क्यों मचा है मेवाड़ राजपरिवार में बवाल? उदयपुर सिटी पैलेस के बाहर फोर्स तैनात

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वीर महाराणा प्रताप के वंशज इन दिनों राजगद्दी की लड़ाई को लेकर सुर्खियो में हैं। विवाद दादा भगवंत सिंह के समय से ही शुरू हो गया था। भगवंत सिंह ने साल 40 साल पहले अपनी वसीयत में छोटे बेटे अरविंद सिंह को संपत्तियों का एक्ज्यूक्यूटर बना दिया था। साथ ही बड़े बेटे महेंद्र सिंह को ट्रस्ट और संपत्ति से बेदखल कर दिया था। अब महेंद्र सिंह की मौत के बाद जब 25 नवंबर को चित्तौड़गढ़ किले में उनके बेटे विश्वराज सिंह को राजपरिवार के मुखिया के रूप में नियुक्त किया गया तो अरविंद सिंह की फैमिली ने इसका विरोध किया। उनका कहना है कि राजगद्दी पर लक्ष्यराज सिंह का हक है, न कि विश्वराज का।

बवाल तब शुरू हुआ जब धूणी दर्शन के लिए मेवाड़ राजवंश के नए महाराणा विश्वराज अपने समर्थकों के साथ सिटी पैलेस पहुंचे। लेकिन उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ ने परंपरा निभाने से रोकते हुए सिटी पैलेस का गेट बंद कर दिया। इसके चलते विश्वराज के समर्थक गुस्सा गए और पत्थरबाजी शुरू हो गई। आनन-फानन में पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की। लेकिन कोई बात बनी नहीं।

चितौड़ में फतेह निवास महल में सोमवार को राज तिलक कार्यक्रम आयोजित किया। देशभर से पूर्व राजा महाराजा और पूर्व जागीरदार शामिल हुए। देर शाम राजतिलक की रस्म पर विवाद छिड़ गया। महेंद्र सिंह मेवाड़ के भाई और विश्वराज के चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ के परिवार ने परंपरा निभाने से रोकने के लिए उदयपुर के सिटी पैलेस (रंगनिवास और जगदीश चौक) के दरवाजे बंद कर दिए। चित्तौड़गढ़ में राजतिलक की रस्म होने के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ परंपरा के तहत धूणी दर्शन के लिए उदयपुर पहुंचे लेकिन सिटी पैलेस के रास्ते पर बैरिकेड्स लगे मिले। विश्वराज के समर्थकों ने बैरिकेड्स हटा दिए। 3 गाड़ियां पैलेस के अंदर घुसीं। मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स ने हल्का बल प्रयोग किया। कलेक्टर और एसपी ने करीब 45 मिनट तक विश्वराज सिंह मेवाड़ से उनकी गाड़ी में बैठकर बात की लेकिन सहमति नहीं बन सकी।

उदयपुर के जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल और पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल भी सिटी पैलेस के गेट पर मौजूद थे। उन्होंने मामले को सुलझाने के लिए विश्वराज और उसके बाद अरविंद सिंह मेवाड़ के बेटे से बात की। हालांकि, सिंह को प्रवेश नहीं दिया गया और वह सिटी पैलेस से कुछ मीटर दूर जगदीश चौक पर बैठे हैंविश्वराज मेवाड़ और उनके समर्थक धूणी के दर्शन करने की बात पर अड़े हैं।

अरविंद सिंह ने दस्तूर कार्यक्रम के तहत विश्वराज के एकलिंग नाथ मंदिर और उदयपुर में सिटी पैलेस में जाने के खिलाफ सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। मंदिर और महल दोनों ही अरविंद के नियंत्रण में हैं जो उदयपुर में श्री एकलिंग जी ट्रस्ट के अध्यक्ष और प्रबंध न्यासी हैं। उनके वकील की तरफ से अखबारों में दिये गये दो सार्वजनिक नोटिस में आरोप लगाया गया कि समारोह के नाम पर 'आपराधिक अतिचार' करने का प्रयास किया जा रहा है और अनधिकृत व्यक्तियों का मंदिर और सिटी पैलेस में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

इधर, मौजूदा हालात को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन ने सिटी पैलेस में बड़ी पोल से धूणी व जनाना महल तक के विवादित क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया है। घंटाघर थाना अधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया गया है।

मध्य प्रदेश के मुरैना में बड़ा हादसा: मकान में ब्लास्ट से 2 महिलाओं की मौत, 4 से 5 लोग घायल!

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से दिल दहलाने वाला एक मामला सामने आया है. यहां मंगलवार रात एक मकान में ब्लास्ट होने से दो महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई है. जबकि, इस पूरे हादसे में 4 से 5 लोग घायल हो गए हैं. सभी घायल लोगों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं, मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. फिलहाल धमाके के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है.

घटना मुरैना शहर के कोतवाली थाने के तहत आने वाली टंच रोड स्थित राठौर कॉलोनी की है, जहां मंगलवार रात करीब 12 से 1 के बीच अचानक से 2 मंजिला मकान में जोरदार ब्लास्ट हुआ. इस ब्लास्ट में तीन मकान धराशायी हो गए हैं. जिस मकान में ब्लास्ट हुआ उससे चिपके हुए दो मकान भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. ब्लास्ट होते ही पूरी कॉलोनी में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए.

2 महिला की मौत

पड़ोसियों ने तुरंत घटना की सूचना पुलिस को दी. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने रेस्क्यू टीम और एंबुलेंस को मामले की जानकारी दी. पुलिस और रेस्क्यू टीम ने ब्लास्ट हुए मकान से 2 महिलाओं के शव और 4 से 5 घायल लोगों को बाहर निकाला. आशंका है कि मकान में रखे पटाखों में विस्फोट हुआ था. हालांकि, पुलिस ने अभी तक इस पूरे मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं की है. मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक (SP) समीर सौरभ ने बताया कि मामले की जांच की जा रहा है.

तीम मकान हुए क्षतिग्रस्त

अभी कुछ भी कहना मुश्किल है. जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी. बताया जा रहा है कि जिस मकान में ब्लास्ट हुआ है, वह राकेश राठौर नाम के व्यक्ति का है. घटना के समय उसकी पत्नी विद्या राठौर (55) मकान में अंदर फंसी रह गई. जिससे उसकी मौत हो गई है. साथ ही पूजा राठौर नाम की महिला की भी इस ब्लास्ट में मौके पर ही मौत हो गई है.ब्लास्ट होने वाले मकान के पास रहने वाले आकाश राठौर के दो मकान भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. आकाश राठौर ने बताया जैसे ही विस्फोट हुआ चारों तरफ धुआं छा गया . मलबा काफी दूर तक उछल कर गिरा.

बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन, विपक्ष इन मुद्दों को लेकर कर सकता है हंगामा

डेस्क : बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र बीते सोमवार से शुरू चुका है। बिहार विधानसभा का यह शीतकालीन सत्र छोटा है, केवल 5 दिनों तक ही सत्र चलेगा। इस दौरान सदन में पांच बैठकें होंगी। वहीं सत्र के आज दूसरा दिन हंगामेदार होने की संभावना है। आरजेडी समेत विपक्षी पार्टियां आरक्षण, स्मार्ट प्रीपेड मीटर और कानून व्यवस्था के मुद्दों पर सरकार को घेरेगी।नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की नेतृत्व में विपक्ष की ओर से स्मार्ट मीटर, कानून व्यवस्था सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी है।

सदन में डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक पेश करेंगे।सरकार आज सदन में दो बिल पेश करेगी।विपक्षी पार्टियां विभिन्न मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेंगी।

राज्य सरकार बेतिया राज की जमीन अधिग्रहण करने की तैयारी में है और इसको लेकर विधेयक पेश करेगी।भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल बेतिया राज की संपत्तियों को निहित करने वाला बिल 2024 सदन में पेश करेंगे।बिल पारित होने पर बेतिया राज की 7960 करोड़ की जमीन बिहार सरकार के अधिकार में आ जाएगी।

फिलहाल राज्य सरकार बेतिया राज की संपत्ति की देखरेख करती है और एडीएम रैंक के अधिकारी मैनेजर के तौर पर नियुक्त होते हैं।बेतिया राज की जमीन बिहार के पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी और उत्तर प्रदेश में भी स्थित है।

मध्य प्रदेश सरकार ने वन्य जीव के हमले से मौत पर मुआवजा राशि बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का लिया निर्णय


भोपाल : मध्य प्रदेश में वन्य जीव के हमले से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने पर आठ लाख रुपये के स्थान पर अब 25 लाख रुपये देने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। वन विभाग मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की घोषणा के अनुसार जंगलों में वन्यप्राणी के हमले में मरने वाले व्यक्तियों को 25 लाख रुपये हर्जाना देने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसमें आर्थिक सहायता दो किस्त में दी जाएगा।

वन्यप्राणी के हमले पर व्यक्ति की मृत्यु पर उसके स्वजन को तुरंत 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। शेष 15 लाख रुपये की बैंक में एफडी की जाएगी। इसमें 10 लाख रुपये की एफडी पांच साल बाद और शेष पांच लाख रुपये की एफडी 10 साल बाद तोड़ी जाएगी। यह राशि मृतक के वारिसों को ब्याज सहित भुगतान की जाएगी।

एक साल में करीब 40 मामले

वर्तमान में वन विभाग के पास एक साल में जनहानि के करीब 40 मामले आते हैं, जिनमें मुआवजा देने के लिए करीब तीन करोड़ रुपयों का बजट रखा जाता है। यह प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में प्रस्तुत करने की तैयारी है। महाराष्ट्र में इसी तरह वन्यजीव के हमले से मृत्यु पर स्वजन को राशि दी जाती है।

बता दें कि मप्र में वर्तमान में जनहानि पर मुआवजा राशि आठ लाख रुपये, उपचार पर हुआ व्यय तथा स्थाई अपंगता पर दो लाख रुपये दिए जाते हैं। वहीं महाराष्ट्र में वन्यप्राणी के हमले से जनहानि पर 25 लाख, छत्तीसगढ़ में छह लाख और उत्तर प्रदेश, राजस्थान व गुजरात में पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा दिया जाता है।

पांच साल में 292 से अधिक लोगों की मौत

मध्य प्रदेश में बाघ-तेंदुआ सहित अन्य मांसाहारी वन्यप्राणियों के जंगल से बाहर निकलकर नजदीक की बस्ती में पहुंचने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे मानव-वन्यप्राणी द्वंद की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले पांच साल में वन्यप्राणियों के हमले में 292 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

वहीं वर्ष 2023-24 से अक्टूबर माह तक वन्यप्राणी के हमले से जनहानि, व्यक्ति के घायल होने और पशु हानि के प्रकरणों में 15 करोड़ तीन लाख रुपये की राशि पीड़ित परिवारों को क्षतिपूर्ति के रूप में भुगतान की जा चुकी है।

मप्र से सटे राज्यों में अलग-अलग है मुआवजा राशि

छत्तीसगढ़ : जनहानि पर छह लाख रुपये व स्थाई अपंगता पर कोई राशि देय नहीं है।

उत्तर प्रदेश : जनहानि पर पांच लाख रुपये, स्थाई अपंगता पर चार लाख रुपये।

राजस्थान : जनहानि पर पांच लाख रुपये, स्थाई अपंगता पर तीन लाख रुपये।

गुजरात : जनहानि पर पांच लाख रुपये, स्थाई अपंगता पर दो लाख रुपये।

महाराष्ट्र : जनहानि पर 25 लाख रुपये एवं स्थाई अपंगता पर साढ़े सात लाख रुपये।

बुलंदशहर में भुने चने खाने से दादा-पोते की मौत, बहू और पोती की हालत गंभीर

बुलंदशहर : जिले के नरसैना थाना क्षेत्र के गांव बरवाला में एक परिवार के सभी सदस्यों की भुने हुए चने खाने के बाद अचानक ही तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद दादा-पौत्र (पोते) की मौत हो गई. जबकि की बहू और पोती का इलाज अस्पताल में चल रहा है.

परिवार के सदस्यों को इस दौरान खून की उल्टियां होने लगीं थीं.नरसैना थाना क्षेत्र के गांव बरवाला में कलवा (58) अपने परिवार के साथ रहते थे. कलवा रविवार की शाम दौलतपुर की एक दुकान से भुने हुए चने खरीद कर लाए थे. देर रात भुने हुए चनों को परिवार के सभी सदस्यों ने खाया. 

चने खाते ही परिवार के सभी सदस्यों की तबीयत बिगड़ने लगी. कलवा, उसकी पुत्रवधु, पौत्र व पोती शिवानी को खून की उल्टियां होने लगीं. चीख पुकार सुनकर मोहल्ले के लोग कलवा के घर पहुंचे और मदद में जुट गए. इससे पहले की लोग कुछ समझ पाते कलवा ने दम तोड़ दिया.

आनन-फानन में लोग परिवार के बाकी तीन सदस्यों को अस्पताल ले गए. रास्ते में कलवा के पौत्र गोलू (7) की भी मौत हो गई. कलवा की बहू जोगिन्द्री देवी और पोती शिवानी का कस्बे के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. इस घटना से गांव में दहशत का माहौल है।

जांच टीम का गठन : एसडीएम स्याना गजेंद्र सिंह ने बताया कि दादा-पोते की मौत हो गई है. परिवार के बाकी दो सदस्यों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. नायब तहसीलदार और डीओ फूड सेफ्टी की अगुवाई में जांच टीम का गठन कर दिया गया है. 

जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह का पता लग पाएगा. रिश्तेदारों के मुताबिक पीड़ित परिवार ने रात में भुने हुए चने का सेवन किया था.

फूड सेफ्टी विभाग ने की कार्रवाई :

स्थानीय लोगों का आरोप है कि 'फूड सेफ्टी विभाग के अफसर टार्गेटेड कार्रवाई करते हैं. जहां मिलावटी और मानक के उलट खाद्य सामग्री बिकती है, वहां विभाग के अफसर जांच करने तक नहीं आते हैं. यही वजह है कि जगह-जगह मिलावटी खाद्य सामग्री का सेवन खुलेआम किया जा रहा है.' डीओ फूड सेफ्टी विनीत कुमार का कहना है कि जांच के लिए टीम रवाना कर दी गई है. संयुक्त रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल जाएगा कि मौत कैसे हुई.

महाराष्ट्र में सीएम पर सस्पेंस बरकरार, बीजेपी फडणवीस के नाम पर अड़ी, शिंदे का हठ भी जारी

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 सीटों में से 235 सीटों पर महायुति गठबंधन के जीतने के बाद महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस सवाल का जवाब अभी तक नहीं मिला है। बीजेपी से देवेंद्र फडणवीस और वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अगले मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में हैं। फडणवीस के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने की चर्चा के बीच, शिवसेना के विभिन्न नेताओं ने बयान दिया कि शिंदे को पद पर बने रहना चाहिए, क्योंकि मुख्यमंत्री के रूप में भारी जीत उनके नेतृत्व में ही मिली है। बता दें कि विधानसभा 2019 का कार्यकाल खत्म हो रहा है। हालांकि अभी तक महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर नाम फाइनल नहीं हुआ है।

महायुति के भीतर सीएम के नाम पर खींचतान के चलते महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन में देरी हो रही है। बीजेपी जहां देवेंद्र फडणवीस को फिर से महाराष्ट्र का सीएम बनाना चाहती है, वहीं शिवसेना भी एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बने रहने पर अड़ी हुई है। बीजेपी-शिवसेना के बीच जारी रस्साकशी के बीच फडणवीस सोमवार रात दिल्ली पहुंच गए। लेकिन उन्होंने यह कहते हुए उम्मीदों पर पानी फेर दिया कि इस मामले पर कोई बैठक की योजना नहीं बनाई गई है।वह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए दिल्ली में हैं।

क्या है बीजेपी का प्लान?

टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि बीजेपी ने फडणवीस को फिर से सीएम बनवाने की मंशा एनसीपी (अजित पवार) को बता दिया है। पवार खेमे को फडणवीस के सीएम बनने से कोई परेशानी नहीं है। जल्द ही बीजेपी यह बात शिवसेना को भी साफ कर देगी कि सीएम तो उसी का होना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी, शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) को डिप्टी सीएम का पद देने की पेशकश करेगी। बीजेपी सूत्रों ने उम्मीद जताई कि शिंदे मान जाएंगे क्योंकि बीजेपी के पास संख्‍या बल है। बीजेपी ने 132 सीटें जीती हैं और एनसीपी की 41 सीटों के साथ वह बहुमत के 145 सीटों के आंकड़े को आसानी से पार कर जाएगी।

नागपुर में देवेंद्र फडणवीस के अगले सीएम बनने के लगे पोस्टर्स

इधर, नागपुर में देवेंद्र फडणवीस को अगला सीएम बनाए जाने के पोस्टर लगे हैं। उनके घर के पास लगे एक होर्डिंग में लिखा है, 'देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे।' पोस्टर ऐसे समय में लगाया गया है, जब राज्य में राजनीतिक हलचल तेज है और मुख्यमंत्री पद की संभावनाओं को लेकर देवेंद्र फडणवीस की चर्चा हो रही है। इन पोस्टरों के जरिए यह संकेत दिया जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस अपनी पार्टी और समर्थकों की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार हैं। ऐसा पहली बार नहीं है। इससे पहले भी देवेंद्र फडणवीस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें भावी मुख्यमंत्री बताते हुए बैनर लगाए थे। इससे पहले भी बारामती में कुछ पोस्टर्स लगे थे, जिसमें प्रदेश के अगले सीएम के तौर पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष अजित पवार को दिखाया गया था।

एकनाथ शिंदे की समर्थकों से अपील

दूसरी तरफ, एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपने समर्थकों से कहा कि वे उनके मुख्यमंत्री बने रहने के पक्ष में समर्थन जताने के लिए दक्षिण मुंबई स्थित उनके सरकारी आवास ‘वर्षा’ के बाहर एकत्र नहीं हों। शिंदे ने एक्स पर पोस्ट किया, 'महायुति गठबंधन की बड़ी जीत के बाद राज्य में एक बार फिर हमारी सरकार बनेगी। हमने एक महागठबंधन के रूप में मिलकर चुनाव लड़ा और हम आज भी साथ हैं।' उन्होंने अपने समर्थकों से ‘वर्षा’ के बाहर या उनके समर्थन में किसी अन्य स्थान पर इकट्ठा नहीं होने की अपील की। शिंदे ने कहा, 'मेरे प्रति प्रेम के कारण कुछ लोगों ने सभी से मुंबई आने और एकत्र होने की अपील की है। मैं आपके प्यार के लिए बहुत आभारी हूं लेकिन मैं अपील करता हूं कि कोई भी मेरे समर्थन में इस तरह से एकत्र नहीं हो।'

हरियाणा सरकार ने खरीदा 80 करोड़ रुपये का नया हेलीकॉप्टर, कांग्रेस ने लगाया 4 लाख करोड़ रुपये के कर्ज का आरोप

हरियाणा सरकार ने राज्य में करीब 80 करोड़ रुपए का हेलीकॉप्टर खरीदा है. इस हेलीकॉप्टर को जर्मनी से हरियाणा में लाया गया. सरकार के मुताबिक, वो हेलीकॉप्टर 15 साल पुराना था. नया खरीदा गया हेलीकॉप्टर Airbus H145-D3 है. हेलीकॉप्टर के आने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसकी पूजा अर्चना की है. मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पहले वाले हेलीकॉप्टर में दिक्कत हो गई थी, ऐसे में सुरक्षा कारणों की वजह से उन्हें परेशानी हो रही थी.

इस वजह से नया हेलीकॉप्टर खरीदा गया है. उन्होंने एक्स पर लिखा कि हरियाणा टीम के अपने परिवार के लोगों के साथ नए हेलीकॉप्टर की पूजा की. इन नए हेलीकॉप्टर की मदद से राज्य सरकार नॉन-स्टॉप हेलीकाप्टर से हरियाणा के विकास को रफ्तार देगी. हेलीकॉप्टर के खरीदने पर कांग्रेस पार्टी ने राज्य पर 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कर्ज होने का आरोप लगाया है.

क्या बोले नागरिक उड्डयन मंत्री?

कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए हरियाणा सरकार में मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि नागरिक उड्डयन विभाग की तरफ से इस हेलीकॉप्टर के लिए काफी समय पहले ही खरीदने की योजना बनाई गई थी. वर्तमान में सरकार जिस हेलीकॉप्टर को इस्तेमाल कर रही है, वो सालों पुराना है. बीजेपी सरकार में नागरिक उड्डयन विभाग के मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि, पुराने हेलीकॉप्टर की वजह से काफी समस्या हो रही थी. ऐसे में पुराने हेलीकॉप्टर को बदलने के लिए साल भर पहले ही नए हेलीकॉप्टर के लिए ऑर्डर भेजा गया था.

उन्होंने कहा की अभी से हेलीकॉप्टर की कीमत को तय नहीं किया जा सकता है, जब पुराने हेलीकॉप्टर की बिक्री हो जाएगी, उसके बाद ही गणना के बाद इसकी सही लागत तय होगी. हालांकि, नए हेलीकॉप्टर को 80 करोड़ रुपये की लागत से खरीदने की बात कही गई है. पुराने हेलीकॉप्टर को 33 करोड़ रुपए की लागत से खरीदा गया था.

ఒకే నేరంపై అనేక ఎఫ్‌ఐఆర్‌లు ఎందుకు

ఒకే నేరానికి సంబంధించి అనేక ఎఫ్‌ఐఆర్‌లు నమోదు చేయడం ఎందుకు? అని హైకోర్టు పోలీసులను ప్రశ్నించింది.

ఒకే నేరానికి సంబంధించి అనేక ఎఫ్‌ఐఆర్‌లు నమోదు చేయడం ఎందుకు? అని హైకోర్టు పోలీసులను ప్రశ్నించింది. వికారాబాద్‌ జిల్లా లగచర్లలో భూసేకరణ విచారణకు వచ్చిన కలెక్టర్‌, ఇతర అధికారులపై జరిగిన దాడి ఘటనపై పోలీసులు అదనంగా మరో రెండు ఎఫ్‌ఐఆర్‌లు నమోదు చేయడాన్ని సవాల్‌ చేస్తూ ఈ కేసులో ఏ-1గా ఉన్న మాజీ ఎమ్మెల్యే పట్నం నరేందర్‌రెడ్డి హైకోర్టులో పిటిషన్‌ దాఖలు చేశారు. ఈ పిటిషన్‌పై జస్టిస్‌ కె.లక్ష్మణ్‌ ధర్మాసనం విచారణ చేపట్టింది.

పిటిషనర్‌ తరఫున న్యాయవాది టీవీ రమణారావు వాదిస్తూ.. ఒకే నేరానికి సంబంధించి అనేక ఎఫ్‌ఐఆర్‌లు నమోదు చేయడాన్ని తప్పుపడుతూ సుప్రీంకోర్టు, ఈ హైకోర్టు పలు తీర్పులు ఇచ్చాయని తెలిపారు. పిటిషనర్‌ సహా ఇతర నిందితులను ఇబ్బంది పెట్టడానికి ఇలా చేస్తున్నారని ఆరోపించారు. ప్రభుత్వం తరఫున అదనపు అడ్వకేట్‌ జనరల్‌ రజినీకాంత్‌రెడ్డి వాదిస్తూ.. లగచర్ల గ్రామంలోనే వేర్వేరు చోట్ల జరిగిన నేరాలని, ఫిర్యాదుదారులు, బాధిత అధికారులు సైతం వేర్వేరని తెలిపారు. వాదనలు నమోదు చేసుకున్న ధర్మాసనం.. మూడు ఫిర్యాదులను పరిశీలించింది. మూడు ఫిర్యాదులు వేర్వేరు వ్యక్తులు ఇచ్చినప్పటికీ పోలీ్‌సస్టేషన్‌లో ఉన్న రైటర్‌.. ఫిర్యాదుదారుల పేర్లు మార్చి ఒక్కటే ఫిర్యాదును మూడింటికీ కాపీ చేశారని పేర్కొంది. ప్రభుత్వ అధికారులైన ఫిర్యాదుదారులు తమ ఫిర్యాదు తాము కూడా రాసుకోలేరా? అని ప్రశ్నించింది. ఈ మేరకు తీర్పు రిజర్వు చేస్తున్నట్లు ప్రకటించింది. మరోవైపు లగచర్ల ఘటనకు ముందు దుద్యాల మండల కాంగ్రెస్‌ పార్టీ అధ్యక్షుడిపై దాడి ఘటనలో ముందస్తు బెయిల్‌ మంజూరు చేయాలని పట్నం నరేందర్‌రెడ్డి హైకోర్టులో పిటిషన్‌ దాఖలు చేశారు. సదరు ఎఫ్‌ఐఆర్‌లో నరేందర్‌రెడ్డి నిందితుడిగా లేకపోయినప్పటికీ.. ముందస్తు బెయిల్‌ కోరారు.

పట్నం నరేందర్‌రెడ్డి బెయిల్‌, కస్టడీ పిటిషన్లపై తీర్పు ప్రకటన మరోసారి వాయిదా పడింది. లగచర్ల ఘటనకు ప్రధాన సూత్రధారిగా భావిస్తున్న నరేందర్‌రెడ్డిని తమ కస్టడీకి ఇవ్వాలంటూ పోలీసులు కొడంగల్‌ జే ఎఫ్‌ఎంసీలో పిటిషన్‌ దాఖలు చేయగా, కోర్టు తీర్పు రిజర్వు చేసిన విషయం తెలిసిందే. సోమవారం మరోసారి ఈ పిటిషన్‌ కోర్టు ముందుకు రాగా, తీర్పును డిసెంబరు 2కు వాయిదా వేసింది. ఇదిలా ఉంటే.. వికారాబాద్‌ ప్రిన్సిపల్‌ డిస్ట్రిక్ట్‌ అండ్‌ సెషన్స్‌ జడ్జి కోర్టులో పట్నం నరేందర్‌రెడ్డి తరపున దాఖలు చేసిన బెయిల్‌ పిటిషన్‌.. జడ్జి సెలవులో ఉన్న కారణంగా అదనపు జిల్లా జడ్జి కోర్టులో విచారణకు రాగా, ఈనెల 27వ తేదీకి వాయిదా వేశారు.

వికలాంగుల హక్కుల చట్టంలోని సెక్షన్‌ 79 (1)లో పేర్కొన్న విధంగా స్వతంత్ర రాష్ట్ర కమిషనర్‌ను నియమించాలని పేర్కొంటూ ఆలిండియా కాన్ఫెడరేషన్‌ ఆఫ్‌ ది బ్లైండ్‌ (ఏఐసీబీ), డెవల్‌పమెంట్‌ అండ్‌ వెల్ఫేర్‌ అసోసియేషన్‌ ఆఫ్‌ బ్లైండ్‌ (డీడబ్ల్యూఏబీ) సంస్థలు హైకోర్టులో పిటిషన్‌ దాఖలు చేశాయి. ఈ పిటిషన్‌పై సోమవారం విచారణ చేపట్టి న జస్టిస్‌ సూరేపల్లి నంద ధర్మాసనం.. ఈ అంశంపై వివరణ ఇవ్వాలంటూ ప్రభుత్వానికి ఆదేశాలు జారీచేసింది. విచారణ డిసెంబరు 2కు వాయిదా పడింది.

सेहत के लिए अमृत समान है कच्चा नारियल,पाचन, त्वचा और इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद

कच्चा नारियल, जिसे हरा नारियल भी कहा जाता है, सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करते हैं। आइए जानें कच्चा नारियल खाने और इसके पानी पीने के प्रमुख स्वास्थ्य लाभ:

1. शरीर को हाइड्रेट रखता है

कच्चे नारियल का पानी प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है। यह शरीर को हाइड्रेट रखता है और थकान को कम करता है। यह गर्मी में खासकर लू से बचने का एक बेहतरीन विकल्प है।

2. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद

कच्चा नारियल पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है। इसका सेवन करने से कब्ज, अपच, और पेट से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो आंतों को साफ रखने में मदद करती है।

3. त्वचा को बनाता है चमकदार

कच्चा नारियल और उसका पानी त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन त्वचा की नमी को बनाए रखते हैं और दाग-धब्बों को कम करते हैं।

4. इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है

कच्चे नारियल में एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल, और एंटी-फंगल गुण होते हैं। यह शरीर को संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।

5. वजन घटाने में मददगार

कच्चे नारियल में कैलोरी कम होती है, लेकिन यह पेट को भरा हुआ महसूस कराता है। यह वजन घटाने वालों के लिए एक अच्छा विकल्प है।

6. हड्डियों और दांतों के लिए लाभकारी

कच्चे नारियल में मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। यह बच्चों और बुजुर्गों दोनों के लिए फायदेमंद है।

7. ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत

कच्चे नारियल में प्राकृतिक शर्करा होती है, जो तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है। यह एथलीट्स और ज्यादा शारीरिक काम करने वालों के लिए एक बेहतर विकल्प है।

8. किडनी और यूरीनरी ट्रैक्ट के लिए लाभकारी

नारियल पानी प्राकृतिक डिटॉक्स के रूप में कार्य करता है। यह किडनी की सफाई करता है और यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से बचाने में मदद करता है।

कैसे करें सेवन?

कच्चे नारियल का पानी पीना सबसे सरल और प्रभावी तरीका है।

इसके मुलायम गूदे को फल की तरह खा सकते हैं।

इसे स्मूदी या अन्य हेल्दी ड्रिंक्स में शामिल कर सकते हैं।

सावधानियां:

डायबिटीज के मरीजों को सीमित मात्रा में नारियल का सेवन करना चाहिए।

बहुत अधिक मात्रा में नारियल पानी पीने से मिनरल बैलेंस गड़बड़ा सकता है।

कच्चा नारियल प्रकृति का एक उपहार है। इसे अपने आहार में शामिल करके आप सेहतमंद जीवन की ओर एक कदम बढ़ा सकते हैं।

75వసంతాల భారత రాజ్యాంగం - సామాన్యుల రక్షణ గోడ

భారత రాజ్యాంగం కేవలం పరిపాలనకు సంబంధించిన నియమాలు, సూత్రాల సమూహారం కాదు. స్వేచ్ఛ, సమానత్వం, సోదరభావాలు మూల స్తంభాలుగా- అన్ని విధాలా ప్రజల అభివృద్ధిని కోరుకునే సమున్నత ఆశయం. 75సంవత్సరాలుగా సామాజిక, ఆర్థిక, లింగ భేదాలకు అతీతంగా- దేశ ప్రజల జీవితాల్నీ ప్రభావితం చేస్తూనే ఉంది. పేద, ధనిక అని తేడా లేకుండా ఓటు హక్కు, భావప్రకటన స్వేచ్ఛ, ఇష్టం వచ్చిన ధర్మాన్ని పాటిస్తున్నారన్నా అని రాజ్యాంగ చలవే. అలాంటి భారత రాజ్యాంగం గురించి మరి కొన్ని ముఖ్యమైన విషయాలు తెలుసుకుందాం.

ప్రస్తుతం మనం అనుభవిస్తున్న స్వేచ్ఛ, సమానత్వం- రాజ్యాంగం ద్వారా సంక్రమించినవే. సమాజంలోని ప్రతివ్యక్తి - నిరక్షరాస్యుడు, విద్యాధికుడు, కూటికి లేని నిరుపేద, ధనవంతులు కానీ ప్రతి ఒక్కరు రాజ్యాంగం పరిధిలో మనుగడ సాగిస్తున్నవారే.

భారత రాజ్యాంగం పాలకులకు అధికారాలు ఇవ్వడమే కాకుండా, దానికి జవాబుదారీ తన్నాన్నీ జతచేసింది. ప్రజల గురించి అధికారిక నిర్ణయాలు తీసుకునే ప్రభుత్వాలు, అధికారులు, పాలకులు- ప్రజాభిప్రాయానికి, ప్రజా ప్రయోజనానికి అనుగుణంగా నడుచుకోవాలని నిర్దేశిస్తోంది.

ప్రజలకు సేవలందించడానికి శాసన నిర్మాణ, కార్యనిర్వాహక, న్యాయ వ్యవస్థల్ని నెలకొల్పింది భారత రాజ్యాంగం. ఆ 3 వ్యవస్థలనూ పరస్పర సమన్వయంతో పనిచేసే ఏర్పాటు చేసింది. అంతేకాకుండా ప్రతి వ్యవస్థకూ హద్దుల్ని నిర్ణయించింది. శాసన నిర్మాణ వ్యవస్థ ప్రజల కోసం చట్టాలు చేస్తే- వాటిని కార్యనిర్వాహక వ్యవస్థ అమలు చేస్తుంది. ఇక ఈ చట్టాల అమలును న్యాయ వ్యవస్థ సమీక్షిస్తుంది. అయితే ఒక వ్యవస్థ పనిలో మరొక వ్యవస్థ తలదూర్చకుండా నిబంధనలు ఉన్నాయి.

భారత రాజ్యాంగ పరిషత్‌ సభ్యులందరూ స్వాతంత్య్ర సమరయోధులే. వారు ఏ హక్కుల కోసం అయితే బ్రిటిష్‌ పాలకులతో పోరాటం చేశారో- ఆ హక్కుల్ని రాజ్యాంగంలో భారత పౌరులందరికీ అందజేశారు. రాజ్యాంగ నిర్మాతలు సూత్రీకరించిన ప్రాథమిక హక్కులు- తరతరాల భారత పౌరులకు అందించిన గొప్ప వరం అనే చెప్పాలి. 'ససవే మానుసే పజా మమ'(నా రాజ్యంలోని మనుషులందరూ నా బిడ్డలు) అంటూ వివక్షతా రాహిత్యం అశోక చక్రవర్తి తన శిలాశాసనాల్లో పేర్కొన్నారు. అది 12వ అధికరణం నుంచి 35వ అధికరణం వరకూ విస్తరించి ఉన్న ప్రాథమిక హక్కుల్లో తొణికిసలాడుతుంది. ప్రాథమిక హక్కులు మన రాజ్యాంగానికి పునాది. ఇందులో 32వ అధికరణం ఎంతో ప్రధానమైంది. అది లేకపోతే రాజ్యాంగానికి విలువే లేదని డాక్టర్‌ బీఆర్‌ అంబేడ్కర్‌ అన్నారు. ఈ ఆర్టికల్ భారత రాజ్యాంగానికి ఆత్మ వంటిది అని ఆయన అన్నారు.

అద్భుత చరిత్ర ఉందని చెప్పుకొనే భారతావనిని వెంటాడిన అవలక్షణం అంటరానితనం! దీనిపై అంకుశమెత్తింది మన రాజ్యాంగం. 23వ అధికరణం అంటరానితనాన్ని నిషేధించింది.

కేవలం అంటరానితనాన్ని నిషేధించం మాత్రమే కాకుండా- రిజర్వేషన్ల రూపంలో సరికొత్త సమాజిక ఇంజినీరింగ్‌కు మన రాజ్యాంగం అవకాశం కల్పించింది. తరతరాల వెలివేతను అనుభవించిన బలహీన వర్గాల వారికి రిజర్వేషన్ల రూపంలో అండగా నిలిచింది.

భారత రాజ్యాంగంలోని అర్టికల్ 14 ప్రకారం చట్టం ముందు అందరూ సమానమే. కుల, మత, జాతి, లింగ, జన్మస్థల ప్రాతిపదికన వివక్షకు పాల్పడటాన్ని ఇది నిషేధించింది. ఉపాధి విషయంలోనూ అందరికీ సమాన అవకాశాలు పొందే ప్రాథమిక హక్కును మన రాజ్యాంగం ప్రతి పౌరునికీ అందించింది. ఇక 19వ అధికరణం ఆరు వ్యక్తిగత స్వేచ్ఛలకు పూచీగా నిలుస్తోంది. భావ వ్యక్తీకరణ స్వేచ్ఛ, ఆయుధాలు ధరించకుండా శాంతియుతంగా సమావేశాలు నిర్వహించే స్వేచ్ఛ, ఒక సమూహంగా ఏర్పడి సంఘాలు ఏర్పాటు చేసుకునే స్వేచ్ఛ, దేశంలో ఎక్కడైనా స్థిర నివాసం ఏర్పరచుకునే స్వేచ్ఛ వంటివి ఈ ఆర్టికల్ అందిస్తుంది.

దేశ పౌరులు తమ ఆత్మప్రబోధానుసారం తమకు ఇష్టమైన మతాన్ని ఆచరించే హక్కును రాజ్యాంగంలోని 25వ ఆర్టికల్ కల్పిస్తోంది. మతాన్ని ఆచరించే, పెంపొందించుకునే స్వేచ్ఛనిచ్చిన రాజ్యాంగం- ప్రభుత్వ విద్యాలయాల్లో, ప్రభుత్వ సహాయంతో నడుస్తున్న విద్యాలయాల్లో మతబోధ చేయడాన్ని నిషేధించింది. అలాగే అల్పసంఖ్యాక వర్గాలు తమ భాష లిపి, సంస్కృతులను పరిరక్షించుకునేందుకు(మైనారిటీ) సంస్థలు స్థాపించుకోవడానికి 30వ అధికరణం అనుమతి ఇస్తోంది

భారత పౌరులకు రాజ్యాంగం ప్రసాదించిన ప్రాథమిక హక్కుల్లో భావ వ్యక్తీకరణ స్వేచ్ఛ ప్రధానమైనది. ఈ హక్కు ప్రజాస్వామ్యానికి మూలస్తంభం లాంటిది. సమాజంలో స్వేచ్ఛా సమానత్వాలు పరిఢవిల్లడానికి అనివార్యమైనది ఈ అధికరణ. వ్యక్తులు తమ సృజనాత్మకతను ప్రదర్శించడానికి, తమ భావాలను సాటి మనుషులతో పంచుకోడానికి, విజ్ఞానం పొందడానికి, పంచడానికి భావ వ్యక్తీకరణ స్వేచ్ఛ చాలా ముఖ్యమైనది. అయితే ఈ భావ వ్యక్తీకరణ స్వేచ్ఛ- సమాజ భద్రత, జాతీయ భద్రత, నైతికత అనే హద్దులకు లోబడి ఉంటుంది. ఈ మేరకు రాజ్యాంగం సూచించింది. ఈ హక్కును అనుభవించాలంటే కొన్ని బాధ్యతలూ నిర్వర్తించక తప్పదని డాక్టర్ బీఆర్ అంబేడ్కర్‌ భావించేవారు.

అమెరికా, బ్రిటన్‌ వంటి దేశాలు తమవి నాగరిక దేశాలని తమకు తామే కితాబులిచ్చుకున్నాయి. కానీ వివక్షల్లేకుండా పౌరులకు ఓటు హక్కు కల్పించలేదు. అందుకున్న భిన్నంగా భారత రాజ్యాంగం మాత్రం స్వాతంత్య్రం పొందిన వెంటనే కులం, మతం, లింగభేదం- చదువు, ధనిక, పేద ఇలాంటి వివక్ష లేకుండా వయోజనులందరికీ సార్వజనీన ఓటు హక్కు అందించింది.

क्यों मचा है मेवाड़ राजपरिवार में बवाल? उदयपुर सिटी पैलेस के बाहर फोर्स तैनात

#mewar_royal_family_dispute

वीर महाराणा प्रताप के वंशज इन दिनों राजगद्दी की लड़ाई को लेकर सुर्खियो में हैं। विवाद दादा भगवंत सिंह के समय से ही शुरू हो गया था। भगवंत सिंह ने साल 40 साल पहले अपनी वसीयत में छोटे बेटे अरविंद सिंह को संपत्तियों का एक्ज्यूक्यूटर बना दिया था। साथ ही बड़े बेटे महेंद्र सिंह को ट्रस्ट और संपत्ति से बेदखल कर दिया था। अब महेंद्र सिंह की मौत के बाद जब 25 नवंबर को चित्तौड़गढ़ किले में उनके बेटे विश्वराज सिंह को राजपरिवार के मुखिया के रूप में नियुक्त किया गया तो अरविंद सिंह की फैमिली ने इसका विरोध किया। उनका कहना है कि राजगद्दी पर लक्ष्यराज सिंह का हक है, न कि विश्वराज का।

बवाल तब शुरू हुआ जब धूणी दर्शन के लिए मेवाड़ राजवंश के नए महाराणा विश्वराज अपने समर्थकों के साथ सिटी पैलेस पहुंचे। लेकिन उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ ने परंपरा निभाने से रोकते हुए सिटी पैलेस का गेट बंद कर दिया। इसके चलते विश्वराज के समर्थक गुस्सा गए और पत्थरबाजी शुरू हो गई। आनन-फानन में पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की। लेकिन कोई बात बनी नहीं।

चितौड़ में फतेह निवास महल में सोमवार को राज तिलक कार्यक्रम आयोजित किया। देशभर से पूर्व राजा महाराजा और पूर्व जागीरदार शामिल हुए। देर शाम राजतिलक की रस्म पर विवाद छिड़ गया। महेंद्र सिंह मेवाड़ के भाई और विश्वराज के चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ के परिवार ने परंपरा निभाने से रोकने के लिए उदयपुर के सिटी पैलेस (रंगनिवास और जगदीश चौक) के दरवाजे बंद कर दिए। चित्तौड़गढ़ में राजतिलक की रस्म होने के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ परंपरा के तहत धूणी दर्शन के लिए उदयपुर पहुंचे लेकिन सिटी पैलेस के रास्ते पर बैरिकेड्स लगे मिले। विश्वराज के समर्थकों ने बैरिकेड्स हटा दिए। 3 गाड़ियां पैलेस के अंदर घुसीं। मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स ने हल्का बल प्रयोग किया। कलेक्टर और एसपी ने करीब 45 मिनट तक विश्वराज सिंह मेवाड़ से उनकी गाड़ी में बैठकर बात की लेकिन सहमति नहीं बन सकी।

उदयपुर के जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल और पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल भी सिटी पैलेस के गेट पर मौजूद थे। उन्होंने मामले को सुलझाने के लिए विश्वराज और उसके बाद अरविंद सिंह मेवाड़ के बेटे से बात की। हालांकि, सिंह को प्रवेश नहीं दिया गया और वह सिटी पैलेस से कुछ मीटर दूर जगदीश चौक पर बैठे हैंविश्वराज मेवाड़ और उनके समर्थक धूणी के दर्शन करने की बात पर अड़े हैं।

अरविंद सिंह ने दस्तूर कार्यक्रम के तहत विश्वराज के एकलिंग नाथ मंदिर और उदयपुर में सिटी पैलेस में जाने के खिलाफ सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। मंदिर और महल दोनों ही अरविंद के नियंत्रण में हैं जो उदयपुर में श्री एकलिंग जी ट्रस्ट के अध्यक्ष और प्रबंध न्यासी हैं। उनके वकील की तरफ से अखबारों में दिये गये दो सार्वजनिक नोटिस में आरोप लगाया गया कि समारोह के नाम पर 'आपराधिक अतिचार' करने का प्रयास किया जा रहा है और अनधिकृत व्यक्तियों का मंदिर और सिटी पैलेस में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

इधर, मौजूदा हालात को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन ने सिटी पैलेस में बड़ी पोल से धूणी व जनाना महल तक के विवादित क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया है। घंटाघर थाना अधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया गया है।

मध्य प्रदेश के मुरैना में बड़ा हादसा: मकान में ब्लास्ट से 2 महिलाओं की मौत, 4 से 5 लोग घायल!

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से दिल दहलाने वाला एक मामला सामने आया है. यहां मंगलवार रात एक मकान में ब्लास्ट होने से दो महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई है. जबकि, इस पूरे हादसे में 4 से 5 लोग घायल हो गए हैं. सभी घायल लोगों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं, मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. फिलहाल धमाके के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है.

घटना मुरैना शहर के कोतवाली थाने के तहत आने वाली टंच रोड स्थित राठौर कॉलोनी की है, जहां मंगलवार रात करीब 12 से 1 के बीच अचानक से 2 मंजिला मकान में जोरदार ब्लास्ट हुआ. इस ब्लास्ट में तीन मकान धराशायी हो गए हैं. जिस मकान में ब्लास्ट हुआ उससे चिपके हुए दो मकान भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. ब्लास्ट होते ही पूरी कॉलोनी में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए.

2 महिला की मौत

पड़ोसियों ने तुरंत घटना की सूचना पुलिस को दी. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने रेस्क्यू टीम और एंबुलेंस को मामले की जानकारी दी. पुलिस और रेस्क्यू टीम ने ब्लास्ट हुए मकान से 2 महिलाओं के शव और 4 से 5 घायल लोगों को बाहर निकाला. आशंका है कि मकान में रखे पटाखों में विस्फोट हुआ था. हालांकि, पुलिस ने अभी तक इस पूरे मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं की है. मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक (SP) समीर सौरभ ने बताया कि मामले की जांच की जा रहा है.

तीम मकान हुए क्षतिग्रस्त

अभी कुछ भी कहना मुश्किल है. जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी. बताया जा रहा है कि जिस मकान में ब्लास्ट हुआ है, वह राकेश राठौर नाम के व्यक्ति का है. घटना के समय उसकी पत्नी विद्या राठौर (55) मकान में अंदर फंसी रह गई. जिससे उसकी मौत हो गई है. साथ ही पूजा राठौर नाम की महिला की भी इस ब्लास्ट में मौके पर ही मौत हो गई है.ब्लास्ट होने वाले मकान के पास रहने वाले आकाश राठौर के दो मकान भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. आकाश राठौर ने बताया जैसे ही विस्फोट हुआ चारों तरफ धुआं छा गया . मलबा काफी दूर तक उछल कर गिरा.

बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन, विपक्ष इन मुद्दों को लेकर कर सकता है हंगामा

डेस्क : बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र बीते सोमवार से शुरू चुका है। बिहार विधानसभा का यह शीतकालीन सत्र छोटा है, केवल 5 दिनों तक ही सत्र चलेगा। इस दौरान सदन में पांच बैठकें होंगी। वहीं सत्र के आज दूसरा दिन हंगामेदार होने की संभावना है। आरजेडी समेत विपक्षी पार्टियां आरक्षण, स्मार्ट प्रीपेड मीटर और कानून व्यवस्था के मुद्दों पर सरकार को घेरेगी।नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की नेतृत्व में विपक्ष की ओर से स्मार्ट मीटर, कानून व्यवस्था सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी है।

सदन में डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक पेश करेंगे।सरकार आज सदन में दो बिल पेश करेगी।विपक्षी पार्टियां विभिन्न मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेंगी।

राज्य सरकार बेतिया राज की जमीन अधिग्रहण करने की तैयारी में है और इसको लेकर विधेयक पेश करेगी।भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल बेतिया राज की संपत्तियों को निहित करने वाला बिल 2024 सदन में पेश करेंगे।बिल पारित होने पर बेतिया राज की 7960 करोड़ की जमीन बिहार सरकार के अधिकार में आ जाएगी।

फिलहाल राज्य सरकार बेतिया राज की संपत्ति की देखरेख करती है और एडीएम रैंक के अधिकारी मैनेजर के तौर पर नियुक्त होते हैं।बेतिया राज की जमीन बिहार के पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी और उत्तर प्रदेश में भी स्थित है।

मध्य प्रदेश सरकार ने वन्य जीव के हमले से मौत पर मुआवजा राशि बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का लिया निर्णय


भोपाल : मध्य प्रदेश में वन्य जीव के हमले से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने पर आठ लाख रुपये के स्थान पर अब 25 लाख रुपये देने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। वन विभाग मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की घोषणा के अनुसार जंगलों में वन्यप्राणी के हमले में मरने वाले व्यक्तियों को 25 लाख रुपये हर्जाना देने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसमें आर्थिक सहायता दो किस्त में दी जाएगा।

वन्यप्राणी के हमले पर व्यक्ति की मृत्यु पर उसके स्वजन को तुरंत 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। शेष 15 लाख रुपये की बैंक में एफडी की जाएगी। इसमें 10 लाख रुपये की एफडी पांच साल बाद और शेष पांच लाख रुपये की एफडी 10 साल बाद तोड़ी जाएगी। यह राशि मृतक के वारिसों को ब्याज सहित भुगतान की जाएगी।

एक साल में करीब 40 मामले

वर्तमान में वन विभाग के पास एक साल में जनहानि के करीब 40 मामले आते हैं, जिनमें मुआवजा देने के लिए करीब तीन करोड़ रुपयों का बजट रखा जाता है। यह प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में प्रस्तुत करने की तैयारी है। महाराष्ट्र में इसी तरह वन्यजीव के हमले से मृत्यु पर स्वजन को राशि दी जाती है।

बता दें कि मप्र में वर्तमान में जनहानि पर मुआवजा राशि आठ लाख रुपये, उपचार पर हुआ व्यय तथा स्थाई अपंगता पर दो लाख रुपये दिए जाते हैं। वहीं महाराष्ट्र में वन्यप्राणी के हमले से जनहानि पर 25 लाख, छत्तीसगढ़ में छह लाख और उत्तर प्रदेश, राजस्थान व गुजरात में पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा दिया जाता है।

पांच साल में 292 से अधिक लोगों की मौत

मध्य प्रदेश में बाघ-तेंदुआ सहित अन्य मांसाहारी वन्यप्राणियों के जंगल से बाहर निकलकर नजदीक की बस्ती में पहुंचने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे मानव-वन्यप्राणी द्वंद की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले पांच साल में वन्यप्राणियों के हमले में 292 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

वहीं वर्ष 2023-24 से अक्टूबर माह तक वन्यप्राणी के हमले से जनहानि, व्यक्ति के घायल होने और पशु हानि के प्रकरणों में 15 करोड़ तीन लाख रुपये की राशि पीड़ित परिवारों को क्षतिपूर्ति के रूप में भुगतान की जा चुकी है।

मप्र से सटे राज्यों में अलग-अलग है मुआवजा राशि

छत्तीसगढ़ : जनहानि पर छह लाख रुपये व स्थाई अपंगता पर कोई राशि देय नहीं है।

उत्तर प्रदेश : जनहानि पर पांच लाख रुपये, स्थाई अपंगता पर चार लाख रुपये।

राजस्थान : जनहानि पर पांच लाख रुपये, स्थाई अपंगता पर तीन लाख रुपये।

गुजरात : जनहानि पर पांच लाख रुपये, स्थाई अपंगता पर दो लाख रुपये।

महाराष्ट्र : जनहानि पर 25 लाख रुपये एवं स्थाई अपंगता पर साढ़े सात लाख रुपये।

बुलंदशहर में भुने चने खाने से दादा-पोते की मौत, बहू और पोती की हालत गंभीर

बुलंदशहर : जिले के नरसैना थाना क्षेत्र के गांव बरवाला में एक परिवार के सभी सदस्यों की भुने हुए चने खाने के बाद अचानक ही तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद दादा-पौत्र (पोते) की मौत हो गई. जबकि की बहू और पोती का इलाज अस्पताल में चल रहा है.

परिवार के सदस्यों को इस दौरान खून की उल्टियां होने लगीं थीं.नरसैना थाना क्षेत्र के गांव बरवाला में कलवा (58) अपने परिवार के साथ रहते थे. कलवा रविवार की शाम दौलतपुर की एक दुकान से भुने हुए चने खरीद कर लाए थे. देर रात भुने हुए चनों को परिवार के सभी सदस्यों ने खाया. 

चने खाते ही परिवार के सभी सदस्यों की तबीयत बिगड़ने लगी. कलवा, उसकी पुत्रवधु, पौत्र व पोती शिवानी को खून की उल्टियां होने लगीं. चीख पुकार सुनकर मोहल्ले के लोग कलवा के घर पहुंचे और मदद में जुट गए. इससे पहले की लोग कुछ समझ पाते कलवा ने दम तोड़ दिया.

आनन-फानन में लोग परिवार के बाकी तीन सदस्यों को अस्पताल ले गए. रास्ते में कलवा के पौत्र गोलू (7) की भी मौत हो गई. कलवा की बहू जोगिन्द्री देवी और पोती शिवानी का कस्बे के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. इस घटना से गांव में दहशत का माहौल है।

जांच टीम का गठन : एसडीएम स्याना गजेंद्र सिंह ने बताया कि दादा-पोते की मौत हो गई है. परिवार के बाकी दो सदस्यों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. नायब तहसीलदार और डीओ फूड सेफ्टी की अगुवाई में जांच टीम का गठन कर दिया गया है. 

जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह का पता लग पाएगा. रिश्तेदारों के मुताबिक पीड़ित परिवार ने रात में भुने हुए चने का सेवन किया था.

फूड सेफ्टी विभाग ने की कार्रवाई :

स्थानीय लोगों का आरोप है कि 'फूड सेफ्टी विभाग के अफसर टार्गेटेड कार्रवाई करते हैं. जहां मिलावटी और मानक के उलट खाद्य सामग्री बिकती है, वहां विभाग के अफसर जांच करने तक नहीं आते हैं. यही वजह है कि जगह-जगह मिलावटी खाद्य सामग्री का सेवन खुलेआम किया जा रहा है.' डीओ फूड सेफ्टी विनीत कुमार का कहना है कि जांच के लिए टीम रवाना कर दी गई है. संयुक्त रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल जाएगा कि मौत कैसे हुई.

महाराष्ट्र में सीएम पर सस्पेंस बरकरार, बीजेपी फडणवीस के नाम पर अड़ी, शिंदे का हठ भी जारी

#suspenseovermaharashtra_cm

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 सीटों में से 235 सीटों पर महायुति गठबंधन के जीतने के बाद महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस सवाल का जवाब अभी तक नहीं मिला है। बीजेपी से देवेंद्र फडणवीस और वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अगले मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में हैं। फडणवीस के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने की चर्चा के बीच, शिवसेना के विभिन्न नेताओं ने बयान दिया कि शिंदे को पद पर बने रहना चाहिए, क्योंकि मुख्यमंत्री के रूप में भारी जीत उनके नेतृत्व में ही मिली है। बता दें कि विधानसभा 2019 का कार्यकाल खत्म हो रहा है। हालांकि अभी तक महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर नाम फाइनल नहीं हुआ है।

महायुति के भीतर सीएम के नाम पर खींचतान के चलते महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन में देरी हो रही है। बीजेपी जहां देवेंद्र फडणवीस को फिर से महाराष्ट्र का सीएम बनाना चाहती है, वहीं शिवसेना भी एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बने रहने पर अड़ी हुई है। बीजेपी-शिवसेना के बीच जारी रस्साकशी के बीच फडणवीस सोमवार रात दिल्ली पहुंच गए। लेकिन उन्होंने यह कहते हुए उम्मीदों पर पानी फेर दिया कि इस मामले पर कोई बैठक की योजना नहीं बनाई गई है।वह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए दिल्ली में हैं।

क्या है बीजेपी का प्लान?

टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि बीजेपी ने फडणवीस को फिर से सीएम बनवाने की मंशा एनसीपी (अजित पवार) को बता दिया है। पवार खेमे को फडणवीस के सीएम बनने से कोई परेशानी नहीं है। जल्द ही बीजेपी यह बात शिवसेना को भी साफ कर देगी कि सीएम तो उसी का होना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी, शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) को डिप्टी सीएम का पद देने की पेशकश करेगी। बीजेपी सूत्रों ने उम्मीद जताई कि शिंदे मान जाएंगे क्योंकि बीजेपी के पास संख्‍या बल है। बीजेपी ने 132 सीटें जीती हैं और एनसीपी की 41 सीटों के साथ वह बहुमत के 145 सीटों के आंकड़े को आसानी से पार कर जाएगी।

नागपुर में देवेंद्र फडणवीस के अगले सीएम बनने के लगे पोस्टर्स

इधर, नागपुर में देवेंद्र फडणवीस को अगला सीएम बनाए जाने के पोस्टर लगे हैं। उनके घर के पास लगे एक होर्डिंग में लिखा है, 'देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे।' पोस्टर ऐसे समय में लगाया गया है, जब राज्य में राजनीतिक हलचल तेज है और मुख्यमंत्री पद की संभावनाओं को लेकर देवेंद्र फडणवीस की चर्चा हो रही है। इन पोस्टरों के जरिए यह संकेत दिया जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस अपनी पार्टी और समर्थकों की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार हैं। ऐसा पहली बार नहीं है। इससे पहले भी देवेंद्र फडणवीस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें भावी मुख्यमंत्री बताते हुए बैनर लगाए थे। इससे पहले भी बारामती में कुछ पोस्टर्स लगे थे, जिसमें प्रदेश के अगले सीएम के तौर पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष अजित पवार को दिखाया गया था।

एकनाथ शिंदे की समर्थकों से अपील

दूसरी तरफ, एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपने समर्थकों से कहा कि वे उनके मुख्यमंत्री बने रहने के पक्ष में समर्थन जताने के लिए दक्षिण मुंबई स्थित उनके सरकारी आवास ‘वर्षा’ के बाहर एकत्र नहीं हों। शिंदे ने एक्स पर पोस्ट किया, 'महायुति गठबंधन की बड़ी जीत के बाद राज्य में एक बार फिर हमारी सरकार बनेगी। हमने एक महागठबंधन के रूप में मिलकर चुनाव लड़ा और हम आज भी साथ हैं।' उन्होंने अपने समर्थकों से ‘वर्षा’ के बाहर या उनके समर्थन में किसी अन्य स्थान पर इकट्ठा नहीं होने की अपील की। शिंदे ने कहा, 'मेरे प्रति प्रेम के कारण कुछ लोगों ने सभी से मुंबई आने और एकत्र होने की अपील की है। मैं आपके प्यार के लिए बहुत आभारी हूं लेकिन मैं अपील करता हूं कि कोई भी मेरे समर्थन में इस तरह से एकत्र नहीं हो।'

हरियाणा सरकार ने खरीदा 80 करोड़ रुपये का नया हेलीकॉप्टर, कांग्रेस ने लगाया 4 लाख करोड़ रुपये के कर्ज का आरोप

हरियाणा सरकार ने राज्य में करीब 80 करोड़ रुपए का हेलीकॉप्टर खरीदा है. इस हेलीकॉप्टर को जर्मनी से हरियाणा में लाया गया. सरकार के मुताबिक, वो हेलीकॉप्टर 15 साल पुराना था. नया खरीदा गया हेलीकॉप्टर Airbus H145-D3 है. हेलीकॉप्टर के आने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसकी पूजा अर्चना की है. मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पहले वाले हेलीकॉप्टर में दिक्कत हो गई थी, ऐसे में सुरक्षा कारणों की वजह से उन्हें परेशानी हो रही थी.

इस वजह से नया हेलीकॉप्टर खरीदा गया है. उन्होंने एक्स पर लिखा कि हरियाणा टीम के अपने परिवार के लोगों के साथ नए हेलीकॉप्टर की पूजा की. इन नए हेलीकॉप्टर की मदद से राज्य सरकार नॉन-स्टॉप हेलीकाप्टर से हरियाणा के विकास को रफ्तार देगी. हेलीकॉप्टर के खरीदने पर कांग्रेस पार्टी ने राज्य पर 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कर्ज होने का आरोप लगाया है.

क्या बोले नागरिक उड्डयन मंत्री?

कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए हरियाणा सरकार में मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि नागरिक उड्डयन विभाग की तरफ से इस हेलीकॉप्टर के लिए काफी समय पहले ही खरीदने की योजना बनाई गई थी. वर्तमान में सरकार जिस हेलीकॉप्टर को इस्तेमाल कर रही है, वो सालों पुराना है. बीजेपी सरकार में नागरिक उड्डयन विभाग के मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि, पुराने हेलीकॉप्टर की वजह से काफी समस्या हो रही थी. ऐसे में पुराने हेलीकॉप्टर को बदलने के लिए साल भर पहले ही नए हेलीकॉप्टर के लिए ऑर्डर भेजा गया था.

उन्होंने कहा की अभी से हेलीकॉप्टर की कीमत को तय नहीं किया जा सकता है, जब पुराने हेलीकॉप्टर की बिक्री हो जाएगी, उसके बाद ही गणना के बाद इसकी सही लागत तय होगी. हालांकि, नए हेलीकॉप्टर को 80 करोड़ रुपये की लागत से खरीदने की बात कही गई है. पुराने हेलीकॉप्टर को 33 करोड़ रुपए की लागत से खरीदा गया था.

ఒకే నేరంపై అనేక ఎఫ్‌ఐఆర్‌లు ఎందుకు

ఒకే నేరానికి సంబంధించి అనేక ఎఫ్‌ఐఆర్‌లు నమోదు చేయడం ఎందుకు? అని హైకోర్టు పోలీసులను ప్రశ్నించింది.

ఒకే నేరానికి సంబంధించి అనేక ఎఫ్‌ఐఆర్‌లు నమోదు చేయడం ఎందుకు? అని హైకోర్టు పోలీసులను ప్రశ్నించింది. వికారాబాద్‌ జిల్లా లగచర్లలో భూసేకరణ విచారణకు వచ్చిన కలెక్టర్‌, ఇతర అధికారులపై జరిగిన దాడి ఘటనపై పోలీసులు అదనంగా మరో రెండు ఎఫ్‌ఐఆర్‌లు నమోదు చేయడాన్ని సవాల్‌ చేస్తూ ఈ కేసులో ఏ-1గా ఉన్న మాజీ ఎమ్మెల్యే పట్నం నరేందర్‌రెడ్డి హైకోర్టులో పిటిషన్‌ దాఖలు చేశారు. ఈ పిటిషన్‌పై జస్టిస్‌ కె.లక్ష్మణ్‌ ధర్మాసనం విచారణ చేపట్టింది.

పిటిషనర్‌ తరఫున న్యాయవాది టీవీ రమణారావు వాదిస్తూ.. ఒకే నేరానికి సంబంధించి అనేక ఎఫ్‌ఐఆర్‌లు నమోదు చేయడాన్ని తప్పుపడుతూ సుప్రీంకోర్టు, ఈ హైకోర్టు పలు తీర్పులు ఇచ్చాయని తెలిపారు. పిటిషనర్‌ సహా ఇతర నిందితులను ఇబ్బంది పెట్టడానికి ఇలా చేస్తున్నారని ఆరోపించారు. ప్రభుత్వం తరఫున అదనపు అడ్వకేట్‌ జనరల్‌ రజినీకాంత్‌రెడ్డి వాదిస్తూ.. లగచర్ల గ్రామంలోనే వేర్వేరు చోట్ల జరిగిన నేరాలని, ఫిర్యాదుదారులు, బాధిత అధికారులు సైతం వేర్వేరని తెలిపారు. వాదనలు నమోదు చేసుకున్న ధర్మాసనం.. మూడు ఫిర్యాదులను పరిశీలించింది. మూడు ఫిర్యాదులు వేర్వేరు వ్యక్తులు ఇచ్చినప్పటికీ పోలీ్‌సస్టేషన్‌లో ఉన్న రైటర్‌.. ఫిర్యాదుదారుల పేర్లు మార్చి ఒక్కటే ఫిర్యాదును మూడింటికీ కాపీ చేశారని పేర్కొంది. ప్రభుత్వ అధికారులైన ఫిర్యాదుదారులు తమ ఫిర్యాదు తాము కూడా రాసుకోలేరా? అని ప్రశ్నించింది. ఈ మేరకు తీర్పు రిజర్వు చేస్తున్నట్లు ప్రకటించింది. మరోవైపు లగచర్ల ఘటనకు ముందు దుద్యాల మండల కాంగ్రెస్‌ పార్టీ అధ్యక్షుడిపై దాడి ఘటనలో ముందస్తు బెయిల్‌ మంజూరు చేయాలని పట్నం నరేందర్‌రెడ్డి హైకోర్టులో పిటిషన్‌ దాఖలు చేశారు. సదరు ఎఫ్‌ఐఆర్‌లో నరేందర్‌రెడ్డి నిందితుడిగా లేకపోయినప్పటికీ.. ముందస్తు బెయిల్‌ కోరారు.

పట్నం నరేందర్‌రెడ్డి బెయిల్‌, కస్టడీ పిటిషన్లపై తీర్పు ప్రకటన మరోసారి వాయిదా పడింది. లగచర్ల ఘటనకు ప్రధాన సూత్రధారిగా భావిస్తున్న నరేందర్‌రెడ్డిని తమ కస్టడీకి ఇవ్వాలంటూ పోలీసులు కొడంగల్‌ జే ఎఫ్‌ఎంసీలో పిటిషన్‌ దాఖలు చేయగా, కోర్టు తీర్పు రిజర్వు చేసిన విషయం తెలిసిందే. సోమవారం మరోసారి ఈ పిటిషన్‌ కోర్టు ముందుకు రాగా, తీర్పును డిసెంబరు 2కు వాయిదా వేసింది. ఇదిలా ఉంటే.. వికారాబాద్‌ ప్రిన్సిపల్‌ డిస్ట్రిక్ట్‌ అండ్‌ సెషన్స్‌ జడ్జి కోర్టులో పట్నం నరేందర్‌రెడ్డి తరపున దాఖలు చేసిన బెయిల్‌ పిటిషన్‌.. జడ్జి సెలవులో ఉన్న కారణంగా అదనపు జిల్లా జడ్జి కోర్టులో విచారణకు రాగా, ఈనెల 27వ తేదీకి వాయిదా వేశారు.

వికలాంగుల హక్కుల చట్టంలోని సెక్షన్‌ 79 (1)లో పేర్కొన్న విధంగా స్వతంత్ర రాష్ట్ర కమిషనర్‌ను నియమించాలని పేర్కొంటూ ఆలిండియా కాన్ఫెడరేషన్‌ ఆఫ్‌ ది బ్లైండ్‌ (ఏఐసీబీ), డెవల్‌పమెంట్‌ అండ్‌ వెల్ఫేర్‌ అసోసియేషన్‌ ఆఫ్‌ బ్లైండ్‌ (డీడబ్ల్యూఏబీ) సంస్థలు హైకోర్టులో పిటిషన్‌ దాఖలు చేశాయి. ఈ పిటిషన్‌పై సోమవారం విచారణ చేపట్టి న జస్టిస్‌ సూరేపల్లి నంద ధర్మాసనం.. ఈ అంశంపై వివరణ ఇవ్వాలంటూ ప్రభుత్వానికి ఆదేశాలు జారీచేసింది. విచారణ డిసెంబరు 2కు వాయిదా పడింది.

सेहत के लिए अमृत समान है कच्चा नारियल,पाचन, त्वचा और इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद

कच्चा नारियल, जिसे हरा नारियल भी कहा जाता है, सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करते हैं। आइए जानें कच्चा नारियल खाने और इसके पानी पीने के प्रमुख स्वास्थ्य लाभ:

1. शरीर को हाइड्रेट रखता है

कच्चे नारियल का पानी प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है। यह शरीर को हाइड्रेट रखता है और थकान को कम करता है। यह गर्मी में खासकर लू से बचने का एक बेहतरीन विकल्प है।

2. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद

कच्चा नारियल पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है। इसका सेवन करने से कब्ज, अपच, और पेट से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो आंतों को साफ रखने में मदद करती है।

3. त्वचा को बनाता है चमकदार

कच्चा नारियल और उसका पानी त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन त्वचा की नमी को बनाए रखते हैं और दाग-धब्बों को कम करते हैं।

4. इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है

कच्चे नारियल में एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल, और एंटी-फंगल गुण होते हैं। यह शरीर को संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।

5. वजन घटाने में मददगार

कच्चे नारियल में कैलोरी कम होती है, लेकिन यह पेट को भरा हुआ महसूस कराता है। यह वजन घटाने वालों के लिए एक अच्छा विकल्प है।

6. हड्डियों और दांतों के लिए लाभकारी

कच्चे नारियल में मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। यह बच्चों और बुजुर्गों दोनों के लिए फायदेमंद है।

7. ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत

कच्चे नारियल में प्राकृतिक शर्करा होती है, जो तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है। यह एथलीट्स और ज्यादा शारीरिक काम करने वालों के लिए एक बेहतर विकल्प है।

8. किडनी और यूरीनरी ट्रैक्ट के लिए लाभकारी

नारियल पानी प्राकृतिक डिटॉक्स के रूप में कार्य करता है। यह किडनी की सफाई करता है और यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से बचाने में मदद करता है।

कैसे करें सेवन?

कच्चे नारियल का पानी पीना सबसे सरल और प्रभावी तरीका है।

इसके मुलायम गूदे को फल की तरह खा सकते हैं।

इसे स्मूदी या अन्य हेल्दी ड्रिंक्स में शामिल कर सकते हैं।

सावधानियां:

डायबिटीज के मरीजों को सीमित मात्रा में नारियल का सेवन करना चाहिए।

बहुत अधिक मात्रा में नारियल पानी पीने से मिनरल बैलेंस गड़बड़ा सकता है।

कच्चा नारियल प्रकृति का एक उपहार है। इसे अपने आहार में शामिल करके आप सेहतमंद जीवन की ओर एक कदम बढ़ा सकते हैं।

75వసంతాల భారత రాజ్యాంగం - సామాన్యుల రక్షణ గోడ

భారత రాజ్యాంగం కేవలం పరిపాలనకు సంబంధించిన నియమాలు, సూత్రాల సమూహారం కాదు. స్వేచ్ఛ, సమానత్వం, సోదరభావాలు మూల స్తంభాలుగా- అన్ని విధాలా ప్రజల అభివృద్ధిని కోరుకునే సమున్నత ఆశయం. 75సంవత్సరాలుగా సామాజిక, ఆర్థిక, లింగ భేదాలకు అతీతంగా- దేశ ప్రజల జీవితాల్నీ ప్రభావితం చేస్తూనే ఉంది. పేద, ధనిక అని తేడా లేకుండా ఓటు హక్కు, భావప్రకటన స్వేచ్ఛ, ఇష్టం వచ్చిన ధర్మాన్ని పాటిస్తున్నారన్నా అని రాజ్యాంగ చలవే. అలాంటి భారత రాజ్యాంగం గురించి మరి కొన్ని ముఖ్యమైన విషయాలు తెలుసుకుందాం.

ప్రస్తుతం మనం అనుభవిస్తున్న స్వేచ్ఛ, సమానత్వం- రాజ్యాంగం ద్వారా సంక్రమించినవే. సమాజంలోని ప్రతివ్యక్తి - నిరక్షరాస్యుడు, విద్యాధికుడు, కూటికి లేని నిరుపేద, ధనవంతులు కానీ ప్రతి ఒక్కరు రాజ్యాంగం పరిధిలో మనుగడ సాగిస్తున్నవారే.

భారత రాజ్యాంగం పాలకులకు అధికారాలు ఇవ్వడమే కాకుండా, దానికి జవాబుదారీ తన్నాన్నీ జతచేసింది. ప్రజల గురించి అధికారిక నిర్ణయాలు తీసుకునే ప్రభుత్వాలు, అధికారులు, పాలకులు- ప్రజాభిప్రాయానికి, ప్రజా ప్రయోజనానికి అనుగుణంగా నడుచుకోవాలని నిర్దేశిస్తోంది.

ప్రజలకు సేవలందించడానికి శాసన నిర్మాణ, కార్యనిర్వాహక, న్యాయ వ్యవస్థల్ని నెలకొల్పింది భారత రాజ్యాంగం. ఆ 3 వ్యవస్థలనూ పరస్పర సమన్వయంతో పనిచేసే ఏర్పాటు చేసింది. అంతేకాకుండా ప్రతి వ్యవస్థకూ హద్దుల్ని నిర్ణయించింది. శాసన నిర్మాణ వ్యవస్థ ప్రజల కోసం చట్టాలు చేస్తే- వాటిని కార్యనిర్వాహక వ్యవస్థ అమలు చేస్తుంది. ఇక ఈ చట్టాల అమలును న్యాయ వ్యవస్థ సమీక్షిస్తుంది. అయితే ఒక వ్యవస్థ పనిలో మరొక వ్యవస్థ తలదూర్చకుండా నిబంధనలు ఉన్నాయి.

భారత రాజ్యాంగ పరిషత్‌ సభ్యులందరూ స్వాతంత్య్ర సమరయోధులే. వారు ఏ హక్కుల కోసం అయితే బ్రిటిష్‌ పాలకులతో పోరాటం చేశారో- ఆ హక్కుల్ని రాజ్యాంగంలో భారత పౌరులందరికీ అందజేశారు. రాజ్యాంగ నిర్మాతలు సూత్రీకరించిన ప్రాథమిక హక్కులు- తరతరాల భారత పౌరులకు అందించిన గొప్ప వరం అనే చెప్పాలి. 'ససవే మానుసే పజా మమ'(నా రాజ్యంలోని మనుషులందరూ నా బిడ్డలు) అంటూ వివక్షతా రాహిత్యం అశోక చక్రవర్తి తన శిలాశాసనాల్లో పేర్కొన్నారు. అది 12వ అధికరణం నుంచి 35వ అధికరణం వరకూ విస్తరించి ఉన్న ప్రాథమిక హక్కుల్లో తొణికిసలాడుతుంది. ప్రాథమిక హక్కులు మన రాజ్యాంగానికి పునాది. ఇందులో 32వ అధికరణం ఎంతో ప్రధానమైంది. అది లేకపోతే రాజ్యాంగానికి విలువే లేదని డాక్టర్‌ బీఆర్‌ అంబేడ్కర్‌ అన్నారు. ఈ ఆర్టికల్ భారత రాజ్యాంగానికి ఆత్మ వంటిది అని ఆయన అన్నారు.

అద్భుత చరిత్ర ఉందని చెప్పుకొనే భారతావనిని వెంటాడిన అవలక్షణం అంటరానితనం! దీనిపై అంకుశమెత్తింది మన రాజ్యాంగం. 23వ అధికరణం అంటరానితనాన్ని నిషేధించింది.

కేవలం అంటరానితనాన్ని నిషేధించం మాత్రమే కాకుండా- రిజర్వేషన్ల రూపంలో సరికొత్త సమాజిక ఇంజినీరింగ్‌కు మన రాజ్యాంగం అవకాశం కల్పించింది. తరతరాల వెలివేతను అనుభవించిన బలహీన వర్గాల వారికి రిజర్వేషన్ల రూపంలో అండగా నిలిచింది.

భారత రాజ్యాంగంలోని అర్టికల్ 14 ప్రకారం చట్టం ముందు అందరూ సమానమే. కుల, మత, జాతి, లింగ, జన్మస్థల ప్రాతిపదికన వివక్షకు పాల్పడటాన్ని ఇది నిషేధించింది. ఉపాధి విషయంలోనూ అందరికీ సమాన అవకాశాలు పొందే ప్రాథమిక హక్కును మన రాజ్యాంగం ప్రతి పౌరునికీ అందించింది. ఇక 19వ అధికరణం ఆరు వ్యక్తిగత స్వేచ్ఛలకు పూచీగా నిలుస్తోంది. భావ వ్యక్తీకరణ స్వేచ్ఛ, ఆయుధాలు ధరించకుండా శాంతియుతంగా సమావేశాలు నిర్వహించే స్వేచ్ఛ, ఒక సమూహంగా ఏర్పడి సంఘాలు ఏర్పాటు చేసుకునే స్వేచ్ఛ, దేశంలో ఎక్కడైనా స్థిర నివాసం ఏర్పరచుకునే స్వేచ్ఛ వంటివి ఈ ఆర్టికల్ అందిస్తుంది.

దేశ పౌరులు తమ ఆత్మప్రబోధానుసారం తమకు ఇష్టమైన మతాన్ని ఆచరించే హక్కును రాజ్యాంగంలోని 25వ ఆర్టికల్ కల్పిస్తోంది. మతాన్ని ఆచరించే, పెంపొందించుకునే స్వేచ్ఛనిచ్చిన రాజ్యాంగం- ప్రభుత్వ విద్యాలయాల్లో, ప్రభుత్వ సహాయంతో నడుస్తున్న విద్యాలయాల్లో మతబోధ చేయడాన్ని నిషేధించింది. అలాగే అల్పసంఖ్యాక వర్గాలు తమ భాష లిపి, సంస్కృతులను పరిరక్షించుకునేందుకు(మైనారిటీ) సంస్థలు స్థాపించుకోవడానికి 30వ అధికరణం అనుమతి ఇస్తోంది

భారత పౌరులకు రాజ్యాంగం ప్రసాదించిన ప్రాథమిక హక్కుల్లో భావ వ్యక్తీకరణ స్వేచ్ఛ ప్రధానమైనది. ఈ హక్కు ప్రజాస్వామ్యానికి మూలస్తంభం లాంటిది. సమాజంలో స్వేచ్ఛా సమానత్వాలు పరిఢవిల్లడానికి అనివార్యమైనది ఈ అధికరణ. వ్యక్తులు తమ సృజనాత్మకతను ప్రదర్శించడానికి, తమ భావాలను సాటి మనుషులతో పంచుకోడానికి, విజ్ఞానం పొందడానికి, పంచడానికి భావ వ్యక్తీకరణ స్వేచ్ఛ చాలా ముఖ్యమైనది. అయితే ఈ భావ వ్యక్తీకరణ స్వేచ్ఛ- సమాజ భద్రత, జాతీయ భద్రత, నైతికత అనే హద్దులకు లోబడి ఉంటుంది. ఈ మేరకు రాజ్యాంగం సూచించింది. ఈ హక్కును అనుభవించాలంటే కొన్ని బాధ్యతలూ నిర్వర్తించక తప్పదని డాక్టర్ బీఆర్ అంబేడ్కర్‌ భావించేవారు.

అమెరికా, బ్రిటన్‌ వంటి దేశాలు తమవి నాగరిక దేశాలని తమకు తామే కితాబులిచ్చుకున్నాయి. కానీ వివక్షల్లేకుండా పౌరులకు ఓటు హక్కు కల్పించలేదు. అందుకున్న భిన్నంగా భారత రాజ్యాంగం మాత్రం స్వాతంత్య్రం పొందిన వెంటనే కులం, మతం, లింగభేదం- చదువు, ధనిక, పేద ఇలాంటి వివక్ష లేకుండా వయోజనులందరికీ సార్వజనీన ఓటు హక్కు అందించింది.