*SIR को बनाए बूथ सशक्तिकरण का हथियार-भूपेन्द्र चौधरी*
*एसआईआर को लेकर विपक्ष चला रहा नकारात्मक एजेंडा: भूपेंद्र सिंह चौधरी*

*त्रुटिहीन मतदाता सूची लोकतंत्र की नींव - भूपेन्द्र चौधरी*

*फुलप्रूफ बूथ प्रबंधन पार्टी की सर्वोच्च प्राथमिकता - भूपेन्द्र चौधरी* सुलतानपुर,भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि एसआईआर मतदाताओं के लिए एक विधिक प्रकिया है लेकिन विपक्ष इसको लेकर नकारात्मक एजेंडा चला रहा है।बुधवार शाम भाजपा जिला कार्यालय पहुंचने पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को संवैधानिक ढंग से अपनी बात रखने का अधिकार है। देश की न्याय पालिका पर सभी को विश्वास है। हम सब लोग मिलकर उसका पालन करते हैं। मतदाताओं के लिए एआईआर एक विधिक प्रक्रिया है लेकिन कांग्रेस और सपा इस मामले में नकारात्मक एजेंडा चला रहे हैं। समाज को गुमराह कर रहे हैं। लंबी पराजय के बाद कांग्रेस पार्टी अपना मूल्यांकन नहीं कर रही है।संवैधानिक संस्थाओं पर सिर्फ प्रश्न खड़ा रही है। इन लोगों को अपना चेहरा देखना चाहिए। शीशे को दोष ठहराना ठीक नहीं है।बिहार जीत पर उन्होंने कहा कि यह सुशासन व विकास की जीत है।एनडीए का कुनबा एक साथ मिलकर चुनाव लडा़।जनता ने अभूतपूर्व आशीर्वाद दिया।हम वहां जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे। उन्होंने दिल्ली ब्लास्ट पर कहा कई एजेंसी मिलकर हर ऐंगल पर जांच कर रही है। विदेशी ऐंगल भी हो सकता हैं।भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित एसआईआर की बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने कार्यकर्ताओं से प्रत्येक घर तक जाने का आह्वान किया। उन्होंने पात्र व नये मतदाताओं को वोटर सूची में जुड़वाने के लिए फार्म भरवाने में मदद करने को कहा। उन्होंने बताया पार्टी ने विधानसभा स्तर पर बीएलए 1, बीएलए 2 के साथ - साथ बूथ प्रवासी की संयुक्त टीम का गठन किया है। कार्यकर्ता एसआई आर को भूत सशक्तिकरण का हथियार बनाएं। फुलप्रूफ बूथ प्रबंधन पार्टी की सर्वोच्च प्राथमिकता है।त्रुटिहीन मतदाता सूची लोकतंत्र की नींव हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी ने स्वागत भाषण करते हुए मुख्य अतिथि सहित सभी का आभार प्रकट किया। संचालन विजय त्रिपाठी ने किया।मीडिया प्रमुख विजय रघुवंशी ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष वाराणसी से लखनऊ जाते समय एक घंटा 35 मिनट कार्यालय पर रूके।एसआईआर को लेकर जिले के सभी 26 मण्डलों की समीक्षा की।वह करीब 6.35 पर लखनऊ के लिए रवाना हो गए। बैठक में एमएलसी शैलेन्द्र प्रताप सिंह, विधायक राज प्रसाद उपाध्याय, विनोद सिंह, डॉ सीताशरण त्रिपाठी, राजेश गौतम, डॉ आरए वर्मा,ओम प्रकाश पाण्डेय बजरंगी,प्रवीन कुमार अग्रवाल, योगेंद्र प्रताप सिंह,आनन्द जायसवाल, घनश्याम चौहान, कृपाशंकर मिश्रा,विजय रघुवंशी, अशोक कुमार सिंह, संजय त्रिलोकचंदी, आलोक आर्या,संदीप सिंह, प्रदीप शुक्ला, शशीकांत पाण्डेय, धर्मेन्द्र कुमार, अनीता पाण्डेय, सुनील वर्मा, बबिता तिवारी, मनीषा पांडेय, विवेक सिंह, आशीष सिंह रानू, संजय सोमवंशी, डिंपल सिंह, सर्वेश मिश्रा समेत जिला पदाधिकारी, मण्डल अध्यक्ष, मण्डल प्रभारी, मण्डल प्रवासी आदि मौजूद रहे ‌
रामगढ़ जिले में दिशा की बैठक हुआ संपन्न, विकास योजनाओं का हुआ रिव्यू

रामगढ़ ज़िला समाहरणालय सभागार में बुधवार को जिला विकास समन्वय एवं मूल्यांकन समिति (दिशा) की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। समिति के अध्यक्ष एवं सांसद मनीष जायसवाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक में ज़िले में चल रहे विभिन्न विभागों की जनहितकारी और विकास योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई। पिछली बैठकों में दिए गए निर्देशों की प्रगति पर चर्चा के साथ ही क्षेत्र की ज्वलंत और गंभीर समस्याओं पर भी गहन विचार-विमर्श हुआ।

सांसद मनीष जायसवाल ने बतौर समिति अध्यक्ष योजनाओं के क्रियान्वयन का आकलन किया और भविष्य में जनहित में विकास कार्यों को धरातल पर सुदृढ़ करने की दिशा में उचित दिशा-निर्देश जारी किए।

बैठक में मनरेगा, अंत्योदय योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम कौशल योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण एवं शहरी), स्वच्छ भारत मिशन, नेशनल रूरल ड्रिंकिंग वॉटर प्रोग्राम, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, उज्ज्वला योजना, पीएम कौशल विकास योजना, नेशनल हेल्थ मिशन, सर्व शिक्षा अभियान, इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमें

ट स्कीम (आईसीडीएस ) समेत रेलवे, हाईवे, वाटर वेज, माइंस से संबंधित आधारभूत संरचना निर्माण और प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर चर्चा हुई।

इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों के माननीय विधायकों और ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने जनहित में कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जिन पर संबंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सांसद मनीष जायसवाल ने विकास कार्यों की धीमी प्रगति पर गहरी चिंता और नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने बताया कि बैठक में ज़िले के विभिन्न विभागों के कार्यों के पैरामीटर की समीक्षा की गई, और यह पाया गया कि पेयजलापूर्ति, कोयला चोरी रोकने और सड़कों के निर्माण की प्रगति पर पिछली दिशा की बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुरूप कोई प्रगति नहीं हुई है ।

 विभिन्न विभागों द्वारा पेश किए गए आंकड़े भ्रमजाल वाले थे, जो ज़मीनी हकीकत को सही तरीके से चित्रित नहीं कर रहे थे।

सांसद जायसवाल ने रामगढ़ ज़िला प्रशासन को गंभीर होने और जनहित में विकास योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर ससमय सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने विभागीय उदासीनता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह वर्तमान राज्य सरकार की कार्यशैली का एक चेतावनी भरा उदाहरण है, जहां अधिकारी निर्देश के बावजूद सिर्फ आंकड़ों के भ्रमजाल में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं, जो कतई बर्दाश्त योग्य नहीं है।

सांसद मनीष जायसवाल ने ज़िले के विकास के लिए पेयजलापूर्ति संबंधित विभाग को अगली बैठक से पहले ज़िले की हरेक योजना का विशेष सर्वे कर शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करने, ग्रामीण खराब सड़कों पर तत्काल कार्य शुरू करने की दिशा में सकारात्मक पहल की जाने, रामगढ़ ज़िले में व्यापक स्तर पर चल रहे कोयला चोरी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने, ज़िले में एम्बुलेंस की सुविधा को सहज बनाए जाने, सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ प्राइवेट हॉस्पिटल में भी नॉर्मल डिलीवरी को बढ़ावा दिए जाने, ज़िले के शत-प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन निर्माण पूरा किए जाने, पेंडिंग पड़े वृद्धा, विधवा, विकलांग और मईया योजना के पेंशनधारियों को तत्काल लाभ दिलाए जाने, प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्य को तेज़ी से प्रगति करने, भुरकुंडा के सेंट्रल स्कूल को सुविधा संपन्न बनाने और हाइवे पर चुटूपालू घाटी तथा मांडू में स्ट्रीट लाइट को सुदृढ़ करने का महत्वपूर्ण निर्देश दिया। 

सांसद मनीष जायसवाल ने दोहराया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य यही रहा कि सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ क्षेत्र के अंतिम व्यक्ति तक सुनिश्चित हो सके।

बैठक में रामगढ़ विधायक ममता देवी, बड़कागांव विधायक रोशन लाल चौधरी, मांडू विधायक निर्मल महतो उर्फ़ तिवारी महतो, ज़िला परिषद अध्यक्ष सुधा देवी, रामगढ़ के उपायुक्त सह समिति के सचिव फैज़ अक अहमद मुमताज़, उप विकास आयुक्त आशीष अग्रवाल, रामगढ़ जिला सांसद प्रतिनिधि राजीव जायसवाल सहित ज़िले के विभिन्न प्रखंडों के प्रमुखगण, तथा रामगढ़, दुलमी, चितरपुर, गोला, मांडू और पतरातु प्रखंड के चयनित मुखिया सह समिति सदस्यगण विशेष रूप से उपस्थित रहे।

सीडीओ की अध्यक्षता में किसान दिवस का हुआ आयोजन

रमेश दूबे

जिलाधिकारी आलोक कुमार के निर्देश के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में कृषि विभाग द्वारा किसान दिवस का आयोजन किया गया।

बैठक में किसानों की समस्याओं के बारे में चर्चा करते हुए मुंडेरवा चीनी मिल के गन्ना समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र राय ने कहा की गन्ना खरीद केंद्र की व्यवस्था सही नहीं चल रही है जिसे सचिव लोगों को देखना चाहिए। इस पर वरिष्ठ गन्ना पर्यवेक्षक द्वारा अवगत कराया गया कि इस वक्त इस जनपद में आठ केंद्र चल रहे हैं उन केन्द्रों पर अभी शेड की व्यवस्था नहीं हो पाई है परंतु बैनर लगा है। इस केंद्र पर गन्ने की चढ़ाई और उतराई बिल्कुल निःशुल्क है। मलोराना गांव के गणेश चौधरी द्वारा बताया गया कि उनके गांव में एक सांड का आतंक बुरी तरह से है जिसने कई लोगों की फसल बर्बाद कर दिया है, इस पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि इसको पकड़ने की कार्रवाई की जा रही है, शीघ्र है सांड पकड़ में आ जाएगा।

राम शंकर यादव ग्राम हरदा बघौली के द्वारा सरकारी समितियां के बारे में बताया गया कि इनका कार्य सुचारू रूप से नहीं चल रहा है एवं अधिकांश समितियां बंद रह रही हैं, इस पर सहायक आयुक्त सहकारिता द्वारा अवगत कराया गया कि इस विकासखंड में कुल 11 समितियां हैं जिसमे से चार समितियां क्रियान्वित हैं।

जनपद के किसानों द्वारा अवगत कराया गया कि जो क्रॉप कटिंग विभाग द्वारा कराया जा रहा है उसमें जो रिपोर्ट दी जा रही है इससे सत्यापन में समस्या हो रही है और अगर सत्यापन कम होगा तो किसान अपने धान को बेच नहीं पाएंगे, अभी तक जो भी क्रॉप कटिंग कराई गई इसकी रिपोर्टिंग गलत की जा रही है जिस पर जिला कृषि अधिकारी ने अवगत कराया कि जो जिले का औसत है उसी के हिसाब से निर्धारण किया जाता है।

जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी ने बताया कि जो उत्पादन चावल का होता है उसी का संशोधन कर भेजना होता है। इसी क्रम में कठईचा के किसानों ने शिकायत किया कि क्रॉप कटिंग हेतु आदेश हुआ था लेकिन अभी तक क्रॉप कटिंग नहीं कराई के जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने तत्काल क्रॉप कटिंग करवाए जाने के निर्देश दिए। मुख्य विकास अधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि हर केंद्र पर धान खरीद की व्यवस्था होनी चाहिए साथ ही एक रजिस्टर मेंटेन होना चाहिए एवं जो किसान धान के विक्रय हेतु अपना नंबर लगायें उसका नंबर उसे बता दिया जाए। खाद्य विपणन अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि अभी तक जनपद में 401 मेट्रिक टन धान की खरीद हुई है एवं भारत सरकार द्वारा विक्रय की अन्यत्र अनुमति नहीं मिल पा रही है।

खरीद के क्रम में 105 किसानों से 401 में मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है और इस जनपद का कुल खरीद लक्ष्य 4000 मेट्रिक टन है। अभी तक कुल 64 किसानों का भुगतान किया गया है।वर्तमान में बोई गई धान की फसल तेलंगाना सोने की शिकायत करते हुए किसानों ने कहा कि इसकी उपज बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुई एवं धान में बालियां तो लगी है जिसमें दानों का अभाव है जिस पर जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि हम यह प्रकरण कृषि निदेशक के संज्ञान में ला दिया गया है शीघ्र समस्या का समाधान किया जाएगा।

नाथनगर के कृषक राजेंद्र राय ने अवगत कराया कि धान खरीद केंद्र और बढ़ाना चाहिए क्योंकि जनपद में धान खरीद केंद्र कम है इनकी संख्या बढ़ेगी तभी किसान अपना धान विक्रय कर पाएगा। इन्होंने यह भी अवगत कराया कि किसी विभाग में पोस मशीन पर अंगूठा नहीं लग पा रहा है जिसके बारे में उप कृषि निदेशक द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में दर्शन पोर्टल बदलकर दर्शन 2 हो गया है और इसकी सेवा प्रदाता कंपनी बदल गई है जिससे यह बंद है, शीघ्र इस संदर्भ में निदेशालय स्तर पर कार्रवाई की जाएगी जिससे पोर्टल संसोधन का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। किसानों की समस्याओं का समाधान हेतु वर्तमान में उप कृषि निदेशक कार्यालय में इसका काउंटर निरंतर चल रहा है जिसमें किसानों के जमीन का संशोधन किया जा रहा है।

बैठक में किसानों द्वारा कहा गया कि कुछ गोदामों पर यूरिया वितरण की व्यवस्था होनी चाहिए विशेष कर वहां जहां ट्रिपल सुपर फास्फेट 48% है वहां पर यूरिया पहुंचाई जाए। इस क्रम में पीसीएफ द्वारा अवगत कराया गया कि कल 12 जगह पर यूरिया भेजी जा रही है | किसानों ने कहा कि हर केंद्र पर बोर्ड लगना चाहिए कि उत्पाद की कीमत कितनी है।

नाथनगर एवं धनघटा के किसानों ने अवगत कराया की सड़क के किनारे काफी झाड़ियां हो गई हैं जैसे निरंतर ही दुर्घटना का भय बना रहता है एवं दुर्घटना हो भी रही है। राजेंद्र राय एवं राम दरस यादव ने कहा कि यह स्थिति इतनी खतरनाक हो गई है कि हमेशा इस पर दुर्घटना की संभावना बनी रही है जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने तत्काल पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता को कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिया।

विकासखंड नाथ नगर के ग्राम साखी के प्रगतिशील किसान राजमणि राय ने अवगत कराया कि जनपद में छुट्टी जानवरों की संख्या काफी बढ़ गई जो फसलों को बहुत बुरी तरह से नुकसान पहुंचा रहे हैं इस पर मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया की कथैचा केंद्र पर इन जानवरों को भेज कर इन्हें रखा जा सकता है।

सत्य प्रकाश चौधरी भोजपुर ग्राम बघौली ने अवगत कराया की खाद नहीं प्राप्त हो रही एवं किसानो को अन्य जगह से खाद लेनी पड़ रही है, उन्होंने यह भी बताया कि उनके द्वारा सहायक आयुक्त सहकारिता से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि 15 किसानों की एक समिति स्थापित करें जिस पर सहायक आयुक्त सहकारिता ने अवगत कराया कि अगर जमीन की प्राप्ति हो जाए तो नई समिति गठित हो सकती है। इसी क्रम में के कृषक राजेंद्र राय ने कहा कि जो समिति सचिव के बिना चल रही है है उस पर एक पढ़ा लिखा सचिव रखा जाए जो खाद बिक्री कर सके।

इस अवसर पर उप कृषि निदेशक डॉ राकेश कुमार सिंह, ए आर को-ऑपरेटिव आनंद मिश्रा, जिला कृषि अधिकारी डॉक्टर सर्वेश कुमार, जिला उद्यान अधिकारी समुद्रगुप्त मल्ल, एसडीओ विद्युत केएन शुक्ला, डिप्टी आरएमओ कमलेश सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एस के तिवारी, सूचना अधिकारी सुरेश कुमार सरोज व प्रगतिशील कृषक सुरेंद्र राय सहित जनपद के सम्मानित किसान भाई आदि उपस्थित रहे।

देव नागरी महाविद्यालय में फॉरेंसिक साइंस विषय पर रोचक कार्यशाला आयोजित

मेरठ।19 नवम्बर 2025। देव नागरी महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र (Zoology) विभाग द्वारा आज “फॉरेंसिक साइंस एवं उसके प्रकार : डीएनए परीक्षण तथा नारकोटिक्स ड्रग्स” विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रहे फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) के उपनिदेशक डॉ. राजेन्द्र सिंह, जिनका प्रमुख कार्यक्षेत्र सेरोलॉजी, बायोलॉजी, नारकोटिक्स तथा क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन रहा है।

दीप प्रज्वलन एवं स्वागत समारोह

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. बी.एस. यादव ने पुष्पगुच्छ भेंटकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया। कार्यक्रम का मंच संचालन Zoology विभाग के डॉ. प्रवीण कुमार ने किया।

फॉरेंसिक साइंस के बहुआयामी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा

अपने व्याख्यान में डॉ. राजेन्द्र सिंह ने फॉरेंसिक साइंस के महत्व, कार्यप्रणाली एवं विभिन्न शाखाओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि—

फॉरेंसिक साइंस अपराध स्थल की वैज्ञानिक जाँच का विज्ञान है।

फॉरेंसिक को अनेक भागों में विभाजित किया गया है—

केमिस्ट्री, टॉक्सिकोलॉजी, फायर एवं विस्फोट परीक्षण

बायोलॉजिकल एग्ज़ामिनेशन, जिसमें DNA एवं सेरोलॉजी के मामले शामिल होते हैं

फिजिकल एग्ज़ामिनेशन, जिसमें फिजिक्स, बैलिस्टिक रिपोर्ट व अन्य भौतिक जाँचें आती हैं

डॉक्यूमेंट एग्ज़ामिनेशन, जिसमें हस्ताक्षर मिलान, लिखावट जाँच, दस्तावेज़ों की सत्यता जाँच शामिल है

उन्होंने बताया कि फॉरेंसिक का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत लोकार्ड का सिद्धांत है, जिसके अनुसार अपराधी अपराध स्थल पर कुछ न कुछ अवश्य छोड़ता है या वहाँ से कुछ लेकर जाता है।

DNA परीक्षण और साइबर फॉरेंसिक पर रोशनी

डॉ. सिंह ने स्पष्ट किया कि DNA परीक्षण उम्र से प्रभावित नहीं होता और यह हमेशा स्थायी रहता है। DNA जाँच के लिए वीर्य, रक्त, बाल, त्वचा, हड्डियाँ, दाँत, भ्रूण, मांसपेशियाँ आदि नमूने लिए जा सकते हैं।

साइबर फॉरेंसिक के अंतर्गत—

ऑडियो–वीडियो जांच

डेटा रिकवरी (चाहे 10 वर्ष पुराना और डिलीटेड ही क्यों न हो)

जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

उन्होंने नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग एवं लाई डिटेक्टर जैसे बिहेवियर साइंस के आधुनिक परीक्षणों के बारे में भी विस्तार से बताया। फोटो व वीडियो एविडेंस के संदर्भ में स्केल फोटोग्राफी को आवश्यक बताया।

कार्यक्रम में भारी संख्या में शिक्षकों व विद्यार्थियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो. बी.एस. यादव, प्रो. हिमांशु अग्रवाल, प्रो. सविता रानी, महाविद्यालय के चीफ डॉक्टर डॉ. दीपक कुमार, प्रो. वंदना गर्ग, प्रो. शेफाली, प्रो. अंशु ढाका, डॉ. अंजू चौहान, डॉ. जिनेन्द्र बोध, डॉ. प्रवीण कुमार, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. विश्वत चौधरी, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. चंदन सिंह, डॉ. जयन्त तेवतिया, डॉ. शशांक बघेल, डॉ. अनीता चौधरी, डॉ. अनुज बावरा, शशिकांत, डॉ. भारती, डॉ. अनीता कौशल, हरेंद्र, विशाल सहित Zoology एवं Botany विभाग के सभी विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

अंत में प्राणीशास्त्र विभाग ने मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि ऐसी कार्यशालाएँ विद्यार्थियों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होती हैं।

वेदांता पब्लिक स्कूल का अभिनव शैक्षिक भ्रमण: ज्ञान और प्रकृति का अद्भुत संगम

ब्रह्म प्रकाश शर्मा,जानसठ/सिखेड़ा -: वेदांता पब्लिक स्कूल, सिखेडा ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास, अनुभवात्मक अधिगम और व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया। कक्षा तीन से लेकर कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों ने देहरादून स्थित विज्ञान केंद्र और चिड़ियाघर की यात्रा कर ज्ञान और प्रकृति के बीच एक अद्भुत संगम का अनुभव प्राप्त किया।

छात्रों ने देहरादून के विज्ञान केंद्र में पहुंचकर वैज्ञानिक सिद्धांतों को नज़दीकी से समझा। उन्हें विज्ञान प्रयोगशाला में प्रयोगों को देखने, वायुमंडल के रहस्यों को जानने, पैंडुलम की गति और विभिन्न प्रकार के दर्पणों (जैसे उत्तल, अवतल) के कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रधानाचार्य विवेक चौधरी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा, "शैक्षिक भ्रमण विद्यार्थियों में जिज्ञासा, रचनात्मकता, नैतिकता, अनुशासन और सामाजिक व्यवहार जैसे महत्वपूर्ण गुणों का विकास करता है।

"विज्ञान केंद्र के बाद, विद्यार्थियों ने देहरादून चिड़ियाघर का भ्रमण किया, जो उनके लिए एक सीधा प्राकृतिक परिचय साबित हुआ। बच्चों ने यहाँ भिन्न-भिन्न प्रकार के जीवों को नज़दीक से देखा और उनके रहन-सहन और खान-पान के बारे में ज्ञान प्राप्त किया। भ्रमण के दौरान छात्रों ने विभिन्न पक्षी, रंगीन मछलियां, सांप, कछुए, मगरमच्छ, हिरण, बारहसिंगा, गुलदार (तेंदुआ) और चीते को देखकर रोमांच का अनुभव किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने चिड़ियाघर परिसर में मौजूद भिन्न-भिन्न प्रकार के पेड़-पौधों और फूलों को भी देखा और उनकी पारिस्थितिकी के बारे में जानकारी प्राप्त की। 

स्कूल की कोऑर्डिनेटर गुंजन तोमर व कीर्ति रानी ने बताया, "ऐसे भ्रमण विद्यार्थियों की टीमवर्क क्षमता, नेतृत्व गुण, सहानुभूति और निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ाते हैं। साथ ही, उन्हें प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक धरोहरों एवं वैज्ञानिक खोजों से सीधा परिचय मिलता है, जो उनकी समझ को व्यापक बनाता है।"वेदांता पब्लिक स्कूल के प्रबंधक सुशील सिंह आर्य ने इस आयोजन की महत्ता पर ज़ोर देते हुए कहा कि शैक्षिक भ्रमण छात्रों के लिए एक यादगार अनुभव होता है।प्रबंधक सुशील सिंह आर्य "इससे विद्यार्थियों को नई सीख मिलती है ।

जानसठ में चुनावी तैयारी तेज जिलाधिकारी के निर्देश पर बी एल ए की महत्वपूर्ण बैठक ।

ब्रह्म प्रकाश शर्मा

मतदाता सूची पुनरीक्षण में फोटो अनिवार्य, लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई की --एसडीएम राजकुमार भारती

जानसठ, । जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के स्पष्ट निर्देशों के क्रम में एसडीएम जानसठ राजकुमार भारती ने आगामी चुनावों के लिए मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम को गति देने हेतु जानसठ तहसील सभागार में आज बूथ लेवल एजेंटों (BLA) की एक महत्वपूर्ण और विस्तृत बैठक आयोजित की गई। प्रशासनिक अधिकारियों ने इस दौरान चुनावी प्रक्रिया की शुचिता बनाए रखने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए और BLA के सहयोग की अपील भी की।

बुधवार को जानसठ तहसील स्थित सभागार में आयोजित बैठक में एसडीएम राजकुमार भारती ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए एक नई प्रक्रिया लागू करने पर जोर दिया। BLA को कहा की बीएलओ का सहयोग करें उन्होंने कहा कि वे प्रत्येक मतदाता को गणना पत्रक की दो प्रतियाँ अनिवार्य रूप से प्रदान कराए।और

मतदाता एक प्रति भरकर बीएलओ को सौंपेगा, जबकि दूसरी प्रति मतदाता के पास रिकॉर्ड के रूप में रहेगी। इस प्रक्रिया से प्राप्त डेटा को बीएलओ मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से तुरंत अपलोड किया जाएगा, जिससे डेटा प्रविष्टि की त्रुटियाँ कम होंगी। मतदाता पहचान पत्र को अत्याधुनिक और प्रमाणिक बनाने की दिशा में प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। बैठक में स्पष्ट किया गया कि प्रत्येक मतदाता को अपना वर्तमान पासपोर्ट साइज का फोटो उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। यह कदम डुप्लीकेसी रोकने और मतदाता की पहचान सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। इस विशाल कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा करने हेतु, उपस्थित अधिकारियों ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों (BLA) से सक्रिय और निष्ठापूर्ण सहयोग की अपील की। इस अपील पर, सभी BLA ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए पूर्ण सहयोग का सर्वसम्मत आश्वासन प्रदान किया। प्रशासनिक अधिकारियों ने चुनावी कार्य में शिथिलता बरतने वाले कर्मचारियों के लिए कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने साफ शब्दों में चेताया कि जो बूथ लेवल अधिकारी निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कार्य नहीं कर रहे हैं, उनके विरुद्ध तत्काल और नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।इस बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जानसठ प्रशासन आगामी चुनावों के लिए एक त्रुटिरहित और अद्यतन मतदाता सूची तैयार करने हेतु पूरी तरह गंभीर है, और इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। इस दौरान मुख्य रूप से राजनीतिक पार्टियों से योगेंद्र चौधरी प्रेम सिंह कश्यप रामनिवास प्रजापति डॉक्टर अंकित शर्मा गौरव वाल्मीकि मोहम्मद नजर डॉक्टर अली शेर अहमद अंसारी रेशू दीन मोहम्मद दानिश राजेंद्र कुमार सुभाष कुमार इमरान खान रजनीश यादव वीरेंद्र नगर सादिक चौहान शाहनजर अहमद बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

Sambhal अवैध वाहनों पर एक्शन मोड में प्रशासन, संयुक्त चेकिंग अभियान में हड़कंप, चार वाहन सीज

सदर कोतवाली क्षेत्र के चौधरी सराय में बुधवार को एआरटीओ विभाग और यातायात पुलिस की संयुक्त टीम ने अवैध व नियम विरुद्ध वाहनों पर नकेल कसने के लिए सख्त चेकिंग अभियान चलाया। अभियान की कमान खुद एआरटीओ सम्भल अमिताभ चतुर्वेदी और टीआई दुष्यंत कुमार ने संभाली, जिनकी मौजूदगी में टीम ने ई-रिक्शा से लेकर दोपहिया और छोटे वाहनों तक की बारीकी से जांच की।

अभियान के दौरान कई चौंकाने वाली अनियमितताएँ पकड़ में आईं। कुछ ई-रिक्शा चालक क्षमता से कहीं ज्यादा सवारियां ढोते मिले—एक वाहन में 10 तक लोग बैठे हुए पाए गए, जो ओवरलोडिंग की गंभीर श्रेणी में आता है। वहीं कुछ ड्राइवर ई-रिक्शा को बतौर मालवाही इस्तेमाल करते दिखे, जो पूरी तरह अवैध है। टीम ने तुरंत ऐसे वाहनों को रोका और मौके पर कार्रवाई की। एआरटीओ अमिताभ चतुर्वेदी ने बताया कि कई वाहन बिना नंबर प्लेट या पेंटेड नंबर प्लेट के दौड़ते मिले। कुछ ई-रिक्शा बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे थे, जबकि कई वाहनों के पास फिटनेस और अन्य जरूरी कागज़ात तक नहीं थे। हेलमेट न पहनने वालों पर भी कार्रवाई हुई। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को खतरे में डालने वाले किसी भी वाहन चालक को छोड़ा नहीं जाएगा। अभियान के परिणामस्वरूप अब तक एक दर्जन से ज्यादा चालान काटे गए हैं, जबकि चार वाहन मौके से सीज किए गए। अधिकारी शाम तक इस चेकिंग को जारी रखेंगे। संयुक्त टीम की इस मुहिम से उम्मीद है कि क्षेत्र में अवैध रूप से और बिना अनुमति के दौड़ने वाले वाहनों पर लगाम लगेगी। विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे यातायात नियमों का पालन करें और अपने वाहन के दस्तावेज हमेशा अपडेट रखें।

एनडीए विधायक दल के नेता चुने गए नीतीश कुमार, कल 10वीं बार लेंगे सीएम पद की शपथ

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जनता दल यूनाइटेड सुप्रीमो नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से एनडीए विधायक दल का नेता चुना गया है। अब नीतीश कुमार एक बार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन गुरुवार को होगा। पटना में विधानसभा के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बैठक हुई। इसमें भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यूनाईटेड, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा, लोक जनशक्ति पार्टी के सभी नव निर्वाचित विधायक और नीतीश कुमार, चिराग पासवान, संतोष सुमन, उपेंद्र कुशवाहा, सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा मौजूद रहे।

सम्राट चौधरी ने रखा प्रस्ताव

भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता चुने गए सम्राट चौधरी ने बुधवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा। जिसके बाद एनडीए के तमाम नेताओं ने सर्वसम्मति से नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लगाई। इसी के साथ ही नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री बनना तय हो गया।

एनडीए के घटक दलों ने भी चुनाव अपना नेता

इससे पहले एनडीए के प्रमुख घटक दलों ने बुधवार को अपने-अपने विधायक दल के नेताओं का चयन किया। जदयू के विधायकों की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना गया। वहीं, भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों ने एक बैठक में वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता और विजय सिन्हा को उपनेता चुना। दोनों दलों ने यह जानकारी दी गई। इसके बाद एनडीए ने भी नीतीश कुमार के नाम पर अपनी मुहर लगा दी।

. विद्यासागर उपाध्याय : दो नये महाग्रंथों के साथ 20 दार्शनिक कृतियों का दिव्य शिखर
संजीव सिंह बलिया| भारतीय बौद्धिक–परंपरा में समय–समय पर ऐसे मनीषी अवतरित होते रहे हैं, जिनकी सोच केवल अपने युग को नहीं, आने वाली सहस्राब्दियों को दिशा देती है। समकालीन भारत में ऐसा ही एक तेजस्वी नाम है—डॉ. विद्यासागर उपाध्याय, जिनके द्वारा लिखित 20 महत्वपूर्ण ग्रंथ भारतीय दर्शन, समाज–चिंतन और राष्ट्रीय विमर्श के क्षेत्र में अमूल्य योगदान हैं। भारतीय ज्ञानपरंपरा के आकाश में यह तारा अत्यन्त उज्ज्वल हो उठा है, जिसे समकालीन युग “विद्या–सरस्वती का जीवंत पुरुष विस्तार” कहकर श्रद्धा प्रकट करता है। डॉ. उपाध्याय के ग्रंथों की विलक्षणता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि अनेक कृतियाँ 800 पृष्ठों के ज्ञान-हिमालय की तरह खड़ी हैं, जबकि अन्य 300 पृष्ठों में भी “गागर में सागर” भर देती हैं। कई ग्रंथों के मूल्य 1000 रुपये से अधिक होने पर भी पाठकों का अटूट अनुराग, उनकी लेखनी की स्वर्ण-तुल्य गुणवत्ता का प्रमाण है। उनके 100 से अधिक शोध-आलेख देश-विदेश की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। भारतवर्ष के समस्त प्रान्त व अनेक अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संस्थान उन्हें मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित करते रहे हैं। उनकी ओजस्वी वाणी, व्यापक दृष्टि और विश्लेषण की तीक्ष्णता श्रोताओं पर अमिट छाप छोड़ती है। अब तक उन्हें सैकड़ों राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय सम्मान/उपाधि प्राप्त हैं—जो उनकी प्रज्ञा, तपस्या और दार्शनिक ऊँचाई का प्रमाण है। मात्र 39 वर्ष की आयु में 20 दार्शनिक ग्रंथों का विरल शिखर स्पर्श करने वाले, अंतरराष्ट्रीय वक्ता, मौलिक चिंतक, प्रसिद्ध शिक्षाविद् और शोध-प्रज्ञा के आलोक–पुंज डॉ. विद्यासागर उपाध्याय ने वर्तमान में बौद्धिक-जगत को दो महत् वैचारिक नवीन ग्रंथ सौंपकर आधुनिक भारतीय विमर्श को नए आयाम प्रदान किए हैं। नवप्रकाशित दोनो महाग्रंथ— “सत्य कौन? तिलक अथवा आम्बेडकर! : विलुप्त प्रज्ञा का महाकोष”। और “लॉर्ड मैकाले : नायक अथवा खलनायक?” — पहुँचते ही विद्वत्-समाज में गहन बहस, विचार-मंथन और दार्शनिक पुनर्पाठ का सृजन कर चुके हैं। यह दोनों कृतियाँ ऐसी हैं, मानो भारतीय चिंतनभूमि के लिए दो दीप्तिमान वैचारिक यज्ञाहुतियाँ प्रस्तुत हो गई हों। प्रस्तुत निबंध में मैं इन दोनों ग्रंथों के गहन अध्ययन के आधार पर डॉ. उपाध्याय की शोध–दृष्टि, वैचारिक प्रस्तुति, तर्कप्रणाली और उनके विचार–लोक की व्यापकता का समीक्षात्मक विश्लेषण कर रही हूँ। 1. डॉ. विद्यासागर उपाध्याय : परंपरा और आधुनिकता के अद्वितीय सेतु - अध्ययन के दौरान यह तथ्य स्पष्ट रूप से उभरकर सामने आता है कि डॉ. उपाध्याय न तो परंपरा के अंध–समर्थक हैं और न ही आधुनिकता के अंध–अनुयायी। उनकी लेखनी में परंपरा की आत्मा और आधुनिकता की वैज्ञानिक दृष्टि दोनों साथ–साथ चलती हैं। ऐसे लेखक आज विरले हैं जो प्राचीन भारतीय ग्रंथों—उपनिषदों, धर्मशास्त्रों, न्याय–मीमांसा—की तर्क–शक्ति को आधुनिक राजनीतिक–समाजशास्त्रीय विमर्श के साथ जोड़कर प्रस्तुत करते हों। डॉ. उपाध्याय का यह समन्वय–बोध स्वयं में एक उपलब्धि है। 2. “लॉर्ड मैकाले : नायक अथवा खलनायक?”—इतिहास पर पुनर्विचार का आह्वान - यह एक ऐसी साहसिक बौद्धिक शल्य-क्रिया है, जिसने आधुनिक भारत की शिक्षा-नीति, सांस्कृतिक चेतना और मानसिक रूपांतरण की जटिल परतों को निर्भीकता से उघाड़ दिया है। ग्रंथ में मैकाले की नीतियों के भारतीय मन, सामाजिक ढाँचे और सांस्कृतिक अस्मिता पर पड़े दीर्घकालीन घावों का सुसंगत, निष्पक्ष और अत्यंत मौलिक पुनर्मूल्यांकन किया गया है। लेखक केवल आलोचना नहीं करते, बल्कि उबरने का मार्ग भी प्रदान करते हैं—जो इस कृति की सर्वाधिक विशिष्टता है। वर्तमान भारत में हिन्दी साहित्य के मूर्धन्य विद्वान प्रो. (डॉ.) पुनीत बिसारिया, अधिष्ठाता कला संकाय एवं विभागाध्यक्ष (हिन्दी), बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, इसे “सांस्कृतिक पुनरुत्थान का घोषणापत्र” बताते हुए लिखते हैं कि "डॉ. उपाध्याय की लेखनी इतिहास को केवल तिथियों का दस्तावेज़ नहीं रहने देती, बल्कि भारतीय आत्मा की जीवित आवाज़ बना देती है। न अंधभक्ति, न अंधघृणा—बल्कि संतुलन, तर्क, और भावनात्मक पारदर्शिता—इस कृति को अद्वितीय बनाती है।"इस ग्रंथ का मूल उद्देश्य किसी व्यक्तिविशेष का महिमागान अथवा निंदा करना नहीं, बल्कि मैकाले की शिक्षा–नीति के माध्यम से भारतीय मानसिकता के औपनिवेशिक पुनर्गठन का विश्लेषण करना है। डॉ. उपाध्याय ने यहाँ मात्र इतिहास नहीं बताया; अपितु उन्होंने इतिहास का तर्कसंगत पुनर्पाठ प्रस्तुत किया है। उनका प्रश्न— “क्या अंग्रेज़ी शिक्षा ने भारतीय मन को स्वतंत्र बनाया या परतंत्र?” आज भी प्रासंगिक है। यह पुस्तक न केवल शोधार्थियों के लिए उपयोगी है, बल्कि उन बुद्धिजीवियों के लिए भी अत्यंत आवश्यक है, जो भारतीय शिक्षा–दर्शन की पुनर्स्थापना में रुचि रखते हैं। 3. “सत्य कौन? तिलक अथवा आम्बेडकर!”— विलुप्त प्रज्ञा का वास्तव में महाकोष - यह ग्रंथ आधुनिक भारतीय मनीषा के दो महान विचारकों—लोकमान्य तिलक और डॉ. आम्बेडकर—के विचारों का गहन तुलनात्मक विश्लेषण तो है ही; परंतु इसका वास्तविक वैभव यह है कि इसमें विश्व के चालीस महान दार्शनिकों के दृष्टिकोणों का अद्भुत समन्वय उपस्थित है। बौद्ध दिग्नाग, जैन अकलंकदेव, वेदांती विद्यारण्य, महर्षि रमण, अरविन्द, हेगेल, मेकियावली, एक्विनास, ओशो, स्वामी करपात्री, शोज, फिरदौसी, टैगोर, गाँधी तथा अनगिनत दार्शनिक धाराएँ—सब एक ही वैचारिक पट पर ऐसे संलयित होती हैं, जैसे अनेक पवित्र सरिताएँ अंततः एक ही महासागर में विलीन होती हों। इस वैचारिक महाकोष की मंगल-शुभाशंसा करते हुए आयरलैंड में भारत के राजदूत एवं दर्शन शास्त्र के शीर्ष विद्वान् आई.एफ.एस. डॉ. अखिलेश मिश्र लिखते हैं कि - यह कृति भारतीय ज्ञान-परंपरा के “सत्य–अन्वेषण की अनन्त यात्रा” का अद्भुत दस्तावेज है, जो इन्द्रियातीत सत्ता, आत्मबोध और विश्वमानवता के विराट भाव को पुनर्जीवित करती है। वहीं नेपाल के प्रसिद्ध दार्शनिक विद्यावाचस्पति अजय कुमार झा इसे “विलुप्त प्रज्ञा के पुनरुत्थान का महाग्रंथ” बताते हुए लिखते हैं कि यहाँ झ्वांग-त्ज़ु, बर्द्यायेव, गुरुदास, माइमोनीडीज़, कबीर, रामतीर्थ, पतंजलि और वाचस्पति—सभी के विचार एक ही विश्वदर्शी चेतना में एकाकार हो जाते हैं। यह ग्रंथ डॉ. उपाध्याय की विद्वत्ता का अद्भुत और तेजोमय उदाहरण है जहां उन्होंने तिलक और आम्बेडकर के साथ ही चालीस चिन्तनधाराओं का दार्शनिक, सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक तर्कों का गहन तुलनात्मक विश्लेषण करके गागर में सागर भर दिया है। ऐसा दुर्लभ वैचारिक साहस और व्यापक अध्ययन आज के लेखक–जगत में बहुत कम देखने को मिलता है। ग्रंथ की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि लेखक न तो किसी विचारक का चयनित समर्थन करते हैं, और न ही किसी का पक्षपातपूर्ण खंडन; वे केवल यह पूछते हैं— “सत्य किसके पास है?” यही प्रश्न और उसका प्रामाणिक उत्तर पाठक को विचार–यात्रा पर ले जाता है। 4. शोध–दृष्टि और प्रस्तुति : स्पष्टता, निर्भीकता और तर्क–समृद्धि का समन्वय - डॉ. उपाध्याय की सबसे बड़ी विशेषता है बौद्धिक निर्भीकता। वे जटिल विषयों को सरल बनाकर प्रस्तुत करते हैं, परन्तु सरलता में उथलापन नहीं आने देते। उनके ग्रंथ संदर्भ–समृद्ध, तथ्य–संगत, प्रमाण–निष्ठ और दार्शनिक गहराई से पूर्ण हैं। वाक्य–बंध में साहित्यिक माधुर्य है और तर्क में ऐसी कठोरता जो पाठक को हर पंक्ति पर चिंतन करने को बाध्य करती है। 5. भारतीय चिंतन–जगत में उनका स्थान - समग्रता में देखा जाए तो डॉ. उपाध्याय उन दुर्लभ लेखकों में हैं जो न केवल इतिहास को पुनर्पाठित करते हैं, बल्कि आने वाले कालखंड के लिए विचार–ईंधन भी प्रदान करते हैं। उनके 20 ग्रंथ — दर्शन, समाज, राजनीति, इतिहास, साहित्य— हर क्षेत्र में नवीन दृष्टि का उद्घाटन करते हैं। उनकी लेखनी में ज्ञान की प्रखरता, अध्ययन की व्यापकता, और राष्ट्र–चिंतन की गरिमा स्पष्ट रूप से प्रतिध्वनित होती है। एक अध्येता होने के नाते मैं यह निस्संकोच कह सकती हूँ कि डॉ. विद्यासागर उपाध्याय आज के भारतीय चिंतन–जगत के सबसे प्रभावशाली, सबसे साहसी और सबसे अधिक मौलिक लेखकों में से एक हैं। उनकी नवीनतम कृतियाँ केवल पुस्तकें नहीं— वे विमर्श का आमंत्रण, चिंतन का आलोक, और राष्ट्रीय स्वाभिमान की पुनर्स्मृति हैं। ज्ञान–क्षेत्र में ऐसे तेजस्वी प्रतिभाशाली लेखक का होना भारतीय बौद्धिक परंपरा के लिए एक अत्यंत शुभ संकेत है। दोनों महाग्रंथों के प्रकाशन के साथ यह तथ्य पुनः प्रतिष्ठित हो गया कि डॉ. विद्यासागर उपाध्याय केवल लेखक नहीं, बल्कि भारतीय ज्ञान–परंपरा के जीवंत प्रतिनिधि, मौलिक शोध के अग्रदूत और आधुनिक वैचारिक जगत् के धैर्यवान तपस्वी हैं। उनकी कृतियाँ केवल पठन का विषय नहीं—बल्कि सतत् मनन, विमर्श और आत्मबोध के शाश्वत निमंत्रण हैं। समकालीन भारतीय दर्शन को इन ग्रंथों ने नई ऊँचाई, नई दृष्टि और नया गौरव प्रदान किया है। यह ग्रंथ निस्संदेह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमर वैचारिक दीपस्तम्भ सिद्ध होंगे। समीक्षक डॉ. मणिकर्णिका (NET, JRF, SRF, Ph.D)
सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ के पीठाधीश्वर स्वामी भवानी नंदन यति महाराज का 20 नवंबर को नगरा आगमन


अमर बहादुर सिंह, बलिया शहर। भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए हर्ष का विषय है कि सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ, वाराणसी के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर परमपूज्य स्वामी भवानी नंदन यति महाराज जी 20 नवंबर 2025, गुरुवार को रामहित कार्यक्रम के अंतर्गत नगरा आगमन करेंगे। गुरुदेव का पावन स्वागत प्राचीन दुर्गा मंदिर, नगरा के पावन प्रांगण में संध्या 5 बजे किया जाएगा।सिद्धपीठ द्वारा विगत वर्षों से ग्रामीण अंचलों में धर्म, शिक्षा, संस्कार और सामाजिक चेतना के विस्तार हेतु रामहित कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसी क्रम में संत, ब्राह्मण और सेवकों की लगभग 20–25 सदस्यीय टोली भगवान लक्ष्मीनारायण जी के आसन के साथ नगरा पहुँचेगी।कार्यक्रम के प्रमुख बिंदु:ग्राम आगमन एवं स्वागत: शाम 5:00 बजेसायंकाल उद्घोधन: 5:30 से 6:00 बजेसायंकालीन महाआरती: 7:30 से 8:30 बजेरात्रिकालीन प्रवचन: 8:30 से 9:30 बजेरात्रि भोजन (महाप्रसाद): 9:30 से 10:00 बजेअगले दिन 21 नवंबर, शुक्रवार को अपराह्न 4:00 बजे स्वामी जी का प्रस्थान तय है।भक्तों से अपील:आयोजन समिति ने समस्त भक्तों से अनुरोध किया है कि वे समयानुसार उपस्थित होकर प्रवचन श्रवण, महाप्रसाद ग्रहण एवं गुरुदेव के दर्शन–आशीर्वाद का लाभ अवश्य प्राप्त करें।
*SIR को बनाए बूथ सशक्तिकरण का हथियार-भूपेन्द्र चौधरी*
*एसआईआर को लेकर विपक्ष चला रहा नकारात्मक एजेंडा: भूपेंद्र सिंह चौधरी*

*त्रुटिहीन मतदाता सूची लोकतंत्र की नींव - भूपेन्द्र चौधरी*

*फुलप्रूफ बूथ प्रबंधन पार्टी की सर्वोच्च प्राथमिकता - भूपेन्द्र चौधरी* सुलतानपुर,भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि एसआईआर मतदाताओं के लिए एक विधिक प्रकिया है लेकिन विपक्ष इसको लेकर नकारात्मक एजेंडा चला रहा है।बुधवार शाम भाजपा जिला कार्यालय पहुंचने पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को संवैधानिक ढंग से अपनी बात रखने का अधिकार है। देश की न्याय पालिका पर सभी को विश्वास है। हम सब लोग मिलकर उसका पालन करते हैं। मतदाताओं के लिए एआईआर एक विधिक प्रक्रिया है लेकिन कांग्रेस और सपा इस मामले में नकारात्मक एजेंडा चला रहे हैं। समाज को गुमराह कर रहे हैं। लंबी पराजय के बाद कांग्रेस पार्टी अपना मूल्यांकन नहीं कर रही है।संवैधानिक संस्थाओं पर सिर्फ प्रश्न खड़ा रही है। इन लोगों को अपना चेहरा देखना चाहिए। शीशे को दोष ठहराना ठीक नहीं है।बिहार जीत पर उन्होंने कहा कि यह सुशासन व विकास की जीत है।एनडीए का कुनबा एक साथ मिलकर चुनाव लडा़।जनता ने अभूतपूर्व आशीर्वाद दिया।हम वहां जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे। उन्होंने दिल्ली ब्लास्ट पर कहा कई एजेंसी मिलकर हर ऐंगल पर जांच कर रही है। विदेशी ऐंगल भी हो सकता हैं।भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित एसआईआर की बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने कार्यकर्ताओं से प्रत्येक घर तक जाने का आह्वान किया। उन्होंने पात्र व नये मतदाताओं को वोटर सूची में जुड़वाने के लिए फार्म भरवाने में मदद करने को कहा। उन्होंने बताया पार्टी ने विधानसभा स्तर पर बीएलए 1, बीएलए 2 के साथ - साथ बूथ प्रवासी की संयुक्त टीम का गठन किया है। कार्यकर्ता एसआई आर को भूत सशक्तिकरण का हथियार बनाएं। फुलप्रूफ बूथ प्रबंधन पार्टी की सर्वोच्च प्राथमिकता है।त्रुटिहीन मतदाता सूची लोकतंत्र की नींव हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी ने स्वागत भाषण करते हुए मुख्य अतिथि सहित सभी का आभार प्रकट किया। संचालन विजय त्रिपाठी ने किया।मीडिया प्रमुख विजय रघुवंशी ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष वाराणसी से लखनऊ जाते समय एक घंटा 35 मिनट कार्यालय पर रूके।एसआईआर को लेकर जिले के सभी 26 मण्डलों की समीक्षा की।वह करीब 6.35 पर लखनऊ के लिए रवाना हो गए। बैठक में एमएलसी शैलेन्द्र प्रताप सिंह, विधायक राज प्रसाद उपाध्याय, विनोद सिंह, डॉ सीताशरण त्रिपाठी, राजेश गौतम, डॉ आरए वर्मा,ओम प्रकाश पाण्डेय बजरंगी,प्रवीन कुमार अग्रवाल, योगेंद्र प्रताप सिंह,आनन्द जायसवाल, घनश्याम चौहान, कृपाशंकर मिश्रा,विजय रघुवंशी, अशोक कुमार सिंह, संजय त्रिलोकचंदी, आलोक आर्या,संदीप सिंह, प्रदीप शुक्ला, शशीकांत पाण्डेय, धर्मेन्द्र कुमार, अनीता पाण्डेय, सुनील वर्मा, बबिता तिवारी, मनीषा पांडेय, विवेक सिंह, आशीष सिंह रानू, संजय सोमवंशी, डिंपल सिंह, सर्वेश मिश्रा समेत जिला पदाधिकारी, मण्डल अध्यक्ष, मण्डल प्रभारी, मण्डल प्रवासी आदि मौजूद रहे ‌
रामगढ़ जिले में दिशा की बैठक हुआ संपन्न, विकास योजनाओं का हुआ रिव्यू

रामगढ़ ज़िला समाहरणालय सभागार में बुधवार को जिला विकास समन्वय एवं मूल्यांकन समिति (दिशा) की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। समिति के अध्यक्ष एवं सांसद मनीष जायसवाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक में ज़िले में चल रहे विभिन्न विभागों की जनहितकारी और विकास योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई। पिछली बैठकों में दिए गए निर्देशों की प्रगति पर चर्चा के साथ ही क्षेत्र की ज्वलंत और गंभीर समस्याओं पर भी गहन विचार-विमर्श हुआ।

सांसद मनीष जायसवाल ने बतौर समिति अध्यक्ष योजनाओं के क्रियान्वयन का आकलन किया और भविष्य में जनहित में विकास कार्यों को धरातल पर सुदृढ़ करने की दिशा में उचित दिशा-निर्देश जारी किए।

बैठक में मनरेगा, अंत्योदय योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम कौशल योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण एवं शहरी), स्वच्छ भारत मिशन, नेशनल रूरल ड्रिंकिंग वॉटर प्रोग्राम, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, उज्ज्वला योजना, पीएम कौशल विकास योजना, नेशनल हेल्थ मिशन, सर्व शिक्षा अभियान, इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमें

ट स्कीम (आईसीडीएस ) समेत रेलवे, हाईवे, वाटर वेज, माइंस से संबंधित आधारभूत संरचना निर्माण और प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर चर्चा हुई।

इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों के माननीय विधायकों और ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने जनहित में कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जिन पर संबंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सांसद मनीष जायसवाल ने विकास कार्यों की धीमी प्रगति पर गहरी चिंता और नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने बताया कि बैठक में ज़िले के विभिन्न विभागों के कार्यों के पैरामीटर की समीक्षा की गई, और यह पाया गया कि पेयजलापूर्ति, कोयला चोरी रोकने और सड़कों के निर्माण की प्रगति पर पिछली दिशा की बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुरूप कोई प्रगति नहीं हुई है ।

 विभिन्न विभागों द्वारा पेश किए गए आंकड़े भ्रमजाल वाले थे, जो ज़मीनी हकीकत को सही तरीके से चित्रित नहीं कर रहे थे।

सांसद जायसवाल ने रामगढ़ ज़िला प्रशासन को गंभीर होने और जनहित में विकास योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर ससमय सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने विभागीय उदासीनता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह वर्तमान राज्य सरकार की कार्यशैली का एक चेतावनी भरा उदाहरण है, जहां अधिकारी निर्देश के बावजूद सिर्फ आंकड़ों के भ्रमजाल में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं, जो कतई बर्दाश्त योग्य नहीं है।

सांसद मनीष जायसवाल ने ज़िले के विकास के लिए पेयजलापूर्ति संबंधित विभाग को अगली बैठक से पहले ज़िले की हरेक योजना का विशेष सर्वे कर शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करने, ग्रामीण खराब सड़कों पर तत्काल कार्य शुरू करने की दिशा में सकारात्मक पहल की जाने, रामगढ़ ज़िले में व्यापक स्तर पर चल रहे कोयला चोरी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने, ज़िले में एम्बुलेंस की सुविधा को सहज बनाए जाने, सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ प्राइवेट हॉस्पिटल में भी नॉर्मल डिलीवरी को बढ़ावा दिए जाने, ज़िले के शत-प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन निर्माण पूरा किए जाने, पेंडिंग पड़े वृद्धा, विधवा, विकलांग और मईया योजना के पेंशनधारियों को तत्काल लाभ दिलाए जाने, प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्य को तेज़ी से प्रगति करने, भुरकुंडा के सेंट्रल स्कूल को सुविधा संपन्न बनाने और हाइवे पर चुटूपालू घाटी तथा मांडू में स्ट्रीट लाइट को सुदृढ़ करने का महत्वपूर्ण निर्देश दिया। 

सांसद मनीष जायसवाल ने दोहराया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य यही रहा कि सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ क्षेत्र के अंतिम व्यक्ति तक सुनिश्चित हो सके।

बैठक में रामगढ़ विधायक ममता देवी, बड़कागांव विधायक रोशन लाल चौधरी, मांडू विधायक निर्मल महतो उर्फ़ तिवारी महतो, ज़िला परिषद अध्यक्ष सुधा देवी, रामगढ़ के उपायुक्त सह समिति के सचिव फैज़ अक अहमद मुमताज़, उप विकास आयुक्त आशीष अग्रवाल, रामगढ़ जिला सांसद प्रतिनिधि राजीव जायसवाल सहित ज़िले के विभिन्न प्रखंडों के प्रमुखगण, तथा रामगढ़, दुलमी, चितरपुर, गोला, मांडू और पतरातु प्रखंड के चयनित मुखिया सह समिति सदस्यगण विशेष रूप से उपस्थित रहे।

सीडीओ की अध्यक्षता में किसान दिवस का हुआ आयोजन

रमेश दूबे

जिलाधिकारी आलोक कुमार के निर्देश के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में कृषि विभाग द्वारा किसान दिवस का आयोजन किया गया।

बैठक में किसानों की समस्याओं के बारे में चर्चा करते हुए मुंडेरवा चीनी मिल के गन्ना समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र राय ने कहा की गन्ना खरीद केंद्र की व्यवस्था सही नहीं चल रही है जिसे सचिव लोगों को देखना चाहिए। इस पर वरिष्ठ गन्ना पर्यवेक्षक द्वारा अवगत कराया गया कि इस वक्त इस जनपद में आठ केंद्र चल रहे हैं उन केन्द्रों पर अभी शेड की व्यवस्था नहीं हो पाई है परंतु बैनर लगा है। इस केंद्र पर गन्ने की चढ़ाई और उतराई बिल्कुल निःशुल्क है। मलोराना गांव के गणेश चौधरी द्वारा बताया गया कि उनके गांव में एक सांड का आतंक बुरी तरह से है जिसने कई लोगों की फसल बर्बाद कर दिया है, इस पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि इसको पकड़ने की कार्रवाई की जा रही है, शीघ्र है सांड पकड़ में आ जाएगा।

राम शंकर यादव ग्राम हरदा बघौली के द्वारा सरकारी समितियां के बारे में बताया गया कि इनका कार्य सुचारू रूप से नहीं चल रहा है एवं अधिकांश समितियां बंद रह रही हैं, इस पर सहायक आयुक्त सहकारिता द्वारा अवगत कराया गया कि इस विकासखंड में कुल 11 समितियां हैं जिसमे से चार समितियां क्रियान्वित हैं।

जनपद के किसानों द्वारा अवगत कराया गया कि जो क्रॉप कटिंग विभाग द्वारा कराया जा रहा है उसमें जो रिपोर्ट दी जा रही है इससे सत्यापन में समस्या हो रही है और अगर सत्यापन कम होगा तो किसान अपने धान को बेच नहीं पाएंगे, अभी तक जो भी क्रॉप कटिंग कराई गई इसकी रिपोर्टिंग गलत की जा रही है जिस पर जिला कृषि अधिकारी ने अवगत कराया कि जो जिले का औसत है उसी के हिसाब से निर्धारण किया जाता है।

जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी ने बताया कि जो उत्पादन चावल का होता है उसी का संशोधन कर भेजना होता है। इसी क्रम में कठईचा के किसानों ने शिकायत किया कि क्रॉप कटिंग हेतु आदेश हुआ था लेकिन अभी तक क्रॉप कटिंग नहीं कराई के जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने तत्काल क्रॉप कटिंग करवाए जाने के निर्देश दिए। मुख्य विकास अधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि हर केंद्र पर धान खरीद की व्यवस्था होनी चाहिए साथ ही एक रजिस्टर मेंटेन होना चाहिए एवं जो किसान धान के विक्रय हेतु अपना नंबर लगायें उसका नंबर उसे बता दिया जाए। खाद्य विपणन अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि अभी तक जनपद में 401 मेट्रिक टन धान की खरीद हुई है एवं भारत सरकार द्वारा विक्रय की अन्यत्र अनुमति नहीं मिल पा रही है।

खरीद के क्रम में 105 किसानों से 401 में मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है और इस जनपद का कुल खरीद लक्ष्य 4000 मेट्रिक टन है। अभी तक कुल 64 किसानों का भुगतान किया गया है।वर्तमान में बोई गई धान की फसल तेलंगाना सोने की शिकायत करते हुए किसानों ने कहा कि इसकी उपज बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुई एवं धान में बालियां तो लगी है जिसमें दानों का अभाव है जिस पर जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि हम यह प्रकरण कृषि निदेशक के संज्ञान में ला दिया गया है शीघ्र समस्या का समाधान किया जाएगा।

नाथनगर के कृषक राजेंद्र राय ने अवगत कराया कि धान खरीद केंद्र और बढ़ाना चाहिए क्योंकि जनपद में धान खरीद केंद्र कम है इनकी संख्या बढ़ेगी तभी किसान अपना धान विक्रय कर पाएगा। इन्होंने यह भी अवगत कराया कि किसी विभाग में पोस मशीन पर अंगूठा नहीं लग पा रहा है जिसके बारे में उप कृषि निदेशक द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में दर्शन पोर्टल बदलकर दर्शन 2 हो गया है और इसकी सेवा प्रदाता कंपनी बदल गई है जिससे यह बंद है, शीघ्र इस संदर्भ में निदेशालय स्तर पर कार्रवाई की जाएगी जिससे पोर्टल संसोधन का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। किसानों की समस्याओं का समाधान हेतु वर्तमान में उप कृषि निदेशक कार्यालय में इसका काउंटर निरंतर चल रहा है जिसमें किसानों के जमीन का संशोधन किया जा रहा है।

बैठक में किसानों द्वारा कहा गया कि कुछ गोदामों पर यूरिया वितरण की व्यवस्था होनी चाहिए विशेष कर वहां जहां ट्रिपल सुपर फास्फेट 48% है वहां पर यूरिया पहुंचाई जाए। इस क्रम में पीसीएफ द्वारा अवगत कराया गया कि कल 12 जगह पर यूरिया भेजी जा रही है | किसानों ने कहा कि हर केंद्र पर बोर्ड लगना चाहिए कि उत्पाद की कीमत कितनी है।

नाथनगर एवं धनघटा के किसानों ने अवगत कराया की सड़क के किनारे काफी झाड़ियां हो गई हैं जैसे निरंतर ही दुर्घटना का भय बना रहता है एवं दुर्घटना हो भी रही है। राजेंद्र राय एवं राम दरस यादव ने कहा कि यह स्थिति इतनी खतरनाक हो गई है कि हमेशा इस पर दुर्घटना की संभावना बनी रही है जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने तत्काल पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता को कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिया।

विकासखंड नाथ नगर के ग्राम साखी के प्रगतिशील किसान राजमणि राय ने अवगत कराया कि जनपद में छुट्टी जानवरों की संख्या काफी बढ़ गई जो फसलों को बहुत बुरी तरह से नुकसान पहुंचा रहे हैं इस पर मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया की कथैचा केंद्र पर इन जानवरों को भेज कर इन्हें रखा जा सकता है।

सत्य प्रकाश चौधरी भोजपुर ग्राम बघौली ने अवगत कराया की खाद नहीं प्राप्त हो रही एवं किसानो को अन्य जगह से खाद लेनी पड़ रही है, उन्होंने यह भी बताया कि उनके द्वारा सहायक आयुक्त सहकारिता से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि 15 किसानों की एक समिति स्थापित करें जिस पर सहायक आयुक्त सहकारिता ने अवगत कराया कि अगर जमीन की प्राप्ति हो जाए तो नई समिति गठित हो सकती है। इसी क्रम में के कृषक राजेंद्र राय ने कहा कि जो समिति सचिव के बिना चल रही है है उस पर एक पढ़ा लिखा सचिव रखा जाए जो खाद बिक्री कर सके।

इस अवसर पर उप कृषि निदेशक डॉ राकेश कुमार सिंह, ए आर को-ऑपरेटिव आनंद मिश्रा, जिला कृषि अधिकारी डॉक्टर सर्वेश कुमार, जिला उद्यान अधिकारी समुद्रगुप्त मल्ल, एसडीओ विद्युत केएन शुक्ला, डिप्टी आरएमओ कमलेश सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एस के तिवारी, सूचना अधिकारी सुरेश कुमार सरोज व प्रगतिशील कृषक सुरेंद्र राय सहित जनपद के सम्मानित किसान भाई आदि उपस्थित रहे।

देव नागरी महाविद्यालय में फॉरेंसिक साइंस विषय पर रोचक कार्यशाला आयोजित

मेरठ।19 नवम्बर 2025। देव नागरी महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र (Zoology) विभाग द्वारा आज “फॉरेंसिक साइंस एवं उसके प्रकार : डीएनए परीक्षण तथा नारकोटिक्स ड्रग्स” विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रहे फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) के उपनिदेशक डॉ. राजेन्द्र सिंह, जिनका प्रमुख कार्यक्षेत्र सेरोलॉजी, बायोलॉजी, नारकोटिक्स तथा क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन रहा है।

दीप प्रज्वलन एवं स्वागत समारोह

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. बी.एस. यादव ने पुष्पगुच्छ भेंटकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया। कार्यक्रम का मंच संचालन Zoology विभाग के डॉ. प्रवीण कुमार ने किया।

फॉरेंसिक साइंस के बहुआयामी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा

अपने व्याख्यान में डॉ. राजेन्द्र सिंह ने फॉरेंसिक साइंस के महत्व, कार्यप्रणाली एवं विभिन्न शाखाओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि—

फॉरेंसिक साइंस अपराध स्थल की वैज्ञानिक जाँच का विज्ञान है।

फॉरेंसिक को अनेक भागों में विभाजित किया गया है—

केमिस्ट्री, टॉक्सिकोलॉजी, फायर एवं विस्फोट परीक्षण

बायोलॉजिकल एग्ज़ामिनेशन, जिसमें DNA एवं सेरोलॉजी के मामले शामिल होते हैं

फिजिकल एग्ज़ामिनेशन, जिसमें फिजिक्स, बैलिस्टिक रिपोर्ट व अन्य भौतिक जाँचें आती हैं

डॉक्यूमेंट एग्ज़ामिनेशन, जिसमें हस्ताक्षर मिलान, लिखावट जाँच, दस्तावेज़ों की सत्यता जाँच शामिल है

उन्होंने बताया कि फॉरेंसिक का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत लोकार्ड का सिद्धांत है, जिसके अनुसार अपराधी अपराध स्थल पर कुछ न कुछ अवश्य छोड़ता है या वहाँ से कुछ लेकर जाता है।

DNA परीक्षण और साइबर फॉरेंसिक पर रोशनी

डॉ. सिंह ने स्पष्ट किया कि DNA परीक्षण उम्र से प्रभावित नहीं होता और यह हमेशा स्थायी रहता है। DNA जाँच के लिए वीर्य, रक्त, बाल, त्वचा, हड्डियाँ, दाँत, भ्रूण, मांसपेशियाँ आदि नमूने लिए जा सकते हैं।

साइबर फॉरेंसिक के अंतर्गत—

ऑडियो–वीडियो जांच

डेटा रिकवरी (चाहे 10 वर्ष पुराना और डिलीटेड ही क्यों न हो)

जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

उन्होंने नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग एवं लाई डिटेक्टर जैसे बिहेवियर साइंस के आधुनिक परीक्षणों के बारे में भी विस्तार से बताया। फोटो व वीडियो एविडेंस के संदर्भ में स्केल फोटोग्राफी को आवश्यक बताया।

कार्यक्रम में भारी संख्या में शिक्षकों व विद्यार्थियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो. बी.एस. यादव, प्रो. हिमांशु अग्रवाल, प्रो. सविता रानी, महाविद्यालय के चीफ डॉक्टर डॉ. दीपक कुमार, प्रो. वंदना गर्ग, प्रो. शेफाली, प्रो. अंशु ढाका, डॉ. अंजू चौहान, डॉ. जिनेन्द्र बोध, डॉ. प्रवीण कुमार, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. विश्वत चौधरी, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. चंदन सिंह, डॉ. जयन्त तेवतिया, डॉ. शशांक बघेल, डॉ. अनीता चौधरी, डॉ. अनुज बावरा, शशिकांत, डॉ. भारती, डॉ. अनीता कौशल, हरेंद्र, विशाल सहित Zoology एवं Botany विभाग के सभी विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

अंत में प्राणीशास्त्र विभाग ने मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि ऐसी कार्यशालाएँ विद्यार्थियों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होती हैं।

वेदांता पब्लिक स्कूल का अभिनव शैक्षिक भ्रमण: ज्ञान और प्रकृति का अद्भुत संगम

ब्रह्म प्रकाश शर्मा,जानसठ/सिखेड़ा -: वेदांता पब्लिक स्कूल, सिखेडा ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास, अनुभवात्मक अधिगम और व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया। कक्षा तीन से लेकर कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों ने देहरादून स्थित विज्ञान केंद्र और चिड़ियाघर की यात्रा कर ज्ञान और प्रकृति के बीच एक अद्भुत संगम का अनुभव प्राप्त किया।

छात्रों ने देहरादून के विज्ञान केंद्र में पहुंचकर वैज्ञानिक सिद्धांतों को नज़दीकी से समझा। उन्हें विज्ञान प्रयोगशाला में प्रयोगों को देखने, वायुमंडल के रहस्यों को जानने, पैंडुलम की गति और विभिन्न प्रकार के दर्पणों (जैसे उत्तल, अवतल) के कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रधानाचार्य विवेक चौधरी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा, "शैक्षिक भ्रमण विद्यार्थियों में जिज्ञासा, रचनात्मकता, नैतिकता, अनुशासन और सामाजिक व्यवहार जैसे महत्वपूर्ण गुणों का विकास करता है।

"विज्ञान केंद्र के बाद, विद्यार्थियों ने देहरादून चिड़ियाघर का भ्रमण किया, जो उनके लिए एक सीधा प्राकृतिक परिचय साबित हुआ। बच्चों ने यहाँ भिन्न-भिन्न प्रकार के जीवों को नज़दीक से देखा और उनके रहन-सहन और खान-पान के बारे में ज्ञान प्राप्त किया। भ्रमण के दौरान छात्रों ने विभिन्न पक्षी, रंगीन मछलियां, सांप, कछुए, मगरमच्छ, हिरण, बारहसिंगा, गुलदार (तेंदुआ) और चीते को देखकर रोमांच का अनुभव किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने चिड़ियाघर परिसर में मौजूद भिन्न-भिन्न प्रकार के पेड़-पौधों और फूलों को भी देखा और उनकी पारिस्थितिकी के बारे में जानकारी प्राप्त की। 

स्कूल की कोऑर्डिनेटर गुंजन तोमर व कीर्ति रानी ने बताया, "ऐसे भ्रमण विद्यार्थियों की टीमवर्क क्षमता, नेतृत्व गुण, सहानुभूति और निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ाते हैं। साथ ही, उन्हें प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक धरोहरों एवं वैज्ञानिक खोजों से सीधा परिचय मिलता है, जो उनकी समझ को व्यापक बनाता है।"वेदांता पब्लिक स्कूल के प्रबंधक सुशील सिंह आर्य ने इस आयोजन की महत्ता पर ज़ोर देते हुए कहा कि शैक्षिक भ्रमण छात्रों के लिए एक यादगार अनुभव होता है।प्रबंधक सुशील सिंह आर्य "इससे विद्यार्थियों को नई सीख मिलती है ।

जानसठ में चुनावी तैयारी तेज जिलाधिकारी के निर्देश पर बी एल ए की महत्वपूर्ण बैठक ।

ब्रह्म प्रकाश शर्मा

मतदाता सूची पुनरीक्षण में फोटो अनिवार्य, लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई की --एसडीएम राजकुमार भारती

जानसठ, । जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के स्पष्ट निर्देशों के क्रम में एसडीएम जानसठ राजकुमार भारती ने आगामी चुनावों के लिए मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम को गति देने हेतु जानसठ तहसील सभागार में आज बूथ लेवल एजेंटों (BLA) की एक महत्वपूर्ण और विस्तृत बैठक आयोजित की गई। प्रशासनिक अधिकारियों ने इस दौरान चुनावी प्रक्रिया की शुचिता बनाए रखने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए और BLA के सहयोग की अपील भी की।

बुधवार को जानसठ तहसील स्थित सभागार में आयोजित बैठक में एसडीएम राजकुमार भारती ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए एक नई प्रक्रिया लागू करने पर जोर दिया। BLA को कहा की बीएलओ का सहयोग करें उन्होंने कहा कि वे प्रत्येक मतदाता को गणना पत्रक की दो प्रतियाँ अनिवार्य रूप से प्रदान कराए।और

मतदाता एक प्रति भरकर बीएलओ को सौंपेगा, जबकि दूसरी प्रति मतदाता के पास रिकॉर्ड के रूप में रहेगी। इस प्रक्रिया से प्राप्त डेटा को बीएलओ मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से तुरंत अपलोड किया जाएगा, जिससे डेटा प्रविष्टि की त्रुटियाँ कम होंगी। मतदाता पहचान पत्र को अत्याधुनिक और प्रमाणिक बनाने की दिशा में प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। बैठक में स्पष्ट किया गया कि प्रत्येक मतदाता को अपना वर्तमान पासपोर्ट साइज का फोटो उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। यह कदम डुप्लीकेसी रोकने और मतदाता की पहचान सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। इस विशाल कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा करने हेतु, उपस्थित अधिकारियों ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों (BLA) से सक्रिय और निष्ठापूर्ण सहयोग की अपील की। इस अपील पर, सभी BLA ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए पूर्ण सहयोग का सर्वसम्मत आश्वासन प्रदान किया। प्रशासनिक अधिकारियों ने चुनावी कार्य में शिथिलता बरतने वाले कर्मचारियों के लिए कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने साफ शब्दों में चेताया कि जो बूथ लेवल अधिकारी निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कार्य नहीं कर रहे हैं, उनके विरुद्ध तत्काल और नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।इस बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जानसठ प्रशासन आगामी चुनावों के लिए एक त्रुटिरहित और अद्यतन मतदाता सूची तैयार करने हेतु पूरी तरह गंभीर है, और इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। इस दौरान मुख्य रूप से राजनीतिक पार्टियों से योगेंद्र चौधरी प्रेम सिंह कश्यप रामनिवास प्रजापति डॉक्टर अंकित शर्मा गौरव वाल्मीकि मोहम्मद नजर डॉक्टर अली शेर अहमद अंसारी रेशू दीन मोहम्मद दानिश राजेंद्र कुमार सुभाष कुमार इमरान खान रजनीश यादव वीरेंद्र नगर सादिक चौहान शाहनजर अहमद बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

Sambhal अवैध वाहनों पर एक्शन मोड में प्रशासन, संयुक्त चेकिंग अभियान में हड़कंप, चार वाहन सीज

सदर कोतवाली क्षेत्र के चौधरी सराय में बुधवार को एआरटीओ विभाग और यातायात पुलिस की संयुक्त टीम ने अवैध व नियम विरुद्ध वाहनों पर नकेल कसने के लिए सख्त चेकिंग अभियान चलाया। अभियान की कमान खुद एआरटीओ सम्भल अमिताभ चतुर्वेदी और टीआई दुष्यंत कुमार ने संभाली, जिनकी मौजूदगी में टीम ने ई-रिक्शा से लेकर दोपहिया और छोटे वाहनों तक की बारीकी से जांच की।

अभियान के दौरान कई चौंकाने वाली अनियमितताएँ पकड़ में आईं। कुछ ई-रिक्शा चालक क्षमता से कहीं ज्यादा सवारियां ढोते मिले—एक वाहन में 10 तक लोग बैठे हुए पाए गए, जो ओवरलोडिंग की गंभीर श्रेणी में आता है। वहीं कुछ ड्राइवर ई-रिक्शा को बतौर मालवाही इस्तेमाल करते दिखे, जो पूरी तरह अवैध है। टीम ने तुरंत ऐसे वाहनों को रोका और मौके पर कार्रवाई की। एआरटीओ अमिताभ चतुर्वेदी ने बताया कि कई वाहन बिना नंबर प्लेट या पेंटेड नंबर प्लेट के दौड़ते मिले। कुछ ई-रिक्शा बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे थे, जबकि कई वाहनों के पास फिटनेस और अन्य जरूरी कागज़ात तक नहीं थे। हेलमेट न पहनने वालों पर भी कार्रवाई हुई। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को खतरे में डालने वाले किसी भी वाहन चालक को छोड़ा नहीं जाएगा। अभियान के परिणामस्वरूप अब तक एक दर्जन से ज्यादा चालान काटे गए हैं, जबकि चार वाहन मौके से सीज किए गए। अधिकारी शाम तक इस चेकिंग को जारी रखेंगे। संयुक्त टीम की इस मुहिम से उम्मीद है कि क्षेत्र में अवैध रूप से और बिना अनुमति के दौड़ने वाले वाहनों पर लगाम लगेगी। विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे यातायात नियमों का पालन करें और अपने वाहन के दस्तावेज हमेशा अपडेट रखें।

एनडीए विधायक दल के नेता चुने गए नीतीश कुमार, कल 10वीं बार लेंगे सीएम पद की शपथ

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जनता दल यूनाइटेड सुप्रीमो नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से एनडीए विधायक दल का नेता चुना गया है। अब नीतीश कुमार एक बार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन गुरुवार को होगा। पटना में विधानसभा के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बैठक हुई। इसमें भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यूनाईटेड, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा, लोक जनशक्ति पार्टी के सभी नव निर्वाचित विधायक और नीतीश कुमार, चिराग पासवान, संतोष सुमन, उपेंद्र कुशवाहा, सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा मौजूद रहे।

सम्राट चौधरी ने रखा प्रस्ताव

भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता चुने गए सम्राट चौधरी ने बुधवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा। जिसके बाद एनडीए के तमाम नेताओं ने सर्वसम्मति से नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लगाई। इसी के साथ ही नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री बनना तय हो गया।

एनडीए के घटक दलों ने भी चुनाव अपना नेता

इससे पहले एनडीए के प्रमुख घटक दलों ने बुधवार को अपने-अपने विधायक दल के नेताओं का चयन किया। जदयू के विधायकों की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना गया। वहीं, भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों ने एक बैठक में वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता और विजय सिन्हा को उपनेता चुना। दोनों दलों ने यह जानकारी दी गई। इसके बाद एनडीए ने भी नीतीश कुमार के नाम पर अपनी मुहर लगा दी।

. विद्यासागर उपाध्याय : दो नये महाग्रंथों के साथ 20 दार्शनिक कृतियों का दिव्य शिखर
संजीव सिंह बलिया| भारतीय बौद्धिक–परंपरा में समय–समय पर ऐसे मनीषी अवतरित होते रहे हैं, जिनकी सोच केवल अपने युग को नहीं, आने वाली सहस्राब्दियों को दिशा देती है। समकालीन भारत में ऐसा ही एक तेजस्वी नाम है—डॉ. विद्यासागर उपाध्याय, जिनके द्वारा लिखित 20 महत्वपूर्ण ग्रंथ भारतीय दर्शन, समाज–चिंतन और राष्ट्रीय विमर्श के क्षेत्र में अमूल्य योगदान हैं। भारतीय ज्ञानपरंपरा के आकाश में यह तारा अत्यन्त उज्ज्वल हो उठा है, जिसे समकालीन युग “विद्या–सरस्वती का जीवंत पुरुष विस्तार” कहकर श्रद्धा प्रकट करता है। डॉ. उपाध्याय के ग्रंथों की विलक्षणता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि अनेक कृतियाँ 800 पृष्ठों के ज्ञान-हिमालय की तरह खड़ी हैं, जबकि अन्य 300 पृष्ठों में भी “गागर में सागर” भर देती हैं। कई ग्रंथों के मूल्य 1000 रुपये से अधिक होने पर भी पाठकों का अटूट अनुराग, उनकी लेखनी की स्वर्ण-तुल्य गुणवत्ता का प्रमाण है। उनके 100 से अधिक शोध-आलेख देश-विदेश की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। भारतवर्ष के समस्त प्रान्त व अनेक अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संस्थान उन्हें मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित करते रहे हैं। उनकी ओजस्वी वाणी, व्यापक दृष्टि और विश्लेषण की तीक्ष्णता श्रोताओं पर अमिट छाप छोड़ती है। अब तक उन्हें सैकड़ों राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय सम्मान/उपाधि प्राप्त हैं—जो उनकी प्रज्ञा, तपस्या और दार्शनिक ऊँचाई का प्रमाण है। मात्र 39 वर्ष की आयु में 20 दार्शनिक ग्रंथों का विरल शिखर स्पर्श करने वाले, अंतरराष्ट्रीय वक्ता, मौलिक चिंतक, प्रसिद्ध शिक्षाविद् और शोध-प्रज्ञा के आलोक–पुंज डॉ. विद्यासागर उपाध्याय ने वर्तमान में बौद्धिक-जगत को दो महत् वैचारिक नवीन ग्रंथ सौंपकर आधुनिक भारतीय विमर्श को नए आयाम प्रदान किए हैं। नवप्रकाशित दोनो महाग्रंथ— “सत्य कौन? तिलक अथवा आम्बेडकर! : विलुप्त प्रज्ञा का महाकोष”। और “लॉर्ड मैकाले : नायक अथवा खलनायक?” — पहुँचते ही विद्वत्-समाज में गहन बहस, विचार-मंथन और दार्शनिक पुनर्पाठ का सृजन कर चुके हैं। यह दोनों कृतियाँ ऐसी हैं, मानो भारतीय चिंतनभूमि के लिए दो दीप्तिमान वैचारिक यज्ञाहुतियाँ प्रस्तुत हो गई हों। प्रस्तुत निबंध में मैं इन दोनों ग्रंथों के गहन अध्ययन के आधार पर डॉ. उपाध्याय की शोध–दृष्टि, वैचारिक प्रस्तुति, तर्कप्रणाली और उनके विचार–लोक की व्यापकता का समीक्षात्मक विश्लेषण कर रही हूँ। 1. डॉ. विद्यासागर उपाध्याय : परंपरा और आधुनिकता के अद्वितीय सेतु - अध्ययन के दौरान यह तथ्य स्पष्ट रूप से उभरकर सामने आता है कि डॉ. उपाध्याय न तो परंपरा के अंध–समर्थक हैं और न ही आधुनिकता के अंध–अनुयायी। उनकी लेखनी में परंपरा की आत्मा और आधुनिकता की वैज्ञानिक दृष्टि दोनों साथ–साथ चलती हैं। ऐसे लेखक आज विरले हैं जो प्राचीन भारतीय ग्रंथों—उपनिषदों, धर्मशास्त्रों, न्याय–मीमांसा—की तर्क–शक्ति को आधुनिक राजनीतिक–समाजशास्त्रीय विमर्श के साथ जोड़कर प्रस्तुत करते हों। डॉ. उपाध्याय का यह समन्वय–बोध स्वयं में एक उपलब्धि है। 2. “लॉर्ड मैकाले : नायक अथवा खलनायक?”—इतिहास पर पुनर्विचार का आह्वान - यह एक ऐसी साहसिक बौद्धिक शल्य-क्रिया है, जिसने आधुनिक भारत की शिक्षा-नीति, सांस्कृतिक चेतना और मानसिक रूपांतरण की जटिल परतों को निर्भीकता से उघाड़ दिया है। ग्रंथ में मैकाले की नीतियों के भारतीय मन, सामाजिक ढाँचे और सांस्कृतिक अस्मिता पर पड़े दीर्घकालीन घावों का सुसंगत, निष्पक्ष और अत्यंत मौलिक पुनर्मूल्यांकन किया गया है। लेखक केवल आलोचना नहीं करते, बल्कि उबरने का मार्ग भी प्रदान करते हैं—जो इस कृति की सर्वाधिक विशिष्टता है। वर्तमान भारत में हिन्दी साहित्य के मूर्धन्य विद्वान प्रो. (डॉ.) पुनीत बिसारिया, अधिष्ठाता कला संकाय एवं विभागाध्यक्ष (हिन्दी), बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, इसे “सांस्कृतिक पुनरुत्थान का घोषणापत्र” बताते हुए लिखते हैं कि "डॉ. उपाध्याय की लेखनी इतिहास को केवल तिथियों का दस्तावेज़ नहीं रहने देती, बल्कि भारतीय आत्मा की जीवित आवाज़ बना देती है। न अंधभक्ति, न अंधघृणा—बल्कि संतुलन, तर्क, और भावनात्मक पारदर्शिता—इस कृति को अद्वितीय बनाती है।"इस ग्रंथ का मूल उद्देश्य किसी व्यक्तिविशेष का महिमागान अथवा निंदा करना नहीं, बल्कि मैकाले की शिक्षा–नीति के माध्यम से भारतीय मानसिकता के औपनिवेशिक पुनर्गठन का विश्लेषण करना है। डॉ. उपाध्याय ने यहाँ मात्र इतिहास नहीं बताया; अपितु उन्होंने इतिहास का तर्कसंगत पुनर्पाठ प्रस्तुत किया है। उनका प्रश्न— “क्या अंग्रेज़ी शिक्षा ने भारतीय मन को स्वतंत्र बनाया या परतंत्र?” आज भी प्रासंगिक है। यह पुस्तक न केवल शोधार्थियों के लिए उपयोगी है, बल्कि उन बुद्धिजीवियों के लिए भी अत्यंत आवश्यक है, जो भारतीय शिक्षा–दर्शन की पुनर्स्थापना में रुचि रखते हैं। 3. “सत्य कौन? तिलक अथवा आम्बेडकर!”— विलुप्त प्रज्ञा का वास्तव में महाकोष - यह ग्रंथ आधुनिक भारतीय मनीषा के दो महान विचारकों—लोकमान्य तिलक और डॉ. आम्बेडकर—के विचारों का गहन तुलनात्मक विश्लेषण तो है ही; परंतु इसका वास्तविक वैभव यह है कि इसमें विश्व के चालीस महान दार्शनिकों के दृष्टिकोणों का अद्भुत समन्वय उपस्थित है। बौद्ध दिग्नाग, जैन अकलंकदेव, वेदांती विद्यारण्य, महर्षि रमण, अरविन्द, हेगेल, मेकियावली, एक्विनास, ओशो, स्वामी करपात्री, शोज, फिरदौसी, टैगोर, गाँधी तथा अनगिनत दार्शनिक धाराएँ—सब एक ही वैचारिक पट पर ऐसे संलयित होती हैं, जैसे अनेक पवित्र सरिताएँ अंततः एक ही महासागर में विलीन होती हों। इस वैचारिक महाकोष की मंगल-शुभाशंसा करते हुए आयरलैंड में भारत के राजदूत एवं दर्शन शास्त्र के शीर्ष विद्वान् आई.एफ.एस. डॉ. अखिलेश मिश्र लिखते हैं कि - यह कृति भारतीय ज्ञान-परंपरा के “सत्य–अन्वेषण की अनन्त यात्रा” का अद्भुत दस्तावेज है, जो इन्द्रियातीत सत्ता, आत्मबोध और विश्वमानवता के विराट भाव को पुनर्जीवित करती है। वहीं नेपाल के प्रसिद्ध दार्शनिक विद्यावाचस्पति अजय कुमार झा इसे “विलुप्त प्रज्ञा के पुनरुत्थान का महाग्रंथ” बताते हुए लिखते हैं कि यहाँ झ्वांग-त्ज़ु, बर्द्यायेव, गुरुदास, माइमोनीडीज़, कबीर, रामतीर्थ, पतंजलि और वाचस्पति—सभी के विचार एक ही विश्वदर्शी चेतना में एकाकार हो जाते हैं। यह ग्रंथ डॉ. उपाध्याय की विद्वत्ता का अद्भुत और तेजोमय उदाहरण है जहां उन्होंने तिलक और आम्बेडकर के साथ ही चालीस चिन्तनधाराओं का दार्शनिक, सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक तर्कों का गहन तुलनात्मक विश्लेषण करके गागर में सागर भर दिया है। ऐसा दुर्लभ वैचारिक साहस और व्यापक अध्ययन आज के लेखक–जगत में बहुत कम देखने को मिलता है। ग्रंथ की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि लेखक न तो किसी विचारक का चयनित समर्थन करते हैं, और न ही किसी का पक्षपातपूर्ण खंडन; वे केवल यह पूछते हैं— “सत्य किसके पास है?” यही प्रश्न और उसका प्रामाणिक उत्तर पाठक को विचार–यात्रा पर ले जाता है। 4. शोध–दृष्टि और प्रस्तुति : स्पष्टता, निर्भीकता और तर्क–समृद्धि का समन्वय - डॉ. उपाध्याय की सबसे बड़ी विशेषता है बौद्धिक निर्भीकता। वे जटिल विषयों को सरल बनाकर प्रस्तुत करते हैं, परन्तु सरलता में उथलापन नहीं आने देते। उनके ग्रंथ संदर्भ–समृद्ध, तथ्य–संगत, प्रमाण–निष्ठ और दार्शनिक गहराई से पूर्ण हैं। वाक्य–बंध में साहित्यिक माधुर्य है और तर्क में ऐसी कठोरता जो पाठक को हर पंक्ति पर चिंतन करने को बाध्य करती है। 5. भारतीय चिंतन–जगत में उनका स्थान - समग्रता में देखा जाए तो डॉ. उपाध्याय उन दुर्लभ लेखकों में हैं जो न केवल इतिहास को पुनर्पाठित करते हैं, बल्कि आने वाले कालखंड के लिए विचार–ईंधन भी प्रदान करते हैं। उनके 20 ग्रंथ — दर्शन, समाज, राजनीति, इतिहास, साहित्य— हर क्षेत्र में नवीन दृष्टि का उद्घाटन करते हैं। उनकी लेखनी में ज्ञान की प्रखरता, अध्ययन की व्यापकता, और राष्ट्र–चिंतन की गरिमा स्पष्ट रूप से प्रतिध्वनित होती है। एक अध्येता होने के नाते मैं यह निस्संकोच कह सकती हूँ कि डॉ. विद्यासागर उपाध्याय आज के भारतीय चिंतन–जगत के सबसे प्रभावशाली, सबसे साहसी और सबसे अधिक मौलिक लेखकों में से एक हैं। उनकी नवीनतम कृतियाँ केवल पुस्तकें नहीं— वे विमर्श का आमंत्रण, चिंतन का आलोक, और राष्ट्रीय स्वाभिमान की पुनर्स्मृति हैं। ज्ञान–क्षेत्र में ऐसे तेजस्वी प्रतिभाशाली लेखक का होना भारतीय बौद्धिक परंपरा के लिए एक अत्यंत शुभ संकेत है। दोनों महाग्रंथों के प्रकाशन के साथ यह तथ्य पुनः प्रतिष्ठित हो गया कि डॉ. विद्यासागर उपाध्याय केवल लेखक नहीं, बल्कि भारतीय ज्ञान–परंपरा के जीवंत प्रतिनिधि, मौलिक शोध के अग्रदूत और आधुनिक वैचारिक जगत् के धैर्यवान तपस्वी हैं। उनकी कृतियाँ केवल पठन का विषय नहीं—बल्कि सतत् मनन, विमर्श और आत्मबोध के शाश्वत निमंत्रण हैं। समकालीन भारतीय दर्शन को इन ग्रंथों ने नई ऊँचाई, नई दृष्टि और नया गौरव प्रदान किया है। यह ग्रंथ निस्संदेह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमर वैचारिक दीपस्तम्भ सिद्ध होंगे। समीक्षक डॉ. मणिकर्णिका (NET, JRF, SRF, Ph.D)
सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ के पीठाधीश्वर स्वामी भवानी नंदन यति महाराज का 20 नवंबर को नगरा आगमन


अमर बहादुर सिंह, बलिया शहर। भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए हर्ष का विषय है कि सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ, वाराणसी के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर परमपूज्य स्वामी भवानी नंदन यति महाराज जी 20 नवंबर 2025, गुरुवार को रामहित कार्यक्रम के अंतर्गत नगरा आगमन करेंगे। गुरुदेव का पावन स्वागत प्राचीन दुर्गा मंदिर, नगरा के पावन प्रांगण में संध्या 5 बजे किया जाएगा।सिद्धपीठ द्वारा विगत वर्षों से ग्रामीण अंचलों में धर्म, शिक्षा, संस्कार और सामाजिक चेतना के विस्तार हेतु रामहित कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसी क्रम में संत, ब्राह्मण और सेवकों की लगभग 20–25 सदस्यीय टोली भगवान लक्ष्मीनारायण जी के आसन के साथ नगरा पहुँचेगी।कार्यक्रम के प्रमुख बिंदु:ग्राम आगमन एवं स्वागत: शाम 5:00 बजेसायंकाल उद्घोधन: 5:30 से 6:00 बजेसायंकालीन महाआरती: 7:30 से 8:30 बजेरात्रिकालीन प्रवचन: 8:30 से 9:30 बजेरात्रि भोजन (महाप्रसाद): 9:30 से 10:00 बजेअगले दिन 21 नवंबर, शुक्रवार को अपराह्न 4:00 बजे स्वामी जी का प्रस्थान तय है।भक्तों से अपील:आयोजन समिति ने समस्त भक्तों से अनुरोध किया है कि वे समयानुसार उपस्थित होकर प्रवचन श्रवण, महाप्रसाद ग्रहण एवं गुरुदेव के दर्शन–आशीर्वाद का लाभ अवश्य प्राप्त करें।