअभियान’ और ‘सांसद सामूहिक विवाह उत्सव’ प्रमुख उपलब्धियां रहीं। तीर्थ दर्शन अभियान के तहत बुजुर्गों को उत्तर प्रदेश के प्रमुख तीर्थों का निःशुल्क दर्शन कराया गया, वहीं सामूहिक विवाह उत्सव के अंतर्गत 101 निर्धन परिवारों की बेटियों का विवाह कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया गया। खेल और संस्कृति के क्षेत्र में ‘सांसद खेल महोत्सव’ के तहत नमो फुटबॉल टूर्नामेंट में 22 मंडलों की 484 टीमों के 20,260 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। संजय सिंह स्टेडियम में बीसीसीआई अधिकारियों के दौरे के बाद बिहार कूच ट्रॉफी की सफल मेजबानी भी हुई।

हजारीबाग की ऐतिहासिक रामनवमी पर पारंपरिक अस्त्र-शस्त्र वितरण अभियान, कनहरी हिल में बायोडायवर्सिटी पार्क, बड़कागांव में डिग्री कॉलेज की नींव, बिजली कटौती के खिलाफ महाधरना, धार्मिक आयोजनों में जनभावनाओं के समर्थन और चुनावी जिम्मेदारियों का कुशल निर्वहन उनके संघर्षशील व्यक्तित्व को दर्शाता है।

व्यक्तिगत स्तर पर वे गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में सहयोग, श्राद्ध अवसर पर जरूरतमंदों को किट वितरण और जनसामान्य के सुख-दुख में सहभागी बने रहे। निजी जीवन के कठिन क्षणों के बावजूद उन्होंने जनसेवा के पथ से विचलित हुए बिना वर्ष के अंत में मीडिया के माध्यम से अपना रिपोर्ट कार्ड जनता के समक्ष रखा।

साल 2026 के लिए भी उन्होंने सेवा के नए संकल्प के साथ रामगढ़ में 08 फरवरी 2026 को ‘सांसद सामूहिक विवाह उत्सव-2026’ के तहत 101 अत्यंत निर्धन बेटियों के सामूहिक विवाह आयोजन की घोषणा की है। यह पहल केवल घर बसाने की नहीं, बल्कि परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने का संबल देने का प्रयास है। सांसद मनीष जायसवाल का यह सेवाधर्मी दृष्टिकोण हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के लिए सामाजिक और विकासात्मक प्रगति की नई किरण बनकर उभरा है।

हजारीबाग सेंट्रल जेल की सुरक्षा में बड़ी सेंध: 'हाई-सिक्योरिटी' से तीन कैदी लापता; धनबाद के रहने वाले बताए जा रहे हैं तीनों फरार बंदी

हजारीबाग | 31 दिसंबर 2025: झारखंड की अति-सुरक्षित मानी जाने वाली लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा से तीन कैदियों के अचानक लापता होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जेल अधीक्षक चंद्रशेखर सुमन ने तीन कैदियों के गायब होने की आधिकारिक पुष्टि की है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, ये तीनों कैदी धनबाद जिले के रहने वाले हैं।

पांच स्तरीय सुरक्षा कवच हुआ नाकाम

हजारीबाग केंद्रीय कारा अपनी अभेद्य सुरक्षा के लिए जानी जाती है। यहाँ नक्सलियों और खूंखार अपराधियों को रखा जाता है। जेल में पांच स्तरीय (5-Layer) सुरक्षा कवच है, जहाँ से परिंदा भी पर नहीं मार सकता। किसी भी व्यक्ति को अंदर जाने या बाहर आने के लिए इन पांच घेरों से गुजरना पड़ता है। ऐसे में इन सुरक्षा घेरों को पार कर तीन कैदियों का गायब होना जेल प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

निलंबन के बाद भी नहीं सुधरे हालात

हाल ही में जेल आईजी ने सुरक्षा में लापरवाही बरतने के आरोप में यहाँ के 12 सुरक्षाकर्मियों को निलंबित किया था। इसके बाद सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी करने का दावा किया गया था। लेकिन इस ताजा घटना ने प्रशासनिक दावों की पोल खोल दी है। फिलहाल जेल प्रशासन ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि गायब हुए कैदी सजायाफ्ता थे या विचाराधीन।

ऐतिहासिक जेल और सुरक्षा का इतिहास

यह वही ऐतिहासिक जेल है जहाँ से आजादी की लड़ाई के दौरान लोकनायक जयप्रकाश नारायण दीपावली की रात अंग्रेजों को चकमा देकर फरार हुए थे। आज की आधुनिक तकनीक और कड़े पहरे के बीच कैदियों का लापता होना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।

नव वर्ष से पहले लखनऊ हाई अलर्ट, राजधानी में सघन चेकिंग अभियान, हर संदिग्ध पर पैनी नजर
लखनऊ। आगामी नव वर्ष के मद्देनजर राजधानी लखनऊ में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। शहर में किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने सघन चेकिंग अभियान शुरू कर दिया है। नए साल के जश्न के दौरान शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए राजधानी के प्रमुख इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।
पुलिस कमिश्नर अमरेन्द्र कुमार सेंगर के निर्देश पर मंगलवार को लखनऊ के भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों, प्रमुख मॉल, धर्मशालाओं और हजरतगंज सहित कई संवेदनशील स्थानों पर व्यापक चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान पुलिस टीमों ने पैदल गश्त कर संदिग्ध व्यक्तियों की तलाशी ली और उनसे पूछताछ की।

हजरतगंज थाना क्षेत्र में इंस्पेक्टर विक्रम सिंह के नेतृत्व में पुलिस बल ने डॉग स्क्वॉड, बम निरोधक दस्ता, स्पेशल स्क्वॉड, एलआईयू और क्राइम ब्रांच की टीमों के साथ संयुक्त रूप से सघन चेकिंग की। पुलिस ने होटल, लॉज और धर्मशालाओं में ठहरे लोगों के पहचान पत्रों की जांच की और उनके ठहरने के कारणों के बारे में जानकारी ली। चारबाग रेलवे स्टेशन से लेकर शहर के विभिन्न होटलों तक सुरक्षा व्यवस्था को विशेष रूप से मजबूत किया गया।

इधर, यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने और नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए डीसीपी ट्रैफिक कमलेश दीक्षित खुद मैदान में उतरे। मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे हजरतगंज चौराहे पर उन्होंने अपनी टीम के साथ वाहनों की चेकिंग की। इस दौरान दोपहिया वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी और हेलमेट की जांच की गई।

चेकिंग के दौरान बिना हेलमेट और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई। पुलिस को देखकर कई वाहन चालक मौके से भागते नजर आए। अभियान के दौरान करीब 112 दोपहिया वाहनों को रोका गया, जिनमें लगभग 50 वाहन महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे थे। पूछताछ के दौरान कई महिलाओं ने हेलमेट न पहनने को लेकर अलग-अलग बहाने बनाए। कुछ मामलों में स्कूटी की डिग्गी में हेलमेट पाए गए, लेकिन वाहन चलाते समय उसे नहीं पहना गया था। ऐसे वाहन चालकों को कड़ी चेतावनी देते हुए भविष्य में नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नव वर्ष के दौरान शहर की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह अभियान लगातार जारी रहेगा। किसी भी तरह की लापरवाही या नियम उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
देवघर यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियन के आवाहन पर 30 दिसंबर की शाम को SBI साधना भवन के पास विरोध प्रदर्शन।
देवघर: भारतीय स्टेट बैंक, साधना भवन, देवघर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) के आह्वान पर आज दिनांक 30 दिसंबर 2025 को देवघर स्थित भारतीय स्टेट बैंक, साधना भवन के समक्ष बैंक कर्मचारियों एवं अधिकारियों द्वारा पाँच दिवसीय बैंक कार्य सप्ताह लागू करने सहित अन्य लंबित एवं न्यायोचित मांगों के समर्थन में एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम UFBU की देवघर इकाई के संयोजक एवं कर्मचारी संघ पटना मंडल के अध्यक्ष मुन्ना कुमार झा की अध्यक्षता में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम में विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर अपनी एकजुटता का परिचय दिया। इस अवसर पर भारतीय स्टेट बैंक कर्मचारी संघ के उपमहासचिव  धीरज कुमार ने कहा कि बैंकों में स्टाफ की भारी कमी के कारण कर्मचारियों एवं अधिकारियों पर कार्य-दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे शारीरिक एवं मानसिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि RBI, LIC एवं GIC जैसे संस्थानों में जहाँ पाँच दिवसीय कार्य सप्ताह लागू है, वहीं बैंक कर्मियों को इससे वंचित रखना भेदभावपूर्ण है। कार्यक्रम में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्स एसोसिएशन (SBIOA) के आंचलिक सचिव श्री विभु प्रकाश, अध्यक्ष श्री मिथिलेश कुमार, सुरेंद्र कुमार (IOB), मुकेश कुमार सिंह (BOI), रोहित कुमार सिंह (BOI), ब्रजेश कुमार (Canara Bank) सहित विभिन्न बैंकों के पदाधिकारियों ने अपने विचार रखे। इसके साथ ही मुख्य प्रबंधकगण— श्री शक्ति शेखर मिश्रा, श्री गौरव आनंद,ब्रज पति सहाय तथा अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी संतोष, संदीप, अंशुमन, पंकज, राजेश, नयन, विजय सिन्हा, सुमन, राजेश सिन्हा, सुकृतिका, माधव, अंजली, निशी आनंद, शशि एक्का, हीरल शर्मा, सहित अमर, रविकांत, प्रवीण, अवधेश झा, केशव, सनी, अंशुमन, राजेश, आयुषी, कंचन, अमित कुमार, सुमित कुमार, रंजन, अविनाश कुमार (PNB), रोहित झा (PNB), अनूप पांडे, चंद्रशेखर, अरविंद बाजपेई, कनिष्क आनंद, कुमार शांतनु, काजल कुमार झा, प्रद्युम्न कुमार, मनीष कुमार राय, अजय जज़वारे ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर अपनी एकता का प्रदर्शन किया। UFBU ने बताया कि IBA द्वारा पाँच दिवसीय बैंकिंग की सिफारिश सरकार को भेजे जाने के बावजूद अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। इसी अनावश्यक देरी के विरोध में UFBU ने देशव्यापी आंदोलनात्मक कार्यक्रमों की घोषणा की है। UFBU का आगे का आंदोलनात्मक कार्यक्रम: • 04 जनवरी 2026 – सोशल मीडिया / ट्विटर अभियान • 05 जनवरी 2026 – सभी राज्य राजधानियों में धरना प्रदर्शन एवं हड़ताल की तिथि की घोषणा • 13 जनवरी 2026 – प्रेस मीट / प्रेस विज्ञप्ति • जनवरी 2026 के तीसरे सप्ताह में – अखिल भारतीय बैंक हड़ताल UFBU ने चेतावनी दी कि यदि सरकार द्वारा शीघ्र सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन को और अधिक व्यापक किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार एवं बैंक प्रबंधन की होगी। कार्यक्रम शांतिपूर्ण, अनुशासित एवं एकजुट वातावरण में संपन्न हुआ।
अधिक सजग और अधिक करुणामय इंसान बनने का संकल्प, 2026
–डॉ मंजू लोढ़ा, वरिष्ठ साहित्यकार

हर साल की तरह 2025 भी आया और चला गया, पर यह साल केवल कैलेंडर का बदलना नहीं था।
यह अनुभवों का ऐसा अध्याय रहा,
जिसे पलटते समय
मन अपने-आप ठहर जाता है।
यह वर्ष हमें यह सिखा गया कि
जीवन केवल उपलब्धियों का उत्सव नहीं,
बल्कि विपरीत परिस्थितियों में
इंसान बने रहने की परीक्षा भी है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में
पर्यटकों को निशाना बनाकर किया गया
आतंकी हमला
केवल निर्दोष जानें ही नहीं ले गया,
बल्कि पूरे देश को
गहरे शोक और आक्रोश में डुबो गया। लंदन जाने वाली
अंतरराष्ट्रीय उड़ान का
तकनीकी खराबी के कारण
दुर्घटनाग्रस्त होना
वैश्विक स्तर पर
विमान सुरक्षा पर
गंभीर प्रश्न छोड़ गया। दिल्ली और उत्तर भारत में
आतंकी घटनाओं ने सार्वजनिक स्थानों पर असुरक्षा की भावना को
और गहरा किया।
प्रकृति भी इस वर्ष
कुछ कम कठोर नहीं रही।
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड , महाराष्ट्र और असम में
भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन ने
कई परिवारों से
उनके घर, आजीविका
और सहारे छीन लिए। मुंबई और नवी मुंबई में
भीषण आग की घटनाएँ
और भांडुप की
BEST बस दुर्घटना ने महानगर की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी को
अचानक थाम लिया।
दूर मध्य-पूर्व और यूक्रेन में
जारी युद्धों की तपिश
महँगाई, अस्थिरता
और मानव संकट बनकर
पूरी दुनिया ने महसूस की।
सच यही है—
2025 ने हमें
कड़वे घूँट पिलाए।
पर इसी कठिन समय में
हमने अपनी सामूहिक शक्ति भी देखी।
आतंकी घटनाओं के बाद
देश की निर्णायक प्रतिक्रिया
और ऑपरेशन सिंदूर जैसे
सख़्त कदमों ने
यह स्पष्ट कर दिया कि
भारत अब केवल सहने वाला देश नहीं—
वह अपनी सुरक्षा और संप्रभुता को लेकर
पूरी तरह सजग और सक्षम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का नेतृत्व
इस वर्ष
एक दृढ़, जुझारू और आत्मविश्वासी
वैश्विक व्यक्तित्व के रूप में
और उभरकर सामने आया।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर
भारत की आवाज़
सिर्फ़ सुनी ही नहीं गई,
उसका सम्मान भी किया गया।
देशवासियों के मन में यह भरोसा गहरा हुआ कि
सशक्त नेतृत्व के कारण
हम अपेक्षाकृत
निश्चिंत होकर
अपना जीवन जी पा रहे हैं।
दुख और संकट के बीच
देश–विदेश से
संवेदना, सहायता
और प्रार्थनाओं की
एकजुटता भी हमने देखी।
NDRF, SDRF,
फायर ब्रिगेड,
मेडिकल टीमें और स्वयंसेवक—
थके हुए शरीर,
पर अडिग संकल्प के साथ
कई जानें बचाने में सफल रहे।
आपदा प्रबंधन की क्षमता
पहले से अधिक
मजबूत दिखाई दी।
खेलों के क्षेत्र में
भारत ने
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर
उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कीं।
विशेषकर महिला खिलाड़ियों की
सफलताओं ने
देश को
नया गर्व दिया।
इंफ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर
मेट्रो परियोजनाएँ,
एक्सप्रेसवे,
रेलवे आधुनिकीकरण
और वंदे भारत ट्रेनों ने
यात्रा को
अधिक सुरक्षित
और सुविधाजनक बनाया। ISRO के सफल अंतरिक्ष मिशनों ने
यह भरोसा दिया कि भारत की उड़ान
अब केवल धरती तक सीमित नहीं—
वह अंतरिक्ष तक पहुँच चुकी है।
डिजिटल इंडिया के अंतर्गत
UPI, AI, फिनटेक
और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम ने
भारत को
तकनीक का उपभोक्ता नहीं,
बल्कि नवाचार का केंद्र बनाया।
महिला सशक्तिकरण,
शिक्षा,
डिजिटल कृषि,
स्वास्थ्य शिविर,
योग और मानसिक स्वास्थ्य पर
बढ़ता ज़ोर—
ये सभी संकेत थे कि विकास की समझ
अब अधिक मानवीय हो रही है।
युवाओं की सामाजिक भागीदारी
और स्वयंसेवी कार्यों में
उनकी सक्रियता ने
भविष्य के प्रति
आशा को
और मजबूत किया।
2025 ने हमें
रुलाया भी,
और संभलना भी सिखाया।
इस साल ने यह भी समझाया कि
जीवन को
सिर्फ़ जीया नहीं जाता—
कभी-कभी
उसे सीपीआर भी देनी पड़ती है।
जब साँसें थमती हैं,
तो यादों को बटोरना पड़ता है।
जब हौसला टूटता है,
तो अनुभव
धड़कन बनते हैं।
हर साल
कितनी सीपियाँ छोड़ जाता है—
कुछ से हम मोती निकाल लेते हैं,
कुछ बस
रेत में चमकती रह जाती हैं।
पर वे व्यर्थ नहीं जातीं—
वे हमें याद दिलाती हैं कि हमने
पूरी शिद्दत से
जिया था।
जीवन अनमोल है।
कठिनाइयों के बीच
मिला हुआ यह अवसर
हर पल खर्च करने के लिए नहीं—
हर पल महसूस करने के लिए है।
जो बीत गया,
वह अनुभव बन गया। जो मिला,
वह कृतज्ञता बन गया। हमने यह खोया,
और हमने यह पाया। शायद
यही 2025 की
सबसे बड़ी सीख है। अलविदा 2025।
स्वागत 2026—
और अधिक सजग,
और अधिक करुणामय
इंसान बनने के संकल्प के साथ।                          ईश्वर से यही प्रार्थना है। प्रधानमंत्री मोदी जी दीर्घायु हो और उनके नेतृत्व में देश सुरक्षित सशक्त और शांतिपूर्ण मार्ग पर आगे बढ़ता रहे, ताकि नागरिक निश्चिंत होकर सुख की नींद सो सके।
राष्ट्रीय राजमार्ग 730 सी का निर्माण कार्य एक साल में पूरा न होने पर सांसद ने जताई नाराजगी

संसद-सदस्य सड़क सुरक्षा समिति की बैठक सम्पन्न

नेशनल हाइवे को शीघ्रातिशीघ्र दुरूस्त करायें

ट्रैक्टर-ट्रालियों में रिफ्लेक्टिव टेप लगवाए

फर्रुखाबाद l  संसद-सदस्य सड़क सुरक्षा समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सांसद मुकेश राजपूत की अध्यक्षता में आयोजन किया गया। बैठक में एआरटीओ-प्रवर्तन सुभाष राजपूत द्वारा अवगत कराया कि
जनपद में कुल 11 ब्लैक स्पॉट में से 08 राष्ट्रीय राजमार्ग 730सी पर हैं। रोहिला चौराहा, बृहमहत्त स्मारक, तथा मसेनी चौराहा का जंक्शन डेवलपमेन्ट का कार्य अभी तक नहीं कराया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग 730सी का निर्माण कार्य 23-11-2024 तक पूर्ण होना था परन्तु वर्ष 2025 की समािप्त तक अपूर्ण है। राष्ट्रीय राजमार्ग 730सी पर सड़क सुरक्षा के मानकों की अनदेखी की गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर अधिक दुर्घटनाओं के दृष्टिगत सांसद द्वारा बैठक में उपस्थित एनएचएआई के अधिकारियो को निर्देशित किया कि वह नेशनल हाइवे को शीघ्रातिशीघ्र दुरूस्त करायें। इसके साथ ही सांसद  द्वारा शुकरूल्लापुर रेल ओवरब्रिज पर लगी लाइट को शीघ्र चालू कराने के निर्देश दिये गये।
जिलाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया है कि जनपद में 19 दिसंबर 2025 से 17 जनवरी 2026 तक ‘‘ नो हेल्मेट नो पेट्रोल ’’ की रणनीति लागू की गयी है। क्षेत्राधिकारी-यातायात एवं जिला पूर्ति अधिकारी के साथ एआरटीओ जनपद के पेट्रोल-पम्पों पर बिना हेल्मेट लगाये पेट्रोल लेने वाले दोपहिया वाहनों के विरूद्ध कठोर प्रवर्तन कार्यवाही करें।
बैठक में एआरटीओ द्वारा बताया गया कि पुलिस विभाग द्वारा वर्ष 2025 में 42481 चालान किये गये हैं तथा 187 वाहन बन्द किये गये हैं, जिनसें रू0 18.92 लाख प्रशमन शुल्क वसूला गया। परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2025 में 4155 चालान किये गये हैं तथा 1018 वाहन बन्द किये गये हैं, जिनसें रू0 219.33 लाख प्रशमन शुल्क वसूला गया। इसके अतिरिक्त सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के निर्देशों के अनुपालन में जनपद में वर्ष 2025 में 265 ड्राइविंग लाइसेन्स निलम्बित किये गये हैं।
एआरटीओं ने बताया कि शासन के निर्देश पर सड़क सुरक्षा माह का आयोजन एक जनवरी से 31 जनवरी 2026 तक किया जायेगा। इस सम्बन्ध में परिवहन आयुक्त द्वारा पंचायती राज विभाग को ब्लॉक स्तर पर ग्राम प्रधानों की बैठक आहूत किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त ग्राम प्रधानों को ग्राम सड़क सुरक्षा समिति के अन्तर्गत उस ग्राम का सड़क सुरक्षा अग्रदूत घोषित किया जाये।सांसद द्वारा ट्रैक्टर-ट्रालियों में रिफ्लेक्टिव टेप लगवाने के निर्देश भी दिये गये।
इस दौरान बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष मोनिका यादव, विधायक, अमृतपुर सुशील कुमार शाक्य, विधायक, भोजपुर नागेन्द्र सिंह राठौर , विधायक कायमगंज डा0 सुरभि गंगवार, पुलिस अधीक्षक श्रीमती आरती सिंह, सीडीओ विनोद कुमार गौड़, अधिशासी अभियन्ता (प्रा0ख0), लो0नि0वि0 श्री मुरलीधर, अधिशासी अभियन्ता (नि0ख0), लो0नि0वि0 अशोक कुमार, सीएमओ डा0 अवनीन्द्र कुमार,  बीएसए विश्वनाथ प्रताप सिंह, डीआईओएस नरेन्द्र पाल सिंह, डीएसओ सुरेन्द्र यादव, डीपीआरओ राजेश चौरसिया तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
माघ मेला–2026: आपातकालीन योजनाओ के प्रभावी क्रियान्वयन एवं भीड़ प्रबन्धन को लेकर पुलिस- प्रशासन की ब्रीफिंग।

पुलिस आयुक्त प्रयागराज जोगेन्द्र कुमार द्वारा ब्रीफिंग के दौरान दिये गये महत्वपूर्ण निर्देश।

माघ मेला क्षेत्र का भ्रमण/ धरातलीय निरीक्षण व सम्बन्धित को आवश्यक दिशा-निर्देश।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।रिज़र्व पुलिस लाइन्स माघ मेला स्थित तीर्थराज सभागार में माघ मेला–2026 की तैयारियो के दृष्टिगत पुलिस अधिकारियो एवं कर्मचारियो का ब्रीफिंग कार्यक्रम तथा माघ मेला क्षेत्र का पैदल भ्रमण व भौतिक रूप से निरीक्षण किया गया-पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रयागराज जोगेन्द्र कुमार द्वारा पुलिस बल को सम्बोधित करते हुए कहा गया कि माघ मेला-2026 के दौरान भीड़ प्रबंधन एवं आपातकालीन योजनाओ का त्वरित समन्वित एवं प्रभावी क्रियान्वयन अत्यन्त आवश्यक होती है इसलिये आपात स्थिति उत्पन्न होने पर कम से कम समय में निकासी क्षमता को कई गुना बढ़ाने की तैयारी हर स्तर पर सुनिश्चित की जाए।प्रत्येक चौराहे/तिराहे एवं सभी ड्यूटी पॉइंट्स पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती रहे तथा कंट्रोल रूम से निर्देश प्राप्त होते ही बिना किसी विलम्ब के योजनाओ/ निर्देशो को तत्काल लागू किया जाए।मेला क्षेत्र के प्रवेश मार्गो एवं सभी घाटों पर निरंतर गश्त एवं चेकिंग करते रहे।घाटो पर अतिक्रमण एवं अव्यवस्था न होने पाये तथा श्रद्धालुओ को घाटो पर रुकने अथवा सोने से रोका जाये तथा आवश्यकता पड़ने पर उन्हे निर्धारित विश्राम स्थलो/शिविरो की ओर प्रतिस्थापित किया जाये।पुलिस आयुक्त प्रयागराज द्वारा ब्रीफिंग के उपरान्त माघ मेला क्षेत्र के प्रमुख रास्तो/घाटो व महत्वपूर्ण स्थलो का पैदल भ्रमण करते हुये धरातलीय रूप से सूक्षण निरीक्षण किया गया तथा सर्व सम्बन्धित को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।उक्त ब्रीफिंग व भ्रमण कार्यक्रम में मंडलायुक्त प्रयागराज सौम्या अग्रवाल अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था डॉ0अजय पाल शर्मा जिलाधिकारी प्रयागराज मनीष कुमार वर्मा पुलिस अधीक्षक माघ मेला नीरज कुमार पाण्डेय पुलिस उपायुक्त नगर मनीष कुमार पुलिस उपायुक्त यमुनानगर विवेक चन्द्र यादव पुलिस उपायुक्त गंगानगर कुलदीप गुनावत अपर जिलाधिकारी (प्रोटोकॉल)सहायक पुलिस आयुक्त राजकुमार मीणा सहायक नोडल पुलिस अधिकारी माघ मेला विजय आनन्द व अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

मवाना तहसील पहुंचकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन
मवाना।मेरठ।भारतीय किसान यूनियन तोमर के कार्यकर्ताओं ने चौधरी इन्तजार देशवाल नेतृत्व में आज मंगलवार को मवाना तहसील पहुंचकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन  किया। इस दौरान भाकियू किसान यूनियन तोमर के जिला अध्यक्ष चौधरी इन्तजार देशवाल जानकारी देते हुए बताया कि अधिकारीयों द्वारा सही व्यवहार नहीं करना, गन्ना का भाव 500/ रूपए प्रति करना, स्मार्ट मीटर पर पूर्ण रूप से रोग करना, किसानों के 60 वर्ष के बाद₹10000 पेंशन करना, डाई या यूरिया किसानों को जमीन के आधार पर करना, और जनपद मेरठ में दिल्ली वह ऋषिकेश की तरह एम्स हॉस्पिटल करना, मौहम्मदपुर खेड़ी में बुढ़ी गंगा की सफाई करना, आदि विभिन्न समस्याओं को लेकर एसडीएम संतोष कुमार को ज्ञापन सौंपा हुए निस्तारण और कार्रवाई की मांग उठाई। इसी दौरान एसडीएम संतोष कुमार ने ज्ञापन लेकर जल्द से जल्द निस्तारण करने का आश्वासन दिया।
डीएम के जांच आदेश पर भारी पड़ते दिखाई दे रहे हैं भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी

दो बार भुगतान फिर भी नहीं बना कुएं का जगत

गांव में विकास कार्यों के नाम पर स्वयंभू प्रधान का कारनामा

जिलाधिकारी से जांच कराकर की गई थी कार्रवाई कि मांग


मीरजापुर। जिले के हलिया विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत मनिगढा में विकास कार्यों के नाम पर हुए वित्तीय घोटाले का मामला जोर पकड़ा जा रहा है, तो वहीं घोटाले की फाईलों को दबाएं बैठे ब्लाक स्तरीय अधिकारी और कर्मचारी जिलाधिकारी के आदेश को भी ठेंगा दिखाते हुए आएं हैं। बता दें कि मनिगढ़ा गांव में विकास कार्यों के नाम पर हुए भारी घोटाले और बिना धरातल पर कार्य कराएं ही कागजों में सरकारी धन खर्च दिखाकर हज़म कर लिया गया है।

इस बात का खुलासा होने पर तथा जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार से इस संबंध में तीन सौ पन्नों का शिकायती पत्र सौंप कर जांच कर कार्रवाई की मांग की गई थी, जिसपर जिलाधिकारी ने 28 अक्टूबर 2025 को उक्त शिकायत के आधार पर आदेश संख्या 3394/7/शिकायत जांच/2025-26 द्वारा जांच समिति गठित की गई थी।

दुर्भाग्यवश, जांच समिति गठन के दो महीने से अधिक समय बीत जाने के उपरांत भी न तो कोई जांच अधिकारी मौके पर स्थलीय जांच करने पहुंचा है और न ही शिकायतकर्ता को जांच तिथि की सूचना प्रदान की गई। इस बीच प्रधान, सचिव एवं बीडीओ हलिया द्वारा जांच को प्रभावित करने हेतु कृत्रिम फोटोग्राफ तैयार कर लीपापोती की जा रही है, जिससे मूल अनियमितताएं छुपाई जा रही हैं। ग्रामीणों ने मांग किया है कि गठित जांच समिति को तत्काल प्रभाव से स्थल निरीक्षण करने के लिए निर्देशित किया जाए,जांच के समय शिकायतकर्ता को पूर्व सूचना अनिवार्य रूप से प्रदान की जाए तथा जांच विलंब के कारण साक्ष्यों पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना के मद्देनज़र दोषियों के विरुद्ध विधिक, अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। साथ ही साथ संपूर्ण जांच प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाए, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।

यह है पूरा मामला.........
दरअसल, यह पूरा मामला जिले के हलिया विकास खंड क्षेत्र के मनिगढ़ा गांव में हुए उस भारी विकास कार्यों से जुड़ा हुआ है जो धरातल पर हुआ ही नहीं है। जहां सरकार की विकास परक योजनाओं को पलीता लगाते हुए बिना कार्य कराएं ही भुगतान करा लिया गया है। इस मामले में गांव निवासी अब्दुल समद ने बीते महीने जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार को तीन सौ पेज का शिकायती पत्र सौंपकर गांव में लाखों रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। मनिगढ़ा गांव निवासी अब्दुल समद ने जिलाधिकारी को सौंपे गए पत्रक में आरोप लगाया कि उसके घर के सामने स्थित पुराने कुएं के जगत के निर्माण के नाम पर दो बार में एक लाख से ऊपर का भुगतान किया जा चुका है, लेकिन निर्माण नहीं कराया गया।

कुआं और कुएं का जगत आज भी जस-तस हालात में पड़ा हुआ है। यही नहीं गांव के अन्य विकास कार्य मसलन, तालाब, कुआं, सड़क, मस्जिद इत्यादि के नाम पर भी कागजों पर तो काम करवा दिए गए हैं, लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा है। आरोप है कि ग्राम प्रधान का पूरा लेखा-जोखा, लेन-देन कोई और करता है। महिला प्रधान को यह भी पता नहीं है कि उसके गांव के विकास कार्य पर कितनी धनराशि खर्च की गई है और कहां-कहां खर्च किया गया है। गांव के विकास कार्य के नाम पर लाखों रुपये गबन करने की आशंका जताते हुए कहा गया है कि बिना कार्य कराए ही कागज पर कार्य पूर्ण दिखाकर रुपये निकाल लिए गए हैं।

डीएम ने जांच कराके कारवाई का आश्वासन दिया था। डीएम ने इस संबंध में डीपीआरओ को निर्देशित किया था और टीम गठित कर मामले की जांच कर तत्काल रिपोर्ट सौंपी जाए के निर्देश भी दिए थे, लेकिन डीएम के टीम गठित करने के डेढ़ माह गुजरने के बाद भी मौके पर न तो जांच टीम के अधिकारी पहुंचे हैं और ना ही कोई कार्रवाई शुरू की गई है।

*मामले में लीपापोती की जताई आशंका*

ग्रामीणों सहित शिकायतकर्ता ने आशंका जताई है कि जिलाधिकारी से हुई शिकायत और जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच टीम गठित करने के बाद गांव के प्राथमिक विद्यालय में सहित कुछ अन्य स्थानों की कृत्रिम फोटोग्राफ तैयार कर लीपापोती की जा रही है, ताकि मूल अनियमितताएं छुपाई जा सकें और जांच को प्रभावित किया जा सके।


*मनरेगा घोटाले की जांच में रहा है हलिया*

गौरतलब हो कि वर्ष 2007-2010 में राज्य के कई जिलों में हुए मनरेगा योजना अन्तर्गत घोटाले में मीरजापुर का हलिया विकास खंड क्षेत्र भी शामिल रहा है यहां के 54 लोगों जिनमें कई अधिकारी कर्मचारी और ग्राम प्रधान इस भ्रष्टाचार घोटाले की जांच में घिरे थे, मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामला सीबीआई के हवाले होने पर कई बार सीबीआई की टीम भी हलिया धमक चुकी है। बावजूद गांवों के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार थमा नहीं है।
माफियाओं के 'सिंडिकेट' पर DM का प्रहार कलेक्ट्रेट में टास्कफोर्स की बैठक में दी कड़ी चेतावनी


विकास कुमार

सोनभद्र। जनपद में अवैध खनन और ओवरलोडिंग के खेल को खत्म करने के लिए जिलाधिकारी बी.एन. सिंह ने कड़े तेवर अख्तियार कर लिए हैं। मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित टास्कफोर्स की बैठक में जिलाधिकारी ने साफ शब्दों में कहा कि अवैध खनन और परिवहन पर किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को दो टूक चेतावनी दी कि इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर भी गाज गिर सकती है।

जिलाधिकारी ने गठित टीमों को निर्देश दिया कि वे केवल कागजों पर नहीं, बल्कि धरातल पर उतरकर नियमित निरीक्षण करें। उन्होंने कहा, "अवैध खनन में संलिप्त लोगों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करें जो नजीर बने।" साथ ही, ए.आर.टी.ओ. और खनन विभाग को संयुक्त रूप से ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों के खिलाफ सघन चेकिंग अभियान चलाने का जिम्मा सौंपा गया है।

राजस्व बढ़ाने और पारदर्शी व्यवस्था के लिए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि बालू और गिट्टी के जिन पट्टों की अवधि समाप्त हो चुकी है, उनके लिए तत्काल नया विज्ञापन जारी कर आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने वन विभाग को भी चेताया कि पट्टों से संबंधित लंबित फाइलों को दबाकर न बैठें, उनका समय पर निस्तारण सुनिश्चित करें।

बैठक के दौरान DM ने राजस्व लक्ष्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रति माह निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति अनिवार्य है। उन्होंने एडीएम (वि./रा.) वागीश कुमार शुक्ला, सभी एसडीएम और पुलिस क्षेत्राधिकारियों को निर्देश दिए कि वे समय-समय पर खनन क्षेत्रों का औचक निरीक्षण करें ताकि अवैध गतिविधियों पर लगाम कसी जा सके।

बैठक में ये रहे मौजूद।इस महत्वपूर्ण बैठक में अपर जिलाधिकारी वागीश कुमार शुक्ला, ओबरा एसडीएम विवेक कुमार सिंह, घोरावल एसडीएम आशीष त्रिपाठी और ज्येष्ठ खान अधिकारी कमल कश्यप समेत जिले के तमाम आला अधिकारी मौजूद रहे।
साल 2025 में कर्मठता, संवेदनशीलता और विकास की मिसाल बने हजारीबाग के सांसद मनीष जायसवाल

 प्रस्तुति:- रंजन चौधरी 

सांसद मीडिया प्रतिनिधि, हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र।

हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने साल 2025 में संसद के गलियारों से लेकर क्षेत्र के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों तक अपनी सक्रियता, संवेदनशीलता और दृढ़ संकल्प से एक अलग पहचान स्थापित की है। बिहार बॉर्डर से सटे चौपारण के चोरदाहा से लेकर पश्चिम बंगाल बॉर्डर के रामगढ़ स्थित बरलंगा, चतरा जिले के पिपरवार से कोडरमा जिले के चंदवारा तक फैले लोकसभा क्षेत्र में उनका कार्यकाल “बहुजनहिताय, बहुजनसुखाय” के आदर्शों का जीवंत उदाहरण रहा।

साल की शुरुआत में ही मांडू विधानसभा क्षेत्र के चरही अंतर्गत ग्राम सरवाहा में पांच युवकों की दर्दनाक मौत की घटना के बाद सांसद मनीष जायसवाल ने अस्पताल पहुंचकर शोकाकुल परिवारों को ढांढस बंधाया और पोस्टमार्टम के दौरान उनके साथ खड़े रहे। गोला में तीन स्कूली बच्चों की सड़क दुर्घटना के बाद उन्होंने त्वरित पहल करते हुए प्रशासन से समन्वय कर चरही के यूपी मोड़ और रामगढ़ के चुटूपालू घाटी जैसे ब्लैक स्पॉट पर सुधार कार्य, स्ट्रीट लाइट सुदृढ़ीकरण और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित कराए।

विकास के मोर्चे पर उनकी दृष्टि शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं रही। रजरप्पा प्रोजेक्ट के विस्थापितों के साथ खड़े रहते हुए उन्होंने रामगढ़ सदर अस्पताल में बहुप्रतीक्षित डायलिसिस यूनिट की शुरुआत करवाई। मांडू के सोनडीहा और चैनपुर में रेलवे ओवरब्रिज निर्माण का शिलान्यास कर चुनावी वादों को धरातल पर उतारा, जो क्षेत्र के आधारभूत विकास में मील का पत्थर साबित हुआ।

संसद में सांसद मनीष जायसवाल की सक्रियता उल्लेखनीय रही। उन्होंने लगभग 118 जनहित के प्रश्न उठाकर हजारीबाग सहित पूरे झारखंड के मुद्दों को राष्ट्रीय पटल पर रखा। डीएमएफटी मद से सैकड़ों करोड़ रुपये की योजनाओं के माध्यम से सड़क, पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और मानव कल्याण से जुड़े कार्यों को गति मिली। डीएमएफटी और दिशा बैठकों में उनकी सक्रिय भूमिका ने जिले की विकास योजनाओं को नई दिशा दी।

विस्थापितों की आवाज बनते हुए उन्होंने बड़कागांव, केरेडारी कोल ब्लॉक तथा कोनार और तिलैया डैम से प्रभावित परिवारों के मुद्दों को संसद में मजबूती से उठाया और कोनार सिंचाई परियोजना के लंबित कार्य शीघ्र पूर्ण करने की मांग की। स्वास्थ्य के क्षेत्र में शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों की अव्यवस्थाओं के खिलाफ उन्होंने सड़क पर उतरकर जनहित में आवाज बुलंद की। साथ ही सीएसआर मद से स्वास्थ्य शिविर, पोषण किट, खेल सामग्री, कंबल वितरण, सामुदायिक भवन, लाइब्रेरी, सांस्कृतिक भवन और कंप्यूटर लैब जैसे अनेक कार्य सुनिश्चित किए।

सामाजिक सरोकारों में ‘सांसद तीर्थ दर्शन महाअभियान’ और ‘सांसद सामूहिक विवाह उत्सव’ प्रमुख उपलब्धियां रहीं। तीर्थ दर्शन अभियान के तहत बुजुर्गों को उत्तर प्रदेश के प्रमुख तीर्थों का निःशुल्क दर्शन कराया गया, वहीं सामूहिक विवाह उत्सव के अंतर्गत 101 निर्धन परिवारों की बेटियों का विवाह कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया गया। खेल और संस्कृति के क्षेत्र में ‘सांसद खेल महोत्सव’ के तहत नमो फुटबॉल टूर्नामेंट में 22 मंडलों की 484 टीमों के 20,260 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। संजय सिंह स्टेडियम में बीसीसीआई अधिकारियों के दौरे के बाद बिहार कूच ट्रॉफी की सफल मेजबानी भी हुई।

हजारीबाग की ऐतिहासिक रामनवमी पर पारंपरिक अस्त्र-शस्त्र वितरण अभियान, कनहरी हिल में बायोडायवर्सिटी पार्क, बड़कागांव में डिग्री कॉलेज की नींव, बिजली कटौती के खिलाफ महाधरना, धार्मिक आयोजनों में जनभावनाओं के समर्थन और चुनावी जिम्मेदारियों का कुशल निर्वहन उनके संघर्षशील व्यक्तित्व को दर्शाता है।

व्यक्तिगत स्तर पर वे गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में सहयोग, श्राद्ध अवसर पर जरूरतमंदों को किट वितरण और जनसामान्य के सुख-दुख में सहभागी बने रहे। निजी जीवन के कठिन क्षणों के बावजूद उन्होंने जनसेवा के पथ से विचलित हुए बिना वर्ष के अंत में मीडिया के माध्यम से अपना रिपोर्ट कार्ड जनता के समक्ष रखा।

साल 2026 के लिए भी उन्होंने सेवा के नए संकल्प के साथ रामगढ़ में 08 फरवरी 2026 को ‘सांसद सामूहिक विवाह उत्सव-2026’ के तहत 101 अत्यंत निर्धन बेटियों के सामूहिक विवाह आयोजन की घोषणा की है। यह पहल केवल घर बसाने की नहीं, बल्कि परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने का संबल देने का प्रयास है। सांसद मनीष जायसवाल का यह सेवाधर्मी दृष्टिकोण हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के लिए सामाजिक और विकासात्मक प्रगति की नई किरण बनकर उभरा है।

हजारीबाग सेंट्रल जेल की सुरक्षा में बड़ी सेंध: 'हाई-सिक्योरिटी' से तीन कैदी लापता; धनबाद के रहने वाले बताए जा रहे हैं तीनों फरार बंदी

हजारीबाग | 31 दिसंबर 2025: झारखंड की अति-सुरक्षित मानी जाने वाली लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा से तीन कैदियों के अचानक लापता होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जेल अधीक्षक चंद्रशेखर सुमन ने तीन कैदियों के गायब होने की आधिकारिक पुष्टि की है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, ये तीनों कैदी धनबाद जिले के रहने वाले हैं।

पांच स्तरीय सुरक्षा कवच हुआ नाकाम

हजारीबाग केंद्रीय कारा अपनी अभेद्य सुरक्षा के लिए जानी जाती है। यहाँ नक्सलियों और खूंखार अपराधियों को रखा जाता है। जेल में पांच स्तरीय (5-Layer) सुरक्षा कवच है, जहाँ से परिंदा भी पर नहीं मार सकता। किसी भी व्यक्ति को अंदर जाने या बाहर आने के लिए इन पांच घेरों से गुजरना पड़ता है। ऐसे में इन सुरक्षा घेरों को पार कर तीन कैदियों का गायब होना जेल प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

निलंबन के बाद भी नहीं सुधरे हालात

हाल ही में जेल आईजी ने सुरक्षा में लापरवाही बरतने के आरोप में यहाँ के 12 सुरक्षाकर्मियों को निलंबित किया था। इसके बाद सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी करने का दावा किया गया था। लेकिन इस ताजा घटना ने प्रशासनिक दावों की पोल खोल दी है। फिलहाल जेल प्रशासन ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि गायब हुए कैदी सजायाफ्ता थे या विचाराधीन।

ऐतिहासिक जेल और सुरक्षा का इतिहास

यह वही ऐतिहासिक जेल है जहाँ से आजादी की लड़ाई के दौरान लोकनायक जयप्रकाश नारायण दीपावली की रात अंग्रेजों को चकमा देकर फरार हुए थे। आज की आधुनिक तकनीक और कड़े पहरे के बीच कैदियों का लापता होना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।

नव वर्ष से पहले लखनऊ हाई अलर्ट, राजधानी में सघन चेकिंग अभियान, हर संदिग्ध पर पैनी नजर
लखनऊ। आगामी नव वर्ष के मद्देनजर राजधानी लखनऊ में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। शहर में किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने सघन चेकिंग अभियान शुरू कर दिया है। नए साल के जश्न के दौरान शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए राजधानी के प्रमुख इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।
पुलिस कमिश्नर अमरेन्द्र कुमार सेंगर के निर्देश पर मंगलवार को लखनऊ के भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों, प्रमुख मॉल, धर्मशालाओं और हजरतगंज सहित कई संवेदनशील स्थानों पर व्यापक चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान पुलिस टीमों ने पैदल गश्त कर संदिग्ध व्यक्तियों की तलाशी ली और उनसे पूछताछ की।

हजरतगंज थाना क्षेत्र में इंस्पेक्टर विक्रम सिंह के नेतृत्व में पुलिस बल ने डॉग स्क्वॉड, बम निरोधक दस्ता, स्पेशल स्क्वॉड, एलआईयू और क्राइम ब्रांच की टीमों के साथ संयुक्त रूप से सघन चेकिंग की। पुलिस ने होटल, लॉज और धर्मशालाओं में ठहरे लोगों के पहचान पत्रों की जांच की और उनके ठहरने के कारणों के बारे में जानकारी ली। चारबाग रेलवे स्टेशन से लेकर शहर के विभिन्न होटलों तक सुरक्षा व्यवस्था को विशेष रूप से मजबूत किया गया।

इधर, यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने और नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए डीसीपी ट्रैफिक कमलेश दीक्षित खुद मैदान में उतरे। मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे हजरतगंज चौराहे पर उन्होंने अपनी टीम के साथ वाहनों की चेकिंग की। इस दौरान दोपहिया वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी और हेलमेट की जांच की गई।

चेकिंग के दौरान बिना हेलमेट और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई। पुलिस को देखकर कई वाहन चालक मौके से भागते नजर आए। अभियान के दौरान करीब 112 दोपहिया वाहनों को रोका गया, जिनमें लगभग 50 वाहन महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे थे। पूछताछ के दौरान कई महिलाओं ने हेलमेट न पहनने को लेकर अलग-अलग बहाने बनाए। कुछ मामलों में स्कूटी की डिग्गी में हेलमेट पाए गए, लेकिन वाहन चलाते समय उसे नहीं पहना गया था। ऐसे वाहन चालकों को कड़ी चेतावनी देते हुए भविष्य में नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नव वर्ष के दौरान शहर की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह अभियान लगातार जारी रहेगा। किसी भी तरह की लापरवाही या नियम उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
देवघर यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियन के आवाहन पर 30 दिसंबर की शाम को SBI साधना भवन के पास विरोध प्रदर्शन।
देवघर: भारतीय स्टेट बैंक, साधना भवन, देवघर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) के आह्वान पर आज दिनांक 30 दिसंबर 2025 को देवघर स्थित भारतीय स्टेट बैंक, साधना भवन के समक्ष बैंक कर्मचारियों एवं अधिकारियों द्वारा पाँच दिवसीय बैंक कार्य सप्ताह लागू करने सहित अन्य लंबित एवं न्यायोचित मांगों के समर्थन में एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम UFBU की देवघर इकाई के संयोजक एवं कर्मचारी संघ पटना मंडल के अध्यक्ष मुन्ना कुमार झा की अध्यक्षता में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम में विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर अपनी एकजुटता का परिचय दिया। इस अवसर पर भारतीय स्टेट बैंक कर्मचारी संघ के उपमहासचिव  धीरज कुमार ने कहा कि बैंकों में स्टाफ की भारी कमी के कारण कर्मचारियों एवं अधिकारियों पर कार्य-दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे शारीरिक एवं मानसिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि RBI, LIC एवं GIC जैसे संस्थानों में जहाँ पाँच दिवसीय कार्य सप्ताह लागू है, वहीं बैंक कर्मियों को इससे वंचित रखना भेदभावपूर्ण है। कार्यक्रम में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्स एसोसिएशन (SBIOA) के आंचलिक सचिव श्री विभु प्रकाश, अध्यक्ष श्री मिथिलेश कुमार, सुरेंद्र कुमार (IOB), मुकेश कुमार सिंह (BOI), रोहित कुमार सिंह (BOI), ब्रजेश कुमार (Canara Bank) सहित विभिन्न बैंकों के पदाधिकारियों ने अपने विचार रखे। इसके साथ ही मुख्य प्रबंधकगण— श्री शक्ति शेखर मिश्रा, श्री गौरव आनंद,ब्रज पति सहाय तथा अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी संतोष, संदीप, अंशुमन, पंकज, राजेश, नयन, विजय सिन्हा, सुमन, राजेश सिन्हा, सुकृतिका, माधव, अंजली, निशी आनंद, शशि एक्का, हीरल शर्मा, सहित अमर, रविकांत, प्रवीण, अवधेश झा, केशव, सनी, अंशुमन, राजेश, आयुषी, कंचन, अमित कुमार, सुमित कुमार, रंजन, अविनाश कुमार (PNB), रोहित झा (PNB), अनूप पांडे, चंद्रशेखर, अरविंद बाजपेई, कनिष्क आनंद, कुमार शांतनु, काजल कुमार झा, प्रद्युम्न कुमार, मनीष कुमार राय, अजय जज़वारे ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर अपनी एकता का प्रदर्शन किया। UFBU ने बताया कि IBA द्वारा पाँच दिवसीय बैंकिंग की सिफारिश सरकार को भेजे जाने के बावजूद अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। इसी अनावश्यक देरी के विरोध में UFBU ने देशव्यापी आंदोलनात्मक कार्यक्रमों की घोषणा की है। UFBU का आगे का आंदोलनात्मक कार्यक्रम: • 04 जनवरी 2026 – सोशल मीडिया / ट्विटर अभियान • 05 जनवरी 2026 – सभी राज्य राजधानियों में धरना प्रदर्शन एवं हड़ताल की तिथि की घोषणा • 13 जनवरी 2026 – प्रेस मीट / प्रेस विज्ञप्ति • जनवरी 2026 के तीसरे सप्ताह में – अखिल भारतीय बैंक हड़ताल UFBU ने चेतावनी दी कि यदि सरकार द्वारा शीघ्र सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन को और अधिक व्यापक किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार एवं बैंक प्रबंधन की होगी। कार्यक्रम शांतिपूर्ण, अनुशासित एवं एकजुट वातावरण में संपन्न हुआ।
अधिक सजग और अधिक करुणामय इंसान बनने का संकल्प, 2026
–डॉ मंजू लोढ़ा, वरिष्ठ साहित्यकार

हर साल की तरह 2025 भी आया और चला गया, पर यह साल केवल कैलेंडर का बदलना नहीं था।
यह अनुभवों का ऐसा अध्याय रहा,
जिसे पलटते समय
मन अपने-आप ठहर जाता है।
यह वर्ष हमें यह सिखा गया कि
जीवन केवल उपलब्धियों का उत्सव नहीं,
बल्कि विपरीत परिस्थितियों में
इंसान बने रहने की परीक्षा भी है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में
पर्यटकों को निशाना बनाकर किया गया
आतंकी हमला
केवल निर्दोष जानें ही नहीं ले गया,
बल्कि पूरे देश को
गहरे शोक और आक्रोश में डुबो गया। लंदन जाने वाली
अंतरराष्ट्रीय उड़ान का
तकनीकी खराबी के कारण
दुर्घटनाग्रस्त होना
वैश्विक स्तर पर
विमान सुरक्षा पर
गंभीर प्रश्न छोड़ गया। दिल्ली और उत्तर भारत में
आतंकी घटनाओं ने सार्वजनिक स्थानों पर असुरक्षा की भावना को
और गहरा किया।
प्रकृति भी इस वर्ष
कुछ कम कठोर नहीं रही।
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड , महाराष्ट्र और असम में
भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन ने
कई परिवारों से
उनके घर, आजीविका
और सहारे छीन लिए। मुंबई और नवी मुंबई में
भीषण आग की घटनाएँ
और भांडुप की
BEST बस दुर्घटना ने महानगर की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी को
अचानक थाम लिया।
दूर मध्य-पूर्व और यूक्रेन में
जारी युद्धों की तपिश
महँगाई, अस्थिरता
और मानव संकट बनकर
पूरी दुनिया ने महसूस की।
सच यही है—
2025 ने हमें
कड़वे घूँट पिलाए।
पर इसी कठिन समय में
हमने अपनी सामूहिक शक्ति भी देखी।
आतंकी घटनाओं के बाद
देश की निर्णायक प्रतिक्रिया
और ऑपरेशन सिंदूर जैसे
सख़्त कदमों ने
यह स्पष्ट कर दिया कि
भारत अब केवल सहने वाला देश नहीं—
वह अपनी सुरक्षा और संप्रभुता को लेकर
पूरी तरह सजग और सक्षम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का नेतृत्व
इस वर्ष
एक दृढ़, जुझारू और आत्मविश्वासी
वैश्विक व्यक्तित्व के रूप में
और उभरकर सामने आया।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर
भारत की आवाज़
सिर्फ़ सुनी ही नहीं गई,
उसका सम्मान भी किया गया।
देशवासियों के मन में यह भरोसा गहरा हुआ कि
सशक्त नेतृत्व के कारण
हम अपेक्षाकृत
निश्चिंत होकर
अपना जीवन जी पा रहे हैं।
दुख और संकट के बीच
देश–विदेश से
संवेदना, सहायता
और प्रार्थनाओं की
एकजुटता भी हमने देखी।
NDRF, SDRF,
फायर ब्रिगेड,
मेडिकल टीमें और स्वयंसेवक—
थके हुए शरीर,
पर अडिग संकल्प के साथ
कई जानें बचाने में सफल रहे।
आपदा प्रबंधन की क्षमता
पहले से अधिक
मजबूत दिखाई दी।
खेलों के क्षेत्र में
भारत ने
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर
उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कीं।
विशेषकर महिला खिलाड़ियों की
सफलताओं ने
देश को
नया गर्व दिया।
इंफ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर
मेट्रो परियोजनाएँ,
एक्सप्रेसवे,
रेलवे आधुनिकीकरण
और वंदे भारत ट्रेनों ने
यात्रा को
अधिक सुरक्षित
और सुविधाजनक बनाया। ISRO के सफल अंतरिक्ष मिशनों ने
यह भरोसा दिया कि भारत की उड़ान
अब केवल धरती तक सीमित नहीं—
वह अंतरिक्ष तक पहुँच चुकी है।
डिजिटल इंडिया के अंतर्गत
UPI, AI, फिनटेक
और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम ने
भारत को
तकनीक का उपभोक्ता नहीं,
बल्कि नवाचार का केंद्र बनाया।
महिला सशक्तिकरण,
शिक्षा,
डिजिटल कृषि,
स्वास्थ्य शिविर,
योग और मानसिक स्वास्थ्य पर
बढ़ता ज़ोर—
ये सभी संकेत थे कि विकास की समझ
अब अधिक मानवीय हो रही है।
युवाओं की सामाजिक भागीदारी
और स्वयंसेवी कार्यों में
उनकी सक्रियता ने
भविष्य के प्रति
आशा को
और मजबूत किया।
2025 ने हमें
रुलाया भी,
और संभलना भी सिखाया।
इस साल ने यह भी समझाया कि
जीवन को
सिर्फ़ जीया नहीं जाता—
कभी-कभी
उसे सीपीआर भी देनी पड़ती है।
जब साँसें थमती हैं,
तो यादों को बटोरना पड़ता है।
जब हौसला टूटता है,
तो अनुभव
धड़कन बनते हैं।
हर साल
कितनी सीपियाँ छोड़ जाता है—
कुछ से हम मोती निकाल लेते हैं,
कुछ बस
रेत में चमकती रह जाती हैं।
पर वे व्यर्थ नहीं जातीं—
वे हमें याद दिलाती हैं कि हमने
पूरी शिद्दत से
जिया था।
जीवन अनमोल है।
कठिनाइयों के बीच
मिला हुआ यह अवसर
हर पल खर्च करने के लिए नहीं—
हर पल महसूस करने के लिए है।
जो बीत गया,
वह अनुभव बन गया। जो मिला,
वह कृतज्ञता बन गया। हमने यह खोया,
और हमने यह पाया। शायद
यही 2025 की
सबसे बड़ी सीख है। अलविदा 2025।
स्वागत 2026—
और अधिक सजग,
और अधिक करुणामय
इंसान बनने के संकल्प के साथ।                          ईश्वर से यही प्रार्थना है। प्रधानमंत्री मोदी जी दीर्घायु हो और उनके नेतृत्व में देश सुरक्षित सशक्त और शांतिपूर्ण मार्ग पर आगे बढ़ता रहे, ताकि नागरिक निश्चिंत होकर सुख की नींद सो सके।
राष्ट्रीय राजमार्ग 730 सी का निर्माण कार्य एक साल में पूरा न होने पर सांसद ने जताई नाराजगी

संसद-सदस्य सड़क सुरक्षा समिति की बैठक सम्पन्न

नेशनल हाइवे को शीघ्रातिशीघ्र दुरूस्त करायें

ट्रैक्टर-ट्रालियों में रिफ्लेक्टिव टेप लगवाए

फर्रुखाबाद l  संसद-सदस्य सड़क सुरक्षा समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सांसद मुकेश राजपूत की अध्यक्षता में आयोजन किया गया। बैठक में एआरटीओ-प्रवर्तन सुभाष राजपूत द्वारा अवगत कराया कि
जनपद में कुल 11 ब्लैक स्पॉट में से 08 राष्ट्रीय राजमार्ग 730सी पर हैं। रोहिला चौराहा, बृहमहत्त स्मारक, तथा मसेनी चौराहा का जंक्शन डेवलपमेन्ट का कार्य अभी तक नहीं कराया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग 730सी का निर्माण कार्य 23-11-2024 तक पूर्ण होना था परन्तु वर्ष 2025 की समािप्त तक अपूर्ण है। राष्ट्रीय राजमार्ग 730सी पर सड़क सुरक्षा के मानकों की अनदेखी की गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर अधिक दुर्घटनाओं के दृष्टिगत सांसद द्वारा बैठक में उपस्थित एनएचएआई के अधिकारियो को निर्देशित किया कि वह नेशनल हाइवे को शीघ्रातिशीघ्र दुरूस्त करायें। इसके साथ ही सांसद  द्वारा शुकरूल्लापुर रेल ओवरब्रिज पर लगी लाइट को शीघ्र चालू कराने के निर्देश दिये गये।
जिलाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया है कि जनपद में 19 दिसंबर 2025 से 17 जनवरी 2026 तक ‘‘ नो हेल्मेट नो पेट्रोल ’’ की रणनीति लागू की गयी है। क्षेत्राधिकारी-यातायात एवं जिला पूर्ति अधिकारी के साथ एआरटीओ जनपद के पेट्रोल-पम्पों पर बिना हेल्मेट लगाये पेट्रोल लेने वाले दोपहिया वाहनों के विरूद्ध कठोर प्रवर्तन कार्यवाही करें।
बैठक में एआरटीओ द्वारा बताया गया कि पुलिस विभाग द्वारा वर्ष 2025 में 42481 चालान किये गये हैं तथा 187 वाहन बन्द किये गये हैं, जिनसें रू0 18.92 लाख प्रशमन शुल्क वसूला गया। परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2025 में 4155 चालान किये गये हैं तथा 1018 वाहन बन्द किये गये हैं, जिनसें रू0 219.33 लाख प्रशमन शुल्क वसूला गया। इसके अतिरिक्त सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के निर्देशों के अनुपालन में जनपद में वर्ष 2025 में 265 ड्राइविंग लाइसेन्स निलम्बित किये गये हैं।
एआरटीओं ने बताया कि शासन के निर्देश पर सड़क सुरक्षा माह का आयोजन एक जनवरी से 31 जनवरी 2026 तक किया जायेगा। इस सम्बन्ध में परिवहन आयुक्त द्वारा पंचायती राज विभाग को ब्लॉक स्तर पर ग्राम प्रधानों की बैठक आहूत किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त ग्राम प्रधानों को ग्राम सड़क सुरक्षा समिति के अन्तर्गत उस ग्राम का सड़क सुरक्षा अग्रदूत घोषित किया जाये।सांसद द्वारा ट्रैक्टर-ट्रालियों में रिफ्लेक्टिव टेप लगवाने के निर्देश भी दिये गये।
इस दौरान बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष मोनिका यादव, विधायक, अमृतपुर सुशील कुमार शाक्य, विधायक, भोजपुर नागेन्द्र सिंह राठौर , विधायक कायमगंज डा0 सुरभि गंगवार, पुलिस अधीक्षक श्रीमती आरती सिंह, सीडीओ विनोद कुमार गौड़, अधिशासी अभियन्ता (प्रा0ख0), लो0नि0वि0 श्री मुरलीधर, अधिशासी अभियन्ता (नि0ख0), लो0नि0वि0 अशोक कुमार, सीएमओ डा0 अवनीन्द्र कुमार,  बीएसए विश्वनाथ प्रताप सिंह, डीआईओएस नरेन्द्र पाल सिंह, डीएसओ सुरेन्द्र यादव, डीपीआरओ राजेश चौरसिया तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
माघ मेला–2026: आपातकालीन योजनाओ के प्रभावी क्रियान्वयन एवं भीड़ प्रबन्धन को लेकर पुलिस- प्रशासन की ब्रीफिंग।

पुलिस आयुक्त प्रयागराज जोगेन्द्र कुमार द्वारा ब्रीफिंग के दौरान दिये गये महत्वपूर्ण निर्देश।

माघ मेला क्षेत्र का भ्रमण/ धरातलीय निरीक्षण व सम्बन्धित को आवश्यक दिशा-निर्देश।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।रिज़र्व पुलिस लाइन्स माघ मेला स्थित तीर्थराज सभागार में माघ मेला–2026 की तैयारियो के दृष्टिगत पुलिस अधिकारियो एवं कर्मचारियो का ब्रीफिंग कार्यक्रम तथा माघ मेला क्षेत्र का पैदल भ्रमण व भौतिक रूप से निरीक्षण किया गया-पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रयागराज जोगेन्द्र कुमार द्वारा पुलिस बल को सम्बोधित करते हुए कहा गया कि माघ मेला-2026 के दौरान भीड़ प्रबंधन एवं आपातकालीन योजनाओ का त्वरित समन्वित एवं प्रभावी क्रियान्वयन अत्यन्त आवश्यक होती है इसलिये आपात स्थिति उत्पन्न होने पर कम से कम समय में निकासी क्षमता को कई गुना बढ़ाने की तैयारी हर स्तर पर सुनिश्चित की जाए।प्रत्येक चौराहे/तिराहे एवं सभी ड्यूटी पॉइंट्स पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती रहे तथा कंट्रोल रूम से निर्देश प्राप्त होते ही बिना किसी विलम्ब के योजनाओ/ निर्देशो को तत्काल लागू किया जाए।मेला क्षेत्र के प्रवेश मार्गो एवं सभी घाटों पर निरंतर गश्त एवं चेकिंग करते रहे।घाटो पर अतिक्रमण एवं अव्यवस्था न होने पाये तथा श्रद्धालुओ को घाटो पर रुकने अथवा सोने से रोका जाये तथा आवश्यकता पड़ने पर उन्हे निर्धारित विश्राम स्थलो/शिविरो की ओर प्रतिस्थापित किया जाये।पुलिस आयुक्त प्रयागराज द्वारा ब्रीफिंग के उपरान्त माघ मेला क्षेत्र के प्रमुख रास्तो/घाटो व महत्वपूर्ण स्थलो का पैदल भ्रमण करते हुये धरातलीय रूप से सूक्षण निरीक्षण किया गया तथा सर्व सम्बन्धित को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।उक्त ब्रीफिंग व भ्रमण कार्यक्रम में मंडलायुक्त प्रयागराज सौम्या अग्रवाल अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था डॉ0अजय पाल शर्मा जिलाधिकारी प्रयागराज मनीष कुमार वर्मा पुलिस अधीक्षक माघ मेला नीरज कुमार पाण्डेय पुलिस उपायुक्त नगर मनीष कुमार पुलिस उपायुक्त यमुनानगर विवेक चन्द्र यादव पुलिस उपायुक्त गंगानगर कुलदीप गुनावत अपर जिलाधिकारी (प्रोटोकॉल)सहायक पुलिस आयुक्त राजकुमार मीणा सहायक नोडल पुलिस अधिकारी माघ मेला विजय आनन्द व अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

मवाना तहसील पहुंचकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन
मवाना।मेरठ।भारतीय किसान यूनियन तोमर के कार्यकर्ताओं ने चौधरी इन्तजार देशवाल नेतृत्व में आज मंगलवार को मवाना तहसील पहुंचकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन  किया। इस दौरान भाकियू किसान यूनियन तोमर के जिला अध्यक्ष चौधरी इन्तजार देशवाल जानकारी देते हुए बताया कि अधिकारीयों द्वारा सही व्यवहार नहीं करना, गन्ना का भाव 500/ रूपए प्रति करना, स्मार्ट मीटर पर पूर्ण रूप से रोग करना, किसानों के 60 वर्ष के बाद₹10000 पेंशन करना, डाई या यूरिया किसानों को जमीन के आधार पर करना, और जनपद मेरठ में दिल्ली वह ऋषिकेश की तरह एम्स हॉस्पिटल करना, मौहम्मदपुर खेड़ी में बुढ़ी गंगा की सफाई करना, आदि विभिन्न समस्याओं को लेकर एसडीएम संतोष कुमार को ज्ञापन सौंपा हुए निस्तारण और कार्रवाई की मांग उठाई। इसी दौरान एसडीएम संतोष कुमार ने ज्ञापन लेकर जल्द से जल्द निस्तारण करने का आश्वासन दिया।
डीएम के जांच आदेश पर भारी पड़ते दिखाई दे रहे हैं भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी

दो बार भुगतान फिर भी नहीं बना कुएं का जगत

गांव में विकास कार्यों के नाम पर स्वयंभू प्रधान का कारनामा

जिलाधिकारी से जांच कराकर की गई थी कार्रवाई कि मांग


मीरजापुर। जिले के हलिया विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत मनिगढा में विकास कार्यों के नाम पर हुए वित्तीय घोटाले का मामला जोर पकड़ा जा रहा है, तो वहीं घोटाले की फाईलों को दबाएं बैठे ब्लाक स्तरीय अधिकारी और कर्मचारी जिलाधिकारी के आदेश को भी ठेंगा दिखाते हुए आएं हैं। बता दें कि मनिगढ़ा गांव में विकास कार्यों के नाम पर हुए भारी घोटाले और बिना धरातल पर कार्य कराएं ही कागजों में सरकारी धन खर्च दिखाकर हज़म कर लिया गया है।

इस बात का खुलासा होने पर तथा जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार से इस संबंध में तीन सौ पन्नों का शिकायती पत्र सौंप कर जांच कर कार्रवाई की मांग की गई थी, जिसपर जिलाधिकारी ने 28 अक्टूबर 2025 को उक्त शिकायत के आधार पर आदेश संख्या 3394/7/शिकायत जांच/2025-26 द्वारा जांच समिति गठित की गई थी।

दुर्भाग्यवश, जांच समिति गठन के दो महीने से अधिक समय बीत जाने के उपरांत भी न तो कोई जांच अधिकारी मौके पर स्थलीय जांच करने पहुंचा है और न ही शिकायतकर्ता को जांच तिथि की सूचना प्रदान की गई। इस बीच प्रधान, सचिव एवं बीडीओ हलिया द्वारा जांच को प्रभावित करने हेतु कृत्रिम फोटोग्राफ तैयार कर लीपापोती की जा रही है, जिससे मूल अनियमितताएं छुपाई जा रही हैं। ग्रामीणों ने मांग किया है कि गठित जांच समिति को तत्काल प्रभाव से स्थल निरीक्षण करने के लिए निर्देशित किया जाए,जांच के समय शिकायतकर्ता को पूर्व सूचना अनिवार्य रूप से प्रदान की जाए तथा जांच विलंब के कारण साक्ष्यों पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना के मद्देनज़र दोषियों के विरुद्ध विधिक, अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। साथ ही साथ संपूर्ण जांच प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाए, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।

यह है पूरा मामला.........
दरअसल, यह पूरा मामला जिले के हलिया विकास खंड क्षेत्र के मनिगढ़ा गांव में हुए उस भारी विकास कार्यों से जुड़ा हुआ है जो धरातल पर हुआ ही नहीं है। जहां सरकार की विकास परक योजनाओं को पलीता लगाते हुए बिना कार्य कराएं ही भुगतान करा लिया गया है। इस मामले में गांव निवासी अब्दुल समद ने बीते महीने जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार को तीन सौ पेज का शिकायती पत्र सौंपकर गांव में लाखों रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। मनिगढ़ा गांव निवासी अब्दुल समद ने जिलाधिकारी को सौंपे गए पत्रक में आरोप लगाया कि उसके घर के सामने स्थित पुराने कुएं के जगत के निर्माण के नाम पर दो बार में एक लाख से ऊपर का भुगतान किया जा चुका है, लेकिन निर्माण नहीं कराया गया।

कुआं और कुएं का जगत आज भी जस-तस हालात में पड़ा हुआ है। यही नहीं गांव के अन्य विकास कार्य मसलन, तालाब, कुआं, सड़क, मस्जिद इत्यादि के नाम पर भी कागजों पर तो काम करवा दिए गए हैं, लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा है। आरोप है कि ग्राम प्रधान का पूरा लेखा-जोखा, लेन-देन कोई और करता है। महिला प्रधान को यह भी पता नहीं है कि उसके गांव के विकास कार्य पर कितनी धनराशि खर्च की गई है और कहां-कहां खर्च किया गया है। गांव के विकास कार्य के नाम पर लाखों रुपये गबन करने की आशंका जताते हुए कहा गया है कि बिना कार्य कराए ही कागज पर कार्य पूर्ण दिखाकर रुपये निकाल लिए गए हैं।

डीएम ने जांच कराके कारवाई का आश्वासन दिया था। डीएम ने इस संबंध में डीपीआरओ को निर्देशित किया था और टीम गठित कर मामले की जांच कर तत्काल रिपोर्ट सौंपी जाए के निर्देश भी दिए थे, लेकिन डीएम के टीम गठित करने के डेढ़ माह गुजरने के बाद भी मौके पर न तो जांच टीम के अधिकारी पहुंचे हैं और ना ही कोई कार्रवाई शुरू की गई है।

*मामले में लीपापोती की जताई आशंका*

ग्रामीणों सहित शिकायतकर्ता ने आशंका जताई है कि जिलाधिकारी से हुई शिकायत और जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच टीम गठित करने के बाद गांव के प्राथमिक विद्यालय में सहित कुछ अन्य स्थानों की कृत्रिम फोटोग्राफ तैयार कर लीपापोती की जा रही है, ताकि मूल अनियमितताएं छुपाई जा सकें और जांच को प्रभावित किया जा सके।


*मनरेगा घोटाले की जांच में रहा है हलिया*

गौरतलब हो कि वर्ष 2007-2010 में राज्य के कई जिलों में हुए मनरेगा योजना अन्तर्गत घोटाले में मीरजापुर का हलिया विकास खंड क्षेत्र भी शामिल रहा है यहां के 54 लोगों जिनमें कई अधिकारी कर्मचारी और ग्राम प्रधान इस भ्रष्टाचार घोटाले की जांच में घिरे थे, मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामला सीबीआई के हवाले होने पर कई बार सीबीआई की टीम भी हलिया धमक चुकी है। बावजूद गांवों के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार थमा नहीं है।
माफियाओं के 'सिंडिकेट' पर DM का प्रहार कलेक्ट्रेट में टास्कफोर्स की बैठक में दी कड़ी चेतावनी


विकास कुमार

सोनभद्र। जनपद में अवैध खनन और ओवरलोडिंग के खेल को खत्म करने के लिए जिलाधिकारी बी.एन. सिंह ने कड़े तेवर अख्तियार कर लिए हैं। मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित टास्कफोर्स की बैठक में जिलाधिकारी ने साफ शब्दों में कहा कि अवैध खनन और परिवहन पर किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को दो टूक चेतावनी दी कि इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर भी गाज गिर सकती है।

जिलाधिकारी ने गठित टीमों को निर्देश दिया कि वे केवल कागजों पर नहीं, बल्कि धरातल पर उतरकर नियमित निरीक्षण करें। उन्होंने कहा, "अवैध खनन में संलिप्त लोगों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करें जो नजीर बने।" साथ ही, ए.आर.टी.ओ. और खनन विभाग को संयुक्त रूप से ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों के खिलाफ सघन चेकिंग अभियान चलाने का जिम्मा सौंपा गया है।

राजस्व बढ़ाने और पारदर्शी व्यवस्था के लिए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि बालू और गिट्टी के जिन पट्टों की अवधि समाप्त हो चुकी है, उनके लिए तत्काल नया विज्ञापन जारी कर आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने वन विभाग को भी चेताया कि पट्टों से संबंधित लंबित फाइलों को दबाकर न बैठें, उनका समय पर निस्तारण सुनिश्चित करें।

बैठक के दौरान DM ने राजस्व लक्ष्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रति माह निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति अनिवार्य है। उन्होंने एडीएम (वि./रा.) वागीश कुमार शुक्ला, सभी एसडीएम और पुलिस क्षेत्राधिकारियों को निर्देश दिए कि वे समय-समय पर खनन क्षेत्रों का औचक निरीक्षण करें ताकि अवैध गतिविधियों पर लगाम कसी जा सके।

बैठक में ये रहे मौजूद।इस महत्वपूर्ण बैठक में अपर जिलाधिकारी वागीश कुमार शुक्ला, ओबरा एसडीएम विवेक कुमार सिंह, घोरावल एसडीएम आशीष त्रिपाठी और ज्येष्ठ खान अधिकारी कमल कश्यप समेत जिले के तमाम आला अधिकारी मौजूद रहे।