24 साल बाद जिंदा लौटे ‘मृत’ माने गए बुजुर्ग, औरंगाबाद से लापता रामप्रवेश महतो जालंधर के वृद्धाश्रम में मिले

,औरंगाबाद (बिहार)। नियति कब क्या मोड़ ले ले, यह कोई नहीं जानता। औरंगाबाद जिले के भोपतपुर गांव से वर्ष 2001 में लापता हुए रामप्रवेश महतो जिंदा हैं और पंजाब के जालंधर स्थित एक वृद्धाश्रम में सुरक्षित मिले हैं। 24 वर्षों से अपने परिवार से बिछड़े रामप्रवेश महतो अब अपने गांव लौट रहे हैं। रविवार को उनके घर पहुंचने की संभावना है, जहां स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं।

पूर्व मुखिया संतोष कुशवाहा के पिता रामप्रवेश महतो वर्ष 2001 में प्रयागराज कुंभ मेला में स्नान करने के लिए घर से निकले थे। इसके बाद वे वापस नहीं लौटे। परिजनों ने रिश्तेदारियों और संभावित स्थानों पर वर्षों तक खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। धीरे-धीरे उम्मीदें टूटती चली गईं और परिवार ने उन्हें मृत मान लिया।

वर्ष 2009 में रामप्रवेश महतो की पत्नी जसवा देवी का निधन हो गया। सामाजिक परंपराओं के अनुसार, परिजनों ने उन्हें भी मृत मानते हुए पत्नी के साथ रामप्रवेश महतो का पुतला बनाकर दाह संस्कार कर दिया। उस समय किसी को यह अंदाजा भी नहीं था कि वे सैकड़ों किलोमीटर दूर जालंधर में जीवित हैं और एक वृद्धाश्रम में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

यह चमत्कार कुछ दिन पूर्व तब सामने आया जब औरंगाबाद जिले का एक ट्रक चालक पंजाब के जालंधर स्थित इससेबल गांव पहुंचा। वहां वृद्धाश्रम के संचालक महंत जिंदर मानसिंह ने एक बुजुर्ग के बारे में बताया, जो मगही भाषा में अपने गांव, परिजनों और आसपास के क्षेत्रों का नाम लेते रहते थे। ट्रक चालक ने जब बातचीत की तो बुजुर्ग ने भोपतपुर और आसपास के कई गांवों के नाम सटीक बताए। इसके बाद वृद्धाश्रम संचालक ने गूगल की मदद से इलाके के जनप्रतिनिधियों का नंबर निकाला। एक सरपंच के माध्यम से 23 दिसंबर को पूर्व मुखिया संतोष कुशवाहा से संपर्क हुआ। पिता के जीवित होने की खबर सुनते ही संतोष कुशवाहा भावुक हो गए और साथियों के साथ तुरंत जालंधर रवाना हो गए।

शुक्रवार को वृद्धाश्रम में 24 साल बाद पिता-पुत्र का मिलन हुआ। दोनों की आंखें भर आईं। संतोष कुशवाहा ने कहा कि वर्ष 2016 में जब वे मुखिया बने, तब पिता उनके साथ नहीं थे, जिसका उन्हें हमेशा मलाल रहा। आज उनसे मिलना जीवन की सबसे बड़ी खुशी है। इस असंभव से लगने वाले पुनर्मिलन में ट्रक चालक की भूमिका अहम रही, जिनकी संवेदनशीलता ने एक परिवार को फिर से जोड़ दिया।

प्रयागराज पुस्तक मेले का दसवां दिन।
भारतीय प्रशासन और पुलिस (प्राचीन काल से आधुनिक काल तक)”तथा“कुछ यादे कुछ बातें भी–माई डेज विद पुलिस” का हुआ विमोचन डॉ.पन्ना लाल एवं डॉ.अजय कुमार की पुस्तकों को मिला पाठको का स्नेह।

समापन की ओर बढ़ा ग्यारह दिवसीय पुस्तक मेला।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।ग्यारह दिवसीय प्रयागराज पुस्तक मेला अब अपने समापन की ओर बढ़ चला है।शनिवार को मेले का दसवां दिन रहा जबकि रविवार को इसका समापन होगा।दसवे दिन भी पुस्तक प्रेमियो का उत्साह देखते ही बना।बड़ी संख्या में पाठक मेले में पहुंचे और पुस्तकों के प्रति उनका गहरा लगाव स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।कटरा स्थित द पाम्स रिसोर्ट–रॉयल गार्डन(लक्ष्मी टॉकीज के सामने) में आयोजित इस पुस्तक मेले में हिन्दी पुस्तको की जमकर बिक्री हुई।मुंशी प्रेमचंद मंटो और रवीन्द्रनाथ टैगोर सहित अनेक साहित्यकारो की कहानियो के चित्रकथा संस्करण बच्चो को विशेष रूप से आकर्षित कर रहे है।मेले में उमड़ी भीड़ के बीच यह तथ्य उभरकर सामने आया कि प्रयागराज (इलाहाबाद)और उससे जुड़े विषयों पर आधारित पुस्तकों का आकर्षण आज भी बना हुआ है।युवा पाठक 1949 में प्रकाशित धर्मवीर भारती के चर्चित उपन्यास गुनाहों के देवता को खोजते और खरीदते नजर आए।युवाओ का कहना है कि सोशल मीडिया पर इस पुस्तक की चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है।इसी क्रम में हाल ही में दिवंगत साहित्यकार विनोद शुक्ल का 1979 में प्रकाशित उपन्यास दीवार में एक खिड़की रहती थी भी पाठको विशेषकर युवाओं को खूब लुभा रहा है। इसके साथ ही कश्मीरी पंडितों के विस्थापन से जुड़े मानव कौल के यात्रा-वृत्तांत/उपन्यास को भी पाठकों ने खास पसंद किया।नए लेखको में दिव्य प्रकाश दुबे की अक्टूबर जंक्शन’मुसाफिर कैफे तथा प्रेम शंकर चरवाना की ‘सरकारी चाय के लिए जैसी पुस्तकों की मांग बनी रही।वही ‘राग दरबारी‘दिल्ली दरबार’ तथा मुंशी प्रेमचंद के‘गोदान गबन‘सेवासदन’और‘निर्मला आज भी पाठकों की पहली पसंद बनी हुई है।बी.ए. के छात्र नितिन ने बताया कि वे और उनके मित्र सोशल मीडिया के माध्यम से पहले से ही पुस्तको की जानकारी जुटा लेते हैं और पुस्तक मेला लगते ही अपनी पसंद की किताबें खरीदते है।आयोजक मनोज सिंह चन्देल एवं सह-आयोजक मनीष गर्ग ने संयुक्त रूप से बताया कि फोर्स वन बुक्स द्वारा बुकवाला के सहयोग से शनिवार को प्रयागराज पुस्तक मेले में डॉ. पन्ना लाल तथा डॉ.अजय कुमार द्वारा लिखित पुस्तको भारतीय प्रशासन और पुलिस (प्राचीन काल से आधुनिक काल तक और कुछ यादे कुछ बातें भी–माई डेज विद पुलिस”का विमोचन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ राजनेता एवं पूर्व सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह रहे जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक एस.एन.चक विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।अतिथियो ने लेखको को बधाई देते हुए कहा कि प्रशासन और पुलिस के अनुभवों पर आधारित ऐसी पुस्तकें समाज को सही दृष्टि और ऐतिहासिक समझ प्रदान करती हैं तथा ऐसे साहित्यिक आयोजन निरंतर होते रहने चाहिए।प्रयागराज पुस्तक मेला 2025 के अंतर्गत आयोजित एक अन्य समारोह में पुस्तक के लेखक अनूप कुमार गुप्ता(आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र वर्तमान में ओएनजीसी में कार्यरत)है।यह पुस्तक UPSC, IIT-JEE, State PCS और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कर रहे विद्यार्थियो के लिए एक उपयोगी मार्गदर्शिका है।पुस्तक के शोध कार्य में भारतीय वायुसेना में सेवारत पंकज कुमार गुप्ता का विशेष योगदान रहा।इसी क्रम में प्रयागराज पुस्तक मेले में साहित्य भण्डार द्वारा आयोजित पुस्तक लोकार्पण सह परिचर्चा कार्यक्रम में कवि एवं आलोचक प्रो.प्रभाकर सिंह की आलोचनात्मक पुस्तक आलोचना के दायरे”के द्वितीय संस्करण का लोकार्पण किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ प्रो. सन्तोष भदौरिया ने की।आमंत्रित वक्ता डॉ.लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता ने पुस्तक का परिचय देते हुए बताया कि यह कृति तीन खण्डो— कवि और कविताई‘कथा और कथेतर तथा आलोचना और विचार—में विभाजित है और समकालीन आलोचनात्मक विमर्श को समझने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।इलाहाबाद विश्वविद्यालय की डॉ.अमृता ने कहा कि प्रो.प्रभाकर सिंह अपनी कविता और आलोचना के माध्यम से भारतीय भाषाओं के लोकपक्ष और नारीवादी सौन्दर्यशास्त्र को प्रमुखता देते है।अपने वक्तव्य में प्रो.प्रभाकर सिंह ने कहा कि इस पुस्तक में इतिहास-बोध के सहारे आलोचनात्मक लेखो का संकलन किया गया है।अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रो.सन्तोष भदौरिया ने पुस्तक को छात्रो और शोधार्थियो के लिए अत्यन्त उपयोगी बताया।कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ.अमरजीत राम ने किया।इस अवसर पर डॉ.शांति चौधरी डॉ.मोतीलाल डॉ.अनिल सिंह वर्षा अग्रवाल सहित इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अनेक प्राध्यापक विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।
आज मनुष्य के पास सुविधाएं तो हैं पर सुख नहीं : स्वामी नारायणानन्द तीर्थ

मुंबई। कांदिवली (पूर्व) स्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मैदान में चल रहे श्रीमद् भागवत ज्ञानयज्ञ के चतुर्थ दिवस में आध्यात्मिक उत्साह चरम पर रहा। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणानन्द तीर्थ जी महाराज के दिव्य एवं प्रभावशाली प्रवचनों ने हजारों श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ज्ञान से सराबोर कर दिया। स्वामी जी ने कहा कि आज के सामाजिक परिवेश, बढ़ते तनाव, परिवारिक विघटन, मानसिक अवसाद तथा भौतिकता की अंधी दौड़ का उल्लेख करते हुए कहा कि आज मनुष्य के पास सुविधाएँ हैं, परंतु सुख नहीं; साधन हैं, पर साधना नहीं; उपलब्धियाँ हैं, पर आत्मशांति का अभाव है।" ऐसे में श्रीमद्भगवद्गीता मानवता के लिए संजीवनी है जो भटके मन को दिशा देती है और जीवन को संतुलन प्रदान करती है।

श्रीमद् केवल धार्म नहीं, ज उपयोगी मार्गदर
गीता विवेक, करुणा का श है — संघर्ष में देती है और
महार अपने इस संसार में ज्ञान से बढ़कर कोई पवित्र वस्तु नहीं। आगे स्वामी जी बोले कि गीता व्यवहार का धर्म है, वाद-विवाद का नहीं। जिस दिन गीता का सार जीवन में उतर जाए, उसी दिन समस्त शास्त्र स्वयं स्पष्ट हो जाते हैं।”

और इसी भाव को श्रीकृष्ण ने स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जब युवा दिशाहीनता, तनाव और प्रतिस्पर्धा में उलझा है— उस समय गीता की एक-एक पंक्ति दीपक बनकर मार्ग दिखाती है। यदि घर-घर में गीता का पाठ प्रारंभ हो जाए तो सामाजिक तनाव, वैचारिक विभाजन और मूल्यहीनता स्वतः कम होने लगे।
कार्यक्रम संयोजक मंडल ने बताया कि ज्ञानयज्ञ में प्रतिदिन अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुँच रहे हैं और परिसर में शांति, अनुशासन एवं भक्ति की अनूठी धारा प्रवाहित है।
इस भव्य आयोजन में एडवोकेट जे. डी. सिंह, श्री राम मणि मिश्र, ओम प्रकाश सिंह, हरिश्चंद्र शुक्ल, प्रमोद दुबे, डॉ. दिनकर दुबे, संचित यादव, अनिल पांडेय, सूरज प्रताप सिंह देवड़ा सहित अनेक कार्यकर्ता सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

अंत में स्वामी जी ने सभी से आग्रह किया कि “नये वर्ष का संकल्प केवल लक्ष्यों का न हो, चरित्र और चित्त-शुद्धि का भी हो। गीता को पढ़ें, जीएँ और बच्चों को भी उससे जोड़ें। यही मानवता की पुनर्स्थापना का मार्ग है।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री धामी ने “पैंली-पैंली बार” उत्तराखंडी गीत का किया विमोचन
ब्यूरो

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज एक विशेष कार्यक्रम में लोकप्रिय उत्तराखंडी लोकगीत “पैंली-पैंली बार” के नए संस्करण या संकलित रूप का विमोचन किया। यह गीत उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति और पहाड़ी परंपराओं का प्रतीक है, जो बारिश, प्रकृति और ग्रामीण जीवन की खुशियों को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री धामी ने विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और लोकगीत हमारी पहचान की मजबूत नींव हैं। “पैंली-पैंली बार” जैसे गीत न केवल युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ते हैं, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व स्तर पर पहुंचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार उत्तराखंडी लोककला, संगीत और परंपराओं को संरक्षित एवं प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे आयोजन देवभूमि की आत्मा को जीवंत रखते हैं।”
इस अवसर पर लोक कलाकारों ने “पैंली-पैंली बार” गीत की प्रस्तुति दी, जिसने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति, लोक गायकों और सांस्कृतिक प्रेमियों ने भाग लिया।
मुख्यमंत्री धामी ने गीत के कलाकारों और निर्माताओं की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास राज्य की सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में सहायक होंगे। उन्होंने पर्यटकों और प्रवासी उत्तराखंडियों से भी अपील की कि वे ऐसे गीतों के माध्यम से देवभूमि की सुंदरता और संस्कृति से जुड़ें।
यह विमोचन उत्तराखंड सरकार की लोक संस्कृति संवर्धन की मुहिम का हिस्सा है, जो राज्य को सांस्कृतिक रूप से और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में गरजी शिवसेना, जानसठ में फूंका मोहम्मद यूनुस का पुतलाl -
ब्रह्म प्रकाश शर्मा
– शांति का नोबेल पुरस्कार वापस लेने की उठाई मांग, भारत सरकार से हस्तक्षेप की अपील l

- गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों की शहादत को नमन कर आतंकवाद के विरुद्ध जताया आक्रोश l

जानसठ । बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं के विरुद्ध बढ़ती हिंसा और उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर शनिवार को शिवसेना कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। जानसठ तहसील परिसर के बाहर शिवसैनिकों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस का पुतला दहन कर जोरदार प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो व्यक्ति अपने देश में शांति स्थापित करने में विफल है, उसे 'शांति का नोबेल पुरस्कार' रखने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
खतौली तिराहा से तहसील तक गूंजे नारे ।

प्रदर्शन का नेतृत्व शिवसेना जिला प्रमुख बिट्टू सिखेड़ा और तहसील अध्यक्ष दिनेश उपाध्याय ने किया। शनिवार दोपहर भारी संख्या में शिवसैनिक और पदाधिकारी खतौली तिराहा पर एकत्र हुए। वहां से पैदल मार्च निकालते हुए कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए जानसठ तहसील गेट पर पहुंचे। प्रदर्शनकारियों के हाथों में बैनर और तख्तियां थीं, जिन पर बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और मोहम्मद यूनुस के विरुद्ध कार्रवाई की मांग अंकित थी। पुतला दहन के पश्चात अपने  संबोधित मे जिला प्रमुख बिट्टू सिखेड़ा ने कहा कि जब से मोहम्मद यूनुस ने सत्ता संभाली है, बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों, मंदिरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने नॉर्वे सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मांग की कि यूनुस को दिया गया शांति का नोबेल पुरस्कार तत्काल वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि "शांति का पुरस्कार उस व्यक्ति के पास होना विश्व शांति का अपमान है, जिसके शासन में मानवता लहूलुहान हो रही है।"

साहिबजादों की शहादत और आतंकवाद का विरोध
तहसील अध्यक्ष दिनेश उपाध्याय ने बताया कि यह प्रदर्शन 'बलिदानी दिवस सप्ताह' के अंतिम दिन आयोजित किया गया। उन्होंने इस आंदोलन को गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों के सर्वोच्च बलिदान से जोड़ते हुए कहा कि जिस तरह साहिबजादों ने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए, उसी भावना के साथ शिवसेना आज आतंकवाद और धार्मिक कट्टरवाद का प्रतीकात्मक विरोध कर रही है।

प्रदर्शन के दौरान भारत सरकार से भी मांग की गई कि वह राजनयिक स्तर पर दबाव बनाकर बांग्लादेश में हिंदुओं की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करे। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रमोद कुमार, रोशन कुमार, सचिन कुमार, आकाश कुमार, प्रिंस कुमार, अनुज कुमार और एडवोकेट हरमन कुमार सुंदरलाल उपाध्याय श्यामवीर सिंह दुष्यंत कुमार शेखर अंकुर सैनी आदित्य मोनू चंदू राजीव पाल शिव कुमार सहित बड़ी संख्या में  शिवसैनिक उपस्थित रहे।
धर्मवीर सिंह बने प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष

गोंडा।उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद का 2 दिवसीय प्रान्तीय अधिवेशन महर्षि महेश योगी विश्वविद्यालय अयोध्या धाम में सम्पन्न हुआ।
आज की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा  ने की।जिसमें
आज हुए द्विवार्षिक चुनाव में गोण्डा जनपद के जिलाध्यक्ष धर्म वीर सिंह को प्रांतीय उपाध्यक्ष चुना गया। जिला मंत्री सहदेव सिंह को प्रवक्ता और शिवेंद्र प्रताप सिंह को संयुक्त मंत्री चुना गया।

अपने उद्बोधन में नवनिर्वाचित प्रांतीय उपाध्यक्ष धर्म वीर सिंह ने कहा पूरे प्रदेश के प्रधानाचार्य साथियों का भरोसा टूटने नहीं दूंगा, आज तक जो उपब्धिया मिली है, वो संघर्षों के बल पर ही मिली है।इस निष्ठुर सरकार के लिए याचना मायने नहीं रखती है।और हमारा चुनाव भी याचना के लिए नहीं, संघर्षों के लिये हुआ है। सहदेव सिंह ने कहा, कि प्रदेश के साथियों ने गोण्डा पर जो विश्वास किया है, उनके विश्वास पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। शिवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा,हमलोगों को जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसका ईमानदारी से निर्वहन किया जायेगा।

गोण्डा जनपद से लगभग 52 प्रधानाचार्यो ने इस अधिवेशन में प्रतिभाग कर गोंद जनपद का गौरव बढ़ाया।
माघमेला में जमीन सुविधाओ का मनमाना आवंटन बंद.नही तो धरना प्रदर्शन-रेवती रमण सिंह
माघमेला में प्राथमिकता कल्पवासी व तीर्थपुरोहित होना चाहिए-पूर्व सांसद/मन्त्री

संजय द्विवेदी,प्रयागराज।पूर्व सांसद/पूर्व मंत्री कुंवर रेवती रमण सिंह ने माघमेला प्रशासन को चेतावनी दिया है कि तीन दिन में व्यवस्था सुधार ले नही तो उनके कार्यालय पर धरना प्रदर्शन होगा।उक्त जानकारी देते हुए सांसद प्रतिनिधि विनय कुशवाहा ने कहा कि माघमेला प्रशासन की मनमाने रवैया से परेशान हो कर तीर्थपुरोहित कल्पवासी संस्था वाले व छोटे दुकानदार सांसद उज्जवल रमण सिंह व पूर्व सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह के पास रोज आते है और उनकी शिकायत होती है कि अधिकारी आम नागरिक के सम्पर्क से दूर रहते है ना तो फोन से सम्पर्क और न ही अपने आफिस में मिलते है सिर्फ व्हाट्सएप पर जमीन सुविधाओ का वितरण मनमाने ढंग से हो रहा है वो भी उन लोगो का जिसमें उनकी व्यक्तिगत रूचि होती है।

बाकी साधू संत व कमजोर आदमी इधर उधर भटक रहा है।प्रतिनिधि ने बताया कि पूर्व सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह ने मण्डलायुक्त सहित मेला अधिकारियो को लेटर भेज कर चेतावनी दी है कि आफिस में बैठकर आम आदमी की समस्या का समाधान करे। मनमाना रवैया न अपनाये नही तो माघमेला कार्यालय पर धरना प्रदर्शन होगा जिसका नेतृत्व मैं स्वयं करूँगा।
उत्तराखंड : बिजनेस उत्तरायणी कार्यक्रम में महिलाओं को किया गया सम्मानित
ब्यूरो

कौशानी (बागेश्वर)। उत्तराखंड की प्रसिद्ध हिल स्टेशन कौशानी में आयोजित बिजनेस उत्तरायणी कार्यक्रम में स्टार्टअप, हस्तशिल्प, पर्यटन और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम उत्तराखंड की उद्यमी महिलाओं को प्रोत्साहित करने और उनकी सफलता को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने महिलाओं की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की महिलाएं न केवल घर संभाल रही हैं, बल्कि स्टार्टअप और बिजनेस के क्षेत्र में नई मिसालें कायम कर रही हैं। उन्होंने कहा, “महिला सशक्तिकरण ही राज्य की प्रगति की कुंजी है। स्टार्टअप के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर ये महिलाएं आत्मनिर्भरता और रोजगार सृजन का प्रतीक बन रही हैं।”
इस अवसर पर कई महिलाओं को उनके योगदान के लिए प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और पुरस्कार प्रदान किए गए। सम्मानित महिलाओं में हस्तशिल्प, ऑर्गेनिक उत्पाद, होमस्टे और डिजिटल स्टार्टअप से जुड़ी उद्यमी शामिल थीं। कार्यक्रम में लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां और स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी ने भी दर्शकों का मन मोह लिया।
बिजनेस उत्तरायणी जैसे आयोजन उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर के साथ आर्थिक विकास को जोड़ने का प्रयास हैं। उपस्थित लोगों ने इसे महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने वाला महत्वपूर्ण कदम बताया। यह कार्यक्रम राज्य सरकार की महिला सशक्तिकरण और स्टार्टअप नीतियों की दिशा में एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है।
मंत्री संजय प्रसाद यादव की माताजी को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने दी श्रद्धांजलि; बांका में आयोजित शांति भोज में हुए शामिल

बड़ी ढाका (बांका) | 27 दिसंबर 2025: झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन आज बिहार के बांका जिला स्थित बड़ी ढाका पहुंचे। वे झारखंड सरकार के मंत्री श्री संजय प्रसाद यादव की माता स्वर्गीय प्राणवती देवी के "श्रद्धांजलि समारोह सह शांति भोज" में सम्मिलित हुए।

पुष्पांजलि अर्पित कर जताया शोक

मुख्यमंत्री ने समारोह स्थल पर स्वर्गीय प्राणवती देवी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस दुखद घड़ी में मुख्यमंत्री ने मंत्री श्री संजय प्रसाद यादव और उनके शोकाकुल परिजनों से मुलाकात की और अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की चिर शांति और परिवार को यह कठिन दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना की।

कई दिग्गज हस्तियों का रहा जमावड़ा

श्रद्धांजलि सभा में झारखंड और बिहार के कई बड़े राजनेता एक साथ नजर आए। इस अवसर पर मुख्य रूप से:

बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री रवींद्र नाथ महतो

झारखंड के मंत्री श्री इरफान अंसारी

इसके अलावा बिहार सरकार के कई मंत्री, विधायक और स्थानीय गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

समारोह के दौरान हजारों की संख्या में पहुंचे शुभचिंतकों ने भी स्वर्गीय प्राणवती देवी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवार के प्रति सहानुभूति प्रकट की।

रामगढ़ सांसद सेवा कार्यालय में सांसद मनीष जायसवाल ने जनता से किया सीधा संवाद

रामगढ़ - हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने शनिवार को रामगढ़ पहुंचकर जनता से सीधा संवाद किया और लोगों की समस्याओं को सुना। रामगढ़ के रांची रोड के समीप स्थित माइंस रेस्क्यू स्टेशन परिसर में सांसद सेवा कार्यालय में उन्होंने क्षेत्र के कोने-कोने से आए नागरिकों से मुलाकात की और उनकी शिकायतों पर गंभीरता से विचार किया।

रामगढ़ जिले के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में फरियादी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सांसद मनीष जायसवाल से मिलने रामगढ़ सांसद सेवा कार्यालय पहुंचे। बरकाकाना से आए दर्जनों लोगों ने रेलवे द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान से प्रभावित होने की शिकायत की। सांसद श्री जायसवाल ने तुरंत इस मामले में रेलवे विभाग के डीआरएम से फोन पर बात की और प्रभावित परिवारों को बसाने तथा राहत देने का आग्रह किया। गोला थाना क्षेत्र के ग्राम कोराम्बे से आए अनुज रविदास और उनके परिवार ने एक गंभीर मानवीय मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि उनके भाई जो सऊदी अरब में मशीन संचालक ड्राइवर के रूप में काम कर रहे थे, बीमार होने पर छुट्टी मांगने के बाद उन्हें अवैध करार देते हुए जेल में बंद कर दिया गया है। सांसद मनीष जायसवाल ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया और उनकी वतन वापसी में मदद करने का भरोसा जताया।

करमा के लोगों ने पेयजल और अन्य विकास कार्यों की जरूरत बताई। इसके अतिरिक्त कोठार से छत्तर तक सड़क पर लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा और सुधार पर ध्यान केंद्रित करने की मांग भी प्रमुखता से लोगों ने रखी। 

लपंगा, पतरातु, सायल, उरीमारी, भादानीनगर, सांकी, गोला, दिगवार, बरलंगा, दुलमी, चितरपुर, लारी, कोठार, रामगढ़ नगर निगम क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों से आए करीब हजारों फरियादियों ने भूमि विवाद, विभिन्न पेंशन योजनाओं, पेयजल और व्यक्तिगत जरूरतों से संबंधित अपनी फरियादें रखीं।

सांसद मनीष जायसवाल ने दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे तक लगातार पूरी शालीनता और गंभीरता के साथ सबकी समस्याओं को सुना। लोगों की भीड़ इतनी बढ़ गई कि खुद सांसद मनीष जायसवाल ने उठकर लोगों को बैठाया और अनुशासित तरीके से बारी-बारी से मिलने का आग्रह किया। उन्होंने कई छोटे मामलों का मौके पर ही त्वरित निष्पादन कराया, जबकि लंबित मामलों के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों से बात करके यथाशीघ्र समाधान का भरोसा दिलाया। विकास योजनाओं से संबंधित मामले पर यथाशीघ्र सरकारी योजना से या सीएसआर मद स्तर से करवाने का लोगों को भरोसा जताया।

जनता के बीच बैठकर उनकी समस्याओं को सुनने की उनकी इस संवेदनशील कार्यशैली को लोगों को बहुत पसंद किया। रामगढ़ की जनता ने सांसद मनीष जायसवाल के इस प्रयास की खूब सराहना की और उम्मीद जताई कि उनका यह सीधा संवाद आगे भी जारी रहेगा।

जनता से सीधा संवाद मेरी परंपरा, रामगढ़ सांसद कार्यालय बनेगा जरूरतमंदों का सहारा: मनीष जायसवाल - रामगढ़ सांसद सेवा कार्यकार्य में सआयोजित जनता से सीधा संवाद कार्यक्रम के दौरान हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने अपने रामगढ़ सांसद सेवा कार्यालय के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जनता से सीधा संवाद मेरी सामाजिक और राजनीतिक जीवन की परंपरा रही है। मैं हमेशा से ही क्षेत्र की जनता के बीच बना रहता हूँ और क्षेत्र के विकास के साथ-साथ उनके सुख-दुःख में सहभागी बनना अपना कर्तव्य मानता हूँ।

रामगढ़ मेरे संसदीय क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए कि रामगढ़ जिले के लोगों को अपनी समस्याएं लेकर हजारीबाग आने की ज़रूरत न पड़े इसीलिए हमने रामगढ़ के रांची रोड के समयों सांसद सेवा कार्यालय का स्थापना किया है। यह कार्यालय अब सांसद और जनता के बीच सीधे संवाद का केंद्र बन गया है।

मुझे यह देखकर अत्यंत हर्ष हुआ कि शॉर्ट नोटिस पर भी पहले ही दिन 1000 से अधिक लोगों ने अपनी समस्याएँ लेकर इस कार्यालय तक पहुँचे। यह भारी संख्या इस कार्यालय की महत्ता और जनता की उम्मीदों को बखूबी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मैं आश्वस्त करता हूँ कि भविष्य में रामगढ़ सांसद सेवा कार्यालय और अधिक सक्रिय होगा। मैं व्यक्तिगत रूप से सप्ताह में कम-से-कम एक दिन यहाँ ज़रूर बैठूंगा ताकि रामगढ़ और आस-पास के क्षेत्रों की समस्याओं का त्वरित और प्रभावी समाधान सुनिश्चित किया जा सके। मेरा लक्ष्य है कि यह कार्यालय जनता की सेवा का सबसे मजबूत मंच बने।

मौके पर ये गणमान्य लोग रहें मौजूद - मौके पर विशेषरूप से रामगढ़ भाजपा जिला अध्यक्ष प्रवीण मेहता, जिला महामंत्री राजू चतुर्वेदी, विजय जायसवाल, रंजीत सिन्हा, रणंजय कुमार उर्फ कुंटू बाबू, परमजीत सिंह, प्रो.संजय सिंह, रंजन फौजी, दिनेश प्रसाद, शीतल सिंह, हजारीबाग लोक सभा क्षेत्र के सांसद प्रतिनिधि सत्येंद्र नारायण सिंह, रामगढ़ जिले के सांसद प्रतिनिधि राजीव सिंह, सरदार अनमोल सिंह, दिलीप सिंह, लक्ष्मी देवी, संजीव बावला, प्रवीण कुमार सोनू, रॉबिन गुप्ता, स्नेहलता चौधरी,रामगढ़ कैंट भाजपा मंडल अध्यक्ष सुशांत पांडेय, नगर परिषद भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय शाह, रामगढ़ ग्रामीण भाजपा मंडल अध्यक्ष रूपा देवी, चितरपुर भाजपा मंडल अध्यक्ष निरंजन कुमार, बरलंगा भाजपा मंडल अध्यक्ष महेंद्र कुमार, मांडू मंडल अध्यक्ष अशोक कुमार, संतोष शर्मा, धीरज साहू, गौतम महतो, शशि शेखर, राकेश सिन्हा, आजसू नेता रमेश दांगी, मनीशंकर ठाकुर, परमजीत सिंह, सूरज कुमार, हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहें और सांसद मनीष जायसवाल के जनहित के इस पहल की सभी ने स्वतंत्र कंठ से प्रशंसा की ।

24 साल बाद जिंदा लौटे ‘मृत’ माने गए बुजुर्ग, औरंगाबाद से लापता रामप्रवेश महतो जालंधर के वृद्धाश्रम में मिले

,औरंगाबाद (बिहार)। नियति कब क्या मोड़ ले ले, यह कोई नहीं जानता। औरंगाबाद जिले के भोपतपुर गांव से वर्ष 2001 में लापता हुए रामप्रवेश महतो जिंदा हैं और पंजाब के जालंधर स्थित एक वृद्धाश्रम में सुरक्षित मिले हैं। 24 वर्षों से अपने परिवार से बिछड़े रामप्रवेश महतो अब अपने गांव लौट रहे हैं। रविवार को उनके घर पहुंचने की संभावना है, जहां स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं।

पूर्व मुखिया संतोष कुशवाहा के पिता रामप्रवेश महतो वर्ष 2001 में प्रयागराज कुंभ मेला में स्नान करने के लिए घर से निकले थे। इसके बाद वे वापस नहीं लौटे। परिजनों ने रिश्तेदारियों और संभावित स्थानों पर वर्षों तक खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। धीरे-धीरे उम्मीदें टूटती चली गईं और परिवार ने उन्हें मृत मान लिया।

वर्ष 2009 में रामप्रवेश महतो की पत्नी जसवा देवी का निधन हो गया। सामाजिक परंपराओं के अनुसार, परिजनों ने उन्हें भी मृत मानते हुए पत्नी के साथ रामप्रवेश महतो का पुतला बनाकर दाह संस्कार कर दिया। उस समय किसी को यह अंदाजा भी नहीं था कि वे सैकड़ों किलोमीटर दूर जालंधर में जीवित हैं और एक वृद्धाश्रम में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

यह चमत्कार कुछ दिन पूर्व तब सामने आया जब औरंगाबाद जिले का एक ट्रक चालक पंजाब के जालंधर स्थित इससेबल गांव पहुंचा। वहां वृद्धाश्रम के संचालक महंत जिंदर मानसिंह ने एक बुजुर्ग के बारे में बताया, जो मगही भाषा में अपने गांव, परिजनों और आसपास के क्षेत्रों का नाम लेते रहते थे। ट्रक चालक ने जब बातचीत की तो बुजुर्ग ने भोपतपुर और आसपास के कई गांवों के नाम सटीक बताए। इसके बाद वृद्धाश्रम संचालक ने गूगल की मदद से इलाके के जनप्रतिनिधियों का नंबर निकाला। एक सरपंच के माध्यम से 23 दिसंबर को पूर्व मुखिया संतोष कुशवाहा से संपर्क हुआ। पिता के जीवित होने की खबर सुनते ही संतोष कुशवाहा भावुक हो गए और साथियों के साथ तुरंत जालंधर रवाना हो गए।

शुक्रवार को वृद्धाश्रम में 24 साल बाद पिता-पुत्र का मिलन हुआ। दोनों की आंखें भर आईं। संतोष कुशवाहा ने कहा कि वर्ष 2016 में जब वे मुखिया बने, तब पिता उनके साथ नहीं थे, जिसका उन्हें हमेशा मलाल रहा। आज उनसे मिलना जीवन की सबसे बड़ी खुशी है। इस असंभव से लगने वाले पुनर्मिलन में ट्रक चालक की भूमिका अहम रही, जिनकी संवेदनशीलता ने एक परिवार को फिर से जोड़ दिया।

प्रयागराज पुस्तक मेले का दसवां दिन।
भारतीय प्रशासन और पुलिस (प्राचीन काल से आधुनिक काल तक)”तथा“कुछ यादे कुछ बातें भी–माई डेज विद पुलिस” का हुआ विमोचन डॉ.पन्ना लाल एवं डॉ.अजय कुमार की पुस्तकों को मिला पाठको का स्नेह।

समापन की ओर बढ़ा ग्यारह दिवसीय पुस्तक मेला।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।ग्यारह दिवसीय प्रयागराज पुस्तक मेला अब अपने समापन की ओर बढ़ चला है।शनिवार को मेले का दसवां दिन रहा जबकि रविवार को इसका समापन होगा।दसवे दिन भी पुस्तक प्रेमियो का उत्साह देखते ही बना।बड़ी संख्या में पाठक मेले में पहुंचे और पुस्तकों के प्रति उनका गहरा लगाव स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।कटरा स्थित द पाम्स रिसोर्ट–रॉयल गार्डन(लक्ष्मी टॉकीज के सामने) में आयोजित इस पुस्तक मेले में हिन्दी पुस्तको की जमकर बिक्री हुई।मुंशी प्रेमचंद मंटो और रवीन्द्रनाथ टैगोर सहित अनेक साहित्यकारो की कहानियो के चित्रकथा संस्करण बच्चो को विशेष रूप से आकर्षित कर रहे है।मेले में उमड़ी भीड़ के बीच यह तथ्य उभरकर सामने आया कि प्रयागराज (इलाहाबाद)और उससे जुड़े विषयों पर आधारित पुस्तकों का आकर्षण आज भी बना हुआ है।युवा पाठक 1949 में प्रकाशित धर्मवीर भारती के चर्चित उपन्यास गुनाहों के देवता को खोजते और खरीदते नजर आए।युवाओ का कहना है कि सोशल मीडिया पर इस पुस्तक की चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है।इसी क्रम में हाल ही में दिवंगत साहित्यकार विनोद शुक्ल का 1979 में प्रकाशित उपन्यास दीवार में एक खिड़की रहती थी भी पाठको विशेषकर युवाओं को खूब लुभा रहा है। इसके साथ ही कश्मीरी पंडितों के विस्थापन से जुड़े मानव कौल के यात्रा-वृत्तांत/उपन्यास को भी पाठकों ने खास पसंद किया।नए लेखको में दिव्य प्रकाश दुबे की अक्टूबर जंक्शन’मुसाफिर कैफे तथा प्रेम शंकर चरवाना की ‘सरकारी चाय के लिए जैसी पुस्तकों की मांग बनी रही।वही ‘राग दरबारी‘दिल्ली दरबार’ तथा मुंशी प्रेमचंद के‘गोदान गबन‘सेवासदन’और‘निर्मला आज भी पाठकों की पहली पसंद बनी हुई है।बी.ए. के छात्र नितिन ने बताया कि वे और उनके मित्र सोशल मीडिया के माध्यम से पहले से ही पुस्तको की जानकारी जुटा लेते हैं और पुस्तक मेला लगते ही अपनी पसंद की किताबें खरीदते है।आयोजक मनोज सिंह चन्देल एवं सह-आयोजक मनीष गर्ग ने संयुक्त रूप से बताया कि फोर्स वन बुक्स द्वारा बुकवाला के सहयोग से शनिवार को प्रयागराज पुस्तक मेले में डॉ. पन्ना लाल तथा डॉ.अजय कुमार द्वारा लिखित पुस्तको भारतीय प्रशासन और पुलिस (प्राचीन काल से आधुनिक काल तक और कुछ यादे कुछ बातें भी–माई डेज विद पुलिस”का विमोचन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ राजनेता एवं पूर्व सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह रहे जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक एस.एन.चक विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।अतिथियो ने लेखको को बधाई देते हुए कहा कि प्रशासन और पुलिस के अनुभवों पर आधारित ऐसी पुस्तकें समाज को सही दृष्टि और ऐतिहासिक समझ प्रदान करती हैं तथा ऐसे साहित्यिक आयोजन निरंतर होते रहने चाहिए।प्रयागराज पुस्तक मेला 2025 के अंतर्गत आयोजित एक अन्य समारोह में पुस्तक के लेखक अनूप कुमार गुप्ता(आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र वर्तमान में ओएनजीसी में कार्यरत)है।यह पुस्तक UPSC, IIT-JEE, State PCS और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कर रहे विद्यार्थियो के लिए एक उपयोगी मार्गदर्शिका है।पुस्तक के शोध कार्य में भारतीय वायुसेना में सेवारत पंकज कुमार गुप्ता का विशेष योगदान रहा।इसी क्रम में प्रयागराज पुस्तक मेले में साहित्य भण्डार द्वारा आयोजित पुस्तक लोकार्पण सह परिचर्चा कार्यक्रम में कवि एवं आलोचक प्रो.प्रभाकर सिंह की आलोचनात्मक पुस्तक आलोचना के दायरे”के द्वितीय संस्करण का लोकार्पण किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ प्रो. सन्तोष भदौरिया ने की।आमंत्रित वक्ता डॉ.लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता ने पुस्तक का परिचय देते हुए बताया कि यह कृति तीन खण्डो— कवि और कविताई‘कथा और कथेतर तथा आलोचना और विचार—में विभाजित है और समकालीन आलोचनात्मक विमर्श को समझने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।इलाहाबाद विश्वविद्यालय की डॉ.अमृता ने कहा कि प्रो.प्रभाकर सिंह अपनी कविता और आलोचना के माध्यम से भारतीय भाषाओं के लोकपक्ष और नारीवादी सौन्दर्यशास्त्र को प्रमुखता देते है।अपने वक्तव्य में प्रो.प्रभाकर सिंह ने कहा कि इस पुस्तक में इतिहास-बोध के सहारे आलोचनात्मक लेखो का संकलन किया गया है।अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रो.सन्तोष भदौरिया ने पुस्तक को छात्रो और शोधार्थियो के लिए अत्यन्त उपयोगी बताया।कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ.अमरजीत राम ने किया।इस अवसर पर डॉ.शांति चौधरी डॉ.मोतीलाल डॉ.अनिल सिंह वर्षा अग्रवाल सहित इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अनेक प्राध्यापक विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।
आज मनुष्य के पास सुविधाएं तो हैं पर सुख नहीं : स्वामी नारायणानन्द तीर्थ

मुंबई। कांदिवली (पूर्व) स्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मैदान में चल रहे श्रीमद् भागवत ज्ञानयज्ञ के चतुर्थ दिवस में आध्यात्मिक उत्साह चरम पर रहा। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणानन्द तीर्थ जी महाराज के दिव्य एवं प्रभावशाली प्रवचनों ने हजारों श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ज्ञान से सराबोर कर दिया। स्वामी जी ने कहा कि आज के सामाजिक परिवेश, बढ़ते तनाव, परिवारिक विघटन, मानसिक अवसाद तथा भौतिकता की अंधी दौड़ का उल्लेख करते हुए कहा कि आज मनुष्य के पास सुविधाएँ हैं, परंतु सुख नहीं; साधन हैं, पर साधना नहीं; उपलब्धियाँ हैं, पर आत्मशांति का अभाव है।" ऐसे में श्रीमद्भगवद्गीता मानवता के लिए संजीवनी है जो भटके मन को दिशा देती है और जीवन को संतुलन प्रदान करती है।

श्रीमद् केवल धार्म नहीं, ज उपयोगी मार्गदर
गीता विवेक, करुणा का श है — संघर्ष में देती है और
महार अपने इस संसार में ज्ञान से बढ़कर कोई पवित्र वस्तु नहीं। आगे स्वामी जी बोले कि गीता व्यवहार का धर्म है, वाद-विवाद का नहीं। जिस दिन गीता का सार जीवन में उतर जाए, उसी दिन समस्त शास्त्र स्वयं स्पष्ट हो जाते हैं।”

और इसी भाव को श्रीकृष्ण ने स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जब युवा दिशाहीनता, तनाव और प्रतिस्पर्धा में उलझा है— उस समय गीता की एक-एक पंक्ति दीपक बनकर मार्ग दिखाती है। यदि घर-घर में गीता का पाठ प्रारंभ हो जाए तो सामाजिक तनाव, वैचारिक विभाजन और मूल्यहीनता स्वतः कम होने लगे।
कार्यक्रम संयोजक मंडल ने बताया कि ज्ञानयज्ञ में प्रतिदिन अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुँच रहे हैं और परिसर में शांति, अनुशासन एवं भक्ति की अनूठी धारा प्रवाहित है।
इस भव्य आयोजन में एडवोकेट जे. डी. सिंह, श्री राम मणि मिश्र, ओम प्रकाश सिंह, हरिश्चंद्र शुक्ल, प्रमोद दुबे, डॉ. दिनकर दुबे, संचित यादव, अनिल पांडेय, सूरज प्रताप सिंह देवड़ा सहित अनेक कार्यकर्ता सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

अंत में स्वामी जी ने सभी से आग्रह किया कि “नये वर्ष का संकल्प केवल लक्ष्यों का न हो, चरित्र और चित्त-शुद्धि का भी हो। गीता को पढ़ें, जीएँ और बच्चों को भी उससे जोड़ें। यही मानवता की पुनर्स्थापना का मार्ग है।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री धामी ने “पैंली-पैंली बार” उत्तराखंडी गीत का किया विमोचन
ब्यूरो

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज एक विशेष कार्यक्रम में लोकप्रिय उत्तराखंडी लोकगीत “पैंली-पैंली बार” के नए संस्करण या संकलित रूप का विमोचन किया। यह गीत उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति और पहाड़ी परंपराओं का प्रतीक है, जो बारिश, प्रकृति और ग्रामीण जीवन की खुशियों को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री धामी ने विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और लोकगीत हमारी पहचान की मजबूत नींव हैं। “पैंली-पैंली बार” जैसे गीत न केवल युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ते हैं, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व स्तर पर पहुंचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार उत्तराखंडी लोककला, संगीत और परंपराओं को संरक्षित एवं प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे आयोजन देवभूमि की आत्मा को जीवंत रखते हैं।”
इस अवसर पर लोक कलाकारों ने “पैंली-पैंली बार” गीत की प्रस्तुति दी, जिसने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति, लोक गायकों और सांस्कृतिक प्रेमियों ने भाग लिया।
मुख्यमंत्री धामी ने गीत के कलाकारों और निर्माताओं की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास राज्य की सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में सहायक होंगे। उन्होंने पर्यटकों और प्रवासी उत्तराखंडियों से भी अपील की कि वे ऐसे गीतों के माध्यम से देवभूमि की सुंदरता और संस्कृति से जुड़ें।
यह विमोचन उत्तराखंड सरकार की लोक संस्कृति संवर्धन की मुहिम का हिस्सा है, जो राज्य को सांस्कृतिक रूप से और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में गरजी शिवसेना, जानसठ में फूंका मोहम्मद यूनुस का पुतलाl -
ब्रह्म प्रकाश शर्मा
– शांति का नोबेल पुरस्कार वापस लेने की उठाई मांग, भारत सरकार से हस्तक्षेप की अपील l

- गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों की शहादत को नमन कर आतंकवाद के विरुद्ध जताया आक्रोश l

जानसठ । बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं के विरुद्ध बढ़ती हिंसा और उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर शनिवार को शिवसेना कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। जानसठ तहसील परिसर के बाहर शिवसैनिकों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस का पुतला दहन कर जोरदार प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो व्यक्ति अपने देश में शांति स्थापित करने में विफल है, उसे 'शांति का नोबेल पुरस्कार' रखने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
खतौली तिराहा से तहसील तक गूंजे नारे ।

प्रदर्शन का नेतृत्व शिवसेना जिला प्रमुख बिट्टू सिखेड़ा और तहसील अध्यक्ष दिनेश उपाध्याय ने किया। शनिवार दोपहर भारी संख्या में शिवसैनिक और पदाधिकारी खतौली तिराहा पर एकत्र हुए। वहां से पैदल मार्च निकालते हुए कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए जानसठ तहसील गेट पर पहुंचे। प्रदर्शनकारियों के हाथों में बैनर और तख्तियां थीं, जिन पर बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और मोहम्मद यूनुस के विरुद्ध कार्रवाई की मांग अंकित थी। पुतला दहन के पश्चात अपने  संबोधित मे जिला प्रमुख बिट्टू सिखेड़ा ने कहा कि जब से मोहम्मद यूनुस ने सत्ता संभाली है, बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों, मंदिरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने नॉर्वे सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मांग की कि यूनुस को दिया गया शांति का नोबेल पुरस्कार तत्काल वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि "शांति का पुरस्कार उस व्यक्ति के पास होना विश्व शांति का अपमान है, जिसके शासन में मानवता लहूलुहान हो रही है।"

साहिबजादों की शहादत और आतंकवाद का विरोध
तहसील अध्यक्ष दिनेश उपाध्याय ने बताया कि यह प्रदर्शन 'बलिदानी दिवस सप्ताह' के अंतिम दिन आयोजित किया गया। उन्होंने इस आंदोलन को गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों के सर्वोच्च बलिदान से जोड़ते हुए कहा कि जिस तरह साहिबजादों ने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए, उसी भावना के साथ शिवसेना आज आतंकवाद और धार्मिक कट्टरवाद का प्रतीकात्मक विरोध कर रही है।

प्रदर्शन के दौरान भारत सरकार से भी मांग की गई कि वह राजनयिक स्तर पर दबाव बनाकर बांग्लादेश में हिंदुओं की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करे। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रमोद कुमार, रोशन कुमार, सचिन कुमार, आकाश कुमार, प्रिंस कुमार, अनुज कुमार और एडवोकेट हरमन कुमार सुंदरलाल उपाध्याय श्यामवीर सिंह दुष्यंत कुमार शेखर अंकुर सैनी आदित्य मोनू चंदू राजीव पाल शिव कुमार सहित बड़ी संख्या में  शिवसैनिक उपस्थित रहे।
धर्मवीर सिंह बने प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष

गोंडा।उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद का 2 दिवसीय प्रान्तीय अधिवेशन महर्षि महेश योगी विश्वविद्यालय अयोध्या धाम में सम्पन्न हुआ।
आज की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा  ने की।जिसमें
आज हुए द्विवार्षिक चुनाव में गोण्डा जनपद के जिलाध्यक्ष धर्म वीर सिंह को प्रांतीय उपाध्यक्ष चुना गया। जिला मंत्री सहदेव सिंह को प्रवक्ता और शिवेंद्र प्रताप सिंह को संयुक्त मंत्री चुना गया।

अपने उद्बोधन में नवनिर्वाचित प्रांतीय उपाध्यक्ष धर्म वीर सिंह ने कहा पूरे प्रदेश के प्रधानाचार्य साथियों का भरोसा टूटने नहीं दूंगा, आज तक जो उपब्धिया मिली है, वो संघर्षों के बल पर ही मिली है।इस निष्ठुर सरकार के लिए याचना मायने नहीं रखती है।और हमारा चुनाव भी याचना के लिए नहीं, संघर्षों के लिये हुआ है। सहदेव सिंह ने कहा, कि प्रदेश के साथियों ने गोण्डा पर जो विश्वास किया है, उनके विश्वास पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। शिवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा,हमलोगों को जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसका ईमानदारी से निर्वहन किया जायेगा।

गोण्डा जनपद से लगभग 52 प्रधानाचार्यो ने इस अधिवेशन में प्रतिभाग कर गोंद जनपद का गौरव बढ़ाया।
माघमेला में जमीन सुविधाओ का मनमाना आवंटन बंद.नही तो धरना प्रदर्शन-रेवती रमण सिंह
माघमेला में प्राथमिकता कल्पवासी व तीर्थपुरोहित होना चाहिए-पूर्व सांसद/मन्त्री

संजय द्विवेदी,प्रयागराज।पूर्व सांसद/पूर्व मंत्री कुंवर रेवती रमण सिंह ने माघमेला प्रशासन को चेतावनी दिया है कि तीन दिन में व्यवस्था सुधार ले नही तो उनके कार्यालय पर धरना प्रदर्शन होगा।उक्त जानकारी देते हुए सांसद प्रतिनिधि विनय कुशवाहा ने कहा कि माघमेला प्रशासन की मनमाने रवैया से परेशान हो कर तीर्थपुरोहित कल्पवासी संस्था वाले व छोटे दुकानदार सांसद उज्जवल रमण सिंह व पूर्व सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह के पास रोज आते है और उनकी शिकायत होती है कि अधिकारी आम नागरिक के सम्पर्क से दूर रहते है ना तो फोन से सम्पर्क और न ही अपने आफिस में मिलते है सिर्फ व्हाट्सएप पर जमीन सुविधाओ का वितरण मनमाने ढंग से हो रहा है वो भी उन लोगो का जिसमें उनकी व्यक्तिगत रूचि होती है।

बाकी साधू संत व कमजोर आदमी इधर उधर भटक रहा है।प्रतिनिधि ने बताया कि पूर्व सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह ने मण्डलायुक्त सहित मेला अधिकारियो को लेटर भेज कर चेतावनी दी है कि आफिस में बैठकर आम आदमी की समस्या का समाधान करे। मनमाना रवैया न अपनाये नही तो माघमेला कार्यालय पर धरना प्रदर्शन होगा जिसका नेतृत्व मैं स्वयं करूँगा।
उत्तराखंड : बिजनेस उत्तरायणी कार्यक्रम में महिलाओं को किया गया सम्मानित
ब्यूरो

कौशानी (बागेश्वर)। उत्तराखंड की प्रसिद्ध हिल स्टेशन कौशानी में आयोजित बिजनेस उत्तरायणी कार्यक्रम में स्टार्टअप, हस्तशिल्प, पर्यटन और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम उत्तराखंड की उद्यमी महिलाओं को प्रोत्साहित करने और उनकी सफलता को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने महिलाओं की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की महिलाएं न केवल घर संभाल रही हैं, बल्कि स्टार्टअप और बिजनेस के क्षेत्र में नई मिसालें कायम कर रही हैं। उन्होंने कहा, “महिला सशक्तिकरण ही राज्य की प्रगति की कुंजी है। स्टार्टअप के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर ये महिलाएं आत्मनिर्भरता और रोजगार सृजन का प्रतीक बन रही हैं।”
इस अवसर पर कई महिलाओं को उनके योगदान के लिए प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और पुरस्कार प्रदान किए गए। सम्मानित महिलाओं में हस्तशिल्प, ऑर्गेनिक उत्पाद, होमस्टे और डिजिटल स्टार्टअप से जुड़ी उद्यमी शामिल थीं। कार्यक्रम में लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां और स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी ने भी दर्शकों का मन मोह लिया।
बिजनेस उत्तरायणी जैसे आयोजन उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर के साथ आर्थिक विकास को जोड़ने का प्रयास हैं। उपस्थित लोगों ने इसे महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने वाला महत्वपूर्ण कदम बताया। यह कार्यक्रम राज्य सरकार की महिला सशक्तिकरण और स्टार्टअप नीतियों की दिशा में एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है।
मंत्री संजय प्रसाद यादव की माताजी को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने दी श्रद्धांजलि; बांका में आयोजित शांति भोज में हुए शामिल

बड़ी ढाका (बांका) | 27 दिसंबर 2025: झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन आज बिहार के बांका जिला स्थित बड़ी ढाका पहुंचे। वे झारखंड सरकार के मंत्री श्री संजय प्रसाद यादव की माता स्वर्गीय प्राणवती देवी के "श्रद्धांजलि समारोह सह शांति भोज" में सम्मिलित हुए।

पुष्पांजलि अर्पित कर जताया शोक

मुख्यमंत्री ने समारोह स्थल पर स्वर्गीय प्राणवती देवी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस दुखद घड़ी में मुख्यमंत्री ने मंत्री श्री संजय प्रसाद यादव और उनके शोकाकुल परिजनों से मुलाकात की और अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की चिर शांति और परिवार को यह कठिन दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना की।

कई दिग्गज हस्तियों का रहा जमावड़ा

श्रद्धांजलि सभा में झारखंड और बिहार के कई बड़े राजनेता एक साथ नजर आए। इस अवसर पर मुख्य रूप से:

बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री रवींद्र नाथ महतो

झारखंड के मंत्री श्री इरफान अंसारी

इसके अलावा बिहार सरकार के कई मंत्री, विधायक और स्थानीय गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

समारोह के दौरान हजारों की संख्या में पहुंचे शुभचिंतकों ने भी स्वर्गीय प्राणवती देवी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवार के प्रति सहानुभूति प्रकट की।

रामगढ़ सांसद सेवा कार्यालय में सांसद मनीष जायसवाल ने जनता से किया सीधा संवाद

रामगढ़ - हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने शनिवार को रामगढ़ पहुंचकर जनता से सीधा संवाद किया और लोगों की समस्याओं को सुना। रामगढ़ के रांची रोड के समीप स्थित माइंस रेस्क्यू स्टेशन परिसर में सांसद सेवा कार्यालय में उन्होंने क्षेत्र के कोने-कोने से आए नागरिकों से मुलाकात की और उनकी शिकायतों पर गंभीरता से विचार किया।

रामगढ़ जिले के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में फरियादी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सांसद मनीष जायसवाल से मिलने रामगढ़ सांसद सेवा कार्यालय पहुंचे। बरकाकाना से आए दर्जनों लोगों ने रेलवे द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान से प्रभावित होने की शिकायत की। सांसद श्री जायसवाल ने तुरंत इस मामले में रेलवे विभाग के डीआरएम से फोन पर बात की और प्रभावित परिवारों को बसाने तथा राहत देने का आग्रह किया। गोला थाना क्षेत्र के ग्राम कोराम्बे से आए अनुज रविदास और उनके परिवार ने एक गंभीर मानवीय मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि उनके भाई जो सऊदी अरब में मशीन संचालक ड्राइवर के रूप में काम कर रहे थे, बीमार होने पर छुट्टी मांगने के बाद उन्हें अवैध करार देते हुए जेल में बंद कर दिया गया है। सांसद मनीष जायसवाल ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया और उनकी वतन वापसी में मदद करने का भरोसा जताया।

करमा के लोगों ने पेयजल और अन्य विकास कार्यों की जरूरत बताई। इसके अतिरिक्त कोठार से छत्तर तक सड़क पर लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा और सुधार पर ध्यान केंद्रित करने की मांग भी प्रमुखता से लोगों ने रखी। 

लपंगा, पतरातु, सायल, उरीमारी, भादानीनगर, सांकी, गोला, दिगवार, बरलंगा, दुलमी, चितरपुर, लारी, कोठार, रामगढ़ नगर निगम क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों से आए करीब हजारों फरियादियों ने भूमि विवाद, विभिन्न पेंशन योजनाओं, पेयजल और व्यक्तिगत जरूरतों से संबंधित अपनी फरियादें रखीं।

सांसद मनीष जायसवाल ने दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे तक लगातार पूरी शालीनता और गंभीरता के साथ सबकी समस्याओं को सुना। लोगों की भीड़ इतनी बढ़ गई कि खुद सांसद मनीष जायसवाल ने उठकर लोगों को बैठाया और अनुशासित तरीके से बारी-बारी से मिलने का आग्रह किया। उन्होंने कई छोटे मामलों का मौके पर ही त्वरित निष्पादन कराया, जबकि लंबित मामलों के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों से बात करके यथाशीघ्र समाधान का भरोसा दिलाया। विकास योजनाओं से संबंधित मामले पर यथाशीघ्र सरकारी योजना से या सीएसआर मद स्तर से करवाने का लोगों को भरोसा जताया।

जनता के बीच बैठकर उनकी समस्याओं को सुनने की उनकी इस संवेदनशील कार्यशैली को लोगों को बहुत पसंद किया। रामगढ़ की जनता ने सांसद मनीष जायसवाल के इस प्रयास की खूब सराहना की और उम्मीद जताई कि उनका यह सीधा संवाद आगे भी जारी रहेगा।

जनता से सीधा संवाद मेरी परंपरा, रामगढ़ सांसद कार्यालय बनेगा जरूरतमंदों का सहारा: मनीष जायसवाल - रामगढ़ सांसद सेवा कार्यकार्य में सआयोजित जनता से सीधा संवाद कार्यक्रम के दौरान हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने अपने रामगढ़ सांसद सेवा कार्यालय के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जनता से सीधा संवाद मेरी सामाजिक और राजनीतिक जीवन की परंपरा रही है। मैं हमेशा से ही क्षेत्र की जनता के बीच बना रहता हूँ और क्षेत्र के विकास के साथ-साथ उनके सुख-दुःख में सहभागी बनना अपना कर्तव्य मानता हूँ।

रामगढ़ मेरे संसदीय क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए कि रामगढ़ जिले के लोगों को अपनी समस्याएं लेकर हजारीबाग आने की ज़रूरत न पड़े इसीलिए हमने रामगढ़ के रांची रोड के समयों सांसद सेवा कार्यालय का स्थापना किया है। यह कार्यालय अब सांसद और जनता के बीच सीधे संवाद का केंद्र बन गया है।

मुझे यह देखकर अत्यंत हर्ष हुआ कि शॉर्ट नोटिस पर भी पहले ही दिन 1000 से अधिक लोगों ने अपनी समस्याएँ लेकर इस कार्यालय तक पहुँचे। यह भारी संख्या इस कार्यालय की महत्ता और जनता की उम्मीदों को बखूबी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मैं आश्वस्त करता हूँ कि भविष्य में रामगढ़ सांसद सेवा कार्यालय और अधिक सक्रिय होगा। मैं व्यक्तिगत रूप से सप्ताह में कम-से-कम एक दिन यहाँ ज़रूर बैठूंगा ताकि रामगढ़ और आस-पास के क्षेत्रों की समस्याओं का त्वरित और प्रभावी समाधान सुनिश्चित किया जा सके। मेरा लक्ष्य है कि यह कार्यालय जनता की सेवा का सबसे मजबूत मंच बने।

मौके पर ये गणमान्य लोग रहें मौजूद - मौके पर विशेषरूप से रामगढ़ भाजपा जिला अध्यक्ष प्रवीण मेहता, जिला महामंत्री राजू चतुर्वेदी, विजय जायसवाल, रंजीत सिन्हा, रणंजय कुमार उर्फ कुंटू बाबू, परमजीत सिंह, प्रो.संजय सिंह, रंजन फौजी, दिनेश प्रसाद, शीतल सिंह, हजारीबाग लोक सभा क्षेत्र के सांसद प्रतिनिधि सत्येंद्र नारायण सिंह, रामगढ़ जिले के सांसद प्रतिनिधि राजीव सिंह, सरदार अनमोल सिंह, दिलीप सिंह, लक्ष्मी देवी, संजीव बावला, प्रवीण कुमार सोनू, रॉबिन गुप्ता, स्नेहलता चौधरी,रामगढ़ कैंट भाजपा मंडल अध्यक्ष सुशांत पांडेय, नगर परिषद भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय शाह, रामगढ़ ग्रामीण भाजपा मंडल अध्यक्ष रूपा देवी, चितरपुर भाजपा मंडल अध्यक्ष निरंजन कुमार, बरलंगा भाजपा मंडल अध्यक्ष महेंद्र कुमार, मांडू मंडल अध्यक्ष अशोक कुमार, संतोष शर्मा, धीरज साहू, गौतम महतो, शशि शेखर, राकेश सिन्हा, आजसू नेता रमेश दांगी, मनीशंकर ठाकुर, परमजीत सिंह, सूरज कुमार, हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहें और सांसद मनीष जायसवाल के जनहित के इस पहल की सभी ने स्वतंत्र कंठ से प्रशंसा की ।